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त्िमेायथियकेा पावल प्ररितकी पहिलों पत्रो क्तिमेजियका पावल प्रेरितको ट्सरो फ्त्रो तीतसुके। पावल प्रेरतको पत्रो ग फिलोमसानकेा पावल प्रेर्तको पत्रो हर इज्नियांका (पावल प्रारितक्ती) पत्रों कि श "8 याकृुबका फप्नत्रा ००० ०्न्न ००० ०० + ५ ३ बह श ९ प्रतर प्ररेतको पाहलों पत्रों का प्रतर प्रोरलक्रो दूसरी पत्रों 6 घाहन प्रोर्तको पहिलो पत्रों 20% 5 अं ह याहन प्रारतको दुसरो पत्रों हब ५ घेहन प्ररतकों तोसरो पत्नो हा बिहृदाको प्त्रो अर पे 72० बाहनका प्रकाशित बादश -«० +*«» कछ ७ शनि नी श्ब्‌ ४ . ७ “5. छिड ॥#675 हल झेप न ् 4 हु दा अ। का है ६ मक् हुए _- 0७ ७ ०५४: ् #रं४ > 8० हक $73७% #' | 7" ४७ के के पु श न ८ ् | $+ 39 ५ ० 7२७५ *&फ़ु जल फछडीए आ0, हा $ “के 3 * | पर हर जोक $ | ५ डे # ले त्रा 4 9१ है या बह #?₹ . # >> यू 07४ हु थे # ६ के डे कं। '++ कं त कक 2 न ष ५ ३ हक रद + + ल्‍ 3027] हि न ; ५ | ५ जप न 4 &/ "हल २०७ >'९ है, ह ५ है ब्ड्क कर #&$ «ू ४४६९९ ॥&। 6 है ;ं मर न्‍्य कै नहर कछू कु च्झू <- करन ३१:१ > है है ७५ न + क्र ह्छ् श्र $ $ हि र घट ] # ० + की 829 जि! हर हे क + है +_> प * हरे ९ ४ 7१ ९३, हैं. छे* ] 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पुत्र यिशी । यि- शीका पच्र दाऊद राजा ऊरियाहकी बिधवासे दाऊद ७ राजाका पच सुलेमान हुआ । सुल्लेमानका पुत्र रिहबु- आम रिहबुआसका पुत्व॒ अवियाह अबियाहका पुत्र ८ झासा । आसाका पुत्र यिहेशाफट यिहेशाफटका पुत्र € गिहेोरम यिहेरमका सन्‍्तान उज्जियाह । उज्नियाहका पच्र यायस योयमका पत्र झाहस आहसका पच हिज- १० कियाह । हिजकियाहका पच मनस्सी मनस्सोका पुच ५१ आमसेान आझमेनका पच येोशियाह । बाबल नगरके जानेओ समयमें येशियाहके सन्‍्तान यिखनियाह और ९४३ उसके भाई हए । बाबलको जानेके पीछे यिखलियाहका १३ घच शलतियेल शलतियेलका पत्र जिस्बाब॒ुत । जिरू- र मत्तो । [५ प्चे । बाबुलका पुत्र अबीहुद अबीहूदका. पुत्र इलियाकीम इल्लियाकोमका पुर ऋअसार । असेोरका पुत्र सादाक २४ सादेकका पुत्र आखोम आखीमका पु इलीहदआ के इतल्लोहदका पुत्र इलियाजर इलियाजरका पुत्र मत्तान १४ मत्तानका पंच याकूब। याकूबका पच यूसफ जे। मरियम १९६ का स्वामी था जिससे यीश जे खीप् कहावता है उत्पन्न हुआ । से सब पीढ़ियां इब्राहीमसे दाऊदलों चादह १७ पीढ़ी जैर दाऊदसे बाबुलके जानेतलों चाट्ह पीढ़ी और बाबुलका जानेके समयसे खोीपृत्लां चाद्ह पीढ़ी थीं। यीश खीघृका जन्म इस रोतिसे हुआ . उसको माता ९८ मरियमकी यूसफसे मंगनी हुई थो पर उनके एके हानेके पहिले वह देख पड़ी कि पविच जआ्ञात्मासे गर्भवती है । तब उसके स्वामी यूसफने जो धर्म्मी मनुष्य था ९८ ज्ैौर उसपर प्रगठमें करलंक लगाने नहीं चाहता था उसे चुपकेसे त्यागनेकी इच्छा किईं। जब वह इन २० बातोंकी चिन्ता करता था देखे परमेश्वरके एक टूतने स्वप्रमें उसे देन दे कहा हे दाऊदके सन्‍्तान यूसफ तू अपनी स्‍त्री मरियमकका अपने यहां लानेसे सत डर क्येंकि उसके जे। गर्भ रहा है से पविच आत्मासे है। वह पच जनेगी जैौर त उसका नाम यीश रखना २९ क्येांकि वह अपने लोगेंका उनके पापोसे बचावेगा। यह सब इसलिये हुआ कि जे बचन परमेश्वरने २२ भविष्यद्कक्ताके द्वारासे कहा था से पूरा होवे. कि देखा २३ कंवारी गर्भवती होगी और पत्र जनेगी और वे उसका सलाम इम्मानण्ल़ रखेंगे जिसका अथे यह हे इंश्वर « प्रब्जे ।] मती । ३ ४४ हमारे संग । तब यसफने नींटसे उठके जैसा परमेश्वर के टतने उसे आज्ञा दिदं थी बेसा किया ओर अपनी २४ स्लीकेा अपने यहां ल्वाया । परन्तु जबलोों वह अपना पहिल्लाठा पुच न जनी तबलत्नीों उसके न जाना और उसने उसका नाम योश रखा । ५ २ टूसरा पब्णे । १ ज्यातिप्रियांका योशकेा खेोजना । १३ गसफका योश ओर मारियमक्ा मिसरमे ले जाना । १६ हेरादका बेतलचहमर्के बालकांका घात करना। १९ पसफका परिवार साहत मससरस लाटना आर नासरतम दसतना । १. हेराद राजाके दिनोंमें जब यिहृदिया देशके बैतलहम नगरमें योशुका जन्म हुआ तब देखे पृब्बेसे कितने ४ ज्योतिषी यिरुशलीम नगरमें आये . और बोले यिह॒दि- योंका राजा जिसका जन्‍म हुआ है कहां है ब्यांकि हमने पृब्बेमें उसका तारा देखा है और उसको प्रणाम ३ करने आये हैं । यह सुनके हेराद राजा जार उसके 23 2०३१३ आल सदी अशेकि कक 3 जे काल ४ साथ सारे यिरुशलीमके निवासी घबरा गये । और उसने लोगोंके सब प्रधान याजकोां और अध्यापकोंका णकट्रे कर उनसे पछा खीघू कहां जन्मेगा । उन्होंने उससे कहा यिहदियाके बेतलहम नगरमें क्बांकि भविष्यट्ुक्ताके ६ द्वारा यूं ल्लिखा गया है. कि हे यिहदा देशके बैतलहम «७५ त्‌ किसी रीतिसे यिहदाकी राजधानियेंमें सबसे छोटी नहीं हे क्योंकि तरूमेंसे एक अधिपति निकलेगा जो .७ मेरे इस्रायेली लोगक्ा चरवाहा होगा। तब हेरादने ज्यातिषियोंक्ा चपक्ेसे बलाके उन्हें यलसे पछा कि तारा ८ किस समय टिखाई दिया । ओर उसने यह कहके उन्हें ) 2 ४ मत्ती । [२ पब्खे । बेतलहम भेजा कि जाके उस बालकके विषयमें यत्नसे बुका और जब उसे पावा तब मुझे सन्देश देओे किसमें भी जाके उसके प्रणाम करूं। वे राजाको सुनके चल्ले गये जर देखा जो तारा उन्हेंने पूब्बेमें देखा था से उनके आगे ज्ागे चला यहांलों कि जहां बालक था उस स्थानके ऊपर पहुंचके ठहर गया । वे उस तारेका देखके अत्यन्त आनन्दित हुए । और घरमें पहुंचके उन्होंने बालककओ_ उप्तको माता मरियमक्के संग देखा जैौर ट्ण्डवत कर उसे प्रणाम किया और अपनी सम्पत्ति खेालके उसके सेना और लेबान और गन्धरस भेंट चढ़ाई। और स्वप्रमें इंश्वरसे यह आज्ञा पाके कि हेरादके प्रास मत फिर जाओ वे टूसरे सागेसे अपने देशकेा चलने गये । उनके जानेके पीछे देखे परमेश्वरके एक दूतने स्वप्नमें यबसफ़के। दर्शन दे कहा उठ बालक ओर उसको माताका लेके मिसर देशकेा भाग जा ज्लजर जबल्ों में तुके न कहूं तबलीों वहां रह क्येकि हेराद नाश करनेके लिये बालकके ढंढेगा । वह उठ रातहीकेा बालक और उसकी माताकोा लेके मिसरक्का चला गया . और हेरोदटकओे मरनेलें वहीं रहा कि जे बचन परमेश्वरने भविष्यटुक्ताके द्वारासे कहा था कि मैंने अपने पुचकोा मिसर मेंसे बुलाया से पूरा होवे। जब हेरादने देखा कि ज्यातिषयोंने मुकसे ठट्रा किया है तब अति क्राधित हुआ और लोगेंकेा भेजके जिस समयके उसने ज्यातिषियेंसे यज्से पूछा था उस समयके श्र ३ प्ले ।] मत्ती । ५ अनुसार बैतलहममें लैौर उसके सारे सिवानेंमेंके सब बालकोांका जा दो बरसके जौर दो बरससे छोटे ये १७ मरवा डाला । तब जे! बचन यिरमियाह भविष्यदक्ताने १८ कहा था से पूरा हुआ . कि रासा नगरमें एक शब्द अथात हाहाकार और रोना और बड़ा बिल्लाप सुना गया राहेल अपने बालकेंके लिये रोती थी और शान्त होने न चाहती थी ब्येंक्ि वे नहीं हैं । १८. हेरादके मरनेके पीछे देखे परमेश्वरके एक टूतने २० सिसरमें यूसफकोा स्वप्नमें द्शन दे कहा . उठ, बालक आर उसकी माताकेा लेके इख्रायेल देशकेा जा क्येकि जो लाग बालकका प्राण लेने चाहते थे से मर गये हैं। २९ तब वह उठ बालक ज्ौर उसकी माताके लेके इस्रायेव्त २२ देशर्म आया । परन्तु जब उसने सुना कि अखिलाव अपने पिता हेरोदके स्थालमें बिहदियाका राजा हुआ है तब वहां जानेसे हरा और स्वप्रमें इश्वरसे आज्ञा २३ पाक्े गाली लके सिवाने मे गया . खैर नासरत नाम एक नगरमें आके बास किया कि जे। बचन भविष्यद्गक्ताओंसे कहा गया था कि वह नासरो कहावेगा से पूरा हावे। ह ३ तीसरा पब्बे। १ याहन खप्तसमा देनेहारेका वृत्तान्च । 9 डसका उपदेश आरोर भव्िष्यद्वा कब । १३ योशक्रा बर्यातससा लेना । १. उन दिनोंमें याहल बपतिसमा देनेहारा आके २ यिहृदियाके जंगलमें उपदेश करने लगा . और कहने लगा कि पश्चात्ताप करो क्येंकि स्वगेका राज्य निकट ३ आया है। यह वही है जिसके विषयमें गिशेयाह दर मत्ती । .. [३ पञ्च। भविष्यद्क्ताने कहा किसीका शब्द हुआ जो जंगलमें पुकारता है कि परमेश्वरका पन्‍थ बनाओ उसके राजमागे सीधे करो । इस येोहनका बस्तर ऊंटके रोमक्ता था और उसकी करिमें चमड्रेका पटुका बंधा था और उसका भेाजन टिड्डियां और बन मधु था। तब यिरू- ८ बा ० /5 [ - बे द बे के शल्नीमके और सारे यिहृदियाके और यदेन नदीके आ्ञासपास सारे देशके रहनेहारे उस पास निकल जअआाये . आर अपने अपने पराषोंके! मानके यदेनमें उससे बपतिसम्ा लिया । जब उसने बहुतेरे फरी शियां झार सटूकियेंकेा उससे बपतिसमा लेनेका जाते देखा तब उनसे कहा हे सांपोंके बंश किसने तुम्हें आनेवाले क्राधसे भागनेके चिताया है। पश्चात्तापके योग्य फल लाओ । ओर अपने अपने सनमे यह चिन्ता मत करो कि हमारा पिता इबाहीम है क्यांकि में तुमसे कहता हूं कि ईश्वर इन पत्पथगोंसे इज्राहीसके लिये सन्‍तान उत्पन्न कर सकता है। और अब भी कुल्हाड़ी पेड़ांकी जड़पर लगी हे इसलिये जे जो पेड़ अच्छा फल नहों फलता है सो काटा जाता और आगमें डाला जाता है। मेँ ता तम्हें पश्चात्तापके लिये जलमें बपतिसमा देता हं परन्‍त जे मेरे पीछे आता हे सो मरूसे अधिक शक्तिमान है में उसकी जतियां उठानेके योग्य नहीं वह तुम्हें पविच आत्मामें और आगमें बपतिसमा देगा। उसका सूप उसके हाथमें है ओर वह अपना सारा खलत्लिहान शुट्र करेगा और अपने गेहूंके खत्तेमें एकट्टा /#ि ४ १0 ११ श्र ४'पब्ज ।] म्तोी । ७ करेगा परन्तु भूसीके उस आगसे जे। नहीं बुकती है जलावेगा । १३ तब यीशु याहनसे बपतिसमा लेनेके उस पास १४ गालीलसे यदेनके तोरपर आया । परन्तु यराहन यह कहके उसे बजने लगा कि मुझे आपके हायसे बपतिसमा लेना अवश्य है जार क्या आप मेरे पास जाते हैं। १९४ यीशने उसके उत्तर दिया कि अब ्ेसा होने दे व्ये|कि इसी रीतिसे सब धम्मेके पूरा करना हमें चाहिये . १६ तब उसले होने दिया । यीशु बपतिसमा लेके तुरन्त बे बने न ७० बी € जलसे ऊपर जाया ओर देखे उसके लिये स्वगे खुल गया झआऔर उसने इंश्वरके जात्माका कपेतकी नाई १७ उतरते और अपने ऊपर आते देखा । और देखे यह आकाशबाणी हुईं कि यह मेरा प्रिय घुच है जिससे में अति प्रसन्न हूं । लक 8 चाौया पब्बे । १ यीशको परीक्षा । १२ उसका कफनो डुमसे रहना । १७ उपदेश करना और कई सक्क /शष्पाक्का बुलाना ॥ रे बहुत रशागरयाक्ता खा करना । १ तब आत्मा यीशुकेा जंगलमें ले गया कि शैतानसे ४२ उसकी परोश्या किई जाय । वह चाल्लीस दिन झआऔर ३ चालोस रात उपवास करके पीछे भखा हुआ । तब परीक्षा ऋरनेहारेने उस पांस आ कहा जे तू इंश्वरका बे ० “य्ी आर मर ि, * ०-3 पुत्र है ता कह दे कि ये पत्थर शेटियां बन जावें। ४ उसने उत्तर दिया कि लिखा है मनुष्य केवल रोटीसे - नहीं परन्तु हर एक बातसे जो इंश्बरके मुखसे निकलती ४ है जीयेगा । तब शैतानने उसके पवित्र नगरमें ल्मे प् मत्ती । [४ पड्छे। जाके मन्दिरके कलशपर खड़ा किया . ज्लोर उससे कहा जो तू इंश्वरका पुच्र है तो अपनेका नीचे गिरा क्येंकि लिखा है कि वह तेरे विषयमें अपने दूतोंका आज्ञा देगा और बे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे न है कि तेरे पांवर्में पत्थरपर चोट लगे । यौशने उससे कहा फिर भी लिखा है कि तू परमेश्वर अपने इश्वरकी परीक्षा मत कर । फिर शैतानने उसे एक अति ऊंचे पब्बेतपर ले जाओ उसके जगतके सब राज्य और उनका बिभव दिखाये . ओर उससे कहा जे तू टंडवत कर मुरछे प्रथाम करे ता मैं यह सब तुके देऊंगा । तब यीशुने उससे कहा हे शैतान टूर हो क्योंकि लिखा रद १० है कि तू परमेश्वर अपने ईश्वरकेा प्रणाम कर और : केवल उसीकी सेवा कर । तब शैतानने उसके छोड़ा और देखे स्वगे टूतेंने आ उसकी सेवा किई। जब यीशने सुना कि याहन बन्दीगृहमें डाला गया तब गालीलके चल्ला गया । और नासरत नगरकेोा छेड़के उसने कफ़नोहुम नगरमें जे समुट्रके तीरपर जिबुलन और नप्नालीके बंशेंके सिवानेंमें है आके बास किया . कि जे बचन यिशैयाह भविष्यट्ृक्तासे कहा गया था से पूरा होवे . कि जिवुलनका देश और नप्तालीका अक «५ 4205 कर कम क-5. /वए० ० नाक देश समुट्क्ी ओर यदेनके उस पार अन्यदेशियोंका ११ श्र श्३ १४ १५ गालील . जे लोग अंधकारमें बेटे थे उन्होंने बड़ी ९६ ज्याति देखी और जो मृत्यके देश और छायामें बेठे थे उनपर ज्योति उदय हुई । उस समयसे यीश उपदेश करने और यह कहने त्वगा कि | ४ पब्ले ।] मत्तो । & कि पश्चात्ताप करो क्योंकि स्वगेका राज्य निकट आया १८ है । यीशने गालीलके समुद्रके तोरपर फिरते हुण दो भाइयोंका अथात शिमेनका जे पितर कहावता है और उसके भाई अन्ट्रियका समुट्रमें जात्व डालते देखा १८ क्यांकि वे मछवे थे। उसने उनसे कहा मेरे पीछे २० आओ में तुमका मनुष्योंके मछवे बनाऊंगा । वे तुरन्त २९ जालोंका छाड़के उसके पीछे हा लिये । वहांसे आगे बढ़के उसने और दे भाइयेंका अथेत जबदीके पु याकूब और उसके भाई येहनके अपने पिता जबदीके संग नावपर अपने जाल सुधारते देखा और उन्हें २२ बुलाया । और वे तुरन्त नावका और अपने पिताका छोड़के उसके पीछे हो लिये । २३ तब यीशु सारे गालील देशमें उनको सभाओं उपदेश करता हुआ और राज्यका सुसमाचार प्रचार करता हुआ और लोगेंमें हर एक रोग और हर ण््क २४ व्याधिका चंगा करता हुआ फिरा किया । उसकी कीत्ति सब सुरिया देशमें भी फेल गई और लेग सब रोगियोंका जो नाना प्रकारके रागां ओ पीड़ाओंसे टुःखी थे और भूतग्स्तां और मिर्गाहों और अट्टॉंगियांका उस पास २४ लाये और उसने उन्हें चंगा किया । और गालील और दिकापत्नि और यिरुशलीम और यिहृदियासे अर यर्देनके उस पारसे बड़ी बड़ी भीड़ उसके पाछे हो लिई। १० | मत्ती । [५ पब्ने। + ] र ५ पाचवा प्रब्ब। १ परब्येतपर योशके उपदेशका शारंभ । ३ धन्य कीन हैं रसका निणेय । १३ लाख और ज्यातिके दुष्टान्तसे शिष्योंक्ता बखान । १७ यीशके प्रगट छेानेका कारण । २१ क्राध करनेका निषेध । २७ क॒दष्टि करनेका निष्ेघ | ३१ पत्नोकेा स्यागनेका निषेध । ३३ किरिया खानेका निषेध । इ८ लड़ाई करनेक्का निषेध । ४३ शत्रओं के प्रम करनेका उपदेश । यीशु भीड़केा देखके पब्बेतपर चढ़ गया जार जब वह बेठा तब उसके शिष्य उस पास जाये | और वह अपना मुंह खेलके उन्हें उपदेश देने त्वगा । धन्य जे जे मनमे दोन हैं ज्यांकि स्वगेका राज्य उन्हींका है | धन्य वे जे शाक करते हैं क्योंकि वे शांति पावेंगे । धन्य वे जो नम्न हैं क्यांकि वे पृथिवीके अधिकारी होंगे | धन्य वे जो धम्मेके भूखे और प्यासे हैं क्यांकि वे तृप्त किये जायेंगे । धन्य वे जे ट्यावन्‍्त हैं ब्येंकि उनपर ट्या किईं जायगी । धन्य वे जिनके मन शूट हैं क्येंकि वे इश्वरका देखेंगे। धन्य वे जो मेल करवेये हैं क्येंकि वे इंश्वरके सन्‍तान कहावेंगे । धन्य वे जा धम्मेके कारण सताये जाते हैं क्येंकि स्वगेका राज्य उन्‍्होंका है । धन्य तुम हो जब मनुष्य मेरे लिये तम्हारी निन्‍दा करें और तम्ह सतावें जार कठ बालते १९७ १९ हुए तुम्हार बरुदु सब प्रकारका डुरा बात कह । आनन्दित और अआह्लादित होओ वक्येंकि तम स्वगेमें बहुत फल पाओगे . उन्होंने उन भविष्यदुक्ताओंकोा जे तुमसे आगे थे इसी रोतिसे सताया । तुम पृथिवीके लाण हे। परन्तु यदि ल्लाणका स्वाद बिगड़ जाय तो वह किससे लेाणा किया जायगा . वह श्र ९३ . 9४ पब्ले।] द मत्ती । ११ तबसे किसी कामका नहीं केवल बाहर फेंके जाने और १४ मनष्योंके पांवोंसे रोंदे जानेके योग्य है। तम जगतके प्रकाश हो . जे नगर पहाइपर बसा हे से छिप नहीं १५ सकता । और लेग टोीपकका बारके बत्तनके नीचे नहीं परन्त दीवटपर रखते है ओर वह सभोंकोा जो १६ घरमें हैं ज्योति देता है। वैसेही तुम्हारा प्रकाश मनुष्योंके आगे चमके इसलिये कि वे तुम्हारे भले कामों का देखके तुम्हारे स्वगेबासी पिताका गुणानुबाद करें । ९७ सत सम कि में ब्यवस्था अथवा भविष्यद्रक्ताओं का पुस्तक लाप करनेका आया हूं में ल्लाप करनेकोा ९८ नहीं परन्तु पूरा करनेका आया हूं। क्योंकि में तुमसे सच कहता हूं कि जबल्नों आकाश औ_औ पृथिवी टल्व न जायें तबलों ब्यवस्थासे एक मात्रा अथवा ण्क बिन्दु १९ बिना पूरा हुए नहीं टलेगा । इसलिये जो कोई इन अति छोटी आज्ञाओंमेसे एकके लेप करे शेर लोगों का वेसेही सिखावे वह स्वगेके राज्यमें सबसे छोटा कहावेगा परन्तु जे काई उन्हें पालन करे ओर सिखावे २० यह स्वगेके राज्यमें बढ़ा कहावेगा । में तुमसे कहता हूं यदि तुम्हारा धम्मे अध्यापकां और फरीशियोंके धम्मेसे अधिक न होवे ते तुम स्वगेके राज्यमें प्रवेश करने न पाओगे। २९ तुमने सुना है कि आगेके लोगेंसे कहा गया था कि नरहिंसा मत कर और जो काई नरहिंसा करे से २२ बिचार स्थानमें दंढके योग्य होगा। परन्तु में तुमसे कहता हूं कि जे काई अपने भाईसे अकारण क्राघ करे १२ मंत्ती । [१ पब्ले। से बिचार स्थानमें दंडके योग्य होगा और जो कोई अपने भाईसे कहे कि रे तुच्छ से नन्‍्याइयेंकी सभामें दंडके योग्य होगा और जे काई कहे कि रे मू्खे से नरककी आगमके दंडके येग्य हागा। से यदि तू अपना ४३ चढ़ावा बेदीपर लावे और वहां स्मरण करे कि तेरे भाईके मनमें तेरी ओर कुछ है तो अपना चढ़ावा वहां बेदीके साम्ने छोड़के चला जा . पहिले अपने २४ भाईसे मिलाप कर तब आके अपना चढ़ावा चढ़ा। जबलों तू अपने मुट्टइंके संग मागेमें है उससे बेग २४ मित्लाप कर शेसा न हो कि मुट्टुई तुम्हे न्‍्यायीका सेंपे और न्‍्यायी तुके प्यादेका सोंपे और तू बन्दीगृहमें डाला जाय | में तुकसे सच कहता हूं कि जबलों तू २६ काड़ी काड़ी भर न देवे तबलों वहांसे छूटने न पावेगा। तुमने सुना है कि आगेके लेागोंसे कहा गया था कि ३७ परस्त्रीगमन मत कर । परन्तु में तुमसे कहता हूं कि र८ जा कोई किसी स्त्रीपर कुइच्छासे ट्रप्चि करे वह अपने मनमें उससे व्यभिचार कर चुका है । जो तेरी दहिनी २< आंख तु्े ठोकर खिलावे तो उसे निकालके फेंक दे क्यांकि तेरे लिये भला है कि तेरे अंगेमेंसे एक अंग नाश हाोवे और तेरा सकल शरीर नरकमें न डाला जाय । और जो तेरा दहिना हाथ तुके ठोकर खिलाबे ३० ता उसे काटके फेंक दे क्येंकि तेरे लिये भला है कि तेरे अंगांमेंसे एक अंग नाश होबे ओर तेरा सकल शरीर नरकमे न डाला जाय । यह भी कहा गया कि जो कोई अपनो स्वतीके ३१ ५ पब्ब ।] मत्ती । १३ ३२ त्यागे सो उसका त्यागपत्र देवे। परन्तु में तुमसे कहता हूं कि जो कोई व्यभिचारका छोड़ और किसी हेतुसे अपनी स्व्रीका त्यागे से उससे व्यभिचार कर- बाता है और जा काई उस त्यागी हुईंसे बिवाह करे से परस्तीगमन करता है । ३३. फिर तुमने सुना है कि आगेके लोागोंसे कहा गया था कि भूठी किरिया मत खा परन्तु परमेश्बरके लिये ३४ अपनी किरियाओंको पूरी कर | परन्तु में तुमसे कहता हूं कोई किरिया मत खाओ न स्वगेकी क्योंकि वह ३४ इृंश्वरका सिंहासन है. न धरतीकी क्योंकि वह उसके चरणोंको पीढ़ी है न यिरुशलीमको क्येंकि वह ३६ महा राजाका नगर है। अपने सिरकी भी किरिया मत खा व्यांकि तू एक बालका उजला अथवा काला ३७ नहों कर सकता है। परन्तु तुम्हारो बातचीत हां हां नहीं नहीं हावे . जा कुछ इनसे अधिक है से उस टुष्ठ से हाता है । इ८ तुमने सुना है कि कहा गया था कि आंखके बदलने ३६ आंख ओर दांतके बदल्ने दांत । पर मैं तुमसे कहता हूं बुरेका साम्रा मत करो परन्तु जो कोई तेरे टहिने गालपर थपेड़ा मारे उसकी ओर टूसरा भी फेर दे। ४० जो तुकपर नाल्लिश करके तेरा अंगा लेने चाहे उसके ४९ दाहर भी लेने दे । जो कोई तुके आध काश बेगारी ४२ ले जाय उसके संग काश भर चलना जा | जो तुमूसे मांगे उसके दे और जो तुकसे ऋण लेने चाहे उससे मुंह मत माड़ । १४ मत्ती । [६ पब्जे। तुमने सुना है कि कहा गया था कि अपने पड़े सीके ४३ प्यार कर और अपने बैरीसे बैर कर । परन्तु में तुमसे ४४ कहता हूं कि अपने बैरियोंका प्यार करो . जो तुम्हे स्राप देवे उनका आशीस देओ जो तुमसे बैर करें उनसे भलाई करे और जे तुम्हारा अपमान करें और तुम्हें सतावें उनके लिये प्राथेना करो . जिस्ते तुम अपने ४५ स्वगेबासी पिताके सन्‍्तान होओ क्योंकि वह बुरे औओ भत्ते लागांपर अपना सूय्ये उदय करता है और धम्सियों ओर अधम्मियोंपर मेंह बरसाता है। जे तुम उनसे प्रेम ४६ करे जो तुमसे प्रेम करते हैं तो क्या फल पाओगे . क्या कर उगाहनेहारे भी ऐसा नहीं करते हैं । और ४७ जा तुम केवल अपने भाइयेंके नमस्कार करो ते कानसा बड़ा काम करते हा . क्या कर उगाहनेहारे भी शेसा नहीं करते हैं। से जैसा तुम्हारा स्वगेबासी ४८ पिता सिट्ठु है तैसे तुम भी सिट्ु हाओ । ६ छठवां पब्बे। १ घम्मे कम्मेके विषयमे योशका उपदेश | २ दान करनेको विधि। ५ प्रार्थना करनेक्रो विधि । १४ क्षमा करनेका उपदेश । १६ उपयदास करमनेको खिध्चि । १८ संसारम मन लगानेका निषेध । सचेत रहे कि तुम मनुष्योंका दिखानेके लिये उनके १९ आगे अपने धम्मेके काय्ये न करो नहीं तो अपने स्वगेबासी पितासे कुछ फल न पाञओोगे। इसलिये जब तू दान करे तब अपने आगे तुरही २ मत बजवा जेसा कपटी लोग सभाके घरों और मागोंमें करते हैं कि मनुष्य उनकी बड़ाई करें . में तुमसे सच ६ पब्ले ।] . मत्ती । १४ ३ कहता हूं वे अपना फल्म पा चुके हैं । परन्तु जब तू दान करे तब तेरा दहिना हाथ जे! कुछ करे से तेरा ४ बायां हाथ न जाने . कि तेरा दान गप्तमं हाय और तेरा पिता जो गप्तमें देखता है आापही तर प्रगटमें फल देगा । ५ जब त प्रार्थना करे तब कपटियोंके समान मत हो क्यांकि मनष्योंके दिखानेके ल्लिये सभाके घरोंमें ओर सड़कोंके कानोंम खड़े होके प्राथंना करना उनके प्रिय लगता है . में तुमसे सच कहता हूं वे अपना फल पा ६ चुके हैं । परन्तु जब तू प्राथेना करे तब अपनी काठरी में जा और द्वार मून्दके अपने पितासे जो गुप्तमें है प्राथेना कर और तेरा पिता जो गुप्तमें देखता है तुर्के ७ प्रगटमें फल देगा। प्राथेना करनेमें देवपूजकांकी नाई बहुत ब्यथे बांतें मत बाला करो क्यांकि वे समझते हैं कि हमारे बहुत बालनेसे हमारी सुनी जायगी। ८ से तम उनके समान मत होओ व्येंकि तम्हारे मांगने के पहिले तम्हारा पिता जानता हे तम्हे कथा क्या € आवश्यक है । तुम इस रोतिसे प्राथेता करो . हे हमारे स्वगेबासी पिता तेरा नाम पविच किया जाय . ९० तेरा राज्य आवे तेरी इच्छा जैसे स्वगेमें बैसे पृथिवरो ११ पर पूरो हाय . हमारी दिनभरकी रोटी आज हमें दे . १२ कऔ र जेसे हम अपने ऋणियोंका छामा करते हैं तेसे १३ हमारे ऋणोंका छामा कर . झौर हमें परोश्ामें मत डाल परन्तु दुप्रस्े बचा [क्यांकि राज्य ओर पराक्रम लौर महिमा सदा तेरे हैं . आमीन]। प्द्ध मत्ती । [६ पब्ने । जे तुम मनुष्यांके अपराध थामा करो तो तुम्हारा १४ स्वर्गीय पिता तुम्हें भी श्मा करेगा । परन्तु जे तुम १४ मनुष्योंके अपराध थमा न करो तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध थमा न करेगा । जब तुम उपवास करो तब कपटियोंके समान उदास १६ रूप मत हेाओ व्यांकि वे अपने मुंह मल्लीन करते हैं कि मनुष्योंके उपवासी दिखाई देवें . मैं तुमसे सच कहता हूं वे अपना फल पा चुके हैं। परन्तु जब तू ९७ उपवास करे तब अपने सिरपर तेल मल और अपना मुंह था . कि तू मनुष्योंका नहीं परन्तु अपने पिताकेा १८ जा गुप्तमें है उपवासी दिखाई देवे और तेरा पिता जो गुप्तमें देखता है तुर्के प्रगटमें फल देगा । अपने लिये पृथिवीपर धनका संचय मत करो जहां २६ कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं और जहां चार संध देते और चुराते हैं । परन्तु अपने लिये स्वगैमें धनका २० संचय करो जहां न कीड़ा न काई बिगाड़ता है चर जहां चार नसेंध देते न चुराते हैं। क्येंकि जहां तुम्हारा २९ धन है तहां तुम्हारा मन भी लगा रहेगा । शरीरका २२ दीपक आंख है इसलिये यदि तेरी आंख निमेतल हे ते तेरा सकल शरीर उजियातला होगा । परन्तु यदि २३ तेरी आंख बुरो हा तो तेरा सकल शरोर अंधियारा होगा . जो ज्योति तुकूमें है सा यदि अंधकार है ता वह अंधकार कैसा बड़ा है। कोई मनुष्य दो स्वामियोंकी २४ सेवा नहीं कर सकता है ब्यांकि वह एकसे बेर करेगा और टूसरेके प्यार करेगा अथवा एकसे लगा रहेगा ६ पब्जे। ] मत्तो । १७ और दूसरेकेा तुच्छ जानेगा . तुम इेश्वर और धन दोनों- २४५ की सेवा नहीं कर सकते हो । इसलिये में तमसे कहता हूं अपने प्राणके लिये चिन्ता मत करो कि हम क्या खायेंगे और क्या पायेंगे और न अपने शरीरके लिये कि क्या परिरेंगे'. क्या भेाजनसे प्राण ज्ौर बस्तसे ४६ शरीर बड़ा नहीं है । आकाशके पंडियोंका देखे . वे न बाते हैं न लवते हैं न॑खत्तोंमें बटारते हैं ताभी तम्हारा स्वर्गीय पिता उनके पालता है . क्या तम २७ उनसे बड़े नहीं हो । तममेंसे काल मनष्य चिन्ता करनेसे अपनी आयुकी दाौड़का एक हाथ भी बढ़ा सकता है। <८ और तुम बस्तके लिये क्यों चिन्ता करते हो '.. खेतके सासन फल्मेंकेा देख त्ना वे केसे बढते हैं . वे न परिप्रम २ करते हैं न कातते हैं । परन्तु में तुमसे कहता हूं कि सल्ेमान भी अपने सारे. विभवरम उनमेसे एकके तल्य ३० बिभूषित न था । यदि इंश्वर खेतकी घासको जे आज है और कल चल्हेंसं ्लोंकी जायगी एऐेसी बिभषित करता है ता हे अल्प विश्वासिया क्या वह बहुत ३९ अधिक करके तम्हे नहों पहिरावेगा। से तम यह चिन्ता मत करो कि हम क्या खायेगे अथवा क्या पीयेंगे अथवा क्या पहिरेंगे । देवपजक लेग इन सब बस्त््ोॉंका खोज करते हैं ओर तम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है कि तम्हें इत सब बस्तओंका प्रयोजन है । त्ने इश्वरके राज्य ख्लार उसके धम्मेका खाज करो ३४ तब यह सब बस्त॒ भी तुम्हे दिईं जायेंगीं। से कल्लके लिये चिन्ता मत करो क्यांकि कत्न अपनी बसस्‍्तुओंके 8 पद मत्ती । द [७ पब्ख । लिये झ्ापही चिन्ता करेगा . हर एक दिनके लत्िये उसी दिनका दुःख बहुत है। ७ सातवां पब्ब । दूसरेोंपर देष लगानेका निषेध । ७ प्रार्थना करनेका उपदेश । १३ सकेत फाठकसे ऐपेठनेका उपदेश । १७ भकठे उपदेशक्रांका निेय । २१ झेणश्वर्को आज्ञा प्रालन करनेकी खआवश्यकता । २४ घरको नेतव डालनेका दष्टान्न । र८ पब्लेत्परके उपदेशको समाप्ि | टू्सरोंका बिचार मत करो कि तुम्हारा बिचार न १ किया जाय । क्यांकि जिस बिचारसे तुम बिचार करते हा। उसीसे तुम्हारा बिचार किया जायगा और जिस नापसे तुम नापते हो डसीसे तुम्हारे लिये नापा जाय- गा। जो तिनका तेरे भाईके नेचमें है उसे तू क्यों ३ देखता है और तेरेही नेचसेंका लट्टा ते नहीं सकता। आअथवा तू अपने भाईसे व्यांकर कहेगा रहिये में तेरे ४ नेचसे यह तिनका निकाल और देख तेरेही नेचमें त्वट्रा है। हे कपटी पहित्ले अपने नेचसे त्ूट्रा निकाल ४ दे तब तू अपने भाईके नेचसे तिनका निकालनेको अच्छी रोतिसे देखेगा । पविच बस्तु कुत्तांकोा मतदेओे ६ और अपने मेतियेंके सआरोंके आगे मत फेंके ऐसा न हे कि वे उन्हें अपने पांवोंसे रोंदे और फिरके लुमका फाड़ डाल । मांगा ते तुम्हें दिया जायगा ढुंढ़ा तो तुम पाआगे ७ खटखटाओ ते तुम्हारे लिये खोला जायगा । क्यांकि ८ ज्ञा काई मांगता है उसे मिलता है और जो ढंढ़ता है से पाता है और जा खटखटाता है उसके लिये खेलना बी ०. अर जायगा । तुममेसे कान मनुष्य है कि यदि उसका पुत्र जे ४ ् ल्‍् ७ प्रब्बे ।] मत्तों । १६ १० उससे रोटी मांगे तो उसके पत्थर देगा । और जो ११९ वह मछली मांगे तो क्या वह उसके सांप देगा। से यदि तुम बुरे होके अपने लड़केंकेा अच्छे दान देने जानते हा तो कितना अधिक करके तुम्हारा स्वगंबासी पिता उच्होंका जे। उससे मांगते हैं उत्तम बस्त देगा। ९२ जो कुछ तम चाहते हो कि मनष्य तमसे करें तम भी उनसे वेसाही करो व्यांकि यही व्यवस्था जरा भविष्यद्क्ताओंके पुस्तकका सार है। १३ सकेत फाटकसे प्रवेश करो क्योंकि चाड़ा है वह फाटक और चाकर है वह सागे जे बिनाशको पहंचा- १४ ता है और बहुत हैं जे उससे पेठते हैं। वह फाटक कैसा सकेत और वह मागे कैसा सकरा है जे जीवन के पहुंचाता हे ओर थोड़े है जो उसे पाते है । १४५. झूठे भविष्यदृक्ताओंसे चाकस रहे जो भेड़ोंके भेषमें तुम्हारे पास आते है परन्तु अन्तरमे लुटेरू हुंडार हैं। ९६ तुम उनके फलोंसे उन्हें पहचानेागे . क्या मनुष्य कां- टॉंके पेहसे दाख अयवा ऊंटकटारेसे गलर तोाड़ते है । १७ इसी रोतिसे हर एक अच्छा पेड़ अच्छा फल फलता ९८ है और निकम्मा पेड़ बुरा फल फलता है। अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं फल सकता है और न निकम्मा पेड़ १८ अच्छा फल फल सकता है | जो जो पेड़ अच्छा फत्म नहीं फलता है से काटा जाता ज्लर आगमे डाला २० जाता है। से तम उनके फल्नेंसे उन्हें पहचानोागे । २९ हर एक जो ममकसे हे प्रभ हे प्रभु कहता है स्वगेके राज्यमें प्रवेश नहीं करेगा परन्तु वही जो मेरे स्वगंबा- २० मत्ती । [८ प्ले । सी पिताकी इच्छापर चलता है। उस दिनमें बहुतेरे २२ मुझसे कहेंगे हे प्रभु हे प्रभु क्या हमने आपके नामसे भविष्यद्राक्य नहीं कहा और आपके नामसे भूत नहीं निकाले और आपके नामसे बहुत आश्चग्य कम्मे नहीं किये । तब में उनसे खेलके कहूंगा मैंने तुमका २३ कभी नहीं जाना हे कुकम्मे करनेहारो मुकसे टूर हाओ । इसलिये जो कोई मेरी यह बातें सुनके उन्हें पालन २४ करे में उसकी उपमा एक बुद्धिमान मनुष्यसे देऊंगा जिसने अपना घर पत्थरपर बनाया । और मेंह बरसा २४ जऔ_औ बाढ़ आई ओऔ आंधी चली और उस घरपर लगी पर वह नहीं गिरा क्योंकि उसकी नेव पत्यरपर डाली गई थी । परन्तु जो काई मेरी यह बातें सुनके उन्हें २६ पात्नन न करे उसकी उपमा ण्क निबंद्वि मनुष्यसे दिईं जायगी जिसने अपना घर बालूपर बनाया। और मेंह बरसा ले बाढ़ आई औ आंधी चली और २७ उस घरपर लगी और वह गिरा और उसका बड़ा पतन हुआ । जब यीश यह बातें कह चुका तब लाग उसके उप- रू८ देशसे अचंभित हुए । ब्यांकि उसने अध्यापकोंकी रीति- २रू से नहीं परन्तु अधिकारीकी रीतिसे उन्हें उपदेश दिया। ८ आठवां पब्बे । १ योशुका रक केठ़ीका चेगा करना | ५ एक शतर्पातर्के दासकेा चेगा करना । १४ पितरको सासके चेंगा करना । १६ बहुत शेगियांका चेगा करना । १८ शिष्य होनेके विषय योशको कथा । २३ उसका आंधोके प्ांभना । २८ दे। मनुष्यों मेसे भल निकालना । ८ पब्जे ।] मत्तो । २१ १ जब यीशु उस पब्बेतसे उतरा तब बड़ी भीड़ उसके २ पीछे हो लिई। और देखे एक काढीने आा उसके प्रणाम कर कहा हे प्रभु जो आप चाहें ता म्॒के शट ३ कर सकते हैं । यीशने हाथ बढ़ा उसे छूके कहा में ता चाहता हूं शहु हो जा . और उसका कोढ़ तुरन्त शटु ४ हो गया। तब यीशने उससे कहा देख किसीसे मत कह परन्त जा अपने तह याजककेा दिखा और जे। चढ़ावा मसाने ठहराया उसे लोगोंपर साथी होनेके लिये चढ़ा । ५४५ जब यीशने कफनाहुममें प्रवेश किया तब ण्क ६ शतपतिने उस पास जा उससे बिन्ती किई . कि हे प्रभु मेरा सेवक घरमें अटॉंग रोगसे अति पीड़ित पड़ा ७ है। यीशने उससे कहा में आके उसे चंगा करूंगा । ८ शतपतिने उत्तर दिया कि हे प्रभु में इस याग्य नहीं कि आप मेरे घरमे ञ्रावें पर बचन माच भी कहिये € ते मेरा सेवक चंगा हो जायगा । क्यांकि मे पराधीन मनुष्य हूं ओर योट्टा मेरे बशमे हैं आर में एककोा कहता हूं जा ता वह जाता है और टूसरेके आ तो वह आता है और अपने दासकेा यह कर ते वह १० करता है। यह सनके यीशने अचंभा किया और जो लोग उसके पीछेसे आते थे उनसे कहा में तमसे सच कहता हूं कि मैंने इस्रायेली लोागोंमें भी सेसा बड़ा १९ बिश्वास नहीं पाया है। ओर में तुमसे कहता हूं कि बहुतेरे लोग पब्बे और पश्चिमसे आके इब्राहीम और १२ इसहाक खैर याकबके स्तथ स्वगेके राज्यमें बेठेंगे। परन्‍्त ल्‍् हे स्र्र मत्ता । [८ पब्ख । राज्यके सन्‍तान बाहरके अंधकारमें डाले जायेंगे जहां रेना औओ दांत पीसना होगा । तब यीौशने शतपतिसे १३ कहा जाइये जेसा तने बिश्वास किया है वैसाही तम्के हाोवे त्लरार उसका सेवक उसी घड़ी चंगा हा गया। यीशने पितरके घरमे आझाके उसकी सासके पड़ी १२४ हुईं ओर ज्वरसे पीड़ित देखा । उसने उसका हाथ छूआ १९४ और ज्वरने उसके छोड़ा ओर वह उठके उनकी सेवा करने ल्गी। . सांककेा लोग बहुतसे भूतग्रस्तोंके उस पास ल्वाये ९६ और उसने बचनहीसे भूतांके निकाला और सब रोगि- योंके चंगा किया . कि जे बचन यिशैयाह भविष्यद्गक्तासे १७ कहा गया था कि उसने हमारी दुबेलताओंका ग्रहण किया ओर रोगोंके उठा लिया से परा होवे। यीशने अपने जझ्रासपास बड़ी भीड़ देखके उस पार १८ जानेको आज्ञा किईं | ओर एक अध्यापकने झा उससे १८ कहा' हे गुरु जहां जहां आप जाये तहां में आपके पीछे चलंगा । यीशने उससे कहा लोमड़ियोंका मांदे और २० आकाशके पंडियोंका बसेरे हैं परन्‍त मनुष्यके पुच्का सिर रखनेका स्थान नहीं है। उसके शिष्योंमेंसे ट्सरेने २९ उससे कहा हे प्रभु मे पहिल्े जाके अपने पिताकोा गाड़ने दोजिये । योशने उससे कहा त्‌ मेरे पीछे हो ले ओर मृतकेांका अपने मृतकोंकेा गाड़ने दे । जब वह नावपर चढ़ा तब उसके शिष्य उसके २३ पीछे हो लिये । और देखे समुद्र ऐसे बड़े हिलकेारे २४ उठे कि नाव लहरेंसे ढंप जाती थी परन्तु वह सेाता ८ पब्बे ।] मत्ती । र३ २४ था । तब उसके शिष्योंने उस पास आके उसे जगाके २६ कहा हे प्रभु हमें बचाइये हम नप्ठ होते हैं । उसने उनसे कहा हे अल्य बिश्वासिये क्यों डरते हो . तब उसने उठके बयार और समुद्र॒का डांटा और बड़ा २७ नीवा हो गया | और वे लोग अचंभा करके बोल्ले यह कैसा मनुष्य है कि बयार और समुद््‌ भी उसकी आज्ञा मानते हैं । रू जब यीशु उस पार गिगेशियोंके देशमें पहुंचा तब दे भूतग्रस्त मनुष्य कबरस्थानमेंसे निकलते हुए उससे जञआा मिले जो यहांलों अति प्रचंड थे कि उस माग्गंसे २९ काई नहीं जा सकता था। और देखे उन्होंने चिल्लाके कहा हे यीशु इश्वरके पुत्र आपका हमसे क्या काम . क्या आप समयके जआ्ञागे हमें पीड़ा देनेके यहां आये ३० हैं । बहुतसे सूअरांका एक कुंड उनसे कुछ टूर चरता ३१ था। से भूतांने उससे बिन्‍ती कर कहा जे आप हमें इ२ निकालते हैं ता सूअरोंके कुंडमें पैठने टीजिये । उसने उनसे कहा जाओ ओर वे निकलके सूअरोंके कुंउमें पैठे ओर देखे सूअरोंका सारा कुंड कड़ाड्रेपरसे समुदमें ३३ दौड़ गया और पानीमें डूब मरा । पर चरवाहे भागे कऔर नगरमें जाके सब बातें ओर भूतग्रस्तोंकी कथा ३४ भी सुनाई । और देखे सारे नगरके ल्लाग यीशुसे भेंट करनेके निकत्ने और उसके देखके बिन्‍्ती किई कि हमारे सिवानोंसे निकल जाइये । २४ मत्ती । [६ पब्छे । + ः रू नवा पब्ब । १ याशका रक अट्ठटागांका चगा करना ओर उसका प्राप क्षमा करना ।॥ € मत्तोका बलाना आर प्रापयाक सग भाजन करना ॥। १४ उप्रत्वास करनका ढ्येारा बताना ॥ पृ ग़क़ कन्याक्रा ।जलाना गार सक्क स्त्रोका चलगा करना ॥ २9 दो व््रध्याक नत्र खेलना ॥ २ भ्तग्रस्त इृगका चखगा करना । ३४५ दोनहो नापर यो शक्रो दया ॥ यीश नावपर चढ़के उस पार जाके अपने नगरमें पहुंचा । देखा ल्लाग एक अट्टोंगीका खाटपर पड़े हुए उस पास लाये और गीशने उन्होंका बिश्वास देखके उस अटोंगीसे कहा हे पुच ढाढ़स कर तेरे पाप श्मा किये गये हैं । तब देखे कितने चअध्यापकोांने अपने अपने मनमें कहा यह ते ईश्वरकी निन्‍दा करता है। यीशने उनके मनकी बातें जानके कहा तम लाग अपने अपने मनमें क्यां ब॒री चिन्ता करते हो । कान बात सहज है यह कहना कि तेरे पाप छामा किये गये हैं क्यवा यह कहना कि उठ जर चल ॥+ परनन्‍्त जिस्ते तम जाना कि मन॒ष्यके पचका पृथिवीपर पाप झामा करनेका अधिकार है (तब उसने उस अट्टॉगीसे कहा) उठ अपनो खाट उठाके अपने घरका जा। वह उठके अपने घरकेा चला गया । लोगोंने यह देखके अचंभा किया और इश्वरकी स्तुति किईं जिसने मनुष्योंका ऐसा अधिकार दिया । वहांसे आगे बढ़के योशने एक मनुष्यका कर उगाहनेके स्थानमें बेठे टेखा जिसका नाम मत्ती था ज्ैौर उससे कहा मेरे पीछे क्रा . तब वह उठके ४७ उसके पीछे हे। त्विया । जब यीशू घरमें भेजनपर बैठा १२० ध् (7३ [कर £ परब्ब ।] मत्ता । र्प्‌ तब देखे बहुत कर उगाहनेहारे और पापी लोग झा ११ उसके झ और उसके शिष्योंके संग बैठ गये । यह देखके फरीशियोंने उसके शिष्योंसे कहा तुम्हारा गुरू कर 'डगाहनेहारों और पापियोंके संग व्यां खाता है। १२ यीशुने यह सुनके उनसे कहा निरोगियोंका वेदयका १३ प्रयोजन नहीं है परन्तु रोगियोंका । तुम जाके इसका अथे सीखे कि में दयाका चाहता हूं बलिदानकोा नहीं . क्योंकि में धम्मियोंके नहीं परन्त पापियोंका पश्चात्तापके लिये बुलाने आया हूं। १४ तब योहनके शिष्योंने उस पास ज्ञा कहा हम तल्लाग और फरोशी लेाग क्यों बार बार उपवास करते १४ हैं परन्तु आपके शिष्य उपवास नहीं करते । यीशुने उनसे कहा जबल्ों टूल्हा सखाओंके संग रहे तबतलों क्या वे शोक कर सकते हैं . परन्तु वे दिन आावेंगे जिनमें टूल्हा उनसे अलग किया जायगा तब वे उप- १६ वास करेंगे। कोई मनुष्य कारे कपड़ेका टुकड़ा पुराने बस्तमें नहीं लगाता है क्योंकि वह टुकड़ा बस्तसे कुछ और भी फाड़ लेता है और उसका फटा बढ़ जाता १७ है। और लोग नया दाख रस पुराने कुप्पोंमें नहीं भरते नहों ते कुप्पे फट जाते हैं और दाख रस बह जाता है और कुप्पे नप्न होते हैं . परन्तु नया दाख रस नये कुप्पांमें भरते हैं और देानोंकी रथ्या होती क्विल्। ९८. यीशु उनसे यह बातें कहताही था कि देखे ण्क अध्यक्षने आके उसके प्रणाम कर कहा मेरी बेटी 4 रद मत्ती । [६ प्ले । अभी मर गई परन्तु आप आके अपना हाथ उसपर रखिये ते वह जीयेगी । तब यीश उठके अपने शिष्यों १६ समेत उसके पीछे हो ल्लिया । और देखे एक स्त्रीने जिसका बारह बरससे ल्लाहू २० बहता था पीछेसे आ उसके बस्तके आंचलके छूआ। व्योंकि उसने अपने मनमें कहा यदि में केवल उसके २१९ बस्वकोा छूओं ते चंगी हे जाऊंगी । यीशने पीछे २२ फिरके उसे देखके कहा हे पुत्री ढाढ़स कर तेरे विश्वासने तुर्के चंगा किया है , सो वह सती उसी घड़ीसे चंगी हुईं । यीोशुने उस अध्यध्के घरपर पहुंचके बजनियोंका २३ और बहुत लागोंके धूम मचाते देखा . और उनसे २४ कहा अलग जाओ कन्या मरी नहीं पर सोती है. जैौर वे उसका उपहास करने लगे । परन्तु जब लग २४ बाहर किये गये तब उसने भीतर जा कन्याका हाथ पकड़ा छार वह उठी । यह कीत्ति उस सारे देशमें फैल २६ गई । जब यीश वहांसे आगे बढ़ा तब दो अंधे पुकारते २७ आर यह कहते हुए उसके पीछे हे लिये कि हे दाऊदके सन्‍्तान हमपर दया कोजिये । जब वह घरमें पहुंचा २८ तब वे अंधे उस पास आये और यीशुने उनसे कहा क्या तुम बिश्वास करते हो कि में यह काम कर सकता हूं . वे उससे बोले हां प्रभु। तब उसने उनको २८ आंखे छूके कहा तुम्हारे बिश्वासके समान तुमकेा हावे । इसपर उनकी आंखे खुल गईं और यीशुने ३० १० प्रब्बे।] मत्तो । रछ ४९ उन्हें चिताके कहा देखा काई इसके न जाने। ताभी उन्होंने बाहर जाके उस सारे देशर्म उसकी कोत्ति फ़रेलाई । ४२ जब वे बाहर जाते थे देखे लोग ण्क भूतग्रस्त ३३ गूंगे मनुष्यका योशु घास लाये। जब भूत निकाला गया तब गूंगा बोलने लगा और लेगोंने अचंभा कर कहा ३४ इस्रायेलमें ऐेसा कभी न देखा गया । परन्तु फरो- शियेंने कहा वह भूतोंके प्रधानकी सहायतासे भूतोंकोा निकालता है। ३५ तब यीश्ष सब नगरों और गांवोंमें उनकी सभाओं- में उपदेश करता हुआ और राज्यका सुसमाचार प्रचार करता हुआ और लेोगोंमें हर एक रोग और हर एक ३६ व्याधिका चंगा करता हुआ फिरा किया । जब उसने बहुत लागोंका देखा तब उसके उनपर दया आई क्योंकि वे बिन रखवालेकी भेड़ोंकी नाईं ब्याकुल और ३७ छिन्नभिन्न किये हुए थे । तब उसने अपने शिशप्योसे ३८ कहा कटनी बहत हे परन्त बनिहार थोड़े ह। इसलिये कटनीके स्वामीसे बिन्‍ती करे कि वह अपनी कटनोीमे बनिहारोंकोा भेजे । + रु ९० दसवा पब्न। १ योशुका बारह प्ररितांका ठहराके भेजना । १६ उन्हें अनेक बातोंके विष्रयर्म . चिताना ओआर सिखाना । १ यीशने अपने बारह शिपष्योक्रे अपने पास बल्लाके उन्हें अश्ट भतांपर अधिकार दिया कि उन्हें निकाल कोर हर एक रोग औझोर हर एक ब्याधिका चंगा कर । श्८ मत्तो । [१९० पब्बें। बारह प्रेरितेंके नाम ये हैं पहिला शिमेन जे पितर कहावता है और उसका भाई अन्द्रिय . जबदीका पुच याकूब ओर उसका भाई येाहन . फिलिप और बथेलमरे. गोमा कौर मत्ती कर उगाहनेहारा . अलफईका पच याकब ओर लिब्बइ जो थट्र॑कहावता है . शिमान कानानी जआऔ और यिह॒दा इस्करियाती जिसने उसे पकड़- वाया । इन बारहोंका योशने यह आज्ञा देके भेजा कि अन्यदेशियोंकी कोर मत जाओ और शेमिरोनि- योंके किसी नगरमें मत पेठटो। परन्तु इस्रायेलके घरानेकी खोई हुई भेड़ोंके पास जाओ । और जाते हुए प्रचार कर कहे कि स्वगेका राज्य निकट आया है। राोगियोंकेा चंगा करो कोढ़ियोंका श॒द्द करो मृतकांकेा जिलाओ भरतोंका निकाला . तमने सेंतमेत पाया है सतमेत देशो । झपने परटकोंमे न सोना न रूपा न ताम्बा रखो । मागेके लिये न कोली न दो आगे न जूते न लाठी लेओ क्योंकि बनिहार अपने भाजनके योग्य है । जिस किसी नगर अथवा गांवमें तुम प्रवेश करो बूका उसमें कान योग्य है और जबल्नों वहांसे न निकले तबत्नीं उसके यहां रहा। घरमें प्रवेश करते हुए उसके आशोस देओे । जे वह घर याग्य हाय ते तुम्हारा कल्याण उसपर पहुंचे परन्तु जा वह योग्य न हाय ता तम्हारा कल्याण तम्हारे पास फ़िर आवे | और जो कोई तम्ह ग्रहण न करे ओर तम्हारों बातें न सने उसके घरसे अथवा उस नगरसे निकलते हुए अपने पांवोंकी धृत्व काड़ डाला। र्‌ 9 9» १२ ९३ १० प्रव्बे ।] मत्तो । ६ १४ में तुमसे सच कहता हूं कि बिचारके दिनमें उस नगर की दशासे सदोम छोर झमेाराके देशकी दशा सहने योग्य होगी । १६ देखो में तुम्हें भेंड्रोंके समान हुंड़ारोंके बीचमें भेजता हंं से! सांपोंकी नाई ब॒हिमान और कपोतोंकी ना १७ सधे होओ । परन्‍्त मनष्योंसे चेकस रहे क्योंकि वे तम्ह पंचायतोांम सोॉंपगे झोर अपनो सभाआओंमें तम्हे १८ कोड़े मारेंगे । तम मेरे लिये अध्यक्षां और राजाओंके क्ञागें उनपर ओर अन्यदेशियोंपर साक्षी होनेके लिये १८ पहुंचाये जाओगे । परन्तु जब बे तुम्हें सांप तब किस रोतिसे अथवा क्या कहाोगे इसको चिन्ता मत करो क्यांकि जो कछ तमकेा कहना होगा से उसी घड़ी २० तम्ह दिया जायगा । बालनेहारे ता तम नहों हो परन्‍्त २१९ तम्हारे प्रिताका आत्मा तमम बोलता है । भाई भाईकेा और पिता पुच्रका बध किये जानेके सेंपगे ओर लड़के २२ माता पिताके बिरुठु उठके उन्हें घात करवावेंगे । मेरे नामके कारण सब लोग तुमसे बैर करेंगे पर जे। अन्तल्लों २३ स्थिर रहे साई चाण पावेगा । जब वे तुम्हें एक नगरमें बट सतावें तब टूसरेमें भाग जाओ . में तुमसे सत्य कहता हूं तुम इस्रायेलके सब नगरोंमें नहीं फिर चुकेगे कि २४ उतनेमें मनुष्यका पुत्र आवेगा । शिष्य गुरुसे बड़ा नहीं २५ हे और न दास अपने स्वामीसे । यही बहुत है कि शिष्य अपने गुरुके तुल्य ओर दास अपने स्वामीके तुल्य होवे . जो उन्होंने घरके स्वामीका नाम बालजिबूल रखा है तो वे कितना अधिक करके उसके घरवालेंका ३० मत्ती । [१० पब्जे । वैसा नाम रखेंगे । से तुम उनसे मत उरो ब्यांकि कुछ २६ छिपा नहीं है जे प्रगट न किया जायगा और न कुछ ग॒प्त है जे जाना न जायगा । जो में तुमसे अधियारेम २७ कहता हूं उसे उजियालेमें कहे ओर जे तुम कानोंमें सुनते हा उसे कोठोंपरसे प्रचार करो | उनसे मत २८ डरो जो शरीरके मार डालते हैं पर आत्माका मार डालने नहीं सकते हैं परन्तु उसीसे डरो जे आत्मा और शरीर दोनेंके नरकमें नाश कर सकता है । क्या २९ णक पेसेमें दो गारिया नहीं बिकतीं ताभी तुम्हारे पिता बिना उनमेंसे एक भी भूमिपर नहीं गिरेगी । तुम्हारे ३० सिरके बाल भी सब गिने हुए हैं । इसलिये मत डरे ३९ तुम बहुत गारैयाओंसे अधिक मेलके हो । जो कोई ३२ मनुष्योंके आगे मुक्के मान लेगा उसे में भी अपने स्वगेबासी पिताके आगे मान लेऊंगा । परन्तु जे काई ३8 मनुष्योंके आगे मुझसे मुकरे उससे में भी अपने स्‍्वगेबासी पिताके आगे मुकरूंगा । मत समझो कि ३४ में पृथिवीपर मिलाप करवानेकेा आया हूं में मिलाप करवानेका नहीं परन्तु खड़ चलवानेका आया हूं । में ३४ मनुष्यका उसके पितासे ओर बेटीके उसको मांसे और पतेाहकेा उसकी साससे अलग करने आया । मनुष्यके घरहीके लोग उसके बेरी होंगे। ३६ जा माता अथवा पिताका मुझसे अधिक प्रेम करता ३७ है से मेरे योग्य नहीं और जो पुत्र अथवा पुचीकोा मुझसे अधिक प्रेम करता है से मेरे योग्य नहीं । 0 से मेरे ९०५ झोर जो अपना क्रूण लेके मेरे पीछे नहीं आता है से इ८ 949॥] + ९! ॥ ११ पब्जे ।] मत्ती । ३१ इ८ मेरे योग्य नहीं। जे अपना प्राण फावे सा उसे खोवेगा और जो मेरे लिये अपना प्राण खाबे सो ४० उसे पावेगा । जो तुम्हें महण करता है से मुक्े ग्रहण करता है और जे मुके ग्रहण करता है से मेरे ४१ भेजनेहारेका ग्रहण करता है । जा भविपष्यद्कक्ताके नामसे भविष्यद्ृक्ताका ग्रहण करे से भविष्यद्गक्ताका फल पावेगा और जो धर्म्मीके नामसे धर्म्मीका ग्रहण ४२ करे से धर्म्मीका फल पावेगा। जो काई इन छोटोंमेंसे णकके शिष्यके नामसे केवल एक कटोरा ठंढा पानी पिलावबे में तुमसे सच कहता हूं वह किसी रीतिसे अपना फ़ल न खाोबेगा । १९ एग्यारहवां पब्बे। ० यो 2:57 20: आर योशका येहनके शिष्योंका उत्तर देना । 9 योहनके विषय उसको साक्षी । १६ उस समयके लेगोंको उपमा । २० कहे एक नगरोंके अविश्ञलासपर उलहना | २०५ योशका अपने पिताका घनन्‍य मानना । श८ द्ःणखी लागांका नेबता करना । १ जब यीशु अपने बारह शिष्योंका आज्ञा दे चुका तब उनके नगरोंमें शिक्षा ओर उपदेश करनेके वहांसे चअल्ना । २ योहनने बन्दीगृहमें खीपृके कार्य्येंका समाचार सुनके अपने शिष्पोंमेंसे दो जनेंके उससे यह कहनेकेा ३ भेजा . कि ज्ले झानेवाला था से क्या आपही हैं ४ अथवा हम टूसरेकी बाट जोहें । यीशुने उन्हें उत्तर दिया कि जे कुछ तुम सुनते ओर देखते हो से जाके ४ याहनसे कहे . कि अंधे देखते हैं ओर लंगड़े चलते 8 ब्य5 हैं काढ़ी श॒ट्टु किये जाते हैं ओर बहिरे सुनते हैं मृतक श्ल इ२ मत्ती । [११ पब्ले। जिलाये जाते हैं और कंगालेंकेा सुसमाचार सुनाया जाता है . चोर जो कोई मेरे विषयमें ठोकर न खाबे सा धन्य है । जब वे चल्ने जाते थे तब यीश याोहनके विषयमे लागेंसे कहने लगा तुम जंगलमें क्या देखनेके निकलने क्या पवनसे हिलते हुए नरकटकेा । फ़िर तुम क्या देखनेके निकले क्या सूध्म बस्तर पहिने हुए मनुष्यको . देखा जो सूध्म बस्त पहिनते हैं सो राजाओंके घरोंमें हैं । फिर तुम क्या देखनेकेा निकले क्या भविष्यद्गक्ता- का . हां में तुमसे कहता हूं एक मनुष्यका जो भविष्यदुक्तासे भी अधिक है । व्यांकि यह वही है जिसके विषयमे ल्लिखा हे कि देख में अपने टतकोा तेरे आगे भेजता हूं जे तेरे आगे तेरा पन्‍्थ बनावेगा। तुमसे सच कहता हूं कि जो स्तियोंसे जन्मे हैं उनमेंसे याहन बपतिसमा देनेहारेसे बड़ा का ई प्रगट नहीं हुआ है परन्तु जो स्वगेके राज्यमें अति छोटा है से उससे बड़ा है । याहन बपतिसमा देनेहारेके दिनोंसे अबल्मों स्वगेके राज्यके लिये बरियाई किई जाती है जौर बरियार लोग उसे ले लेते हैं । क्यांकि याोहनलों सारे भविष्यद्ृक्ताओंने और ब्यवस्थाने भविष्यद्वाणी कहो । झोर जो तम इस बातकोा ग्रहण करोगे ता जाना कि ण्लियाह जो आनेवाला था से यही है । जिसके सुननेके कान हों से सुने । में इस समयके त्नागांकी उपमा किससे देऊंगा . जार पी करके ष्् वे बालकेंके समान हैं जे! बाजारोंमे बेठके अपने संगियों- १९ १५९ पव्ले। ] मत्ती । ३३ १७ को पुकारते . और कहते हैं हमने तुम्हारे लिये बांसली बजाई और तुम न नाचे हमने तुम्हारे लिये बिलाप १८ किया और तमने छाती न पीटी । क्येंकि योहन न खाता न पीता आया जार वे कहते हैं उसे भत लगा हे। १८ मन॒ष्यका पच खाता और पीता जाया है और वे कहते हैं देखा पेट जौर मदयप मनृष्य कर उगाहनेहारों और पापियोंका मिच . परन्त ज्ञान अपने सन्‍्तानोंसे निदाष ठहराया गया हे । २० तब वह उन नगरोंको जिन्होंमें उसके अधिक आश्चय्प कम्मे किये गये उलहना देने लगा क्येंकि उन्हेंने पश्चा- २१९ त्ताप नहीं किया। हाय त काराजीन . हाय त बेतसेदा . जा आश्चय्यं कम्मे तम्हांमें किये गये हैं सा यदि सार और सीदानमें किये जाते ता बहुत दिन बीते होते कि वे टाट २२ पहिनके और राखमें बेठके पश्चात्ताप करते। परन्तु में तुमसे कहता हूं कि बिचा रके दिनमें तुम्हारी दशासे से।र २३ और सीदेानको दशा सहने योग्य होगी। और हे कफ- नाहुम जो स्वगेलों ऊंचा किया गया है तू नरकल्नों नीचा किया जायगा . जे आश्चय्य कम्मे तकमें किये गये है से यदि सदाोमम किये जाते तो वह आजल्ों बना रहता । २४ परन्तु में तुमसे कहता हूं कि बिचारके दिनमें तेरी दशासे सदामके देशको दशा सहने योग्य होगी । २५ - इसपर उस समयमें यीशने कहा हे पिता स्वगे ओर पृथिवाके प्रभ में तेरा धन्य मानता हं कि तूने इन बातोंका ज्ञानवानों और बहिमानोंसे गुप्त रखा हे ओर २६ उन्हें बालकांपर प्रगट किया है। हां हे पिता क्योंकि 86 ३४ मत्ती । [१२ पब्ज। तेरी टूप्चिमं यही अच्छा लगा | मेरे पिताने मुक्के सब २७ कछ सोंपा हे झआर प्रचका कओऔ ई नहां जानता हैं केवत्न प्रिता और पिताका का ई नहीं जानता है केवल पच ओर वही जिसपर पुत्र उसे प्रगठ किया चाहे । हे सब लागेा जो परिश्रम करते और बाकसे दबे हो २८ मेरे पास आओ में तम्हें बिआम देऊंगा | मेरा जुआ २८ अपने ऊपर लेओ जशैर मरसे सीखे क्ये|कि में नम्र ओर मनमे दीन हं ओर तम अपने मनेंम बिप्राम पाओरगे। बंयांकि मेरा जञझ सहज और मेरा बार हलका है। ३० १२ बारहवा परब्ब। याशक्रा ।ब्रग्नमासदारक्क विप्रयम ग्नणय करना । १४ उसका नम्नतास भावष्यट्रा ब्यक्रा प्ररया हाना । २२ लाग़ाक अप्रबादका खड़न। ३३ मनक्र स्थवभावक्रा दष्टान्त । इछ २३ ब्नि ॥_ «कप 50 थ> उस समयमे यीश बिश्रामके दिन खेतेंमें हे।के गया ९ और उसके शिष्य भूखे हा बाल तोड़ने और खाने त्वगे। फरीशियोंने यह देखके उससे कहा देखिये जे काम बि- २ आसके दिनमें करना उचित नहीं है से आपके शिष्य करते हैं। उसने उनसे कहा क्या तमने नहां पढ़ा हे कि ३ दाऊदने जब वह ओर उसके संगी लोग भूखे हुए तब क्या किया . उसने क्यांकर इंश्वरके घरमे जाके भटकी ४ शराटियां खाई जिन्हें खाना न उसके न उसके संगियोंकोा परन्‍्त केवल याजकेोंकेा उचित था । अथवा क्या तमने ४५ व्यवस्थामें नहीं पढ़ा हे कि मन्दिर याजक लोग बि- आमके दिनोंमें बिश्रामवारकी विधिकेा लंघन करते है और निर्दोष हैं। परन्तु में तुमसे कहता हूं कि यहां ६ १४ प्रख्जे ।] मत्तो । ३४ ७ एक है जो मन्दिरसे भी बढ़ा है। जा तम इसका अथे जानते कि में टयाका चाहता हं बल्लनिदानका नहीं ता ८ तम निदाषोंका दोषी न ठहराते । मनष्यका पच्र बि- आमवारका भी प्रभु है । € वहांसे जाके वह उनकी सभाके घरमें जाया। १० और देखे एक मन्ृष्य या जिसका हाथ सख गया था और उन्होंने उसपर दोष लगानेके लिये उससे पछा क्या बि- १९ आमके दिनेमें चंगा करना उचित है। उसने उनसे कहा तुममेंसे कोन मनुष्य होगा कि उसका एक भेड़ हो और जा वह बिश्रामके दिन गढ़ेमें गिरे तो उसे पकड़के न १३२ निकालेगा । फिर मनृष्य भेड़से कितना बड़ा है . इस- १३ लिये बिश्रामके दिनेंमें भल्लाई करना उचित हे। तब उसने उस मनुष्यसे कहा अपना हाथ बढ़ा . उसने उसके बढ़ाया और वह फिर टूसरे हाथको नाई भत्ना चंगा हो गया । १४ तब फरीशियेंने बाहर जाके योशुके बिरूटू आपसमें १४ बिचार किया इसलिये कि उसे नाश करें । यह जानके यीश वहांसे चला गया और बड़ी भीड़ उसके पीछे हो १६ लिदे और उसने उन सभोंकेा चंगा किया . और उन्हें ९७ टूढ़ आज्ञा दिई कि मुझे प्रगट मत करो . कि जे बचन यिशैयाह भविष्यद्वक्तासे कहा गया था से पूरा होवे १८ कि देखे मेरा सेवक जिसे मेने चना हे और मेरा प्रिय जिससे मेरा मन अति प्रसन्न है . में झपना आत्मा उसपर रखगा झार वह झन्यदाशयाका सत्य ब्यवस्था बताबगा। १८ वह न कगड़ेगा न धम मचा वेगा न सड़कोंस केाइ उसका ) १6 १ ३ मत्ती । [१२ पब्जे। & 3 शब्द सुनेगा । वह जबलों सत्य व्यवस्थाकोा प्रबत्न न करे २० तबलों कुचले हुए नरकटके न तोड़ेगा और धूआं देने- हारी बत्तीका न बुझावेगा । और अन्यदेशी लग उसके २९ नामपर आशा रखगे । तब लोग एक भूतग्रस्त अंधे और गुूंगे मनुष्यका उस २२ पास लाये और उसने उसे चंगा किया यहांलें कि वह जा अंधा जौ गंगा था देखने ओए बोलने लगा । इस- २३ पर सब ल्लाग बिस्मित होके बोले यह क्या दाऊटका सनन्‍्तान है । परन्तु फरीशियेंने यह सुनके कहा यह ते २४ बालजिबूल नाम भूतोंके प्रधानकी सहायता बिना भूतों- का नहीं निकालता है। यीशने उनके मनकी बातें जानके २४ उनसे कहा जिस जिस राज्यमें फट पड़ी है वह राज्य उजड़ जाता हे और कोई नगर अथवा घराना जिसमें फूट पड़ी है नहीं टहरेगा । जार यदि शैतान शैतानकेो २६ निकालता है तो उसमें फट पड़ी है फिर उसका राज्य क्येंकर ठहरेगा । और जो में बालजिबलकी सहाय- २७ तासे भूतेंके निकालता हूं ता तुम्हारे सन्‍तान किसको सहायतासे निकालते है . इसलिये वे तम्हारे न्याय करनेहारे होंगे | परन्‍्त जो में इंश्वरके ऋ्ात्माकी सहा- श्द यतासे भरतेंका निकालता हंं तो निसस्‍्सन्देह इंश्वरका राज्य तुम्हारे पास पहुंच चुका है । यदि बलवन्तके २८ कई पहिलत्ने न बांधे तो क्येंकर उस बलवन्तके घरमें पैेठके उसकी सामग्री लट सके . परन्त उसे बांधके उसके घरके लटेगा । जो मेरे संग नहों हे से मेरे बिरुटु हे ३० और जो मेरे संग नहीं बटोरता से बियराता हे । इस- ३९ १२ पब्जे ।] मत्ती । ३० लिये में तुमसे कहता हूं कि सब प्रकारका पाप और निन्‍दा मनुष्योंके लिये छशमा किया जायगा परन्तु पविच आत्माकी निन्‍्दा मनुष्योंके लिये नहीं श्रमा किददे जायगी। ३२ जो कोई मनुष्यके पुच्रके बिराधमें बात कहे वह उसके लिये श्मा किईं जायगी परन्तु जे काई पविच आत्माके बिराधमें कुछ कहे वह उसके लिये न इस लोकमें न परल्लाकमें शमा किया जायगा। ३३ यदि पेड़का अच्छा कहा ता उसके फलके भी अच्छा कहा अथवा पेड़का निकम्मा कहो ते उसके फलके भी निकम्मा कहे क्येंकि फलहीसे पेड़ पहचाना जाता है। ३४ हे सांपोंके बंश तुम बुरे होके अच्छी बातें क्यांकर कह सकते है क्योंकि जे मनमें भरा है उसीके मुंह बेलता ३४ है। भला मनुष्य मनके भले भंडारसे भली बातें निकाल- ता है और बुरा मनुष्य बुरे भंडारसे बुरी बातें निकालता ३६ है। में तुमसे कहता हूं कि मनुष्य जा जो अनथे बातें ३७० कहें बिचारके दिनमें हर एक बातका लेखा देंगे। क्यांकि तू अपनी बातोंसे निदाष अथवा अपनी बातोंसे दोषी ठहराया जायगा। इं८६ इसपर कितने अध्यापकों ओर फरीशियोंने कहा हे इ८ गुरु हम आपसे एक चिन्ह देखने चाहते हैं । उसने उन्हें उत्तर दिया कि इस समयके ठुप्र और व्यभिचारी लोग चिन्ह हूंढ़ते हैं परन्तु काई चिन्ह उनके नहीं दिया ४० जायगा केवल यूनस भविष्यदुक्ताका चिन्ह। जिस रीतिसे यूनस तीन दिन ओर तीन रात मछलीके पेटमें था उसी रीतिसे मनुष्यका पुत्र तीन दिन और तीन रात पृथिवा के इ्८ मत्ती । [१२ पब्जे । भीतर रहेगा । निनिवीय लोग बिचारके दिनमें इस ४१ समयके लोागोंके संग खड़े हा उन्हें दोषी ठहरावेंगे क्यांकि उन्होंने यनसका उपदेश सनके पश्चात्ताप किया और देखे यहां एक हे जे यन्ससे भी बड़ा हे। दक्षिणकी ४२ राणी बिचारके दिनमें इस समयके लेोगेंके संग उठके उन्हें दोषी ठहरावेगो व्यांकि वह सुलेमानका ज्ञान सुननेका पृथिवीके अन्तसे आई और देखे यहां ुक है जा सत्लेमानसे भी बड़ा है । जब अशटठ भत मनष्यसे निकल जाता हे तब सखे ४३ स्थानोंम बिश्रासम ढंढ़ता फिरता पर नहों पाता है । तब ४४ वह कहता है कि में अपने घरमें जहांसे निकला फिर जाऊंगा और आके उसे सूना काड़ा बुहारा सुथरा पाता है। तब वह जाके अपनेसे अधिक टुप्र सात और भूतों ४४ का अपने संग ले आता है और वे भीतर पेठके वहां बास करते हैं और उस मनुष्यकी पिछली दशा पहिलीसे बुरी हातो है. इस समयके टुप्र लागेांकी दशा ऐसी होागी। यीशु लागेंसे बात करताही था कि देखे उसको माता ४६ और उसके भाई बाहर खड़े हुए उससे बालने चाहते थे । तब किसीने उससे कहा देखिये झापकी माता और ४७ आपके भाई बाहर खड़े हुए आपसे बालने चाहते हैं। उसने कहनेहारेको उत्तर दिया कि मेरी माता कौन है ४८ और मेरे भाई कान हैं । और अपने शिष्योंकी ओर ४८ अपना हाथ बढ़ाके उसने कहा देखे मेरी माता और मेरे भाई | क्योंकि जो कोई मेरे स्वगेबासी पिताकी इच्छापर ५० चल्ने वही मेरा भाई आर बहिन ओर माता है। १३ प्रब्बे ।] मत्ती । छः १३ तेरहवां पब्ले । १ ब्रोज बानेहारेका दष्टान्त । १० दष्घ्रान्तांसे उपदेश करनेका कारण। १८ बोनेहारेके दुष्तान्तका अर्थ । २४ जंगलो दानका दष्टान्त । ३३ राईके दाने ओर खमोरके दष्टान्त । ३४ योशके विषयम एक भविष्यद्वाक्यका प्रा होना । ३६ जंगली दानेके .. दष्तान्तका अर्थ । ४४ गुप्त घन ओर माततोके दष्टान्त । ४७ महाजालका दएफ्णान्‍्त ५१ ज्ञानवान शिष्यांको उपसा । ४३ योशक्ता अपने देशके लागेंम अपसान छहेाना। १ उस दिन यीश घरसे निकलके समद्रके तीरपर बैठा । २ और ण्सी बड़ी भीड़ उस पास एकट्री हुईं कि वह नाव- ३ पर चढ़के बेठा और सब लोग तीरपर खड़े रहे । तब उसने उनसे टूप्नान्तोंमि बहुतसी बातें कहीं कि देखा एक ४ बानेहारा बीज बानेकेा निकला । बानेमे कितने बीज मागेकी ओर गिरे और पंछियोंने आरके उन्हें चग लिया । ५ कितने पत्थरेली भूमिपर गिरे जहां उनके बहुत मिट्टी ६ न मिली और बहुत मिट्टी न मिलनेसे वे बेग उगे। परनन्‍्त सय्य उदय होनेपर वे ऋलस गये लोर जड़ न पकडनेसे ७ सख गये । कितने कांटोंके बीचमे गिरे और कांटोंने ८ बढ़के उनके टबा डाला । परन्त कितने अच्छी भमिपर गिरे ओर फल फल्ने कोई सो गणे काई साठ गणे कोई € तीस गुणे । जिसका सुननेके कान हों से सुने । १० तब शिपष्योंने उस पास ञझा उससे कहा ञ्राप उनसे ११ टृष्नान्तोंमें क्यों बेलते हैं। उसने उनको उत्तर दिया कि तुमको स्वगेके राज्यके भेद जाननेका अधिकार दिया गया १२ है परन्‍त उनके नहीं दिया गया है। क्योंकि जो कोई रखता है उसके और दिया जायगा और उसके बहुत होगा परन्त जो काई नहों रखता हे उससे जो कछ १३ उसक पास है सा भा ल ल्गया जायगा। इसाल्य ४० मत्ती । [१३ पब्ले। उनसे टूप्ठान्तांम बालता हूं क्योंकि वे देखते हुए नहीं देखते हैं ओर सुनते हुए नहीं सुनते ओर न बूकते है। और यिशेयाहकी यह भविष्यद्वाणी उनमें पूरो होती है १४ कि तुम सुनते हुए सुनागे परन्तु नहीं बूकोगे ओर देखते हुए देखागे पर तुम्हे न सूकेगा । क्येंकि इन लोागोंका १४ मन मोटा हो गया हे आऔर वे कानोंसे ऊंचा सनते हैं खैर अपने नेच मंद लिये है ऐसा न हो कि वे कभी नेचरोंसे देख ओर कानेंसे सने कर मनसे समझ ओर फिर जावे और में उन्हें चंगा करूं । परन्तु धन्य तुम्हारे ९६ नेच कि वे देखते हैं और तुम्हारे कान कि वे सुनते हैं। क्येंकि में तुमसे सच कहता हूं कि जो तुम देखते हो १२७ उसके बहुतेरे भविष्यदुक्ताओं और धम्मियोंने देखने चाहा पर न देखा ओर जो तुम सुनते हो उसके सुनने चाहा पर न सुना। से तुम बानेहारेके ट्रप्मान्तका अथे सुना। जे काई (६ राज्यका बचन सनके नहों बरकता हे उसके मनमभें जो कुछ बाया गया था सो वह टुप्र आके छीन लेता है . यह वही है जिसमें बीज मागेकी ओर बेाया गया । जिसमें २० बीज पत्थरेली भूमिपर बाया गया सा वही हे जो बचन का सनके तरनन्‍्त आनन्दसे ग्रहण करता है। परन्‍्त २१ उसमें जड़ न बंधनेसे वह थोड़ी बेर ठहरता है और बचनके कारण क्लेश अथवा उपद्रव हानेपर तुरन्त ठोकर खाता है । जिसमें बीज कांटोंके बीचमें बेया गया से। २२ वही है जो बचन सुनता है पर इस संसारकी चिन्ता जौर धनकी माया बचनके दबाती है और वह निष्फल . ४-७ मत्ती । ४१ २३ होता है। पर जिसमें बीज अच्छी भूमिपर बाया गया से वही है जे बचन सुनके बुझता है और वह ते फल देता है और कोई से गुणे काई साठ गुणे कोई तीस गुणे फलता है। २४ उसने उन्हें टूसरा टूप्रान्त दिया कि स्वगेके राज्यकी उपमा ण्क मनुष्यसे दिद जाती है जिसने अपने खेतमें २४ अच्छा बीज बाया । परन्तु जब लोग साये ये तब उसका बैरी आके गेहूंके बीचमें जंगली बीज बोके चलना गया। २६ जब अंकुर निकले और बालन लगीं तब जंगली दाने भी २७ दिखाई दिये । इसपर गृहस्थके दासोंने जरा उससे कहा हे स्वामी क्या आपने अपने खेतमें अच्छा बीज न बाया . श८ फिर जंगली टाने उसमें कहांसे झ्राये । उसने उनसे कहा किसी बेरीने यह किया है . दासोंने उससे कहा आपको इच्छा हाय ते हम जाके उनके बटोर लेवें। २८ उसने कहा से। नहों न हो कि जंगली दाने बटोरनेमें ३० उनके संग गेहूं भी उखाड़ लेओ । कटनीलों देनेंकेा एक संग बढ़ने देखा और कटनीके समयमें में काटनेहारोंसे कहंगा पहिले जंगलो दाने बटारके जल्वानेके लिये उनके गठें बांधा परन्तु गेहंकेा मेरे खत्तेमें एकट्रा करो । ३९ उसने उन्हें एक ओर टूप्वान्त दिया कि स्वगेका राज्य राईके एक दानेकी नाई है जिसे किसी मनुष्यने लेके अपने ३२ खेतमें बेया। वह ते सब बीजेंसे छोटा है परन्तु जब बढ़ जाता तब साग पातसे बड़ा होता है और शेसा पेड़ हे। जाता है कि त्राकाशके पंछी आाके उसकी डालियोंपर ३३ बसेरा करते हैं। उसने एक और टूप्रान्त उनसे कहा कि 6 ४२ मत्तो । [५३ पब्ले। स्वगेका राज्य खमीरकी नाईें हे जिसके किसी स्वतोने लेके तीन पसेरी आटेमं छिपा रखा यहांतलों कि सब खमीर हो गया। यह सब बातें यीशने टृप्मान्तोंमें लोगोंसे कहीं और ३४ बिना टुप्रान्तले उनके कुछ न कहा . कि जे बचन ३४ भविष्यद्क्तासे कहा गया था कि मे टूप्रान्तांम अपना मंह खालंगा जा बातें जगतकी उत्तपत्तिसे गप्न रहीं उन्हे बरणेन करूंगा से परा होवे। तब यीश लोगेंकेा बिदा कर घरमें झञाया और उसके ३६ शिष्यांने उस पास आ कहा खेतके जंगली दानेके टरप्ान्त- का अथे हमें समझाइये। उसने उनके उत्तर दिया कि ३७ जो अच्छा बीज बाता है से मनुष्यका पुत्र है। खेत ते ३८ संसार है अच्छा बीज राज्यके सन्‍्तान हैं झौर जंगली बीज ट॒पुके सन्‍्तान हैं। जिस बैरीने उनके बाया से! शैतान है ३< कटनी जगतका अन्त है और काटनेहारे स्वगंदत है। से ४० जैसे जंगली दाने बटारे जाते ओर जअागसे जलाये जाते हैं बवैसाही इस जगतके अनन्‍्तमे होगा । सनष्यका पच अपने ४९ टतांका भेजेगा और वे उसके राज्यमेंसे सब ठोकरके कारणोंका और ककम्म करनेहारोंका बटार लगे . ओर ४२ उन्हें आगके कुंडमें डालेंगे जहां रोना ओऔ दांत पीसना होगा । तब धम्मी लोग अपने पिताके राज्यमें सूय्यंकी ४३ नाई चमकेंगे . जिसके सुननेके कान हों से सुने । फिर स्वगगंका राज्य खेतमें छिपाये हुए धनके समान ४४ है जिसे किसी मनुष्यने पाके गुप्त रखा ओर वह उसके जआानन्दके कारण जाके अपना सब कुछ बेचके उस खेत- १३ पब्बे ॥] मत्ती । ४३ ४५ का माल लेता है। फिर स्वगेका राज्य एक ब्यापारीके ४६ समान है जा अच्छे मेतियोंका ढूंढ़ता था। उसने जब एक बड़े मालका मोती पाया तब जाके अपना सब कुछ बेचके उसे माल लिया । ४७... फिर स्वगेका राज्य महाजालके समान है जा समटमें डाला गया ओर हर प्रकारकी मछलियोंका घेर लिया । ४८ जब वह भर गया तब ल्लाग उसके तीरपर खींच लाये और बेठके अच्छी अच्छीका पाचोंमे बटोरा और नि- ४८ कम्मी निकम्मीकेा फ्रेक दिया । जगतके अन्त बेसाही होगा . स्वगेटूत आके ट॒प्ठोंका धम्मियोंके बीचमेंसे अतल्वग ४० करेंगे . ओर उन्हें आागके कंडमें डालगे जहां रोना जे दांत पीसना होगा । ५९ यीशुने उनसे कहा क्या तुमने यह सब बातें समर्कों . ४२ वे उससे बोले हां प्रभु। उसने उनसे कहा इसलिये हर एक अध्यापक जिसने स्वगेके राज्यकी शिक्षा पाई है गृहस्थके समान हे जे अपने भंडारसे नई और पुरानी बस्तु निकालता है। ु ४३ जब यीशु ये सब टूप्वान्त कह चुका तब वहांसे चलना ४४ गया । जोर उसने अपने देश जञ्रा उन्तकी सभाके घरमे उन्हें ऐसा उपदेश दिया कि वे अचंभित हो बाले इसके यह ज्ञान और ये आश्चय्य कम्मे कहांसे ४५ हुए । यह क्या बढ़ईका पुत्र नहों है. क्या उसकी माताका नाम मरियम कोर उसके भाइयोंके नाम याकब और योशी और शिमेन और यिहदा नहीं है । ५६ ओर क्या उसकी सब बहिन हमारे यहां नहीं ह . फिर ४88 मत्ती । [१४ पब्ले । उसके यह सब कहांसे हुआ | से उन्हेंने उसके विषय- ४७ में ठाकर खाई परन्तु यीशुने उनसे कहा भविष्यद्ृक्ता अपना देश कोर अपना घर छोड़के ओर कहा निरादर नहीं होता है। और उसने वहां उनके झबिश्वासके ४८ कारण बहुत आश्चय्य कम्मे नहीं किये । १४ चादहवां पब्बे । १ ग्राहन बर्पातिसमा देनेडारेको म्रत्य । १३ योशका बहलत रोगियोंक्ा चंगा करना । ग्रानसरतक्र रागयाक्रा चगा करना ॥ उस समयमें चैयाईके राजा हेरोदने यीशुकी कीत्ति सुनी . और अपने सेवकांसे कहा यह ते येहन बपतिस- मा देनेहारा है वह मृतकोंमेंसे जी उठा है इसलिये आएश्चय्ये कम्मे उससे प्रगट होते हैं । क्यांकि हेराोदने अपने भाई फिल्लिपको स्त्री हेरोदियाके कारण याहनके पकड़के उसे बांधा था और बन्‍्दीगृहमें डाला था। क्योंकि याहनने उससे कहा था कि इस स्तोके रखना तुककेा उचित नहीं है। औऔर वह उसे मार डालने चाहता था पर लोगोंसे डरा क्योंकि वे उसे भविष्यद्क्ता जानते थे। परन्तु हेरादके जन्म द्॒निकी सभामें हेरोदियाकी घचीने सभामे नाच कर हेरादको प्रसन्न किया। इसलिये उसने किरिया खाके अंगीकार किया कि जे कुछ त मांगे मे तुके देऊंगा। वह अपनी माताकी उस्काई हुईं बाली ओआहन बपतिसमा देनेहारेका सिर यहां थालमे मम दीजिये। तब राजा उदास हुआ परन्‍्त उस किरियाके और अपने संग बेठनेहारोंके कारण उसने देनेकी आज्ञा किई। ७9 49 १४ प्रब्जे ।] मत्तो । ४४ १० ज्र उसने भेजकर बन्दोगृहमें योहनका सिर कटवाया। १९ लौर उसका सिर थालमें कन्‍्याके पहंचा दिया गया १२ और वह उसके अपनी मांके पास ले गईं । तब उसके शिष्योने आझ्राके उसको लेयके उठाके गाड़ा ओर आके योशसे इसका समाचार कहा । १३ जब यीशुने यह सुना तब नावपर चढ़के वहांसे किसी जंगली स्थानमें एकांत गया और लोग यह १४ सुनके नगरोंमेंसे पेट्ल उसके पीछे हो लिये | यीशुने निकलके बहुत लोागोंका देखा ओर उनपर दया कर उनके रोगियोंका चंगा किया । १५ जब सांक हुईं तब उसके शिष्योंने उस पास झा कहा यह तो जंगली स्थान हे और बेला अब बीत गई है त्लागों के बिदा कीजिये कि वे बस्तियोंमे जाके अपने लिये भे जन १६ मेल लेवें । यीशुने उनसे कहा उन्हें जानेका प्रयोजन १७ नहों तुम उन्हें खानेकेा देओे। उन्होंने उससे कहा यहां १९८ हमारे पास केवल पांच रोटी और दो मछल्ली हैं। उसने १€ कहा उनके यहां मेरे पास लाझओे। तब उसने लेागेंकेा घासपर बेठनेकी आज्ञा दिई कलर उन्त पांच रोटियों और दो मछलियोंका ले स्वगेकी ओर देखके धन्यवाद किया और रोटियां ताड़के शिष्पोंका दिईे ओर शिप्योंने २० लोागोंका दिद्दें । सो सब खाके तृप्त हुए और जो टुकड़े २१ बंच रहे उन्होंने उनकी बारह टोकरी भरी उठाईँ। जि- न्हांने खाया से स्तियों खैर बालकेंकेा छोड़ पांच सहस्र प्रुषोंके अटकल थे। २२ तब योशने तरन्‍त अपने शिषप्यों ज्ञादिद कि ह्द्व मत्ती । [१४ पब्बे । _ जबलों में लागेंके बिदा करूं तुम नावपर चढ़के मेरे आगे उस पार जाओ । वह लोगोंकेा बिदा कर प्राथेना २३ करनेकेा एकान्‍तमें पब्बेतपर चढ़ गया और सांकके वहां अकेला था । उस समय नाव समुद्रके बीचमें लहरोंसे २४ उछल्न रही थी व्यांकि बयार सन्‍्मखकी थी । रातके चेाये २४ पहरमे यीश समुद्रपर चलते हुए उनके पास गया। शिष्य २६ त्लाोग उसके समद्रपर चलते देखके घबरा गये ओर बोलने यह प्रेत हे आर डरके मारे चिल्लाये । यीशु तुरन्त उनसे २७ बात करने लगा और कहा ढाढ़स बांधो में हे डरो मत । तब पितरने उसके उत्तर दिया कि हे प्रभ यदि आपही है श्८ ते मुझे अपने पास जलपर आनेकी आज्ञा दोजिये। उसने कहा आ . तब प्रितर नावपरसे उतरके यीशु पास २€ जानेकेा जलपर चलने लगा। परन्तु बयारको प्रचंड ३० देखके वह डर गया और जब डूबने लगा तब चिल्लाके बाला हे प्रभ मर्के बचाइये। यीशने तरनन्‍्त हाथ बढ़ाके ३९ उसके थांभ लिया ओर उससे कहा हे अल्पयविश्वासी क्यों सन्‍्देह किया । जब वे नावपर चढ़े तब बयार थम ३२ गईं। इसपर जे लोग नावपर थे से आके यीशुकेा ३३ णाम करके बाले सचमुच आप इश्वरके पुच हैं। बे पार उतरके गिनेसरत देशमे पहंचे । ओर वबहांके ३० लेागेंने योश॒का चीन्हके आसपासके सारे देशमे कहत्ला भेजा ओर सब रोगियोंके उस पास लाये. ओर उससे ३६ बिन्ती किई कि वे केवल उसके बस्तके आंचलको छूवें और जितनेंने छूआ सब चंगे किये गये । १४ पब्बे ॥] मत्ती । ४७ +. ः १४ पन्द्रहवा पब्ज ॥ १ योशुका फरोशियेंके उनके व्यवदारोंके विषयसे दपटना । १० अपवित्रताके छेतुका बणन करना । २१ एक अन्यदेशी स्लत्रोकों बेटोके चेगा करना । २७ बहुत रो- रत 3 कक ग्योंका चेगा करना । ३२ चार सहसत मन॒ष्योंक्रा थ्राड़े भाजनस तप करना। १ तब यिरूशली मके कितने अध्यापकों कर फरी शियों- २ ने यीश पास आ कहा . आपके शिष्य त्लाग क्यों प्राची नों- के व्यवहार लंघन करते है क्येंकि जब वे रोटी खाते तब ३ अपने हाथ नहीं धातेहैं। उसने उनके उत्तर दिया कि तुम भी क्या अपने व्यवहारोंके कारण इंश्वरकी आज्ञा- ४ का लंघन करते हो | क्यांकि इंश्वरने आज्ञा किदे कि अपने माता पिताका आदर कर ज्ौर जो कोाई माता ५ अथवा पिताकी निन्‍दा करे से मार डाला जाय। परन्तु तम कहते हो यदि काई अपने माता अथवा पितासे कहे किजो कुछ तुकका मरसे लाभ होता से संकल्प किया गया है तो उसके अपनी माता अथवा अपने पिताका ६ आदर करनेका ओर कुछ प्रयोजन नहां। से तुमने अपने ७ ब्यवहारोंके कारण इेश्वरकोी जअाज्ञाके। उठा दिया है। हे कपटियो यिशैयाहने तुम्हारे विषयर्में यह भविष्यद्ाणी ८ अच्छी कही . कि ये लेाग अपने मुंहसे मेरे निकट आते हैं और होंठोंसे मेरा आदर करते हैं परन्त उनका मन मरूसे € टर रहता है। पर वे व॒था मेरी उपासना करते हैं क्योंकि सनष्यांकी क्ाज्ञाओंका धम्मापदेश टहराके सिखाते है ॥ १० और उसने लोगोंका अपने पास बत्लाके उनसे कहा १९ सनो ओर बम्गे। जो संहमे समाता हे से मनष्यकेा अप- विच नहीं करता है परनन्‍्त जो मंहसे निकलता है सोई १२ मनुष्यकेा अपविच करता है। तब उसके शिषप्योंने आ ८ मत्ती । [१४ पब्जे । उससे कहा क्या क्राप जानते हैं कि फरीशियोंने यह बचन सनके ठाोकर खाइ। उसने उत्तर दिया किहर एक गाछ जे १९३ मेरे स्वर्गीय पिताने नहीं लगाया है उखाड़ा जायगा। उनको रहने दा . वे अंधेंके अंधे अगुवे है ओर अधा यदि ९४ आअधेका मागे बताबे ता दोनें गढ़ेमें गिर पढ़ेंगे। तब १४ पितरने उसके उत्तर दिया कि इस ट्रष्मान्तका अथ हमें समा इये। यीशने कहा तुम भी क्या अबल्नों नितेष्ठि हा। ९६ क्या तुम अबलों नहों बुकते हा कि जे कुछ मुंहभ समाता १९७ सा पेटमे जाता है और संडासमें फ्रेका जाता हे । परन्त ९८ जे कछ मंहसे निकलता है से मनसे बाहर आता है और वही मनष्यके अपविच करता है। क्यांकि मनसे नाना ९८ भांतिकी कचिन्ता नरहिंसा परस्लीगमन ब्यभिचार चारी झरूठो साशी और इंश्वरकी निन्‍दा निकलतो है। येहो है २० जा मनृष्यकेा अपविच करती हैं परन्‍्त बिन धोये हाथोंसे मभाजन करना मनपष्यका झपविचत्र नहों करता है । यीश वहांसे निकलके सेोर आर सीदेानके सिवानोंस २९ गया। और देखे उन सिवानेमेकी एक कनानी स्त्रीने २२ निकल्नकर पुकारके उससे कहा हे प्रभु दाऊदके सन्‍तान मरूपर दया कीजिये मेरी बेटी भतसे अति पीड़ित है । परन्‍्त उसने उसके कुछ उत्तर न दिया ओर उसके २३ शिष्यांने जरा उससे बिन्‍ती कर कहा इसके बजिदा को जिये क्योंकि वह हमारे पीछे पीछे पुकारती है। उसने उत्तर २४ दिया कि इस्रायेलके घरानेकी खाई हुई भेड़ोंका छोड़ में किसीके पास नहीं भेजा गया हूं । तब स्त्रीने आ उसके २४ प्रणाम कर कहा हे प्रभु मेरा उपकार कोजिये। उसने २६ १४ पत्बे ।] मत्ती । ४६ उत्तर दिया कि लड़कांकी रोटी लेके कुत्तोंके आगे २७ फेकता अच्छा नहीं है। स्त्रीने कहा सच हे प्रभु ताभी कुत्ते जो चूरचार उनके स्वामियोंकी मेजसे गिरते हैं से र८ खाते हैं । तब यीशने उसको उत्तर दिया कि हे नारी तेरा बिश्वास बड़ा है जैसा तू चाहती है बैसाही तुम्हे हाय . और उसकी बेटी उसी घड़ोसे चंगी हुई । २€ यीशु वहांसे जाके गालीलके समुट्के निकट आया ३० और पब्बेतपर चढ़के वहां बेठा । और बड़ी बड़ी भीड़ अपने संग लंगढ़ों अंधों गूंगों टुंडां और बहुतसे औरों- के लेके यीशु पास आईं और उन्हें उसके चरणोंपर ३१ डाला और उसने उन्हें चंगा किया , यहांलां कि जब लोागोंने देखा कि गूंगे बालते हैं टुंडे चंगे होते हैं लंगड़े चलते हैं और अंधे देखते हैं तब अचंभा करके इस्रायेलके देश्वरकी स्त॒ृति किई। ४२ तब योौशुने अपने शिष्योंके अपने पास बुलाके कहा मुरे इन ल्लागोंपर दया आती है क्येंकि वे तीन दिनसे मेरे संग रहे हैं और उनके पास कुछ खानेकोा नहीं है और में उनके भेजन बिना बिदा करने नहीं ३३ चाहता हूं न हा कि मा्गेमें उन्तका बल्ल घट जाय। उस- के शिष्योंने उससे कहा हमें इस जंगलमें कहांसे इतनी ३४ रोटी मिलेगी कि हम इतनो बड़ी भीड़के तृप्त करें। यीौशु- ने उनसे कहा तुम्हारे पास कितनी रोटियां हैं . उन्होंने ३५ कहा सात और थोाड़ोसी छोटी मछलियां । तब उसने ३६ लागोंकेा भूमिपर बेठनेकी आज्ञा दिएं। ओर उसने उन सात रोटियांका ओर मछलियोंका लेके धन्य क्र ५० मत्तो । [१६ प्रज्ले । मानके तोड़ा जैर अपने शिष्यपोंके दिया और शिष्यों- ने लागांके दिया | से सब खाके तृप्त हुए और जो ३७ टुकड़े बच रहे उन्होंने उनके सात टोकरे भरे उठाये। जिन्होंने खाया से स्त्रियों झ्लार बालकोांका छोड़ चार इ८ सहस्र पुरूष थे। तब यीशु लोागोंका बिदा कर नावपर इ₹ चढ़के मगदला नगरके सिवानोंमें झाया । १६ सेल्लहवां पब्बे । १ योशका चिन्द्र मांगनेहाराोंका डांटना | ४ अपने शिष्पांका फरोशियोंको शिक्षाकरे विष्रयम चिताना । १३ योशके विषयम लोागेंका ओर शिष्योंका बिचार ओर उसका प्रितरका प्रण देना । २१ श्रपनो मृत्युका भविष्यद्वा क्य क्दना और पितरकेा डांटना । २४ शिष्य हाोनेकोी विधि । तब फरोशियों और सटूकियेंने यीशु पास झा उसकी परीक्षा करनेके उससे चाहा कि हमें क्राकाशका एक चिन्ह दिखाइये । उसने उनको उत्तर दिया सांककेा तम कहते हो कि फरछा होगा क्यैेंकि झञाकाश लाल है ओर भारकेा कहते हो कि ञ्राज ज्यांधी आवेगी क्यांकि आ- काश लाल और धमतला है । हे कपटिया तम झ्ञाकाशका रूप बक सकते हो क्या तम समयोंके चिन्ह नहों बक सकते हा इस समयके टुप्र ओर व्यभिचारों लोग चिन्ह ढंढते है परन्‍त काई चिन्ह उनके नहों दिया जायगा केवल यूनस भविष्यदुक्ताका चिन्ह , तब वह उन्हें छाड़के चलना गया । उसके शिष्य ल्लाग उस पार पहुंचके रोटी लेना भूल गये। आर योशुने उनसे कहा देखे फरोशियें ओर सदू- कियोंके खमी रसे चेकस रहे । वे खापसमें बिचार करने लगे यह इसलिये है कि हमने रोटी न लिई। यह जानके # 02 4४9 ##& १६ पब्जे ।] मत्ती । ५१ यीशने उनसे कहा हे अल्यविश्वासियो तम रोटो न € लेनेके कारण क्यों त्रापसमें बिचार करते हो। क्या तम अबल्तलां नहों बकते हो खौर उन पांच सहस्रकी पांच राटी नहीं स्मरण करते हो जोर कितनी टोकरियां तमने १० उठाईें। और न उन चार सहस्तकी सात रोटी ज्जौर कितने १९ टोकरे तमने उठाये। तम क्यों नहीं बकते हो कि मेने तमके फरीशियों और सटकियोंके खमीरसे च्रेकस रह- १९२ नेकेा जे कहा से रोटीके विष्यमे नहों कहा । तब उन्होंने बका कि उसने रोटीके खमी रसे नहीं परन्‍्त फरी- शियों और सटकियेंकी शिक्षासे चोाकस रहनेकेा कहा ॥ १३ यीशने केसरिया फिलिपीके सिवानोंम आके अपने शिष्यांसे पछा कि ल्लाग क्या कहते हैं में मनष्यका पच १४ कोन हूं। उन्होंने कहा कितने तो आपको योहन बपतिसमा देनेहारा कहते है कितने एलियाह कहते है और कितने यिरमियाह अथवा भविष्यटुक्ताओंमेंसे एक १५ कहते हैं । उसने उनसे कहा तुम क्या कहते हो में कान ९६ हूं । शिमेान पितरने उत्तर दिया कि आप जीवते इंश्वरके १७ पुच खीघु हैं । यीशुने उसके उत्तर दिया कि हे यूनसके पच शिमान त धन्य हे क्योंकि मांस ओ लोाहने नहा परन्‍्त मेरे स्वगेबासी पिताने यह बात तभकपर प्रगट ९८ किद । और में भी तकसे कहता हं कि त पितर हे ओआर में इसी पत्यरपर अपनी मंडली बनाऊंगा ओर परलेकके ९€ फाटक उसपर प्रबत्न न होंगे । में तरे स्वगेके राज्यकी कंजियां देऊंगा और जे कुछ त्‌ पृथिवीपर बांधेगा सो स्वगेमें बंधा हुआ होगा और जे। कुछ त्‌ पृथिवोपर ४२ मत्ती । [१६ पब्ले। खेाल्लेगा से स्वगेमें खुला हुआ होगा। तब उसने २० अपने शिष्योंके चिताया कि किसीसे मत कहे कि में यीशु जो हूं से खीघृ हूं । उस समयसे यीशु अपने शिष्योंकेा बताने लगा कि २९ मुक्त अवश्य है कि यिरुशलीममें जाऊं और प्राचीनें और प्रधान याजकां और अध्यापकोंसे बहुत दुःख उठाऊं और मार डाला जाऊं और तीसरे दिन जी उठूं। तब २२ पितर उसे लेके उसके डांटके कहने लगा कि है प्रभु अपपर दया रहे यह तो आपके कभी न हागा। उसने २३ मुंह फेरके पितरसे कहा हे शैतान मेरे साम्हनेसे टूर हो तू मेरे लिये ठोकर है क्येंकि तुर्के ईश्वरकी बातोंका नहीं परन्तु मनुष्योंकी बातोंका सोच रहता है। _ तब यीशुने अपने शिष्यांसे कहा यदि कोई मेरे पीछे २४ आने चाहे तो अपनी इच्छाके मारे आर अपना क्रूश उठाके मेरे पीछे आवे। क्योंकि जे काई अपना प्राण २५ बचाने चाहे से उसे खेावेगा परन्त जे कोई मेरे लिये अपना प्राण खोवे से उसे पावेगा । यदि मनुष्य सारे २६ जगतको प्राप्त करे और अपना प्राण गंवावे तो उसके क्या लाभ होगा . अथवा मनुष्य अपने प्राणको सन्‍ती क्या देगा। मनुष्यका पुत्र अपने टूतोंके संग २७ अपने पिताके ेश्वस्यमें ,झवेगा और तब वह हर एक मनुष्यका उसके काय्यके अनुसार फल देगा। में २८ तुमसे सच कहता हूं कि जो यहां खड़े हैं उनमेंसे कोई काई हैं कि जबलों मनुष्यके पुचकेा उसके राज्यमें आते न देखें तबत्लों मृत्यका स्वाद न चीखेंगे । १७ पब्खे ।] मंत्ती ॥ ५३ १७ सचहवां पब्बे। १ योशुका शिष्योंके आगे तेजस्वी दिखाडे देना । १० एलियाहके आनेका असश्चे उन्हें बताना । १४ रक भ्रतग्रस्त लड़केकेा चेगा करना ओर ब्िश्वासके गुणका बखान करना । २२ अ्रपनो मृत्युका भविष्यद्रावथ कहना । २४ मन्दिरका कर देनेके लिये छू र्‌ ९ आश्चय्पे कम्से करना । १९ छः दिनके पीछे यीशु पितर और याकूब और उसके भाई याहनको लेके उन्हें किसी ऊंचे पब्बेतपर णकान्‍्तमें २ ल्ेंगया। और उनके आझागे उसका रूप बदल गया और उसका मुंह सूय्यंके तुल्य चमका और उसका बस्तर ज्योति ३ की नाईें उजला हुआ । और देखे मूसा और एल्लियाह ४ उसके संग बात करते हुए उनके दिखाई दिये। इसपर पितरने यीशुसे कहा हे प्रभु हमारा यहां रहना अच्छा है , यदि आपकी इच्छा हाय तो हम तीन डेरे यहां बनावें एक आपके लिये एक मूसाके लिये और एक ५ एल्नियाहके लिये । वह बालताही था कि देखे ण्क ज्यातिमय मेघने उन्हें छा त्लिया और देखे उस मेघसे यह शब्द हुआ कि यह मेरा प्रिय पुत्र है जिससे में अति ६ प्रसन्न हू उसकी सुना । शिष्य ल्लाग यह सुनके ओंधे ७ मुंह गिरे और निपट डर गये। योशुने उन पास आके ८ उन्हें छूके कहा उठा डरो मत । तब उन्‍होंने अपनी € आंखें उठाके यीशका छोड़के और किसीके न देखा। जब वे उस पब्बेतसे उतरते थे तब यीशुने उनके आज्ञा दिईं कि जबलों मनुष्यका पुत्र मृतकोंमेंसे नहीं जी उठे तबत्लां इस दर्शनका समाचार किसीसे मत कहे । १० और उसके शिष्योंने उससे पूछा फिर अध्यापक लेाग ९९ क्यों कहते हैं कि एल्ियाहके पहिले आना हेागा। यीशुने ५४ मत्ती । [१७ पब्ले। उनके उत्तर दिया कि सच है णल्नियाह पहिले आके सब कुछ सुधारेगा। परन्तु में तुमसे कहता हूं कि एत्लि- १२ याह आ चुका है और उन्हेंने उसके नहीं चीन्हा परन्तु उससे जो कुछ चाहा सो किया . इस रोतिसे मन॒ष्यका पुत्र भी उनसे दुःख पावेगा । तब शिष्योंने बुका कि वह १९३ योहन बपतिसमा देनेहारेके विषयमे हमसे कहता है । जब वे लोगेंके निकट पहुंचे तब किसी मनुष्यने योशु १४ प्रास आ घुटने टेकके उससे कहा . हे प्रभु मेरे पुचपर १४ दया कीजिये वह मिर्गीके रोगसे अति पीड़ित है कि बारबार आगमें जझौर बारबार पानीमे गिर पड़ता है। और में उसके झापके शिष्यपोंके पास ल्वाया परन्तु १६ वे उसे चंगा नहीं कर सके । योशुने उत्तर दिया कि १७ हे अविश्वासी और हटठीले तलेोगा में कबत्नों तम्हारे संग रहंगा और कबलों तुम्हारी सहूंगा . उसके यहां मेरे पास लाओ। । तब यीशने भतकोा डांटा और वह १८ उसमेंसे निकला और लड़का उसी घड़ीसे चंगा हुआ। तब शिष्योंने निरालेमें यीशु पास आ कहा हम उस १८ भतको क्यों नहीं निकाल सके । योशने उनसे कहा २० तम्हारे अबिश्वासके कारण क्योंकि में तमसे सत्य कहता हूं यदि तुमका राइके एक दानेके तल्य बिश्वास होय ते तम इस पहाइसे जो कहोगे कि यहांसे वहां चला जा वह जायगा और कोई काम तमसे असाध्य नहीं होगा। तोभी जो इस प्रकारके ह से प्राथंना ओर उप- २१ वास बिना और किसी उपायसे निकाले नहीं जाते हैं। जब वे गालीलमें फिरते थे तब यीशुने उनसे कहा २२ . (८ परब्जे ।] मत्ती । ५५ २३ मनुष्यका पुच्र मनुष्योंके हाथमें पकड़वाया जायगा। वे उसके मार डालेंगे और वह तीसरे टिन जी उठेगा . इसपर वे बहुत उदास हुए । २४ जब वे कफनाहुममे पहुंचे तब मन्द्रिका कर लेनेहारे प्रितरके पास आके बोल्ले क्या तम्हारा गरू मन्दिरका २४ कर नहीं देता है . उसने कहा हां देता है । जब पितर घरमें आया तब यीशुने उसके बालनेके पहित्ने उससे कहा हे शिमान तू क्या समझता है. पृथिवीके राजा लाग कर अथवा खिराज किनसे लेते हैं अपने सन्‍ता- २६ नोंसे अथवा परायोंसे । पितरने उससे कहा परायेंसे . २७ योशुने उससे कहा तब तो सन्‍्तान बचे हुए हैं। तोभो जिस्त हम उनके ठोकर न खिलावे इसलिये त समद्रके तीरपर जाके बंसी डाल ओर जे मछली पहिले निकले उसके ल्ले. त उसका मंह खेोलनेसे एक रुपेया पावेगा उसीको लेके मेरे और अपने लिये उन्हें दे। ९८ अठारहवां पब्बे। १ नम्र हानेक्रा उपदेश । 9 ठाोकर खानेका निष्रेध । ११ खाई हुई भेड़का दुष्टान्त । १५ दोषी भाडेसे फेसा ष्यवहार चाहिये इसका घणेन ओर मंडलोका अंधघकार। २९ कमा करनेका उपदेश ओर निद्दुय दासका दुष्टान्त । १ उसी घड़ी शिष्योने यीशु पास आ कहा स्वगेके राज्यमें २ बड़ा कान है। यीशुने एक बालकके अपने पास बुलाके ३ उनके बीचमें खड़ा किया . और कहा में तुम्हें सच कहता हूं जे तुम मन न फिरावा और बालकोांके समान न हो जावो तो स्वगंके राज्यमें प्रवेश करने न पाओगे। ४ जा काई अपनेके इस बालकके समान दोन करे साई ५दव मत्तो । [१८ पब्बे । स्‍्वगंके राज्यमें बड़ा है। और जो कोई मेरे नामसे एक शेसे बालकके ग्रहण करे वह मुर्के ग्रहण करता है। परन्तु जे काई इन छोटेंमेंसे जे मुकपर विश्वास करते हैं एकके ठाोकर खिलावे उसके लिये भत्ना होता कि चक्कीका पाट उसके गलेमें लटकाया जाता और वह समुद्रके गहिरावमें डुबाया जाता। ठोकरोंके कारण हाय संसार . ठोकरें अवश्य लगेंगीं परन्तु हाय वह मनुष्य जिसके द्वारासे ठोकर लगती है। जो तेरा हाथ अथवा तेरा पांव तुरे ठोकर खिलावे ते उसे काटके फेक दे . लंगड़ा अथवा उुंडा हाोके जीवनमें प्रवेश करना तेरे लिये इससे भल्ला है कि दो हाथ अथवा दो पांव रहते हुए तू अनन्त आगमें डाला जाय । और जे तेरी आंख तुके ठोकर खिलावे तो उसे निकालके फ़रेंक दे . काना होके जीवनमें प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है कि दो आंखें रहते हुए तू नरककी आगमें डाला जाय । देखे कि तुम इन छोटोंमेंसे एककेा तुछ न जानो क्योंकि में तुमसे कहता हूं कि स्वगंमं उनके दूत मेरे स्‍्वगेबासी पिताका मुंह नित्य देखते हैं । मनुष्यका पुत्र खाये हुएका बचाने आया है। तुम क्या समझते हो . जे किसी मनुष्यकी सी भेड़ होवें और उनमेंते एक भटक जाय तो क्या वह निन्नानवेका पहाड़ोंपर छोड़के उस भटकी हुईंका नहीं जाके ढूंढ़ता है। ओर में तुमसे सत्य कहता हूं यदि ऐसा हा कि वह उसके पावे ताजो निन्नानवे नहीं भटक गई थीं उनसे ४ १० १९ १८ पब्ले ।] मत्ती । ४७ १४ अधिक वह उस भेड़के लिये झानन्द करता है। ण्ेसा हो तुम्हारे स्वगेबासी पिताकी इच्छा नहीं है कि इन छेटोंमेंसे एक भी नाश होवे। १४५ यदि तेरा भाई तेरा अपराध करे ते जाके उसके संग एकान्तमें उसके समझा दे. जो वह तेरी सुने ते १६ तूने अपने भाईके पाया है। परन्तु जा वह न सुने ते एक अथवा दो जनके अपने संग तल्ने जा कि दो अथवा १७ तोन साश्ियोंके मुंहसे हर एक बात ठहराई जाय । जो वह उनको न माने तो मंडलीसे कह दे परन्तु जे वह संडत्नीकी भी न माने तो तेरे लेखे देवपृूजक और कर १८ उगाहनेहारासा हाय । में तुमते सच कहता हूं जे कुछ तुम पृथिवीपर बांधागे से स्वगेमें बंधा हुआ हा गा और जे कुछ तुम पृथिवोपर खोलेगे से स्वगेमें खुला हुआ १€ होगा। फिर में तुमसे कहता हूं यदि पृथिवीपर तुममेंसे दा मनुष्य जा कुछ मांगें उस बातके विषयमें एक मन हावें तो वह उनके लिये मेरे स्वगेबासी पिताकी ओरसे २० हो जायगी । क्योंकि जहां दो अथवा तोन मेरे नामपर णकट्रे हावें तहां में उनके बीचमें हूं । २९५ तब पितरने उस पास आा कहा हे प्रभु मेरा भाई के बेर मेरा अपराध करे और में उसके श्॒मा करूं . क्या २२ सात बेरत्नां । योशुने उससे कहा में तुकूसे नहीं कहता २३ हूं किसात बेरत्नों परन्तु सत्तर गुणे सात बेरत्नों। इस- लिये स्वगेके राज्यकी उपमा एक राजासे दिई जातो है २४ जिसने अपने दासोंसे लेखा लेने चाहा। जब वह लेखा लेने लगा तब एक जन जो ट्स सहस्न ताड़े धारता था 0, पद मत्ती । [१८ पब्चे। है ८5 पिद63..2 उसके पास पहंचाया गया। जब कि भर देनेके उस पास २५ कछ न था उसके स्वामीने ज्ञाज्ञा किई कि वह झओोर उसकी सती जझेर लड़के बाले कौर जा कुछ उसका था सब बेचा जाय ओर वह ऋण भर दिया जाय। इसपर २६ उस दासने दंडवत कर उसे प्रणाम किया और कहा हे प्रभु मेरे विषयमें धीरज धरिये में पके सब भर देऊं- गा। तब उस दासके स्वामीने ट्या कर उसे छोड़ दिया २७ जौर उसका ऋण शमा किया । परन्तु उसी दासने श८ बाहर निकलके अपने संगी दासेंमेसे एकके पाया जो उसकी णक से सूकी धारता था ओर उसके पकड़के उसका गल्ना दाबके कहा जो कुछ तू धारता है मुझे दे। इसपर उसके संगी दासने उसके पांवां पड़के उससे बिन्‍्ती २८ कर कहा मेरे विषयमे धीरज धरिये में आपका सब भर देऊंगा । उसने न माना परन्तु जाके उसे बन्दीगृह ३० में डाला कि जबलों ऋणके भर न देवे तबल्नाों वहीं रहे । उसके संगी दास लाग जो हुआ था से देखके ३१ बहुत उदास हुए ओर जाके सब कुछ जा हुआ था अपने स्वामीकेा बताया । तब उस टासके स्वामीने ३२ उसके अपने पास बुलाके उससे कहा हे टुष्र दास तूने ज्ञा मुझसे बिन्ती किई तो मेंने तुझे वह सब ऋण श्मा किया। से जैसा मैंने तुऋपर दया किई वैसा क्या तुके ३३ भी अपने संगी दासपर दया करना उचित न था। और ३४ उसके स्वामीने क्राध कर उसे टंडकारकोंके हाथ सोॉंप टिया कि जबल्नां वह उसका सब ऋण भर न देवे तबत्नों उनके हाथ रहे ! यूंही यदि तुममेंसे हर एक अपने ३४ १६ प्रब्बे ।] मत्तो । ५६ अपने मनसे अपने भाईके अऋपराध श्ामा न करे तो मेरा स्वगंबासी पिता भी तुमसे बैसा करेगा । १८ उनीसवां पब्बे । १ पत्नोंका त्यागनेका निषेध । १३ योशका बालकों का आशोस देना । १६ एक घनवान जवानसे उसको बातचोत । २३ घनो लोागोॉंकों दशाक्ा बरणणन । २७ शिष्पोंके फलको प्रतिज्ञा । १ जब यीशु यह बातें कह चुका तब गालीलसे जाके २ यर्देनके उस पार यिहृदियाके सिवानोंमें काया । और बड़ी बड़ी भीड़ उसके पीछे हो लिदें और उसने उन्हें ३ वहां चंगा किया। तब फरोशियोंने उस पास झआ उसकी परोश्या करनेकेा उससे कहा क्या किसी कारणसे अपनी ४ स्तीका त्यागना मनुष्यका उचित है। उसने उनके उत्तर दिया क्या तुमने नहीं पढ़ा है कि रजनहारने आरंभसे ४ नर ओर नारी करके मनुष्योंक्ा उत्पन्न किया . और कहा इस हेतुसे मनुष्प अपने माता पिताकोा छोड़के आअपनी स्तीसे मिला रहेगा और वे दोनों एक तन होंगे। ६ से वे आगे दा नहीं पर एक तन हैं इसलिये जे। कुछ इंश्व- ७ रने जाड़ा है उसका मन॒ृष्य अलग न करे। उन्होंने उससे कहा फ़िर मसाने क्यों त्यागपत्र देने ओर स्त्रीके त्याग- ८ नेकी आज्ञा किई। उसने उनसे कहा मसाने तम्हारे मनकी कठोरताके कारण तमके अपनो अपनी स्तियां € त्यागने दिया परन्त आरंभसे ऐसा नहीं था | ओर मे तमसे कहता हं कि जो काई व्यभिचारका छोड़ ओर किसी हेतसे अपनी स्वीके त्यागके ट्सरोसे बिवाह करे से। परस्त्रीगमन करता है ओर जे उस त्यागी हुइसे ६० मत्ती । [५६ पब्जे। बिवाह करे से परस्तरीगमन करता है। उसके शिष्योंने १० उससे कहा यदि पुरुषकोा स्तीके संग इस प्रकारका सम्बन्ध है तो बिवाह करना अच्छा नहीं है। उसने उनसे कहा ९१ सब तल्नोग यह बचन ग्रहण नहीं कर सकते हैं केवल वे जिनके दिया गया है। क्यांकि काई काई नपंसक हैं जे ९१२ माताके गर्भसे ऐसेही जन्मे और कोई का ई नपंसक हैं जो मनुष्योंसे नपुंसक किये गये हैं ओर कोई कोई नपुंसक हैं जिन्होंने स्वगेके राज्यके लिये अपनेका नपुंसक किये हैं, ज्ञा इसके ग्रहण कर सके से ग्रहण करे । तब ल्ाग कितने बालकोंका योशु पास लाये कि वह १३ उनपर हाथ रखके प्राथेना करे परन्तु शिष्योंने उन्हें डांटा । यौशने कहा बालकोंकोा मेरे पास आने दो जौर ९४ उन्हें मत बजा क्योंकि स्वगेका राज्य ससांका है । ओर १९४ वह उनपर हाथ रखके वहांसे चत्ला गया । और देखे एक मनुष्यने उस पास जा उससे कहा हे १६ उत्तम गुरु अनन्त जीवन पानेको मैं कानसा उत्तम काम करूं । उसने उससे कहा तू मुर्के उत्तम क्यों कहता है . १७ काई उत्तम नहीं है केवल एक अथात इश्वर . परन्तु जा त जीवनमें प्रवेश किया चाहता है तो आज्ञाओंकोा पालन कर । उसने उससे कहा कान कान आज्ञा . यीशने ९८ कहा यह कि नरहिंसा मत कर परस्त्रीगमन मत कर चोरी मत कर भूटी साथ्यी मत दे . अपने माता पिताका १८ आदर कर और अपने पढ़ासीके अपने समान प्रेम कर । उस जवानने उससे कहा इन सभेोंको मेने अपने २० लड़कपनसे पालन किया हे मर्के कब क्या घटो हे । १६ पब्बे ।] मत्ती । ६१ २९ यीशने उससे कहा जो तू सिट्ठ हुआ चाहता है ताजा अपनो सम्पत्ति बेचके कंगालोंकोा दे और त स्वगेम धन २२ पावेगा जौर आ मेरे पीछे हा ले । वह जवान यह बात सुनके उदास चलना गया क्यांकि उसके बहुत घन था। २३ तब योशने अपने शिष्योंसे कहा मे तमसे सच कह ता हं कि धनवानको स्वगके राज्यमे प्रवेश करना कठिन २४ होगा । फिर भी में तमसे कहता हं कि इंश्व रके राज्यमें धनवानके प्रवेश करनेसे ऊंटका सइके नाकेमेंसे जाना २५ सहज है | यह सनके उसके शिष्योंने निपट अचंभित २६ हा। कहा तब तो किसका चाण हो. सकता है। यीशने उनपर टूप्वि कर उनसे कहा मनुष्योंसे यह अन्हाना है परन्तु इेश्वरसे सब कुछ है। सकता है। २७ तब पितरने उसके उत्तर दिया कि देखिये हम लाग सब कछ छोड़के आपके पीछे हो लिये हें सो हमें क्या शव मिल्लेगा । योशने उनसे कहा में तमसे सच कहता हूं कि नई रुप्रम जब मनुष्यका पत्र अपने एेश्वय्यके सिंहा- सनपर बेठेगा तब तुम भी जो मेरे पीछे हो लिये हो बारह सिंहासनांपर बैठके इस्रायेलके बारह कुल्नांका श€ न्‍याय करोगे । और जिस किसीने मेरे नामके लिये घरों वा भादयों वा बहिनाों वा पिता वा माता वा सती वा लड़कों वा भमिको त्यागा है से से गणा पावेगा और ३० अनन्त जीवनका अधिकारी हेोगा। परन्तु बहुतेरे जा अगले है पिछले होंगे झ्लार जो पिछले हैं अगल्ने होंगे। द्व्र मत्ती । [२० पब्ले । २० बीसवां पब्बे । गुहस्थके बनिहारोंका दुष्ट्रान्च । १७ योशका अपनो मृत्युका भविष्यद्बाक्य कदहना। ३० दा शिष्यांक्रो ब्न्ताक्रा उत्तर दना ॥ २४ दीन ह्ानक्रा उप्रश । २९ याशक्रा दा अध्याक ननत्र खालना । स्‍्वगेका राज्य किसी गृहस्थके समान है जा भारकोा निकला कि अपने दाखकी बारीमें बनिहारोंकेा लगावे। कौर उसने बनिहारोंके साथ दिनभरकी एक एक सूकी मजूरी ठहराके उन्हें अपने दाखको बारीमें भेजा। जब / बे 3 बस कक की पहर एक दिन चढ़ा तब उसने बाहर जाके ओरोंकोा चैकमें बेकार खड़े देखा . आर उनसे कहा तुम भी दाखकी बारीमें जाओ और जे कुछ उचित होय में तुम्हे देऊंगा . से वे भी गये । फिर उसने टूसरे ओर तोसरे पहरके निकट बाहर जाके वैसाही किया । घड़ी एक दिन रहते उसने बाहर जाके औरोंकेा बेकार खड़े पाया और उनसे कहा तुम क्यों यहां दिन भर बेकार खड़े हो । उन्होंने उससे कहा किसीने हमके काममे नहीं लगाया है . उसने उन्हें कहा तम भी दाखको बारोमें जाओ ज्ैर जे। कुछ उचित होय से पाओगे। जब सांक हुई तब टाखकी बाराके स्वामीने अपने भंडारोसे कहा बनिहारोंका बुलाके पिछलेंसे आरंभ कर अगलों- तक उन्हें मजूरी दे। से जे लेाग घड़ी एक दिन रहते कामपर आये थे उन्होंने आके एक एक सूको पाई। तब अगले आये और समभका कि हम अधिक पावेंगे परन्तु उन्होंने भी एक एक सकी पाई। इसके लेके वे उस गृह- स्थपर कडकड़ाके बोलने . इन पिछलेोंने एकही घड़ी काम किया जोर आपने उनके हमारे तल्य किया है जिन्‍्हें- न्क २० प्रब्बे ।] मत्ती । ६३ १३ ने दिनभरका भार और घाम सहा। उसने उनमेंसे एकके उत्तर दिया कि हे मित्र में तकसे कछ अनीति नहीं करता हूं . क्या तूने मुझसे एक सकी ल्लेनेका १४ न ठहराया । अपना ले और चत्ना जा . मेरी इच्छा है कि जितना तुकका उतना इस पिछलेको भी देऊं। १४ क्या मुर्के उच्चित नहीं कि अपने धनसे जो चाहं से करूं . क्या तू मेरे भल्ते हानेके कारण बुरी टप्मिसे १९६ देखता है। इस रोतिसे जा पिछले हैं सो अगले होंगे ओर जा अगल्ने ह सा पिछले होंगे क्योंकि बुलाये हुए बहुत हैं परन्तु चुने हुए थोड़े हैं । १७ यीशुने यिरुशलीमको जाते हुए मागेमें बारह शिष्यों- ९८ के णकांतमें ल्ले जाओ उनसे कहा . देखा हम यिरू शल्नी म- का जाते हैं और मनुष्यका पुत्र प्रधान याजकों और अध्यापकोांके हाथ पकड़वाया जायगा और वे उसके १८ बधके योग्य ठहरावेंगे . ओर उसके अन्यदेशियोंके हाथ सोंपगे कि वे उससे ठट्टा करें ओर कोड़े मारें और क्रूशपर घात करें . परन्तु वह तोसरे दिन जी उठेगा। २० तब जबदीके पुत्रांकी माताने अपने पुत्रोंके संग यीश २९ पास आ प्रणाम कर उससे कुछ मांगा । उसने उससे कहा तू क्या चाहती है . वह उससे बाली आप यह कहिये कि आपके राज्यमें मेरे इन दो पुन्नोंमेंसे एक २२ आपकी टदहिनी ओर और टूसरा बाई ओर बेठे। यीशने उत्तर दिया तुम नहों बूकते कि क्या मांगते हा . जिस कटोरेसे में पीनेपर हूं क्या तुम उससे पी सकते हा और जे बपतिसमा में लेता हूं क्या तुम उसे ल्ले सकते हो. ६४ मत्ती । [२० पब्जे। उन्होंने उससे कहा हम सकते हैं। उसने उनसे कहा तुम २३ मेरे कटोरेसे तो पीओगे और जे बपतिसमा में लेता हूं उसे लेओगे परन्तु जिन्हांके लिये मेरे पितासे तैयार किया गया है उन्हें छोड़ और किसीके अपनी दहिनी और अपनी बाई ओर बैठने देना मेरा अधिकार नहीं है। यह सुनके द्से शिष्य उन दोनों भाइयोंपर रिसिझ्ये। २४ यीशुने उनके अपने पास बुलाके कहा तुम जानते हा कि २४ अन्यदेशियोंके अध्यक्ष ल्लाग उन्हें पर प्रभुता करते हैं और जो बढ़े हैं सा उन्हांपर अधिकार रखते हैं। परन्तु तुम्हेंमें २६ रेसा नहीं होगा पर जा कोई तुम्हींमें बड़ा हुआ चाहे सा... तुम्हारा सेवक हा वे । ओर जो कोई तुम्हेंमें प्रधान हुआ २७ चाहे से तुम्हारा दास हावे। इसी रोतिसे मनुष्यका पुच र८ सेवा करवानेको नहीं परन्तु सेवा करनेके और बहुतोंके उद्वारके दाममें अपना प्राण देनेके आया है। जब वे यिरोहे नगरसे निकलते थे तब बहुत २< ल्लाग यीशुके पीछे हो लिये | ओर देखा दा अंधे जो ३० मागेकी ओर बेठे थे यह सुनके कि यीोशु जाता है पुकारके बोले हे प्रभु दाऊदके सन्‍तान हमपर दया कीजिये ॥ त्लागोंने उन्हें डांटा कि वे चुप रहें परन्तु उन्हेंने अधिक ३९ पुकारा हे प्रभु दाऊदके सन्‍तान हमपर दया कोजिये। तब योशु खड़ा रहा और उनके बुलाके कहा तुम ३२ क्या चाहते हो कि में तुम्हारे लिये करूं। उन्हेंने उससे ३३ कहा हे प्रभु हमारो आंखें खुल जायें। यीशुने दया ३४ कर उनकी आंखे छूद्ें आर वे तुरन्त आंखेंसे देखने लगे और उसके पीछे हा लिये । २१९ पव्के। ] मत्ती । ६५ ले * ८ २१२९ इकइसवा पब्न॥। १ योशक्रा यिरुशलोमम जाना । १२ ब्येपारियोंकीा मन्दि रसे निकालना और आश्च प्प कम्मे वहां करना । ९८ ग़लरके वुक्षका खलाप देना और विश्ञवासके गणका बखान करना । २३ प्रधान याजकांका निरुत्तर करना । र८ दो प॒त्रोंका दष्टान्त | ३३ - दृष्ट मालियोंका दष्टान्त । १ जब वे यिरुशलीम के निकट आये और जैतन पब्बेतके समीप बैतफगी गांव पास पहुंचे तब यीशुने दो शिष्योंका २ यह कहके भेजा . कि जो गांव तम्हारे सन्‍मख हे उसमें जाओ ओर तुम तुरन्त एक गधीको बंधी हुई और उसके ३ साथ बच्चेका पाओगे उन्हें खालके मेरे पास लाओ। जे तुमसे काईं कुछ कहे ते कहे कि प्रभुका इनका प्रयाजत्त ४ है तब वह तरन्‍्त उनके भेजेगा । यह सब इसलिये हज कि जे बचन भविष्यद्क्तासे कहा गया था से प्रा ५ होवे . कि सियानकी पचीसे कहे देख तेरा राजा नम्र आर गदहेपर हां लाटूके बच्चेपर बेठा हुआ तेरे पास ६ आता है। सो शिष्यांने जाके जैसा यीशने उन्हें आज्ञा ७ दिद बेसा किया । और वे उस गदहीकेा और बच्चेका लाये ओर उनपर अपने कपड़े रखके यीशका उनपर ८ बेठाया । ओर बहुतेरे लागोंने अपने अपने कपड़े मागेम बिछाये ओर आओरोंने वृश्षेंसे डाल्लियां काटके मागमे बि- € छादें। और जो लग आगे पीछे चलते थे उन्होंने पुकारके कहा दाऊदके सन्‍तानकी जय . धन्य वह जे परमेश्वर के नामसे आता है . सबसे ऊंचे स्थानमें जयजयकार हेवे। १० जब उसने यिरूशत्नीममें प्रवेश किया तब सारे नगरके १९ निवासी घबराके बाले यह कोन है। लागोंने कहा यह गालीलके नासरत नगरका भविष्यद्रक्ता यीशु है । 9 द््द्व मत्ती । [२१ पब्ने । यीशने इंश्वरके सन्दिरस जाके जो लाग मन्द्रम १२ बेचते ओे मोल लेते थे उन सभोंकेा निकाल दिया ओर सरोफोके पीढ़ें के जैर कपेतोंके बेचनेहाराोंकी चेकि- योंकेा उलट दिया . और उनसे कहा लिखा है कि मेरा १३ घर प्राथेनाका घर कहावेगा . परन्तु तुमने उसे डाकूओं- का खेोह बनाया है। तब अन्‍न्धे और लंगड़े उस पास ९४ मन्दिरमें कराये ओर उसने उन्हें चंगा किया। जब प्रधान १५ याजकों और अध्यापकांने इल आश्चय्ये कम्मांके जो उसने किये ज्लौर लडकोंका जे मन्द्रमें दाऊदट्के सन्‍तान- की जय पकारते थे टेखा तब उन्होंने रिसियाके उससे कहा क्या त सनता कि ये क्या कहते हैं। योशने उनसे १६ कहा हां . क्या तमने कभी यह बचन नहों पढ़ा कि बालकों और टूघ पीनेहारे लड़कोंके मुंहसे तूने स्तुति करवाई है । तब वह उन्हें छोड़के नगरके बाहर १२७ बैयनियाकेा गया खैर वहां टिका । भारका जब वह नगरकेा फिर जाता था तब उसके ५८ भूख लगी । ओर मागेमें एक गलरका वृक्ष देखके बह १८ उस पास जाया परनन्‍त उसमे ओर कछ न पाया केवल पत्त आर उसके कहा तुकमे फ़िर कभी फल न लगे इसपर गलरका वृध्त तरनन्‍्त सख गया । यह देखके शि- २० प्योंने अचंभा कर कहा गलरका वृश्व क्याही शीघ्र सख गया । यीशने उनके उत्तर दिया कि में तमसे सच कहता २१ हूं जो तुम बिश्वास करो और सन्‍्दृह न रखे ते जे इस गूलरके वृश्यसे किया गया है केवल इतना न करोगे परन्तु यदि इस पहाड़से कहे! कि उठ समुद्र्मं गिर पड़ ते २१ परब्जे ।] मत्ती । ६० २२ वैसाही होगा। और जो कुछ तुम बिश्वास कर के प्रारेना में मांगाोगे सा पाओगे। २३ जब वह मन्दरमें गया और उपदेश करता था तब त्लागोंके प्रधान याजकों और प्राचीनोंने उस पास आा कहा तुके ये काम करनेका कैसा अधिकार है और यह २४ अधिकार किसने तेकके दिया। यो शने उनके उत्तर दिया कि में भो तुमसे एक बात पूछूंगा जे तुम मुक्के उसका उत्तर देझे तो में भी तम्हे बताऊंगा कि म॒र्भे ये काम करनेका २४ केसा अधिकार है। याहनका बपतिसमा देना कहांंसे हुआ स्वगेकी अथवा मनुष्योंकी ओरसे . तब वे आपसमें बिचार करने लगे कि जे। हम कहें स्वगेकी झेरसे ते वह हमसे कहेगा फिर तुमने उसका बिश्वास क्यों नहीं किया। २६ और जो हम कहें मनुष्योंकी ओरसे ते हमें ल्लेागोंका डर «७ है क्योंकि सब लोग येहनके भविष्यद्क्ता जानते हैं। से उन्होंने यीशका उत्तर दिया कि हम नहों जानते . तब उसने उनसे कहा तो में भी तुमका नहों बताता हूं कि मरे ये काम करनेका केसा अधिकार हे । २८ तम क्या समभते हो . किसी मन॒ष्यके दा पच ये और उसने पहिलेके पास आ कहा हे पुत्र झ्जाज मेरी दाखकी ४८ बारीमें जाके काम कर। उसने उत्तर दिया मैं नहीं जाऊंगा ३० परन्त पोछे पछताके गया। फिर उसने ट्सरेके पास आ- के वैसाही कहा . उसने उत्तर दिया है प्रभु में जाता हूं परन्त गया नहीं। इन दोानोंमेंसे किसने पिताको इच्छा परी किई . वे उससे बाले पहिल्लेने . योशने उनसे कहा मे तमसे सच कहता हं कि कर उगाहनेहारे और बेश्या तम- ७७ श्र द्व्प मत्ती । [२१ पब्ले । से आगे इेश्वरके राज्यमें प्रवेश करते हैं। क्योंकि योेहन ३२ धम्मेके मागेसे तुम्हारे पास आया और तुमने उसका बिश्वास न किया परन्तु कर उगाहनेहारों और बेश्या- आने उसका विश्वास किया और तुम लेाग यह देखके प्रोढेसे भी नहीं पछताये कि उसका बिश्वास करते । णक और टूप्ान्त सुना . एक गृहस्थ था जिसने दाखकी ३३ बारी लगाई और उसके चहं ओर बेड़ दिया और उसमें रसका कुंड खोदा और गढ़ बनाया और माल्ि- योंके उसका ठोका दे परदेशक्ा चल्ला गया। जब ३४ फलका समय निकट आया तब उसने अपने दासोंकोा उसका फल लेनेकेा मालियोंके पास भेजा | परन्तु ३५ मालत्रियोंने उसके दासेंका लेके एककेा मारा टूसरेका घात किया ओर तीसरेके पत्थरवाह किया । फिर ३६ उसने पहित्ने दासांसे अधिक टूसरे दासोंका भेजा और उन्होंने उनसे भी वेसाही किया। सबके पीछे उसने यह ३७ कहके अपने पुत्रका उनके पास भेजा कि वे मेरे पुच॒का आदर करेंगे। परन्तु मालियोंने उसके पुच॒का देखके इ८ आपसमें कहा यह ते अधिकारी है आओ हम उसे मार डाल और उसका अधिकार ले लेवें। और उन्होंने उसे ३८ लेके टाखको बारी से बाहर निकालके मार डाला। इस- ४8० लिये जब दाखको बारीका स्वामी आवेगा तब उन मालियेंसे क्या करेगा। उन्होंने उससे कहा वह उन बुरे ४९ लागेंकेा बुरो रीतिसे नाश करेगा और दाखकी बारीका ठीका टूसरें मालियोंका देगा जे फलोंके उन्तके समयोंमें उसे दिया करेंगे । यीशुने उनसे कहा क्या तुमने कभी ४२ रर पब्ले ।] मत्ती । ६६ धम्मेपुस्तकरमें यह बचन नहों पढ़ा कि जिस पत्परकोा थवइयोंने निकम्मा जाना वही कानेका सिरा हुआ है . यह परमेश्वरका काय्ये है और हमारी टूप्मिमं अठ्ृत है। ४३ इसलिये में तुमसे कहता हूं कि इश्वरका राज्य तुमसे तने लिया जायगा ओआर और लेगेंके दिया जायगा जे। उसके ४४ फ़ल दिया करेगे। जे इस पत्थरपर गिरेगा सो चर हो जायगा और जिस किसीपर वह गिरेगा उसके पीस डाल्ले- ४ गा। प्रधान याजकों ओर फरोशियोंने उसके ट्र॒प्नान्तांका ४६ सनके जाना कि वह हमारे विषययमें बेलता है । और उन्होंने उसे पकड़ने चाहा परन्तु लागोंसे डरे क्योंकि वे उसके भविष्यद्ुक्ता जानते थे । २२ बाइईसवां पब्बे । १ बिवाहके भाजका दफष्परान्त । १५ योशका कर देनेके विप्रयम फरोशियोंका निरु तर करना । २३ जो उठनेके विषयम सदक्कियेंका निरुत्तर करना। ३४ श्रेष्ठ आज्ञा के विषयम ब्यवस्थापकका उत्तर देना । ४१ अपनों प्रदव्वोके विषयमे फरोशियों का निरूत्तर करना । $ इसपर यीशुने फिर उनसे टूप्ान्तोंमें कहा. स्वगके राज्यकी उपमा एक राजासे टिईद जाती है जे अपने ३ पुचर॒का बिवाह करता था। ओर उसने अपने दासोंकोा भेजा कि नेवतहरियोंका बिवाहके भेजमें बुलावें परन्तु 8 उन्होंने आने न चाहा | फिर उसने टूसरे दासांका यह कहके भेजा कि नेवतहरियोंसे कहो देखो मैंने अपना भेज तैयार किया है और मेरे बैल और मोटे पश मारे गये है ओर सब कुछ तेयार हे बिवाहके भाजमें आओ। ५ परनन्‍्त नेवतहरियोंने इसका कुछ सोच न किया पर कोई अपने खेतकेा झोर कोई अपने ब्योपारकोा चल्ले गये। ७0 मत्ती । [२२ परब्जे । औरोंने उसके दासांका पकड़के दुर्देशा करके मार डाला । यह सुनके राजाने क्राध किया और अपनी सेना भेजके उन हत्यारोंका नाश किया और उनके नगरके फूंक दिया । तब उसने अपने टासोंसे कहा बिवाहका भाज ता तेयार है परन्त नेवतहरी योग्य नहीं ठटहरे। इस- लिये चोाराहेंमें जाके जितने लग तम्ह मितल्ले सभोकोा दर छ बवाहक भाजम बलाजझा। सा उत्त दासान सागाम जाक १० क्या बुरे क्या भत्ने जितने उन्हें मिले सभोंके एकट्रे किया झखोर बिवाहका स्थान जेवनहरियोंसे भर गया । जब १९१ 65.८2... राजा जवनहारयात्रा दखनका भातर जाया तब उसन वहा एक मनुष्यका दखा जा ॥बवाहाय बस्तर हीं पहिने हुए था। उसने उससे कहा हे मित्र तू १२ यहां बिना बिवाहीय बस्त्र पहिने क्यांकर भीतर आया . वह निरूत्तर हुआ । तब राजाने सेवकोंसे कहा १३ इसके हाथ पांव बांधा औऔर उसके ले जाके बाहरके अंधकारमें डाल देझे जहां रोना ओे दांत पीसना हागा। बक्येंकि बुलाये हुए बहुत है परन्तु चुने हुए १९४ बा 5 यथाड ह। तब फरोशियोंने जाके झापसमें बिचार किया इस- १५ लिये कि योशुका बातमें फंसावें । से उन्होंने अपने १२६ शिष्योंका हेरोटियोंके संग उस पास यह कहनेकेा भेजा कि हे गुरु हम जानते हैं कि आप सत्य हैं ओर इश्वर- का मागे सत्यतासे बताते हैं ख्रेर किसीका खटका नहीं रखते हैं क्योंकि आप मनुष्योंका मुंह देखके बात नहीं करते हैं। सो हमसे कहिये आप क्या समझते हैं , २७ २२ प्ले !] मत्ती । 9१ ९८ कैसरका कर देना उचित है अथवा नहीं। यीशुने उनकी टुषप्ृता जानके कहा हे कपटियो मेरी परीक्षा क्यों करते ९८ हो । करका मुद्रा मरे दिखाओे . तब वे उस पास २० एक सको लाये । उसने उनसे कहा यह मत्ति ओर २९ छाप किसकी है। वे उससे बोले कैसरकी . तब उसने उनसे कहा तो जो कैसरका है से कैसरके देओ और २२ जो इश्वरका है सो इंश्वरका देशे । यह सुनके वे अचंभित हुए ओर उसके छोड़के चलने गये । २३ उसी दिन सटूकी लाग जो कहते हैं कि मृतकांका जी उठना नहीं होगा उस पास आये और उससे पूछा . २४ कि हे गुरु मूसाने कहा यदि कोई मनुष्य निःसन्तान मर जाय ता उसका भाई उसकी स्त्ीसे बिवाह करे और २४ अपने भाईके लिये बंश खड़ा करे। से हमारे यहां सात भाई थे . पहिल्ले भाईने बिवाह किया और निःसनन्‍्तान मर जानेसे अपनी स्तीकेा अपने भाईके लिये छोड़ा । २६ ट्सरे और तीसरे भाईने भी सातवें भाईतक वेसाही इंटे किया । सबके पीछे स्‍त्री भी मर गई । से मृतकोंके जी उठनेपर वह इन सातोंमेसे किसको सती होगी क्योंकि २८ सभोंने उससे बिवाह किया । यीशने उनके उत्तर दिया कि तुम धम्मेपुस्तक और देश्वरकी शक्ति न बूकके भूल्में ३० पढ़े हा । क्योंकि मृतकांके जो उठनेपर वे न बिवाह करते न बिवाह दिये जाते हैं परन्‍्त स्वगेमें इश्वरके टूतोंके ३९ समान हैं । मृतकोंके जी उठनेके विषयमे क्या तुमने यह ३२ बचन जो इंश्वरने तुमसे कहा नहीं पढ़ा है . कि में इज़ाहीसका ईश्वर और इसहाकका इंश्क्र ओर याकूबका ७२ मत्री । [२२ पब्जे । इंश्बर हं . इेश्वर मृतकांका नहीं परन्त जीवतोंका इंश्वर है। यह सुनकर लाग उसके उपदेशसे अचंभित इ३ हुए । जब फरीशियोंने सना कि यौशने सटकियोंकेा निरू- ३४8 त्तर किया तब वे एकट्रे हुण। ओर उनमेसे एकने जो ३५ ब्यवस्थापक था उसको परोश्या करनेकेा उससे पूछा . हे ३६ गरू ब्यवस्थामें बडी आज्ञा कान है। यीशने उससे कहा त्‌ ३७ परमेश्वर अपने इंश्वरकेा अपने सारे मनसे ओर अपने सारे प्राणसे खार अपनी सारो बुट्िसे प्रेम कर । यही इ८ पहिली औ बड़ी आज्ञा है। और दूसरी उसके समान ३< है अथात तू अपने पड़ासीकेा अपने समान प्रेम कर। इन दो आज्ञाओंसे सारो ब्यवस्था ओ भविष्यद्क्ताओंका ४० पुस्तक सम्बन्ध रखते हैं । फरोशियोंके एकट्ठें होते हुए यीशुने उनसे पूछा . ४१ खीपृके विषयमें तुम क्या समझते हा वह किसका पुत्र ४२ है. वे उससे बाल्ले टाऊदका। उसने उनसे कहा ता दाऊद ४३ ब्ंयांकर आत्माकी शिक्षासे उसके प्रभ कहता है. कि ४४ परमेश्वरने मेरे प्रभसे कहा जबलेों मे तेरे शचआओंकेा तेरे चरणोंकी पीढ़ी न बनाऊं तबत्नीं तू मेरी दहिनी ओर बैठ । यदि दाऊद उसे प्रभु कहता है ता वह उसका ४४ पुत्र क्यांकर है। इसके उत्तरमें कोई उससे एक बात ४६ नहों बेल सका और उस दिनसे किसीके फ़िर उससे कुछ पूछनेका साहस न हुआ । ए [आ २३ प्ले ।] मत्तो । ७३ २३ तेईसवां पब्थे। १ ग्रध्यापक्षाक्ता शक्षा आर बालयालक विषयर्स याशक्रा उपदश ।१३ उसका अध्धा- 47० ७7 प्रक्कता आर फ़राशयाक्रा उलहना दना । ३४ ययरुशला मक नाश हानंकरा भसावष्यद्राणा ॥ १ तब योशने लागांसे ओर अपने शिष्योंसे कहा . २ अध्यापक और फरीशी लेाग मसाके आझ्ासनपर बेठे हैं। ३ इसालये जो कुछ वे तम्ह माननेकेा कहे सो माना झौर पालन करो परन्‍्त उनके कम्मांके अनसार मत करो ४ क्याक वे कहते ह ओर करते नहों। वे भारो बारे बां- धते है जिनके उठाना कठिन है ओर उन्हें मनुष्योके कांधेंपर धर देते हैं परन्तु उन्हें अपनी उंगलीसे भी सर- ४ काने नहीं चाहते हैं। वे मनुष्योंके दिखानेके लिये अपने ६ सब कम्मे करते हैं। वे अपने यन्त्रोंका चाड़े करते हैं और ७ अपने बस्तोंके आंचल बढ़ाते हैं। जेवनारोंमें ऊंचे स्थान और सभाके घरोंमें ऊंचे आसन झऔर बाजारोंमें नम- स्कार श.लर मनष्योंसे गरछ गरू कहलाना उनके प्रिय ८ लगते है । परन्‍त तम गरु मत कहलाओ व्यांकि तम्हारा € एक गुरु हे अथात खीपू ओर तुम सब भाई हा । ओर . पृथिवीपर किसीकेा अपना पिता मत कहो क्योंकि १० तम्हारा णक पिता है अथात वहा जो स्वगेम है। आर गरू भी मत कहलाओ क्येकि तम्हारा एक गरु है अ्थात १९ खोष्च । ज्ञो तम्होंमे बड़ा हो से तुम्हारा सेवक होगा। १२ जो का ई अपने के ऊंचा करे से सोचा किया जायगा ओर जे काई अपनेके नीचा करे से ऊंचा किया जायगा। १३ हाय तुम कपटी अध्यापका और फरीशियो तुम मनुष्योंपर स्वगेके राज्यका ट्वार मन्दते है . न आपही * 0 ५8 मत्ती । [२३ पब्ने । उसमें प्रवेश करते हो झार न प्रवेश करनेहारोंको प्रवेश करने देते हा। हाय तुम कपटी अध्यापका और फरी- १४ शिया तुम बिधवाओंके घर खा जाते हा और बहानाके लिये बड़ी बेरलों प्राथेना करते हो इसलिये तुम अधिक दंड पाओगे। हाय तम कपटी अध्यापका और फरी शिया १५ तम एक जनके अपने मतमें लानेकेा सारे जल जो थल- में फिरा करते हो और जब वह मतमें आया है तब उसकेा अपनेसे टू्ना नरकके योग्य बनाते हा । हाय १६ तम अन्धे अगवा जो कहते हो यदि काई मन्टिरकी किरिया खाय ता कछ नहों है परन्‍्त यदि काई मन्दिर- के सानेकी किरिया खाय ता ऋणी हे। हे मरा खौर १९७ अन्धा कान बड़ा हे वह साना अथवा वह मन्दिर जो सेानेकेा पविच करता है। फिर कहते हो यदि काई ९८ बेदीकी किरिया खाय तो कुछ नहीं है परन्तु जे। चढ़ावा बेदीपर है यदि काई उसकी किरिया खाय ता ऋणी है। हे मरा ओर अन्धा कान बढ़ा है वह चढ़ावा १८ अथवा वह बेदी जे चढ़ावेके पविच करती है। इसलिये २० 'ज्ञा बेदीकी किरिया खाता है से उसकी किरिया और जे कुछ उसपर है उसकी भी किरिया खाता है। और २१२ ज्ञा मन्दटिरकी किरिया खाता है सो उसकी किरिया और जे उसमें बास करता है उसकी भी किरिया खाता है ॥ और जो स्वगेकी किरिया खाता है से इश्वरके सिंहा सन- ४२ की किरिया और जे उसपर बेठा है उसकी भो किरिया खाता है। हाय तुम कपटी अध्यापका और फरीशिये २३ तुम पाोदीने ओर सेए और जीरेका दसवां अंश देते है। २३ पब्बे ।] मत्ती । ७ परन्तु तुमने व्यवस्थाकी भारी बातोंका अभथात न्याय और दया और बिश्वासके छोड़ दिया है . इन्हें करना और २४ उन्हें न छोड़ना उचित था। हे अन्धे अगुवा जो मच्छर का २४ छान डालते हो और ऊंटकेा निगलते हो । हाय तुम कपटी अध्यापका और फरीशिये तुम कटोरे और पाल- . को बाहर बाहर शुट्ठु करते हो परन्तु वे भीतर अन्धेर र६ और अन्यायसे भरे हैं। हे अन्धे फरीशी पहिले कटोरे और थालके भीतर श्र कर कि वे बाहर भी शूट्ु हो वें। २७ हाय तुम कपटी अध्यापका और फरीशिये तुम चूना फेरी हुईं कबरोंके समान हो जे। बाहरसे सुन्दर दिखाई देती हैं परन्तु भीतर मृतकांकी हड्डियेंसे और सब प्रकार- श८ की मल्लिनतासे भरी हैं। इसी रीतिसे तुम भी बाहरसे मनुष्यांका धर्म्मी दिखाई देते हा परन्तु भीतर कपट और २८ अधम्मेंसे भरे हो । हाय तुम कपटी अध्यापका और फरीशियो तुम भविष्यट्रक्ताओंकी कबरें बनाते है| और ३० धम्सियांकी कबरें संवारते हो . और कहते हा यदि हम अपने पितरोंके दिनेंमे होते ता भविष्यद्रक्ताओंका लाह ३१ बहानेमें उनके संगी न हाते। इससे तुम अपनेपर साथी देते हो कि तुम भविष्यदुक्ताओंके घातकोंके सन्‍्तान व हो। से तुम अपने पितरोंका नपुआ भरो। है सांपो हे सप्पांके बंश तुम नरकके दंडसे क्यांकर बचोगे। ३४. इसलिये देखो में तुम्हारे पास भविष्यदुक्ताओं और बदिमानों और अध्यापकोंका भेजता हूं आर तुम उन- मेंसे कितनेांके मार डालेागे और क्रूझअपर चढ़ाओगे और कितनेंके अपनी सभाओंमे केाड़े मारागे और नगर 5द्ठ म्त्तों । [२४ पब्जे । नगर सताझोगे . कि धर्म्मी हाबिलके लेहसे लेके बर- ३४ खियाहके पुच्र जिखरियाहके लेहतक जिसे तुमने मन्दिर और बेदीके बीचमें मार डाला जितने धम्मियोंका लेहू पृथिवीपर बहाया जाता है सब तुमपर पड़े । में तुमसे ३६ सच कहता हूं यह सब बातें इसी समयके लोगोंपर पड़ेंगीं। हे यिरूशल्तीम यिरूशल्लीम जे। भविष्यद्ुक्ता- ३७ ओंका मार डालती है और जो तेरे पास भेजे गये हैं उन्हें पत्यरवाह करती है जैसे मुर्गों अपने बच्चोंकोा पंखेंके नीचे एकट्रे करती है वेसेही मेंने कितनी बेर तेरे बाल- का एकट्रे करनेकी इच्छा किई परनन्‍्त तुमने न चाहा। देखा तम्हारा घर तुम्हारे लिये उजाड़ छोड़ा जाता है। इ८ क्योंकि में तुमसे कहता हं जबल्नां तुम न कहेगे धन्य ३६८ वह जो परमेश्वरके नामसे आता हे तबलों तुम मुफ्त अबसे फिर न देखोगे। २४ चाबीसवां पब्बे । १ मन्दिस्के नाश होनेक्रों भविष्यद्वाणों। ३ उस समयके चिन्ह । € शिप्योंपर उप्रद्रव्न होगा । १५ यिहदी लाग बड़ा कष्ट पाब्ेंगे | २३ कठे स्बोष्ट प्रगाठ छेंगे । ०४ मसनष्यक्र पत्रक आनंका बणेन । ३२ ग़लरक टाक्षक्रा दष्ठान्त । इ६ जलप्रलयसे उस समयक्रा उत्मा । ४२ सचत रहनकरा उप आर दासाका दष्टान्त ॥ जब यीश मन्दिरसे निकलके जाता था तब उसके ५९ शिष्ष्य ज्लाग उसके मन्दटिरकी रचना दिखानेके उस पास आये । यीशुने उनसे कहा क्या तुम यह सब नहीं २ देखते हो . में तुमत्ते सच कहता हूं यहां पत्थरपर पत्थर भी न छोड़ा जायगा ज्ञो गिराया न जायगा । जब वह जेतून पब्बेतपर बैठा था तब शिष्योंने निराले ३ में उस पास ज्ञा कहा हमेंसे कहिये यह कब होगा ओर २४ परब्बे ।] मत्ती । ७७ ८ । द आपके आनेका खैर जगतके अन्तका क्या चिन्ह हागा। यीशुने उनके उत्तर दिया चाकस रहे कि कोई तुम्हें न भरमावे। क्योंकि बहुत लग मेरे नामसे आके कहेंगे में खीघ हूं और बहुतोंकेा भरमावेंगे । तुम लड़ाइयां ओर लड़ाइयोंकी चचोा सुनागे . देखा मत घबराओ व्यांकि इन सभोंका होना अवश्य है परन्तु अन्त उस समयमें नहीं होगा । क्याेंकि देश देशके ओर राज्य राज्यके बिझरूठु उठेंगे और अनेक स्पानेंमें अकाल और मरियां और भरदेंडोल होंगे। यह सब टःखोंका आरंभ होगा । तब वे तम्ह पकड़वायेंगे कि क्लेश पावा ओर तम्हे मार डालगे और मेरे नामके कारण सब देशेंके लाग तमसे बेर करेंगे । तब बहतेरे ठोकर खायेगे और एक ट्सरेका पकड़वायगा और एक ट्सरेसे बेर करेगा। और बहुतसे भकूठे भविषध्यदुक्ता प्रगट हा के बहुतेंका भरमावेंगे। ओर अधम्मेके बढ़नेसे बहुतोंका प्रेम ठंडा हा जायगा। पर जे अन्‍्तलों स्थिर रहे साई चाण पावेगा। और रा- ज्यका यह सुसमाचार सब देशोंके लेगेंपर साथी होनेके लिये समस्त संसारमे सुनाया जायगा . तब अन्त हागा। से। जब तुम उस उजाडनेहारो घिनित बस्तुके जिस- की बात दानियेल भविष्यदुक्तासे कही गईं पविच स्पा नमें खड़े होते देखा (जे पढ़े से बुरे) . तब जे यिहृदियामें हों सा पहाड़ोंपर भागें। जो केाठेपर हा से अपने घर- मेंसे कुछ लेनेके न उतरे। और जे खेतमें हा से अपना बस्च लेनेकेा पीछे न फिरे । उन दिनेमे हाय हाय गर्भे- वतियां ओर टूघ पिलानेवालियां । परन्तु प्राथेना करो छ्८ मत्तों । [२४ पतले | कि तमकोा जाड़ेम झयवा बि्रामवारम भागना न होवे। क्योंकि उस समयम एेसा महा क्लश होगा जेसा जगतके २९ आरभसे अबतक न हुआ ओर कभो न होगा। जो वे २२ दिन घटाये न जाते तो कोई प्राणी न बचता परन्तु चुने हुए लागोंके कारण वे दिन घटाये जायेंगे । तब यदि कोई तुमसे कहे देखे खीपृ यहां है अयवा २३ वहां है ता प्रतीति मत करो । क्योंकि भूठे खीघप्र और २४ झूठे भविष्यद्ुक्ता प्रगट होके णेसे बड़े चिन्ह और अद्भुत काम दिखावेगे कि ज्ञो हे सकता ता चुने हुए ल्ला- गोंका भी भरमाते। देखे मेने आगेसे तम्हें कह दिया २५ है । इसलिये जो वे तुमसे कहें देखा जंगलमें है ते बाहर २६ मत जाओ अथवा देखे केाठरियोंम है तो प्रतीति मत करो । क्योंकि जेसे विजली पब्बेसे निकलती झखऔर २७ पश्चिमलों चमकती हे वेसाही मनष्यके पका आना भी हाोगा। जहां कहाँ लाथ हाय तहां गिटु एकट्ू होंगे। शद उन दिनोंके क्लेशके पीछे तुरन्त सूय्य अधियारा हो २< जायगा और चांद अपनी ज्योति न देगा तारे आका शसे गिर पड़ेंगे और आकाशकोी सेना डिग जायगी । तब ३० मनुष्यके पुचका चिन्ह आकाशर्म दिखाई देगा और तब पृथिवीके सब कुलोंके लाग छातो पीटगे ओर मनुष्यके पुच्रका पराक्रम ओर बड़े ऐेश्वय्यसे आकाशके मेघोंपर आते देखेंगे । और वह अपने टूतांका तुरहीके महा शब्द ३१ सहित भेजेगा और वे आकाशके इस सिवानेसे उस सिवानेतक चहूं दिशासे उसके चुने हुए लेागोंका एक करेगे । २४ पब्न ।] मत्ती । छ& ३४२ गलरके वृश्षसे ट्रप्वान्त सीखे . जब उसको डाली केामतल हा जाती ओर पत्ते निकल आते तब तुम ३३ जानते हा कि धूपकाला निकट है। इस रीतिसे जब तुम इन सब बातोंका देखे तब जाना कि वह निकट ३४ है हां द्वारपर है। में तुमसे सच कहता हूं कि जबलों यह सब बातें पूरी न हा। जायें तबत्लों इस समयके ३४ लाग नहीं जाते रहेंगे। आकाश औ पृथिवी टल जायेंगे परन्तु मेसी बातें कभी न टलेंगीं । ३६ उस दिन और उस घड़ीके विषयमें न काई मनुष्य ३७ जानता है न स्वगेके टूत परन्तु केवल मेरा पिता। जैसे नूहके दिन हुए बैसाही मनुष्यके पुचका आना भी इं८ होगा । जेसे जल्प्रलयके आगेके दिनोंमें लोग जिस दिनलेों नह जहाजपर न चढ़ा उसी दिनल्नों खाते ओ इ८ पोते बिवाह करते जे बिवाह देते थे ., और जबलों जलप्रलय आक्े उन सभोंका ले न गया तबल्नों उन्हें चेत न हुआ वैसाही मनुष्यके पुचका आना भी होगा। ४० तब दा जन खेतमें होंगे एक लिया जायगा और टूसरा ४१९ छोड़ा जायगा । दे स्तियां चक्की पीसती रहेंगी एक लिईे जायगी ओर टूसरो छोड़ी जायगी । ४२ इसलिये जागते रहे क्यांकि तुम नहीं जानते हे ४३ तुम्हारा प्रभु किस घड़ी आवेगा । पर यही जानते है कि यदि घरका स्वामी जानता चार किस पहरमे आवेगा ते वह जागता रहता और अपने घरमें संघ पड़ने न ४४ देता । इसलिये तुम भी तैयार रहे क्येंकि जिस घड़ीका अनुमान तुम नहीं करते हा उसी घड़ी मनुष्यका पुच ८0 मत्ती । [२४ प्ले । आवेगा । वह बिश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास कौन है ४५ जिसे उसके स्वामीने अपने परिवारपर प्रधान किया है। कि समयमें उन्हें भेजन देवे । वह दास धन्य है जिसे ४६ उसका स्वामी आके ऐसा करते पावे । में तुमसे सत्य ४७ कहता हूं वह उसे अपनी सब सम्पत्तिपर प्रधान करेगा। परन्तु जा वह दुप्र दास अपने मनमें कहे मेरा स्वामी ४८ आनेमें बिलम्ब करता है . और अपने संगी दासेंकेा ४८ मारने ओर मतवाले ल्नागोंके संग खाने पीने लगे . ते ४० जिस दिन वह बाट जाहता न रहे और जिस घड़ीका बह अनुमान न करे उसीमें उस दासका स्वासी आवे- गा . झर उसके बड़ी ताड़ना देके कपटियेंके संग उसका ४९ अंश देगा जहां राना ओ दांत पीसला होगा । २५ पचीसवां पब्बे । १ दस कुंवारियोंका दुष्टान्त । १४ ताड़ोंका दुष्टान्त । ३१ न्‍्यायके दिनका बर्णेन । तब स्वगेके राज्यकी उपमा दस कंंवारियोंसे दिदे ९ जायगी जो अपनी मशाले लेके टूल्हेसे मिलनेके निक- लीं। उन्हेंमेंसे पांच सुबुद्ठि और पांच निदुद्धि थीं। जे ३ निबुद्ठि थीं उन्होंने अपनी मशालेंका ल्ले अपने संग तेल न लिया। परन्तु सबुट्टियोंने अपनी मशालेंके संग अपने ४ पाचोंसें तेल लिया । ट्ल्हेके बिलम्ब करनेसे वे सब ऊंघीं ४ खैर से गईें । आधी रातके धूम मची कि देखे टूल्हा ६ आता है उससे मिलनेकेा निकले । तब वे सब कुंवा- ७ रियां उठके अपनी मशालोंके सजने लगीं। और निरबंहि- ८ योने सब॒हियांसे कहा अपने तेलमेंसे कुछ हमके दी जिये ब्यांकि हमारी मशाले बुर्ती जाती हैं। परन्तु सुबुहियोंने < २४ प्रब्जे।] मत्तो । ८१ उत्तर दिया क्या जानें हमारे और तुम्हारे लिये बस न हाय से अच्छा हैं कि तुम बेचनेहारोंके पास जाके १० अपने लिये माल लेओ । ज्यों वे माल लेनेके जाती थीं त्योंही टूल्हा आ पहुंचा ओर जो तैयार थीं से न ०. (से व ०-3 ६, «5. उसके संग बिवाहके घरमें गईं ओर टूर सून्‍्दा गया। ११९ पीछे टूसरो कुंवारियां भी आके बालों है प्रभु हे प्रभु . १२ हमारे लिये खेोलिये । उसने उत्तर दिया कि में तुमसे १३ सच कहता हूं में तुमके नहीं जानता हूं । इसलिये जागते रहे व्यांकि तुम न वह दिन न घड़ी जानते हो जिसमें मनुष्यका पुत्र आवेगा । १४. क्योंकि वह एक मनुष्यके समान है जिसने परदे शका जाते हुए अपनेही दासोंका बुलाके उनके अपना धन १४ सोंपा । उसने ण्कको पांच तोड़े टूसरेकेा दा तीसरेकोा एक हर एकके उसके सामथ्यंके अनुसार दिया और १६ तुरन्त परदेशका चला । तब जिसने पांच तोड़े पाये उसने जाके उनसे ब्यापार कर पांच तोड़े और कमाये। १७ इसी रोतिसे जिसने दो पाये उसने भी दो तोड़े और १८ कमाये। परन्तु जिसने एक तोड़ा पाया उसने जाके मिट्टी- १६ में खादके अपने स्वामीके रुपैये छिपा रखे। बहुत दिनों के पीछे उन दासोंका स्वामी आया झऔर उनसे लेखा लेने २० लगा । तब जिसने पांच तोड़े पाये थे उसने पांच तोड़े कौर लाके कहा हे प्रभु आपने मु पांच तोड़े सोंपे २१९ देखिये मेंने उनसे पांच तोड़े और कमाये हैं। उसके स्वामीने उससे कहा धन्य हे उत्तम और बिश्वासयोग्य 52.५ 5... से बटर दास तू थोड़ेमे जिडेतासपा ग्राहुआ; मे तुके बहुतपर रे मत्ती । [२४ पब्जे | प्रधान करूंगा . अपने प्रभुके आनन्दमें प्रवेश कर। जिस- २२ ने दो ताड़े पाये थे उसने भी आके कहा है प्रभु आपने मुफ्के दो ताड़े सांपे देखिये मेंने उनसे दा तोड़े और कमाये हैं। उसके स्वामीने उससे कहा धन्य हे उत्तम और बिश्वास- २३ योग्य दास तू थेड़िमें बिश्वासयोग्य हुआ में तुके बहुतपर प्रधान करूंगा . अपने प्रभुके आनन्दमे प्रवेश कर। तब २४ जिसने एक तोड़ा पाया था उसने आके कहा है प्रभु में अपके जानता था कि आप कठोर मनुष्य हैं जहां आपने नहीं बाया वहां लवते हैं और जहां आपने नहीं छींटा वहांसे एकट्रा करते हैं। से में डरा और जाके आप- २४ का तोड़ा मिट्टीमें छिपाया . देखिये अपना ले लीजिये । उसके स्वामीने उसे उत्तर दिया कि है टुप्न और झालसी २६ दास तू जानता था कि जहां मैंने नहीं बाया वहां लव॒ता हूं और जहां मैंने नहीं छींटा वहांसे एकट्रा करता हूं। ते २७ तुझे उचित था कि मेरे रुपये महाजसोंके हाथ सांपता तब में आके अपना धन ब्याज समेत पाता । इसलिये श८ वह तोड़ा उससे लेओ खैर जिस पास दस तोड़े हैं उसे देओे । क्योंकि जे काई रखता है उसके और दिया २€ जायगा और उसके बहुत होगा परन्तु जा नहीं रखता है उससे जे कुछ उस पास है से भी ले लिया जायगा । जोर उस निकम्मे दासका बाहरके अन्धका र में ३० डाल देओ जहां रोना जआओ दांत पीसना होगा। जब मनुष्यका पुत्र अपने ऐश्वय्पे सहित आवेगा और ३९ सब पवित्र टूत उसके साथ तब वह अपने शेश्वय्यके सिंहासनपर बेठेगा। और सब देशोंके लोग उसके आझागे ३२ २४ पब्ले ।] मत्ती । प्‌ एकठे किये जायेंगे और जैसा गड़ेरिया भेड़ोंके बकरियें- से अलग करता है तैसा वह उन्हें एक टूसरेसे अत्नग ३३ करेगा । और वह भेड़ोंके अपनी दहिनी झेर और ३४ बकरियोंका बाईें ओर खड़ा करेगा । तब राजा उनसे जा उसकी दहिनी ओर हैं कहेगा हे मेरे पिताके धन्य लेगा आओ जो राज्य जगतकी उत्पत्तिसे तुम्हारे लिये ३५ तैयार किया गया है उसके अधिकारो हेोओो . क्योंकि में भूखा था ओर तुमने मु खानेकेा दिया में प्यासा था और तुमने मुर्के पिलाया में परदेशी था और तुम मुभ्रे ३६ अपने घरमें लाये . में नंगा था और तुमने मु्के पहिरा- या मैं रोगी था और तुमने मेरी सुध लिए मैं बन्दीगृहमें ३७० था और तुम मेरे पास आये। तब धर्म्मी ल्लाग उसके उत्तर देंगे कि हे प्रभु हमने कब आपके भूखा देखा इ८ कोर खित्लाया अथवा प्यासा और पिलाया। हमने कब आपके परदेशी देखा झलर अपने घरमें लाये ३९ अथवा नंगा और पहिराया । और हमने कब आपके रोगी अथवा बन्दीगृहमें देखा ओर आपके पास गये। ४० तब राजा उन्हें उत्तर देगा में तुमसे सच कहता हूं कि तुमने मेरे इन अति छोटे भाइयोंमेंसे एकसे जाई भर ४१ किया से मुझसे किया। तब वह उनसे जो बाईें ओर हैं कहेगा हे स्रापित लागे। मेरे पाससे उस अनन्त आगमें जाओ जो शैतान और उसके टूतांके लिये तैयार किई गई 8२ है. क्योंकि में भूखा था ओर तुमने मु्के खानेका नहीं ४३ दिया में प्यासा था और तुमने मु्के नहीं पिलाया . में परदेशी था और तुम मुकके अपने घरमें नहीं लाये में २८ मत्ती । [२६ पब्जे। नंगा था ज्लैर तमने मर्के नहीं पहिराया में रोगी और न्दीगृहमें था और तमने मेरी सध न लिई | तब वे ४४ भी उत्तर देंगे कि हे प्रभ हमने कब आपके भूखा वा प्यासा वा परदेशी वा नंगा वा रोगी वा बन्दोगृहमे देखा खैर तञ्रापकी सेवा न किदं। तब वह उन्हें ४५ उत्तर देगा में तमसे सच कहता हं कि तमने इन अति छोटोंमेंसे एकसे जाई भर नहीं किया से म॒भसे नहीं किया । से ये लोग अनन्त दंडमें परन्तु धरम्मी ४६ त्लाग अनन्त जीवनमे जा रहेंगे । २६ छब्बीसवां पब्बे । ््ि पोशका बध करनेका पररामश । ६ रक स्लत्रोका उसके सरपर सगनन्‍्ध सेल कालना । १४ यिहदाका बिश्वासघात करना । १७ शिष्यांका निस्‍तार पब्जेका मेतजन बनाना । २० उनके संग योशक्रा भाजन करना ओर यिजहृदाके विषयमे भविष्यद्व[ब्ध कहना । २६ प्रभु भेजक्रा निरप्रण । ३१ पितरके योशसे मकर जानेको भविष्यद्वाणों । ३६ बारोम योशका महा शेक् | ४७ उसका पकड़ा जाना । ५७ उसका महायाजकरक्क पास ले जाना ओर बाधक योग्य ठहराके अपमान करना । ६७ पितरका उससे मुकर जाना । जब यीशु यह सब बातें कह चुका तब अपने शिष्योंसे ९ कहा . तुम जानते हो कि दा दिनके पोछे निस्तार २ क ९0 ब् ०5० जे पब्बे होगा ओर मनुष्यका पुत्र क्रूशपर चढ़ाये जानेका पकड़वाया जायगा । तब लोगोंके प्रधान याजक और ३. अध्यापक और प्राचीन ल्लाग कियाफा नाम महायाजक- के घरमें एकट्रें हुए . जार आपसमें विचार किया कि ४ योशका छलसे पकड़के मार डाल । परनन्‍्त उन्होंने कहा ४ पब्बेस नहां न हो कि लागोंम हुल्लूड़ हावे। जब यीशु बेधनियाम शिमेान कोढ़ीके घरमें था... &६ र६ पब्ले ।] मत्ती । ८५ ७ तब ण्क सती उजले पत्थरके पात्रम बहुत मालका सुगन्ध तेल लेके उस पास आई और जब वह भेजनपर ८ बेठा था तब उसके सिरपर ढाला । यह देखके उसके € शिष्य रिसियाके बोले यह श्य क्यों हुआ । क्येंकि यह सुगन्ध तेल बहुत दाममें बिक सकता और कंगालोंकोा १० दिया जा सकता । योशुने यह जानके उनसे कहा क्यों स्त्रीका दुःख देते है। . उसने अच्छा काम मुकसे किया है। १९ कंगाल लोग तुम्हारे संग सदा रहते है परन्त में तुम्हारे १२ संग सदा नहों रहंगा। उसने मेरे देहपर यह सुगन्ध तेल्ल १३ जो ढाला है सो मेरे गाड़े जानेके लिये किया है। में तुमसे सत्य कहता हूं, सारे जगतमें जहां कहों यह सुसमाचार सुनाया जाय तहां यह भी जो इसने किया है उसके स्मरणके लिये कहा जायगा। १४ तब बारह शिष्योंमेंसे यिहदा इस्करियोती नाम एक १४ शिष्य प्रधान याजकोंके पास गया. और कहा जो में योशुकेा आप लोगोंके हाथ पकड़वाऊं तो जाप लाग मुर्के क्या देंगे . उन्होंने उसका तीस रुपये देनेकोा १६ ठहराया । से वह उसी समयसे उसके पकड़वानेका अवसर ढूंढ़ने त्वगा । १०७ अखमोीरी रोटीके पब्बेके पहित्ने दिन शिष्य लोग यीशु पास आ उससे बाले जआ्ञाप कहां चाहते हैं कि हम आपके लिये निस्‍तार पब्बेका भेजन खानेकी ९८ तैयारी करें । उसने कहा नगरमें अमुक मनुष्यके पास जाके उससे कहे गुरु कहता है कि मेरा समय निकट है में अपने शिष्योंके संग तेरे यहां निस्तार पब्बेका भेजन आप ष्द्ध मत्ती । [रद पढने। करूंगा । से शिष्योंने जैसा यीशने उन्हें आज्ञा दिई बैसा ९८ किया और निस्‍्तार पब्बेका भेजन बनाया । सांकका यीश बारह शिष्योंके संग भेजनपर बैठा। २० जब वे खाते थे तब उसने कहा में तुमसे सच कहता हूं कि २१ तुममेंसे एक मुके पकड़वायगा। इसपर वे बहुत उदास २२ हुए ओर हर एक उससे कहने लगा हे प्रभु वह क्या में हूं । उसने उत्तर दिया कि जो मेरे संग याल्लीमें हाथ २३ डालता है साई मुर्के पकड़वायगा । मनुष्यका पुत्र जैसा २४ उसके विषयमें लिखा है वेसाही जाता है परन्तु हाय वह . मनुष्य जिससे मनुष्यका पुत्र पकड़वाया जाता है. जो उस मनृष्यका जन्म न होता ता उसके लिये भला हाता। तब उसके पकड़वानेहारे यिहदाने उत्तर दिया कि हे गुरु २४ वह क्या में हूं . योशु उससे बाला तू तो कह चुका। जब वे खाते थे तब यीशुने रोटी लेके धन्‍्यबाद किया २६ और उसे तेाडइ़के शिष्योंका दिया और कहा लेओ खाओ यह मेरा देह है । और उसने कटोरा लेके धन्य माना २७ झौर उनके देके कहा तुम सब इससे पीओ॥। क्येंकि २८ यह मेरा लाह अथात नये नियमका लोह है जा बहुतांके लिये पापमाचनके निमित्त बहाया जाता है। में तुमसे कहता हूं कि जिस दिनलों में तुम्हारे संग २<६ अपने पिताके राज्यमें उसे नया न पीऊं उस दिनल्ों में अबसे यह दाख रस कभी न पीऊंगा । और बे ३० भजन गाक्ने जेतन पब्बेतपर गये । तब योौशने उनसे कहा तम सब इसी रात मेरे विषय- ३९ के ७. के (०. में ठाकर खाओगगे ब्यांकि लिखा है कि में गड़ेरियेका र६ प्ले ।] मत्तो । द्छ मारूंगा और भुंडकी भेंड़ तितर बितर हो जायेंगीं। ३२ परन्तु में अपने जी उठनेके पीछे तुम्हारे आगे गालीलकेा ३३ जाऊंगा । पितरने उसके उत्तर दिया यदि सब आपके विष्यमें ठाकर खाबें ताभी में कभी ठाकर न खाऊंगा। ३४ यीशने उससे कहा में तुके सत्य कहता हूं कि इसी रात मुगके बालनेसे आगे तू तीन बार मुकसे मुकरेगा। ३५ पितरने उससे कहा जो आपके संग मुर्के मरना हो तेाभी में आपसे कभी न मुकरूंगा . सब शिष्योंने भी बैसाही कहा । ३६ तब यीशने शिष्यांके संग गेतशिमनी नाम स्पानमें अआके उनसे कहा जबलों में वहां जाके प्रायेना करूं तब- ३७ लो तुम यहां बैठी । और वह पितरका और जबदीके दोनों पुच्रांके अपने संग ले गया और शेक करने और इं८ बहुत उदास होने लगा। तब उसने उनसे कहा मेरा मन्त यहांलां अति उदास है कि में मरनेपर हूं . तुम यहां इ८ ठहरके मेरे संग जागते रहा । और थोड़ा आगे बढ़के वह मुंहके बतल्न गिरा और प्राथेना किददे कि हे मेरे पिता जा हो सके ते यह कटोरा मेरे पाससे टल्न जाय ताभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा न हाय पर जैसा तू चाहता ४० है। तब उसने शिष्येंके पास आ उन्हें सोते पाया और पितरसे कहा से तुम मेरे संग एक घड़ी नहीं जाग ४१ सके । जागते रहे और प्रार्थेना करो कि तुम परोश्षामें ४२ न पढ़ी . मन तो तैयार है परन्तु शरीर टुबेल है । फिर उसने टूसरी बेर जाके प्राथेना किई कि हे मेरे पिता जा बिना पाीनेसे यह कटोरा मेरे पाससे नहों टल सकता ९ हि दर मत्ता । [रद पबव्ने । है ता तेरी इच्छा पूरी हाय । तब उसने आके उन्हें ४३ फिर सेते पाया क्योंकि उनको आंखें नोंदसे भरी थीं। उनको छोड़के उसने फिर जाके तीसरों बेर वही बात ४४ कहके प्राथेना किद । तब उसने अपने शिष्पेंके पास ४४ आआ उनसे कहा से तुम सेते रहते ओर विज्ञाम करते हा. देखे घड़ी आ पहुंची है और मनुष्यका पुत्र पापियोंके हाथर्मे पकड़बाया जाता है। उठो चलन देखे ४६ जा मुके पकड़वाता है से निकट आया है। वह बालताही था कि देखे यिहृदा जे बारह शिष्यों- ४७ मेंसे रक था आ पहुंचा ओर लोगेंके प्रधान याजकों और प्राचीनोंकी ओरसे बहुत लोग खड़ ओर लाठियां लिये हुए उसके संग । यीशुके पकड़वानैहारेने उन्हें यह 8८ पता दिया था कि जिसके मे चूमूं वही है उसके पकड़े । जौर वह तुरन्त यीशु पास आके बाला है गुरु प्रणाम ४८ कौर उसके चूमा । यीशुने उससे कहा हे मिच तू किस ४० लिये आया है. तब उन्होंने आके योशपर हाथ डालके उसे पकड़ा । इसपर देखे योशके संगियेमेंसे एकने हाथ ४१९ बढ़ाके अपना खड़ खींचके महायाजकके दासके मारा जार उसका कान उड़ा दिया । तब यीशुने उससे कहा ४२ अपना खड़ फिर काटीमें रख क्योंकि जे लेग खड़ खींचते हैं सो सब खड़से नाश किये जायेंगे । क्या तू ४३ सममभता है कि मैं अभी अपने पितासे बिन्‍्ती नहीं कर सकता हूं ओर वह मेरे पास स्वगेटूतांकी बारह सेना- आऔंसे अधिक पहुंचा न देगा । परन्तु तब धम्मेपुस्तकर्म ४४ जा लिखा है कि ऐसा होना अवश्य है से क्येंकर पूरा रद पब्ले ।] मत्ती । ष्ट्& ५५ हाय । उसी घड़ी योशुने लागोंसे कहा क्या तुम मुझे पकड़नेका जैसे डाकूपर खड्ट और ल्वाठियां लेके निकल्ले हो . में मन्दिरमें उपदेश करता हुआ प्रतिदिन तुम्हारे ४६ संग बैठता था और तुमने मुझे नहीं पकड़ा । परन्तु यह सब इसलिये हुआ कि भविष्यद्क्ताओंके पुस्तकको बातें पूरी हावें . तब सब शिष्य उसे छोड़के भागे । ४७ जिन्‍्हेंने यीशका पकड़ा से उसके किया फा महाया- जकके पास ले गये जहां अध्यापक और प्राचीन लोग ४८ ए्कट्रे हुए । पितर टूर दूर उसके पीछे महायाजकके अंगनेत्नों चतल्मा गया और भीतर जाके इसका अन्त देख- ४८ नेको प्यादोंके संग बैठा । प्रधान याजकों जऔ_और प्राचीनोंने : और न्‍्याइयोंकी सारी सभाने यीशका घात करवानेके ६० लिये उसपर भूठी साश्षी ढूंढ़ी परन्तु न पाई। बहुतेरे ६१९ झूठे साथी तो आये ताभी उन्हेंने नहीं पाई । अन्तमें दा झूठे साथी आके बोले इसने कहा कि में इंश्वरका मन्दिर ढा सकता और उसे तीन दिनमें फिर बना ६२ सकता हूं । तब महायाजकने खड़ा हो यीशसे कहा क्या तू कुछ उत्तर नहीं देता है . ये लाग तेरे बिस्टु क्या ६३ साथी देते हैं। परन्तु यीशु चुप रहा इसपर महाया जकने उससे कहा मैं तुके जीवते इश्वरकी किरिया देता हूं ६४ हमेोंसे कह तू इंश्वरका पुत्र खीघृ है कि नहीं। यीशु उससे बाला तू ता कह चुका और में यह भी तुम्हेंसे कहता हूं कि इसके पीछे तुम मनुष्यके पुच्रका सब्बेशक्ति- मानकी दहिनी ओर बेठे और आकाशके मेघांपर आते ६५ देखागे। तब महायाजकने अपने बस्त फाड़के कहा यह & ६० मत्ती । [२७ पब्जे। इश्वरकी निन्‍दा कर चुका है अब हमें साश्षियोंका और क्या प्रयोजन . देखा तुमने अभी उसके मुखसे इश्वरकी निन्‍दा सुनी है। तुम क्या बिचार करते हे . उन्होंने ६६ 5 20% 4५325: 20 उत्तर दिया वह बधके योग्य है। तब उन्होंने उसके मुंह- ६७ पर थूका और उसे घूसे मारे। ओरोंने थपेंड़े मारके कहा ६८ है खीपघ्र हमसे भविष्यद्राणी बाल किसने तुके मारा। पितर बाहर अंगनेमें बेठा था आर एक दासी उस ६ पास आके बोली तू भी योश गालीलीके संग था। उसने ७० सभेंके साम्हने मुकरके कहा मे नहों जानता तू क्या कहती है । जब वह बाहर डेवढ़ीमें गया तब टूसरी ७१ दासीने उसे देखके जो लोग वहां थे उनसे कहा यह भी यीश नासरीके संग था | उसने किरिया खाके फिर ७२ मुकरा कि में उस मनुष्यका नहीं जानता हूं । थोड़ी ७३ बेर पीछे जो लग वहां खड़े थे उन्होंने पितरके पास आाके उससे कहा तू भी सचमुच उनमेंसे एक हे क्योंकि तेरी बाली भी तुरे प्रगट करतो है । तब वह धिक्कार देने ७४ और किरिया खाने लगा कि में उस मनुष्यका नहीं जानता हूं. और तुरन्त मुगे बाला। तब पितरने यौशुका ७४ बचन जिसने उससे कहा था कि मुगेके बेलनेसे आगे तू तीन बार मुझसे मुकरेगा स्मरण किया और बाहर निकलके बिलक बिलक रोया । २७ सताईसवां पब्बे । २२७० ५ ७. १ योशका पिलातके हाथ सांपा जाना । ३ यिहदाका झरुप्रेयांका फेर देना और अपनेका फांसो देना । ११ पिलातका योशकेा बिचार करना ओर छा ड नेको इच्छा करना । २४ उसका योशका निर्दाप ठहराना । २६ यो श॒क्रा घातकांक हाथ सांपा जाना और याह्ठाओंसे निन्दित होना । ३३ उसका क्रशपर चढ़ाया जञाना। २७ प्रव्बे।] मत्ती । ६५ ३० उसपर लागेंका हंसना । ४५ उसका प्रकारना ओर सिरका पोना । ४० दघ्तका प्राण त्यागना और अट्डत चिन्हेका प्रगठ हे।ना । ४५ स्त्ियें करा क्रूशके समीप रहना । ५७ य्स फका यीशकेा कबरम रखना । ६९ कवरपर प्रहरुओआंका लैठाया जाना । १ जब भार हुआ तब लोगोंके सब प्रधान याजकं और प्राचीनोंने आपसमें योशके बिरुटु बिचार किया २ कि उसे घात करवावें । और उन्होंने उसे बांधा और ले जाके पन्तिय पिल्लात अध्यक्षका सांप दिया । ३ जब उसके पकड़वानेहा रे यिहदाने देखा कि वह टंडके याग्य ठहराया गया तब वह पछताके उन तोस रुपेयेकोा ४ प्रधान याजकं और प्राचोनेंके पास फेर तल्वाया . और कहा मैंने निदाषी लाह पकड़वानेमें पाप किया है. वे बोलने ५ हमें क्या तूही जान । तब वह उन रूपेयोंका मन्दिरमें ६ फेकके चला गया और जाके अपनेको फांसी दिईं। प्रधान याजकोंने रुपेये लेके कहा इन्हें मन्दिरके भंडारमें डालना ७ उचित नहीं है ब्येंकि यह ल्लाहका टाम है । से उन्होंने आपसमें बिचार कर उन रुपेयोंसे परदेशियोंकी गाड़नेके ८ लिये कुम्हारका खेत माल ल्िया। इससे वह खेत झ्ञाज- € तक लेाहका खेत कहावता है। तब जे बचन यिरमियाह भविष्यदृक्तासे कहा गया था से पूरा हुआ कि उन्होंने वे तीस रुपये हां इस्रायेलके सन्‍्तानोंसे उस मुल्वाये हुएका १० दाम जिसे उन्हेंने मुलाया ले त्निया . और जैसे पस्ेश्व रने मुझको आज्ञा दिई तैसे उन्हें कुम्हा रके खेतके दा मम दिया। ९१ यीशु अध्यक्षके आगे खड़ा हुआ और अध्यणशने उससे पूछा क्या तू यिहृदियोंका राजा है . योशुने उससे कहा १२ आपही ते कहते हैं । जब प्रधान याजक और प्राचीन लेग उसपर दोष लगाते थे तब उसने कुछ उत्तर नहीं ९ हू ६२ मत्तो ॥ [२७ परश्जे । दिया । तब पिल्ातने उससे कहा क्या तू नहीं सुनता कि १३ ये लाग तेरे बिरुदु कितनी साश्षी देते हैं। परन्तु उसने १४ एक बात भी उसके उत्तर न दिया यहांलों कि अध्यश्ने बहुत अचंभा किया । उस पब्बेमें अध्यक्षकी यह रोति १४ थी कि एक बन्धुवेका जिसे लेाग चाहते थे उन्होंके लिये . छाड़ देता था । उस समयमें उन्हेंका एक प्रसिटु बन्धुवा १६ था जिसका नाम बरब्बा था। से जब वे एकट्टे हुए तब ९७ पिलातने उनसे कहा तुम किसके चाहते है। कि में तुम्हारे लिये छोड़ देऊं बरब्बाके अथवा यीशुका जो खीघ्र कहावता है। क्योंकि वह जानता था कि उन्होंने ९८ उसके डाहसे पकड़वाया था। जब वह बिचार आसन- १९८ पर बैठा था तब उसकी स्वीने उसे कहला भेजा कि आप उस धर्म्मी मनुष्यसे कुछ काम न रखिये क्योंकि मैंने आज स्वप्नमें उसके कारण बहुत दुःख पाया है। प्रधान याजकों २० ओर प्राचीनोंने लेगोंके समकाया किवे बरब्बाकीा मांग लेबे और यीशुके नाश करवावें। अध्यक्षने उनके उत्तर २१ दिया कि इन दोनोंमेंसे तम किसके चाहते हो कि में तुम्दारे लिये छोड़ देऊं . वे बोले बरब्बाकेा | पिलातने २२ उनसे कहा ते मैं यीशसे जे खीप कहावता है क्या करूं सभोंने उससे कहा वह क्रूशपर चढ़ाया जाय। अध्यश्षने २३ कहा व्यां उसने कानसी बुराई किई हे. परन्तु उन्होंने अधिक पुकारके कहा वह क्रूशपर चढ़ाया जाय । जब पिलातने देखा कि कुछ बन नहीं पड़ता पर और २४ भी हुल्लूड़ होता हे तब उसने जल लेके लेागेंके साम्हने हाथ धाके कहा मैं इस धर्म्मी मनुष्यके लेहसे निरदेष हूं २७ प्रब्ब ॥] मत्तो । ६३ २४५ तमहीं जाना । सब लोगोंने उत्तर दिया कि उसका लेाह हमपर ओर हमारे सन्‍्तानोंपर होवे। २६ तब उसने बरब्बाका उन्होंके लिये छोड़ दिया और यीशुका कोड़े मारके क्रूशपर चढ़ाये जानेका सेोंप दिया । २७ तब अध्यश्षके याट्राओंने योश॒केा अध्यक्षमवनम ले जाके र८ सारी पत्नटन उस पास एकट्टी किददे। ओर उन्होंने उसका २८ बस्तर उतारके उसे लाल बागा पहिराया . और कांटों- का मुकुट गून्‍्यके उसके सिरपर रखा ओर उसके दहिने हाथमें नरकट दिया और उसके ज्ागे घटने टेकके यह कहके उससे ठट्टा किया कि है यिहदियोंके राजा प्रणाम । ३० और उन्होंने उसपर थूका और उस नरकटके ले उसके ३१ सिरपर मारा । जब वे उससे ठट्टा कर चुके तब उससे वह बागा उतारके और उसीीका बस्तर उसके पहिराके उसे ३२ ऋ्रशपर चढानेकेा ले गये । बाहर आते हुए उन्हेंने शिमेान नाम करोनी देशके एक मनष्यकेा पाया ओर उसे बेगार पकड़ा कि उसका क्रश ल्ने चल्ने । ३३ जब वे एक स्थानपर जो गलगया अथात खो पड़ाका ३४ स्थान कहावता है पहुंचे . तब उन्होंने सिरकेम पित्त मिलाके उसे पोनेकेा दिया परन्तु उसने चीखके पीने न ७२0५: # ३ 8 ३५ चाहा। तब उन्हेंने उसके क्रूशपर चढ़ाया ओर चिट्ठियां डालके उसके बस्तर बांट लिये कि जे बचन भविष्यदुक्ताने कहा था से पूरा हावे कि उन्होंने मेरे कपड़े आपसमें ३६ बांट लिये और मेरे बस्तपर चिट्ठियां डालीं। तब उन्हेंने ३७ वहां बेठके उसका पहरा दिया । और उन्होंने उसका देषपच् उसके सिरसे ऊपर लगाया कि यह यिहृदियोंका ६४ मंत्रों । [२७ पव्ज । राजा यीशु है। तब दे डाकू एक दहिनी ओर जऔर इ८ टूसरा बाई ओर उसके संग क्रूशेंपर चढ़ाये गये। जो लाग उधरसे जाते जाते थे उन्हेंने अपने सिर ३८ हिलाके झौर यह कहके उसकी निन्‍दा किई , कि हे ४० मन्दिरके ढानेहारे जलर तीन दिनमें बना नेहा रे अपने का बचा . जे। त इेश्वरका पच है ता क्रशपरसे उतर ञ्ञा । इसी ४९ रीतिसे प्रधान याजकोॉंने भी अध्यापकों ओर प्राचीनेंके संग ठट्टा कर कहा. उसने औरोंके बचाया अपनेकेा बचा ४२ नहीं सकता है . जा वह इस्रायेलका राजा है ते क्रशपर से चज्यब उतर आवे ओर हम उसका बिश्वास करेंगे। वह ४३ इंशवरपर भरोसा रखता है . यदि इंश्वर उसे चाहता है तो उसके अब बचावे क्यांकि उसने कहा में इश्वरका पुत्र हूं। जा डाकू उसके संग क्रूशेंपर चढ़ाये गये उन्हेंने ४४ भी इसो रोतिसे उसकी निन्‍दा किई। दा पहरसे तीसरे पहरलों सारे देशमें अंधकार हो ४५४ गया । तीसरे पहरके निकट यीशुने बड़े शब्दसे पुकारके ४६ कहा ण्ली ण्ली लामा शबक्तनों अथात हे मेरे इंश्वर हे मेरे इश्वर तूने क्यों मु्के त्यागा है।जे लेाग वहां ४७ खड़े थे उनमेंसे कितनोंने यह सुनके कहा वह एलियाहके बुल्लाता है। उनमेंसे एकने तुरन्त दौड़के इस्पंज लेके ४८ सिरकेमे भिंगाया और नलपर रखके उसे पीनेके दिया। जैरोंने कहा रहने दे हम देखें कि णलियाह उसे ४८ बचानेका जाता हे कि नहीं । तब यीशुने फ़िर बड़े शब्दसे पुकारके प्राण त्यागा। ४० खेर देखे मन्दिरका परदा ऊपरसे नीचेल्लीं फट के दो भाग ४९ २० परव्ज !] मत्ती । 8४ ४२ हो गया जार धरती डाली और पब्बेत तक गये। और कबरें खुलीं आर सेये हुए पविच लोागोंकी बहुत लोयथें ५३ उठीं। और यीशके जी उठनेके पीछे वे कबरोंमेंसे निक- लके पवित्र नगरमें गये और बहुतेरेंका दिखाई दिये । ५४ तब शतपति और वे लाग जे उसके संग यीशुका पहरा देते थे भुइंडाल और जो कुछ हुआ था सो देखके निपट डर गये और बोले सचमुच यह इश्वरका पुच्॒ था। ४५५ वहां बहुतसी स्त्रियां जे यीशुकी सेवा करती हुईं गालीलसे उसके पीछे आई थीं टूरसे देखती रहीं । ४६ उन्हेंमें मरियम मगदलीनी और याक्‌बकी औ येशीकी माता मरियम और जबदाीके पुच्रोंकी माता थीं। ४७ जब सांझ हुईं तब यूसफ नाम अरिमणथिया नगरका एक धनवान मनुष्य जे जझ्ाप भी यीशुका शिष्य था ५८ आया। उसने पिल्लातके पास जाके योशकी लोाय मांगी. तब पिलातने आज्ञा किईं कि लाय दिईद जाय। ४९ यूसफने लाथकोा ले उसे उजली चटूटरमें लपेटा . ६० और उसे अपनो नई कबरमें रखा जे उसने पत्यरमें खुदवाई थी और कबरके द्वारपर बड़ा पत्थर ल॒ढ़काके ६१ चला गया | और मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम वहां कबरके साम्हने बेटी थीं । ६२. तैयारीके दिनके पीछे प्रधान याजक और फरीशी ६३ लोग अगले दिन पिलातके पास एकट्रे हुए. और बोले हे प्रभु हमें चेत है कि उस भरमानेहारेने अपने ६8४ जीतेजी कहा कि तीन दिनके पीछे में जी उठूंगा। से आप आज्ञा कोजिये कि तीसरे दिनलोां कबरकी रखवाली ध्द्ट । मत्ती । [२८ पब्जे। किई जाय न हो कि उसके शिष्य रातका आके उसे चुरा ले जावें ओर लेोगोंसे कहें कि वह मृतकोंमेंसे जी उठा है . तब पिछली भूल पहिलीसे बुरी होागी। पिलातने ६५ उनसे कहा तुम्हारे पास पहरुए हैं जाओ अपने जानतेभर रखवाली करे । से उन्होंने जाके पत्यरपर छाप देके ६६ पहरूए बेठाके कबरकी रखवाली किई । शव अठाईसवां पब्बे । १ स्थतियोंक्रा दूतसे योशुके जी उठनेका समाचार सुनना । € यीशका उन्हें दर्शन कना । १७ प्रधान याजकेका पहरुओंसे कठ बुलवाना । १६ योशक्रा णापारह गशपष्धाक्रा प्ररण करना ॥ बिग्रामवारके पीछे अठवारेके पहित्मे दिन पह फटलते १९ सरियम मगदलीनी और टूसरी मरियम कबरको देखने आईें। और देखे बड़ा भुद्ेंडाल हुआ कि परमेश्वर- २ का एक टूत स्वगैसे उतरा और आके कबरके ट्रारपरसे पत्थर लुढ़काके उसपर बैठा । उसका रूप बिजलीसा ३ जल्ैौर उसका बस्त्र पाल्लेकी नाई उज़ला था। उसके ४ डरके मारे पहरूए कांप गये और मृतकोंके समान हणए। टूतने स्तियोंके उत्तर दिया कि तुम मत डरा में जानता ५ हं कि तम योशका जो क्रशपर घात किया गया ढंढती हा।। वह यहां नहीं है जेसे उसने कहा बसे जी ६ उठा है. आओ यह स्थान देखे जहां प्रभु पड़ा था । और शीघ्र जाके उसके शिष्यांसे कहा कि वह मृतकोंमेंसे ७ जी उठा है और देखे वह तुम्हारे आगे गालीलकोा जाता है वहां उसे देखागे . देखे मेंने तुमसे कहा है। वे शीघ्र निकलके भय और बढ़े आनन्दसे उसके ८ शिष्यांके। सन्देश देनेके कबरसे दौोड़ीं। र८ प्रब्जे ।] मल ६७ € जब वे उसके शिष्पांका सन्देश देनेकेा जाती थीं देखे यीशु उनसे आ मित्ना और कहा कल्याण है और उन्होंने निकट आ उसके पांव पकड़के उसके प्रणाम १० किया । तब यीशुने उनसे कहा मत इडरो जाके मेरे भाइयेोंसे कह दा कि वे गालीलके जावे ओर वहां वे मु्े देखेंगे । १९ ज्यों स्त्रियां जाती थों त्योंही देखे पहरुओंमेंसे के काई नगरमें आये और सब कुछ जो हुआ था प्रधान १२ याजकोंसे कह दिया। तब उन्‍्हेंने प्राचीनोंके संग एकट्े हा आपसमें बिचार कर योट्रराओंका बहुत रूपये देके ९३ कहा . तुम यह कहे कि रातका जब हम सोये थे तब १४ उसके शिष्य आके उसे चुरा ले गये। जा यह बात अध्य- छके सननेमें आवे ते हम उसके समकाके तुमकेा बचा १५ लेंगे। से उन्हेंने रुपये ल्लेके जेसे सिखाये गये थे वैसाही किया और यह बात यिहृदियोंमें आजत्लों चत्नित है। १६ ण्ग्यारह शिष्य गालीलमें उस पब्बेतपर गये जो १७ यीशुने उनके बताया था । ओर उन्होंने उसे देखके उसके प्रणाम किया पर कितनोंका सन्‍्देह हुआ । ९८ योशुने उन पास आ उनसे कहा स्वगेमें खैर पृथिवीपर १९ समस्त अधिकार मुककेा दिया गया है । इसलिये तुम जाके सब देशोंके लागेंका शिष्य करो और उन्हें पिता जे पत्र ओ पविच आत्माके नामसे बपतिसमा देओ. २० और उन्हें सब बातें जा मेने तुम्ह आज्ञा किईे ह पालन करनेके सिखाओ आओर देखे में जगतके अन्तल्नों सब दन तुम्हार सग हू । झासान ॥ ।ठ मार्क रचित सुसमाचार । ९ पहिला पब्बे। १ याहन बप्तिसमा देनेहारेका वृत्तान्त ओआर भविष्यद्राबब । ९ योशका बपतिसमा लेना । १९ उसको परोक्षा । १४ उसका उपदेश करना ओर के ण्क शिष्यांका बुलाना । २१ रुक भ्रतग्रस्त मनुष्यका चेगा करना। २७ पितरकों सासके चेगा करना । ३२ बहुत रोगियोंका चेंगा करना । ३४ नगर नगरमें उपदेश करना । ४० क्र काका चेगा करना । इंश्वरके पुच्च यीशु खीपृके सुसमाचारका आरंभ । जैसे भविष्यदुक्ताओंके पुस्तकमें त्लिखा है कि देख में अपने टूतकोा तेरे आगे भेजता हूं जा तेरे आगे तेरा पन्‍थ बनावेगा। किसोका शब्द हुआ जो जंगलमें पुकार- ता है कि परमेश्वरका पन्‍थ बनाओ उसके राजमागें सीधे करो । याोहनने जंगलमें बपतिसमा दिया और पापसाचनके लिये पश्चात्तापके बपतिसमाका उपदेश किया । ओर सारे यिहृदिया देशके और यिरूशलीम नगरके रहनेहारे उस पास निकल आये ओर समभेने अपने अपने पापों के मानके यर्टन नदी में उससे बपतिस- मा लिया । येोहन ऊंटके रोमका बस्त ओर अपनी कटिमें चमंड़ेका पटुका पहिनता था और टिडियां जे बन मधु खाया करता था । उसने प्रचार कर कहा मेरे पीछे वह आता है जा मुझसे अधिक शक्तिमान है में उसके जूतांका बन्ध कुकके खोलनेके योग्य नहीं हूं। मैंने तुम्हें जलमें बपतिसमा दिया है परन्तु वह तुम्हें पविच आत्मामें बपतिसमा देगा। १ पब्ने ।] माक्े । ६8 €< उन दिनोंमें यीशने गालोल देशके नासरत नगरसे १० आके याहनसे यदेनमें बणतिसमा लिया । और तुरन्त जलसे ऊपर आते हुए उसने स्वगकोा खुले खैर झात्मा- १९ के कपोतकी नाई अपने ऊपर उतरते देखा । और यह आकाशबाणी हुई कि तू मेरा प्रिय पुत्र है जिससे में अति प्रसन्न हूं । १२ तब आत्मा तुरन्त उसके जंगलमें ले गया। १३ वहां जंगलमें चालीस दिन शेतानसे उसकी परीकशा किई गई और वह बन पशओंके संग था और स्वगे- टूतांने उसको सेवा किईद । १४ याहनके बन्दोगृहमें डाले जानेके पीछे यी शने गाल्नील १४ में आके देश्वरके राज्यका सुसमाचार प्रचार किया. और कहा समय पूरा हुआ है और इश्वरका राज्य निकट आया है पश्चात्ताप करो और सुूसमाचार पर बिश्वास १६ करो । गालीलके समुद्रके तोरपर फिरते हुए उसने शिमेनके और उसके भाई अन्द्रियका समुदट्र्मे जाल १७ डालते देखा क्यांकि वे मछुवे थे। योशुने उनसे कहा मेरे १८ पीछे आओ में तुमका मनुष्येंके मछवे बनाऊंगा। वे १€ तुरन्त अपने जाल छोड़के उसके पीछे हो लिये । वहांसे थेड़ा आगे बढ़के उसने जबदीके पुत्र याकूब और उसके भाई याहनकेो देखा कि वे नावपर जालोंकी सुधारते थे। २० उसने तुरन्त उन्हें बुलाया ओर वे अपने पिता जबदीकोा मजूरोंके संग नावपर छोड़के उसके पीछे हे। लिये । २९ वे कफनोहुम नगरमें आये आर यीशुने तुरन्त र२ बिश्ामके दिन सभाके घरमें जाके उपदेश किया । लोग १०० मा । [१ पब्ले। उसके उपदेशसे अचंभित हुए क्येंकि उसने अध्यापकों- की रीतिसे नहीं परन्तु अधिकारीकी री तिसे उन्हें उप- देश दिया । उनकी सभाके घरमें एक मनुष्य था जिसे २३ अशटु भूत लगा था । उसने चिल्लाके कहा हे यीशु २४ नासरी रहने दीजिये आपके हमसे क्या काम . क्या जआआप हमें नाश करने आये हैं. में आपके जानता हूं आप कौन हैं इश्वरका पवित्र जन | यीशुने उसके २५ डांटके कहा चुप रह और उसमेंसे निकल आरा । तब २६ अशटु भूत उस मनुष्यका मरोाइके ओर बड़े शब्दसे चिल्लाके उसमेंसे निकल आया । इसपर सब ल्लाग ऐसे २७ अचंभित हुए कि आपसमें बिचार करके बोलने यह क्या है. यह कैनसा नया उपदेश हे कि वह अधिकारोकी रीतिसे अशुद्र भूतांका भी आज्ञा देता है और वे उसकी आज्ञा मानते हैं । से उसकी कीत्ति तुरन्त गालीलके २८ जञ्ञासपासके सारे देशमें फेल गई । सभाके घरसे निकल्के वे तुरन्त याकूब ओर येहनके २८ संग शिमान और झन्ट्रियके घरमें झआाये। खैर शिमेानकी ३० सास ज्वरसे पीड़ित पड़ी थी ओर उन्होंने तुरन्त उसके विषय उससे कहा । तब उसने उस पास ञ्ञा उसका ३१ हाथ पकड़के उसे उठाया और ज्वरने तुरन्त उसका छेड़ा और वह उनकी सेवा करने लगी । सांक॒के जब सूस्य डूबा तब लोग सब रोगियोंका इ२ और भूतग्रस्तांकेा उस पास ल्लाये। सारे नगरके लाग ३३ भी द्वारपर एकट्ठे हुए । और उसने बहुतोंका जे। नाना ३४ प्रकारके रोगोंसे दुःखी थे चंगा किया और बहुत भूतोंका ॥्उ ल्‍ः हे १ पड्छे |] माके । १०५ ३५ द ३७ ८ 8८ 30 9:23 पट जाके [आ, ७. ७ /2५. निकाला परन्तु भूतेंके बेलने न दिया क्यांकि वे उसे जानते थे। भारको कुछ रात रहते वह उठके निकला और जंगली स्पानमें जाके वहां प्राथेना कि । तब शिमान और जो उसके संग थे से उसके पीछे हा लिये . और उसे पाके उससे बोले सब लोग आपको हढंढ़ते है । उसने उनसे कहा आओ हम आसपासके नगरोंमें जायें कि में वहां भी उपदेश करूं क्योंकि में इसोलिये बाहर आया हूं । से उसने सारे गाल्ीलमें उनकी सभाओं उपदेश किया और भूतोंकेा निकाला । एक कोढ़ीने उस पास आ उससे बिन्ती किई और उसके आगे घटने टेकके उससे कहा जा जआझ्ञाप चाहें ते मुझे शुटु कर सकते हैं । यीशुका दया आई और उसने हाथ बढ़ा उसे छूके उससे कहा मे ता चाहता हैं श्र हा जा । उसके कहनेपर उसका कोाढ़ तुरन्त जाता रहा और वह श॒द्ु हुआ। तब उसने उसे चिताके तुरन्त बिदा किया . और उससे कहा देख किसीसे कुछ मत कह परन्तु जा अपने तईँ याजकका दिखा और अपने शटु हानेके विषयमें जे। कुछ मूसाने ठहराया उसे तल्लागांपर साथश्शी होनेके लिये चढ़ा | परन्तु वह बाहर जाके इस बातका बहुत सुनाने ओर प्रचार करने लगा यहांत्नां कि यीशु फिर प्रगट हे।के नगरफमें नहीं जा सका परन्तु बाहर जंगली स्पानोंमे रहा और लोग चहूं ओरसे उस पास आये । १०२ माक्रे । [२ पब्ले । २ टूसरा पब्बे । १ योशका एक अटोंगीकेा चंगा करना ओर उसका पाप क्षमा करना। १३ लेवो अग्रेल मत्तोका बलाना ओर प्रापयोंक संग भाजन करना । १८ उपवास करनंका ख्यारा बताना । २३ |ब्रश्रामत्ारक्क बषयस नणंय करना ॥ कई एक दिनके पीछे योशने फिर कफनाहुममें प्रवेश किया और सुना गया कि वह घरमें है। तुरन्त इतने बहुत लाग एकट्रे हुए कि वे न घरमें न द्वारके आसपास समा सके ओर उसने उन्हें बचन सुनाया। ओर लेाग एक अट्रांगोके चार मनुष्योंसे उठवाके उस पास ल्ने आये । परन्तु जब वे भीड़के कारण उसके निकट पहुंच न सके तब जहां वह था वहां उन्हेंने छत उधेड़के और कछ खाोलके उस खाटका जिसपर अटॉंगी पड़ा था लटका दिया। यीशने उन्हें का बिश्वास देखके उस अटॉ- गीसे कहा हे पत्र तेरे पाप छश्मा किये गये है। ओर कितने अध्यापक वहां बेठे थे और अपने अपने मनमें बिचार करते थे . कि यह मनुष्य क्यों इस रोतिसे इंश्वर- की निन्‍दा करता है . इंश्वरका छोड़ कान पापोंका छामा कर सकता है। यीशुने तुरन्त अपने आत्मासे जाना कि वे अपने अपने मनमें ऐसा बिचार करते हैं और उनसे कहा तुम लोग अपने अपने मनमें यह बिचार क्यों करते हे । कान बात सहज है अटोंगीसे यह कहना कि तेरे पाप छ्मा किये गये हे क्थवा यह कहना कि उठ अपनो खाट उठाके चल। परन्तु जिस्त तुम जाने कि मनुष्यके पुत्रंके पृथिवीपर पाप छमा करनेका अधिकार है . (उसने उस अट्रॉंगीसे कहा) में तुरूसे १० ११ २ पब्ज ।] माकते । १०३ १२ कहता हूं उठ अपनी खाट उठाके अपने घरकेा जा। वह तुरन्त उठके खाट उठाके समोंके साम्ने चला गया यहांल्लों कि वे सब बिस्मित हुए ओर इेश्बरकी स्तुति करके बाले हमने ऐसा कभी नहीं देखा । १३. यीश फ़िर बाहर समट्रके तोरपर गया झोर सब तल्ाग उस पास जाये कोर उससे उन्हें उपदेश दिया । १४ जाते हुए उसने अलफइके पुत्र लेवीके कर उगाह- नेके स्थानमें बेठे देखा खैर उससे कहा मेरे पीछे आा १४ तब वह उठके उसके पीछे हो लिया । जब यीश उसके घरमे भेजनपर बठा तब बहुत कर उगाहनेहारे और पापी ल्लाग उसके तौर उसके शिष्योंके संग बट गये क्योंकि बहुत थे ओर वे उसके पीछे हो लिये । १६ अध्यापकों और फरीशियोंने उसके कर उगाहनेहारों जआौर पापियोंके संग खाते देखके उसके शिष्यांसे कहा यह क्या हे कि वह कर उगाहनेहारों और पापियोंके १७ संग खाता और पीता है। यीशने यह सनके उनसे कहा निरोगियेंकेा वेदयका प्रयोजन नहीं है परन्तु शेगियोंका . में धम्मियेंका नहीं परन्तु पापियोंका पश्चात्तापके लिये बुलाने आया हूं । १८. याहनके और फरीशियोंके शिष्य उपवास करते थे और उन्होंने झा उससे कहा याोहनके और फरीशियों- के शिष्य क्यों उपवास करते हैं परन्‍त आपके शिष्य उप- १८ वास नहीं करते । यीशने उनसे कहा जब ट्ल्हा सखाआओं- के संग है तब क्या वे उपवास कर सकते है . जबलों टूल्हा उनके संग रहे तबत्नों वे उपवास नहों कर सकते हैं। १०४ मार्क । [३ पव्जे । परन्तु वे दिन आवेंगे जिनमें टूल्हा उनसे अलग किया २० जायगा तब वे उन दिनोंमें उपवास करेंगे। काई मनुष्य २९ कारे कपड़ेका टुकड़ा पुराने बस्तमें नहीं टांकता है नहीं ता वह नया टुकड़ा पुराने कपड़ेसे कुछ और भी फाड़ लेता हैं और उसका फटा बढ़ जाता है। और २२ काई मनुष्य नया दाख रस पुराने कुप्पोंमें नहीं भरता है नहीं तो नया दाख रस कुप्पोंके फाड़ता है और दाख रस बह जाता है और कुप्पे नप्ठ होते हैं परन्तु नया दाख रस नये कुप्पांमें भरा चाहिये । बिश्रामके दिन यीश खेतोंमें होके जाता था और २३ उसके शिष्य जाते हुए बालें ताड़ने लगे। तब फरीशियेंने २४ उससे कहा देखिये बिज्ञामओ दिनमें जे काम उचित नहीं है सा ये ल्लाग क्यों करते हैं। उसने उनसे कहा २४ क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि जब दाऊदको प्रयोजन था और वह और उसके संगी लोग भूखे हुए तब उसने क्या किया । उसने व्यांकर अवियाथर महाया- २६ जकके समयमें इंश्वरके घरमें जाके भेंटकी रोटियां खादें जिन्हें खाना ओर किसीके नहीं केवल याजकोंका उचित है और अपने संगियोंका भी टिदें। खैर उसने २७ उनसे कहा बिआमवार मनुष्यके लिये हुआ पर मनुष्य बविश्रामवा रके लिये नहीं । इसलिये मनुष्यका पुत्र श्८ बिश्रासवारका भी प्रभु है । ३ तीसरा पब्बे । १ योशक्रा बिश्रामवारके विष्यम निरणेय करना । ई बहुत रोगियेंके चेगा करना । १३ बारह प्ररित्रोंका ठहराना । २० लागांके अपबादका खेंडन । ३५ योशके कर्टुबका बणेन । ३ पब्ले ।] मा । १०५ १ यीश फिर सभाके घरमें गया और वहां एक मनुष्य २ था जिसका हाथ सूख गया था। और लोग उसपर देाष लगानेके लिये उसे ताकते थे कि वह बिश्रामके ३ दिनमें इसके चंगा करेगा कि नहीं। उसने सूखे ४ हाथवाले मनुष्यसे कहा बीचमें खड़ा हा । तब उसने उन्होंसे कहा क्या बिआमके दिनोंमें भला करना अथवा बुरा करना प्राणका बचाना अषवा घात करना उचित ४ है. परन्तु वे चुप रहे। ओर उसने उनके मनकी कठोारतासे उदास हो उन्होंपर क्राधसे चारों ओर टूप्षि किईदं और उस मनुष्यसे कहा अपना हाथ बढ़ा. उसने उसके बढ़ाया और उसका हाथ फिर टूसरेकी नाई भत्मा चंगा हा गया। ६ तब फरीशियोंने बाहर जाके तुरन्त हेरोदियोंके संग योशुके बिरूुटु आपसमें बिचार किया इसलिये कि उसे ७ नाश करें। यीशु अपने शिष्येंके संग समुद्रके निकट गया और गालील और यिहृदिया और गिल्‍ूशलीम और इदोमसे और यदेनके उस पारसे बड़ी भीड़ उसके पीछे ८ हो लिद। सार ओर सीदेनके आसपासके लेोगेंने भी जब सुना वह केसे बड़े काम करता है तब उनमेंकी एक € बड़ी भीड़ उस पास आई । उसने अपने शिष्योंसे कहा भोड़के कारण एक नाव मेरे लिये लगी रहे न हो कि १९० वे मु दबावें। क्योंकि उसने बहुतेंकेा चंगा किया यहां- त्नां कि जितने रोगो थे उसे छूनेके। उसपर गिरे पड़ते थे । १९ अशटु भूतांने भी जब उसे देखा तब उसके दंडवत किईं १२ और पुकारके बोले आप इंश्वरके पुत्र हैं। और 44 १०६ मार्क । [३ पब्ले। उसने उनके बहुत टूूढ़ आज्ञा दिदं कि मुर्े प्रगट मत करो । फ़िर उसने पब्बेतपर चढके जिन्हें चाहा उन्हें अपने १३ प्रास बलाया ज्ैर वे उस पास गये। तब उसने बारह २४ जनेके ठहराया कि वे उसके संग रहे . ओर के वह २५ उन्हें उपदेश करनेका जैर रोगोंकेा चंगा करने और भूतांके निकाल्लनेका अधिकार रखनेका भेजे , अथात १९६ शिमेानके जिसका नाम उसने पितर रखा . और जब- ९७ दीके पत्र याक॒ब कर याकबके भाई योहनके जिनका नाम उसने बनेरगश अथोात गजनके पत्र रखा . कौर ९८ न्ट्र्यि और फिलिप और बथेलमई और मत्ती और चोमाका जर अलफइईके पच याकबके जोर थटुइका झऔ ौर शिमेन कानानीका . ओर यिहृदा इस्करियेतीके १८ जिसने उसे प्रकड़वाया . ओर वे घरमे ऋ्ाये । तब बहुत लाग फिर णकट्रे हुए यहांत्नां कि वे रोटी २० खाने भी न सके । ओर उसके कुटुम्ब यह सुनके उसे २१ पकड़नेका निकल आये क्योंकि उन्हेींने कहा उसका चित्त ठिकाने नहीं है। तब अध्यापक लोग जे यिरुशलीमसे २२ आये थे बाले कि उसे बालजिबूल लगा है और कि वह भूतेंके प्रधानकी सहायतासे भूतोंकीा निकालता है। उस- २३ ने उन्हें अपने पास बुल्वाके टूप्रान्तांमें उनसे कहा शैतान क्यांकर शैतानका निकाल सकता है। यदि किसी राज्य- २४ में फूट पड़ी हाय ते वह राज्य नहीं ठहर सकता है। और यदि किसी घरानेमें फूट पड़ी हाय ता वह घराना २४ |] नहों ठहर सकता है। और यदि शैतान अपने बिराधमें २६ ४ पब्ज ।] मानी । १०७ उठके अलग बिलग हुआ है ता बह नहीं ठहर सकता २७ है पर उसका अन्त होता है । यदि बलवन्तकोा कोई पहिल्ने न बांधे ता उस बलवन्तके घरमें पेठके उसकी सामग्री लट नहीं सकता है . परन्‍्त उसे बांधके उसके २८ घरकोा लटेगा। मे तुमसे सत्य कहता हूं कि मनुष्योंके सन्‍्तानोंके सब पाप ओर सब निन्‍दा जिससे वे निन्‍्दा २८ करें श्मा किई जायगी। परन्तु जे कोई पविचर आत्माको निन्‍्दा करे से कभी नहीं छमा किया जायगा पर अनन्त ३० दंडके योग्य है। वे जा बाले कि उसे अशुट्र भूत लगा है इसीत्निये योौशुने यह बात कही । ३९ सा उसके भाई जौर उसकी माता आये और बाहर ३२ खड़े हो। उसके बुलवा भेजा । बहुत लाग उसके आस- प्रास बठे थे और उन्होंने उससे कहा देखिये आपकी ३३ माता ओर आपके भाई बाहर आपको ढूंढ़ते हैं। उसने उनके उत्तर दिया कि मेरी माता अथवा मेरे भाई ३४ कान हैं । और जो लेोग उसके झासपास बेठे थे उनपर चारों ओर टूप्नि कर उसने कहा देखे मेरी माता ३५ शेर मेरे भाई । क्यांकि जे काई इंश्वरकी इच्छापर चल्ने वही मेरा भाई जआऔौर मेरी बहिन ओर माता हे। ४ चाया पब्बे । १ ब्ोज बानेहारेका दृष्टान्त | १० दष्टान्तांस उपदेश करनेका कारण । १३ बानेहारेके दफ्णान्तका अशथ्े । २५ दोपकका दप्ान्सल आर बचन सननेक्रा उपदेश । ४६ बोज बठनेका दष्टान्त । ३० राईके दानेका दुष्टान्त | ३३ योशका और आर दष्टान्स कहना । ३५ आन्धीकीा थांभना । १ योशु फिर समुट्के तीरपर उपदेश करने लगा और ऐसी बड़ी भीड़ उस पास एकट्ठी हुईं कि वह नावपर १०५ माके | [४ पब्ले। चढ़के समुद्रपर बेठा और सब त्नाग समुट्के निकट भूमि- पर रहे । तब उसने उन्हें ट्रप्ना न्तेंमें बहुतसी बातें सिखा ज्ौर अपने उपदेश ं उनसे कहा . सुना देखे एक बोने- हारा बीज बानेकेा निकला । बीज बानेमें कुछ मागेकी ओर गिरा और आकाशके पंछियेंने आके उसे चुग लिया । कुछ पत्परैली भूमिपर गिरा जहां उसको बहुत मिट्टी न मिली और बहुत मिट्टी न मिलनेसे वह बेग उगा । परन्त सूय्य उदय हानेपर वह कुलस गया और जड़ न पकड़नेसे सूख गया । कुछ कांटोंके बीचमे गिरा और कांटोंने बढ़के उसके दबा डाला और उसने फत्ल न दिया । परन्तु कुछ अच्छी भूसिपर गिरा और फल्ल दिया जो उत्पन्न हाके बढ़ता गया और कोई तीस गुणे काई साठ गुणे काई सो गुणे फल फल्ना । ओर उसने उनसे कहा जिसके सुननेके कान हों से सुने । जब वह ण्कान्तमें था तब जो लोग उसके समीप थे उन्होंने बारह शिष्पांके साथ इस टूप्रान्तका अर्थ उससे पूछा । उसने उनसे कहा तुमको इंश्वरके राज्यका भेद जाननेका अधिकार दिया गया है परनन्‍्त जो बाहर है उन्हेंसे सब बातें ट्ूप्वान्तेम हा ती है. इसलिये कि वे देखते हुए देख आर उन्हें न सके ओर सुनते हुए सुनें ओर न बूर्के ऐसा न हा कि वे कभी फिर जाबे ओर उनके पाप छ्मा किये जाये। 40४ ७ 4» फ़िर उसने उनसे कहा क्या तुम यह टृप्ठान्त नहीं १३ समभते हो। ता सब टूप्रान्त क्येंकर समकागे। बानेहारा १४ वह है जे बचनके बाता है। मागेकी ओरके जहां २४ ४ प्रब्ज ।] माके । १०९ बचन बोाया जाता है वे हैं कि जब वे सनते हैं तब शैतान तरनन्‍्त क्ाके जो बचन उनके मनमें बाया गया १६ था उसे छीन लेता है । वैसेही जिनमें बीज पत्यरैली भमिपर बोाया जाता है सो वे हैं कि जब बचन सनते ९७ हैं तब तरन्‍्त आनन्दसे उसको ग्रहण करते है । परन्‍्त उनमें जड़ न बंधनेसे वे थाड़ो बेर टहरते हैं तब बचनके कारण क्लेश अथवा उपद्रव हानेपर तुरन्त ठाकर खाते ९८ हैं । जिनमें बीज कांटोंके बीचमें बाया जाता है सो १९ वे हैं जे बचन सुनते हैं। पर इस संसारकी चिन्ता जौर धनकी माया और और बस्तुओंका लाभ उनमें समाके बचनके दबाते हैं झर वह निष्फल होता है। २० पर जिनमें बीज अच्छी भमिपर बाया गया सो वे हें जे बचन सनके ग्रहण करते हैं आर फल फलते है काई तीस गणे काई साठ गणे काई सो गये २९ जोर उसने उनसे कहा क्या दोपकको लाते हैं कि बत्तनके नीचे क्थवा खाटके नीचे रखा जाय . क्या इस- २२ लिये नहीं कि दीवटपर रखा जाय । कुछ गुप्त नहीं है जा प्रगट न किया जायगा और न कुछ छिपा था परन्तु २३ इसलिये कि प्रसिटु हो जावे । यदि किसीकोा सुननेके २४ कान हों तो सने । फिर उसने उनसे कहा सचेत रहो तम क्या सनते हो . जिस नापसे तम नापते हो उसीसे तम्हारे लिये नापा जायगा ओर तमके जो सनते हो २४ अधिक दिया जायगा। क्योंकि जो काई रखता है उसके और दिया जायगा परन्तु जो नहों रखता है उससे जो कुछ उसके पास है से भी ले लिया जायगा । ११० मार्क । [४ पब्णे । फिर उसने कहा इश्वरका राज्य ऐसा है जैसा कि २६ मनुष्य भूमिमें बीज बाय . और रात दिन साय और २७ उठे और वह बीज जन्मे और बढ़े पर किस रीतिसे वह नहीं जानता है । क्योंकि पृथिवी आपसे आप श८ फल फललती है पहिले अंकुर तब बाल तब बालमें पक्का दाना । परन्तु जब दाना पक चुका है तब वह तुरन्त २८ हंसुआ लगाता है क्योंकि कटनी आ पहुंची है। फिर उसने कहा हम इश्वरके राज्यकी उपमा ३० किससे दें और किस टृप्वान्तसे उसे बणेन करें । वह ३१ राईके एक दानेकी नाईं है कि जब भूमिमें बेया जाता तब भूमिमेंके सब बीजोंसे छोटा है। परन्त जब बाया ३२ जाता तब बढ़ता जर सब साग पातसे बड़ा हो जाता है ल्लार उसकी ऐसी बड़ी डालियां निकलती हैं कि आकाशके पंछी उसकी छायामें बसेरा कर सकते हैं। श्से ऐसे बहुत ट्रष्तान्तांमें यीशने लागेंका जैसा वे ३३ सुन सकते थे वेसा बचन सुनाया । परन्तु बिना ३४ टप्नान्तसे उसने उनके कुछ न कहा और ण्कान्‍्तमें उसने अपने शिष्येंके सब बातांका अथे बताया । उसी दिन सांकका उसने उनसे कहा कि आओ ३५ हम उस पार चलें। से उन्हेंने लागांका बिदा कर ३६ उसे नावपर जैसा था बैसा चढ़ा लिया ज्जर कितनी और नावें भी उसके संग थीं । और बड़ी आंधी उठी ३७ और लहरें नावपर ऐसी लगीं कि वह अब भर जाने त्वगी । परन्तु यीोश नावकी पिछली ओर तकिया दिये इ८ हुए साोता था और उन्हेंने उसे जगाके उससे कहा हे ५ प्रब्बे ।] माके। १११ ३८ गुरू क्या आपके सेाच नहीं कि हम नप् होते हैं । तब उसने उठके बयारको डांटा जर समद्रसे कहा चप रह और थम जा और बयार थम गई जैर बड़ा नीवा हे। ४० गया । ओर उसने उनसे कहा तम क्यों ऐसे डरते हो ४१ तुम्ह विश्वास क्यों नहों हे | परन्तु वे बहुतही डर गये जौर आपसमें बाले यह कान हे कि बयार जर समुद्र भी उसको आज्ञा मानते है ५ पांचवां पब्बे । १९ याशका रुक मनष्यमस बहत भताक्रा ।नक्कालना । २१ सक्त कन्याक्रा ॥जलाना खरर एक स्ल्ोकेा चेगा करना ३ वे समुद्रके उस पार गदेरियोंके देशमें पहुंचे। जब यीश नावपरसे उतरा तब एक मनुष्य जिसे अशुट्दु भूत लगा था ३ कबरस्थानमेंसे तुरन्त उससे आ मिला । उस मनुष्यका बासा कबरस्थानमें था और कोई उसे जंजीरोंसे भी बांध ४ नहीं सकता था। क्योंकि वह बहुत बार बेड़ियों और जंजीरोंसे बांधा गया था और उसने जंजीरें ताड़ डालीं और बेड़ियां टुकड़े टुकड़े किद्ें आर का ई उसे बशमें नहीं ५ कर सकता था । वह सदा रात दिन पहाड़ों और कब- रोंमें रहता था और चिल्लाता और अपनेको पत्परेंसे ६ काटताँ था । वह योशुका टूरसे देखके दाड़ा और उसको ७ प्रणाम किया . और बड़े शब्दसे चिल्लाके कहा हे यीशु सब्बेप्रधान देश्वरके पुत्र आपके मुझसे क्या काम. में आपके इंश्वरको किरिया देता हूं कि मुझे पीड़ा न दी- ८ जिये । क्येंकि योशुने उससे कहा हे अश॒ुद्र भत इस < मनुष्यसे निकल झा । ओर उसने उससे पूछा तेरा नाम ११२ माके । [५ पब्ले । क्या है , उसने उत्तर दिया कि मेरा नाम सेना है क्योंकि हम बहुत हैं। और उसने यी शुसे बहुत बिन्‍्ती किई कि हमें ९० इस देशसे बाहर न भेजिये। वहां पहाडोंके निकट सक्- १९ रोका बड़ा कंड चरता था। सा सब भतोंने उससे बिन्‍ती १२ कर कहा हमें सअरेमें भेजिये कि हम उनमें पेट । यीशने १३ तुरन्त उन्हें जाने दिया और अशुट्ु भूत निकलके सूअ- रोंमें पेट ओर कुंड जे दो सहखके अटकल थे कड़ाड़ेपर से समुद्रमें दौड़ गये और समुद्रमें डूब मरे । पर सूअरोंके १४ चरवाहे भागे और नगरमें ओर गांवोंमें इसका समा- चार कहा और तल्लाग बाहर निकले कि देखे क्या हआ है। झआौर यीशु पास आके वे उस भूतग्रस्तका जिसे भूतांकी २५ सेना लगी थी बेठे और बस्त पहिने ओर सुबुद्ठि देखके डर गये । जिन लोगोंने देखा था उन्हेंने उनसे कह दिया ९६ कि भतग्रस्त मनष्यका और सअरोंके विषयमें केसा हुआ था । तब वे यीशुसे बिन्ती करने लगे कि हमारे १२७ सिवानोंसे निकल जाइये । जब वह नावपर चढ़ा तब १८ जो मनुष्य आगे भूतग्रस्त था उसने उससे बिनन्‍्ती किई कि में आपके संग रहं । पर यीशने उसे नहीं रहने १९८ दिया परन्‍्त उससे कहा अपने घरकेो अपने कऋटम्बोंके पास जाके उन्हेंसे कह दे कि परमेश्वरने तरूपर दया करके तेरे लिये केसे बड़े काम किये है । वह जाके २० दिकापल्ि देशमें प्रचार करने लगा कि योशुने उसके लिये कैसे बड़े काम किये थे और समभेंने अचंभा किया । जब यीशु नावपर फिर पार उतरा तब बहुत ल्लाग २१ उस पास ण्कट्टे हुए और बह समुद्रके तीरपर था। और २२ ५ पव्खे ।] मारे । ११३ देखा सभाके अध्यकयांमेंसे याइर नाम एक अध्यक्ष २३ आया जार उसे देखके उसके पांवों पड़ा. ओर उससे बहुत बिन्‍ती कर कहा मेरी बेटी मरनेपर है आप आके उसपर हाथ रखिये कि वह चंगी हो जाय ता २४ वह जीयेगी । तब यीश उसके संग गया और बड़ी भीड़ उसके पीछे हा लिद और उसे दबाती थी । २५ आर णक सती जिसे बारह बरससे लेाह बहनेका रोग २६ था. जो बहुत वेदयोंसे बढ़ा दुःख पाके अपना सब धन उठा चकी थी आर कछ ल्लाभ नहीं पाया परन्‍्त अधिक २७ रोगी हुईं . तिसने यीशुका चचा सुनके उस भोड़में २८ पीछेसे ञ्रा उसके बस्तके छूआ । क्येंकि उसने कहा यदि में केवल उसके बस्तके छूओं ते चंगी होा। जाऊंगी । २८ और उसके लाहका सेता तुरन्त सूख गया और उसने अपने देहमें जान लिया कि में उस रोगसे चंगी हु हूं। ३० यीशुने तुरन्त अपनेमे जाना कि मुकमेंसे शक्ति निकली है और भोीड़में पोछे फिरके कहा किसने मेरे बस्वकेा ३९ छूआ । उसके शिपष्योंने उससे कहा आप देखते हैं कि भीड़ ज्ापका दबा रहो है ओर ज्ञाप कहते है किसने ३२ मु्के छूता। तब जिसने यह काम किया था उसे देखने- ३३ का योशने चारों ओर ट्रप्रि किईें। तब वह स्त्री जे उस- पर हुआ था से जानके डरती ओर कांपतो हुईं आई आर उसे दंडवत कर उससे सच सच सब कुछ कह दिया । ३४ उसने उससे कहा हे पुत्री तेरे बिश्वासने तुम्हे चंगा किया है कुशलसे जा और अपने रोगसे चंगी रह ॥ ३४ वह बालताही था कि लागोंने सभाके अध्यध्यके घरसे (0 ११४ मा । [६ पब्ने। जञ्ञा कहा आपको बेटी मर गई है ञ्राप गुरुका और दुःख क्यों देते हैं। जा बचन कहा जाता था उसके सुनके ३६ यीशुने तुरन्त सभाके अध्यशसे कहा मत डर केवत्ल बि- श्वास कर। और उसने पितर और याकूब और याकूबके ३७ भाई याहनको छे ड़ और किसीके अपने संग जाने नहों दिया। सभाके अध्यश्षके घरपर पहुंचके उसने धूम धाम इ८ अथात लोागेंका बहुत रोते और चिल्लाते देखा। उसने ३९ भीतर जाके उनसे कहा क्यों धूम मचाते और रोते हो . कन्या मरी नहीं पर साती है। वे उसका उपहास करने ४० लगे परन्तु उसने सभेंका बाहर किया और कन्याके सह श 2 “५ कक पपलाि ७ जा. माता पिताका और अपने संगियोंका लेके जहां कन्या पड़ी थी वहां पेठा । और उसने कनन्‍्याका हाथ पकड़के ४९ उससे कहा तालिथा कमी अथात हे कन्या मैं तुकसे कह ता हूं उठ। और कन्या तुरन्त उठी और फिरने लगी क्योंकि 8२ वह बारह बरसकी थी . और वे अत्यन्त बिस्मित हुए। पर उसने उनके टूढ़ आज्ञा दिई कि यह बात काई न ४३ जाने और कहा कि कनन्‍्याका कुछ खानेका दिया जाय। ६ छठवां पब्बे । पीशका अपने देशके लागेंम अपमान छडेना । 9 बारह प्ररितरांका भेजना । १४ याहन बर्पातिसमा देनेहारेको सृत्यु । ३० योशुका प्रेरितांका समाचार सुनना ओऋ ्रर लागांकेा उपदेश देना । ३५ पांच सहख मनुष्यांका थोड़े भाजनसे तप करना । ४४ समुद्रपर चलना । ४७३ गिनेसरतकके रोगियेंका चेगा कऋरना । यीशु वहांसे जाके अपने देशमें आया खैर उसके शिष्प १ उसके प्रोछ्े हो लिये। विश्रामके दिन वह सभाके घरमें उपदेश करने ल्वगा और बहुत ल्लाग सुनके अचंभित हे न ८ पव्ले। ] मा । ११४ ऐसा बोले इसके यह बातें कहांसे हुईं और यह कानसा ज्ञान है जो उसके टिया गया है कि ऐसे आश्चय्य कम्मे ३ भी उसके हाथोंसे किये जाते हैं। यह क्या बढ़ई नहीं है मरियमका पुत्र और याकूब और याशी और यिहृदा और शिमेनका भाई खैर क्या उसकी बहिने यहां हमारे पास नहीं हैं . सा उन्होंने उसके विषयमे ठोाकर ४ खाई । यीशने उनसे कहा भविष्यटुक्ता अपना देश और अपने कटम्ब आर अपना घर छोडके और कहीं निराटर ५ नहों होता है। और वह वहां काई आश्चय्य कम्में नहों कर सका केवल थोड़े रोगियोंपर हाथ रखके उन्हें ६ चंगा किया । ओर उसने उनके अविश्वाससे अचंभा किया और चहूं ओरके गांवाोंमें उपदेश करता फिरा। ७ ओऔर वह बारह शिष्येंके अपने पास बुल्ाके उन्हें दा दा करके भेजने लगा और उनके अश॒ट्र भूतांपर अधिकार दिया । झोर उसने उन्हें आज्ञा दिए कि मागके लिये लाठी छोडके और कुछ मत लेओ न कोली .€ न रोटों न पटकेमे पेसे । परन्‍त जते पहिनो ओर दो १० छऋेगे मत पाहलोा । ओर उसने उनसे कहा जहां कहाँ ._ तम किसी घरमे प्रवेश करो जबल्ों वहांसे न निकलना १९ तबलों उसी घरमें रहो । जो काई तम्ह ग्रहण न करे और तुम्हारी न सुनने वहांसे निकलते हुए उनपर साश्ती होनेके लिये अपने पांवोंके नीचेकों धूल काड़ डालो . में तुमसे सच कहता हूं कि बिचार के दिनमें उस नगरकी टशासे सदोम अयवा अमेा राकी ट्शा सहने योग्य होगी। १२ सो उन्हेंने निकतलके पश्चात्ताप करनेका उपदेश किया , जि ११६ माके । [६ प्ले । और बहुतेरे भूतांका निकाला और बहुत रोगियोंपर तेल मलके उन्हें चंगा किया । हेराद राजाने योशकी कीत्ति सुनी क्योंकि उसका नाम प्रसिटु हुआ और उसने कहा याहन बपतिसमा देनेहारा मृतकोंमेंसे जी उठा है इसलिये आश्चय्ये कम्मे उससे प्रगट होते हैं । औरोंने कहा यह णलियाह है औओरोंने कहा भविष्यद्गक्ता है अथवा भविष्यदुक्ताओंमेंसे एकके समान है। परन्‍्त हेरोदने सनके कहा जिस याहन- का मैंने सिर कट वाया साई है वह मृतकोंमेंसे जी उठा है। व्यांकि हेरादने आप अपने भाई फिलिपकी स्त्री हेरोदि- याके कारण जिससे उसने बिवाह किया था लोगोंकोा भेजके योहनके पकड़ा था और उसे बन्दीगृहमें बांधा था। ब्यांकि याोहनने हेरादसे कहा था कि अपने भाईकोी स्‍तीके रखना तुककेा उचित नहीं है। हेरोदिया भी उससे बेर रखती थी आऔ और उसे मार डालने चाहती थी पर नहीं सकती थी । क्योंकि हेरोद योहनके धर्म्मी और पविच पुरुष जानके उससे डरता था और उसकी रक्षा करता था और उसकी सुनके बहुत बातांपर चलता डे खत न्‍ था और प्रसन्नतासे उसकी सुनता था । परन्तु जब अवकाशका दिन हुआ कि हेरादने अपने जन्म दिनमें अपने प्रधानों खैर सहसपतिओं और गालीलके बड़े लेागेंके लिये बियारी बनाई . जोर जब हेरोदियाको पुत्रीने भीतर आ नाच कर हेरादका और उसके संग बेठनेहारोंकोा प्रसन्न किया तब राजाने कनन्‍्यासे कहा ज्ञा कुछ तेरी इच्छा हाय से मुकसे मांग और में तुमे ९३ १९४ ब्१े ब्र्र ६ पव्ले ।] माके । ११७ २३ देऊंगा | कोर उसने उससे किरिया खाई कि मेरे आधे २४ राज्यल्नों जा कुछ तू मुझसे मांगे में तुके देऊंगा। उसने बाहर जा अपनी मातासे कहा में क्या मांगूंगी . वह २५ बाली याहन बपतिसमा देनेहारेका सिर । उसने तुरन्त उतावलोीसे राजाके पास भीतर ञ्ञा बिन्‍ती कर कहा में चाहती हूं कि आप याहन बपतिसमा देनेहारेका २६ सिर थालमें अभी मुे दीजिये। तब राजा अति उदास हुआ परन्तु उस किरियाके ओर अपने संग २० बेठनेहारोंके कारण उसे टालने नहों चाहा। ओर राजाने तुरन्त पहरुएका भेजकर येहनका सिर लाने- श्य की आज्ञा किई । उसने जाके बन्दीगृहमें उसका सिर काटा ज्लार उसका सिर थालमे लाके कनन्‍्याकेा दिया २६ आर कन्‍्याने उसे अपनी मांकेा दिया । उसके शिष्य यह सुनके ज्ञाये और उसकी लेायके उठाके कबरमें रखा । ३० प्रेरितांने यीशु पास एकट्रें हा उससे सब कुछ कह दिया उन्होंने क्या क्या किया और क्या क्या सिखाया था । ३१ उसने उनसे कहा तुम आप ण्कान्तमें किसी जंगली स्थानमें आके थाड़ा बित्राम करो . क्येंकि बहुत लोग आते जाते थे और उन्हें खानेका भी अवकाश न मिला । ३२ से वे नावपर चढ़के जंगली स्थानमें ण्कान्तमें गये । ३३ ओर लगाने उनके जाते देखा और बहुतोंने उसे चीन्हा ओर पेट्ल सब नगरोंमेंसे उधर दोड़े और उनके ३४ आगे बढ़के उस पास ए्कट्टें हुए । यीशुने निकलके बड़ी भीड़केा देखा ज्लौर उसके उनपर दया आई बक्येंकि ९ प्‌ ः ११८ मार । [६ पब्ल। |: वे बिन रखवाल्लेकी भेंड्रोंकी नाईें थे ओर वह उन्हें बहुतसा उपदेश देने ल्वगा। जब अबेर हो गई तब उसके शिष्यांने उस पास आ ३४ कहा यह तो जंगल्नी स्थान है और अबेर हुई है। लेागों- ३६ का बिदा कीजिये कि वे चारों ओरके गांवों और बस्ति- योंमें जाके अपने लिये रोटी माल लेवें ब्यांकि उनके पास कुछ खानेका नहीं है। उसने उनके उत्तर दिया ३७ कि तुम डे खानेका देञ्ा » उन्होंने उससे कहा क्या हम जाके दा सो सूकियोंकी रोटी माल लेवें ओर उन्हें खानेके देवें। उसने उनसे कहा तुम्हारे पास कितनी ३८ रोटियां हैं जाके देखे . उन्हेंने बुकके कहा पांच और दा सछल्ती । तब उसने सब लोगोंके हरी घासपर ३८ पांति पांति बेठानेकी जआाज्ञा उन्हें दिए । वे सा सो ४० कौर पचास पचास करके पांति पांति बेठ गये | और ४९ उसने उन्त पांच रोटियाों जार दो मछलियोंको ल्ने स्‍्वगेकी ओर देखके धन्यवाद किया और रोटियां ताड़के अपने शिष्योंका दिई्ें कि लेोगोंके आगे रखे और उन दो मछल्ियोंका भी सभेोंमसे बांट दिया । सा सब खाके ४२ तृप्त हुए । और उन्हेंने रोटियोंके टुकंड्रेंकी और मछ- ४३ लियेांकी बारह टोकरी भरी उठाईें। जिन्होंने रोटी 8४8 खाई से पांच सहस्र पुरुषांके अटकल थे। तब यीशने तुरन्त अपने शिष्येंका टृढ़ आज्ञा दिई ४५ कि जबलों में लागांके बिदा करू तम नावपर चढके मेरे आगे उस पार बेतसेटा नगरकेा जाओ । बह उन्हें बिदा ४६ कर प्रार्थना करनेके पब्बेतपर गया। सांकके नाव समु- ४७ पे हः 9 प्रब्चे !] माके । ११६ ४८ ट्रके बीचमे थी और यीशु भूमिपर अकेला था । और उसने शिष्योका खेवनेमें ब्याकल देखा क्येंकि बयार उनके सनन्‍मखको थी ओ_ ओर रातके चाोये पहरके निकट वह समुद्रपप चलते हुए उनके पास आया ओर उनके ४८ पाससे हाोके निकला चाहता था । पर उन्होंने उसे समुद्रपर चलते देखके समझा कि प्रेत है और चिल्लाये ५० क्यांकि वे सब उसे देखके घबरा गये। वह तरन्‍त उनसे बात करने लगा ओर उनसे कहा ढाढस बांधो में हं ४९ उरो मत । तब वह उन्त पास नावपर चढ़ा और बयार थम गई और वे अपने अपने मनमें अत्यन्त बिस्मित ४२ ओर अचंभित हुए । क्योंकि उन्हांका मन कठोर था इसलिये उन रोाटियोंके आश्चय्य कम्मेसे उन्हें ज्ञाल न हुआ । ककिःआ जी ऋानडी: मं ४३ वे पार उतरके गिनेसरत देशमें पहुंचे और लगान ४४ किया । जब वे नावपरसे उतरे तब ल्ोागोंने तरन्‍्त ५५ यीशका चीनन्‍्हा . ओर आसपासके सारे देश दाडके जहां सना कि वह वहां है तहां राोगियोंका खाटोंपर ४६ ले जाने लगे। झार जहा जहां उसन बास्तयों अथवा नगरों अथवा गांवोंमे प्रवेश किया तहां उन्हेंने रो गियों- के बाजारोंम रखके उससे बिन्‍ती किई किबे उसके बस्तके आ्ंचलके भी छूवें झर जितनेंलने उसे छूआ सब चंगे हुए। ७ सातवां पब्बे । १ योशका फरोशियोंका उनके ब्यवहारोंके विषयम दपटना। १४ अपवित्रताके हत॒का बणेन करना । २४ णक अन्यदेशी स्व्रोकी बेढोका चेग्ा करना । ३१ णक्र बंहिरे आर तेतलेके चेग्रा करना । १२० मा । [७ पब्बे । तब फरीशी लोग और कितने अध्यापक जो यिरू- शल्तीमसे आये थे योशु पास एकट्ठे हुए । उन्हेंने उसके कितने शिष्योंको अशुदु अथात बिन घोये हाथोंसे रोटी खाते देखके दोष दिया। क्योंकि फरीशी और सब यिहृदी तल्लाग प्राचीनांके ब्यवहार धारण कर जबलों यत्रसे हाथ न धावें तबत्नों नहीं खाते हैं । और बाजारसे आके जबल्नों खान न करें तबल्नों नहीं खाते हैं और बहुत और बातें हैं जा उन्होंने माननेके ग्रहण किई हैं जेसे कटोरों आर बत्तनां आर थालियों झओ_और खाटोंकेा घोाना। से उन फरीशियों और अध्यापकांने उससे पूछा कि आपके शिष्य लोग क्थीं प्राचीनोंके ब्यवहारोंपर नहीं चलते परन्‍्त बिन धोये हाथोंसे रोटी खाते हैं। उसने उनके उत्तर दिया कि यगिशेयाहने तम कपरटियोंके विषयमें भविष्यट्राणी अच्छी कही जैसा लिखा है कि ये लोग होंठोंसे मेरा आदर करते हैं परन्‍त उनका मन मभसे टर रहता है । पर वे वृथा मेरो उपासना करते हैं क्यांकि मनष्यांकी आज्ञाओंका धम्मापदेश ठउहराके सिखाते हैं । ब्यांकि तुम इेश्वरकी आज्ञाका छोड़के मनुष्येंके व्यवहार धारण करते हो जैसे बत्तेनां और कटोरोंका घेना . और सेसे ऐसे बहुत और काम भी 8 के ०(ु के े के करते हे । आर उसने उनसे कहा तुम अपने व्यवहार पालन करनेके इंश्वरकी जाज्ञा भल्नी रीतिसे टाल देते हा। क्येंकि मूसाने कहा अपनी माता और अपने पिता का आदर कर चर जो काई माता अथवा पिताकी निन्‍दा करे से मार डाला जाय। परन्तु तुम कहते हो यदि १ १७ १९ ७ प्रब्बे ।] माके | १२१ मनुष्य अपने माता अथवा पितासे कहे कि जो कुछ तुक- के मुझसे त्वाभ होता से कुबान अथात संकल्प किया १२ गया है ता बस। और तुम उसके उसकी माता अथवा उसके पिताके लिये और कछ करने नहीं देते १३ हो । सो तम अपने व्यवहारोंसे जिन्हें तमने ठहराया है इश्वरके बचनकोा उठा देते हा और शेसे ऐसे बहुत काम करते हो । १४ ओर उसने सब लोगेंकेा अपने पास बुलाके उनसे १४ कहा तुम सब मेरी सुना और बूकी । मनुष्यके बाहरसे जे उसमें समावे ऐसा कुछ नहीं है जो उसके अपविच कर सकता है परन्तु जे कुछ उसमेंसे निकलता है १६ साई है जो मनुष्यका अपविच करता है । यदि किसीकेा १७ सुननेके कान हों ते सुने । जब वह लोगोंके पाससे घरमें आया तब उसके शिष्योंने इस ट्रप्नान्तके विषयमें ९८ उससे पूछा । उसने उनसे कहा तुम भी क्या रेसे निबुद्धि हा . क्या तुम नहीं बूकते हो कि जे कुछ बाहरसे मनुष्यमें समाता है सा उसके अपवित्र नहीं १९ कर सकता है। क्योंकि वह उसके मनमें नहीं परन्तु पेटमें समाता है और संडासमें गिरता है जिससे सब २० भाजन शहु होता है। फिर उसने कहा जो मनुष्यमेंसे २९ निकलता है साई मनुष्यका अपविच करता है। क्योंकि भीतरसे मनुष्योंके मनसे नाना भांतिको बुरो चिन्ता ४२२ परस्तीगसमन ब्यभिचार नरहिंसा . चोरी लोभ कओ टुप्ता और छत्नब ल्ुचपन कुटूप्षि इंश्वरकी निन्‍दा २३ अभिमान और अज्ञानता निकलती हैं । यह सब बुरी 46 १४२ मारे । [७ प्ले । बातें भीतरसे निकलती हैं और मनुष्यका अपविच करती हैं। यीश वहांसे उठके सार और सीदेानके सिवानोंमें २४ गया जऔ और किसी घरमें प्रवेश करके चाहा कि कोई न जाने परन्त वह छिप न सका। क्योंकि सरोफेनीकिया २४ देशकी एक यनानीय मत माननेवाली स्त्री जिसकी बेटीका अशटु भूत लगा था उसका चचा सनके आई कोर उसके पांवां पड़ी . आर उससे बिन्‍ती किईं कि २६ आप मेरो बेटीसे भूत निकालिये । यीशुने उससे कहा २७ लड़कोंका पहिल्ने तृप्त हाने दे ब्यांकि लड़कांको रोटी लेके कुत्तांके आगे फेंकना अच्छा नहीं है। स्त्रीने उसके २८ उत्तर दिया कि सच हे प्रभु ताभी कुत्ते मेजके नीचे बालकों- के चूरचार खाते हैं । उसने उससे कहा इस बातके २< कारण चल्नी जा भूत तेरी बेटीसे निकल गया है । से ३० उसने अपने घर जाके भूतका निकलने हुए ओर अपनी बेटीके खाटपर ल्ेटी हुईं पाई। फिर वह सार और सीदेानके सिवानोंसे निकलके ३९ दिकापलिके सिवानोंके बीचमें हाके गालीलके समुद्रके निकट आया। ओर लोगेंने एक बहिरे तातले मनुष्यका ३२ उस पास लाके उससे बिन्ती किई कि आप इसपर हाथ रखिये । उसने उसके भीड़मेंसे एकान्‍्त ले जाके अपनी ३३ उंगलियां उसके कानोंमें डालीं ओर थूकके उसको जीभ छू . ओर स्वगेकी ओर देखके लंबी सांस भरके ३४ उससे कहा इप्फातह अथात खुल जा। और तुरन्त ३५ उसके कान खुल गये ओर उसकी जीभका बंधन भी ८ प्रब्जे।] _माके । १२३ ४६ खुल गया और वह शुद्व रीतिसे बोलने ल्वगा। तब यीशुने उन्हें चिताया कि किसीसे मत कहे परन्तु जितना उसने उन्हें चिताया उतना उन्होंने बहुत ३७ अधिक प्रचार किया । और वे अत्यन्त अचंभित हो बोले उसने सब कुछ अच्छा किया है वह बहिरोंका सुनने और गुंगांका बालनेकी शक्ति देता है। ८ आठवां पब्बे । १ योशुका चार सहस्र मनुण्योंका ग्रोड़े भेजनसे तृप्त करना। १० घिन्ह मांगनेहारोंकोा डॉटना । १४ अपने शिष्यांक्रा फरोशियांकी शिक्षाके विषय चित्ताना। ३२ णएक अन्छेके नेत्र खेलना । २७ योशके विषयम लागेंका और शिष्योंका बिचार। ३१ उसका अ्रपनों मृत्युक्रा भविष्यद्वाक्य कहना और पितरक्ला डांठना। ३४ कर कल क आखिए, ८.८. (सर कक २ १ उन दिलोंमें जब बड़ी भीड़ हुईं और उनके पास कुछ खानेकेा नहीं था तब यीशुने अपने शिष्योंका २ अपने पास बुतलाके उनसे कहा . मुझे इन लोगोंपर दया आती है क्यांकि वे तीन दिनसे मेरे संग रहे हैं ३ और उनके पास कुछ खानेका नहों है। जो मैं उन्हें भेजन बिना अपने अपने घर जानेके बिटा करूं तो मागमें उनका बल घट जायगा क्योंकि उनसेंसे कोई ४ काई टूरसे आये हैं। उसके शिष्यांने उसके उत्तर दिया कि यहां जंगलमें कहांसे कोई इन लोागेंकेा ४ राटोसे तृप्त कर सके । उसने उनसे पूछा तुम्हारे पास ६ कितनी रोटियां हैं . उन्होंने कहा सात । तब उसने ल्ागोंका भूमिपर बेठनेकी आज्ञा दिई और उन सात शेटियोंका लेके धन्य मानके तोड़ा और अपने शिष्योंका दिया कि उनके आगे रखें और शिष्योने लागोंके १२७ मार्क । [८ पब्जे। आगे रखा । उनके पास थोड़ोसी छोटी मछलियां भी थीं जौर उसने धन्यवाद कर उन्हें भी लागोंके आगे रखनेकी आज्ञा किई | सा वे खाके तृप्त हुए ओआर जो टुकड़े बच रहे उन्होंने उनके सात टाकरे उठाये। जिन्‍्हेंने खाया से चार सहस्र पुरुषांके अटकल थे और उसने उनके बिदा किया । तब वह तुरन्त अपने शिष्यांके संग नावपर चढ़के दलमनूथा नगरके सिवानेंमें आया । और फरीशी त्वाग निकल जाये जआलर उससे बिबाद करने लगे खैर उसकी परोश्ा करनेकेा उससे झ्ञाकाशका एक चिन्ह मांगा । उसने अपने आत्मामें हाय मारके कहा इस समयके लोग क्यों चिन्ह ढूंढ़ते हैं. में तुमसे सच कहता हूं कि इस _समयके लागोंका कई चिन्ह नहों दिया जायगा । ओर वह उन्हें छोड़के नावपर फ़िर चढ़के उस पार चल्ला गया । शिष्य लग रोटी लेना भूल गये और नावपर उनके साथ ण्क रोटीसे अधिक न थी । कोर उसने उन्हें चिताया कि देखा फरीशियोंके खमीरसे ओर हेरादके खमी रसे चेकस रहो । वे आपसमें बिचार करने लगे यह इसलिये है कि हमारे पास रोटी नहीं है । यह जानके यीशुने उनसे कहा तुम्हारे पास रोटी न होनेके कारण तुम क्यों आपसमें बिचार करते हो . क्या तुम अबलों नहीं बुकते और नहीं समकते है। . क्या तुम्हारा मन अबल्नों कठोर है। आंखें रहते हुण क्या नहीं देखते हो और कान रहते हुए क्या नहीं सुनते हे। छ छू €्‌ १६ ८ प्रब्जे ।] मा । १२५४ ९८ और क्या स्मरण नहीं करते हो । जब मैंने पांच सहसके लिये पांच रोटी तोड़ीं तब तुमने टुकड़ोंकी कितनी 3 टोकरियां भरी उठाई. उन्होंने उससे कहा बारह । २० और जब चार सहस्रके लिये सात रोटी तब तुमने टुकड़ोंके कितने टोकरे भरे उठाये. वे बाल्ले सात । २९ उसने उनसे कहा तुम क्यों नहीं समझते हो । २२ तब वह बेतसैदामें कराया ओर लागेंने एक अन्धेकेा २३ उस पास ला उससे बिन्ती किईँ कि उसको छूवे । वह उस अन्धेका हाथ पकड़के उसे नगरके बाहर ल्ने गया और उसके नेच्रांपर थूकके उसपर हाथ रखके उससे ते ब्र्‌ कल के २४ पूछा क्या तू कुछ देखता है। उसने नेच उठाके कहा २४ में वृश्षोंकी नाईंमनुष्येंके फिरते देखता हूं। तब उसने फ़िर उसके नेचोंपर हाथ रखके उससे नेच उठवाये जौर वह चंगा हो गया और सभोंकेा फरछाईसे देखने २६ लगा । झौर उसने उसे यह कहके घर भेजा कि नगरमें मत जा ज्ौर नगरमें किसतीसे मत कह । २७ यीशु और उसके शिष्य कैसरिया फिलिपी के गांवों- में निकल गये और मागेसें उसने अपने शिष्योंसे पूछा र८ कि लोग क्या कहते हैं में कान हूं । उन्होंने उत्तर दिया कि वे आपके येोहन बपतिसमा टेनेहारा कहते हैं परन्‍्त कितने ण्ल्नियाह कहते हैं और कितने रू भविष्यट्रक्ताओंमेंसे एक कहते हैं । उसने उनसे कहा तुम क्या कहते हो मैं कान हूं . पितरने उसके उत्तर ३० दिया कि आप खीपृ हैं । तब उसने उन्हें टूढ़ आज्ञा दिईं कि मेरे विषयमें किसीसे मत कहे । प्र्द्व मा । [६ प्ले । आर वह उन्हें बताने लगा कि मनष्यके पच्का ३९ अवश्य है कि बहुत दुःख उठावे और प्राचीनों और प्रधान याजकां ओर अध्यापकोंसे तुच्छ किया जाय ओर मार डाला जाय और तीन दिनके पीछे जी उठे। उसने यह बात खालके कही जझौर पितर उसे लेके ३२ उसके डांटने लगा । उसने मुंह फेरके और अपने ३३ शिष्योंपर टूूप्ठमि करके पितरका डांटा कि हे शैतान मेरे साम्हनेसे टूर हो क्यांकि तुके इश्वरकी बातोंका नहीं परन्तु मनुष्योंकी बातांका सोच रहता है। उसने अपने शिष्योंके संग लागोंकेो अपने पास ३४ ब॒ल्लाके उनसे कहा जो कोई मेरे पीछे आने चाहे से अपनी इच्छाका मारे ओर अपना क्रूण उठाके मेरे पीछे आवे । क्यांकि जो काई अपना प्राण बचाने चाहे ३४ से उसे खावेगा परन्‍्त जो काई मेरे झ्रैर ससमाचा र के लिये अपना प्राण खेवे से उसे बचावेगा | यदि मनृष्य ३६ सारे जगतको प्राप्त करे ओर अपना प्राण गंवावे ता उसके क्या लाभ होगा। अथवा मनुष्य अपने प्राणकी ३७ सन्‍ती क्या देगा। जो काई इस समयके ब्यभिचारी और इ८ पापी लागोंके बीचमें मरूसे ओर मेरा बातेंसे लजावे मनुष्यका पुत्र भी जब वह पविच दूतोंके संग अपने प्रताके णएेश्वय्यंम झावेगा तब उससे लजावेगा । € नावा पब्ब । है. डेजलरके राज्यक्ष आनका सावष्यद्दवाणा ॥ ४० पोशका गशष्पाक्र आग तेजस्थो गदखाद् दना । ११ सालयाहक आनका अ्रथें उन्‍ह बताना | १४ सक्कत भतग्रस्त लड़कत्का चगा करना । ३० अपना मत्यक्रा भावपष्यद्व क्य कहना । ह३ नम्र हानक्षा उप्रदेश। इृ८ दसरे उपदेशकर्का बजनेका आर ठाकर खानेका नषेध। ६ पब्ज ।] मा । द १२० १ यीशुने उनसे कहा में तुमसे सच कहता हूं कि जो यहां खड़े हैं उनमेंसे काई काई हैं कि जबत्नों इश्वरका राज्य पराक्रमसे आया हुआ न देखें तबलों मृत्युका स्वाद न चोखेंगे। २ छः दिनके पीछे योशु पितर और याकूब और याहनको लेके उन्हें किसी ऊंचे पब्बेतपर णएकान्‍्तमे त्ने ३ गया झौर उनके जझ्ञागे उसका रूप बट्ल गया। और उसका बस्त चमकने लगा और पालेकी नाईें अति उजला हुआ जैसा काई घाबी धरतीपर उजला नहीं ४ कर सकता है। और मूसाके संग णए्लियाह उनके दिखाई दिया और वे यीशुके संग बात करते थे । ४ इसपर पितरने योशसे कहा हे गृरु हमारा यहां रहना अच्छा हे. हम तीन डेरे बनावें एक आपके लिये एक ६ मूसाके लिये ओर एक एलियाहके लिये । वह नहीं जानता था कि क्या कहे क्यांकि वे बहुत डरते थे । ७ तब ण्क मेघने उन्हें छा लिया ल्लोर उस मेघसे यह शब्द हुआ कि यह मेरा प्रिय पुत्र है उसकी सुने । ८ ओर उन्होंने अचानक चारों ओर टूप्नि कर यीशकोा € छोड़के अपने संग और किसीके न देखा । जब बे उस पब्बेतसे उतरते थे तब उसने उनके आाज्ञा टिई कि जबलेों मनुष्यका पुत्र मृतकांमेंसे नहीं जी उठे १० तबलों जो तुमने देखा है सा किसीसे मत कहेा। उन्होंने यह बात अपनेहीमे रखके झ्रापसमें बिचार किया कि ... मृतकोंमेंसे जी उठनेका अथे क्या है। ११५ और उन्हेंने उससे पूछा अध्यापक लोग क्यों कहते प्श्ष मा । [६ पब्जे । हैं कि णलियाहओे पहिल्ले खाना होगा । उसने उनके १९२ उत्तर दिया कि सच है एल्नियाह पहित्ने आके सब कुछ सुधारेगा . ओर मनुष्यके पुत्रके विषयमें क्यांकर लिखा है कि वह बहुत दुःख उठावेगा और तुच्छ किया जाय- गा। परन्‍्त में तमसे कहता हं कि एलियाह भी आआा १३ चका है और जेसा उसके विषयमें ल्लिखा हे तैसा उन्हें- ने उससे जा कुछ चाहा से किया है । उसने शिष्योंके पास आ बहुत लागेंकेा उनकी चारों ९४ ओर और अध्यापकेंकेा उनसे बिबाद करते हुए देखा। सब लोग उसे देखतेही बिस्मित हुए और उसकी ओर १९५ दाड़के उसे प्रणाम किया। उसने अध्यापकोंसे पूछा तुम १६ इनसे किस बातका बिबाद करते हो । भीड़मेंसे एकने १७ उत्तर दिया कि हे गुरु में अपने पुच्रका जिसे गूंगा भूत त्मगा है आपके पास लाया हूं। भूत उसे जहां पकड़ता १८ है तहां पटकता है ओर वह मंहसे फेन बहाता ओर अपने दांत पीसता है ओर सख जाता है और मेने चज्ापके शिष्पांसे कहा कि उसे निकाल पर न्‍्त वे नहों सके। यीशुने उत्तर दिया कि हे अविश्वासी लगे मे कबल्नीं १८ तुम्हारे संग रहूंगा और कबलें तुम्हारी सहूंगा . उसका मेरे पास लाओ। । वे उसके उस पास लाये और जब २० उसने उसे देखा तब भूतने तुरन्त उसके मरोड़ा और वह भूमिपर गिरा और मुंहसे फेन बहाते हुए लोटने लगा । यीशुने उसके पितासे पूछा यह उसके कितने २१ दिनेांसे हुआ . उसने कहा बालकपनसे । भूतने उसे २२ नाश करनेके बारबार आगमें और पानी भी गिराया । ६ पब्बे ।] मार्क । १२६ है परन्तु जो आप कुछ कर सके ते हमपर दया करके २३ हमारा उपकार कोजिये । योशुने उससे कहा जा तू बिश्वास कर सके तो बिश्वास करनेहारेके लिये सब २४ कुछ हा। सकता है। तब बालकके पिताने तुरन्त पुकारके रो रोके कहा है प्रभु में बिश्वास करता हूं २५ मेरे अविश्वासका उपकार कीजिये । जब यीशुने देखा कि बहुत लोग णकट्ठे दोौड़े आते हैं तन उसने अशुद्ु भूतकोा डांटके उससे कहा हे गंगे बहिरे भूत मे तुमे आज्ञा देता हूं कि उसमेंसे निकल आ ओर उसमें २६ फिर कभी मत पैठ । तब भूत चिल्लाके और बालककेा बहुत मरोहके निकल आया और बालक मृतकके समान हो गया यहांलों कि बहुतांने कहा वह ते मर ४७ गया है। परन्तु योशुने उसका हाथ पकड़के उसे उठाया २८ और वह खड़ा हुआ । जब यीशु घरमें आया तब उसके शिष्योंने निरालेमं उससे पूछा हम उस भूतकोा २८ क्‍यों नहों निकाल सके । उसने उनसे कहा कि जो इस प्रकारके हैं से प्राथेना और उपवास बिना और किसी उपायसे निकाले नहीं जा सकते हैं। ३० वे वहांसे निकलके गालीलमें हेोके गये और वह ३९ नहों चाहता था कि कोई जाने । क्योंकि उसने अपने शिष्योंका उंपदेश दे उनसे कहा मनुष्यका पुचर मनुष्योंके हाथमें पकड़वाया जायगा और वे उसके मार डालेंगे ३२ और वह मरके तीसरे दिन जी उठेगा। परन्तु उन्होंने यह बात नहीं समकी और उससे पृछनेका डरते थे। 8 १३० माके । [६ पब्बे। वह कफ़नोहुममें आया और घरमें पहुंचके शिष्पांसे ३३ पछा मागेमें तम आपसमें किस बातका बिचार करते थे। वे चुप रहे क्योंकि मागमे उन्होंने आपसमे ३४ इसीका बिचार किया था कि हममेंसे बड़ा कान है । तब उसने बेठके बारह शिष्येंकेा बुलाके उनसे कहा ३५ _ यदि कोई प्रधान हुआ चाहे तो सभोंसे छोटा और सभोंका सेवक होगा । और उसने एक बालकको लेके ३६ उनके बीचमें खड़ा किया और उसे गोदामें ले उनसे कहा . जो कोई मेरे नामसे ऐसे बालकोंमेंसे एकके ३७ यहण करे वह म॒र्के म्रहण करता है चर जो कोई म॒र्के महण करे वह सके नहों परन्त मेरे भे जनेहा रेका ग्रहण करता है । तब याोहनने उसको उत्तर दिया कि हे गुरु हमने इ८ किसी सनुष्यका जो हमारे प्रीछे नहीं झ्ञाता है आपके नामसे भूतांके निकालते देखा और हमने उसे बजो क्यांकि वह हमारे पीछे नहीं आता है। यीशने कहा ३९ उसके मत बजा व्यांकि काइई नहों हे जो मेरे नामसे आश्चय्य कम्मे करेगा और शीघ्र मेरी निन्‍दा कर सकेगा । जो हमारे बिरुठु नहीं है सा हमारो ओर ४० है। जा काई मेरे नामसे एक कटोरा पानो तुमको ४९ इसलिये पिलावे कि खोपष्चके हा मे तमसे सच कहता वह किसी रीतिसे अपना फल न खेोवेगा । परन्‍्त ४२ स 58, आज लक जा काई उन छोटोंमसे जो मुझपर बिश्वास करते है णएकके ठेकर खिलावे उसके लिये भला होता कि चक्कीका पाट उसके गलेमें बांधा जाता जऔ_औऔर वह १० परब्जे।] माके । १३९ ४३ समुट्रमें डाला जाता । जो तेरा हाथ तुके ठोाकर खिलावे तो उसे काट डाल . टंडा हाोके जीवनमें प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है कि दो हाथ रहते हुश तू ४४ नरकमें अथात न बकनेहारी आगमें जाय . जहां उन- ४४ का कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुकझती । और जा तेरा पांव तुझे ठोकर खिलाबे ते उसे काट डाल . लंगड़ा हाोके जीवन प्रवेश करना तेरे लिये इससे भल्ना है कि दो पांव रहते हुए तू नरकरमें अथात न ४६ बुकनेहारी आगमें डाला जाय . जहां उनका कोड़ा ४७ नहीं मरता ओर आग नहीं बुझतो । और जो तेरी आंख तुके ठोकर खिलावे तो उसे निकाल डाल . काना हेोके इंश्वरके राज्यमें प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है कि दा आंखें रहते हुए तू नरककी आगमें ४८ डाला जाय . जहां उनका कीड़ा नहीं मरता और जाग ४९ नहीं बुझती । क्योंकि हर एक जन आगसे लेाणा किया बे /७ आप 2 (6 जायगा ज्ौर हर एक बल्नि लोाणसे त्लाणा किया जा- ५० यगा। लाण अच्छा है परन्तु यदि लाण अत्नाणा हो जाय ते किससे उसके स्वादित करोगे . अपनेमें ल्लेाण रखे और आपसमें मिले रहे । १० ट्सवां पब्बे । १ पनत्नोके। त्यागनेक्रा निषेध | १३ योशका बालकेांका आशोस देना । १७ एक घनवान जवानसे उसको बातचोत । २३ धनो लोागेंको दशाका बणेन | २८ शिष्यांक फलको प्रतिज्ञा । ३२ योशका अपनो मृत्युक्रा भविष्य्वाक्य कहना। ३५ दे। शिष्यांकी बिन्‍्तोका उत्तर देना । ४४ दीन डोनेका डप्देश | ४६ योशका णएक अंधेक नेत्र खेालना । १ यीशु वहांसे उठके यदंनके उस पारसे देके यिहृदिया- १३२ | मार्क । [१० प्रब्जे । के सिवानोंमें या ओर बहुत ल्लाग फिर उस पास एकट्रे आये और उसने अपनी रीतिपर उन्हेंका फ़िर उपदेश दिया । तब फरीशियोंने उस पास आ उसकी परीक्षा करनेकेा उससे पूछा क्या अपनी स्तीके त्यागना मनुष्यका उचित है कि नहीं। उसने उनको उत्तर दिया कि मूसाने तुमको क्या आज्ञा दिईदे। उन्हेंने कहा मूसाने त्यागपच लिखने और स्तीके त्यागने दिया । यीशने उन्हें उत्तर दिया कि तुम्हारे मनकी कठारताके कारण उसने यह आज्ञा तुमका लिख दिदई। परन्तु रुप्िके आरंभसे इश्वरने नर ओर नारी करके मनुष्योंका उत्पन्न किया । इस हेतुसे मनुष्य अपने माता पिताका छेड़के अपनी स्तीसे मिला रहेगा और वे दोनों एक तन हेंगे | से वे ज्ञागे दो नहीं पर एक तन हैं । इस- लिये जे। कुछ इंश्वरने जाड़ा है उसके मनुष्य अलग न करे। घरमें उसके शिष्यांने फ़िर इस बातके विषय उससे पूछा । उसने उनसे कहा जो कोई अपनी स्तोीके त्यागके टूसरीसे बिवाह करे से उसके जिरूटु परस्तीग- मन करता है। और यदि स्त्री अपने स्वामीकोा त्यागके टूसरेसे बिवाह करे तो वह ब्यभिचार करती है। तब ल्लाग कितने बालकेंकेा योशु पास लाये कि वह उन्हें छूबे परन्तु शिष्पोंने लानेहारोंके डांटा । यीशुने यह देखके अप्रसन्न हा उनसे कहा बालकोंकोा मेरे पास जाने दो और उन्हें मत बजा क्योंकि इश्वरका राज्य ऐसेंका है। में तुमसे सच कहता हूं कि जो १५ केाई इंश्वरके राज्यके! बालकको नादईें ग्रहण न करे १० प्रज्ज ।] माके । १३३ १६ वह उसमे प्रवेश करने न पावेगा । तब उसने उन्हें गादीमें लेके उनपर हाथ रखके उन्हें झाशीस दिईदे। १७ जब वह माग्गमें जाता था तब एक मनुष्य उसकी ओर दौड़ा और उसके आगे घुटने टेकके उससे पूछा हे उत्तम गुरू अनन्त जीवनका अधिकारी होनेको में क्या कछूं । १८ यीशुने उससे कहा तू मुक्के उत्तम क्यों कहता है . कोई १€ उत्तम नहीं है केवल एक अथात इंश्वर | तू आज्ञाओंकेा जानता है कि परस्तरीगमन मत कर नरहिंसा मत कर चारो मत कर भूंठी साथी मत दे ठगाई मत कर अपने २० माता पिताका आदर कर । उसने उसके उत्तर दिया कि हे गुरु इन समभोंको मेंने अपने लड़ुकपनसे पालन २१९ किया है। यीशुने उसपर टूप्रि कर उसे प्यार किया और उससे कहा तुके एक बातकी घटो है . जा जो कुछ तेरा है से बेचके कंगालोंकेा दे और तू स्वगैमें धन पावेगा २२ और आ क्रूण उठाके मेरे पीछे हो ले । वह इस बातसे अप्रसन्त हो उदास चला गया व्यांकि उसके बहुत धन या। क्‍ २३ यीशने चारों ओर टूप्वि कर अपने शिष्योंसे कहा धन- वानोंकोा इंश्वरके राज्यमें प्रवेश करना कैसा कठिन हो गा। २४ शिष्य ल्लाग उसको बातोंसे अचंभित हुए परन्तु यीशुने फ़िर उनके उत्तर दिया कि हे बालकोा जो घनपर भरो- सा रखते हैं उन्हेंकेा इेश्वरके राज्यमें प्रवेश करना कैसा २७ कठिन है। इंश्वरके राज्यमें धनवानके प्रवेश करनेसे २६ ऊंटका सूदेके नाकेमेंसे जाना सहज है | वे अत्यन्त जचंभित हो आपसमे बाले तब ता किसका चाण हे १३४ मा । [५० पब्जे। सकता है। यीशने उनपर टूप्रि कर कहा मनुष्येंसे यह २७ अन्हाना है परन्तु इेश्वरसे नहीं क्योंकि इश्वरसे सब कुछ हैा। सकता है । पितर उससे कहने लगा कि देखिये हम लाग सब क॒छ २८ छाड़के आपके पीछे हो लिये हैं । यीशने उत्तर दिया २€ में तमसे सच कहता हं कि जिसने मेरे कौ र ससमा चा र- के लिये घर वा भाइयों वा बहिनों वापिता वा माता वा स्‍त्री वा लड़कों वा भमिकोा त्यागा हो . ऐसा कोई ३० नहीं हे जो अब इस समयमें उपट्रव सहित सो गयणे घरों ओर भाइयों ओर बहिनों ओर माताओं ओर लड़कों ओर भूमिका .और परतलेकमें अनन्त जीवन न पावेगा । परन्तु बहुतेरे जो अगले हैं पिछले होंगे ३१ जआर जा पिछले है अगले होंगे। वे यिरुशलीमके जाते हुए मागेमें थे और यीशु ३२ उनके आगे आगे चलता था और वे अचंभित हुए और उसके पीछे चलते हुए डरते थे और वह फिर बारह शिष्योंके लेके जे कुछ उसपर होन्‍्हार था से उनसे कहने लगा . कि देखा हम यिरूशलीमको जाते हैं झऔर ३३ मनुष्यका पुत्र प्रधान याजकों और अध्यापकांके हाथ पकड़वाया जायगा और वे उसके बधके योग्य ठहराके अन्यदेशियोंके हाथ सेंपंगे । और वे उससे ठट्टा करेंगे ३8 और कोड़े मारेंगे और उसपर यकेंगे और उसे घात करेगे ओर वह तोसरे दिन जी उठेगा । तब जबदीके पुत्र याकूब और येहनने यीशु पास झा ३४ कहा हे गुरु हम चाहते हैं कि जो कुछ हम मांगें से १० प्रब्ब ॥] माके । ह १३४ 0054 ३६ आप हमारे लिये करे । उसने उनसे कहा तुम क्या ३७ चाहते हो कि में तम्हारे लिये करू । वे उससे बोलने । [० हमें यह दोजिये कि आपके शेश्वस्थमं हममेंसे एक जक्रापकी दहिनी ओर और टूसरा आपकी बाईं ओर इ८ बेंठे । यीशुने उनसे कहा तुम नहों बूकते कि क्या मांगते हा . जिस कटोरेसे में पीता हं क्या तम उससे पी सकते हा और जे बप्तिसमा में लेता हूं क्या तुम ३८ उसे ते सकते हो । उन्होंने उससे कहा हम सकते हैं . यीशने उनसे कहा जिस कटोरेसे में पीता हं उससे तम तो पोछओेोगे और जा बपातिसमा मे लेता हें उसे ४० लेओगे । परनन्‍्त जिन्हांके लिये तेयार किया गया है उन्हें छोड़ ओर किसोका अपनो दहिनो ओर अपनी बाई ओर बेठने देना मेरा अधिकार नहीं है । 8१९ यह सुनके दसें शिष्य याकूब और येहनपर रिसि- ४२ याने लगे। यीोशुने उनके अपने पास बुलाके उनसे कहा तम जानते हो कि जो अन्यदेशियोंके अध्यध्ा समझे जाते से उन्हांपर प्रभता करते हैं ओर उनमेंके ४३ बड़े लाग उन्हांपर अधिकार रखते हैं। परन्त तुम्हेंमें ऐसा नहीं होगा पर जो कोई तुम्हेंमें बड़ा हुआ चाहे ४8४ से तुम्हारा सेवक होगा। और जे कोई तुम्हारा प्रधान ४५ हुआ चाहे से सभोंका दास होगा। क्योंकि मनुष्यका पच भी सेवा करवानेकेो नहों परन्त सेवा करनेकेा और बहुतोंके उद्वारके दाममें अपना प्राण देनेके आया है। ४६ वे यिराहो नगरमें आये ओर जब वह और उसके शिष्य और बहुत लग यिरीहेसे निकलते थे तब तीमइ- प्द्द माके । [११ पब्ले । का पच बर्तीमदई एक आधा मनष्य मागेकी ओर बैठा भीख मांगता था । वह यह सनके कि यीश नासरी है ४७ परकारने और कहने लगा कि हे दाऊदके सन्‍्तान यीशु मुझपर दया कीजिये । बहुत लेागोंने उसे डांटा कि वह ४८ चुप रहे परन्तु उसने बहुत अधिक पुकारा हे दाऊदके सन्‍तान ममरूपर दया कीजिये। तब योश खड़ा रहा झोर ४८ उसे ब॒लानेके कहा ओर लोगेंने उस अंधेका बुलाके उससे कहा ढाढ्स कर उठ वह तमे बलाता है । वह ४० अपना कपड़ा फेकके उठा और यीशु पास आया । इस- ४१९ पर यीशुने उससे कहा तू क्या चाहता है कि में तेरे लिये करूं . अंधा उससे बोला हे गुरु में अपनी टूप्ि पाऊं । यीोशने उससे कहा चला जा तेरे बिश्वासने ४२ तमे चंगा किया है . और वह तरनन्‍्त देखने लगा और गेमें योशुके पीछे हे। लिया । १९ णग्यारहवां पब्बे । थक योशका यिरूशलोममें जाना । १२ ग़लरके वृक्षका सख्राप देना । १४ व्योपारियोंका मन्दिरसे निकालना । २० बिश्वासके गुणका बखान ओर क्षमा करनेका उपदेश। २७ योशुका प्रधान याजकोांकीा निरूत्तर करना । जब वे यिरूशत्नीमके निकट अथात जैतून पब्बेतके १९ समीप बैतफगी और बैथनिया गांवों पास पहुंचे तब उसने अपने शिष्यामेंसे दोके यह कहके भेजा . किज्े २ गांव तुम्हारे सन्‍्मख है उसमें जाओ ओर उसमे प्रवेश करतेही तम एक गधीके बच्चुकेा जिसपर कभो काई मन॒ष्य नहीं चढ़ा बंधे हुए पाओगे उसे खालके लाओ | जे तुम- ३ से काई कहे तुम यह क्यों करते हो ता कहे कि प्रभुका ११ पब्ले ।] माके | १३७ इसका प्रयोजन है तब वह उसे तुरन्त यहां भेजेगा । ४ उन्होंने जाके उस बच्चेका दा बाटोंके सिरेपर द्वारके पांस ४५ बाहर बंधे हुए पाया ओर उसके खेलने लगे । तब जे लेाग वहां खड़े थे उनमेंसे कितनोंने उनसे कहा तुम क्या ६ करते हो। कि बच्चेका खोलते हा । उन्होंने जैसा यीशुने आज्ञा किई वैसा उनसे कहा तब उन्होंने उन्हें जाने ७ दिया । और उन्होंने बच्चेका यीोश पास लाके उसपर ८ अपने कपड़े डाले ओर वह उसपर बैठा । ओर बहुत ल्लागोंने अपने अपने कपड़े मार्गेमं बिछाये और औरोंने € वृश्लोंसे डाल्लियां काटके मागेमें बिछाईँ । और जे। ललाग आगे पीछे चलते थे उन्हेंने पुकारके कहा जय जय धन्य १० बह जो परमेश्वरके नामसे आता है । धन्य हमारे पिता दाऊदका राज्य जे परमेश्वरके नामसे आता है . सबसे १९ ऊंचे स्थानमें जयजयकार होवे। योशुने यिरूशलीममें आा मन्दिरमें प्रवेश किया और जब उसने चारों ओर सब बस्तुओंपर ट्रप्नि किई और संध्याकाल झा चुका तब वह बारह शिष्योंके संग बेथनियाका निकल गया । १२ टूसरे दिन जब वे बैयनियासे निकलते थे तब उसके १३ भूख लगी । और वह पत्ते लगे हुए एक गूलरका वृश् टूरसे देखके आया कि क्या जाने उसमें कुछ पावे परन्तु उस पास आके और कुछ न पाया केवल पत्ते . गूलरके १४ पकनेका समय नहीं था । इसपर यीशुने उस वृश्षका कहा काई मनुष्य फिर कभी तुकसे फल न खावे. और उसके शिष्यांने यह बात सुनी । १५ वे यिझशलीममें आये ओर यीश मन्दिरमें जाके जे 6 १३८ मार्क ॥ [११ पब्ले । लोग मन्दिरमें बेचते ओआ मेल लेते थे उन्हें निकालने लगा और सरोफोंके पीढ़ोंके और कपोतोंके बेचनेहा- रोंकी चोकियोंका उल्नट दिया . आर किसीके मन्दिरके १६ बीचसे कोई पातच ले जाने न दिया । आर उसने उपदेश १९७ कर उनसे कहा क्या नहीं लिखा है कि मेरा घर सब देशेंके लागोंके लिये प्राथेनाका घर कहावेगा . परन्तु तुमने उसे डाकुओंका खोह बनाया है। यह सुनके १८ अध्यापकों और प्रधान याजकोंने खोज किया कि उसे किस रोतिसे नाश करें ब्येंकि वे उससे डरते थे इसलिये कि सब लोग उसके उपदेशसे अचंभित होते थे । जब १८ सांक हुईं तब वह नगरसे बाहर निकला । द भारका जब वे उधरसे जाते थे तब उन्होंने वह २० गूलरका वृध्ष जड़से सूखा हुआ देखा । पितरने स्मरण २९ कर यीशुसे कहा हे गुरु देखिये यह गूलरका वृध्ष जिसे े (8७ बे ५ ० ० आपने स्राप दिया सूख गया है। यीशुने उनके उत्तर २२. दिया कि इश्वर॒पर बिश्वास रखे । क्योंकि में तुमसे २८ सच कहता हूं जा काई इस पहाड़से कहे कि उठ समुट्रमें गिर पड़ ओर अपने मनमें सन्देह न रखे परन्तु विश्वास करे कि जो में कहता हूं से हे जायगा उसके लिये जे कुछ वह कहेगा से हा जायगा। इसलिये में तुमसे २४ कहता हूं जो कुछ तुम प्रा्थेना करके मांगे बिश्वास करे कि हम पावेंगे ते तुम्हें मिलेगा । आर जब तुम २४ प्राथंना करनेके खड़े हो तब यदि तुम्हारे मनमें किसी की ओर कुछ हाय ते छमा करो इसलिये कि तुम्हारा स्वगेबासी पिता भी तुम्हारे अपराध छामा करे। परन्तु २६ १२ पब्जे ।] माके । १३६ जे तुम श्मा न करो तो तुम्हारा स्वगेबासी पिता भी तुम्हारे अपराध छामा न करेगा । २०७ वे फिर यिरूशलीममें आये और जब यीशु मन्दिरमें फिरता था तब प्रधान याजक झऔर अध्यापक और प्रा- ४८ चोन लोग उस पास आये . ओर उससे बाले तमे ये काम करनेका केसा अधिकार हे और ये काम करनेके किसने २ तकके यह अधिकार दिया । यीशने उनके उत्तर दिया कि भें भो तुमसे एक बात पूछूंगा . तुम मु उत्तर देझे ता में तम्ह बताऊंगा कि मे ये काम करनेका कैसा ३० झ्धिकार है। याहनका बपतिसमा देना क्या स्वगेकी ३९ अथवा मनुष्योंकी ओरसे हुआ मुक्के उत्तर देझे । तब वे आपसमें बिचार करने लगे कि जो हम कहें स्वगेकी ओरसे ते वह कहेगा फिर तुमने उसका विश्वास क्यों ३२ नहीं किया । परन्तु जे हम कहें मनुष्योंकी ओरसे . तब उन्हें लेागोंका डर लगा क्येंकि सब लोग याहनकेा फज३ जानते थे कि निश्चय वह भविष्यद्रक्ता था। से उन्हेंने . यीशकोा उत्तर दिया कि हम नहों जानते . यीशने उन्हें उत्तर दिया ता मे भी तमके नहों बताता हं कि मे ये काम करनेका केसा अधिकार हे । १२ बारहवा पब्ब । १ दुष्ट मालियोंका दुष्टान्त । १३ योशुका कर देनेके विषयर्म फरोशियोंका निरुत्तर करना । १८ जो उठनेके विषयम सदकियेंका निरुत्तर करना । रु्शरष्ठ आज़ाके विषप्रयम अध्याप्रकक्ता उत्तर देना । ३४ अपनो प्रदवोके विष्रयमे अ्ध्यापकेंका निरुत्तर करना । ३८ अध्यापकोांक दोष प्रगठ करना । ४१ रक बिधवाक दानको प्रशंसा । (2 (2० &+% १ योशु टूप्ान्तांमे उनसे कहने लगा कि किसी मनुष्यने १४० मा । [१२ पब्बे। टाखकी बारी लगाई और चहूं ओर बेड़ दिया और रस- का कुंड खादा और गढ़ बनाया और मालियेंकेा उसंका ठीका दे परदेशकेा चला गया । समयमें उसने माल्नियोंके पास एक दासकेो भेजा कि मालियोंसे टाखकी बारीका कुछ फल लेवे । परन्तु उन्होंने उसे लेके मारा और छूडे हाथ फेर दिया । फिर उसने टूसरे दासके उनके पास भेजा और उन्हेंने उसे पत्यरवाह कर उसका सिर फ्रोड़ा और उसे अपमान करके फेर दिया । फिर उसने तीसरेकोा भेजा और उन्होंने उसे मार डाला और बहुत औरोंसे उन्होंने वेसाही किया कितनोंका मारा और कितनोंकोा घात किया। फिर उसके एकही पुत्र था जे उसका प्रिय था से सबके पीछे उसने यह कहके उसे भी उनके पास भेजा कि वे मेरे पुचका आदर करेंगे। परन्तु उन मालियोंने आपसमें कहा यह ता अधिकारी है आओ हम उसे मार डाल तब अधिकार हमारा होगा। और उन्हेंने उसे लेके मार डाला और दाखकी बारीके ' बाहर फ्रेंक दिया । इसलिजये दाखकी बारीका स्वामी क्या करेगा . वह आझाके उन मालत्रियोंके नाश करेगा और दाखकी बारों टसरोंके हाथ देगा। क्या तमने घम्मेपस्तकका यह बचन नहीं पढा है कि जिस पत्थरको थवइयेोंने निकम्मा जाना वही कानेका सिरा हुआ है यह परमेश्वरका काय्यं हे और हमारी टूप्मिमं अद्ृत १९ है | तब उन्होंने उसे पकड़ने चाहा क्योंकि जानते थे १२ कि उसने हमारे बिरुटु यह टुष्रान्त कहा परन्तु वे लोागेंसे डरे और उसे छोड़के चलने गये । १२ पब्बे ।] माके । १४१ १३ तब उन्होंने उसे बातसें फंसानेके कई एक फरीशियों १४ और हेरोदियोंका उस पास भेजा । वे आके उससे बाल्ले हे गुरू हम जानते हैं कि आप सत्य हैं और किसीका खटका नहीं रखते हैं क्योंकि आप मनुष्येंका मुंह देखके बात नहीं करते हैं परन्तु इेश्वरका मागे सत्यतासे बताते हैं . क्या केसरका कर देना उचित है अथवा नहों . १५४ हम देवें झ्थवा न देवें। उसने उनका कपट जानके उनसे कहा मेरी परीक्षा क्यों करते हो . एक सूकी ९६ मेरे पास लाओ कि में देख । वे लाये चर उसने उनसे कहा यह मत्ति ओर छाप किसको हे . वे उससे १७ बोले केसरकी। यीशने उनके उत्तर दिया कि जो केसर- का है से कैसरका देओ जझौर जो इेश्वरका हे सा इंश्चरका देझे . तब वे उससे अचंभित हुए । १८. संदूको त्लाग भी जे कहते हैं कि मृतकांका जी उठना १८ नहीं होगा उस पास आये झैेर उससे पछा . कि हे गरू मसाने हमारे लिये लिखा कि यादे किसोका भाई मर जाय झऔ र स्तीका छोड़े ओर उसके सनन्‍तानन हों ता उसका भाई उसको स्वीसे बिवाह करे और अपने भाईके २० लिये बंश खड़ा करे । से सात भाई थे . पहिला भाई २९ बिवाह कर निःसन्‍तान मर गया । तब टूसरे भाईने उस सतीसे बिवाह किया और मर गया और उसको भी र२२ सन्‍्तान न हुआ . और वेसेही तीसरेने भी । सातोंने उससे बिवाह किया पर किसीकेा सन्‍तान न हुआ . २३ सबके पोीछे स्त्री भी मर गई। से मृतकोंके जी उठनेपर जब वे सब उठेंगे तब वह उनमेंसे किसको सती होगी १४२ मारके । [१४२ प्ले ॥ क्यांकि सातोंने उससे बिवाह किया । यीशने उनके २४ उत्तर दिया क्या तम इसी कारण भलमे न पड़े हा कि घम्मेपस्तक और इश्वरकी शक्ति नहीं बकते हा । क्योंकि २४ जब वे मृतकोॉंमेसे जी उठें तब॒न बिवाह करते न बिवाह दिये जातेहें परन्त स्वगेमें टतांके समान हैं। मृतकोंके २६ जी उठनेके विषयमे क्या तमने ससाके पस्तकम भकाड़ीको कथामे नहों पढ़ा हे कि इंश्वरने उससे कहा मे इव्ाहींस- का इेश्वर आर इसहाकका इेश्वर ओर याकूबका इश्वर हूं । इश्वर मृतकांका नहीं परन्तु जीवतोंका २७ इंश्वर है से तुम बड़ी भूलमें पड़े हो । अध्यापकोंमेंसे एकने आ उन्हें बिबाद करते सुना रद जौर यह जानके कि यीशने उन्हें अच्छी रोतिसे उत्तर दिया उससे पछा सबसे बड़ो आज्ञा कान है । यीशने २८ उसे उत्तर दिया सब झआाज्ञाओंमसे यही बड़ी हे कि हे इस्रायेल सना परमेश्वर हमारा इंश्वर एकही परमेश्वर है। चर त परमेश्वर अपने इश्वरकेा अपने सारे मनसे ३०. और अपने सारे प्राणसे ओर अपनो सारो बहिसे ओर ज्पनी सारी शक्तिसे प्रेम कर . यहो सबसे बड़ी आज्ञा है । और टूसरी उसके समान है से यह हे कि तू अपने ३५९ पड़ोसीकेा अपने समान प्रेम कर . इनसे ओर कोई आज्ञा बड़ी नहीं । उस अध्यापकने उससे कहा अच्छा ३२ हे गरू आपने सत्य कहा है किण्कही इश्वर हे और ४. उसे छोड काई ट्सरा नहों हे। क्लार उसके सारे मनसे ३३ और सारी बुद्ठिसे आर सारे प्राणसे ओर सारा शक्तिसे प्रेम करना ओर पड़ीोसोके अपने समान प्रेम करना १२ पब्बे।] माके। १४३ ३४ सारे हे!मांसे खैर बलिदानोंसे अधिक है। जब यीशने देखा कि उसने बुट्टिसे उत्तर दिया था तब उससे कहा त्‌ इेश्वर के राज्यसे टर नहीं है . और किसीकेा फिर उससे कछ पछलनेका साहस न हा । ३५ इसपर योशुने मन्दिरमें उपदेश करते हुए कहा अध्यापक लोग क्यांकर कहते हैं कि खीपु दाऊदका पुच ३६ है । दाऊद आपहो पवित्र आत्माकी शिक्षासे बेला कि परमेश्वरने मेरे प्रभुसे कहा जबलों में तेरे शचुओंके तेरे चरणेंकी पीढ़ी न बनाऊं तबलों तू मेरी दहिनी ओर ३० बैठ । दाऊद ता आपही उसे प्रभु कहता है फिर वह उसका पुत्र कहांसे है . भीड़के अधिक लोग प्रसन्नतासे उसकी सुनते थे । इं८ उसने अपने उपदेशमे उनसे कहा अध्या पक्कां से चो- ३८ कस रहे जो लंबे बस्त पहिने हुए फिरने चाहते हैं . और बाजारोंमें नमस्कार और सभाके घरोंमें ऊंचे झासन ४० झ्र जेवनारोंमें ऊंचे स्थान भी चाहते हैं । वे बिधवा- ओके घर खा जाते हैं और बहानाके लिये बड़ी बेरलों प्राथेना करते हैं . वे अधिक दंड पावेंगे । ४१ यीशु भंडारके साम्हने बैठके देखता था कि त्नाग क्यों- कर भंडारमें रोकड़ डालते हैं आर बहत धघनवानोंने ४२ बहत कछ डाला । ओर एक कंगाल बिधवाने आके दो 8३ छटास अथात जाध पेसा डाला । तब उसने अपने शिष्यपांका अपने पास बुलाके उनसे कहा में तुमसे सच कि 34202... 53 32 मं कहता हूं कि जिन्होंने भंडारमें डाला है उन समेोंसे ४४ इस कंगाल बिधवाने अधिक डाला है। क्योंकि समोंने १४४ मा । [१३ पब्बे । अपनी बढ़तीमेंसे कुछ कुछ डाला है परन्तु इसने अपनी घटतीमेंसे जे कुछ उसका था अथात अपनी सारी जीविका डाल्नी है । १३ तेरहवां पब्बे। मॉन्दरके नाश होनेकोी भविष्यद्वाणी । ३उस समयके चिन्ह ।९ शिप्पोंपर उपद्रव होगा । १४ बिड़दी लाग बड़ा कष्ट पाेंगे | २५ भ्ूठे स्तोष्ट प्रगठ होंगे | २४ मनुष्यके पूत्रके आनेक्ा बणेन । २८ ग़लरके दृक्षका दुष्टान्त । ३२ सचेत रहनेका उपदेश ओर दासोंका दुष्ट्रान्त । जब यीश मन्दिरमेंसे निकलता था तब उसके शिष्यों- ९ मेंसे एकने उससे कहा हे गुरू देखिये केसे पत्यर ओर कैसी रचना हे | यीशुने उसे उत्तर दिया क्या तू यह २ बड़ी बड़ी रचना देखता है . पत्थरपर पत्थर भी न छेड़ा जायगा जो गिराया न जाय । जब वह जेतन पब्बंतपर मन्दिरके सामने बेठा था ३ तब पितर ओर याकूब ओर योहन ओर अन्ट्रियने निरालेमें उससे पूछा . कि हमेंसे कहिये यह कब होगा ४ आऔ और यह सब बातें जिस समयमें पूरी होंगों उस समयका क्या चिन्ह होगा। यीश उन्हें उत्तर दे कहने लगा ५ चेकस रहे कि कोई तुम्हें न भरमावे । क्योंकि बहुत ई ल्लाग मेरे नामसे आके कहेंगे में वही हूं जार बहुतोंका भरमावेंगे । जब तुम लड़ाइयां और लड़ाइयोंकी चचा ७. सने। तब मत घबराओ क्योंकि इनका होना अवश्य है परन्त अन्त उस समयमें नहों होगा । क्यांकि देश ८. देशके आर राज्य राज्यके बिरुटू उठंगे ओर अनेक स्थानेंमें भुदंडाल होंगे ओर अकाल आर हुल्लड़ होंगे . यह तो दुःखांका आरंभ होगा। हम १२ प्रब्बे।] माके । १४४ रु तम अपने विषयमें चाकस रहे क्योंकि त्नाग तुम्हें पंचायतोंमें सोंपगे और तुम सभाओंमें मारे जाओगे और मेरे लिये अध्यक्षों और राजाओंके आगे उनपर १० साश्णी हानेके लिये खड़े किये जाओगे । परन्तु अवश्य है कि पहिले सुसमाचार सब देशोंके लागोंमें सुनाया १९ जाय । जब वे तुम्हे ले जाके सोंप देवें तब क्या कहेगे इसकी चिन्ता आगेसे मत करे और न से च करो परन्तु जा कुछ तुम्हें उसी घड़ी दिया जाय साई कहे क्योंकि तुम नहीं परन्तु पविच आत्मा बालनेहारा होगा। १२ भाई भाईके और पिता पुच्रका बध किये जानेकी सेंपे गे जौर लड़के माता पिताके बिरुटु उठके उन्हें घात १३ करवावेंगे । आर मेरे नामके कारण सब लोग तुमसे बैर करेंगे पर जे अन्तल्लीं स्थिर रहे साई चाण पावेगा। १४ जब तुम उस उजाइनेहारो घिनित बस्तुके जिसकी बात दानियेल भविष्यद्क्ताने कही जहां उचित नहीं तहां खड़े हाते देखे (जा पढ़े से। बुक) तब जे यिहृदियामें हों १४ से पहाड़ोंपर भागें। जो काठेपर हो से न घरमें उतरे १६ और न अपने घरमेंसे कुछ लेनेका उसमें पैठे । और जे १७ खेतमें हा से अपना बस्त लेनेके पोछे न फिरे। उन दिनांमें हाय हाय गर्भवतियां और टूघ पिलानेवालियां। १८ परन्‍्त प्राथेना करो कि तमके जाड़ेसे भागना न होवे । १६ क्यांकि उन दिनोंमें ऐसा क्लेश होगा जैसा उस रुप्रिके आरंभसे जे! इश्वरने रुजी अबतक न हुआ ओर कभी २० न होगा । यदि परमेश्वर उन दिनोंका न घटाता ता कोई प्राणी न बचता परन्तु उन चुने हुए लागेंके कारण 49 १४६ मार्क । [१३ पब्जे। जिनके उसने चुना है उसने उन दिनोंका घटाया है। तब यदि कोई तुमसे कहे देखे ख़ीपर यहां है झयवा २१ देखे वहां है ता प्रतीति मत करो । क्यांकि भूठे खीघ्र २२ आऔ और भूठे भविष्यद्कक्ता प्रगट हाके चिन्ह और अद्भत काम दिखावेंगे इसलिये कि जो हो सके तो चुने हुए लेागोंकेा भी भरमार्वे। पर तुम चेकस रहे देखे मेने २३ आगेसे तुम्हें सब बातें कह दिई हैं । उन दिनोंमें उस क्लेशके पीछे सूय्य अंधियारा हो जा- २४ यगा और चांट अपनी ज्योति न देगा। आझाकाशके तारे २४ गिर पड़ेंगे और आझाकाशर्मेंकी सेना डिग जायगी । तब २६ तल्लाग मनुष्यके पुचर॒का बढ़े पराक्रम और सेश्वय्यंसे मेघों- पर आते देखेंगे। और तब वह अपने टूतांका भेजेगा २७ और पृथिवीके इस सिवानेसे आकाशके उस सिवानेतक चहुं दिशासे अपने चुने हुए लागोंका एकट्टे करेगा। गूलरके वृश्षसे टूप्नान्त सीखे . जब उसकी डाली र८ केामल हा जाती और पत्ते निकल आते तब तुम जानते हा कि धूपकाला निकट है। इस रीतिसे जब २€ तम यह बातें होते देखे तब जाना कि वह निकट है हां द्वारपर है। में तुमसे सच कहता हूं कि जबल्नों ३० यह सब बातें परी न हो जायें तबल्नां इस समयके लेाग नहों जाते रहेंगे। आकाश जऔओ पृथिवी टल ३१ जायेंगे परन्त मेरी बातें कभी न टल्जगीं । उस दिन ओर उस घड़ीके विषयमें न काई मनष्य ३२ जानता है न स्वगंबासी टूतगण और न पुच परन्तु केवल पिता । देखे जागते रहे। और प्राथेना करे! ब्येंकि तुम ३३ १४ पव्ले।] मा । १४७ ३४ नहीं जानते हो वह समय कब होगा। वह ण्सा है जेसे परदेश जानेवाले एक मनुष्यने अपना घर छोड़ा और अपने दासांकेा अधिकार औ और हर एकके उसका काम दिया और द्वारपालका जागते रहनेकी आज्ञा दिई। ३४ इसलिये जागते रहे क्यांकि तुम नहीं जानते हो घरका स्वामी कब आवेगा सांकका अथवा आधी रातका अथवा मुगे बोलनेके समयमें अथवा भेरकोा। ३६ ऐसा न हो कि वह अचांचक आके तुम्हें सोते पावे॥ ३० ओर जो में तुमसे कहता हूं सा सभोंसे कहता हूं जागते रहे | १४ चाोट्हवां पब्ले । १ योशुका बच करनेका प्ररामश । ३ एक स्ल्रोका उसक्ते सिरपर सगन्ध लेल झालना ॥ श ने बे ४ 5725 [- प १० पिहृदाका विश्वासघात करना। १२ शिष्योंका निस्तार पब्बेका भाजन बनाना । १७ उनके संग योशका भेजन करना ओर यिडदा के विपयमे भविष्य- द्वाक्य कहना । २२ प्रभु भाजका निरूपण । २७ पितरके योशसे मुकर जानेको भविष्यद्बवाणो । ३२ बारोमे योशक्रा महा शेक् । ४३ उसका पकड़ा जाना । ४३ उसके महायाजकके प्रास ले जाना ओर बधघके याग्य ठहराके अपमान करना ॥ ६ पितरका उससे मुकर जाना । १ निस्तार पब्बे जोर अखमोरी रोटीका पब्बे दा दिनके पीछे हानेवाला था और प्रधान याजक और अध्यापक त्लाग खोज करते थे कि यीशको क्येंकर छलसे पकड़के २ मार डाले । परन्तु उन्होंने कहा पब्बेमं नहीं न हे। कि लोगोंका डल्लड़ होवे | . ३ जब वह बेयनियामे. शिमान कैढ़ीके घरमें था खार भेजनपर बेठा तब एक स्वी उजल्ने पत्थरके पाचमें जटा- मांसीका बहुमूल्य सुगन्ध तेल लेके आई ओर पातच १४८ मा । [१४ पबने। ६.3 ताइके उसके सिरपर ढाला । काई कोई अपने मनमें रिसियाते थे और बोले सुगनन्‍्ध तेलका यह श्य क्यों हुआ । क्यांकि वह तीन से सूकियोंसे अधिक दाममें बिक सकता और कंगालोेंकेा दिया जा सकता . और वे उस स्त्रीपर कुड़कुड़ाये। यीशने कहा उसके रहने दा क्यों उसको दुःख देते हो . उसने अच्छा काम मुकसे किया है । कंगाल लोग तुम्हारे संग सदा रहतेहें और तुम जब चाहे तब उनसे भलाई कर सकते हो परन्तु में तुम्हारे संग सदा नहीं रहूंगा । जे। कुछ वह कर सको से किया है . उसने मेरे गाड़े जानेके लिये आगेसे मेरे देहपर सुगन्ध तेल लगाया है। में तुमसे सत्य कहता हूं सारे जगतमें जहां कहीं यह सुसमाचार सुना- या जाय तहां यह भी जो इसने किंया है उसके स्मरण- के लिये कहा जायगा। तब यिहृदा इस्करियोती जे। बारह शिष्योंमेंसे एक था प्रधान याजकोांके पास गया इसलिये कि योशको उन्हेंके हाथ पकड़वाय । वे यह सुनके आनन्दित हुए और उसको रूपेये देनेकी प्रतिज्ञा किई और वह खोज करने लगा कि उसे व्यांकर अवसर पाके पकड़वाय । अखमीरी रोटीके पब्बेके पहित्ते दिन जिसमें जे निस्तार पब्बेका मेम्रा मारते थे यीशुके शिष्य त्लाग उससे बाले आप कहां चाहते हैं कि हम जाके तैयार करें कि आप निस्तार पब्बेका भेजन खाते । उसने अपने शिफष्यों- मेंसे दोके यह कहके भेजा कि नगरमें जाओ जआौर एक मनुष्य जलका घड़ा उठाये हुए तुम्हें मिलेगा उसके पीछे ९ १0० १४ पब्ले ।] माक्र । १४६ १४ हे लेओे । जिस घरमें वह पेटे उस घरके स्वामीसे कहे गुरु कहता है कि पाहुनशाला कहां है जिसमें में अपने १४ शिष्योंके संग निस्तार पब्बेका भेजन खाऊं । वह तुम्हे एक सजो हुई और तैयार किई हुईं बड़ी उपरार्टी काठरी १६ दिखावेगा वहां हमौरे लिये तैयार करो । तब उसके शिष्य ल्लाग चले और नगरमें आके जैसा उसने उन्हेंसे कहा तैसा पाया और निस्‍्तार पब्बेका भेजन बनाया। बटे. सांकका यीश बारह शिष्योंके संग आया। जब बे. भेजनपर बैठके खाते थे तब यीशुने कहा में तुमसे सच कहता हूं कि तुममेंसे एक जो मेरे संग खाता है मु १८ पकड़वायगा । इसपर वे उदास होने और एक एक करके उससे कहने लगे वह क्या में हूं और टूसरेने कहा क्या २० में हूं । उसने उनके उत्तर दिया कि बारहेंमेंसे एक २१९ जो मेरे संग थालीमें हाथ डालता है साई है। मनुष्यका पुत्र जैसा उसके विषयमें लिखा है वेसाही जाता है परन्तु हाय वह मनुष्य जिससे मनुष्यका पुत्र पकड़वाया जाता है . जो उस मनुष्यका जन्म न होता तो उसके लिये भल्ना होता । २२ जब वे खाते थे तब योशने रोटी लेके धन्यवाद किया और उसे ताड़के उनके दिया और कहा लेओ खाओ ४३ यह मेरा देह है। ओर उसने कटोरा ल्ले धन्‍्य मानके २४ उन्हें टिया ओर सभोने उससे पिया। जर उसने उनसे कहा यह मेरा लाह अथात नये नियमका लोह है जो २४ बहुतेंके लिये बहाया जाता है। में तुमसे सच कहता हूं कि जिस दिनलों में इश्वरके राज्यमें उसे नया न पीऊं १४० मा । [१४ पब्जे। उस दिनलों में दाख रस फ़िर कभी न पीऊंगा । और २६ वे भजन गाके जैतून पब्बेतपर गये । तब योशुने उनसे कहा तुम सब इसी रात मेरे विष- २७ यमें ठोकर खाओगे क्योंकि लिखा है कि में गड़ेरियेका मारूंगा और भेड़ें तितर बितर हो जायेंगीं। परन्तु में २८ अपने जी उठनेके पोछे तुम्हारे आगे गालीलके जाऊंगा। पितरने उससे कहा यदि सब ठोकर खावें ताभी में २८ नहीं ठोकर खाऊंगा । यीशुने उससे कहा में तुके सत्य ३० कहता हूं कि आज इसी रात मुगके दा बार बालनेसे आगे तू तीन बार मुझसे मुकरेगा । उसने ओर भी ३१९ टूढ़तासे कहा जे आपके संग मु्के मरना हो तोभी में आपसे कभी न मुकरूंगा . सभोंने भी वेसाही कहा । वे गेतशिमनोी नाम स्थानमें आये ओर यीशुने अपने ३२ शिष्योंसे कहा जबल्ों में प्राथेना करूं तबत्नों तुम यहां बैठा । और वह पितर और याकूब और येहनकेा अपने ३३ संग ले गया और व्याकुल और बहुत उदास होने लगा । ओर उसने उनसे कहा मेरा मन यहांलों अति उदास ३४ है कि में मरनेपर हूं . तुम यहां ठहरो और जागते रहा । और थोड़ा आगे बढ़के बह भूमिपर गिरा और ३४ प्राथेना किई कि जो हो सके तो वह घड़ी उससे टल जाय । उसने कहा हे अब्बा हे पिता तुकसे सब कुछ हे ३६ सकता है यह कटोरा मेरे पाससे टाल दे तैाभी जो में चाहता हूं से न हाय पर जे तू चाहता है। तब उसने ३७ आ उन्हें सोते पाया ओर पितरसे कहा हे शिमान से तू सेता है क्या तू एक घड़ी नहीं जाग सका । जागते रहे! ३८ १४ पब्जे !] मा । १४१ और प्राथेना करो कि तुम परीक्षा न पढ़ा . मन ते ३€ तैयार है परन्तु शरीर दुबेल है। उसने फ़िर जाके वही ४० बात कहके प्रायेना किई । तब उसने लोटके उन्हें फिर सेते पाया क्यांकि उनकी आंखें नींदसे भरी थीं . और ४९ वे नहीं जानते थे कि उसके” क्या उत्तर देवें। और उसने तीसरी बेर आ उनसे कहा से तुम सेाते रहते और विशज्वाम करते हो . बहुत है घड़ी आ पहुंची है देखे मनुष्यका पुच् पापियोंके हाथर्में पकड़वाया जाता है। ४२ उठो चले देखे जे मुझे पकड़वाता है से निकट आया है। ४8३ वह बालताही था कि यिहृदा जे बारह शिष्योंमेंसे एक था तुरन्त आ पहुंचा ओर प्रधान याजकों और अध्यापकों और प्राचीनोंकी ओरसे बहुत लोग खड़ और ४४ लाठियां लिये हुए उसके संग। योशुके पकड़वानेहारेने उन्हें यह पता दिया था कि जिसको में चूमूं वही है उस- ४५ को पकड़के यत्षसे ले जाओ । और वह आया और तुरन्त यीशु पास जाके कहा हे गुरु हे गुरुओर उसके चूमा । ४६ तब उन्हेंने उसपर अपने हाथ डालके उसे पकड़ा । ४७ जे लाग निकट खड़े थे उनमेंसे एकने खड़ खींचके महा- याजकके दासकेा मारा और उसका कान उड़ा दिया । ४८ इसपर यीशने लेागेंसे कहा क्या तुम मुे पकड़नेका जेसे ४९ डाकूपर खड़ू और लाठियां लेके निकले है में मन्दिर- में उपदेश करता हुआ प्रतिदिन तुम्हारे संग था ओर तुमने मुक्के नहों पकड़ा . परन्तु यह इसलिये है कि धम्में- ४० पुस्तकको बातें पूरी हावें। तब सब शिष्य उसे छोड़के भागे । १४२ मा । [१४ प्ले । और एक जवान जे देहपर चट्टर ओढ़े हुए था ४५ उसके पीछे हा लिया और प्यादोंने उसे पकड़ा । वह ४२ चट्टर छेाइ़के उनसे नंगा भागा । वे योश॒का महायाजकके पास ले गये और सब प्रधान ४३ याजक और प्राचीन और अध्यापक लोग उस पास एकट्टे हुए । पितर टूर टूर उसके पीछे महायाजकके अंगनेके ४४ भीतरलें चला गया और प्यादोंके संग बैठके आग तापने लगा। प्रधान याजकोॉंने झौर न्‍्याइयेंकी सारी सभाने ४५ यीशकेा घात करवानेके लिये उसपर साथी ढूंढ़ी परन्तु लपाई। ब्येांकि बहुतांने उसपर कूठी साथ्यी दिई परन्तु ४६ उनकी साथी एकसमान न थी। तब कितनेोंने खड़े हो ४७ उसपर यह भूठी साथी दिईं . कि हमेंने इसके कहते ४८ आर मा सुना कि में यह हाथका बनाया हुआ मन्दिर गिराऊंगा और तीन दिनमें टूसरा बिन हाथका बनाया हुआ मन्दिर उठाऊंगा । पर यूं भी उनकी साक्षी एकसमान न ४८ थी । तब महायाजकने बीचमें खड़ा हो यीशुसे पूछा क्या ६० तू कुछ उत्तर नहीं देता है . ये ल्लाग तेरे बिरूटू क्या साथी देते हैं। परन्तु वह चुप रहा और कुछ उत्तर न दिया . ६१ महायाजकने उससे फिर पूछा ओर उससे कहा क्या तू उस परमधन्यका पुत्र खीपृ है। यीशुने कहा में हं और ६२ तुम मनुष्यके पुच्रका सब्बेशक्तिमानकी दहिनी आर बैठे और अाकाशके मेघेंपर आते देखागे । तब महायाजकने ६३ अपने बस्त फाडके कहा अब हमें साश्षियोंका और क्या प्रयाजन । इंश्वरकी यह निन्‍दा तुमने सुनी है तुम्हें कया ६8 समझ पड़ता है , समोंने उसके बधके योग्य ठहराया । १४ प्रब्बे ।] माक्के । १४३ ६४ तब कोई काई उसपर थूकने लगे और उसका मुंह ढांपके उसे घूसे मारके उससे कहने लगे कि भविष्यद्वा- णी बाल . प्यादोंने भी उसे थपेंढे मारे । ६६ जब पितर नीचे अंगनेमें था तब महायाजककी दा- ६७ सियोमेंसे एक आझाई . ओर पितरकोा आग तापते देखके उसपर टप्नि करके बाली त्‌ भी योश नासरीके संग था। ६८ उसने मुकरके कहा में नहीं जानता और नहों बर- ता तू क्या कहती है . तब वह बाहर डेवढ़ीमें गया ६€ और मुर्गे बाला । दासोी उसे फिर देखके जो लोग निकट खड़े थे उनसे कहने लगी कि यह उनमेंसे एक ७० है . वह फिर मुकर गया । फिर थोड़ी बेर पीछे जे लेग निकट खड़े थे उन्होंने पितरसे कहा तू सचमुच उनमेंसे णक है क्येंकि त्‌ गालीली भी है ओर तेरी बोली ७९ बैसीही है। तब वह धघिक्कार देने झार किरिया खाने लगा कि में उस मनुष्यका जिसके विषयमे बालते हो नहीं ७२ जानता हूं । तब मुगग टूसरो बार बाला और जो बात यीशने उससे कही थी कि मुगेके दे बार बालनेसे आगे त्‌ तीन बार मुझसे मुकरेगा उस बातका पितरने स्मरण & 5 (5 किया झौर सोच करते हुए रोने लगा । १५ पन्ट्रहवां पब्बे । १ योशका पिलातके हाथ सांपा जाना ओर पिलातका उसे लिचार वरना ओर कछाडनको इच्छा करना। १४ योशका घातकेांके हाथ सांपा जाना ओर याद्धाओंस निन्दित होना । २९ उसका क्रशपर चदकाया जाना । २€ उसपर लेागांका हंसना । ३३ उसका पकारना ओर सिरका प्रोना । ३७ उसका प्राण त्यागना ओर अट्डूत चिन्हांका प्रगटण डेोना। ४७० स्व्रियांका क्रशके समोष रहना । ४२ यसफका योशुका कबरमे रखना । हे 90 १४४ मार्क । [१४ पब्चे । भारको प्रधान याजकोंने प्राचीन खैर अध्यापकों के संग बरन न्याइयोंकी सारी सभाने तुरन्त आपसमें बि- चार कर यीशुका बांधा और उसे ले जाके पिलातकोा सांप दिया । पिल्लातने उससे पूछा क्या तू यिहृदियोंका राजा है , उसने उसके उत्तर दिया कि झापही तो कह- ते हैं। और प्रधान याजकोंने उसपर बहुतसे दोष लगा- ये । तब पिलातने उससे फिर पूछा क्या तू कुछ उत्तर नहीं देता . देख वे तेरे बिर्टु कितनी साश्षी देते हैं। परन्तु यीशुने और कुछ उत्तर नहों दिया यहांलां कि पिलातने झअचंभा किया । उस पब्बेमें वह एक बन्धुवेका जिसे लोग मांगते थे उन्हेंके लिये छोड़ देता था। बरब्बा नाम एक मनुष्य अपने संगी राजट्रो हियोंके साथ जिन्‍्हें- ने बलवेमें नरहिंसा किई थी बंधा हुआ था। और लाग पुकारके पिलातसे मांगने लगे कि जैसा उन्हेंके लिये सदा करता था तैसा करे। पिलातने उनके उत्तर दिया क्या तुम चाहते हे कि में तुम्हारे लिये यिहृदि- योंके राजाका छोड़ देऊं | क्येंकि वह जानता था कि प्रधान याजकोंने उसके डाहसे पकड़वाया था। परन्तु प्रधान याजकोंने लागोंका उस्काया इसलिये कि वह बरब्बाहीका उनके लिये छोड़ देवे । पिलातने उत्तर देके उनसे फिर कहा तुम क्या चाहते हे जिसे तुम यिहृदि- योंका राजा कहते हो उससे में क्या करूं। उन्होंने फिर पुकारा कि उसे क्रूशपर चढ़ाइये। पिल्लातने उनसे कहा क्यों उसने कौनसी बुराई किई है . परन्तु उन्होंने बहुत जअधिक पुकारा कि उसे क्रूशपर चढ़ाइये । ९ +» ८ १४ पब्ने ।] माक्रे । १४४ १५ तब पिलातने लोगोंको सन्‍्तृष्ठ करनेकी इच्छा कर बरब्बाकोा उन्हेंके लिये छोड़ दिया और यीशको कोड़े १६ मारके क्रूशपर चढ़ाये जानेकेा सेंफदिया । तब योद्ा ओं- ने उसे घरके अथात अध्यध्यभवनके भोतर ले जाके १७ सारी पत्नटनकोा णकट्रे बुलाया। और उन्हेंने उसे बैजनी बस्त पहिराया ओर कांटोंका मुकुट गन्यके उसके सिर- १८ पर रखा . ओर उसे नमस्कार करने लगे कि हे यिह- १८ दियोंके राजा प्रणाम । और उन्होंने नरकटसे उसके सिरपर मारा और उसपर थूका और घुटने टेकके २० उसके प्रणाम किया । जब वे उससे ठट्गा कर चुके तब उससे वह बेजनी बस्त उतारके और उसका निज बस्त॒ उसके पहिराके उसे क्रूशपर चढ़ानेका बाहर ले २१ गये । ओर उन्हेंने कुरीनी देशके एक मनुष्यका अथात सिकन्दर और रूफके पिता शिमानको जो गांवसे आते हुए उधरसे जाता था बेगार पकड़ा कि उसका क्रूश ले चलने । २२ तब वे उसे गलगया स्थानपर लाये जिसका अथे यह २३ है खापड़ीका स्थान। और उन्होंने दाख रसमें मुर मि- २४ लाके उसे पोनेका दिया परन्तु उसने न ल्विया । तब उन्होंने उसके क्रूशथर चढ़ाया और उसके कपड़ोंपर चिट्टियां डालके कि कान किसके ल्लेगा उन्हें बांट त्निया। २४ एक पहर दिन चढ़ा था कि उन्होंने उसके क्रूशपर चढ़ा- २६ या। और उसका यह देषपच ऊपर ल्लिखा गया कि यिहू- २७ दियोंका राजा उन्होंने उसके संग दो डाकुओंका एककोा उसकी दहिनी ओर और दटूसरेकेा बाई ओर क्रूशेंपर १४६ मा । [१४ पब्ओे। चढ़ाया । तब धम्मेपुस्तकका यह बचन पूरा हुआ कि र८ वह कुकम्मियोंके संग गिना गया । - जा लाग उधरसे आते जाते थे उन्हेंने अपने सिर २६ हिलाके और यह कहके उसकी निन्‍दा किईद . कि हा ३० मन्दिरके ढानेहारे झैर तीन दिनमें बनानेहारे अपनेका बचा और क्रूशपरसे उतर आ । इसी रीतिसे प्रधान ३९ याजकोंने भी अध्यापकोंके संग आपसमें ठट्रा कर कहा उसने औरोंके बचाया अपनेकेा बचा नहीं सकता है। इस्रायेलका राजा खीपु क्र्शपरसे अब उतर आवे कि हम ३२ देखके विश्वास करें . जे उसके संग क्रूशांपर चढ़ाये गये उन्होंने भी उसको निन्‍दा किई । द जब दा पहर हुआ तब सारे देशमें तीसरे पहरत्नां ३३ अंधकार हो गया । तीसरे पहर योशने बढ़े शब्दसे पुका- ३४ रके कहा ण्लीं एली लामा शबक्तनी अथात हे मेरे इंश्वर हे मेरे इश्वर तूने क्यों मु्के त्यागा है। जे ३४ तल्लाग निकट खड़े थे उनमेंसे कितनोंने यह सुनके कहा देखे वह ण्ल्नियाहका बुलाता है। और ण्कने ३६ दैेड़के इस्पंजका सिरकेमेंभिंगाया और नतल्पर रखके उसे पीनेके दिया और कहा रहने दा हम देखें कि एल्नियाह उसे उतारनेका आता है कि नहीं । तब यीशुने बड़े शब्दसे पुकारके प्राण त्यागा। ३७ जैर मन्टिरका परदा ऊपरसे नीचेत्नां फटके दो भाग ३८ हा। गया । जो शतपति उसके सन्‍्मुख खड़ा था उसने ३ जब उसे यूं पुकारके प्राण त्यागते देखा तब कहा सच- मुच यह मनुष्य इश्वरका पुत्र था । पद पब्जे ।] मा । १४७ ४०... कितनी स्तियां भी टूरसे देखती रहीं जिन्‍्होंमें मरि- यम मगदलीनी चर छोटे याकबकी जओऔ याशीकी 8९ माता मरियम ओर शालोामी थीं" जब योश गाली लमें भा तब ये उसके पीछे हो लेती थीं कौर उसकी सेवा करती थीं . बहुतसी और स्त्रियां भी जे उसके संग यिरूशलीममे आईं वहां थीं । ४8२ यह दिन तैयारीका दिन याजो बिप्रामवारके एक ४३ दिन आगे है . इसलिये जब सांक हुईं तब अरिमिथिया नगरका यूसफ एक आद्रवन्त मनन्‍्त्रों जे आप भी इंशबवरके राज्यकी बाट जेहता था आया और साहससे ४४ पिलातके पास जाके यीशुकी लेाथ मांगी । पिलातने अचंभा किया कि वह क्या मर गया है आर शतपतिकोा अपने पास बुलाके उससे पूछा क्या उसके मरे कुछ बेर ४४ हुईं । शतपतिसे जानके उसने यूसफका लोाय दिदे। ४६ यूसफने एक चट्टर माल लेके योशुका उतारके उस चट्रम लपेठा ओर उसे एक कबरमसे जो पत्थरमें खादी हुईं थी रखा ओर कबरके द्वारपर पत्थर लुढ़का दिया। ४७ मरियम मगदलीनी और येाशीकी माता मरियमने वह स्थान देखा जहां वह रखा गया । १९६ सालहदवां पब्बे । १ सल्याक्रा दतस याशक्र ज्ञाा उठनका समाचार सनना | € योशकऋा सारयम सगदलानाक्ा दशन दना । १२ दाशष्याक्रा दशन दना। ९४ गख्ग्पारह /शिष्याका दशन दना आर उन्हे प्ररण करना । १९ स्थवाासम जाना । १ जब बिामवार बीत गया तब .मरियम मसगदलीनाी और याकूबकी माता मरियम और शालेमीने सुगन्ध १४८ माक्रे । [१६ पब्ल । माल लिया कि आके यीशके में । और अठवारेके पहिले दिन बड़ी भार सूय्ये उदय होते हुए वे कबरपर आईे। और वे आपसमें बालीं कान हमारे लिये कब- रके द्वारपरसे पत्थर लुढ़काबेगा। परन्तु उन्हेंने टूप्वि कर देखा कि पत्थर लुढ़काया गया है . ओर वह बहुत बड़ा था । कबरके भीतर जाके उन्हेंने उजल्ने लंबे बस्त पहिने हुए एक जवानके ट्हिनी ओर बेठे देखा आर चकित हुईं । उसने उनसे कहा चकित मत होओ तुम यीशु नासरोको जो क्रूशपर घात किया गया हूंढ़ती है। . वह जी उठा है वह यहां नहों हे . देखा यही स्थान है जहां उन्होंने उसे रखा । परन्तु जाके उसके शिष्योंसे और पितरसे कहे कि वह तुम्हारे आगे गालीलको जाता है . जैसे उसने तुमसे कहा वैसे तुम उसे वहां देखागे। वे शीघ्र निकलके कबरसे भाग गदें और कम्पित और बि- स्मित हुईं और किसीसे कुछ न बालों क्यैंकि वे डरती थीं। यीशुने अठवारेके पहिले दिन भारका जो उठके पहिले मरियम मगदलीनीकेा जिसमेंसे उसने सात भूत निकाले थे दर्शन दिया। उसने जाके उसके संगियों- का जे शाक करते और रोते थे कह दिया । उन्होंने जब सुना कि वह जीता है और मरियमसे देखा गया है तब प्रतीति न किई । इसके पीछे उसने उनमेंसे देकेा जो मागेमें चलते और किसी गांवकोा जाते थे टूसरे रूपमें ट्शेन दिया। उन्होंने भी जाके ओरोंसे कह दिया परन्तु उन्होंने उन- ९५ का भा प्रतात न कदर । र्‌ १२ श३ १६ पब्ले ।] मार्क | १४६ १४ पोछे उसने ण्ग्यारह शिष्पांकेा जब वे भेाजनपर बेठे थे दशन दिया और उनके अबिश्वास और मनकी कठोरतापर उलजहना दिया इसबह्नलिये कि जिन्होंने उसे जो उठे हुए देखा था उन लोागोंकी उन्होंने प्रतीति १५ न किदे। आर उसने उनसे कहा तुम सारे जगतमें जाके १६ हर एक मनुष्यका सुसमाचार सुनाओ । जो बिश्वास करे ओर बपतिसमा लेवे से चाण पावेगा परन्तु जे १७ बिश्वास न करे से दंडके योग्य ठहराया जायगा। और ये चिन्ह बिश्वास करनेहारोंके संग प्रगट होंगे . वे मेरे नामसे भूतांके निकालेगे वे नह नई भाषा बोलेंगे । ९८ वे सांपोंका उठा लेंगे और जो वे कुछ बिष पावें ते उससे उनकी कुछ हानि न होगी . वे रोगियोंपर हाथ रखेंगे और वे चंगे हो जायेगे । १८ सो प्रभु उन्होांसे बालनेके पीछे स्वगेपर उठा लिया २० गया जार ईंश्वरकी दहिनी ओर बैठा । और उन्हेंने निकलके सब्बेच उपदेश किया और प्रभुने उनके संग काय्ये किया और जो चिन्ह साथमें प्रगट होते थे उन्हेंसे बचनकेो टूढ़ किया । आमीन ॥ लुक रचित सुसमाचार । १ पहिला पब्बे। ससमाचार लिखनेका प्रयोजन । ५ इलोशिबाका गर्भ रहनेका बणेन | २६ मरियमकोा गर्भ रहनेक्ा बगेन । ३९ मरियम ओर इलोशिबाकों भेंट | ४६ मरियमकी गोल । ४७ याहनक्रे जन्मका बणेन । ६० जिखरियाहको भविष्यद्वाणो । ८० याहनका जंगलम रहना । हे महामहिमन थियाफ़िल जे बाते हम लोागोंम ब्यति प्रमाण हैं उन बातोंका बृत्तान्त जिस री तिसे उन्हेंने जा आरंभसे साधथ्यी झर बचनके सेवक ये हम लोागोंकेा सेांपा . उसी रोतिसे लिखनेके बहुतोंने हाथ लगाया है . इसल्निये मुझे भी जिसने सब बातोंका आदिसे ठीक करके जांचा हे अच्छा लगा कि एक ओरसे आपके पास लिखूं . इसलिये कि जिन बातोंका उपदेश आपके दिया गया है आप उन बातोंको टूढ़ता जानें । यिहदिया देशके हेरोद राजाके दिनोंमें अबियाहकी पारोमें जिखरियाह नाम एक याजक था ओर उसको स्‍त्री जिसका नाम इल्ीशिबा था हारानके बंशको थी वे दानों इश्वरके सन्‍्मख धर्म्मी थे और परमेश्वरकी समस्त आज्ञाओं ओर बिधियोंपर निर्दोष चलते थे। उनके केाइई लड़का न था क्यांकि इलीशिवा बांक थी ओर वे दानों बढ़े थे। जब जिखरियाह अपनी पारीकी रोति- पर इंश्वरके आगे याजकका काम करता था . तब चिट्टि- यां डालनेसे उसके याजकोय व्यवहार के अनुसार परमे- ] १ पब्ले ।] लक । १६१ १० श्वरके मन्दिरमें जाके धूप जलाना पड़ा । धूप जलानेके समय लेोगोंकी सारी मंडतल्ी बाहर प्रायेना करती थी। ११९ तब परमेश्वरका एक दूत धूपको* बेदीकी दहिनी ओर १२ खड़ा हुआ उसके दिखाई दिया । जिखरियाह उसे देखके १३ घबरा गया और उसे डर लगा । टूतने उससे कहा हे जिखरियाह मत डर बक्यांकि तेरी प्राथेना सुनो गई है ओर तेरी स्त्री इलीशिबा पुच्र जनेगी और तू उसका नाम १४ याहन रखना । तुके आनन्द और आह्वाद होगा और १४ बहुत लोग उसके जन्मनेसे आनन्दित होंगे। क्योंकि वह परमेश्वरके सन्‍्मख बड़ा होगा ओर न दाख रस न मटय पीयेगा कार अपनो माताके गर्भाहीसे पविच अआत्मासे १६ परिपूर्ण हेगा। और वह इस्रायेलके सन्‍्ता ने मेंसे बहुतें- १७ का परमेश्वर उनके इृश्वरकी ओर फिरावेगा। वह उस- के आगे एल्लियाहके आत्मा और सामष्यसे जायगा इस- लिये कि पितरोंका मन लड़कांकी ओर फेर दे जार आज्ञा लंघन कर नेहारोंका धम्मियांके मतपर लावे खैर १८ प्रभुके लिये एक सजे हुए लागका तैयार करे । तब . जिखरियाहने ट्तसे कहा यह में किस रीतिसे जान॑ क्यों- १९ कि में बूढ़ा हूं ओर मेरी स्त्री भी बूढ़ी है। टूतने उसके उत्तर दिया कि में जब्ायेल हं जो इंश्वरके साम्ने खड़ा रहता हं ओर में तकसे बात करने ओर लमके यह स- २० समाचार सुनानेकी भेजा गया हूं। और देख जिस दिनल्नों यह सब पूरा न हो जाय उस दिनलों तू गूंगा हा रहेगा और बाल न सकेगा क्यांकि तने मेरी बातांपर जो अपने २१ समयमे परो किईदे जायेंगीं बिश्वास नहीं किया। लोग ] १६२ लक । [१ प्रब्जे। सप्ठ5 जिखरियाहकी बाट देखते थे और अचंभा करते थे कि उसने मन्दिरमें बिलंब किया । जब वह बाहर आया २२ तब उन्हेोंसे बाल न सका और उन्हेंने जाना कि उसने मन्दिरमें काई दशन पाया था और वह उन्हेंसे सैन्त करने लगा ओर गंगा रह गया । जब उसको सेवाके २३ दिन परे हुए तब वह अपने घर गया । इन दिनोंके २४ पीछे उसकी स्त्री इलीशिबा गर्भवती हुईं ओर अपने- के पांच मास यह कहके छिपाया . कि मनुष्योमे मेरा २४ अपमान मिटानेकेा परमेश्वरने इन दिनोंमें कृपादूप्रि कर मुझसे ऐसा व्यवहार किया है । छठवें मासमें इेश्वरने जब्ायेल ट्तका गालील देशके २६ एक नगरमें जे! नासरत कहावता हे किसी कंवाराके पास भेजा - जिसकी मंगनी यूसफ़ नाम दाऊदके घरा- २७ नेके एक पुरुषसे हुईं थी . उस कुंवारीका नाम मरियम था। दतने घरमें प्रवेश कर उससे कहा हे अनग्रहीत शद कल्याण परमेश्वर तेरे संग हे स्त्रियोंमं त्‌ धन्य है। मरि- २< यम उसे देखके उसके बचनसे.- घबरा गई खैर सोचने लगी कि यह कैसा नमस्कार है | तब टूतने उससे कहा ३० हे मरियम मत हर क्यांकि इंश्वरका अनग्रह तकपर हुआ है। देख तू गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी और ३९ उसका नाम त योश रखना । वह महान होगा और ३२ सब्बेप्रधानका पुत्र कहावेगा ओर परमेश्वर इंश्वर उसके पिता दाऊदका सिंहासन उसके देगा । और वह या- ३३ कूबके घरानेपर सदा राज्य करेगा और उसके राज्यका अन्त न होगा । तब मरियमने टूतसे कहा यह किस ३४ 0] १ पत्चे ।॥] लक । १६३ ३५ रीतिसे होगा क्योंकि में पुरुषका नहीं जानती हूं। टूतने ० उसके उत्तर टिया कि पविचर चआात्मा तरपर अआवेगा ज्ैौर सब्बेप्रधानकी शक्ति तकपर छाया करेगी इसलिये ३६ वह पविच बालक इंश्वरका पुत्र कहावेगा। और देख तेरी कटंबिनी इली शिवाका भी बढ़ापेम पचका गर्भ रहा है जौर जा बांफ कहावती थी उसका यह छठवां मास है। ३० व्यांकि काई बात इंश्वरसे असाध्य नहों हे। मरियमने कहा देखिये में परमेश्वरकी दासोी मर्के आपके बचनके .._ झनुसार होय . तब टूत उसके पाससे चत्ना गया । ३८. उन दिनोंमें मरियम उठके शीप्रसे पब्बेतीय देशमे ४० यिह॒दाके एक नगरके गई . ओर जिखरियाहके घरमे ४९ प्रवेश कर इतलीशिबाका नमस्कार किया। ज्योंहो इत्ली- शिबाने मरियमका नमस्कार सना त्योंही बालक उसके गर्भमं उछला खैर इत्लीशिबा पविच झआत्मासे परिपण ४२ हुईं । ओर उसने बड़े शब्दसे बालते हुए कहा तू [स्त- ४३ योंमें धन्य हे आर तेरे गर्भक्ा फल धन्य है । और यह मुक्त कहांसे हुआ कि मेरे प्रभुकी माता मेरे पास आवे। ४४ देख ज्यांही तेरे नमस्कारका शब्द मेरे कानोंम पड़ा त्यों- ४५ ही बालक मेरे गर्भ जानन्दसे उछत्ता । ओर धन्य बिश्वास करनेहारी कि परमेश्वरकी ओरसे जो बातें तमरसे कही गई हैं सो परो किद जायगों । ४६ तब मरियमने कहा मेरा प्राण परमेश्वरकां महिमा ४७ करता है . और मेरा आत्मा मेरे चाणकत्ता इंश्वरसे ४८ आनन्दित हुआ हे । व्यांकि उसने अपनी टदासीकी दीनताइपर टूप्नि किईं हे देखे अबसे सब समयेंके लाग १६४ तक । [१ प्रब्खे | मु्के धन्य कहेंगे । क्यांकि सब्बेशक्तिमानने मेरे लिये ४८ . महाकाय्यांका किया है और उसका नाम पविच है। उसकी टया उन्होंपर जो उससे डरते हैं पीढ़ीसे पीढ़ी ले ४० नित्य रहती है । उसने अपनी भुजाका बतल्ल दिखाया ४९ है उसने अभिमानियोंका उनके मनके परामशेम छित्न भिन्न किया हे | उसने बलवानोंका सिंहासनेंसे उताण ४२ और दीनेंकेा ऊंचा किया है। उसने भूखांके उत्तम ४३ बस्तुओंसे तृप्त किया ओर धनवानेंकोा छूछे हाथ फेर दिया है। उसने जैसे हमारे पितरेंसे कहा . तैसे सब्बेदा ५३. इब्राहीम झेार उसके बंशपर अपनी दया स्मरण करनेके कारण अपने सेवक इस्रायेलका उपकार किया है। मरि- ४६ यम तोन मासके अझटकल इलीशिबाके संग रही तब अपने घरको लौटी । तब इलीशिबाके जननेका समय पूरा हुआ और वह ४७ पुत्र ज़नी । उसके -पड़ासियां और कुटुंबेंने सुना कि ४८ परमेश्वरने उसपर बड़ी दया किई है और उन्हेंने उसके संग आनन्द किया । आठवें दिन वे बालकका खतना ४९ करनेकेा आये और उसके पिताके नामपर उसका नाम जिखरियाह रखने लगे। इसपर उसको माताने कहा से। ६० नहीं परन्तु उसका नाम येोहन रखा जायगा। उन्हेंने ६१ उससे कहा आपके कुटुंबोमेंसे काई नहीं है जे इस नामसे कहावता है । तब उन्हेंने उसके पितासे सैन ६२ किया कि आप क्या चाहते हैं कि इसका नाम रखा जाय । उसने पटिया मंगाके यह लिखा कि उसका नाम ६३ येहन हैं . इससे वे सब अचंभित हुए । तब उसका ६8 ९ पब्जे ।] लक । १६४ मंह खार उसकी जीभ तरनन्‍्त खत्म गये और वह ६५ बालने और इश्वरका धन्यबाद करने तल्वगा । और उन्हेंके आसपासके सब रहनेहारोंके भय हुआ और इन सब बातांकोी चचा यिहृदियाके सारे पब्बेतीय ६६ देशमें होने लगी । और सब सननेहारोंने अपने अपने मनमें सोच कर कहा यह केसा बालक होगा . और परमेश्वरका हाय उसके संग था।' ६७ तब उसका पिता जिखरियाह पविच आत्मासे ६८ परिपूर्ण हुंआ और यह भविष्यट्राणी बाला. कि परमेश्वर इस्रायेलका इंश्वर धन्य हाोवे कि उसने अपने तल्लागांपर ६< ट्रष्मि कर उन्हेंका उद्वार किया है . और जैसे उसने अपने पविच भविष्यद्क्ताओंके मुखसे जे। आदिसे होते आये ७० हैं कहा . तेसे हमारे लिये अपने सेवक दाऊटके घरानेमें ७९ एक चाणके सींगकेा . अथात हमारे शचझेंसे खैर हमारे सब बेरियोंके हाथसे एक बचानेहारेकेा प्रगट किया है ७२ इसलिये कि वह हमारे पितरोंके संग दयाका व्यवहार ७३ करे और अपना पविच नियम स्मरण करे . अथात वह ७४ किरिया जो उसने हमारे पिता इष्राहीससे खाई . कि ७४ हमें यह देवे कि हम अपने शचुओंके हाथसे बचके. निर्भेय जीवन भर प्रतिदिन उसके सनन्‍्मुख पवित्रताई और धम्मेसे ७६ उसकी सेवा करें। और तू हे बालक सब्बेप्रधानका .._ भविष्यद्रक्ता कहावेगा क्योंकि तू परमेश्वरके आगे जाय- ७७ गा कि उसके पंथ बनावे . अथात हमारे इंश्वरकी महा करुणासे उसके लोगेंकेा उन्हेंके पापमेाचनके ट्वारासे ७८ निस्तारका ज्ञान देवे । उसी करुणासे सूस्येका उदय १६६ लक । [२ पब्ले। 5 ऊपरसे हमेंपर प्रकाशित हुआ है . कि अंधकारमें ७८ आर मृत्यकी छायामें बेठनेहारोंका ज्योति देवे ओर हमारे पांव कशलके मार्गपर सोधे चलावे। आर वह बालक बढ़ा ज्र आत्मामें बलवन्त होता गया जआऔऔर इस्रायेली लेागोांपर प्रगट होनेके दिनलों जंगली स्पानोंमे रहा । €ः २ टूसरा पब्बे । न घरसफका बतलहममं जाना ओर याशक्रा जन्म ।८5 स्थगदताका गड़ो रयांकेा योणके जन्मका सन्दश देना । २१ योशका खतना करना ओर इश्वरक आगे घरना । २४ /शासयान आर हन्नाक्रा उस चान्डना झ्रेर उसका नासरतकीा लेटना । ४१ बारह बरसके बयसम उपदेशकांके संग उसका बातचांत । उन दिनोंमें अगस्त केसर महाराजाकी ओरसे आज्ला हुई कि उसके राज्यके सब लोगेंके नाम लिखे जावें। करोनियके सरिया देशके अध्यक्ष होनेके पहिले यह नाम लिखाई हुई । ओर सब लोग नाम लिखानेकेा अपने अपने नगरके गये । यूसफ भी इसलिये कि वह दाऊदके घराने जला बंशका था . मरियम स्वीके संग जिससे उसकी मंगनी हुई थी नाम लिखानेका गालील देशके नासरत नगरसे गयिहदियाम बेतल्लहम नाम दाऊदके नगरके गया - उस समय मरियम गभवती थी। उनके वहां रहते उसके जननेके दिन पूरे हुए । ओर वह अपना पहिलोटा पुत्र जनी और उसके कपड़ेमें लपेटके चअरनीमें रखा क्येंकि उनके लिये सरायमें जगह न थी। उस देश कितने गड़ेरिये थे जे! खेतमें रहते थे ओर 26 0 शू 665 0 ७ र पब्ले।] लक । _ १६७ 5 € रातका अपने भूंडका पहरा देते थे। और देखे परमेश्वर पद >शओए किक का णक टूत उनके पास झा खड़ा हुआ और परमे- श्वरका तेज उनको चारों ओर *चमका और वे बहुत १० डर गये । दूतने उनसे कहा मत डरो क्योंकि देखे में तुम्हे बड़े आननन्‍दका सुसमाचार सुनाता हूं जिससे सब १९ लोागोंकेा आनन्द होगा . कि जझ्ञाज दाऊदके नगरमें तुम्हारे लिये एक चाणकत्ता अथात खीप प्रभु जन्मा है । १२ ओर तुम्हारे लिये यह पता होगा कि तुम एक बालक- के कपड़ेमें लपेटे हुए ओर चरनीमें पढ़े हुए पाओगे । १३ तब अचांचक स्वर्गीय सेनामेंसे बहुतेरे उस दूतके संग १४ प्रगट हुए ओर इंश्वरकी स्त॒ृति करते हुए बाले . सबसे ऊंचे स्पानमें इंश्वरका गुणानुबाद और पृथिवीपर १५ शांति हाय . मनुष्येंपर प्रसन्नता है। ज्यांही टूतगण उन्हेंके पाससे स्वगंकेा गये त्योंही गड़ेरियोंने आपसमें कहा आओ हम बैतलहमलों जाके यह बात जो हुई १६ है जिसे परमेश्वरने हमोंके बताया है देखें । और उन्होंने शीघ्र जाके मरियम और यूसफका और बालक- १७ के चरनीमें पड़े हुए पाया । इन्हें देखके उन्होंने वह बात जे इस बालकके विषयमें उन्होंसे कही गईं थी ९८ प्रचार किद। ओर सब सुननेहारे उन बातोंसे जो १९ गड़ेरियांने उनसे कहीं अचंभित हुए । परन्तु मरियमने इन सब बातोंका अपने सनमें रखा और उन्हें सेच- २० ती रही । तब गड़ेरिये जैसा उन्हेंसे कहा गया था तैसाही सब बातें सुनके और देखके उन बातोंके लिये इेश्वरका गुणानुबाद और स्तुति करते हुए लौट गये। प्द्द्र लक । [२ प्ले । जब ज्ाठ दिन परे होनेसे बालकका खतना कर- २१ ना हुआ तब उसका नाम यीश रखा गया कि वहीं नाम उसके गम पढ़नेके क्ागे टतसे रखा गया था। और जब मसाकी ब्यवस्थाके अनुसार उनके शहु होने- २२ के दिन परे हए तब वे बालककेा यिरूशलीममे त्ने गये . कि जैसा परमेश्वरकी ब्यवस्थामें लिखा है कि २३ हर एक पहिलाठा नर परमेश्वरके लिये पवित्र कहा- बेगा तेसा उसे परमेश्वरके आगे धरें , और परमे- २४ श्वरको व्यवस्थाको बातके अनुसार पंडुकांकी जोड़ी अथवा कपातके दे बच्चे बलिदान करें । तब देखे यिरूशल्नी मरमें शिमियाोन नाम एक मनुष्य २४ था . वह मनुष्य धर्म्मी और भक्त था और इस्रायेलकी शांतिकी बाट जाहता था कौर पविच आत्मा उसपर था । पविच आत्मासे उसके प्रतिज्ञा दिईं गईंथी कि २६ जबल्नों त परमेश्वरके क्भिषिक्त जनके न देखे तबल्नों मृत्यका न देखेगा । खैर वह आत्माकी शिक्षासे मन्दिर- २७ में जाया कार जब उस बालक अथात यीशके माता पिता उसके विषय ब्यवस्थाके ब्यवहारके अनसार करनेकेा उसे भीतर लाये . तब शिमियानने उसके रद अपनी गोदीमे लेके इंश्वरका धन्‍्यबाद कर कहा , हे २८ प्रभ अभी त अपने बचनके अनसार अपने दासकोा कशलसे बिदा करता हे . क्यांकि मेरी आंखोंने तेरे ३० चाणकत्ताका देखा है . जिसे तूने सब देशेंके लोागेंके ३१ सनन्‍्मख तैयार किया है . कि वह अन्यदेशियें का प्रकाश ३२ करनेकी ज्योति ओर तेरे इस्रायेली ल्ागका तेज होबे। २ पब्ले ।] लक । ब्द्ट्‌ड ्सः ३३ यूसफ और यीशकी माता इन बातोेंसे जे उसके विषयमें ३४ कही गदें अचंभा करते थे । तब शिमियानने उनके जअआाशीस देके उसको माता मरियभसे कहा देख यह ता इस्रायेलमें बहुतांके गिरने ओर फ़िर उठनेका कारण होगा और एक चिन्ह जिसके बिरुटुमें बातें किई जायेगी . ३५ हां तेरा निज प्राण भी खड़से वारपार छिदेगा . इससे बहुत हृदयोंके बिचार प्रगट किये जायेंगे । ३६ और हन्ना नाम एक भविष्यद्ुक्ती थी जो आशेरके कुलके पन्‌णललकी पुत्री थी . वह बहुत बूढ़ी थी और अप- ३७ ने कंवारपनसे सात बरस स्वामीके संग रही थी । खैर वह बरस चेारासी एककी विधवा थी जे। मन्दिरसे बाहर न जाती थी परन्तु उपवास ओ प्रा्थेनासे रात दिन सेवा इ८ करती थी । उसने भी उसी घड़ी निकट आके परमेश्वर- का धन्य माना और यिरूशत्नीममें जो त्नाग उद्ारकी बाट देखते थे उन समभेोंसे योशके विषय बात किईद। ३६८. जब वे परमेश्बरकी ब्यवस्थाके अनुसार सब कुछ कर ४० चुके तब गालीलके अपने नगर नासरतके लौटे । और बालक बढ़ा और आत्मामें बल्नवन्त और बुद्धिसे परि- परे हेतता गया जझर इंश्वरका अनग्रह उसपर था। ४१ उसके माता पिता बरस बरस निस्‍्तार पब्बस यिरू- ४२ शल्नीमका जाते थे । जब वह बारह बरसका हुआ तब ४३ वे पब्बेकी रीतिपर यिरूशलीमके गये । और जब वे .. यब्बेके दिनोंके परा करके लौटने लगे तब वह लड़का यीश यगिरूशलीममें रह गया परनन्‍्त यसफ ओर उसको ४४ माता नहा जानते थे | व यह समकक कक वह सग- 22 ँ १५० लक [३ पब्ल। वाले पथिकोंके बीचमें है एक दिनकी बाट गये और अपने कुटुंबों ओर चिन्हारोंके बीचमें उसके हूंढ़ने लगे । परन्‍्त जंब उन्होंने उसके न पाया तब उसे ढंढते ४५ हुए यिरूशलीमके फिर गये। तीन दिनके पीछे उन्हेंने ४६ उसे मन्दिरमें पाया कि उपदेशकोंके बीचमें बैठा हुआ उनकी सुनता और उनसे प्रश्न करता था । और जो ४७ ल्लाग उसकी सुनते थे से सब उसकी बुट्टि आर उसके उत्तरोंसे बिस्मित हुए । और वे उसे देखके अचंभित ४८ हुए और उसकी माताने उससे कहा हे पुत्र हमसे क्यों ऐसा किया . देख तेरा पिता और में कुढ़ते हुए तु ढूंढ़ते थे। उसने उनसे कहा तुम क्यों मुझे ढूंढ़ते थे . क्या ४८ नहीं जानते थे कि मुक्के अपने पिताके विषयों ल्वगा रहना अवश्य है। परन्तु उन्होंने यह बात जे उसने ४० उनसे कही न समझी । तब वह उनके संग चला और ४५१ नासरतमें आया और उनके बशमें रहा और उसकी माताने इन सब बातोंका अपने मनमें रखा । और ४२ यीशुकी बुद्धि आर डील और उसपर इश्वरका ओर मनुष्येंका अनुग्रह बढ़ता गया। ३ तीसरा पब्बे। १ याहन बल्रपातसमा दनहारका वृत्तान्त । ७ उसका उपदश आर भावतष्यद्दा क्य ॥ १९ उसका बन्दोगहम डाला जाना । २१ योशका बतपातसमा लना । २३ उसको ल्चशाताल ॥ तिबरिय कैसरके राज्यके पन्ट्ह वें बरसमें जब पल्तिय ९ पिलात यिहृदियाका अध्यक्ष था ओर हेरोद एक चौ- थाई अथात गालीलका राजा ओर उसका भाई । ० ३ पब्चे।] लक । १०१ फ़िलिप एक चौथाई अथात इतूरिया और चाखेनीतिया देशोंका राजा और लुसानिय एक चायाई अथात अबि- ४ लीनी देशका राजा था. और जब हन्तस और कियाफा _ महायाजक थे तब इंश्वरका बचन जंगलमें जिखरियाहके ३ पुत्र याहन पास झाया। और वह यदेन नदीके आस- पासके सारे देशमें झ्राके पापमा चनके लिये पश्चात्तापके ४ बपतिसमाका उपदेश करने लगा। जैसे यिशैयाह भवि- प्यद्क्ताके कहे हुए पुस्तकें त्निखा है कि किसीका शब्द हुआ जो जंगलमें पुकारता है कि परमेश्वरका पन्‍य ४ बनाओ उसके राजमागे सीधे करो । हर एक नाला भरा जायगा और हर एक पब्बेत ओर टीला नीचा किया जायगा ओर टेढ़े पन्‍थ सीधे क्लैर ऊंचनीच मागें चारस ६ बन जायेंगे। और सब प्राणी इंश्वरके चाणको देखेगे। ७ तब बहुत लोग जो उससे बपतिसमा लेनेकेा निकल आये उन्हेंसे योहनने कहा हे सांपोंके बंश किसने तुम्हें ८ झानेवाले क्राधसे भागनेके चिताया है । पश्चात्तापके योग्य फल लाओ झऔ और अपने अपने मनसें मत कहने लगे कि हमारा पिता इब्राहीम है क्योंकि में तुमसे कहता हूं कि इंश्वर इन पत्थरोंसे इवबाहीमकेलियेसन्तान € उत्पन्न कर सकता है। आर अब भो कुल्हाड़ी पेड़ोंकी जड़पर लगी है इसलिये जे। जे पेड़ अच्छा फल नहों फलता है से काटा जाता और आगमें डाला जाता १३ है। तब लेागेंने उससे पूछा तो हम क्या करें। उसने उन्हें उत्तर दिया कि जिस पास दो अंगे हां सा जिस पास न हो उसके साय बांट लेवे आर जिस पास भोजन हाय १५७४ लक । [३ प्ले । ॥ ०३] से भी वेसाही करे । कर उगाहनेहारे भी बपतिसमा १२ लेनेके आये और उससे बोले हे गुरुहम क्या करें। उसने १३ उनसे कहा जो तुम्हें ठहराया गया है उससे अधिक मत ले त्ना । याट्राओंने भी उससे पूछा हम क्या करें . उसने १४ उनसे कहा किसीपर उपद्रव मत करो और न काटे देष लगाओ ओर अपने वेतनसे सन्‍्तृष् रहा । जब त्लोग आस देखते थे औ_और सब अपने अपने १९५ मनमें येहनके विषयमें बिचार करते थे कि हाय न्त हाय यही खीघपू है. तब याोहनने सभोंकोा उत्तर दिया कि में १६ ते तुम्हें जलमें बपतिसमा देता हूं परन्तु वह आता है जा मुझसे अधिक शक्तिमान है में उसके जूतोंका बंध खेलनेके योग्य नहीं हूं वह तुम्हे पवित्र आत्मामें और ०8 (6. ० ० गे ०5 आगमें बपतिसमा देगा । उसका सूप उसके हाथमें हे २७ और वह अपना सारा खलिहान शुट्ु करेगा और गेहूंका अपने खत्तेमें एकट्रा करेगा परन्तु भूसीके उस आगसे जा नहों बुझती है जल्लावेगा। उसने बहुत और बातेंका १८ भी उपदेश करके लेगेंकेा सुसमाचार सुनाया । पर उसने चेाथाईके राजा हेरादका उसके भाई १८ फिल्िपकोी स्त्री हेरोदियाके विषयमें जैर सब कुकम्मीं के विषयमें जे। उसने किये थे उल्लहना दिया । इसलिये २३० हेराोदने उन सभोंके उपरांत यह कुकम्मे भी किया कि येोहनके बन्दोगृहमें मूंद रखा । सब लोगोंके बपतिसमा लेनेके पीछे जब यीशने भी २९ बपतिसमा लिया था और प्राथेना करता था तब स्वगे खुत्त गया। ओर पविच आत्मा देही रूपमें कपातकी २२ ३ पब्ले ।] लक । १५३ नाईें उसपर उतरा और .यह झाकाशबाणी हुई कि तू मेरा प्रिय पच्र है में तकसे अति प्रसन्न हैं । २३ जऔर यीश जाप तीस बरसके अटकल हेने लगा २४ और लेागांकी समभमें यूसफका पुत्र था। यूसफ णरलीका पुत्र था वह मत्तातका पुत्र वह लेवोका वह २४ मतलकिका वह याज्नाका वह यूसफका . वह मत्तथिया हका वह आझामेसका वह नहमका वह इसलिका वह नग्गई- २६ का - वह साटका वह मत्तथियाहका वह शिमिईंका २७ वह यूसफका वह यगिहृदाका . वह येहानाका वह री- साका वह जिरुबाब॒लका वह शलतियेत्वका वह नेरिका . श्८ वह मलकिका वह अट्रीका बह का समका वह इलमे ट्ट- २८ का वह ण्रका . वह याशीका वह इलियेजरका वह ३० यारोीमका वह मत्तातका वह लेवीका . वह शिमि- गोनका वह यिहदाका वह यसफका वह योननका वह ३९१ इल्ियाकीमका ., वह मिल्लेयाका वह मैननका वह ३२ मत्तथका वह नाथनका वह दाऊदका . वह यिशीका वह आओबेटका वह बाझ्सका वह सलमोनका वह नह- ३३ शानका . वह अम्मीनादबका वह अरामका वह हिसते न- इं७ का वह पेरसका वह यिहृदाका - वह याकूबका वह इसहाकका वह इबाहीमसका वह तेराहका वह नाहारका ३५ वह सिरूगका वह रियका वह पेलगका वह एबरका वह ३६ शेलहका - वह केननका वह अफकसदका वह शेमका ३७ वह नहका वह लमकका . वह मियशलहका वह हनेा क- इ८ का वह येरटका वह महललेलका वह केननका . वह इनाशका वह शेतका वह आझादमका वह इंश्वरका.ै। ५ १५४ लक । [४ पब्ले | ४ चाथा पब्बे। १ योशको परोक्ता । १४ उसका उपदेश करना । १६ नासरतके लागोंका कथा ऋअमाना । ३१ ण्क भतग्रस्त मनष्यका चगा करना । हझे८ प्रितरक्ो सासका चगा करना । ४० बहत शागियोंका चेंगा करना ४२ नगर नगरमे उप्रदेश करना । यीशु पविच आत्मासे परिपूर्ण हा यर्देनसे फिरा और आअात्माकी शिक्षासे जंगलमें गया। ओर चालीस दिन ज्ैतानसे उसकी परीक्षा किईं गई और उन दिनोंमें उ- सने कछ नहों खाया पर पीछे उनके परे होानेपर भूखा हुआ । तब शेतानने उससे कहा जे तू इंश्वरका पुत्र है ते इस पत्थरसे कह दे कि रोटी बन जाय । यीशुने उस- को उत्तर दिया कि लिखा है मनुष्य केवल्न रोटोसे नहीं परन्तु इेश्वरकी हर एक बातसे जीयेगा। तब शैतानने उसे एक ऊंचे पब्बेतपर ले जाके उसके पतन भरमें जगतके सब राज्य दिखाये। और शैतानने उससे कहा में यह सब अधिकार गौर इन्हांका बिभव तम्े देऊंगा क्योंकि वह मुछ्के सांपा गया है और में उसे जिसके चाहता हूं उसके देता हूं । इसल्ये जो तू मु प्रणाम करे ता सब तेरा होगा । यीशुने उसको उत्तर दिया कि हे शैतान मेरे साम्हनेसे टूर हे क्योंकि त्विखा है कि तू परमेश्वर अपने इंश्वरके प्रणाम कर और केवल उसीकी सेवा कर । तब उसने उसके यिरूशत्नी मर्मे तले जाके मन्दिर के कलशपर खड़ा किया और उससे कहा जे। तू इश्वरका पुत्र है ता अपनेका यहांसे नीचे गिरा . क्यों कि त्लिखा है कि वह तेरे विषयमें अपने टूतांका आज्ञा देगा कि ४ पब्बे।] लक । १७५ ९१९ बे तेरी रश्ला करें . ज्लर वे तके हाथों हाथ उठा ९२ लगे न हो कि तेरे पांवमें पत्यथरपर चाट लगे। यीशने उसका उत्तर दिया यह भा कहा गया हँकतू परभेश्वर १३ अपने इंश्वरकी परोशध्या मत कर । जब शेतान सब परीक्षा कर चुका तब कुछ समयके लिये उसके पाससे चत्ना गया । १४ यीशु आत्माकी शक्तिसे गालीलकेा फिर गया जऔौर उसको कीत्ति आसपासके सारे देशमें फैल गई। १५ जैर उसने उन्तकी सभाओंमें उपदेश किया और समेंने उसकी बड़ाई किई । १६ तब वह नासरतको आया जहां पाला गया था और अपनी रीतिपर बिश्रामके दिन सभाके घरमें जाके पढ़ने- १७ के खड़ा हुआ। यिशैयाह भविष्यदुक्ताका पुस्तक उसके दिया गया और उसने पुस्तक खेोलके वह स्पान पाया १८ जिसमें तल्लिखा था . कि परमेश्वरका आत्मा मुकपर है इसलिये कि उसने मु्के अभिषेक किया है कि कंगा लो का . ९€ सुसमाचार सुनाऊं . उसने मुझे भेजा है कि जिनके मन चूर हैं उन्हें चंगा करूं ओर बंधुओंका छूटनेकी और अंधोंका टूप्मि पानेकी बात्ता सुनाऊं और पेरे हुओंका निस्तार करूं और परमेश्वरके ग्राह्य बरसका प्रचार २० करूं । तब वह पुस्तक लपेटके सेवकके हाथमें देके बैठ गया और सभामें सब ल्लागांकी आंखें उसे तक रहीं। २९ तब वह उन्हेंसे कहने लगा कि आजही धम्मेपुस्तकका २२ यह बचन तुम्हारे सुननेमें पूरा हुआ है । और समेंने उसके सराहा और जे अनुग्रहकी बातें उसके मुखसे १७द्/ लक । [8 पब्ले । ्ठः निकलीं उनसे अझचंभा किया और कहा क्या यह यूसफ- का पत्र नहीं हे। उसने उन्हे|से कहा तम अवश्य मकसे २३ यह टूप्वान्त कहागे कि हे वेद अपनेके चंगा कर . जा कछ हमोंने सना हे कि कफनाहममे किया गया सो यहां अपने देश भी कर । ओर उसने कहा में तुमसे २४ सच कहता हूं काई भविष्यद्ृक्ता अपने देशमें ग्राहम नहीं होता है | और में तुमसे सत्य कहता हूं कि णत्नियाहके २५ दिनांमें जब आकाश साढ़े तीन बरस बन्द रहा यहांलों कि सारे देशमें बड़ा अकाल पड़ा तब इस्रायेलमें बहुत बिधवा थीं । परन्तु एलियाह उन्हेंमेंसे किसीके पास २६ नहीं भेजा गया केवल सीदेान देशके सारिफत नगरमें एक बिधवाके पास। ओर इलीशा भविष्यद्गक्ताके २७ समयमें इस्रायेलमें बहुत कोाढ़ी थे परन्तु उन्होंमेंसे काई शुट्ट नहीं किया गया केवल सुरिया देशका नामान । यह बातें सुनके सब लोग सभामें क्राधसे भर र८ गये . हार उठके उसके नगरसे बाहर निकालके २८ जिस पब्बेतपर उनका नगर बना हुआ था उसको चाटोपर ले चतल्ने कि उसके नीचे गिरा देवें। परन्तु ३० बह उन्होंके बीचमेंसे होके निकला और चला गया। और उसने गालीलके कफनाहुम नगरमें जाके बि- ३१ आमके टिन लेागोंकेा उपदेश दिया । वे उसके उपदेशसे ३२ अचंभित हुए क्येंकि उसका बचन अधिकार सहित था। सभाके घरमें एक मनुष्य था जिसे अशुद्रु भूतका आत्मा ३३ लगा था। उसने बड़े शब्दसे चिल्लाके कहा हे यीजश् ३४ नासरी रहने दीजिये ज्ापकेा हमसे क्या काम. क्या आप ह । ४ प्ले] लक । ा १९७ ३४ हद 80 3९ हर हमें नाश करने जाये हैं. में आपके जानता हूं आप कान हैं इेश्वरके पविच जन । योशने उसको डांटके कहा चुप रह ओर उसमेंसे निकल जा . तब भूत उस मनुष्यका बीचमें गिराके उसमेंसे निकल आया जैौर उसकी कुछ हानि न किदें। इसपर समभोंकोा अचंभा हुआ और वे आपसमें बात करके बोले यह कानसी बात है कि वह प्रभाव और पराक्रमसे अशटहु भूतांका आज्ञा देता है और वे निकल आते हैं। से ८५ &५ 25 ६. 0 3 €्‌ ब्ग्‌ € उसकी कोत्ति झासपासके देश सब्बेच फ्रेल गई । सभाके घरमेंसे उठके उसने शिमेनके घरमें प्रवेश किया और शिमे।नको सास बड़े ज्वरसे पीड़ित थी और उन्होंने उसके लिये उससे बिन्‍ती किई । उसने उसके निकट खड़ा हो ज्वरकोा डांटा और वह उसे छोड़ गया और वह तुरन्त उठके उनकी सेवा करने लगी । सूय्ये डूबते हुए जिन्हेांके पास दुःखी ल्लाग नाना प्रकारके रागोंमें पड़े थे वे सब उन्हें उस पास लाये आर उसने एक एकपर हाथ रखके उन्हें चंगा किया। भूत भी चिल्लाते ओर यह कहते हुए कि आप इश्वरके पुत्र खीघृ हैं बहुतांमेंसे निकलने परन्तु उसने उन्हें डांटा और बालने न दिया क्यांकि वे जानते थे कि वह खीघ है । . बिहान हुए वह निकलके जंगलों स्थानमें गया ओर ल्लागेंने उसके ढूंढा और उस पास आके उसे रोकने ४३ लगे कि वह उनके पाससे न जाय । परन्तु उसने उन्हेंसे कहा मुझे ओर और नगरोंमें भी इंश्बरके राज्य- 23 प्‌ज्द लक । [५ पड्च । का सुसमाचार सुनाना हेगा क्योंकि मैं इसी लिये भेजा गया हूं। से उसने गाली लकी सभाओंमे उपदेश किया। ४४ ५ पांचवां पब्बे । पोशुका अव्वत रोतिसे खड़त मकछलियांकेा पकड़वाना ओर शिमेनके बुलाना | १२ एक कोकोक्रा चेग़रा करना । १9 रक्क अ्रह्ठांगोके चेंग़ा करणा और उसका पाप क्षमा करना। २७ लेबी अथाल मत्तोका बलाना और पापियांके संग भेजन करना । ३३ उपयास करनेका ब्योरा बताना । णक दिन बहुत लेग इंश्वरका बचन सुननेके यीशुपर गिरे पड़ते थे और वह गिनेसरतकों कोलके पास खड़ा था। झार उसने दो नाव कौलके तीरपर लगी देखीं झौर मछवे उनपरसे उतरके जालेंका घेते थे । उन नावोंमेंसे एकपर जे शिमानको थी चढ़के उसने उससे बिन्‍्ती किईं कि तोरसे थोड़ी टूर ले जाय और उसने बैठके नावपरसे लागोंका उपदेश दिया । जब वह बात कर चुका तब शिमानसे कहा गहिरेंमें ले जा और मछलियां पकड़नेकेा अपने जालोंकेा डाला। शिमानने उसके उत्तर दिया कि हे गुरु हमने सारी रात परित्रम किया और कुछ नहीं पकड़ा ताभी आपकी बातपर मैं जाल डालूंगा । जब उन्होंने ऐेसा किया तब बहुत मछलियां बर्राईं आर उनका जाल फटने लगा। इसपर उन्होंने अपने साकियोंका जे ट्सरी नावपर थे सैन् किया कि वे आके उनकी सहायता करें और उन्हेंने आके दोनों नाव ऐसी भरीं कि वे डूबने लगीं । यह देखके शिमेान पितर यीशके गोड़ोंपर गिरा और कहा हे प्रभु मेरे पाससे जाइये में पापी मनुष्य हूं। क्योंकि वह कौर उसके सब संगी लोग इन मछलियोंके बर जानेसे वन ५ पब्ल ।] लक । १७६ १० जो उन्हेंने पकड़ी थीं बिस्मित हुए। और बेसेही जबदीके पुत्र याकूब आर येहन भी जे शिमेनके साभी ये बिस्मित हुए . तब योझशुने शिमेनसे कहा मत ११ डर अबसे तू मनुष्योंके पकड़ेगा । और वे नावोंकेा तीरपर लाके सब कुछ छोड़के उसके पीछे हो ल्िये। १२ जब वह एक नगर में था तब देखे एक मनुष्य केाढ़से भरा हुआ वहां था और वह यीशुको देखके मुंहके बत्न गिरा और उससे बिन्‍्ती किई कि है प्रभु जो आप चाहें १३ तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं। उसने हाथ बढ़ा उसे छूके कहा में तो चाहता हूं श्र हा जा. और उसका १४ कोढ़ तुरन्त जाता रहा । तब उसने उसे आज्ञा दिईं कि किसतीसे मत कह परन्तु जाके अपने तईं याजककेा दिखा और अपने शुद्द हानेके विषयमेंका चढ़ावा जैसा मूसाने आज्ञा दिई तैसा लागोांपर साथी होनेके ९४ लिये चढ़ा । परन्तु यीशक्की कीत्ति अधिक फेल गई और बहुतेरे लोग सुननेके और उससे अपने रोगोंसे १६ चंगे किये जानेके एकट्रें हुए । और उसने जंगली स्पानोंमें अतल्वग जाके प्राथेना किई । १७ एक दिन वह उपदेश करता था और फरीशी और व्यवस्थापक लाग जो गालील और यिहृदियाके हर एक गांवसे और यिरूशलीमसे आये थे वहां बेठे थे और १८ उन्हें चंगा करनेके प्रभुका सामथ्ये प्रगट हुआ । और देखे लाग एक मनुष्यका जो अट्टोंगी था खाटपर ल्नाये और वे उसके भीतर ले जाने और यीशुके आगे रखने १६ चाहते थे | परन्तु जब भीड़के कारण उसे भीतर ले पद लक । [४ पब्ले । जानेका काई उपाय उन्हें न मित्ना तब उन्हेंने केठिपर चढ़के उसके खाट समेत छतमेंसे बोचमें यीशुके आगे उतार दिया । उसने उन्हेांका बिश्वास देखके उससे २० कहा हे मनुष्य तेरे पाप छामा किये गये हैं। तब २५९ अध्यापक और फरीशी लोग बिचार करने लगे कि यह कौन है जो इंश्वरकी निन्‍दा करता है . इश्वर- के छोड़ कान पापोंकेा शमा कर सकता है। यीशुने २२ उनके मनकी बातें जानके उनके उत्तर दिया कि तुम लग अपने अपने मनमें क्या क्या बिचार करते हो । कान बात सहज है यह कहना कि तेरे पाप २३ झ्मा किये गये हैं अथवा यह कहना कि उठ खऔोर चल । परन्तु जिस्ते तुम जाना कि मनुष्यके पुत्रका २४ पृथिवीपर पाप छामा करनेका अधिकार है (उसने उस अट्रांगीसे कहा) में तुझसे कहता हूं उठ श्रपनी खाट उठाके अपने घरके जा । “वह तुरन्त उन्हेंके सास्रे २४ उठके जिसपर वह पड़ा था उसके उठाके इंश्वरको स्तुति करता हुआ अपने घरके चलना गया। तब सब २६ ल्लाग बिस्मित हुए और इंश्बरव्दी स्तुति करने लगे जौर अति भयमान होके बाल्ले हमने आज अनेखी बातें देखी हैं । इसके पीछे योशने बाहर जाके लेवी नाम एक कर २७ उगाहनेहारेके कर उगाहनेके स्पानमें बैठे देखा और उससे कहा मेरे पीछे झा । वह सब कुछ छेोड़के उठा श८ और उसके पीछे हे लिया । और लेवीने अपने घरमें २८ उसके लिये बड़ा भोज बनाया और बहुत कर उगाहने- ५ पब्जे ।] लक । १८१ हारे आर बहुतसे और लेाग ये जे उनके संग भेजनपर ३० बेठे। तब उन्हेंके अध्यापक और फरी शी उसके शिष्यों- पर कुड़कुड़ाके बोले तुम कर* उगाहनेहारों और ३१ पापियोंके संग क्यों खाते और पीते हा । यीशुने उनके उत्तर दिया कि निराोगियोंका बेदयका प्रयोजन नहीं है ३२ परन्तु रोगियोंका। में धम्मियोंका नहीं परन्तु पापियोंका पश्चात्तापके लिये बुलाने आया हूं । ३३ ओर उन्हेंने उससे कहा येोहनके शिष्य क्यों बार बार उपवास और प्रार्थना करते हैं और वैसेही फरी- शियेंके शिष्य भी परन्तु आपके शिष्य खाते और पीते हैं। ३४ उसने उनसे कहा जब टूल्हा सखाओंके संग है तब ३५ क्या तुम उनसे उपवास करवा सकते हो । परन्तु वे दिन आवेंगे जिनमें टूल्हा उनसे अलग किया जायगा तब ३६ वे उन दिनोंमें उपवास करेंगे । उसने एक ट्रप्वान्त भी उनसे कहा कि कोई मनुष्य नये कपड़ेका टुकड़ा पुराने बस्तमें नहीं लगाता है नहीं तो नया कपड़ा उसे फाड़ता है और नये कपड़ेका टुकड़ा पुरानेमें सिल्वता ३० भी नहीं । और कोई मनुष्य नया दाख रस पुराने कुप्पांमें नहों भरता है नहीं तो नया दाख रस कुप्पे|का फाड़ेगा और वह आप बह जायगा और कुप्पे नष् ड््द होंगे । परन्तु नया दाख रस नये कुप्पोमे भरा चाहिये ३९ तब दोनोंको रथ्या होती है। कोई मनुष्य पुराना दाख रस पीके तुरन्त नया नहीं चाहता है क्यांकि वह कहता है पुराना ही अच्छा है। १८२ ल़्क | [६ पब्ख ॥ | ६ छठवां पब्ले । योशका ब्िग्रामदयारक्रे विपयम नर्णेय करना । १३ बारह प्रोरितेंके ठहराना । १७ बहुत रोागियेंका चेंगा करना । २० धन्य कान हैं. इसके विषय यी शका उपदेश। २७ शनत्रुओआंका प्रेम करनेक्ा उपदेश ओर लड़ाई करनेका निष्षेघ । ३9 दूसरेंपर देाप लगानेका निषेध ओर भठे उपदेशकेंका निशेय । ४३ मनके स्थभावका दुष्टान्त । ४६ घरको नेत्र डालनेका दुष्ट्रान्त | हक पब्बेके टूसरे दिनके पीछे बिआ्रामके दिन यीशु खेतांमें १ हाोके जाता था और उसके शिष्य बाल तोड़के हाथोंमें मत्न मलके खाने लगे । तब कई एक फरोशियोंने उनसे २ कहा- जे काम बिग्रामके दिनमें करना उचित नहीं है से क्यों करते हा । यीशुने उनके उत्तर दिया क्या ३ तुमने यह नहीं पढ़ा है कि दाऊदने जब वह और उसके संगी लाग भूखे हुए तब क्या किया . उसने क्यांकर ४ इंश्वरके घरमें जाके भेटकी रोटियां ल्लेके खादें जिन्हें खा- ना ज्ौर किसीके नहों केवल याजकोांका उचित है ज्ैौर अपने संगियोंका भी दिईदें। ओर उसने उनसे ४ कहा मनुष्यका पुत्र बिच्रामवारका भी प्रभु है । टूसरे बिच्रामवारका भी वह सभाके घरमें जाके उप- ६ देश करने लगा और वहां एक मनुष्य था जिसका ट्हिना हाथ सूख गया था । अध्यापक और फरीशी तल्लाग उसमें ७ दाष ठहरानेके लिये उसे ताकते थे कि वह बिशग्वामके दिनमें चंगा करेगा कि नहीं । पर वह उनके मनकी ८ बातें जानता था ओर सूखे हाथवाले मनुष्यसे कहा उठ बीचमें खड़ा हा . वह उठके खड़ा हुआ । तब योशने < ६ पव्ले। ] लक । १८३ उन्होांसे कहा में तुमसे एक बात पूछूंगा क्या विज्रामके दिनेंमें भत्ता करना अथवा बुरा करना प्राणकेा बचाना १० अथवा नाश करना उचित है। और उसने उन सभोंपर चारों ओर ट्रप्ठि कर उस मनुष्यसे कहा अपना हाथ बढ़ा . उसने ऐसा किया और उसका हाथ फिर टूसरेकी ११९ नाईें भला चंगा हो गया । पर वे बड़े क्राधसे भर गये खैर आपसमें बाले हम योशुका क्या करें । १२ उन दिनोंमें वह प्राथेना करनेके पब्बेतपर गया और १३ इंश्वरसे प्राथेना करनेमें सारी रात बिताई। जब बिहान न हुआ तब उसने अपने शिष्यांकेा अपने पास बुलाके उन- मेंसे बारह जनेंकेा चुना जिनका नाम उसने प्रेरित भी १४ रखा . अथात शिमेनके जिसका नाम उसने पितर भी रखा औ उसके भाई अन्द्रियका और याकूब ओ येोह- १५ नके और फिल्लिप ओ बथेलमईकोा - और मत्ती औ थेमाका और अलफरदके पुत्र याकूबका ओ शिमेानके १६ जे उदोगी कहावता है. और याकूबके भाई यिहृदाका और यिहूदा इस्करियेतीका जे बिश्वासघातक हुआ । १७ तब वह उनके संग उतरके चारस स्थानमें खड़ा हुआ और उसके बहुत शिष्य भी थे आर लोगेंकी बड़ी भीड़ सारे यिहृदियासे और यिरूशत्नीससे आर सार ओऔ सीदोानके समुद्रके तीरसे जे उसको सुननेकोा ९८ और अपने रोगोंसे चंगे किये जानेके आये थे . और अजशुटटु भूतोंके सताये हुए लाग भी . और वे चंगे किये ९८ जाते थे। और सब लोग उसे छूने चाहते थे क्योंकि शक्ति उससे निकलती थी जऔ और सभोंके चंगा करती थी । ब कु १८४७ लक । [4 पब्च। तब उसने अपने शिष्योंकी ओर टूप्नि कर कहा धन्य २० तुम जो दीन है। क्येंकि इेश्व रका राज्य तुम्हारा है। धन्य २९ तम जो अब भ्खे हो क्योंकि तुम तृप्त किये जाओगे घन्य तुम जो अब रोते हो क्येंकि तुम हंसागे । धन्य २२ तम है। जब मनुष्य तुमसे बैर करें और जब वे मनुष्यके पुच॒के लिये तुम्हं अलग करे ओर तुम्हारों निन्‍दा करे आर तुम्हारा नाम टुप्रसा दूर करें । उस दिन आन- २३ न्दित हा और उछले क्योंकि देखे तुम स्वगेमें बहुत फल पाओरगे . उनके पितरोंने भविष्यद्रक्ताओंसे बैसाही किया । परन्तु हाय तुम जे धनवान हो क्योंकि तुम २४ अपनी शांति पा चुके हो । हाय तुम जो भरपूर हो २४ क्येंकि तुम भूखे होगे . हाय तुम जो अब हंसते हो ब्बेंकि तुम शोक करोगे और रोओगे । हाय तुम लोग २६ जब सब मनुष्य तुम्हारे विषयर्में भत्ता कहें . उनके पितरोंने कूठे भविष्यद्रक्ताओंसे वैसाही किया । और भी में तुम्हांसे जा सुनते हा कहता हूं कि अपने २७ शचओंकेा प्यार करो . जो तुमसे बेर करें उनसे भत्माई करे । जो तुम्हें स्राप देवें उनके आशीस देझे और रश् जो तुम्हारा अपमान करें उनके लिये प्राथेना करे । जे। २९ तुके एक गालपर मारे उसकी ओर दूसरा भी फेर दे और जो तेरा दाहर छीन लेवे उसके अंगा भी लेनेसे मत बजे। जो काई तुमसे मांगे उसके दे और जे। तेरी ३० बस्तु छीन लेवे उससे फ़िर मत मांग । और जैसा तुम ३१ चाहते हा कि मनुष्य तुमसे करें तुम भी उनसे वेसाही करे । जो तुम उनसे प्रेम करो जो तुमसे प्रेम करते हैं ३२ ६ पब्खे !] लक । १८५ ते तम्हारों क्या बढ़ाई क्योंकि पापी लोग भी अपने प्रेम ३३ करनेहारोंसे प्रेम करते है । ओर जे। तम उनसे भला करे जो तुमसे भलाई करते है तो तुम्हारों क्या बड़ाई ३४ ब्यांकि पापी लग भी ऐसा करते हैं। ओर जे तुम उन्हें आण देओे जिनसे फिर पानेकी ञ्राशा रखते हो ता तम्हारी क्या बड़ाई क्योंकि पापी त्लाग भी पापियोंका ३५ ऋण देते है कि उतना फिर पावे। परन्त अपने शच ओंकेा प्यार करो ओ भलाई करो और फिर पानेकी आशा न रखके ऋण देओ और तुम बहुत फल पाओगे और ._ खब्बेप्रधानके सन्‍तान होगे क्येंकि वह उन्हेोंपर जे ३६ धन्य नहीं मानते हैं और ट्प्लोंपर कृपाल है। से जैसा तुम्हारा प्रिता दयावन्त है तैसे तुम भी द्यावन्त हाओ। ३०७ टूसरोंका बिचार मत करो तो तुम्हारा बिचार न .._ किया जायगा . दोषी मत ठहराओ ते तुम दोषी न ठहराये जाओगे . श्मा करो ते तम्हारों शर्मा किई इं८ जायगी। देओझे ते तमके दिया जायगा , लाग परा नाप .. दबाया ओर हिलाया हुआ ओर उभरता हुआ तुम्हारी गादम टेगे क्योंकि जिस नापसे तम नापते हो उसीसे ३९ तुम्हारे लिये भी नापा जायगा । फिर उसने उनसे एक टरप्रान्त कहा क्या अन्धा अन्धेका मागे बता सकता है . ४० क्या दोनों गढ़ेमें नहीं गिरेंगे । शिष्य अपने गुरुसे बड़ा नहीं है परन्तु जो काई सिटु हाोवे सो अपने गुरुके ४१ समान होगा । जो तिनका तेरे भाईके नेचमें हे उसे त क्यों देखता है ओर जो लटूा तेरेही नेचमें हे सा ते नहीं 5२ सूकता । झथवा तू जा जाप अपन नचमका लगा नहा %+ १षद् लक । [६ पब्जे । देखता है क्यांकर अपने भाईसे कह सकता है कि हे भाई रहिये में यह तिनका जो तेरे नेचमें है निकाल . हे कपटी पहिल्ले अपने नेचसे लगा निकाल दे तबजोा तिनका तेरे भाईके नेचमें है उसे निकालनेकेा तू अच्छी रोतिसे देखेगा । काई अच्छा पेड़ नहीं है जो निकम्मा फल फ़ल्ने ४३ ज्ैौर काई निकम्मा पेड़ नहीं हे जा अच्छा फल फतल्ने। हर एक पेड़ अपनेही फलसे पहचाना जाता है क्यांकि ४४ लाग कांटोंके पेड़से गल्लर नहीं ताड़ते और न कटरेत्ने कडसे टाख ताड़ते है । भत्मा मनृष्य अपने मनके भत्ते ४५ भंडारसे भल्ती बात निकालता हे ओर बरा मनुष्य अपने मनके बुरे भंडारसे बुरी बात निकालता है क्योंकि जा मनमें भरा है साई उसका मुंह बालता है | तुम मुझे हे प्रभु हे प्रभु क्यां पुकारते हा और जो ४६ में कहता हूं सो नहीं करते । जे काई मेरे पास आके ४७ मेरी बातें सनके उन्हें पालन करे में तम्हें बताऊंगा वह किसके समान है। वह एक मनुष्यके समान है ४८ जे घर बनाता था जोर उसने गहरे खादके पत्थरपर नेव डाली और जब बाढ़ आई तब धारा उस घरपर लगी पर उसे हिला न सकी व्यांकि उसकी नेव पत्थरपर डाली गई थी । परन्तु जे सुनके पात्तन न ४८ करे से एक मनुष्यके समान है जिसने मिट्टीपर बिना लेवका घर बनाया जिसपर धारा लगी और वह तुरन्त गिर पड़ा और उस घरका बड़ा बिनाश हुआ। 9 पब्बे ।] लक । १८५७ ७ सातवां पब्बे । कै १ योशका एक शतपरत्तिके दासके चेग़ा करना । ११ नाइन नगरकी बिध्वयाके पत्रंका जिलाना । १८ याहनके शिष्पांका उत्तर देना । २४ याहनके विषयमे उसको साक्षी । ३१ उस समयके लागेोंको उपमा । ३६ एक पापिनोके विषय शिमान फरोशोसे उसको बातचोत । १ जब यीजश् लागोंके अपनी सब बातें सना चका तब २ कफनाहुममें प्रवेश किया । ओर किसी शतपतिका एक ३ दास जो उसका प्रिय था राोगो हो मरनेपर था । शत- पतिने योशुका चचा सुनके यिहृदियोंके कईे शक प्राचीनेंके उससे यह बिन्‍्तो करनेकेा उस पास भेजा ४ कि आके मेरे दासके चंगा कोजिये। उन्हेंने यीशु पास आके उससे बड़े यक्लसे बिन्‍ती किदे ज्लऔर कहा आप ४ जिसके लिये यह काम करेंगे से इसके याग्य है , क्येंकि . वह हमारे लोगसे प्रेम करता है और उसीने सभाका ६ घर हमारे लिये बनाया । तब यीशु उनके संग गया और वह घरसे टूर न था कि शतपतिने उस पास मिच्रोंका भेजके उससे कहा हे प्रभ टःख न उठाइये क्योंकि में इस ७ याग्य नहों कि आप मेरे घरम जावे । इसलिये मेने अपनेकेा क्मापके पास जानेके भी याग्य नहीं समरा प्ररुत्तु | अचन कहिये तो मेरा सेवक चंगा हो जायगा। ८ क्योंकि में पराधीन मनुष्य हूं ओर योद्दा मेरे बशमें हैं जैौर में टककेा कहता हं जा ता वह जाता है ज्लार टूसरेकेा आ ता वह आता है ओर अपने दासके यह € कर ते वह करता है।यह सुनके योशुने उस मनुष्यपर क्द्ष लक । [८ पब्ले । अचंभा किया और मुंह फेरके जे बहुत ल्लाग उसके पीछेसे आते थे उन्हेोंसे कहा मैं तुमसे कहता हूं कि मेने इस्रायेली तल्लागोंमे भी ऐसा बड़ा बिश्वास नहीं पाया है। और जो लोग भेजे गये उन्हेंने जब घरका लोाटे तब १० उस रोगी दासके चंगा पाया । टसरे दिन यीश नाइन नाम एक नगरके जाता था ९९ ज्ौर उसके अनेक शिष्य और बहतेरे ल्लाग उसके संग ज्ञाते थे। ज्योंही वह नगरके फाटकके पास पहुंचा त्योंही १२ देखा लोग एक मृतककोा बाहर ले जाते थे जा अपनी मांका एकलौता पुत्र था और वह बिधवा थी और नगरके बहुत लोग उसके संग थे। प्रभुने उसके देखके उसपर १३ दया किई और उससे कहा मत रो। तब उसने निकट १४ आके अर्थीका छूझा और उठानेहारे खड़े हुए ओर उसने कहा है जवान में तुकसे कहता हूं उठ । तब मृतक १४ उठ बैठा और बोलने लगा और यीशने उसे उसकी मांका सेोंप दिया । इससे सभेंकेा भय हुआ और बे १३६ इंश्वरकी स्‍तति करके बोले कि हमारे बोचमें बड़ा भवि- ष्यदुक्ता प्रगट हुआ है और कि इेश्वरने अपने लेगेंपर ट्रष्ठि किदिं है। और उसके विषयमें यह बात सारे १७ यिहदियामें खैर आसपासके सारे देशमें फेल गई। याोहनके शिष्योने इन सब बातों के विषयम योहनसे ९८ कहा । तब उसने अपने शिष्योंमेंसे दे जनेंके बुलाके १८ यीश पास यह कहनेके भेजा कि जे आनेवाला था से क्या आपही हैं अथवा हम टूसरेकी बाट जोहें । उन २० मनुष्योंने उस पास आ कहा येहन बपतिसमा देनेहारेने ७ पब्बे ।] लक । १८६ 5 हमें त्रापके पास यह कहनेको भेजा है कि जो आझानेवाला था से क्या आपही हैं कयवा हम ट्सरेकी बाट जोहें । २१९ उसी घड़ी यीशने बहुतोंका जै। रोगों ओर पीड़ाओं ओर दुफ्र भूतांसे दुःखो थे चंगा किया और बहुतसे अन्धोंका २२ नेच दिये । ओर उसने उन्हेंकेा उत्तर दिया कि जो कुछ तमने देखा ओर सना हे सो जाके याहनसे कहा कि अन्धे देखते हैं लंगड़े चलते है काढ़ी श किये जाते है बहिरे सनते हैं मृतक जिलाये जाते हें आर कंगालोंकेा २३ ससमाचार स॒नाया जाता है। ओर जो कोई मेरे विष- यम ठोकर न खावे सो धन्य है। २४ जब योहनके टूत लोग चले गये तब यौश योहनके विषयमें ल्ागेंसे कहने लगा तुम जंगलमें क्या देखनेकेा २४ निकल्ने क्या पवनसे हिलते हुए नरकटके । फिर तुम क्या देखनेकेा निकले क्या सूथ्म बस्त पहिने हुए मन्नुष्य- के . देखा जे! भड़कोला बस्त्र पहिनते ओर सुखसे रहते _ ४६ हैं सा राजभवनोंमे है । फिर तुम क्या देखनेके निकलने क्या भविष्यदुक्ताका . हां भ तुमसे कह ता हूं एक मनुष्यकोा २७ जो भविष्यद्कक्तासे भी अधिक हैं । यह वही हैं जिसके विषयमें त्लिखा है कि देख में अपने टूतकोा तेरे आगे र८ भेजता हूं जो तेरे आगे तेरा पतथ बनावेगा । मे तुमसे कहता हूं कि जो स्तियेंसे जन्मे हैं उनमेंसे येहन बपतिस- मा देनेहारेसे बड़ा भविष्यद्ृक्ता कोई नहों है परन्तु जो २८ इंश्वरके राज्यमें अति छोटा हे से उससे बड़ा हे । ओर सब लोागेंने जिन्हेांने सना ओर कर उगा हने हारों ने ये- ३० हनसे बपतिसमा लेके इश्वरके निरदेष ठहराया । परनन्‍्त १६० लक । [७ पब्बे । फरीशियों जर व्यवस्थापकांने उससे बपतिसमा न लेके इंश्वरके अभिप्रायकेा अपने विषयमे टाल दिया । तब प्रभने कंहा में इस समयके लोागांकी उपमा ३९ किससे देऊंगा वे किसके समान है। वे बालकोांके समान ३२ हैं ज्ञा बाजारमें बेठके एक टूसरेका पुकारके कहते हैं हमने तुम्हारे लिये बांसली बजाई और तुम न नाचे हमने तुम्हारे लिये बिलाप किया और तुम न रोये। क्येंकि योहन बपतिसमा देनेहारा न रोटी खाता न ३३ दाख रस पीता आया है और तुम कहते हो उसे भूत लगा है । मनुष्यका पुत्र खाता और पीता आया है ३४ आर तुम कहते है देखे पेटू और मदयप मनुष्य कर उगाहनेहारों और पापियोंका मिच । परन्तु ज्ञान ३४ अपने सब सन्‍्तानेंसे निर्दोष ठहराया गया है । फरीशियोंमेंसे एकने यीशुसे बिन्ती किदे कि मेरे संग ३६ भेजन कीजिये और वह फरीशीके घरमें जाके भेजनपर बैठा । और देखे उस नगरकी णक सती जो पापिनी थी ३७ . जब उसने जाना कि वह फरीशीके घरमें भेजनपर बैठा है तब उजले पत्यरके पातमें सुगन्ध तेल लाई. और इ८ पीछेसे उसके पांवां पास खड़ी हो रोते रोते उसके चर- णोंके आंसूओंसे भिंगाने लगी कैर अपने सिरके बाल्नेंसे पोंछा और उसके पांव चूमके उनपर सुगन्ध तेल मत्ला । यह देखके फरोशी जिसने योशकेा ब॒लाया था अपने ३ मनमें कहने लगा यह यदि भविष्यद्ृक्ता हाता ता जानता कि यह स्त्री जे। उसके छूती है कान ओर केसी ह क्योंकि वह पापिनी है । यीशुने उसके उत्तर दिया कि हैं ४० ” जी अली ८ पेब्बे]] लक । १६१ | ७ शिमेान में तकसे कछ कहा चाहता हं . वह बाला हे ४९ गरू कहिये । किसी महाजनके दा ऋणी थे एक पांच सा ४२ सको धारता था और टसरा पचास । जब कि भर देनेका उन्होंके पास कुछ न था उसने दोनोंकोा श्षमा किया से ४३ कहिये उनमेंसे कान उसके अधिक प्यार करेगा। शिमे- नने उत्तर दिया में समकता हं कि वह जिसका उसने अधिक श्मा किया . यीशने उससे कहा तने टीक बिचार ४४ किया है। और स्तीकी ओर फिरके उसने शिमानसे कहा त इस स्वीको देखता हे . में तेरे घरमें झ्राया तने मेरे पांवांपर जल नहों दिया परन्त इसने मेरे चरणों का आंसूओंसे भिंगाया ओर अपने सिरके बालोंसे पोंछा ४५ है | तने मेरा चमा नहों लिया परन्‍्त यह जबसे में ४६ आया तबसे मेरे पांवांकेा चम रही है। तने मेरे सिर॒पर तेल नहां लगाया परन्तु इसने मेरे पांवांपर सुगन्ध तेल ४७ मल्ना है | इसलिये में तकसे कहता हं कि उसके पाप जे। बहुत है शरमा किये गये है . कि उसने तो बहुत प्रेम किया हे परन्‍्त जिसका थोडा शमा किया जाता हे वह ४8८ थाड़ा प्रेम करता है । ओर उसने स्तीसे कहा तेरे पाप ४८ शछ्मा किये गये हैं । तब जो तल्लाग उसके संग भेजनपर बेंठे थे से अपने अपने मनमें कहने लगे यह कान है जो ४० पाषोंका भी श्रमा करता है । परन्तु उसने स्वीसे कहा : तेरे बिश्वासने तुके बचाया है कुशलसे चली जा । ८ं आाठवां पब्ब । ९ योशका नगर नगरस फिरना | ४ बोज बानेहारेका दष्ट्रान्ल । 6 वष्ट्रान्सांसे उपदेश करनका कारण ओर इस दुष्ट्रान्तक्रा अथे । १६ दीपकका दुष्ट्रान्स और प्६र' लक ॥ [८ पब्खे । ्ः बचन सुननेके विधष्यमे उपदेश । १९ योशुके क्‌टुंबका बणेन । २९ उसका आंध्रोका थ्रांभना । २६ एक मनुप्यमेसे बहुत भर्तांका निक्रालना ॥ ४० ख्क्क कन्याका जिलाना ओर ण्क्क स्त्रोंके चेगा करना | इस पीछे योशु नगर नगर और गांव गांव उपदेश करता हुआ और इंश्वरके राज्यका सुसमाचार सुनाता हुआ फिरा किया। और बारहें शिष्य उसके संग थे ओर कितनी स्त्रियां भी जो दुष्र भूतांसे और रोगेंसे चंगी किई गई थीं क्पात मरियम जे। मगदली नी कहावती है जिसमेंसे सात भूत निकल गये थे ओर हेरोदके भंडारी कूजाको स्त्री याहाना और सेसन्ना और बहुतसी और स्त्ियां - ये तो अपनी सम्पत्तिसे उसकी सेवा करती थीं । जब बड़ी भोड़ एकट्टी होती थी और नगर नगरके ल्लाग उस पास आते थे तब उसने टूप्रान्तरमें कहा . एक बानेहारा अपना बीज बानेके निकला . बीज बानेमें कुछ मागेकी ओर गिरा और पांवोंसे रोंदा गया और आा- काशके पंछियेंने उसे चुग लिया। कुछ पत्थरपर गिरा और उपजा परन्तु तरावट न पानेसे सूख गया । कुछ कांटोंके बीचमें गिरा और कांटोंने एक संग बढ़के उसके दबा डालना । परन्तु कुछ अच्छी भूमिपर गिरा, और उपजा और से गुणे फल फला . यह बातें कहके उसने ऊंचे शब्दसे कहा जिसके सुननेके कान हों से सुने। तब उसके शिप्येने डससे पूछा इस टूप्नान्तका अरे क्या है। उसने कहा तुमको इश्वरके राज्यके भेट्‌ जानने- का अधिकार दिया गया है परन्तु ओर लोागोंसे टूप्रा- न्तांमें बात होती है इसलिये कि वे देखते हुए न देखें ८ प्रब्जे ।] लक । १६३ १९ और सुनते हुए न बूके । इस टूप्रान्तका अथे यह है १२ बीज तो ईश्वरका बचन है। मागेकी ओरके बे हैं जो सुनते हैं तब शैतान आके उनके मनमेंसे बचन छोन त्लेता है ऐसा न हा कि वे बिश्वास करके चाण पावें। १३ पत्थरपरके वे हैं कि जब सुनते हैं तब आननन्‍्दसे बचनकेा ग्रहण करते हैं परन्तु उनमें जड़ न बंधनेसे वे थोड़ी बेरत्लों बिश्वास कर ते हैं और परीक्षाके समयमें बहक जाते हैं। १४ जो कांटोंके बीचमें गिरा से वे हैं जो सुनते हैं पर अनेक चिन्ता और धन और जीवनके सख बित्लाससे ट्बते दबते १४ दबाये जाते आर पक्के फल नहों फलते है। परन्‍्त अच्छी भूमिमेका बीज वे है जे बचन सनके भले ओर उत्तम मनमे रखते है ओर धोरजसे फल फलते हैं। ९६. कोई मनुष्य दीपककेा बारके बत्तेनसे नहीं ढांपता - और न खाटके नोचे रखता है परन्त दीवटपर रखता ५७ है कि जा भीतर झावें से उजियाला देखें । कछ गप्त नहों है जा प्रगट न होगा ओर न कछ छिपा हे जो ५८ जाना न जायगा आर प्रसिटुन होगा। इसलिये सचेत रहे तम किस रोतिसे सनते हो क्थांकि जो काई रखता है उसके और दिया जायगा परन्त जो कई नहों रखता है उससे जो कछ वह सममता कि मेरे पास हे सा भी ले ल्लिया जायगा । १६ -यीशको माता छोर उसके भाई उस पास आये परन्‍्त २० भीड़के का रण उससे भट नहों कर सके । जोर कितनोंने उससे कह दिया कि आपको माता और आपके भाई २१ बाहर खड़े हुए आपके देखने चाहते हैं । उसने उनके 20 2 ४ १६४ लक । [८ पब्खे। उत्तर दिया कि मेरी माता और मेरे भाई येही लोग हैं जे इंश्वरका बचन सुनके पालन करते हैं। एक दिन वह जौर उसके शिष्य नावपर चढ़े और २२ उसने उनसे कहा कि आओ हम कौलके उस पार चले . सा उन्होंने खाल टिई । ज्यां वे जाते थे त्यों वह सो गया २३ ज्र कीलपर आंधी उठी जौर उनको नाव भर जाने लगी और वे जाखिममें थे। तब उन्हेंने उस पास आाके २४ उसे जगाके कहा हे गुरु हे गुरु हम नष्ठ होते हैं . तब उसने उठके बया र का औझै र जलके हिलकेरेकोा डांटा और बे थम गये और नीवा हे गया। खैर उसने उनसे कहा २५ तुम्हारा बिश्वास कहां है . परन्त वे भयमान और अचं- भित हो आपसमें बाले यह कान है जो बयार और जल- का भी आज्ञा देता हे और वे उसकी आज्ञा मानते हैं। वे गदेरियोंके देशमें जा गालीलके साम्ने उस पार है २६ पहुंचे । जब योशु तीरपर उतरा तब नगरका एक मनुष्य २७ उससे आ मित्ता जिसको बहुत दिनोंसे भूत लगे थे और जो बस्त नहीं पहिनता न घरमें रहता था परन्तु कबर- स्थान रहता था । वह योशुका देखके चिल्लाया और २८ उसके दंडवत कर बड़े शब्दसे कहा हे यीश सब्बेप्रधान इंश्वरके पुच आपको मुकसे क्या कास . मैं आपसे बिन्‍्ती करता हूं कि मुझे पीड़ा न दौजिये । क्येंकि यीशने २९ अशटटु भूतका उस मनुष्यसे निकलनेकी आज्ञा दिई्दे थी . उस भूतने बहुत*बार उसे पकड़ा था और बह जंजीरों और बेड़ियोंसे बंधा हुआ रखा जाता था परन्तु बंधनेंकोा तोड़ देता था और भूत उसे जंगलमें खदेड़ता था। यीशुने ३० ८ प्रब्जे ।] लक । ९६४ उससे पछा तेरा नाम क्या हे . उसने कहा सेना . व्येंकि ३१ बहुत भूत उसमें पेठ गये थे। और उन्हेंने उससे बिन्ती किईद कि हमें अ्याह कंड्म ज्ञानेकी जझ्ाज्ञा न दीजिये। ३२ वहां बहुत सूअरोंका जो पहाइपर चरते थे एक कंड था से उन्होंने उससे बिन्ती किई कि हमें उन्होंमे पेठने ३३ दीजिये ओर उसने उन्हें जाने टिया । तब भत उस मनष्यसे निकलके सअरोंमें पेठे झ्लार वह कंड कडाडे- ३४ परसे कीलमे दाड़ गया और इब मरा । यह जो हुआ था से देखके चरवाहे भागे झेोर जाके नगरमसें खेर ४ गांवांमं उसका समाचार कहा। और लेग यह जो हुआ था देखनेकेा बाहर निकल्ने ओर यीश पास झाके जिस मनुष्यसे भूत निकले थे उसके यीशके चरणेंके पास ३६ बस्त पहिने ओर सुबुट्टि बैठे हुए पाके डर गये। जिन त्लोगांने देखा था उन्हेंने उनसे कह दिया कि वह भूत- ३७ ग्रस्त मनुष्य व्यांकर चंगा हा। गया था । तब गदेराके असपासके सारे लेागेंने यीशसे बिन्‍्ती किईं कि हमारे यहांसे चल्मे जाइये क्योंकि उन्हें बड़ा डर लगा . सो वह इ८ नावपर चढ़के लौट गया । जिस मनष्यसे भत निकले थे उसने उससे बिन्‍्ती किईँ कि में आपके संग रह पर ३६ योशने उसे बिदा किया . ओर कहा अपने घरकेा फिर जा झऔ और कह दे कि इंश्वरने तेरे लिये केसे बठे काम किये हैं, उसने जाके सारे नगरमे प्रचार किया कि यीशने उसके लिये केसे बढ़े काम किये थे । ४० जब योशु लोाट गया तब लोगेंने उसे ग्रहण किया ४१९ व्येंकि वे सब उसकी बाट जाहते थे। और देखे। यादर १६६ लक । [८ पब्बे । ८65 नाम एक मनुष्य जो सभाका अध्यक्ष भी था आया ज्लर यीशके पांवों पड़के उससे बिन्‍ती किदँ कि वह. उसके घर जाय। क्यांकि उसके बारह बरसकी एकल्नै- ४२ ती बेटी थी ओर वह मरनेपर थी . जब यीशु जाता था तब भीड़ उसे दबाती थी । और ण्क स्त्री जिसे बारह बरससे लाह बहनेका ४३ रोग था जो अपनी सारो जीविका वैद्पोंके पीछे उठाके किसीसे चंगी न हो सकी . तिसने पीछेसे आ उसके ४४ बस्तके आंचलके छूआ और उसके लेाहका बहना तुरन्त थम गया । यीशुने कहा किसने मुझे छूझा . जब ४४ सब मुकर गये तब पितरने और उसके संगियेंने कहा हे गुरु लोग आपपर भीड़ लगाते ओर आपके दबाते हैं और आप कहते हैं किसने मुझे छूता । यौशुने ४६ कहा किसीने मुर्के छूआ क्योंकि में जानता हूं कि मुकमेंसे शक्ति निकली है । जब स्त्रीने देखा कि मैं छिपी 8७ नहीं हूं तब कांपती हुईं झाई और उसे दंडवत कर सब लागोंके सास्ने उसके बताया कि उसने किस का रणसे उस- का छूआ था और व्योंकर तुरन्त चंगी हुईं थी। उसने ४८ उससे कहा हे पुत्री ढाढ़स कर तेरे बिश्वासने तुमे चंगा किया है कुशलसे चली जा । .. वह बालताही था कि किसोीने सभाके अध्यक्षके घरसे ४८ आ उससे कहा आपको बेटी मर गई है गुरुका टुःख न दीजिये। यौशुने यह सुनके उसके उत्तर दिया कि मत ४० डर केवल बिश्वास कर ते वह चंगी हो जायगी। घरमें ५९ आके उसने पितर और याकूब और येहन और कन्याके ६ प्रब्बे ।] त्नक । १६७ माता पिताका छोड़ और किसीकेा भीतर जाने न ४२ दिया । सब ल्नाग कन्‍्याके लिये रोते ज्लर छाती पीटते थे परन्तु उसने कहा भत रोओ वह मरी नहों ४३ पर सोती है । वे यह जानके कि मर गई है उसका ४४ उपहास करने लगे। परन्तु उसने सभेंका बाहर निकाला और कनन्‍्याका हाथ पकड़के ऊंचे शब्दसे ५७ कहा हे कन्या उठ । तब उसका प्राण फ़िर जाया और वह तुरन्त उठी और उसने आज्ञा किईं कि उसे ४६ कुछ खानेके दिया जाय । उसके माता पिता बिस्मित हुए पर उसने उनको आज्ञा दिदे कि यह जो हुआ है किसीसे मत कहे । € नवां पब्बे । १ योशुका बारह प्रेरिलोंके भेजना । ७ उसके विप्रय्म हेरादकी चिन्ता । १० योशका प्रेरितेंका समाचार सनना ओर लागॉंका उपदेश देना । १२ पांच सहसख मनुष्यांका थेड़े भेजनसे तृप्त करना । १८ योशके विषप्रयस लोागोंका और शिप्योंका विचार ओर उसका अपनो मृत्युका भ्विष्यद्वाक्य कहना । २३ शिष्य हाोनेक्री विधि। श८ योशका शिष्योंके आगे तेजस्वी दिखाई देना । ३७ एक भृतग्रस्त लड़केका चंगा करना। ४४ अपनो मृत्युक्षा भविष्यद्वाक्य कहना । ४६ नम्र छोानेका उपदेश । ४७ दसरे उपदेशकर्का बजनेका निषेध । ५१ शेमिरानियेंकोी ओर जिन्होंने उसके ग्रहण न किया योशको नम्रता । ५७ शिष्य होनेके विषय योशको कथा । १ यीशने अपने बारह शिष्योंकेा एकट्रें बलाके उन्हें सब भतोंका निकालनेका ओर गशोगेोंका चंगा करनेका २ सामथ्य गैर अधिकार दिया. और उन्हें इेश्वरके राज्यकी कथा सुनाने ओर रोगियोंका चंगा करनेकेा ३ भेजा । और «उसने उनसे कहा मागेके लिये कुछ मत लेओ न लाठी न रोली न रोटी न रुपेये झौर दो दे 5 १६८५ तक । [६ पब्ले। आगे तम्हारे पास न होवें। जिस किसो घरमे तम प्रवेश करो उसोीमें रहो कोर वहींसे निकल जाओ। जो काइ मेँ ग्रहण न करें उस नगरसे निकलते हुए उनपर साथी होनेके त्निये अपने पांवांकी धल भी काड़ डाला । से वे निकलके सब्बेच सुसमाचार सुनाते और लोगेंकेा चंगा करते हुए गांव गांव फिरे । चैथाईका राजा हेरोद सब कुछ जा योश करता था सुनके दुबधामें पड़ा क्योंकि कितनोंने कहा येहन मृत- कामेंसे जी उठा है. और कितनेंने कि एत्लियाह दिखाई दिया है और औरोंने कि अगले भविष्यद्ृक्ताओंमेसे एक जी उठा है। और हेरादने कहा याहनका तो मेंने सिर कटवाया परन्तु यह कान है जिसके विषयमें में सेसी ०5 ५ - 225 अल 58 शेड पर अं बातें सुनता हूं. और उसने उसे देखने चाहा। प्रेरितांने फ़िर आके जे। कछ उन्होंने किया था सा यीशकेा सनाया ओर वह उन्हें संग लेके बेतसेदा नाम ण्क नगर के किसी जंगली स्थानमें एकांतमें गया। लाग यह जानके उसके पीछे हो लिये ओर उसने उन्हें ग्रहण कर इश्वरके राज्यके विषयमें उनसे बातें किईदें ओर जि- न्हांके चंगा किये जानेका प्रयोजन था उन्हें चंगा किया। जब दिन ढलने लगा तब बारह शिष्योंने ञ्रा उससे कहा लेागेोंका बिदा को जिये कि वे चारों औझोरको बस्तियों आर गांवोंमें जाके टिके ओर भेजन पावें क्योंकि हम हां जंगली स्थानमें है । उसने उनसे कहा तम उन्हें खानेका देओ . वे बाल्े हमारे पास पांच रोटियों ऋोर दे मछलियोंसे अधिक कछ नहों हे पर हां हम जाके ६ पब्चे।] लक । ९६६ १४ इन सब लोगोंके लिये भोजन मोल लेवें ता हाय। वे त्लाग पांच सहस्र पुरुषोंके अटकल थे. उसने अपने शिष्यों- से कहा उन्हें पचास पचास करके पांति पांति बैठाओ। उन्होंने ऐसा किया और समभोंका बैठाया । तब उसने उन पांच रोटियों जोर दो मछलियोंकोा ले स्वगेकी ओर देखके उनपर आशीस दिई और उन्हें ताड़के १७ शिष्यपांकेा दिया कि लागोंके आगे रख । से सब खाके तृप्त हुए और जो टुकड़े उन्होंसे बच रहे उनकी बारह टोकरी उठाई गईें। ८ जब वह ण्कांतमें प्राथेना करता था और शिष्य लाग उसके संग थे तब उसने उनसे पछा कि लोग क्या ९८ कहते हैं में कोन हं। उन्होंने उत्तर दिया कि वे आपको योहन बपतिसमा देनेहारा कहते है परन्‍त कितने णएत्नि- याह कहते हैं आर कितने कहते हैं कि अगले भविष्यदृक्ता- ४० ओमसे काई जो उठा हे । उसने उनसे कहा तम क्या कहते है| में कान हूं . पितरने उत्तर दिया कि इंश्वरका २९ अभिषिक्त जन । तब उसने उन्हें टूढ़तासे आज्ञा दिईं २२ कि यह बात किसीसे मत कहो । और उसने कहा मनुष्यके पुच॒का अवश्य है कि बहुत दुःख उठावे और प्राचीनों और प्रधान याजकां ओर अध्यापकोंसे तुच्छ किया जाय और मार डाला जाय झऔ और तीसरे दिन जी उठे । २३ उसने समेोंसे कहा यदि कोई मेरे पीछे आने चाहे ते अपनी इच्छाका मारे और प्रतिदिन अपना क्रूश २४ उठाके मेरे पीछे आवे । ब्यांकि जो कोई अपना प्राण २०० लक । [६ पब्जे। 5 बचाने चाहे से उसे खाबेगा परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खेोवे से। उसे बचावेगा । जो मनुष्य सारे २४ जगतको प्राप्त करे और अपनेके नाश करे अथवा गंवावे उसके क्या लाभ होगा । जो काई मुझसे और २६ मेरी बातोंसे लजावे मनुष्यका पुच जब अपने और पिताके और पविच टूतोंके सेश्वय्येमँं आवेगा तब उससे लजावेगा । में तमसे सच कहता हं कि जो यहां २७ खड़े हैं उनमेंसे कोई कोई हैं कि जबत्लां इंश्वरका राज्य न देखें तबलों मृत्यका स्वाद न चौोखेगे । इन बातोंसे दिन आराठ णकके प्रीछे योश प्रितर और श८ याहन ओर याकूबको संग ले प्राथना करनेके पब्बेतपर चढ़ गया । जब वह प्राथेना करता था तब उसके मुंहका २८ रूप औरही हे! गया और उसका बस्तर उजला हुआ और चमकने लगा । और देखे दे मनुष्य अथात मूसा ३० और एलियाह उसके संग बात करते थे । वे तेजेमय ३९ दिखाई दिये और उसको मृत्यकी जिसे वह यिरूशत्ली- मर्म परो करनेपर था बात करते थे। पितर और उसके ३२ संगियोंकी आंख नॉदसे भरो था परन्‍्त वे जागते रहे ओर उसका णेश्वय्य आर उन दो मनुष्यांका जे। उसके संग खड़े थे देखा। जब वे उसके पाससे जाने लगे तब पितरने ३३ यीशसे कहा हे गुरु हमारा यहां रहना अच्छा है . हम तीन डेरे बनावें एक आपके लिये एक मूसाके लिये चार एक णलियाहके लिये . वह नहों जानता या कि क्या कहता था । उसके यह कहते हुए एक मेघने जआञा उन्हें ३४ अर 85७७. 3.00... छा लिया ओर जब उन दोनोंने उस मेघमे प्रवेश किया &£ परब्न ।] लक । २०१ ३५ तब वे डर गये। और उस मेघसे यह शब्द हुआ कि यह ३६ मेरा प्रिय प्र है उसकी सना | यह शब्द हा नेके पीछे योश अकेला पाया गया और उन्होंने इसके गुप्त रखा ओर जा देखा था उसकी कोई बात उन दिनोंमें किसीसे न कही । क्‍ ३०७० टूसरे दिन जब वें उस पब्बेतसे उतरे तब बहुत लाग इंध उससे आ मिले । ओर देखा भीइमेंसे एक मनुष्यने पुकारके कहा हे गुरु में आपसे बिनन्‍्तीं करता हूं कि मेरे पुच॒पर ट्रप्मि कीजिये क्येंकि वह मेरा एकलोता है। ३६ और देखिये एक भूत उसे पकड़ता है और वह अचांचक चिल्लाता है और भूत उसे ऐसा मरोड़ता कि वह मुंहसे फेन बहाता है और उसे चूर कर कठिनसे छोड़ता है। ४० ओर मेंने आपके शिष्पांसे बिन्‍्ती किई कि उसे निकाले ४१ परन्त वे नहीं सके । यीशने उत्तर दिया कि हे अबिश्वासी .. और हटठीले लोगो में कब॒ल्नों तुम्हारे संग रहंगा और ४२ तुम्हारी सहगा . अपने पुचके यहां ले झा । वह आताही था कि भूतने उसे पटकके मरोड़ा परन्तु योशुने अशट ० य 43205 ० | ८ बे ० ० भतको डांटके लड़केका चंगा किया और उसे उसके ४३ पिताकोा सोंप दिया। तब सब लग इंश्वरकी महाशक्ति- से अचंभित हुए । ४४ जब समस्त ल्नाग सब कार्मीसे जे योशुने किये अचंभा करते थे तब उसने अपने शिफष्येंसे कहा तुम इन बातोंका अपने कानेंमें रखे क्येंकि मनुष्यका पुत्र मन॒ष्योंके ४५ हाथम पकड़वाया जायगा । परन्तु उन्होंने यह बात न समको और वह उनसे छिपी थी कि उन्हें बुझ न पढ़े 20 २०२ लक । [६ पब्ब । और वे इस बातके विषयमें उससे पूछनेका डरते थे। उन्होंमें यह बिचार हे।ने लगा कि हममेंसे बड़ा कान ४६ है। यीशने उनके मनका बिचार जानके एक बालककेो ४७ लेके अपने पास खड़ा किया . और उनसे कहा जो ४८ काई मेरे नामसे इस बालकके ग्रहण करे वह मुझे ग्रहण करता है और जो काई मु्े ग्रहण करे वह मेरे भेजनेहारेका ग्रहण करता है . जे तुम समोंमें अति छोटा है वही बड़ा होगा । तब याहनने उत्तर दिया कि है गुरु हमने किसी ४८ मनुष्यका आपके नामसे भूतेांके निकालते देखा और हमने उसे बजो क्योंकि वह हमारे संग नहीं चलता है । योशने उससे कहा मत बजीा क्योंकि जो हमारे बिरूटु ४० नहीं है से हमारी ओर है। जब उसके उठाये जानेके दिन पहुंचे तब उसने ४९ यिरुशलीम जानेके अपना मन टूढ़ किया । ओर ४२ उसने टूतांके अपने आगे भेजा और उन्हेंने जाके उस- के लिये तैयारी करनेकेा शामिरोनियोंके एक गांवमें प्रवेश किया । परन्तु उन लोगोंने उसे ग्रहण न किया ४३ क्येंकि वह यिरूशलीमकी ओर जानेका मुंह किये था । यह देखके उसके शिष्य याकूब ओर याहन बोले हे ५४ प्रभु आपकी इच्छा हाय ता हम आगके आझाकाशसे गिरने अर उन्हें नाश करनेकी आज्ञा देवें जेसा एलियाहने भी किया । परन्तु उसने पोछे फिरके उन्हें डांटके कहा ४४ क्या तम नहों जानते हो तम केसे आत्माके हो। मनुष्यका पुत्र मनुष्याके प्राण नाश करनेका नहों परन्तु ५६ १० प्रब्बे ।] लक । २०३ बचानेकेा आया है . तब बे टूसरे गांवका चलने गये। ५४० जब वे मागेमे जाते थे तब किसी मनुष्यने योशसे कहा हे प्रभु जहां जहां आप जाये तहीं में आपके पीछे चलूंगा। ४८ यीशने उससे कहा लोामड़ियोंका मांद और आकाशके पंछियोंका बसेरे हैं परन्तु मनुष्यके पुचके सिर रखनेका ४८ स्थान नहीं है। उसने टूसरेसे कहा मेरे पीछे झ्रा . उसने कहा हे प्रभु मुझे पहित्ने जाके अपने पिताकोा गाड़ने ६० दोजिये । यीौशने उससे कहा मृतकोांका अपने मृतकोंकेा गाड़ने दे परन्तु तू जाके इश्वरके राज्यकी कथा सुना। ६१ टूसरेने भी कहा हे प्रभु में आपके पीछे चलूंगा परन्तु पहिले मुझे अपने घरके लोागेंसे बिदा होने दोजिये । ६२ योशने उससे कहा अपना हाथ हलपर रखके जो कोई पीछे देखे से इंश्वरके राज्यके योग्य नहीं है । १० ट्सवां पब्बे । १ योशुका सत्तर जी ल ठडराके भेजना । १३ कई रक नगरोंके केस से उलहना । १७ सत्तर शिष्यांके संग योशक्रो बरातचोत्त और उसका अपने पिताकऋा घनन्‍य मानना । २५ ब्यवस्थापक्रका उत्तर देना आर दयावन्‍्त शेमिरानोीका दुष्टान्त । इ८ मरा ओर मरियमसे योशुकों बातचीत । १. इसके पाछे प्रभुने सत्तर और शिष्योंका भी ठहराके उन्हें दो दे करके हर एक नगर और स्पानके जहां वह २ आप जानेपर था अपने आगे भेजा । और उसने उनसे कहा कटनी बहुत है परन्तु बनिहार योड़े हैं इसलिये कटनीके स्वामीसे बिन्ती करो कि बह अपनी कठनोमें ३ बनिहारोंका भेजे। जाओ देखे में तुम्हें मेस्नोंकी नाई ४ हुंड़ारोंके बीचमें भेजता हूं। न यैली न होली न जूते हि २०४ लक । (१० प्रब्जे। ले जाओ जार मागेमें किसीके नमस्कार मत करो। जिस किसी घरमें तुम प्रवेश करो पहिले कहे इस घरका कल्याण होय। यदि वहां काई कल्याणके योग्य हो ते तम्हारा कल्याण उसपर टहरेगा नहां ते तम्हारे पास फिर आवेगा। जे कुछ उन्हेंके यहां मिले साई खाते कौर पीते हुए उसी घरमें रहा क्योंकि बनिहार अपनी बनिके याग्य है . घर घर मत फिरा । जिस किसी नगरमें तुम प्रवेश करो ओर लोग तुम्हे ग्रहण करे वहां जे कुछ तम्हारे आगे रखा जाय सो खाओझओे । ओर उसमेके शेगियोंकेा चंगा करो ओर लोगेोंसे कहे कि इंश्वरका राज्य तुम्हारे निकट पहुंचा हे। परन्तु जिस किसी नगर- में प्रवेश करो ओर लेाग तम्ह ग्रहण न करें उसकी सडकेंपर जाके कहो . तम्हारे नगरकी धल भी जो हमोंपर लगी है हम तम्हारे आगे पोंछ डालते हैं ताभी यह जाने कि इंश्वरका राज्य तुम्हारे निकट पहुंचा है। में तुमसे कहता हूं कि उस दिनमें उस नगरको दशासे सदामकी ट्रशा सहने याग्य होगा । हाय त काराजीन , हाय त बैतसेदा . जे आश्चय्ये करम्म तम्हांम किये गये हे सा यदि सार ओर सीदोनमे . किये जाते तो बहुत दिन बोते होते कि वे टाट पहिने राखमें बेठके पश्चात्ताप करते। परन्तु बिचारके दिनमें तम्हारी दशासे सार और सीदाोनकी दशा सहने योग्य होगी । और हे कफनाहम जे स्वगेंलां ऊंचा किया गया हे त नरकतल्नों नीचा किया जायगा। जो तम्हारी सनता है से मेरी सनता हे और जो तम्हें तच्छ जानता १8 १५ १६ १० प्रब्जे ।] लक । २०३ है से मुक्के तुछछ जानता है और जो मुझे तुच्छ जानता है सा मेरे भेजनेहारेका तुच्छ जानता है । १७ तब वे सत्तर शिष्य आर्न॑न्टसे फ़िर आके बोले हे ९८ प्रभु आपके नामसे भूत भी हमारे बशमें हैं । उसने उनसे कहा मेने शेतानका बिजलीकी नाई स्वगेसे गिरते ९८ देखा । देखो में तम्हें सांपों और बिच्छओंको रोंट्नेका और शचुके सारे पराक्रमपर सामथ्य देता हं और ४० किसी बस्तसे तम्हें कुछ हानि न होगी। तोभी इसमें ऋाननन्‍्द मत करो कि भूत तुम्हारे बशमें ह परन्तु इसमें आननन्‍द करो कि तम्हारे नाम स्वगेम लिखे हण हैं। ४2१९ उसी घड़ी यीश आत्मामें ञ्रानन्टित हआ और कहा हे पिता स्वगे ओर पृथिवीके प्रभ में तेरा धन्य मानता हूं कि तूने इन बातोंको ज्ञानवानों ओर बद्ठिमानोंसे गुप्त रखा है ओर उन्हें बालकांपर प्रगट किया है . हां हे २२ पिता क्यींकि तेरी टूप्रिमं यही अच्छा लगा। मेरे पिताने मु्के सब कुछ सोंपा है और पुत्र कान है से कोई नहीं जानता केवल पिता और पिता कौन है से कोई .. नहीं जानता केवल पुत्र और वही जिसपर पुच उसे प्रगट ४३ किया चाहे । तब उसने अपने शिष्योंकी ओर फिरके निरालेमें कहा जे तम देखते हो उसे जे नेच देख से ४४ धन्य हैं । क्योंकि मे तमसे कहता हं कि जा तम देखते हा उसके बहुतेरे भविष्यदुक्ताओं ओर राजाओंने देखने चाहा पर न देखा आर जो तुम सुनते हे उसके सुनने चाहा पर न सुना । २५. देखा किसी व्यवस्थापकने उठके उसकी परोश्ा करने - २०द्व लक | [१० पब्बे । का कहा हे गुरु कान काम करनेसे में ऋननन्‍त जी वनका अधिकारी होंगा। उसने उससे कहा ब्यवस्थामें क्या ल्लिखा २६ है. त कैसे पढ़ता है। उसने उत्तर दिया कि त परमे- ३७ श्वर अपने इेश्वर का अपने सारे मनसे झैौर अपने सारे प्राणसे झोर क्षपनी सारो शक्तिसे ओर क्पनी सारों बद्टिसे प्रेम कर ओर अपने पड़ोसी के अपने समान प्रेम कर । यीशुने उससे कहा तूने ठीक उत्तर दिया है . यह र८ कर तो तू जीयेगा । परन्तु उसने अपने तह धर्म्मी २८ ठहरानेकी इच्छा कर यीशुसे कहा मेरा पड़ोसी कान है। यीशने उत्तर दिया कि एक मनुष्य यिरूशलीमसे यिरी- ३० हाका जाते हुए डाकूओंके हाथमें पड़ा जिन्होंने उसके बस्त उतार लिये और उसे घायल कर अधमृआ छोड़के चले गये । संयागसे कोई याजक उस मागेसे जाता था ३९ परन्तु उसे देखके साम्हनेसे होके चल्ला गया। इसी ३२ रोतिसे एक लेवीय भी जब उस स्थानपर पहुंचा तब आके उसे देखा और साम्हनेसे हेाके चला गया । परन्त ३३ एक शाोमिरानी पिरथिक उस स्थानपर आया ओर उसे देखके दया कि , और उस पास जाके उसके घावांपर ३४ तेल और दाख रस ढालके पट्टियां बांधीं और उसे अपनेही पशपर बैठाके सरायमें लाके उसको सेवा किईं । बिहान हुए उसने बाहर आ दे सूकी निकालके भठि- ३४ यारेका दिईदें झैर उससे कहा उस मनृष्यकी सेवा कर और जे कछ तेरा और लगेगा से में जब फिर आऊंगा तब तम्े भर देऊंगा । से त्‌ क्या समझता है जे डाक- इ६ आंके हाथमें पडा उसका पड़ोसी इन तीनोंमेंसे कोन ११ प्रब्जे ।] लक । २०७ ३७ था । ब्यवस्थापकने कहा वह जिसने उसपर दया किई . तब यीशुने उससे कहा जा तू भी वैसाही कर । इ८द. उन्होंके जाते हुए उसने“किसी गांवमें प्रवेश किया और मथोा नाम ण्क स्त्रीने अपने घरमें उसकी पहुनई इ८ किईं। उसका मरियम नाम एक बहिन थी जे यीशके ४० चरणोंके पास बैठके उसका बचन सुनती थी । परन्तु मथो बहुत सेवकाईमें बक्ो हुईं थी ओर वह निकट आके बोल्नी हे प्रभु क्या आपके सेच नहीं है कि मेरी बहिनने मुझे अकेली सेवा करनेके छोड़ी है . इसलिये ४१ उसके आज्ञा दीजिये कि मेरो सहायता करे। यीशने उसके उत्तर दिया हे मथा हे मथा तू बहुत बातोंके ४२ लिये चिन्ता करती और घबराती है। परन्तु ण्क बात आवश्यक है. ओर मरियमने उस उत्तम भागकोा चुना है जे उससे नहीं लिया जायगा । ११ णग्यारहवां पब्बे । 4३ प्रार्थनाके विद्ययम योशुक्रा उपदेश । १४ लागेंके अपबादका खेंडन । २४ यिह- दियेंकोी बुरी दशा । २७ धन्य कान हैं उसका बणेन । २९ थिह्दियोंके देोषका बैक. कक ० ० प्रमाण। ३३ दोपकका दुष्टान्त । ३७ योशुका फरोशिये का उलहना देना । ४५ ब्यवस्थापकोां का उलहना देना । १ जब यीशु एक स्थानमें प्राथेना करता था ज्यों उसने समाप्ति किई त्यों उसके शिष्येंमेंसे एकने उससे कहा हे प्रभु जैसे योहनने अपने शिष्येके सिखाया तैसे आप २ हमें प्राथेना करनेके सिखाइये । उसने उनसे कहा जब तुम प्राथेना करे। तब कहे हे हमारे स्वगेंबासी पिता तेरा नाम पविच किया जाय तेरा राज्य आवे तेरी इच्छा < मे बे ० [] ००१ ढक. ८6 ३ जैसे स्वगेमें वैसे पृथिवीपर पूरी हाय . हमारी दिनभरकी २0८ लक [१५ पब्जे । 5 शाटी प्रतिदिन हमें दे . खैर हमारे पाषोंकेा छामा कर क्यांकि हम भी अपने हर एक आऋणीके श्मा करते हैं और हमें परीक्षामें मत डाल परन्तु टुषृसे बचा । और उसने उनसे कहा तुममेंसे कान है कि उसका एक मिच होय और वह जआाधी रातका उस पास जाके उससे कहे कि हे मिच मुरके तोन रोटो उधार दीजिये . क्यांकि एक पथिक मेरा मिच मुझ पास आया है और उसके आगे रखनेके मेरे पास कुछ नहीं है . और वह भीतरसे उत्तर देवे कि मुझे दुःख न देना अब तो द्वार मूंदा गया है और मेरे बालक मेरे संग साये हण हैं में उठके तमे नहों दे सकता हं । में तमसे कहता हं जो वह इसलिये नहीं उसे उठके देगा कि उसका मिच है ताभी उसके लाज छोड़के मांगनेके कारण उठके उसके जितना कुछ आवश्यक है| उतना देगा। ओर में तुम्होंसे कहता हं कि मांगा तो तम्हें दिया जायगा ढंढा ता तम पाओगे खटखटाओं ता तम्हारे लिये खाता जायगा। क्येंकि जा कई मांगता है उसे मिलता है और जे ढंढता है से पाता है तर जे खटखटाता हे उसके लिये खोला जायगा। तुममेंसे कान पिता होगा जिससे पुत्र रोटी मांगे क्या वह उसके पत्थर देगा . और जे वह मछली मांगे ते क्या वह मछलीको सन्‍ती उसके सांप देगा। अथवा जा वह अंडा मांगे तो क्या वह उसके बिच्छ देगा। से यदि तम बरे हाोके अपने लड़कांका अच्छे दान देने जानते हा। ता कितना अधिक करके स्वगाोय पिता उन्होंका जे उससे मांगते है पाविच आत्मा देगा । 5 ११९ पब्बे ।] लक । २०६ 5 १४ यीश णक भतकेो जो गंगा था निकालता था. जब भत निकल गया तब वह गंगा बालने लगा ओर लोगोंने १४ अचंभा किया । परन्‍्त उनसमैंसे काई कोई बोलने यह ते बालजिबल नाम भतोंके प्रधानकी सहायतासे भतोंकोा १६ निकालता हैं। औरोंने उसकी परीक्षा करनेकेा उससे १७ आकाशका एक चिन्ह मांगा । पर उसने उनके मनकी बातें जानके उनसे कहा जिस जिस राज्यमे फट पड़ी है वह राज्य उजड़ जाता हे और घरसे घर जे। बिगठढता ९८ है सा नाश होता है | और यदि शैतानमें भी फट पड़ी है तो उसका राज्य क्यांकर ठहरेगा . तम लाग ता कहते हो कि में बालजिबलकी सहायतासे भते का निकालता १९ हूं। पर यदि में बालजिबूलकी सहाय तासे भूतेंके। निका- लता हूं तो तुम्हारे सन्‍्तान किसकी सहायतासे निका- २० लते हैं. इसलिये वे तम्हारे न्याय करनेहारे होंगे। परन्‍्त जा मे इंश्वरको उंगलीसे भतों के निकालता हं तो अवश्य २९ इंश्वरका राज्य तुम्हारे पास पहुंच चुका है। जब हथियार बांधे हुए बलवन्त अपने घरकी रखवात्नी करता है तब ४२ उसको सम्पत्ति कुशलसे रहती है। परन्तु जब वह जो उससे अधिक बलवन्त है उसपर आा पहुंचकर उसे जीतता है तब उसके सम्पूणे हथियार जिलपर वह भरोसा रखता था छीन लेता ओर उसका लूटा हुआ २३ धन बांटता है। जो मेरे संग नहीं है से मेरे बिरुटु है और जो मेरे संग नहों बदोरता से बियराता है । २४ जब अशटदु भूत मनुष्यसे निकल जाता है तब सूखे स्थानोंम बिआ्राम ढंढता फ़िरता है परन्‍त जब नहों पाता 220 ७ २१० लक । [११ पब्बे । तब कहता है कि में अपने घरमें जहांसे निकला फिर जाऊंगा | और वह आके उसे काड़ा बुहारा सुथरा पाता २४ है । तब वह जाके अपनेसे अधिक दुष्र सात और भूतेंके २६ लेआता है और वे भीतर पैठके वहां बास करते हैं ओर उस मनुष्यकी पिछली दशा पहिलीसे बुरी होती है । वह यह बातें कहताही था कि भी उमेंसे किसी स्त्रीने २७ ऊंचे शब्दसे उससे कहा धन्य वह गर्भ जिसने तुकके धारण किया और वे स्तन जे। तूने पिये । उसने कहा हां पर रू बेहो धन्य हैं जे इेश्वरका बचन सुनके पालन करते हैं। जब बहुत लोागोंकी भीड़ ए्कट्टी होने लगी तब वह २< कहने त्वगा कि -इस समयके ल्लाग दुप्र हैं . वे चिन्ह ढूंढ़ते हैं परन्तु कोई चिन्ह उनके नहीं दिया जायगा केवल यूनस भविष्यदुक्ताका चिन्ह । जैसा यूनस निनिवीय ३० लेागेंके लिये चिन्ह या वैसाही मनुष्यका पुत्र इस समय- के लागेंके लिये होगा । दक्षिणमी राणोी बिचारके ३१९ द्निर्में इस समयके मलनुष्योंके संग डठके उन्हें दोषी ठहरावेगी व्यांकि वह सुल्लेमानका ज्ञान सुननेके पृथि- वीके अन्तसे आई और देखे यहां एक है जो सुत्मेमानसे भी बढ़ा है। निनिवीके लोग बिचारके दिनमें इस ३२ समयके लागेंके संग खड़े हो उन्हें दोषी उठहरावेंगे ब्यांकि उन्होंने यूलनसका उपदेश सुनके पश्चात्ताप किया और देखे यहां एक है जा यूनससे भी बड़ा है । काई मनुष्य दीपककेा बारके गुप्तमें अथवा बत्तनके ३३ नीचे नहीं रखता है परन्तु दीवटपर कि जे भीतर आवें से। उजियाला देखें । शरीरका दीपक आंख है इसलिये ३४ ११ प्रब्बे ।] लक । २११ जब तेरी आंख निर्मेल्न हे तब तेरा सकल शरीर भी उजियाला है परन्‍्त जब वह बरी हे तब तेरा शरीर ३४ भी अंधियारा हे। से देख त्ला कि जो ज्येोति तममें ३६ है सा अंधकार न होवे । यदि तेरा सकल शरोर उजियाला हो ओर उसका कोई अंश अंधियारा न हो ते जेसा कि जब दीपक अपनी चमकसे तमे ज्योति देवे तेसाही वह सब प्रकाशमान होगा । ३०७० जब योशु बात करता था तब किसी फरीशीने उससे बिन्‍्ती किई कि मेरे यहां भेजन कीजिये और वह भी तर इ८ जाके भेजनपर बेठा । फरीशीने जब देखा कि उसने इ८ भाजनके पहिल्ले नहों धेया तब अचंभा किया। प्रभने उससे कहा अब तुम फरीशी लेाग कटोरे और थालकेा बाहर बाहर शुह्ु करते हो परन्तु तुम्हारा अन्तर अन्धेर ४० ओर टुषृतासे भरा है । हे निबुद्ठि लेोगे जिसने बाहर- . ४१ के बनाया क्या उसने भीतरकेा भी नहीं बनाया। परन्तु भीतरवाली बस्तुओंकोा दान करो तो देखे तुम्हारे लिये ४२ सब कुछ श॒टु है। परन्तु हाय तुम फरीशियो तुम पोदीने और अआहरूदेका और सब भांतिके साग पातका दसवां अंश देते हे| परन्त न्‍्यायका और इश्बरके प्रेमके उल्लूघन करते है। . इन्हें करना और उन्हें न छोड़ना उचित ४३ था | हाय तम फरी शियो तम्हें सभाके घरोंमें ऊंचे आसन ४४ और बाजारोंमें नमस्कार प्रिय लगते हैं । हाय तम कपटी अध्यापका और फरोशिये तुम उन कबरोंके समान हे जो दिखाई नहीं देतीं और मनुष्य जा उनके ऊपरसे चलते है नहों जानते है । २१२ लक | [११ पब्बे। तब ब्यवस्थापकंमसे किसीने उसके उत्तर दिया कि ४४ है गुरु यह बातें कहनेसे आप हमेंकी भी निन्‍दा करते हैं। उसने कहा हाय तुम ब्यवस्थापका भी तुम बाके ४६ जिनके उठाना कठिन है मनुष्योंपर लादते हो परन्तु तुम आप उन बोमोंके अपनी णक उंगलीसे नहीं छूते है। । हाय तुम ल्लाग तुम भविष्यदुक्ताओंकी कबरें बनाते ४७ हो जिन्हें तुम्हारे पितरोंने मार डाला। से तुम अपने ४८ पितरोंके कार्मांपर साश्ठी देते हा और उनमें सम्मति देते हा क्योंकि उन्हेंने तो उन्हें मार डाला और तुम उनकी कबरें बनाते हो। इसलिये इंश्व रके ज्ञानने कहा ४८ है कि में उन्हेांके पास भविष्यदुक्ताओं ओर प्रेरितोंका भेजूंगा और वे उनमेंसे कितनोंके मार डालेंगे और सतावेंगे . कि हाबिलके लोाहसे लेके जिखरियाहके ४० ल्लाहूतक जे! बेदी और मन्दिरके बीचमें घात किया गया जितने भविष्यद्रक्ताओंका लाह जगतको उत्पत्तिसे बहाया जाता है सबका लेखा इस समयके त्लेगोंसे त्तिया जाय । हां मैं तुमसे कहता हूं उसका लेखा इसी समय- ४९ के लागेंसे जिया जायगा। हाय तुम ब्यवस्थापकेा ४२ तुमने ज्ञानकी कुंजी ले लिई है . तुमने आपही प्रवेश नहीं किया है और प्रवेश करनेहारोंका बजो है । जब वह उन्हेंसे यह बातें कहता था तब अध्यापक ४३ और फरीशी लोग निपट बैर करने और बहुत बातोंके विषयमे उसे कहवाने लगे . और दांव ताकते हुए उसके ४४ मुंहसे कुछ पकड़ने चाहते थे कि उसपर दोष लगावें। १२ पब्णे ।] लक । २१३ 5 ९२ बारहवां पब्बे। १ योशका अपने शिष्येंके अनेक बालोंके विष्यमें चित्ताना। १३ निेद्धि घनवानका दुष्टान्त । २२ संसारम मन , अंगानेका निषेध । ३५ सचेत रहनेका उपदेश ओर दासांका दुष्ट्रान्त । ४९ अबये दु:खेंका भविष्यद्वाबय । ४४ कर्पाठ- - ग्रांपर उलहना । १ उस समयमें सहसें लेग ण्कट्रे हुए यहांलां कि एक टूसरेपर गिरे पड़ते थे इसपर यीश अपने शिष्योंसे पहिल्ले कहने लगा कि फरोशियेंके खमीरसे अथेत कपटसे २ चाकस रहे । कुछ छिपा नहीं है जो प्रगट न किया जायगा और न कुछ गुप्त है जो जाना न जायगा । ३ इसलिये जो कुछ तुमने अंधियारेमें कहा है से उजियाले- में सुना जायगा और जे तुमने कोठरियोंमें कानोंमें ४ कहा है से काठोंपरसे प्रचार किया जायगा। में तुम्हेंसे .._ जो मेरे मिच हो कहता हूं कि जे शरी रके मार डालते हैं परन्तु उसके पीछे ओर कुछ नहीं कर सकते हैं . ४ उनसे मत दरो | में तुम्हें बताऊंगा तुम किससे डरो . घात करनेके पीछे नरकमें डालनेका जिसके अधिकार है उसीसे डरो . हां में तुमसे कहता हूं उसीसे डरो। ६ क्या दो पेसेमें पांच गारैया नहीं बिकतीं ताभी देश्वर ७ उनमेंसे एककेा भी नहीं भूलता है। परन्तु तुम्हारे सिरके बाल भी सब गिने हुए हैं इसलिये मत डरो तुम बहुत ८ गैारियाओंसे अधिक मेालके हा।। में तुमसे कहता हूं जो काई मनुष्यांके आगे मुके मान लेवे उसे मनुष्यका पुच € भी इंश्वरके टूतांके आगे मान लेगा। परन्तु जो मनुष्यें- के आगे मुर्के नकारे से इंश्वरके टूतांके आगे नकारा ०८० ० 2.0 3 १० जायगा। जो कोई मनुष्यके पुच्रके बिरोधमें बात कहे वह २१४ लक । [१२ प्रब्बे । उसके लिये छामा किईदद जायगी परन्तु जे पवित्र आत्मा- की निन्‍दा करे वह उसके लिये नहीं श्मा किईद जायगी । जब लोग तुम्हें समाओं और अध्यक्षों आर अधिकारियों- १९ के आगे ले जावे तब किस रोतिसे अथवा क्या उत्तर देझेगे क्यवा क्या कहाोगे इसको चिन्ता मत करो । क्योंकि जे कुछ कहना उचित होगा से पविच आत्मा ९२ उसी घड़ी तुम्हें सिखावेगा । भीड़मेंसे किसी ने उससे कहा हे गुरु मेरे भाईसे कहिये १३ कि पिताका घन मेरे संग बांट लेबे। उसने उससे कहा १४ हे मनुष्य किसने मुरे तुम्हेंपर न्‍्यायी अथवा बांटनेहारा ठहराया । ओर उसने लोगेंसे कहा देखे ल्लाभसे बचे १४ रहे क्योंकि किसीके धन बहत हाय तोभी उसका जी वन उसके धनसे नहीं है। उसने उन्हेंसे एक टूप्वान्त भी कहा १९६ कि किसी धनवान मनुष्यकी भूमिमें बहुत कुछ उपजा। तब वह अपने मनमें बिचार करने त्वगा कि में क्या करूं ९७ ब्येंकि मकओे अपना अन्न रखनेका स्थान नहों है। कौर उसने कहा में यही करूंगा में अपनी बखारियां ९८ ताड़के बड़ी बड़ी बनाऊंगा और वहां अपना सब अन्न ज्लौर अपनी सम्पत्ति रखंगा | और में अपने मनसे ९८ कहूंगा हे मन तेरे पास बहुत बरसेंके लिये बहुत सम्पत्ति रखी हई है बिग्राम कर खा पी सखसे रह । परन्‍्त २० इंप्वरने उससे कहा हे मख इसी रात तेरा प्राण तकसे ले तल्विया जायगा तब जो कुछ तने ण्कट्टा किया है से किसका होगा । जे अपने लिये धन बटोरता है और २९ इंशवरको आओर धनी नहों हे से एऐसाही है। १२ पब्बे ।] लक । २१४ रु फिर उसने अपने शिष्यांसे कहा इसलिये में तुमसे कहता हूं अपने प्राणके लिये चिन्ता मत करो कि हम २४३ क्या खायगगे न शरोी रके लिये कि क्या पहिरेंगे। भेजनसे २४ प्राण और बस्वसे शरीर बड़ा है। कोावोंकोा देख लो . वे न बाते हैं न लवते हैं उनका न भंडार न खत्ता है ताभी इंश्वर उनके पालता है. तुम पंडियेंसे कितने २४ बढ़े हा | तुममेंसे कोन मनुष्य चिन्ता करनेसे अपनी २६ आयुकी दाड़का एक हाथ भी बढ़ा सकता है । से यदि तुम अति छोटा काम भी नहीं कर सकते हा ते और २७ बातोंके लिये क्यों चिन्ता करते हा । सासतन फूलोंका | । देख लो वे केसे बढ़ते हैं . वे न परिश्रम करते हैं न कातते हैं परन्तु में तुमसे कहता हूं कि सुलेमान भी अपने सारे बिभवमें उनमेंसे एकके तुल्य बिभूषित न था। २८ यदि ईश्वर घासके जो आज खेतमें है और कल चूल्हेंमें मरेंकी जायगी ऐसी बविभूषित करता है ते हे अल्पबिश्वा- २८९ सिया कितना अधिक कर के वह तुम्हें पहिरावेगा । तुम यह खोज मत करो कि हम क्या खायेंगे अथवा क्या पीयेगे ३० और न सन्‍्देह करे । जगतके देवपूजक लेाग इन सब बस्तुओंका खोज करते हैं और तुम्हारा पिता जानता है ३१ कि तुम्हें इन बस्तुओंका प्रयोजन है । परन्तु इेश्वरके राज्यका खोज करो तब यह सब बस्तु भी तुम्हें दिई इ२ जायेंगीं । हे छोटे भुंड मत डरे ब्यांकि तुम्हारे पिताकी ३३ तुम्हें राज्य देनेमें प्रसन्नता है । अपनी सम्पत्ति बेचके दान करो . अजर थेलियां ओर अश्यय धन अपने लिये स्वगेमें एकट्रा करे जहां चोर नहीं पहुंचता है और न रद लक । [१२ पब्जे। कीड़ा बिगाड़ता है। व्येंकि जहां तुम्हारा धन है तहां ३४ तुम्हारा मन भी लगा रहेगा । तुम्हारी कमरें बंधी और दीपक जलते रहें । और हे तुम उन मनुष्योंके समान हाओ जे। अपने स्वामीकी बाट देखते हैं कि वह बिवाहसे कब लौटेगा इसलिये कि जब वह आके ट्वार खटखटावे तब वे उसके लिये तुरन्त खोले । वे दास धन्य हैं जिन्हें स्वामी आके जागते ३७ पावे . में तुमसे सच कहता हूं वह कमर बांधके उन्हें भेाजनपर बेठावेगा और आके उनकी सेवा करेगा । जो ३८ वह टूसरे पहर आवे अथवा तीसरे पहर आवे और ऐेसाही पावे ता वे दास धन्य हैं। तुम यह जानते है। ३€ कि यदि घरका स्वामी जानता चार किस घड़ी आवेगा ते वह जागता रहता और अपने घरमें संघ पड़ने न देता । इसलिये तुम भी तैयार रहे क्योंकि जिस घड़ीका ४० अनुमान तुम नहीं करते हा उसी घड़ी मनुष्यका पुच आवेगा। तब पितरने उससे कहा हे प्रभु क्या आप हमेंसे ४९ अथवा सब लेोगेंसे भी यह ट्रष्तान्त कहते हैं। प्रभुने 8२ कहा वह बिश्वासयोग्य और बुद्टिमान भंडारी कान है जिसे स्वामी अपने परिवारपर प्रधान करेगा कि समयमें उन्हें सीधा देवे । वह दास धन्य है जिसे उसका स्वामी ४३ आके णसा करते पावे। में तुमसे सच कहता हूं वह उसे ४४ अपनी सब सम्पत्तिपर प्रधान करेगा। परन्तु जे वह दास ४४ अपने मनमें कहे कि मेरा स्वामी आनेमें बिलंब करता है और दासीं और दासियांकेा मारने लगे और खाने पीने और मतवाला होने लगे . तो जिस दिन वह बाट ४६ १२ पव्ले। ] लक । २१० जाहता न रहे आर जिस घड़ीका वह अनुमान न _ करे उसीमें उस दासका स्वामी आवेगा ज्ौर उसके बड़ी ताइ़ना देके अविश्वासिकेंके संग उसका अंश देगा। ४७ वह दास जो अपने स्वामीकोी इच्छा जानता था परन्तु तैयार न रहा जौर उसको इच्छाके समान न किया बहुतसी मार खायगा परन्तु जे नहीं जानता था और मार खानेके योग्य काम किया से थाड़ीसी मार खाय- ४८ गा । और जिस किसीकेा बहुत दिया गया है उससे बहुत मांगा जायगा और जिसके लोगेंने बहुत सोॉंपा है उससे वे अधिक मांगेंगे । ४६८ में पृथिवीपर आग लगाने आया हूं और में कक ४० चाहता हूं केवल यह कि अभी सुलग जाती। मुके एक बपतिसमा लेना है और जबल्नें वह सम्पूर्ण न हाय तबत्नों ५९ में केसे सकेतेमें हूं। क्या तुम समझते हो। कि में पृथिवीपर मिलाप करवाने आया हूं . में तुमसे कहता हूं से नहीं ४२ परन्तु फूट । क्यांकि अबसे एक घरमें पांच जन अत्लग अलग होंगे तोन दोके बिरुदु आर दो तोनके बिझठु । ४५३ पिता पुत्रके बिरूदु ओर पुच्र पिताके बिरूट मां बेटीके बिरुटु और बेटी मांके बिशदु सास अपनी पतेाहके बिछूंटु औ और पताह अपनी सासके बिरुटु अत्मग अलग हेंगे। ४४ ओर भी उसने लोागेंसे कहा जब तुम मेघका पश्चिम- से उठते देखते हो तब तुरन्त कहते हा कि कड़ी आती ४५ है और णसा होता है। और जब दक्षिणकी बयार चलते देखते हे। तब कहते हा कि घाम होगा और वह भी ४६ होता है। है कपटिया तुम धरती और आकाशका रूप 26 र्प्८ लक । [१३ पब्ले | ॥ 4 चीन्ह सकते हे परन्तु इस समयके क्यांकर नहीं चीनन्‍्हते हैा। । और जे। उचित है उसके तुम आपहीसे क्या नहीं ४७ बिचार करते हो । जब तू अपने मुट्टईके संग अध्यक्षके ४८ पास जाता है मागहीमें उससे छूटनेका यत्र कर रेसा न हो कि वह तुके न्‍्यायीके पास खोंच ले जाय और न्‍यायी तुमे प्यादेका सेोंपे और प्यादा तुमे बन्दोगृहमें डाले । मैं तुकसे कहता हूं कि जबलों तू काड़ी काड़ी ४८ भर न देवे तबलों वहांसे छूटने न पावेगा । १३ तेरहवां पब्बे । कफ पश्चात्ताप करनेकी आवश्यकता । ई निष्फल ग़लर वृक्षका दुष्टान्त । १० योशुका णएक कुबड़ो स्त्रोकेा चेंगा करना और विग्रामवारके विषप्रयमे निेय करना । १८ राइके दाने ओर खमोरके दुष्टान्च । २२ सकेत फाटकसे पेठनेका उपदेश । ३१ इंरेदपर उलहना ओर यिरुशलोमके नाश छेेनेको भविष्यद्वाणी । डस समयमें कितने त्नाग आ पहुंचे और उन गाली- १ लियेंके विषयमें जिनका लेह पिला तने उनके बलिदा- नोंके संग मितल्ाया था यौशुसे बात करने लगे । उसने २ उन्हें उत्तर दिया क्या तुम समभते हो कि ये गालीत्नी ल्लाग सब गालीलियोंसे अधिक पापी थे कि उन्हेंपर ऐसी बिपत्ति पड़ी। मैं तुमसे कहता हूं सो नहीं परन्तु जे ३ तुम पश्चात्ताप न करो ते तुम सब उसी रीतिसे नपष् होगे । अथवा क्या तुम समभते हो कि वे अठा रह जन 8४ जिन्हांपर शीलेहमें गुम्मर गिर पड़ा और उन्हें नाश किया सब मनुष्योंसे जे यिरूशलीममें रहते थे अधिक अपराधी थे। में तुमसे कहता हूं सो नहीं परन्तु जे तुम पश्चात्ताप न करे! तो तुम सब उसी रोतिसे नप्ठ हागे। ्‌ १९३ प्रब्ज |] लक । २१६ ६ उसने यह टूप्रान्त भी कहा कि किसी मनुष्यकी दा खकी बारोमें एक गूलरका वृक्ष लगाया गया था और उसने ७ आके उसमें फत्न ढूंढा पर न पैौया। तब उसने माल्नीसे कहा देख में तीन बरससे आके इस गूलरके वृश्षमें फत्न ढूंढ़ता हूं पर नहीं पाता हूं . उसे काट डाल बह भूमिका ८ क्यों निकम्मी करता है। मालीने उसके उत्तर दिया कि हे स्वामी उसके इस बरस भी रहने दीजिये जबलों € में उसका थाला खाटके खाद भरू | तब जो उसमें फत्ल लगे ता भत्मा . नहीं तो पीछे उसे कटवा डालिये । १०... बितज्ञामके दिन यीशु एक सभाके घरमें उपदेश करता १९१ था और देखे णक स्त्री थी जिसे अठा रह बरससे एक दुबेल करनेवाला भूत लगा था और वह कुबड़ी थो और किसी रीतिसे अपनेके सीधी न कर सकती थी। १३ यीशुने उसे देखके अपने पास बुलाया और उससे कहा १३ हे नारो तू अपनी टुबेलतासे छुड़ाई गई है । तब उसने उसपर हाथ रखा और वह तुरन्त सीधी हुई और १४ इंश्वरकी स्तुति करने त्वगी । परन्तु यीशुने बिश्रामके दिनमें चंगा किया इससे सभाका अध्यशध्य रिसियाने लगा और उत्तर दे लागांसे कहा छः दिन हैं जिनमें काम करना उचित है से उन दिनोंमें आके चंगे किये १४ जाओ जऔऔर बिज्ामके दिनमें नहीं । प्रभुने उसके उत्तर दिया कि हे कपटी क्या बिश्वामके दिन तुम्हेंमेंसे हर एक अपने बेल अथवा गधेके थानसे खेोलके जल पिलानेकेा १६ नहीं तले जाता । और क्या उचित न था कि यह स्त्री जा इबाहीमको पुत्री है जिसे शैतानने देखा अठारह २० लक । [१३ पब्ले | बरससे बांध रखा था बिश्रामके दिनमें इस बंधनसे खोली जाय । जब उसने यह बातें कहों तब उसके सब ९७ बिरोधी लज्नित हुए और समस्त लेाग सब प्रतापके कम्मांके लिये जो वह करता था आनन्दित हुए । फ़िर उसने कहा इश्वरका राज्य किसके समान है ९८ और में उसकी उपमा किससे देऊंगा। वह राइके एक १९८ दानेकी नाईं है जिसे किसी मनुष्यने लेके अपनी बारीमें बाया जऔर वह बढ़ा और बड़ा पेड़ हा गया और चआाकाशके पंछियोंने उसको डालिजयांपर बसेरा किया | उसने फिर कहा में इंश्वरके राज्यकी उपमा किससे देऊं- २० गा। वह खमीरकी नाईें हे जिसके किसी स्तीने लेके तीन २१ पसेरो आरेमे छिपा रखा यहांतलें कि सब खमीर हे। गया। ..._ वह उपदेश करता हुआ नगर नगर और गांव गांव २२ हाके यिरूशलीमकी ओर जाता था। तब किसीने उससे २३ कहा हे प्रभु क्या चाण पानेहारे थोड़े हैं। उसने उन्हेंसे २४ कहा सकेत फाटकसे प्रवेश करनेके साहस करो व्यांकि मैं तुमसे कहता हूं कि बहुत लोग प्रवेश करने चाहेंगे और नहीं सकेंगे। जब घरका स्वामी उठके द्वार मूंद चुके- २५ गा और तुम बाहर खड़े हुए द्वार खटखटाने लगोगे और कहोगे हे प्रभु हे प्रभु हमारे लिये खालिये और बह तुम्हें उत्तर देगा मैं तुम्हें नहीं जानता हूं तुम कहांके हा . तब तुम कहने लगागे कि हम लोग आपके साम्ने २६ खाते जै पोते ये और आपने हमारो सड़कोंमें उपदेश किया । परन्तु वह कहेगा मैं तुमसे कहता हूं मैं तुम्हें २७ नहीं जानता हूं तुम कहांके हो . हे कुकम्मे करनेहारोा १३ पब्ले ।] लक । र२१ र८ तुम सब मुकसे टूर हाओ। वहां रोना औ दांत पीसना हेागा कि उस समय तम इबाहोम ओर इसहाक झेर याकूब ओर सब भविष्यद्क्ताओंकोा इश्वरके राज्यमें बैठे २८ हुए ओर अपनेके बाहर निकाले हुए देखागे | और त्ताग पब्बे ओर पश्चिम खैर उत्तर और टदघ्षचिणसे आके ३० इंश्वरके राज्यमें बेठंगे। ओर देखे कितने पिछले हैं जो अगल्ले होंगे खेर कितने अगले है जा पिछले होंगे । ३१ उसी दिन कितने फरोशियोंने आके उससे कहा यहांसे निकलके चत्ना जा क्योंकि हेराोद तुके मार ३२ डालने चाहता है। उसने उनसे कहा जाके उस ल्लाम- ड़ीसे कहा कि देखा में आज और कल भूतांका नि- कालता और रोगियोंका चंगा करता हूं और तीसरे ३३ दिन सिट्ठु हांगा । तोभी आज और कल जौर परसों फिरना मुम्के अवश्य है क्योंकि हो नहीं सकता कि कोई ३४ भविष्यद्क्ता यिरुशल्लीमके बाहर नाश किया जाय। हे यिरूशलीम यिरूशलीम जे भविष्यद्क्ताओंके मार डालती है और जे तेरे पास भेजे गये हैं उन्हें पत्यरवाह करती है जैसे मुर्गी अपने बच्चोंका पंखेंके नीचे एकट्े करती है बेसेही मेंने कितनी बेर तेरे बालकोंकेा ण्कट्टे ३४ करनेकी इच्छा किई परन्तु तुमने न चाहा । देखा तम्हारा घर तम्हारे लिये उजाड़ छोड़ा जाता है आर मे तुमसे सच कहता हूं जिस समयमे तुम कहेगे धन्य वह जा परमेश्वरके नामसे आता है वह समय जबलों व स825 08 का न आबे तबलों तुम मुझे फिर न देखेागे । € ररर लक | [१४ पब्जे। १४ चोटहवां पब्बें । १ ग्राशक्रा क्वश्चामक दनस ख्क जलंधराक्ा चेंगा करना । 9 नंब्रतहारपाक दष्लान्तस नम्र हानंक्रा उपदश । १२ नद्वत्ता करनक् दष्टरान्तस परेोप्कारका उपदणश। १५ बियारोका दुष्ट्रान्तल | २७ योशके शिष्य छेानेम जा दुःख सहना होगा उसे आपगोस साचनका उपदश ॥ जब यीश बिज्ञामके दिन प्रधान फरीशियोंमेंसे किसीके घरमें रोटी खानेके गया तब वे उसके ताकते थे। और देखे एक मनुष्य उसके साम्हने था जिसे जल्मंधर रोग था। इसपर यीशुने ब्यवस्थापकां और फरीशियोंसे कहा क्या बिशआ्रामओ दिनमें चंगा करना उचित है . परन्‍्त वे चप रहे । तब उसने उस मनष्यका लेके चंगा करके बिदा किया . ओर उन्हें उत्तर दिया कि तुममेंसे किसका गधा अथवा बैल कूंए्में गिरेगा और वह तुरन्त बिआमके दिनमें उसे न निकालेगा। बे उसके इन बातोंका उत्तर नहों दे सके । जब उसने देखा कि नेवतहरी लग क्यांकर ऊंचे ऊंचे स्थान चुन लेते हैं तब एक टूपान्त दे उन्हांसे कहा . जब कोई तुर्रे बिवाहके भेजमें बुत्नावे तब ऊंचे स्थानमें मत बैठ ऐसा न हा कि उसने तुझसे अधिक आदर के योग्य किसीके बुलाया है। . और जिसने तुर्के और उसे नेवता दिया सा आके तकसे कहे कि इस मन॒ष्यका स्थान दीजिये ज्जलैर तब त लज्जनित हो सबसे नीचा स्थान लेने लगे। परन्‍त जब त बताया जाय तब सबसे नीचे स्थानमे जा के बैठ इसलिये कि जब वह जिसने ते नेवता दिया है आवबे तब तुकसे कहे हे मिच ओर ऊपर आइये . तब तेरे संग बेठनेहारोंके साम्ने तेरा आदर होगा। क्योंकि १९ १४ पब्जे ।] लक । २२३ जा काई अपनेका ऊंचा करे से नीचा किया जायगा और जे। अपनेके नीचा करे से ऊंचा किया जायगा। १२५ तब जिसने उसे नेवता* दिया था उसने उससे भी . कहा जब तू दिनका अथवा रातका भेजन बनावे तब अपने मिचों वा अपने भाइयों वा अपने कुटुंबों वा धनवान पड़ोसियोंका मत बुला ऐसा न हो कि वे भी इसके बदल्ने तुके नेवता देवें ओर यही तेरा प्रतिफत् १३ हाय । परन्तु जब तू भाज करे तब कंगालों टुंडें लंगढ़ें १४ और अन्धोंका बुला। और तू धन्य होगा क्योंकि वे तुरक्के प्रतिफल नहों दे सकते हैं परन्तु धम्मियोंके जी उठनेपर प्रतिफल तुकके दिया जायगा । १४५. उसके संग बैठनेहारोंमेंसे एकने यह बातें सुनके उससे कहा धन्य वह जो इंश्वरके राज्यमें रोटी खायगा। १६ उसने उससे कहा किसी मनुष्यने बड़ी बियारी बनाई १७ और बहुतोंकेा बुलाया। बियारीके समयमें उसने अपने दासके हाथ नेवतहरियोंकेा कहला भेजा कि आशा ९८ सब कुछ अब तैयार है । परन्तु वे सब एक मत होके छ्मा मांगने लगे. पहिल्लेने उस दाससे कहा मैंने कुछ भूमि माल लिई है और उसे जाके देखना मुके अवश्य १८ है में तुकसे बिन्‍्ती करता हूं मुक्के छमा करवा । टूसरेने कहा मेंने पांच जाड़े बेल मेल लिये हैं और उन्हें परखनेको जाता हूं में तुकूसे बिन्‍्ती करता हूं मुकके क्षमा २० करवा । तोसरेने कहा मेने बिवाह किया है इसलिये में २९ नहीं आ सकता हूं । उस दासने आके अपने स्वामीके यह बातें सुनाईं तब घरके स्वामीने क्रेध कर अपने र्र४ लक ॥। [१४ पब्ने । छः दाससे कहा नगरकी सड़कों ओर गलियोंमें शीघ्र जाके कंगालों ण्ल टंडों ओ लंगढ़ों खेर अन्धोंका यहां ल्ने ज्या । दटासने फ़िर कहा हे स्वामी जेसे आपने आज्ञा २२ दिईं तैसे किया गया है और अब भी जगह है। स्वामीने २३ दाससे कहा राजपयोंमें झैौर गाछेंके नोचे जाके लेागोंके बिन लानेसे मत छोड़ कि मेरा घर भर जावे । क्येंकि में तुमसे कहता हूं कि उन नेवते हुए मनुष्येमेंसे २४ काई मेरो बियारो न चीखेगा । बड़ी भीड़ यीशके संग जाती थी और उसने पीछे २४ फिरके उन्हेंसे कहा . यदि काई मेरे पास आझावे और २६ ज्पनी माता और पिता झऔर स्त्री और लड़कों और भादयों और बहिनेंकोा हां और अपने प्राणकेा भी अप्रिय न जाने ता वह मेरा शिष्य नहीं हो सकता है। और २७ जो काई अपना क्रूश उठाये हुए मेरे पीछे न आवे वह मेरा शिष्य नहों हो सकता है। तुममेंसे कान है कि गढ़ २८ बनाने चाहता हो और पहिल्ले बेठके ख्चे न जोड़े कि समाप्रि करनेकी बिसात मुझे है कि नहीं। ऐसा न हो २र कि जब वह नेव डालके समाप्ति न कर सके तब सब देखनेहारे उसे ठट्टेमें उड़ाने लगें. ओर कहें यह मनुष्य ३० बनाने लगा परन्‍्त समा प्मि नहीं कर सका अथवा कान ३९ राजा है कि टूसरे राजासे लड़ाई करनेके जाता हे और पहिले बैठके बिचार न करे कि जो बीस सहस्र लेके मेरे बिरटु आता है में दस सहस्र लेके उसका साम्हना कर सकता हूं कि नहीं। और जो नहीं ते उसके टूर रहतेही ३२ वह टूतांका भेजके मिल्ाप चाहता है। इसी रोतिसे ३३ १५४ प्ले ।] लक । २२५४ स्पः तुम्हेंमेंसे जे कोई अपना सबेस्व त्यागन न करे वह ३४ मेरा शिष्य नहीं हे। सकता है। लेाण अच्छा है परन्तु यदि लाणका स्वाद बिगड़ जाय ता वह किससे स्वादित ३४ किया जायगा । वह न भूमिके न खादके लिये काम आता है . लाग उसे बाहर फ़ेंकते हैं . जिसका सुन- नेके कान हों से सुने । १५ पन्द्रहवां पब्बे । १ खाई हड्े भेड़ और खाई हुई सकोके दुष्टान्त । ११ उड़ाऊ पत्रका दष्टान्स । १ कर उगाहनेहारे और पापी लोग सब योश पास २ जाते थे कि उसकी सने | और फरीशी और अध्यापक कड़कड़ाके कहने लगे यह ते पापियोंका ग्रहण करता ३ झौर उनके संग खाता है । तब उसने उन्होंसे यह ४ टरप्वान्त कहा . तुममेंसे कान मनुष्य है कि उसकी सी भेड़ हों और उसने उनमेंसे एकके खेया हे और वह निन्नानवेकेा जंगलमें न छोड़े और जबत्लां उस खोई ५ हुईंका न पावे तबल्नों उसके खोजमें न जाय | और वह उसे पाके आनन्द्से अपने कांधॉंपर रखता है . ६ और घरमें आके मित्रों ओ पड़ोसियेंका एकट्रे बलाके उन्हेंसे कहता है मेरे संग आनन्द करो कि मैंने अप- ७9 नी खाई हुई भेड़ पाई है। मे तुमसे कहता हूं कि इसी रीतिसे जिन्हें पश्चात्ताप करनेका प्रयोजन न होय रेसे निन्नानवे धम्मियोंसे अधिक एक पापीके लिये जो पश्चात्ताप करे स्वगेमें क्रानन्द होगा । ८ अथवा कौन सती है कि उसकी दस सूकी हों और वह जे एक सूको खोवे ते दोपक बारके ओ घर बुहारके ४9 स्र्द्ध लक । [१४ पब्छे । प्ठ उसे जबलों नपावे तबल्नों यत्ञसे न ढंढे । और वह उसे € पाके सखियें ओ पड़े।सिनियोंकेा एकट्री बुलाके कहती है. मेरे संग आनन्द करो कि मैंने जो सूकी खाई थी से पाई है। मैं तुमसे कहता हूं कि इसी रीतिसे एक पापीके ९० लिये जो पश्चात्ताप करता हे इंश्वरके टरतोंमे आनन्द होता है । फ़िर उसने कहा किसी मनुष्यके दा पुत्र थे। उनमेसे १४ छटकेने पितासे कहा हे पिता सम्पत्तिमेंसे जे मेरा अंश हाय सो मे दीजिये , तब उसने उनके अपनी सम्पत्ति बांट दिई । बहुत दिन नहीं बीते कि छुटका पुत्र सब १३ कुछ एकट्रा करके टूर देश चला गया और वहां लुचपन- में दिन बिताते हुए अपनी सम्पत्ति उड़ा दिईं। जब १४ वह सब कुछ उठा चुका तब उस देशमें बड़ा अकाल पड़ा और वह कंगाल हो गया । ओर वह जाके उस देशके २४ निवासियेंमेंसे एकके यहां रहने लगा जिसने उसे अपने खेतेंमें सूअर चरानेके भेजा | और वह उन छीमियेंसे १६ जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरने चाहता था और काई नहीं उसके कुछ देता था । तब उसे चेत हुआ ९७ जैर उसने कहा मेरे पिताके कितने मजरोंका भेजनसे अधिक रोटी होती है और में भखसे मरता हूं । में ९८ उठके अपने पिता पास जाऊंगा और उससे कहंगा हे पिता मैंने स्वगेके बिर्टु और आपके सामस्ने पाप किया है।में फिर आपका प्र कहावनेके योग्य नहीं हं १६ मुर्के अपने मजूरोंमेंसे एकके समान कोजिये । तब वह २३० पखटा जा उठके अपने पिता पास चला पर वह टूरही था कि ) १) 6 १४ पब्बे ।] लक । २२७ ... उसके पिताने उसे देखके दया किई और दोड़के उसके २९ गलेमें त्लिपटके उसे चूमा । पुचने उससे कहा हे पिता मैंने स्वगेके बिरुटु और आपके साम्ने पाप किया है और २२ फिर आपका पुत्र कहावनेके योग्य नहीं हूं । परन्तु पिताने अपने दासेंसे कहा सबसे उत्तम बस्त॒ निकालके उसे पहिनाओ झेैर उसके हायमें अंगठी और पांवोंमें २३ जूते पहिनाओ । ओर मोटा बछड्‌ लाके मारो ओर हम २४ खावें लौर आनन्द करें। व्येंकि यह मेरा पच समझा था फ़िर जोआ हे खो गया था फ़िर मिला हे . तब वे २५ आनन्द करने लगे । उसका जेठा पुच्र खेत था ओर जब वह आते हुए घरके निकट पहुंचा तब बाजा और २६ नाचका शब्द सुना । ओर उसने अपने सेवकोंमेंसे एकके २७ अपने पास बलाके पछा यह क्या है। उसने उससे कहा आपका भाई आया है ओर आपके पपताने मोटा बछड़ श८ मारा है इसलिये कि उसे भला चंगा पाया है। परन्त सने क्राध किया और भीतर जाने न चाहा इसलिये ४८ उसका पिता बाहर झ्ञा उसे मनाने लगा। उसने पिताकओा उत्तर दिया कि देखिये में इतने बरसेंसे क्ञापकी सेवा करता हूं और कभी आपको आज्ञाका उल्लंघन न किया और आपने मु्के कभी एक मेस्रा भी न दिया कि में अपने ३० मित्रोंके संग आनन्द करता। परन्तु आपका यह पुच् जा बेश्याओंके संग त्रापकी सम्पत्ति खा गया है ज्योंही आया त्यांही आपने उसके लिये मोटा बछड मारा हैे। ३९१ पिताने उससे कहा हे पुत्र तू सदा मेरे संग है और ३२ जो कुछ मेरा है से सब तेरा है। परन्‍्त आनन्द पब्बे र्श्प लक । [१९६ पब्ज । करना श्र हषित होना उचित था क्योंकि यह तेरा भाई मूआ था फिर जीआ है खे गया था फिर मिला है । १६ सेालहवां पब्बे । 4 चतर भंडारोका दृष्टान्त +। १० अनेक्र बरातोांका उपदेश | १९ धनवान ओर मभिखारोका दष्ट्रान्त । यीशने अपने शिष्येंसे भी कहा कोई घनवान मनुष्य था जिसका एक भंडारों था और यह दोष उसके आगे भंदारीपर लगाया गया कि वह आपको सम्पत्ति उड़ा देता है। उसने उसे बुलाके उससे कहा यह क्या है जो मैं तेरे विषयमें सनता हं . अपने भंडारपनका लेखा दे ब्यांकि त आगेकेा भंडारी नहीं रह सकेगा। तब भंडारोने अपने मनमें कहा में क्या करूं कि मेरा स्वामी भंडारी का काम मुकसे छीन लेता है . में काड़ नहीं सकता हूं जौर भीख मांगनेसे मरे लाज आती है। में जानता हूं में कया करूंगा इसलिये कि जब मे भंडारपनसे छड़ाया जाऊं तब लाग म॒र्के अपने घरोंमें ग्रहण करें। कोर उसने अपने स्वामी के ऋणियेंमेसे एक एकके अपने पास बत्ला- के पहिलेसे कहा तू मेरे स्वामी का कितना धारता है। उस- ने कहा से मन तेल . वह उससे बाला अपना पच ल्ने आर बेठके शीघ्र पचास मन ल्लिख । फिर ट्सरेसे कहा तू कितना धारता है . उसने कहा सो मन गेहूं . वह उससे बाला अपना पच ले झोर अस्सी मन त्लिख। स्वा- मीने उस अधर्म्मी भंडारीका सराहा कि इसने बुट्रिका काम किया है . क्यांकि इस संसारके सन्‍तान अपने समयके लोागेंके विषयमें ज्योतिके सन्‍्तानोंसे अधिक बुट्ठिमान हैं। १६ पंब्ले।] लक । सर € और में तुम्हेंसे कहता हूं कि अधम्मेके धनके द्वारा अपने लिये मिच कर ले कि जब तुम छूट जावा तब वे तुम्हें अनन्त निवासेंमें ग्रहण करें । १९० जो अति थेड़ेमें बिश्वासयोग्य है से बहुतमें भी बिश्वासयेग्य है और जो अति योड़ेमें अधर्म्मी है सा ११ बहुतमें भी अधर्म्मी है। इसलिये जे तुम अधम्मेके धनमें बिश्वासयोग्य न हुए हो ते सच्चा धन तुम्हें कान १२ सोंपेगा । और जो तुम पराये धनमें बिश्वासयेग्य न १३ हुए हो तो तुम्हारा धन तुम्हें कोन देगा । काई सेवक दा स्वामियोंकी सेवा नहीं कर सकता है क्येांकि वह एकसे बेर करेगा और टूसरेका प्यार करेगा अथवा एकसे लगा रहेगा और टूसरेका तुच्छ जानेगा . तुम इंश्वर और धन दोनोंकी सेवा नहीं कर सकते है। । १४. फरीशियोंने भी जो लोभी थे यह सब बातें सुनीं १५ ओर उसका ठट्टा किया। उसने उन्हेंसे कहा तुम तो मनुष्यांके आगे अपनेको धर्म्मी ठहराते हो परन्तु इंश्वर तुम्हारे मनका जानता हे. जो मनुष्यांके लेखे महान ९६ है से इश्वरके आगे घिनित है। व्यवस्था और भविष्य- दुक्ता लोग याहनल्लें थे तबसे इश्वरके राज्यका सुसमा- चार सुनाया जाता है और सब कोई उसमें बरियाईसे १७ प्रवेश करते हैं। व्यवस्थाके एक बिन्दुके लाप हानेसे आ- १८ काश औ_ पृथिवोका टल जाना सहज है। जे काई अपनी स्तीकेा त्यागके टूसरोसे बिवाह करे से परस्तीगमन करता है और जो सती अपने स्वामीसे त्यागी गई है उससे जो काई बिवाह करे सो परस्तीगमन करता है। २३० लक । [१६ पब्ले। एक धनवान मनुष्य था जो बैजनी बस्त और मत्तमत्न १८ पहिनता और प्रतिदिन बिभव और सुखसे रहता था । और इल्लियाजर नाम एक कंगाल उसकी डेवढ़ोपर २० डाला गया था जो घावोंसे भरा हुआ था . और उत्त २१ चूरचारोंसे जे धनतवानकी मेजसे गिरते थे पेट भरने चाहता था और कुत्ते भी आके उसके घावोंका चाटते थे। वह कंगाल मर गया ओर टूतोंने उसके इबाहीमकी २२ गोादमें पहुंचाया और वह धनवान भी मरा और गाड़ा गया । और परल्लाकमें उसने पीड़ामें पड़े हुए अपनी २३ आंखे उठाई और टूरसे इबाहीमकेा और उसकी गोदमें इल्नलियाजरकेा देखा। तब वह पुकारके बाला हे पिता २४ इबाहोस मुझपर दया करके इलियाजरके भेजिये कि अपनी उंगलीका छोर पानीमे डुबेके मेरी जीभके उठंढी करे क्योंकि में इस ज्वालामें कलपता हूं । परन्तु इब्ाही- २४ मने कहा हे पुत्र स्मरण कर कि तू अपने जी तेजी अपनी सम्पत्ति पा चुका है और वेसाही इलियाजर बिपत्ति परन्तु अब वह शांति पाता है और तू कलपता है । ओर भो हमारे ओर तुम्हारे बीचमे बड़ा अन्तर ठहराया २६ गया है कि जे। लाग इधरसे उस पार तुम्हारे पास जाया चाहें सा नहीं जा सके झौर न उधरके लोग इस पार हमारे पास आवें। उसने कहा तब हे पिता में आपसे २७ बिन्‍्ती करता हूं उसे मेरे पिताके घर भेजिये . क्योंकि मेरे २८ पांच भाई हैं वह उन्हें साथी देवे ऐसा न हा कि वे भी इस पाड़ाके स्थानमें आवे। इबराहीसने उससे कहा मूसा २८ और भविष्यद्क्ताओंके पुस्तक उनके पास हैं वे उनकी १७ प्रब्जे ।] लक । २३१ 5 ३० सुनें। वह बाला हे पिता इबाहीम से नहीं परन्त यदि मृतकांमेंसे कोई उनके पास जाय तो वे पश्चात्ताप ३१९ करेंगे । उसने उससे कहा जो वे मूसा और भविष्यद्क्ता- . आऑओंकी नहीं सुनते हैं तो यदि मृतकोंमेंसे काई जी उठे तैाभी नहीं मानेंगे । १७ सचहवां पब्बे । १ छोाकर खिलानेका निषेध । ३ क्षमा करनेक्ा उपदेश ओर ब्िश्वासके गुणका बरान । 9 दासके दुष्टान्तसे अभिमानका निषेध । ११ योशुक्रा दस कार्दियोंका चछखगा ऋरना ॥। २० उश्यवरक्क राज्यक्र आनक्रा बरणन । २२ सनुष्पक्र पुत्रक गग्रानक्रा बर्णन ओर जलप्रलयसे ओर सदोमके बिनाशसे उस समयक्रों उपमा । यीशुने शिष्योंसे कहा ठोकरोंका न लगना अन्हेाना है परन्तु हाय वह मनुष्य जिसके द्वारासे वे लगती 2 हैं । इन छोटोंमेंसे एककेा ठाोकर खिलानेसे उसके लिये भल्ना होता कि चक्कीका पाट उसके गलेमें बांधा जाता झऔ_ और वह समुद्रमें डाला जाता । ३ अपने विषयमे सचेत रहे . यदि तेरा भाई तेरा अपराध करे तो उसके समता दे और यदि पछताबे ४ ता उसे शर्मा कर । जो वह दिनभरमें सात बेर तेरा अपराध करे और सात बेर दिनभरमें तेरी ओर फिर के ४ कहे में पछताता हूं ता उसे श्मा कर । तब प्रेरितोंने ६ प्रभ्से कहा हमारा बिश्वास बढ़ाइये। प्रभुने कहा यदि तुमका राईके एक दानेके तुल्य बिश्वास होता ता तुम इस गूलरके वृथ्से जा कहते कि उखड़ जा और समुट्रमें लग जा वह तुम्हारी आज्ञा मानता । ७ तुममेसे कान है कि उसका दास हल जेतता अथवा लत २३२ लक । [१७ प्रव्जे। चरवाही करता हो ओर ज्योंही वह खेतसे आये त्यांही उससे कहेगा तरन्त ञ्रा भेजनपर बेठ। क्या वह उस- ८ से न कहेगा मेरी बियारी बनाके जबलों में खाऊं और पीऊं तबत्नां कमर बांधके मेरी सेवा कर ओर इसके पीछे तू खायगा और पीयेगा । क्या उस दासका उसपर €८ कुछ निहारा हुआ कि उसने वह काम किया जिसको आज्ञा उसको दिई गई . में ऐसा नहीं समता हूं । इस ९० रोतिसे तम भी जब सब काम कर चका जिसकी आज्ञा तम्ह दिदे गई हे तब कहो हम निकम्मे दास हैं कि जो हमें करना उचित था साई भर किया है। यीशु यिरूशलीमकेो जाते हुए शेमिरोन और गा- १९ लीलके बीचमेंसे हेके जाता था। जब वह किसी गांवमें ९२ प्रवेश करता था तब दस कोाढो उसके सन्‍मख जरा टर खड़े हुए । ओर वे ऊंचे शब्ट्से बोले हे योशु गुर हमपर १३ दया कीजिये। यह देखके उसने उन्होंसे कहा जाके अपने १४ तईँ याजकोांका दिखाओ। . जाते हुए वे शूटर किये गये। तब उनमेंसे एकने जब देखा कि में चंगा हुआ हूं बड़े १४ शब्ट्से इंश्वरको स्तुति करता हुआ फिर आया . और १६ योशुका धन्य मानते हुए उसके चरणेोंपर मुंहके बत्ल गिरा . और वह शेमिरोनी था | इसपर यीशने कहा १७ क्या दसों शूटु न किये गये ता नो कहां हैं । क्या इस १८ अन्यदेशीकेा छोड़ काई नहों टहरे जा इंश्बरको स्तुति करनेकेा फिर आवें । तब उसने उससे कहा उठ चला १८ जा तेरे बिश्वासने तुके बचाया है। जब फरीशियोंने उससे पूछा कि देश्वरका राज्य कब २० १५ प्रब्बे ।] लक । २३३ आवेगा तब उसने उन्होंका उत्तर दिया कि इंश्वरका २१ राज्य प्रत्यध्ा रूपसे नहीं आता है . हर न लोग कहेंगे देखा यहां हे अथवा देखे वहां हे क्यांकि देखा इंश्वर- का राज्य तुम्होंमें है । २२ उसने शिष्योंसे कहा वे दिन आवेंगे जिनमें तम मन्‌- प्यके पुत्रके दिनोंमेंसे एक दिन देखने चाहोगे पर न २३ देखागे। ल्ाग तुम्होंसे कहेंगे देखा यहां है अथवा देखे वहां है पर तुम मत जाओ और न उनके पीछे हे २४ लेओ । व्येंकि जेसे बिजली जे ज्राकाशकी एक ओर से चमकती है आकाशकी टूसरी ओरतक ज्योति देती है २५ वेसाही मनुष्यका पुत्र भी अपने दिनमें होगा । परन्तु पहितल्ने उसके अवश्य है कि बहुत दुःख उठावे और इस २६ समयके लेगेंसे तुच्छ किया जाय। जैसा न्‌हके दिनोंमें २७ हुआ वेसाही मनुष्यके पुच्रके दिनोंमें भी होगा । जिस दिनलों नह जहाजपर न चढ़ा उस दिनलों लेग खाते पीते बिवाह करते जे बिवाह दिये जाते थे . तब उस र८ दिन जलप्रलयने ञ्ाके उन सभेंकेा नाश किया | ओर जिस रोतिसे लतके दिनोंमें हआा कि लाग खाते पीते २९ मोल लेते बेचते बाते झे घर बनाते ये . परनत जिस दिन ल्वत सदाोमसे निकला उस दिन जाग ओर गनन्‍्धक ३० जञाकाशसे बरसी जोर उन समभेंका नाश किया . उसी ३१९ रोतिसे मन॒ष्यके पचके प्रगट हानेके दिनमें होगा। उस दिनमे जो केाठेपर हे ओर उसको सामग्रा घरम हाय सा उस लंनका न उतर झार वसहा जा खतम ३२ हा से पीछे न फिरे । लूतकी स्त्रीके स्मरण करे । 80 अं २३४ लक | [१८ पब्ब । जा काई अपना प्राण बचाने चाहे सो उसे खावेगा इ३ जैौर जे काई उसे खेोवे से उसको रणश्या करेगा । में ३४ तुमसे कहता हूं उस रातमे दो मनृष्य एक खाटपर होंगे एक ल्तिया जायगा और ट्सरा छोड़ा जायगा। दो ३५ स्त्रियां एक संग चक्की पीसती रहेंगीं एक लिईं जायगी ज्लौर टूसरी छोड़ी जायगी। दो जन खेतमें होंगे ३६ एक ल्विया जायगा और टूसरा छोड़ा जायगा। उन्हेंने ३७ उसको उत्तर दिया हे प्रभु कहां . उसने उनसे कहा जहां लाय हाय तहां गिटु णकटरे होंगे। ९८ अठारहवां पब्जे। ग्रधर्म्मों बिचारकत्ताक पास बिधवाको प्रार्थनाका दुष्ट्रान्‍्न । ७ फरोशो ओर कर उगाइहनेहारेका दष्टान्त । १४ याशक्रा बालकाका आशगरस दना ॥ १८ रक्त धनवान जवानसे उसको बातचोत । २४ घनो लागोॉंको दशाका बणेन | २८ शिष्पोंके फलको प्रतिज्ञा । ३१ योशुका अ्पनो मृत्युका भविष्यद्वाक्य कहना | ३५ रक - श्रेधेके नेनत्न खेलना ॥ नित्य प्राथेना करने तौर साहस न छोाड़नेकी झआव- ९ इयकताके विषयमें यीशुने उन्हेंसे एक टूप्रान्त कहा . कि २ किसी नगरमें एक विचारकत्तो था जा न इंश्वरसे डरता न मनष्यका मानता था। ओर उसी नगरमें एक बिधवा ३ थी जिसने उस पास आ कहा मेरे मुटुईसे मेरा पल्लनटा लीजिये। उसने कितनी बेरलों न माना परन्‍्त पीछे अपने ४8 मनमे कहा यदयंप में न इंश्वरसे डरता न मनष्यको मानता हूं - ताभी यह बिधवा मुरे दुःख देती है इस 9५ कारण में उसका पलटा लेऊंगा ण्ेसा न हो कि नित्य नित्य आनेसे वह मेरे मंहमे काल्लिख लगावे। तब प्रभने ६ कहा सने यह अधर्म्मी बिचारकत्तो क्या कहता है। जैौर ७ न्नि १८ पब्ले ।] लक । २३४ इंश्वर यदयपि अपने चुने हुए लेागेंके विषयमें जा रात दिन उस पास पुकारते हैं धीरज धरे ताभी क्या ८ उनका पलटा न लेगा । मैं तुमसे कहता हूं वह शीघ्र डनका पलटा लेगा तैाभी मनुष्यका पुत्र जब आवेगा तब क्या पृथिवीपर बिश्वास पावेगा । € जोर उसने कितनोंसे जे अ्पनेपर भरोसा रखते थे कि हम धर्म्मी हैं और औरोके तुच्छ जानते थे यह टूप्नान्त १० कहा । दो मनुष्य मन्दिरमें प्राथेना करनेकेा गये एक ११ फरीशी और टूसरा कर उगाहनेहारा। फरीशीने अत्लग खड़ा हो यह प्रा्थेना किई कि हे इंश्वर में तेरा धन्य मानता हूं कि में ओर मनुष्यांके समान नहीं हूं जे उपट्रवी अन्यायी और परस्त्रीगामी हैं खैर न इस कर १२ उगाहनेहारेके समान । मे अठवारेम दो बार उपवास करता हूं में अपनी सब कमाईका दसवां अंश देता हूं। १३ कर उगाहनेहारेने टर खड़ा हो स्वगंकी ओर आंख उठाने भी न चाहा परनन्‍्त अपनी छाती पीटके कहा हे १४ इंश्वर मुझ पापीपर दया कर । में तुमसे कहता हूं कि वह ट्सरा नहीं पर यही मनृष्य धर्म्मी ठहराया हुआ अपने घरके गया क्योंकि जे कोई अपनेकोा ऊंचा करे से नीचा किया जायगा और जो अपनेकेा नोचा करे से ऊंचा किया जायगा । १४ लोग कितने बालकोंका भी यीश पास लाये कि वह उन्हें छूबे परन्त शिष्पोंने यह देखके उन्हें डांटा । १६ योशुने बालकेांकेा अपने पास बुलाके कहा बालकोंकोा मेरे पास आने दा और उन्हें मत बजा क्योंकि इश्वर- श्इ्द्‌ लक। [५८ प्रब्बे। [3 का राज्य ऐसेंका है । में तुमसे सच कहता हूं कि जे १७ काई इंश्वरके राज्यका बालकको नाई ग्रहण न करे वह उसमे प्रवेश करने न पावेगा । किसी प्रधानने उससे पछा हे उत्तम गरु कान काम १८ करनेसे में अनन्त जोीवनका अधिकारी हेोंगा। यीशने १८ उससे कहा त मरे उत्तम क्यों कहता है . काई उत्तम नहीं हे केवल एक अथात इंश्वर । त आज्ञाओंका २० जानता है कि परस्तीगमन मत कर नरहिंसा मत कर चारो मत कर भूठी साथी मत दे अपनी माता और अपने पिताका आट्र कर । उसने कहा इन सभेंको मैंने २९ अपने ल्ड़कपनसे पाल्तनन किया है। यीशुने यह सुनके २२ उससे कहा तुके अब भी एक बातकी घटी है . जे कुछ तेरा है से बेचके कंगालोंके बांट दे और तू स्वगेमें धन पावेगा और आ मेरे पीछे हो ले। वह यह सुनके २३ अति उदास हुआ क्योंकि वह बड़ा धनी था । यीशुने उसे अति उदास देखके कहा धनवानोंका ३४ इंश्वरके राज्यमें प्रवेश करना केसा कठिन हा गा। इेश्वर- २४ के राज्यमं धनवानके प्रवेश करनेसे ऊंटका सइके ना- केमेसे जाना सहज है। सननेहारोंने कहा तब तो २६ किसका चाण हो सकता हे। उसने कहा जो बातें २७ मनुष्येंसे अन्हानी हैं से इश्वरसे हे सकती हैं । पितरने कहा देखिये हम लोग सब कुछ छा डके आप- २८ के पीछे हो लिये हैं । उसने उनसे कहा में तुमसे सच २८ कहता हूं कि जिसने इंश्वरके राज्यके लिये घर वा माता पिता वा भाइयों वा स्तो वा लड़कोंका त्यागा वृष पब्बे ।]. लक | २३७ छः ३० हो . शेसा काई नहीं है जे इस समयमें बहुत गुण जअधिक खेर परल्लाकरम अनन्त जीवन न पावेगा । ३१ योशुने बारह शिष्यांका लेके उनसे कहा देखे हम यिरूशलीमको जाते हैं और जे कछ मनष्यके पचके विषयमें भविष्यद्क्ताओंसे लिखा गया है सा सब परा ३२ किया जायगा । वह अन्यदेशियोंके हाथ सांपा जायगा आर उससे ठट्टा ओर अपमान किया जायगा ओर वे ३३ उसपर थूकेंगे . आर उसे कोड़े मारके घात करेंगे और ३४ वह तीसरे दिन जी उठेगा। उन्होंने इन बातोंमेसे को ई बात न समकी और यह बात उनसे गुप्त रही और जा कहा जाता था सा बे नहीं बूकते थे । ३५ जब वह यिरीहो नगरके निकट आता था तब ण्क अन्धा मनुष्य सागेकी ओर बैठा भीख मांगता था। . ३६ जब उसने सुना कि बहुत लोग साम्नेसे जाते हैं तब | ३७ पछा यह क्या है। लोगेंने उसके बताया कि यीश इं८ नासरो जाता है। तब उसने पकारके कहा हे यीश ३९ दांऊदके सनन्‍तान मुझपर दया काजिये। जो लाग आगे जाते थे उन्होंने उसे डांदा कि वह चुप रहे परन्तु उसने बहुत अधिक पुकारा हे दाऊदके सन्‍तान मुकपर दया ४० कीजिये । तब यीश खड़ा रहा ओर उसे अपने पास लानेकी आज्ञा किदं और जब वह निकट आया तब ४९ उससे पछा . त क्या चाहता है किमें तेरे लिये करूं , ४२ वह बोला हे प्रभु में अपनी ट्रप्मि पाऊं | यीशने उससे कहा अपनी द्रुष्मि पा तेरे बिश्वासने तुके चंगा किया ४३ है । और बह तुरन्त देखने लगा और इंश्वरकी स्तुति र्ह्द८ लक ॥। [१६ पब्बे | 65 करता हुआ योीशुके पीछे हा लिया और सब लोगोेंने देखके इंश्वरका धन्यवाद किया । ९८ उनीसवां पब्बे । १ जकुई नाम कर उगाइनेहारेका वृत्तान्त । ११ दस माहरका दुष्टान्त | ४८ यो शका यिरूशलो मर्मे जाना । ४१ उसपर आनेवालों बिपत्तिका भावपष्यद्वाक्य कहनमा | ४५ ढ्येपारियेंका मन्दिर्से नकालना ओर उप्रदेश वहां करना। यीशु यिरीहेमें प्रवेश करके उसके बीचसे हाके जाता था | आर देखे जक्कूई नाम एक मनुष्य था जे कर डगाहनेहारोंका प्रधान था और वह धनवान था। वह यीशके देखने चाहता था कि वह कैसा मनुष्य है परन्‍त भीठके कारण नहीं सका व्यांकि नाटा था। तब जिस मागेसे योश जानेपर था उसमें वह आगे दोड़के उसे देखनेकेा एक गलरके वृध्मपर चढ़ा । जब योश उस स्पानपर पहुंचा तब ऊपर ट्ूूप्मि कर उसे देखा और उससे कहा हे जक्कूई शीघ्र उतर आ क्यांकि आज मुम्के तेरे घरमें रहला होगा । उसने शीघ्र उतरके आनन्दसे उसकी पहनई किई । यह टेखके सब ल्लाग कड़कड़ाके बाले वह ते पापी मनुष्यके यहां पाहुन होने गया है। जक्कुईने खड़ा हे। प्रभुसे कहा हे प्रभु देखिये में अपना आधा धन कंगालोंकी देता हूं आर यदि भूठे दाष लगाके किसीसे कुछ ले लिया है तो चोगुणा फेर देता हूं। तब यीशने उसके कहा आज इस घरानेका चाण हुआ है इसल्नये कि यह भी इबाहीमका सन्‍्तान है। क्योंकि मनष्यका पुच् खाये हुए्का ढूंढने आर बचाने आया है। जब लोाग यह सनते ये तब वह णक ट्प्रान्‍त भी कहने १० ११ १६ परब्बे ।] | लक । २३६ लगा इसलिये कि वह यिरूशलीमके निकट था और वे समभते थे कि देश्वरका राज्य तुरन्त प्रगट होगा। ९२ उसने कहा एक कुत्नीन मनुष्य टूर देशका जाता था १३ कि राजपद पाके फिर आवे। और उसने अपने दासेंमें- से दसका बुलाके उन्हें ट्स माहर देके उनसे कहा जबल्नों १४ में न आऊं तबलों ब्योपार करो । परन्तु उसके नगरके निवासी उससे बेर रखते थे झौर उसके पाछे यह सन्देश भेजा कि हम नहीं चाहते हैं कि यह हमोंपर १४ राज्य करे । जब वह राजपद पाके फिर आया तब उसने उन दासोंको जिन्हें रोकड़ दिईं थो अपने पास बुलानेकी ज्याज्ञा किई जिस्ते वह जाने कि किसने कै नसा ब्येपार १६ किया है। तब पहिलेने आके कहा हे प्रभु आपकी मेहर- १७ से दस माहर लाभ हुई । उसने उससे कहा धन्य हे उत्तम दास तू अति थोड़ेमें बिश्वासयोग्य हुआ तू दस १८ नगरेोंपर अधिकारी हो । टूसरेने आके कहा है प्रभु १€ आपको मोहरसे पांच मोहर लाभ हुईं । उसने उससे २० भी कहा तू भो पांच नगरोंका प्रधान हो। तीसरेने आके कहा हे प्रभु देखिये आपको मेहर जिसे मेंने अंगेछेमें २९ धर रखा । क्योंकि में आपसे डरता था इसलिये कि आप कठोर मनुष्य हैं जे आपने नहीं धरा से उठा लेते हैं २२ और जे आपने नहीं बाया से। लवते हैं। उसने उससे कहा है दुष्र दास में तेरेही मुंहसे तुझे दोषी ठहराऊंगा . तू जानता था कि मैं कठोर मनुष्य हूं जो मैंने नहीं धरा से उठा लेता हूं और जो मैंने नहीं बाया से लवता २३ हूं। तो तूने मेरो रोकड़ कोठीमें क्यों नहीं दिईं और २४० लक । [१६ प्रब्बे । में आके उसे ब्याज समेत ले ल्लेता। तब जे लोग निकट २४ खड़े थे उसने उन्हेंसे कहा वह मेोहर उससे लेओ और जिस पास दस मेहर हैं उसके देझओ । उन्होंने उससे २४ कहा हे प्रभ उस पास दस माहर हैं । में तमसे कहता २६ हं जा काई रखता है उसके जआऔर दिया जायगा परनन्‍्त जा नहों रखता है उससे जाे। कछ उस पास हे सा भी त्ने त्विया जायगा । परन्त मेरे उन बेरियोंका जे नहीं २७ चाहते थे कि में उन्हेंपर राज्य करूं यहां लाके मेरे साम्हने बध करो । जब यीश यह बातें कह चुका तब यिरूशत्लीमका जाते २८ हुए आगे बढ़ा । और जब वह जैतून नाम पब्बेतके २८ निकट बैतफगी और बैयनिया गांवों पास पहुंचा तब उसने अपने शिष्योमेसे दोके यह कहके भेजा . कि जे ३० गांव सन्‍्मख हे उसमें जाओ ओर उसमे प्रवेश करते हुए तुम एक गधीके बच्चेका जिसपर कभी कोई मनुष्य नहीं चढ़ा बंधे हए पाओगे उसे खेोलके लाओए । जा तमसे ३१: काई पछे तम उसे क्यों खालते हो तो उससे ये कही प्रभकेा इसका प्रयाजन हे। जो भेजे गये थे उन्हेंने जाके ३२ जैसा उसने उनसे कहा वैसा पाया । जब वे बच्चेका ३३ खालते थे तब उसके स्वामियोंने उनसे कहा तुम बच्चंका क्यों खोलते हो । उन्होंने कहा प्रभुका इसका प्रयोजन ३४ है। से वे बच्चेका यीशु पास लाये ओर अपने कपड़े ३४ उसपर डालके यीशुको बैठाया। ज्यों ज्यों वह आगे बढ़ा ३६ त्यों त्यों ल्ागेोंने अपने अपने कपड़े मागेमें बिछाये। जब ३७ वह निकट आया अथोात जैतून पब्बेतके उतारलों पहुंचा पे | १६ प्रब्बे ।] तक । २४१ तब शिष्यांकी सारी मंडली आनन्दित हो सब आश्चय्य कम्मांके लिये जे उन्होंने देखे थे बड़े शब्दसे इश्वरकी इं८ स्‍तति करने लगी . कि धन्य वह राजा जो परमेश्वर के नामसे जाता है . स्वगेमें शांति ओर सबसे ऊंचे स्पा नमें ३< गुणानुबाद हाय । तब भीड़मेंसे कितने फरीशी लाग ४० उससे बोले हे गुरु अपने शिष्यांकेा डांटिये। उसने उन्हें उत्तर दिया कि मैं तुमसे कहता हूं जो ये लाग चुप रहें ता पत्थर पुकार उठेंगे । 8१९ जब वह निकट आया तब नगरको टेखके उसपर ४२ राया . और कहा तू भी अपने कुशलकी बातें हां अपने इस टिनमें भी जो जानता . परन्‍्त अब वे तेरे नेचोंसे ४३ छिपी है। वे टिन तकपर आवेगे कि तेरे शच्च तक पर माचो बांधेंगे और ते घेरेंगे ओर चारों ओर रोक ४४ रखेंगे . और तुककेा ओ तुरूमें तेरे बालकोंको मिट्टी- में मिलावेंगे आर तुकमें पत्यथरपर पत्थर न छेड़ेंगे क्येंकि तूने वह समय जिसमें तुकपर टूप्वि किई गईं न जाना । ४३५ तब वह मन्टिरमें जाके जा लोग उसमें बेचते जा ४६ माल लेते थे उन्हें निकालने लगा . ओर उनसे बाला लिखा है कि मेरा घर प्राथेनाका घर हे . परन्‍्त तमने ४७ उसे डाकओंका खेोह बनाया है। वह मन्दिरमें प्रतिदिन उपदेश करता था और प्रधान याजक और अध्यापक ४८ और लेगोंके प्रधान उसे नाश करने चाहते थे . परन्तु नहों जानते थे कि क्या करें क्योंकि सब लोग उसका सुननेका लालीन थे । 8] २8२ लक । [२० पब्ले। २० बीसवां पब्बे । १ योशका प्रधान याजकांका निरुत्तर करना । ९ दष्ट मालियांका दष्ट्रान्त | २० योशका कर देनेके विष्रयम फरोशियेकेा निरुत्तर करना। २७ जो उठनके विप्रयरम सदकियोंका निरुत्तर करना । ४१ अपनो पदवोके विषयम लागांका निरुत्तर करना । ४४ अध्यापकेंके दोष प्रगट करना । उन दिनोंमेंसे एक दिन जब यीशु मन्दिरमें लागोंके ९ उपदेश देता चर सुसमाचार सुनाता था तब प्रधान याजक और अध्यापक लोग प्राचीनोंके संग निकट आये . और उससे बाले हमसे कह तुके ये काम करने- २ का कैसा अधिकार है अथवा कान है जिसने तुककेा यह अधिकार दिया । उसने उनके उत्तर दिया कि में भी ३ तुमसे एक बात पूछूंगा मुक्के उत्तर देझआ। येहनका बप- ४ तिसमा देना क्या स्वगेकी अथवा मनुष्योंकी ओरसे हुआ। तब उन्हेंने आपसमे बिचार किया कि जो हम कहें ४ स्वगेकी ओरसे ते वह कहेगा फ़िर तुमने उसका बिश्वास क्यों नहीं किया । ओर जो हम कहें मनुष्योंकी ओरसे ६ ते सब लेाग हमें पत्यरवाह करेंगे क्येंकि वे निश्चय जानते हैं कि याहन भविष्यद्रक्ता था। से उन्हेंने उत्तर ७ दिया कि हम नहों जानते वह कहांसे हुआ । यीशने ८ उनसे कहा तो में भी तुमका नहीं बताता हूं कि मु्के ये काम करनेका कैसा अधिकार है। तब वह लोगेंसे यह टृप्ठान्त कहने लगा कि किसी ८ मनुंष्यने दाखकी बारी लगाई और मालियोंका उसका ठीका दे बहुत दिनलों परदेशका चत्ना गया। समयमें ९० उसने मालियोंके पास एक दासके भेजा कि वे दाखको २० पतले ।] लक । | २४३ पट बारोका कुछ फल उसके देवें परन्तु मालियोंने उसे मार- १९ के छूले हाथ फ्रेर दिया । फिर उसने टूसरे दासकेा भेजा . और उन्हेंने उसे भी मारके और अपमान करके छूछे १२ हाथ फेर दिया। फिर उसने तीसरेकेा भेजा और उन्हेंने १३ उसे भो घायल करके निकाल दिया। तब दाखको बारोके स्वामीने कहा में क्या करूं . में अपने प्रिय पुच॒का भेजूंगा क्या जाने वे उसे देखके उसका आदर करेंगे । १४ परन्तु माली ल्लोग उसे देखके आपसमें बिचार करने लगे कि यह तो अधिकारी है आओ हम उसे मार डालने १४ कि अधिकार हमारा हो जाय । ओर उन्होंने उसे दाखकी बारोसे बाहर निकालके मार डाला . इसलिये १६ दाखकोी बारीका स्वामी उन्हेंसे क्या करेगा। वह आके इन मालियेोंकेा नाश करेगा और दाखकी बारी टूसरोंके हाथ देगा . यह सुनके उन्होंने कहा ण्ेसा न होवे। . ९७ उसने उन्होंपर टूप्रि कर कहा ता धम्मेपुस्तकके इस बचनका अथे क्या हे कि जिस पत्यरका यथवइयोंने १८ निकम्मा जाना वही कानेका सिरा हुआ है। जो काई उस पत्यरपर गिरेगा से चूर हो जायगा ओर जिस ९६ किसीपर वह गिरेगा उसके पीस डाल्मेगा | प्रधान याजकों और अध्यापकोंने उसी घड़ी उसपर हाथ बढ़ाने चाहा क्योंकि जानते थे कि उसने हमारे बिरुटु यह टूप्वान्त कहा परन्तु वे लागोंसे डरे । २० तब उन्हेंने दांव ताकके भेदियोंका भेजा जो छलसे अपनेके धर्म्मी दिखावें इसत्लिये कि उसका बचन पकड़ें और उसे देशाध्यक्॒के न्याय और अधिकारमें सोंप देवें। २४४ ै लक | [२० प्रव्खे । उन्होंने उससे पछा कि हे गरु हम जानते हैं किक्लाप २१ यथा्थे कहते ज्और सिखाते हैं झर पश्षपात नहीं करते हैं परन्तु इंश्वरका साग सत्यतासे बताते है। क्या कैसर- २२ के कर देना हमें उचित है अथवा नहीं। उसने उनकी २३३ चतराई बमके उनसे कहा मेरी परीक्षा क्यों करते हो । एक सकी मर्के टिखाओे . इसपर किसको मत्ति ओर २४ छाप है , उन्हेंने उत्तर दिया कैसरकी । उसने उनसे २५ कहा ता जो कैसरका है से कैसरका देओ झौर जा इंश्वरका है से इेश्वरका देओ । बे लागोंके सामने २६ उसकी बात पकड़ न सके और उसके उत्तरसे अचंभित हा। चुप रहे । सटकी लेाग भी जो कहते हैं कि मृतकांका जी उठना २७ नहीं होगा उन्होंमेंसे कितने उस पास आये और उससे पूछा . कि हे गुरु मूसाने हमारे लिये त्लिखा कि यदि र८ किसीका भाई अपनी स्तीके रहते हुए निःसन्तान मर जाय ते उसका भाई उस स्त्रीसे बिवाह करे और अपने भाईके लिये बंश खड़ा करे । से सात भाई थे . पहित्ना २ भाई बिवाह कर निःसन्तान मर गया। तब टूसरे भाईने ३० उस स्वत्रीसे बिवाह किया और वह भी नि:ःसन्‍्तान मर गया । तब तीसरेने उससे बिवाह किया और वेसाही ३१ सातों भाइयोंने , पर वे सब निःसन्तान मर गये। सबके ३२ पीछे स्‍त्री भी मर गई । से मृतकोांके जी उठनेपर वह ३३ उनमेंसे किसकी सती होगी क्योंकि सातांने उससे बिवाह किया। यीशने उनके उत्तर दिया कि इस लेाकके सन्‍्तान ३४ बिवाह करते और बिवाह दिये जाते है | परनन्‍्त जो ३४ २० प्रव्बे। ] लक । .. हंप्‌ ल्लाग उस लोकमें पहुंचने ओर मृतकोंमेंसे जी उठनेके योग्य गिने जाते वे न बिवाह करते न बिवाह दिये जाते ३६ हैं । आर न वे फिर मर सकते हैं क्योंकि वे स्वगेटूतोंके समान हैं जझौर जी उठनेके सन्‍तान होनेसे ईंश्वरके ३७ सन्‍तान हैं । आर मृतक लोग जा जी उठते हैं यह बात मूसाने भी राड़ीकी कथामें प्रगट किद है कि वह परमेश्वरकेा इबाहीमका इश्वर जैर इसहाकका इश्वर ३८ और याकबका ईश्वर कहता है। ईश्वर मृतकांका नहीं परन्‍्त जीवतोंका इंश्वर हे क्योंकि उसके त्रिये ३८ सब जाीते है। अध्यापकोंमेंसे कितनेंने उत्तर दिया कि ४० हे गुरु आपने अच्छा कहा है। और उन्हें फिर उससे .. कुछ पूछनेका साहस न हुआ । ४९ तब उसने उनसे कहा लोग व्यांकर कहते हैं कि ४२ खीघ् दाऊदका पुत्र है। दाऊद आपही गीतोंके पुस्तकमें . ४३ कहता है कि परमेश्वरने मेरे प्रभुसे कहा . जबल्नों है बस में तेरे शचुओंकीा तेरे चरणेंको पीढ़ी न बनाऊं तबलों तू मेरी दहिनी ओर बैठ । दाऊद तो उसे प्रभु कहता है फिर वह उसका पुच क्यांकर है। ४५ जब सब लोग सुनते थे तब उसने अपने शिष्पोंसे 8४६ कहा , अध्यापकोंसे चेकस रहे जे लंबे बस्तर पहिने हुए फिरने चाहते हैं ओर जिनके बाजारोंमें नमस्कार झोर सभाके घरोंमे ऊंचे झ्रासन ओर जेवनारोंम ऊंचे 8७ स्थान प्रिय लगते है । वे बिधवाओंके घर खा जाते हैं और बहानाके लिये बड़ी बेरलों प्रायेना करते हैं . बे अधिक टंड पावेंगे । 38 रद लक । [२१ पब्ले । छः मी ५ ः २१९ एकटइसवा पब्बन । १ शक विधवाके दानको प्रशंसा । ५ मन्दिरके नाश देनेको भविष्यद्वाणी । ७ उस समयके चिन्ह । १२ शिष्यांपर उपद्रव छोगा । २० यिहदी लाग बड़ा कष्ट पार्बेगे । २० मनुष्यक्रे पुत्रक्ते आनेक्ा बणन । २९ ग़लरके वृक्तकरा दुष्टान्त | ३४ सचेत रहंनेका उपदेश । यीशने जञ्ञांख उठाके धनवानोंका अपने अपने दान भंदारम डालते देखा । ओर उसने एक कंगाल बिधघ- वाका भी उसमें दो छदाम डालते देखा । तब उसने कहा में तमसे सच कहता हं कि इस कंगाल्न बिधवाने सभेसे अधिक डाला है। बक्यांकि इन सभोंने अपनो बढतीमेंसे इेश्वरकेा चढाई हुई बस्तओेंम कुछ कछ डाला है परन्त इसने अपनी घटतीमेंसे अपनी सारी जीविका डाली हे । जब कितने लेाग मन्टिरके विषयम बोलते थे कि वह सन्‍्दर पत्यरोंसे ओर चढ़ाई हुई बस्तुओंसे संवारा गया हे तब उसने कहा . यह सब जो तम देखते हो बे दिन आवेंगे जिन्‍्हेंमें पत्थरपर पत्थर भी न छोड़ा जायगा जो गिराया न जायगा । उन्हेंने उससे पछा हे गुरू यह कब होगा और यह बातें जिस समयमें हो जायगों उस समयका क्या चनन्‍्ह हागा । उसने कहा चेाकस रहे कि भरमाये न जावा क्यांकि बहुत लाग मेरे नामसे आके कहेंगे में वही हूं जार समय निकट आया है. से तम उनके पोछे मत जाओ । जब तुम लड़ाइयों और हुल्लंड्रोंकी चचा सुना तब मत घबराओ वक्येंकि इनका पहिले होना अवश्य है पर अन्त तुरन्त नहीं होगा । तब उसने उन्हेंसे ९० २९ पब्जे ।] लक । २४७ कहा देश देशके और राज्य राज्यके बिरूटु उठेंगे। ९९ और अनेक स्पानोंमें बढ़े भुदेंडाल और अकाल और मरियां होंगीं और भयंकर लक्षण और आकाशसे बड़े बड़े चिन्ह प्रगट होंगे। १९ परन्त इन सभोंके पहिल्ले लोग तमपर अपने हाथ बढ़ावेंगे ओर तम्हें सतावेंगे और मेरे नामके कारण सभाके घरों और बन्दोगृहोंमें रखवावेंगे और राजाओं १३ और अध्यक्षोंके आगे ले जावेंगे। पर इससे तुम्हारे लिये १४ साध्ठी हो जायगी । से अपने अपने मनमें ठहरा रखे कि हम उत्तर देनेके लिये आगेसे चिन्ता न करेंगे । १४ क्योंकि में तुम्हे ऐसा बचन और ज्ञान देऊंगा कि तुम्हारे सब बिरेाधो उसका खंडन अथवा साम्हता नहीं कर १६ सकेंगे । तुम्हारे माता पिता और भाई और कुटुंब आर मिच लोग तुम्हें पकड़वायेंगे और तुममेंसे कितनोंकोा ९७ घात करवायेंगे। और मेरे नामके कारण सब लग तुम- : (८ से बेर करेंगे । परन्तु तुम्हारे सिरका एक बाल भी नपृ १८ न होगा । अपनी धीरतासे अपने प्राणेंकी रश्या करो | २० जब तुम यिरूशलीमकेा सेनाओंसे घेरे हुए देखे तब जाने। कि उसका उजड़ जाना निकट आया है। २१ तब जो यिहृदियामें हों से पहाड़ोंपर भागें . जे यिरू- शल्नीमके बीचमें हों सो निकल जावे और जो गांवोंमें २२ हों सा उसमें प्रवेश न करें | क्योंकि येही दंड देनेके दिन होंगे कि धम्मेपस्तककी सब बातें परी होवें। २३ उन दिनोंमे हाय हाय गर्भवतियां ओर टथ पिलाने- काम क, पट 00.4 बालया क्याक दशसम बड़ा क्कश आर इन लागापर क्राध २8८ लक । (२१ पब्ले । छः हाोगा। वे खड़की धारसे मारे पड़ेंगे कर सब देशोंके २४ त्ागोंमें बंधुवे किये जायेगे झऔैर जबलों अन्यदेशियोंका समय पूरा न हाोवे तबत्नां यिझरेशलीम अन्‍न्यदेशियोंसे शेंदा जायगा । सूय्य और चांद और तारोंमें चिन्ह दिखाई देंगे २४ जझौर पृथिवीपर देश देशके त्लागोंके। संकट ओऔ घबराहट होगी ओर समुद्र ओआ लहरोंका गजेना होगा । और २६ संसारपर आनेहारी बातांके भयसे और बाट देखनेसे मनुष्य मृतकके ऐसे हो। जायेगे क्येंकि आकाशकी सेना डिग जायगी । तब वे मनुष्यके पुचका पराक्रम और २७ बढ़े ऐश्वस्थेसे सेघघर आते देखेंगे । जब इन बातोंका रद आरंभ होगा तब तुम सीधे होके अपने सिर उठटाओ बंयांकि तुम्हारा उदार निकट आता है। उसने उन्हेंसे एक टूप्रान्त भी कहा कि गूलरका वृश्॒ २८ और सब वक्षोंके देखा । जब उनकी कोंपते निकलती ३० हैं तब तुम देखकर आपही जानते हा। कि धूपकातला अब निकट है। इस रीतिसे जब तुम यह बातें होते देखे ३१ तब जाने कि इंश्वरका राज्य निकट है। में तुमसे सच ३२ कहता हूं कि जबलों सब बातें पूरी न हा जाये तबलों इंस समयके त्लाग नहीं जाते रहेंगे । आकाश झओऔर ३३ पृथिवी टल्ल जायेगे परन्तु मेरी बातें कभी न टल्लेंगीं । अपने विषयमें सचेत रहा ऐसा न हो कि तुम्हारे ३४ मन अफराई ओर मतवालपन ओर सांसारिक चिन्ता- ओंसे भारी हा जावें और वह दिन तुमपर अचांचक आ पहुंचे । क्योंकि वह फंदेकी नाईं सारो पृथिवोके ३५ । २२ प्ले ।] लक । २४६ ३६ सब रहनेहारोंपर आवेगा । इसलिये जागते रहे! और नित्य प्राथेना करो कि तुम इन सब आनेहारो बातों- से बचनेके और मनुष्यके पुत्रके सनन्‍्मख खड़े होनेके योग्य गिने जावे । ३७ यीश दिनकोा मन्दिरमें उपदेश करता था और रातका बाहर जाके जैतून नाम पब्बेतपर टिकता था। ३५ और तड़के सब लोग उसकी सुननेकेा मन्दिरमें डस पास आते थे। २२ बाईसवां यब्बे। थ्‌ योशकोा बध्य करनेका प्रशभश । ३ यिहृदाका बिश्वासघात करना | 9 शिष्यांका निस्‍्तार परब्शेका भेजन खनाना । १४ उनके संग योशका भेाजन करना । १९ प्रभु भेजका निरूपण । २१ यिहृदाके विषयर्म योशुका भविष्यद्वाक्य। २४ दोन डेनेका उपदेश । ३९ पितरके योशुसे मुक्रर जानेको भव्चिष्यद्वा्यो । ३५ शिष्योंके साहस करनेका उपदेश | ३७ बारोम योशका महा शेक्र । ४७७ उसका प्रकड़ा जाना । ४४ उसके महदछायाजकर्क पास ले ज्ञाना ओर पितरका उससे मुकर जाना । ६३ उसके अपमान करना ओर बघके येाग्य ठहराना । १ अखमीरी रोटीका पब्बे जो निस्तार पब्बे कहावबता २ है निकट आया । और प्रधान याजक और अध्यापक लोग खाज करते थे कि यीशका व्यांकर मार डाले ब्यांकि वे लागोांसे डरते थे। ३ तब शैतानने यिहृदाममें जो इस्करियाती कहावता है ओर बारह शिष्योंमें गिना जाता था प्रवेश किया । 8 उसने जाके प्रधान याजकों झेार पहरुओंके अध्यक्षों के संग बातचीत किई कि यीशको क्यांकर उन्हेंके हाथ ५ पकड़वावे । वे आनन्दित हुए और रुपये देनेके उससे ६ नियम बांधा । वह अंगीकार करके उसे बिना हुलूड़के उन्हाक हाथ पकड़वानका अवसर हंढने लगा । ७2 २४० लक । [२२ पब्ले । तब अखमीरी रोटीके पब्बेका दिन जिसमें निस्तार ७ पब्बेका मेस्रा मारना उचित था आ पहुंचा । और यीशने ८ पितर और येोहनकेा यह कहके भेजा कि जाके हमारे लिये निस्तार पब्बेका भेजन बनाओ कि हम खाये। वे ८ उससे बातल्ले आप कहां चाहते हें कि हम बनावें। उसने १९० उनसे कहा देखे जब तुम नगरमें प्रवेश करो तब एक मनुष्य जलका घड़ा उठाये हुए तुम्हें मितल्तेगा . जिस घरमें वह पेठे तुम उसके पीछे उस घरमें जाओ । और उस घर- ९९ के स्वामीसे कहे गुरू तुकसे कहता है कि पाहुनशाला कहां है जिसमें में अपने शिष्योंके संग निस्तार पब्बेका भेजन खाऊं । वह तुम्हें एक सजी हुईं बड़ी उपरा्ी १२ काठरी दिखावेगा वहां तैयार करो । उन्हेंने जाके १३ जैसा उसने उन्हेंसे कहा तेसा पाया और निस्‍्तार पब्बेका भेजन बनाया । जब वह घड़ी पहुंची तब योश॒ और बारहों प्रेरित १४ उसके सेग भेजनपर बेठे । और उसने उनसे कहा मेंने १४ यह निस्तार परब्बेका भेजन दुःख भेागनेके पहिल्ने तुम्हारे संग खानेकी बड़ी लालसा किईदे। क्योंकि में तुमसे १६ कहता हूं कि जबलों वह इंश्वरके राज्यमें पूरा न होवे तबल्ोां में उसे फिर कभी न खाऊंगा। तब उसने कटोरा १७ तने धन्य मानके कहा इसका लेओ और आपसमें बांदा । क्यांकि में तमसे कहता हँ कि जबलों इंश्वरका १८ राज्य न आवे तबल्नां में दाख रस कभी न पीऊंगा । फ़िर उसने रोटो लेके धन्य माना ओर उसे ताड़के १८ उनके दिया और कहा यह मेरा देह है जो तुम्हारे २२ पब्ले।] लक । २५१ लिये दिया जाता है . मेरे स्मरणके लिये यह किया २० करो । इसी रीतिसे उसने बियारोके पीछे कटोरा भी देके कहा यह कठोारा मेरे लाहपर जे तुम्हारे लिये बहाया जाता है नया नियम हे । २९ परन्तु देखा मेरे पकड़वानेहारेका हाथ मेरे संग २२ मेजपर है। मनुष्यका पुत्र जैसा ठहराया गया है वैसा- ही जाता है परन्तु हाय वह मनुष्य जिससे वह पकड़- २३ वाया जाता है। तब वे आापसमें बिचार करने लगे कि हममेंसे कैन है जे यह काम करेगा । २४. उन्हेंमें यह बिबाद भी हुआ कि उनमेंसे कान बड़ा २५ समका जाय । योशने उनसे कहा अन्यदेशियोंके राजा उन्हांपर प्रभुता करते हैं और उन्होंके अधिकारी लोग २६ परोपकारी कहावते हैं । परन्‍्त तुम ऐसे न हाओ पर जो तुम्हेंमें बड़ा है सा छाटेकी नाईें होवे और जो २७ प्रधान है सा सेवककी नाईें होवे। कान बड़ा है भाजनपर बैठनेहारा अथवा सेवक . क्या भा जनपर बैठनेहारा बढ़ा नहीं है . परन्तु में तुम्हारे बीचमें सेवककी नाई हूं । २८ तमहों हो जा मेरो परोश्षाओंम मेरे संग रहे हो । २८ और जेसे मेरे पिताने मेरे लिये राज्य ठहराया है तेसा ३० में तुम्हारे लिये ठहराता हूं . कि तुम मेरे राज्यमें मेरी मेजपर खावा जोर पीवा और सिंहासनांपर बेठके इस्रायेलके बारह कल्नोंका न्‍्याय करो । ३१ ओर प्रभने कहा हे शिमान हे शिमान देख शेतानने तम्हें मांग लिया हे इसलिये कि गेहंकी नाई तम्ह फटके। ३२ परनन्‍्त मेने तेरे लिये प्राथना किद्द हे कि तेरा विश्वास २४२ लक । [२४ पब्ले । घट न जाय और जब तू फिरे तब अपने भाइयोंका स्थिर कर । उसने उससे कहा हे प्रभ में आपके संग ३३ बंदीगृहम जानेके ओर मरनेका तैयार हूं । उसने ३४ कहा हे पितर में तकसे कहता हं कि आजहो जबलों त्‌ तोन बार मरे नकारके न कहे कि में उसे नहीं जानता हूं तबल्नों मुग न बोल्ेगा । ओर उसने उनसे कहा जब मेंने तम्हें बिन येली ३५ और बिन काली जौ बिन जते भेजा तब क्या तमकोा किसी बस्तुकी घटी हुईं . वे बाले किसकी नहीं। उसने ३६ उनसे कहा परन्‍्त अब जिस पास थेली हो से उसे ले ले और वेसेही करौली भी और जिस पास खड़ न होय से अपना बस्त बेचके एककोा माल लेवे। क्योंकि ३७ में तुमसे कहता हूं अवश्य है कि धम्मेंपुस्तकका यह 'बचन भी कि वह कुकम्सियोंके संग गिना गया मुकपर पूरा किया जाय क्योंकि मेरे विषयमेंकी बातें सम्पूर्ण हानेपर हैं । तब वे बोले हे प्रभु देखिये यहां दा खड़ ३८ हैं . उसने उनसे कहा बहुत है । तब यीशु बाहर निकलके अपनी रोतिके अनुसार ३€ जैतन पब्बेतपर गया और उसके शिष्य भी उसके पीछे हा लिये । उस स्पानमें पहुंचके उसने उनसे कहा ४० प्रांथेना करो कि तुम परीक्षामें न पढ़ा । और वह आप ४९ ढेत्वा फेंकनेके टप्पेभर उनसे अतल्वग गया और घुटने टेकके प्राथेना किई . कि हे पिता जो तेरी इच्छा हाय ४२ ते इस कटोरेका मेरे पाससे टाल दे लैाभी मेरी नहीं पर तेरी इच्छा पूरो हो जाय । तब एक टूत उसे सामथ्य ४३ २२ पब्ले।] लक । २४३ ४४ देनेका स्वगेसे उसका दिखाई टिया । ओर उसने बड़े संकटमें होके अधिक टूढ़तासे प्राथेना किईदं और उसका पसीना शऐेसा हुआ जैसे लाहके थक्के जे भूमिपर गिरें। ४४५ तब वह प्राथेलासे उठा ओर अपने शिष्याोंके पास आा ४६ उन्हें शोाकके मारे सोते पाया . और उनसे कहा क्यों सेते हा उठो प्राथेना करो कि तुम परीक्षामें न पड़ो। ४७ वह बालताही था कि देखो बहुत लाग आये और बारह शिष्योंमेंसे एक शिष्य जिसका नाम यिह॒दा था उनके आगे आगे चलता था और यीशुका चूमा लेनेकेा ४८ उस पास ज्ञाया। योशुने उससे कहा हे यिहदा क्या तू ४८ मनुष्यके पुचका चूमा लेके पकड़वाता है। यीशुके संगि- योंने जब देखा कि क्या होनेवात्ना है तब उससे कहा है प्रभु ५० क्या हम खड़से मारें। ओर उनमेंसे एकने महायाजकके दासकेा मारा झैर उसका दहिना कान उड़ा दिया । ४५९ इसपर यीशने कहा यहांतक रहने दे . और उस दास- ४२ का कान छूके उसे चंगा किया। तब यीशुने प्रधान याज- को और मन्दिरके पहरुओंके अध्यक्षों और प्राचीनेसे ज्ञो उस पास आये थे कहा क्या तुम जैसे डाकूपर खड़ ४५३ ज्ेर ल्लाठियां लेके निकलने हो। जब में मन्दिरमें प्रति- दिन तुम्हारे संग था तब तुम्होंने मुकपर हाथ न बढ़ाये परन्तु यही तुम्हारी घड़ी और अधकारका पराक्रम है। ४४ वे उसे पकड़के ले चल्ने झर महायाजकके घरमें त्लाये ५५ और पितर टूर टूर उसके पीछे हा लिया | जब वे अगनेमें जाग सुलगाके एकट्टे बेठे तब पितर उन्हेंके ४६ बीचमें बैठ गया। और एक दासी उसे आगके पास बैठे ु २४४ लक । [२२९ पब्जे । देखके उसकी ओर ताकके बाली यह भी उसके संग था। उसने उसे नकारके कहा हे नारी में उसे नहीं जानता ४७ हैं । थाड़ी बेर पोछे टसरेने उसे देखके कहा त भी ध्र८ उनमेंसे एक है . पितरने कहा हे मन॒ष्य में नहीं हूं । घड़ी एक बीते टूसरेने टूढ़तासे कहा यह भी सचमुच ४८ उसके संग था क्यांकि वह गालीली भी है | पितरने ६० कहा हे मनुष्य में नहीं जानता तू क्या कहता है . और तुरन्त ज्यां वह कह रहा त्यों मुगे बाला । तब प्रभुने मुंह ६९ ०5 आय, .. /ि रू ब्- [अ 0 फेरके पितरपर ट्रप्नि किई और पितरने प्रभुका बचन स्मरण किया कि उसने उससे कहा था मगेके बालनेसे आगे त तोन बार मरूसे मकरेगा। तब पितर बाहर ६२ निकलके बिलक बिलक रोया । जा मनुष्य यीश॒का धरे हुए थे वे उसे मारके ठट्ठा ६३ करने लगे . और उसको आंखें ढांपके उसके मुंहपर ६४ थपेंड़े मारके उससे पूछा कि भविष्यद्राणी बाल किसने तुके मारा । और उन्होंने बहुतसी और निन्‍दाकी बातें ६५ उसके बिरुटुर्में कहीं । ज्यांही बिहान हुआ त्योंही ल्ला- ६६ गोंके प्राचीन खैर प्रधान याजक कौर अध्यापक लोग ण्कट्टे हुए आर उसे अपनी न्‍्यायसभामें लाये और बोले जो तू खीघ्र है ता हमसे कह । उसने उनसे कहा ६७ जा मं तमसे कह तो तम प्रतात नहां करागे। और ६८ जा मे कछ पछ ते तम न उत्तर देखागे न मे छोड़ाोगे। अबसे मनष्यका पत्र सब्बेशक्तिमान इंश्वरकी दहिनी ६< आर बेठेगा । सभोंने कहा तो क्या त्‌ इंश्वरका पच है . ७० उसने उन्हेांसे कहा तम तो कहते हो कक मे हैं । तब ७१ २३ पब्ले ।] लक । २४४ कक. कक आकर ब्ध् उन्हींने कहा अब हम साशथोका ओर क्या प्रयोजन तक बे गे आर . ब् क्योंकि हमने आपहो उसके मुखसे सुना है । < 4] ः २३ तेइसवां पब्बे । थे पोशका गप्॒रलातक् हाथ साप्रा जाना आर |[प्रलातक्रा उस ब्चार करना ॥ ६ पिलातका उसे हेरोदर्क पास भेजना । १३ उसके छोड़नको पयाक्त करनेके प्राक्ष घात्तकाक हाथ साप्रना । २७ ।बलाप्र करनहडारां सलयास याशका वकपथा ॥ 3३ उसका ऋरशप्रर चदाया जाना । ३४ उसएर लागाका हूसना । ३० क्रशपर चद्ाय हुए डाकआक्रा तकृत्तान्त । ४४ याशक्रा प्रकारना आर प्राग् त्याग़ना आर लागोॉंका अचेभा करना । ५० प्रसफका उसका कबरस रखना ॥ १ तब सारा समाज उठके योशक्ा पिलातके पास त्ले २ गया . ओर उसपर यह कहके दोष लगाने लगा कि हमने यही पाया है कि यह मनुष्य लागोंका बहकाता है और अपनेकेा खीप् राजा कहके कैसरके कर देना ३ बजता हे। पिलातने उससे पछा क्या तू यिहृदियेंका राजा है . उसने उसके उत्तर दिया कि आपहो ते कहते ४ हैं । तब पिलातने प्रधान याजकों ओर लोागेंसे कहा 9 में इस मनुष्यमें कुछ देष नहीं पाता हूं । परन्तु उन्हेंने अधिक टूढ़ताईसे कहा वह गालीलसे लेके यहांल्नां सारे यिहृदियामें उपदेश करके लेागेंकेा उसकाता है । ६ पिलातने गालीलका नाम सुनके पूछा क्या यह मनुष्य ७ गाल्नीली है। जब उसने जाना कि वह हेरोदके राज्य- मेंका हे तब उसे हेरादके पास भेजा कि वह भी उन ८ दिनोंमें यिरुशल्लीममें था । हेरेद्‌ योशुका देखके अति आनन्द्ित हुआ व्यांकि वह बहुत दिनसे उसके देखने चाहता था इसलिये कि उसके विषयमें बहुत बातें सुनो थीं और उसका कुछ आश्चर्य कम्मे देखनेकी उसके रद लक । [२३ पढ्ले। आशा हुईं । उसने उससे बहुत बातें पूछीं परन्तु उसने उसके कुछ उत्तर न दिया। और प्रधान याजकां और अध्यापकोंने खड़े हुए बड़ी धघुनसे उसपर देापष लगाये । तब हेरादने अपनी सेनाके संग उसे तुच्छ जानके ढटद्गा किया और भड़कोला बस्तर पहिराके उसे पिल्ला तके पास फ्रेर भेजा । उसी दिन पिलात जर हेराट जिन्‍्हेंके बीचमें आगेसे शचता थी आपसमभें मिच है| गये । पिलातने प्रधान याजकोां और अध्यंक्षां जार लोा- गोंका ण्कट्टे बुलाके उन्हेंसे कहा . तुम इस मनुष्यका तलागांका बहकानेहारा कहके मेरे पास लाये हो जोर देखे मैंने तुम्हारे साम्हने बिचार किया है परन्तु जिन बातोंमें तुम इस मनुष्यपर देष लगाते हा उन बातोंके विषयमें मेने उसमें कुछ दोष नहीं पाया है। न हेरोद- ने पाया है क्योंकि मैंने तुम्हें उस पास भेजा और देखे बधके योग्य काई काम उससे नहीं किया गया है। से मैं उसे काड़े मारके छोड़ देऊंगा । पिल्लातका अवश्य भी था कि उस पब्बेमें एक मनुष्यका लोगेंके लिये छोड़ देवे। तब लाग सब मिलके चिल्लाये कि इसको ले जाइये और हमारे लिये बरब्बाका छोड़ दीजिये । यही बरब्बा किसी बलवेके कारण जे नगरमें हुआ था और नर- हिंसाके कारण बन्दीगृहमें डाला गया था। पिलात यीश- के छोड़नेकी इच्छा कर लोगोंसे फिर बाला । परन्तु उन्होंने पुकारा कि उसे क्रशपर चढ़ाइये क्रूशपर चढ़ा- इये । उसने तीसरी बेर उनसे कहा क्यों उसने कानसी बुराई किई है . मेंने उसमें बधके योग्य काई देष नहीं €्‌ १० ११ १२ रै३ १४ १५ ६] ४02, क्द्द श्र 0 २१ श्र २३ पब्जे ।] लक । २४७ स्ज्5 पाया है इसलिये में उसे काड़े मारके छोड़ देऊंगा। २३ परन्त वे ऊंचे ऊंचे शब्दसे यल करके मांगने लगे कि वह क्रूशपर चढ़ाया जाय ओर उन्होंके और प्रधान २४ याजकोंके शब्द प्रबल ठहरे। सा पिलातने आज्ञा दिई २४ कि उनकी बिन्तीके अनुसार किया जाय । और उसने उस मनुष्यका जा बलवे और नरहिंसाके कारण बन्दी- गृहमें डाल्ला गया था जिसे वे मांगते थे उनके लिये छोड़ २६ दिया और यीशकेा उनकी इच्छापर सांप दिया। जब वे उसे ले जाते थे तब उन्होंने शिमान नाम कुरोनी देशके एक मनुष्यका जो गांवसे आता था पकड़के उसपर क्रूश धर दिया कि उसे यीशके पीछे ले चलने । २७० लोगोंकी बड़ी भीड़ उसके पीछे है| लिईद और बहुतेरी स्त्रियां भी जे उसके लिये छातो पीटती और बिल्लाप र८ करतो थीं। यीशने उन्हेंकी ओर फिरके कहा हे यिरूशल्ीमको पुत्रियो मेरे लिये मत रोओ परन्तु अपने रू लिये और अपने बालकोंके लिये रोओ । क्योंकि देखा वे दिन आते हैं जिन्होंमें लोग कहेंगे धन्य वे स्त्रियां ज्ञा बांफ हैं और वे गर्भ जिन्होंने लड़के न जन्माये ३० और वे स्तन जिन्‍्हेंने टूध न पिलाया है। तब वे पब्बेतांसे कहने लगेंगे कि हमेंपर गिरो और टीलेंसे कि ३१ हमें ढांपो । क्योंकि जो वे हरे पेड़से यह करते हैं ते ३२ सूखेसे क्या किया जायगा । वे ओर दो मनुष्योंका भी जा कुकर्म्मी थे यीशके संग घात करनेकोा ल्ने चले। ३३ जब वे उस स्थानपर जो खोपड़ी कहावता है पहुंचे .._ तब उन्होंने वहां उसके और उन कुकम्मियेंके एककोा छठे २४८ लक । [२३ पब्ले । पट दहिनी ओर और टूसरेकेा बाई ओर क्रूशेंपर चढ़ाया। तब यीशने कहा है पिता उन्हें श्मा कर क्योंकि वे नहीं ३४ जानते क्या करते हैं . और उन्होंने चिट्टियां डालके उसके कपड़े बांट लिये । त्लाग खड़े हुए देखते रहे ओर अध्यक्षोंने भी उनके ३४ संग ठट्टा कर कहा उसने औरोंकेा बचाया जे। वह इंश्बरका चुना हुआ जन खो है तो अपनेके बचावे। याहाओंने भी उससे ठट्मा करनेके। निकट आके उसे ३६ सिरका दिया . और कहा जे तू यिहदियेंका राजा है ३७ ते अपनेकेा बचा । और उसके ऊपरमें एक पत्र भी ३८ थाजे यूनानीय ओ रोमीय ओऔ इब्ीय अछरोंमें त्लिखा हुआ था कि यह यिहृदियोंका राजा है। ज्ञा कुकर्म्मी लटकाये गये थे उनमेंसे एकने उसकी ३९ निन्‍दा कर कहा जे तू खीपृ है तो अपनेका और हमेोंकेा बचा । इसपर टूसरेने उसे डांटके कहा क्या तू इंश्वरसे ४० कुछ डरता भी नहीं . तुकपर तो बैसाही दंड दिया जाता हैं। ओर हमेंपर न्‍्यायकी रीतिसे दिया जाता ब्यांकि ४५ हम अपने कम्मांके योग्य फल भेोगते हैं परन्तु इसने केाई अनुचित काम नहीं किया है। तब उसने यीशुसे ४२ कहा हे प्रभु जब आप अपने राज्यमें आझावें तब मेरी सुध लीजिये । यीशुने डससे कहा में तुकसे सच कहता ४३ हूं कि आजही तू मेरे संग स्वगेल्लाकमें हागा। जब दा पहरके निकट हुआ तब सारे देशमें तीसरे ४४ पहरतलेों अंधकार हो गया। सूय्ये अंधियारा हो गया ४४ और मन्दिरका परदा बीचसे फट गया। और यीशुने बड़े ४६ २४ पंब्जे ।] लक । २५६ शब्दसे पकारके कहा हे पिता में अपना आत्मा तेरे ४७ हाथमें सांपता हूं और यह कहके प्राण त्यागा। जा हा था सो देखके शतपतिने इंश्वरका गणानबाद कर ४८ कहा निश्चय यह मनष्य धम्मी था। खैर सब तलेाग जो यह देखनेका ण्कट्रे हुए थे जो कुछ हुआ था से ४८ देखके अपनी अपनी छाती पीटते हुए फिर गये। और यीशुके सब चिन्हार और बे स्त्रियां जे गालीलसे उसके संग आई थीं टर खड़े हो यह सब देखते रहे । ४० ओर देखा यसफ नाम यगिहदटियोंके अरिसथिया नगरका एक मनुष्य था जो मन्ती था और उत्तम और धर्म्मी पुरुष होके टूसरे मन्त्रियांके बिचार और काममें ४५९ नहीं मिला था। और वह आप भी इंश्वरके राज्यकी ५२ बाट जाहता था । उसने पिलातके पास जाके योौशकी ४३ ल्लाथ मांग लिदें। तब उसने उसे उतारके चटूरमें लपेटा और एक कबरमें रखा जो पत्थरमें खादी हुई थी जिसमें ४४ काई कभी नहीं रखा गया था। वह दिन तैयारीका दिन ४५ था और विश्रामवार समीप था। वे स्तियां भी जा गालीत्न से उसके संग आई थीं पीछे हो लिईे और कबरके और ५६ उसकी लोथ व्यांकर रखी गई उसके देख त्लिया। और उन्होंने ल्ाटके सुगन्ध द्रव्य और सुगन्‍्ध तेल दैयार किया 5432: - और आज्ञाके अनुसार विज्ञामके दिनमें बिजाम किया। २४ चोबीसवां पब्बे । १ स्लयोका दतसे योशके जो उठनेका समाचार सनना ओर एशप्यांका कह देना। १३ याशक्रा इम्समाऊका जाते हूस दा ॥शघध्याक्तरा दशन दना आर उनस ब्वातचात करना । ३६ यिरेशलोमम शिष्यांका दशन देना ओर उन्हें प्ररण करना । ४० स्वगरम जाना । र६० लक । [२४ प्रब्बे।. 5 पर तब अटठवारेके पहित्ने दिन बड़ी भार ये स्त्रियां ख्लार उनके संग कई एक ओर स्त्रियां वह सुगन्ध जो उन्हेंने तैयार किया था लेके कबरपर आईँं। परन्तु उन्हेंने पत्थरकेा कबरके साम्हनेसे लुढ़काया हुआ पाया . और भीतर जाके प्रभु यीश॒की लय न पाई। जब वे इस बातके विषयमें टुबधा कर रहीं तब देखे दे पुरुष चमकते बस्तर पहिने हुए उनके निकट खड़े हो गये । जब वे डर गई और धरतीकी ओर मुंह ककाये रहीं तब वे उनसे बाल्ले तम जीवतेका मृतकोंके बीचमे क्यों ढंढ़ती हा। । वह यहां नहीं है परन्‍्त जी उठा हे . स्मरण करो कि उसने गालोी- लमें रहते हुए तुमसे कहा . अवश्य है कि मनुष्यका घुच पापी लागोंके हाथमं पकड़वाया जाय और क्रशपर घात किया जाय ओर तोसरे दिन जो उठे। तब उन्हेंने उसको बातोंका स्मरण किया । जऔर कबरसे लोौटके उन्हेंने ग्यारह शिष्पोंके और और सभेंकेा यह सबबातें सुनाईं। मरियम मगदलीनी और येहाना और याकूबकी माता सरियम और उनके संगकी झऔर स्त्रियां थीं जिन्हेंने प्रेरितांसे यह बातें कहीं । परन्तु उनकी बातें उन्हेंके आगे कहानी सी समर पड़ों और उन्हेंने उनकी प्रतीति न किई । तब पितर उठके कबरपर दाड़ गया और ९ 400 ऋुकके केवल चट्टर पड़ी हुईं देखो झार ज्ञा हुआ था . उसस झपन मनम अझ्चभा करता हुआ चला गया । दखा उसा दन उनमस दा जन इम्माऊ नाम एक ९३ गांवका जे यिरुशलीमसे काश चार एक पर था जाते थे। और वे इन सब बातों पर जो हुईं थीं आपसमें बात- २४ ख्ख्े ह॒ | ली २४ पब्ले ।] लक । २६१ १४ चीत करते थे । ज्यों वे बातचीत और बिचार कर रहे त्यों यीशु आपही निकट आके उनके संग हे ल्लिया । ९६ परन्तु उनको टूूप्नि ऐसी रोकी गई कि उन्हेंने उसके १७ नहीं चीन्हा। उसने उनसे कहा यह क्या बातें हैं जिन- पर तुम चलते हुए आपसमें बातचीत करते और उदास ९८ होते हो । तब एक जनने जिसका नाम क्लियाोपा था उत्तर देके उससे कहा क्या केवल तूही यिरूशलीममे डेरा करके वे बातें जे उसमें इन दिलनोंमें हुई हैं नहीं १८ जानता है । उसने उनसे कहा कोानसी बातें . उन्हेंने उससे कहा यीशु नासरीके विषयमें जे भविष्यटुक्ता ओर इंश्वरके झार सब लोागोंके आगे काममें कर बचन- २० में शक्तिमान पुरुष था। ब्बांकर हमारे प्रधान याजकों और अध्यछ्षांने उसे सांप दिया कि उसपर बध किये जानेकी आज्ञा दिदं जाय ओर उसे क्रूशपर घात किया | बन आकर [ सन बा ० न २१ है। परन्तु हमें आशा थी कि वही है जे इस्रायेलका उद्ठार करेगा . और भी जबसे यह हुआ तबसे आज २२ उसको तीसरा दिन है। और हमोंमेंसे कितनी स्तियोंने २३ भी हमे बिस्मित किया है कि वे भे रके। कबरंपर गईं . पर उसको लेथ न पाके फिर जाके बालों कि हमने स्वगें- टूतांका दर्शन भी पाया है जे कहते हैं कि वह जीता है । २४ तब हमारे संगियोंमेंसे कितने जन कबरपर गये और जैसा २४ स्लियोंने कहा तेसाही पाया परन्‍्त उसके न देखा । तब योशुने उनसे कहा हे निबुद्धि आर भविष्यद्गक्ताओंको सब २६ बातांपर बिश्वास करनेमें मन्‍्दमति लेागे। . क्या अवश्य न था कि खोषू यह दुःख उठाके अपने सेश्वय्यमें प्रवेश र्द्वर लक । [२४ पंब्बे। करे । तब उसने मूसासे ओर सब भविष्यद्ृक्ताओंसे २७ आरंभ कर सारे धम्मेपस्तकरम अपने विषयमेकी बातोंका अथ उन्होंकेा बताया । इतनेमें वे उस गांवके पास पहुंचे २८ जहां वे जाते थे और उसने ऐसा किया जैसा कि आगे जाता है। परन्त उन्होंने यह कहके उसके रोका कि २८ हमारे संग रहिये क्योंकि सांक हो चली जोर दिन ढल्व गया है . तब वह उनके संग रहनेकेा भीतर गया । जब ३० वह उनके संग भेजनपर बेठा तब उसने रोटी लेके धनन्‍्यबाद किया और उसे ताड़के उनके दिया । तब ३९ उनकी टरप्नि खुल गई और उन्हेंने उसके चीन्हा और वह उनसे अन्तटद्वान हो गया। और उन्होंने आपसमें ३२ कहा जब वह मागेमें हमसे बात करता था और धम्में- पुस्तकका अथे हमें बताता था तब क्या हमारा मन हममें न तपता था । वे उसी घड़ी उठके यिरूशलीमके ३२ लौट गये और ग्यारह शिष्योंका और उनके संगियोंका एकटू हए और यह कहते हुए पाया . कि निश्चय प्रभु ३४ जी उठा है और शिमानकेा दिखाई दिया है। तब उन ३४ दानोांने कह सनाया कि माग्गमस क्या हुआ था ओर यीशु क्यांकर रोटी ताड़नेमें उनसे पहचाना गया । वे यह कहतेही थे कि यीशु आपहो उनके बीचमें ३६ खड़ा हे। उनसे बाला तुम्हारा कल्याण हाय | परन्तु वे ३७ हि हर >अपिकीकिि ले: ब्याकुल और भयमान हुए और समभा कि हम प्रेतका देखते हैं । उसने उनसे कहा क्यों ब्याकुल हो और इ८ तुम्हारे मनमें सन्देंह क्यों उत्पन्न होता है। मेरे हाथ ३ ओर मेरे पांव देखे कि में आपही हूं . मुक्के टोओ और २४ पब्ले ॥] लक । रदव३ देख लो क्योंकि जैसे तुम मुझमें देखते हो तैसे प्रेतका ४० हाड़ मांस नहों हो ॥ यह कहके उसने अपने हाथ ४१ पांव उन्हें दिखाये। ज्यां वे मारे आनन्दके प्रतीति न करते थे और अचंभित हो रहे त्यां उसने उनसे कहा ४२ क्या तुम्हारे पास यहां कुछ भेजन है। उन्हेंने उसके ४३ कुछ भूनी मछली और मधुका छत्ता दिया। उसने लेके ४४ उनके साम्हने खाया | ज्लर उसने उनसे कहा यही वे बातें हैं जा मैंने तुम्हारे संग रहते हुए तुमसे कहीं कि जे कुछ मेरे विषयमें मूसाकी व्यवस्थामें ओर भविष्यद्र- क्ताओं और गीतोंके पसतकेंम लिखा हे सबका परा ४५ होना अवश्य है। तब उसने धम्मेपस्तक समकनेके उत्त- ४६ का ज्ञान खोला . ओर उनसे कहा यूं लिखा है ओर इसी रोतिसे अवश्य था कि खीप्र दुःख उठावे ओर तीसरे ४७ दिन मृतकोंमेंसे जो उठे . और यिरुशलीमसे आरंभ कर सब देशोंके लागोंमें उसके नामसे पश्चात्तापकी और ४८ पाप सेोचनकी कथा सुनाई जावे | तुम इन बातोंके ४८ साथी हो। देखा मेरे पिताने जिसकी प्रतिज्ञा किईं उसके में तुम्हेंपर भेजता हूं और तुम जबल्नों ऊपरसे शक्ति न पावा तबल्नों यिरुेशतल्लीस नगरमें रहो । ४५० तब वह उन्हें बेथनियात्नां बाहर ले गया और ४९ अपने हाथ उठाके उन्हें झाशीस दिईं। उन्हें आाशीस देते हुए वह उनसे अल्वग हो गया और स्वगेपर उठा ५२ लिया गया । जार वे उसको प्रणाम कर बड़े आनन्दसे ५३ यिरूशलीमको लेट गये . और नित्य मन्दिरिसें इश्वर- की स्तुति और घन्यबाद किया करते थे । ज्ञामीन ॥ याहन रचित सुसमाचार । १ पहिला पब्ब। योश स्थ्रोष्टके ईश्वसत्वका बणेम | ६ याहनका डेश्वरक्मो आरसे भेजा जाना ओर पोशका अवतार लेना । १७ उसके विषयमे याहनको साक्षी । ३५ अन्द्रिय ओर छिमेन और एक ओर शिप्यक्रा घलाया जाना | ४३ फिलिप ओर नशथनेलका बलाया जाना । आदिमसें बचन था ओर बचन इंश्वरके संग था जैर बचन ईश्वर था | वह आदिमें इेश्वरके संग था। सब कुछ उसके द्वारा सजा गया और जे रुजा गया है कछ भी उस बिना नहीं रुज़ा गया । उसमें जीवन था झेर वह जीवन मनष्योंका उजियाला या | और वह उजियाला अंधका रमें चमकता है और अंधकारने उसके ग्रहण न किया। एक मनुष्य इेश्वरको ओरसे भेजा गया जिसका नाम याोहन था । वह साश्लीके लिये आया कि उस उजिया- लेके विषयमे साथी टेवे इसलिये कि सब लाग उसके ट्रारासे बिश्वास करें। वह आप ते वह उजियाला न था परन्‍नत उस उजियालेके विषयमे साथी देनेके आया । सच्चा उजियाला जे हर णक मनुष्यकेा उजियाला देता है जगतमें ऋानेवाला था । वह जगतमें था और जगत उसके द्वारा रजा गया परन्तु जगतने उसके नहां जाना । वह अपने निज देशमें झाया और उसके निज ल्ागोंने उसे ग्रहण न किया। परन्तु जितनोंने उसे मरहण हक 4 60०0 00७ «०9 €्‌ १० ११ १२ १ पब्बे ।] योहन । २६४ किया उन्हेंके अथेत उसके नामपर बिश्वास करने- हारोंकेा उसने इंश्वरके सन्‍तान हो नेका अधिकार दिया। १३ उन्होंका जन्म न लेाहसे न शरोरकी इच्छासे न मनुष्य- १४ को इच्छासे परन्तु इंश्वरसे हुआ। ओर बचन देहधारो हुआ ओर हमारे बीचमें डेरा किया ओर हमने उसको महिमा पिताके णकलोतेकोासी महिमा देखी . वह १४ अनुग्रह ओर सच्चाईंसे परिपूर्ण था। याहनने उसके विषयमें साथ्शी दिईे और पुकारके कहा यही था जिसके विषयमें मेने कहा कि जो मेरे पोछे आता है से मेरे आगे १६ हुआ है क्योंकि वह मुझसे पहित्ने था। उसकी भरपूरीसे हम सभोंने पाया है हां अनग्रहपर अनमरह पाया है । ९७ क्योंकि ब्यवस्था मूसाके द्वारासे दिई गई अनुग्रह और ९८ सच्चाद योश खीघपृके ट्रारासे हुए । किसीने इश्बरका कभी नहीं देखा है . एकल्नाता पुत्र जे पिताको गोदमें है उसीले उसे बणेन किया । १६ योहनकी साश्ी यह है कि जब यिहृदियोंने यिरूश- लीमसे याजकों ओर लेवीयोंके उससे यह पछलनेके भेजा २० कि त कान है . तब उसने मान ल्विया और नहीं मकर २९ गया पर मान लिया कि में खोप नहीं हूं। तब उन्हेंने उससे पछत ता कान . क्या त एल्ियाह है . उसने कहा नहों हूं . क्या तू वह भविष्यदुक्ता हैं उसने उत्तर २२ दिया कि नहीं । फिर उन्होंने उससे कहा त कोन हे कि हम अपने भेजनेहारोंको उत्तर देवे . तू अपने विषय- २३ में क्या कहता है । उसने कहा में किसीका शब्द हूं जे। जंगलमे प॒कारता हे कि परमेश्वरका पन्‍य सीधा करे 34; ६६ याहन । [१ प्रब्ब। जैसा यिशैयाह भविष्यद्वक्ताने कहा ।जो भेजे गये थे से २७ फरीशियोंमेंसे थे । उन्होंने उससे पूछकरके उससे कहा २४ जे तू न ख्रीप्र और न एलियाह ओर न वह भविष्य- दुक्ता है ता क्यों बपतिसमा देता है। याहनने उनके २६ उत्तर दिया कि मे ता जलमे बपतिसमा देता हूं परन्तु तुम्हारे बोचमें एक खड़ा है जिसे तुम नहों जानते है । वही है मेरे पीछे आनेवाला जो मेरे आगे हुआ है में २७ उसकी जतीका बन्ध खोलनेके योग्य नहीं हं । यह बाते र८ यदन नदीके उस पार बैथाबरा गांवमें हुईं जहां येहन बपतिसमा देता था। टूसरे दिन येाहनने यीशुके अपने पास आते देखा २८ जैौर कहा देखे इंश्वरका मेमस्ना जे जगतके पापकोा उठा लेता हे। यही हे जिसके विषयम मेने कहा कि ३० ण्क पुरुष मेरे पीछे आता है जो मेरे आगे हुआ है व्यांकि वह मुकसे पहित्ले था । में उसे नहीं चीन्‍्हता ३९ था परन्तु जिस्तें वह इस्रायेली ल्लागांपर प्रगट किया जाय इसीलिये में जलमें बपतिसमा देता हुआ आया हूं। आर भी येोहनने साक्षी दिई कि मैंने आत्माके। कपात- ३२ की नाई स्वगेसे उतरते देखा है और वह उसपर ठहर गया । ओर मे उसे नहों चीनन्‍्हता था परनन्‍्त जिसने ३३ मुझे जलमें बपतिसमा देनेकेा भेजा उसीने मुझसे कहा जिसपर तू आत्माओ उतरते और उसपर टहरते देखे वही ते पविच आत्मामें बपतिसमा देनेहारा है। ओर ३४ मेने देखके साथी दिईं है कि यही इंश्वरका पच है। टूसरे [दल फिर योहन ओर उसके शिष्योमेसे दे! ३४ १ पब्बे ॥] येहन । रद्द७ ३६ जन खड़े थे | और ज्यों यीश फिरता था त्यों बह उस- ३७ पर ट्रप्नि करके बाला देखे इश्वरका मेस्ना । उन दो शिष्योंने उसके बालते सुना और यीशके पीछे है। त्िये। इं८ योशने मुंह फेरके उनके पोछे आते देखके उनसे कहा तम क्या खोाजते हो . उन्होंने उससे कहा हे रब्बी ३६ अथात हे गरु आप कहां रहते हैं। उसने उनसे कहा आके देखे . उन्होंने जाके देखा वह कहां रहता था और उस दिन उसके संग रहे कि दो घड़ीके अटकल ४० दिन रहा था। जो दा जन येाहनको सुनके यीशके पीछे हा लिये उनमेंसे एक ते शिमेान पितरका भाई ४९ अन्ट्रिय था | उसने पहित्ले अपने निज भाई शिमेन- के पाया और उससे कहा हमने मसीहकेा अथोत ४२ ख्रीपुके पाया है । तब वह उसे योश पास लाया और यीशने उसपर टृरष्नि कर कहा त्‌ यनसका पत्र शिमान है त केफा अथात पितर कहावेगा । ४३ टठसरे दिन योशने गालील देशका जानेकी इच्छा किईं और फिल्लिपकेा पाके उससे कहा मेरे पीछे ज्ञा। ४४ फिलिप ता अन्ट्रिय लार पितरके नगर बेतसेटाका था। ४५ फिलिपने नयनेत्रका प्राके उससे कहा जिसके विषयमे मूसाने ब्यवस्थामें और भविष्यद्॒क्ता ओंने त्निखा है उसके हमने प्राया हे अथात यसफ़के पच नासरत नगरके ४६ योशका । नथनेलने उससे कहा?क्या कोई उत्तम बस्त नासरतसे उत्पन्न हा सकती है ४ फिलिपने उससे कहा ४७ आके देखिये । योशने नयनेलका अपने पास जाते देखा त्रार उसके विषयमे कहा देखा यह सचमच वकब्ड। स्द्वप येाहन । [२ फ्ब्ले। इस्रायेलली है जिसमें कपट नहीं है|. नथनेलने उससे ४८ कह/ आप मे कहांसे पहचानते है » यीशने उसके उत्तर दिया कि फिलिपके ते बलानेके पहित्ने जब त गललरके वृश्षतले था तब मेने ते देखा। नथनेलने ४८ उसके उत्तर दिया कि हे गरु आप इृश्वरके पच ह बज्याप इस्रायेलओ राजा है । योशने उसके उत्तर दिया ४० ज्ञा तकसे कहा कि मैंने तके गतलरके वृध्तत्ने देखा क्या त इसलिये बिश्वास करता है त इनसे बढ़े काम खेगा। फ़िर उससे कहाँ में तमसे सच सच कहता हूं ४९ इसके पीछे तुम स्वगेका खुला और इंश्बरके टूतोंका मनुष्यके पुत्रके ऊपरसे चढ़ते उतरते देखागे । ४ टूसरा पब्बे । १ योशका जलकीा दाख रस बनाना । १२ यिरुेशलोमम मन्दिरका शद्ध करना | १८ अपने मरने ओर जो उठनेके विषयमे भविष्यद्राक्य कहना । २३ विश्वास करनेदारोक हृदयकीा जांचना | तीसरे दिन गालीलके काना नगरमें एक बिवाहका भेज था और यीशुकी माता वहां थी | यीश भी और उसके शिष्य त्लाग उस बिवाहके भेजमें बुल्लाये गये। जब दाख रस घट गया तब यीशुको माताने उससे कहा उनके प्रास दाख रस नहीं है। योशुने उससे कहा हे नारी ४ आपके मुझसे क्या कास . मेरा समय अबल्नां नहीं पहुंचा है। उसकी माताने सेवकोंसे कहा जे कुछ वह ४ तमसे कहे से करो। वहां पत्यथरके छः मटके यिहदियोंके ई शट्‌ करनेको रोतिके अनुसार धरे थे जिनमें डेढ़ डेढ़ ज्षयवा दा दा मन समाते थे। यौशुने उनसे कहा ७ 250 6७ «9 २ पब्बे।] य्रोहन । र्द्ः मटकोंका जलसे भर देओ . से उन्होंने उन्हें मुंहामुंह ८ भर दिया । तब उसने उनसे कहा अब उंडेल्ला और € भोाजके प्रधानके पास ले जाओ . वे तले गये। जब भाजके : प्रधानने वह जल जो टाख रस बन गया था चोखा आर वह नहीं जानता था कि वह कहांसे आया परन्तु जिन सेवकोंने जल उंडेला था वे जानते थे तब भाजके प्रधानने १० टूल्हेका बुलाया . और उससे कहा हर एक मनुष्य पहिल्े अच्छा दाख रस देता और जब तल्लाग पीके छक जाते तब मध्यम देता है. तने अच्छा दाख रस अबल्नों रखा है। १९ यीशने गालीलके काना नगरमें आश्चय्य कम्मांका यह आरंभ किया और अपनी महिमा प्रगट किई जार उसके शिष्याोंने उसपर बिश्वास किया । १२ इसके पीछे वह कोर उसकी माता और उसके भाई जैौर उसके शिष्प त्वाग कफनाहम नगरके गये परन्‍्त १३ वहां बहुत दिन न रहे । यिहृदियोंका निस्‍्तार पब्ब १४ निकट था ओर यीश यिरूशलीमके गया। ओर उसने मन्दिर में गारूओं जे भेड़ों ओर कपोतोंके बेचनेहारोंकोा १४ और सरोफेंको बैठे हुए पाया । तब उसने रस्सियोंका काड़ा बनाके उन सभोंको भेंड़ों ओ गारूओं समेत मन्दिरसे निकाल दिया और सरोफेंके पेसे बिथराके १६ पीढ़ोंका उल्नट दिया . और कपोतोंके बेचनेहारोंसे कहा इनके यहांसे ले जाओ मेरे पिताका घर ब्योपारका घर १० मत बनाओ । तब उसके शिष्योंने स्मरण किया कि लिखा है तेरे घरके विषयमेंकी धुन मुके खा जाती है। १८... इसपर यिहृदियोंने उससे कहा तू जे यह करता है २७० याहन । [३ पच्छे। तो हमें कैनसा चिन्ह दिखाता हैं। यीशुने उनको उत्तर दिया कि इस मन्टिरका ढा दो और में उसे तीन दिनमें उठाऊंगा । यिहदियोंने कहा यह मान्दर छयालास बरसमें बनाया गया ओर त क्या तोन दिनमे इसे उठावेगा। परन्तु वह अपने देहके मन्दिरके विषयम बाला । सा जब वह मृतकोंमेंसे जी उठा तब उसके शिष्येने स्मरण किया कि उसने उन्हेंसे यह बात कही थी और उन्हेंने धम्मेपुस्तकपर ओर उस बचनपर जे यीशने कहा था विश्वास किया । जब वह निस्‍्तार पब्बेमं यिरूशली मर्मे था तब बहुत लागोंने उसके आऋाश्चय्य कम्मांके जे। वह करता था देख- के उसके नामपर विश्वास किया। परन्तु यी शुने अपनेका उन्हेंके हाथ नहों सांपा क्येंकि वह सभोंकेा जानता था . और उसे प्रयोजन न था कि मनुष्यके विषयमें साथ्वी कोई देवे क्यांकि वह आप जानता था कि मनुष्यमें क्या है। ३ तीसरा पब्बे । १ योशुका निर्कादीसके नये जन्मके विषयम उपदेश देना । € अपनो मृत्युक्के और बश्वास करनक लष्रयम उसका उप्रदश | २२ याशु आार याहनका बपष्नाततसमा देना । २४ योशुके विषयर्म येहनको साक्षी । फरीशियोंमेसे निकेटीसम नाम एक मलष्य था जे यि- हटियोंका एक प्रधान था। वह रातका यीश पास आया जलौर उससे कहा हे गरु हम जानते हैं कि झ्राप इश्वरकी आओ रसे उपदेशक जाये हैं ब्येंकि का इं इत आश्च य्य कम्मों- का जे ज्ञाप करते है जा इंश्वर उसके संग नहो ते नहीं कर सकता है । यौशने उसके उत्तर दिया कि में श्् २0० २१ ब्र्र र३ २४ र३ ३ पब्ले ।] याहन । २७१ तुझसे सच सच कहता हूं काई यदि फिरके न जन्मे ते ४8 इेश्वरका राज्य नहीं देख सकता है। निकादीमने उससे कहा मनष्य बढा होके क्यांकर जन्म त्ने सकता हे . क्या वह अपनी माताके गर्भ! टसरो बेर प्रवेश करके जन्‍म त्ने ४५ सकता है। यीशने उत्तर दिया कि में तुकसे सच सच कहता हूं कोई यदि जल और आत्मासे न जन्मे ते ६ इंश्वरके राज्यमें प्रवेश नहीं कर सकता है। जे शरीरसे जनमा हैं सो शरोर हे और जो आत्मासे जन्‍्मा है से ७ ज्ात्मा है । अचंभा मत कर कि मैंने तुझसे कहा तुमका (5 | के बे ह ब् + ८ फिरके जन्म लेना अवश्य हैे। पवन जहां चाहता है तहां बहता है और त उसका शब्द सनता है परन्‍्त नहीं जानता हे वह कहांसे आता ओर किधरको जाता हे . जा काई आत्मासे जन्मा है सा इसी रीतिसे है । < निकादीमने उसके उत्तर दिया कि यह बातें क्येंकर १० हो सकती हैं। यीशने उसके उत्तर दिया क्या त इस्रा- गेलो लेागांका उपदेशक है और यह बाते नहों जानता । १९ मे तकसे सच सच कहता हं हम जो जानते हैं सता कहते हैं ओर जो देखा हे उसपर साश्षी देते हें आर तम १२ हमारो साथ्यी ग्रहण नहीं करते हो। जे मेने तुमसे पृ- थिवीपरको बातें कहीं और तम प्रतीति नहों करते है। ता यदि में तमसे स्वगमको बातें कहूं तुम क्यैंकर प्र- १३ तीति करोगे । और कोई स्वगेपर नहीं चढ़ गया है केवल वह जो स्वगेंसे उतरा अथात मनुष्यका पुत्र जा १४ स्वगेमें है । जिस रीतिसे मूसाने जंगलमें सांपका ऊंचा किया उसी रीतिसे अवश्य हे कि मनुष्यका पुर ऊंचा २७२ ग्राहन । [३ पब्ले । किया जाय . इसलिये कि जो काई उसपर बिश्वास करे १५ से नाश न हाय परन्तु अनन्त जीवन पावे । क्योंकि १६ इंश्बरने जगतकेा ऐसा प्यार किया कि उसने अपना णक- लाता पुत्र दिया कि जे काई उसपर बिश्वास करे से नाश न होय परन्तु अनन्त जो वन पावे। इंश्वरने अपने १७ पुत्रका जगतमें इसलिये नहों भेजा कि जगतको दंडके योग्य ठहरावे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा चाण पावे। जे उसपर बिश्वास करता है से दंडके योग्य नहीं ९८ ठहराया जाता है परन्तु जे। विश्वास नहीं करता से दंड- के योग्य ठहर चुका है क्येंकि उसने इेश्वरके एकलौोते पुच्रके नामपर बिश्वास नहीं किया है। ओर दंडके १८ याग्य ठहरानेका कारण यह है कि उजियाला जगतमें आया है और मनुष्येने अधियारेके उजियालेसे अधिक प्यार किया क्योंकि उनके काम बुरे थे | क्योंकि जे २० काई बुराई करता है से उजियालेसे घिन्न करता है आर उजियालेके पास नहीं आता है न हो कि उसके कार्मांपर उल्तहना दिया जाय। परन्‍्त जो सच्चादेपर चल- २९ ता है सा उजियालेके पास आता है इसलिये कि उसके काम प्रगट होवें कि इेश्वरकी ओरसे किये गये है । इसके पीछे यीशु और उसके शिष्य यिहृदिया देशमें २२ आये झ्लोर उसने वहां उनके संग रहके बपतिसमा दिलाया । याहन भी शालोमके निकट णेनन नाम २३ स्थानमें बपतिसमा देता यथा क्यांकि वहां बहुत जल था और लेाग आके बपतिसमा लेते थे । क्योंकि याहन २४ अबल्लां बन्दोगृहमें नहीं डाला गया था । ३ पब्बे ।] याहन । २७३ २५ याहनके शिष्यां और यिहृदियोंमें शुद्र करनेके विषयमें २६ बिबाद हुआ । ओर उन्होंने योहनके पास आके उस- से कहा हे गुरु जो यर्देनके उस पार आपके संग था जिसपर आपने साश्यी दिई है देखिये वह बपतिसमा दिलाता है और सब त्नलाग उसके पास जाते हैं। २७ याहनने उत्तर दिया यदि स्वगेसे उसको नदिया जाय र८ ते मनुष्य कुछ नहों पा सकता है | तुम आपही मेरे साथी हा कि मैंने कहा मैं ख्रीप्र नहीं हूं पर उसके रू आगे भेजा गया हूं । टूल्हिन जिसकी है सोई टूल्हा है परन्तु टूल्हेका मिच जे खड़ा होके उसको सुनता है टूल्हेके शब्दसे अति आनन्दित होता है . मेरा यह ३० आनन्द पूरा हुआ है। अवश्य है कि वह बढ़े ओर ३१ में घटूं । जो ऊपरसे आता है से सभोंके ऊपर है : जो पृथिवीसे है से पृथिवीका है आर पृथिवीकी बातें .. कहता है. जो स्वगेसे आता है से सभेंके ऊपर है। इ२ जा उसने देखा और सना है वह उसपर साश्ञी देता ३३ है और काई उसकी साथी ग्रहण नहीं करता । जिसने उसकी साथी ग्रहण किई है से इस बातपर छाप ३४ दे चुका कि इंश्वर सत्य है। इसलिये कि जिसे इंश्वरने भेजा हे से इंश्वरकी बातें कहता है क्येंकि इंश्वर ३५ उसके आत्मा नापसे नहीं देता है। पिता पुच्रका प्यार करता है और उसने सब कुछ उसके हाथमें ३६ दिया है । जो पुच्रपर बिश्वास करता है उसके अनन्त जीवन है पर जो पुत्रका न माने से जीवनके नहीं देखेगा परन्तु इेश्वरका क्राध उसपर रहता है । 38 २७०७ येाहन । [४ पब्ले। ४ चाया पब्बे। १ शोमिरोनी स्ल्रोसे योशको खातचोत ओर अमृतका दषट्टान्स ओर सच्ची उपासनाका बणेन । २७ नगरमसे उस स्वल्रोक्ा योशुके विषय समाचार कहना । ३१ शिष्योंसे योशकी बातचीत । ३० नगरके लागोंका उसपर बिश्वास करना। . ४३ उसका गालोलम जाना ओर राजाके यहांके एक पुरुषके पत्रका चेगा करना । जब प्रभुने जाना कि फरीशियोंने सुना है कियीश येहनसे अधिक शिष्य करके उन्हें बपतिसमा देता है. तैाभी यीशु आप नहीं परन्तु उसके शिष्य बपतिसमा देते थे . तब वह यिहृदियाका छोड़के फिर गालीलके गया। जौर उसके शेमिरान देशमेंसे जाना अवश्य हुआ । से वह शिकर नाम शामिरोनके एक नगरपर उस भूमिके निकट पहुंचा जिसे याकूबने अपने पुत्र यूसफका दिया। और याकूबका कूआं वहां था से यीशु मागेमें चलनेसे थकित हो उस कूंण्पर यूंही बैठ गया और दो पहरके निकट था । एक शोमिरानी सती जल भरनेके आई . योशने उससे कहा मु्के पीनेके दीजिये। उसके शिष्य त्लाग भेजन मेल लेनेके नगरमें गये थे। शोमिरोानी स्‍त्रीने उससे कहा आप यिहृदो होके मुझसे जे। शामि- रोनी सती हूं क्यांकर पीनेका मांगते हैं क्योंकि यिहदी त्लाग शे मिरोनियोंके संग व्यवहार नहों करते। यीशने उसके उत्तर दिया जो तू इंश्वरके दानका जानती और वह कौन है जा तुकसे कहता है मुक्के पीनेके दीजिये ता तू उससे मांगती और वह तुके अमृत जल देता। स्‍्त्रोने उससे कहा हे प्रभु जल भरनेकेा आपके पास कुछ नहीं है और कूआं गहिरा है ता वह अमृत जल आपके छू & ढ़ 0 # ११ कहांसे मिला है । क्या आप हमारे पिता याकूबसे बड़े १२ ४ पञ्ज ।] येाहन । २७४ हैं जिसने यह कूआं हमें दिया और आपही अपने १३ सन्‍्तान ओर अपने ढोर समेत उसमेंसे पिया। योशने उसके उत्तर दिया कि जो काई यह जल पोवे सा फिर १४ पियासा होगा . पर जे काई वह जलन पी वे जे में उसके देऊंगा से फिर कभी पियासा न होगा परन्तु जो जलन में उसे देऊंगा सो उसमें अनन्त जीवनल्ों उमंगनेहारे १५ जलका सेाता हो जायगा । स्त्रीने उससे कहा हे प्रभ यह जलन मे दीजिये कि में पियासाी न होऊं खेर न १६ जल भरनेका यहां आऊं। योशने उससे कहा जा १७ अपने स्वामीकेा ब॒लाके यहां जला । स्त्रीने उत्तर दिया कि मेरे तईं स्वामी नहों हे . यीश उससे बाला तने १८ अच्छा कहा कि मेरे तदं स्वामी नहों हे . क्योंकि तेरे पांच स्वामी हो चुके और अब जो तेरे संग रहता है से तेरा १८ स्वामी नहीं है . यह तने सच कहा है। स्त्रीने उससे कहा हे प्रभु मुझे सू पड़ता हैं कि आप भविपष्यद्रक्ता २० हैं। हमारे पितरोंने इसी पहाइपर भजन किया ओर आप लोग कहते हैं कि वह स्थान जहां भजन करना २९ उचित है यिरूशत्नीममें है। यीशने उससे कहा हे नारी मेरी प्रतीति कर कि वह समय जआता है जिसमें तुम न इस पहाडुपर और न यिरूशलीममें पिताका भजन २२ करोगे । तुम लाग जिसे नहीं जानते हे उसका भजन करते हो हम लेग जिसे जानते हैं उसका भजन करते २३ है क्योंकि चाण यिहदियोंमसे है । परन्‍त वह समय जाता है ओर अब हे जिसमे सच्चे भक्त आत्मा ओर सच्चाइसे पिताका भजन करेगे क्येंकि पिता ऐसे भजन करनेहारों- २७६ याहन | ] [४ पब्ले । का चाहता है । इंश्वर आत्मा है और अवश्य है कि २४ उसका भजन करनेहारे आत्मा और सच्चा रंसे भजन करे । स्‍त्रीने उससे कहा में जानती हूं कि मसीह अथोत खीघू २४ आता है . वह जब आवेगा तब हमें सब कुछ बतावेगा। यीशुने उससे कहा में जा तुकसे बालता हूं वही हूं। २६ इतनेम उसके शिष्य आये ओर अचंभा किया कि २७ वह स्तीसे बात करता है ताभी किसीने नहीं कहा कि आप क्या चाहते हैं अथवा किसलिये उससे बात करते हैं । तब स्तीने क्पना घड़ा छोड़ा और नगरमें श८ जाके लागेोंसे कहा . आओ एक मनुष्यका देखे जिसने २६ सब कुछ जो मैंने किया है मुकसे कहा है . यह क्या खीप् है। से वे नगरसे निकलके उस पास आये । ३० इस बीचर्में शिष्योंने योशुसे बिन्‍्ती किईद कि हे गुरू ३१ खाइये । उसने उनसे कहा खानेकेा मेरे पास भेजन है ३२ जा तम नहों जानते हो । शिष्पोंने आपसमे कहा क्या ३३ केाई उस पास कुछ खानेकेा लाया है । योशने उनसे ३४8 कहा मेरा भेजन यह हे कि अपने भेजनेहा रेकी इच्छा- पर चले जर उसका काम पूरा करूं। क्या तम नहीं ३५ कहते हो कि अब भी चार मास हैं तब कटनी आवेगी देखा में तुमसे कहता हूं अपनी आंखें उठाके खेतोंका देखे कि वे कटनीके लिये पक चके है। ओर काटनेहारा ३६ बनि पाता झर अनन्त जी वनके लिये फतल्न बटोरता है जिस्ते बानेहारा और क्राटनेहारा दोनों एकसंग आनन्द करें । इसमें वह बात सच्ची है कि एक बाता है और ३७ टूसरा काटता है। जिसमें तुमने परिश्रम नहीं किया है इ८ ४ पब्ख ।] याहन । २७७ उसको मैंने तुम्हें काटनेके भेजा . टूसरोंने परिश्रम किया है और तमने उनके परिघ्रममें प्रवेश किया है। ३६. उस नगरके शोमिरोनियोंमेंसे बहुतांने उस स्त्रीके बचनके कारण जिसने साश्गी दिईं कि उसने सब कुछ जो मैंने किया है मुझसे कहा है यीशुपर बिश्वास किया। ४० इसलिये जब शाोमिराोनो लोग उस पास जाये तब उससे बिन्‍्ती किईद कि हमारे यहां रहिये . और वह ४१२ वहां दो दिन रहा । हर उसके बचनके कारण बहुत ४२ अधिक ल्नागोंने बिश्वास किया . और उस स्त्रीसे कहा हम अब तेरे बचनके कारण बिश्वास नहीं करते हैं ब्यांकि हमने आपही सना है और जानतेहें कि यह सचमुच जगतका चाणकत्तो ख्रीष्र है । ४३ दो दिनके पीछे योशु वहांसे निकलके गालीलकोा ४४ गया। उसने ते आपही साथी दिईदे कि भविष्यद्वक्ता अप- ४४ ने निज देशमें आदर नहीं पाता है। जब वह गालीलमें च्याया तब गाली लियोंने उसे ग्रहण किया क्येंकि जे। कछ उसने यिरूशलीममे पब्बमे किया यथा उन्होंने सब देखा ४६ था कि वे भी पब्बम गये थे । से योश फिर गाली लके काना नगरमें ञ्राया जहां उसने जलके दाख रस बनाया था , और राजाके यहांका एक परुष था जिसका पत्र ४७ कफनाहुममें रोगी था । उसने जब सुनना कि यीशु यिह- दियासे गालीलमें ञझ्राया हे तब उस पास जाके उससे बिन्‍्ती किई कि आके मेरे पुचकेा चंगा की जिये . क्योंकि ४८ वह लड़का मरनेपर था । ग्रीशुने उससे कहा जा तुम चिन्ह और झद्ठत काम न देखे ते विश्वास नहीं करे-- रण याहन । [४ प्ले । गे । राजाके यहांके पुरूषने उससे कहा हे प्रभु मेरे ४८ बालकके मरनेके आगे आइये । यौोशने उससे कहा ४० चल्ना जा तेरा पुत्र जीता है . उस मनुष्यने उस बातपर ज्ञो यीशुने उससे कही विश्वास किया ओर चल्ला गया । कौर वह जाताहो था कि उसके दास उससे ञ्ञा मिलने ४१९ ज्ौर सन्देश दिया कि आपका लड़का जीता है। उसने ४२ उनसे पूछा किस घड़ी उसका जी हलका हुआ . उन्हें ने उससे कहा कत्न एक घड़ी दिन भकुकते ज्वरने उसके छेो- डा । से पिताने जाना कि उसी घड़ीमें हुआ जिस घड़ी ४३ योशने उससे कहा तेरा पुत्र जीता है ओर उसने ओ उसके सारे घरानेने बिश्वास किया। यह टूसरा आश्चय्य ४४ कम्मे यीशुने यिहृदियासे गालीलमे आाके किया । ५ पांचवां पब्बे । १ ग्राशक्रा बरश्चमामक दनम अडतास खरसक रागा मसनष्यक्रा चगा करना | १४ गयह्लादयाक्रा उस मार डालनका इच्छा करना । १७४ उसका अपना माहमाक्रा बगणन करना । ३० अपने विष्रयम याहनकों ओर झइश्वर प्रताकों आर घम्मपस्तक क्रो साक्तोका बणेन करना । इसके पीछे यिहृदियोंका पब्बे हुआ और यीशुयि- १ रूशत्नी मके गया। यिरूशलीममे भेड़ी फ़ाटकके पास णक कंड है जा इबीय भाषामे बेयेसदा कहावता है जिस- के पांच ओसारे हैं। इन्होंम रोगियों अधों लंगढ़ों कर ३ सखे अंगवालेंको बड़ी भीड़ पड़ो रहतो थी जो जलके हिलनेकी बाट देखते थे। क्योंकि समयके अनुसार एक 8 स्वगेटूत उस कुंडमें उतरके जलके हिल्लाता था इससे जा काई जलके हिलनेके पीछे उसमें पहित्ते उतरता था कर केाई भी रोग उसके लगा हो चंगा हो जाता था। एक 9५ ५ प्रव्ज। ] येाहन । २०8 ६ मनुष्य वहां था जे अड़तोस बरससे रोगी था। योशने उसे पड़े हुए देखके ओर यह जानके कि उसे अब बहुत दिन हो चुके उससे कहा क्या तू चंगा होने चाहता ७ है। रोगीने उसके उत्तर दिया कि हे प्रभु मेरा काई मनुष्य नहीं है कि जब जल हिल्लाया जाय तब मुर्के कुंडमें उतारे ओर जबलों मैं जाता हूं टूसरा मुझसे आगे ८ उतरता है। यीशुने उससे कहा उठ अपनी खाट उठाके € चल । वह मनुष्य तुरन्त चंगा हो गया और अपनी खाट उठाके चलने लगा पर उसी दिन बिश्रामवार था। १० इसलिये यिहृदियोंने ड्स चंगा किये हुए मनुष्यसे कहा यह बिशज्वामका दिन है खाट उठाना तुके उचित नहीं १९ है । उसने उन्हें उत्तर दिया कि जिसने मुरे चंगा किया १२ उसोने मुझसे कहा अपनी खाट उठाके चलन । उन्होंने उससे पूछा वह मनुष्य कान है जिसने तुमसे कहा १३ अपनी खाट उठाके चल । परन्तु वह चंगा किया हुआ मनुष्य नहीं जानता था वह कौन है क्योंकि उस स्थानमें भीड़ हानेसे यीश वहांसे हट गया । १४. इसके पोछे योशुने उसके मन्दिरमें पाके उससे कहा देख तू चंगा हुआ है फिर पाप मत कर न है १४ कि इससे बुरी काई बिपत्ति तुकपर आबे। उस मनुष्यने जाके यिहृदियांसे कद दिया कि जिसने मुभ्े १६ चंगा किया से यीशु है। इस कारण यिहृदियोंने यीशुका सताया ओर उसे मार डालने चाहा कि उसने बिश्राम - १७ के दिनमें यह काम किया था। यीशने उनको उत्तर दिया कि मेरा पिता अबल्लां काम करता हे में भी र्‌८० याहन। [५ पब्ले । काम करता हूं । इस कारण यिहृदियोंने और भी उसे १८ मार डालने चाहा कि उसने न केवल बिश्रामवारकी विधिका लंघन किया परन्तु इंश्वरकेा अपना निज पिता कहके अपनेके इंश्वरके तुल्य भी किया । इसपर यीशने उन्हेंसे कहा में तुमसे सच सच कहता १८ हूं पुच आपसे कुछ नहीं कर सकता है केवल जे। कुछ वह पिताका करते देखे क्योंकि जो कुछ वह करता है - उसे पुत्र भी वेसेही करता है। क्येंकि पिता पुचका प्यार २० करता है और जो वह आप करता से। सब उसकेा बताता है और वह इनसे बड़े काम उसके बतावेगा जिस्ते तुम अचंभा करे । क्यांकि जैसा पिता मृतकेंकेा २९ उठाता ओर जिलाता है वैसाही पुत्र भी जिन्हें चाहता है उन्हें जिलाता है। झेोर पिता किसीका बिचार भी २२ नहीं करता है परन्तु बिचार करनेका सब अधिकार प्चका दिया है इसलिये कि सब लाग जैसे पिताका आदर करते हैं वेसे पुचका आदर करें । जो पुच्रका २३ आदर नहीं करता है सा पिताका जिसने उसे भेजा आदर नहीं करता है । में तुमसे सच सच कहता हूं २४ जा मेरा बचन सुनके मेरे भेजनेहारेपर विश्वास करता है उसके अनन्त जोवन हे जोर टंडकी जझाज्ञा उसपर नहीं होती परन्तु वह मृत्युसे पार होके जीवनमें पहुं- चा है। में तुमसे सच सच कहता हूं वह समय आता २५ हैं और अब है जिसमें मृतक त्लाग इंश्वरके पुच्रका शब्द सुनेंगे ओर जो सुनेंगे से जीयेंगे। क्येंकि जैसा पिता २६ आपहोसे जीता है तेसा उसने पुत्रका भी अधिकार ४ पब्बे ।] याहन । र्््१ २७ दिया हे कि आपहीसे जोवे . ज्लैौर उसके बिचार करनेका भी अधिकार टिया है क्येांकि वह मनष्यका श८ पच हे। इससे अचंभा मत करो क्यांकि वह समय आता है जिसमें जे कबरोंमें हैं से सब उसका शब्द सनके रू निकत्नगे . जिससे भलाई करनेहारे जो वनके लिये जी उठेंगे और बराई करनेहारे दंडके लिये जी उठगे। ३० में आपसे कुछ नहीं कर सकता हूं जैसा में सनता हूं वैसा बिचार करता हूं और मेरा बिचार यथाथे है क्योंकि मे अपनो इच्छा नहों चाहता हूं परन्तु पिताकी ३१९ इच्छा जिसने म॒र्भे भेजा । जो में अपने विषयमे साश्षी' इ२ देता हूं ता मेरो साधश्ठी ठोक नहीं हे । टूसरा हे जो मेरे विषयमें साथ्वी देता है और में जानता हूं कि जो साथी वह मेरे विषयमे देता हे से साधथ्शी ठीक है । ३३ तमने याोहनके पास भेजा ओर उसने सत्यपर साश्यी ३४ दिईं। में मनुष्यसे साथ्शी नहीं लेता हूं परन्तु में यह ३५ बातें कहता हूं इसलिये कि तुम चाण पावा । वह ता जलता ओर चमकता हुआ दीपक था और तुम कितनी बेरत्लां उसके उजियालेमे जझ्ञानन्‍द करनेके प्रसन्न थे। ३६ परन्त योहनको साथ्वीसे बड़ो साश्ली मेरे पास हे क्योंकि जे काम पिताने मर्रझल परे करनेका दिये ह अथात येहों काम जो में करता हूं मेरे विषयम साश्षा देते ३७ हैं कि पिताने मर्झे भेजा हे । ओर पिताने जिसने मुझे भेजा आपही मेरे विषयमें साश्गी दिईं है . तुमने कभी उसका शब्द न सना है जौर उसका रूप न देखा ३८ है । कार तम उसका बचन अपनेमस नहों रखते हो 86 /9 6 श्दई याहन । [६ पब्णे। कि जिसे उसने भेजा उसका बिश्वास नहीं करते हो।। धम्मेपस्तकमे ढंढे। क्योंकि तम समझते हा कि उसमें ३८ अनन्त जीवन हमें सिलता हे ओर वहो है जो मेरे वि- षयमें साथी देता है। परन्तु तुम जीवन पानेका मेरे पास ४० आने नहों चाहते हो । में मनष्योंसे आदर नहीं लेता ४१ हूं । परन्तु में तुम्हें जानता हूं कि इेश्वरका प्रेम तुममें ४२ नहां है । मे अपने पिताके नामसे आया हूं और तम ४३ मुके ग्रहण नहीं करते है| . यदि दूसरा अपने ही नामसे आबे ता उसे महण करोगे। तम जो एक टसरेसे आदर ४8४ 'लेते हे और वह आदर जा अद्वेत इंश्वरसे हे नहीं चाहते हो वक्यांकर बिश्वास कर सकते हा | मत समभ्धा ४४ कि मैं पिताके आगे तुमपर दोष लगाऊंगा . तुमपर दोष लगानेहारा ता है अथात मूसा जिसपर तुम भरोसा रखते हो । क्येंकि जे तुम मूसाका बिश्वास करते ते ४६ मेरा बिश्वास करते इसलिये कि उसने मेरे विषय ल्विखा । परन्‍्त जे तुम उसके लिखेपर विश्वास नहों ४७ करते हा ता मेरे कहेपर वक्येंकर विश्वास करोगे । ६ छठवां पब्बे । १ योशका प्रांच सहस मनष्यांका श्रोड़े भेजनसे तप्त करना । १६ समद्रपर चलना । २२ बहता लागाका उस ट्कठ्ना आर उसका अपनका जीवनको रादाक्र दष्टान्तसे प्रगाठ करना । ४१ |ब्॒द्यादा यहादयोंकीा उत्तर दन्ना । 3] बहुत गशप्र्याक्तरा उस काडना ओर प्ररतांका उसके संग बने रहना । इसके पीछे यीश गालीलके समद कथेत तिबरियाके १ समुद्रके उस पार गया । आर बहुत ल्लाग उसके पीछे २ हा लिये इस का रण कि उन्होंने उसके ञझाश्चय्य कम्मांका 3००3233// 30 देखा जे। वह रोगियाोंपर करता था। तब यीश पब्बेतपर ३ & पब्ले ।] * येहन। रच्३ ४ चढ़के अपने शिष्योंके संग वहां बैठा। और यिहदियोंका ४ पब्बे अथात निस्तार पब्बे निकट था । योौशने अपनी आंख उठाके बहुत लगें के अपने पास आते देखा और फिलिपसे कहा हम कहांसे रोटी माल लेवें कि ये ल्लाग ६ खावें । उसने उसे परखनेकेा यह बात कही क्योंकि जो ७ बह करनेपर था सा त्राप जानता था। फिलिपने उसके उत्तर दिया कि दा सी सकियोंकी रोटी उनके लिये इतनी भी न होगी कि उनसेंसे हर एकके थोड़ो थोड़ो ८ मित्ने । उसके शिष्योंमेंसे एकने अथेत शिमेनन पितर के € भाई अन्ट्रियने उससे कहा . यहां एक छोाकरा है जिस पास जवकोी पांच राोटो और दा मछली है परन्‍्त इतने १० लोागोंके लिये ये क्या है । योशने कहा उन मनष्योंका बेठाओ . उस स्पानमें बहुत घास थी से। पुरूष जे। गि- ११ न्‍्तीमें पांच सहस्नके अटकल थे बैठ गये । तब यीशने शाटियां ले धन्य मानके शिष्योंका बांट टिईें और शिष्यों- ने बैठनेहारोंका और वेसेही मछलियोंमेंसे जितनी वे १२ चाहते थे उतनी दिईं । जब वे तृप्त हुए तब उसने अपने शिष्यांसे कहा बचे हुए टुकड़े बार ले कि कुछ खोया न दि 3 2 ९३ जाय । सो उन्होंने बटोरा ओर जवको पांच रोटियोंके जा टकड़े खानेहारोंसे बच रहे उनसे बारह टोकरो भरी । १४ उन मनपष्यांने यह आश्चय्य कम्प जे योशने किया था देखके कहा यह सचमुच वह भविष्यदुक्ता है जे जगतमे १४ आनेवाला था । जब यीोशतने जाना कि वे मुर्के राजा बनानेके लिये आके मुझे पकड़ेंगे तब बह फ़िर अकेला पब्बेतपर गया । २८४ येहन । [६ प्ले । जब सांक हुईं तब उसके शिष्य लाग समुद्रके तीरपर गये . और नावपर चढ़के समुद्रके उस पार कफनाहुमका जाने लगे . और अंधियारा हुआ था और योश उनके प्रास नहों आया था । बड़ी बयारके बहनेसे समुद्र लहरें भी उठती थीं। जब वे डेढ़ अथवा दे। केस खे गये १६ १७ थे तब उन्होंने यीशका समुदट्रपर चलते और नावके नि- - कट आते देखा और डर गये। परन्तु उसने उनसे कहा में हूं डरो मत । तब वे उसे नावपर चढ़ा लेनेको प्रसन्न थे झ्लौर तुरन्त नाव उस ती र॒पर जहां वे जाते थे लग गई। टूसरे दिन जे। ल्लाग समुद्रके उस पार खड़े थे उन्होंने जाना कि जिस नावपर यीशुके शिष्य चढ़े उसे छोाड़के बे >> न + ५० ०७ बा. 8 ढ.. ८. + आर काई नाव यहां नहों थी ओर यीश अपने शिष्योंके . संग उस नावपर नहीं चढ़ा पर केवल उसके शिष्य चलने गये। ताभी पीछे और नावें तिबरिया नगरसे उस स्थान- के निकट आई थों जहां उन्होंने जब प्रभने धन्य माना था रोटी खाई । से जब लोगोंने देखा कि यीश यहां नहीं है ज्लार न उसके शिष्य तब वे भी नावांपर चढके यीशकेा ढूंढ़ते हुए कफनाहुमका झाये । ओर बे समुद्रके पार उसे पाके उससे बोले हे गुरुआप यहां कब आये । योशने उन्हें उत्तर दिया कि में तुमसे सच सच कहता हूं तुम मुर्के इसलिये नहीं ढूंढ़ते हा कि तुमने आश्चय्ये कम्मोंका देखा परन्तु इसलिये कि उन रोटियोंमेंसे खाके तृप्त हुए । नाशमान भाजनके लिये परिश्रम मत करो परनन्‍्त उस भाजनके लिये जो अनन्त जीवनलों रहता हे जिसे मनुष्यका पुत्र तुमका देगा क्योंकि पिताने अथात इश्वर- र्३ ६ पब्ले |] येहन । रद र८ ने उसीपर छाप दिई है। उन्हेंने उससे कहा इश्वरके र€ काय्य करनेके हम क्या करें। यीशने उन्हें उत्तर दिया इंश्वरका काय्ये यह है कि जिसे उसने भेजा है उसपर ३० तुम बिश्वास करो। उन्होंने उससे कहा आप कानसा आश्चय्य कम्मे करतेहें कि हम देखके झ्रापका बिश्वास ३१ करें . जाप क्या करते हैं । हमारे पितरोंने जंगलमें मन्ता खाया जेसा लिखा है कि उसने उन्हें स्वगेकी रोटी ३२ खानेका दिईद। योशने उनसे कहा में तमसे सच सच कहता हूं मूसाने तुम्ह स्वरगंकी रोटी न दिईदं परन्त ३३ मेरा पिता तम्ह सच्ची स्वगंकी राटी देता है। क्यांकि इंश्बरकी रोटो वह हे जो स्वगेसे उतरती और जगतकोा ३४ जीवन देती है। उन्हेंने उससे कहा हे प्रभु यही ३५ रोटी हमें नित्य दीजिये। योशुने उनसे कहा जीवनकी शेटी मैं हूं . जा मेरे पास आवे से कभी भूखान होगा और जो मुझपर बिश्वास करे से कभी पियासा ३६ न होगा । परन्तु मेंने तुमसे कहा कि तुम मुर्धे देख भी ३७ चके खआोर विश्वास नहों करते हो । सब जे पिता ममरूकओ देता है मेरे पास आवेगा आर जो कोई मेरे पास आवे में उसे किसी रीतिसे टूर न करूंगा । इं८ क्योंकि में अपनी इच्छा नहों परन्त अपने भेजनेहा रेकी ३९ इच्छा पूरी करनेकोा स्वगेसे उतरा हूं । और पिताकी इच्छा जिसने म्॒के भेजा यह हे कि जिन्हे उसने समरकेा दिया है उनमेंसे में किसीके न खोऊं परन्त॒ उन्हें ४० पिछले दिनमे उठाऊं। मेरे भेजनेहारेकी इच्छा यह है कि जे काई पुत्रका देखे और उसपर बिश्वास इंच ग्राहन । [६ पब्ले ॥ करे से अनन्त जीवन पावे खेर में उसे पिछल्ने टिनमें उठाऊंगा । तब यिहृ॒दोी लेग उसके विषयम कुड़कुड़ाने लगे इस- ४९ लिये कि उसने कहा जो रोटी स्वगेसे उतरी सो में हूं। वे बोले क्या यह यूसफका पुत्र यीशु नहीं है जिसके ४२ माता और पिताका हम जानते हैं . तो वह व्यांकर कहता है कि मैं स्वगंसे उतरा हूं । यीशुने उनके उत्तर ४३ दिया कि आपसमें मत कुड़कुड़ओ। यदि पिता जिसने ४४ मुझे भेजा उसे न खोंचे ता काई मेरे पास नहीं आ सकता है और उसको में पिछले दिनमें उठाऊंगा। भविष्यद्ृक्ताओंके पुस्तकें त्लिखा' है कि वे सब इेश्वरके ४५४ सिखाये हुए होंगे सा हर एक जिसने पितासे सुना और सीखा है मेरे पास आता है। यह नहीं कि किसीने पिता- ४६ का देखा है . केवल जे इदेशवरकी ओरसे है उसीने पिताका देखा है। में तुमसे सच सच कहता हूं जे काई 8७. समूपर बिश्वास करता है उसके अनन्‍त जीवन है। में 8८ जीवनकी रोटो हं । तम्हारे पितरोंने जंगलम मन्ना 8८ खाया ओर मर गये। यह वह रोटो हे जा स्वगंसे उतरती ४० है कि जे उससे खाबे से न मरे । में जीवती रोटी हूं ४९ जा स्वगंसे उतरी . यटि काई यह रोटो खाय तो सदाल्नां जीयेगा और जो रोटो में देऊंगा सा मेरा मांस हे जिसे में जगतके जीवनके लिये देऊंगा । इसपर यिहृदी ल्लाग ४२ आपसमें बिबाट करने लगे कि यह हमें क्योंकर अपना मांस खानेका दे सकता है। यीशुने उनसे कहा में तुमसे ४३ सच सच कहता हूं जे तुम मनुष्यके पुचका मांस न खावोा ६ पब्ज।] येाहन । र८७ और उसका लोाह न पीवे ते तुममें जीवन नहीं है। ४४ जा मेरा मांस खाता और मेरा लाह पोता है उसके अनन्त जीवन है और में उसे पिछले दिनमें उठाऊंगा। ४५४ क्योंकि मेरा मांस सच्चा भेजन है और मेरा लाह सच्ची ४६ पीनेकी बस्तु है। जो मेरा मांस खाता और मेरा लाह पीता है से मुकमें रहता है ओर मैं उसमें रहता हूं। ४७ जैसा जीवते पिताने मुरे भेजा और में पितासे जीता ४८ हूं तेसा वह भी जो मुझे खावे मुझसे जीयेगा। यह वह रोटी है. जो स्वगेसे उतरी . जैसा तुम्हारे पितरोंने मन्ना खाया ओर मर गये शेसा नहीं . जो यह रोटी ४९ खाय से सदालों जीयेगा । उसने कफनोहुममें उपदेश करते हुए सभाके घरमें यह बातें कहीं । ६०. उसके शिष्योंमेंसे बहुतांने यह सुनके कहा यह बात ६९ कठिन है इसे कान सुन सकता है। यीशने अपने मनमें जाना कि उसके शिष्य इस बातके विषयमें कुड़कुड़ाते हैं इसलिये उनसे कहा क्या इस बातसे तुमका ठोकर ६२ ल्वगती है। यदि मनुष्यके पुच्रका जहां वह आगे था ६३ उस स्थानपर चढ़ते देखे तो क्या कहागे । आत्मा ते जीवनदायक है शरीरसे कुछ लाभ नहों . जो बातें में ६४ तुमसे बालता हूं सा आत्माहें ओर जीवन हैं। परन्तु तुम्होंमेंसे कितने हैं जे विश्वास नहीं करते हैं. यीश ते आरंभसे जानता था कि वे कान है जे बिश्वास करनेहारे नहीं हैं ओर वह कान है जे मुके पकड़- ६४५ वायगा । और उसने कहा इसी लिये मैंने तुमसे कहा है कि यदि मेरे पिताकी ओआरसे उसके न दिया जाय र्प्फ येाहन । [५ पब्छे । ते काई मेरे पास नहीं ता सकता है । इस समयसे ६६ उसके शिष्योंमेंसे बहुतेरे पीछे हटे और उसके संग और न चल्ने । इसलिये योशने उन बारह शिष्येंसे कहा क्या ६७ तुम भी जाने चाहते हो | शिमिन पितरने उसके उत्तर ६८ - दिया कि हे प्रभु हम किसके पास जाये . आपके पास अनन्त जीवनकी बातें हैं । और हमने बिश्वास किया ६< और जान लिया है किञ्लाप जीवते इंश्वरके पुच ख्रीघ्र हैं । यीशुने उनके उत्तर दिया क्या मैंने तुम बारहोंकेा ७० नहीं चुना और तुममेंसे एक ता शैतान है। वह शिमेन- ७१ के पुच्र यिहूदा इस्करियातीके विषयमे बोत्ना क्येंकि वही उसे पकड़वानेपर था और वह बारह शिष्पोंमेंसे एक था । ७ सातवां पब्बे। १ योशका अपने भाइयोंसे बातचीत करना ओर तंब्रबास पब्थेम यिरूशलोमकोा जाना । १४ मन्दिरम यहूदियेंकेा उपदेश देना । २४ योशुके विषय लागेंके अनेक बिचार ओर उसका उत्तर देना । ४५ प्यादों आर फरोशियों ओर निकका- दोमका आपसमे विबाद । इसके पीछे यीश गालीलमें फिरने लगा क्योंकि १ यिहूदी लोग उसे मार डालने चाहते थे इसलिये वह यिहृदियामें फिरने नहीं चाहता था। और यिहृदियांका पव्बे अथात तंबूबास पब्बे निकट था | इसलिये उसके ३ भाइयोंने उससे कहा यहांसे निकलके यिहृदियामें जा कि तेरे शिष्य लाग भी तेरे काम जो तू करता है देखें । क्योंकि काई नहीं गुप्तमें कुछ करता और आपही प्रगटठ ४8 होने चाहता है . जो तू यह करता है ता अपने तह जगतके दिखा । क्येंकि उसके भाई भी उसपर विश्वास नहीं करते थे | यीशने उनसे कहा मेरा समय अबलों ६ श्टट ७ प्रब्ब।] याहन । २८६ नहीं पहुंचा है परन्तु तुम्हारा समय नित्य बना है। ७ जगत तुमसे बेर नहीं कर सकता है परन्तु वह मुझसे बैर करता है क्योंकि मैं उसके विषयमें साथ्यी देता हूं ८ कि उसके काम बरे हैं । तम इस पब्बेमें जाओ . में अभी इस पब्बेमें नहों जाता हूं क्योंकि मेरा समय अब- € ल्नों पूरा नहीं हुआ है । वह उनसे यह बातें कहके ० गालोीलमें रह गया । परन्तु जब उसके भाई लेाग चलने गये तब वह आप भी प्रगट हो के नहों पर जैसा गुप्त हा के ११९ पब्बेमें गया । यिह॒दी लग पब्बेमें उसे ढूंढ़ते थे ओर १२ बोले वह कहां है। और लेग उसके विषयमें बहुत बातें आपसमें फुसफुसाके कहते थे . कितनोंने कहा वह उत्तम मनुष्य है परन्‍्त आऔरोंने कहा से नहीं पर वह १३ लागोंका भरमाता है। ताभी यिहृदियोंके डरके मारे . कोई उसके विषयमें खालके नहीं बात्ला । १४ पब्बेके बीचाबीच यीश मन्दिरमें जाके उपदेश करने १५ लगा । यिहदियोंने अचंभा कर कहा यह बिन सीखे १६ क्यांकर बिद्या जानता है। यीशुने उनके उत्तर दिया कि १७ मेरा उपदेश मेरा नहीं परन्तु मेरे भेजनेहारेका है। यदि काई उसको इच्छापर चला चाहे ता इस उपदेशके विषयमें जानेगा कि वह इंश्वरकी ओरसे है अथवा में १९८ अपनी ओरसे कहता हूं। जो अपनी ओरसे कहता है सा अपनीही बढ़ाई चाहता हे परन्‍्त जा अपने भेजने- हारेकी बढ़ाई चाहता है साई सत्य है ज्लार उसमें १८ अधम्मे नहीं है। क्या ससाने तम्हे व्यवस्था न टिई . ताभी तममेंसे काई ब्यवस्थापर नहीं चलता है , तम क्यों मम्के 37 २६० याहन । [० पब्ले । मार डालने चाहते हा | लोागोंने उत्तर दिया कि तुके २० भूत लगा है. कान तुके मार डालने चाहता है। यीशुने २५ उनके उत्तर दिया कि मैंने एक काम किया और तुम सब अचंभा करते हो। मूसाने तुम्हें खतनेकी आज्ञा २२ दिईं . इस कारण नहीं कि वह मूसाकी ओरतसे है परन्तु पितरोंकी ओरसे है. और तुम बिआ्रासके दिनमें मनुष्य- का खतना करते हा । जे बिआञमके दिनमें मनुष्यका २३ _खतना किया जाता है जिस्ते मूसाकी व्यवस्था लंघन न हाय ते तुम मुरूसे क्यों इसलिये क्राध करते हा कि मैंने बिआमके दिनमें सम्पूण एक मनुष्यके चंगा किया। मुंह देखके बिचार मत करो परन्तु यथाथे बिचार करे। २४ तब यिरूशलोीमके निवासियोंमेंसे कितने बात्ने क्या २४ यह वह नहीं है जिसे वे मार डालने चाहते हैं। और २६ देखा वह खालके बात करता है और वे उससे कुछ नहीं कहते . क्या प्रधानोंने निश्चय जान लिया है कि यह सचमुच ख्रीष है। परन्तु इस मनुष्यका हम जानते हैं कि २७ वह कहांसे है पर खीध्र जब आवेगा तब काई नहीं जा- नेगा कि वह कहांसे है। यीशने मन्दिरमें उपदेश करते र८ हुए पुकारके कहा तुम मु्के जानते ओर यह भी जानते हो कि में कहांसे हूं. में ता आपसे नहीं आया हूं परन्तु मेरा भेजनेहारा सत्य है जिसे तुम नहीं जानते हा। में २ उसे जानता हूं क्योंकि में उसको ओरसे हूं ओर उसने मुर्के भेजा है। इसपर उन्हेंने उसके पकड़ने चाहा ताभी ३० किसीने उसपर हाथ न बढ़ाया ब्यांकि उसका समय अबलों नहीं पहुंचा था । ओर ल्ागोंमेंसे बहुतांने उस- ३९ ७ पब्बे ।] याहन ॥ २६१ पर बिश्वास किया और कहा ख्रीप्र जब आवेगा तब क्या इन आश्चय्य कम्मांसे जे इसने किये हैं अधिक करेगा। ३२ फरीशियोंने लागोंके उसके विषयमें यह बातें फुस- फुंसाके कहते सुना और फरीशियों और प्रधान याज- ३३ कोने प्यादोंके उसे पकडनेकेा भेजा । इसपर योशने कहा में अब थाड़ो बेर तम्हारे साथ रहता हूं तब ३४ अपने भेजनेहारेके पास जाता हूं। तुम मुझे ढंढ़ागे और न पाओगे और जहां में रहूंगा तहां तुम नहीं आ ३५ सकागे । यिहृदियोंने आपसमे कहा यह कहां जायगा कि हम उसे नहीं पावेंगे . क्या वह यनानियोंमेंके तितर बितर लेागोंके पास जायगा ओर यनानियोंकेा ३६ उपदेश देगा । यह क्या बात है जा उसने कही कि तम मरे ढंढाोगे और न पाओरगे और जहां में रहूंगा तहां तम नहों ञत्रा सकेागे। ३७ पिछले दिन पब्बंके बड़े दिनमें योशने खड़ा हो। पका- रके कहा यदि काई पियासा होबे ता मेरे पास आके ' इ८ पीबे । जो मुझपर विश्वास करे जैसा धम्मेपुस्तकने कहा तेसा उसके अन्तरसे अमृत जलको नदियां बहेंगी। ३८ उसने यह बचन आत्माके विषयमें कहा जिसे उसपर बिश्वास करनेहारे पानेपर थे क्योंकि पविच आत्मा अबल्नों नहीं दिया गया था इसलिये कि योशुकी महिमा ४० अबलों प्रगट न हुईं थी । लोागोेंमेंसे बहुतांने यह बचन सुनके कहा यह सचमुच वह भविष्यदुक्ता है । ४१ ओरोंने कहा यह खोष है परन्त ओरेंने कहा क्या ख्रीघ्र ४२ गालीलमेंसे झावेगा । क्या धम्मेपुस्तकने नहीं कहा २६२ याहन । [८ पब्जे। कि ख्रीप्र दाऊदके बंशसे ओर बेतलहम नगरसे जहां दाऊद रहता था झआझावेगा । सा उसके कारण ल्लागोंमें ४३ बिभेद हुआ । उनमेंसे कितने उसके पकड़ने चाहते ४४ थे परन्तु किसीने उसपर हाथ न बढ़ाये । छठ तब प्यादे लाग प्रधान याजकों और फरीशियोंके ४५ पास आये और उन्हेंने उनसे कहा तुम उसे क्यों नहों लाये हो । प्यादोंने उत्तर दिया कि किसी मनुष्यने ४६ कभी इस मनुष्यकी नादें बात न किईदे । फरोशियोंने ४७ उनके उत्तर दिया क्या तुम भी भरमाये गये हो । क्या ४८ प्रधानों अथवा फरीशियोंमेंसे किसोने उसपर विश्वास किया है । परन्तु ये ल्लाग जो ब्यवस्थाके। नहीं जानते ४८ हैं स्रापित हैं । निकेटीम जो रातका योशु पास झाया ४० और क्ञाप उनमेंसे णक था उनसे बोला . हमारी ४१ व्यवस्था जबलों मनुष्यकी न सुने और न जाने कि वह क्या करता है तबत्नों क्या उसके दोषी ठहराती है। उन्होंने उसे उत्तर दिया क्या आप भी गाल्नीलके हैं . ४२ ढूंढ़के देखिये कि गाल्ोलमेंसे भविष्यद्गक्ता प्रगट नहीं हाता । तब सब कोई अझपने अपने घरकेा गये। ४३ ८ आठवां पब्ब । १ योशुका णक व्यभिचारिणोका छुड्राना । १९ उसके उपदेशको सच्चा इंका प्रमाण। २१ उसका यिहृदियोंका चिताना । ३३ इब्राहोमक सुभावके दष्ट्रान्सस डन्देंको कुचालपर उलहना देना। ४८ श्रपनो महिमाका बस्थान करना । ब्पु ्श बे हे है परन्तु यीशु जेतून पब्बेतपर गया . ओर भा रका फ़िर ३ मन्टदिरमें आया ओर सब लेग उस पास जाये और वह बैठके उन्हें उपदेश देने लगा । तब अध्यापकों और ३ ८ पब्ब ।] याोहन । र६३ फरी शियोने एक स्तीको जो व्यभिचा र में पकड़ी गई थी ४ उस पास लाके बीचमें खड़ी किई . और उससे कहा हे ५ गरू यह स्त्री ब्यभिचार कम्मे करतेही पकड़ी गई । ब्यव- स्थामें मसाने हमें आज्ञा दिद्दे कि ऐेसी स्त्रियां पत्यरवाह ६ किई जावें सा आप क्या कहते हैं। उन्हेंने उसकी परीक्षा 'करनेका यह बात कही कि उसपर दोष लगानेका गो मिलने परन्तु योश नीचे कुकके उंगलीसे भूमिपर लिखने ७ लगा।जब वे उससे पूछते रहे तब उसने उठके उनसे कहा : तुम्होंमेंसे जे निष्पापी हाय से पहित्ले उसपर पत्थर फ्रेके। और वह फिर नीचे कुकके भूमिपर ल्लिखने त्वगा। पर वे यह सुनके और अपने अपने मनसे दोषी उहरके बड़ोंसे लेके छोटोंतक एक एक करके निकल गये और केवल योश रह गया और वह स्त्री बीचमें खड़ी रही । . १० यीशुने उठके स्त्रीका छोड़ और किसीके न देखके उससे कहा हे नारो वे तेरे दोषदायक कहां हैं . क्या किसीने १९ तकपर दडकों आज्ञा न दिदे। उसने कहा हे प्रभ कि- : सीने नहों . योशने उससे कहा मे भी तरकपर दटंडको आज्ञा नहीं देता हूं जा और फिर पाप मत कर । १५ तब यीशने फिर लोागोंसे कहा में जगतका प्रकाश हूं जा मेरे पोछे झावे सा अधका रम नहों चतल्मनेगा परन्त १३ जीवनका उजियाला पावेगा। फरी शियों ने उससे कहा तू अपनेही विषयमें साथी देता है तेरी साथी ठीक नहीं १४ है। यीशने उनके उत्तर दिया कि जो में अपने विषयमें साथी देता हूं ताभी मेरी साथ्गी दीक है क्येंकि में जानता हू किम कहांसे आया हूं आर कहां जाता हूं परन्तु तुम कि २६४ याहन । [८ प्रब्बे। नहीं जानते हो कि में कहांसे आता हूं ओर कहां जाता हूं। तुम शरोरकोा देखके बिचार करते हे में १५ किसीका विचार नहों करता हूं । ओर जो में बिचार १६ करता हूं भी ता मेरा बिचार ठीक है क्योंकि मं अकेला नहीं हूं परन्तु मं हूं आर पिता है जिसने मुझे भेजा। तम्हारों ब्यवस्थामें लिखा हे कि दा जनोंको साथ्यी १७ ठीक होती है। एक में हूं जो अपने विषयमें साथी देता हूं १८ और पिता जिसने मु्के भेजा मेरे विषयमें साथी देता है । तब उन्हेंने उससे कहा तेरा पिता कहां है . १८ यीशने उत्तर दिया कि तुम न मुरके न मेरे पिताकोा जानते हो - जा मुर्के जानते तो मेरे पिताका भी जानते । यह बातें यौशुने मन्दिरमें उपदेश करते हुए २० भंडार घरमें कहीं और किसीने उसको न पकड़ा क्योंकि उसका समय अबलों नहीं पहुंचा था । तब यीशुने उनसे फ़िर कहा में जाता हूं ओर तुम २९ मुके ढूंढ़ोगे आर अपने पापमें मरोगे . जहां में जाता हूं तहां तुम नहीं झा सकते हो । इसपर यिहृदियोंने कहा २२ क्या वह अपनेके मार डालेगा कि वह कहता है जहां में जाता हू तहां तुम नहीं आ सकते हा । उसने उनसे २३ कहा तम नाचेके हो में ऊपरका हं .तम इस जगतके हा में इस जगतका नहीं हूं। इसलिये मैंने तुमसे कहा २४ कि तम अपने पापोंम मरोगे क्येंकि जे तम बिश्वास न करो कि में वही ह ता अपने पापोंमे मरोगे । उन्होंने उससे कहा त कन है . योशने उनसे कहा २४ ३ ७.8 दध्थ5 पहिले जो में तुमसे कहता हूं वह भी सुने । तुम्हारे २६ ८ पब्ले ।] याहन । २६५ विषयमें मु्दे बहुत कुछ कहना और बिचार करना हे परन्तु मेरा भेजनेहारा सत्य हे और जे मैंने उससे सुना २० है साई जगतसे कहता हूं। वे नहीं जानते थे कि वह रु८ उनसे पिताके विषयमें बेलता था। तब योशने उनसे कहा जब तुम मनुष्यके पुच॒का ऊंचा करोगे तब जानागे कि मैं वही हूं और कि मैं आपसे कुछ नहीं करता हूं परन्तु जैसे मेरे पिताने मुझे सिखाया तेसे में यह बातें २९ बालता हूं । और मेरा भेजनेहारा मेरे संग है . पिताने मुझे अकेला नहीं छोड़ा है क्योंकि में सदा वही करता ३० हूं जिससे वह प्रसन्न हाता है। उसके यह बातें बालते- ३९ ही बहुत लागोंने उसपर विश्वास किया। तब योशने उन यिहृदियोंसे जिन्होंने उसपर बिश्वास किया कहा जो तुम मेरे बचनमें बने रहो तो सचमुच मेरे शिष्य इर हा । और तुम सत्यका जानागे ओर सत्यके द्वारासे तुम्हारा उद्वार होगा । ३३ उन्होंने उसको उत्तर दिया कि हम तो इब्बराहीमके बंश हैं झैर कभी किसीके दास नहीं हु हैं . तू क्योंकर ३४ कहता है कि तुम्हारा उद्ठार हागा। यीशने उनके उत्तर दिया मैं तुमसे सच सच कहता हूं कि जे काई पाप करता ३५ है से पापका दास है। दास सदा घरमें नहीं रहता है. ३६ पुत्र सदा रहता है। से यदि पुच् तुम्हारा उद्ठार करे ते ३७ निश्चय तुम्हारा उद्टार हागा। में जानता हूं कि तुम इब्ाहीमके बंश है| परन्तु मेरा बचन तुमसे नहीं समाता ३८ है इसलिये तुम मुझे मार डालने चाहते हो । मेंने अपने पिताके पास जो देखा है से कहता हूं और तुमने र्ष्द्र याहन । [८ पब्ले । अपने पिताके पास जो देखा हे सा करते हो। उन्हेंने ३८ उसके उत्तर दिया कि हमारा पिता इब्राहीम है « यीशने उनसे कहा जे तुम इवाहीमके सन्‍्तान होते ते इबाहीमके कम्मे करते । परन्तु अब तुम मुे अथात ४० एक मनुष्यका जिसले वह सत्य बच्चन जो मेंने इंश्वर- से सुना तुमसे कहा है मार डालने चाहते हो . यह ते इबाहीमने नहीं किया । तुम अपने पिताके कम्मे ४९ करते हो . उन्होंने उससे कहा हम ब्यभिचारसे नहीं जन्मे हैं हमारा एक पिता है अथात इश्वर । यीशुने ४२ उनसे कहा यदि इंश्वर तुम्हारा पिता होता ते तुम मर्के प्यार करते क्यांकि में इंश्वरकी ओरसे निकलके आया हूं . में आपसे नहीं आया हूं परन्तु उसने मुभ्के भेजा । तुम मेरी बात क्यों नहों बूकते हा . इसोलिये ४३ कि मेरा बचन नहीं सुन सकते हो । तुम अपने पिता ४४ शैतानसे हे। और अपने पिताके अभिलाषोंपर चलना चाहते हो . वह आरंभसे मनुष्यघाती था और सच्चा ईमें स्थिर नहीं रहता क्योंकि सच्चाई उसमें नहीं है . जब वह भूठ बोलता तब अपने स्वभावहोसे बोलता है क्यों- कि वह कूठा ओर भकूठका पिता है । परन्तु में सत्य ४५ कहता हूं इसीलिये तुम मेरो प्रतीति नहीं करते हो । तममेंसे कान म्॒के पापी ठहराता है . और जो में ४६ सत्य कहता हूं ता तुम क्यों मेरी प्रतीति नहीं करते हे। | जे इंश्वरसे हे सा इश्वरकी बातें सनता है . ४७ तुम इश्वरसे नहीं हा। इस कारण नहीं सुनते हो । तब यगिहृदियांने उसके उत्तर दिया क्या हम अच्छा ४८ ८ प्रब्बे ।] याहन । २६० नहीं कहते हैं कि त शामिरोनी है और भत तमे लगा ४८ है। यीशने उत्तर दिया कि मम््के भत नहों लगा है परन्तु में अपने पिताका सन्‍्मान करता हूं और तुम ४० मेरा अपमान करते हो । पर में अपनी बड़ाई नहों चाहता हूं . शक है जे चाहता और बिचार करता है। ४९ में तुमसे सच सच कहता हूं यदि काई मेरी बातकेा ४२ पालन करे ता वह कभी मत्यका न देखेगा । तब यिहृदियोंने उससे कहा अब हम जानते हैं कि भूत तुके लगा है . इबाहीम और भविष्यदुक्ता लोग मर गये हैं छ्लेर त कहता है कि यदि काई मेरी बातकेा पालन ४३ करे ता वह कभी मृत्यका स्वाद न चीखेगा । क्या त हमारे पिता इब्राहीमसे जे मर गया है बढ़ा है भविष्यद्क्ता लोग भी मर गये हैं . तू अपने तईें क्या ५४ बनाता है । यीशने उत्तर दिया किजो मैं अपनी बड़ाई करूं ता मेरी बड़ाई कुछ नहीं है . मेरी बड़ाईं करने- हारा मेरा पिता है जिसे तुम कहते हा कि वह हमारा ४५ इंश्वर है। ताभी तुम उसे नहीं जानते हो परन्तु में उसे जानता हूं ओर जो में कहूं कि मैं उसे नहीं जानता हूं ता में तम्हारे समान भकठा होंगा परन्त में उसे जानता कोर उसके बचनकेो पालन करता ४६ तुम्हारा पिता इबाहीम मेरा दिन देखनेका हषित होता ४७ था और उसने देखा ओर आनन्द किया । यिह्दियोंने उससे कहा तू अबल्नों पचास बरसका नहीं है और ४८ क्या तूने इवबाहीमके देखा है । यीशुने उनसे कहा मैं तुमसे सच सच कहता हक इबाहीमके होनेके पहिलेसे रह ग्राहन । [६ पब्ले। ज्ञे हूं । तब उन्होंने पत्थर उठाये कि उसपर फेंके परन्तु ४८ [>>] जे 8 के बा 49० पी न्दिर्सि यीश छिप गया और उन्हेंकओे बीचमेंसे होके म [न + ९९५ निकला और यूंहीं चला गया । + + € नावा पब्ब योशका एक अन्छेके चेंगा करना । ८ पड़ोसियों ओर फरोशियेंका उस चंगा किये हुए मनुष्यसे प्रश्न करना। १८ यिह॒दियेंका उसके माता पितासे प्रश्न करना। २४ फरोशियेंक आगे उसका योशुका मान लेना ।३५ योशक्रा अपनेका उसपर प्रगठ करना । जाते हुए यीशुने एक मनुष्यका देखा जे जन्मका आधा था। और उसके शिष्योंने उससे पूछा हे गुरु किसने पाप किया इस मनुष्यने अथवा उसके माता पिताने जो वह अंधा जन्मा । यीशुने उत्तर दिया किन तो इसने न इसके माता पिताने पाप किया परन्तु यह इसलिये हुआ कि इंश्वरके काम उसमें प्रगट किये जाये। मुझे दिन रहते अपने भेजनेहारेके कामों के करना अवश्यहैे . रात आती है जिसमें काई नहीं काम कर सकता है । जबल्नों मैं जगतमें हूं तबत्नां जगतका प्रकाश हूं । यह कहके उसने भूमिपर थूका और उस थूकसे मिट्टी गीली करके वह गीली मिट्टी अंधेकी आंखेंपर लगाई . और उससे कहा जाके शीलोहके कुंडमें घो जिसका अथे यह है भेजा हुआ . से उसने जाके घाेया और देखते हुए आया। तब पड़ेोसियोंने और जिन्हेंने आगे उसे अंधा देखा था उन्हेंने कहा क्या यह वह नहीं है जे! बेठा भीख ब्ट बा क ने मांगता था। कितनोंने कहा यह वही है ओरोंने कहा शनि €्‌ यह उसकी नाईं है वह आप बोला में वही हूं । तब ९० उन्होंने उससे कहा तेरी आंखें क्यांकर खुलीं । उसने २९ & पब्जे ।] याहन । रध्६ उत्तर दिया कि यीशु नाम एक मनुष्यने मिट्टी गोली करके मेरी आंखोांपर लगाई जऔर मुझसे कहा शी त्लाह- के कुंडका जा और थे से मैंने जाके घाया ओ टृूपि १२ पाई । उन्होंने उससे कहा वह मनुष्य कहां है . उसने कहा में नहीं जानता हूं । १३ वे उसको जो आगे अंधा था फरोशियोंके पास १४ लाये । जब यीशुने मिट्टी गीली करके उसकी आंखें १५ खोली थीं तब विश्वामका टिन था | सा फरोशियोंने भी फिर उससे पूछा तूने किस रीतिसे ट्र॒ष्मि पाई . वह उनसे बाला उसने गीली मिट्टी मेरी आंखेंपर लगाई १६ और मेंने घेया और देखता हूं। फरी शियोंमेंसे कितनोंने कहा यह मनुष्य इश्वरकी ओरसे नहीं है व्येंकि वह बिशत्रामका दिन नहीं मानता है . ओरोंने कहा पापी मनुष्य क्यांकर ऐसे आश्चय्ये कम्मे कर सकता है . ९७ और उन्होंमें बिभेद हुआ । वे उस अंधेसे फिर बोलने उसने जो तेरो आंखे खेलों तो तू उसके विषयमें क्या कहता है . उसने कहा वह भविष्यद्गक्ता है । ९८. परन्तु यिहृदियोंने जबल्नां उस ट्रप्मि पाये हुए मन्तु- प्यके माता पिताका नहीं बुलाया तबलां उसके विषयमें १९८ प्रतीति न किईं कि वह अंधा था औ ट्रप्मि पाई। और उन्होंने उनसे पूछा क्या यह तुम्हारा पुत्र है जिसे तुम कहते हो कि वह अधा जन्‍मा . ता वह अब ब्यांकर २० देखता है । उसके माता पिताने उनके उत्तर दिया हम जानते हैं कि यह हमारा पुत्र है और कि वह आअंधा २१९ जन्मा । परन्तु वह अब ब्यांकर देखता है से हम नहों ३०० । ग्राहन । [६ प्रब्जे । जानते अथवा किसने उसकी आंखें खालीं हम नहीं जानते हैं . वह सयाना है उसीसे पूछिये वह अपने वि- पयमें झ्ञाप कहेगा। यह बातें उसके माता पिताने इस- २२ लिये कहीं कि वे यिहृदियोंसे डरते थे ब्यांकि यिहृदी लोग आपसमें ठहरा चुके थे कि यदि काई यीशको ख्रीष करके मान लेवे ता सभामेंसे निकाला जायगा। इस का- २३ रण उसकेमाता पिताने कहा वह सयाना है उसीसे पूछिये। तब उन्हेंने उस मनुष्यका जो अधा था टूसरी बेर २४ बुलाके उससे कहा इेश्वरका गुणानुबाद कर. हम जानते हैं कि यह मनुष्य पापी है। उसने उत्तर दिया वह पापी २४ है कि नहीं से में नहीं जानता हूं ण्क बात मैं जानता हूं कि में जो अंधा था अब देखता हूं । उन्होंने उससे २६ फिर कहा उसने तुकूसे क्या किया . तेरी आंखें किस रीतिसे खोलीं । उसने उनके उत्तर दिया कि में ञ्ञाप २७ लेागोंसे कह चुका हूं ओर आप लोगेंने नहीं सुना . किसलिये फिर सुना चाहते हैं . क्या आप लेग भी उसके शिष्य हुआ चाहते हैं। तब उन्होंने उसकी निन्‍दा कर र८ कहा तू उसका शिष्य है पर हम मूसाके शिष्य हैं। हम २« जानते हैं कि इश्वरने मूसासे बातें किईदे परन्तु इसको हम नहीं जानते कि कहांसे है। उस मनुष्यने उनके ३० उत्तर दिया इसमें अचंभा है कि ञ्राप लाग नहीं जानते वह कहांसे हे ओर उसने मेरी आंखे खोली हैं । हम ३९ जानते हैं कि इदेश्वर पापियोंकी नहीं सुनता है परन्तु यदि कोई इंश्वरका उपासक हाय और उसकी इच्छापर चले ते वह उसकी सुनता है। यह कभी सुननेमें नहीं ३२ १० पब्बे ।] याहन । ३०९ बजाया कि किसीने जन्मके अंधेकी आंख खोतल्ली हों। ३३ जो यह इंश्वरको ओरसे न होता ते कुछ नहीं कर ३४ सकता । उन्हेंने उसके उत्तर दिया कि तू ता सम्पणे पापों जन्मा और क्या त हमें सिखाता है . और उन्होंने उसे बाहर निकाल दिया। ३५ योशने सुना कि उन्हेंने उसे बाहर निकाल दिया था और उसके पाकरके उससे कहा क्या तू इंश्वरके ३६ पुच॒पर विश्वास करता है। उसने उत्तर दिया कि है प्रभु ३७ वह कोन है कि में उसपर बिश्वास करूं। यौशुने उससे कहा तूने उसे देखा भी है और जे तेरे संग बात करता ३८ है वही है। उसने कहा हे प्रभु में बिश्वास करता हूं ३८ और उसके प्रणाम किया । तब यीशने कहा में इस जगतमें बिचारके लिये आया हूं कि जो नहीं देखते हैं ४० से देख और जो देखते हैं से अंधे हे जावें। फरीशि- योंमेंसे जे जन उसके संग थे से यह सुनके उससे बोल्ले ४8१ क्या हम भी अंधे हैं । यीशुने उनसे कहा जो तुम अंधे होते तो तुम्हें पाप न होता परन्तु अब तुम कहते है। के 8 व कि हम देखते हैं इसलिये तुम्हारा पाप बना रहा । १० दसवां पब्बे । १ योशका अपनेकेा गड़ेरियि ओर द्वारके दृष्टान्तांसे प्रगट करना । १९ उसके विषयर्म यिहदियांका बिबाद। २९ उसका अपनो भेड़ोंका प्रतिज्ञा और अपना सचचाईेका प्रमाण देना । ३४ यदनके उस प्रार जाना । १ मे तुमसे सच सच कहता हूं कि जा द्वारसे भेड़शालाम नहीं पेठता परन्तु टूसरी ओरसे चढ़ जाता है से चार हे ० कक २ आओ डाक्‌ है। जो ट्वारसे पेठता है से भेड़ेंका रखवात्ला ३०२ येहन । [१० पब्बे । है । उसके लिये द्वारपाल खोल देता है और भेंडें उसका ३ शब्द सनती हैं खार वह अपनी भेडोंका नाम ले तने बलाता है और उन्हें बाहर ले जाता है। और जब वह ४ अपनी भेड़ बाहर ले जाता है तब उनके आगे चलता है और भेंडे उसके पीछे हो लेती हैं ब्येंकि वे उसका शब्द जानती हैं । परन्तु वे परायेके पीछे नहीं जायेंगीं पर ४. उससे भागेंगीं क्यांकि वे परायोंका शब्द नहीं जानती है। यीशने उनसे यह ट्प्रान्त कहा परन्त उन्होंने न बा ६ई कि यह क्या बातें हैं जो वह हमसे बालता है । तब ७ यीशुने फिर उनसे कहा मे तुमसे सच सच कहता हूं भेड़ोंका द्वार हूं। जितने मेरे आगे आये से सब चार औ डाक हैं परन्त भेड़ोंने उनकी न सुनी द्वार मैं हूं . यदि मुकमेंसे काई प्रवेश करे ता चाण पावेगा ओर भीतर बाहर आया जाया करेगा और चराई पावेगा । चार किसी ओर कामके नहीं केवल चा री त्रो घात ते ९० नाश करनेकोा आता है . में झाया हूं कि भें जीवन पावें ओर अधिकाइसे पावे | मे अच्छा गड़ेरिया हूं . अच्छा २९ गड़ेरिया. भेड़ोंके लिये अपना प्राण देता है। परन्‍्त मज़र ९२ जा गठेरिया नहीं है और भेड़ उसके निजको नहीं है हंंडारके आते देखके भेड़ोंकेा छोड़ देता और भाग जाता है झोर हुड़ार भेड़ पकड़क उन्हें ततर बितर करता हैं। मजर भागता हे क्योंकि वह मजर हे झोर भेडोंकी कुछ १३ चिन्ता नहीं करता है। में अच्छा गड़ेरिया हं और २४ जैसा पिता मुझे जानता है और में पिताका जानता हूं वैसा में अपनी भेड़ोंके जानता हूं और अपनो भेड़ेंसे मि फ १० पब्बे ॥] स्रोहन । ३०३ १४ जाना जाता हूं | और में भेड़ोंके लिये अपना प्राण १६ देता हूं । मेरी ओर भेड़ हैं जे इस भेड़शालाकी नहीं है, सके उनके भी लाना होगा और वे मेरा शब्द १७ सुनेंगीं ओर एक कुंड और एक रखवाला होगा । पिता इस कारणसे म॒र्के प्यार करता है कि में अपना प्राण १८ देता हूं जिसत उसे फिर लेऊं । कोई उसके मुकूसे नहीं लेता है परन्तु में आपसे उसे देता हूं . उसे देनेका मरे अधिकार हे और उसे फिर लेनेका मम्फे अधिकार है . यह आज्ञा मेंने अपने पितासे पाई। १६८ तब यिहृदियोंमे इन बातोंके कारण फिर बिभेद २० हुआ । उनमेंसे बहुतांने कहा उसके भूत लगा है वह २९ बारहा है तुम उसको क्यों सुनते हो । औरोंने कहा यह बातें भूतग्रस्तकी नहीं हैं . भूत क्या अंधेंकी आंखें खेल सकता है । २२ यिरूशल्नीममें स्थापन पब्बे हुआ और जाड़ेका समय २३ था। ओर यीश मन्टिरमें सलेमानके ओएसारेमें फिरता २8४ था । तब यिहृदियोंने उसे घेरके उससे कहा त हमारे मनके कबलों दुबधामें रखेगा . जो तू ख्रोष् हे ता हमसे २४ खालके कह । योशने उन्हें उत्तर दिया कि मने तुमसे कहा औओ_और तम बिश्वास नहीं करते हो . जो काम में अपने पिताके नामसे करता हूं वेही मेरे विषयमे साथ्यी २६ देते है । परन्‍त तम बिश्वास नहों करते हो क्येंकि तम २७ मेरो भेडोमेंसे नहीं हो जेसा मेने तमसे कहा। मेरी भेड़ मेरा शब्द सुनती हैं ओर में उन्हें जानता हूं ओर र८ वे मेरे पोछे हो लेतो हैं । और में उन्हें अनन्त जो- ३०४ याहन । [१० पब्ले । वन देता हूं और वे कभी नाश न होंगीं और कोई उन्हें मेरे हायसे छीन न लेगा । मेरा पिता जिसने उन्हें मुक- २९ का दिया है सभोंसे बड़ा है झर काई मेरे पिताके हायथ- से छीन नहीं सकता है। में जार पिता एक हैं । तब ३९ यिहृदियोंने फिर उसे पत्थरवाह करनेका पत्थर उठाये। यीशुने उनके उत्तर दिया कि मैंने अपने पिताकी ओरसे ३२ बहुतसे भत्ते काम तुम्हें दिखाये हैं उनमेंसे किस कामके लिये मुर्के पत्यथरवाह करते हा । यिहृदियोंने उसके उत्तर ३३ दिया कि भल्ते कामके लिये हम तुरे पत्यथरवाह नहीं करते हैं परन्तु इेश्वरकी निन्‍टाके लिये और इसलिये कि तू मनुष्य होके अपनेके इंश्वर बनाता है। योशुने उन्हें ३४ उत्तर दिया क्या तुम्हारी ब्यवस्थामें नहीं लिखा है कि मैंने कहा तुम देश्वरगण हा । यदि उसने उनके इंश्वर- ३५ गण कहा जिनके पास इंश्वरका बचन पहुंचा और धम्मेपुस्तककी बात लेप नहीं है। सकती. है . ता जिसे ३६ पिताने पिच करके जगतमें भेजा है उससे क्या तुम कहते हा। कि तू इेश्वरकी निन्‍दा करता है इसलिये कि मैंने कहा में इेश्वरका पुत्र हूं। जा में अपने पिताके ३७ काय्ये नहीं करता हूं ता मेरी प्रतीति मत करेो। परन्तु इ८ जो मैं करता हूं ता यदि मेरी प्रतीति न करो ताभी उन कार्य्यांकी प्रतीति करो इसलिये कि तुम जाना और बिश्वास करो कि पिता मुकमें हे ओर में उसमें हूं। तब उन्हेंने फिर उसे पकड़ने चाहा परन्तु वह उनके इ₹ हाथसे निकत्न गया . और फ़िर यदनके उस पार उस ४० स्थानपर गया जहां योहन पहिल्ले बपतिसमा देता था १९ प्रश्जे ।] याहन । ३०५ ४१ और वहां रहा। और बहुत तल्लाग उस पास आये और बोले याहनने ते कोई आश्चर्य कम्में नहीं किया परन्तु जे कुछ याहनने इसके विषयर्में कहा से। सब ४२ सच था । ओर वहां बहुतांने उसपर बिश्वास किया। १९ णस्ग्यारहवां पब्बे । १ इलियाजरका रोगो छेना । ६ योशक्ता अपने शिष्योंके संग बात करना और इलियाजरके पास जाना । १८ इलियाजरको बहडिनांके संग योशकोी बातचोत। ४१ प्रार्थना करनेके पोछे इलियाजरका जिलाना। ४५ इस आश्चर्य कम्मके विषयमे यिहृदियांका बिचार ओर कियाफाक्रो भ्विष्यद्वाणो । १ इलियाजर नाम बैयथनियाका अथोत मरियम जैर उसकी बहिन मथोके गांवका एक मनुष्य रोगी था। . ४ मरियम वही थी जिसने प्रभुपर सुगन्ध तेल लगाया आर उसके चरणोंका अपने बालेंसे पोंछा और उसका ३ भाई इल्लयाजर था जो रोगी था। से दोनों बहिनोंने .. यीशकोा कहला भेजा कि हे प्रभु देखिये जिसे आप प्यार ४ करते है सा रोगी हे। यह सनके यीशने कहा यह रोग मृत्यके ल्निये नहीं परन्‍्त देश्वरकी महिमाके लिये है कि इंश्वरके पुचकी महिमा उसके द्वारासे प्रगट किई जाय। ४ योश मथाका ओर उसकी बहिनके और इल्ियाजरकेा प्यार करता था । ६ जब उसने सुना कि इल्ियाजर रोगी है तब जिस स्था- ७ नमे वह था उस स्थानमें दो दिन और रहा । तब इसके पीछे उसने शिष्योंसे कहा कि आओ हम फिर यिहृदि- ८ याका चले । शिष्योंने उससे कहा हे गरु यिहदी लोग अभी आपके पत्थरवाह किया चाहते थे ओर आप क्या ३०६ याहन । [१५१ पब्लें। फिर वहां जाते हैं। यीशने उत्तर दिया क्या दिनकी €« बारह घड़ी नहीं हैं . यदि काई दिनके चले ते टा कर नहीं खाता है क्यांकि वह इस जगतका उजियातला देखता हे । परन्‍्त यदि काई रातकोा चल्नले ता ठोकर १० खाता है क्यांकि उजियाला उसमें नहीं हे। उसने ११ यह बातें कहीं खौोर इसके पोछे उनसे बाला हमारा मिच इल्लयाजर से गया है परन्तु में उसे जगानेका जाता हूं । उसके शिष्यांने कहा हे प्रभु जे वह से १२ गया है ते चंगा हो जायगा। यौशुने उसको मृत्युके १३ विषयमें कहा परन्तु उन्होंने समका कि उसने नोंदमें से जानेके विषयमें कहा । तब योशने उनसे खेोलके १४ कहा इलियाजर मर गया है। झऔ और तम्हारे लिये में १४ आनन्द करता हूं कि में वहां नहीं था जिस्त तुम बिश्वास करो - परन्‍त जझाओ हम उस पास चल्न। तब थामाने जो दिदुम कहावता हे अपने संगी ९६ शिष्योंसे कहा कि आझओ।ा हम भी उसके संग मरनेकोा जाये । से जब योशु आया तब उसने यही पाया कि १७ इलियाजरकेा कबरमें चार दिन हो चुके । बैथनिया यिरुूशलीमके निकट अथात काश एक टूर १८ था । और बहुतसे यिहदी लोग मथा और मरियमके १८ पास जाये थे कि उनके भाईके विषयमे उनके शांति देवें । सा मथेाने जब सुना कि यीशु आता है तब जाके २० उससे भेंट किई परन्तु मरियम घरमें बेठी रही। मथाने २१ यीशुसे कहा हे प्रभु जा आप यहां होते ते मेरा भाई नहीं मरता । परन्तु में जानतो हूं कि अब भी जे कुछ २२ ११ पब्बे ।] याहन । ३०७ २३ आप इंश्वरसे मांगें देशवर आपको देगा। यौशुने उससे २४ कहा तेरा भाई जी उठेगा। मथाने उससे कहा में जानती हं कि पिछले दिन पनरुत्यानमे वह जो उठेगा । २४ यीशुने उससे कहा मैंही पुमरुत्यान और जीवन हूं . जो मुकपर विश्वास करे से यदि मर जाय ताभी जीयेगा। २६ जार जे काई जीवता हा और म॒ुरपर विश्वास करे से कभी नहीं मरेगा . क्या त्‌ इस बातका विश्वास करतो २७ हे । वह उससे बोलो हां प्रभ मेने विश्वास किया है कि इंश्वरका पुत्र ख्रीप्र जे जगतमें आनेवाला था से र८ आपही हैं । यह कहके वह चली गई और अपनी बहिन मरियमके चुपकेसे बुलाके कहा गुरु आये हैं और तुम्के २८ बलाते हैं । मरियम जब उसने सना तब शीघ्र उठके ३० यीश पास आई । यीश अबल्नों गांवमें नहीं आया था परन्‍त उसी स्थानमे था जहां सथाने उससे भटठ किद। ३१ जा यिहदी लोग मरियमके संग घरमे थे ओर उसको शांति देते थे सा जब उसे देखा कि वह शीघ्र उठके बाहर गई तब यह कहके उसके पीछे हो लिये कि वह कबर- ३२ पर जाती है कि वहां रोवे। जब मरियम वहां पहुंची जहां यीश था तब उसे देखके उसके पांवों पड़ी और उससे बोलो हे प्रभु जे आप यहां होते ता मेरा भाई ३३ नहीं मरता । जब यीशने उसे रोते हुए और जे यिह॒दी लाग उसके संग आये उन्हें भी रोते हुए देखा तब ३४ आत्मामें बिकल हुआ और घबराया . और कहा तुमने उसे कहां रखा है . वे उससे बोले हे प्रभु आके देखिये | इह यीशु राया । तब यिहृदियोंने कहा देखे वह डसे कैसा ३०४ येहन । [११ पब्ले । प्यार करता था । परन्त उनमेंसे कितनोंने कहा क्या ३७ यह जिसने अंधेको आंखें खाोलीं यह भी नकर सकता कि यह मनुष्य नहीं मरता । यीशु अपनेमें फ़िर बिकल इ८ होके कबरपर आया . वह गुफा थी और णक पत्थर उसपर धरा था | योशुने कहा पत्थरकेा सरकाओ। . इ< उस मरे हुएकी बहिल मथोा उससे बाली हे प्रभु वह ते अब बसाता है व्यबांकि उसके चार दिन हुए हैं। यीशने उससे कहा क्या मैंने तुकसे न कहा कि जो 8० तू बिश्वास करे ते इंश्वरकी महिमाके देखेगी । तब जहां वह मृतक पड़ा था वहांसे उन्हेंने पत्यर- 8९ के सरकाया और यीशने ऊपर ट्रप्नि कर कहा हे पिता में तेरा धन्य मानता हूं कि तूने मेरी सनी है। और ४२ मैं जानता था कि तू सदा मेरी सुनता है परन्त जो बहुत लोग आसपास खड़े हैं उनके कारण मैंने यह कहा कि वे बिश्वास करें कि तने मे भेजा। यह बातें 8३ कहके उसने बढ़े शब्दसे पकारा कि हे इत्लियाजर बाहर आ । तब वह मृतक चट्टरसे हाथ पांव बांधे हुए बाहर ४४ आया ओर उसका सुंह अंगाछेस लपेटा हुआ था . यीोशुने उनसे कहा उसे खोला ओर जाने दा । तब बहुतसे गिहदी लोगोंने जे! मरियमके. पास ४४ आये थे यह जो यीशने किया था देखके उसपर विश्वास किया । परन्तु उनमेंसे कितनोंने फरोशियेंके पास जाके ४६ जा यीशने किया था से उन्हेंसे कह दिया । इसपर ४७ प्रधान याजकां और फरीशियोंने समा णकट्री करके कहा हम क्या करते हैं , यह मनुष्य तो बहुत आश्चय्य की... "बरस जा ११ प्रब्बे ।] याहन । ३०६ ४८ कम्में करता है। जो हम उसे यूं छोड़ देवें तो सब लाग उसपर बिश्वास करेंगे और रोमो लोग आके हमारे ४८ स्थान और लेगके भी उठा देंगे। तब उनमेंसे कियाफा नाम एक जन जे उस बरसका महायाजक था उनसे ५० बाला तुम लाग कुछ नहीं जानते हो . और यह बिचार भी नहीं करते हो कि हमारे लिये अच्छा है कि लोागेंके लिये एक मनुष्य मरे और यह सम्पूर्ण ५९ लाग नाश न होवें। यह बात वह आपसे नहीं बाला परन्तु उस बरसका महायाजक हेोके भविष्यट्राक्यसे ४५२ कहा कि यीश उत्त लागोंके लिये मरनेपर था . और केवल उन लोगोंके लिये नहीं परन्तु इसलिये भी कि इश्वरके सन्‍्तानेंकेा जे तितर बितर हु हैं एकमें ४५३ एकट्रे करे | से उसी दिनसे उन्होंने उसे घात करने- ४४ के आपसमें बिचार किया । इसलिये यीशु प्रगट होके यिहृदियोंके बीचमें और. नहीं फिरा परन्तु वहांसे जंगलके निकटके देशमे इफ़्देस नाम एक नगरके गया ५५ और अपने शिष्येंके संग वहां रहा। यिहृदियोंका निस्तार पब्बे निकट था और बहुत लोग अपने तईं शटु करनेका निस्तार पब्बेके आगे देशमेंसे यिरुशली मकेा ४६ गये । उन्होंने योशुका ढुंढा आर मन्दिरमें खड़े हुए आपसमें कहा तुम क्या समभते हो क्या वह पब्बेमें ४७ नहीं आवेगा । ओर प्रधान याजकों और फरीशियेंने भी आज्ञा दिई थी कि यदि काई जाने कि यीशु कहां है ते बतावे इसलिये कि वे उसे पकड़ें । ३१० येाहन। [१२ पब्ले । १२ बारहवां पब्के। १ मरियमका योशक्ेे चरणेंपर सुग़नन्‍्ध तेल लगाना। € बहुत लागोंका इलिया जर- के देखनेके लिये आना । १२ योशुका यिरशलोममें जाना | २० अन्यदेशियेंका उस पास आना और उसका अपनी मृत्युका भविष्यद्वाक्य कइना । ३७ घोड़े लागेंका विश्वास करना । ४४ योशका उपदेश । निस्तार पब्बेके छ: दिन आगे यीश बैयनियामें खाया जहां इलियाजर था जे मर गया था जिसे उसने मृत- कोांमेंसे उठाया था । वहां उन्होंने उसके लिये बियारी बनाई और मथाने सेवा किई और इलियाजर यीशके संग बेठनेहारोमेंसे एक था । तब मरियमने आध सेर जटासांसीका बहुमूल्य सुगन्ध तेल लेके योशुके चरणेंपर लगाया जआर उसके चरणेंकेा अपने बालोंसे पोंछा झआ_और तेलके सुगन्धसे घर भर गया । इसपर उसके शिष्पेमेंसे शिमिनका पुच यिहूदा इस्करियाती नाम एक शिष्य जे उसे पकड़वानेपर था बोला . यह सुगन्ध तेल क्यों नहीं तीन से सूकियोंपर बेचा गया और कंगालांका दिया गया । वह यह बात इसलिये नहों बाला कि वह कंगालांकोा चिन्ता करता था परन्तु इसलिये कि वह चार था और येली रखता था और जा उसमें डाला जाता से उठा लेता था। यीशने कहा सतोकेा रहने दे . उसने मेरे गाड़े जानेके दिनके लिये यह रखा है । कंगाल ल्लाग तुम्हारे संग सदा रहते हैं परन्तु में तुम्हारे संग सदा नहीं रहूंगा । यिहृदियोंमेंसे बहुत लागेंने जाना कि यीशु वहां है ( और वे केवल यीशुके कारण नहीं परन्तु इलियाजरकेा १२ पव्बे । ] येाहन । ३११ टेखनेके लिये भी आये जिसे उसने मृतकोंमेंसे उठाया १० था । तब प्रधान याजकोंने इल्ियाजरका भी मार ११ डालनेका बिचार किया । क्यांकि बहुत यिहृदियोंने उसके कारण जाके यीशपर बिश्वास किया । १२ दूसरे दिन बहुत लाग जो पब्चेमें झ्ाये थे जब उन्हेंने १३ सुना कि यीशु ग्रिरुशलीममें आता है . तब खजूरोंके पत्ते लेके उससे मिलनेके निकले और पुकारने लगे कि जय जय धन्य इस्रायेलका राजा जे परमेश्वरके नामसे १४ आता है। यीश एक गधीके बच्चेका पाके उसपर बैठा . १५ जेसा लिखा है कि हे सियानको पुत्री मत डर देख तेरा ९६ राजा गधीके बच्चेपर बैठा हुआ आता है। यह बातें उसके शिष्योंने पहित्ने नहीं समभ्कीं परन्तु जब यी शकी महिमा प्रगट हुईं तब उन्हेंने स्मरण किया कि यह बातें उसके विषयमें लिखी हुईं थीं ओर कि उन्हेंने उससे ९७ यह किया था । जो लोग उसके संग थे उन्हेंने साथी दिई कि उसने इलियाजरकेा कबरमेंसे बुलाया और १९८ उसके मृतकोंमेंसे उठाया । त्लाग इसी कारण उससे ञ्ञा मिल्ले भी कि उन्होंने सुना कि उसने यह आश्चय्ये १€ कम्में किया था । तब फरीशियोंने आपसमें कहा क्या तुम देखते हा कि तुमसे कुछ बन नहीं पड़ता . देखा संसार उसके पीछे गया है । २० जो लोग पब्बेमें मजन करनेके आये उन्हेंमेंसे कितने २९ यूनानी लोग थे । उन्होंने गालीलके बैतसैदा नगरके रहनेहारे फिलिपके पास आके उससे बिन्ती किई कि २२ हे प्रभु हम यीशुका देखने चाहते हैं । फिलिपने आके ३१९२ याहन । [१२ पब्जे। ध अन्ट्रियसे कहा और फिर अन्ट्रिय और फिल्लिपने यीशुसे कहा । योशने उनके उत्तर दिया कि मनुष्यके पुचको २३ महिमाके प्रगट हानेको घड़ी आ पहुंची है। में तुमसे २४ सच सच कहता हूं यदि गेहूंका दाना भूमिमें पड़के मर न जाय तो वह अकेला रहता है परन्तु जे मर जाय ते बहुत फल फलता है। जो अपने प्राणका प्यार करे से २४ उसे खेावेगा और जे इस जगतमें अपने प्राणके अप्रिय जाने से अनन्‍त जीवनलों उसकी रश्या करेगा । यदि २६ काई मेरी सेवा करे ते मेरे पीछे हे लेवे और जहां मैं रहूंगा तहां मेरा सेवक भो रहेगा . यदि कोई मेरी सेवा करे ता पिता उसका आदर करेगा । अब मेरा मन २७ ब्याकुल हुआ है और में क्या कहूं . हे पिता मु्के इस घड़ीसे बचा . परन्तु में इसी लिये इस घड़ीलां आया हूं। हे पिता अपने नामकी महिमा प्रगट कर . तब यह र८ आकाशबाणी हुईं कि मैंने उसकी महिमा प्रगट किई है और फिर प्रगट करूंगा। तब जो लोग खड़े हुए सुनते २८ थे उन्होंने कहा कि मेघ गजा . औरोंने कहा कोई स्वगे टूत उससे बाला । इसपर योशने कहा यह शब्द मेरे ३० लिये नहीं परन्तु तुम्हारे लिये हुआ। अब इस जगतका ३१९ बिचार होता है . अब इस जगतका अध्यक्ष बाहर निकाला जायगा। और में यदि पृथिवीपरसे ऊंचा किया ३२ जाऊं ता सभोंकेा अपनी ओर खींचूंगा । यह कहनेमें ३३ उसने पता दिया कि वह कैसी मृत्युसे मरनेपर था। त्लागांने उसके उत्तर दिया कि हमने ब्यवस्थामेंसे सुना ३४ है कि ख्रीपर सदालों रहेगा. तू क्यांकर कहता है कि 7४% १४ पब्बे ।] याहन । ३१३ मनुष्यके पुचके ऊंचा किया जाना होगा . यह मनुष्य- ३४५ का पुत्र कान है। यौशने उनसे कहा उजियाला अब थोड़ी बेर तुम्हारे साथ है . जबत्लें उजियाला मिलता है तबत्नां चले न हा कि अंधकार तुम्हें घेरे . जा अंधका रमें चल्नता है से नहीं जानता में कहां जाता ३६ हूं । जबल्नों उजियाला मिलता है उजियालेपर बिश्वास करे कि तुम ज्यातिके सन्‍्तान हाओ . यह बातें कहके यीशु चला गया ओर उनसे छिपा रहा । ३७० परन्तु यद्यपि उसने उनके सामस्रे इतने आश्चय्ये कम्मे किये थे ताभी उन्होंने उसपर बिश्वास न किया . इ८ कि यिशैयाह भविष्यद्रक्ताका बचन पूरा होवे जे उसने कहा कि हे परमेश्वर किसने हमारे समाचारका बिश्वास किया है और परमेश्वरकी भुजा किसपर इ€ प्रगट किदे गई है। इस कारण वे बिश्वास न कर ४० सके वक्येांकि यिशेयाहने फिर कहा . उसने उनके नेच अंधे झैर उनका मन कठोर किया है एऐेसा न हा कि वे नेचोंसे देखे और मनसे बुक और फिर जावें और ४९ में उन्हें चंगा करूं । जब यिशैयाहने उसका ऐेश्वसय्ये : देखा और उसके विषयमे बाला तब उसने यह बातें 8२ कहीं। पर तोभी प्रधानेंमेंसे भी बहुतांने उसपर विश्वास किया परन्तु फरीशियेंके कारण नहीं मान लिया न ४३ हा कि वे सभामेंसे निकाले जायें। क्योंकि मनुष्योंकी प्रशंसा उनके इंश्वरको प्रशंसासे अधिक प्रिय लगती थी। 88. यीशुने युकारके कहा जा मुझपर विश्वास करता है 40 ३१७ घाहन । [१३ पज्चे से मुकपर नहीं परन्तु मेरे भेजनेहारेपर विश्वास करता है। और जे मे देखता है से मेरे भेजनेहारेका ४४ देखता है। में जगतमे ज्यातिसा आया हूं कि जा काई ४६ मरूपर बिश्वास करे से अंधकारमें न रहे । और ४७ यटि काई मेरी बातें सनके बिश्वास न करे ते में उसे दंडके याग्य नहीं ठहराता हूं क्योंकि में जगतको दंडके योग्य ठहरानेके नहीं परन्‍त जगतका चाण करनेका बआ्याया हैं । जो मर्के तच्छ जाने और मेरी बातें ग्रहण न ४8८ करे एक उसके ट्ंडके याग्य ठहरानेहारा है. जे बचन मेंने कहा है वही पिछले दिनमें उसे दंडके योग्य टहहराबे- गा। क्योंकि मैंने अपनी ओरसे बात नहीं किईे है परन्‍्त 8८ पिताने जिसने मे भेजा आपहो मरे आज्ञा दिए हैकि में क्या कहूं झर क्या बालूं। और में जानता हूं कि ४० । उसकी आज्ञा अनन्त जीवन है इसलिये में जा बालता हूं सा जैसा पिताने मुझसे कहा हैं वेसाही बालता हूं। १३ तेरहवां प्रब्ब । १ योशका अपने शिष्यांक्रे प्रांबॉँका छोना। १२ पांव घोानेका तात्प्य्य । शव मिहदाके विपयम योशका भविष्यद्राब्य कड़ना । ३१ शिष्योंका उपदेश देना ॥ इद पितरके उससे मुकर जानेको भविष्यद्वाणी । निस्तार पब्बके आगे योशुने जाना कि मेरी घड़ी झा ९ पहुंची है कि में इस जगतमेंसे पिताके पास जाऊं और उसने अपने निज लोगोंका जे! जगतमें ये प्यार करके उन्हें अन्तत्नां प्यार किया । और बियारीके समयमें जब २ शैतान शिमेनके पुत्र यिहूदा इस्करियेतीके मनमें उसे पकड़वानेका मत डाल चुका था . तब योश यह जानके ३ कि पिताने सब कुछ मेरे हाथोंमें दियाहे और कि में १३ पब्ब ।] याहन । ३१४. इंश्वरकी ओरसे निकल आया और इंश्वरके पास जाता ४ हूं . बियारोसे उठा और अपने कपड़े रख दिये और ५ आअगाछा लेके अपनी कमर बांधी। तब पाचमें जत्न डालके वह शिष्योंके पांव घेने लगा और जिस अंगाछेसे उसकी ६ कमर बंधी थी उससे पोंछने लगा । तब वह शिमान पितरके पास आया . उसने उससे कहा है प्रभु क्या आप ७ मेरे पांव घाते हैं । यीशुने उसके उत्तर दिया किजे मैं करता हूं सो तू अब नहीं जानता है परन्तु इसके पीछे ८ जानेगा । पितरने उससे कहा आप मेरे पांव कभी न घेाइयेगा . यीशुने उसके उत्तर दिया किजो मैं तके न € घाऊं ता मेरे संग तेरा कछ अंश नहों है। शिमेन पित- रने उससे कहा हे प्रभ केवल मेरे पांव नहों परन्‍्त मेरे १० हाथ और सिर भी धेाइये । यीशने उससे कहा जे। न- हाया है उसके पांव घाने बिना और कुछ ज्ाावश्यक नहीं है परन्तु वह सम्पूर्ण शहर है और तुम लग शट्ु हा ११ परन्तु सब नहीं। वह ते अपने पकड़वानेहारेके जानता था इसलिये उसने कहा तुम सब श्र नहीं हो । १२ जब उसने उनके पांव घेाके अपने कपड़े तले लिये थे तब फिर बैठके उन्हेंसे कहा क्या तुम जानते हो कि मैंने १३ तुमसे क्या किया है । तुम मुझे हे गुरु ओर हे प्रभु पुका- रते हो और तुम अच्छा कहते हो क्योंकि मैं वही हूं १४ से यदि मैने प्रभु ओर गुरू होके तुम्हारे पांव थोये हैं १४ तो तुम्हें भी एक टूसरेके पांव धेना उचित हैं। ब्यांकि मैंने तुमके नमूना दिया है कि जैसा मैंने तुमसे किया १६ है तुम भी बैसा करो। में तुमसे सच सच कहता हूं इ्क्द्व येहन । [१३ पब्ले। दास अपने स्वामीसे बड़ा नहीं ज्र न प्रेरित अपने भेजनेहारेसे बढ़ा है। जो तुम यह बातें जानते हा यदि १७ उनपर चले ते धन्य हो । में तुम समोंके विषयमें १८ नहीं कहता हूं . जिन्हें मैंने चुना है उन्हें में जानता हूं . परन्‍्त यह इसलिये है कि धम्मेपुस्तकका बचन प्रा होवे कि जो मेरे संग रोटी खाता है उसने मेरे बिरुटु अपनो लात उठाई है। में अबसे इसके हानेके आगे तुमसे ९८ कहता हूं कि जब वह हो जाय तब तुम विश्वास करो कि मैं वही हूं । में तुमसे सच सच कहता हूं कि जिस २० किसीको में भेज उसके जो ग्रहण करता है से मुम्के ग्रहण करता है और जो मुझे ग्रहण करता है से मेरे भेजनेहारेका ग्रहण करता है। यह बातें कहके यीशु आत्मामें ब्याकुल हुआ और २९ साथी बाला में तमसे सच सच कहता हं कि तम- मेंसे एक म्॒भे पकड॒वायगा। इसपर शिष्य ल्लाग यह २२ सन्देह करते हुए कि वह किसके विषय बोलता है एक ट्सरेकी ओर ताकने लगे । परन्‍्त योशके शिष्यें- २३ मेंसे एक जिसे यीश प्यार करता था उसकी गोदमे बैठा हुआ था । से शिमेान पितरने उसके सेन किया २४ कि पूछिये कान है जिसके विषयमें आप बोलते हैं । तब उसने यीशुकों छातीपर उठंगके उससे कहा है प्रभु २४ कान है । यीशने उत्तर दिया वही है जिसके में यह २६ रोटीका टुकड़ा डुबाके देऊंगा . और उसने टुकड़ा डुबाके शिमेनके पुच्च यिहृदा इस्करिये।ती के दिया। उसी समयमें २७ टुकड़ा लेनेके पीछे शैतान उसमें पैठ गया . तब यीशुने है ते ठु ॥ १३ पब्बे ।] । येहन । ३९७ २८ उससे कहा जो तू करता है से बहुत शीघ्र कर। परन्त बैठनेहारांमेंसे किसीने न जाना कि उसने किस कारण २८ यह बात उससे कही । क्योंकि यिहृदा यैली जे रखता था इसलिये कितनोंने समका कि योशुने उससे कहा पब्बेके लिये जे हमें झावश्यक है से मेल ले अथवा ३० कंगालोंका कुछ दे | से दुकड़ा लेनेके पीछे वह तुरन्त बाहर गया . उस समय रात थीं । करे ३१ जब वह बाहर गया था तब यीशने कहा अब मनुष्यके पुच्रकी महिमा प्रगट होती है और इश्वरकी महिमा ३२ उसके द्वारा प्रगट होती है। जा देश्वरकी महिमा उसके द्वारा प्रगट होती है ता इश्वर भी अपनी ओरसे उसकी ३३ महिमा प्रगट करेगा और तुरन्त उसे प्रगट करेगा। हे बालके में अब थोड़ी बेर तुम्हारे साथ हूं . तुम मु्रे ढूंढ़ोगे ओर जैसा मैंने यिहृदियोंसे कहा कि जहां मैं जाता हूं तहां तुम नहीं आ सकते है| तैसा मैं अब तुमसे भी ३४ कहता हूं । में तुम्हें एक नह आज्ञा देता हूं कि एक टूस- रेका प्यार करो . जैसा मैंने तुम्हें प्यार किया है तेसा तुम ३४ भी एक टूसरेका प्यार करो | जे तुम आपसमे प्यार करे ते इसोसे सब लग जानेंगे कि तुम मेरे शिष्य हे । ३६ शिमेान पितरने उससे कहा हे प्रभु आप कहां जाते हैं . यीशने उसके उत्तर दिया कि जहां में जाता हूं तहां तू अब मेरे पीछे नहीं आ सकता है परन्तु ३७ इसके उपरान्त तू मेरे पीछे आवेगा। पितरने उससे कहा हे प्रभु में क्यों नहीं कब आपके पीछे आ सकता इ८ हूं.में आपके लिये अपना प्राण देऊंगा। यीशुने उसके . इै१८: याहने । [१४ पब्ले | त्तर दिया क्या त मेरे लिये अपना प्राण देगा . में तकसे सच सच कहता हंं कि जबल्नाों त तीन बार मकसे न मकरे तबल्नाों मगे न बालेगा । ९४ चेट्हवां पब्बे । १ योशका अपने शिष्योंका शांति देना । ५ प्रोमा्का सत्ये माग्गके बिपयम उत्तर देना । ८ फिलिपकेा इेैश्वर पिताका देखनेके विषयम उत्तर देना। १५ शांति- दाताकेा भेजने और शिष्यांका झ्ाम और शांति देनेको प्रतिज्ञा । तम्हारा मन ब्याकल न होवे . इंश्वरपर विश्वास करो ज्लर मकूपर विश्वास करो। मेरे पिताके घरमे बहुतसे रहनेके स्पान है नहीं ता मे तमसे कहता - में तम्हारे लिये स्थान तेयार करने जाता हूं । आर जा में जाके तम्हारे लिये स्थान तेयार करू तो फिर आके तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा कि जहां में रहूं तहां तम भी रहा । ओर में कहां जाता हं सो तसम्र जानते हा ओर मागकोा जानते है । थेमाने उससे कहा हे प्रभु आप कहां जाते हैं से हम नहीं जानते हैं ओर मागेकेा हम वक्यांकर जान सके । यौशने उससे कहा मैंही मागे औ सत्य ओ जी वन हूं . बिना मेरे ट्वारासे कोई पिता पास नहीं पहुंचता है। जा तम मरे जानते ता मेरे पिताका भी जानते जआजैर अबसे तुम उसके जानते हा और उसके देखा है। फिलिषपने उससे कहा हे प्रभु पिताकेा हमें दिखाइये ते हमारे लिये यही बहुत है। यीशुने उससे कहा हे फिलिप में इतने दिनसे तुम्हारे संग हूं ओर क्या तूने मुफे नहीं जाना है. जिसने मुझे देखा है उसने पिताका देखा है ओर तू क्यांकर कहता है कि पिताको हमें दि- ॥ « 4४ पब्बे ।] येाहन। ३१६ १० खाइये । क्या तू प्रतीति नहीं करता है कि मैं पितामें हूं और पिता मुकमें है . जा बातें मैं तुमसे कहता हूं से अपनी ओरसे नहीं कहता हूं परन्तु पिता जे मुभमें ११ रहता है वही इन कामोंका करता है। मेरीही प्रतीति करो कि में पितामें हूं और पिता मुझमें है नहीं ते १२ काम्मोंहीके कारण मेरी प्रतीति करो। मैं तुमसे सच सच कहता हूं कि जे मुझपर विश्वास करे जे। काम मैं कर ता हूं उन्हें वह भी करेगा और इनसे बड़े काम करेगा १३ क्योंकि मे अपने पिताके पास जाता हूं। और जो कुछ तुम मेरे नामसे मांगागे साई में करूंगा इसल्ये १४ कि पुत्रके द्वारा पिताकी महिमा प्रगट हाय । जो तुम . मेरे नामसे कुछ मांगा तो में उसे करूंगा । द १४५ जो तुम सुरे प्यार करते हो ते मेरी आज्ञाओंकेा १६ पालन करो । और मैं पितासे मांगूंगा और वह तुम्हे दूसरा शांतिदाता देगा कि वह सदा तुम्हारे संग रहे , १७ अथात सत्यताका जआत्मा जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता है क्यांकि वह उसे नहीं देखता है और न उसे जानता है . परन्तु तुम उसे जानते है| क्येंकि वह तुम्हारे ९८ संग रहता है और तुम्हेंमें हागा। में तुम्हें अनाथ नहीं १६ छोडुंगा में तुम्हारे पास आऊंगा । अब थोड़ी बेरमें . संसार मुझे फिर नहों देखेगा परन्तु तुम मुकके देखोगे २० क्योंकि में जीता हूं तुम भी जीओगे । उस दिन तुम जानागे कि मैं अपने पितामें हूं और तुम मुकूमें हो २९ और में तुममें हूं। जे मेरी आज्ञाओंको पाके उन्हें पालन बे करता है वही 5 हे जा मुझे प्यार करता है ओर जो मुम्े ३२० येाहन । [१४ प्रब्बे । प्यार करता है सा मेरे पिताका प्यारा होगा और में उसे प्यार करूंगा और अपने तदें उसपर प्रगट करूंगा। तब इस्करियेती नहीं परन्तु टूसरे यिहृदाने उससे २२ कहा हे प्रभु आप किसलिये अपने तहें हमोंपर प्रगट करेंगे ओर संसारपर नहीं । योशुने उसके उत्तर दिया २३ यदि कोई मुम्कते पपार करे तो मेरी बातका पालन करेगा और मेरा पिता उसे प्यार करेगा और हम उस पास आवेंगे झेोर उसके संग बास करेगे। जो मरे प्यार नहों २४ करता है सा मेरो बातें पात्नन नहीं करता है और जो बात तम सनते हे से सेरी नहों परन्‍्त पिताकी है जिसने मुभ्दे भेजा । यह बातें मैंने तुम्हारे संग रहते हुए २४ तमसे कही हैं। परन्‍्त शांतिदाता अथात पविच आत्मा २६ जिसे पिता मेरे नामसे भेजेगा वह तम्हे सब कछ सिखा- . वेगा और सब कुछ जो मैंने तुमसे कहा है तुम्हें स्मरण. करावेगा। में तुम्हे शांति दे जाता हूं में अपनी शांति तुम्हें २७ " देता हूं . जैसा जगत देता है तैसा में तुम्हे नहीं देता हूं... तम्हारा मन ब्याकल न होय जोर डर न जाय । तमने श्८ सुना कि मैंने तुमसे कहा में जाता हूं और तुम्हारे पास फिर आऊंगा . जे। तम मरे प्यार करते ते मेने जे कहा कि में पिता पास जाता हूं इससे तुम आनन्द करते क्यांकि मेरा पिता सकसे बड़ा हैे। ओर मेने अब इसके २८ हानेके आगे तमसे कहा है कि जब वह हो जाय तब तम बिश्वास करो। मे तुम्हारे संग ओर बहुत बातें न करूंगा ३० क्यांकि इस जगतका अध्यष्ा आता है झर मरमें उसका कुछ नहीं हे । परन्तु यह इसलिये है कि जगत जाने कि ३१ ९४ परब्बे।] याहन । ३२१ में पिताका प्यार करता हूं और जैसा पिताने मुम्हे आज्ञा दिददे तैसाही करता हूं. उठा हम यहांसे चले । १४ पन्ट्रहवां पब्ब । १ दाख लता और उसको डालियोंका दुष्टान्त । 6 शिष्यांस योशका बडा प्रेम । १७ गरशष्याक्र खत्ताय जानको भादत्रष्यद्दा या ॥ २२ जगतक्तन लागाक दाप्रका प्रमाण । १ मे सच्ची दाख लता हूं ओर मेरा पिता किसान है। २ मरूमे जो जो डाल नहों फलतो हे वह उसे टर करता 7र जा जो डाल फलतोी है वह उसे शटु करता है वह अधिक फल फल्ने । तम तो उस बचनके गणसे मेने तमसे कहा है शु हो चके। तम ममूमें रहे। 7 में तममे . जेसे डाल जा वह दाख लतामें न रहे ॥ आपसे फल नहीं फल सकतो है तेसे तुम भी जो ५ मरूमे न रहे ते नहों फ़ल सकते हो । में दाख लता हूं तुम लाग डाले हा . जा मुझमें रहता है और मैं उसमें से। बहुत फल फलता है क्योंकि मुझसे अलग ६ तुम कुछ नहीं कर सकते हा । यदि कोई मुकमें न रहे ता वह ण्ेसा फेंका जाता जैसे डाल फ्रेंकी जाती और सख जाती जर लेग णसेसी डाल बटोरके आगमें डालते ७ हैं झोर वे जल जाती हैं। जे तम मरूमे रहे जेर मेरो बातें तममे रहें तो जे कुछ तम्हारों इच्छा हाय ८ सा मांगा ओर वह तुम्हारे लिये हा जायगा। तुम्हारे बहुत फल फलनेमें मेरे पिताको महिमा प्रगट होती है और तम मेरे शिष्य हाओगे । ९ जैसा पिताने मुकसे प्रेम किया है तैसा मैंने तुमत्ते प्रेम * 4] ल्ट ५ % कै /॥१ ६ | हा 0! 20) 6 /6 इर२३ याहन । [१४ पब्ले॥ किया है . मेरे प्रेममें रहा । जैसे मैंने अपने पिताकी ९० आज्ञाओंका पालन किया है और उसके प्रेममें रहता हूं तेसे तुम जा मेरो आज्ञाओंका पालन करो ते मेरे प्रेमम रहाोगे । मेने यह बाते तमसे इसलिये कही हैँ कि २९ मेरा आनन्द तम्हांम रहे ओर तम्हारा आनन्द सम्पर्ण हो जाय । यह मेरी आज्ञा हे कि जेसा मेने तम्ह प्यार ९२ किया है तैसा तुम शक टूसरेका प्यार करो। इससे बड़ा १३ प्रेम किसीका नहीं हे कि काई अपने मिचोंके लिये अप- ना प्राण देवे। तम यदि सब काम करो जो में तम्हे झाज्ा २४ देता हं ता मेरे मित्र हो | में आगेका तम्ह दास नहीं ९४ कहता हूं क्येंकि दास नहों जानता कि उसका स्वामी क्या करता है परन्त मैंने तम्ह मिच कहा है क्यांकि मैंने ज्ञा अपने पितासे सना है से सब तम्हे जनाया है। तमने १: मरे नहों चना परन्‍्त मेले तम्ह चना ओर तम्ह ठहराया कि तम जाके फल फलेा ओर तम्हारा फल रहे और कि तम मेरे नामसे जे कुछ पितासे मांगा वह तमके दटेवे। से तम्ह इन बातोंकी अआाज्ञा देता हूं इसलिये कि तम १० एक टसरेका प्यार करो । यदि संसार तमसे बेर करता १९८ है तम जानते हो कि उन्होंने तमसे पहिले समसे बेर किया। जो तम संसारके होते ता संसार अपनोंकी प्यार १८ करता परन्‍्त तस संसा रके नहीं हा पर मैने तम्ह संसार- मेंसे चना है इसीलिये संसार तमसे बेर करता है। जे २० बचन मेने तमसे कहा कि दास अपने स्वामीसे बड़ा नहीं है से स्मरण करो . जो उन्हेंने म्॒के सताया हे ता तम्ह भी सतावेंगे जे मेरी बातका पालन किया है ते तम्हारी १६ प्ले ।] याहन । हरे १ भो पालन करेगे । परन्‍न्त वे मेरे नामके कारण तमसे यह सब करेंगे क्योंकि रे भेजनेहा रेके नहों जानते है । २२ जो में न आता ज्लर उनसे बात न करता तो उन्हें पाप न होता परन्तु अब उन्हें उनके पापके लिये २३ काई बहाना नहीं है। जा मुरूसे बेर करता है से मेरे २४ पितासे भी बैर करता है। जो में उन का्मोंका जो और किसीने नहीं किये हैं उन्हेोंमे न किये हाता ते उन्हें पाप न होता परन्तु अब उन्हेंने देखके भी मुकसे २४ खेर मेरे पितासे भी बेर किया है । पर यह इसलिये है कि जा बचन उन्होंकी ब्यवस्थामें लिखा है कि उन्हेंने २६ मुझसे अकारण बेर किया से पूरा होवे। परन्तु शांतिदाता जिसे मे पिताकी ओरसे तम्हारे पास भेजेगा अथात सत्यताका आत्मा जा पिताकी ओरसे निकलता .. है जब आवेगा तब वह मेरे विषयमे साथी देगा । ९७ और तुम भी साथी देझगे ब्येंकि तुम आरंभसे मेरे संग रहे हे। १६ साोलहवां पब्बे । १ शिष्यांक सत्ताये जानेका भविष्यद्वाक्य । ५ योशुके जानेसे शांतिदाताका आना | ८ शातिदाताके आनेका प्रयोेजन | १६ यीशका अपने जानेके विषयमे शिष्योंक्रा खसमभाना ओर शांत्रि देना । १. मेंने तुमसे यह बातें कही हैं कि तुम ठोकर म॒ २ खाबो । वे तुम्हें सभामेंसे निकालेगे हां वह समय आा- ता है जिसमें जे काई तम्ह मार डालेगा से समम्छेगा ३ कि में इेश्वरकी सेवा करता हूं। और वे तुमसे इसलिये यह करेंगे कि उन्होंने न पिताका न मकके जाना है। ३२४ येहन । [१६ पब्ले । परन्तु मैंने तुमसे यह बातें कही हैं कि जब वह समय आवबे तब तुम उन्हें स्मरण करो कि मेंने तुमसे कह दिया . और में तुमसे यह बातें आरंभसे न बाला क्योंकि में तुम्हारे संग था। पर अब मैं अपने भेजनेहारेके पास जाता हूं और तुममेंसे काई नहीं मुझसे पूछता है कि आप कहां जाते हैं। परन्तु मैंने जे यह बातें तुमसे कही हैं इसलिये तुम्हारे मन शाकसे भर गये हैं । ताभी मैं तुमसे सच बात कहता हूं तुम्हारे लिये अच्छा है कि में जाऊं क्यों- कि जो में न जाऊं ता शांतिदाता तुम्हारे पास नहीं आवेगा परन्तु जो में जाऊं ता उसे तुम्हारे पास भेजूंगा । जौर वह आके जगतकोा पापके विषयमें और धम्मेके विषयमें खैर बिचारके विषयमें समक्रावेगा । पापके विषयमें यह कि वे मुकपर बिश्वास नहीं करते हैं । धम्मेंके विषयमें यह कि में अपने पिता पास जाता हूं और तम मुकके फिर नहीं देखोगे । बिचारके विषयमें यह कि इस जगतके अध्यश्का बिचार किया गया है। मुके आर भी बहुत कुछ तुमसे कहना है परन्तु तम जब नहीं सह सकते होा। । पर वह जब जावेगा अणथोत सत्यताका आत्मा तब तुम्हें सारी सच्चाईलं मागे बता- वेगा क्येंकि वह अपनी ओरसे नहीं कहेगा परन्तु जे कुछ सुनेगा से कहेगा और वह आनेवाली बातें तमसे कह देगा । वह मेरी महिमा प्रगट करेगा क्यांकि वह ९४ मेरो बातमेंसे लेके तुमसे कह देगा । जा कुछ पिताका १४ ९६ पब्ले ।] येहन । ३२५४ है से सब मेरा हे इसलिये मैंने कहा कि वह मेरी बातमेंसे लेके तमसे कह देगा । १६ थोड़ी बेरमें तम मे नहीं देखागे जैौर फिर थोड़ी ९७ बेरमें मरे देखागे क्योंकि में पिताके पास जाता हं । तब उसके शिष्योंमेसे काई काई आपसमे बोलने यह क्या हैं जा वह हमसे कहता हे कि थाड़ो बेरमें तम मभ्रे नहों देखागे ैर फिर थोड़ी बेरमें मे देखागे. जार यह १९८ कि मे पिताके पास जाता हूं। सा उन्होंने कहा यह थोड़ी बेरको बात जे वह कहता है क्या हे . हम १९८ नहों जानते वह क्या कहता हे। यीशने जाना कि वे ममसे पछा चाहते है क्लरार उनसे कहा में जो बोला कि थोड़ी बेरमे तम मर्के नहों देखागे ओर फिर थोड़ो बेरम मे टेखागे क्या तस इसके विषयमे आपसमे २० बिचार करते हा । में तुमसे सच सच कहता हूं कि तम राोओगे और बिल्लाप करोगे परन्त संसार आ- नन्दित होगा . तम्ह शाक होगा परन्‍्त तम्हारा शोक २९ आनन्द हो जायगा। स्तीका जननेमें शोक होता है क्योंकि उसका समय आ पहुंचा है परन्तु जब वह बालक जन चुकी तब जगतमें एक मनुष्यके उत्पन्न होनेके आनन्दके कारण अपने क्लेशकेा फिर स्मरण २२ नहीं करती है | और तम्हे तो अभी शाक होता है परन्‍्त में तम्हें फ़िर देखंगा और तम्हारा मन आझान- न्दित होगा और तम्हारा आनन्द कोई तमसे छीन २३ न लेगा । कोर उस दिन तम ममभरसे कछ नहों पूछेगे . में तमसे सच सच कहता हूं जो कुछ तम इ्र्द येहन । [१६ पे । मेरे नामसे पितासे मांगागे वह तमके देगा । अबलों २४ तमने मेरे नामसे कुछ नहीों मांगा हे . मांगा ता पाओगे कि तम्हारा आनन्द सम्पर्ण हाय । मेने यह २४ बातें तमसे ट्र॒प्वान्तांमं कही हैं परन्‍्त समय आता है जिसमें में तुमसे ट्रप्तान्तांमे कार नहीं कहंगा परन्तु खालके तम्हं पिताके विषयमें बताऊंगा। उस दिन २६ तुम मेरे नामसे मांगागे ओर मे तुमसे नहों कहता हूं (मई कि में तम्हारे लिये पितासे प्राथना करूंगा । क्योंकि २७ पिता आपहो तम्ह प्यार करता हे इसलिये कि तमने सम प्यार किया हे झोर यह बिश्वास किया हे कि में इंश्वरकी ओरसे निकल झआाया । में पिताकी रछ ओरसे निकलके जगतमें आया हूं. फिर जगतकेोा छाइके पिता पास जाता हूं। उसके शिष्यपांने उससे २८ कहा देखिये अब तो ताप खोलके कहते है ओर कुछ टरप्वान्त नहों कहते हैं । अब हमें ज्ञान हुआ कि आप ३० सब कछ जानते है ओर आपके प्रयोजन नहां कि काई आपसे पूछे . इससे हम बिश्वास करते ह कि जाप इश्वरकी ओरसे निकल आये । योशने उनके ३१ उत्तर दिया क्या तम अब बिश्वास करते हो । देखे ३२ समय जाता है और अभी आया है जिसमें तम सब तितर बितर होके अपने अपने स्थानके जाओगे जैौर मर्झे अकेला छोड़ोगे , तोभी में अकेला नहों हूं क्योंकि पिता मेरे संग है। मेने यह बातें तमसे कही ३३ हैं इसलिये कि मुकम तुमका शांति हाय . जगतम तुम्ह क्लेश होगा परन्तु ढाढ़स बांधा मैंने जगतके जीता है । 62 पब्जे ।] याोहन । ३२७ १७ सचहवां पब्बे। १ योशका अपने लिये और प्रेरितों और सब शिष्योंके लिये पितासे प्राशेना करना ॥ १ यह बातें कहके यीशने अपनी आंखे स्वगेकी खेर उठाई और कहा है पिता घड़ी आ पहुंची है. अपने : पुच्रकी महिमा प्रगट कर कि तेरा युच भी तेरी महिसा २ प्रगट करे । क्योंकि तूने उसके सब प्राणियोंपर अधि- कार दिया कि जिन्हें तूने उसके दिया है उन समोंकेा ३ वह अनन्त जीवन देवे । ओर अनन्‍त जीवन यह है कि वे तुकके जो अद्वेत सत्य ईश्वर है और योश ४ ख्रीप्रका जिसे तूने भेजा है पहचाने । मैंने पृथिवीपर तेरी महिमा प्रगट किई है . जे। आम तूने मुकछे करनेका ५ दिया से मैंने पूरा किया है । और अभी हे पिता तेरे संग जगतके होनेके आगे जो मेरी महिमा थी उस महिमासे तू अपने संग मेरो महिमा प्रगट कर । ६. जिन मनुष्योंके तूने जगतसेंसे मुझकेा दिया है उन्हांपर मैने तेरा नाम प्रगट किया है . वे तेरे थे आर तने उन्हें सफके दिया ओर उन्होंने तेरे बचनके ७ पालन किया है। अब उन्होंने जान लिया हे कि सब ८ कछ जो तने मरकोा दिया है तेरी ओरसे है। क्येंकि वह बातें जो तने मरकको दिई हैं मेंने उन्होंका टिई हें और उन्होंने उनका ग्रहण किया है और निश्चय जान लिया मैं तेरी ओआरसे निकल आया और विश्वास च्पे २ & किया है कि तने मरे भेजा । में उन्होंके लिये प्रा्थेना ७५ करता हूं . में संसारके लिये नहीं परन्तु जिन्हें तूने इए८ याहन । [१० पब्ले । मुकका दिया है उन्हींके लिये प्राथेना करता हू क्योंकि वे तेरे हैं। और जो कुछ मेरा है से सब तेरा है और १० जा तेरा है सा मेरा हे ज्लौर मेरी महिमा उसमें प्रगट हुईं है | में अब जगतमें नहीं रहूंगा परन्तु ये जगतमें ११ रहेंगे और में तेरे पास आता हूं . हे पविच पिता जिन्हें तूने मुकका दिया है उनको अपने नाममें र्या “5 “2 से जे 002 कर कि जेसे हम ण्कहे तेसे वे एक हा वे। जब मे उनके ९२ संग जगतमें था तब मेने तेरे नाममें उनको रश्या किड्दे . जिन्हें तूने मुझकेा दिया है उनकी मैंने रश्ला किदं और उनमेंसे कोई लाश नहीं हुआ केवल बिनाशका पुच जिस्तें धम्मेपुस्तकका बचन पूरा होवे। अब में तेरे ९३ पास आता हूं और में जगतमें यह बातें कहता हूं कि वे मेरा आनन्द अपनेमें सम्पू् पावें । मैंने तेरा बचन ९४ उन्हेांके दिया है जर संसारने उनसे बैर किया है क्यांकि जैसा में संसारका नहीं हूं तैसे वे संसारके नहीं हैं। में यह प्राथेना नहीं करता हूं कि तू उन्हें जगतमेंसे १४ ल्ले जा परन्तु यह कि तू उन्हें उस दुप्रसे बचा रख। जैसा में संसारका नहीं हूं तेसे वे संसारके नहीं हैं । ९६ अपनी सच्चा ईसे उन्हें पविच कर . तेरा बचन सच्चाई है। २७ जैसे तूने मुझे जगतमें भेजा तैसे मैंने उन्हें भी जगतमें १८ भेजा है । और उनके लिये में अपनेकेा पवित्र करता १८ हूं कि वे भी सच्चाईंसे पविच किये जावें। और में केवल इनके लिये नहीं परन्तु उनके लिये २० भी जा इनके बचनके द्वारासे मुझपर बिश्वास करेंगे प्राथेना करता हूं कि वे सब श्क होवें . जैसा तू हे पिता २९ ८ प्रबल ।] याहन । ३२६ मुझमें है और में तुकमें हूं तैसे वे भी हममें एक होवें इसलिये कि जगत विश्वास करे कि तूने सुके भेजा। २२ और वह महिमा जो तूने मुककोा दिई है मैंने उनके २३ टिई है कि जैसे हम ण्क हैं तेसे वे एक होवें . में उनमें जौर त सुकमें कि वे ण्कमें सिट्ु हावें जैर कि जगत जाने कि तने म॒क्के भेजा जोर जैसा मरे प्यार किया २४ तैसा उन्हें प्यार किया है। हे पिता मैं चाहता हूं कि जहां में रहूं तहां वे भी जिन्हें तने मुझकेा दिया है मेरे संग रहें कि वे मेरी सहिमाको देख जे तने समक- का दिई क्योंकि तने जगतको उत्पत्तिके आगे मम्हे प्यार २५ किया । हे धर्म्मी पिता संसार तके नहीं जानता है परन्तु में तुझे जानता हूं और ये लाग जानते हैं कि र६ तूने मुझे भेजा । और मैंते तेरा नाम उनके जनाया ह है ओर जनाऊंगा कि वह प्यार जिससे तूने मुभके प्यार किया उनमें रहे और में उनमें रहूं । ९८ अठारहवां पब्बे । थ्‌ गिहृदाक्का योशकोा प्रकड़॒ब्ाना । १२ प्यादाोंका उसे ले लाना । १४ पतर और गेोहनकरा उसके पोछे छे लेना । १७ सद्ायाजकक्े आगे उसका बिचार होना | २५ पितरक्ता उससे सुकर जाना । २८ उसका पिलातके हाथ सांपा जाना । ३३ प्रिलातका उसे विचार करना ओर छोड़नेकी इच्छा करना । १ योश यह बातें कहके अपने शिष्योंके संग किद्गान नालेके उस पार निकल गया जहां एक बारी थी जिसमें २ वह और उसके शिष्य गये । उसका पकडइबानेहारा यिह॒दा भी वह स्थान जानता था क्येकि यीश बार बार ३ वहां अपने शिष्योंके संग एकट्रा हुआ था। तब यिह॒दा पलटनके ओर प्रधान याजकों झआ फरोशियोंकी जोर से 42 ३३० > याहन । [१८ प्रब्जे। प्यादोंका लेके टीपकों और मशालों और हथियारोंका लिये हुए वहां आया-। से यीशु सब बातें जे उसपर आनेवाली थीं जानके निकला और उनसे कहा तुम किसको ढूंढ़ते हा । उन्होंने उसके उत्तर दिया कि योशु नासरोकोा . यौशुने उनसे कहा मैं हूं . जार उसका पकड़वानेहारा यिहृदा भी उनके संग खड़ा था। ज्योंही उसने उनसे कहा में हूं त्योंही वे पीछे हटके भूमिपर गिर पड़े । तब उसने फिर उनसे पूछा तुम किसको ढूंढ़ते हा . वे बोलने यीशु नासरीका । यीशुने उत्तर दिया मैंने तुमसे कहा कि में हूं सो जो तुम मु ढूंढ़ते हा ता इन्होंका जाने देशे । यह इसलिये हुआ कि जे। बचन उसने कहा था कि जिन्हें तूने मुझका दिया है उनमेंसे मेंने किसीके न खाया से। पूरा होवे । शिमेनन पितरके पास खड़्‌ था से उसने उसे खींचके महायाजकके दासकेा मारा और उसका ट्डिना कान काट डाला . उस दासका नाम मलक था। तब योशुने पितरसे कहा अपना खड़ काठीमें रख . जे कठोरा पिताने मुझको दिया है क्या में उसे न पीऊं । तब उस पलटनने और सहस्रपतिने ओर यिहृदि- योंके प्यादांने यीशुकेा पकड़के बांधा . ओर पहिले उसे हन्तसके पास ले गये क्योंकि कियाफा जे उस बरसका महायाजक था उसका वह ससुर था । कियाफा वह था जिसने यिहृदियांकेा परामश दिया कि एक मनुष्य- का हमारे लागके लिये मरना अच्छा है। शिमेान पितर और टूसरा शिष्य योशुके पीछे हो ह १८ पब्ले ।] येोहन । ३३१ लिये . वह शिष्य महायाजकका जान पहचान था जेर १६ योशके संग महायाजकके अंगनेके भोतर गया। परनन्‍्त पितर बाहर द्वारपर खड़ा रहा से टूसरा शिष्य जो महायाजकका जान पहचान था बाहर गया ओर द्वार- १७ पालिनसे कहके पितरकेा भीतर ले जझाया। वह दासी अथोात द्वारपालिन पितरसे बोल्नी क्या तू भी इस मनुष्य- १८ के शिष्यांमेंसे एक है . उसने कहा में नहीं हूं। दास .. ओर प्यादे लाग जाड़ेके कारण कायलेको झाग सुल- गाके खड़े हुए तापते थे ओआर पितर उनके संग खड़ा हा तापने लगा । १६८ तब महायाजकने यीशसे उसके शिष्योंके विषयमें . २० और उसके उपदेशके विषयर्मे पूछा । योशुने उसके ... उत्तर दिया कि मेंने जगतसे खालके बातें किदें मेने सभाके घरमें ओर मन्दिरमें जहां यिहूदी लोग नित्य कटे होते हैं सदा उपदेश किया और गुप्तमें कुछ नहीं २९ कहा । तू मुझसे क्यों पूछता हे . जिन्होंने सुना उन्हेंसे पछ ले कि मेने उनसे क्या कहा . देख वे जानते है कि २२ मेंने क्या कहा । जब योशने यह कहा तब प्यादोमेसे एक जे निकट खड़ा था उसके थपेड़ा मारके बाला क्या २३ त्‌ महायाजकके इस रोतिसे उत्तर देता है। योशने उसे उत्तर दिया यदि मैंने बरा कहा ता उस बराइकी साश्धी २४ दे परन्तु यदि भला कहा तो मुझे क्यां मारता है। हन्नस- ने यीश॒केा बंधे हुए कियाफा महायाजकके पास भेजा । २४. शिमान पितर खड़ा हुआ आग तापता था . तब उन्होंने उससे कहा क्या तू भी उसके शिष्येमेंसे एक है . इ्दर येाहन । [१८ पब्ले । उसने मुकरके कहा में नहीं हूं। महायाजकके दासोंमेंसे २६ णक दास जे उस मनुष्यका कुटुंब था जिसका कान पित- रने काट डाला बाला क्या मैंने तुके बारीमें उसके संग न देखा । पितर फिर मुकर गया और तुरन्त मुगे बोला। २७ तब भार हुआ ओर वे यीशुके कियाफाके पाससे रु८ अध्यश्भवनपर ले गये परन्तु वे आप अध्यक्षभवनके भीतर नहीं गये इसलिये कि अश॒टु न होवें परन्तु निसस्‍्तार पब्बेका भेजन खावें | से पिल्लात उन पास रू निकल आया ओर कहा तुम इस मनुष्यपर क्या दोष लगाते हो । उन्हेंने उसका उत्तर दिया कि जा यह ३० कुकर्म्मी न होता तो हम उसे आपके हाथ न सोंपते । पिलातने उनसे कहा तुम उसके लेओ और अपनी ३१ व्यवस्थाके अनुसार उसका बिचार करो . यिहृदियोंने उससे कहा किसीके बध करनेका हमें अधिकार नहीं है। यह इसलिये हुआ कि यीशुका बचन जिसे ३२ कहनेमें उसने पता दिया कि वह केसी मृत्युसे मर- नेपर था पूरा होवे। तब पिल्ात फिर अध्यध्यामवनके भीतर गया और ३३ यीशुका बुल्लाके उससे कहा क्या तू यिहृदियोंका राजा है। यीशुने उसक्का उत्तर दिया क्या आप अपनी ओर- ३४ से यह बात कहते हैं अथवा औरोंने मेरे विषयमें आपसे कही । पिलातने उत्तर दिया क्या में यिहदी हूं . ३४ तेरेही लागोंने ओर प्रधान याजकोंने तुर्के मेरे हाथमें सेंपा . तूने क्या किया है । यीशुने उत्तर दिया कि मेरा ३६ राज्य इस जगतका नहीं है . जो मेरा राज्य इस जगत- १६ पब्बे ।] याहन । ३३३ का होता तो मेरे सेवक लड़ते जिस्त में यिह॒दियोंके हाथ न सेांपा जाता . परन्तु अब मेरा राज्य यहांका ३७ नहीं है । पिलातने उससे कहा फिर भी तू राजा है. यीशने उत्तर दिया कि आप ठोक कहते हैं क्योंकि मैं राजा हूं . मैंने इसलिये जन्म लिया है और इसलिये जगतमें आया हूं कि सत्यपर साश्वी देऊं . जा कोई ३८ सत्यकी ओर है से मेरा शब्द सुनता है। पिलातने उससे कहा सत्य क्या है ओर यह कहके फिर यिहृदियोंके पास निकल गया और उनसे कहा मैं उसमें कुछ दाष ३८ नहीं पाता हूं । परन्तु तुम्हारी यह रीति है कि मैं निस्तार पब्बेमें तुम्हारे लिये एक जनको छोड़ देऊं से क्या तुम चाहते हो कि में तुम्हारे लिये यिहृदियोंके ४80 राजाकोा छोड़ देऊं । तब सभोंने फिर पुकारा कि इसके नहीं परन्तु बरव्बाका . और बरब्बा डाकू था। १८ उनीसवां पब्बे। याोह्वाओंका योशका अपमान करना । ४ पिलातका उसे छाड़नेको युक्ति करनेकके पोछे घातकेांके हाथ सेंपना | १७ उसका क्रशपर चक्ाया जाना | २४ उसके बस्त्रका बाँठा जाना। २४ उसका अपनो माताके लिये चिन्ता करना । श८ उसका सिरका पोना और प्राण त्यागना । ३१ योट्वाका उसके पेजरम बछोा मारना । हृ८ यूसफका उसे कबरम रखना । तब पिलातने यीशुका लेके उसे काड़े मारे । और याट्राओंने कांटोंका मुकुट गून्‍न्थके उसके सिरपर रखा ३ और उसे बैजनी बस्त पहिराया . और कहा हे यिह- दियोंके राजा प्रणाम और उसे थपेंडे मारे । 3. तब पिलातने फिर बाहर निकलके लोागोंसे कहा देखे में उसे तुम्हारे पास बाहर लाता हूं कि तुम जाने ब्त मा ३३७ याहन । [१६ पबबे। कि में उसमें कुछ दाष नहीं पाता हूं। से यीशु कांटों- का मुकुट और बैजनी बस्त पहिने हुए बाहर निकला जआ_॥और उसने उन्हेंसे कहा देखे यही मनुष्य है। जब प्रधान याजकोां और प्यादोंने उसे देखा तब उन्होंने पुकारा कि उसे क्रूशपर चढ़ाइये क्रूशपर चढ़ाइये - पिलातने उनसे कहा तम उसे लेके क्रशपर चढाओं क्योंकि में उसमें दाष नहों पाता हूं। यिहूदियेंने उस- का उत्तर दिया कि हमारो भी ब्यवस्था हे ओर हमारी ब्यवस्थाके अनुसार वह बध होनेके योग्य है क्योंकि उसने अपनेके ईश्वरका पच्र कहा। जब पिलातने यह बात सनी तब जौर भी डर गया . ओर फिर अध्यक्ष- भवनके भीतर गया और यीशसे बाला त्‌ कहांसे है परन्तु योशुने उसके उत्तर न दिया । पिलातने उससे कहा क्या त मरूसे नहों बालता क्या त नहीं जानता है कि तुरे क्रूशपर चढ़ानेका मुकका अधिकार है तौर तके छोड देनेका मरके अधिकार है। योशने उत्तर दिया जे झ्रापका ऊपरसे न दिया जाता तो आपके मरूपर कुछ अधिकार न होता इसलिये जो मरे आपके हाथमे पकड़वाता है उसंकेा अधिक पाप है। इससे पिललातने उसके छोड़ देने चाहा परन्‍्त गिहृ॒दि- योंने पुकारके कहा जे आप इसको छोड़ देवे ता झाप केसरके मिच नहों हैं . जो काई अपनेकेा राजा कहता है सा कैसरके बिरूटु बोलता है। यह बात सुनके पिलात यीोशुका बाहर लाया और जे स्थान चबूतरा परन्तु इजब्ीय भाषामें गबया कहावता है उस स्पानमें बिचार ५ ६ १२ श्३ १६ प्ले ।] याहन । ३३९५ १४ जझासनपर बेैठा। निस्तार पब्बेकी तैयारीका दिन जैर दा पहरके निकट था . तब उसने यिहृदियोंसे कहा देखे १४ तुम्हारा राजा । परन्तु उन्हेंने पुकारा कि ले जाओ ले जाओ उसे ऋशपर चढ़ाओ। . पिलातने उनसे कहा क्या में तुम्हारे राजाके क्रूशपर चढ़ाऊंगा . प्रधान याज- कांने उत्तर दिया कि कैसरको छोड़ हमारा काई राजा १६ नहीं है । तब उसने यीशुका क्रूशपर चढ़ाये जानेका उन्होंके हाथ सोंपा . तब वे उसे पकड़के ले गये । १७. और यीशु अपना क्रूश उठाये हुए उस स्थानओ जे। खेोपड़ीका स्थान कहावता और इब्ीय भाषामें गलगया १८ कहावता है निकत्म गया । वहां उन्हेंने उसके और . उसके संग दा और मनुष्योंका क्रूशेंपर चढ़ाया एककेा १८ इधर और एकके उधर और बीचसें यीौशुकेा । खैर पिलातने देषपत्र लिखके क्रूशपर लगाया और लिखी २० हुईं बात यह थी यीशु नासरी यिहृदियोंका राजा। यह देषपच बहुत यिहृदियोंने पढ़ा क्योंकि वह स्पान जहां यीशु क्रूशपर चढ़ाया गया नगरके निकट था और पतच इबोय ओ यूनानीय ओ रोमीय भाषामें लिखा हुआ २९ था । तब यिहृदियोंके प्रधान याजकोंने पिलातसे कहा यिहृदियोंका राजा मत लिखिये परन्तु यह कि उसने २२ कहा में यिहृदियोंका राजा हूं । पिल्लातने उत्तर दिया कि मैंने जे लिखा है से लिखा है। २३ जब योट्राओंने योशका क्रूशपर चढ़ाया था तब उसके कपड़े लेके चार भाग किये हर ण्क योद्ठाके लिये एक भाग , ओर झंगा भी लिया परन्त अंगा ड्च्द येह्लके [१६ पब्ले । बिन सीक्षन ऊपरसे नोचेत्नों बिना हुआ था। इसलिये २४ उन्होंने आपसमें कहा हम इसके न फाड़ें परन्तु उस- पर चिट्टियां डाले कि वह किसका हेगा . जिस्ते धम्मंपुस्तकका बचन पूरा होवे कि उन्हेंने मेरे कपड़े आपसमें बांट लिये और मेरे बस्त्पर चिट्टियां डालीं . से याट्वाओंने यह किया । परन्तु यीशुकी माता जार उसकी माताकी बहिन २४ मरियम जो ल्लियापाकी स्त्री थी झौर मरियम मगद- ल्लीनी उसके क्रूशके निकट खड़ी थीं। से यीशुने अपनी २६ माताका खऔऔर उस शिष्यका जिसे वह प्यार करता था उसके निकट खड़े हुए देखके अपनी सातासे कहा हे नारी देखिये आपका पुत्र । तब उसने उस शिष्यसे २७ कहा देख तेरी माता . ओर उस समयसे उस शिष्यन्ते उसके अपने घरमें ल्ले लिया । इसके पीछे यीशुने यह जानके कि अब सब कुछ श्८ हा चुका जिस्तें धम्मेपुस्तकका बचन पूरा हा जाय इसलिये कहा में पियासा हूं । सिरकेसे भरा हुआ एक २ बत्तेन धरा था सो उन्होंने इस्पंजके सिरकेमें मिंगाके ण्सेबके नलपर रखके उसके मुंहमें लगाया । जब ३० यीशने सिरका लिया था तब कहा पूरा हुआ है और सिर कुकाके प्राण त्यागा। वह दिन तैयारीका दिन था चऔऔर वह बिप्रामवार ३९ बड़ा दिन था इस कारण जिस्ते लाथ बिग्रामक_े दिन क्रशपर न रहें यिहृदियोंने पिलातसे बिन्‍्ती किदे कि उनकी टांगें तोड़ी जाये और बे उतारे जायें | से। यो- ३२ १६ पब्बे ।] याहन । ३३० द्राओंने आके पहिलेकी टांगे ताड़ीं तब टूसरेकी भी ३३ जे यीशुके संग क्रूशपर चढ़ाये गये थे | परन्तु यीश पास आके जब उन्होंने देखा कि वह मर चुका है तब ३४ उसको टांगे न ताड़ीं। परन्‍्त येट्राओंमेंसे एकने बछेसे उसका पंजर बेधा और तरनन्‍्त लाह और पानी निकला। ३४ इसके टेखनेहारेने साथी टदिईदं हे त्रार उसको साश्ी सत्य है करार वह जानता हे कि सत्य कहता है इस- ३६ लिये कि तम बिश्वास करे । क्यांकि यह बातें इस- लिये हुईं कि धम्मंपुस्तकका बचन पूरा होवे कि ३७ उसको कोई हड्डी नहों तोड़ी जायगी। ओर फिर घम्मेपुस्तकका ट्सरा एक बचन हे कि जिसे उन्हेंने बेधा उसपर वे ट्रष्मि करेंगे । इ५. इसके पीछे अरिमथिया नगरके यूसफने जे यीशु- का शिष्य था परन्तु यिहदियोंके डरसे इसके छिपाये रहता था पिलातसे बिन्तो किई किमें यीशुकी लाथकोा त्वे जाऊं जोर पिलातने जअाज्ञा दिई से वह अआाके इ८ यीशको त्लाथ तले गया। निकेादीम भी जो पहिल्ले रातका यीशु पास आया था पचास सेरके झटकल मिलाये ४0 हुए गन्धरस आर ण्लवा लेके आया । तब उन्हेंने योशकी लेयके ल्लिया और यिहदियोंके गाड़नेकी रीति- ४९ के अनसार उसे स॒गनन्‍्धके संग चट्रमे लपेटा । उस स्थानपर जहां योश क्रशपर चढ़ाया गया णक॑ बारो थी खौर उस बारीमें एक नई कबर जिसमे का ई कभी नहीं ४२ रखा गया था । से यिहृदियोंको तेयारीके दिनके कारण उन्होंने योशुकेा वहां रखा क्येंकि वह कबर निकट थी। 48 इंईंप याहन । [२० पब्जे । ४० बीसवां पब्बे । १ योशुके जो उठनेका शिष्योंपर प्रगट ड्ाना । १० उसका मरियम मगदलोनोको दर्शन कैम । १९ शिष्योंका दर्शन देना ओर उन्हें प्रेरण करना । २४ चेमाका झपन जा उठनका प्रमाण दना ॥ ३० सुखमाचार गलखनक्रा आाभप्राय ॥ अठवारेके पहिले दिन मरियम मगदलीनो भारकोा अधियारा रहतेही कबरपर आई झआैर पत्थरके कबरसे सरकाया हुआ देखा । तब वह दोड़ी और शिमेान पितर और उस टूसरे शिष्यके पास जिसे यीशु प्यार करता था आके उनसे बाली वे प्रभुके कबरमेंसे त्ने गये हैं जार हम नहीं जानतीं कि उसे कहां रखा है। तब पितर झऔ_और वह टूसरा शिष्प निकलके कबरपर आये । वे दानां णक संग दौोड़े और दूसरा शिष्य पितरसे शीघ्र दाड़के आगे बढ़ा और कबरपर पहिले पहुंचा । और उसने ऋुकके चट्टर पड़ो हुईं देखी तैभी वह भीतर नहीं गया । तब शिमान पितर उसके पीछेसे आ पहुंचा और कबरके भीतर गया और चटूर पड़ी हुई देखी . ओर वह अंगेछा जो उसके सिरपर था चट्टरके संग पड़ा हुआ नहीं परन्तु अलग ण्क स्थानमें लपेटा हुआ देखा | तब टूसरा शिष्य भी जो कबरपर पहिले पहुंचा भीतर गया ओर देखके बिश्वास किया । वे ता अबलों धम्मेपुस्तकका बचन नहीं समभते थे कि उसके मृतकोंमेंसे जो उठना होगा । <्‌ तब दोनों शिष्य फिर अपने घर चले गये। १० परन्तु मरियम रोती हुई कबरके पास बाहर खड़ी १५९ रही और रोते रोते कबरकी ओर कुको . ओर दे १२ २० पब्बे ।] याहन । ३३६ टूतांका उजला बस्तर पहिने हुए देखा कि जहां यीश॒की लाथ पड़ी थी तहां एक सिरहाने और दूसरा पैताने १३ बैठा था । उन्होंने उससे कहा हे नारी तू क्यों रोती है . वह उनसे बोल वे मेरे प्रभुका ले गये हैं और में १४ नहीं जानती कि उसे कहां रखा है| यह कहके उसने पीछे फिरके यीशुका खड़े देखा और नहीं जानती थी १४ कि यीशु है। यीशुने उससे कहा हे नारी तू क्यों रोती बन /छ 2 है किसको ढूंढ़ती है . उसने यह समभकके कि मात्री है उससे कहा हे प्रभु जो आपने उसके उठा लिया है ते मुझसे कहिये कि उसे कहां रखा है और में उसे तने ९६ जाऊंगी । यीशुने उससे कहा हे मरियम . वह पोछे १७ फ़िरके उससे बोल्नी हे रब्बूत्ती अथात हे गुरू । यीशने उससे कहा मुझे मत छू क्योंकि में अबत्नों अपने पिता- के पास नहीं चढ़ गया हूं परन्तु मेरे भाइयेंके पास जाके उनसे कह दे कि में अपने पिता ओ तुम्हारे पिता और अपने इश्वर ओ तुम्हारे इंश्वर पास चढ़ जाता ९८ हूं । मरियम मसगदलीनीने जाके शिष्योंके सन्देश दिया ७5 [० कि मैंने प्रभुका देखा है और उसने मुकसे यह बातें कहीं । १६ अठवारेके उस पहिले दिनके सांक होते हुए ओर जहां शिष्य लाग ण्कट्टें हुए थे तहां द्वार यिहृदियोंके डरके मारे बन्द होते हुए यीशु आया और बीचमें २० खड़ा हाोके उनसे कहा तुम्हारा कल्याण हाय । और यह कहके उसने अपने हाथ ओर अपना पंजर उनके दिखाये . तब शिष्य ल्लाग प्रभुका देखके आनन्दित हुए । २९ यीशुने फिर उनसे कहा तुम्हारा कल्याण हाय . जैसे ३४० याहन । [२० पब्ले । पिताने मुझे भेजा है तेसे मैं भी तुम्हें भेजता हूं । यह २२ कहके उस्रने फंक दिया और उनसे कहा पविच आत्मा लेओ । जिन्हांके पाप तुम श्मा करो वे उनके त्निये २३ छामा किये जाते हैं . जिन्होंके तुम रखो वे रखे हुए हैं। परन्तु बारहेंमेंसे शक जन अथात थामा जा दिदुम २४ कहावता है जब यीश जाया तब उनके संग नहीं था। से टूसरे शिष्योंने उससे कहा हमने प्रभुका देखा है. २४ उसने उनसे कहा जो में उसके हाथोंमें कीतल्लेंका चिन्ह न देख औौर कीलोंके चिन्हर्म अपनी उंगली न डाल आर उसके पंजरम अपना हाथ न डाल ता मे विश्वास न करूंगा । आठ दिनके पीछे उसके शिष्य ल्लाग फिर २६ घरके भीतर थे और थेोमा उनके संग था . तब द्वार बन्द होते हुए यीशु आया और बोचमें खड़ा होाके कहा तुम्हारा कल्याण हाय । तब उसने थामासे कहा २७ अपनी उंगली यहां लाके मेरे हाथोंका देख जोर अपना हाथ लाके मेरे पंजरमें डाल और अबिश्वासी नहीं परन्तु विश्वासो हो । थामाने उसके उत्तर दिया श्८ कि हे मेरे प्रभु और मेरे इश्वर । यीशने उससे कहा २८ है थामा तूने मुझे देखा है इसलिये विश्वास किया है . न्‍्य वे हैं जे बिन देखे विश्वास करें । यीशने अपने शिषप्येके आगे बहुत ओर आश्चय्ये ३० कम्में भी किये जे इस पुस्तकमें नहीं लिखे हें । परन्तु ३५ ये लिखे गये हैं इसलिये कि तुम बिश्वास करे कि यीश जो है से इश्वरका पुत्र ख़ीपर है ओर कि विश्वास करनेसे तुमकेा उसके नामसे जोवन हाय । २१ पब्ज ।] याहन । ३४१ २१ इकइ्सवां यब्बे । १ योशुक्रा तिबरियाके समुद्रक तोरपर शिष्योंक्रा दर्शन देना । १५ पितरके संग उसको बासचोत । २० येहनके विषयमंको कथा । २४ सुसमाचारक्ो समाप्ति १ इसके पीछे योशने फ़िर अपने तह तिबरियाके सम॒द्॒के तीरपर शिष्येांकेा दिखाया और इस रीतिसे २ दिखाया । शिमान पितर और योमा जो दिटम कहा- वता है जोर गालीलके काना नगरका नथनेल पजैर जबदीके दोनों पुत्र और उसके शिष्योमेंसे दो और जन ३ एक संग थे । शिमान पितरने उनसे कहा में मछली पकड़नेका जाता हूं . वे उससे बाल्ने हम भी तेरे संग जायगे . से वे नकलके तरन्‍त नावपर चढे झेोर उस ४ रात कुछ नहीं पकड़ा । जब भार हुआ तब यीश तीर- पर खड़ा हुआ तोभी शिष्य त्लाग नहीं जानते ४५ योश है । तब यीोौशने उनसे कहा हे लड़के क्या तम्हारे .. पास कुछ खानेको है . उन्होंने उसके उत्तर दिया कि ६ नहीं । उसने उनसे कहा नावको टहिनी झओ ओर जाल डालना तो पाओगे . सा उन्हेंने डाला ओर अब मछ- ७ लियोंके कूंडके कारण वे उसे खींच न सके । इसलिये वह शिष्य जिसे योश प्यार करता था पितरसे बोत्ना यह तो प्रभु है . शिमान पितरने जब सुना कि प्रभु है तब कमरमें झंगरखा कस लिया क्यांकि वह नंगा था ८ और समुद्र कूद पड़ा । परन्तु टूसरे शिष्य ल्लाग नाव- पर मछलियोंका जाल घसीटते हुए चत्ने आये क्योंकि € वे तोरसे टूर नहीं प्राय दे सा हाथपर थे। जब वे तीरपर उतरे तब उन्होंने कायलेकी आग धघरी हुईं और मछल्नी ३४२ । याहन। [२१ पब्बे । उसपर रखी हुई और रोटी देखी । यौशुने उनसे कहा जो मछलियां तमने अभी पकडो है उनमेसे तने आओ । शिमान पितरने जाके जालका जे णक सो तिपंत् बड़ी मछलियोंसे भरा था तोरपर खोंच ल्लिया और इतनी होनेसे भी जाल नहीं फटा। यीशने उनसे कहा कि आओ भेजन करो . परन्‍्त शिष्योंमेंसे किसोकोा साहस न हुआ कि उससे पूछे आप कोन है क्योंकि वे जानते थे कि प्रभ है । तब याोशने जाके राटा लेके उनके टिई झऔ_ और वेसेही सछली भी । यह अब तीसरी बेर हुआ कि यीशुने मृतकोांमेंसे उठके अपने शिष्योंका ट्शन दिया । तब भेाजन करनेके पीछे योशने शिमेान पितरसे कहा हे यनसके पत्र शिमान क्या त मरे इन्हेंसे अधिक प्यार करता हे . वह उससे बोला हां प्रभ आप जानते ह कि मे आपके प्यार करता हूं . उसने उससे कहा मेरे मेस्नोंके चरा। उसने फिर टूसरी बेर उससे कहा हे यनसके पच्र शिमान क्या त मरते प्यार करता है वह उससे बाला हां प्रभ आप जानते है कि मे आाप- का प्यार करता हूं . उसने उससे कहा मेरी भेड़ोंकी रखवाली कर । उसने तीसरी बेर उससे कहा हे यूनसके घुच शिमान क्या तू मुझे प्यार करता है. पितर उदास हुआ कि यीशुने उससे तीसरी बेर कहा क्या त मर्रे प्यार करता हें ओर उससे बाला हे प्रभ ज्ञाप सब कछ जानते है ज्ञाप जानते है कि मे आआाप- का प्यार करता हूं . योशुने उससे कहा मेरो भेड़ेंकेा १० १९ १२ १३ १४ २१ पब्ने ।] योहन । " ३४३ ॥ 4 श्ट २0 २8 २४ चरा। मैं तुसे सच सच कहता हूं जब तू जवान था तब अपनी कमर बांधके जहां चाहता था वहां चलता था परन्तु जब तू बूढ़ा होगा तब अपने हाथ फेल्लावे- गा और दूसरा तेरी कमर बांधके जहां तू न चाहे वहां तुके ले जायगा । यह कहनेमें उसने पता दिया कि पितर केसी मृत्युसे इश्वरकी महिमा प्रगट करेगा और यह कहके उससे बाला मेरे पीछे हो ल्ने । पितरने मंह फेरके उस शिष्यका जिसे योश प्यार करता था ओर जिसने बियारोमें उसको छातीपर उठंगके कहा हे प्रभु आपका पकड़वानेहारा कोन है पीछेसे आते देखा । उसके देखके पितरने यीशुसे कहा हे प्रभ इसका क्या होगा । योौशने उससे कहा जो में चाहूं कि वह मेरे आनेलों रहे ते तुमे क्या . तू मेरे पोछे हो ले । इसलिये भाहयोंमे यह बात फेल गई कि वह शिष्य नहीं मरेगा - तोभी योशने यह नहीं कहा कि वह नहां मरेगा परनन्‍त यह कि जो मे चाहं कि वह मेरे अआनेलों रहे ता तके क्या । यह ते वह शिष्य है जो इन बातोंके विषय साथी देता है झौर जिसने यह बातें लिखीं और हम जानते हैं कि उसकी साश्यी सत्य है | और बहुत और काम भी हैं जे योशुने किये . जे वे एक एक करके लिखे जाते तो मुर्के बुक पड़ता है कि पुस्तक जे। लिखे जाते जगतमें भी न समाते । झ्ञामीन ॥ प्ररितांकी क्रियाओआंका वृत्तान्त । ९ पहिला पब्बे । १ योशका शिप्यांका झ्राज्ञा देना और स्वगंस जाना । १२ शिष्यांका ण्कट्ट रहके प्रा्थना करना । १५ यिहदाको सन्‍्तो मत्तथ्ियाहके प्रारतक कामपर ठहराना । हे थियाोफिल वह पहिला वृत्तान्त मेने सब बातोंके विषयमें रचा जे। यीशु उस दिनलें करने ओर सिखाने- का आरंभ किये था . जिस दिन वह पविच आत्माके द्वारासे जिन प्रेरितांके उसने चुना था उन्हें आज्ञा दे करके उठा ल्लिया गया। कोर उसने उन्हें बहतेरे अचत्न प्रमाणेंसे अपने तडें टःख भेगनेके पीछे जोवता दिखाया कि चाल्लीस टिनल्नों वे उसे देखा करते थे और वह इेश्व- रके राज्यके विषयर्म उनसे बातें करता था। और जब वह उनके संग एकट्रा हुआ तब उन्हें आज्ञा दिददं कि यिरू- शत्नीमकओ मत छोड जाओ परनन्‍्त पिताको जो प्रतिज्ञा तमने मरूसे सनी हे उसकी बाट जेहते रहो। क्योंकि याहनने ते जलमे बपतिसमा दिया परनन्‍्त थोड़े दिनेंके पीछे तम्हें पविच आत्माम बपतिसमा दिया जायगा। से उन्होंने एकटरे हाके उससे पछा कि हे प्रभु क्या आप इसी समयमें इस्रायेली लेगेंके राज्य फेर देते हैं। उसने उनसे कहा जिन काले अयवा समयोकेा पिताने अपने ही बशमे रखा है उन्हें जाननेका अधिकार तुम्हें नहीं है। परन्तु तुम- पर पविच आत्माके आनेसे तुम सामथ्य पाओगे ओर यिरूशलत्नी मर्में झ्ार सारे यिहूदिया ओर शेमिरोन देशोंमें १ पब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । .. ३४४ € और पृथिवीके अन्तत्नीं मेरे साथी हा ओगे । यह कहके वह उनके देखते हुए ऊपर उठाया गया और मेघने १० उसे उनको टूप्विसि छिपा लिया । ज्योंही वे उसके जाते हुए स्वगंको ओर तकते रहे त्योंही देखे दे पुरुष उजला १९ बस्त पहिने हुए उनके निकट खड़े हो गये . और कहा हे गालीली लगे तुम क्यों स्वगेकी ओर देखते हु खड़े हा . यही योशु जो तुम्हारे पाससे स्वगंपर उठा लिया गया है जिस रीतिसे तुमने उसे स्वगेकेा जाते देखा है उसी रीतिसे आवेगा । १२ तब वे जैतून नाम पब्बेतसे जे यिरूशलीमके निकट अथात एक बिआमवारकी बाट भर टूर है यिरूशलीमकेा १३ लोटे । और जब वे पहुंचे तब उपरोठी काठरीमें गये जहां वे अथात पितर औओ याकूब ओ येहन ओर अन्द्रिय और फिल्लिप ओऔ थामा और ब्थेलमई ओऔ मत्ती और अलफइका पुत्र याकूब औ शिमेन उदयेागी और याकूब- १४ का भाई यिहृदा रहते थे। ये सब एक चित्त हा के स्ति- योंके और यीशकी माता मरियमके संग और उसके भाइयेंके संग प्राथेना ऑर बिन्तोीमें लगे रहते थे । १४ उन दिनोंमें पितर शिष्येंके बीचमें खड़ा हुआ . एक १६ से बीस जनके अटकल णकटेे थे . और कहा हे भाइये अवश्य था कि धम्मेंपुस्तकका यह बचन पूरा हाय जे पविच आत्माने दाऊदके मुखसे यिहृदाके विषयमें जे योशुके पकड़नेहारोंका अगुवा था आगेसे कह दिया। १७ क्योंकि वह हमारे संग गिना गया था और इस सेवकाइईं- १८ का अधिकार पाया था । उसने ते अधम्मेकी मजूरोसे 44 इछद प्रेरितांकी क्रिया । [२ पब्ले । एक खेत मोल लिया और आऔंधे मुंह गिरके बीचसे फट गया और उसको सब अन्‍्तड़ियां निकल पड़ीं। यह बात १९८ यिरूशलीमके सब निवासियोंकेा जान पड़ी इसलिये वह खेत उनकी भाषामें हकलदामा अथात लोाहका खेत कहलाया । गीतोंके पुस्तकें लिखा हैं कि उसका २० घर उजाड़ हाय और उसमें काई न बसे जौर कि उसका रखवालीका काम टूसरा लेवे । इसलिये प्रभु २९ यीशु येहनके बपतिसमाके समयसे लेके उस दिनतलों कि वह हमारे पाससे उठा लिया गया जितने दिन हमारे बीचमें आया जाया किया . जो मनुष्य सब दिन हमारे २२ संग रहे हैं उन्होांमेंसे उचित है कि एक जन हमारे संग यीशके जी उठनेका साश्ठी हाय । तब उन्होंने दोका २३ अथेात यसफको जो बशबा कहावता है जिसका उपनाम यसस्‍त था और मत्तथियाहकेा खड़ा किया . और प्रार्थना २४ करके कहा हे प्रभु सभाोंके अन्तयोमी इन दोनोंमेसे णकके जिसे तूने चुना हैं ठउहरा दे . कि वह इस सेव- २४ काई और प्रेरिताईेका अधिकार पावे जिससे यिहृदा पतित हुआ कि अपने निज स्थानका जाय। तब उन्होंने २६ चिट्टियां डालीं और चिट्ठी मत्तथियाहके नामपर निकली और वह ण्ग्यारह प्रेरितांके संग गिना गया । २ टूसरा पब्बे । व्‌ पवित्र आत्माका दिया जाना ओर शिष्यांका अनेक ब्रेालियां बालना। ४ लागांका अचेभा करना । १४ प्रतरका उपदेश ॥ ३9 बहुत लेागेोंका इस उपदेशको ग्रहण करना । ४१ उनके बर्पातसमा लेने आर सुचाल चलनेक्रा बणेन । जब पेतिकोाप् पब्बेका दिन झा पहुंचा तब वे सब ९ एक चित्त होकर णएकट्टे हुए थे। ओर झचांचक प्रबल - २ २ पब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । > ३४७ बयारके चलनेकासा स्वगेंसे एक शब्द हुआ जिससे ३ सारा घर जहां वे बेठे थे भर गया | और झागकीसी जीभें अलग अलग होती हुदें उन्हें दिखाई दिईदे और 8 वह हर एक जनपर ठहर गई । तब वे सब पवित्र आत्मासे परिपू्े हुए और जैसे आत्माने उन्हें बुल- वाया तैसे आन आन बोलियां बोलने लगे। ४ यगिरूशलीममें कितने भक्त यिहृदी लोग बास करते ६ थे जा स्वगंके नोचेके हर एक देशसे आये थे। इस शब्दके हानेपर बहुत ल्लाग एकट्रे हुए और घबरा गये क्येंकि उन्होंने उनके हर एक अपनीही भाषामें ७ बालते हुए सुना । और वे सब बिस्मित और अचंभित हो आपसमें कहने लगे देखे ये सब जो बालते हैं क्या ८ गालीली लेग नहों हैं । फिर हम ल्लाग क्येंकर हर € एक अपने अपने जन्म देशकी भाषामें सुनते हैं । हम जो पर्थी ओर मादी और एलमी लेग और मिसपता- मिया और यिहृदिया औ कपदोकिया और पन्‍त जे १0 आशिया . और फ्रूगिया ओ पंफुलिया और मिसर जौ कुरीनोके आसपासका" लूबिया देश इन सब देशोंके निवासी और रोम नगरसे आये हुए त्लाग क्या यिहदी १९ क्या यिहृदीय मतावलंबी . क्रीतीय भी ओ अरब लोग हैं उन्हें अपनी अपनी बाोलियोंमे इश्वरके महाका य्यी- १२ की बात बालते हुए सुनते हैं । से वे सब बिस्मित हो टुबधामें पड़े आर णक टूसरेसे कहने त्वगगा इसका १३ अथे क्या है । परन्तु ओर लोग टठट्ठेंमें कहने लगे वे नई मदिरासे छकाछक हुण हैं। इ४८ प्रेरितोंकी क्रिया । [२ पब्ओे । तब पितरने ण्ग्यारह शिष्योंके संग खड़ा हाके ऊंचे १४ शब्दसे उर्न्हें कहा हे यिहदिया और यिरूशलीमके सब निवासिये इस बातकोा बर ल्ने! और मेरी बातोंपर कान लगाओ। ये तो मतवाले नहों है जेसा तम ९४ समकतते है। क्योंकि पहरही दिन चढ़ा हैं। परन्तु यह १६ वह बात है जो याण्ल भविष्यद्क्तासे कही गई . कि ९७ इंशबर कहता है पिछले दिनोंमें ऐसा होगा कि में सब मनष्यांपर अपना जअात्मा उंडेलंगा आर तम्हारे पच ज्लार तुम्हारी-युत्रियां भविष्यद्वाक्य कहेंगे और तुम्हारे जवान लोग दशशेन देखे और तुम्हारे वृटु लाग स्वप्न गे। झोर भी मे अपने दासों झर अपनी दा सियों- ९८ पर उन दिनेंमे अपना आत्मा उंडेलंगा और बे भविष्यद्वाक्य कहेंगे । और में ऊपर आकाशमें झद्गत १८ काम जऔर नीचे पृथिवीपर चिन्ह अथात लाह और ज्ञाग और धंणकी भाफ दिखाऊंगा । परमेश्वरके बडे २० और प्रसिटु दिनके आनेके पहिल्ले सूय्ये अधियारा ज्लैौर चांद लाहसा हो जायगा । ज्लर जो काई पर- २९ मेश्वरके नामकी प्राथना करेगा से चाण पावेगा। हे इस्रायेली लेगा यह बाते सने , योश नासरी एक २२ मनष्य जिसका प्रमाण इश्वरसे आश्चय्ये कम्मां जार अद्त कामों ओर चिन्होंसे तुम्हे दिया गया है जो इंश्वर- ने तम्हारे बीचमें जेसा तम ञ्राप भी जानते हो उसके द्वारासे किये . उसीका जब वह इंश्वरके स्थिर मत और २३ भविष्यत ज्ञानके झनुसार सें पा गया तुमने लिया और अधम्मियोंके हाथोंके द्वारा क्र्शपर ठांकके मार डाला । ; ह ह २ पब्जे ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ३४६ २४ उसीको इश्वरने मृत्यके बंधन खेोलके जिला उठाया २४ क्योंकि अन्हाना था कि वह मृत्युके बशमें रहे। क्योंकि दाऊदने उसके विषयमें कहा मेने परमेश्वरकेा सदा अपने साम्हने देखा कि वह मेरी टहिनी ओर है जिस्तें २६ में डिग न जाऊं। इस कारण मेरा मन आनन्दित हुआ _ झऔर मेरी जीभ हथित हुईं हां मेरा शरीर भी आशामें २७ बिज्वाम करेगा। क्यांकि तू मेरे प्राणका परलेकमें न रु८ छेड़ेगा और न अपने पविच जनके सड़ने देगा। तूने मु््के जीवनका मागे बताया है तू मुझ्के अपने सन्‍्मुख आननन्‍दसे परिपूर्ण करेगा । २९ हे भाइयेो उस कुलपति दाऊदके विषयमें में तुमसे खेलके कहूं. वह तो मरा और गाड़ा भी गया और ३० उसको कबर आजलों हमारे बीचमें है। से! भविष्यद्वक्ता हाोके और यह जानके कि इेश्वरने मुझसे किरिया खाई है कि में शरोरके भावसे ख्रीप्ृका तेरे बंशमेंसे उत्पन्न ३१९ करूंगा कि वह तेरे सिंहासनपर बेठे . उसने होनन्‍्हारकोा आगेसे देखके खीपके जी उठनेके विषयमें कहा कि उसका प्राण परतलेाकमे नहीं छा ड़ गया खैर न उसका देह सड़ ४२ गया। इसी यीशकोा इंश्वरने जिला उठाया और इस ३३ बातके हम सब साथी हैं। से इेश्वरके दहिने हाथ ऊंच पद प्राप्त करके और पविच आत्माके विषयमें जे कुछ प्रतिज्ञा किया गया साईं पितासे पाके उसने यह जे तुम ३४ अब देखते ओर सुनते हो उंडेल दिया है। क्यांकि दाऊद स्वगेपर नहीं चढ़ गया परन्तु उसने कहा कि ३५ परमेश्वरने मेरे प्रभुसे कहा , जबलों में तेरे शचुओं- ३४० * प्रेस्तोंकी क्रिया । (२ पब्बे। का तेरे चरणोंकी पीढ़ी न बनाऊं तबल्नों त मेरी दहिनी ओर बैठ । से इस्रायेलका सारा घराना निश्चय ३६ जाने कि यह योशु जिसे तुमने क्र्शपर घात किया इसीके इ्ंश्वरने प्रभु और खीप्र ठहराया है । तब सननेहारोंके मन छिद गये जर वे पितरसे ३७ और टूसरे प्रेरितांसे बोले हे भाइये हम क्या करें । पितरने उनसे कहा पश्चात्ताप करो ओर हर ण्क इृ८ जन योश ख्रीप्रके नामसे बपतिसमा लेओ कि तुम्हारा पापमाचन हाय और तुम पविच आत्मा दान पाओगे। क्यांकि वह प्रतिज्ञा तुम्हेंके लिये और तुम्हारे सन्‍ता- ३८ नोंके लिये और टूर टूरके सब लोागोंके लिये है जितनोंकेा परमेश्वर हमारा इेश्वर अपने पास बुलाबे । बहुत और बातोंसे भी उसने साथ्ली ओर उपदेश ४० दिया कि इस समयके टेढे लागोंसे बच जाओ । तब जिन्होंने उसका बचन आनन्दसे ग्रहण किया ४९ उन्होंने बपतिसमा लिया ओर उस दिन तीन सहस्र जनके अटकल शिष्योमें मिल गये । और दबे प्रेरितोंके 8२ उपदेशमे और संगतिमें और रोटी तेड़नेमे और प्रायेना- लगे रहते थे। ओर सब मनुष्योंका भय हुआ और ४३ बहुतेरे अद्वत काम और चिन्ह प्रेरितोंके द्वारा प्रगट होते थे । ल्लार सब विश्वास करनेहारे एकट्र ये ओर उन्हेंकी ४४ सब सम्पत्ति सामेको थी। और वे धन सम्प त्तिका बेचके 8५ जैसा जिसको प्रयोजन होता था तेसा सभोंमे बांट लेते थे। और वे प्रतिदिन मन्दिरमें एक चित्त हाके लगे रहते ४६ थे और घर घर रोटी ताड़ते हुए आनन्द ओर मनको ३ प्ले ।] प्रेरितरांकी क्रिया । ३५१९ ४७ सधाईसे भाजन करते थे , और इंश्वरकी स्तति करते थे ओर सब लोागांका उनपर अनग्रह था . ओर प्रभ चाण पानेहारोंका प्रतिदिन मंडलीमें मिलाता था। ३ तीसरा पब्बे । १ प्रितरसे रक लंगड़ेका चंगा छोना | € लागोंका ण्कट्टे ह्वेना । १९ पितरका उनसे बाते करना । १ तीसरे पहर प्राथेनाके समयमें पितर और याहन २ एक संग मन्दिरकोा जाते थे। और लोग किसी मनष्यकेा जा अपनी माताके ग्भहीसे लंगड़ा था लिये जाते थे जिसको वे प्रतिदिन मन्दिरके उस द्वारपर जो सन्दर कहावता है रख देते थे कि वह मन्दिरमें जानेहारोंसे भोख मांगे । उसने पितर और योहनके देखके कि ४ मन्दिरमें जानेपर हैं उनसे भीख मांगी । पितरने या हनके संग उसको ओर ट्रष्ठमि कर कहा हमारी ओर देख । ५ से वह उनसे कछ पानेकी आशा करते हुए उनको ओर ताकने लगा । परन्‍्त पितरने कहा चांदी जर सेना मेरे पास नहों है परन्त यह जो मेरे पास है तुर्के देता हूं यीशु ख्रीप्र नासरीके नामसे उठ और चत्ल । ७ तब उसने उसका दहिना हाथ पकड़के उसे उठाया और ८ तुरन्त उसके पांवों ओर घृट्टियोंमें बल हुआ । और वह उछलके खड़ा हुआ और फिरने त्वगा और फिरता और कूदता ओर इंश्वरको स्तुति करता हुआ उनके संग मन्दिरमें प्रवेश किया । र सब लोगोंने उसे फिर ते और इश्वरकी स्तति करते ९० हुए देखा . और उसके चोनन्‍हा कि वही है जो मन्दिरके +ीछ७ ३४२ प्रेरितांकी क्रिया । [३ पब्ले । सुन्दर फ़ाटकपर भीखके लिये बेठा रहता था और जा उसके हुआ था उससे वे अति अचंभित ओर बिस्मित हुए । जिस समय वह लंगड़ा जो चंगा हुआ था पितर और याहनको पकड़े रहा सब लेग बहुत अचंभा करते हुए उस ओसारेम जे। सुलेमानका कहाव- ता है उनके पास दोड़े आये। यह देखके पितरने लोगेंसे कहा हे इस्रायेली त्ला गा तम इस मनपष्यसे क्यों अचंभा करते हो अथवा हमारी आर क्यों ऐसा ताकते हो कि जेसा हमने अपनीही शक्ति कयवा भक्तिसे इसके चलनेका सामथ्य दिया होता । इब्राहीम ओर इसहाक और याकूबके इश्वरने हमारे पितरोंके इेश्वरने अपने सेवक यीशुकी महिमा प्रगट किई जिसे तमने पकड़वाया और उसके पिल्लातके सन्‍मख नकारा जब कि उसने उसे छोड़ देनेके ठहराया णभा। परन्‍त तमने उस पविच जैर धर्म्मीके। नकारा २४ और मांगा कि एक हत्यारा तम्हें दिया जाय । और तमने जीवनके कत्ताके घात किया परनन्‍्त इंश्वरने उसे मतकोंमेंसे उठाया कौर इस बातके हम साश्षी है । और उसके नामके बिश्वाससे उसके नामहोीने इस मनष्यका जिसे तम देखते ओ जानते हो सामथ्य दिया है हां जे। बिश्वास उसके द्वारासे हे उसीसे यह संपूरण आरोग्य तम सभोंके सास्नरे इसके मिल्ला हे। आर अब हे भाइया मे जानता हूं ॥क तुम्हाने वह काम अज्ञानतासे किया ओर बेसे तुम्हारे प्रधानांने भी किया। परन्तु इेश्वरने जे! बात उसने अपने सब भविष्य- १४ १६ १७ १९ ३ पब्ले।] प्रेरितांकी क्रिया । बडे दृक्ताओंके समुखसे आगे बताई थी कि खीघ टुःख भेगेगा १€ वह बात इस रोतिसे पूरो किददें। इसलिये पश्चात्ताप करके फिर जाओ कि तुम्हारे पाप मिटाये जायें जिस्तें जीवका उठंढा होनेका समय परमेश्व रकी जे रसे आवे . २० और वह यीशु खत्रीपृका भेजे जिसका समाचार तुम्हें २९ आगेसे कहा गया है . जिसे अवश्य है कि स्वगे सब बातोंके सुधारे जानेके उस समयलेों ग्रहण करे जिस- की कथा इंश्वरने आदिसे अपने पवित्र भविष्यद्ुक्ता- ओके मुखसे कही है। २२ मूसाने पितरोंसे कहा परमेश्वर तुम्हारा इेश्वर तुम्हारे भाइयेंमेसे मेरे समान एक भविष्यदृक्ता के तुम्हारे लिये उठावेगा जो जो बातें वह तुमसे कहे उन सब २३ बातोंमें तुम उसको सुना । परन्तु हर णक मनुष्य जा उस भविष्यद्कक्ताकी न सुने लोागेंमेंसे नाश किया जाय- २४ गा। और सब भविष्यट्ुक्ताओंने भी शमुण्लसे और उसके पीछेके भविष्यट्क्ताओंसे लेके जितनेंने बातें २४ किई्दें इन दिनेंका भी आगेसे सन्देश दिया है। तुम भविष्यद्ृक्ताओंके और उस नियमके सन्‍्तान है जो इंश्वरने हमारे पितरोंके संग बांधा कि उसने इबाहीमसे कहा प्ृथिवोके सारे घराने तेरे बंशके द्रारासे आशीस २६ पावेंगे । तुम्हारे पास इश्वरने अपने सेवक यीशकोा उठाके पहिले भेजा जो तुममेंसे हर ण्कको तुम्हारे कुकम्मांसे फिरानेमें तुम्हें आशीस देता था। 46 ३५४ प्रेरित्रांकी क्रिया । [४ पब्ले । ४ चाया पब्वबे। १ पितर और येाहनका बन्दीगहमे डाला जाना । 9 प्रितरका महायाजकके आगे उत्तर देना | १३ न्‍्याइयेंका आपसमे विचार करना ओर पितर ओर येाहनकेा घमकाना और छाड़ देना । २३ उन दोनांका शिष्पांके संग मिलके प्राथेना करना । ३२ शिष्पांका अपने घनकेा आपसम बांठ लेना ओर बरणेबाको कथा । जिस समय वे लोागोंसे कह रहे याजक लोग और मन्दिरके पहरुओंका अध्यक्ष और सटूकी ल्लाग उनपर चढ़ आये . कि वे अप्रसन्न होते थे इसलिये कि वे ला- गांका सिखाते थे और मृतकोंमेंसे जी उठनेकी बात यीशुके प्रमाणसे प्रचार करते थे । ओर उन्हेंने उन्हें पकड़के बिहानलों बन्दीगृहमें रखा क्येंकि सांक हुई थी। परन्तु बचनके सुननेहारोंमेंसे बहुतांने बिश्वास किया क्र उन मनुष्योंकी गिनती पांच सहस्रके अटकल हुई। बिहान हुए लोागोंके प्रधान और प्राचीन और अध्या- प्रक लाग . और हन्तस महायाजक खऔर कियाफा और ओहन झऔर सिकन्दर और महायाजकके घरानेके जितने ल्लाग थे ये सब यिरूशलीममें एकट्रे हुए। और उन्होंने पितर और येोहनके बीचमें खड़ा करके पूछा तुमने यह काम किस सामथ्यंसे अयवा किस नामसे किया । तब पितरने पवित्र आत्मासे परिपूर्ण हे उनसे कहा हे ला- गोंके प्रधानो और इस्रायेलके प्राचीना . इस टुब्बेल मन॒ष्यपर जे! भला ई किई गई है यदि उसके विषयमें आज हमसे पछा जाता है कि वह किस नामसे चंगां किया गया है . ता आप लेग सब जा निये और समस्त इस्रा- येली लोग जाने कि यीशु ख्रोष्त नासरोके नामसे जिसे आप लोगोंने क्रूशपर घात किया जिसे इंश्वरने मृतकों- १० 30.. किट कक. ७... हू”. ४ पब्बे ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ३४४ मेंसे उठाया उसीसे यह मनष्य आप लोागेंके झागे चंगा १९ खड़ा है। यही वह पत्यर है जिसे जाप थवइयोंने तच्छ १२ जाना जे कानेका सिरा हुआ है। और किसी टूसरेसे चाण नहों है क्योंकि स्वगेके नीचे टूसरा नाम नहीं है जे मनुष्यांके बीचमें दिया गया है जिससे हमें चाण पाना होगा । १३ तब उन्होंने पितर और याहनका साहस देखके और यह जानके कि वे बिद्याहीन और अज्ञान मनुष्य हैं अचंभा किया ओर उनके चीन्‍्हा कि वे यीशके संग थे। १४ ओर उस चचंगा किये हुए मनुष्यका उनके संग खड़े देखके १४ वे काई बात जिरेधमें न कह सके। परन्तु उनके सभाके बाहर जानेको आज्ञा देके उन्होंने आझापसमे बिचार १६ किया . कि हम इन मनुष्योंसे क्या करें क्येंकि एक प्रसिट्ठ आश्च य्ये कम्मे उन्होंसे हुआ है यह बात यिरूशलीमके सब निवासियोपर प्रगट है और हम नहीं मुकर सकते १७ हैं । परन्त जिस्त लागोंमें अधिक फ्रेल न जावे आओ हम उन्हें बहुत धमकावें कि वे इस नामसे फिर किसी ९८ मनष्यसे बात न करें। ओर उन्हेंने उन्हे बतल्लाके आज्ञा दिईं कि यीशुके नामसे कुछ भी मत बेला ओर मत सि- १९ खाओ । परन्तु पितर ओर योहनने उनके उत्तर दिया कि इेश्वरसे अधिक आप लेगेोंका मानना क्या इश्वरके २० ज्ञागे उचित है सा आप तल्लाग बिचार कीजिये। क्योंकि जे हमने देखा ओर सना है उसके न कहना हमसे २१ नहीं हो सकता है । तब उन्होंने ओर धमकी देके उन्हें छेाड़ दिया कि उन्हें दंड देनेका लागोंके कारण कोाई ३५६ प्रेरितांकी क्रिया । [४ पब्जे । उपाय नहीं मिलता था क्यांकि जे हुआ था उसके लिये सब लोग इंश्वरका गुणानुबाद करते थे। क्यबांकि वह २२ मनुष्य जिसपर यह चंगा करनेका आश्चय्य कम्मे किया गया था चालीस बरसके ऊपरका था । वे छूटके अपने संगियेंके पास आये और जो कुछ २३ प्रधान याजकों ओ प्राचीनाोंने उनसे कहा था से सुना दिया । वे सुनके एक चित्त होकर ऊंचा शब्द करके २४ इंश्वरसे बोले हे प्रभु तू इंश्वर है जिसने स्वगे औ पृथिवी और समुद्र आर सब कुछ जो उनमें है बनाया . जिसने २४ अपने सेवक दाऊदके मखसे कहा अन्यदेशियोंने क्यों काप किया ओर लाोगोंने क्यों ब्यथे चिन्ता किईदं। परमे- २६ श्वरके ओर उसके अभिषिक्त जनके बिरुटु पृथिवाके राजा लाग खड़े हुए और अध्यक्ष ल्लाग एक संग एकट्टे हुए। व्येांकि सचमुच तेरे पविच सेवक यीशुके बिरूटु जिसे २७ - तने अभिषेक किया हेरोद और पन्तिय पिल्लात भी अन्यदेशियाों ओर इस्रायेली लेागेंके संग एकट्रें हुए . कि २८ जा कुछ तेरे हाथ और तेरे मतने आगेसे ठहराया था कि है। जाय साई करें। और अब हे प्रभु उनकी धमकि- २६ योंका देख . और चंगा करनेके लिये और चिन्हों और ३० अठत कार्मांके तेरे पविच सेवक योशके नामसे किये जानेके लिये अपना हाथ बढानेसे अपने टासे!केा यह दीजिये कि तेरा बचन बड़े साहससे बाल । जब उन्हेंने ३९ प्राथंना किईं थी तब वह स्थान जिसमें वे एकट्रे हुए हिल गया ओर वे सब पविच आत्मासे परिपूणे हुए आर इंश्वरका बचन साहससे बालने लगे। ४ पब्ले। प्रेरितोंकी क्रिया । ३४५७ ३२ बिश्वासियोंकी संडलीका एक मन और एक जी व था और न केाई अपनी सम्पत्तिमेंसे कोई बसत अपनी कहता ३३ था परनन्‍्त उन्होंकोी सब सम्पत्ति साकेकी थी। ओर प्रेरित ल्लाग बंडे सामथ्यसे प्रभ यीशके जो उठनेकी साथी देते ३४ थे ओर उन सभेंपर बड़ा अनुम्रह था । ओर न उनमेंसे कोई द्रिट््‌ था क्योंकि जे जे लोग भूमि अथवा घरोंके ३४ अधिकारी थे से उन्हें बेचते थे . और बेची हुई बस्तुओं- का दाम लाके प्रेरितेंके पांवांपर रखते थे लौर जेसा जिसको प्रयोजन होता था तेसा हर णकक्े बांटा ३६ जाता था । और योशी नाम कुप्रस टापूका एक लेवीय जिसे प्रेरितांने बणेबा अथेत शांतिका पुच्ध कहा उसकी ३७ कुछ भूमि थी । सा वह उसे बेचके रुपेयोंका लाया और प्रेरितांके पांवांपर रखा । ४५ पांचवां पब्बे । अनानयाह ओर सफोराका कपट करना ओर समर जाना । १३ प्ररित्रोंके अनेक आइचणय्प कम्मे । १७ प्रेरिलरांका बन्दोगहमे रखा जाना ओर स्वगंदतका उन्हें कृूडाना । २७ प्रतरका महायाजक्रक्ता उत्तर दना | ३३ गगम्तालयंलका प्ररामश ॥ ४५० प्रारताक्रा मार खाक्क छूट जाना आर सताय जानम झओआनंन्द करना ॥ ्यय १ परन्तु अननियाह नाम एक मलुष्यने अपनी स्त्री २ सफीराके संगमें कुछ भूमि बेची . और दाममेंसे कुछ रख छेड़ा जो उसकी स्त्री भी जानती थी ज्जैौर कछ लाके ३ प्रेरितांके पांवोंपर रखा | परन्‍्त पितरने कहा हे झ्मननि- याह शेतानने क्यों तेरे मनमें यह मत दिया है कित पविच्र आत्मासे कूठ बाले ओर भमिके दाममेसे कुछ ४ रख छोड़े। जबलों वह रही क्या तेरी न रहो और जब ३५८ प्रेरितांकी क्रिया । [४ पब्ले । बिक गईं क्या तेरे बशमें न थी . यह क्या है कि तने यह बात अपने मनमें रखी है . तू मनुष्योंसे नहीं परन्तु इेश्वरसे झूठ बाला है। अननियाह यह बातें सुनतेही गिर पड़ा ओ प्राण छोड़ दिया और इन बातोंके सब सुननेहारोंके बड़ा भय हुआ । ओर जवानोंने उठके उसे लपेटा और बाहर ले जाके गाड़ा । पहर ण्कके पीछे उसकी स्त्री यह जे हुआ था न जानके भीतर आई । इसपर पितरने उससे कहा मुकसे कह दे क्या तुमने वह भूमि इतनेहोमें बेचो . वह बोली हां इतने- में । तब पितरने उससे कहा यह क्या है कि तुम देनोंने परमेश्वरके आत्माकी परीक्षा करनेके णक संग युक्ति बांधी है . देख तेरे स्वामीके गाड़नेहारोंके पांव ट्रारपर हैं जार वे तुके बाहर ले जायेंगे। तब वह तुरन्त उसके पांवांके पास गिर पड़ी जौ प्राण छोड़ दिया और जवानोंने भीतर आके उसे मरी हुई पाया और बाहर ले जाके उसके स्वामीके पास गाड़ा । ओर सारी मंडलीकेा कलर इन बातोंके सब सुननेहारोंका बड़ा भय हुआ। प्रेरितांके हाथोंसे बहुत चिन्ह आर अद्वत काम ल्ागोांके बीचमें किये जाते थे और वे सब एक चित्त हाके सुलेमानके ओसारेमें थे। औरोमेंसे किसी के। उनके संग मिलनेका साहस नहों था परन्तु ल्लाग उनको बढ़ाई करते थे । और जऔर भी बहुत लाग पुरुष और स्वियां भी बिश्वास करके प्रभुसे मिल जाते थे | इससे ल्लाग रागियोंका बाहर सड़कांमें लाके खाटों और खटोलांपर रखते थे कि जब पितर आबे तब उसको १0 १४ १२ ४ पब्ब ।] प्रेरितांकी क्रिया । ३४६ १६ परछाईं भी उनमेंसे किसीपर पढ़े । झसपासके नगरोंके त्लाग भी रोगियोंका और अश॒टु भूतांसे सताये हुण त्लागेंके लिये हुए यिरूशल्ीममें एकट्रे होते थे और वे सब चंगे किये जाते थे । १७ तब महायाजक उठा और उसके सब संगी जो सटू- (८ कियोंका पंथ है और डाहसे भर गये . और प्रेरि तोंकेा १९ पकड़के उन्हें सामान्य बन्दीगृहमें रखा। परन्तु परमेश्वर- के एक टूतने रातको बन्दीगृहके ट्रार खालके उन्हें बाहर २० लाके कहा . जाओ आर मन्दिरमें खड़े होके इस जी व- २९ नको सारो बातें लागोंसे कहे । यह सुनके उन्होंने भारके मन्दिरमें प्रवेश किया और उपदेश करने लगे . तब महायाजक जऔर उसके संगी लोग आये और न्‍्याइ- योंकी सभाका और इस्रायेलके सन्‍्तानेंके सारे प्राची- नांके णकट्रे बुलाया और प्यादोंका बन्दीगृहमें भेजा कि २२ उन्हें लावें। प्यादोंने जब पहुंचे तब उन्हें बन्दोीगृहमें २३ न पाया परन्तु लाौटके सन्देश दिया . कि हमने बन्दीगृह- के बड़ी टूढ़तासे बन्द किये हुए झैर पहरुओंकेा बाहर द्वारोंके सास्ने खड़े हुए पाया परन्तु जब खोात्ना तब भोतर २४ किसीके न पाया । जब महायाजक और मन्द्रिके पहरू- ओके अध्यक्ष ओर प्रधान याजकोंने यह बातें सुनीं तब वे उन्होंके विषयमें दुबधामें पड़े कि यह क्या हुआ २५ चाहता है। तब किसीने आके उन्हें सन्‍देश दिया कि देखिये वे मनुष्य जिनके आप लेगोेंने बन्दी गृहमें रखा २६ मन्दिरिमें खड़े हुए ल्लागांके उपदेश देते हैं। तब पहरु- ओंका अध्यक्ष प्यादोंके संग जाके उन्हें ले आया परन्तु ३६० प्रेरितांकी क्रिया । [४ पब्खे। बरियाईसे नहों क्येंकि वे लागोंसे डरते थे ऐसा न है। कि पत्यरवाह किये जाये। उन्हेंने उन्हें लाके न्‍्याइयोंकी सभामें खड़ा किया २७ ओर महायाजकने उनसे पछा . क्या हमने तम्ह टूढ़ र८ बआ्ाज्ञा न दिईदे कि इस नामसे उपदेश मत करो . तोभो देखा तुमने यिझरूशलीमके अपने उपदेशसे भर दिया है और इस मनुष्यका लाह हमेंपर लाने चाहते हो। तब पितरने और प्रेरितांने उत्तर दिया कि मनुष्येंकी २९ आज्ञासे अधिक इंश्वरकी आज्ञाका मानना उचित है। हमारे पितरोंके इश्वरने यीशुका जिसे आप लेोगोंने ३० काठपर लटकाके घात किया जिला उठाया । उसके ३१ इंश्वरने कत्ता ओ चाताका ऊंच पद अपने ट्हिने हाथ दिया है कि वह इस्रायेली लेागोंसे पश्चात्ताप करवाके उन्हें पापमाचन देवे । और इन बातोंमें हम उसके ३२ साश्ठी हैं ल्लार पविच्र आत्मा भी जिसे इंश्वरने अपने आज्ञाकारियोंकेा दिया है साथी है । यह सुननेसे उनके तीरसा लग गया और बे उन्हें ३३ मार डालनेका बिचार करने लगे । परन्तु न्‍्याइयेंकी ३४ सभामें गसलियेत नाम एक फ़रोशी जो ब्यवस्थापक और सब ल्नागोंमें मग्पेदिक था खड़ा हुआ और प्रेरि- तोंके थाड़ी बेर बाहर करनेकी आज्ञा किई . और ३५ उनसे कहा हे इस्रायेली मनष्यो अपने विषय सचेत रहो कि तम इन सनष्योंसे क्या किया चाहते हो । क्यांकि ३६ इन दिनोंके आगे थूदा यह कहता हुआ उठा कि में भी काई हूं और ल्लाग गिन्‍्तीमें चार सोके अटकल उसके ६ पब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ३६१ साथ लग गये परन्तु वह मारा गया और जितने लाग उसके मानते थे सब तितर बितर हुए ओर बिला ३७ गये। उसके पीछे नाम लिखानेके दिनेंमें यिहद्दया गाली- ल्ली उठा और बहुत लेगेंकेा अपने पीछे बहका लिया . वह भी नप्ठ हुआ और जितने लोग उसको मानते थे ३८ सब तितर बितर हुए । और अब में तुम्हाोंसे कहता हूं इन मनुष्योंसे हाथ उठाओ और उन्हें जाने दा ब्यांकि यह बिचार अथवा यह काम यदि मनुष्यांको ३६ ओरसे हाय ते लेाप हा जायगा। परन्तु यदि इश्वरसे है ता तुम उसे लाप नहीं कर सकते हा . ऐसा न हा कि तुम इंश्वरसे भी लड़नेहारे ठहरो। ४० तब उन्होंने उसकी मान लिई और प्रेरि ते का बुला- के उन्हें काड़े मारके आज्ञा दिई कि यीशुके नामसे बात ४९ मत करो . तब उन्हें छाड़ दिया | सा वे इस बातसे कि हम उसके नामके लिये निन्दित होनेके योग्य गिने गये आनन्द करते हुए न्‍्याइयेंको सभाके साम्हनेसे चलने ४२ गये . और प्रतिदिन मन्दिरमें खैर घर घर उपदेश करने और यीश ख्रीप्र॒का सुसमाचार सुनानेसे नहीं घंभे । + €ः ६ छठवा पब्बे । १ क#ंगालाको सेवाके लिये सात संबरक्नंका ठहराया जाना। ८ स्तफानका उपदेश क् का ँः 333. करना । ११ बिबादियेोंक्रा उसपर करठा देष लगाना । १ उन दिनोंमें जब शिष्य बहुत होने लगे तब यूनानीय .. भाषा बालनेहारे इबियोंपर कुड़कुड़ाने लगे कि प्रति- ... दिनकी सेवकाईमें हमारी बिधवाओंकी सुध नहीं त्निई २ जातो । तब बारह प्रेरितोंने शिष्योंकी मंडलीकेा अपने | 46 ३६२ प्रेरितांकी क्रिया । [६ पब्छे । पास बुलाके कहा यह अच्छा नहीं लगता है किहम त्लाग इेश्वरका बचन छो ड़के खिलाने पिलानेकी सेवका- इसमें रहें। इसलिये हे भाइये अपनेमेंसे सात सुख्यात मनु- प्योंका जे पवित्र आत्मासे और बुद्धिसे परिपूणे हो चुन त्ला कि हम उनके इस कामपर नियुक्त करें। परन्तु हम तो प्राथेनामें झरार बचनको सेवकाईसें लगे रहेंगे। यह बात सारी मंडलीके अच्छी लगी और उन्हेंने स्तिफान एक मनृष्यका जो बिश्वाससे और पविच आत्मासे परि- पणे था कोर फिलिप ओर प्रधर को निकानर ओोे तीमान ओ पमिना ओर अन्तखिया नगरके यिहृदीय मतावलंबी निकेालावका चुन लिया . ओर उन्हें प्रेरितांके आगे खड़ा किया और उन्हेंने प्राथेना करके उनपर हाथ रखे। खैर इंश्वरका बचन फेलता गया और यिरूशल्नीममें शिष्य त्लाग गिन्‍्तीमें बहुत बढ़ते गये कौर बहुतेरे याजक लोग बिश्वासके अधीन हुए । स्तिफान बिश्वास शोर सामथ्यसे पणे होके बड़े बड़े अद्वत ओर आश्चय्य कम्म लागोंके बीचमें करता था। तब उस सभामेंसे जे लिबत्तिनियोंकी कहावती हे और कुरीनीय औ सिकन्दरीय लेगेंमेंसे श्लैर कितल्लिकिया औ ज्ञयाशिया देशोंके लागोंमेंसे कितने उठके स्तिफानसे बिबाद करने लगे . परन्तु उस ज्ञानकगा और उस १0 च्यात्माका जिन करके वह बात करता था साम्हना नहीं कर सकते ये । तब उन्होंने लागोंका उभाडा जो बाले हमने उसके ९१९ ०29. शक ८72. 0:50. मसाके कोर इंश्वरके बिशेधमं निन्‍दाकों बाते बालते 9७ प्रब्ब।] प्रेरितांकी क्रिया । झद३े १२ सुना है। और लोगों औ प्राचीनां ओ अध्यापकोंका उसकाके वे चढ़ आये और उसे पकड़के न्‍्याइयेंकों १३ सभामें लाये . ओर कूठे साक्षियोंके खड़ा किया जो बोलने यह मनुष्य इस पवितच स्थानके और ब्यवस्थाके बिरोधमें १४ निन्‍दाकी बातें बालनेसे नहीं थंभता है । ब्यांकि हमने डसे कहते सुना है कि यह यीशु नासरी इस स्थानके ढायगा ओर जो ब्यवहार मसाने हमे सांप दिये उन्हें १५ बटल डालेगा। तब सब लोागोंने जे! सभामे बेठे थे उसकी ओर ताकके उसका मुंह स्वग टूतके मुंहके ऐसा देखा। ७ सातवां यब्बे । १ तफ़ानका सहायाजकका उच्चतर दना , इवज़्ाहाम इत्यादका बरणेन ॥ १9 ससा5 की कथा । ४१ यिहदियेंको म्रत्तिप्रजाका वृत्तान्त | ४४ इश्वरको सेवाके तम्बओंका ब्योरा । ४१ यिहादयांपर उलहना । ४४ यिहांदयांका स्तिफानक्का परत्यरेंस मारना । ३ तब महायाजकने कहा क्या यह बातें यूंहीं हैं। स्ति- फानने कहा हे भाइये और पितरो सुना . हमारा पिता इब्राहीस हारान नगरमे बसनेके पहित्ने जब मिसपता- मिया देशमें था तब तेजामय इश्वरने उसके ट्शन दिया, ३ और उससे कहा तू अपने देश और अपने काट्टुबॉमेंसे ४ निकलके जो देश में तुके दिखाऊं उसीमें झा । तब उसने कलदियोंके देशसे निकलके हारानमें बास किया और वबहांसे उसके पिताके मरनेके पीछे इेश्वरने उसके इस देशमें त्वाके बसाया जिसमें आप त्नोग अब बसते हैं। ४ और उसने इस देशमें उसके कुछ अधिकार न दिया प्रैर रखने भर भमि भी नहीं परन्‍्त उसके पच न रहतेही उसके प्रतिज्ञा दिई कि में यह देश तकके और तेरे ३६७ प्रेरितरोंकी क्रिया । [9 प्ले । पीछे तेरे बंशका अधिकारके लिये देऊंगा। और इंश्वरने यं॑ कहा कि तेरे सन्‍्तान पराये देशमें बिदेशी होंगे और वे लेग उन्हें दास बनावेगे ओर चार सो बरस उन्हें टुःख देंगे। ओर जिन लोगोंके वे दास होंगे उन लोगोंका (इश्वरने कहा) में बिचार करूंगा और इसके प्रीछे वे निकल आवेंगे ओर इसो स्पानमें मेरी सेवा करेंगे । गैर उसने उसके खतनेका नियम दिया ज्ौर इस रीतिसे इसहाक उससे उत्पन्न हुआ और उसने आठवें दिन उसका खतना किया और इसहाकने याकबका जैर याकबने बारह कलपतियोंका । और कलपतियेंने यसफसे डाह करके उसे मिसर देश जाने- हारोंके हाथ बेचा परन्तु इश्वर उसके संग था . और उसे उसके सब क्लशाोंसे छडाके मिसरके राजा फ़िरऊनके आगे अनयहके याग्य ओर बह़्िमान किया ओर उसने उसे मिसर देशपर झकझोर अपने सारे घरपर प्रधान ठहराया । तब मिसर और कनानके सारे देशमं अकाल ज्लैौर बड़ा क्केश पड़ा आर हमारे पितरोंका अन्न नहों मिलता था । परन्‍्त याकबने यह सनके कि मिसरसे अनाज है हमारे पितरोंका पहिली बेर भेजा । ओर टसरी बेरमें यसफ अपने भादइयेंसे पहचाना गया ओर यसफका घराना फिरऊनपर प्रगट हुआ। तब यूसफने चजपने पिता याकबकओ_ ओर अपने सब कटबाका जो परछत्तर जन थे बुलवा भेजा । से याकूब मिसरकोा गया जैौर वह आप मरा और हमारे पितर ल्लोग . ् १२ ज्ौर वे शिखिम नगरमें पहुंचाये गये ओर उस कबरमें १६ 9 प्रक्ले ।] प्रेरितोंकी क्रिया । ३६४ रखे गये जिसे इब्बाहोंमने चांदी देके शिखिमके प्रिता हमारके सन्‍तानेंसे मोल लिया । १७ परन्तु जा प्रतिज्ञा इश्वरने किरिया खाके इबाही मसे किईद थी उसका समय ज्योंही निकट आया त्योंही वे १८ ल्लोग मिसरमें बढ़े और बहुत हा गये। इतनेमें टूसरा १€ राजा उठा जो यूसफको नहीं जानता था । उसने हमारे लागेांसे चतुराई करके हमारे पितरोंके साथ ऐसी बुराई किई कि उनके बालकेंका बाहर फिंकवाया कि वे जी ते २० न रहें। उस समयमें मूसा उत्पन्न हुआ जे। परमसुन्द्र था २९ और वह अपने पिताके घरमें तीनमास पाला गया। जब बह बाहर फ्रेका गया तब फ़िरऊनकी बेटीने उसे उठा २२ लिया और अपना पुत्र करके उसे पाला। और मूसाका मिसरियोंकी सारी बिदया सिखाई गई और वह बातों २३ ओर कामेंमें सामर्थी या। जब वह चालीस बरसका हुआ तब उसके मनमें झ्राया कि अपने भाइयोंकेा अथात इस्रा- २४ येलके सन्‍तानेके देख लेवे। और उसने एकपर अन्याय होते देखके रश्या किद और “मिसरोका मारके सताये २४ हुएका पलटा लिया | वह बिचार करता था कि मेरे भाई . सम्ेगे कि इंश्वर मेरे हाथसे उन्हें का निस्तार करता है २६ परन्तु उन्होंने नहीं समका। अगल्ले दिन वह उन्हें जब वे आपसमे लड़ते थे दिखाई दिया और यह कहके उन्हें मिल्लाप करनेके मनाया कि हे मनुष्ये। तुम ते भाई हो २७ एक टूसरेसे क्यों अन्याय करते हो । परन्तु जे अपने पढ़ासीसे अन्याय करता था उसने उसके हटाके कहा शु८ किसने तुझे हमेंपर अध्यक्ष ओर न्‍यायी दहराया। क्या इंद्र प्रेरितरांकी क्रिया । [० पब्जे। जिस रीतिसे तूने कल मिसरीके मार डाला तू मुके मार डालने चाहता है।इस बातपर मूसा भागा और मिदि- २< यान देशमें परदेशी हुआ आर वहां दा पुत्र उसका उत्सपन्न हुए। जब चालोस बरस बोत गये तब परमेश्वरके टूतने ३० सीनई पब्बेतके जंगलमें उसके एक काड़ोकी आझागको ज्वालामें दर्शन दिया। मूसाने देखके उस दर्शनसे अचंभा ३१ किया और जब वह टूप्ि करनेके निकट आता था तब परमेश्वरका शब्द उस पास पहुंचा . कि में तेरे पितरोंका ३२ ' इेश्वर अथात इबाहीमका इश्वर और इसहाकका इेश्वर और याकूबका इेश्वर हूं . तब मूसा कांपने लगा और ट्रष्ठि करनेका उसे साहस न रहा । तब परमेश्वरने ३३ उससे कहा अपने पांवांकी जूतियां खोल क्योंकि वह स्थान जिसपर तू खड़ा है पविच्र भूमि है। मैंने ट्रप्नि ३४ करके अपने लेोगोंको जो मिसरमें हैं दुटुश देखी हट खीर उनका कहरना सुना है ओर उन्हें छड़ानेका उतर जाया हूं झेर अब आ में तु्े मिसरको भेजूंगा। यही ३४ मूसा जिसे उन्हेंने नकारके कहा किसने तुरे अध्यक्ष आर न्‍यायी ठहराया उसीकेा इश्वरने उस टूतके हाथसे जिसने उसके काड़ोमें दर्शन दिया अध्यक्ष और निसस्‍्ता- रक करके भेजा। यही मिसर देशमें और लाल समुद्रमें ३६ और जंगलमें चालीस बरस अट्ूत काम और चिन्ह दि- खाके उन्हें निकाल त्वाया । यही वह मूसा है जिसने ३७ इस्रायेलके सनन्‍्तानेंसे कहा परमेश्वर तुम्हारा इेश्बर तुम्हारे भाइयेंमेंसे मेरे समान एक भविष्यदुक्ता के तुम्हा- रे लिये उठावेगा तुम उसकी सुना। यही है जा जंगलमें ३८ 9 पब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ३६७ 30 3९ २ 3३ 38 3२ 5६ मंडलीके बोचमें उस टूतके संग जो सीनई पब्बेतपर उससे बाला झऔ और हमारे पितरोंके संग था जैर उसने हमें देनेके लिये जीवती बाणियां पाई । पर हमारे 'पितरोंने उसके आज्ञाकारो हेोनेकी इच्छा न किई परन्तु उसे हटाके अपने मनमें मिसरकी झआऔ_ ओर फिरे . जझैर हारानसे बोले हमारे लिये टेवांकेा बनाइये जो हमारे आगे जाये क्योंकि यह मूसा जे हमें मिसर देशमेंसे निकाल लाया उसे हम नहीं जानते क्या हुआ है। उन दिनोंमें उन्होंने बछडू बनाके उस मूत्तिके आगे बल्नि चढ़ाया और अपने हाथोंके कार्मोंसे मगन होते थे। तब इंश्वरने मंह फेरके उन्हें झकाशको सेना पजनेकेा त्याग दिया जैसा भविष्यदुक्ताओंके पुस्तकर्म ल्लिखा है कि हे इस्रायेलके घराने क्या तुमने चालोस बरस जंगलमें मेरे आगे पशुमेध और बतल्नलि चढ़ाये। ताभी तुमने मालकका तंब और अपनी देवता रिंफनका तारा उठा लिया अथात उ त आकारोंका जे तमने पजनेके बनाये और में तम्ह बाबलसे ज्ौरः उधर तल्ने जाके बसाऊंगा। साथ्वीका तंब्‌ जंगलमे हमारे पितरोंके बीचमे था जैसा उसीने ठहराया जिसने मूसासे कहा कि जे आकार तूने देखा है उसके अनुसार उसके बना। ओर उसके हमारे पितर लेाग यिहेशअआके संग अगल्लोंसे पाके तब यहां लाये जब उन्होंने उन अन्यदेशियांका अधिकार पाया जिन्हे इश्वरने हमारे पितरोंके साम्नेसे निकाल दिया . साई दाऊदके दिनांतक हुआ जिसपर इश्वरका अनग्रह था ओर जिसने मांगा किमें याकबके इश्वर के हद प्रेरितोंकी क्रिया । [७ पब्बें । लिये डेरा ठहराऊं । पर सुल्ेमानने उसके लिये घर ४७ बनाया । परन्तु सब्बेप्रधान जा है से हाथके बनाये हुए ४८ मन्दिरोंमें बास नहीं करता है जैसा भविष्यद्॒क्ताने कहा है. कि परमेश्वर कहता है स्वगे मेरा सिंहासन और ४८ पृथिवी मेरे चरणेंकी पीढ़ी है तुम मेरे लिये कैसा घर बनाओगे अथवा मेरे बिआमका कानसा स्पान है। क्या मेरे हाथने यह सब बस्तु नहीं बनाईें । ४० हे हटीले झौर मन और कानोंके खतनाहीन लेगे। ४९ तुम सदा पविच आत्माका साम्हना करते हो. जैसा तुम्हारे पितरोंने तैसा तुम भी। भविष्यदक्ताओंमेंसे ४२ तुम्हारे पितरोंने किसके नहीं सताया . और उन्हेंने उन्हें मार डाला जिन्हेंने इस धर्म्मी जनके आनेका आगेसे सन्देश दिया जिसके तुम अब पकड़वानेहारे ओर हत्यारे हुए हो . जिन्होंने स्वगे टूतांके द्वारा ४३ ठहराई हुई व्यवस्था पाई है ताभी पालन न किट । यह बातें सुननेसे उनके मनके तीरसा लग गया और ४४ वे स्तिफानपर दांत पोसने लगे। परन्तु उसने पविच आ- ५४ त्मासे परिपूर्ण हो स्वगेकी ओर ताकके इेश्वरकी महि- माकेा ओर यीशुका इश्वरकी दहिनी ओर खड़े देखा . ओर कहा देखो में स्वगेका खुले और मनुष्यके पुच्रका ४६ इेश्वरकी दहिनी ओर खड़े देखता हूं । तब उन्हेंने बढ़े ४७ शब्दसे चिल्लाके अपने कान बन्द किये और एक चित्त हाोके उसपर लपके . और उसे नगरके बाहर निकालके ४८ पत्थरवाह करने लगे और साछियेंने अपने कपड़े शा- वतल्न नाम एक जवानके पांवां पास उतार रखे। और ४८ ८ पब्ले ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ३६६ : उन्होंने स्तिफानकेा पत्यरवाह किया जे। यह कहके प्रारथे- ना करता था कि हे प्रभु यीश मेरे आत्माका यपहण कर । ६० और घुटने टेकके उसने बड़े शब्दसे पुकारा हे प्रभु यह प्राप उनपर मत लगा जौर यह कहके से गया। ८ आ्याठवां पब्बे । १ उपद्रवके कारण संडलोके लागेंका तितर खितर होना। ४ फिलिपका शामिरेानि- योंकेा सुसमाचार सुनाना। € शिमान टोन्‍्हडाका वृत्तान्स । २५ फ्रॉलिप और नपुंसकका बणेन । १ शावल स्तिफानके मारे जानेमें सम्मति देता था. उस समय यिरूशत्नीममेंकी मंडल्लीपर बड़ा उपट्रव हुआ और प्रेरितांके छोड़ वे सब यिहददिया और शेामिरोन देशोंमें २ तितर बितर हुए । भक्त लागोंने स्तिफानका कबरमें ३ रखा जोर उसके लिये बड़ा बिलाप किया | शावल मंडलीके नाश करता रहा कि घर घर घृसके पुरुषों और स्त्रियोंका पकड़के बन्दोगृहमें डालता था । ४ जो तितर बितर हुए से सुसमाचार प्रचार करते ४ हुए फिरा किये । आर फिलिपने शामिराोनके ण्क ६ नगरमें जाके खीपूकी कथा लोागोंका सुनाई। और जो बातें फिलिपने कहों उन्हेांपर लागांने उन आश्चय्ये कम्मांकेा जे। वह करता था सुनने और देखनेसे एक ७ चित्त होके मन लगाया । क्योंकि बहुतोंमेंसे जिन्हें अश॒ट् भूत लगे थे वे सत बढ़े शब्दसे पुकारते हु निकले ओर बहुत अट्टोंगी ओर लंगड़े लग चंगे किये ८ गये । और उस नगरमें बड़ा आनन्द हुआ । < परन्तु उस नगरमें आगेसे शिमेन नाम एक मनुष्य था जो टोना करके शा मिरोनके ले गों के बिस्मित करता 47 ३७०: प्रेरितोंकी क्रिया .. [६ पब्जे। था और अपनेके कोई बड़ा पुर कहता था | और १९० छेटेसे बड़ेतेक सब उसके मानके कहते थे कि यह मनुष्य इश्वरकी महा शक्ति ही है। उसने बहुत दिनेंसे १९ उन्हें टोनाोंसे बिस्सित किया था इसलिये वे उसके मानते थे। परन्तु जब उन्हेंने फिल्निपका जो इंश्वरके राज्यके १२ औ_ और यीशु ख्रीप्रके नामके विषयमेंका सुसमाचार सुनाता था बिश्वास किया तब पुरुष और स्त्रियां भी बपतिसमा लेने लगे । तब शिमानने ञ्ञाप भी बिश्वास किया और १३ बपतिसमा लेके फ़िलिपके संग लगा रहा और आश्चयस्प कम्मे और बड़े चिन्ह जे। हा ते थे देखके बिस्मित होता था। . जो प्रेरित यिरूशलीममे थे उन्हेंने जब सना कि शा- ९४ मिरोनियोंने इंश्वरका बचने ग्रहण किया हे तब पितर झेोर याहनकेा उनके पास भेजा । ओर उन्हेंने जाके ९४ उनके लिये प्राथेना किई कि वे पविच्र आत्मा पावें। क्यांकि वह अबलों उनमेंसे किसी पर नहीं पड़ा था केवल १९६ उन्हेंने प्रभु यीशके नामसे बपतिसमा लिया था। तब ९७ उन्होंने उनपर हाथ रखे और उन्होंने पविच आत्मा पाया । . शिमान यह देखके कि प्रेरितांके हाथोंके रखनेसे १८ पाविच आत्मा दिया जाता है उनके पास रुपेये लाया . और कहा मरके भी यह अधिकार दीजिये कि जिस कि- १९९ सीपर में हाथ रखं वह पविच आत्मा पावे | परनन्‍्त २० पितरने उससे कहा तेरे रुपेये तेरे संग नप्र होवें क्योंकि तूने इंश्वरका दान रूुपैयोंसे मोल लेनेका बिचार किया है। तुके इस बातमें न भाग न अधिकार है क्यें कि तेरा २१ ८ पब्ले ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ३७१ २४२ मन इंश्वरके आगे सीधा नहीं है। इसलिये अपनी इस बराईसे पश्चात्ताप करके इेश्वरसे प्राथेना कर क्या २३ जाने तेरे मनका बिचार श्मा किया जाय । क्योंकि मे देखता हं कित अति कडवे पित्तम और अधम्मेके बंधन- २४ में पड़ा हे । शिमानने उत्तर दिया कि आप लोग मेरे लिये प्रभुसे प्राथेना कीजिये कि जो बातें आप लोागेंने कही हैं उनमेंसे कोई बात मुझपर न पड़े । २५ सा वे साश्ी देके और प्रभका बचन सनाके यिरूश- लीमको लौटे और उन्हेंने शोमिराोनियोंके बहुत गांवोंमें २६ सुसमाचार प्रचार किया। परन्तु परमेश्वरके एक दटूतने फिलिपसे कहा उठके दक्षिणकेा उस मागेपर जा जो . यगिरुशलीमसे अज्जा नगरके जाता है वह जंगल है। २७ वह उठके गया ओर देखे कश देशका एक मनष्य था जा नपंसक ओर कांशयोंको राणों कन्‍दाकोका णक प्रधात झेर उसके सारे धनपर अध्यक्ष था ओर यिरू- श८ शत्तीमका भजन करनेकेा ञराया था। और वह लोाटता था और अपने रथपर बैठा हुआ यिशैयाह भविष्यद्रक्ताका २९ पुस्तक पढ़ता था । तब आत्माने फिलिपसे कहा निकट ३० जाके इस रथसे मिल जा । फिलिपने उस ओर दोड़के उस मनलुष्यका यिशियाह भविष्यद्ृक्ताका पुस्तक पढ़ते हुए . सना ओर कहा क्या आप जो पढ़ते है उसे बकते हैं। ३९ उसने कहा यदि कोई म्॒के न बतावे तो में क्यांकर बक्छ सके . जार उसने फिलिपसे बिन्‍तो किईदँ कि चढके मेरे बा 9 ३२ संग बाठये । घमन्मप्रस्तकका ऋध्याथ जा बह पढता था . यहा था के वह भेड़कों नाइ बध हानका पहुचाया गया ३०२ प्रेरित्रांकी क्रिया । [६ पब्ले। और जेसा मेस्ना अपने रोम कतरनेहारेके साम्रे अबाल है तैसा उसने अपना मुंह न खोत्ना । उसकी दीनताई- ३३ में उसका न्याय नहीं होने पाया और उसके समयके त्ले- गांका बणेन कान करेगा क्येंकि उसका प्राण पृथिवीसे उठाया गया । इसपर नपुंसकने फिलिपसे कहा में ३४ आपसे बिन्‍्ती करता हूं भविष्यद्रक्ता यह बात किसके विषयमें कहता है अपने विषयमें अथवा किसी टूसरे- के विषयमें । तब फिल्लिपने अपना मुंह खोलके और ३५४ धम्मेपुस्तकके इस बचनसे आरंभ करके यीशुका सुसमा- चार उसके सुनाया । मागमें जाते जाते वे किसी पानी- ३६ के पास पहुंचे आर नपुंसकने कहा देखिये जलन है बप- तिसमा लेनेमें मुझे क्या रोक है। [फिलिपने कहा जे। ३७ आप सारे मनसे बिश्वास करते हैं ता हो सकता है . उसने उत्तर दिया में बिश्वास करता हूं कि योशु ख्रीघर इश्वरका पुत्र है।] तब उसने रथ खड़ा करनेकी आज्ञा इ८ दिई और वे दोनों फिलिप और नपुंसक भी जलमें उतरे झऔ_और फिलिपने उसके! बपतिसमा दिया | जब इ< वे जलमेंसे ऊपर आये तब परमेश्वरका आत्मा फिलिप- के ले गया और नपुंसकने उसे फिर नहीं देखा क्योंकि वह अपने मागेपर आनन्द करता हुआ चलना गया। परन्तु फिल्िप असदेद नगरमें पाया गया और आगे ४० बढ़के जबलों कैसरिया नगरमें न पहुंचा सब नगरोंमें सुसमाचार सुनाता गया। € नवां पब्बे । १ दमेसककेा जाते हुए शाधलकरा योशका दर्शन पाना और मन फिराना । १० ६ प्रब्बे ।] प्रेरितोंकी क्रिया । ३०३ श्रनानिया हप्र पावल (अश्याल शावल) को बातका प्रगट द्वाना | १७ अ्ननियाहके हाथसे पावलका दुष्टि पाना आर बपतिसमा लेना । १७ पावलका सभाके घरेंम योशका ससमाचार प्रचार करना ओर यिहदियांका उससे बैर करना । २६ उसका यिरुशलोमके भाइयेंस मिलना । ३१ पितरका रशेनियके। चेगा करना । ३६ दकोाका जिलाना । १ शावल जिसकी अबलों प्रभुके शिष्पेंकि धमकाने और घात करनेके सांस फूल रही थी महायाजकके पास गया. २ और उससे दमेसक नगरकी सभाओंके नामपर चिट्टियां मांगीं इसलिये कि यदि कोई मिले क्या पुरुष क्या स्तियां जे उस पन्थके हों ता उन्हें बांधे हुए यिरूुशलीमके ३ ले आवे। परन्तु जाते हुए जब वह दमेसकके निकट पहुंचा तब अचांचक स्वगेसे एक ज्येति उसकी चारों ४ ओर चमकी । और वह भूमिपर गिरा और ण्क शब्द सुना जा उससे बात्ना हे शावल हे शावल तू मुग्े क्यों ५ सताता है | उसने कहा हे प्रभ त ओन है . प्रभने कहा योश हूं जिसे तू सताता है पेनांपर लात मारना तेरे ६ लिये कठिन है। उसने कंपित और अचंभित हो कहा हे प्रभु तू क्या चाहता है कि में करूं . प्रभुने उससे कहा उठके नगरमें जा और तुकसे कहा जायगा तुरे क्या ७ करना उचित है | और जो मनुष्य उसके संग जाते थे से चुप खड़े थे कि वे शब्द ते सुनते थे पर किसोकोा ८ नहों टेखते थे । तब शावल्व भमिसे उठा परन्‍त जब अपनी आंख खेलों तब किसोकेा न देख सका पर वे € उसका हाथ पकड़के उसे द्मेसकर्मे लाये। और वह तीन दिनल्नें नहों देख सकता था ज्लर न खाता न पीता था। १०. दमेसकमें श्ननियाह नाम एक शिष्य था और प्रभुने ३७४. प्रेरितोंकी क्रिया । [६ पब्ले । दर्शनममं उससे कहा हे अननियाह . उसने कहा है प्रभु देखिये में हूं । तब प्रभुने उससे कहा उठके उस गल्नीमें जे सीधी कहावती है जा ओर यिहृदाके घरमें शावत्न नाम तारस नगरके एक मनुष्यको ढूंढ़ क्योंकि देख वह प्राथेना करता है - और उसने दश्शनर्में यह देखा है कि अननियाह नाम एक मनुष्यने भोतर आके उसपर हाथ रखा कि वह टूपष्नमि पावे । अननियाहने उत्तर दिया कि हे प्रभु मेंते बहुतोंसे इस मनुष्यके विषयमें सुना है कि उसने यिरूशल्नीममें तेरे पविच लागोंसे कितनी बुराई किई है । और यहां उसके तेरे नामकी सब प्राथेना करनेहारोंका बांधनेका प्रधान याजकोंकी ओरसे अधिकार है। प्रभुने उससे कहा चलना जा क्योंकि वह अन्यदेशियों और राजाओं और इस्रायेलके सन्‍तानोंके गे मेरा नाम पहुंचानेका मेरा एक चुना हुआ पाच है। क्यांकि में उसे बताऊंगा कि मेरे नामके लिये उसके केसा बड़ा दुःख उठाना होगा । तब अननियाहने जाके उस घरमें प्रवेश किया और उसपर हाथ रखके कहा हे भाई शावल प्रभुने अथात योशुने जिसने उस माग्गमें जिससे तू आता था तुरूका दर्शन दिया मे भेजा है इसलिये कि तू टृष्ठमि पावे और पविच आत्मासे परिपणे हा वे। खौर तरन्‍्त उसकी आं- खांसे छिलकेसे गिर पड़े क्रार वह तरन्‍त दंखने लगा ओर उठके बपतिसमा लिया और भेजन करके बल पाया । तब शावल कितने दिन दमेसकमेके शिष्यांके संग था। जौर वह तुरन्त सभाओंमें यीशुकी कथा सुनाने लगा २० ११ १२ १३ १४ १३ १६ १9 ९ १€्‌ ६ पब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ३७४ २१ कि वह इश्वरका पुत्र है। और सब सुननेहारे बिस्मित हो कहने लगे क्या यह वह नहीं हे जिसने ग्रिरूुशत्ली मे इस नामकी प्राथेना करनेहारोंकेा नाश किया और यहां इसीलिये आया था कि उन्हें बांधे हुए प्रधान याजकोंके २२ आगे पहुंचावे | परन्तु शावल्व और भी टूढ़ हाता गया और यही ख्रीप्र है इस बातका प्रमाण देके दमेसकमें २३ रहनेहारे यिहृदियोंका ब्याकुल किया । जब बहुत दिन बोत गये तब यिहृदियोंने उसे मार डालनेका आपसमें २४ बिचार किया। परन्तु उनको कुमंचणा शावलके जान पड़ी . वे उसे मार डालनेकेा रात और दिन फाटकोंपर २४ पहरा भी देते थे | परन्त शिष्यांने रातका उसे लेके टोकरेमें लटकाके भीतपरसे उतार दिया । २६ जब शावल यिरूशत्नीममें पहुंचा तब वह शिषप्पोंसे मिल जाने चाहता था और वे सब उससे डरते थे क्योंकि २७ वे उसके शिष्य होनेको प्रतोति नहीं करते थे | परन्तु बणेबा उसे ले करके प्रेरितांके पास लाया और उनसे कह दिया कि उसने व्येांकर्‌ मागेमें प्रभुके देखा था और प्रभु उससे बोला था और व्यांकर उसने द्मेसकर्मे यी शु- र८ के नामसे खेोलके बात किई थी । तब वह गिरूशलीम- में उनके संग झाया जाया करने लगा और प्रभ यी श- २६ के नामसे खाोलके बात करने लगा । उसने यनानोय भाषा बालनेहारोंसे भी कथा झैर बिबाद किया पर वे ३० उसे मार डालनेका यत्र करने लगे । यह जानके भाई ल्लाग उसे केसरियामें लाये ख्लार तारसकी ओर भेजा । ३१ सो सारे यिहददिया और गालील और शेमिरोनमें ३५६ प्रेरितांकी क्रिया । [६ पब्बे । मंडलियोंका चैन होता था और वे सुधर जाती थीं और प्रभुके भयमें और पिच आत्माकी शांतिमें चलती थीं और बढ़ जाती थीं । तब पितर सब पविच लोागोंमें ३२ फिरते हुए उन्हेंके पास भी आया जे लुट्टा नगरमें बास करते थे। वहां उसने ऐनिय नाम एक मनुष्यके पाया ३३ जा अट्रोंगी था और आठ बरससे खाटपर पड़ा हुआ था । पितरने उससे कहा हे ऐनिय यीशु खीपृ तुके ३४8 चंगा करता है उठ और अपना बिछ्षौना सुधार . तब वह तुरन्त उठा | और लुट्टा और शारानके सब ३५ निवासियोंने उसे देखा और बे प्रभुकी ओर फिरे । याफे नगरमें तबीया अथेात दका नाम एक शिष्या ३६ थी . वह सुकम्मां और दानेंसे जे वह करती थी पूर्ण थी । उन दिनोंमें वह रोगी हुई और मर गई और ३७ उन्होंने उसे नहत्नाके उपराठी काठरीमें रखा । और इ८ इसलिये कि लुट्टा याफोके निकट था शिप्योंने यह सुनके कि पितर वहां है दा मनुष्योंके उस पास भेजके बिन्‍्ती किईदे कि हमारे पास आनेमें बिलंब न कीजिये । तब ३ पितर उठके उनके संग गया और जब वह पहुंचा तब वे उसे उस उपरोटीं काठरीमें ले गये और सब बिधवारं रोती हुई और जो कुरते और बस्त दका उनके संग होते हुए बनाती थी उन्हें दिखाती हुईं उस पास खड़ो हुईें। परन्तु पितरने सभोंके बाहर निकाला और घुटने टेकके ४० प्राथेना किईं और लेोयकी ओर फिरके कहा हे तबीया उठ . तब उसने झपनी आंख खेलीं और पितरके देखके उठ बैठी । उसने हाथ देके उसके उठाया और पवित्र ४१ १० प्रंब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ३७७ लोगों और बविधवाओंका बलाके उसे जीवती दिखाई। ४२ यह बात सारे याफेोमें जान पड़ी ज्लौर बहत लोगोंने 8३ प्रभपर बिश्वास किया । जोर पितर याफेमे शिमेन नाम किसी चमारके यहां बहुत दिन रहा । १० ट्सवां पब्बे । १ स्वगंदतको आज्ञास कणालयका पितरका बलवा भेजना । ९ पतरका रुक दहन प्राना ॥ ९२७ कर्णोलियके दतोंके संग प्रतरकों बातचोत ओर प्रतरका उनक्र साथ ज्ञाना | २४ क्रणालयस पतरका बातचात । ३४ 7प्रतरका ससमा- चार प्रचार करना । ४४ कणालय ओर उसके |मन्नांपर प्रावन्न आत्माका उतरना झआर उनका बपातसमा लना ॥ १ कैसरियामें कर्णीलिय नाम एक मनुष्य था जे इत- २ लीय नाम पल्लटटनका एक शतपति था। वह भक्त जन था और अपने सारे घराने समेत इश्वरसे हरता था और लागोंका बहुत दान देता था और नित्य इंश्वरसे प्राथेना ३ करता था । उसने दिनकोा तीसरे पहरके निकट दर्शन- में प्रत्यक्ष देखा कि इेश्वरका एक टूत उस पास भीतर ४ जाया और उससे बोला हे कर्णीलिय । उसने उसकी ओर ताकके ओर भयमान"होके कहा है प्रभु क्या है . उसने उससे कहा तेरी प्राथेनाएं लौर तेरे दान समर ण- ५ के लिये इश्वरके आगे पहुंचे हैं । ओर अब मनुष्योका याफे नगर भेजके शिमेनकेा जे पितर कहावता है ६ बला। वह शिमान नाम किसी चमारके यहां जिसका घर समद्रके तीरपर हे पाहन है . जो कुछ तमे करना ७ उचित हे सा वही तकसे कहेगा । जब वह टत जो कर्णीलियसे बात करता था चला गया तब उसने अपने सेवकेंमसे दोके हि जा उसके यहां लगे रहते 4 इण्८ प्रेरितांकी क्रिया । [१० पब्ले । थे उनमेंसे एक भक्त योट्राका बुलाया : और उन्हेंके ८ सब बातें सुन्ताके उन्हें याफाका भेजा । टूसरे दिन ज्यांही वे मागेमें चलते थे और नगरके € निकट पहुंचे त्योंही पितर दे पहरके निकट प्रा्थेना करनेकेा केाठेपर चढ़ा | तब वह बहुत भूखा हुआ और ९० कुछ खाने चाहता था पर जिस समय वे तैयार करते थे वह बेसध हैे। गया । और उसने स्वगेका खुले ओर १९५ बड़ी चट्टरकी नाईं किसो पात्रके चार कोनेंसे बांधे हुए ओर पृथिवीकी ओर लटकाये हुए अपनी ओर उतरते देखा। उसमें पृथिवीके सब चापाये और बन पशु १२ और रेंगनेहारे जन्तु आर आकाशके पंछी थे। और एक १३ > [202० 8... 6. बे शब्द उस पास पहुंचा कि हे पितर उठ मार ओर खा। पितरने कहा है प्रभु ऐसा न होवे ब्यांकि मैंने कभी काई ९४ अपविच अथवा अशुरु बस्तु नहीं खाई | और शब्द १४ फिर टूसरी बेर उस पास पहुंचा कि जे कुछ इश्वरने शूहु॒ किया है उसके तू अशुद्रु मत कह । यह तीन ९६ बार हुआ तब वह पाच फिर स्वगेपर उठा ल्लिया गया। जिस समय पितर अपने मनमें टुबधा करता था कि १९७ 2225 5 25% कक यह दश्शन जो मेंने देखा है क्या हे देखे वे मनुष्य जा कर्णी लियकी ओरसे भेजे गये थे शिमेनके घरका टिकाना पा करके डेवढ़ी पर खड़े हुए . आर पुकारके पूछते ये क्या १८ शिमेान जे। पितर कहावता है यहां पाहुन है । पितर ९८ उस दशनके विषयमे सेाचताहो था कि आत्माने उससे कहा देख तीन मनुष्य तुझे ढूंढ़ते हैं । पर तू उठके उतर २० जा और उनके संग बेखटके चला जा क्योंकि मेंने उन्हें १० पब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ३५६ ० के से २९ भेजा है । तब पितरने उन मनुष्यांके पास जे। कर्णी लिय- की ओरसे उस पास भेजे गये थे उतरके कहा देखो जिसे तुम ढुंढ़ते हा से मैं हूं तुम किस कारणसे आये २२ हो | वे बाले कर्णील्िलिय शतपति जो धर्म्मी मनष्य और इश्वरसे डरनेहारा और सारे यिह॒दी लोगेंमें सुख्यात है उसके एक पवित्र टूतसे आज्ञा दिदे गई कि आप- २३ का अपने घरमें बल्ाके आपसे बातें सने । तब पितर- ने उन्हें भीतर बुलाके उनकी पहुनई किई और दूसरे दिन वह उनके संग गया और याफेाके भाइयेंमेंसे कितने उसके साथ हो लिये । २४ टूसरे दिन उन्होंने कैसरियामें प्रवेश किया और कर्णीलिय अपने कुटुंबों और प्रिय मित्रांके एकट्टे बुलाके २४ उनको बाट जाहता था । जब पितर भीतर आता था तब कर्णीलिय उससे आ मिलना और पांवों पड़के प्रणाम २६ किया । परन्तु पितरने उसके उठाके कहा खड़ा हो में २०७ आप भी मनुष्य हूं। आर वह उसके संग बातचीत करता रु८ हुआ भीतर गया और बहुत-लोगेंका एकट्रे पाया . और उनसे कहा तुम जानते हो। कि अन्यदेशीकी संगति करना अथवा उसके यहां जाना यिह॒दी मनुष्यका बज्जित है : परन्तु इश्वरने मुर्के बताया है कि तू किसी मनुष्यका २८ अपविच्र अथवा अशटु मत कह । इसलिये में जो ब॒तल्लाया गया ता इसके बिरूठु कुछ न कहके चला आया सा में पूछता हूं कि तुम्हांने किस बातके लिये ३० मुझे बुलाया है। कर्णोौतल्ियने कहा चार दिन हु कि में इस घड़ीलां उपवास करता था और तीसरे पहर इ८० प्रेस्तिंकी क्रिया । [१० पब्ले। अपने घरमें प्राथेना करता था कि देखे। एक पुरुष चमक- ता बस्त पहिने हुए मेरे आगे खड़ा हुआ - और बेला ३९ है कर्णीलिय तेरी प्राथेना सुनी गई है और तेरे दान इंश्बरके जञ्ागे स्मरण किये गये हैं । इसलिये याफ्रे इ२ नगर भेजके शिमेनके जे। पितर कहावता है बला . वह समुद्रके तोरपर शिमेन चमारके घरमें पाहुन है वह आके तमसे बात करेगा । तब मेने तरनन्‍त आप- इ३ के पास भेजा ओर आपने अच्छा किया जो आये है से अब इंश्वरने जो कुछ आपको आज्ञा दि हे साई सुननेके हम सब यहां देश्वरके साम्हने हैं । तब पितरने मुंह खेलके कहा मु्े सचमुच बुक पड़- ३४ ता है कि ईश्वर मंह देखा बिचार करनेहारा नहीं है। परन्‍त हर णक देशके लागोंमें जे उससे डरता है ओर ३४ धम्मेके काय्ये करता है से उससे ग्रहण किया जाता है। उसने वह बचन तुम्हेंके पास भेजा है जा उसने इस्रा- ३६ येलके सन्‍्तानेंके पास भेजा अथात योश खरीप्के ट्ारासे ज्ञा सभोंका प्रभु है शांतिका सुसमाचार सुनाया। तुम वह ३७ बात जानते हो जे उस बपतिसमाके पीछे जिसका याहनने उपदेश किया गालीलसे आरंभ कर सारे यिह- दियामें फेल गईं . अथेत नासरत नगरके यीशुके विषय- इ८ में क्येंकर इंश्वरने उसके पविच आत्मा और सामथ्ये- से अभिषेक किया और वह भलाई करता और सभेंकोा जा शैतानसे पेरे जाते ये चंगा करता फिरा क्यों कि इेश्वर उसके संग था। ओर हम उन सब कामोंके साध हैं जे ३८ उसने यिहृदियोंके देशमें और गिरुशलीममें भी किये ११ पब्बे ।] प्रेरितरांकी क्रिया । ३5१ ४० जिसे लागोांने काठपर लटकाके मार डाला । उसका इंश्बरने तीसरे दिन जिला उठाया आर उसके प्रगट ४१९ होने दिया . सब लोागेंके आगे नहों पर न्त साश्षियों के आगे जिन्हें इंश्वरने पहिलेसे टहराया था अथात हमोंके आगे जिन्हेांने उसके मृतकोांमेंसे जो उठनेके पोछे उसके ४२ संग खाया झेोर पीया। ओर उसने हमोंकेा आज्ञा दिईदे कि लागोंका उपदेश और साश्ी देझे कि वही है जिस- केा इंश्वरने जीवतों और मृतकेोंका न्‍यायी ठहराया है। ४३ उसपर सारे भविष्यद्वक्ता साथी देते हैं कि जे कोई उसपर बिश्वास करे से उसके नामके द्वारा पापमेाचन पावेगा। ४७ पितर यह बाते कहताही था कि पविच आत्मा ४४ बचनके सब सुननेहारोंपर पड़ा । आर खतना किये हुए बिश्वासी जितने पितरके संग आये थे बिस्मित हुए कि अन्यदेशियोंपर भी पविच आत्माका दान उंडेला ४६ गया है। क्योंकि उन्होंने उन्हें अनेक बालियां बालते ४७ ओर इंश्वरकी महिमा करते सुना। इसपर पितर- ने कहा क्या काई जलके रोक सकता है कि इन लागोंका जिन्होंने हमारो नाई पिच आत्मा पाया ४८ है बपतिसमा न दिया जावे । और उसने आज्ञा दिई कि उन्हें प्रभुके नामसे बपतिसमा दिया जाय . तब उन्होंने उससे कई एक दिन ठहर जानेकी बिन्‍्ती किई। १९ ण्ग्यारहवां पब्बे । बे ७ कांड ७ के ना के. ५० ++' १ गअ्रन्यदेशियों का ससमाचार सुनानेके विषयम पितरका उत्तर | १९ अ्रन्तरियाम सुस- माचारके प्रचार किये जानेका बणेन। २७ क्लादय केसरक समयके अकालकों कपा। १ जो प्रेरित और भाई लेग यगिहृदियामें थे उन्हेंने सुना कि अन्यदेशियेंने भी इंश्वरका बचन ग्रहण किया छप्र प्रेरितांकी क्रिया । [१५९ पछ्ले । है। ैर जब पितर यिरूुशलीमके गया तब खतना किये हुए ल्लाग उससे बिबाद करने लगे . आर बोल तूने खत- नाहीन लेागोंके यहां जाके उनके संग खाया। तब पितर- ने आरंभ कर एक ओरसे उन्हें कह सुनाया . कि में याफे नगरमें प्राथेना करता था और बेसुध हाके एक दर्शन अथात स्वगेपरसे चार कोानोंसे ल्वटकाई हुईं बड़ी चट्रकी नाईं किसी पाचकेा उतरते देखा और वह मेरे पासल्नों आया। मैंने उसकी ओर ताकके देख त्लिया और पृथिवीके चापायों जोर बन पशुओं ओर रेंगनेहारे जन्तओंका और आकाशके पंछियेंकेा देखा . कर एक शब्द सना जे मरसे बाला हे पितर उठ मार और खा । मेने कहा हे प्रभु ऐसा न होवे क्योंकि कोई अपविच अयवा अशहट बस्त॒ मेरे मुंहमें कभी नहीं गईं। परन्तु शब्दने टूसरी बेर स्वगेसे मुक्के उत्तर दिया कि जो कुछ इंश्वरने शटु किया है उसके त्‌ अशटु मत कह । यह तीन बार हुआ तब सब कुछ फिर स्वगंपर खींचा गया। आर देखा तुरन्त तीन मनष्य जा केसरियासे मेरे पास भेजे गये थे फिस घरमें में था उस घरपर आ पहुंचे। तब आत्माने मुझसे उनके संग बेखटके चले जानेका कहा और ये छः भाई भी मेरे संग गये और हमने उस मनुष्यके घरमें प्रवेश किया | आर उसने हमें बताया कि उसने व्यांकर अपने घरमें एक टूतका खड़े हुए देखा था जे। उससे बाला कि मनुष्योंको याफो नगर भेजके शिमेानके जे। पितर कहावता है बुला । वह तुकसे बातें कहेगा जिनके ट्वारा तू आर तेरा सारा घराना चाण 5: 8 0७ ७ १० ११ १२ १३ १४ ११ प्रब्बे ।] प्रेरलांकी क्रिया । कल्चर १५ पाबे । जब में बात करने लगा तब पविच आत्मा जिस रोतिसे आरंभमे हमेंपर पड़ा उसी रीतिसे उन्हें पर १६ भी पड़ा । तब मैंने प्रभुका बचन स्मरण किया कि उसने कहा याोहनने जलमें बपतिसमा दिया परन्तु तुम्हें पविच १७ आत्मामें बपतिसमा दिया जायगा। से जब कि इश्वरने प्रभु योशु खीप्रपर बिश्वास करनेहारोंका जैसे हमेंकेा तैसे उन्हांके भी एकसां दान दिया तो में कौन था कि ९८ में इंश्वरके रोक सकता । वे यह सुनके चुप हुए और यह कहके इंश्वरको स्तुति करने लगे कि तब तो इेश्वरने अन्यदेशियोंका भी पश्चात्ताप दान किया है कि वे जीवें। ९९६. स्तिफानके कारण जो क्लेश हुआ तिसके हेतुसे जो लोग तितर बितर हुए थे उन्होंने फेनीकिया देश और कुप्रस टापू आर अन्‍न्तेंखिया नगरलों फिरते हुए किसी २० औरके नहीं केवल यिहृदियेंकेा बचन सुनाया । परन्तु उनमेंसे कितने कुप्री और कुरीनीय मनुष्य थे जो अन्ते- खियामें आके यूनानियेंसे बात करने और प्रभु यीशुका ० ० बन मय २१९ सुसमाचार सुनाने लगे / और प्रभुका हाथ उनके संग था और बहुत लाग बिश्वास करके प्रभुकी ओर फिरे । २२ तंब उनके विषयमे वह बात यिरुशलीममेंकी मंडलोीके कानोंमें पहुंची ओर उन्होंने बणेबाकेा भेजा कि वह २३ अन्तंखियालों जाय । वह जब पहुंचा ओआर इश्वरके अनुगहके देखा तब आनन्दित हुआ और समोंकेा उपदेश दिया कि मनकी अभिलाषा सहित प्रभुसे मित्ने 32» ०-० 6 बे का २४ रहे। । क्योंकि वह भला मनुष्य ओर पविच आत्मा और जिश्वाससे परिपूर्ण था . और बहुत लोग प्रभुसे ३८४ प्रेरितांकी क्रिया । [१२ प्ले । मिल गये । तब बणबा शावलके हंढनेके लिये तारस- २४७ के गया । और वह उसके पाके अन्तेखियामें ल्वाया २६ और वे दोनों जन बरस भर मंडल्नीमें एकट्े होते थे खेर बहत लोागोंका उपदेश देते थे ओर शिष्य लाग पहिले अन्तेखियामें खीप्ियान कहलाये । उन दिनोंमें कई एक भविष्यद्रक्ता यिरूशत्ी मसे अन्तें- २७ खियामें कराये । उनमेंसे क्रागाब नाम एक जनने उठके श८ आत्माकी शिक्षासे बताया कि सारे संसारमें बड़ा अकाल पड़ेगा और वह अकाल क्लाोदिय कैसरके समयमें पड़ा । तब शिष्योंने हर एक अपनी अपनी सम्पत्तिके अनसार २८ थिहृदियामें रहनेहारे भाइयोंको सेवकाईके लिये कुछ मभेजनेकेा ठहराया । ओर उन्हेंने यहो किया अथात ३० बणेबा ओर शावलके हाथ प्राचीनेंके पास कुछ भेजा । १२ बारहवां पब्बे । हेरेदका याकबकेा बध्ध करना ओर पितरकेा बन्दोगहमस डालना | ४५ दतका 7प्रतरका छडाना । १२ [प्रतरक्रा मार्यसक्र घरस जाना । १८ दृरादका प्रहरु. खराकरा छथध करवाना । २० हरादका सरण ॥ उस समय हेराद राजाने मंडलीके कई एक जनों- के दुःख देनेके उनपर हाथ बढ़ाये | उसने याहनके भाई याकूबका खड़से मार डाला । और जब उसने ३ देखा कि यिहृदी लग इससे प्रसन्न होते हैं तब उसने पितरकेा भी पकड़ा जर अखमोीरी रोटीके पब्बेके दिन थे । और उसने उसे पकड़के बन्दोगृहमें डाला चऔर ४ चार चार याट्राओंके चार पहरोंमें सांप दिया कि बे उसके रखे झऔऔर उसके निस्तार पब्बेके पीछे लोागों- के आगे निकाल लानेकी इच्छा करता यथा। | १२ प्ले । ] प्रेरितांकी क्रिया । > ५ १० ११ १२ से पितर बन्दीगृहमें पहरेमें रहता था परन्तु मंडली ला लगाके उसके लिये इंश्वरसे प्राथेना करती थी। और जब हेरोद उसे निकाल लानेपर था उसी रात पितर दो याटहाओंके बीचम दो जंजीरोंसे बंधा हुआ सेता था और पहरुए द्वारके आगे बन्दीगृहकी रश्या करते थे । और देखे परमेश्वरका एक टूत आ खड़ा हुआ और कोाठरीमें ज्याति चमकी और उसने पितर- के पंजरपर हाथ मारके उसे जगाके कहा शीघ्र उठ . तब उसको जंजोरें उसके हाथोंसे गिर पड़ीं। दूतने उससे कहा कमर बांध जोर अपने जते पहिन ले और उसने वेसा किया . तब उससे कहा अपना बस्त ओढ़- के मेरे पीछे हो ले । और वह निकलके उसके पोछे चलने लगा और नहीं जानता था कि जो टूतसे किया जाता है से सत्य हे परन्‍्त समझता यथा कि मैं दर्शन देखता हूं । परन्तु वे पहित्ते आर टूसरे पहरेमेंसे निकले ओर नगरमें जानेके लाहेके फाटकपर पहुंचे जे आपसे आप उनके लिये खुल गया और वे निकलके एक गली के अन्तलों बढ़े और तुरन्त टूत पितरके पाससे चला गया । तब पितरका चेत हुआ और उसने कहा अब में निश्चय जानता हूं कि प्रभुने अपना दूत भेजा है ओर मे हेरोटके हायथसे ओर सब बातेंसे जिनकी आस यिहृदी लोग देखते थे छुड़ाया है। और यह जानके वह याहन जा माके कहावता है तिसको माता मरियमके घरपर आया जहां बहुत लोग १३ एकट्ठ हुए प्राथना करत थे । जबापतर डंवढाके द्वारपर 49 इ्प्द्ध प्रेरितांकी क्रिया । [१२ पब्ले । खटखटाया तब रोदा नाम एक दासी चुप चाप सुननेकेा बज्पाई। ओर पितरका शब्द पहचानके उसने आानन्दके ९४ मारे द्वार न खाला परन्तु भोतर दाड़के बताया कि पितर द्वारपर खड़ा है। उन्होंने उससे कहा त बाराही २५ है परन्‍त वह ट्ढतासे बाली कि एऐसाही हे . तब उन्हें- ने कहा उसका टूत है । परन्तु पितर खटखटाता रहा १६ ओर वे द्वार खालके उसे देखके वबिस्मित हुए । तब १७ उसने हाथसे उन्हें चप रहनेका सेन किया और उनसे कहा कि प्रभु क्यांकर उसके बन्‍्दीगृहमेंसे बाहर लाया था और बेला यह बातें याकूबसे ओर भाइयेंसे कह दीजिये। तब निकलके टूसरे स्थानके गया । बिहान हुण योट्राओंमें बड़ी घबराहट होने लगी १८ कि परितर क्या हुआ । जब हेरादने उसे ढंंढ़ा और १९८ नहीं पाया तब पहरुओंकोा जांचके आज्ञा किई कि वे बध किये जाय . तब यिहृदियासे कैसरियाका गया क्र वहां रहा । हेरोदका सेोर औ सीदेोनके लोागोांसे लड़नेका २० मन था परन्तु वे एक चित्त होके उस पास आये और बलास्तकेा जे राजाके शयनस्यथानका अध्यक्ष था मनाके मिलापं चाहा क्येंकि राजाके देशसे उनके देशका पालन होता था । और ठहराये हुए दिनमें हेरोदने राजबस्त २१ पहिनके सिंहासनपर बैठके उन्हेंके कथा सुनाई । और २२ त्लाग पुकार उठे कि इेश्वरका शब्द है मनुष्यका नहीं । तब परमेश्वरके ्क दूतने तुरन्त उसके मारा क्योंकि २३ उसने इंश्वरकों स्तुति न किई और कोड़े उसके खा १३ पब्जे।] प्रेरितांकी क्रिया । ३८७ २४ गये ओर उसने प्राण छोड़ दिया। परन्त इंश्वरका बचन अधिक अधिक फैलता गया। २४५ जब बणेबा ओर शावलने वह सेवकाई पूरी किईं थी तब वे याहनकोा भी जे! माके कहावता था संग लेके यिरुशल्ोमसे लेटे । १३ तेरहवां पब्बे । 8 रा के की १ बणेबा और पावलका आन आन देशांसे भेजा जाना । ४ उनका सससाचार प्रचार करना और इलुमा टोनन्‍्देका साम्रा करना | १३ उनका पिसिदिया देशके अन्तलेसिया नगरमे पहुंचना ओर पावलका उपदेश । ४२ बहुत लेागेांका इस उपदेशकोा गृहण करना । ४४ यिनृदियांका विरोध करना । १ अन्‍न्तेखियामको मंडलोम कितने भविष्यदुक्ता आर उपदेशक थे अथात बणेबा और शिमियाोन जो निगर कहावता है और कुरोनीय लूकिय और चैथाईके राजा २ हेरादका टूधभाई सनहेस और शावल | जिस समय वे उपवास सहित प्रभुकी सेवा करते थे पवित्र आत्माने कहा मेंने बणेबा हौर शावलके जिस कामके लिये बुलाया है उस कामके निमित्त उन्हें मेरे लिये अलग ३ करो । तब उन्हेंने उपवास जी प्राथेना करके झेर उनपर हाथ रखके उन्हें बिटा किया । ४ सो वे पविच आत्माके भेजे हुए सिल॒किया नगरको ५ गये जोर वहांसे जहाजपर क॒प्रस टापका चले । और सालामी नगरमें पहुंचके उन्होंने इंश्वरका बचन यिह- दियोंकों सभाआओंमे प्रचार किया ओर याहन भी सेवक ६ हाोके उनके संग था। ओर उन्होंने उस टापके बीचसे पाफ़े नगरलों पहुंचके एक टोनन्‍्हेके पाया जो भ्पूठा भविष्यदृक्ता ७ खौर यिह॒दी था जिसका नाम बरयीशु था। वह सज्निय > प्रेरितांकी क्रिया । (१३ पब्ले । प्रावल प्रधानके संग था जे बुट्ठिमान पुरुष था . उसने बणेबा और शावलके अपने पास बुलाके इेश्वरका बचन सुनने चाहा। परन्तु इलुमा टोन्‍्हा कि उसके नामका यही अथे है उनका साम्नरा करके प्रधानकेा बिश्वासकी ओरसे बहकाने चाहता था। तब शावल अथात पा वल- ने पवित्र आत्मासे परिपूर्ण हाके और उसको ओर ताकके कहा . हे सारे कपट और सब कुचालसे भरे हुए शैतानके पुच सकल धम्मेके बेरी क्या तू प्रभुके सोधे मार्गोंका टेढ़ा करना न छेोड़ेगा। अब देख प्रभुका हाथ तुकपर है और तू कितने समयल्नों अंधा होगा और सूय्येका न देखेगा . तुरन्त घुंधलाई और अंधकार उसपर पड़ा और वह इधर उधर टटोलने ल्वगा कि ल्लाग उसका हाथ पकड़ें । तब प्रधानने जे। हुआ था से देखके प्रभुके उपदेशसे झचंभित है| बिश्वास किया । पावल और उसके संगी पाफेोसे जहाज खेलके पंफु- लिया देशके पगा नगरमें आये परन्तु योहन उन्हें छोड़के यिरूशलीमके लैट गया। और पगासे आगे बढ़के वे पिसिदिया देशके अन्तेखिया नगरमें पहुंचे झऔैर विज्राम- के दिन सभाके घरमें प्रवेश करके बैठ गये । आर व्यवस्था और भविष्यटुक्ताओंके पुस्तकके पढ़े जानेके पीछे सभाके अध्यक्षोंने उनके पास कहला भेजा कि हे भाइया यदि लोागोंके लिये उपदेशको क्ाई बात आप लागोंके पास होय तो कहिये। तब पावलने खड़ा होके जऔौर हाथसे सेन करके कहा हे इस्रायेली लेगे जैर इश्वरसे डरनेहारोा सुना। इन इस्रायेली लोागेंके इंश्वरने हमारे १६ १७ १३ पब्ले।] प्रेरित्रांकी क्रिया । धर पितरोंका चुन लिया और इन लेोगोंके मिसर देशमें परदेशी होते हुए उन्हें ऊंच पद्‌ दिया और बल्लवन्त १८ भुजासे उस देशमेंसे निकाल लिया। और उसने चालीस १९ एक बरस जंगलमें उनका निब्बेह किया . और कनान देश सात राज्यके लागेंकेा नाश करके उनका देश २० चिट्टियां डलवाके उनके बांट दिया। इसके पीछे उसने साढ़े चार सो बरसके अटकल शमुण्त्न भविष्यद्वक्तालों २९ उन्हें न्‍्याय करनेहारे दिये। उस समयसे उन्हेंने राजा चाहा और इंश्वरने चालीस बर सलों बिन्यामी नके कुल्- के एक मनुष्य अथात कीशके पुत्र शावलके उन्हें दिया । २२ और उसके अलग करके उसने उन्हेंके लिये टाऊदकेा राजा होनेके उठाया जिसके विषयमें उसने साद्ी देके कहा मैंने यिशोका पुत्र दाऊद अपने मनके अनुसार एक मनुष्य पाया है जो मेरी सारी इच्छाका पूरी करेगा। २३ इसीके बंशमेंसे इंश्वरने प्रतिज्ञाके अनुसार इस्रायेलके २४ लिये एक चाणकत्तो अथात यीशका उठाया। पर उसके आनेके आगे येहनने सब इस्रायेत्नी लगें के पश्चात्ताप- २४ के बपतिसमाका उपदेश दिया। और येहन जब अपनी दौड़ पूरी करता था तब बाला तुम क्या समभते है मैं कान हूं . में वह नहीं हूं परन्तु देखा मेरे पीछे एक आता है जिसके पांवोंकी जूतो में खे लनेके ये ग्य नहीं हूं। ४६ हे भाइयोा तुम जा इवाहीमके बंशके सन्‍्तान हो और तुम्हेंमें जा इंश्वरसे डरनैहारे हा तुम्हारे पास इस चाण- २७ की कथा भेजी गई है। ब्येंकि यिरूशत्नी मके लिवासि- 'क०<.. योंने और उनके प्रधानांने यीशके न पहचानके उसका ३६० प्रेरलिंकी क्रिया । [१३ पब्ले । बिचार करनेमें भविष्यट्ृक्ताओंकी बातें भी जे हर एक बिश्रामवार पढ़ी जाती हैं पूरी किईद। और उन्हेंने बधके २८ शग्य काई दोष उसमें न पाया ताभी पिलातसे बिन्‍्ती किई कि वह घात किया जाय | और जब उन्हेंने उसके २८ विषयमें लिखी हुईं सब बातें पूरो किददे थीं तब उसे काठपरसे उतारके कबरमें रखा । परन्तु इश्वरने उसे ३० मृतकोामेंसे उठाया । जार उसने बहुत दिन उन्‍्हेंका जे ३१ उसके संग गाली लसे यिरूशलीममें आये थे दर्शन दिया और वे लागांके पास उसके साथी हैं। हम उस प्रतिज्ञा- ३२ का जो पितरोंसे किई गई तुम्हें सुसमाचार सुनाते हैं . कि इंश्वरने यीशकेा उठानेमें यह प्रतिज्ञा उनके सन्‍्तानों- ३३ के अथात हमेंके लिये परी किई है जैसा टसरे गीतमें भी लिखा है कि त्‌ मेरा पुच्र हे मेंने आजही तुके जन्म दिया है। और उसने जे उसके मृतकोंमेंसे उठाया ३४ ज्ौर वह कभी सड़॒ न जायगा इसलिये यूं कहा है कि मैंने दाऊदपर जे। अचल कूपा किई से तुमपर करूंगा । इसलिये उसने टूसरे एक गीतमें भी कहा है ३४ कि तू अपने पविच जनकेा सह़ने न देगा। दाऊद ते ३६ इंशबरकोी इच्छासे अपने समयके ल्लागोंकी सेवा करके से। गया और अपने पितरोंमें मिला और सड़ गया। परन्‍न्त जिसके इदश्वरने जिला उठाया वह नहीं सड़ ३७ गया । इसलिये हे भाइये। जानो कि इसीके द्वारा पाप- इ८ मेचनकी कथा तमके सनाई जाती है। और इसीके ३< हेतसे हर एक बिश्वासी जन सब बातोंसे निर्देष ठहराया जाता है जिनसे तम मसाको ब्यवस्थाके हेतसे निदाष ) १३ पच्छे ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ३६१९ ४० नहों ठहर सकते थे । इसलिये चोकस रहे कि जो भविष्यदुक्ताओंके पुस्तकर्में कहा गया है से तुमपर न ४१ पढ़े . कि हे निन्‍दका देखा और अचंभित हो और ल्लाप हो जाओ क्योंकि में तुम्हारे दिनांमें एक काम करता हूं ऐसा काम कि यदि कोई तुमसे उसका बणेन करे ता तुम कभी प्रतीति न करोगे । ४२ जब यिह॒दी लोग सभाके घरमेंसे निकलते थे तब अन्‍न्यदेशियोंने बिन्‍ती किई कि यह बातें अगल्ने बिआम- ४३ वार हमसे कही जायें। जझौर जब सभा उठ गई तब यिहदियोंमेंसे झर भक्तिमान यिहदीय मतावलंबियोंमेंसे बहुत लाग पावल और बणेबाके पीछे हो लिये और उन्होंने उनसे बातें करके उन्हें समकाया कि इेश्वर- के अनुग्रहमें बने रहे । ४४ अगले बिप्रामवार नगरके प्राय सब लोग इश्वरका ४५ बचन सुननेकेा णकट्टे आये। परन्तु यिहदी लेग भीड़- का देखके डाहसे भर गये चर बिबाद जौ निन्‍टा करते ४६ हुए पावलको बातेंके बिरुटूँ बालने लगे। तब पावत्न और बणणेबाने साहस करके कहा अवश्य था कि इईश्वर- का बचन पहिले तुम्हांसे कहा जाय परन्तु जब कि तुम उसे टूर करते हा जार अपने तदें अनन्त जी वनके अये ग्य ..._ ठहराते हो देखा हम अन्यदेशियोंकी ओर फिरतेहैं। ४५ वक्यांकि परमेश्वरने हमें यूंहीं आज्ञा दिई है कि मैंने तुमे अन्यदेशियोंकी ज्योति ठहराई है कि तू पृथिवीके अन्तत्नों ४८ चाणकत्तो हावे। तब अन्यदेशी लाग जे सुनते ये आन- न्दित हुए और प्रभुके बचनकी बड़ाई करने लगे और इधर प्रेरित्रांकी क्रिया । [१४ पब्छे । जितने लोग अनन्त जीवनके लिये टहराये गये ये उन्होंने बिश्वास किया। तब प्रभुका बचन उस सारे देश- ४८ में फैलने लगा। परन्तु यिहृदियोंने भक्तिमती और कुल- ४० वनन्‍्ती स्त्रियोंके और नगरके बड़े लागेंके उसकाया ज्ैर पावत्त और बणेबापर उपटूब करवाके उन्हें अपने सिवानेमेंसे निकाल दिया। तब वे उनके बिरुटु अपने ४१९ पांवांकी धल्न का उके इक निया नगर में झराये। ओर शिष्य ४२ लेग आनन्दसे ओ और पविच आत्मासे पूण हुए । १४ चैटहवां पब्बे । डइर्क्ानिया नगरमे बणेबा ओर पावलका सताया जाना । ८ पावलका लस्‍स्त्रा मार रक लंगडेका च्षेणा करना । ११ नगरके लागांका उन्हें प्रजनको इच्छा करना । १७ उन्हेोंका पावलकेीा पत्थरवाह करना । २१ प्रेरितेंका अनेक नगरें मे उपदेश करना ओर अन्तेखियाका लौट जाना । इकेनिया् उन्होंने यिहदियांके सभाके घरमें एक १९ संग प्रवेश किया और रेसी बातें किदें कि यिहृदियों और यनानियोंमेंसे भी बहुत लेगेंने विश्वास किया । परन्‍त न मसाननेहारे यिहदियोंने अन्यदेशियोंके सन २ भाइयोंके बिरुठटु उसकाये और बुरे कर दिये। से उन्होंने ३ प्रभके भरोसे जे अपने अनुग्रहके बचनपर साश्वी देता था ओर उनके हाथोंसे चिन्ह आर अद्भवुत काम कर- वाता था साहससे बात करते हुए बहुत दिन बिताये। और नगरके लेग बिभिन्न हुए और कितने ते यिहदि- ४ यांके साथ और कितने प्रेरितांके साथ थे । परन्तु जब ४ अन्‍्यदेशियों झलर गिहृदियोंने भी अपने प्रधानेंके संग उनको दुटुंशा करने और उन्हें पत्थरवाह करनेकोा हल्ला किया . तब वे जान गये ओर ल्ञकाओरनिया देशके लस्ता ६ ब् १४ प्रब्जे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ३६३ और दबीं नगरोंमें ख्ार आसपासके देशमें भाग गये . ७ ओर वहां सुसमाचार प्रचार करने लगे। ८. लुस्ताें एक मनुष्य पांवांका निबेल बैठा था जे अपनी माताके गर्भहोीसे लंगड़ा था और कभी नहीं € चलना था । वह पावलके बात करते सुनता था और उसने उसकी ओर ताकके देखा कि इसके चंगा किये १९० जानेका बिश्वास है . और बड़े शब्दसे कहा अपने पां- बांपर सीधा खड़ा हा . तब वह कूदने और फिरने लगा । ११ पावलने जो किया था उसे देखके लेागेंने लुका- ओतीय भाषासें ऊंचे शब्दसे कहा देवगण मनुष्योके १२ समान होके हमारे पास उतर आये हैं। और उन्हेंने बणेबाका जूपितर और पावलकेा हमि कहा क्योंकि १३ वह बात करनेमें मुख्य था । और जूपितर जा उनके नगरके साम्हने था उसका याजक बेलोंके और फूलनंके हारोंकेा फाटकांपर लाके लोागांके संग बल्लनिटान किया १४ चाहता था | परन्तु प्रेरितांने अथेात बणेबा और पा- .. बलने यह सुनके अपने कंपड़े फाड़े और लेगेंकी १५ ओर लपक गये और पुकारके बाले . हे मनुष्ये। यह क्यों करते हा . हम भी तुम्हारे समान दुःख सुख ते & ५ ब्ग बी २०० ०-3 / भेगी मनुष्य हैं ओर तुम्हे सुसमाचार सुनाते हैं कि तुम इन व्यर्थ विषयोंसे जीवते इश्वरकी ओर फिर जिसने स्वगे ओ प्रथिवी ओ समुद्र आर सब कुछ जो (६ उनमें है बनाया । उसने बीती हुई पीढ़ियोंमें सब देशेंके लागांके अपने अपने मार्गोंसें चलने दिया । १७ ताभी उसने अपनेके बिना साथ्वी नहीं रख छोड़ा है 80 ३६४ प्रेरितांकी क्रिया । [१४ प्रब्बे'। कि वह भलाई किया करता और आकाशसे बषो खैर फलवन्त ऋतु देके हमेंके मनकेा भेजन और आनन्दसे तृप्र किया करता है। यह कहतनेसे उन्हेंने लागेंकेा १८ कठिनतासे रोका कि वे उनके आगे बलिदान न करें। परन्तु कितने यिहृदियोंने अन्तेखिया और इके- १२८ नियासे आके लेागेंके मनाया और पावलके पत्यर- वाह किया और यह समकके कि वह मर गया है उसे नगरके बाहर घसीट ले गये । परन्तु जब शिष्य लोग २० उस पास घिर कऋये तब उसने उठके नगरमसें प्रवेश किया और दूसरे दिन बणेबाके संग दर्बीके गया । जब उन्हेंने उस नगरके लेागेंका सुसमाचार सुनाया २१ और बहुतांके शिष्प किया था तब वे लुस्ता और इकेानिया और अन्तेखियाकेा लेटे . और यह उपदेश २२ करते हुए कि बिश्वासमें बने रहे! और कि हमें बढ़े क्केशसे इंश्वरके राज्यमें प्रवेश करना होगा शिष्योंके मनके स्थिर करते गये । और हर एक मंडल्लीमें प्राची- २३ नोंके उनपर ठहराके उन्होंने उपवास सहित प्रा्थेना करके उन्हें प्रभके हाथ सोंपा जिसपर उन्हेंने बिश्वास किया था । ओर पिसिदियासे होके वे पंफुलियास आये . २४ और पगामें बचन सुनाके आतालिया नगरके गये । २३ और वहांसे वे जहाजपर अन्‍न्तेखियाकेा चले जहांसे वे २६ उस कामके किये जो उन्होंने परा किया था इंश्वरके अनुग्रहपर सोंपे गये थे । वहां पहुंचके ओर मंडत्नीके २७ एकट्ठी करके उन्हेंने बताया कि इश्वरने उन्हेंके साथ केसे बड़े काम किये थे और कि उसने अन्‍्यदेशियोंके १४ पब्ब।] प्रेरितरोंकी क्रिया । ३६५४ २८ लिये बिश्वासका द्वार खाला था। और उन्हेंने वहां शिष्यांके सग बहत दिन बिताये। १४५ पन्ट्रहवां पब्बे । खतनेके विषय बिबाद होना आर उसके नर्णयके लिये कितने भाडइयोंका गयरूशलामका जाना ॥ हे प्रारताक्रा इस बातका |बचार करना ।॥ २२ इस बातका निर्णय प्त्रम लिखना। ३० उस पत्रका अन्तखियास पहुंचाया जाना। ३६ पावल और बणेबाका अलग अलग यात्रा करना । १ कितने लाग यिहृदियासे आके भाइयोंका उपदेश देने लगे कि जे मसाकी रोतिके अनसार तम्हारा खतना न किया जाय ते तम चाण नहों पा सकते हो। २ जब पावल ओर बणेबासे ओर उन्हेंसे बहुत बिबाद और बिचार हुआ था तब भाइयोंने यह ठहराया कि पावल जझर बणेबा और हममेंसे कितने ओर जन इस प्रश्तके विषय यिरूशत्नी मकेो प्रेरितों और प्राची नो व्ले ३ पास जायेंगे। से मंडलोीसे कुछ टूर पहुंचाये जाके वे फैनीकिया ओर शेमिरोनसे हो ते हुए अन्यदेशियोंके मन फ़ेरनेका समाचार कहते गये और सब भाइयोंका बहुत ४ आनन्दित किया । जब वे यिरूशल्लीममें पहुंचे तब मंड- लीने और प्रेरिताों और प्राचीनेंने उन्हें ग्रहण किया और उन्हेंने बताया कि इंश्वरने उन्हेंके साथ कैसे बड़े ४ काम किये थे। परन्तु फरीशियोंके पंथके लोगोंमेंसे कितने जिन्होंने बिश्वास किया था उठके बोले उन्हें खतना करना और मसाको ब्यवस्यथाके पात्वन करनेकी आज्ञा देना उचित हैं । ६ तब प्रेरित और प्राचीन लोग इस बातका बिचार ७ करनेका एकट्रे हुएण। जब बहुत बिबाद हुआ तब पितरने गा] इंध4 प्रेरितांकी क्रिया । [१४ पब्जे। उठके उनसे कहा हे भाइये तुम जानते हा कि बहुत दिन हुए इंश्वरने हममेंसे चुन त्निया कि मेरे मुंहसे अन्यदेशो ल्लाग सुसमाचारका बचन सुनके बिश्वास करें । और अन्तयामी इश्वरने जैसा हमके तैसा उनके भी पिच आत्मा देके उनके लिये साथी दिई . और बविश्वाससे उन्हें के मनके शूट करके हमेंके और उन्हेंके बीचमें कुछ भेद न रखा । से अब तुम व्याों इश्वरकी परीक्षा करते है| कि शिष्योंके गत्लेपर जूआ रखे। जिसे न हमारे पितर लाग न हम लोग उठा सके । परन्तु जिस रीतिसे वे उसी रीतिसे हम भी प्रभु योश ख्रीघ्ृके अनुग्रहसे चाण पानेकेा बिश्वास करते हैं। तब सारी सभा चुप हुईं और बणेबा और पावलकी ज्ञा यह बताते थे कि इेश्वरने उनके ट्वारा कैसे बढ़े चिन्ह और अद्त काम अन्यदेशियोंके बीच किये थे सुनती रही । जब वे चुप हुए तब याकूबने उत्तर दिया कि हे भाइये मेरी सुन लीजिये । शिमानने बताया है कि इश्वरने ब्यांकर अन्यदेशियोंपर पहिले ट्ूरप्मि किदे कि उनमेंसे अपने नामके लिये एक लोागक्े ले लेवे। और इससे भविष्यद्ृक्ताओंकी बातें मिलती हैं जेसा लिखा है . कि परमेश्वर जे यह सब करता है से कहता है इसके पीछे में फिरके दाऊदका गिरा हुआ डेरा उठा- ऊंगा और उसके खंड्हर बनाऊंगा और उसे खड़ा करूंगा . इसलिये कि वे मनुष्य जे रह गये हैं और सब अन्यदेशी लग जो मेरे नामसे पुकारे जाते हैं परमेश्वर- का ढूंढें । इश्बर अपने सब कामों के आदिसे जानता है। १० १९ ९२ १३ १४ १४ १ १७ ९८. १४ पब्छे ।] प्रेरिलेंकी क्रिया । इध्छ १८ इसलिये मेरा बिचार यह है कि अन्यदेशियोंमेंसे जो लाग इंश्वरकी ओर फिरते हैं हम उनके टःख न देवें . २० परन्तु उनके पास लिखें कि वे मरतांकी अशदु बस्तुओंसे और व्यभिचारसे और गला घोंटे हुओंके २९ मांससे ओर लोहूसे परे रहें । क्यांकि पूषषांके समयसे मूसाके पुस्तकके नगर नगरमें प्रचार करनेहारे हें और हर एक बिज्रामवार वह सभाके घरोंमें पढ़ा जाता है। २२ तब सारी मंडल्ली सहित प्रेरिताों और प्राचीनेंका अच्छा त्वगा कि अपने में से मर्पष्येके चने अथे त यिह दा - का जे बशेबा कहावता है और सीलाके जो भाइयोंमें बढ़े मनुष्य ये और उन्हें पावल और बणेबाके संग अन्ते- २३ खियाकोा भेजें . और उनके हाथ यही लिख भेज कि प्रेरित जल प्राचीन औ भाई ले ग अन्तेखिया और सरिया जैौर किल्लिकियामेंके उन भाइयों का जो अन्यदेशियोंमेंसे २४ है नमस्कार । हमने सुना है कि कितने लेगोंने हममेंसे निकलके तुम्हें बातोंसे व्याकुल किया है कि वे खतना करवानेका और ब्यवस्थाका पोलन करनेके कहते हुए तुम्हारे मनके चंचल करते हैं पर हमने उनके आज्ञा न २५ दिईं। इसलिये हमने एक चित्त होके अच्छा जाना २६ है . कि मन॒ष्यांके चनके अपने प्यारे बणेबा और पाव- लके संग जो णऐसे मनष्य हैं कि अपने प्राणेंका हमारे .. प्रभु यीश खीपृके नामके लिये सेंप दिया है तुम्हारे पास २७ भेजें । से हमने यिहृदा ओआर सीलाके भेजा है जे आप र८ भी यही बातें मुखबचनसे कह देवें। पवित्र आत्माका और हमके अच्छा लगा है कि तुम्हेंपर इन आवश्यक *- ६ इधर : प्रेर्तिंकी क्रिया। [१४ पब्ले | बातोंसे अधिक काई भार न रखे. अथात कि मूरतोंके २८ आगे बत्नि किये हुओंसे और लेहसे और गला घोंटे हुओंके मांससे ओर ब्यभिचारसे परे रहे . इन्हेंसे अपनेकेा बचा रखनेसे तम भला करोगे . आगे शभ। से वे बिदा होके अन्तखियाम पहुंचे आर लो गांका ३० णएकट्रें करके वह पत्र दिया । वे पढ़के उस शांतिको ३१९ बातसे आनन्दित हुए । और यिह॒दा और सीलाने ३२ जा आप भी भविष्यद्क्ता थे बहुत बातोंसे भाइयोंका 8 / बे [० ० के छ० 2 3 5 का समम्ाके स्थिर किया। और कछ दिन रहके वे प्रेरितांके ३३ पास जानेकेा कुशलसे भाइयेोंसे बिदा हुए । परन्तु ३४ सीलाने वहां रहना अच्छा जाना । और पावल और ३५ बणेबा बहुत ओरोंके संग प्रभुके बचनका उपदेश कर- ते ओर सुसमाचार सुनाते हुए अन्तंखियामें रहे । कितने दिनोंके पीछे पावलने बणेबासे कहा जिन ३६ नगरोंमें हसने प्रभुका बचन प्रचार किया आओ हम हर एक नगरमें फिरके अपने भाइयोंकोा देख लेवे कि वे केसे हें । तब बणेबाने याहनके जे माके कहावता ३७ है संग लेनेका बिचार किया । परन्‍्त पावलतने उसके इ८ जा पंफल्लियासे उनके पाससे चला गया और कामपर उनके साथ न गया संग ले जाना अच्छा नहीं समक्का । से ऐसा टंटा हुआ कि वे एक टूसरेका छोड़ गये ओर ३< बणेबा माकेका लेके जहाजप्रर कुप्रसके गया। परन्तु ४० पावलने सीलाके चुन त्निया आर भाइयेंसे इश्वरके अनुग्रहपर सांपा जाके निकला . और मंडलियेंकेा स्थिर ४१ करता हुआ सारे सुरिया ओर किल्निकियामें फिरा। ९६ प्रब्बे ।] ' प्रेरित्रोंकी क्रिया । ३६६ १६ सेोलहदवां पब्बे । व््डो पावलका तिमेाथ्रियका खतना करना ओर अनेक टार फिरना। € उसका णसक दश्श पाना ओर उन्हेंका फिलिपो नगरकेा जाना। १३ लदियाका वृत्तान्त । १६ एक भ्र॒तग्रस्त कन्यासे भ्रतका निकाला जाना । १७ प्रावल गझऔ_औऔर सोलाका बन्दीगहम डाला जाना । २४ बन्दोगहके रच्ककका प्रभको ओर फिरना । ३५ प्रावल ओर सोलाका बन्दोगहसे कड़ाया जाना । १ तब पावल दर्बी और लुस्तामें पहुंचा और देखे वहां तिमेाथिय नाम एक शिष्य था जे। किसी बिश्वासी यिहूृदिनीका पुत्र था परन्तु उसका पिता यूनानी था। . २ ओर लस्ता और इकेनियामेंके भाई ल्ला ग उसकी सख्या- ३ ति करते थे । पावलने चाहा कि यह मेरे संग ज्ञाय और जो यगिह॒दी लोग उन स्पानेंमें ये उनके कारण उसे लेके उसका खतना किया क्योंकि वे सब उसके ४ पिताका जानते थे कि वह यूनानी था । परन्तु नगर नगर जाते हुए उन्हेंने उन बिधियों का जे। यिरुशली म- . मेंके प्रेरितां और प्राचीनोंसे ठहराई गई थीं भाइयेंका ४५ सांप दिया कि उनके पालन करें। से मंडल्ियां बिश्वासमें स्थिर हो ती थीं और प्रतिदिन गिन्‍तीमें बढती ६ थों। और जब वे फ्रगिया ओर गलातिया देशेंम फिर . चके आर पाविच आत्माने उन्हें झाशिया देशम बात ७ सुनानेके बजा . तब उन्हेंने मुसिया देशपर आके बिथु- निया देशके जानेकी चेप्ठा किईं परन्तु आत्माने उन्हें जा- : छ ने न दिया। और मुसियासे हो के वे चोझ्ा नगरमें आये। € रातका एक दशन पावलको दिखाई दिया कि कोई माकिदानी पुरुष खड़ा हुआ उससे बिन्ती करके कहता था कि उस पार माकिदानिया देश जाके हमारा उप- ४०० प्रेरितांकी क्रिया । [१६ पब्बे । कार कीजिये । जब उसने यह दर्शन देखा तब हमने निश्चय जाना कि प्रभुने हमें उन लोागेंके तदडं सुतसमाचार सुनानेका बुलाया है इसलिये हमने तुरन्त माकिदा- नियाकेा जाने चाहा | से चोआसे खेलके हम सामेचा- की टापकोा सीधे आये और टसरे दिन नियापल्नि नगर- में पहुंचे । वहांसे हम फिलिपी नगरमें आये जे। माकि- दानियाक्े उस अंशका पहिला नगर हे और रोमियोंकी बस्ती है और हम उस नगरमें कुछ दिन रहे। बिप्रामके दिन हम नगरके बाहर नदोीके तोरपर गये जहां प्राथेना किई जाती थी और बेठके स्व्रियोंसे जो एकट्ठी हुईं थीं बात करने लगे । ओर लुदिया नाम शक्परातीरा नगरकी ण्क सती बेजनी बस्च बेचनेहारो जो इेष्चरकी उपासना किया करतो थी सनती थी और प्रभने उसका मन खोला कि वह पावलको बातोंपर चित्त लगावे । और जब उसने क्लेर उसके घरानेने बपतिसमा लिया था तब उसने बिन्‍्ती किई कि यदि आप लेगोंने मरते प्रभती विश्वासिनी जान लिई है ता मेरे घरमें आके रहिये ओर वह हमे मनाके त्ने गई । जब हम प्राथनाका जाते ये तब एक दासोी जिसे ज्ञागसबक्ता भत लगा या हमके मिली जो आगमके कहलनेसे अपने स्वामियोंके लिये बहुत कमा ल्वातो थी। वह पावलके और हमारे पोछे आके पुकारने त्वगी कि ये मन॒ष्य सब्बेप्रधान इंश्वरके दास है जा हमें चाणके मागकी कथा सनाते है । उसने बहत दिन यह किया परन्तु पावल अप्रसन्त हुआ ओर मुंह फेरक उस भूतसे १० १९ रैर श३ १४ १५ १६ १७ ९८ व पब्जे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४०१ कहा में तुर्के योशु खीपृके नामसे आज्ञा देता हूं कि उसमेसे निकल जञ्ला ओर वह उसी घड़ी निकल आया। १८ जब उसके स्वामियोंने टेखा कि हमारो कमाइईंकों आशा गई है तब उन्हेंने पावल जैर सीलाके पकड़- २० के चाोकमे प्रधानांके पास खींच लिया . और उन्हें अध्यक्षांके पास लाके कहा ये मनुष्य जा यिहृदी हैं २९ हमारे नगरके लोागोंका ब्याकुल करते हैं . और व्यव- हारोंका प्रचार करते हैं जिन्हें ग्रहण करना अथवा २२ सानना हमोंका जो रोमी हैं उचित नहीं है। तब लेाग उनके बिरूटु एकट्रे चढह आये और अध्यक्षोंने उनके कपड़े फाड़ डाले और उन्हें बेत मारनेकी आज्ञा २३ दिई . और उन्हें बहुत घायल करके बन्दी गृहमें डाला . और बन्‍्दीगृहके रश्षकका उन्हें यत्लसे रखनेकी आज्ञा २४ टिद। उसने एसी आज्ञा पाके उन्हें भी तरकी काठरी- में डाला और उनके पांव काठसे ठोंके । २५ आधो रातको पावल जैर सीला प्रायथेना करते हुए देश्वरका भजन गाते थे ओर बंधुए उनकी सनते २६ थे । तब अचांचक ऐसा बड़ा भुइंडोल हुआ कि बन्दी- गृहकोा नेवे हिलों आर तुरन्त सब द्वार खल गये जार २७ सभोंके बंधन खुल पड़े । तब बन्दीगृहका रक्षक जागा और बन्दीगृहके द्वार खुले देखके खड़॒ खींचा और अपने तह मार डालनेपर था कि वह समभरता था श८ कि बंधुए लग भाग गये हैं । परन्तु पावलने बड़े शब्दसे पुकारके कहा अपनेका कुछ दुःख न देना २९ व्यांकि हम सब यहां हैं । तब वह दीपक मंगाके भी तर 64 ४०२ प्रेरितोंकी क्रिया । [१६ पब्बे । लपक गया ज्ौर कंपित होके पावल जार सीलाके दंडबत किई . और उनके बाहर लाके कहा हे प्रभुओे ३० त्ाण पानेकेा म॒भ्भे क्या करना होगा। उन्होंने कहा ३१ प्रभु यीश ख्रीप्रपप बिश्वास कर ते तू आर तेरा : चघराना चाण पावेगा | और उन्होंने उसके ओर ३२ सभोंका जे। उसके घरमे थे प्रभुका बचन सुनाया । ज्ैर रातकेा उसी घड़ी उसने उनके लेके उनके ३३ घावांके धाया ज्ैौर उसने ओर उसके सब लोगोंने तुरन्त बपतिसमा तल्लिया । तब उसने उन्हें अपने घरमें ३४ लाके उनके आगे भेजन रखा और सारे घराने समेत इेंश्चरपर बिश्वास कियेसे आनन्दित हुआ । बिहान हुए अध्यक्षोंने प्यादोंके हाथ कहला भेजा ३४ कि उन मनुष्यांका छोड़ देशे । तब बन्दीगृहके रश्षकने ३६ यह बातें पावलसे कह सुनाई कि अध्यक्षोंने कहला भेजा हे कि आप लेग छोड़ दिये जाये से अब निकलके कशलसे जाइये । परन्‍्त पावलने उनसे कहा उन्होंने ३७ हमें जे राोसमो मनष्य है दड़के योग्य ठहराये बिना त्ागोंके आगे मारा और बन्‍्दोगहमें डाला और अब क्या चुपकेसे हमें निकाल देते हैं . से नहीं परन्तु आपही आके हमें बाहर ले जावें। प्यादोंने यह बातें ३८ अध्यक्षोंसे कह दिददें आर वे यह सुनके कि रोसोी हैं डर गये . ओर आके उन्हें सनाया हर बाहर लाके ३८ बिन्‍्ती किई कि नगरसे निकत्न जाइये । वे बन्दोगहमेंसे ४० निकलके लुदियाके यहां गये ओर भाइयेंकोा देखके उन्हें उपदेश देके चले गये । १० पब्ले ।] प्रेस्तिंकी क्रिया । ४०३ १७ सचहवां पब्बें । ३ थिसलेनिका नगरमसे लागेोंका भिन्न भिन्न बचार और प्रेरतांका मिक्राला जाना। १० बिरेया नगरके लागोंका पडिले सुद्दचार पोछे बिरेोध करना । १६ आपखो- नो नगरके लेगेंमे पावलक्ना लिबाद करना । २२ अरेयेपाग स्थान पावलका उपदेश । 3० उस उपदेशका फल । १ अंफिपलि और अपल्लीनिया नगरोंसे होके वे थिस- लेनिका नगरमे आये जहां यिहटियोंकी सभाका घर २ था। ओर पावत्त अपनो रीतिपर उनके यहां गया औ_ और तीन बिप्रामवार उनसे धम्मेपस्तकमें से बातें कि ३ और यही खोत्न देता और समम्धाता रहा कि खी पका टःख भागना ओर मृतकोंमेसे जो उठना आवश्यक था जौर कि यह योश जिसको कथा में तम्हे सनाता हूं ४ वहीं ख़ीघ् हे । तब उनमेंसे कितने जनोंने ज्लार भक्त . यूनानियोंमेंसे बहुत लागोंने और बहुतसी बड़ी बड़ी स्वियोंने मान ल्निया ओर पावत्त और सीलासे मित्त ७ गये । परन्त न माननेहारे विहदियोंने डाह करके बाजारू लेगेंमसे कितने ट॒पू मन॒ष्योंकेा लिया और भीड़ लगाके नगरम धम मचाई ओर यासेनके घरपर चढाईे करके पावल ओर सीलाके लोागोंके पास लाने चाहा। ६ और उन्हें न पाके वे यह पुकारते हुए यासानकेा और कितने भाइयोंका नगरके प्रधानोंके आगे खींच लाये कि ये लोग जिन्होंने जगतकेा उत्लटा पुल्वटा किया है ७ यहां भी आये हैं । ओर यासेनने उन्तकी पहुनई किई है और ये सब यह कहते हुए कि यीशु॒ नाम टूसरा ८ राजा है कैसरकी आज्ञाओंके बिरुट करते हैं। से उन्होंने लागांके और नगरके प्रधानेंका जे यह बातें ४०४ प्रेरितोंकी क्रिया । (१७ प्ले । सुनते थे ब्याकुल किया । और उन्होंने यासानसे और टूसरोंसे मुचलका लेके उन्हें छोड़ दिया । तब भाइयोंने तुरन्त रातका पावल और सीलाकोा बिरेया नगरकेा भेजा और वे पहुंचके यिहृदियोंकी सभाके घरमें गये । ये ते थिसत्नेनिकामेके यिहृदियों से सुशील थे ओर उन्हेंने सब भांतिसे तत्पर हा के बचनका ग्रहण किया और प्रतिदिन धम्मेपुस्तकमें ढूंढ़ते रहे कि यह बातें यूंहीं हैं कि नहीं | से उन्तमेंसे बहुतांने ओर यूनानीय कुलवन्‍्ती स्त्रियांमेंसे और पुरुषें्मेंसे बहुतेरोंने बिश्वास किया । परन्तु जब थिसल्ना निकाके यिहृदियोंने जाना कि पावल्न बिरेयामें भी इंश्वरका बचन प्रचार करता है तब वे वहां भी आके लो गेंके उसकाने लगे । तब भाइयोंने तुरन्त पावलकेा बिदा किया कि वह सम॒द्रको ओर जावे परन्त सीला जऔ_ और तिमेाथिय वहां रह गये | पावलके पहुंचानेहारे उसे आयथोनी नगरतक लाये और सीला और तिमेाथियके लिये उस पास बहुत शीघ्र जानेकी आज्ञा लेके बिदा हुए। जब पावतल आयोनीमे उनकी बाट जाहता था तब नगरकेा मरतेंसे भरे हए देखनेसे उसका मन भीतरसे उभड़ आया । से वह सभाके घरमें यिहृदियों ओर भक्त लागोंसे और प्रतिदिन चेकमे जा त्लाग मिलते थे उन्हेंसे बातें करने लगा। तब इपिकूरीय और स्तेइकीय ल्‌ १० ११ १२ १३ १8४ १४ १६ १७ ९८ ज्ञानियोंमेंसे कितने उससे बिबाद करने लगे और कितने बोले यह बकवादी क्या कहने चाहता है पर आओरोंने कहा वह ऊपरो देवताओंका प्रचारक देख पड़ता है. १७ पब्ले ।] प्रेरितोंकी क्रिया । ४०४ क्येंकि वह उन्हें यीशका और जी उठनेका सुसमाचार १८ सुनाता था । तब उन्हेंने उसे लेके अरेयोपाग नाम स्थानपर लाके कहा क्या हम जान सकते कि यह नया २० उपदेश जा तमसे सनाया जाता है क्या है। क्यांकित अनठो बातें हमें सनाता है से हम जानने चाहते हे २९ कि इनका अथे क्या हे । सब आयथीनीय लोग ओर परदेशी जो वहां रहते थे किसी आझार काममे नहों केवल नई नई बातके कहने अथवा सुननेमें समय काटते थे। २२ तब पावलने अरेयेपागके बीचरम्म खड़ा होके कहा हे झ्रायीनीय ल्लेगो में आप लेगेंकेा सब्बेथा बड़े देव- २३ पूजक देखता हूं । वक्यांकि जब में फिरते हुए आप ले गें- की पूज्य बस्तुओंका देखता था तब ्क णेसी बेदी भो पाई जिसपर लिखा हुआ था कि अनजाने इंश्वरको सा जिसे आप त्लाग बिन जाने पजते है उसीकी कथा २४ में आप लोगेंकोा सुनाता हूं। इंश्वर जिसने जगत आर सब कुछ जे उसमें हे बनाया से स्वगे ओर पृथिवीका प्रभु होके हाथके बनाये हुए मान्दरोंम बास नहों करता २४ है . आर न किसी बस्तुका प्रयोजन रखनेसे मनुष्येके हाथोंकी सेवा लेता है क्येंकि वह आपही सभेंकोा जी वन २६ ओर श्वास ओर सब कुछ देता है । उसने एकही लोा- हसे मनुष्योंके सब जातिगण सारो पृथिवोपर बसनेकेा बनाये है आर ठहराये हुए समयोंका झार उनके २७ निवासके सिवानेंका इसलिये बांधा है . कि वे पर- मेश्वरक्का ढंढ क्या जाने उसे टटाोलके पावे आर तोभी २८ वह हममेसे किसोसे टूर नहों हे . क्योंकि हम उसोसे ४०६ प्रेरितांकी क्रिया । [१८ पब्बे। जीते और फिरते और होते हैं जेसे आप लोागोंके यहांके कितने कबियोंने भी कहा है कि हम तो उसके बंश हैं । सो जो हम इंश्वरके बंशहें तो यह समझना २८ कि देश्वरत्व सोने अथवा रूपे अथवा पत्यरके अथात मनुष्यकी कारीगरी ओर कल्पनाकी गढ़ी हुई बस्तुके समान है हमें उचित नहीं है। इसलिये ईश्वर अज्ञान- ३० ताके समयेंसे झानाकानी करके अभी सब्बेच सब मनष्योंका पश्चात्ताप करनेकी जअाज्ञा देता है। क्यों- ३९ व्कि उसने एक दिन ठहराया हे जिसमे वह उस मनृष्यके द्वारा जिले उसले नियुक्त किया है धम्मंसे जगतका न्याय करेगा लार उसने उस मनुष्यका मृतकोंमेंसे उठाके सभोंकेा निश्चय कराया है। मृतकांके जी उठनेको बात सुनके कितने ठट्टा करने ३२ लगे और कितने बोले हम इसके विषयमें तुकसे फिर सनेंगे । इसपर पावल उनके बीचमेसे चतल्ा गया। ३३ 5 परन्‍्त कई ण्क मनष्य उससे मिल गये ओर बिश्वास ३४ किया जिनमे टियानसिय अरेयेपागी था कोर दामरों नाम णक स्वी कोर उनके संग कितने और लाग। ९८ अठार हवां पब्बे । १ पावलका कारिन्थ नगरमसे सुसमाचार प्रचार करना । १२ यिहदियेंका गालिया- के पास पावलपर नालिश कऋरना । १८ परावलका अनेक नगरें आर देशेंमे फिरना । २४ अपलूुकता बसान। इसके पीछे पावल जझ्ाथीनीसे निकलके करिनथ १९ नगरमें कराया । और अकला नाम पन्‍त देशका णक २३ मिहूदी था जे। उन दिनेंमें इतलिया देशसे आया था इस- लिये कि क्लादियने सब यिहृदियोंके रोम नगरसे निकल ५८ पब्जे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४०७ जानेकी आज्ञा दिद थी . पावल उसको चर उसकी ३ स्व्री प्रिस्कीलाका पाके उनके यहां गया । ओर उसका जलौर उनका एकही उंदयम था इसलिये वह उनके यहां रहके कमाता था व्यांकि तम्बू बताना उनका उदयम था। ४8 परन्‍्त हर णक बिश्वामवार वह सभाके घरमें बातें कर व्के ५ यिहृदियों और यनानियेकेा भी समकाता था । जब सीला जोर तिमेथिय माकिदेानियासे आये तब पा- बल आत्माके बशमें हाके यिहृदियोंका साथ्शी देता था ६ कि यीशु ते खीघृ है। परन्तु जब वे बिरोध और निन्‍दा करने लगे तब उसने कपड़े काड़के उनसे कहा तुम्हारा लाह तुम्हारेही सिरपर हाय . मैं निदाष हूं . ७ अबसे में अन्यदेशियांके पास जाऊंगा | और वहांसे जाके वह युस्त नाम इंश्वरके एक उपासकके घरमें ८ जाया जिसका घर सभाके घरसे लगा हुआ था । तब सभाके अध्यक्ष क्रोस्पने अपने सारे घराने समेत प्रभुपए बिश्वास किया और.करिन्थियोंमेंसे बहुत ल्लाग € सनक्के विश्वास करते और बपतिसमा लेते थे। आर प्रभुने रातका दशनके द्वारा पावलसे कहा मत डर परन्तु १० बात कर और चुप मत रह | क्योंकि में तेरे संग हूं .. झोर काई तुकपर चढ़ाई न करेगा कि तुरे दुःख देवे ११ क्येंकि इस नगरमें मेरे बहुत लोग हैं। से वह उन्हें- में इंश्वरका बचन सिखाते हुए डेढ़ बरस रहा । १२. जब गालियो आखाया देशका प्रधान था तब यिहदी त्लाग एक चित्त हैेकर पावलपर चढ़ाई करके उसे १३ बिचार आसनके आगे लाये . और वाले यह ते मनुष्ये- ४०५ प्रेरतांकी क्रिया । (१८ पब्बे । को ब्यवस्थाके बिपरोत री तिसे इंश्वरकी उपासना करने- का समम्वाता है। ज्यांही पावल मुंह खाोलनेपर था १४ त्यांही गालियेाने यिहृदियांसे कहा हे यिहृदिया जो यह काई ककम्से अथवा बरी कचाल होती तो उचित जानके में तम्हारो सहता | परन्त जा यह बिबाद १४ उपदेशके ओर नामेॉंके आर तम्हारे यहांको ब्यवस्पाके विषयमें है तो तमही जानो क्योंकि में इन बातोंका न्‍यायी होने नहीं चाहता हूं । ओर उसने उन्हें बिचार ९६ आसनके आगेसे खदेड़ दिया । तब सारे यूनानियोंने १७ सभाके अध्यक्ष सोस्थिनीका पकड़के बिचा र आसनके सामने मारा और गालियेने इन बातोंकी कुछ चिन्ता न किई। पावल और भी बहुत दिन रहा तब भाइयोंसे बिदा १८ हाके जहाजपर सुरिया देशका गया ओर उसके संग प्रिस्कीला ज्लैौर अकूला . उसने किंक्रिया नगरमें अपना सिर मुंडवाया क्योंकि उसने मन्नत मानी थो । जैौर उसने इफिस नगरमें पहुंचके उनके वहां छोड़ा १८ और आञापही सभाके घरमें प्रवेश करके यिहृदियोंसे बातें किईें। जब उन्होंने उससे बिन्‍्ती किद कि हमारे २० संग कुछ दिन और रहिये तब उसने न माना . परन्तु २१ यह कहके उनसे बिदा हुआ कि आनेवाला पब्बे यिरूशलीममें करना मरे बहुत अवश्य है परन्त इंशबर चाहे ता मे तम्हारे पास फ़िर लोट आऊंगा। तब उसने इफिससे खेल दिया और केसरियामें ज्राया २२ तब (यिरूशलीमके) जाके मंडलीके नमस्कार किया और अन्तेखियाके। गया । फिर कुछ दिन रहके वह २३ १६ परब्बे ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । - ४०६ निकला ज्र एक ओरसे गलातिया और फ्रगिया देशेंम सब शिष्योंके स्थिर करता हुआ फिरा । २४. अपलूी नाम सिकन्दरिया नगरका श्क यिहृदो जो सबक्ता पुरुष ओर धम्मंपस्तकर्मे सामथी था इफिसमें २४ आया । उसने प्रभुके सागको शिक्षा पाई थो ओर आत्मामें अनुरागी होके प्रभुके विषयमेंकी बातें बड़े यत्षसे सुनाता और सिखाता था परन्तु केवल याहनके २६ बपतिसमाकी बात जानता था। वह सभाके घरमें साहससे बात करने लगा पर अकला आर प्रिस्को लाने उसकी सनके उसे लिया और इंश्वरका मागे उसके २७ ऋखोर ठीक करके बताया । ओर वह आखायाकोा जाने चाहता था से भाइयोंने उसे ढाढ़स देके शिष्योंके पास लिखा कि वे उसे ग्रहण करें ओर उसने पहुंचके अनुग्रहसे जिन्होंने बिश्वास किया था उन्होंकी बड़ी र८ सहायता किई । क्योंकि यीश जो ख्रीपर है. यह बात धम्मेपुस्तकके प्रमाणेंसे बतत्नाके उसने बड़े यत्लसे ले- गांके आगे यिहृदियोंके निरुत्तर किया । १९८ उनीसवां पब्बे । हाफिस नगरम बारह शिष्यांका प्रधित्र आत्माका दिया जाना। ८ प्रावलका उपदेश ओर बिवाद करना ओर अनेक आश्चय्य कम्मांका उससे प्रगठ होना । १३ स्कवाके पत्रांका बणन ओर टोनेके पसतकेांका जलाया जाना | २१ दोमी त्रिय सनारका पावलपर उपद्रतव मचाना । १ अपल्लाके करिन्यमे हाते हुए पावल ऊपरके सारे २ देशमें फ़िरके इफिसमें आया . और कितने शिष्योंका पाके उनसे कहा क्या तुमने विश्वास करके पविच आत्मा पाया , उन्होंने उससे कहा हमने ता सुना भी नहीं 82 हा] ४१० प्रेरितोंकी क्रिया । [१६ पछ्ले । कि पविच आत्मा दिया जाता है। तब उसने उनसे कहा तो तुमने किस बातपर बपतिसमा लिया . उन्हेंने कहा याहनके बपतिसमापर । पावलने कहा याहनने पश्चात्तापका बपतिसमा देके अपने पीछे आनेवालेही- पर बिश्वास करनेके लोगेंसे कहा अथात खी पु यी शु- पर । यह सुनके उन्हेंने प्रभु यीशके नामसे बपतिसमा लिया । ओर जब पावलने उनपर हाथ रखें तब पविच आत्मा उनपर आया झऔर वे अनेक बाोलियां बालने औ_ और भविष्यट्राक्य कहने लगे। ये सब मनुष्य बारह एक चे। तब पावल सभाके घरमें प्रवेश करके साहससे बात करने लगा जऔर तीन मास इंश्वरके राज्यके विषयमेंकी बातें सुनाता जार समभ्ताता रहा । परन्तु जब कितने तल्लाग कठोर हो गये और नहों मानते थे और लागोंके आगे इस मागगकी निन्‍दा करने लगे तब वह उनके पाससे चला गया और शिष्यपोंके अलग करके तुरान नाम किसी मनुष्यके विद्यालयमें प्रतिदिन बातें किई्दें। यह दो बरस होता रहा यहांलें कि झ्ञाशियाके निवासी यिहृदी और यूनानी भी सभेंने प्रभु यीशुका बचन सुना । जार इंश्वरने पावलके हाथोंसे अनाखे क्ाश्चय्ये कम्मे किये . यहांत्नां कि उसके देहपरसे अंगेाछे कौर रूमाल रागियेंके पास पहुंचाये जाते थे ओर रोग डनसे जाते रहते थे और दुष्र भूत उनमेंसे निकल जाते थे। तब थिहदो लोागोंमेंसे जे इधर उधर फिरा करते और भूत निकालनेके किरिया देते थे कितने जन उन्हें- ३३ हि १० ११ १२ १३ १६ पब्खे ।] प्रेरितांकी क्रिया ।. ४१५ पर जिनको दुपष्र भूत लगे थे प्रभु यीशका नाम यह कहके लेने लगे कि यीशु जिसे पावल प्रचार करता है १४ हम उसीकी तुम्हें किरिया देते हैं । स्केवा नाम एक यिहृदोय प्रधान याजकके सात पुच थे जो यह करते थे । १४ परन्तु दुप्र भूतने उत्तर दिया कि यीशुको मैं जानता हूं १६ और पावलके पहचानता हूं पर तुम कान होा। और वह मनुष्य जिसे टुप्र भूत लगा था उनपर लपकके और उन्हें बशम लाके उनपर शेसा प्रबल हुआ कि वे नंगे १७ झआ र घायल उस घरमेंसे भागे। और यह बात इफिसके निवासी यिहूदी ओर यूनानी भी सब जान गये और उन सभेोंक्का डर लगा ओर प्रभ यीशके नामकी महिमा १८ किईद जाती थी। और जिन्होंने बिश्वास किया था उन्हें- मेंसे बहुतांने आके अपने काम मान लिये ज्र बत- १८ लाये। टोना करनेहारोंमेंसे भी अनेकेांने अपनी पोयथियां णकट्री करके सभोंके सास्ने जला दिईे और उन्‍्हेंका २० दाम जाड़ा गया ता पचास सहस्र रुपेये ठहरा। य॑ पराक्रमसे प्रभका बचन फेला आओर प्रबल हा । २९ जब यह बातें हा चुकों तब पावल्नने आत्मामे माकिदानिया ओर आखायाके बीचसे यिरूशलीम जानेके ठहराया और कहा कि वहां जानेके पीछे मुम्के २२ राोमको भी देखना होागा। से जे उसको सेवा करते थे उनमेंसे दोके अथात तिमाथिय और इरास्तका माकि- देनियामें भेजके वह आपहो आशियामें कुछ दिन रह ३ गया। उस समय इस मागेके विषयमें बड़ा हुल्लड़ हुआ। २४ ब्यांकि दीमीतचिय नाम एक सनार अत्तिमीके मन्दिरको ४१३ प्रेरितोंकी क्रिया । [१६ पव्ज। चांदीकी मूरतें बनानेसे कारीगरोंकेा बहुत काम दितल्लाता था। उसने उन्हेंके और णसी ऐसी बस्तुओंके कारीगरें- २५ के एकट्रे करके कहा है मनुष्यो तुम जानते हो कि इस कामसे हमेंके सम्पत्ति प्राप्त होती है। और तुम देखते २६ और सुनते हे। कि इस पावलने यह कहके कि जो हाथों- से बनाये जाते से इंश्वर नहीं हैं केवल इफिसके नहीं परन्त प्राय समस्त आशियाके बहुत लागोंका समभाके भरमाया है। और हमोंकेा केवल यह डर नहीं हे कि २७ यह उदयम निन्दित हा जाय परन्तु यह भी कि बड़ी देवी अत्तिमीका मन्दिर तुच्छ समकरा जाय ओर उसको महिमा जिसे समस्त आशिया और जगत पूजता है नप्ृ हा जाय । वे यह सुनके और क्राधसे पूरे हे।के पुकारने २८ लगे इफिसियोंकी अत्तिमीकी जय । और सारे नगरमें २८ बड़ी गढ़बड़ाहट हुईं और लोग गायस और अरिस्ताखे दा माकिदानियांका जे पावलके संगी पथिक थे पकड़के एक चित्त होके रंगशालामें दौड़ गये । जब पावलने ३० तलागोंके पास भीतर जाने चाहा तब शिपष्योंने उसके जाने न दिया । आशियाके प्रधानांमेंसे भी कितनेंने जे। ३९ उसके मिच थे उस पास भेजके उससे बिन्ती किईं कि रंगशालामे जानेकी जेखिम सत अपनेपर उठाइये। से ३२ काई कुछ और कोई कुछ पुकारते थे क्यांकि सभा घब- राई हुईं थी और अधिक लेग नहीं जानते थे हम किस कारण ण्कट्रे हुए हैं। तब भीड़मेंसे कितन्लेंने सिकन्दर- ३३ के जिसे यिहृदियोंने खड़ा किया था आगे बढ़ाया और सिकन्दर हायसे सेन करके लोगेंके आगे उत्तर दिया २० पब्ले ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४१३ ३8४ चाहता था। परन्तु जब उन्हेंने जाना कि वह यिहदी है सबके सब एक शब्ट्से दो घड़ीके झटकल इफिसियेोंको ३५ अत्तिमीकी जय पुकारते रहे। तब नगरके लेखकने ले- गांका शांत करके कहा हे इफिसी लेगे कान मनुष्य है जे नहीं जानता कि इफिसियोंका नगर बड़ी देवी अत्ति- मोका और जूपितरकी ओरसे गिरी हुई मूत्तिका टहल्ुआ ३६ है। से जब कि इन बातोंका खंडन नहीं हा! सकता है उचित है कि तुम शांत हाओ ज्ैर केाई काम उतावली- ३७ से न करो। क्यैंकि तुम इन मनुष्येंका लाये हा जे न ३८ पविच बस्तुओंके चार न तुम्हारी देवीके निन्‍्दक हैं। से जा दीमीन्रियके और उसके संगके का रोगरों का किसी- से बिबाद है ता बिचारके दिन होते हैं और प्रधान ३८ लोग हैं वे एक ट्सरेपर नालिश करें । परन्तु जो तुम टूसरी बातेंके विषयमें कुछ पूछते हा तो व्यवहारिक ४० सभामें निणेय किया जायगा। क्योंकि जे। आज हुई है उसके हेतसे हमपर बलवबेका दोष लगाये जानेका डर है इसलिये कि कोई कारण नहों है जिस करके हम ४१ इस भीड़का उत्तर दे सकेंगे । ओआर यह कहके उसने सभाकेा बिदा किया । २० बीसवां पब्बे । प्रावलक्भम के सरक्क दशास ह्ाक त्राआ नगरका जाना | 9 उतुखका मरना और फिरके जिलाया जाना। १३ पावलका मिलोत नगरम पहुंचना । १७ . ऋफसको मंडलोके प्राचोनेंका उपदेश देना । 5६ वहांस बिदा हाना | १ जब हुल्लड़ थम गया तब पावल शिप्योंका अपने पास बलाके झेर गल्ने लगाके साकिदानिया जानेकेा २ चल निकला। उस सारे देशम फ़िरके कोर बहत बाते से ब््ि ४१४ प्रेरितांकी क्रिया । [२० पब्खे । उन्हें उपदेश देके वह यनान देशमें ञझ्राया। जैर तीन मास रहके जब वह जहाजपर सरियाकोा जानेपर था यिहदी लोग उसकी घातमें लगे इसलिये उसने माकि- दानिया होके लाट जानेके ठहराया। बिरेया नगरका सापातर और थिसले नियेमेसे अरिस्ताख और सिकनन्‍द और टर्बी नगरका गायस और तिमेथिय और अाशिया देशके तुखिक ओर चाफिस आशियालेों उसके संग हो। लिये। इन्होंने आगे जाके चाज्ार्म हमेोंकी बाट देखी। जलैौर हम लोग अखमीरी रोटीके पब्बेके दिनोांके पीछे जहाजपर फिलिपोसे चले चर पांच दिनमें चाजञ्ामें उनके पास पहुंचे जहां हम सात दिन रहे । अठवारेके पहिले दिन जब शिष्य ल्लाग रोटी ताहने- को णकट्ठे हुए तब पावलने जे अगले दिन चल्ने जानेपर. था उनसे बातें किददें और आधी रातत्नां बात करता रहा । जिस उपरोठी कोाटरीमें वे एकट्रे हुए थे उसमें बहुत दीपक बरते थे । आर उतुख नाम एक जवान खिड़की पर बैठा हुआ भारी नींदसे कुक रहा था और पावलके बड़ी बेरलनं बातें करते कर ते वह नोंद्से कुकके तीसरी अटारीपरसे नीचे गिर पड़ा और मूआ उठाया गया । परन्तु पावल उतरके उसपर ओऔंधे पड़ गया ओर उसे गादीमें लेके बाला मत धूम मचाओ क्यों- कि उसका प्राण उसमें है । तब ऊपर जाके और रोटी ताइके और खाके और बड़ी बेरलों भारतक बातचीत करके वह चला गया । ओर वे उस जवानको जीते ले आये ओर बहुत शांति पाई। ३ स्क १० ११ १२ २० पब्जे ।] प्रेरितरोंकी क्रिया । ४१४ १३ १४ १२ १६ १७ १८. १८ २०0 ब्११ ब्र्र तब हम लोग आगेसे जहाजपर चढ़के आसस नगरके गये जहांसे हमें पावलके चढ़ा ल्लेना था क्यें- कि उसने यूं ठहराया था इसलिये कि आपहो पैदल जानेवाला था । जब वह आाससमे हमसे करा मिला तब हम उसे चढाके मितलीनी नगरमें आये । ज्ेार बहांसे खाोलके हम टसरे दिन खीयेा टापके साम्हने पहुंचे ओर अगल्ने दिन सामी टापूमें लगान किया फिर चोगुलिया नगरमें रहके टूसरे दिन मिलीत नगरमें आये । क्योंकि पावलने इफिसकेा ८्क ओर छेड़के जाना ठहराया इसलिये कि उसके आशियामें अबेर न लगे क्योंकि वह शीघ्र जाता था कि जो उससे बन पड़े ता पेतिकोाप्म पब्बेके दिनलें गयिरूशलीममें पहुंचे। मिलीतसे उसने लेगेंकेा इफिस नगर भेजके मंडली- के प्राचीनांकेा बुलाया । जब वे उस पास आये तब उसने उनसे कहा तम जानते हो कि पहिले दिनसे जो में आशियामे पहुंचा में हर समय क्यांकर तुम्हारे बीचमें रहा . कि बड़ी दोनताईसे ओर बहुत रो रोके ओर उन परोश्याओंम जो मुकपर यिहृदियेंकी कुमंच्रणासे पड़ीं में प्रभुकी सेवा करता रहा . ओर ब्योंकर मैंने ला- भको बातोंमेंसे कोई बात न रख छेड़ी जो तुम्हें न बताई जैौर लागांके आगे और घर घर तम्हें न सिखाई . कि यिहृदियों और यनानियोंकओ भी यमेंसाश्ती देके इेश्वरके आगे पश्चात्ताप करनेको ओर हमारे प्रभु यीश ख्रीप्रपर बिश्वास करनेकी बात कहता रहा । ओर अब देखो में आत्मासे बंधा हुआ यिरूशलीमके जाता हूं और नहीं ४१६ प्रेरितोंकी क्रिया । [२० पब्ले । जानता हूं कि वहां मुकपर क्या पड़ेगा , केवल यही २३ जानता हं कि पवित्र आत्मा नगर नगर साखश्षी देता है कि बंधन ओर क्लेश मेरे लिये धरे है। परन्‍्त में किसी २४ बातकी चिन्ता नहीं करता हूं और न अपना प्राण इतना बहुमूल्य जानता हूं जितना आनन्दसे अपनी दोौड़का ज्लौर इंश्वरके अनग्रहके ससमाचारपर साथी देनेको सेवकाईकोा जो मेने प्रभु योशुसे पाई है प्री करना बहु मल्य है । कौर अब देखा में जानता हं कि तम सब २५ जिन्हेंमें में इंश्वरके राज्यको कथा सुनाता फिरा हूं मेरा मह फिर नहीं देखागे। इसलिये मे झ्ञाजके दिन इंश्वर- २६ के साथ्शी रखके तुमसे कहता हूं कि में सभोके तल्लाह्से निदाष हूं । क्येंकि मेने इंश्वरके सारे मतमेसे कोई बात २७ न रख छोड़ो जो तम्ह न बताई ।॥ सा अपने वषयम रद ज्र सारे कूंडके विषयमें जिसके बीचम पविच आत्माने तुम्हें रखवाले ठहराये हैं सचेत रहा कि तुम इश्वरकी मंडलीकी चरवाही करो जिसे उसने अपने लेाहसे मात्ल लिया है। क्योंकि में यह जानता हूं कि मेरे जानेके पीछे २८ क्रर हंडार तम्होंम प्रवेश करेंगे जा कंडकोा न छोडगे । तम्हारेही बीचमेंसे भी मनृष्य उठगे जो शिष्येंका अपने ३० पीछे खींच लेनेक्का टेढी बातें कहेंगे। इसलिये मैने जे। ३९ तीन बरस रात ओर दिन रो रोके हर एककेा चिताना न छोड़ा यह स्मरण करते हुए जागते रहा। और झब ३२ हे भाइयो में तम्हे इंश्वरका आर उसके अनु गरहके बचन- के सोंप देता हूं जा तुम्हे सधारने तौर सब पिच किये हुए लागोंके बीचमें अधिकार देने सकता है। मेंने किसी- ३३ २१ पब्ले। ] प्रेरितांकी क्रिया । ४१७ के रूपे अथवा सेने अथवा बस्तका लालच नहीं किया। ३४ तुम आपही जानते हो कि इन हाथोंने मेरे प्रयेजनको ३५ ओर मेरे संगियोंकी टहल्ल कि । मैंने सब बातें तुम्हें बताई कि इस रीोतिसे परिश्रम करते हुए टुबलेंका उपकार करना और प्रभु योशुकी बातें स्मरण करना चाहिये कि उसने कहा लेनेसे देना अधिक धन्य हे। ३६ यह बातें कहके उसने अपने घटने टेकके उन सभें- ३७ के संग प्राथेना किई । तब वे सब बहुत रोये और इंष पावलके गलेमें लिपटके उसे चूमने लगे । वे सबसे अधिक उस बातसे शाक करते थे जो उसने कही थी कि तुम मेरा मुंह फिर नहीं देखागे . तब उन्हेंने उसे जहाजलों पहुंचाया । २९ इकईसवां पब्बे । १ प्रावलका सार नगरमसे भाईइयेंसे सेठ करना । 9 केसरिया नगरमे फिलिपसे मेट करना । १० आगाबका भविष्यद्वाक्य और पाबलको दुठुताडे । १५ पावल ओर उसके संगियांका यिरूेशलोमस पहंचना | १८ भाइयांका पावलकी परामश देना। २० यिहदियांका उसके। पकडना । ७१ रोमों सद्दैलपतिका उसे यिह्दियोंकक हाथसे छोन लेना । ३७ सहसर्पांतस प्रावलक्ो बातचोत। १ जब हमने उनसे अलग होके जहाज खेात्ला तब सो धे सीधे कैास 'टापूकेा चले और टूसरे दिन रोद टापके २ और वहांसे पातारा नगरपर पहुंचे। और एक जहाज- के जे फैनीकियाके जाता था पाके हमने उसपर ३ चढ़के खाल दिया । जब कुप्रस टापू देखनेमें झ्राया तब हमने उसे बायें हाथ छोड़ा और सरियाको जाके सार नगरमें त्गान किया क्योंकि जहाजको बाफाई वहां 8 उतरनेपर थी । झऔर वहांके शिष्योंका पाकेहम वहां 68 क्र ४१८ प्रेरितांकी क्रिया । (२१ पब्जे । सात दिन रहे . उन्होंने ऋात्माकी शिक्षासे पावलसे कहा यिरूशल्ीमकेा न जाइये । जब हम उन दिनों- का पूरे कर चुके तब निकलके चलने लगे और सभेंने स्तियों और बालकों समेत हमें नगरके बाहरतलों पहुंचाया और हमोंने तीरपर घुटने टेकके प्रार्थना किई । तब एक टूसरेका गल्ले लगाके हम ता जहाजपर चढ़े झौर वे अपने अपने घर लोटे । तब हम से रसे जलयाचा पूरी करके तलिमाई नगरमें पहुंचे ओर भाइयेंकेा नमस्कार करके उनके संग एक दिन रहे। टूसरे दिन हम जो पावलके संगके थे वहांसे चलके कैसरियामें आये आर फिलिप सुसमाचार प्रचारकके घरमें जे सातेंमेंसे एक था प्रवेश करके उसके यहां रहे । इस मनुष्यका चार कुंवारी पुचियां थीं जो भविष्यद्राणी कहा करतो थीं। जब हम बहुत दिन रह चुके तब आगाब नाम एक भविष्यदृक्ता यिहदियासे आया । वह हमारे पास आके जार पावलका पटुका लेके आर अपने हाथ और पांव बांधके बाला पविच आझात्मा यह कहता हे कि जिस मनृष्यका यह पटका है उसके यिरूशलीममें यिहदी गग॒यंहों बांधगे और अन्यदेशियोंके हाथ सा पगे। जब हमने यह बातें सनोीं तब हम लोग ओर उस स्थानके रहनेहारे भी पावलसे बिन्‍ती करने लगे कि यिरू- शल्लीमका न जाइये । परन्तु उसने उत्तर दिया कि तुम क्या करते हो कि रोते और मेरा मन चूर करते हो . में ता प्रभु यीशुके नामके लिये यिरूशल्लीममें १० २१ पब्बे ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ४१६ केवल बांधे जानेका नहीं परन्तु मरनेका भी तैयार १४ हूं । जब वह नहीं मानता था तब हम यह कहके चुप हुए कि प्रभुकी इच्छा पूरी होवे। १५. इन दिनोंके पीछे हम लेग बांध छांटके यिरूशली म- १६ का जाने लगे । कैसरियाके शिष्यांमेंसे भी कितने हमारे संग हो लिये और मनासेन नाम कुप्रसके एक प्राचीन शिष्यके पास जिसके यहां हम पाहुन होवें १७ हमें पहुंचाया । जब हम यिरूशलीममें पहुंचे तब भाइयोंने हमें आननन्‍्दसे ग्रहण किया । १८. दूसरे दिन पावल्न हमारे संग याकूबके यहां गया १€ और सब प्राचीन लोग आये । तब उसने उनके नम- स्‍्कार कर जो जे कम्मे इंश्वरने उसकी सेवकाईके द्वारासे अन्यदेशियोंमें किये थे उन्हें एक एक करके बणेन किया। . २० उन्होंने सुनके प्रभुकी स्तुति किई और उससे कहा हे भाई आप देखते हैं कितने सहस्रों यिहृदियोंने बिश्वास २१ किया है और सब ब्यवस्थाके लिये धुन लगाये हैं। और उन्होंने आपके विषयमें सुना है कि आप अन्यदेशियों के बीचमेंके सब यिहृदियांके तईं मूसाके त्याग करनेका सिखाते हैं जार कहते हैं कि अपने बालकेंका खतना २२ मत करो और न ब्यवहारोंपर चले। से क्या है कि बहुत लाग निश्चय एकट़े होंगे क्येंकि वे सुनेंगे कि आप २३ आये हैं । इसलिये यह जे हम आपसे कहते हैं की जिये . २४ हमारे यहां चार मनुष्य हैं जिन्हेंने मन्नत मानी है। उन्हें लेके उनके संग अपनेके श॒द्व कीजिये ओर उनके लिये खर्चा दीजिये कि वे सिर मुंड़ावें तब सब त्लाग जानेंगे कि 8४२० प्रेरिलांकी क्रिया । (२१ प्ले । ज्ञो बातें हमने इसके विषयमें सुनी थीं से कुछ नहीं है परन्तु वह जञ्ञाप भी व्यवस्थाके पालन करते हुए उसके अनुसार चलता है। परन्तु जिन अन्यदेशियोंने बिश्वास २४ किया है हमने उनके विषयमें यही ठहराके लिख भेजा कि बे शेसी काई बात न माने केवल मरतोंके आगे बल्नि किये हुए्से ओर लेाहसे ओर गला घोंटे हुओंके मांससे और ब्यभिचारसे बचे रहें। तब पावलने उन मनुष्योंकेा २६ लेके टूसरे दिन उनके संग श॒ट्ट होके मन्दिरमें प्रवेश किया और सन्देश दिया कि श॒द्व हानेके दिन अथात उनमेंसे हर एकके लिये चढ़ावा चढ़ाये जानेतकके दिन कब पूरे होंगे। जब वे सात दिन पूरे हानेपर थे तब आशियाके २७ यिहृदियांने पावलकेा मन्दिरमें देखके सब लोगोंका उस्काया और उसपर हाथ डालके पुकारा . हे इस्रा- २८ येली लागे सहायता करो यही वह मनुष्य है जो इन लेागोंके और ब्यवस्थाके और इस स्थानके बिरुटु सब्बेच सब लेोगेंकेा उपदेश देता है. हां और उसने यूना- नियोंका मन्दिरमें जाके इस पविच स्पानकेा अपविच भी किया है। उन्होंने ते इसके पहिले चेफिस इफिसी के २८ पावलके संग नगरमें देखा था और समकते थे कि वह उसके मन्दिरमें लाया था। तब सारे नगरमें घबरा- ३० हट हुई और लेग णकटटे दौड़े और पावलके पकड़के उसे मन्दिरके बाहर खींच लाये और तुरन्त ट्वार सून्दे गये। जब वे उसे मार डालने चाहते थे तब पत्नवटनके सह- ३१९ स्रपतिका सन्देश पहुंचा कि सारे यिरुशलीममें घबराहट है. किन २१ पख्ले।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ४२१ ३२ हुई है । तब वह तुरन्त योट्राओं और शतपतियोंका लेके उन पास दोड़ा और उन्हेंने सहखपतिकोा और ३३ याट्राओंका देखके पावलकेा मारना छोड़ दिया । तब सहस्रपतिने निकट आके उसे लेके जझ्ाज्ञा किई कि दा जंजोरोंसे बांधा जाय झओ ओर पछने ल्वगा यह कऔन है कोर ३४ क्या किया है । परन्त भीड़मे काई कछ जऔर काई कछ पुकारते थे आर जब सहखपति ह॒ल्लुड़के मारे निश्चय नहों जान सकता था तब पावलके गढ़में ले जानेकी ३५ आज्ञा किईद । जब वह सीढ़ीपर पहुंचा ऐसा हुआ कि भीड़की बरियाईंके कारण योट्राओंने उसे उठा त्लिया। ३६ व्येंकि लागोंकी भीड़ उसे टूर कर पुकारतो हुई पीछे आती थी । ३० जब पावल गढ़के भीतर पहुंचाये जानेपर था तब उसने सहखपतिसे कहा जे आपसे कुछ कहनेको मे आज्ञा हाय ता कहं . उसने कहा क्या त यनानीय इं८ भाषा जानता हैं ।,ते क्या ,त वह मसरो नहों हे जा इन दिनांके आगे बलवा करके कऋटारबन्ध लोागोंमेसे ३८ चार सहस मनष्येंका जंगलमे ले गया। पावलने कहा मे तो तारसका एक यिहृदी मनुष्य हूं. किलिकियाके एक प्रसिटु नगरका निवासी हूं . आर मे आपसे बिन्ती करता हूं कि मुर्के लागोंसे बात करने दीजिये। ४० जब उसने आज्ञा दिईदं तब पावलने सीढीपर खड़ा होके लागेंके हाथसे सैन किया . जब वे बहुत चुप हुए तब उसने इब्रीय भाषामें उनसे बात किई । ४२२ प्रेरिलांकी क्रिया । [२२ पब्ले ४२ बाईसवां पब्बे | १ यिहदी लेागोॉंसे पावलको कग्रा । ३२ सहस्॒पतिका उसे काड़े मारनेको आज्षा देना ओर फिर छाड देना । ३० उसका यिल्‍हांदयोंकों न्‍्यायसभाके आगे खड़ा कक्षा जाना । उसने कहा हे भाइयों और पितरो मेरा उत्तर जा में १९ आप लोगोंके आगे अब देता हूं सुनिये। वे यह सुनके कि वह हमसे इब्ीय भाषामं बात करता हे और भी चुप हुए । तब उसने कहा में ता यिहृदी मनुष्य हूं जे ३ किलिकियाके ता रस नगरमे जन्मा पर इस नगर में पाला गया आर गमलियेलके चरणेंके पास पितरोंको ब्यव- स्थाकी ठीक रीतिपर सिखाया गया और जेसे आज तम सब हो एसाही इंश्वरके लिये धन लगाये था । और मेने ४ इस पन्‍्थके लागेंकेा मृत्यलां सताया कि परुषों और स्वियोंका भी बांध बांधके बन्‍्दीगृहिंमे डालता था | इसमें ५ महायाजक झेर सब प्राचीन लोग मेरे साथी हैं जिनसे में भाइयोंके नामपर चिट्टियां पाके दमेसकका जाता था कि जो वहां थे उन्हें भी ताड़ना पानेके बांधे हुए यिरूश- लीममें लाऊं । परनत जब मैं जाता था और दमेसकके ६ मीप पहुंचा तब दे पहरके निकट अझचांचक बड़ो ज्योति स्‍्वगेसे मेरी चारों ओर चमकी । और में ममसिपर ७ गिरा और ण्क शब्द सना जो मरूसे बाला हे शावल हे शावल त्‌ म्॒हे क्यों सताता है । मैंने उत्तर दिया किहे ८ प्रभु तू कान है . उसने मुकसे कहा में यीशु नासरी जिसे त सताता हे । जो लोग मेरे संग थे उन्होंने वह ज्योति देखो ओर डर गये परन्‍्त जो मरसे बोलता था २२ पब्ले।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ४२३ १० उसकी बात न सुनी । तब मैंने कहा हे प्रभु में क्या करूं . प्रभुने मुकसे कहा उठके दमेसककेा जा और जो जे काम करनेको तुमे ठहराया गया है सबके विषयमें १९ वहां तुकसे कहा जायगा। जब उस ज्यातिके तेजके मारे मुझे नहीं सूकता था तब में अपने संगियोंके हाथ पकड़े १२ हुए दमेसकर्मे आया। और अननियाह नाम ब्यवस्पाके अनुसार एक भक्त मनुष्य जे वहांके रहनेहारे सब १३ यिहृदियोंके यहां सुख्यात था मेरे पास आया . और निकट खड़ा होके मुझसे कहा हे भाई शावल अपनी १४ टरष्वि पा और उसी घड़ी मैंने उसपर ट्ूप्नि किई। तब उसने कहा हमारे पितरोंके इंश्वरने तुके ठहराया है कि तू उसको इच्छाका जाने और उस धर्म्मीका देखे और १४ उसके मुंहसे बात सुने । क्योंकि जो बातें तूने देखी और सुनी हैं उनके विषयमें त्‌ सब मनुष्योंके आगे उसका १६ साथ्शी होगा । और अब तू क्यों बिलंब करता है . उठके बपतिसमा ले और प्रभुके नामकी प्राथेना करके अपने १७ पापोंका थे। डाल । जब में यिरुशल्लीमका फिर आया ज्योंही मन्दिरमें प्राथेना करता था त्योंही बेसुध हुआ . १८ और उसके देखा कि मुझसे बालता था शोघ्रता करके यिरूशलोमसे ऋट निकल जा ब्योंकि वे मेरे विषयमें १८ तेरी साथ्शी ग्रहण न करेंगे । मैंने कहा हे प्रभु वे जानते हैं कि तुकपर बिश्वास करनेहारोंको में बन्दी- २० गृहमें डालता और हर णक सभामें मारता था। और जब तेरे साथ्यी स्तिफानका लाह बहाया जाता था तब में भी आप निकट खड़ा था और उसके मारे जानेमें ४२४ प्रेरेतांकी क्रिया। [२२ पब्जे । सम्मति देता था और उसके घातकोंके कपड़ोंकी रख- वाली करता था । तब उसने मुझसे कहा चला जा २१९ ब्यांकि में तके अन्यदेशियांके पास टर भेजेगा । तल्ागांने इस बातलोां उसकी सनी तब ऊंचे शब्ट्से ३२ परकारा कि णेसे मनष्यका पृथिवीपरसे टर कर कि उसका जीता रहना उचित न था । जब वे चिल्लाते २३ आर कपडे फ्रेकते कार क्राकाशर्म धलन उड़ाते थे . तब २४ सहसपतिने उसके गढमे तले जानेकी आज्ञा किई ओर कहा उसे कोड़े मारके जांचा कि में जानूं लाग किस कारणसे उसके बिरुटु ऐसा पुकारते हैं। जब वे पावलकोा २४ चमड़ेके बंधोंसे बांधते थे तब उसने शतपतिसे जे। खड़ा था कहा क्या मनुष्यका जा रोमी है और टंडके योग्य नहीं ठहराया गया है कोड़े मारना तुम्हें उचित है। शतपतिने यह सुनके सहखपतिके पास जाके कह दिया २६ कि देखिये आप क्या किया चाहते हैं यह मनुष्य ते रोमी है । तब सहखपतिने उस पास आके उससे कहा ३७ ममभरसे कह क्या त रोमी हे . उसने कहा हां । सहस्र- रद्द पतिने उत्तर दिया कि मैंने यह रोमनिवासीकी पदवी बहुत रुपैयोंपर माल ल्निई . पावल्ने कहा परन्तु मैं णेसाही जन्मा । तब जो लाग उसे जांचनेपर थे से २८ तरन्‍त उसके पाससे हट गये आर सहस्पति भी यह जानके कि रोमी है झआऔर मेने उसे बांधा है डर गया। ज्लौर टसरे दिन वह निश्चय जानने चाहता था कि ३० उसपर यगिहृदियोंसे क्यों दोष लगाया जाता है इसलिये उसके बंधनोेंसे खोल दिया और प्रधान याजकोंकोा २३ पब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४२५४ ज्लौर न्‍्याइयेंकी सारी सभाका आनेकी ज्ाज्ञादिई और पावलके लाके उनके आझागे खड़ा किया । २३ तेईसवां पब्बे । ३ प्रायलकों कथा ओर सभाका विभिन्न ढडेना । १९ चालोस जनोंका उसे मार डालनेका नियम दल्यांघना । १६ पावलके भांज़ेका सहसखपतिका उस बातका संदेश देना । २९ पावलक्रा फोलिक्स अध्यक्षके पास भेजा जाना। २५ सहसपतिका पत्र । ३१ पावलका फोलिक्सके पास पहुंचना | १ पावलने न्‍याइयोंकी सभाकी ओर ताकके कहा हे भाइयो में इस दिनलों सब्बेथा इंश्वरके आगे श॒टु सनसे २ चला हं । परनन्‍्त अनानियाह महायाजकने उन लोगोंकेा ज्ञा उसके निकट खडे थे उसके महम मारनेका आज्ञा ३ दिईं । तब पावलने उससे कहा हे चूना फ्ेरो हुई भोत्ति इश्वर तमे मारेगा . क्या त मरे व्यवस्थाके अनूसार बि- चार करनेके बैठा है और ब्यवस्थाका लंघन करता हुआ ४ मर्के मारनेको आज्ञा देता । जो तल्लाग निकट खड़े थे सा बाले क्या त इंश्वरके महायाजकको निन्‍दा करता हे। ४ पावलने कहा है भाइये में नहों जानता था कियह महा- याजक है . क्यांकि लिखा है अपने लोागेंके प्रधानका बुरा ६ मत कह । तब पावलने यह जानके कि एक भाग सटूको ज्ौर एक भाग फरीोशी हैं सभासे पकारा हे भाइयोा में फरोशी और फरोशोका पच हं मृतकांकी आशा जोर जी उठनेके विषयमे सेरा बिचार किया जाता हे | ७ जब उसने यह बात कहो तब फराशियों आर सटूकियों- ८ सें बिबाद हुआ और सभा बिभिन्न हुईं। क्यांकि सटूकी कहते हैं कि न मृतकांका जी उठनान टूत न आत्मा € है परन्तु फरीशी दानेंका मानते हैं। तब बड़ी धूम मचो 84 ४२६ प्रेरितांकी क्रिया । [२३ पब्ले। ज्लौर जे अध्यापक फरीशियोंके भागके थे सा उठके लड़ते हुए कहने लगे कि हम लोग इस मनुष्यम कुछ बराई नहीं पाते हैं परन्‍त यदि काई आत्मा अथवा टूत उससे बोला है ते हम इश्वरसे न लड़ । जब बहुत १० बिबाद हुआ तब सहस्रपतिका शका हुईं कि पावल उनसे फ्राड न डाला जाय इसलिये पल्टनके आज्ञा दि क जाके उसके उनके बीचमेंसे छीनके गढ़में ल्वाओ । उस रात प्रभुने उसके निकट खड़े है कहा हे पावत्न ९१ ढाढ़स कर ब्यांकि जैसा तूने यिरूशत्ली मर्मे मेरे विषयमें- की साथी दिई है तैसाही तभी रोममें भी साथी देना हा गा। बिहान हुए कितने यिहृदियांने एका करके प्रण बांधा १२ कि जबलेों हम पावलके मार न डाल तबत्नों जो खाये अथवा पायें ता हमें धिक्कार है। जिन्हे।ने आपसमें यह १३ किरिया खाई थी से चालीस जनोंसे अधिक थे | वे १४ प्रधान याजकों और प्राचीनांके पास आके बाले हमने यह प्रण बांधा है कि जबलोाों हम पावलका मार न डाल तबत्मों यदि कुछ चीखें भी तो हमें घिक्कार है । इसलिये झब ज्ञाप लोग न्‍्यादयोंकी सभा समेत सहख- ९४ पतिका समर्ाइये कि हम पावलके विषयमेकी बातें और ठीक करके निणेय करेंगे से क्राप उसे कल हमारे पास लाइये . परन्तु उसके पहुंचनेके पहिलेही हम लेग उसे सार डालनेकेा तेयार है । _ परन्तु पावलके भांजेने उनका घातमें लगना सुना १९६ आर आके गढ़में प्रवेश कर पावलके सन्देश दिया । पावलने शतपतियोंमेंसे एकके। अपने पास बुलाके कहा ९७ २३ पब्ले ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ४२० इस जवानकेो सहस्रपतिके पास ले जाइये क्यांकि उसके १८ उससे कुछ कहना है। सा उसने उसे ले सहस्रपतिके पास लाके कहा पावल बन्धुवेने मुझे अपने पास बुलाके बिन्ती किई कि इस जवानकेा सहस्रपतिसे कुछ कहना १८ है उसे उस पास ल्ने जाइये । सहख्रपतिने उसका हाथ पकड़के ओर ण्कांतमें जाके पछा तकके जो ममभ्ूसे २० कहना है से क्या है । उसने कहा यिहृदियोंने आपसे यही बिन्ती करनेकेा आपसमसे ठहराया हे कि हम पावलके विषयमें कुछ बात ओर ठीक करके पूछेंगे से २९ आप उसे कल न्‍्याइयेंकी सभामें लाइये | परन्तु आप उनकी न मानिये क्यांकि उनमेंसे चालीससे अधिक मनुष्य उसकी घातमें लगे हैं जिन्हेांने यह प्रण बांधा है कि जबलों हम पावलकेा मार न डाले तबलत्नों जो खायें अथवा पीये तो हमें धिक्कार हे झार अब वे तैयार हैं झेर आझापकी प्रतिज्ञाकी आस देख रहे हैं । २२ सा सहखपतिने यह आज्ञा देके कि किसीसे मत कह कि मैने यह बातें सहस्रपतिका बताई हें जवानके बिदा २३ किया । ओर शतपतियोंमेंसे दोके अपने पास बुलाके उसने कहा दो सी याट्राओं और सत्तर घुड़चढ़ीों और दा से भालेतोंकेा पहर रात बीते केसरियाकोा जानेके २४ लिये तैयार करो। औझौर बाहन तैयार करे। कि वे पावल- का बैठाके फीलिक्स अध्यक्षके पास बचाके ले जावें। नट् उसने इस प्रकारकी चिट्ठी भी त्लिखी | क्लौदिय ल्ुसिय २७ महामहिमन अध्यक्ष फी तल्लिक्सके नमस्कार । इस मनु- ष्यका जे यिहृदियांसे पकड़ा गया था ओर उनसे मार ४२८ प्रेरितांकी क्रिया । [२७ पब्ले । डाले जानेपर था मैंने यह सुनके कि वह रोमी है पलटनके संग जा पहुंचके छुड़ाया | और मैं जानने २८ चाहता था कि वे उसपर किस कारणसे दोष लगाते हैं इसलिये उसे उन्तको न्‍याइयेंकी सभामें लाया। तब २८ मेने यह पाया कि उनकी ब्यवस्थाके बिबादोंके विषयमें उसपर दोष लगाया जाता है परन्तु बध किये जाने अथवा बांधे जानेके योग्य काई दाष उसमें नहीं है । जब मुझे बताया गया कि यिहृदी लोग इस मनुष्यको ३० घातमें लगेंगे तब मेंने तुरन्त उसके आपके पास भेजा आर देाषदायकोांका भी आज्ञा दिरं कि उसके बिरुटहु जा बात हाय उसे आपके आगे कहें . आगे शुभ । याोट्टा लाग जैसे उन्हें आज्ञा दिई गई थी तेसे पा- ३९ वलके लेके रातहीकेा अनन्‍्तिपात्री नगरमे लाये । टूसरे दिन वे गढ़का लौटे और घुड़चढ़ोंकेा उसके संग ३२ जाने दिया । उन्होंने कैसरियामें पहुंचके ओर अध्यक्ष- ३३ का चिट्ठी देके पावलकेा भी उसके आगे खड़ा किया । अध्यश्वने पढ़के पूछा यह कौन प्रदेशका है आर जब ३४ जाना कि किल्लिकियाका है - तब कहा जब तेरे दोाष- ३४ दायक भी आवे तब मे तेरों सनंगा . ओर उसने उसे हेरादके राजभवनमे पहरेमें रखनेकोी जआाज्ञा किईद । २४ चेाबीसवां पब्बे | १ फ्रोलकयक आग |यहादयाक्रा प्राचलप्र नालश करना । १५७ प्रावलका उत्तर॥ गुर उसका ॥ल्प्रयम फालकवका झाझा । २४ उसक्रा फालक्त और उसका प्रत्नों- सख घम्मका बात ऋहना । पांच दिनके पीछे क्षननियाह महायाजक प्राचीनोांके १९ और तत्तृ्त नाम किसी सुबक्ताके संग आया और उन्हेंने २४ पब्ले ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४२६ २ अध्यक्षके आगे पावलपर नातल्लिश किई । जब पावतल बुलाया गया तब तत्तृल यह कहके उसपर दोष लगाने लगा कि हे महामहिमन फोलिक्स आपके ट्वारा हमारा बहुत कल्याण जो हेाता है और आपकी प्रवी णतासे इस देशके लोागोंके लिये कितने काम जो सुफल होते ३ हैं. इसके हम लोग सब्बेथा और सब्बेच बहुत धन्य ४ मानके ग्रहण करते हैं । परन्तु जिस्तें मेरी ओरसे ज्ञापकेा अधिक बिलंब न होय में बिनन्‍ती करता हूं कि आप अपनी सुशीलतासे हमारो संघशषेप कथा सुन ४५ लीजिये । क्योंकि हमने यही पाया है कि यह मनुष्य ण्क मराके श्ेसा है ओर जगतके सारे यिहृदियोंमें बलवा करानेहारा और नासरियोंके कुपन्‍्थका प्रधान। ६ उसने मन्दिरके भी अपविच करनेको चेप्रा किई और हमने उसे पकड़के अपनी ब्यवस्थाके अनुसार बिचार ७ करने चाहा । परन्तु लुसिय सहस्रपतिने आके बड़ी बरियाईसे उसके हमारे हाथोंसे छीन लिया और उस- के देाषदायकेका अआापके पास आनेकोी जअाज्ञा दिई। ८ उसीसे आप पूछके इन सब बातोंके विषयमें जिनसे हम € उसपर दोष लगाते हैं आपही जान सकेंगे । यिहूदि- योंने भी उसके संग ल्गके कहा यह बातें यूंहीं है । १० तब पावलने जब अध्यश्वने बालनेका सेन उससे किया तब उत्तर दिया कि में यह जानके कि आप बहुत बरसेंसे इस देशके लागोंके न्‍यायी हैं औरही साहससे अपने विषयमेंकी बातोंका उत्तर देता हूं । ९९ क्योंकि आप जान सकते हैं कि जबसे में यिरूशलीममें ४३० प्रेरितांकी क्रिया । (२४ पब्ले । भजन करनेके आया मुक्के बारह दिनसे अधिक नहीं हुए । ओर उन्हेंने मु्के न मन्दिरमेंन सभाके घरोंमें ९२ न नगरमें किसोसे बिबाद करते हुए अथवा लोागोंकी भीड़ लगाते हुए पाया । और न वे उन बातोंका १३ जिनके विषयमें वे अब मुकपर दोष लगाते हैं ठहरा सकते हैं । परन्तु यह में आपके आगे मान लेता हूं १४ कि जिस मागेकोा वे कुपन्‍्य कहते हैं उसोकी रीतिपर में अपने पितरोंके इेश्वरको सेवा करता हूं और जो बातें व्यवस्थामें ओ भविष्यद्रक्ताओंके पुस्तकर्म ल्विखी हैं उन सभोंका विश्वास करता हूं . और इश्वरसे आशा १४ रखता हूं जिसे ये भी आप रखते हैं कि धर्म्मी ओर अधर्म्मी भी सब मृतकांका जी उठना होगा। इससे में ९६ आप भी साधना करता हूं कि इश्वरकी ओर मनुष्यों- को ओर मेरा मन सदा निदाष रहे । बहुत बरसेंके १७ पीछे में अपने लेागोंकेा दान देनेके और चढ़ावा चढ़ानेकेा आया । इसमें इन्हेंने नहीं पर आशियाके ९८ कितने यिहृदियोंने मुक्के मन्दिरमें शुद्र किये हुए न भीड़के संग ओर न धघूमधामके संग पाया । उनके उचित ९८ था कि जो मेरे बिरूुटदु उनकी काई बात होय तो यहां आपके आगे होते और मुफपर देष लगाते। अथवा ३० येही लोग जआझापही कहें कि जब में न्‍्याइयोंको सभाके आगे खड़ा था तब उन्हेंने मुझमें कैौनसा कुकम्मे पाया . केवल इसी एक बातके विषयमें जो मैंने उनके बीचमें २५ खड़ा हाोके पुकारा कि मृतकोंके जी उठनेके बिपयमें मेरा हे | बिचार आज तुमसे किया जाता है २४ पब्ल।] प्रेरितांकी क्रिया ।- ४३१९ २२ यह बातें सुनके फीलिक्सने जो इस मागेकी बातें बहुत ठीक करके बूकता था उन्हें यह कहके टाल दिया कि जब लुसिय सहस्रपति आवे तब में तुम्हारे विषयमें - २३ को बातें निणेय करूंगा । ओर उसने शतपतिको आज्ञा दिईं कि पावलकोी रशथध्या कर पर उसके अवकाश दे आ_औ और उसके मिचोंमेंसे किसीके उसकी सेवा करनेमें ज्थवा उस पास झानेमें मत रोक । २४. कितने दिनोंके पीछे फीलिक्स अपनी स्त्री ट्रसिल्लाके संग जे यिहदिनी थी आया ओर पावलके बुलवाके २५ ख्रीप्पए बिश्वास करनेके विषयमें उसकी सुनी । ओर जब वह धम्मे और संयमके और जआनेवाले बिचारके विष्रयमं बातें करता था तब फोल्लिक्सने भयमान होके उत्तर दिया कि अब तो जा ओर अवसर पाके में तुर्के २६ बलाऊंगा । वह यह आझाशा भी रखता था कि पावल मम रुपेये देगा कि में उसे छोड़ देऊं इसलिये और भी बहुत २७ बार उसको बुलवाके उससे बातचीत करता था। परन्त जब दा बरस पूरे हुए तब परकिय फीपृने फीलिक्सका काम पाया ओर फीलिक्स यिहृदियांका मन रखनेको इच्छा कर पावलके बंधा हुआ छोड़ गया । २५ प्रचीसवां पब्बे । १ फोष्टका पावलके देाषदायकेंकीा केसरियाम बुलाना । ६ पावलकरा फीए्ठके आगे ब- - ५ रे नो ६०० रा - 8 ल *०% ' आर विचार होना ओर केसरको दोहाईे देना । १३ फोष्टका पावलको बात अग्रिपासे कहना । २३ विचार स्थानमे फोप्टको कथा । फरीप्र उस प्रदेशम पहुंचके तीन दिनिके पीछे केसरि या- से यिरुशलोमके गया । तब महायाजकने और यिहू- दियोंके बड़े लागेने उसके आगे पावल्पर नालिश किई ७. «0 ४३२ प्रेरित्रांकी क्रिया । (२४ पब्जे जोर उससे बिन्ती कर उसके बिस्टु यह अनुग्रह चाहा कि वह उसे यिरूशत्नीममें मंगवाय क्यांकि वे उसे मागेमें मार डालनेका घात लगाये हुए थे। फोपने उत्तर दिया कि पावल केसरियामे पहरेमें रहता है और में आप वहां शीघ्र जाऊंगा । फिर बाला तुममेंसे जो सामर्थी लोग हैं से मेरे संग चल और जे। इस मनुष्यमें कुछ दोष हाय ते उसपर दोष लगावें। < और उनके बीचमें ट्स एक दिन रहके वह कैसरिया- के गया और टूसरे दिन बिचार आसनपर बैठके पावलकेा लानेकी आज्ञा किदं । जब पावल आया तब जो यिहृदी लोग यगिरूशलोमसे आये थे उन्हेंने आसपास खड़े होके उसपर बहुत बहुत और भारो भारी देाष लगाये जिनका प्रमाण वे नहीं दे सकते थे। परन्तु उसने उत्तर दिया कि मैंने नयिहृदियोंकी व्यवस्थाके न मन्दिरके न कैसरके बिरूटु कुछ अपराध किया है। तब फोपूने यिहृदियोंका मन रखनेको इच्छा कर पा- वलके उत्तर दिया क्या तू यिरुशलीमके जाके वहां मेरे आगे इन बातोंके विषयमें बिचार किया जायगा। पावलने कहा में केसरके बिचार आसनके आगे खड़ा हूं जहां उचित है कि मेरा बिचार किया जाय . यिहू- दियोंका जेसा ञ्राप भी अच्छी रीतिसे जानते हैं मेंने कुछ अपराध नहीं किया है। क्यांकि जे में अपराधी हूं ओर बधके योग्य कुछ किया है तो मैं मृत्युसे छुड़ाया जाना नहों मांगता हूं परन्तु जिन बातोंसे ये मुझपर दाष लगाते हैं यदि उनमेंसे कोई बात नहीं ठहरतो है इे २५ पव्ले ।] प्रेरित्रोंकी क्रिया । ४इ३ ता काई मे उन्हांके हाथ नहीं सांप सकता है . में १२ कैसरकी देहाई देता हूं । तब फीपुने मंत्रियोंकी सभाके संग बात करके उत्तर दिया क्या तने केसरकी दोहाई दिईदू है . त केसरके पास जायगा । १३ जब कितने दिन बीत गये तब अग्रिपा राजा और बर्णीकी फीपृके नमस्कार करनेके कैसरियामें आये। १४ और उनके बहुत दिन वहां रहते रहते फी प्रने पावल्लकी कथा राजाकोा सुनाई कि एक मनुष्य है जिसे फील्निक्स १४ बंधम छोड़ गया है । उसपर जब में यिरशलीमर्म था तब प्रधान याजकेंने ओर यिहृदियोंके प्राच्ोनोंने ना- ल्निश किई और चाहा कि दंडकी झज्ञा उसपर टिई्दे जाय। १६ परन्तु मे उनको उत्तर दिया रोमियोंको यह रोति नहीं है कि जबल्लां वह जिसपर दोष लगाया जाता है अपने दाषदायकोंके आमस्ने सास्ने न हो ओर दोषके विषयमे उत्तर देनेका अवकाश न पाय तबलों किसी मनुष्यकोा ३७ नाश किये जानेके लिये सोंप देवें। से। जब वे यहां एकटे हुए तब मेंने कुछ बिल्लंब न करके अगले दिन बिचार आ- १८ सनपर बेठके उस मनुष्यकेा लानेकी आज्ञा किदे। दोष- दायकोंने उसके आसपास खड़े हाके जैसे दोष में समकता १९६ था बेसा काई दोष नहां लगाया । परन्‍्त अपनो पजाके विषयमें ओर किसी मरे हुए योशुके विषयमें जिसे पावत्न कहता था कि जीता हे वे उससे कितने बिबाद करते थे १ २० मुझे इस विषयके बिबादमें सन्देह था इसलिये मैंने कहा क्या तू यिरूुशलोमके जाके वहां इन बातोंके विषयमें २९ बिचार किया जायगा । परन्तु जब पावलने दोहाई दे ४३४ प्रेरितांकी क्रिया । [२६ पब्ले । कहा मुर्के अगस्त महाराजासे बिचार किये जानेका रखिये तब मैंने झाज्ञा दिई कि जबतलों में उसे कैसर के पास न भेज तबत्नां उसको रश्या किईं जाय । तब अग्रिपा- ३२ ने फोप्ृसे कहा में आप भी उस मनुष्यकी सुननेसे प्रसन्न होता . उसने कहा आप कल उसको सनेगे । से टूसरे दित जब झग्रिपा ओर बर्णीकीने बड़ी २३ धूमधामसे आके सहस्रपतियों और नगरके श्रेष्र॒ मनुष्योंके संग समाज स्पानमें प्रवेश किया और फीप्ने आज्ञा किई तब वे पावलको ले झाये । और फीपुने कहा हे २४ राजा अग्रिपा ओर हे सब मनुष्या जे यहां हमारे संग हा ज्ञाप तल्लाग इसके देखते हैं जिसके विषयमें सारे यिहृदियोंने यिरूशलीममें ओर यहां भी मुरूसे बिन्‍्ती करके पुकारा है कि इसका और जीता रहना डचित नहीं है । परन्तु यह जानके कि उसने बधके योग्य कुछ २४ का ब्ग / बे «५, नहों किया हे जब कि उसने आप अगस्त महाराजाकी दाहाई दिई मेंने उसे भेजनेकेा ठहराया । परन्तु मैंने २६ उसके विषयमसें का ई निश्चयकी बात नहीं पाई है जो में महाराजाके पास लिखे इसलिये मे उसे क्ाप लागोंके सामने करार निज करके हे राजा अग्रिपा आपके साम्ने ल्वाया हूं कि बिचार किये जानेके पीछे मुकके कुछ लिखने- के मिल्ने । ब्यांकि बन्धवेका भेजनेम दोष जे उसपर २७ लगाये गये हैं नहीं बताना मर्के असंगत देख पड़ता हे । २६ छबीसवां पब्बे । ३ अग्रिपा्के आगे पावलका उत्तर देना । २४ फोषप्ट ओर अंग्रिपासे प्रावलक्कों बात- चीत । ३० उसका निर्दाघष ठहराया जाना । २६ पब्ले ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४३४ १ अग्रिपाने पावलसे कहा तु्े अपने विषयमें बेलने- की आज्ञा दिई जाती है . तब पावल हाथ बढ़ाके उत्तर २ देने लगा . कि हे राजा अग्रिपा जिन बातोंसे यिहदी ल्लाग मुकपर दाष लगाते हैं उन सब बातोंके विषयमे में अपनेकेा धन्य समभकता हूं कि आज आपके आगे उत्तर ३ देऊंगा . निज करके इसी लिये कि आप. यिहृदियोंके बीचके सब ब्यवहारों ओर बिबादोंका बूरते हैं . से मैं आपसे बिन्ती करता हूं धीरज करके मेरो सुन लीजिये। ४ लड़कपनसे मेरी जैसी चाल चलन आरंभसे यिरूशती म- में मेरे लागांके बीचमें थो से सब यिहदी लाग जानते ५ हैं। वे जा साथी देने चाहते ता आदिसे मुझे पहचानते हैं कि हमारे धम्मेके सबसे खरे पन्‍्यके अनुसार में फरी शी- ६ की चाल चला। चर अब जो प्रतिज्ञा इेश्वरने पितरोंसे किई में उसोकी आशाके विषयमें बिचार किये जानेकेा ७ खड़ा हूं . जिसे हमारे बारहें कुल रात दिन यसे सेवा करते हुए पानेकी आशा रखते हैं . इसी आशाके विषयमें है राजा अग्रिपा यिहददी लोग मुकपर दोष लगाते हैं। ८ आप ल्ागोंके यहां यह क्यां बिश्वासके अयोग्य € जाना जाता है कि इंश्वर मृतकोंका जिलाता। मैंने ते अपनेमें समका कि यीशु न्षासरीके नामके बिरूट्ु १० बहुत कुछ करना उचित है । और मैंने यिझशलनीममें वही किया भी और प्रधान याजकोांसे अधिकार पाके पवित्र लोगोंमेंसे बहुतांके बन्दोगृहोंमें मूंद रखा ओर जब वे घात किये जाते थे तब मैंने अपनो सम्मति १९ दिईं । और समस्त सभाके घरोंमें में बार बार उन्हें ढे३३ ' प्रेरित्रोंकी क्रिया ।' (२६ पब्ले । ताड़ना देके यीश॒की निन्‍दा करवाता था और उनपर , अत्यन्त क्राधसे उन्‍्मत्त होके बाहरके नगरेींतक भी सताता था । इस बीचमें जब में प्रधान याजकॉंसे १२ अधिकार और आज्ञा लेके ट्मेसककेा जाता था . तब १३ है राजा मागेमें दे पहर दिनको मैंने स्वगसे सूर्येके तेजसे अधिक एक ज्योति अपनी और अपने संग जानेहारोंकी चारों ओर चमकती हुईं देखो । ओर १४ जब हम सब भूमिपर गिर पड़े तब मेने एक शब्द सुना जा मुकसे बाला ओर इबज्रीय भाषामें कहा हे _ शावतलन हे शावल तू मुरे क्यों सताता है . पैनांपर तल्लात मारना तेरे लिये कठिन है। तब मेंने कहा हे १४ प्रभ त कान है . उसने कहा में यीश हं जिसे त सताता है। परन्‍त उठके अपने पांवोंपर खड़ा हो क्योंकि ९६ मैंने तक इसोलिये दशन दिया है कि उन बातोंका जा तूने देखी हैं ओर जिनमें में तुझे दशशेन देऊंगा तुके सेवक ओर साथ्यी ठहराऊं । और में तुके तेंएे १७ लागेंसे ओर अन्यदेशियोंसे बचाऊंगा जिनके पास में अब तुर्के भेजता हूं . कि तू उनकी आंखें खोले १८ इसलिये कि वे अंधियारेसे उजियालेकी ओर आर शेतानके अधिकारसे इंश्वरको ओर फ़िरें जिस्ते पाप- मेचन ओर उन लोगेंमें जे मुकपर बिश्वास करनेसे प्रविच किये गये हैं अधिकार पावें । से हे राजा अग्रिपा मेंने उस स्वर्गीय दर्शनकी १८ बात न टाली . परन्तु पहिले दमेसक और यिरूशलीम- २० के निवासियोंके! तब यिहृदियाके सारे देशमें और २६ पव्ले ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४३० अन्यदेशियोंकेा पश्चात्ताप करनेका और इंश्वरकी ओर फिरनेका और पश्चात्तापके योग्य काम करनेका २९१ उपदेश दिया । इन बातोंके कारण यिहृदी लोग मुफ्के २२ मन्दिर पकड़के मार डालनेको चेप्ठा करते थे । से इंशबरसे सहायता पाके में छोटे आर बड़ेके साश्ती देता हुआ आजलों ठहरा हूं आर उन बातोंका छोड़ कुछ नहीं कहता हूं जो भविष्यद्क्ताओंने ओर मूसाने २३ भी कहा कि होनेवाली हैं . अथात खीप्षका टथ्ख भेगना होगा और वहीं मृतकोंमेंसे पहित्ले उठके हमारे लोागोंका ज्लौर अन्यदेशियोंका ज्योतिकी कथा सुनावेगा । २४ जब वह यह उत्तर देता था तब फोपृने बड़े शब्दसे कहा हे पावल तू बाड़हा है बहुत बिदया तुरे बाड़हा २५ करती है। पर उसने कहा हे महामहिमन फीछपृ में बाड़हा नहीं हं परन्‍्त सच्चाई और बुद्धिकी बातें कहता २६ हूं । इन बातोंका राजा बूक ता हे जिसके आगे में खाल- के बालता हूं क्यांकि मे निश्चय जानता हं कि इन बातों- मसे कोइ बात उससे छिपो नहों हे कि यह तो कोनेमे २७ नहीं किया गया है। हे राजा अग्रिपा क्या आप भवि- ष्यद्ुक्ताओंका विश्वास करते हैं .में जानता हूं कि आप २८ बिश्वास करते है। तब अग्रिपाने पावलसे कहा त थोड़ेमे रू मुक्के खीपियान होनेके मनाता है। पावलने कहा इंश्वरसे मेरी प्राथेना यह है कि क्या थोड़ेंमें क्या बहुतमें केवल आप नहीं परन्तु सब लोग भी जा आज मेरी सुनते हैं इन बन्धनेंकोा छोड़के ऐसे हा। जाये जैसा में हूं। ४३८ । प्रेरितांकी क्रिया । [२० प्ले । जब उसने यह कहा तब राजा और अध्यध् जैर ३० बर्णीकी और उनके संग बैठनेहारे उठे . और अलग ३९ जाके आपसमे बाले यह मनुष्य बध किये जाने अथवा बांधे जानेके योग्य कुछ नहीं करता है। तब अग्रिपाने ३२ फीपृसे कहा जे यह मनुष्य कैसरकी दोहाई न दिये होता ता छोड़ा जा सकता । २७ सताईसवां पब्बे । प्रावलक्का जहाजपर चढ़ाया जाना ओर राम नगरकों ओर जाना।€ पावलका परामर्श ओर लागोॉंका उसे न मानना । १३ बड़ी आंधोका उठना। २१ प्रावलका लेागेंका समभझकाना ओर मल्लाह्ांका समाचार | ३७ जहाजका ट्र्ठना ग्जैर लागांका बच निकलना । जब यह ठहराया गया कि हम जहा जपर इतलियाका ९ जायें तब उन्हेंने पावलको खैर कितने खैर बन्धवोंकोा भी यत्निय नाम अगस्तको पल्वटनके एक शतपतिके हाथ सांप दिया । और जआट्रामतिया नगरके एक जहाजपर २ जा आशियाके तीरपरके स्पथानोंकेा जाता था चढ़के हमने खेल दिया जर अरिस्ताखे नाम थिसत्ला निकाका एक माकिदानी हमारे संग था । ट्सरे दिन हमने ३ सीदानमें लगान किया ओर यलियने पावलके साथ प्रेमले व्यवहार करके उसे मिचेंके पास जाने ओर पाहुन होने दिया । वहांसे खोलके बयारके सन्‍मख होनेके ४ कारण हम क॒प्रसके नोचेसे हाके चले , ओर किलिकिया ४ ज्ैौर पंफतलियाके निकटके समद्रम होके लकिया देशके मरा नगर पहुंचे । वहां शतपतिने सिकन्दारयाके एक ६ जहाजकेा जे इतलियाका जाता था पाके हमे उसपर चढ़ाया । बहुत दिनोंमें हम धीरे धीरे चलके और बयार ७ शनि २७ पब्बे ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४३६ जा हमें चलने न देती थी इसलिये कठिनतासे कनीदके साम्रे पहुंचके सलमेनीके आसन साम्रे क्रीतीके नीचे चलने . ८ और कठिनतासे उसके पाससे होते हुए शुभलंगरबारी नाम एक स्पथानमें पहुंचे जहांसे लासेया नगर निकट था । € जब बहुत दिन बीत गये थे और जलयाचामें जे खिम होती थी क्योंकि उपवास पब्बे भी अब बीत चका था १० तब पावलमने उन्हें समझाके कहा . हे सनष्या मर्के सभर पड़ता हे कि इस जलयाचार्मे हानि ओर बहुत टूटी केवल बाकाई झोौर जहाजकी नहीं परन्‍्त हमारे प्राणे|की १९ भी हुआ चाहतो है। परन्तु शतपतिने पावलकोी बातोंसे अधिक मांफीको ज्र जहाजके स्वामीकी मान लिई। १२ जोर वह लंगरबारी जाड़ेका समय काटनेकेा अच्छी न थी इसलिये बहुतेरोंने परामश दिया कि वहांसे भी खेलके जे किसी रोीतिसे हा सके तो फैनी की नाम क्रीती- की एक लंगरबारोमें जे! दक्षिण पश्चिम झेोर उत्तर पश्चिमकी ओर खुलती है जा रहें ओर वहां जाड़ेका समय काटे । १३ जब दकछ्षिणकी बयार मनन्‍्द मन्‍्द बहने लगी तब उन्होंने यह समकके कि हमारा अभिप्राय सुफल हुआ है ल्वंगर उठाया और तीर धरे धरे क्रोतीके पाससे जाने १४ लगे । परन्तु थाड़ी बेरमें क्रीतीपरसे अति प्रचण्ड एक १५ बयार उठी जा उरकलूदन कहावती है। यह जब जहाज- पर लगी और वह बयारके साम्रे उहहर न सका तब १६ हमने उसे जाने दिया और उड़ाये हुए चत्मे गये । तब क्लादा नाम एक छोटे टापके नोचेसे जाके हम कठिन- ४४० प्रेरितोंकी क्रिया । [२७ पब्जे। तासे डिंगीका धर सके । उसे उठाके उन्हेंने अनेक १७ उपाय करके जहाजको नीचेसे बांधा और सुत्ती नाम चड़पर टिक जानेके भयसे मस्तृल गिराके यूंहीं उड़ाये जाते थे । तब निपट बड़ी आंधी हमपर चलती थी १८ इसलिये उन्होंने टूसरे दिन कुछ बारकाई फ्रेक दिईदे। और तीसरे दिन हमने अपने हाथेंसे जहाजकी सामग्री १८ फेंक दिईं । और जब बहुत दिनांतक न सूय्य न तारे २० दिखाई दिये और बड़ी आंधी चलती रही अन्‍्तमे हमारे बचनेकी सारो आशा जाती रही । जब वे बहुत उपवास कर चुके तब पावलने उनके २१ बीचमें खड़ा हाके कहा हे मनुष्ये। उचित था कि तुम मेरी बात मानते और क्रीतीसे न खोलते न यह हानि और टूटी उठाते । पर अब में तुमसे बिन्ती करता हूं २२ कि ढाढ़स बांधा क्योंकि तुम्हें मेसे किसीके प्राणका नाश न होगा केवल जहाजका । क्योंकि इश्वर जिसका में २३ हूं आर जिसकी सेवा करता हूं उसका एक टूत इसी रात मेरे निकट खड़ा हुआ - आर कहा हे पावल मत २४ डर तर केसरके आगे खड़ा होना अवश्य हे ओआर टेख इंश्वरने सभोंका जे तेरे सग जलयाचा करते हैं तके दिया है। इसलिये हे मनलुष्याो ढाढ़स बांधा २५ क्यांकि में इेश्वरका बिश्वास करता हूं कि जिस रोति- से म॒के कहा गया है उसी रीतिसे होगा । परन्तु हमें २६ किसी टापपर पड़ना होगा ॥ जब चैदहवीं रात पहुंची ज्योंही हम आद्रिया समुद्र- २७ में इधर उधर उड़ाये जाते थे त्यांही आधी रातके निकट २० एब्ज ।] प्रेरितांकी क्रिया । ४४९ मनल्लाहोंने जाना कि हम किसी देशके समोप पहुंचते र८ हैं। और याह लेके उन्होंने बीस पुरसे पाये और थोड़ा आगे बढ़के फिर थाह लेके पन्द्रह पुरसे पाये। २८ तब पत्यरैले स्थानांपर टिक जानेके डरसे उन्‍्हेंने जहा ज- की पिछाड़ीसे चार लंगर डाले और भेरका होना ३० मनाते रहे । परन्तु जब मल्लाह लोग जहाजपरसे भागने चाहते थे जोर गलहोसे लंगर डालनेके बहा- ३१ नासे डिंगी समुद्रमें उतार दिईं . तब पावलने शत- पतिसे और योट्राओंसे कहा जो ये लोग जहाजपर ३२ न रहें ता तुम नहीं बच सकते हो । तब योह्ाओंने डिंगीके रस्से काटके उसे गिरा दिया । ३३ जब भोर होनेपर थी तब पावलने यह कहके सभोंसे भेजन करनेको बिन्‍्ती किद कि आज चेोदह दिन हुए कि तुम लोग आस देखते हुए उपवासी रहते हो और ३४ कुछ भेाजन न किया है | इसलिये में तुमसे बिन्ती करता हूं कि भेजन करे जिससे तुम्हारा बचाव हे- गा क्योंकि तुममेंसे किसीके सिरसे एक बाल न गि- ३४ रेगा । ओर यह बातें कहके आओ रोटी लेके उसने सभेंके साम्रे इेश्वरका धन्य माना और तोड़के खाने ३६ लगा । तब उन समेोंने भो ढाढ़स बांधके भाजन ३७ किया । हम सब जा जहाजपर थे दो से छिहत्तर जन इ८ थे | भाजनसे तृप्त हाके उन्हेंने गेहूंका समुद्रमें फेंके जहाजकेा हतलका किया । ३९ जब बिहान हुआ तब वे उस देशको नहीं चोन्‍्हते थे परन्तु किसी खालके देखा जिसका चेारस तीर था 96 ४४२ प्रेस्लिंकी क्रिया । [रुप पब्जे । जलौार बिचार किया कि जो हो सके ता इसी पर जहाज- केा टिकावें । तब उन्होंने लंगरोंकेा काटके समुद्रमें ४० छोड़ दिया और उसी समय पतवारोंके बंधन खोल दिये और बयारके सनन्‍्मुख पाल चढ़ाके तोरकी ओर चल्ने । परन्तु दो समुद्रोंके संगमके स्थानमें पड़के उन्हेंने ४१ जहाजकेा टिकाया हर गलहो ते गड़ गई और हिल न सकी परन्तु पिछाड़ी लहरोंकों बरियाईसे टूट गई। तब योट्राओंका यह परामश था कि बन्ध॒वांका मार ४२ डालें ऐसा न हो कि काई पेरके निकत्न भागे। परन्तु ४३ शत्तपतिने पावलके बचानेकी इच्छासे उन्हें उस मतसे रोका और जो प्रेर सकते थे उन्हें आज्ञा दिदे कि पहि- ले कूदके तीर॒पर निकल चले , और टूसरोंकेा कि ४४ काई परटरोंपर और काई जहाजमेंकी बस्तुओंपर नि- करत जायें , इस रीतिसे सब काईे तीरपर बच निकत्ने। श्८ अटाईसवां पब्बे । मलता टाप्रके लागॉंका शिपष्टाचार । ३ पावलका सांपर्क काटनंस कक दःश्ख न प्राना ॥9 प्रद्यालपक्र 7प्रताक्रा आर दसराक्रा चगा करता । ११ शेाम न्गरका झोार जाना ओर मागम भादयेोंस भेंट करना । १६ रामस॑ यहादयास ब्रात करना आर ससमाचार सनाना ॥ जब वे बच गये तब जाना कि यह टाप मल्विता ९ कहावता है । और उन जंगल्नी लागोंने हमेंसे अने।खा प्रेम किया ब्यांकि मेहके कारण जो पड़ता था ऋार जाडेके कारण उन्हेंने झ्राग सलगाके हम सभोंको - ग्रहण किया । जब पावलने बहुतसी लकड़ी बटारके आगपर रखी ३ तब एक सांपने आंचसे निकलके उसका हाथ धर न्कि रद पब्ले ।] प्रेरत्रांकी क्रिया । ४४३ ४ लिया । और जब उन जंगलियोंने सांपका उसके हाथमें लटकते हुए देखा तब आपसमें कहा निश्चय . यह मनष्य हत्यारा हे जिसे यद्यपि समद्रसे बच गया ५ तोभी दंडदायकने जीते रहने नहीं दिया है। तब उसने सांपका आगमें कटक दिया और कुछ दुःख न पाया। ६ पर वे बाट देखते ये कि वह सर्ज जायगा अथवा अचांचक मरके गिर पड़ेगा परन्त जब वे बड़ी बेरल्नों बाट देखते रहे ओर देखा कि उसका कंछ नहों बिगड़- ता है तब औरही बिचार कर कहा यह तो देवता है। ७ उस स्थानके आसपास पबतल्निय नाम उस टापके प्रधानकी भमि थी . उसने हमें ग्रहण करके तीन दिन प्रीतिभावसे पहुनई किईदं। पब्ल्लियका पिता ज्वरसे और आंवलेाहसे रोगो पड़ा था से पावलने उस पास घरमें प्रवेश करके प्राथेना किदे और उसपर हाथ रखके उसे € चंगा किया । जब यह हुआ था तब टूसरे लोग भी १० जो उस रटापूमें रोगी थे आके चंगे किये गये। और उन्होंने हम लागोंका बहुत आदर किया और जब हम खेोलनेपर थे तब जो कुछ आवश्यक यथा से दे दिया। १९ तीन मासके पीछे हम लेग सिकन्दरियाके ण्क जहाजपर जिसने उस टापमें जाड़ेका समय काटा था १२ जिसका चिन्ह टियस्करे था चत्न निकलने । सराकस १३ नगरमें लगान करके हम तीन दिन रहे । वहांसे हम घूमके रोगिया नगर पहुंचे ओर ण्क दिनके पीछे दक्षिणकी बयार जे उठी ते दूसरे दिन पुतियल्ली नगर- १४ में जाये । वहां भाइयोंका पाके हम उनके यहां सात 88४ प्रेर्तांकी क्रिया । (रुप पब्ले। दिन रहनेकेा बुलाये गये और इस रीतिसे रोमकोा चल्मे । वहांसे भाई लग हमारा समाचार सुनके अप्पि- यचेक ज्ैर तीन सरायलों हमसे मिलनेके निकत्ल आये जिन्हें देखके पावलने इंश्वरका धन्य मानके ढाढस बांधा । जब हम रोममें पहुँचे तब शतपतिने बन्धुवोंका सेनापतिके हाथ सोंप दिया परन्तु पावलकीा णक योट्रा- के संग जे उसको रश्ला करता था अकेला रहनेकी आज्ञा हुईं । तीन दिनके पीछे पावलने यिहृदियोंके बड़े बढ़े लागेंकेा एकट्रे बुलाया और जब वे एकट्ठें हुए तब उनसे कहा हे भाइयो मैने हमारे लागोंके अथवा पि- तरोंके ब्यवहारोंके बिरूटु कुछ नहीं किया था ताभी बन्धुआ हेोके यिरूशत्लीमसे रोमियोंके हाथमें सांपा गया । उन्होंने मर्के जांचके छोड़ देने चाहा व्यांकि झूम बधके योग्य कोई दाष न था । परनन्‍्त जब यिहदी लोग इसके बिरूट बालने लगे तब म्॒भे केसर- की दाहाई देना अवश्य हुआ पर यह नहीं कि मुम्के अपने लेागेोंपर काई दोष लगाना है । इस कारणसे मैंने आप लेागेंके बुलाया कि आप लेागेंकेा देखके बात करूं क्योंकि इस्रायेलकी ' खाशाके लिये में इस जंजोरसे बन्धा हुआ हूं । तब वे उससे बाले न हमोंने आपके विषयम यिहृदियासे चिट्टियां पाई न भाइयोंमसे किसीने आके आपके विषय बरा कुछ बताया अथवा कहा । परन्‍त आपका मत क्या हे से हम आपसे सना चाहते हैं क्यांकि इस पन्यके विषयम हम जानते हैं कि १५ पट 0 श्र र८ प्रब्जे ।] प्रेरित्रांकी क्रिया । ४४५ २३ सब्बेच उसके बिसरूटुर्म बातें किददे जाती हैं। से। उन्हें- ने उसका एक दिन ठहराया और बहुत लोग बासेपर उस पास आये जिनसे वह इंश्वरके राज्यको साश्ी देता हुआ और योशुके विषयमेंकी बातें उन्हें मूसाकी ब्यवस्थासे और भविष्यदृक्ताओंके पुस्तकसे भी समकाता २४ हुआ भोरसे सांकलें चचा करता रहा । तब कित- नोंने उन बातोंका मान लिया और कितनोंने प्रतीति २५ न किई। से वे आपसमें एक मत न होके जब पावलने उनसे एक बात कही थी तब बिदा हुए कि पविचर आत्माने हमारे पितरोंसे यिशैयाह भविष्यदुक्ता- २६ के द्वारासे अच्छा कहा . कि इन लोगोंके पास जाके कह तुम सुनते हुए सुनागे परन्तु नहीं बुकागे और २७ देखते हुण देखागे पर तुम्हें न सूफ्रेगा । क्योंकि इन त्लागांका मन मोटा हे गया है और वे कानोंसे ऊंचा सुनते हैं आर अपने नेत्र मून्द लिये हैं ऐसा न है कि वे कभी नेच्ोंसे देखे और कानेंसे सुनें आर मनसे श८ समर्के ओर फिर जावें और में उन्हें चंगा कछूं। से। तुम जाने कि इश्वरके चाणकी कथा अन्यदेशियोंके पास २८ भेजी गई है और वे सुनेंगे । जब वह यह बातें कह चुका तब यिहृदी लाग झापसमें बहुत बिबाद करते हुए चल्ने गये । ३० और पावलमने दो बरस भर अपने भाड़ेके घरमें रहके ३९ सभोंकेा जे उस पास आते थे ग्रहण किया . और बिना रेक टोक बड़े साहससे इश्वरके राज्यकी कथा सुनाता और प्रभु यीश खोपृके विषयमेंकी बातें सिखाता रहा ॥ रामियांका पावल प्रोरितकी पत्नी । ९ पहिला पब्ब। ३ ग्रत्रोका आभाष । ८ पावलको रेमियेंके। ससमाचार सुनानेको इच्छा । १४ सुसमाचारके गुण । १८ मांच प्रजनेम मनुष्योंके दाषो द्वानेका प्रमाण | २४ मत्तिप्रजकांके बड़े बड़े पापोंका बर्णेन । पावल जो यीशु ख्रीप्रका दास और बुलाया हुआ प्रेरित और इंश्वरके सुसमाचारके लिये अलग किया गया है . वह सुसमाचार जिसकी प्रतिज्ञा उसने अपने भविष्यदुक्ताओंके द्वारा धम्मेपुस्तकर्में आगेसे किई थी . अथात उसके पुत्र हमारे प्रभु यीश खरीप्रके विषयमेंका सुसमाचार जो शरोरके भावसे दाऊदके बंशमेंसे उत्पन्न हुआ . और पविचताके आत्माके भावसे मृतकोंके जी उठनेसे पराक्रम सहित इेश्वरका पुत्र ठहराया गया . जिससे हमने अनुग्रह ओ प्रेरिताई पाई है कि उसके नामके कारण सब देशोंके ल्लाग बिश्वाससे आज्ञाकारी हो जायें . जिन्होंमें तुम भी यीशु खीपृके बुलाये हुए है| . राोमके उन सब निवासियोंका जो इंश्वरके प्यारे और बुलाये हुए पविच लोग हैं . तुम्हें हमारे पिता इश्वर और प्रभु यीश खीघृसे अनुय॒ह और शांति मिले । पहिले में यीशु खीप्रके द्वारासे तुम सभेोंके लिये अपने इंश्वरका धन्य मानता हूं कि तुम्हारे बिश्वासका चचोा सारे जगतमें किया जाता है। क्योंकि इश्वर जिसकी सेवा में अपने मनसे उसके पुच्रके सुसमाचारमें 9. 69 १ पब्जे ।] रोमियोंका । ४४५ करता हूं मेरा साश्षी है कि मैं तुम्हें कैसे निरन्तर स्मरण १० करता हूं . और नित्य अपनी प्रायेनाओंमें बिन्‍्ती करता हूं कि किसी रोतिसे अब भी तम्हारे पास जानेके मेरी ११ याचा इंश्वरको इच्छासे सफत्न हाय । क्योंकि में तम्ह देखनेका लालसा करता हू ।क मैं काई झ्ात्मिक बरदान तम्हारे संग बांट लेऊं जिस्त तम स्थिर किये जावोा - १२ अथात कि में तुम्हांमें अपने अपने परस्पर बिश्वासके १३ द्वारासे तुम्हारे संग शांति पाऊं। परन्तु हे भाइयो में नहीं चाहता हूं कि तुम इससे अनजान रहे कि बहुत बार तुम्हारे पास जानेका बिचार किया जिस्ते जैसा टूसरे अन्यदेशियोंमें तैसा तुम्होंमें भी मेरा कुछ फल होवे परन्‍्त अबलों में रोका रहा । १४ मे यूनानियों ओ अन्यभाषियोंका ओर बुट्ठिमानों १४ जी निरबेडियोंका ऋणी हूं । यूं में तुम्ह भी जो रोममें १६ रहते हा! सुसमाचार सुनानेके तैयार हूं । क्योंकि मैं खीपृके सुसमाचारसे नहों लजाता हूं इसल्निये कि हर एक बिश्वास करनेहारेके लिये पहित्ने यिहदो फिर यूनानीके लिये वह चाणके निमित्त इेश्वरका सामथ्ये १७ है । क्योंकि उसमें इंश्वरका धम्मे बिश्वाससे बिश्वास- के लिये प्रगट किया जाता है जेसा लिखा हे कि बिश्वाससे धर्म्मी जन जीयेगा । ९८... जो मनुष्य सच्चादेका अधम्मेसे रोकते हैं उनकी सारी अभक्ति और अधम्मेपर इंश्वरका क्रोध स्वगेसे प्रगट कि- ९८ या जाता है। इस कारण कि इंश्वरके विषयका ज्ञान उनमें प्रगट हे क्यांकि इंश्वरने उनपर प्रगट किया । बी, रोमियेंकेा । [१ पब्ले । क्येंकि जगतको रुप्रिसि उसके अटूश्य गुण अथेतत उसके २० सनातन सामथ्ये ज्ञर इश्वरत्व देखे जाते हैं क्येंकि वे उसके कार्य्यांसे पहचाने जाते हैं यहांत्नलां कि वे मनुष्य निरुत्तर हैं ।इस कारण कि उन्हेंने इेश्वरके जानके न २९ इेश्बरके योग्य गुणानुबाद किया न धन्य माना परन्तु अनथेक बाद बिचार करने लगे और उनका निबुदठि मन अंधियारा हो गया । वे अपनेके ज्ञानी कहके मूर्ख २२ बन गये . झौर अबिनाशी इश्वरकी महिमाके नाश- २३ मान मनुष्य और पंडियों और चैपायों ओर रेंगने- हारे जन्त॒ओंकी मूत्तिकी समानतासे बदल डाला । इस कारण इश्वरने उन्हें उनके मनके अभिलाषोंके २४ अनुसार अशटुताके लिये त्याग दिया कि वे आपसमसें अपने शरोरोंका अनादर करें . जिन्हेांने इंश्वरकों २४ सच्चाईंके फूठसे बदल डाला और रुष्मिकी पूजा और सेवा रजनहारकी पूजा ओर सेवासे अधिक किईं जो सब्बेदा धन्य है . आमीन । इस हेतुसे इेश्वरने उन्हें २६ नीच कामनाओंके बशमें त्याग दिया कि उनको स्तियोंने भी स्वाभाविक ब्यवहारकोा उससे जो स्वभावके बिसरूदू है बदल डालना । वैंसेही पुरुष भी स्त्रोके संग स्वाभाविक २७ ब्यवहार छाड़के अपनी कामुकतासे एक टूसरेको ओर जलने लगे और पुरुषेंके साथ पुरुष निलेज्ज कम्मे करते थे और अपने भ्रमका फ़ल जो उचित था अपनेमें भागते थे । और इश्वरके चित्तमें रखना जब कि उन्हें २८ अच्छा न लगा इसलिये इंश्वरने उन्हें निकृष्ष मनके बशमे त्याग दिया कि वे अनुचित कम्मे करें . आर सारे २< २ पब्जे।] रोमियोंका । ४४६ ३0 ३२ २ अधम्मे ओ व्यभिचार औ टुप्रता औ लाभ झ बुराईसे भरे हुए और डाह औ नरहिंसा औ बेर जै छल जे *€ ३ बे (6 ४] दुभावसे भरपूर हों . और फुसफुसिये अपबादी इश्वर- टद्राही निन्‍्टक अभिमानी टंभी बरी बातोंके बनानेहारे माता पिताको आज्ञा लंघन करनेहारे . निबंदि कठे मयारहित छमारहित औ निटटूय होवें . जे इंश्वरकी विधि जानते हैं कि ण्से ऐेसे काम करनेहारे मृत्यके योग्य हैं ताभी न केवल उन कामोंकोा करते हैं परन्‍्त करनेहारोंसे प्रसन्न भो होते है । २ टसरा पब्बे। १ जा ओरोंका दोषा ठहराद उन्‍हें समभानेक् लये उपदेश । १३ गअन्यरेशियोंकके विषयम इेश्वरक्रा यज्रायें बचार | १७ थिहदियोंक दे।षरका प्रमाण ।२५ खतनेसे उनका बचाव न डोना । से हे मनुष्य तू काई हा जो टूसरोंका बिचार करता हो तू निरुत्तर है . जिस बातमें तू ट्सरेका बिचार करता है उसी बातमें अपनेकेा दोषी ठहराता है क्येंकि तू जो बिचार करता है आपही वेही काम करता है। पर हम जानते हैं कि रेसे ऐसे काम करनेहारोंपर इंश्वर- की दंडको आजा यथाथे है। और हे मनुष्य जा श्से ऐसे काम करनेहारोंका बिचार करता औ_और आपही वेही काम करता है क्या तू यही समम्तता कि मैं ते इश्वर- की दंडको आज्ञासे बचूंगा । अथवा क्या तू उसको कृपा जौ सहनशीलता औ धोरजके धनके तुच्छ जानता है और यह नहीं बुकता है कि इेश्वरको कृपा तुके पश्चा- ४ त्ताप करनेका सिखाती है . परन्तु अपनी कठोरता और 67 ४४० गमियेंका । [२ पब्खे । निःपश्चात्तापी मनके हेतुसे अपने लिये क्राधके दिनलों हां इंश्वरके यथायथे बिचा रके प्रगट हानेके टिनत्नों क्रा ध- का संचय करता है| वह हर एक मनुष्यका डसके कम्मांके अनुसार फत्न देगा । जो सुकम्मेमे स्थिर रहनेसे महिमा और आदर और अमरता हूंढ़ते हैं उन्हें वह अनन्त जीवन देगा । परन्तु जो बिबादो हैं और सत्यका नहीं मानते पर अधम्मेके। मानते हैं उनपर काप औओ क्राध पड़ेगा । हर एक सनपष्यके प्राणपर जे। ब्रा करता है क्लेश खार संकट पड़ेगा पहित्ने यिहदी फिर यनानोके । प्रर हर एकके जो भला करता है माहमा ओर आझादर और कल्याण होगा पहिले यिहृदी फिर यूनानोकोा । क्यांकि इंश्वरके यहां पशथ्चपात नहीं है । ब्यांकि जितने लागेंने बिना व्यवस्था पाप किया है से बिना ब्यवस्था नाश भी होंगे और जितने लागोंने व्यवस्था पाके पाप किया है सो व्यवस्थाके ट्वारासे दंड- के योग्य ठहराये जायेंगे । क्योंकि ब्यवस्थाके सुननेहारे इंश्वरके यहां धर्म्मी नहीं हैं परन्तु व्यवस्थापर चलने- हारे धर्म्मी ठहराये जायेंगे । फिर जब अन्यदेशी लाग जिनके पास ब्यवस्था नहों है स्वभावसे ब्यवस्थाकी बातांपर चलते हैं तब यद्यपि ब्यवस्था उनके पास नहीं है ताभी वे अपने लिये आपही ब्यवस्था हैं। वे ब्यवस्थाका काय्ये अपने अपने हृटयमें लिखा हुआ दिखाते हैं झैौर उनका मन भी साथी देता है और उनकी चिन्ताएं परस्पर दोष लगातीं अथवा देाषका उत्तर देती हैं । यह उस दिन होगा जिस दिन इंश्वर १९ १२ १३ १४ १४ १६ २ पच्चे।] रोमियोंका । ४५१ मेरे सुसमाचा रके अनुसार यीशु खीप्रके द्वारासे मनुष्यें- को गुप्त बातोंका विचार करेगा । १०७ देख तू यिहृदी कहावता है और ब्यवस्थापर भरोसा १९८ रखता है और इंश्वरके विषयमें घमंड करता है . ओर उसकी इच्छाका जानता हे और ब्यवस्थाकी शिक्षा पाके ९८ विशेष्य बातांका परखता है . और अपनेपर भरोसा रखता है कि में अन्धेंका अगुवा और अन्धकारमें रहने- २० हारोंका प्रकाश . ओर निबुद्ियोंका शिक्षक और बाल- कांका उपदेशक हूं और ज्ञान ओ सच्चाईका रूप मुफ्फे २९ ब्यवस्थामें मिल्ला है। से क्या तू जा टूसरेकेा सिखाता है अपनेके नहीं सिखाता है . क्या तू जे चोरी न २२ करनेका उपदेश देता है आपही चेारी करता है। क्या तू जो परस्त्रीगमन नल करनेकेा कहता है आपही पर- सतीगमन करता है . क्या तू जे म्रतेंसे घिन करता है २३ पविच बस्तु चुराता है। क्या तू जो ब्यवस्थाके विष्रयमें घमंड करता है ब्यवस्थाकेा लंघन करनेसे इे शव रका अना- २४ दर करता है। क्यांकि जैसा लिखा है तैसा इेश्वरका ॒ नाम तुम्हारे कारण अन्यदेशियोंमे निन्दित ह्माता हे। २५ जो तू ब्यवस्थापर चल्ने ता खतनेसे तल्वाभ है परन्तु जो तू ब्यवस्थाके लंघन किया करे ते तेरा खतना अख- ४६ तना हो गया है। से यदि खतनाहीन मनुष्य ब्यवस्था- को बिधियांका पालन करे ते क्या उसका अखतना २७ खतना न गिना जायगा । और जो मनुष्य प्रकृतिसे खतनाहीन हेोके ब्यवस्थाका पूरी करे से क्या तुमे जा लेख ज्लोर खतना पाके ब्यवस्थाके! लंघन किया ४४२ रामियोंकेा । [३ पब्ले। रता है दाषी न ठहरावेगा । क्योंकि जो प्रगटमें यिह॒दी है से यिहूदी नहीं और खतना जो प्रगटमें अथोात देहमें हे सो खतना नहों । परन्तु यिहददी वह है जा गुप्तमं यिहदी है और मनका खतना जे लेखसे नहीं पर आत्मामें है साई खतना है . ण्ेसे यिहूदोकी प्रशंसा मनुष्येंकी नहीं पर इंश्वरकी ओरसे है । ३ तीसरा पब्बे । ब यिहदी होनेका फल । 9५ जेश्वलरका बिचार यदथ्ाथे डानेका प्रमाण। ९ सारे सनष्याकं॑ पापाक्रा डणखेन । १९ बढ्यवस्थाक्र अनसार सभाक्रा दाफष्ता हाना | २१ याशक द्वारास ।बश्वासयाक घम्मोीं ठहराये जानका उपाय । २७ उस मतसे गभिमानका नाश ओर यिहदा ओर अन्यदेशोका सेल ओर ब्यवस्थाका स्थापन। ता यिहृदीको क्या श्रेपुता हुईं अथवा खतनेका क्या त्वाभ हुआ। सब प्रकारसे बहुत कुछ . पहिले यह कि इंशवरकी बाणियां उनके हाथ सेोंपी गईं। जे। कितनोंने विश्वास न किया तो क्या हुआ. क्या उनका अविश्वास इंण्वरके बिश्वासको ब्यथे टहरावेगा। ऐसा न हो . इंश्वर सच्चा पर हर एक मनुष्य झूठा हाय जैसा लिखा है [, ८ 52 3७] ० ००३ 6 0 ब्ग कि जिस्तें तू अपनी बातोंमें निदाष ठहराया जाय ओर तेरा बिचार किये जानेमें तू जय पावे। परन्तु यदि हमारा अधम्मे इश्वरके धम्मेपर प्रमाण “080 १ 5 देता है ता हम क्या कहें . क्या इेश्वर जे क्राघ करता है अन्यायी है. इसके में मनुष्यको रीतिपर कहता हूं। शेसा न हो . नहीं तो इश्वर क्यांकर जगतका बिचार करेगा। परन्तु यदि इंश्वरको सच्चाई उसको महिमाके लिये मेरी कुठाईके हेतुसे अधिक करके प्रगट हुई तो में क्यां अब भी पापीकी नाई दंडके योग्य ठहराया जाता ब्र्ष्ः ब्र्€ +00 ४0 «७ ३ पब्जे ।] रोमियोांका । ४४३ ८ हूं। ता क्या यह भी न कहा जाय जैसा हमारी निन्‍दा किई जातो है और जेसा कितने लोग बालते कि हम कहते हैं कि आओ हम बुराई करें जिस्ते भल्वाई निकले. ेसांपर दंडकी आज्ञा यथाये है । * तो क्या. क्याहम उनसे अच्छे हें. कभी नहों क्येंकि हम प्रमाण दे चुके हैं कि यिहूदी और यूनानी भी सब १० पापके बशमें हैं . जेसा लिखा है कि कोई धर्म्मी जन ११ नहीं है एक भी नहीं . काई बुकनेहारा नहीं कोई .. १२ इंश्वरका हूंढ़नेहारा नहीं। सब लोग भटक गये हैं वे सब एक संग निकम्मे हुए हैं कोई भलाई करनेहारा नहीं १३ एक भी नहीं है। उन्तका गला खुली हुई कबर है उन्होंने अपनो जोभेंसे छत्त किया है सांपांका बिप उन्त- १४ के होंठोंके नोचे है . और उनका मुंह खराप जे कड़- १४ बाहटसे भरा है। उनके पांव लाह बहानेकोा फुर्त्तोले ९६ हैं । उनके मार्गांमें नाश और क्लेश है . और उन्हेंने १८ कुशलका मागे नहीं जाना है। उनके नेचोंके आगे इंश्वरका कुछ भय नहीं है। १९ हम जानते हैं कि व्यवस्था जे कुछ कहती है से उनके लिये कहती है जे व्यबस्थाके अधीन हैं इसलिये कि हर णक मुंह बन्द किया जाय और सारा संसार २० इश्वरके आगे टंडके योग्य ठहरे । इस कारण कि ब्यव- स्थाओे कम्मांसे कोई प्राणी उसके आगे धर्म्मी नहीं ठहराया जायगा क्योंकि व्यवस्थाके द्वारा पापकी पह- ८5 आवक मत] चान होती है । २९५ पर अब व्यवस्थासे न्‍यारे इंश्वरका धम्मे प्रगट ४५४४ रोमियोंका । [३ पब्णे। है जिसपर व्यवस्था और भविष्यद्रक्ता लोग साथी ते हैं। आर यह इेश्वरका धम्मे यीश ख्रीप्पर बिश्वास २२ करनेसे सभोंके लिये जझर सरभोपर है जे। बिश्वास करते हैं क्योंकि कुछ भेद नहीं है। क्येंकि सभाने पाप किया २३ है और इंश्वरकी प्रशंसा योग्य नहीं होते हैं. पर उसके २४ अनुयहसे उस उद्दारके द्वारा जा ख्रीप्र यीशसे हे सतमेत धर्म्मी ठहराये जाते हैं । उसके इंश्वरने प्रायश्चित्त २५ - स्थापन किया कि बिश्वासके द्वारा उसके लोहूसे प्राय- श्चित्त हाबे जिसत जागे किये हु पापोंसे इंश्वरकी सहनशीलतासे आनाकानी जे किई गदे तिसके कारण वह अपना धम्में प्रगट करे . हां इस बत्तमान समयमें २६ अपना धम्मे प्रगट करे यहांलोां कि योशुके बिश्वासके अवलंबीके धर्म्मी ठहरानेमें भी धर्मी ठहरे। ते वह घर करना कहां रहा . वह बाज्ञत हुआ. २७ कैन ब्यवस्पाके ट्वारासे . क्या कम्मांकी . नहों परन्तु बिश्वासकी ब्यवस्थाके द्रारासे। इसलियेहमयह सिट्ठान्त २८ करते हैं कि बिना ब्यवस्याके कम्मांसे सनृष्य बिश्याससे धर्म्मी ठहराया जाता है। क्या इेश्वर केवल यिहृदियोंका २९ ईश्वर है. क्या अन्यदेशियोंका नहीं . हां अन्यदेशियों का भी है। ब्बांकि एकही इंश्वर है जो खतना किये हुओंके ३० बिश्वाससे आर खतनाहीनेंके बविश्वासके द्वारासे धर्म्मी ठहहरावेगा । तो क्या हम बिश्वासके द्वारा ३९ व्यवस्थाओ ब्यथ टहराते हैं . ऐसा न हो परन्तु ब्यवस्थाका स्थापन करते हैं । “४! ०) |! ४ प्ले । ) रोमियोंका । ४५४ ४ चाया पब्बे। १ इब्राष्टीमके धर्म्मो ठहराये जानकी कथासे प्रबोक्त बालोंके प्रमाण । € खतना किये हुए ओर खतनाहोन समेंका इस अनुग्रडके सम्भागी हाना । १३ उसका ब्यवस्थाके कर््मीके ह्वारा नहों पर बिश्वासके द्वारा मिलना । १८ इत्राहोमक बिश्वासको दुकुताईका बखान | २३ सब बिश्वासियेंका उसके संग भागी छेना। १ तो हम क्या कहें कि हमारे पिता इब्राहीमने २ शरीरके अनुसार पाया है। यदि इब्राहीम कम्माके हेतुसे धर्म्मी ठहराया गया ते उसे बड़ाईे करनेकी जगह ३ है। परन्तु इेश्वरके आगे नहीं है क्येंकि धम्मेपुस्तक ध् 5३7 ६ 2. क्या कहता है . इब्राहीमने इंश्वरका बिश्वास किया 8 खेर यह उसके लिये धम्मे गिना गया । अब काय्ये करनेहारेका मज़ूरो देना अनुम्रहको बात नहीं परन्तु ५ ८6 बःु -. बे ८९० ४ ऋणको बात गिना जाता है। परन्तु जो काय्य नहीं करता पर भक्तिहीनके धर्म्मी टहरानेहारेपर बिश्वास करता है उसके लिये उसका बिश्वास धम्से गिना जाता ६ है। जैसा दाऊद भी उस मनुष्यकी धन्येता जिसके ७ इंश्वर बिना कम्मांसे धर्म्मी टहरावे बताता है . कि धन्य वे जिनके कुकम्मे श्मा किये गये जऔऔर जिनके . ८ पाप ढांपे गये . धन्य वह मनृष्य जिसे परमेश्वर पापी न गिने। < तो यह धन्यता क्या खतना किये हुए लागोंहीके लिये हे अथवा खतनाहीन लेगेोंके लिये भी है. क्योंकि हम कहते हैं कि इब्ाहीमके ल्निये बिश्वास धम्मे गिना १० गया। तो वह व्यांकर उसके लिये गिना गया . जब वह खतना किया हुआ था अथवा जब खतनाहीन था . जब खतना किया हुआ था से नहीं परन्तु जब खत- |. 82: + ५ पा" . शरद रोमियोंका । [४ पब्बे । नाहीन था । झोर उसने खतनेका चिन्ह पाया किजे ९९ बिश्वास उसने खतनाहींन दाम किया था उस बिश्वासके धम्मेकी छाप होवे जिस्ते जे त्वाग खतना- हीन दशामें बिश्वास करते हैं वह उन सभोंका पिता हाय कि वे भी धर्म्मी ठहराये जाये . और जो लाग १९२ न केवल खतना किये हुए हैं परन्तु हमारे पिता इब्ा- हीमके उस बिश्वासकी लीकपर चलनेहारे भी हैं जा उसने खतनाहोन दशामे किया था उन लोागोंके लिये खतना किये हुओंका पिता ठहरे । ब्यांकि यह प्रतिज्ञा कि इब्राहीम जगतका अधि- ९३ कारी होगा न उसके न उसके बंशको ब्यवस्थाके द्वारा- से मिली परन्तु बिश्वासके धम्मेके द्वारासे। व्यांकि २४ यदि ब्यवस्थाके अवलंबी अधिकारो हैं ता विश्वास ब्यथे ज्लौर प्रतिज्ञा निष्फल ठहराई गई है। ब्यवस्था ते क्राघ १४ जन्माती है व्यांकि जहां व्यवस्था नहीं है तहां उल्लूघन भी नहीं । इस कारण प्रतिज्ञा बिश्वाससे हुईं कि अनु- १६ ग्रहकी रीतिपर हाय इसलिये कि सारे बंशके लिये टूढ़ ह्वाय केवल उनके लिये नहीं जो ब्यवस्थाके अवलंबो हैं परन्तु उनके लिये भी जो इबाहो मकेसे बिश्वासके आअवलंबी हैं । वह ते उसके झागे जिसका उसने बिश्वा- १७ स किया अथोत इंश्वरके आगे जो मृतकांका जिलाता है झलौर जा बातें नहीं हैं उनका नाम णेसा लेता कि जैसा वे हें हम समभोंका पिता है जैसा लिखा है कि मैंने तुझे बहुत देशोंके ल्लागेंका पिता ठहराया है। उसने जहां आशा न देख पड़ती थी तहां आशा ९८ ५ पब्ले । ] रोमियोांका । ४५५ रखके बिश्वास किया इसलिये कि जो कहा गया था कि तेरा बंश इस रोतिसे होगा उसके अनुसार वह १९ बहुत देशेंके लागांका पिता हाय । और विश्वासमें टुब्बेल न हाके उसने यद्यपि से एक बरसका था तैभो न अपने शरीरकेा जे अब मृतकसा हुआ था और न २० सारःके गर्भकी मृतककी सी दशाके से चा। उसने ईश्वर- को प्रतिज्ञापर अबिश्वाससे सन्देह किया से नहों परन्तु बिश्वासमें टूढ़ हाके इश्वरको महिमा प्रगट किड्दे. २९ ओर निश्चय जाना कि जिस बातको उसने प्रतिज्ञा २२ किई है उसे करनेकेा भी सामर्थी है । इस हेतुसे यह उसके लिये धम्मे गिना गया । २३ पर न केवल उसके कारण लिखा गया कि उसके २४ लिये गिना गया . परन्तु हमारे कारण भी जिनके लिये गिना जायगा अथात हमारे कारण जे उसपर . बिश्वास करते हैं जिसने हमारे प्रभु यो श॒का मृतकोंमेंसे २४ उठाया . जे हमारे अपराधोंके लिये पकड़वाया गया 8 और हमारे धर्म्मी ठहराये जानेके लिये उठाया गया। ) ४ पांचवां पब्बे । १ बिश्वासके अनेक फलांका बणेन ओर योशुक बड़े प्रेमका बखान । १२ आऋादमक्के पापके द्वारासे मृत्यु ओर इंश्वरके अनुग्रहस यीशु स्त्रोष्टके द्वारा क्षमा ओ घम्मे और अनन्स जीवनका प्राप्त डाना । | १ से जब कि हम बिश्वाससे धर्म्मी ठहराये गये हैं ते हमारे प्रभु योशु ख्रीप्र॒के द्वारा हमें इंश्बरसे मित्नाप २ है। और भी उसके ट्वारा हमने इस अनुग्रहमें जिसमें स्थिर हैं बिश्बाससे पहुंचनेका अधिकार पाया है और 58 ४४८ शरोमियांका । [५ पब्छे । इंश्वरकी महिमाकी आशाके विषयमें बड़ाईंकरते हैं। आर केवल यह नहीं परन्तु हम क्लेशेंके विषय भी बड़ाई करते हैं क्योंकि जानते हैं कि क्लेशसे धीरज . और धीरजसे खरा निकलना जौर खरे निकलनेसे चज्ाशा उत्पन्न हैती है । और आझाशा लज्जित नहों करता है व्यांकि पविच आत्माके द्वारासे जा हमें दिया गया इईंश्वरका प्रेम हमारे सनमें उंडेला गया है। क्योंकि जब हम निब्बेल है रहे थे तबही ख्रीप्र समयपर भक्ति- हीनोंके त्लिये मरा । धर्म्मी जनके लिये केाई मरे यह दुलेभ है पर हां भले मनुष्यके लिये क्या जाने किसी के मरनेका भी साहस हाय । परन्तु इंश्वर हमारो ओर अपने प्रेमका माहात्म्ययूं दिखाता हे कि जब हम पापी हा। रहे थे तबहीं स्रीप्र हमारे लिये मरा । से जब कि हम अब उसके लाहके गुणसे धर्म्मी ठहराये गये हैं ते बहुत अधिक करके हम उसके द्वारा क्राधसे बचेंगे। बंयांकि यदि हम जब शचु थे तब इश्वरसे उसके पुचको मृत्यके द्वारासे मिल्लाये गये हैं तो बहुत अधिक करके हम मिलाये जाके उसके जीवनके ट्वारा चाण पावेंगे। कौर केवल यह नहीं परन्तु हम अपने प्रभु योशु स्रीप्रके द्वारासे जिसके द्वारा हमने अब मितल्लाप पाया है इंश्वरके विषयमें भी बड़ाई करते हैं । इसलिये यह ऐेसा है जैसा एक मनुष्यके द्वारासे पाप जगतमें आया और पापके द्वारा मृत्यु आईं और इस रीतिसे मृत्यु सब मनुष्यांपर बीती क्यांकि सभोंने पाप किया । क्योंकि ब्यवस्थात्ां पाप जगतमें था पर १० १९ रे ३ शक ग्रोंका [ #ण द् : ४ पब्णे ।] रोभियोंका । ४५४६ जहां ब्यवस्था नहों है तहां पाप नहीं गिना जाता । १४ ताभी आदमसे मूसाल्नीं मृत्युने उन लागांपर भी राज्य किया जिन्होंने आदमके अपराधके समान पाप नहीं किया था . यह आदम उस आनेवालेका चिन्ह है। १४ परन्तु जैसा यह अपराध है तैसा वह बरदान भो है से नहीं क्योंकि यदि एक मनुष्यके अपराधसे बहुत लोग सृण तो बहुत अधिक करके इंश्वरका अनुंयह और बह दान एक मनुष्यके अथात योश खोप्के अनुयहसे बहुत १६ लागांपर अधिकाईसे हुआ । ओर जैसा वह दंड जो एकके द्वारासे हुआ जिसने पाप किया तेसा यह दान नहीं है क्योंकि निणेयससे एक अपराधके कारण टंडकी आज्ञा हुईं परन्तु बरदानसे बहुत अपराधोंसे निदाष १७ ठहराये जानेका फत्न हुआ ब्यॉंकि यदि एक मनुष्यके अपराधसे मृत्युने उस ण्कके द्वारासे राज्य किया तो बहुत अधिक करके जो लाग अनुग्रहकी और धम्मेके दानको अधिकाई पाते हैं सा एक मनष्यके अथात यीश ९८ ख्रीपके द्वारासे जीवनमें राज्य करेंगे । इसलिये जैसा एक अपराध सब मनष्योंके लिये दंढको जआाज्ञाका कारण हुआ तेसा एक धम्म भी सब मनुष्योंके लिये धर्म्मी ठहहराये जानेका कारण हुआ जिससे जीवन हेय। १€ क्योंकि जेसर एक मनुष्यके आज्ञा ल्ंघन करनेसे बहुत त्लोग पापो बनाये गये तेसा एक मनष्यके आज्ञा माननेसे २० बहुत लोग धर्म्मी बनाये जायेंगे । पर ब्यवस्थाका भी प्रवेश हुआ कि अपराध बहुत हाय परन्तु जहां पाप २९ बहुत हुआ तहां अनुग्रह बहुत अधिक हुआ . कि जैसा छद्ढण रोमियेंकेा । [६ प्ले । पापने मृत्यमें राज्य किया तैसा हमारे प्रभु योश खीपुके द्वारा अनुमह भी अनन्त जीवनके लिये धम्मके ट्रारासे राज्य करे। ६ छठवां पब्बे । १ ब्रश्ञाासयाका प्रापसे अलग रहना अदश्य ह्ले। ३ उनका बपातसमा लना जा मृतकामस उठाय जानका दष्ट्रान्त च्डे इसस कसका प्रमाण । १२९ प्रापक ब्कशसम श्ढना उनके डाचत नहां। १४ दे जा प्रापक्त बरध्चननस कूटक ब्श्वरक्र दास बन रू इसस इसका प्रमाण । ते हम क्या कहें . क्या हम पापमें रहें जिस्तें अनुग्रह बहुत हाय । ऐसा न हो . हम जो पापके लिये मूण हैं क्यांकर अब उसमें जीयेंगे । क्या तुम नहीं जानते हा कि हममेंसे जितनोंने खीप्र यीशुमें बपतिसमा त्तिया उसकी मृत्युमें बपतिसमा लिया । से उसको मृत्यमें बपतिसमा लेनेसे हम उसके संग गाड़े गये कि जैसे खी पृ पिताके सेश्वय्येंसे मृतकोंमेसे उठाया गया तैसे हम भी जीवनकीसी नई चाल चल्ने। क्योंकि यदि हम उसको मसृत्यकी समानतामे उसके संयुक्त हुए हैं ता निश्चय उसके जी उठनेकी समानतामे भी संयुक्त होंगे। क्यों कि यही जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके संग क्रूशपर चढ़ाया गया इसलिये कि पापका शरोर छ्य किया जाय जिस्तें हम फिर पापके दास न होवें। क्यांकि जा मूझा है से पापसे छुड़ाया गया है। ओर यदि हम ख्रीप्ृके संग मूए हैं तो बिश्वास करते हैं कि उसके संग जोयेंगे भी। क्यांकि जानते हैं कि खीप मृतकांमेंसे उठके फिर नहीं मरता है. उसपर फिर मृत्युकी प्रभुता नहीं है । क्येंकि वह जो मरा ते १० ६ पब्बे ।] रोमियोंका । ४६१ पापके लिये एकही बेर मरा पर वह जोता है ता ११ इंश्वरके ल्निये जीता है। इस रीतिसे तुम भी अपनेकोा समकीा कि हम पापके लिये ते मृतक हैं परन्तु हमारे प्रभु ख्रीप्र यीशर्में इंश्वरके लिये जीवते हैं । १५ से पाप तुम्हारे मरनहार शरीरमें राज्य न करे कि तुम उसके अभिलाषोंसे पापके आज्ञाकारी हाओ। ९३ और न अपने अंगांकेा अधम्मेके हथियार कर के पाप- को सेंप देझे परन्त जैसे मृतकोंमेंसे जी गये हे तेसे अपनेकोा इंश्वरकेा सांप देखे और अपने अंगॉंका १४ इंश्वरके तदँ धम्मके हथियार करके सोॉंपो । क्योंकि तुमपर पापकी प्रभुता न होगी इसलिये कि तुम ब्यव- स्पाके अधीन नहीं परन्तु अनुगहके अधीन हो | १४ तो क्या . क्या हम पाप किया करें इसलिये कि हम ब्यवस्थाके अधीन नहीं परन्तु अनुग्रहके अधीन हैं . ऐसा ९६ न है। । क्या तुम नहों जानते है| कि तुम आज्ञा मान- नेके तल्लिये जिसके यहां अपनेकेा दास करके सोंप देते हो उसोके दास हो जिसकी आज्ञा मानते हो चाहे मृत्युके लिये पापके दास चाहे धम्मेके लिये आज्ञापा- १७ लनके दास । पर इंश्वरका धन्यवाद होय कि तुम पापके दास ते थे परन्तु तुम जिस उपदेशके सांचेमें ९८ ढाले गये मनसे उसके आज्ञाकारी हु्। और मैं तुम्हारे शरीोरको दुब्बेलताके कारण मनुष्यकी रीतिपर कहता हूं _१€ कि तुम पापसे उट्टार पाके धम्मके दास बने है।। जैसे तुमने अपने अंगांके अधम्मेके लिये अशुद्रता और अधम्मेके दास करके अपेण किया तेसे अब अपने अंगों- ४६२ रोमियोंका । [७ पब्खे । का पविचताके लिये धम्मेके दास करके अपेण करो। जब तुम पापके दास थे तब धम्मेंसे निबेन्ध थे। से। उस समयमें तुम क्या फल फलते थे . वे कम्मे जिनसे तुम अब लजाते हो क्यांकि उनका अन्त मृत्यु है 4 पर अब पापसे उद्वार पाके और इंश्वरके दास बनके तम पविचताके लिये फल फलते हो ओर उसका अन्त अनन्त जीवन है । क्यांकि पापको मजरो मृत्य है परन्तु इेश्वरका बरदान हमारे प्रभु खोष यीशुमें अनन्त जीवन हे । ७ सातवां पब्बे । बिश्वासो लाग व्यवस्थाक्रे अधोन नहों हैं छसलिये इंश्वर्कों सेवा करना उन्हे अवश्य है इसका प्रमाण | ७ व्यवस्था उत्तम है ताभो पाप उसके देतुसे प्रबल हाता है इसका बणेन । १३ व्यवस्था नहों परन्तु पापका स्वभाव मृत्यका का- रण है इसका व्यारा । ह् हे भाइये क्या तम नहीं जानते हे क्येंकि में ब्यव- स्थाके जाननेहारोंसे बोलता हूं कि जबलों मनुष्य जीता रहे तबल्ों ब्यवस्थाकी उसपर प्रभता है। क्योंकि बिवाहिता स्तरों अपने जीवते स्वामीके संग ब्यवस्पासे बन्धी है परन्तु यदि स्वामी मर जाय ते वह स्वामीको ब्यवस्थासे छूट गई । इसलिये यदि स्वामीके जीतेजी वह टूसरे स्वामीकी हा जाय ते ब्यभिचारिणी कहा- बेगी परन्तु यदि स्वामी मर जाय तो वह उस ब्यव- स्पासे निबेन्ध हुईं यहांल्ां कि टूसरे स्वामीकी हो जानेसे भी वह ब्यभिचारिणी नहीं । इसकिये हे मेरे भाइया तुम भो खोपृके देहके द्वारासे ब्यवस्थाके लिये मर गये कि तुम दूसरेके हो जावा अथात उसीके जो मृतकोंमेंसे २0 २१ श्र र३ ७ पब्जे ।] रोमियोंका । ठंद३ जी उठा इसलिये कि हम इंश्वरके लिये फत्न फल । ५ ब्यांकि जब हम शारोरिक दशामे थे तब पापों के झमि- ल्लाष जो ब्यवस्थाके ट्वारासे थे हमारे अंगॉमें काय्य ६ करवाते ये जिस्ते मृत्यके लिये फल फले। परन्तु अभी हम जिसमें बन्धे थे उसके लिये मृतक होके ब्यवस्था- से छूट गये हैं यहांलां कि लेखको पुरानी रोतिपर नहीं परन्तु आत्माकी नई रोतिपर सेवा करते हैं । ७ तो हम क्या कहें . क्या ब्यवस्या पापहैे . ऐसा न हा परन्तु बिना ब्यवस्थाके द्वारासे में पापकेा न पह- चानता हां ब्यवस्था जो न कहती कि लालच मत कर ८ ०ता मे लालचकोा न जानता | परन्‍्त पापने अवसर पाके आज्ञाके द्वारा सब प्रकारका लालच मुकमे जन्मा- € या वक्यांकि बिना ब्यवस्या पाप मृतक है। में ता ब्यव- स्था बिना आगे जोवता था परन्तु जब आज्ञा आईं १० तब पाप जी गया और में मूझा । ओर वही आज्ञा जे जोवनके लिये थी मेरे लिये मृत्युका कारण ठहरी । १९ क्योंकि पापने अवसर पाके आज्ञाके द्वारा मुके ठगा १२ और उसके ट्वारा मुझे मार डाला। से व्यवस्था पवित्र है और आज्ञा पविच और ययाथे खैर उत्तम है । १३. तो क्या वह उत्तम बस्तु मेरे लिये मृत्यु हुईं . ऐसा न हो परन्तु पाप जिस्ते वह पापसा दिखाई देवे उस उत्तम बस्तके द्वारासे मेरे लिये मृत्युका जन्मानेहारा हुआ इसलिये कि पाप ज्ाज्ञाके ट्वारासे अत्यन्त पापमय १४ हो जाय । क्योंकि हम जानते हैं कि ब्यवस्था आत्मिक है परन्तु में शारोरिक ओर पापके हाथ बिका हूं। ४६४ रामियोंका | [७ पब्ले। क्यांकि जो में करता हूं उसके नहीं समझता हूं क्येंकि जा भें चाहता हूं साई नहीं करता हूं परन्तु जिससे घिनाता हूं साईं करता हूं। पर यदि में जे नहीं चाहता हूं साई करता हूं ता में ब्यवस्थाका मान लेता हूं कि अच्छी है। से अब तो मैं नहीं उसे करता हूं परन्तु पाप जो मकमे बसता हे । क्योंकि में जानता हं कि काई उत्तम बसत ममरूमे अथोात मेरे शरोरमें नहीं बसतो हे क्यांकि चाहना तो मेरे संग है परन्‍त अच्छी करनो म॒र्ोेे नहीं मिलती है। क्यांकि वह अच्छा काम जा में चाहता हूं में नहीं करता हूं परन्तु जा बुरा काम नहों चाहता हूं साईं करता हूं । पर यदि मे जा नहों चाहता हूं साई करता हूं ता अब मे नहों उसे करता हूं परन्तु पाप जा मुझमें बसता है। से में यह व्यवस्था पाता हूं कि जब में अच्छा काम किया चाहता हूं तब बुरा काम मेरे संग है। क्योंकि में भीतरो मनष्यत्वके भावसे इंश्वरकी ब्यवस्थासे प्रसन्न १४ १६ १९७ १८ १८ २० २९ श्र । परन्‍्त मे अपने अगांम टसरो ब्यवस्था देखता हूं २३ जा मेरो बुट्टिको ब्यवस्थासे लड़तो हे आर मुके पापको ब्यवस्थाके जे। मेरे अंगेांमें हे बन्धनर्मं डालती हे। अ- भागा मनुष्य जो में हूं मुके इस मृत्युके देहसे कान बचावेगा । मे इंश्वरका धन्‍य मानता हं कि हमारे प्रभु योश ख्रीपृके द्वारासे वही बचानेहारा हे . सो में आप बुट्टिसे ता इंश्वरको ब्यवस्थाको सेवा परन्त शराोरसे पापको ब्यवस्थाको सेवा करता हूं । २8 श्र बीत तक न ७१२७० -- ८ पब्जे ।] रामियोंका । ६४ ८ आपठवां पब्बे। १ पापको व्यवस्था से छठ जानेका उपाय। ५ शारोरिक द्शा ओर आत्मिक दशशाका ब्यारा । १२ आत्मक्न दाम जादबन आर लप्रालक्र प्रदरक्का प्राप्त डाना ॥ १८ हान्दार मांहमाको आशा जे सारो सृष्टि आर निज करके बिश्वासी लाग रखते है उसका बरणेन । २६ पवित्र श्रात्माका प्रा््रेनाम सहायता करना । २८ डेश्वर- का अपने प्रिय लागोंका सब प्रकारको आशोस देना । ३१ उनका उससे कभी किसो रोलिसे अलग न होना । १ से अब जो लोग खोघू यीशर्मे हैं अथात शरीरके अनुसार नहों परन्तु आत्माके अनुसार चलते हैं उन- २ पर कोाई टंडको आज्ञा नहीं है। क्यांकि जीवनके आत्माकोी ब्यवस्थाने खीघ्र यीशुर्मे मुझे पापकी ओऔ रु «कल 73०6, 22 2 2 कल ३ मृत्युकी व्यवस्थासे निरबेन्ध किया हैं। क्योंकि जो ब्यव- स्थासे अन्द्राना था इसलिये कि शरीरके द्वारासे वह टुब्बेल थी उसके इश्वरने किया अथात अपनेही पुच॒का पापके शरो रकी समानतामें ज्लोर पापके कारण भेजके ४8 शरीरमें पापपर दंडकी आज्ञा टिईं . इसलिये कि ब्यवस्थाकी बिधि हमेंमें जे शरीरके अनुसार नहीं परन्तु आत्माके अनुसार चलते हैं पूरी किदे जाय । ५ जा शरीरके अनसारो हैं सो शरीरकी बातांपर मन लगाते है पर जो आत्माके अनसारो हैं सा आत्माकी ६ बातांपर मन लगाते हैं । शरोरपर मन लगाना तो मृत्य है परन्‍त आत्मापर मन लगाना जीवन ओर ७ कल्याण हे | इस कारण कि शरीरपर मन लगाना इंष्वरसे शचता करना हे क्येंकि वह मन इंश्वरको ब्यव- स्थाके बशम नहों होता हे क्योंकि हो नहों सकता है। ८ और जो शारीरिक दशामें हैं सो इश्वरका प्रसन्न नहीं € कर सकते हैं। पर जब कि इेश्वरका आत्मा तुममें बसता 89 " ध्द्द रोमियोंका । [८ प्रब्जे । है ता तुम शारी रिक दशामें नहीं परन्तु आत्मिक दशामें है। . यदि किसोीमें खीपरका आत्मा नहीं है ता वह उसका जन नहीं है | परन्त॒ यदि ख्रीघ्र तुममें है ता देह पापके १० कारण मृतक है पर आत्मा धम्मेके कारण जीवन है। जआौर जिसने यीश॒का मृतकोंमेंसे उठाया उसका आत्मा ९९ यदि तुममें बसता हैं ता जिसने खीपृका मृतकोंमेंसे उठाया से तुम्हारे मरनहार देहेंकेा भी अपने आत्माके कारण जो तुममें बसता है जिलावेगा । इसलिये हे भाइये हम शरोरके ऋणी नहों हैं कि १२ शरीरके अनुसार दिन कार्ट । क्यांकि यदि तुम शरीरके १३ अनुसार दिन काटो ते मरोणे परन्तु यदि आत्मासे देहकी क्रियाओंका मारो तो जीओगे । क्योंकि जितने १४ त्लाग इेश्वरके आत्माके चल्नाये चलते हैं वेही इेश्वरके पुत्र हैं । क्योंकि तुमने दासत्वका आत्मा नहीं पाया है १४ कि फ़िर भयमान होओ परन्तु लेपालकपनका आत्मा पाया है जिससे हम हे अब्बा अथात हे पिता पुकारते हैं । आत्मा आपहो हमारे आत्माके संग साश्ती देता है ९६ कि हम देश्वरके सन्‍्तान हैं । और यदि सन्‍्तानहैं ते ९७ अधिकारी भी हैं हां इश्वरके अधिकारी और खीपृके संगी अधिकारी हैं कि हम तो उसके संग दुःख उठाते हैं जिस्तें उसके संग महिमा भी पावें । क्यांकि में समझता हूं कि इस बत्तमान समयके टुःख ९८ उस महिमाके आगे जो हमेंमें प्रगट किईं जायगी कुछ गिननेके योग्य नहीं हैं। क्येंकि रुष्रिकी प्रत्याशा इश्वरके १८ सन्‍्तानोंके प्रगट हानेकी बाट जाहती है। क्येंकि रूप्ति २० ८ पब्ब ।] रोमियोंका । ४६५ अपनी इच्छासे नहीं परन्तु अधीन करनेहारेकी ओरसे २९ ब्यथेताके अधोंन इस आझाशासे किई गई . कि रूष्ि भो आपहीो बिनाशके दासत्वसे उट्टार पाके इंश्वरके सनन्‍्ता- २२ नोंकी महिमाकी निबेन्धता प्राप्त करेगी । क्येंकि हम जानते हैं कि सारी रुप अबत्नें एक संग कहरती और २३ पीड़ा पाती है । और केवल वह नहीं पर हम लोग भी इसलिये कि हमारे पास आत्माका पहिला फल है आपहो अपनेम कहरते हैं खैर लेपालकपनको अथात २४ अपने देहके उद्वारकोी बाट जाहते हैं। क्योंकि आशासे हमारा चाण हुआ परन्तु जे आशा देखनेमें आतो है से आशा नहीं है क्योंकि जो कछ काई देखता है वह २४ उसकी आशा भी क्यों रखता हे | परन्तु यदि हम जो नहीं देखते हैं उसको जञ्ञाशा रखते हैं ता धीर जसे उस- की बाट जोाहते हैं । ४ २६ इस रीतिसे पवित्र आत्मा भो हमारो दुब्बेलताओंमें सहायता करता है क्यांकि हम नहीं जानते हैं कानसी प्राथेना किस रीतिसे किया चाहिये परन्तु आत्मा आप- ही अकणथ्य हाय सार मारके हमारे लिये बिन्‍तोी करता ४७ हे। जौर हटयेंका जांचनेहारा जानता है कि आत्मा- की मनसा क्या हे कि वह पविच लोागोंके लिये इंश्वर- को इच्छाके समान बिन्तोी करता हे । श्ट८ भार हम जानते है कि जो जल्ञाग इंश्वरका प्यार करते हैं उनके लिये सब बातें मिलके भत्नाइहीका कासय्ये करती हैं अथात उनके लिये जे उसको इच्छाके समान २८ बुलाये हुए हैं। क्येंकि जिन्हें उसने आगेसे जाना उन्हें छद८ रामियोंका । [८ पब्ले। उसने अपने पुच्रके रूपके सटूश हाोनेका आझागेसे ठहराया : जिस्तें वह बहुत भाइयोंमें पहित्नाठा होवे। फिर जिन्हें ३० उसने आगेसे ठहराया उन्हें बुलाया भी और जिन्हें बुल्लाया उन्हें धर्म्मी ठहराया भी और जिन्हें धर्म्मी ठहराया उन्हें महिमा भी दिईे। ते हम इन बातोंपर क्या कहें , यदि इेश्वर हमारी ३१ ओर है ते हमारे बिरूटू कान होगा | जिसने अपने ३२ निज पुच्रका न रख छोड़ा परन्तु उसे हम सभेंके लिये सांप दिया से उसके संग हमें ओर सब कुछ व्यांकर न देगा। इंश्वरके चुने हुए लागांपर देष कान ल्गावेगा . ३३ क्या इंश्वर जो धर्म्मी टहरानेहारा है। टंडकी आज्ञा देने- ३४ हारा कान होगा . क्या ख्रीप्र जे मंरा हां जो जो भी उठा जा इश्वरको टहिनी ओर भी है जे हमारे लिये बिन्‍्ती भी करता है। कौन हमें खीप्रके प्रेमसे अत्वग ३४ करेगा . क्या क्लेश वा संकट वा उपट्रव वा अकाल वा नंगाई वा जेखिम वा खड़ । जैसा लिखा है कि ३६ तेरे लिये हम दिन भर घात किये जाते है हम बंध होनेवाली भेड़ोंकी नाईें गिने गये हैं । नहीं पर इन ३७ सब बातोंमें हम उसके ट्रारासे जिसने हमें प्यार किया है जयवन्तसे भी अधिक हैं। क्येंकि में निश्चय जान- इ८ ता हं कि न मृत्य न जीवन न टतगण न प्रधानता न पराक्रम न बत्तमान न भविष्य . न ऊंचाई न गहि- इ< राई न और कोई रूप हमें इश्वरके प्रेमसे जे। हमारे प्रभु ख्रीप्र यीशर्मे है अलग कर सकेगी । ६ पब्बे।]. .. रोमियोंका । ४६६ ८ नवां पब्बे । १ यिहृदियोंके विषय पावलका बहुत चिन्ता करना । ६ उन्हें मेसे बेही जिन्हे डेश्वरने चुन लिया प्रातज्ञाके अधिकारों हुए इसका बरणेन । १४ जो नष्ट होते है उनमे इश्वरका न्याय ओर जे त्राण पाते हें उनपर उसको बड़ी दया प्रगठ हातो है हसक कई ण्क प्रमाण । ३० यिह॒दी लाग घम्मेसे ह्ीन हुए परन्तु अन्यदेशियेंने बिश्वाससे घम्मेका प्राप्त किया इसका छेतु । १ में खीपूर्मे सत्य कहता हूं मैं कूठ नहीं बालता हूं और मेरा मन भो पविच आत्मामे मेरा साश्षी है . २ कि मुके बड़ा शेक और मेरे मनकेा निरन्तर खेद ३ रहता है । क्योंकि में आझाप प्राथेना कर सकता कि अपने भाइयेंके लिये जे शरोरके भावसे मेरे कुटुब हैं 8 में खीप्रसे स्रापित होता । वे इस्रायेली लोग हैं और त्लेपालकपन ओ तेज झ्ै नियम ओ ब्यवस्यथाका निरू- ५ पण ज्लाो सेवकाई जा प्रतिज्ञाणं उनकी हैं । पितर ल्लाग भो उन्हींके हैं आर उनमेंसे शरीरके भावसे खीप्र हुआ जो सब्बेप्रधान इंश्वर सब्बेदा धन्य है . आमीन। ६ पर णेसा नहीं है कि इंश्वरका बचन टल गया है ब्यांकि सब त्लाग इस्रायेली नहों जे इस्रायेलसे जन्मे हैं . ७ जोर न इसलिये कि इबाहीमके बंश हैं वे सब उसके सन्‍्तान हैं परन्‍्त (लिखा है) इसहाकसे जे। हो से तेरा '८ बंश कहावेगा । अथात शरी रके जे सनन्‍्तान से इंश्वर- के सन्‍्तान नहीं हैं परन्तु प्रतिज्ञाके सन्‍्तान बंश गिने € जाते हैं । क्यांकि यह बचन प्रतिज्ञाका था कि इस समयके अनुसार में आऊंगा ओर सारःके पुच्र हागा। ९० और केवत्न यह नहीं परन्तु जब रिबका भी एकसे १९ अथात हमारे पिता इसहाकसे गर्भवती हुई . और ४५० गामियोंकेा । [६ पब्बे। बालक नहीं जन्मे थे ओर न कुछ भला अथवा बुरा किया था तबही उससे कहा गया कि बड़का छुटकेका दास होगा . इसलिये कि इंश्वरकी मनसा जे उसके ९५ चन लेनेके अनसार है कम्मांके हेतसे नहीं परन्‍्त ब॒त्ना- नेहारेकी ओरसे बनो रहे । जेसा लिखा है कि मेने १३ याकूबकेा प्यार किया परन्तु स्साकेा अप्रिय जाना । ते हम क्या कहें . क्या इंश्वरके यहां अन्याय है . १४ रेसा न हो । क्यांकि वह मसासे कहता है में जिस १४ किसोपर टया करू उसपर दया करूंगा शोर जिस किसीपर कृपा करू उसपर कृपा करूंगा | सो यह न ९६ ते चाहनेहारेका न ता दौोड़नेहारेका परन्तु दया करनेहारे इश्वरका काम है। क्योंकि धम्मेपुस्तक फिर- २७ ऊनसे कहता है कि मैंने तुके इसी बातके लिये बढ़ाया कि तुकमें अपना पराक्रम दिखाऊं ओर कि मेरा नाम सारी प्रथिवामें प्रचार किया जाय। से वह जिसपर दया ९८ किया चाहता है उसपर दया करता है परन्तु जिसे कठोर किया चाहता है उसे कठार करता है | ता त १८ ममसे कहेगा वह फ़िर दोष क्यों देता हे क्योंकि कान सकी इच्छाका साम्रा करता हे । हां पर हे मन॒ष्य त्‌ २० कान है जा इंश्वरसे बिबाद करता हे. क्या गढ़ी हुईं बस्तु गढ़नेहारेसे कहेगी तूने मुझे इस रोतिसे क्यों बनाया । अथवा क्या कुम्हारका मिट्टीपर अधिकार २१ नहीं है कि एकही पिंडमेंसे एक पाचके आदरके लिये कै टसरेकेा अनाटरके लिये बनावे। ओर यदि २२ इंश्वरने ऋपना क्रोध दिखानेकी खौर अपना सामथ्य शत ६ पच्जे ।] रामियोंका । ४०१ प्रगट करनेको इच्छासे क्राधके पाच्रांकी जे बिनाशके २३ योग्य किये गये थे बड़े धीरजसे सही . झौर दयाके पाचेंपर जिन्हें उसने महिमाके लिये आगेसे तेयार किया अपनी महिमाके धनके प्रगट करनेको इच्छा २४ किई तो तू कान है जा बिबाद करे। इन्हेंकेा उसने बुलाया भी अथात हमेंकोा जे केवल यिहृदियोंमेंसे नहीं २४ परन्तु अन्यदेशियेंमेंसे भी हैं। जेसा वह होशेयाके पुस्तकें भी कहता है कि जो मेरे ल्लाग न थे उन्हें में अपने ल्लाग कहंगा और जो प्यारी न थी उसे प्यारी २६ कहूंगा । ओर जिस स्पानमें लागेंसे कहा गया कि तुम मेरे लाग नहीं हा वहां वे जीवते इंश्वरके सन्‍्तान २७ कहावेंगे । परन्‍्त यिशेयाह इस््रायेलके विषयमें पकारता है यद्यपि इस्रायेलके सन्‍्तानेंको गिन्‍तो समट्रके बाल- को नाडें हा ताभी जे बच रहेंगे उन्हींकी रश्या हागी। र८ क्योंकि परमेश्वर बातकेा पूरी करनेवाला और धम्मेसे शीघ्र निबाहनेवाल्ना है कि वह देशमें बातका शीघ्र समाप्त रू करेगा । जैसा यिशैयाहने आगे भी कहा था कि यदि सेनाओंका प्रभु हमारे लिये बंश न छोड़ देता तो हम स- दामकी नाईें हो जाते ओर अमेराके समान किये जाते । ३० तो हम क्या कहें . यह कि अन्यदेशियोंने जो धम्मेका पीछा नहीं करते थे धम्मेके अथात उस धम्मेका ३१ जो बविश्वाससे है प्राप्त किया . परन्तु इस्रायेल्ली लोग धम्मेंकी ब्यवस्थाका पीछा करते हुण धम्मेकी ब्यवस्था- ३२ का नहों पहुंचे । किसल्िये . इसलिये कि वे बिश्वास- से नहों परन्त जैसे व्यवस्थाके कम्मांसे उसका पीछा ४७२ रोमियेंका । [१० पब्बे । करते थे कि उन्होंने उस ठेसके पत्यरपर ठोकर खाई जैसा लिखा है देखे में सियानमें एक ठेसका पत्यर ३३ और ठोकरकी चटान रखता हूं ओर जे कोई उसपर बिश्वास करे से लज्जित न होगा। १० ट्सवां पब्बे । प्‌ प्रिद्ञादयांका यत्र करना परन्त रुच्च धम्मस अज्ञान रहना | ४ व्यश्वस्थाका घम्स - और लहर घम्म जा ब्श्थासक व्वारास है छन दानांक्रा ब्योरा । १४ ससमाचारक्रा प्रचार क्पा जाना ओर यहादयाक्रा उस न सानना । हे भाइया इस्रायेलके लिये मेरे मनकी इच्छा और ९ मेरी प्राथेना जे। में इंश्वरसे करता हूं उनके चाणके लिये है। क्येंकि में उनपर साथी देता हं कि उनको इंश्वरके २ लिये धन रहती है परन्त ज्ञानकी रोतिसे नहीं । क्योंकि ३ वे इंश्वरके धम्मेके न चीनन्‍्हके पर अपनाही धम्में स्था- पन करनेका यत्र करके इंश्वरके धम्मेके अधीन नहीं हुए। क्यांकि धम्मेके निमित्त हर एक बिश्वास करनेहारेके ४ लिये खी प्र ब्यवस्थाका अन्त है। ब्येंकि मुसा उस धम्मेंके ५ विषयमें जे ब्यवस्थासे हे लिखता हे कि जो मनृष्य यह बातें पालन करे से उनसे जोयेगा | परन्तु जा ६ सर ८6. न बा ० + बज के रथ धम्मे बिश्वाससे हे सा यूं कहता है कि अपने मनमें मत कह कान स्वगेपर चढ़ेगा . यह तो खीघपृका उतार लानेके लिये होता . अयवा कान पातालमें ७ उतरेगा . यह तो खोपुकेा मृतकेांमेसे ऊपर लानेके लिये होता । फिर क्या कहता है . परन्त बचन तेरे निकट ८ तेरे मंहमें और तेरे मनमे है. यह तो बिश्वासका बचन हे जो हम प्रचार करते है . क यदि त अपने €८€ मुहसे प्रभु यीशकेा समान लेबवे ओर अपने मनसे विश्वास १० प्रब्ब ।] रामियोंका । ४०३ करे कि इंश्वरने उसको मृतकोंमेंसे उठाया तो तू चाण १० पावेगा । क्योंकि मनसे धम्मेके लिये विश्वास किया जाता हैं और मुंहसे चाणके त्लिये मान लिया जाता ११ है। क्योंकि धम्मेपस्तक कहता है किजे। कोई उसपर १२ बिश्वास करे से लज्जत न होगा । यिहूदी आर यूनानोमे कुछ भेद भो नहों हे क्येंकि सभांका एकहो प्रभु है जे सभेंके लिये जे। उससे प्रा्थेना करते हैं धनी १३ है। क्योंकि जो कोई परमेश्वरके नामको प्राथेना करेगा से चाण पावेगा । १४ फिर जिसपर लोगेंने बिश्वास नहीं किया उससे वे व्यांकर प्राथेना करें ओर जिसकी उन्होंने सुनी नहीं उसपर वे बक्यांकर बिश्वास करें तौर उपदेशक बिना वे १४ क्यांकर सुनें । ओर वे जा भेजे न जायें ते व्यांकर उपदेश करें जेसा लिखा है कि जे कुशलका-सुसमाचार सुनाते हैं अथात भली बातोंका सुसमाचार प्रचार करते १६ हैं उनके पांव केसे सुन्दर हैं । परन्तु सब लोागेंने उस सुसमाचा रका नहीं माना व्यांकि यिशैयाह कहता है हे परमेश्वर किसने हमारे समाचारका विश्वास किया १७ हे । से बिश्वास समाचारसे आऔ_और समाचार इश्बरके १८ बचनके ट्वारासे आता है। पर में कहता हूं क्या उन्होंने नहों सना . हां बरन (लिखा है) उनका शब्द सारो प्ृथि- वोीपर झेर उनको बाते जगतके सिवानोंतक निकत्ल १८ गदईू। पर में कह ता हं क्या इस्रायेत्नी ल्लाग नहीं जानते थे. पहित्ते मसा कहता है में उन्हांपर जे एक लाग नहीं हैं तमसे डाह करवाऊंगा में एक निबंदि लेोगपर हि ० । ४५०४ रोमियोंका । (११ पब्ले । तमसे क्राघ करवाऊंगा । परन्त गिशैयाह साहस करके २० कहता है कि जो मे नहीं ढंढते ये उनसे में पाया गया जो म॒क्के नहीं पछते थे उनपर में प्रगट हुआ । परन्‍्त इस्रायेली लेागोंकेा वह कहता है मेने सारे दिन २१ अपने हाथ एक आज्ञालंघन जौ बिबाद करनेहारे लेागकी ओर पसारे | १९ णग्यारहवां पब्बे । १ ईश्थरने जे डखायेली लेगेंमसे कितनेंका अपने अनुग्रहसे चुना है ओर दुसरे बखायेली लेाग पातित हणए इन बातोंके प्रमाण । ११ डस्रायेलियें के पतनक द्वारा- से अन्यदे शियेंपर कृपा हुई और लाभी इस्रायेलका मल अधिकार बना रहा इसके अन्यदे शियेंपर प्रगठ ऋरना। २५ इस्रायेलपर पोछे फिर कृपा हो गो इसका भाविष्यद्वाक्य और खिबरण । ३३ इश्वरके ज्ञान आर न्‍्यायका बस्वान । ते में कहता हूं क्या इेश्वरने अपने ल्ागोंका त्याग १९ दिया है . ऐसा न हो क्यांकि में भी इस्रायेल्ली जन इबा- हीमके बंशसे और बिन्यामीनके कुलका हूं। इंश्वरने २ अपने लोागोंका जिन्हें उसने आगेसे जाना त्याग नहीं दिया है . क्या तम नहों जानते हो कि धम्मंपुस्तक णएल्नियाहकी कथामें कया कहता है कि वह इस्रायेलके बिरुूटु इेश्वरसे बिन्ती करता है . कि हे परमेश्वर उन्हेंने ३ तेरे भविष्यद्ृक्ताओंकेा घात किया है कार तेरी बेदियोंका खेद डाला है और मेंही अकेला छूट गया हूं और वे मेरा प्राण लेने चाहते हैं । परन्तु देश्वरकी बाणी उससे 8 क्या कहती है . मैंने अपने लिये सात सहस्र मनुष्योंका रख छोड़ा है जिन्होंने बाअलके आगे घुटना नहीं टेका है। से। इस रोतिसे इस बत्तेमान समयमें भी अनुग्हसे चने ५. हुए कितने लग बच रहे हैं। जा यह अनुग्हसे हुआ ६ ११ पब्चे।] रोमियोंका । ४७०५ है ता फिर कम्मांसे नहीं है नहीं ता अनुगरह अब अनुग्रह नहीं है. पर यदि कम्मांसे हुआ है ता फिर अनु- ७ ग्रह नहीं है नहीं ता कम्मे अब कम्मे नहीं है। ते क्या है , इस्रायेली ल्लाग जिसके ढंढते हैं उसके उन्हेंने प्राप्त नहीं किया है परन्तु चुने हुओंने प्राप्त किया है ८ और टूसरे ल्लाग कठार किये गये हैं । जैसा लिखा है कि इंश्वरने उन्हें आजके दिनलां जड़ताका आत्मा हां आंखें जे न देख और कान जो न सुने दिये हैं। € और दाऊद कहता है उनकी मेज उनके लिये फंदा और जाल और ठोकरका कारण झआओर प्रतिफल हो १० जाय । उनकी आंखेंपर अन्धेरा छा जाय किवेन देखें झऔैर तू उनकी पीठके नित्य कुका दे । १९ तामें कहता हूं क्या उन्हेंने इसलिये ठोकर खाई कि गिर पड़ , णऐेसा न हो परन्‍्त उनके गिरनेके हेतसे अन्य- १२ देशियोंका चाण हुआ हे कि उनसे डाह करवावे। परन्तु यदि उनके गिरनेसे जगतका धन झआऔर उनको हानिसे अन्यदेशियेंका धन हुआ ते उनको भरपूरोसे वह धन १३ कितना अधिक करके होगा | मे तम अन्‍न्यदेशियोंसे कहता. हं . जब कि मे अन्यदेशियोंके लिये प्रेरित हूं में १४ अपनी सेवकाईंकी बड़ाई करता हं . कि किसो रीतिसे मे उनसे जो मेरे शरोरके णए्से है डाह करवाके उनमेसे १५ कई णएकके भी बचाऊं । क्येंकि यदि उनके त्याग दिये जानेसे जगतका मिलाप हुआ ते उनके ग्रहण किये १६ जानेसे क्या होगा . क्या मृतकोंमेंसे जीवन नहों। यदि पहिला फल पवित्र हैं ता पिंड भी पविच है और यदि ४५ गामियोंका । [११ पब्ख | जड़ पवित्र हैं ता डालियां भी पविच हैं । परन्तु यदि १७ डालियेंमेंसे कितनी तोड़ डाली गईं और तू जंगली जलपाई होके उन्होंमें साटा गया है और जलपाईके वृश्षकी जड़ और तेलका भागी हुआ है तो डालियोंके बिरूट् घमंड मत कर । परन्तु जा तू घमंड करे ताभी १८ त्‌ जड़का आधार नहीं परन्‍्त जड़ तेरा आधार है। फिर त्‌ कहेगा डालियां ताड़ डाली गे कि में साटा १८ जाऊं । अच्छा वे अविश्वासके हेतुसे ताड़ डाली गदं २० पर तू बिश्वाससे खड़ा है . अभिमानी मत हे परन्तु भय कर । क्योंकि यदि इंश्वरने स्वाभाविक डाल्नयां न २१ छोाड़ीों ता ऐसा न हो कि तुरके भी न छेड़े। से इश्वरकी २२ कृपा और कड़ाईकेा देख . जा गिर पड़े उनपर कड़ाई परन्तु तुकपर जो तू उसकी कृपामे बना रहे तो कृपा . नहीं तो तू भी काट डाला जायगा । और वे भी जो २३ आअबिश्वासमें न रहें ते साटे जायेंगे क्येंकि इेश्वर उन्हें फिर साट सकता है । क्यांकि यदि तू उस जलपाईके २४ वश्लसे जो स्वभावसे जंगत्ली है काटा गया और स्वभावके बिरूटु अच्छो जलपाईके वृश्षमं साटा गया ता कितना अधिक करके ये जे। स्वाभाविक डालियां हैं अपनेही जलपाईके वृध्षमें साटे जायेंगे । जैर हे भाइयेा में नहीं चाहता हूं कि तुम इस २४ भेदसे अनजान रहे ऐसा न हैा। कि अपने लेखे बुट्टिमान हाओ अथात कि जबलों अन्यदेशियेंकी सम्पूर्ण संख्या प्रवेश न करे तबलों कुछ कुछ इस्रायेलियोंकेा कठारता रहेगी। और तब सारा इस्रायेल चाण पावेगा जैसा २६ १२ पब्ले। ] रोमियोंका । ४५७ लिखा है कि बचानेहारा सियानसे आवेगा जोर २७ अधर्म्मीपनका याकूबसे अलग करेगा । जब में उनके पापषोंका टूर करूंगा तब उनसे यही मेरी ओरसे नियम र८ होगा। वे सुसमाचारके भावसे तुम्हारे कारण बैरो हैं परन्तु चुन लिये जानेके भावसे पितरोंके कारण प्यारे र८ हैं। क्योंकि इेश्वर अपने बरदानोंसे और बुलाहटसे ३० कभी पछतानेवाला नहीं । क्योंकि जेसे तुमने आगे इश्वरकी आज्ञा लंघन किईं परन्तु अभी उनके आज्ञा ३१ उल्लृंघनके हेतुसे तुमपर दया किई गई है. तैसे इन्हेंने भी अब आज्ञा लंघन किई हैं कि तुमपर जो दया किईं जाती है उसके हेतुसे उनपर भी दया किई जाय । ३२ क्योंकि इश्वरने सभोंका आज्ञा उल्लुंघनमें बन्द कर रखा इसलिये कि समभेोंपर दया करे। ३३ आहा इंश्वरके धन और बुद्धि और ज्ञालकी गंभी र- ता . उसके बिचार केसे अथाह ज्ैर उसके मागे कैसे ३४ अगम्य हैं । क्योंकि परमेश्वरका मन किसने जाना ३५ अथवा उसका मंत्री कान हुआ । अथवा किसने उसके पहिले दिया और उसका प्रतिफल उसको ३६ दिया जायगा । क्यांकि उससे ओर उसके द्वारा और उसके लिये सब कुछ है . उसका गुणानुबाद सब्बंदा होय . आझामीन। ९२ बारहवां पब्बे । १ अपने अपने पद और सामथ्पके अनुसार प्रभुकी सेवा करना बिश्वासियोंका अवण्यक है इसका बणेन । € प्रम आर नम्रता ओर च्तमा इत्यादि करनेका उपदेश । १ सी हे भाइयो में तुमसे इश्वरकी दयाके कारण बज रामियोंका । [१२ पब्ले । बिन्‍्ती करता हूं कि अपने शरीरोंके जीवता और पविच झऔर इश्वरको प्रसन्नता योग्य बल्निदान करके चढ़ाओ कि यह तुम्हारी मानसिक सेवा है। और इस संसारकी रीतिपर मत चला करो परन्त तुम्हारे मनके नये होनेसे तम्हारो चात्न चलन बदली जाय जिस्ते तम परखे कि इंश्वरको इच्छा क्थात उत्तम झखझोर प्रसन्नता याग्य और परा काय्य क्या है। क्योंकि जा अलनग्रह मर्झे दिया गया हे उससे मे तममेके हर णक जनसे कहता हं कि जे मन रखना उचित हे उससे ऊंचा मन न रखे परन्तु ऐसा मन रखे कि इंश्वरने हर ण्कके बिश्वासका जे परिमाण बांट दिया है उसके अनुसार उसके सुबुद्दधि मन हाय । क्योंकि जैसा हमें एक देहमें बहुत अंग हैं परन्तु सब अगेंके एकही काम 6५०५ बे >> बड़ 20 2 725 - ब्टड नहीं है . तैसा हम जो बहुत हैं ख्रीपृ्में एक देह हैं ज्लौर पृथक करके एक टूसरेके अंग हैं । और जे। अनुग्रह ० ८. 5 मक >> ८ ५0 हमें दिया गया है जब कि उसके अनुसार भिन्न भिन्न बरदांन हमें मित्ने हैं ता यदि भविष्यद्राणीका दान हो ते हम बिश्वासके परिमाणके अनुसार बोलें . अथवा सेवकाईका दान हो तो सेवकाईसमें लगे रहें . अथवा जे सिखानेहारा हे से शिक्षा लगा रहे . अथवा जो उपदेशक है| से उपदेशम लगा रहे . जो बांट देवे से सीधाईसे बांटे - जा अध्यक्षता करे से यत्षसे करे . ज्ञा दया करे से हपषसे करे । प्रेम निष्कपट हाय . बुराईसे घिन्न करो भलाईंमें €्‌ लगे रहे भ्राचीय प्रेमसे एक टूसरेपर मया रखे . पर- १० १३ पश्ख।] शरोमियांका । ४५०६ १९ स्पर आदर करनेमें एक टूसरेसे बढ़ चत्ना | यत्न करनेमें आतल्लसोी सत हो . आत्मामें अनुरागी हो . प्रभुकी सेवा १२ किया करो । आशासे आनन्दित हो . क्लेशमें स्थिर १३ रहे. प्रार्थेनामें लगे रहे। । पविच ले गा के जे। झ्ावश्यक हा उसमें उनको सहायता करे . अतिथिसेवाकी चेप्रा १४ करो । अपने सतानेहारोंके आशोस देओ . आशोस १५ देओ . स्राप मत देझे | आझानन्द करनेहारोंके संग आ- १६ नन्‍द करो और रोनेहारोंके संग रोओ । एक टूसरेकी ओर एकसां मन रखे . ऊंचा मन मत रखे परन्तु दीनोंसे संगति रखे . अपने लेखे बुट्रिमान मत हाओ । १७ किसीसे बुराईके बदल्ने बुराई मत करो . जो बातें सब मनुष्यांके आगे भली हैं उनकी चिन्ता किया करोा। ९८ यदि हो सके तम ता अपनी ओरसे सब मनष्योंके संग १८ मिले रहो । हे प्यारो अपना पत्नटा मत लेओ परन्‍्त क्राधका ठांव देझे क्येंकि लिखा है पल्वटा लेना मेरा काम है . परमेश्वर कहता है में प्रतिफल देऊंगा। २० इसलिये यदि तेरा शचु भूखा हा तो उसे खिल्ला यदि प्यासा हो तो उसे पिला व्येंकि यह करनेसे तू उसके २९ सिरपर आगके झअंगारोंकी ढेरी लगावेगा। बुराईसे मत हार जा परन्तु भलाईसे बुराईकेा जीत ले । १३ तेरहवां पब्बे । १ देशाधिका रियेंक बशर्म रहनेको झावश्यकता | ८ प्रेम जा व्यवस्थाका सार है छसका बरणेन | १९ समय देखके अंधकारके कार्य्पाक त्यागनेका उपदेश १ १ हर णक मनुष्य प्रधान अधिका रियोंके अधीन होवे क्योंकि कोई अधिकार नहीं है जे इश्वरकी झोरसे न बज कु 32 के ये ४८० रोमियोंका । [१३ पब्बे। हा पर जे अधिकार हैं से। देश्वरसे ठहराये हुए हैं। इससे जे अधिकारका बिशेोध करता हैं से ईश्वरको विधिका साम्रा करता है और साम्रा करनेहारे अपने लिये टंड पावेंगे । क्येंकि अध्यक्ष लाग भत्मे कामोंसे नहीं परन्तु बुरे कामोंसे डरानेहारे हैं . क्या तू अधि- कारीसे निडर रहा चाहता है . भत्ना काम कर ता उससे तेरी सराहना हेगाी क्यांकि वह तेरो भलाइईके लिये इंश्वरका सेवक है । परन्तु जे तू बुरा काम करे ता भय कर क्यांकि वह खड़केा वृथा नहीं बांधता है इसलिये कि वह ईश्वरका सेवक अथोत कुकर्म्मीपर क्राध पहुंचानेके। दंडकारक है। इसलिये अधीन होना केवतल्न उस क्राधके कारण नहों परन्तु विवेकके कारण भी अवश्य है। इस हेतुसे कर भी देओ क्योंकि वे इंश्वरके सेवक हैं जे इसी बातमें लगे रहते हैं । से सभोंका जो जे। कुछ देना डचित है से से देओ जिसे कर देना हा उसे कर देओ जिसे महसूल देना है| उसे महसूल देझे जिससे भय करना हा उससे भय करो जिसका आदर करना हो उसका आदर करो। किसीका कुछ ऋण मत धारो केवल एक टूसरेकोा प्यार करनेका ऋण व्यांकि जो टूसरेका प्यार करता है उसने व्यवस्था पूरी किई है। क्योंकि यह कि परस्तरीगमन मत कर नरहिंसा मत कर चोरों मत कर भूटी साथी मत- दे लालच मत कर और कोाई टूसरी आज्ञा यदि हाय ते इस बातमें अथात तू अपने पड़ासीकेा अपने & 49% समान प्रेम कर सबका संग्रह है। प्रेम पड़ासीको कुछ ९० | १४ पब्बे ।] रोमियोंका । ४८१ बुराई नहीं करता है इसलिये प्रेम करना ब्यवस्याका न पूरा करना है। ११ यह इसलिये भी किया चाहिये कि तुम समयके जानते है। कि नोंदसे हमारे जागनेका समय अब हुआ है ब्यांकि जिस समयमें हमने विश्वास किया उस १२ समयसे अब हमारा चाण अधिक निकट है। रात बढ़ गई है और दिल निकट आया है इसलिये हम अन्ध- कारके कार्मोका उतारके ज्योतिकी किलम पहिन ले । १३ जैसा दिनके चाहिये तैसा हम शुभ रीतिसे चले . लीला क्रीड़ा आओ मतवालपनमें अथवा ब्यभिचार जे १४ लुचपनमें अथवा बेर औओ डाहमें न चले । परन्त प्रभु यीश ख्रीपके पहिन लो जैौर शरोरके लिये उसके अभिलाषोंका पूरा करनेके चिन्ता मत करे । १४ चाट्हवां पब्बे । १ दुब्बेल भाईसे सक्षम बालोंका बिबाद करनेका निषेध | ६ इसका पहिला प्रमाण अत सब बिश्वासी लाग प्रभुदीक अधीन हें । १३ दसरा प्रमाण अत भाईका झाोकर खिलाना उचित नहां है । १६ तोसरा प्रमाण अर्थात इेश्जरका राज्य आत्मक राज्य डै जिरूम भेजनका व्यारा नहों परत प्रेमकों चाल अति आवश्यक है । २२ दुढ बिश्वाससे चलनेका उपदेश । १ जो बिश्वासमें ट्ब्बेल है उसे अपनी संगतियें ले २ लेओ ग पर उसके सतका बिचार करनेके नहीं । ण्क जन बिश्वास करता है कि सब कुछ खाना उचित है ३ परन्तु जा ट्ब्बेल है से साग पात खाता है। जा खाता है से न खानेहारेके तुच्छ न जाने और जो नहीं खाता है से खानेहारेके दोषी न ठहरावे क्योंकि ४ इंश्वरने उसके ग्रहण किया है। त्‌ कौन है जा पराये 6] [ कि /७-- ४८२ रामियोंका । (१४ पब्ब । सेवककेा दोषी ठहराता है . वह अपनेही स्वामीके आगे खड़ा होता है अथवा गिरता है . परन्तु वह खड़ा रहेगा क्योंकि इेश्वर उसे खड़ा रख सकता है। एक जन एक दिनको टूसरे दिनसे बड़ा जानता है टूसरा जन हर णक दिनको ण्कसां जानता है . हर एक जन अपनेही मनमे निश्चय कर लेवे । जे दिनकोा मानता है सो प्रभुके ल्मिये मानता है और जा दिनकेा नहीं मानता है सो प्रभके लिये नहीं मानता है . जा खाता है सा प्रभके लिये खाता है ब्यांकि वह इंश्वरका धन्य मानता है और जो नहां खाता है से प्रभुके लिये नहीं खाता है और इश्वरका धन्य मानता है। क्यांकि हममेंसे काई अपने लिये नहीं जोता है और कोाई अपने लिये नहीं मरता है। क्योंकि यदि हम जीवें ते प्रभुके लिये जीते हैं और यदि मरे तो प्रभुके लिये मरते हैं सा यदि हम जोवें अथवा यदि मरे ता प्रभुके हैं । क्योंकि इसो बातके लिये ख्रीप् मरा और उठा और फिरके जीया भी कि वह मृतकों ओे जीवतोंका भी प्रभ हावे । त अपने भाईको क्यों दोषी ठहराता है अथवा त भी अपने भाईकोा क्यों तुच्छ जानता है क्योंकि हम सब ख्रोपके बिचार आसनके आगे खडे होंगे। क्योंकि लिखा है कि परमेश्वर कहता है जा में जीता हूं ता मेरे आगे हर णक घटना ककेगा आर हर एक जीभ इंश्वरके आगे मान लेगी । से हममेंसे हर एक इश्वरकेा अपना अपना लेखा देगा। १०. श्र + १४ पब्बे ।] रोमियोंका । ४८३ कै | १३ सा हम अब फिर एक टूसरेका दोषी न टहरावें परन्‍्त तम यही ठहराओ कि भाईके आगे हम टेस १४ अथवा ठोकरका कारण न रखेंगे । में जानता हूं आर प्रभु यीशुसे मुझे निश्चय हुआ है कि काई बस्त आपसे अशहु नहीं है केवल जा जिस बस्तके अशठु जानता . १४ है उसके लिये वह अशटटु है। यदि तेरे भाजनके कारण तेरा भाई उदास होता है ता त अब प्रेमकी रोतिसे नहों चलता है . जिसके लिये स्रीप मझा उसके त अपने भाजनके द्वारासे नाश मत कर । १६ सी तम्हारोी भलाईकी निन्‍दा न किई जाय। . १९७ क्याक इश्वरका राज्य खाना पाना नहा है परनन्‍्त धम्मसे और मिलाप और आनन्द जे पविच आत्मासे है। ९८ व्यांकि जा इन बातोंमें ख्ीप्र॒की - सेवा करता है से इंश्वरका भावता और मनुष्योंके यहां भल्ला ठहराया . (८ जाता है। इसलिये हम मिलापकी बातें जआैर णक २० टूसरेके सुधारनेको बातोंको चेप्ठा करें । भाजनके हेत इंश्वरका काम नाश मत कर . सब कुछ शद तो है परन्‍्त जो मनुष्य खानेसे ठोकर खिल्लाता है उसके लिये २९ बुरा है । अच्छा यह है कि तू न मांस खाय न दाख रस पीय न काई काम करे जिससे तेरा भाई ठेस अथवा ठोकर खाता है अथवा टुब्बेल होता है। २२. क्या तुरे बिश्वास है. उसे इश्वरके आगे अपने मनमें रख . धन्य वह है कि जो बात उसे अच्छी देख २३ पड़तो है उसमें अपनेकेा दोषी नहीं ठहराता है। परन्‍्त जा सन्देह करता है से यदि खाय तो दंडके योग्य टहरा ४८७ रामियोंका । [१४ पब्ले । है क्येंकि वह बिश्वासका काम नहों करता है . परन्तु जे जे काम बिश्वासका नहीं हे से पाप है । १४ पन्द्रहवां पब्बे । १ दब्बैल भानके विषयके उपदेशका चौथा प्रमाण अग्येत्त सत्रीप्टने ऐेसाही नमना दिखाया । ८ स्क्षीन्‍्टका यघिहदी और अन्यदेशो देोनेंक़ा त्राणकत्ता डेाना। १६ शेमीय मंडलोीके पास लिखनेम प्रावलका अभिप्राय। १9 उसकी रूंवकाईका बर्णन । २२ रोम नगर जानेको इच्छा । ३० मेंडलोस यह बिन्‍्तो करना कि के उसके लिये प्राेना करें । हमें जे। बलवन्त हैं उचित है कि निब्बेलांकी टुब्बेल- ९ ताओंका सहें ओर अपनेहीकेो प्रसन्न न करें। हममेंसे हर एक जन पड़ेोसीको भलवाईके लिये उसे सुधारनेके निमित्त प्रसन्न करे । क्येंकि ख्रीपुने भी अपनेहीकेा ३ प्रसन्न न किया परन्तु जैसा लिखा है तेरे निन्‍दकांकी निन्‍्दाकी बातें मुझपर आ पड़ीं। क्येंकि जे कुछ आगे ४ लिखा गया से हमारी शिक्षाके लिये लिखा गया कि धीरताके और शांतिके द्वारा जी धम्मेपुस्तकसे होती है « हमें आशा हाय । और धीरता और शांतिका इंश्वर ५ तम्हे खीपू यीशके अनुसार आपसमे एकसा मन रखनेका दान देवे . जिसत तम णएक चित्त हाोके एक मंहसे हमारे ६ प्रभु योश खोध्के पिता इंश्वरका गुणानुबाद करे । इस 9 कारण इश्वरकी महिमाके लिये जेसा खीपुने तुम्हे ग्रहण किया तेंसे तुम भी एक टूसरेके ग्रहण करे । में कहता हूं कि जो प्रतिज्ञाएं पितरोंसे किदे गई उन्हें टढ़ करनेका यीशु ख्रीप इश्वरको सच्चाईके लिये खतना किये हुए लागोंका सेवक हुआ । पर अन्यदेशी < ल्लाग भी दयाके कारण इंश्वरका गुणानुबाद करें जेसा १४ पब्जे ।] रोमियेंका । ४८४ लिखा है इस कारण में अन्यदेशियोंमें तेरा धन्य मालूंगा - ९१० और तेरे नामकी गीतें गाऊंगा | और फिर कहा हे हे १९ अन्यदेशिया उसके लेागोंके संग आआनन्‍ट करो । ओआर फिर हे सब अन्यदेशिया परमेश्वर॒को स्तुति करो ओर १२ हे सब लेगा उसे सराहा । और फिर यिशैयाह कहता हैँ यबिशीका एक मूल होगा और अन्यदेशियोंका प्रधान होनेके एक उठेगा उसपर अन्यदेशी लेाग आशा रखेंगे। १३ आशाका इंश्वर तम्हें बिश्वास करनेमें सब्बे आनन्द आर शांतसे परिपणे करे कि पविच आत्माके सामथ्यसे तम्ह अधिक करके आशा होय । १४ हे मेरे भाइयाो मे क्राप भो तम्हारे विषयमे निश्चय जानता हँ कि तस भी आझापहो भलाइसे भरपर जा सारे ज्ञानसे परिपण हो ओर एक टसरेके चिता सकते १५ हो । परन्‍्त हे भाइयो मेने तम्ह चेत दिल्वाते-हणए तम्हारे पास कहीं कहीं बहत साहससे जे लिखा हैं यह उस अनुयहके कारण हुआ जो इंश्वरने मुर्के दिया है. १६ इसलिये कि में अन्यदेशियोंके लिये यीश ख्रीध्रका सेवक हाऊं और इंश्वरके सुसमाचारका याजकीय कम्से करूं जिस्तें अन्यदेशियेंका चढ़ाया जाना पवित्र आत्मासे पविच किया जाके ग्राह्म हाय । १७ से उन बातेंमें जे इंश्वरसे संबन्ध रखतो हैं मु्के १८ ख्रीपर योशुर्में बढ़ाई करनेका हेतु मिलता है। क्योंकि जे। काम खोपृने मेरे द्वारासे नहीं किये उनमेंसे में किसी कामके विषयमें बात करनेका साहस न करूंगा परन्त उन कासोंके विषयर्मं कहूंगा जे! उसने मेरे द्वारासे 200” शक अल जक8 पद रोमियेोंका । [१४ पब्बे । अन्यदेशियोंकी अधीनताके लिये बचन जे कम्मेसे खेर चिन्हों औ अठ्ृत कामोंके सामथ्यंसे ओर इईश्वरके आत्माकी शक्तिसे किये हैं . यहांतलां कि यिरुशतल्लीम और चारों ओरके देशसे लेके इल्लूरिया देशत्नलों मेने ख्रीषुके ससमाचारक्ा सम्पणे प्रचार किया है। परन्‍्त में ससमा- चारकोा इस रोतिसे सुनानेकी चेष्ठा करता था अथात कि जहां खीपृका नाम ल्निया गया तहां न सुनाऊं ऐसा न है| कि पराई नेवपर घर बनाऊं . परन्तु णेसा सुनाऊं जैसा लिखा है कि जिन्हें उसका समाचार नहीं कहा गया वे देखेंगे और जिन्हेंने नहीं सुना है वे सम्ेगे। इसी हेतुसे में तुम्हारे पास जानेमें बहुत बार रुक गया । परन्तु अब मुझे इस ओरके देशेंमें और स्थान नहीं रहा है और बहुत बरसेंसे मु्के तुम्हारे पास आनेकी लालसा है . इसलिये में जब कभी इस्पानिया देशकेा जाऊं तब तुम्हारे पास आऊंगा क्योंकि में आशा रखता हूं कि तुम्हारे पाससे जाते हुु तुम्हें देखूं और जब मैं पहिले तुमसे कुछ कुछ तृप्त हुआ हूं तब तुमसे कुछ टूर उधर पहुंचाया जाऊं । परन्तु अभो में पवित्र त्लागोंकी सेवा करनेके लिये यिरूशतल्नीमका जाता हूं। क्येंकि माकिदानिया और आझाखायाके ले गेंकी इच्छा हुईं कि यिरूशलीमके पविच लेोगोंमे जे कंगाल है उनकी कुछ सहायता करें। उनकी इच्छा हुईं ओर वे उनके ऋणोी भोी है क्येंकि यदि अन्यदेशो ल्लाग उनकी आपत्मिक बस्तओंमें भागी हुए तो उन्हें उचित हे कि 2 8 न १ २२0 २९ २8 २५ रद ब्र्छ शारोरिक बस्तओंम उनकी भी सेवा करे । से जब में यह २८ १६ पब्ब ।] रामियांका । ४८७ काय्ये पूरा कर चुकूं और उनके लिये इस फलपर छाप दे चुकूं तब तुम्हारे पाससे हाके इस्पानियाकेा जाऊंगा। २८ और में जानता हं कि तम्हारे पास जब में आऊं तब ख्रीपषृके सुसमाचारको आशोसको भरपरीसे आऊंगा। ३० आर हे भाइयो हमारे प्रभु यीश खीघ्॒के कारण ओर पविच जआत्माके प्रेमके कारण में तमसे बिन्‍्ती करता हं कि इश्वरसे मेरे लिये प्राथेना करनेमे मेरे संग परिफ्रम ३१ करो . कि मे यिहृदियामेके अबविश्वासियोंसे बच खेर कि यिरूशलीमके लिये जा मेरी सेवकाई है से पविच ३२ लोगोंका भावे . जिस्तें में इेश्वरकी इच्छासे तुम्हारे पास ३३ आनन्दसे आऊं और तुम्हारे संग बिच्राम करूं। शांतिका इश्वर तुम समभोंके संग हावे . आमीन। १६ सेल्नहवां पब्बे । 3 2०-७0 कं. ० पावलका रामियांस बिन्‍तों करना कि फेंजोी बॉडिनका ग्रहण करें। ३ अनेक बिश्लासियाों ओर बिश्ञासिनियोांके प्रास नमस्कार लिखना । १७ ठाकर खिलाने हारोंके विषयमे उन्हे चिताना। २१ अपनो ओर कितने भा इयेंकी ओरसे नमस्कार लिखना । २५ इंश्वरका धन्यवाद करके पत्रोका समाप्त करना । ब्् १ मैं तम्हारे पास हम लोागोांकी बहिन फेबीकेा जो २ किंक्रियामेंकी मंडलीको सेवकी हे सराहता हूं . जिस्तें तम उसे प्रभमें जेसा पविच लेागेंके योग्य है वैसा ग्रहण करो ज्लार जिस किसी बातमें उसके तमसे प्रयाजन होय उसके सहायक हो आओ क्येंकि वह भी बहत लोगों को और मेरो भी उपकारिणी हई है । ३ प्रिस्कीला और अकल्लाका जो ख्रीपघ्र यी शर्में मेरे सह- ४8 कर्म्मी हैं नमस्कार । उन्हेंने मेरे प्राणके लिये अपना ही गला धर दिया जिनका केवल में नहीं परन्तु अन्यदेशियों- ४८८ रोमियोंका । [१६ पब्क । की सारी मंडलियां भी धन्य मानती हैं। उनके घर मे की संडतल्तीके भी नमस्कार . इपेनित मेरे प्यारेका जो ख्री पके लिये आशियाका पहिला फल है नमस्कार । मरियम- के जिसने हमारे लिये बहुत परित्रम किया नमस्कार । अन्द्रेनिक और यूनिय मेरे कुटुंबां ओर मेरे संगी बन्धु- ओके जो प्रेरितेंमें प्रसित्‌ हैं आर सुकसे पहिल्ले खीपू- में हए थे नमस्कार । अम्पत्लिय प्रभम मेरे प्यारेका नमस्कार । उब्बान ख्ीपृर्मे हमारे सहकम्मीकेा और स्‍्ताख्‌ मेरे प्यारेका नमस्कार । अपिल्लिका जो खोपृुमें जांचा हुआ है नमस्कार . अरिस्तबूलके घरानेके ले-. गांके नमस्कार | हेरादियान मेरे कुटुंबका नमस्कार . नकिसके घरानेके जो ल्ाग प्रभुम ह उन्हें के नमस्कार । चुफेना और चुफेसाको जिन्हेंने प्रभुमें परिप्रम किया नमस्कार .प्यारो परसोका जिसने प्रभुमें बहुत परित्रम किया नमस्कार | रूफके जो प्रभम चना हुआ है ओर उसको ओ मेरो माताके नमस्कार | असंक्रित ओ फिलेगोलन ओ हमसा ओ पाचाबा जे हमीकेा ओर उनके संगके भाइयोंकेा नमस्कार | फिललेग ओ य- लियाका जैौर नीरिय और उसकी बहिनका और उल्लुम्पाका आर उनके संगके सब पविच ल्ागोंका नमस्कार । एक टूसरेके पविच चूमा लेके नमस्कार करे . तुमको खीपृकी मंडलियेंकी ओरसे नमस्कार । हे भाइयो में तुमसे बिन्ती करता हूं कि जे। लाग उस शिक्षाके बिपरीत जे तुमने पाई है नाना भांतिके बिरोध और ठेोकर डालते है उन्हें देख रखे खेर उनसे फ़िर ५ हर १0 है १७ १६ पब्ब ।] व रामिय्रांका । ४८६ १८ जाओ।। क्योंकि ऐसे लोग हमारे प्रभु यीशु खीघृकी नहीं परन्‍्त अपने पेटकी सेवा करते हैं त्लैर चिकनी और १८ मीठी बातोंसे सधे ल्लागेंके मनके धघाखा देते हैं। तम्हारे आज्ञापालनका चचीा सब लोगोंमें फेल गया हे इससे मे तुम्हारे विषयमें झानन्द करता हूं परन्तुर्मे चाहता हूं कि तुम भलाईके लिये बुट्टिमान पर बुराइके लिये सूधे हा ओ। २० शांतिका इंश्वर शैतानका शीघ्रतुम्हारे पाओं तत्ने कुचले- गा . हमारे प्रभु यीश खीघृका अनुग्रह तुम्हारे संग हा य। २९ तिमीाथिय मेरे सहकम्मीका और लूकिय ओ यासे।न २२ लओ सेसिपातर मेरे कुटुंबांका तुमसे नमस्कार । मुझ तत्तिय पत्चीके लिखनेहारेका प्रभुमें तुमसे नमस्कार । २३ गायस मेरे और सारी मंडलीके आतिथ्यका रीका तुमसे नमस्कार . इरास्तका जे। नगरका भंडारी है और भाई २४ क्ातंका तमसे नमस्कार । हमारे प्रभु यीश खरीप्रका -आअनग्रह तम सभोंके संग हाय . आमोन । २५ जो मेरे सुसमाचारके अनुसार और यीश खोपके विषयके उपदेशके अनसार अथात उस भेदके प्रकाशके २६ अनुसार तम्हें स्थिर कर सकता हे . जो भेद्‌ सनातनसे गप्तन रखा गया था परन्त अब प्रगट किया गया है और सनातन इईश्वरकी आज्ञासे भविष्यद्राणीके पुस्तकके द्वारा सब देशेंके लेगेंके बताया गया है कि वे बिश्वा- २७ ससे आज्ञाकारों हा जाय . उसका अथात अटदुत बुट्टिमान इेश्वरकोा यीशु खरी पके द्वारासे धन्य है। जिसका गणानुबाद सब्बेदा हावे । आमीन ॥ 62 करिन्थियांकेा पावल प्रेश्तिकी पहिली पत्री । १ पहिला पब्बे। १ पनच्नोका आभाष । ४ करिन्धियोंके विप्रयर्मं पावलका घन्यथाद । १७० उन्हेंमेके बिमेदेंका बन ओर उनके विषयर्म उन्हे समकाना। १८ योशुको मृत्यका सुसमा- चार प्रचार करनेके गुण। २६ इश्वारका अध्म लागे के अपनो मंडलोम बुलाना। पावल जे इंश्वरकी इच्छासे यीश ख्रीप्रका बुल्लाया हुआ प्रेरित है और भाई सेस्पिनी . इंश्वरकी मंडलीकेा जा करिनन्‍्थमे है जे ख्रीप्र यीशर्मं पविच किये हुए ओर ब॒ल्लाये हुए पविच ल्लाग है उन सभोंके संग जे हर स्थानमें हमारे हां उनके ओर हमारे भी प्रभु यीश ख्रीपुके नामको प्राथना करते हें . तुम्ह हमारे पिता इंश्वर और प्रभु यीश खीपसे अनुमरह और शांति मित्ने। . में सदा तम्हारे विषयमें अपने इंश्वरका धन्य मानता हूं इसलिये कि इंश्वरका यह अनुयह तुम्हे खीप यीशुमें दिया गया . कि उसमें तुम हर बातमें अथात सारे बचन और सारे ज्ञानमें धनवान किये गये. जैसा खरीष्॒के विषयकी साश्षी तुम्हेंमें टूढ़ हुईं . यहांल्लां कि किसी बर- दानमे तम्हें घटो नहों हे ओर तम हमारे प्रभ॒यीश खीघृके प्रकाशकी बाट जाहते हा । वह तुम्हे अन्तत्नां भी दूढ़ करेगा शेसा कि तुम हमारे प्रभु यीशु ख्रीपृके दिनमें निर्देष हे।गे । इश्वर बिश्वासयेग्य है जिससे तुम उसके पुत्र हमारे प्रभु यीशु खीघपृको संगतिमें बुल्वाये गये। 4५» +& | #7:4 4वािलग 35-०७. | 4 पब्बे ।] १ करिन्थियोंका । | ४६१ ः १०. हे भाइयो में तुमसे हमारे प्रभु यीशु खीप्ृके नामके कारण बिन्ती करता हूं कि तुम सब एकही प्रकारकी बात बाला और तुम्हें में बिभेद न हावें परन्त एकही मन और ११ एकही बिचारमें सिट्ठु हाओ । क्योंकि हे मेरे भाइयोा क्लाईंके घरानेके लागेंसे मुकपर तुम्हारे विषयमें प्रगट १२ किया गया है कि तुम्हेंमें बेर बिरोध हैं । और मैं यह कहता हूं कि तुम सब यूं बालते है। काई कि में पावलका हूं काई कि में अपल्लोकका काई कि में कैफाका काई कि १३ में ख्रीपुका हूं । क्या ख्रीप्र बिभाग किया गया है . क्या पावल तुम्हारे लिये क्र्शपर घात किया गया अथवा १४ क्या तुम्हें पावलके नामसे बपतिसमा दिया गया। में इश्वरका धन्य मानता हूं कि क्रीस्प और गायसकेा छाड़के मैंने तुममेंसे किसीके बपतिसमा नहीं दिया . १४ ऐसा न हा कि काई कहे किमेंने अपने नामसे बअपतिसमा १६ दिया । और मैंने स्तिफानके घरानेका भी बपतिसमा . दिया . आगे मैं नहीं जानता हूं कि मैंने और किसीके १७ बपतिसमा दिया । क्यांकि ख्रीपने मुझे बपतिसमा देनेके नहों परन्‍त सुसमाचार सुनानेकेा भेजा पर कथाके ज्ञानके अनुसार नहीं जिस्तें ऐसा न है कि ख्रीपका क्रूश ब्यथे ठहरे । “उ 5 ३ स की 2/5०- १८... क्योंकि क्रूशकी कथा उन्हें जा नाश होते हैं मू्खता है परन्तु हमें जो चाण पाते हैं इश्वरका सामथ्ये है। १९ क्योंकि लिखा है कि मैं ज्ञानवानेंके ज्ञानकेा नाश करूंगा २० ओर बहिमानोंको बुह्िंके तुच्छ कर देऊंगा। ज्ञानवान ब्ट् कहां है. अध्यापक कहां . इस संसारका बिबादी कहां . ४६२ 4१ करिन्थियेंको । [१ पब्जे । क्या इंश्वरने इस जगतके ज्ञानका मूखंता न बनाई है । क्योंकि जब कि इश्वरके ज्ञानसे यूं हुआ कि जगतने २९ ज्ञानके ट्वारासे इंश्वरके न जाना तो इंश्वरको इच्छा हुईं कि उपदेशको मूखताके ट्वारासे बिश्वास करनेहारों- के बचावे | यिहदी लाग ते चिन्ह मांग कर यनानी २२ लोग भी ज्ञान हढंढ़ते हैं . परन्‍त हम लोग क्रशपर मारे २३ गये ख्रीप्रका उपदेश करते हैं जा गिहूदियांका ठोकरका कारण ओर यनानियोंका मखता हे . परन्त उन्हेंके हां २४ यिहृदियांका और यूनानियोंकेा भी जे बुलाये हुए है इंश्वरका सामथ्ये और इंश्वरका ज्ञान रूपी खरीघ्र है । क्योंकि इश्वरकी मर्खता मनष्यांसे अधिक ज्ञानवान है २४ ज्जैर इंश्वरकी ट्ब्बेलता मनष्यांसे अधिक शक्तिमान है। व्यांकि हे भाइये तुम अपनी बुलाहटको देखते है| २६ कि न तुममें शरीरके अनुसार बहुत ज्ञानवान न बहुत सामर्थी न बहुत कुल्लोन हैं । परन्तु इेश्वरने जगतके २७ मर्खांके। चुना हे कि ज्ञानवानोंका लज्जित करे ओर जगतके दुब्बेलांका इश्वरने चुना है कि शक्तिमानोंका लज्जित करे । आर जगतके अधमी आओर तुच्छोंका हां २८ उन्हें जा नहीं हैं देश्वरने चुना है कि उन्हें जो हैं लेप करे . जिस्त कोई प्राणी इंश्वरके आगे घमंड न करे। २८ उसीसे तम खीक्ष योशर्से हुए हो जो इंश्वरकों ओरसे ३० हमोंकेा ज्ञान ओ धम्में जे पविचता ओ उद्वार हुआ है. जिस्त जेसा लिखा है जे बड़ाई करे से परमेश्बरके ३१ विषयमें बड़ाई करे । है * | २ पत्छे ।] १ करिन्थियोंका । ४६३ २ टूसरा पब्चे । १ प्रायलकका अपने उपदेशका बर्णन करना कि सांसारिक जानस रहित परन्तु ड्श्वरके सामथ्यक साथ था | ६ और उससे देव्य ज्ञानका प्रकाश प्रा जा केवल पवित्र आत्माक्रो सहायतास समझा जाता है। १ हे भादयो में जब तुम्हारे पास आया तब बचन अथवा ज्ञानकी उत्तमतासे तुम्हें इंश्वरकी साथी सुनाता २ हुआ नहों आया। क्योंकि मेने यही ठहराया कि तुम्हों- में आर किसी बातको न जानू केवल यीश ख्रीपर॒का हां ३ क्रूशपर मारे गये ख्रीप्रके । और में टुब्बेलता और भयके ४ साथ और बहुत कांपता हुआ तुम्हारे यहां रहा। और मेरा बचन और मेरा उपदेश मनुष्योंके ज्ञानकी मनाने- वाली बातोंसे नहीं परन्तु आत्मा और सामथ्यके ५ प्रमाणसे था . जिस्ते तुम्हारा बिश्वास मनुष्योंके ज्ञानपर नहीं परन्तु इंश्वरके सामथ्येपर होवे। ६ तोभी हम सिट् लागोंमें ज्ञान सनाते हैं पर इस संसारका अथवा इस संसारके लोाप हेनेहारे प्रधानीं का ७ ज्ञान नहीं । परन्तु हम एक भेदमें इंश्वरका गुप्त ज्ञान जिसे इंश्वरने सनातनसे हमारी महिमाके लिये ठहराया ८ सुनाते हैं . जिसे इस संसारके प्रधानांमेंसे किसीने न जाना व्यांकि जा वे उसे जानते तो तेजेमय प्रभुका € क्रूशपर घात न करते। परन्तु जैसा लिखा है जो आंखने नहीं देखा और कानने नहीं सुना है और जे मनृष्यके हटयमें नहीं समाया है वही है जे इंश्वरने उनके लिये १० जो उसे प्यार करते हैं तैयार किया है। परन्तु इेश्वरने उसे अपने आत्मासे हमेंपर प्रगट किया है क्योंकि आत्मा सब बातें हां इंश्वरको गंभीर बातें भी जांचता ४६४ १ करिन्थियेंका | [३ पछ्ले। है। ब्येंकि मनुष्येमेंसे कान है जे मनुष्यकी बातें जानता है केवल मनुष्यका आत्मा जो उसमें है . बैसे- हो इंश्वरको बातें भी काई नहों जानता है केवल इंश्वरका आत्मा । परन्तु हमने संसारका आत्मा नहीं पाया है परन्तु वह आत्मा जो इंश्वरकी ओरसे है इसलिये कि हम वह बातें जाने जो इंश्वरने हमें दिई हैं . जा हम मनुष्येंके ज्ञानकी सिखाई हुई बातोंमें नहीं परन्तु पविच आत्माकी सिखाई हुई बातोंमें आ- त्मिक बातें आत्मिक बातेंसे मिला मिलाके सुना ते हैं। परन्तु प्राणिक मनुष्य इंश्वरके आत्माको बातें ग्रहण नहीं करता है क्यांकि वे उसके लेखे मू्खता हैं और वह उन्हें नहों जान सकता है क्यांकि उनका बिचार आत्मिक रीतिसे किया जाता है। आत्मिक जन सब कुछ बिचार करता है परन्तु वह आप किसीसे बिचार नहीं किया जाता है। क्यांकि परमेश्वरका मन किसने जाना है जा उसे सिखावे . परन्तु हमके ख्रीपका मन है । ३ तीसरा पब्बे । १ करिन्थियेंकी शारोरिक चालका उलहना । ४ प्रेरितांके यथाथे पदका निरेय । १० स्त्रोष्ट जा मेंडलाकों नेत्र हे उसपर बनानेक्रो विधि । १६ इंश्वरके मन्‍्दरको पांवन्रता । १८ सांसारिक ज्ञानकों नष्फलता । हे भाइयो में तमसे जेसा आत्मिक लेगेंसे तैसा नहों बात कर सका परनन्‍्त जैसा शारीरिक लोगेंसे हां जैसा उन्होंसे जे। स्नीप्र॒में बालक हैं। मेने तुम्ह टूघ पिलाया अन्न न खिलाया क्यांकि तुम तबलें नहों खा सकते थे बरन अबल्नों भो नहीं खा सकते हे ब्यांकि अबल्मों शारीरिक हो । क्योंकि जब कि तुम्होंमें डाह और बेर ११ १२ १४ १४ १६ । व्न्ज् बड | ३ पब्जे ।] १ करिन्थियोंका । ४६४ और बिराध हैं ता क्या तुम शारीरिक नहों हा और ४ मनष्यकी रोतिपर नहीं चलते हो | क्योंकि जब एक कहता है में पावल्का हूं और टूसरा में अपल्लाका हूं ते क्या तम शारारिक नहों हो । ४ तो पावल कोन है और अपल्ली कान है . केवल सेवक ल्लाग जिनके द्वारा जैसा प्रभुने हर एकके दिया ६ तैसा तुमने बिश्वास किया । मैंने लगाया अपन्लोने ७ सींचा परन्त इंश्वरने बढ़ाया। सो न तो लगानेहारा कुछ है ओर न सींचनेहारा परन्तु इेश्वर जो बढ़ाने- ८ हारा है। लगानेहारा और सींचनेहारा दोनों एक हैं परन्तु हर एक जन अपनेही परिघत्रमके अनुसार € अपनीहो बनि पावेगा । क्यांकि हम इंश्वरके सह- कर्म्मी हैं . तुम इेश्वरकी खेती इंश्वरकी रचना हो । १०. इेश्वरके अनुग्रहके अनुसार जो मु दिया गया मैंने ज्ञानवान थवईकोी नाई नेव डालो है और ट्सरा मनष्य उसपर घर बनाता है . परन्त हर णक मनष्य सचेत १९ रहे के वह किस रोीतिसे उसपर बनाता है। क्येंकि जे नेव पड़ी है अथेत यीश खीघ् उसे छोड़के ट्सरी नेव १२ कोई नहीं डाल सकता है । परन्‍्त यदि का ई इस नेवपर सेना वा रूपा वा बहुमूल्य पत्यर वा काठ वा घास वा १३ फूस बनावे . ता हर एकका काम प्रगट हो जायगा क्यों- कि वही दिन उसे प्रगट करेगा इसलिये कि झ्राग सहित प्रकाश हाता है और हर एकका काम कैसा है से वह १४ आग परखेगों । यदि किसीका काम जे उसने बनाया १४ है ठहरे तो वह मजूरी पावेगा । यदि किसीका काम धध्द्व १ करिन्थियोंका । [४ पब्जे । जत्न जाय तो उसे टूटी लगेगी परन्तु वह आप बचेगा पर शेसा जैसा आगके बीचसे होके काई बचे । क्या तम नहों जानते हा। कि तुम इंश्वरके मन्दिर हो। १६ आर इंश्वरका आत्मा तंममे बसता है। यदि का ई मन्‌ष्य १७ इंच्वरके मन्टिरिका नाश करे ता इृश्वर उसके नाश करेगा क्येंकिदेश्वरका मन्दिर पविच है और वह मन्दिर तुम है।। काई अपनेके छल न देवे , यदि काई इस संसारमे १९८ अपनेका तुम्होंमें ज्ञानी समझे ते मूर्ख बने जिस्तें ज्ञानी हा जाय | क्येंकि इस जगतका ज्ञान इंश्वरके यहां ९८ मर्खता है क्योंकि लिखा हे वह ज्ञानियोंके उनको चतराईसमें पकडनेहारा है। खैर फिर परमेश्वर ज्ञानियों- २० को चिन्ताए्ं जानता हे कि वे ब्यथ हैं। से मनष्याोंके २९ विषयमें कोई घमंड न करे क्योंकि सब कुछ तुम्हारा है । क्या पावत्न क्या अपलूा क्या कैफा क्या जगत क्या २२ जीवन क्या मरण क्या बत्तेमान क्या भविष्य सब कुछ तु- म्हारा है। और तुम ख्रीपरके हे। और ख्रीप इेश्वरका है। २३ ४ चाया पब्बे। प्रेरत लाग ईश्वरक संबक हें ओर उनका विचार इेश्वरही करेगा इसका बरणन | ६ अभिमान ओर बिभेदका उलहना ओर प्ररितेंके दु:ख और दोनताडैका बखान । १४ प्ावलका कारान्ययाक्रा बालक्राक्रा नाह उप्दरश दना आर आभमानयाक्रा गथच लाना । यही मनृष्य हमें खोष॒के सेवक और इश्वरके भेदोंके १ भंडारो करके जाने । फिर भंडारियोंमे लोग यह चाहते २ हैं कि मनृष्य बिश्वासयाोग्य पाया जाय । परन्त मेरे ३ लेखे अति छोटी बात है कि मेरा बिचार तम्होंसे अथवा मनुष्यके न्‍्यायसे किया जाय हां में अपना बिचार भी के ४ पब्ले।] १ करिन्थियोंको । ४8६७५ ४ नहीं करता हूं। क्यांकि मेरे जानतेमें कुछ मुझसे नहों हुआ परन्तु इससे मे निर्दाष नहीं ठहरा हूं पर मेरा ४ बिचार करनेहारा प्रभु है । से जबलों प्रभुन आवे समयके जझागे किसो बातका बिचार मत करो . वहो ते अन्धकारकी गुप्त बातें ज्यातिमें दिखावेगा और हटयोंके परामशांकोा प्रगट करेगा जआ्जर तब इंश्वरकी आओरसे हर एककी सराहना होगी। ६ इन बातोंका है भाइयो तुम्हारे कारण मैंने अपनेपर और अपल्लापर टूप्रान्तसा ल्वगाया है इसलिये कि हमें - ०-5 «५ ० / ु € ब्यु्‌ - (७ में तुम यह सीखे कि जे। लिखा हुआ है उससे अधिक ऊंचा मन न रखे जिस्तें तुम एक टूसरेके पश्षमें और ७ मनुष्यके बिरुटु फूल न जावी। क्यांकि कौन तुर्े भिन्न करता है . और तेरे पास क्या है जो तूने टूसरेसे नहीं पाया है . और यदि तूने टूसरेसे पाया है ते! क्यों ऐसा ८ घमंद करता है कि मानो टूसरेसे नहीं पाया | तुम तो तृप्त हा चुके तुम धनी है। चुके तुमने हमारे बिना राज्य किया हैं हां में चाहता हूं कि तुम राज्य करते जिस्त € हम भो तुम्हारे संग राज्य करे। क्यैांकि में समझता हूं कि इंश्वरने सबके पीछे हम प्रेरितेंके जेसे मृत्यके लिये ठहराये हआओंकों प्रत्यक्ष दिखाया है क्योंकि हम जगतके हां टूतां ओर मनुष्येंके आगे लीलाके ऐसे बने १० हैं । हम खोष॒के कारण सख हैं पर तुम खो प॒में बद्धिमान हो . हम टब्बेल हैं पर तम बलवन्त हो . तम मय्या- १९ दिक हो पर हम निरादर हैं। इस घड़ोलों हम भूखे और प्यासे और नंगे भी रहते हैं ओर घूसे मारे जाते 63 ६८ १ कंरिन्थियांका । [५ पब्ले । और डांवाडाल रहते हैं जैर अपनेही हाथेंसे कमानेमें परित्रम करते हैं। हम अपमान किये जानेपर आशीस १२ देतेहें सताये जानेपर सह लेते हैं निन्दित हानेपर बिनन्‍्ती करते हैं । हम अबल्नों जगतका कूड़ा हां सब बस्तु- १३ ओंकी खुरचनके ण्से बने हैं । में यह बातें तुम्हें लज्जित करनेकेा नहीं त्निखता हूं १४ परन्तु अपने प्यारे बालकोंकी नाई तुम्हे चिताता हूं। क्येंकि तुम्हें खीपुर्मे यदि दस सहख शिक्षक हां ताभी १४ बहुत पिता नहीं है क्येंकि ख्रीष्र यीशर्म सुसमाचारके द्वारा तुम मेरेही घुच हे । से में तुमसे बिन्‍्ती करता हूं १६ तम मेरोसो चाल चल्ला । इस हेत॒से मेने तिमेथिय- ९७ का जो प्रभुमें मेरा प्यारा और बिश्वासयोग्य पुच है तुम्हारे पास भेजा है और खोपृमें जो मेरे सागे हैं उन्हें वह जैसा में सब्बेच हर एक मंडल्लीमें उपदेश करता हूं तैसा तुम्हें चेत दिल्वावेगा । कितने लेाग फल गये हैं १८ माना कि मे तुम्हारे पास नहों आनेवाला हं । परन्तु १८ जो प्रभुकी इच्छा हाय तो में शीघ्र तुम्हारे पास आऊंगा खैर उन फल्मे हुए लागांका बचन नहीं परनन्‍्त सामथ्य बम लेऊंगा | व्यांकि इेश्वरका राज्य बचनमें नहीं परन्तु २० सामथ्यमें हे । तुम क्या चाहते हा . में छड़ी लेके अथवा २१९ प्रेमसे और नम्रताके आत्मासे तुम्हारे पास आऊं । | हे रः भै पाचवा पब्ल । १ णक्क ब्यभिचारोका मंडलोसे निकालनेका उपदेश | ६ मंडलोक शद्ध डानेकरो अवषश्यकता । ९ जा लाग बश्वासो कहावत परन्‍त ककम्म करे उनसे अलग रहनका आओआजा। ५ पव्ले। ] १ कऋरिन्थियोंकें । ४६६ >> 8 के २.3 १ यह ख्ब्बेच सुननेसें आता है कि तुम्हेंमें ब्यभिचार है और ऐसा ब्यभिचार कि उसका चचो देवपूजकोंर्मे भी नहीं हा ता है कि काई मनुष्य अपने पिताकी स्त्रीसे २ बिवाह करे। और तुम फूल गये है। यह नहीं कि शोक किया जिस्तें यह काम करनैहारा तुम्हारे बीचमेंसे ३ निकाला जाता । में ता शरोरमें टूर परन्तु आत्मामें साथश्यात हाके जिसने यह काम इस रीतिसे किया है ४ उसका बिचार जेसा साश्तातमें कर चुका हूं . कि हमारे प्रभु योश ख़ोपष्चके नामसे जब तम और मेरा आत्मा हमारे प्रभु योश खीघृक्के सामथ्य सहित णकटटे हुए हैं ४ तब ऐसा जन शरोरके बिनाशके लिये शैतानके सेपा .._ जाय जिस्तें आत्मा प्रभु यीशके दिनमें चाण पावे । ६ तुम्हारा घमंड करना अच्छा नहीं है. क्या तुम नहीं जानते हो कि थाड़ासा खमीर सारे पिंडके खमीर ७ कर डालता है। से पुराना खमी र सबका सब निकाले कि जैसे तुम अखमीरो हे तैसे नया पिंड हाओ व्येंकि हमारा निस्तार पब्बेका मेस़्ा अथात ख्रीपर हमारे लिये ८ बल्नि दिया गया है। से हम पब्बेके न ते पुराने खमीरसे और न बुराई औ ट्पृताके खमीरसे परन्त सीधाई जला सच्चा ईके अखमीरी भावसे रखे । € मेंने तुम्हारे पास पचीमें लिखा कि व्यभिचारियोंकी १० संगति मत करो । यह नहों कि तुम इस जगतके व 0 आह इक ली 9 कर... ब्यभिचा रियें वा लेाभियों वा उपट्ूवियों वा सूत्तिपूजकों- की सब्बेथा संगति न करो नहीं ते तुम्हें जगतमेंसे निकल ११ जाना अवश्य होता । से मैंने तुम्हारे पास यही लिखा ५०० १ करिन्थियोंका । [६ पब्बे । कि यदि काई जो भाई कहलाता है ब्यभिचारी वा लेभी वा मूत्तिपूजक वा निन्‍्दक वा मत्यप वा उपद्रवी हाय ता उसको संगति मत करे बरन रेसे मनुष्यके संग खाओ भी नहों । क्योंकि मुके बाहरवाल्लांका बिचार करनेसे क्या काम . क्या तुम भीतरवालोंका बिचार नहीं करते हो । पर बाहरवालोंका बिचार इेश्वर करता है. फिर उस कुकम्मीके अपनेमेंसे निकाल देओे । ६ छठवा पब्बे। व्‌ अविश्वासियांके आगे नालिश करनेका निषेध । १० इंश्वरके राज्यक्रो पावन्नत्ता | १३ विश्वासियोंक देह जे स्प्रीष्टंके अंग आर प्रांवत्र आत्माके मन्दिर हैं इस कारण ब्यभिचारक्का निषेध । तुममेंसे जे किसी जनके टूसरेसे बिबाद हाय ते क्या उसे अधम्मियोंके क्रागे नालिश करनेका साहस हाता है और पविच लोगेंके आगे नहीं। क्या तुम नहीं जानते हो कि पविच तल्लाग जगतका बिचार करेंगे और यदि जगतका बिचार तमसे किया जाता हे तो क्या तुंम सबसे छोटो बातोंका निरणेय करनेके अयेग्य है । क्या तुम नहीं जानते हो कि सांसारिक बातें पीछे रहे हम तो स्वगेटूतांहीका बिचार करेंगे। से यदि तुम्हे सांसारिक बातांका निणेय करना होय ते जो मंडल्लीमें कछ नहीं गिने जाते हैं उनन्‍्हींका बैठाओं । में तम्हारी ९२ १३ लज्जा ॥नामत्त कहता हू क्या एसा हक तम्हास एक :. भी ज्ञानी नहीं हे जे अपने भाइयांके बीचमे बिचार कर सकेगा। परन्तु भाई भाईपर नालिश करता है और साई अबिश्वासियोंके आगे भी । से तुम्होंमें निश्चय दाष हुआ है कि तुम्होंमें झ्ञापसमें बिबाद होते हैं . क्यों ६ पब्जे ।] १ करिन्थियोंका । ४०१ नहीं बरन अन्याय सहते है। . क्यों नहीं बरन ठगाई ८ सहते हा। | परन्तु तुम अन्याय करते और गठगते हे € हां भाइयोंसे भी यह करते हो। क्या तुम नहों जानते है। कि अन्‍्याई त्लाग इेश्वरके राज्यके अधिकारी न होंगे । १० धाखा मत खाओ . न ब्यभिचारी न मूत्तिपूजक न परस्तोगामी न शुहदे न पुरुषगा्मी न चार न लोाभी न मदपप न निन्‍दक न उपट्रवी लोग इंश्वरके राज्यके १९ अधिकारी होंगे | और तुममेंसे कितने त्लाग ण्से थे परन्तु तुमने अपनेका घाया परन्तु तुम पिच किये गये परन्तु तुम प्रभु योशुके नामसे और हमारे इश्वरके आत्मासे धर्मी ठहराये गये । १ सब कुछ मेरे लिये डचित है परन्तु सब कुछ ल्लाभका नहीं है . सब कुछ मेरे लिये उचित है परन्त १३ में किसी बातके झ्धीन नहीं होंगा। भेाज्जन पेटके लिये और पेट भेजनके लिये है परन्तु इेश्वर इसका और उसका दोनोंका श्य करेगा . पर देह ब्यभिचारके लिये नहीं है परन्तु प्रभुके लिये और प्रभु देहके लिये १४ है। और इंश्वरने अपने सामस्यसे प्रभुके जिला उठाया १४ और हमें भी जिला उठावेगा । क्या तुम नहीं जानते हा कि तम्हारे देह खोषृके अंग हैं . से क्या में स्रीप॒के अग ले करके उन्हें बेश्याके अंग बनाऊं . ऐसा न हो । _ १६ क्या तुम नहों जानते हा कि जो बेश्यासे मितल्न जाता है से एक देह होता है क्यांकि कहा है वे दाने एक १७ तन होंगे । परन्तु जो प्रभुसे मिल जाता है सो रक १८ आत्मा होता है । ब्यभिचारसे बचे रहे। . हर एक ४०२ ९ करिन्थियोंका । [७ पब्ब । पाप जो मनुष्य करता है देहके बाहर है परन्तु ब्य- भिचार करनेहारा अपनेही देहके बिरुठु पाप करता है। क्या तम नहों जानते हो कि पवितच्र आत्मा जो तममें है जे तम्हें ईंश्वरकी ओ।रसे मितल्ना है तम्हारा देह उसी पिच आत्माका मन्दिर हे ओर तम अपने नहीं हो । क्यांकि तम दाम देके माल लिये गये हो से अपने देहमें तौर अपने आत्मामें जे। इंश्वरके हैं इंष्वरकी महिमा प्रगट करो । ७ सातवां पब्बे । 4१ स्त्री परुषके ब्यवद्यारक्े लिपयरम पावलका कारेन्थियोंके प्रश्नका उत्तर देना ॥ १२ बिश्वासोी और अबिश्ञासो स्लो परुषके संबन्धक्ता ढ्योरा ।१७ जिस दशासे जे। ललाया जाय उसके उस दशाम रहनेका उपदेश । २५ कंदा रयिके विषयम पावलक्ा परामश । २७ जगतके अनित्य छडोानका चेत दलाना । इ२ विवाह क्रिया कि न किया चाहिये इसका निर्णेय । जा बातें तमने मेरे पास लिखीं उनके विषयमे)ं में कहता हूं मनुष्यके लिये अच्छा हे कि स्त्रीका न छूवे। परनन्‍्त ब्यभिचार कम्मांके कारण हर एक मनष्यकेा अप- नीही स्‍त्री होय खार हर एक स्तीके अपनाहो स्वामी हाय । परुष अपनो स्तीसे जे खेह उचित है सा किया करे ज्लार वेसेही स्‍त्री भी अपने स्वामासे । स्त्रीका अपने टेहपर अधिकार नहीं पर उसके स्वामोकेा अ- घधिकार है और बवेसेही पुरुषका भी अपने देहपर अधिकार नहीं पर उसको स्तीके अधिकार है | तुम णक टूसरेसे मत अत्नग रहे केवल तुम्हें उपवास औ प्राथेनाके लिये अवकाश मिलनेके कारण जे देनेको सम्मतिसे तुम कुछ दिन अलग रहे ते रहे और फिर १€ २0 ७ पब्ले ।] १९ करिन्थियोंका । ४०३ एकट्रे हा जिस्तें शैतान तुम्हारे असंयमके कारण तम्हा- ६ री परोश्षला न करे । परन्‍्त में जो यह कहता हूं ता ७ अनुमति देता हूं आज्ञा नहों करता हूं। मैं ता चाहता हं कि सब मनष्य ण्से हावे जेसा मे आपहो हं परन्त हर णएकने इेश्वरकी ओरसे अपना अपना बरदान पाया ८ हे किसीने इस प्रकारका किसीने उस प्रकारका | पर में अविवाहितांसे और बिधवाओंसे कहता हं कि यदि € वे जैसा में हं तेसे रहें तो उनके लिये अच्छा है। परन्‍्त जा वे असंयमो होवे तो बिवाह करे क्येंकि बिवाह १० करना जलते रहनेसे अच्छा हे | बिवाहितोंको में नहीं परन्तु प्रभु आज्ञा देता है कि स्त्री अपने स्वामीसे अलग १९ न हाय । पर जो वह अलग भी होय ते अविवाहिता रहे अथवा अपने स्वासमीसे मिल जाय . और पुरुष अपनो स्वत्रीकेा न त्यागे । - १२ टसरोंसे प्रभ नहों परन्‍त में कहता हं यदि किसी भाईकेा अविश्वासिनी सती हाय ओर वह स्त्रो उसके संग १३ रहनेके प्रसन्न हाय तो वह उसे न त्यागे। और जिस सत्रीके अविश्वासी स्वामी हाय आर वह स्वामी उसके १४ संग रहनेके। प्रसन्न हाय वह उसे न त्यागे। क्यांकि वह .. अबिश्वासी पुरुष अपनी स्वीके कारण पविच किया गया हे ज्ौर वह अविश्वासिनी स्त्री अपने स्वामीके कारण पवित्र किईं गई है नहीं ता तुम्हारे लड़के १४ अश॒टु हाते पर अब तो वे पवित्र हैं। परन्तु जा वह अविश्वासी जन अलग हेता है तो अलग होय . ऐसी दशामें भाई अथवा बहिन बंधा हुआ नहीं है. 9 ४०४ १ करिन्थियोंका । [७ पब्ले । परन्तु ईश्वरने हमें मिल्लापके लिये बुलाया है। क्योंकि १६ हे स्‍त्री तू कया जानती है कि तू अपने स्वामीकोा बचावेगी कि नहीं अथवा हे पुरुष तू क्या जानता है कि तू अपनी स्त्ीकेा बचावेगा कि नहों । परन्तु जैसा इंश्वरने हर णकको बांट दिया है जैसा ९७ प्रभुने हर एकके बुलाया है तैसाही वह चले . और मैं सब मंडलियोंमें यूंही आज्ञा देता हूं । कोई खतना ९८ किया हुआ बुलाया गया हा तो खतनाहोनसा न बने . काई खतनाहोन बुल्लाया गया हा ता खतना न किया जाय । खतना कुछ नहीं है और खतनाहीन होना कुछ ९८ ०५५ | (5 ९९ की] नहीं है परन्तु इश्वरकी आज्ञाओंका पालन करना सार है। हर एक जन जिस दशामें बुल्वाया गया उसीमें २० रहे । क्या तू दास हा करके बुलाया गया . चिन्ता २९ मत कर पर यदि तेरा उद्ठार हो भी सकता है तो बरन उसके भेग कर। क्योंकि जो दास प्रभुमें बुलाया २२ गया है सा प्रभुका निबेन्ध किया हुआ है और वैसेही निबेन्ध जे बुलाया गया है से ख्रौध्ृका दास है। तुम २३ दाम देके मातल्ल लिये गये हा . मनुष्योंके दास मत बने । हे भाइया हर एक जन जिस दशा्में बुलाया २४ गया इंश्वरके आगे उसोमें बना रहे। कुंवारियोंके बिषयमें प्रभुकी कोई आज्ञा मुक्के नहीं २४ मिली है परन्तु जैसा प्रभुने मुझपर दया किई है कि में बिश्वासयाग्य हाऊं तैसा में परामश देता हूं। से मैं २६ चार करता हूं कि बत्तेमान क्लेशके कारण यही अच्छा अथोात मनुष्यका वैसेही रहना अच्छा है । क्या तू २७ | छः 2॥7 2 ७ पब्जे ।] ९ कर्रिन्थियांका । ४०४ ब् ब्र्र्‌ 30 ३९ ३२ ३३ ३७ ३५ क्र स्त्रीके संग बंधा है . छूटनेका यल मत कर. क्या त्‌ स्‍त्रीसे छूटा है . सत्रीकी इच्छा मत कर। तीभी जो त्‌ बिवाह करे तो तुके पाप नहों हुआ ओर यदि कुंवारो _बिवाह करे तो उसे पाप नहीं हुआ पर रेसेंकेा शरी र- में क्केश होगा . परन्‍्त में तमपर भार नहीं देता हूं है भाइया में यह कहता हूं कक अब ता समय सश्षेप किया गया है इसलिये कि जिन्‍्हें स्तियां हैं सा ऐसे होवें जैसे उन्हें स्त्रियां नहीं . और रोनेहारे भी शेसे हो जैसे नहीं रोते हर आनन्द करनेहारे ऐसे हों जैसे आनन्द नहीं करते और मेल लेनेहारे ऐसे हों जैसे नहीं रखते . और इस संसारके भाग करनेहारे णसे हो जेसे अतिभोाग नहों करते क्योंकि इस संसारका रूप बीतता जाता है। में चाहता हं कि तम्ह चिन्ता न हो . अविवाहित परूष प्रभकी बातांकी चिन्ता करता है कि प्रभको क्यांकर प्रसन्न करे । परन्तु बिवाहित पुरूष संसारको बातोंकी चिन्‍ता करता है कि अपनी स्तीके क्येंकर प्रसन्न करे । जारू और कुंवारीमें भी भेद है . अबि- वाहिता नारी प्रभुकी बातांकी चिन्ता करती है कि वह देह और आत्मामें भी पविच होवे परन्तु बिवा- हिता नारी संसारकी बातोंकी चिन्ता करती है कि अपने स्वामीके क्याोंकर प्रसन्न करे । पर में यह बात तुम्हारेही लाभके लिये कहता हूं अथात में जे तुमपर फंदा डालूं इसल्निये नहीं परन्तु तुम्हारे शुभ चात्म चलने ओर टुचित्त न होके प्रभुमें लालीन रहनेके लिये कहता हूं । परन्तु यदि काई समझे किमें अपनी 6%+ ५०८६ १ करिन्थियोंका ।' [८ प्रब्बे । कन्यासे अश्युभ काम करता हूं जे! वह स्यानी हो और शेसा होना अवश्य हे ता वह जा चाहता हे से करे उसे प्राप नहों है बिवाह करें। पर जा मसनमभे ३७ टूढ़ रहता है आर उसके आवश्यक नहीं पर अपनी इच्छाओे विषयमें अधिकार है और यह बात अपने मनमे ठहराई है कि अपनो कन्‍्याका रखे वह अच्छा करता है । इसलिये जो बिवाह देता है सा अच्छा इ८ करता है कोर जा बिवाह नहीं देता है सा भी और अच्छा करता है। स्‍त्री जबत्नां उसका स्वामी जोता रहे तबल्ों ब्यव- ३८ स्थासे बंधी हे परन्‍त यदि उसका स्वामी मर जाय ता वह निबन्ध हे कि जिससे चाहे उससे ब्याही जाय पर केवल प्रभम । परनन्‍्त जो वह वेसोहों रहे ता मेरे 8० बिचारमें और भी धन्य हे ओर में समकता हूं कि इंशबरका आत्मा मरूसमें भी है । ८ आठवां पब्ब। १ प्रेमका ज्ञानसे उत्तम हाना । ४ म़त्ति कुछ नहों है परन्तु ईश्वर सब कुछ है इसका बणेन । ७ म॒त्तिक सनन्‍्मुख भेजन करनेसे निब्बेल भाडे का झेकर खि- लांना उचित न होना । मरतोंके आगे बल्नि किई हुई बस्तओंके विषयमें में ९ कहता हूं . हम जानते हैं कि हम सभोंको ज्ञान है ज्ञान फलाता है परन्‍्त प्रेम सधारता है। यदि काई २ समके कि मे कुछ जानता हंं ता जेसा जानना उचित है तैसा अबतल्नों कुछ नहीं जानता है। परन्‍त यदि ३ काई जन इृश्वरका प्यार करता हे ता वही इंश्वरसे जाना जाता है । ८ प्रब्ध ।] १ करिन्थियोंका । ४०७ १० १९ १२ ० [अक के विषयमें में कहता हूं . हम जानते हैं कि मूत्ति जगतमें ब्ग बे. कुछ नहीं है और कि एक इेश्वरका छेोड़के काई ट्सरा बस इंश्बर नहों है। क्योंकि यद्यपि क्या आकाशमें क्या (उन प्रथिवीपर कितने हैं जो इेश्वर कहलाते हैं जैसा बहुतसे देव और बहुतसे प्रभु हैं. ताभी हमारे लिये ण्क इश्वर पिता है जिससे सब कुछ है जौर हम उसके लिये हैं और एक प्रभु योशु खीप है जिसके द्वारासे सब कुछ है ओआर हम उसके द्ारासे हैं । परन्तु सभोंमें यह ज्ञान नहीं है पर कितने लाग 227 क केक चंतकिमेका + जब फिर ह १ कह “5 अबत्नों मूत्ति जानके मूत्तिके आगे बलि किई हुईं बस्तु मानके उस बस्तुका खाते हैं आर उनका मन टुब्ेल हाके अशठदु किया जाता है। भाजन तो हमें इेश्वरके निकट नहीं पहुंचाता है क्योंकि यदि हम खावें ते हमें कुछ बढ़ती नहीं और यदि नहीं खावें तो कुछ घटती भी नहों । परन्तु सचेत रहा ऐसा न है| कि तुम्हारा यह अधिकार कहों टब्बनेलांके लिये ठोकरका कारण हो जाय । क्यांक यादे काई तके जिसका ज्ञान हे मत्तिके मन्दिरमें भेजनपर बेठे देखे तो क्या इसलिये कि वह टुल्लेंल है उसका मन मूत्तिके आगे बल्नि किई हुईं बस्त खानेका टूढ़ न किया जायगा । ओर क्या वह दुब्बेल भाई जिसके लिये ख्रीप्र मुआ तेरे ज्ञानके हेत॒ुनाश न होगा | परन्तु इस रोतिसे भाइयेंका अपराध करनेसे और उनके दुब्वेंल मनका चोट देनेसे तुम खीघृका १३ अपराध करते हा । इस कारण यदि भाजन मेरे भाईकोा ५०८ १ करिन्थियोंका । [६ प्रब्ले । डाकर खिलाता हे तो में कभी किसी रीतिसे मांस न खाऊंगा न हा कि में अपने भाईके ठोकर खिलाऊं। € नवां पब्बे । १ सुसमाचारक्के प्रचारकेंका प्रतिपालन किस रोतिसे हुआ चाहिये इसका निणेय । १७ पावलका इस ब्ातक विषयम अपने चरिन्नका लेन करना । २४ ० उअ अखाडेमे दाडनेक्ता दष्ट्रान्त । क्या में प्रेरित नहीं हूं . क्या में निबेन्ध नहीं हूं क्या मैंने हमारे प्रभु यीश ख्रीप्रका नहीं देखा है . क्या तम प्रभमें मेरे कृत नहीं हा । जो में ओरोंके लिये प्रेरित नहों हूं ताभी तुम्हारे लिये तो हूं क्योंकि तुम प्रभमें मेरी प्रेरिताईकी छाप हो । जा मरे जांचते हैं उनके लिये यहा मेरा उत्तर है| क्या हमें खाने ओर पीनेका अधिकार नहीं है। क्या जैसा टूसरे प्रेरितों और प्रभुके भाइयेंका और कैफाका तैसा हमकेा भी अधिकार नहीं है कि एक धम्मेबहिनसे विवाह करके उसे लिये फिरें । अथवा क्या केवल मुझके ओर बणे- बाके अधिकार नहीं हैं कि कमाई करना छोड़े। कान कभी अपनेही खचसे येोट्रापन किया करता है. कान दाखकी बारी लगाता है और उसका कुछ फल नहीं खा- ता है . अथवा कोन भेड़ोंके कूंडकी रखवाली करता है और भूंडका कुछ टूघ नहीं खाता है। क्या में यह बातें मनुष्पको रोतिपर बोलता हूं . क्या ब्यवस्था भी यह बातें नहीं कहती है। क्योंकि मूसाकी ब्यवस्थामें लिखा है कि दावनेहारे बैलका मुंह मत बांध . क्या इंश्बर बेल्लांकी चिन्ता करता है। अथवा क्या वह निज करके हमारे कारण कहता है . हमारेही कारण 0८ १0 ६ पब्ब।] १ करिन्थियोंका । ४०६ लिखा गया कि उचित हे कि हल जातनेहारा आशासे हल जोते और दावनेहारा भागी होनेकी आशासे १९ दावनी करे । यदि हमने तम्हारे लिये आत्मिक बस्त बाई हैं ता हम जा तम्हारो शारोरिक बस्त लवें क्या १२ यह बड़ी बात है| यदि टसरे जन तमपर इस अधि- कारके भागी है ता क्या हम अधिक करके नहों हैं परन्तु हम यह अधिकार काममें न लाये पर सब कुछ सहते हैं जिस्त ख्रोप्रके सुसमाचारको कुछ रोक न करें। १३ क्या तुम नहीं जानते हो कि जो लोग याजको य कम्मे करते हैं सा मन्दिरमेंसे खाते हैं और जो त्लाग बेदीको १४ सेवा करते हैं से बेदीके अंशधारी होते हैं। यूंही प्रभुने भी जे लाग सुसमाचार सुनाते हैं उनके त्रिये न ८6 2-5 हल >> ठहराया हे कि ससमाचा रसे उनको जोीविका हाय । १४५ परन्‍्त में इन बातोंमेंसे कोई बात काममें नहीं लाया ओर मेने तो यह बाते इसलिये नहीं लिखीं कि मेरे विषयमे यंही किया जाय क्योंकि मरना मेरे लिये इससे भला है कि काई मेरा बढ़ाई करना ब्यथे ठहरावे। १६ क्योंकि जो में सुसमाचार प्रचार करूं ता इससे कुछ मेरो बढ़ाई नहीं है क्यांकि मुझे अवश्य पढ़ता है और ज्ञा में ससमाचार प्रचार न करूं ता मरे सन्‍्ताप है। ५१७ ब्यांकि जो में अपनो इच्छासे यह करता हं ता मजरी मर्के मिलती है पर जो अनिच्छासे तो भंडारीपन म्के ९८ सेोंपा गया है। से मेरो कोनसी मजरी है . यह कि सुसमाचार प्रचार करनेमें में स्लीप्रका सुसमाचार से तका ठहराऊं यहांतलों कि सुसमाचारमें जे मेरा अधिकार है ४१० १ करिन्थियोंका । (१० परब्जे । उसका में अतिभाग न करू । क्योंकि सभोंसे निबेन्ध १८ होके मेने अपनेकेा सभोंका दास बनाया कि में अधिक लोागेंको प्राप्त करं। और यिहृदियोंके लिये में यिहृदीसा २० बना कि यिद्दियोंकोा प्राप्त करूं . जो ल्लाग ब्यवस्थाके अधीन हैं उनके लिये में ब्यवस्थाके अधी नके ऐसा बना कि उन्हें जे ब्यवस्यथाके अधीन हें प्राप्त करूं। ब्यवस्था- २१ हीनेंके लिये में जे इश्वरकी ब्यवस्थासे होन नहों परन्‍्त ख्रीप्रकी ब्यवस्थाके अधीन हूं ब्यवस्थाहीनसा बना कि ब्यवस्थाहोनोंको प्राप्त करूं । में टुब्बेल्लेंके त्िये २२ ट्ब्लेलला बना कि दुब्बेलांका प्राप्त करूं . में सभोंके लिये सब कुछ बना हूं कि में अवश्य कई ण्कका बचाऊं । ओर यहो में ससमाचारके कारण करता हं २३ कि मैं उसका भागी हो जाऊं। क्या तुम नहीं जानते हो कि अखाड़ेमें दौइ़नेहारे २४ सबही दौोड़ते हैं परन्तु जीतनेका फल णकही पाता है, तुम वैसेही दाड़ा कि तुम प्राप्त करो । और हर णक २४ लड़नेहारा सब बातोंमें संयमी रहता है , से वे ता नाशमान सकट परनन्‍त हम लोग अबिनाशी मकट ल्ेनेका ऐसे रहते हैं । में भी ते शेसा दाड़ता हूं जैसा २६ बिन दुबधासे दोड़ता में रसा नहीं मुप्रि लड़ता हूं जेसा बयारका पीटता हुआ लड़ता । परन्तु में अपने देहके २७ ताड़ना करके बशमें ल्वाता हूं ऐसा न है। कि में ओरोंकेा उपदेश देके आपही किसी रोतिसे निकृषर बनूं । १० ट्सवां यब्बें । १ इस््रापालयाद दष्टान्तस कारान्यपाक्रा उ5ताना । १४ सरताक चदावाम॑ भागा हानक्रा ।नरप्पतध + र३ भादयाक्रा सध्यारनक्रा क्राम करनका उप्रदश । हे ० "पक न ५० पब्बे ।] १ करिन्थियेका । ४११ १ छ् डे हे भाइया मे नहों चाहता हं कि तस इससे अन- जान रहो कि हमारे पितर ल्ाग सब मेघके नीचे थे ओर सब समुद्रके बोचमेंसे गये । ओर सभेोंको मेघमें और समुट्रमें मृसाके संबन्धका बपतिसमा दिया गया। और सभेंने एकही आत्मिक भे जन खाया। जैर सभे+ने एकही आत्मिक पानी पिया क्योंकि वे उस आत्मिक पल्लेतसे जे उनके पीछे पीछे चलता था पीते थे और वह पश्लेत ख्रीप्र था । परन्तु इंश्वर उनमेंके अधिक लागोेंसे प्रसल्त नहीं था -क्बांकि वे जंगलमें मारे पड़े। यह बातें हमारे लिये टप्तान्त हुईं इसलिये कि जेसे उन्हांने लालच किया तेसे हम लेाग बरो बस्तकोंके लालची न होवे। और न तम मत्तिपजक होाओ जेसे न्हेंमेंसे कितने थे जेसा लिखा है लाग खाने झआऔर पीनेके बेठे और खेलनेका उठे। और न हम ब्यभिचार करें जेसा उन्हेंमेसे कितनेंने ब्यभिचार किया और एक दिनमें तेइेस सहख गिरे । ओर न हम ख्रीष॒की परीक्षा करें जैसा उन्हेंमेंसे कितनेंने परोध्या किई आर सांपोसे नाश किये गये। ज्आर न कुइकुड़ाओ जैसा उन्हें मेंसे कितने कुड़कुड़ाये आर नाशकसे नाश किये गये। पर यह सब बातें जे उनपर पड़ी द्गष्मान्त थीं और वे हमारी चितावनीके कारण लिखी गईं जिनके आगे जगतके अन्त समय पहुंचे हैं । इसलिये जे समझता है कि में खड़ा हूं सो सचेत रहे कि गिर न पड़े । तमपर कोई परोश्षा नहीं पड़ी हे केवल शेसी जैसी मनुष्यका हुआ करती है और इश्वर बिश्वासयोग्य है जो तम्हं तम्हारे ४१२ १ करिन्थियोंका । (१० पब्बे । सामथ्यके बाहर परीक्षित होने न देगा परन्तु परीक्षाके साथ निकास भी करेगा कि तुम सह सके । इस १४ कारण हे मेरे प्यारो मूत्तिपुजासे बचे रहा । ब्ड्डू बे रिि न + ५ पट + में जसा बुट्टिमानोंसे बालता हूं . जा में कहता हूं १४ उसे तुम बिचार करो। वह धन्यबाटका कटोरा जिसके १६ ऊपर हम धन्यवाद करते हैं क्या खीपरके ल्लाहकी संगति नहीं है . वह रोटी जिसे हम ताड़ते हैं क्या ख़ीप्षके देहकी संगति नहीं हे । एक रोटी है इसलिये हम जा २७ बहुत हैं एक देह हैं क्यांकि हम सब उस ण्क रोटीके भागी होते हैं। शारीरिक इस्रायेलके देखे। . क्या बल्लि- १८ टानोंके खानेहारे बेटोके साको नहों है । तो में क्या १८ कहता हूं . क्या यह कि मत्ति कछ हे अथवा कि मत्तिके आगेका बलिदान कुछ है। नहीं पर यह कि देवपज॒क २० त्लाग जे कुछ बलिदान कर ते हे सा इृंश्व रके आगे नहां पर भूतोंके आगे बलिदान करते है ओर में नहीं चाहता हूं कि तुम भूतांके साक्ो हा जाओ | तुम प्रभुके कटारे २९ आर भूतांके कठारे दानेंसे नहीं पी सकते हा। . तुम प्रभुकी मेज और भूतांकी मेज दानेंके भागी नहीं हो सकते हो । अथवा क्या हम प्रभुका छेड़ते हैं . क्या २२ हम उससे अधिक शक्तिमान हैं । सब कछ मेरे लिये उचित है परन्त सब कुछ लाभका २३ नहीं है . सब कुछ मेरे लिये उचित है परन्तु सब कुछ नहीं सुधारता है। काई अपना लाभ न ढूंढ़े परन्तु हर २४. एक जन टूसरेका लाभ ढूंढ़े । जा कुछ मांसको हाटमें २४ | बिकता हैं सो खाओ जआऔर बिवेकके कारण कुछ मत 2 ०१ पब्बे ।] १ करिन्थियोंका । ४१३ श्् पूछे ४ क्यांकि पृथिवी कौर उसकी सारी सम्पत्ति २७ परमेश्वरको हे । खेर यदि अविश्वासियोंमेसे कोई तुम्हें नेबता देवे और तुम्हें जानेकी इच्छा हाय तो जो .._कंछ तम्हारे आगे रखा जाय से खाओ जऔैर बिवेकके शर८ कारण कुछ मत पछेो । परन्‍्त यदि काई तमसे कहे यह तो मसत्तिके आझागे बत्नलि किया हआ है तो उसी बतानेहारेके कारण ओर बिवेकके कारण मत खाओे (ब्यांकि पृथिवी और उसकी सारी सम्पत्ति परमेश्वर- २९ को है)। बिवेक जो मैं कहता हूं सो अपना नहीं परन्तु उस टूसरेका ब्ये|कि मेरो निबेन्धता क्यों टूसरेके बिवेक- ३० से बिचार किई जाती है । जो में घन्‍्यबाट करके भागी होता हं ता जिसके ऊपर मे धन्य मानता हं उसके ३१ लिये मेरो निन्‍दा क्यों होती हे । सा तम जो खावा अथवा पोवा अथवा काई काम करो ता सब कछ इश्वर- '३इ२ को महिमाके लिये करो । न यिहृदियों न यनानि- ३३ योंका न इश्वरको मंडलीकेा ठोकर खिलाओ . जैसा में भी सब बातोंमें सभेंको प्रसन्न करता हं और अपना लाभ नहां परन्तु बहुतांका लाभ ढुूंढ़ता हूं कि वे चाण पावें । १९ ण्ग्यारहवां पब्बे । ऊपरके उपदेशको समा | २ पुरूष और स्त्री का कैसा पहिरावा भजनको सभामे चाडिये इसका निरयय | १७ प्रभु भाजम जे करिन्थोीय संडलोकी अनरोगत् डातो थो उसका उलडना | २३ प्रभु भेजके निरूपएणका वृत्तान्त | २६ प्रभु भाजक आगे अपना सन जांचनेको आदश्यकता । १ तुम मेरोसो चाल चल्ला जेसा मे ख्रीप्रकोसी चाल चलता हूं। कल 68 | ६५.४० ८-2 पद १ करिन्थियोंका । [१२ पब्मे । कहा यह कटोरा मेरे ल्लाहपर नया नियम है . जब जब तम इसे पीवा तब मेरे स्मरणके लिये यह किया करे क्यांकि जब जब तुम यह रोटी खावा और यह कटो- २६ रा पीबे तब प्रभुकी सृत्युका जबल्नों वह न आवे प्रचार करते हे। । इसलिये जे। कोई अनुचित रीतिसे यह रोटी २७ खावे अथवा प्रभका कटोरा पीवे से प्रभके देह और त्लाहके टंडके योग्य होगा । परन्‍्त मनृष्य अपनेके परखे श्८ आर इस रोतिसे यह रोटो खावे झोर इस कठटोरेसे पीबे | व्यांकि जे अनुचित रीतिसे खाता ओआर पीता २< है से जब कि प्रभुके देहका विशेष नहीं मानता है ते खाने औ पोनेसे अपनेपर दंड लाता है। इस हेतुसे ३० तुम्हेंमें बहुत जन दुब्बेल ओ रोगी हैं और बहुतसे से ते हैं। ब्येंकि जो हम अपना अपना बिचार करते ते ३१ हमारा बिचार नहीं किया जाता । परन्तु हमारा बि- इ२ चार जे किया जाता है तो प्रभुसे हम ताड़ना किये जाते हैं इसलिये कि संसारके संग दंडके याग्य न ठहराये जावें । इसलिये हे मेरे भाइये। जब तुम खानेके एकटरे ३३ हाओ तब णक टसरेके ल्िग्रे हहरो । परन्‍्त यदि काई ३४ भूखा है| तो घरमें खाय जिस्तें एकट्रे हाोनेसे तुम्हारा दंड न होवे . और जे कुछ रह गया है जब कभा में तुम्हारे पास आऊं तब उसके विषयमें आज्ञा देऊंगा । १२ बारहवां पब्बे। १ आत्मिक दानांकों पहिचान । ४ अनेक प्रकारके द/नांका पवित्र आत्मास दिया जाना । ७ रक एक बिश्वासोका पृथक पृथक दानका मिलना | १२ सब बश्वासो लाग पृथक करके अंग डे परन्तु मिलके एक देह हैं आर रक दसरेक उप्कारो हैं इसको कथा। २८ मंडलोम अनेक पर्दोंका बणेन । । । १२ पब्ले ।] ९ करिन्थियोंका । ४१०७ १ है भादयोा मे नहों चाहता हूं कि तुम आत्मिक २ विषयोंम अनजान रहो । तम जानते हो कि तम देवपजक थे और जैसे जैसे सिखाये जाते थे तेसे ३ गंगी मरताोंकी ओर भटक जाते थे । इस कारण में तम्ह बताता हँ कि काई जा इृश्वरके आझात्मासे बोलता है याशका खापित नहीं कहता हे और कोई यीशक्े प्रभनहों कह सकता हे केबल पविच आत्मासे । 8 बरदान तो बंटे हुए है परन्त आत्मा एकही है । ४ ओर सेवकाइयां बंटी हुईं हैं परन्तु प्रभु णकही है। ६ आर काय्य बंदे हुए ६ परन्तु इंश्वर एकही हे जो सभोसे रे डे ब्ु ये सब काय्य करवाता हे । ७ परनन्‍्त एक एक सनष्यका आझत्माका प्रकाश दिया जा- ८ ता हे जिस्त ल्वाभ हाय। क्या कि एकका आत्माके द्वारासे बद्िकी बात दिईं जाती है ओर ट्सरेकेा उसी झात्माके € अनुसार ज्ञानकी बात . ओर टूसरेका उसी आत्मासे बिश्वास और टूसरेके उसी आत्मासे चंगा करनेके बर- १० दान . फिर टूसरेकेा आश्चय्य कम्मे करनेकी शक्ति और *<>कक कह अर खल् टूसरेके भविष्यद्राक्य बालनेकी ओर टूसरेके आत्मा- ओंका पहचाननेकी और टूसरेकेा अनेक प्रकारकी १७ कक 5 52९ के हे प ४ भाषा बालनेकी ओर टूसरेकेा भाषाओंका अथे लगा- ११ नेकी शक्ति दिईं जाती है । परन्तु ये सब काय्ये वही एक आत्मा करवाता है और अपनी इच्छाके अनुसार हर ण्क मनुष्यका पृथक पृथक करके बांट देता है। १२९ क्योंकि जैसे देह तो एक है ओर उसके अंग बहुतसे हैं परन्तु डस एक देहके सब अंग यदयपि बहुतसे हैं ताभी ४१८ १ करिन्थियोंका | ... [१२ पब्ले | णकही देह हैं तैसेही सख्रीप्र भी है । क्येंकि हम लोग १३ क्या यिहदी क्या यनानी क्या दास क्या निबन्ध सभोंने एक देह हानेकेा एक आत्माम बर्षातसमा लिया ओर सब णक आत्मा पिलाये गये । क्यांकि देह एकही अग २४ नहीं है परन्त बहुतसे अंग । यदि पांव कहे में हाथ १५ नहीं हूं इसल्ये में देहका अंश नहीं हूं ता क्या वह इस कारणसे देहका अंश नहीं है । और यदि कान १९६ कहे में आंख नहीं हं इसलिये में देहका अंश नहीं हूं ते क्या वह इस कारणसे देहका अंश नहीं है । जे। १९७ सारा देह आंखहो होता ता सुनना कहां . जो सारा देह कानही होता तो सूंघना कहां । परन्तु अब तो ५८ इंपबरने अंगांका जार उनमेंसे एक एकओ देहमें अपनी इच्छाके अनुसार रखा है । परन्तु यदि सब अंग एकही १६ आग हेोते ता देह कहां होता । पर अब बहुतसे अंग २० हैं परन्तु णकही देह | आंख हाथसे नहीं कह सकती है २९ कि मुझझे तेरा कुछ प्रयोजन नहीं और फिर सिर पां- वांसे नहीं कह सकता है कि मुर्े तुम्हारा कुछ प्रयोजन नहीं । परन्‍्त देहके जे अंग अति दुब्बेल देख पड़तेहैं २२ से बहुत अधिक करके आवश्यक हैं। और देहके जिन २३ अगेंके हम अति निरादर समभते हैं उनपर हम बहुत अधिक आदर रखते हैं झर हमारे शेभाही न अंग बहुत 7 58 25 तस्कर 5" # 86६: अधिक शेभायमान किये जाते हैं। पर हमारे शेभाय- २४ मान अंगेंका इसका कुछ प्रयेजन नहीं है परन्तु इेश्वर- ने देहकेा मिला लिया है ज्लार जिस अंगका घटी थी बु किक 5६७ कान 8 उसके बहुत अधिक आदर दिया हे . कि देहम बिभेद २४ १३ पब्बे ।] १ करिन्थियोंका । ४१६ रद हा ब्र्ब ब्स्र 380 ३१ १ डर इ न होय परन्तु अंग एक टूसरेके लिये एक समान चिन्ता करें । और यदि एक अंग टुःख पाता है तो सब अंग उसके साथ दुःख पाते हैं अथवा यदि ण्क आअगकी बड़ाई किईद जाती है तो सब अंग उसके साथ आनन्द करते हैं। से तुम लोग खोप्ठके देह हे और पृथक प्रथक करके उसके अंग है । और इंश्वरने कितनोंका मंडलीमें रखा है पहित्ले प्रेरितांके टूसरे भविष्यदुक्ताओंका तीसरे उपदेशकों का तब आश्चय्य कम्मां के तब चंगा करनेके बरदाने का और उपकारोंका और प्रधानताओंके ओर अनेक प्रकारकी भाषाओंके । क्या सब प्रेरित हैं . क्या सब भविष्यद्क्ता हैं . क्या सब उपदेशक हैं . क्या सब आश्चर्य्य कम्में करनेहारे हैं | क्या सभेंकोा चंगा करनेके बरदान मित्ने हैं, क्या सब अनेक भाषा बोलते हैं . क्या सब अथे लगाते हैं । परन्तु अच्छे अच्छे बरदानोंकी अभिलाषा करे और में तुम्हें और भी एक श्रेप्रु मागे बताता हूं। १३ तेरहवां पब्बे । १ प्रेमकों आवश्यक्रता । ४ उसके गुण । ८ उसको नित्यता । १३ उसको शअए्टुता। जा मे मन॒ष्यां करार स्वगंटतांको बालियां बाल पर मरूमे प्रेम न हो ता मे ठनठनाता पीतल अथवा ऊकंम- नाती कांक हूं। ओर जे मे भविष्यद्वाणी बाल सके और सब भेटरॉंकेा खेर सब ज्ञानक्ा सम ओर जे मम्के सम्पर्ण बिश्वास हाय यहांलोां कि मे पहाड़ोंका टाल टेऊं पर मरूम प्रेम न हो तो मे कुछ नहा हैं | ओर जो मे जअपनो सारो सम्पत्ति कंगालोांका खिलाऊं ओर जो में हा ४२० । १ करिन्थियोंका । [१३ पव्ले। जलाये जानेका अपना देह सांप देऊं पर मुकमें प्रेम न हा ता मुर्के कुछ लाभ नहीं है। कप «५ बम ब के ९१५ प्रेम धीरजवन्‍्त औ कुपाल है . प्रेम डाह नहीं करता है . प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता है और फूल नहीं जाता है | वह अनरीति नहीं चलता है वह आपस्वार्थी नहीं है वह खिजलाया नहों जाता है वह बराईकी चिन्ता नहीं करता है। वह अधम्ससे आनन्दित नहीं होता है परन्तु सच्चाईपर आनन्द करता है। वह सब बातें सहता है सब बातांका विश्वास करता है सब बातांकी आशा रखता है सब बातोंमे स्थिर रहता है। प्रेम कभी नहीं टल्ल जाता है परन्तु जे। भविष्यट्राणियां हों ता वे लाप होंगों अथवा बालियां हों तो उनका अन्‍्त लगेगा अथवा ज्ञान हे। ते वह लेप होगा। क्येंकि हम अंश माच जानते हैं और अंश माच भविष्यट्राणी कहते हैं । परन्तु जब वह जा सम्पूर्ण है आवेगा तब यह जा अंश मात्र हे ताप हो जायगा । जब में बालक था तब में बालककी नाईें बोलता था में बालककासा मन रखता था में बालककासा बिचार करता था परन्तु मैं जे। अब मनुष्य हुआ हूं तो बालककोी बातें छोड़ दिई्दे हैं । हम तो अभी दपेणमें गूढ़ अथसा देखते हैं परन्तु तब साथात देखेंगे . में कब अंश माच जानता हूं परन्तु तब जैसा पहचाना गया हूं तैसाही पहचालूंगा । से। अब बिश्वास आशा प्रेम ये तीनो रहते हैं परन्तु इनमेंसे प्रेम ओपध्ु झ्लै। १० ११ १२ १३ १४ पब्बे ।] १ करेंन्थियोंका । ४२१ १४ चेदहवां पब्बे । ३ ग्रन्य भाषा बालनेके बरदानस भविष्यद्बवाणोके बरदानको अट्टूता | ई भविष्य- द्वाणो ओर उपदेशसे मेडलोके सधर जानेका बेन । १४ प्रा््रेना और भजन अन्य भाषाम करनेका अनुचित हाना । २१ भविष्यद्वाणोस अबिश्वासो लागों- का समभाया जाना । २६ मंडलोमे सबब बाते शभ रोतिसे करनेका उपदेश । ३४ स्व्रियांका मंडलोम बोलना उचित न दाना | इ६ इस बातपर बिबाद करनेकरा निषेध । १. प्रेमकी चेष्ठा करो ताभी आत्मिक बरदानोंकी अभि- लाषा करो परन्तु अधिक करके कि तुम भविष्यट्राक्य २ कहो । क्योंकि जे अन्य भाषा बालता हे सा मनष्योंसे नहीं परन्‍्त इंश्वरस बालता हे क्येंकि का ई नहों बकता ३ है पर आत्माम वह गढ़ बाते बालता है । परनन्‍्त जो भविष्यद्वाक्य कहता है से मनुष्योंसे सधारनेकी और ४ उपदेश ओर शांतिको बाते करता है। जो अन्य भाषा बालता है सा अपनेहोका सधारता है परन्‍्त जो भवि- ४ प्यट्राक्य कहता है से मंडल्लीके सुधारता है। मैं चाहता हूं कि तुम सब अनेक अनेक भाषा बालते परन्तु अधिक करके कि तुम भविष्यद्वाक्य कहते क्येंकि अनेक भाषा बालनेहारा यदि अथे न लगावे कि मंडली सुधारी व (५ हा ब्प जाय तो भविष्यद्राक्य कहनेहारा उससे बड़ा हे । ६ अब हे भाइयो जो में तुम्हारे पास अनेक भाषा बालता हआ जअआउऊं तेोभी जो में प्रकाश वा ज्ञान अथवा भविष्यद्राणो वा उपदेश करके तुमसे न बाल ते मुकसे ७ तम्हारा क्या लाभ होगा । निर्जोब बस्त भो जा शब्द देती हैं चाहे बंशी चाहे बीण यदि स्वरोंमें भेट न कर दे ता जा बंशी अथवा बीणपर बजाया जाता है सा ८ ब्यांकर पहचाना जायगा । क्योंकि तुरहों भी यदि 66 ४२२ १ करिन्थियोंका | [१४ पब्बे। अनिश्चय शब्द देवे तो कान अपनेके लड़ाईके लिये तैयार करेगा । वेसेही तुम भी यदि जीभसे स्पपष्ठ बात € न करो तो जो बाला जाता है से क्याोंकर बुरा जायगा क्योंकि तुम बयारसे बात करनेहारे ठहरागे । जगतमें १० क्या जाने कितने प्रकारको बाजियां होंगी और उनमेंसे किसी प्रकारकी बाली निरथेक नहीं है । इसलिये जे। ९९ में बालीका अथ न जानू ता में बालनेहारेके लेखे परटेशी होऊंगा जोर बालनेहारा मेरे लेखे परदेशी होगा। से तुम भी जब कि आत्मिक विषयोंके अमिला- ९२ पी हो ते मंडलीके सुधारनेके निमित्त बढ़ जानेका यत्र बा. जा हा पे करो । इस कारण जे अन्य भाषा बोले से प्रा्यना १३ करे कि अथे भी लगा सक्रे । कक 6 - ने के रू * ग वब्यांकि जे मे अन्य भाषास प्रायथना करूं तो मेरा १४ आत्मा प्राथेना करता है परन्त मेरी बुद्ठि निष्फल है। ता क्या है . में आत्मासे प्राथेना करूंगा और बुह़से ९४ भी प्राथेत्रा करूंगा में आत्मासे गान करूंगा और बुट्टिसे भी गान करूंगा । नहीं तो यदि तू आत्मासे धनन्‍्यबाद ९६ करे तो जो क्षमसिखकोसी दश्ामे हे से तेरे धन्‍्य मान- नेपर क्यांकर झामोन कहेगा वह ता नहों जानता त ५ ८ ८जूत् 2० क्या कहता हे । क्योंकि त ता भल्ली रोतिसे धन्य मानता ९७ है परन्‍त वह टसरा सधारा नहीं जाता है। में अपने ९८ इंशबरका धन्य सानता हं कि में तम सभेंसे अधिक कर- के अन्य अन्य भाषा बालता हूं। परन्तु मंडल्लीमें दस ९६ सहस्र बाते अन्य भाषामें कहनेसे में पांच बातें अपनी बुड्डिसे कहना अधिक चाहता हूं जिस्त ओरोंका भी १४ पब्ले ।] १ करिन्थियेक्रां । ४२३ २० सिखाऊं । हे भाइया ज्ञानमें बालक मत होओ तोाभी बुराईमें बालक हाओ परन्त ज्ञानमें सयाने होओ। २९ ब्यवस्थामें लिखा है कि परमेश्वर कहता है में अन्य भाषा बालनेहारोंके द्वारा और पराये मुखके ट्रारा इन लागोंसे बात करूंगा और वे इस रीतिसे भी मेरी न २२ सुनेंगे । से अन्य अन्य बाोलियां बिश्वासियोंके लिये नहीं पर अविश्वासियोंके लिये चिन्ह हैं परन्तु भविष्य- द्वराणी अविश्वासियोंके लिये नहीं पर बिश्वासियोंके २३ लिये चिन्ह है। से यदि सारी मंडल्नी एक संग ण्कट्री हाय और सब अन्य अन्य भाषा बाल जैौर क्ननसिख अथवा अबिश्वासों लाग भीतर जावे तो क्या वे न २४ कहेंगे कि ये लाग बार हे हैं। परन्तु यदि सब भविष्यट्राक्य कहें और काई अबिश्वासी अथवा अनसिख मनुष्य भोतर जावे ता वह समभोंकी ओरसे दोषी ठहरता है ४४ झेर समभोंसे जांचा जाता है । और इस रीतिसे उसके मनको गुप्न बातें प्रगठट हे। जाती हैं और यूं बह मुंहके बत्न गिरके इंश्वरका प्रणाम करेगा ज्लर बतावेगा कि इंश्वर निश्चय इन लोगोंके बीचमें हे । २६ तो हे भाइये क्या है . जब तुम एकटरे होते हे। तब तुममेंसे हर एकके पास गीत है उपदेश है अन्य भाषा है प्रकाश है भाषाका अथे है . सब कुछ सुधारनेके लिये २७ किया जाय । यदि कोई अन्‍य भाषा बोले ते दो दो अथवा बहुत हाय ते तीन तीन और पारी पारी बोलें २८ जार एक मनुष्य अथे लगावे। परन्तु यदि अथे लगानेहारा न हो ते मंडलोमें चुप रहे और अपनेसे ५२४ १ करिन्थियोंका । [१४ पब्के। 5 और इंश्वरसे बोले । भविष्यदक्ता दो अथवा तीन २८ बालें और टूसरे बिचार करें। और यदि टूसरेपर ३० जो बैठा है कुछ प्रगट किया जाय ता पहित्ना चुप रहे । क्योंकि तुम सब एक एक करके भविष्यद्राक्य ३९ कह सकते हो इसलिये कि सब सीखें और सब शांति पावें । और भविष्यदुक्ता ओंके आत्मा भविष्पद्क्ताओंके ३२ बशर्म हैं। क्योंकि इेश्वर हुल्लुड़का नहीं परन्तु शांतिका ३३ कत्तो है जैसे पवित्र ल्लागांकी सब मंडलियोंमें है। तुम्हारी स्त्रियां मंडलियोंमें चुप रहें क्योंकि उन्हें ३४ बात करनेकी नहीं परन्तु बशमें रहनेकी आज्ञा दिद गई... है जैसे ब्यवस्था भी कहती है। और यदि वे कुछ सीखने ३५ चाहती हैं ते घरमें अपनेही स्वामियोंसे पूछे क्योंकि मंडलीमें बात करना स्तियोंका लज्जा है। क्या इेश्वरका बचन तुमही में से निकला अथवा केवल ३६ तुम्हारेही पास पहुंचा । यदि काई मनुष्य भविष्यद्गक्ता ३७ अथवा आत्मिक जन देख पढ़े ता में तुम्हारे पास जो बातें लिखता हूं वह उन्हें माने कि तर प्रभुकी आज्ञाएं हैं। परन्तु यदि काई नहीं समता है ता न समके। इ८ सता हे भाइये। भविष्यद्वाक्य कहनेको अभिलाषा करे ३< और अनेक भाषा बालनेके मत बजा । सब कुछ ४० शुभ रीतिसे और ठिकाने सिर किया जाय । द १४ पन्ट्रहवां पब्बे । १ योशके जी उठनेक्रो कथा और उसपर बहुत लागेंकी साक्षी । १२ पुनरुत्थानके नक्रारनस जा बात नकलता ह उनका बणेन । २० याशुक्र पुनरुत्थानस सब्र ४५५." € का. मनुष्यांके जो उठनेका प्रमाण । ३५ पुनरुत्यानको रोति । ४४ उसका फल । हे भाइयो मैं वह सुसमाचार तुम्हें बताता हूं जा मेंने ९ १४ पब्छे ।] १ करिन्थियोंका । ४२४ तुम्हें सुनाया जिसे तुमने ग्रहण भी किया जिसमें तुम २ खड़े भी रहते हा . जिसके द्वारा जे तुम उस बचनका जिस करके मेने तम्हें ससमाचार सनाया धारण करते हा ता तुम्हारा चाण भा होता है . नहीं ता तमने वृथा ३ बिश्वास किया हे । क्यांकि सबसे बडी बातोंमें मेने यही तुम्ह सांप दिई जा मेने गहण भो किई थो कि खरीष्र 8 धम्मेपुस्तकके अनुसार हमारे पापषोंके लिये मरा . और कि वह गाड़ा गया और कि धम्मेपुस्तकके अनुसार वह ४ तीसरे दिन जो उठा . छोर कि वह कैफाके तब बारहें ६ शिष्यांका दिखाई दिया। तब वह एकही बेरमें पांच सोसे अधिक भादयोंका दिखाई दिया जिनमेंसे अधिक भाई ७ अबल्लों बने रहे परन्तु कितने से भी गये हैं। तब वह ८ याकूबका फिर सब प्रेरितांका दिखाई दिया। और सबके पीछे वह मुककेा भी जैसे असमयके जन्मे हुए्केा € दिखाई दिया। क्योंकि मे प्रेरितांस सबसे छोटा हूं और प्रेरित कहतल्लानेके योग्य नहों हं इस कारण कि मेैंने १० इंश्वरकोी मंडलोके सताया । परनन्‍्त में जे कुछ हूं सा इंश्वरके अनुग्रहसे हूं ओर उसका अनुग्रह जे मुझपर हुआ सो ब्यथे नहीं हुआ परन्तु मेंने उन सभेंसे अधिक करके परित्रम किया तोभी मैंने नहीं परन्त इश्वरके १९ अनग्रहने जो मेरे संग था परिश्रम किया। से क्या में क्या वे हम यंहों उपदेश करते है ओर तमने यंही बिश्वास किया । १२ परन्तु जो ख्रोषकी यह कथा सुनाई जाती है कि वह मृतकोंमेंसे जी उठा है तो तुममेंसे कई एक जन व्योंकर ध्श्द्व ९ करिंन्थियोंका । (१४ पब्ले । कहते हैं कि मृतकांका पुनरुत्यान नहीं है। यदि मृतकां- १३ का पुनरुत्यान नहीं है तो खीघ्र भी नहीं जी उठा है। और जो ख्रीप्र नहीं जी उठा है ता हमारा उपदेश ब्यथें १४ हे और तुम्हारा बिश्वास भी ब्यथे है। और हम इईश्वरके ९४ विषयमें भूठे साथी भी ठहरते हैं क्योंकि हमने इंश्वरपर साथी दिईं कि उसने ख्रीप्रकेा जिला उठाया पर यदि मृतक नहीं जी उठते हैं तो उसने उसके नहीं उठाया। क्यांकि यदि मृतक नहीं जो उठते हैं ता ख्रीघ्र भी नहीं १६ जी उठा है। और जो खीघ् नहीं जी उठा है ते। तुम्हारा ३७ बिश्वास ब्यथे है . तुम अबलों अपने पापोंमें पड़े है। । तब ९८ वे भी जो खीपृर्मे से गये हैं नपष्ठ हुए हैं। जो ख्रीप्रपर १८ केवल इसी जीवनल्नों हमारी आशा है ते सब मनुष्योसे हम लोग अधिक अभागे हैं । पर अब तो ख्रीप्र मृतकांमेंसे जी उठा है और उन्हें- २० का जे से गये हैं पहिला फल हुआ है । क्योंकि जब २९ कि मनुष्यके द्वारासे मृत्यु हुईं मनुष्यके द्वारासे मृत- कोांका पुनरुत्यान भी होगा । क्योंकि जेसा आदममें २२ सब ल्नाग मरते हैं तैसाही ख्रीप्रमें सब लग जिलाये जायेंगे । परन्तु हर एक अपने अपने पदके अनुसार २३ जिलाया जायगा ख्रीप्र पहिला फल तब ख्रीघ्षके लोग उसके आनेपर । पीछे जब वह राज्यको इश्वर अथात २४ पिताके हाथ सेंपेगा जब वह सारी प्रधानता और सारा अधिकार औ पराक्रम लाप करेगा तब अन्त हो- गा । क्योंकि जबल्नों वह सब शचुओंकेा अपने चरणेोंतत्ने २४ नकर ले तबल्नों राज्य करना उसके अवश्य है। पिछला २६ १४ पब्बे । ] १ करिन्थियोंका। ४२७ २७ शत्रु जो ल्लाप किया जायगा मृत्यु है। क्येंकि (ल्निखा है) उसने सब कुछ उसके चरणेंतले करके उसके अधीन किया . परन्तु जब वह कहेगा कि सब कुछ अधीन किया बे बज 6 (/%%. ० पु के गया है तब प्रगट है कि जिसने सब कुछ उसके अधीन रु८ किया वह आप नहीं अधीन हुआ। और जब सब कुछ उसके अधीन किया जायगा तब पुत्र ज्ञाप भी उसके अधोन होगा जिसने सब कुछ उसके अधीन किया जिस्ते ४९ इंश्वर सभोंमें सब कुछ हाय । नहीं तो जा मृतकोंके लिये बपतिसमा लेते हैं से क्या करेंगे . यदि मृतक निश्चय नहीं जी उठते हैं ता वे क्यों मृतकांके लिये ३० बपतिसमा लेते हैं । हम भी क्यों हर घड़ी जाखिममें ३९ रहते हैं । तुम्हारे विषयमें ख्रीप्र यौश हमारे प्रभमें जे बड़ाईं मंकरता हूं उस बड़ाईकी सेंह में प्रतदिन मरता ३२ हूं । जो मनुष्यकी रोतिपर में इफिसमें बन पशुओंंसे लड़ा ता मुझे क्या लाभ हुआ . यदि मृतक नहीं जी उठते है ता आओ हम खावे झी पोवे कि बिहान ४३३ मर जायेंगे । धाखा मत खाओ . बुरी संगति अच्छी ३४ चालके बिगाड़ती है। धम्मेके लिये जाग उठा और प्राप मत करो क्यांकि कितने हैं जे इश्वरकेा नहीं जानते हैं तुम्हारी लज्जा निमित्त कहता हूं । 8४५ परनन्‍्त काई कहेगा मृतक लोग किस रोतिसे जी ३६ उठते हैं झेर केसा देह धरके आते हैं। हे मे जा कुछ त बाता है सो यदि मर न जाय तो जिला- ३७ या नहों जाता है। और तू जे। कुछ बाता है वह मूृत्ति जो हा जायगी नहीं बाता है परन्तु निरा एक क्र रद ९ करिन्थियोंका । [१४ पब्जे । दाना चाहे गेहूंका चाहे और किसी अनाजका। परन्तु इ८ इंध्वर अपनो इच्छाके अनसार उसका मत्ति कर देता है ओर हर एक बीजको अपनो अपनी मूत्ति । हर हू एक शरीर णकही प्रकारका शरोर नहीं है परन्तु मनष्यांका शरीर और है पशक्लांका शरोर और है मछलियोंका और है पंछियांका और है। स्वगेमेंके 8० देह भी हैं ओर पृथिवीपरके देह हैं परन्त स्वगमेंके देहोंका तेज और है और पृथिवीपरके देहांका और है। सूय्येका तेज और है चन्ट्रमाका तेज और है और ४५ तारेोंका तेज और है व्यांकि तेजमें एक तारा दूसरे तारेसे भिन्न है। वेसेहो मृतकांका पुनरुत्यान भी होगा . 8२ वह नाशमान बाया जाता है अबिनाशी उठाया जाता है । वह अनादर सहित बाया जाता है तेज सहित ४३ उठाया जाता है . टुब्बेलता सहित बाया जाता है सामथ्ये सहित उठाया जाता है। वह प्राणिक देह ४8४ बाया जाता है आत्मिक देह उठाया जाता है .ण्क प्राणिक देह हे लर एक आत्मिक देह है। य॑ लिखा ४५ भी हे कि पहिला मनृष्य आदम जोवता प्राणी हआ . पिछला आदम जीवनदायक आत्मा है।पर जो आ- ४६ त्मिक हे साई पहिला नहीं है परन्‍्त वह जो प्राणिक है तब वह जे आत्मिक है | पहिला मनृष्य पृथिवीसे 8७ मिट्टीका था . ट्सरा मनुष्य स्वगंसे प्रभु है। वह ४८ मिट्टीका जेसा था भी हैं जो मिट्टीके हैं और वह स्वगेंबासी जसा हे वेसे वे भी है जे स्वगेबासी ब्टः5ः ०(ु ०-५ ०५, है । आर जेसे हमने उसका रूप जो मिट्टीका था ४8८ बा व ९६ प्रब्जे ।] १ करिन्थियोंका । ४२६ धारण किया है तैसे उस स्वगेबासीका रूप भी धारण ४० करेंगे । पर हे भाइये में यह कहता हंं कि मांस जो लेाह इंश्वरके राज्यके अधिकारी नहीं है| सकते हैं ५९ ओर न विनाश अबिनाशका अधिकारों होता है। देखे में तुम्ह एक भेद बताता हूं कि हम सब नहों से जायेगे परन्तु हम सब पिछली तुरहीके समय धाण भरमें पलक ४२ मारतेही बदलने जायेंगे | क्यांकि तुरही फूंकी जायगी और मृतक अबिनाशी उठाये जायेंगे और हम लेग ५३ बटले जायेंगे | क्यांकि अवश्य हे कि यह नाशमान अबिनाशकेा पहिन लेवे और यह मरनहार अमरता- ४४ का पहिन लेबे | ओर जब यह नाशमान अबिनाशकोा पहिन लेगा और यह मरनहार अमरताका पहिन त्वेगा तब वह बचन जो लिखा हुआ हे कि जयमें . मृत्य निगली गई परा हो जायगा। ४५ हे मृत्य तेरा इंक कहां . हे परत्नाक तेरी जय कहां । ४६ सृत्यका इंक पाप है झार पापका बल ब्यवस्यथा हैं। ४७ परन्‍्त इंश्वरका धन्यवाद होय जे हमारे प्रभु यीशु ४८ खीपके द्वारासे हमें जयवन्त करता है। सो हे मेरे प्यारे भाइये दृढ़ और अचल रहे ओर यह जानके कि प्रभुमें तुम्हारा परिश्रम ब्यथे नहीं है प्रभुके काममें सदा बढ़ते जाओ । १६ सेल्लहवां पब्बें । १ चन्देके विषयमे प्रावलको आज्ञा | ५ उसकी यात्राक्को कृच्ा | १० तिमेप्रियकेा सुहण करनेको बिनती ओर अपलोका समाचार | १३ अनेक उपदेश । १७ नमस्कार सडित पक्रोको समाप्ति । 0 (5 0 (8 45. ह ल्निये १ उस चन्देके विषयमे जे! पिच लोागेंके लिये ठह- 67 ५३० १ करिन्थियोंका । (१६ प्रब्णे। राया गया है जैसा मैंने गल्लातियाकी मंडलियोंका आज्ञा दिई तैसा तुम भी करो । हर अठवारेके पहिल्ले दिन तुममेंसे हर एक मनुष्य जे कुछ उसको सम्पत्तिमें बढ़ती दिदद जाय साई अपने पास ण्कट्रा कर रखे सा न हो। कि जब में आऊं तब चन्दे उगाहे जायें। और जब मैं पहुंचूंगा तब जा काई तुम्हें अच्छे देख पढ़ें उन्हें मैं चिट्टियां देके भेजंगा कि तुम्हारा दान यिरूशत्नीम- के त्ले जावें | पर जा मेरा भी जाना उचित होय ता वे मेरे संग जायेंगे । जब में माकिदा नियासे हे।के निकल चुकूं तब तुम्हारे पास आऊंगा। क्येंकि में माकिदानियासे हे के निकलता हूं पर क्या जाने तुम्हारे यहां ठहरुंगा बरन जाड़ेका समय भी काटूंगा कि तुम जिधर कहीं मेरा जाना हाय उधर मुझे कुछ टूरत्लों पहुंचावा । क्यांकि में तुम्हें अब मागेमें चलते चलते देखने नहीं चाहता हं पर आझाशा रखता हूं कि यदि प्रभु णेसा हाने देवे ता कुछ दिन तुम्हारे यहां ठहर जाऊं । परन्‍्त पतिकोपृल्नां में इफिसमें रहूंगा । क्योंकि एक बड़ा ओर काय्य योग्य द्वार मेरे लिये खला हैं ज्लार बहतसे बिरोधी हैं । यदि तिमा।थय आवे ते देखे कि वह तम्हारे यहां निभय रहे क्योंकि जेसा में प्रभका काय्य करता हं तेसा वह भी करता है। से काई उसे तच्छ न जाने परनन्‍्त उसके कुशलसे आगे पहुंचाओ कि वह मेरे पास आबे व्यांकि में भाइयेंके संग उसकी बाट देखता हूं । भाई कि १० ११ १२ अपलूके विषयम यह हे कि मेने उससे बहुत बिन्तों : ९६ पब्बे ।] १ करिन्थियोंक्रा । ४३१ किईे कि भाइयोंके संग तुम्हारे पास जाय पर उसके इस समयमें जानेकी कुछ भो इच्छा न थो परन्‍न्त जब जवसर पावेगा तब जायगा । १३ जागते रहो . बिश्वासमे ट्रढ़ रहो . परुषा् करो . १४ बलवन्त होओ | तुम्हारे सब कम्म प्रेमसे किये जाये। १५ और हे भाइयो में तुमसे यह बिन्‍्ती करता हूं . तुम स्तिफानके घरानेके जानते हो कि आखायाका पहि- .._ल्ला फल है और, उन्होंने अपने तदें पविच लोागोंकी १६ सेवकाइके लिये ठहराया है। तम ऐसेके ओर हर एक मनष्यके अधोन हो जे सहकम्मी जे परित्रम करने- १७ हारा है। स्तिफान जआ_र फर्ततात झैर आखायिकके ' झआानेसे भे आनन्दित हूं कि इन्होंने तम्हारो घटोकेा १८ परो किई है। व्यांकि उन्हेंने मेरे और तम्दारे मनके : सुख दिया है इसलिये सेसेंकेा माना । १६ . आशियाको मंडलियोंको ओरसे तुमका नमस्कार . . अकूला ओर प्रिस्कीलाका और उनके घरमेंकी मंडतल्नीका २० तुमसे प्रभुमें बहुत बहुत नमस्कार । सब भाई लोगेंका तुमसे नमस्कार . एक टूसरेके पिच चूमा लेके नमस्कार २९ करा । सुझ पावलका अपने हाथका लिखा हुआ नम- २२ स्कार । यदि कोई प्रभु योशु खीपृकेा प्यार न करे ता २३ स्रापित हाय . मारानायथा (अथीोत प्रभु आता है)। प्रभु ४२४ यीश ख्रीपका अनुग्रह तुम्हारे संग हाय । ख्रीध्र यीशुमें मेरा प्रेम तुम सभोंके संग हावे । आमीन ॥ करिन्थियांका पावल प्रेरितकी दूसरी पत्नी । १ पहिला पब्ब। १ प्रत्रोका आभाष । ३ दुःखोंमे शांति दिये जानेके लिये इेश्वरका धन्यवाद करना। ८ ग्राशियाम जा बड़ा क्केश पावलकेा हुआ था तिसका वृत्तांत । १९ पावलका अपनो ओर सुसमाचारकों सत्यताका प्रमाण देना ओर कांरन्थर्म न जानेका हेतु बणेन करना । पावल जो इेश्वरकी इच्छासे यीश ख्रीप्र॒का प्रेरित है और भाई तिमे।थिय इेश्वरको मंडली के जे। करिन्यमें है उन सब पविच ल्ागोंके संग जो सारे आखाया देशमें हैं . तुम्हें हमारे पिता इंश्वर और प्रभु यीश (+ आप बे » /6. (5 के खोपूसे अनुमरह जार शांति मिलने । हमारे प्रभु यीश ख्रीप्रके पिता इंश्वरका जे दयाका पिता और समस्त शांतिका इंश्वर है धन्यबाद होय . जा हमें हमारे सारे क्लेशमें शांति देता है इसलिये कि हम उन्हें जो किसी प्रकारके क्लेशर्म हैं उस शांतिसे शांति दे सके जिस करके हम जाप इंश्वरसे शांति पाते हैं । क्योंकि जेसा ख्रोप्रके टःख हमेोंमें बहुत होते हैं तैस्ना हमारी शांति भी खीघृके द्वारासे बहुत होती है। परन्‍त हम यदि क्लेश पाते हें ता यह तम्हारी शांति ओ निस्तारके लिये है जो इन्‍्हों टःखोंमे जिन्हें हम भी उठाते हैं स्थिर रहनेमे गण करता हे. अथवा यदि शांति पाते है ता यह तुम्हारी शांति ओ निसस्‍्तारके लिये है । और तुम्हारे विषयमें हमारी आशा टूढ़ है |) ७0 | +इबने डा ॥0- 40७० १ पब्बे।] २ करिन्थियोंका । ४३३ सेफ /2 ब्यांकि जानते हैं भी भागी हो । ८ हे भाइयेो हम नहीं चाहते हैं कि तुम हमारे उस क्लेशके विषयमें अनजान रहे जे आशियासें हमके हुआ कि सामथ्यसे अधिक हमपर अत्यन्त भार पड़ा € यहांलों कि प्राण बचानेका भी हमें उपाय न रहा। बरन हम आप मृत्युकी आज्ञा अपनेमें पा चुके थे कि हमारा भरोसा अपनेपर न हाय परनन्‍्त इश्वरपर जो मृतकोंका १० जिलाता है । उसने हमें ऐसी बड़ी मत्यसे बचाया और बचाता है . उसपर हमने आशा रखी है कि वह फिर भी ११९ बचावेगा . कि तुम भो हमारे लिये प्राथंना करके सहाय- ता करोगे जिस्ते जे। बरदान बहुतोंके ट्वा रासे हमें मिल्नेगा उसके कारण बहुत लेाग हमारे लिये धन्यवाद करें। १२ क्यांकि हमारो बड़ाई यह है अथात हमारे मनकी साथी कि जगतमें पर ओर भी तुम्हारे यहां हमारा ब्यव- हार इेश्वरके याग्यकी सीधाई झऔऔ सच्चाई सहित शारी- रिक ज्ञानके अनुसार नहीं परन्‍्त इश्वरके अनग्रहके १३ अनसार था । क्यांकि हम तम्हारे पास झौर कछ नहां लिखते है केवल वह जे तम पढ़ते अथवा मानते भी १४ हो और मुझे भरोसा हे कि अन्तल्नीों भो मानागे . जेसा तुमने कुछ कुछ हमेंका भी माना है कि जिस री तिसे प्रभु यीशुके दिनमें तुम हमारे लिये बड़ाई करनेके हेतु १४ हो उसी रोतिसे तम्हारे लिये हम भी हैं । झर इस भरोसेसे में चाहता था कि पहिले तम्हारे पास आऊं १६ जिस्त तुम्ह टूसरो बेर दान मिले . ओर तुम्हारे पाससे तुम जैसे दुःखांके तैसे शांतिके ५३४७ २ करिन्थियोंका । [२ पब्छे | होके माकिदानियाकेा जाऊं जोर फिर माकिदोानियासे तुम्हारे पास आऊं और तुम्हेंसे यिहृदियाकी ओर कुछ टूरल्ां पहुंचाया जाऊं । से इसका बिचार करनेमें क्या मैंने हलकाई किई अथवा में जे बिचार करता हूं क्या शरोरके अनुसार विचार करता हूं कि मेरी बातमें हां हां और नहीं नहीं हाोवे। इंश्वर विश्वासयेग्य साश्षी है कि हमारा बचन जो तुमसे कहा गया हां ओ नहीं न्त था। क्योंकि इंश्वरका पुच यीशु ख्री प्र जिसका हमारे द्वारा अथात मेरे औ सीलाके ओ तिमेाथियके द्वारा तुम्हारे बीचमें प्रचार हुआ हां ओ नहीं न था पर उसमें हां ही था। क्योंकि इेश्वरकी प्रतिज्ञाएं जितनी हों उसोमें हां और उसीमें आमीन हैं जिस्ते हमारे द्वारा इंश्वरकी महिमा प्रगट हाय। ओर जो हमें तुम्हारे संग खीपरम टढ़ करता है और जिसने हमें अभिषेक किया है से इंश्वर है . जिसने हमपर छाप भी दिई हे और हम लोगोंके मनमें पविच आत्माका बयाना दिया है। परन्तु मैं इंश्वरका अपने प्राणपर साश्यी बदता हूं कि मैंने तुमपर दया किई जा अबलनों करिन्‍्य नहीं गया । यह नहीं कि हम तुमपर बिश्वासके विषयमें प्रभुताई करनेहारे हैं परन्तु तुम्हारे आनन्दके सहायक हैं क्योंकि तुम बिश्वाससे खड़े हा । २ टूसरा पब्बे । १ प्रावलके करेन्थ न जानेका कारण । ४ अपराधो भाईका क्षमा ऋष रे उपदेश । १२ तोतसके त्राआमे न प्रानंके कारण प्रावलका मा किदे।नियास जाना। १४ .सुससाचारस कितनेांका जीवनका कितनेंका मरणका गन्ध मिलना 4 ५९७ १८ १८ ब0 २९ ब्र २३ २४ २ पञ्खे ।] २ करिन्थियोंके । ५३५ १ परन्त मैंने अपने लिये तम्हारे विषयमें यही ठहराया २ कि मे फ़िर उनके पास उटास होके न जाऊंगा। क्यों कि जा मे तम्ह उदास करूँ ता फिर मे झानन्दित कर ने- हारा कान है केवल वह जो मुकसे उदास किया जाता ३ है। और मैंने यही बात तुम्हारे पास इसलिये ल्लिखी कि आनेपर मुके उत्तको ओरसे शेक न हाय जिनकी आओरसे उचित था कि में आनन्दित होता क्योंकि में तम सभोंका भरोसा रखता हूं कि मेरा आनन्द तुम सभोंका ४ आनन्द है। बढ़े क्केश और मनके कप्रसे मेंने बहत रो रोके तम्हारे पास लिखा इसलिये नहों कि तम्हे शोक हाय पर इसलिये कि तम उस प्रेमके जान लेओ जो में तुम्हारो आर बहुत अधिक करके रखता हूं । ५ परनन्‍्त किसाने याद शाक दिलाया है तो मरे नहों पर में बहत भार न देऊं इसलिये कहता हूं कुछ कुछ ६ तम सभोका शाक [दलाया है। एस जनके लिये यह 9 टंड जा भाइयोंमेसे अधिक लेागेंने दिया बहुत है। इस- लिये इसके बिरुट् तम्ह कोर भो चाहिये कि उसे शमा करा ओर शांत देझे न हो कि णएेसा मनृष्य अत्यन्त ८ शाकम दब जाय । इस कारण मे तमसे बिनन्‍्ती करता € हूं कि उसका अपने प्रेमका प्रमाण देझे। क्योंकि मेंने इस हेतुसे लिखा भी कि तुम्हारी परीक्षा लेके जानू कि १० तम सब बातोंमे आज्ञाकारी होते हो कि नहों। जिसका तुम कुछ छ्ूमा करते हा भ भी शछ्मा करता हूं ब्येंकि मेने भी यदि कुछ छामा किया हे ता जिसके छमा किया है उसको तुम्हारे कारण खरोष्॒के साधश्यात थमा किया ४३६ २ करिन्थियोंका । [३ पब्ले । न्डीि है . कि शेतानका हमपर दांव न चले व्यांकि हम १९ उसकी जुगतोंसे अज्ञान नहीं हैं । जब में स्रीप्रका सुसमाचार प्रचार करनेकेा चेजआार्मे आया ओर प्रभुके कामका णक द्वार मेरे लिये खुला था . तब मेने अपने भाई तीतसकेा जे नहीं पाया ते मेरे मनका चैत न मिला परन्तु उनसे बिदा होके मैँ माकिदोनियाके गया । परन्तु इेश्वरका धन्यवाद होय जो सदा खोप्ृमें हमारी जय करवाता है जौर उसके ज्ञानका सगनन्‍्ध हमारे द्वारासे हर स्थानमें फेलाता है। व्यांकि हम इंश्बरकेा उनमें जे चाण पाते है झऔर उनमें भी जो नाश हेते हैं खीप्॒के सगन्‍ध है. इनके हम मृत्यके लिये मृत्यके गन्ध हैं पर उनके जीवनके लिये जो बनके गन्ध हैं. कौर इस कामके याग्य कान है । क्येंक हम उन बहुतांके समान नहीं हैं जे इंश्वरके बचनमें मिलावट करनेहारे हैं परन्त जैसे सच्चाईंसे बालनेहारे परन्तु जैसे इंश्वरकी ओरसे बालनेहारे तैसे इश्वरके सन्‍्मख ख्रीपरकी बातें बोलते हैं । ३ तीसरा पब्बे। १ करिन्थीय मंडलोका प्ररितांकों पदवोका प्रमाण छाना । ४ प्ररितेंकी शाक्तिका इेश्वरकोी ओरसे हाना । ७ म़साकों ब्यवस्थासे सुसमाचारका श्रेष्ठ द्वाना । १२ ससमाचारका इसो कारण स्पष्ट रोतिसे प्रचार किया जाना । क्या हम फिर अपनी प्रशंसा करने लगे हैं अथवा जैसा कितनोंकी तलैसा क्या हमेंका भी प्रशंसाकी पतियां तुम्हारे पास लानेका अथवा तुम्हारे पाससे तने जानेका प्रयोजन है। तुम हमारी पत्री हो जे हमारे हृदयमें १२ १३ १४ १४ रद ९७ ३ पव्ले।] २ करिन्थियोंका । ५३७ लिखी गई है और सब मनुष्योंसे पहचानी जज पढ़ी ३ जाती है। क्यांकि तुम प्रत्यक्ष देख पड़ते हा। कि ख्रीप्रकी पत्नी हो! जिसके विषयमें हमने सेवकाई किई और जो सियाहीसे नहीं परन्तु जोवते इंश्वरके आत्मासे पत्यर- को पटियाओंपर नहीं परन्तु हृद्यको मांसरूपी पट- रियोंपर लिखी गई है। 8 हमें इश्वरकी ओर ख्रीपुके द्वारासे ऐेसाही भरोसा है. ५ यह नहीं कि हम जेसे अपनी ओरसे किसी बातका बिचार आपसे करनेके योग्य हैं परन्तु हमारी योग्यता ६ देश्वरसे होती है . जिसने हमें नये नियमके सेवक हेनेके योग्य भी किया लेखके सेवक नहीं परन्तु आत्माके क्योंकि लेख मारता है परन्तु आत्मा जिलाता है। ७ और यदि मृत्यकी सेवकाई जो लेखेंमें थी और पत्परोंमें खेोदी हुईं थी तेजामय हुईं यहांल्ों कि मूसाके मुंहके तेजके कारण जे ल्लाप होनेहारा भी था इस्राये- ८ लके सन्‍तान उसके मुंहपर टूप्नि नहों कर सकते थे . ते आत्माकी सेवकाई और भी तेजेमय क्यों न होगी। € व्यांकि यदि दंडकी आज्ञाकी सेवकाई एक तेज थी ते बहुत अधिक करके धम्मेकी सेवकाई तेजमें उससे अ्रेषु १० है। और जो तेजेसय कहा गया यथा से भी इस करके अथात इस अधिक तेजके कारण कुछ तेजेमय न ठहरा । ११९ व्यांकि यदि वह जो लोाप होनेहारा था तेजवन्त था ते बहुत अधिक करके यह जे। बना रहेगा तेजेमय है। १२ से रेसी आशा रखनेसे हम बहुत खेतलके बात करते १३ हैं . और शेसे नहीं जैसा मूसा अपने मुंहपर परदा 68 श्द्व८ २ करिन्थियोंका । [४ पब्बे । डालता था कि इस्रायेलके सन्‍्तान उस लोाप होनेहारे विषयके अन्तपर टूप्नि न करें । बरन उनको बुट्ठि मन्द हुई क्योंकि आजलों पुराने नियमके पढ़नेमें वही परदा पड़ा रहता है और नहीं खुलता है कि वह खीपूृर्मे लेप किया जाता है। पर आजलों जब मूसाका पुस्तक पढ़ा जाता है उनके हुट्यपर परदा पड़ा है। परन्तु जब वह प्रभुकी ओर फिरेगा तब वह परदा उठाया जायगा। प्रभु तो आत्मा है और जहां प्रभुका आत्मा है तहां निबेन्धता है । और हम सब उधघाड़े मुंह प्रभुका तेज जैसे दर्षेणमें देखते हुए मानो प्रभु अथात आत्माके गुणसे तेजपर तेज प्राप्त कर उसी रूपमें बदलते जाते हैं । ४ चाया पब्बे । 4 प्रोरितेंको सच्चा इका बणेन ओर सुसमाचारके कितनोंसे गुप्त रहनेका कारण ॥ ७ प्रेरितांका नाना प्रकारका क्केश उठाना । १३ पोछे मद्दा सुख पानको आशा रखना । इस कारण जब कि उस दयाके अनुसार जे हमपर किईदे गई यह सेवकाई हमें मिली है हम कातर नहीं होते हैं. पर लज्जाके गुप्त कामोंका त्यागके न चतुराईसे चलते हैं न इश्वरके बचनमें मित्लावट करते हैं परन्तु सत्यको प्रगट करनेसे हर एक मनुष्यके बिवेकके इश्वर- के आगे अपने विषयमें प्रमाण देते हैं। पर हमारा सुस- माचार यदि गुप्त भी है ते उन्हेंपर गुप्त है जो नाश होते हैं . जिन्हें में देख पड़ता है कि इस संसारके इंश्वरने अबिश्वासियोंकी जुद्दि अन्धी किई है कि ख्री पृ जे इेश्वर- की प्रतिमा है तिसके तेजके सुसमाचा रकी ज्योति उनपर प्रकाश न हाय । क्येंकि हम अपनेके नहों परन्तु ख्रीघ् १४ १५ ६ १७ प्‌ ४ पब्ब ।] २ करिन्थियोंका | ४३६ यीशुका प्रभु करके प्रचार करते हैं और अपनेकेा ६ यीशके कारण तुम्हारे दास कहते हैं | क्योंकि इश्वर जिसने आज्ञा किई कि अन्धकारमेंसे ज्याति चमके वही है जो हम लोागोंके हट्यमें चमका कि इंश्वरका जा तेज योश ख्रीप्रके मुंहपर है उस तेजके ज्ञानको ज्याति प्रकाश हाय । ७ परन्तु यह सम्पत्ति हमें मिट्टीके बत्तनोंमें मित्नी है कि सामथ्यकी अधिकाई ईंश्वरकी ठहरे और हमारी ८ ओरसे नहों । हम सखब्बंथा क्लेश पाते हैं पर सकेतेमें € नहीं हैं . टुबधामें हैं पर निरुपाय नहीं . सताये जाते हैं पर त्यागे नहीं जाते . गिराये जाते हैं पर नाश १० नहीं होते | हम नित्य प्रभु यीशका मरण देहमें लिये फिरते हैं कि यीशका जीवन भी हमारे देहमें प्रगट १९ किया जाय । क्योंकि हम जो जीते हैं सदा योशुके कारण मृत्यु भागनेका सांपे जाते हैं कि यीशुका जीवन भी १२ हमारे मरनहार शरीरमें प्रगट किया जाय । से मृत्य हमेंमें परन्त जीवन तुम्हेंमें काय्य करता है । १३ परन्तु विश्वासका वही आत्मा जैसा लिखा है मैंने विश्वास किया इसलिये बाला जब कि हमें मित्ला है हम भी विश्वास करते हैं इसलिये बोलते भी हें. १४ क्योंकि जानते हैं कि जिसने प्रभु यीशका जितना उठाया से हमें भी यीशके द्वारा जिलाके तुम्हारे संग अपने १४५ आगे खड़ा करेगा । क्योंकि सब कुछ तुम्हारे लिये है जिस्ते अनुमरह बहुत होके इेश्वरकी महिमाके लिये १६ बहुत लोागेंके धन्‍्यबादके हेतुसे बढ़ता जाय। इसलिये ४४० २ करिन्थियोंका । [४ पब्खे । हम कातर नहीं होते हैं परन्त जे हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता है ताभी भीतरी मनुष्यत्व दिनपर दिन नया. होता जाता है। क्योंकि हमारे क्लेशका धण भरका हलका बाक हमारे लिये महिमाका अनन्त भार अधिकसे अधिक करके उत्पन्त करता है. कि हम तो दुश्य विषयों के नहीं परन्तु अटूश्य विषयेंका देखा करते हैं क्यांकि दृश्य विषय अनित्य हैं परन्तु अदृश्य विषय नित्य हैं। ४ पांचवां पब्बे । १ अनन्त सुखको आशा रखनेसे प्रेरितेंका साहस । ९ ढिचारक दिनको अपेक्षा करनेस उनको चैकसाईे । १४ स्त्रोष्ठके प्रेमके कारण उनका अपने ते उसको संबाके लिये सांप देना । १८ मिलापके ससमाचारका बखान । हम जानते हैं कि जो हमारा प्रथिवीपरका डेरासा घर गिराया जाय तो इंश्वरसे एक भवन हमें मित्रा है जे। बिन हाथका बनाया हुआ नित्यस्थायी घर स्वगेमें है । क्योंकि इस डेरेमें हम कहरते भी है जर अपना वह बासा जो स्वरगगीय है ऊपरसे पहिननेकी लालसा करते हैं। जे ऐसाही ठहरे कि पहिने हुए हम नंगे नहीं पाये जायेंगे। हां हम जे इस डेरेमें हें बाऋसे दबे हुए कहरते है क्योंकि हम उतारनेकोी नहों परन्‍्त ऊपरसे पहिननेको इच्छा करते है कि जीवनसे यह मरनहार नगतला जाय। ओर जिसने हमें इसी बांतके लिये तेयार किया है से इश्वर है जिसने हमें पविच आत्माका बयाना भो दिया है। से हम सदा ढाढस बांधते हैं झर यह जानते हैं कि जबलों देहम रहते है तबल्नां प्रभसे | “2825 25७5 ४ पब्ब ।] २ करिन्थियोका । ५४१ ७ अत्नग होते हैं । क्योंकि हम रूप देखनेसे नहीं परनन्‍्त ८ बिश्वाससे चलते हैं । इसलिये हम साहस कर ते हैं आर यही अधिक चाहते हैं कि देहते अलग होके प्रभुके संग रहें । < इस कारण हम चाहें संग रहते हुए चाहें अलग होते १० हुए उसको प्रसन्नता योग्य हानेकी चेष्ठा कर ते हैं। ब्येंकि हम सभोंका ख्ीप्रके बिचार आसनके आगे प्रगट किया जाना अवश्य है जिस्ते हर एक जन क्या भत्ना काम क्या बुरा जे! कुछ किया हो उसके अनुसार देहके द्वारा किये ११ हुएका फल पावे। सो प्रभुका भय मानके हम मनुष्येकेा सममाते हैं पर इश्वरके आगे हम प्रगट होते हैं और १२ मुझे भरोसा है कि तुम्हें के मनमें भी प्रगट हुए हैं। क्यें कि हम तम्हारे पास फिर अपनो प्रशंसा करते हैं सो नहीं परन्त तुम्हें हमारे विषयमें बढ़ाई करनेका कारण देते हैं कि जे लोग हृदयपर नहीं परन्तु रूपपर घमंड करते हैं उनके बिरुटु बढ़ाई करनेको जगह तुम्हें मिलते । १३ क्योंकि हम चाहें बेसुध हों ता इंश्वरके लिये बेसध हैं चाहें सुबुद्दि हों ता तुम्हारे लिये सबुट्ठि हैं । १४ ख्रीष्तुका प्रेम हमें बश कर लेता है क्येंकि हमने यह बिचार किया कि यदि सभेंके लिये एक मरा ता वे सब १४ मृूण . ओर वह सभेंके लिये इस कारण मरा कि जो जीवते हैं से अब अपने लिये न जोवें परन्त उसके लिये १६ जे। उनके निमित्त मरा और जी उठा । से हम अबसे किसीकेा शरोरके अनसार करके नहीं समकते हैं लैर यदि हम ख्रीप्रका शरोरके अनुसार करके समकते भी थे 6 ५४४२ २ करिन्थियोंका । [६ पब्ले । ताभी अब उसके नहीं ऐसा समभते हैं । से यदि १७ काई ख्रीपृर्मे हाय ते नई रुप्रिहे . पिछली बातें बीत गई हैं देखे सब बातें नई हुई हैं । और सब बातें इश्वरकी ओर से हैं जिसने यीशु खी पके ९८ द्वारा हमें अपने साथ मिला लिया और मिल्ापकी सेवकाई हमें दिई . अथात कि इेश्वर जगतके लेागोंके २८ अपराध उनपर न लगाके ख्रीप्॒में जगतकेा अपने साथ मिला लेता था ओर मिलापका बचन हमोंकेा सोॉंप दिया । से हम ख्रीप्रकी सन्‍ती टूत हैं माना इेश्वर २० हमारे द्वारा उपदेश करता है . हम ख्रीपघ्रकोी सन्‍्ती बिन्‍्ती करते हैं इश्वरसे मिलाये जाओ । क्यांकि जो २१९ पापसे अनजान था उसके उसने हमारे लिये पाप बनाया कि उसमें हम इेश्वरके धम्मे बने । ६ छठवां पब्बे। ३ प्रेरित्ांका दःख भोागना ओर उनका स्वभाव ओर अधिकार । ११ पापा और अखिश्वासो लागोंकों संगातिसे अलग रहनेक्ता उपदेश । से हम जो सहकम्मों हैं उपदेश करते हैं कि इश्वरके ९ अनुग्रहका वृथा ग्रहण न करो । व्यांकि वह कहता है मैंने शुभ कालमें तेरी सनी और निस्‍्तारके दिनमें तेरा उपकार किया . देखे अभी वह शुभ काल है देखा अभी वह निसस्‍्तारका दिन है । हम किसी बातसे कुछ ठाकर ३ नहीं खिलाते हैं कि इस सेवकाईपर दोष न लगाया जाय . परन्तु जैसे इेश्वरके सेवक तेसे हर बातसे अपने ४ लिये प्रमाण देते है अथात बहुत धीरतासे ल्लेशेंमें द्रि- द्रतामें संकटोंमें . मार खानेमें बन्दीगहेंमें हुल्लड़ोंमें परि- ५ ६ पब्बे ।] २ करिन्थियोंका । ५४४३ ६ अममें जागते रहनेमें उपवास करनेमें . शटुतासे ज्ञानसे धोरजसे कृपालुतासे पविच्र आत्मासे निष्कपट प्रेमसे ७ सत्यके बचनसे इंश्वरके सामथ्यसे टहिने जे बायें धम्मेके ८ हथियारोंसे . आदर औ_.औ निराट्रसे अपयश जौ सयशसे € कि भरमानेहारोंके एेसे ह ताभी सच्चे हैं. अनजाने हुओंके ऐसे हैं ताभी जाने जातेहैें मरते हुओंके से हैं और देखे जीवते हैं ताइ़ना किये हुआओंके रेसे हैं और १० घात नहों किये जाते है . उटदासोॉंके एेसे हे परन्‍्त सदा आनन्द करते ह कंगालोंके ऐसे ह परन्तु बहुतांका घन- वान करते है रेसे हे जेसा हमारे पास कछ नहीं है तौभी सब कुछ रखते है । ११९ हे करिन्थियो हमारा मुंह तुम्हारी ओर खुला है १२ हमारा हटय बिस्तारित हुआ है। तम्ह हमोंमें सकेता नहीं है परन्त तम्हारेही अन्तःकरणमें तम्हें सकेता है। १३ पर में तमकेा जेसा अपने लड़कांका इसका वेसाहो बद- १४ ला बताता हूं कि तुम भी बिस्तारित होओ । मत अबिश्वासियोंके संग असमान जूरमें जुत जाओ क्योंकि धम्मे झर अधम्मेका कानसा साभा है और अन्धका र- १४ के साथ ज्याोतिकी कान संगति । और बिलियालके संग खीपघकी कान सम्मति है अथवा अविश्वासीके साथ १६ बिश्वासोका कानसा भाग । ओर मरतोंके संग इश्वर के मन्दिरका कौनसा सम्बन्ध हे क्यांकि तम ता जीवते इंश्वरके मन्दिर हो जेसा इश्वरने कहा में उनमें बसं- गा और उनमें फ़िरंंगा और में उनका इश्वर होंगा १७ और वे मेरे लोग होंगे । इसलिये परमेशबर कहता ४४४ २ करिन्थियोंका । [9 पब्खे । है उनके बीचमेंसे निकले! झैर अलग होओ खैर अशतटु बसतकेा मत छूओ ते मे तुम्ह ग्रहण करूंगा . आर में तम्हारा पिता होंगा और तम मेरे पच जार पुत्रियां होगे सब्बंशक्तिमान परमेश्वर कहता हैं । ७ सातवां पब्बे। ३ ऊपरके उपदेशको समाप्ति । २ करिन्थियांसे पावलके प्रमका सम्बन्ध । ४ उसका तोतसकं द्वारासे शांति प्राप्त करना । ८ उसको परहडिली पत्रीक्का फल । १३ उसका उनके विष्यमे आनन्द करना । से हे प्यारा जब कि यह प्रतिज्ञाएं हमें मित्री हैं जाओ हम अपनेका शरार और आत्माकी सब मल्ली न- तासे श॒ट्टु करें आर इंश्वरका भय रखते हुए सम्पूर्ण पविचताको प्राप्त करें । हमें ग्रहण करो हमने न किसीसे अन्याय किया न किसीके बिगाड़ा न किसीके ठगा। में दोषी ठहरानेका नहीं कहता हूं क्योंकि मैंने आगेसे कहा है कि तुम हमारे मनमें हा ऐेसा कि हम तुम्हारे संग मरने ओर तुम्हारे संग जोनेके तैयार है। तुम्हारी ओर मेरा साहस बहुत है तुम्हारे विषयमें मुझ्के बड़ाईं करनेकी जगह बहुत हैं हमारे सब क्लेशके विषय में शांतिसे भर गया हूं और अधिकसे अधिक आनन्द करता हूं । क्यांकि जब हम माकिदोानियामें आये तब भी हमारे शरीरकेा कुछ चैन नहीं मिल्ला पर हम समस्त प्रकारसे क्लेश पाते थे . बाहरसे युद्र भीतरसे भय था । परन्तु दीनोंकोा शांति देनेहारेने अथात इंश्वरने ती तसके आ ने- से हमेंका शांति दिए . और केवल उसके झनेसे नहीं पर १छ ७ पब्बे ।]. २ करिंन्थियोांका । ५४४ उस शांतिसे भी जिस करके उसने तम्हारी लालसा ओ तुम्हारे बिलाप ओऔ मेरे लिये तुम्हारे अनुरागका समा- चार हससे कहते हुए तुम्हारे विषयमें शांति पाई आई क ऑ कक इतर * यहांलों कि में अधिक आनन्दित हुआ । ८ ब्यांकिजो मेंने उस पत्नीसे तम्हें शोक दितल्लाया ता- यद्यपि पछताता था अब नहीं पछताता हं. में देखता हूं कि उस पच्चोने यदि केवल थोड़ी बेरलों तैभी € तुम्हे शोक तो दिलाया । अभी मैं आनन्द करता हूं इसलिये नहों कि तमने शोक किया परन्‍्त इसलिये कि शोक करनेसे पश्चात्ताप किया क्यांकि तम्हारा शोक इंडबरको इच्छाके अनसार था जिस्ते तम्ह हमारी जो र- १० से किसी बातमें हानि न होय । क्योंकि जे शोक इश्वरकी इच्छाके अनुसार है उससे वह पश्चात्ता प उत्पन्न होता है जिस करके चाण है जौर जिससे किसी के नहीं पछताना है . परन्तु संसारके शेकसे मृत्यु उत्पन्न है।ती १९ है। क्योंकि अपना यही इंश्वरको इच्छाके अनुसार शोक टिलाया जाना देखा कि उससे कितना यत्र हां उत्तर देनेकी कितनी चिन्ता हां कितनी रिस हां कितना भय हां कितनी लालसा हां कितना अनराग हां दंड देनेका कितना बिचार तुममें उत्पन्न हुआ . तुमने समस्त प्रकारसे अपने लिये इस बातमें निरदे।ष होनेका १३ प्रमाण दिया है। से मैंने जे तुम्हारे पास लिखा ताोभी न ते उसके कारण लिखा जिसने अपराध किया न उसके कारण जिसका अपराध किया गया परन्तु इस कारण कि ; हमारे लिये जो तम्हारा 69 ५४६ २ करिन्थियोंका । [८ पब्बे । यत्न है सा तम्होंमें इश्वरके सन्‍्मख प्रगट किया जाय । इस का रणसे हमने तम्हारो शांतिसे शांति पाई और बहुत अधिक करके तोतसके आनन्‍्दसे ओर भी आन- न्दित हुए व्याकि उसके मनके तुम समोंकी ओरसे सुख दिया गया है। क्यांकि यदि मेंने उसके आगे तुम्हारे विष्यमें कुछ बड़ाई किई है ते ल्लज्जित नहीं किया गया हं परन्‍त जेसा हमने तमसे सब बाते सच्चाइसे कहां तेसा हमारा तीतसके आगे बड़ाई करना भी सत्य हुआ है। और वह जे| तम सभेके आज्ञापालनके स्मरण करता है कि तुमने क्यांकर डरते ओर कांपते हुण उसके ग्रहण किया ता बहुत अधिक करके तमपर स्रेह करता हैं। में आनन्द करता हूं कि तुम्हारी ओरसे मर्र समस्त प्रकारसे ढाढस बन्धता हे। ८ आठवां पब्ब । १ कंगाल भाइयोंको सद्दायता करनेके विषयमे माक्लिदोनियाकी मंडलियांका बखान । 9 इसके विषयम करिन्थियोंके उपदेश ओ ठाठुस देना। १६ जा भाई लाग चन्दके रुपेये लेने जाते थे उनको प्रशंसा । हे भाइये हम तुम्हें इश्वरका वह अनुग्रह जानते हैं जे माकिदानियाकी मंडलियेंमें दिया गया है . कि क्लेशको बड़ी परीक्षामें उनके आानन्दकोी अधिकाई और उनकी महा दररिट्रता इन दोनोांके बढ़ जानेसे उनकी उदारताका धन प्रगट हुआ । वक्यांकि में साश्ली देता हूं कि वे अपने सामथ्य भर कौर सामथ्यसे अधिक आप- हीसे तेयार थे . ओर हमें बहुत मनाके बिन्तो करते थे कि हम उस दानके और पविच लेगेंके लिये जे! सेव- १३ १४ १४ १६ ८ पब्बे।]) २ करिन्थियोंका । ४४७ ४ काई तिसकी संगतिका ग्रहण करें . ओर जैसा हमने आशा रखी थी तैसा नहीं परन्त उन्हेंने अपने तहं पहिले प्रभुके तब देश्वरकी इच्छासे हमेंके दिया . ६ यहांतलोां कि हमने तीतससे बिन्‍्ती किई कि जैसा उस- ने आगे आरंभ किया. था तैस्ता तुम्हांमें इस अनुग्रहके 2: शक कम्मकेा समाप्त भी कर ले । ७ परन्तु जेसे हर एक बातमें अथात बिश्वासमें ओ बचनमें जे ज्ञानमें ओऔ सारे यतसमें ले हमारी ओर तुम्हारे प्रेममें तुम्हारी बढ़ती होती है तैसे इस अनुग्रह- ८ के कम्मेमें भी तुम्हारी बढ़ती हाय | में झाज्ञाकी रीतिपर नहीं परन्तु ओरोंके यत्र करनेके कारण और तुम्हारे € प्रेमकी सच्चाईंके परखनेके लिये कहता हूं। क्येंकि तुम हमारे प्रभु योश खीप्रका अनुग्रह जानते हो कि बह जो धनी था तुम्हारे कारण दरिटू हुआ कि उसको दरिट्र- १० ताके ट्वारा तुम धनी हा ओ । और इस बातमें में परामश देता हूं क्योंकि यह तुम्हारे लिये अच्छा हे जा बरस दिनसे केवल करनेका नहीं परन्तु चाहनेका भी आरंभ ११ आगेसे कर चुके । से अब करनेकोी भी समाप्मि करे कि जैसा चाहनेके तुम्हारे मनकी तैयारी थी बेसा तुम्हारी . सम्पत्तिके समान तुम्हारा समाप्ति करना भी होवे। १४२ ब्यांकि यदि आगेसे मनकी तैयारी होती है ता ज्ञो .._ जिसके पास नहीं है उसके अनुसार नहीं परन्तु जो ९३ जिसके पास है उसके अनुसार वह ग्राह्म है। यह इस- .._ लिये नहीं हे कि ओरोंका चेन ओर तमके कलश मित्ने १४ परन्‍्त समतासे इस बत्तमान समयमें तम्हारोी बढती श्ट्््क 9 ३9 ए४५ २ करिन्थियोंका । [८ पब्खे । उन्हांकी घटतीमें काम आवे इसलिये कि उनकी बढ़ती भी तुम्हारी घटतीमें काम आवे जिस्ते समता हाय . जैसा लिखा है जिसने बहुत संचय किया उस- का कुछ उभरा नहीं और जिसने थोड़ा संचय किया उसका कछ घटा नहीं । जोर इश्वरका धन्यवाद होय जो तम्हारे लिये वहा यत्न तीतसके हटयमें देता है . कि उसने वह बिन्ती ग्रहण किईं बरन अति यत्रवान होके वह अपनी इच्छासे तम्हारे पास गया है । और हमने उसके संग उस भाइकोा भेजा हैं जिसको प्रशंसा ससमाचारके विषयमे सब मडलियोंमें होती है। और केवल इतना नहीं परन्तु वह मंडलियोंसे दहराया भी गया कि इस अनुमह- के कम्मेके लिये जिसकी सेवकाई हमसे किई जाती है हमारे संग चल्ने जिस्तें प्रभका महिमा जेर तम्हारे मनको तेयारो प्रगट किईं जाय । हम इस बातमें चो- कस रहते है कि इस अधिकाइंके विषयमे जिसको सेवकाई हमसे किई जाती है कोई हमपर दोष न लगावे । क्यांकि जो बातें केवल प्रभुके आगे नहीं परन्तु मनुष्येंके आगे भी भत्ी हैं हम उनकी चिन्ता करते हैं। आर हमने उनके संग अपने भाईको भेजा है जिसके हमने बारंबार बहुत बातोंमें परखके यत्रवान पाया है पर अब तमपर जो बड़ा भरोसा हे उसके कारण रद १9 ९७. श्र २२0 २९ ब्र्र बहुत अधिक यत्ञवान पाया है। यदि तीतसकोी पूछी २३३ जाय ते वह मेरा साथी और तम्हारे लिये सहकर्म्मी है झ्थयवा हमारे भाई लोग हों तो वे मंदलियोंके टत ६ पब्ले ।] २ करिन्थियोंका । ५४४६ २४ ओर खोपको महिमा हैं। सो उन्हें मंडलियोंके सन्‍्मख अपने प्रेमका ओर तम्हारे विषयमे हमारे बड़ाई करनेका प्रमाण टिखाओ । € नवां पब्बे । १ चन्देके विषयर्म भाइयेंका भेजनेका अभिप्राय । ई ईश्वरकी प्रतिज्ञा ओआ बड़ी कृपाके हेतुसे आर उस चन्देके फलके छेतुसे करिन्थियोंका देनेके चित्ाना । १ प्रविच लोगोंके लिये जे सेवकाई तिसके विषयमें २ तुम्हारे पास लिखना मुझे अवश्य नहीं है। क्योंकिसें तुम्हारे सनकी तैयारोके जानता हूं जिसके लिये में तुम्हारे विषयर्मे माकिदानियोंके आगे बड़ाई करता हूं के आखायाके लेाग बरस दिनसे तेयार हण हैं और ३ तुम्हारे अनुरागने बहुतांके हिसका दिलाया है। परन्तु मेंने भाइयेंकेा इसलिये भेजा हे कि तम्हारे विषयमें जा हमने बड़ाईं किई हे से इस बातमे ब्यथं न ठहरे अथात कि जेसा मैंने कहा तैसे तुम तैयार है रहे. ४ ऐसा न हो कि यदि काई माकिदानी लोग मेरे संग आके तुम्हें तैयांर न पावें ता क्या जानें इस निर्भेय बढ़ाई करनेमें हम न कहें तुम लज्नित हा ओ पर हमही ५ लज्जित हावें। इसलिये मेने भाइयेंसे बिनन्‍्ती करना अवश्य समका कि वे आगेसे तुम्हारे पास जावें और तुम्हारी उदारताका फल जिसका सन्देश आगे दिया गया था आगेसे सिट्दु करें कि यह ल्लाभके नहीं परन्तु उदारताके फलके णेसा तेयार होवे। ६ परन्त यह है कि जो शट्टतासे बाता हे सा छाद्रतासे लवेगा भो और जो उदारतासे बाता हे सा उदारतासे 262| ७2 ७ /्ण्नयी दे ४४० २ करिन्थियोंका । [६ पब्जे । लवेगा भी । हर एक जन जेसा मनमें ठाने तेसा दान करे कुढ़ कुढ़के अथवा दबावसे न देवे क्योंकि ईश्वर ह्षसे 2 24530, मी देनेहारेका प्यार करता है। और इंशवर सब प्रकारका अनुग्रह तुम्हें अधिकाईसे दे सकता है जिस्तें हर बातमें और हर समयमें सब कुछ जे अवश्य हाय तम्हारे पास रहे ओर तम्ह हर एक अच्छे कामके लिये बहत सामथ्य हाय । जेसा लिखा है उसने बियराया उसने कंगालेंकोा दिया उसका धम्मे सदालां रहता हैं । जो बानेहारेकोा बीज और भेजनके लिये रोटी देनेहारा है से तुम्हें देवे जौर तुम्हारा बीज फलवन्त करे ओर तुम्हारे धम्मेके फलोंका अधिक करे . कि तुम हर बातमें सब प्रकार- को उदारताके लिये जो हमारे ट्वारा इेश्वरका धन्य- बाद करवाती है धनवान किये जावा । क्यांकि इस उपकारकी सेवकाई न केवल पविच लेगेंकी घटियोंका पूरी करतो है परन्तु इेश्वरके बहुत धन्यबादोंके ट्रारासे उभरती भी है | क्यांकि वे इस सेवकाईसे प्रमाण लेके तुम जो ख्रीप्रके सुसमाचारके अधीन हेोनेका अंगी- कार करते हा उस अधीनताकओ लिये ज्लौर उनकी और सभेंकोी सहायता करनेमें तुम्हारी उदारताके लिये इंश्वरका गुणान॒बाद करते हैं। और इश्वरका अत्यन्त अनय्ह जे। तसमपर है उसके कारण तम्हारी त्वलालसा करते हण तम्हारे लिये प्राथेना करनेसे भी इंश्वरकी महिमा प्रगट करते है । इंश्वरका उसके धज्यकथ्य दानके ल्वये धन्यवाद होवे। छ १० १९. ९२ १३ १४. १३ १० प्रब्बे ।] २ करिन्थियांका । ४४१ १० ट्सवां पब्ब। १ पावलक्रा अपने पदका आर आत्मिक युद्धका बणन करना | 9 बिरेोधियोंका समभाना । १२ शअपने परिश्रमकेा बखानना । १ में वही पावल जो तुम्हारे साम्ने तम्हेंमें टीन हूं परन्‍्त तुम्हारे पीछे तुम्हारो, ओर साहस करता हूं तुमसे खीप्रको नम्रता जार केामलताके कारण बिन्ती करता २ हूं। में यह बिन्‍्ती करता हूं कि तुम्हारे साम्रे मुझे उस दृढ़तासे साहस करना न पड़े जिससे में कितनोंपर जो हमेंका शरोरके अनुसार चलनेहारे समकते हैं साहस ३ करनेका बिचार करता हूं । क्येंकि यद्यपि हम शरीरमें चलते फिरते हैं ताभी शरोरके अनसार नहीं लड़ते ४ है। व्येींकि हमारे यटुके हथियार शारीरिक नहों परन्त ४ गढ़ोंका ताड़नेके लिये इेश्वरके कारण सामर्थों हैं। हम तकेोांकेा ओर हर एक ऊंचो बातकी जो इश्वरके ज्ञानके बिरूटु उठतो हे खंडन करते हैं आर हर एक भावनाकोा ६ ख्रीप्की आज्ञाकारी करनेके लिये बन्दी कर लेते हैं. और तैयार रहते हैं कि जब तुम्हारा आज्ञापालन पूरा हा जाय तब हर ए्क आज्ञालंघनका दंड देवें। ७ क्या ठुम जा कुछ सन्‍्मुख हे उसीके देखते हो . यदि काई अपनेमें भरोसा रखता हे कि वह ख्रीप्रका है तो आपही फिर यह समझे कि जेसा वह ख्रीपृका 3 बा ० ० ३] ० प्गर लिये नहीं परन्तु सुधारनेके लिये हमें दिया है कुछ अधिक करके भी बड़ाई करूं ता लज्जित न होंगा। कक न क ४५२ २ करंन्थयोंका [१० पब्ले । पर यह न होवे कि मे ऐसा देख पड कि तम्ह पतच्चियोंसे डराता हं । क्यांकि वह कहता है उसकी पत्रियां ता भारी जे प्रबल हैं परन्तु साथ्ातमें उसका देह टुब्बेत्न और उसका बचन तुच्छ है। ऐसा मनुष्य यह समम्के कि हम लोग तुम्हारे पोछे पत्रियोंके द्वारा बचनमें जैसे हैं तुम्हारे साम्रे भी कम्मेमें वेसेही होंगे । क्यांकि हमें साहस नहीं हे कि जो लेाग अपनी प्रशंसा करते हैं उनमेंसे कितनेंके संग अपनेके गिनें अथवा अपनेकेा उनसे मिलाके देखे परन्तु वे अपनेका अपनेसे आप नापते हुए और अपनेका अपनेसे मिलाके देखते हुए ज्ञान प्राप्त नहीं करते हैं । हम ता परिमाण- के बाहर बड़ाई नहीं करेंगे परन्तु जे परिमाणद्ण्ड इंश्वरने हमें बांट दिया है कि तुम्होंतक भी पहुंचे उसके नापके अनुसार बड़ाईं करेंगे | क्येंकि हम तुम्होंतक नहीं पहुंचते परन्तु अपनेकेा सिवानेके बाहर पसारते हे १०. ११ १२ १३ १४ हैं ऐसा नहीं है क्योंकि ख्रोपृुका सुृसमाचार प्रचार करनेमें हम तुम्हांतक भी पहुंच चुके हैं। और हम परिमाणक्े बाहर ट्सरोंके परिश्रमके विषयमें बड़ाई नहीं करते हैं परन्त हमें भरोसा है कि ज्यों ज्ये| तम्हारा बिश्वास बढ जाय त्यों त्यां हम अपने परिमाणके अनुसार तम्हारे द्वारा अधिक अधिक बढ़ाये जायेंगे . कि हम तुम्हारे देशसे आगे बढ़के सुसमाचार प्रचार करें आर यह नहीं कि हम टूसरोंके परिमाणके भीतर तैयार किई हुईं बस्तुओंके विषयमें बढ़ाई करें। पर जे बड़ाई करे से प्रभुके विषयमें बढ़ाई करे । क्योंकि १२ ९६ १७ १८ १९ पब्ज ।] २ करिन्थियोंका । ३४३ जे। अपनी प्रशंसा करता है से नहीं परन्तु जिसकी प्रशंसा प्रभु करता है वही ग्रहण योग्य ठहरता है । ११९ णग्यारहवां पब्बें । १ प्रावलके अपना बखान करनेका हेतु । 9 करिन्थियोंसे कुछ रुपेये न लेनेका क्वारण । १३ भृठे प्रेरितांका बर्णन । १६ पावलके बड़ाई करनेकोी आवश्यकता- का बणेन । २२ यिहदी होनेके विषयर्म और अपने दुःख ओ दुब्बेलताक विषयम उसका बड़ाई करना । १९ मे चाहता हँं कि तसम मेरो अज्ञानताम थोड़ासा २ मेरी सह लेते . हां मेरो सह भी लेओ। । व्यांकि में इंश्वरके लिये तम्हारे विषयमें धन लगाये रहता हूं इसल्नये कि मेने एकही परुषसे तम्हारो बात लगाई हे जिस्त तुम्हें पविच कुंवारोकी नाईं ख्रीप्रके सेंप देऊं। ३ परन्‍त मे दरता हं कि जेसे सांपने अपनी चतराइसे हव्वाका ठगा तेसे तुम्हारे मन उस सोधाईसे जो खो पु- 8 को ओर है कहां भ्रप्त न किये जाये। यदि वह जो तुम्हारे पास आता है टूसरे यीश॒को प्रचार करता है जिसे हमने प्रचार नहीं किया अथवा और आत्मा तुम्हें मिलता हि मज के+ यप ८4 8 हु है जा तुम्ह नहों मित्रा था अथवा ओर सुसमाचार जिसे तमने ग्रहण नहीं किया था ता तम भल्ी रोतिसे ५ सह लेते । में ता समकता हं कि में किसी बातमें ६ उन अत्यन्त बढ़े प्रेरितांसे घट नहों हं। यदि में बचन- में अनाड़ी हूं ताभो ज्ञानमे नहों परन्तु हम हर बातमे सभोके आगे तुमपर प्रगट किये गये । ७ में जा अपनेका नीचा करता था कि तुम ऊंचे किये जावोा क्या इसमें मेने पाप किया . क्योंकि मैंने सेंतमेत ८ इश्वरका सुसमाचार तुम्हें सुनाया। मैंने और मंडलियों- 70 ५५४४ २ कारेन्थियोंका । [११ प्रब्जे। (8 [थे (५ ३ 38 के के लूट लिया कि तुम्हारी सेवाके लिये मेने उनसे मजूरी लिईं । ओर जब में तुम्हारे संग था और मुकके घटी रा | ७] ९१० हुईं तब मेने किसीपर भार नहीं दिया क्योंकि भाइयों- ने माकिदानियासे आके मेरी घटीका पूरी किई और मैंने सब्बेया अपनेकेा तुमपर भार हानेसे बचा रखा और बचा रखूंगा । जा ख्रीप्रकी सच्चाई मुझमें हे ते मेरे विषयमें यह बढ़ाई आखाया देश नहों बन्द किईद जायगी । किस कारण . क्या इसलिये कि में तुम्हे प्यार नहीं करता हूं . इश्वर जानता है। पर है के आका हो सिर जाप लि: हा।काप रस हैं उन्हें में दांव पाने न देऊं कि जिस बातमें वे घमंड करते हैं उसमें वे हमारेही समान ठहरें। क्यांकि ऐसे लोग माठे प्रेरित हैं छल्नका काय्ये करने- हारे ख्रीपृके प्रेरितांका रूप धरनेहारे । आर यह कुछ 3४ 88 8 २५४ शिकार... अचंभेकी बात नहीं क्यांकि शैतान आप भी ज्यातिके टूतका रूप धरता है। से यदि उसके सेवक भी धम्में- के सेवकेांकासा रूप धरें तो कुछ बड़ी बात नहीं है . पर उनका अन्त उनके कम्मांके अनुसार होगा । में फिर कहता हूं काई मुभ्छे मूख न समके ओर नहीं ते यदि मू्ख जानके तोभी मुक्छे महण करे कि थोड़ासा में भी बड़ाई कछूं । में जे बालता हूं उसके प्रभुकी आज्ञाके अनुसार नहीं परन्तु इस निरभेय बड़ाई करनेमें जैसे मूर्खेतासे बोलता हूं । जब कि बहुत लाग शरीरके अनुसार बड़ाई करते हैं में भी बड़ाईं करूंगा। तम ते १० ११९ ९२ १३ १४ १४ रद बुट्टिमान होके आनन्दसे मूर्खांकी सह लेते हेा।। क्येंकि २० ११ पब्ले ।] २ करिन्थियोंका । ४५५ यदि कोई तुम्हें दास बनाता है यदि काई खा जाता है यदि कोई ल्ने ल्लेता हे यदि काई अपना बड़ापन करता दि काई तुम्हारे मुंहपर थपेड़ा मारता है ता तुम २९ सह लेते हो । इस अनाटरको रीतिपर में कहता हूं माना किहम टब्बल ये . परन्‍त जिस बातमे काई साहस करता है में मखतासे कहता हं में भी साहस करता हूं । & ० के २२ क्या वे इब्री लोग हैं भी हं. क्या वे इस्रायेली ब्ः बे । + ह.मभोहं. कक्‍्यावेइब्राहोमके बंश है . मे भा हूं। ७ 2255 कल ब्ग5 / २३ क्या वे खोधुके सेवक हैं . में बुहिहीनसा बोलता हूं हि उनसे बढ़कर मे बहुत अधिक परित्रम करनेसे ओ अत्यन्त मार खानेसे ओ बन्‍्दीगृहमें बहुत अधिक पड़ने- से ओ मृत्युत्लां बारंबार पहुंचनेसे खीपृका सेवक ठहरा। २४ पांच बार मैंने यिहृदियोंके हाथसे उन्‍्तातल्नीस उन्‍्तालीस २४ कोड़े खाये | तोन बार मैंने बेत खाईं एक बार पत्यर- वाह किया गया तीन बार जहाज जिनपर में चढ़ा था २६ टूट गये एक रात दिन मैंने समुट्र्में काटा। नदियेंकी अनेक जे खिम डाकूओंकी अनेक जेखिम अपने लेगोंसे अनेक जेखिम अन्यदेशियोंसे अनेक जेखिम नगरमें अनेक जेखिम जंगलमे अनेक जेखिम सम॒ट्र्म अनेक जाखिम कठे भाइयेंमें अनेक जेखिम इन सब जाखिमों २७ सहित बार बार याचा करनेसे . और परिश्रम जे क्लेशसे बार बार जागते रहनेसे भूख ओ प्याससे बार बार उपवास करनेसे जाड़े ओ नंगाईसे में ख्रीप्रका सेवक श्प० ट5हरा | और ओर बातोंका छाइके यह भीड़ जो प्रति- दिन मुझूपर पड़ती है अथात सब मंडल्नियोंकी चिन्ता। एप २ करिन्थियोंका । [१३ पब्ले। कान टुब्बेल है और में टुब्बेल नहीं हूं . कौन ठाकर २९ खाता है औझोर में नहों जलता हूं । यदि बढ़ाई करना ३० अवश्य है ता में अपनी ट्ब्लनेलताकी बातांपर बड़ाई | रूगा। हमार प्रभु योश स्लीप्का पिता इंश्वर जो सब्लेदा ३१ धन्य है जानता है क मे कूठ नहों बालता हं। दमेसकर्म ३२ आरता राजाको ओरसे जो अध्यक्ष था से सभ्रे पकडने- को इच्छासे ट्मेसकियोंके नगरपर पहरा दिलाता था। झोार मे खिड़को देके टाकरेम भीतपरसे लटकाया गया ३३ जआेर उसके हाथसे बच निकला । १२ बारहवा पब्ब। प्रावलक्ा स्वगंलेकर्स चढ्ा लिया जाना ओर प्रीके संकट पाना। ११ करिन्थियों - का फिर समकाना। १६ उसके ओर तोतसके चरित्रका रक समान होना । १७ उसका केवल उनके सधारनेके लिये यह बाते लिखना । बड़ाई करना मेरे लिये अच्छा तो नहों है . में प्रभभे १ दशनों ओर प्रकाशेंका बणेन करूंगा। मैं खीपृमें एक मनुष्यका जानता हूं कि चादह बरस हुए क्या देह सहित मे नहों जानता हूं क्या देह रहित मैं नहीं जानता हूं इंश्वर जानता है ऐसा मनष्य तीसरे स्वगें- त्वां उठा लिया गया । में ऐेसे मनष्यका जानता हूं ३ क्या देह सहित क्या देह रहित में नहीं जानता हूं इंश्वर जानता हे . कि स्वगेलेाकपर उठा ल्लिया गया 8 झेार अकथ्य बातें सन्तों जिनके बालनेका सामथ्ये मनुष्यका नहों है । ऐसे मनष्यके विषयमें में बड़ाहईे ४ करूंगा परन्तु अपने विष्यमें बड़ाई न करूंगा केवल्ल अपनो टुब्बेल्लताओंपर । क्यांकि यदि मैं बढ़ाई करने- ६ को इच्छा करूंगा ता मूर्ख न होंगा व्यांकि सत्य बा- क्ब्न क्‍ | जाओ बे का १२ पब्ले ।] २ करिन्थियोंका । ५४७ िः फि १ १४ लूंगा परन्तु मैं रूक जाता हूं ऐसा न हा कि कोई जा कछ वह देखता हे हैं अथवा मरसे सनता है उससे मरकेा कछ बड़ा समभके । जोर जिस्त में प्रकाशाोंकी अधिकाईसे अभिमानो न हो जाऊं इस- लिये शरोरमें एक कांटा माना मर्के घसे मारनेका शेतानका एक टत मरे दिया गया कि में अभिमानो न हो जाऊं । इस बातपर मेंने प्रभुसे तीन बार बिन्तो किई कि मुझसे यह टूर किया जाय । और उसने मुझसे कहा मेरा अनुग्रह तेरे लिये बस है क्योंकि मेरा सामथ्य टुब्बेलतामें सिद्दु होता है . सो में अति आनन्दसे अपनी टुब्लैलताओंहीके विषयमें बढ़ाई करूँ- गा कि खोघृका सामथ्य मुझकपर आ बसे। इस कारण में स्रीपके लिये टुबल्लेंलताओंसे ओ निन्‍दाओंसे ओ दरिद्रतासे ओ उपट्रवांसे ओ संकटोंसे प्रसन्न हूं क्यों- कि जब में दुब्बेल हूं तब बत्नवन्त हूं । में बढ़ाई करनेमें मूखे बना हूं तुमने मुकसे शेसा करवाया है . उचित था कि मेरो प्रशंसा तुम्होंसे कि जातो क्यांकि यद्पपि मैं कुछ नहीं हूं ताभी उन अत्यन्त बड़े प्रेरितांसे किसी बातमे घट नहीं था। प्रेरितके लक्षण तम्हारे बीचमें सब प्रकारके धोरज सहित चिन्हों जरा अदत कामी औ आश्चय्य कम्मांसे दिखाये गये। कानसी बात थी जिसमें तुम आर ओर मंडलियेंसे घट थे केवल 2308 #' व 3६२ यह कि मेने झआापहो तमपर भार नहों दिया . मेरी यह गज ओजीक आअनोति शरमा कोजियाो । देखा में तोसरो बार तम्हारे पास आनेकेा तेयार हूं आर मे तुमपर भार न दूंगा | || ८: जब ही । ४ ५५८ | २ करिन्थियोंका । [१२ पब्छे । क्योंकि में तुम्हारी सम्पत्तिका नहीं पर तुमहीका चाहता हूं क्यांकि उचित नहों है कि लड़के माता पिताके लिये पिता लड़कांके लिये संचय करे। परनन्‍्त १९४ जितना तम्ह अधिक प्यार करता हं उतना हूं तेभी में अति आनन्दसे तम्हारे प्राणोंके लिये ख्चे करूंगा झोर खच किया जाऊंगा । से ऐसा होय मैंने तुमपर बार नहीं डाला . ताभी ९६ [कहते हैं कि] मैंने चतुर हाके तुम्हें छलसे पकड़ा । क्या जिन्हें मेंने तुम्हारे पास भेजा उनमेंसे किसोकेा १९७ कह सकते कि इसके ट्वारासे मैंने ल्लाभ कर कुछ तुमसे लिया । मेने तीतससे बिन्‍ती किई जेैर भाईका उसके ९८ संग भेजा . क्या तीतसने ल्लाभ कर कुछ तुमसे लिया . क्या हम णकही आत्मासे न चल्ने . कया एकही लीकपर न चतल्ने। फिर क्या तुम समभते हा कि हम तुम्हारे साम्रे १८ अपना उत्तर देते हैं . हम ता इंश्वरके साम्रे खीपमे बालते हैं पर हे प्यारो सब बातें तम्हारे सधारनेके लिये बालते है । क्यांक मे डरता हें ऐेसा न हो कि २० क्या जानें में आके तम्ह न णेसे पाऊं जेसे में चाहता हूं और में तुमसे ऐसा पाया जाऊं जैसा तुम नहीं 3 [ब चाहते हा . कि क्या जानें नाना भांतिके बैर डाह क्रोध बिबाद टुबेचन फुसफुसाहट अभिमान ओर बखेंडे हावें। और मेरा इेश्वर कहीं मुझे फिर आनेपर २१ तुम्हारे यहां हेठा करे और में उन्हेंमेंसे बहुतांके लिये शेकक् करूं जिन्होंने आगे प्राप किया था ओर उस १३ पब्बे ।] २ करिन्थियोंका । े ५४६ अशुट कम्मे ओर व्यभिचार और लुचपनसे जो उन्हें ने किये थे पश्चात्ताप नहीं किया है। १३ तेरहवां पब्जे । १ पावलका कार्रिन्थियोंकेा समकाना ऐेसा न हो कि अन्तर दंड देना अवश्य हाय । १९ उपदेश ओ नमस्कार सहित पत्रीकों समाप्त । १ यह तीसरो बार में तुम्हारे पास आता हूं . दो अर तोन साश्चियांके मृंहसे हह एक बात ठहराइई २ जायगी । में पहित्ते कह चुका ओर जैसा तुम्हारे सामने टूसरी बेर आगेसे कहता हूं ओर तुम्हारी पीठके पीछे उन लोागोंके पास जिन्हेंने आगे पाप किया था और आर सब लोागोंके पास अब लिखता हं किजो में फिर ३ तुम्हारे पास आऊं ते नहीं छेडइंगा । तुम ते खीप॒के मरूमे बाोलनेका प्रमाण ढंढते हा जो तम्हारो ओर ४8 टब्बेल नहों हे परन्त तम्होंमें सामर्थी हे। क्यांकि यद्पसपि वह दुब्बेलतासे क्रशपर घात किया गया तैीभी इंश्वरके सामथ्यंसे जीता है . हम भी उसमें टुब्बेल हैं परन्तु तुम्हारी आर इंश्वरके सामथ्येसे उसके संग ४ जीयेंगे । अपनेकेा परखेत कि विश्वासमें हो कि नहों अपनेकेा जांचे . अथवा क्या तम अपनेकोे नहीं .._ पहचानते हो कि योश खरीघ्र तम्होंमें है नहीं तो तम ६ निकृष्ठ हा । पर मेरा भरोसा है कि तुम जानोगे कि ७ हम निकृष्र नहों हैं । परन्‍्त मे इंश्वरसे यह प्राथेना .. करता हं कि तम कोई ककम्मे न करो इसलिये नहीं कि हम खरे देख पढ़ परन्‍्त इसलिये कि तम सकम्मे ८ करे . हम बरन निकृष्रके से होवे ता हावें। क्योंकि ५६० २ करिन्थियोंका (१३ पब्छे। हम सत्यके बिरूटु कुछ नहों कर सकते हैं परन्‍्त सत्यके निमित्त । जब हम टदुब्बेंल हैं पर तुम बलवन्त हा तब € हम आनन्द करते हैं कार हम इस बातको प्रार्थना भी करते हैं अथात तम्हारे सिट्ठु हानेकी । इस कारण ९० में तुम्हारे पीछे यह बातें ल्लिखता हूं कि तुम्हारे साम्र मुझे उस अधिका रके अनुसार जिसे प्रभुने नाश करने के लिये नहीं परन्त सुधारनेके लिये मुके दिया है कड़ाईसे कुछ करना न पढ़े । अन्तर हे भाइया यह कहता हूं कि आनन्दित ९९ रहे सुधर जाओ शांत हाओ ण्कही मन रखे मित्ने रहे ओर प्रेम ओ शांतिका इेश्वर तुम्हारे संग हागा। एक टूसरेकेा पविच चूमा लेके नमस्कार करो । सब ३३ पविच लेागेंका तुमसे नमस्कार । प्रभु योशु खीपृका १४ अनुग्रह और इंश्वरका प्रेम और पविच आत्माकी संगति तुम सभेोंके साथ रहे । आमीन ॥ गलातियांका पावल प्रेरितकी पत्नी । १ पहिला पब्बे । १३ प्रत्रोका आभाष । द गलातियोंके सत्य मतसे फिर जानेक। उलहना । ११ पा- वलका यह बताना कि मेंने सुसमाचार मनुष्यसे नहों परन्तु ईश्वरसे पाया | १३ उसको अगली चालसे ओर बिश्वास करनेके पोछेके चरित्रस इस बातका प्रमाण। १ पावल जो न मनुष्योंकी ओआरसे और न मनुष्यके द्वारासे परन्त यीशु ख्रीप्रके द्वारासे आर इश्वर पिताके २ द्वारासे जिसने उसके मृतकेंमेंसे उठाया प्रेरित है . और रु ०.३ ०-३ 3 5 (5. ९ ० 30% 23 छाल. 3 का सब भाई लोग जो मेरे संग हैं गलातियाकी मंडलियोंको . ३ तुम्ह अनुम्रह ओर शांति इश्वर पिता और हमारे प्रभु ४ योश खीपूसे मिलने . जिसने अपनेका हमारे पापोंके लिये दिया कि हमें इस बत्तेमान बुरे संसारसे बचावे ४ हमारे पिता इंश्वरको इच्छाके अनुसार . जिसका गुणानुबाद सदा सब्वेदा हावे . आमीन । ६ में अचंभा करता हूं कि जिसने तुम्हें ख्रीपृके अनुगरहके द्वारा बुलाया उससे तुम ऐसे शीघ्र आरही सुसमाचार को ७ ओर फिरे जाते है । ओर वह ते टूसरा सुसमाचार नहीं है पर केवल कितने लनाग हैं जा तुम्हें व्याकुल करते - ट- 7 जे _पइ 4 है + के. हैं ओर ख्रीप्रके सुसमाचारका बदत्म डालने चाहते हैं। ८ परन्तु यदि हम भी अथवा स्वगेसे एक दूत भी उस सुसमाचारसे भिन्न जे हमने तुमकेा सुनाया दूसरा € सुसमाचार तुम्हें सुनावे तो स्रापित हावे। जैसा हमने 72 न्स्््््््िः पृद्धर गलातियोंकीा । [१ पब्लें । [आर पहिल्ने कहा हे तेसा में अब भी फिर कहता हूं कि "सअ व जिसके तमने ग्रहण किया उससे भिन्न यटि कोई तुम्ह टसरा ससमाचार सनाता हे तो स्रापित हो वे। क्योंकि मे अब क्या सन॒ष्योंकेा अयवा इंश्वर का मनाता हं . अथ- वा क्या मे मनुष्योंकोा प्रसन्न करने चाहता हूं . जे में अब भा मनलुष्योंका प्रसन्न करता तो ख्रोषुका दास न हाता। हे भाइया मे उस ससमाचारके विषयमे जे मेने प्रचार किया तुम्ह जनाता हूं कि वह मनुष्यके मतके अनसार नहों है। क्यांकि मेने भी उसके मनष्यको आरसे नहों पाया ओर न में सिखाया गया परन्‍्त योशु खोपके प्रकाश करनेके ट्रारासे पाया । क्योकि [यहदोय मतमे मेरी जेसी चाल चलन आगे थी से। तुमने सुनी है कि मैं इंश्वरकी मंडलीके अत्यन्त सताता था औ_ और उसे नाश करता था . और अपने देशके बहुत लागेंसे जे मेरी वयसके थे यिहदीय मतमें अआधक बढ़ गया कि मे अपने पराॉके ब्यवहारोंके विषयमे बहुत आंधक धन लगाये था । परन्‍्त इंश्वरकी जिसने मे मेरो माताके ग्भहीसे अलग किया ज्जर अपने अनग्रहसे ब॒लाया जब इच्छा हुई . कि मरूमें अपने पच्- का प्रगट करे जिसत भे अन्यदेशियोंमं उसका ससमा- चार प्रचार करू तब तुरन्त मेने मांस ओ लाहके संग परामर्श न किया . ओआर न गिरूशत्नीमका उनके पास गया जो मेरे आगे प्रेरित थे परन्‍त अरब देशकोा चला गया झर फिर टमेसककेा लोटा । तब तीन बर स- के पीछे सम पितरसे भेंट करनेके यिरूशली म गया और १0 १९ श्र १३ १४ १४ १६ १७ १्‌छ २ प्ले ।] गलातियोंका । ४६३ १€ उसके यहां पन्ट्रह दिन रहा । परन्‍्त प्रेरितांमेसे मेने जार कसोकेा नहों देखा केवल प्रभमके भाई याकबके | २० में तम्हारे पास जो बातें लिखता हूं देखे इंश्वरके साम्रे २९ मे कहता हूं किम कूठ नहीं बालता हूं। तिसके पीछे में २२ सारिया ओर किल्िकिया देशेंमे गया। पर यिहटियाकी मंडलियोंका जो ख्रोप्र॒मं थों मेरे रूपका परिचय नहीं २३ हुआ था। वे केवल सुनते थे कि जा हमें आगे सताता था से जिस बिश्वासका आगे नाश करता था २४ उसीका अब सुसमाचार प्रचार करता है | और मेरे विषयमे उन्हेंने इश्वरका गुणानुबाद किया । २ टूसरा पब्बे। १ प्रावलने प्रेरितेंसे शिक्षा नहों पाई परन्तु प्रेर्तांने उसके डपदेशपर सर्म्माति कि इसका बणेन 5 पावलका पितरकेा समभाना आर बिश्वासके द्वारा घम्मा ठहरनक उपदशका प्रमाण दना ॥ १ तब चोटह बरसके पीछे में बणेबाके साथ फिर . गिरुशलीमकेो गया और तीतसके भी अपने संग ल्ने २ गया । में प्रकाशके अनसार गया ओर जो ससमाचार मे अन्यटेशियोंम प्रचार करता हं उसके मेने उन्हें सनाया पर जो बड़े समके जा उन्हें ण्कान्तमें सनाया जिस्त न हा कि में किसी रोतिसे वृथा दाड़ता ३ | अथवा दाड़ा था | परन्त तीतस भी जो मेरे संग था यद्यपि यनानोी था ताोभी उसके खतना किये जानेकी 8 आज्ञा न दिए गई। ओर यह उन करठे भाइयों के कारण हा जो चारोसे भीतर ले लिये गये थे और हमें बंधमें डालनेके लिये हमारो निबधताको जो खीप यीशमे हमें ५ मिली हे देख लेनेके छिपके घस आये थे। उनके ५६४ गलातियोंकीा । [२ पब्ले। हि बशम हम णक घड़ी भी अधीन नहीं रहे इसलिये ससमाचारका सचन्नाई तम्हारे पास बनी रहे । फिर जो त्ताग कुछ बड़े समझे जाते थे वे जैसे थे तेसे थे म्के कुछ काम नहों इंश्वर किसी मनुष्यका पश्षपात नहीं बा ही कलर. करता है उनसे मेने कुछ नहीं पाया व्यांकि जे लोग बढ़े समझे जाते थे उन्हेंने मुझे कुछ नहीं बताया । परन्तु इसके बिरूदु जब याकूब और कैफा और योहनने जा खंभे समभे जाते थे देखा कि जैसा खतना किये हुओंके लिये सुसमाचार पितरकेा सोंपा गया तैसा खतनाहोनेंके लिये मुझे सांपा गया . क्योंकि जिसने पितरसे खतना किये हुओंमेंको प्रेरिताईंका कास्ये / आर पी. ० 0 ७. के कक शे करवाया तिसने मुझसे भी अन्यदेशियोंमें काय्य करवा- या. ओर जब उन्हेंने उस अनुम्रहका जो मुझे दिया गया था जान लिया तब उन्हेंने मुकका और बणेबाका संगतिके दहिने हाथ दिये इस कारण कि हम अन्य- देशियोंके पास ओर वे आप खतना किये हुओंके पास जावे । केवल यह चाहा कि हम कंगालोांको सध लेवें कोर यही काम करनेमे मेने तो यत्न भी किया । परन्तु जब पितर अन्तंखियामं आ्राया तब भेने साधथ्यात उसका साम्रा किया इसलिये कि दाषी ठहराया गया था। क्यांकि कितने लागोंके याकूबके पाससे आनेके पहिले वह अन्यदेशियेंके साथ खाता था परन्तु जब वे आये तब खतना किये हुए लागोंके डरके मारे हटके अपनेकेा अलग रखता था । और उसके संग दूसरे यिहृदियोंने भी कपट किया यहांलों कि बणेबा भी १० ११ र३ | छान ००-ी प- २ पब्बे।] गलातियोंका । ५६४ १४ १४ १६ १७ १८. १८ ४० २१ उनके कपटसे बहकाया गया । परन्‍्त जब मेने देखा कि वे ससमाचारकी सच्चाइपर सीधे नहों चत्मते है तब मेने सभोंके साम्र पितरसे कहा किजे तू यिह॒दा हाके अन्यदेशियेंकी रीतिपर चलता है और यिहदीय मतपर नहीं ता तू अन्यदेशियोांका यिहूदीय मतपर क्यीं चत्नाता है । हम जा जनन्‍्मके यिह॒दी हैं आर अन्‍्यदेशियोंमेंके पापी लोग नहीं . यह जानके कि मनुष्य ब्यवस्पाके कम्मांसे नहीं पर केवल यीशु खीपृके बिश्वासके ट्रारासे धर्म्मी टहराया जाता है हमने भी खीपृ यीशुपर विश्वास किया कि हम ब्यवस्यथाके कम्मांसे नहीं पर खोषृके बिश्वाससे धर्म्मी ठहरें इस कारण कि ब्यवस्पाके कम्मीसे काई प्राणी धर्म्मी नहीं ठहराया जायगा। परन्तु यदि खीपमें धम्मी टहराये जानेका यत्न करनेसे हम आप भी पापी टहरे ते क्या ख्रीप्र पापका सेवक है. णेसा न हो। क्योंकि जो बस्त मेने गिराई थी यदि उसोका फ़िर बनाता हंं तो अपनेपर प्रमाण देता हं कि अप- राधी हूं। में ता ब्यवस्थाके ट्वारासे ब्यवस्थाके लिये मरा कि इेश्वरके लिये जीऊं । में ख्रीपरके संग क्र्शपर चढ़ाया गया हूं ताभी जीता हूं . अब तो में आप नहीं पर ख्रीघ्र मुझमें जोता हे आर मे शरोरसभ अब ज्ञा जीता हूं सा इंश्बरके पुत्रके बिश्वासम जाता हूं जिसने मर्के प्यार किया ओर मेरे लिये अपनंकोा सांप दिया । में इश्वरके अनग्रहका ब्यथ नहों करता हं क्योंकि यदि ब्यवस्थाके द्वारासे धम्म होता है ता खत्रीप्‌ ऋकारण समझ । गलातियोंका । [३ पब्ले । श््ट 3 43 ३ तीसरा पब्बे । १ परावलका गलातियांका समभकाना। ४ इत्नाहोमक बिश्लवासका प्रमाण। १० व्यत स्थासे सनष्यांका खापित ठहरना । १४ इेश्वरके नियमको दठताईे। १९ स्वाएलों पहचाना ब्यवस्यथाक्रा आभप्राय ड़ इसका बणन | २४ स्ाएस बच्थाासयाक्रा लेपालक प्रद प्राप्त करना । जात [4 5 22% 30 कक (8 के और (0 बे /8. ह्व नतबाहु गलातया ॥कसन तुम्ह साहालया हक ९ 5 तुम लाग सत्यका न माने जिनके आगे यीशु ख्रोष्ृ क्र्शघपर चढ़ाया हुआ साथ्ात तुम्हारे बीचमें प्रगट किया गया । मे तुमसे केवत्न यहा सुनने चाहता हूं कि तुमने २ आत्माकेा क्या ब्यवस्थाके कम्मांके हेतसे अथवा बि- श्वासके समाचारके हेतुसे पाया । क्या तुम ऐसे निबुद्धि ३ हा। . क्या आत्मासे आरंभ करके तुम अब शरोरसे सिट्ु किये जाते हा । क्या तुमने इतना दुःख वृथा ४ उठाया . जो ऐसा ठहरे कि वृथाही उठाया । जा तम्हे आत्मा दान करता ओर तस्‍्होंमे क्राश्चय्य ५ कम्म करवाता हे सा क्या ब्यवस्थाके कम्मांके हेतसे अथवा बिश्वासके समाचा रके हेत॒से ऐसा करता है। जैसे इब्राहीमने इेश्वरका बिश्वास किया जलर यह ६ उसके लिये धम्मे गिना गया। से यह जाना कि जे ७ बिश्वासके अवल्मम्बी हें साई इब्ाहोमके सन्‍तान है । फ़िर ईश्वर जे! बिश्वाससे अन्यदेशियोंकोा धर्म्मी ठहह- ८ राता है यह बात आगेसे देखके धम्मेपुस्तकने इवाहोमकेा आगेसे सुसमाचार सुनाया कि तुकमें सब देशेंके ललाग अआशीस पावेंगे। से वे जे बिश्वासके अवलम्बी ८ हैं बिश्वासी इब्राहीमके संग आशीस पाते हैं । क्योंकि जितने ल्लाग ब्यवस्थाके कम्मांके अवलम्बी हैं वे ९० ३ पब्ब ।] गला तियोंका । ५६७ सब स्रापबश हे ब्यांकि लिखा है हर एक जन जो ब्यव- स्थाके पुस्तकर्मं लिखी हुईं सब बातें पालन करनेकेा १९ उनमें .बना नहीं रहता है स्रापित है। परन्तु व्यवस्था के द्वारासे इश्वरके यहां काई नहीं धर्म्मी हहरता है यह बात प्रगट है क्योंकि बिश्वाससे धर्म्मी जन जीयेगा । १२ पर व्यवस्था विश्वास संबन्धी नहीं है परन्तु जे। मनुष्य १३ यह बातें पात्नन करे से उनसे जीयेगा । ख़रोप्ने दाम देके हमें ब्यवस्थाके स्रापसे छुड़ाया कि वह हमारे ० (5 कक की 2 श् ब्प रे लिये स्रापित बना क्योंकि लिखा हे हर एक जन जो १४ काठपर लटकाया जाता है स्रापित है । यह इसलिये हुआ कि इबाहीमकी आशोस ख्रीप्र यीशर्मे अन्यदेशि- यॉंपर पहुंचे और कि जे कुछ आत्माके विषयमें प्रतिज्ञा किया गया से बिश्वासके ट्वारासे हमें मिल्ले। १४ हे भाइयोा मे मनष्यको रोतिपर कहता हं कि मनष्यके नियमके भी जो ट्रढ़ किया गया है काई टाल नहीं १६ दंता हैं आर न उसमे मसत्वा दता हैं । फ़र प्रति- ज्ञाएं इब्राहीमका और उसके बंशके टिईदं गदें . वह नहीं कहता है बंशोंका जैसे बहुतांके विषयमें परन्त जैसे एकके विषयमें ओर तेरे बंशका . साई ख्रीप है। ५७ यह कहता हूं कि जे नियम इंश्वरने ख्रीपरके लिये आगेसे टृढ़ किया था उसके ब्यवस्था जे चार से तीस बरस पोछे हुई नहीं उठा देती है ऐसा कि ९८ प्रतिज्ञाका ब्यथे कर दे । क्यांकि यदि अधिकार ब्यव- स्थासे होता है ता फिर प्रतिज्ञासे नहीं है . परन्‍्त इंश्वरने उसे इजाहीमको प्रतिन्नाके द्वारासे दिया पृद्द्प न्‍ गलातियेंका । (३ पब्ले। ता ब्यवस्था क्या करतो है . जबल्लों वह बंश जिसके १९८ प्रतिज्ञा दिई गई थी न ञ्राया तबत्लों अपराधोंके कारण वह भी दिईं गई और बह टूतोंके द्वारा मध्यस्पके हाथमें निरूपण किईद गई । मध्यस्थ एकका नहीं होता है २० परन्तु देश्वर ण्क है। तेा क्या व्यवस्था इंश्वरकी २१ प्रतिज्ञाओंके बिरूुटु है . ऐसा न हो क्येंकि यदि ऐसी व्यवस्था दिई जाती कि जिलाने सकती ते निश्चय करके धम्में ब्यवस्थासे हाता। परन्तु धम्मेपुस्तकने सभों- २२ के पाप तल्मे बन्द कर रखा इसलिये कि योश खो पके बिश्वासका फल जिसको प्रतिज्ञा किईद गई बिश्वास करनेहारोंकेा दिया जावे । परन्तु बिश्वासके आनेके २३ पहित्ने हम बिश्वासके लिये जो प्रगट होनेपर था ब्यवस्थाके पहरेमें बन्द किये हुए रहते थे । से ब्यव- २४ स्था हमारी शिक्षक हुई है कि खरीपृत्लों पहुंचावे जिस्ते के >छड़नखठ 8 किक बे, हम बिश्वाससे धर्म्मी ठहराये जावें। परन्तु विश्वास जा आ चुका है ता अब हम शिक्षक- २४ के बशमें नहीं हैं। व्येंकि खीघ यीशपर विश्वास करनेके २६ द्वारासे तुम सब इश्वरके सन्‍्तान है।। क्यों कि जितने ने २७ खीपृर्मं बपतिसमा लिया उन्हेंने खीपृके पहिन लिया। उसमें न यिह॒दी न यूनानी है उसमें न दास न निबेन्ध २८ है उसमें नर औ नारी नहीं है क्योंकि तुम सब ख्रीघ्र यीशममें एक हा । पर जो तुम खोप्के हो ता इबा- रू हीमके बंश और प्रतिज्ञाके अनुसार अधिकारी है । ४ पब्ले । ] गलातियोंका । ५६६ ४ चाया पब्वे। १ बिश्वासियांके लेपालक पुत्र छोनेक्ना बर्णेन । ८ व्यक्षस्थाकी ओर फरनेके विषयम गलातियेंकेा समकाना । २१ इब्नाहोमक दो पत्रांके वृत्तान्तसे . ब्यवस्था- का ओर ससमाचारका दुष्ट्रान्स । न ढ १ पर मैं कहता हूं कि अधिकारी जबलों बालक है तबलनां यदमपि सब बस्तुओंका स्वामी है ताभी दाससे २ कुछ भिन्न नहीं है . परन्तु पिताके ठहराये हुए समय- ३ लो रशाकों कर भंडारियांके बशमे है । वेसेही हम भी जब बालक थे तब संसारको आदिशिश्वाके बशसे ४ दास बने हुए थे | परन्तु जब समयकोा पूर्णता पहुंची तब इंश्वरने अपने पचको भेजा जो स्तीसे जन्मा खैर 9५ वब्यवस्थाके बशम उत्पन्न हआ . इसलिये कि दाम देके उन्हें जा ब्यवस्थाके बशर्म ह छड़ावे जिस्त लेपालकेंका ६ पद हमें मिले । और तुम जो पुत्र हो इस कारण इंश्वरने अपने पचके आत्माकोा जो हे अब्बा अथात ७ हे पिता पुकारता है तुम्हारे हृदयमें भेजा है। से तू जब दास नहीं परन्‍्त पच है ज्लौर यदि पच है ता खोपुके द्वारासे इंश्वरका अधिकारों भी है । ८ भला तब तो तुम इंश्वरका न जानके उन्‍्होंके € दास थे जा स्वभावसे इंश्वर नहों हैं. परन्‍्त अब तम इंशवरकेा जानके पर जार भी इंश्वरसे जाने जाके ब्यांकर फिर उस दुब्बेल और फलहीन आदिशिक्षाकी ओर मुंह फेरते हे जिसके तुम फिर नये सिरसे दास क्‍ 0० हुआ चाहते हा । तुम दिनां ओ मासों औओ समयों जे ९१ बरसेंका मानते हे । मैं तुम्हारे विषयमें डरता हूं ; 62 ५४५० गलातियोंका । [४ पब्ले । कि क्या जानें मेंने व॒था तुम्हारे लिये परित्रम किया तुमसे बिन्‍्ती करता हूं तुम मेरे समान १२ हो जाओ क्योंकि में भी तुम्हारे समान हुआ हूं . तुमसे मेरी कुछ हानि नहीं हुईं | पर तुम जानते हा कि १३ पहिले मेने शरीरको ट्ब्लेलताके कारण त॒म्ह ससमाचार सनाया। झऔऔर मेरी परीक्षाक्रा जे मेरे शरोरमें थो १४ तमने तच्छ नहीं जाना न घिन्न किया परन्‍्त जेसे इंश्वर के टतकीा जैसे खस्रीप योशकेा तैसेही मुझके ग्रहण किया। ते वह तम्हारी धनन्‍्यता कैसी थी . क्योंकि में तम्हारा १४ साथ्यी हूं कि जे हे। सकता तो तुम अपनी अपनी आंखें निकालके मरके देते । से क्या तमसे सत्य १६ बोलनेसे में तुम्हारा बेरी हुआ हूं । वे भली रोतिसे १७ तम्हारे अभिलाषो नहों होते ह परन्‍्त तम्हे निकलवाया चाहते है जिसत तम उनके अभिलाषी होओ। । पर ९८ अच्छा है कि भलो बातमें तुम्हारी अभिलाषा जिस समय में तुम्हारे संग रहूं केवल उसी समय किदे जाय से नहीं परन्तु सदा किई जाय । हे मेरे बालके १८ जिनके लिये जबलों तुम्होंमें ख्रोपुका रूप न बन जाय तबल्नों में फिर प्रसवकोसी पीड़ उठाता हूं. में चाहता २० कि अब तम्हारे संग होता ओर अपनी बाली बदलता ब्यांकि तम्हारे विषयमें मर्के सन्देह् होता है। तुम जो ब्यवस्थाके बशरम हुआ चाहते हा मुझसे कहे! २९ क्या तम ब्यवस्थाकोी नहों सनते हो। क्येंकि लिखा है कि २२ इब्राहोमके दा पुत्र हुए एक ता दासोसे और णक तो निबेन्ध स्तीसे । परन्तु जे दासोसे हुआ से शरोरके २३ ५ पब्बे ।] गलातियोंका । ५७१ अनुसार जन्मा पर जो निबन्ध स्तीसे हुआ से प्रतिज्नाके २४ द्वारासे जन्मा । यह बातें टूप्वान्तके लिये कही जातो हैं ब्यांकि यह स्तियां दे नियम हैं एक ता सीनई पद्चेतसे जा दास होनेके लिये लड़के जनता है साई हाजिरा है। २४ व्यांकि हाजिराका अथे अरबमें सीनई पश्नलेत है कोर वह यिरूशलीमके तुल्य जे अब है गिनी जाती है २६ ओर अपने बालकों समेत दासी होती है। परन्तु ऊपरकी गिरझुशलीम निबेन्ध है और वह हम समभोंकी २० माता है। व्यांकि लिखा है हे बांकफ जे। नहों जनती है आनन्दित हा तू जे प्रसवकी पीड़ नहीं उठाती है ऊंचे शब्दसे पुकार व्यांकि जिस स्तीका स्वामी है उस- श्८ के लड़केांसे अनाथके लड़के और भी बहुत हैं । पर हे भाइये हम लेग इसहाकको रो तिपर प्रतिज्ञाके सन्‍्तान २८ हैं। परन्तु जैसा उस समयमें जे। शरी रके अनुसार जन्मा से उसके जो आत्माके अनुसार जन्मा सताता था ३० वैसाही अब भी होता है। परन्तु धम्मेपुस्तक क्या कहता है . दासोकेा और उसके पुच्रका निकाल दे क्योंकि दासीका पुच्॒ निबेन्ध स्त्रीके पुच्रके संग अधि- ३९ कारो न होगा । से हे भाइये हम दासीके नहों परन्त निबेन्ध स्त्रीके सन्तान हैं । ४ पांचवां पब्बे। व्‌ अ्रन्यदेशियांका खतना किया जाना उचित नहों है इसका बणेन | ० भले उपदेशकेाके विप्रबस गलातियेंका चिताना। १३ शरोरको रोतिपर नहीं पर ख्रात्माक्ी रोतपर चलनेका उपदेश । ९ सो उस निबेन्धतामें जिस करके खी पूने हमें निरबेन्ध किया है टूढ़ रहे! और दासत्वके जूएमें फिर सत जाते ५४०२ गलातियेंका । [४ पब्ले । जाओ । देखे में पावल तुमसे कहता हूं कि जे। तुम्हारा खतना किया जाय तो खोीपूृसे तुम्हें कुछ लाभ न होगा। फिर भी में साशथ्ली दे हर ्क मनुष्यसे जिसका खतना किया जाता है कहता हूं कि सारी ब्यवस्थाका पूरी करना उसके अवश्य है। तुममेंसे जे। जे ब्यवस्थाके अनुसार धर्म्मी ठहराये जाते हो से खीपृसे भ्रप्त॒ हुए हा . तुम अनुमहसे पतित हुए हो।। क्योंकि पवित्र आत्मासे हम तलेाग बिश्वाससे धम्मेकी क्राशाकी बाट जाहते हैं। ब्यांकि ख्ीघ् यीशरमें न खतना न खतना- हीन होना कुछ काम आता है परन्‍त बिश्वास जो प्रेमके द्वारासे काय्यंकारों होता है । तम भलत्नी रीतिसे दाड़ते थे . किसने तम्हें रोका कि सत्यकेा। न माना । यह सनावना तम्हारे बलानेहारेको ओरसे नहों है । थाह़ासा खमीर सारे पिंडका खमीर कर डालता है। में प्रभपर तम्हारे विषयमें भरोसा रखता हूं कि तुम्हारों कोई टूसरी मति न होगी पर जो तुम्हें व्याकुल करता है काई हे। वह इसका दंड भेागेगा । पर हे भाइयोा जो में अब भी खतनेका उप- देश करता हूं ता क्यों फिर सताया जाता हूं . तब क्रशकी ठाोकर ता जाती रही । में चाहता हूं कि जा म्ह गढ़बड़ाते है सा अपनेहोका काट डालते । ब्यांकि हे भाइया तम लाग निबन्‍्ध होनेकेा बललाये गये केवल इस निबन्धतासे शरीरके लिये गाों मत पकड़ा परन्तु प्रेमसे एक टूसरेके दास बने । ब्यांकि सारी व्यवस्था एकहोी बातमें पूरी होती है अथात इसमें रे ५ पब्ब ।] गलातियेोंकेा । ४५६३ १५ कि तू अपने पड़ासीके अपने समान प्रेम कर | परन्तु जो तुम एक टूसरेकोा दांतसे काटो जी खा जावा ता चैकस रहे कि एक ट्सरेसे नाश न किये जावा। १६ पर में कहता हंं आत्माक्े अनसार चल्ना तो तम १७ शरीरकी लालसा किसी रीतिसे परी न करोगे । क्यों- कि शरीरको लालसा आत्माके बिरुटु ओर आत्माकी शरीरके बिरूटु होती है और ये दोनों परस्पर बिराध करते हैं इसलिये कि तुम जो करने चाहे उसे करने १८ न पावा । परन्तु जा तुम आत्माके चलाये चलते है। १८ तो ब्यवस्यथाके बशमें नहीं हो । शरोरके कम्में प्रगट हैं सा ये हैं परस्तोगमन ब्यभिचार आशुटुता ल्ुचपन . २० मूत्तिपूजा टाना औ नाना भांतिके शचुता बेर ईषो २९ क्राध बिबाद बिराध कुपनन्‍्थ . डाह नरहिंसा मतवाल- पन जे लीला क्रीडा ओर इनके रेसे खैर और कम्मे इनके विषयमें में तमके आगेसे कहता हूं जेसा मेने आगे भो कहा था कि एेसे ऐसे काम करनेहारे इश्वरके २२ राज्यके अधिकारों न होंगे। परन्तु आत्माका फल यह है प्रेम आनन्द मित्ताप धीरज कृपा भलाई २३ बिश्वास नम्नता ओ संयम . कोई ब्यवस्था णेसे ण्से २४ कामोंके बिरुटु नहों है | जा ख्रीघ्र॒के लोग हैं उन्होंने शरोरके उसके रागां और अभिलाषों समेत क्रूशपर २४ चढ़ाया है। जा हम आत्माके अनुसार जीते हैं ता २६ आत्माके अनुसार चलें भी । हम घमंडी न हो जावें जे एक टूसरेका छेड़ें और एक टूसरेसे डाह करें। ५०४ गलातियोंका । [६ पब्खे । + ः ६ छठवां पब्बे । न - | क्‍््- कस हर ७५ हक. २ ग्यात्मक चाल चलनक्रा उपदश । ११ चचताबना आर आशब्लाद साहत प्रत्रीेक्ो समाप्ति | हे भाइये यदि मनुष्य किसी अपराध पकड़ा भी जावे ताभी तुम जे! आत्मिक हो नम्नता संयुक्त आत्मासे स्ेसे मनुष्यका सुधारो और तू अपनेके देख रख कि तू भी परीक्षामें न पड़े। एक टूसरेके भार उठाओ और इस रोतिसे ख्रोष्यको ब्यवस्थाके पूरी करे। क्योंकि यदि काई जे कुछ नहीं है समकता है कि में कुछ हूं ते अपनेकेा धेखा देता है। परन्तु हर एक जन अपने कामके जांचे और तब टूसरेके विषय नहीं पर केवत्त अपने विषयमें उसके बड़ाई करनेकी जगह होगी । क्योंकि हर एक जन अपनाहो बाक उठावेगा। जे। बचनकी शिक्षा पाता है से समस्त अच्छी बस्तु- ओंमें सिखानेहारेको सहायता करे । धेखा मत खाओ इश्वरसे ठट्ठटा नहीं किया जाता है क्योंकि मनुष्य जो कुछ बाता है उसके लवेगा भी । क्योंकि जे। अपने शरोरके लिये बाता है से शरी रसे बिनाश लवेगा परन्तु जे। आत्माके लिये बाता है सो आत्मासे अनन्त जीवन लवेगा । पर सुकम्मे करनेमें हम कातर न हो वें क्योंकि जे हमारा बत्न न घटे ता ठीक समयमें लवेंगे। +ी59 €्‌ इसलिये जैसा हमें खवसर मिलता है हम सब लेागोंसे ९० पर निज करके बिश्वासके घरानेसे भलाई करें। देखे मैंने केसी बड़ी पत्री तुम्हारे पास अपने हाथसे २१ लिखी है। जितने लेग शरीरमें अच्छा रूप दिखाने ९२ ६ पब्ले ।] गलातियाोंकोा । ५५०५ चाहते हैं वेही तुम्हारे खतना किये जानेकी टूढ़ आज्ञा देते हैं केवल इसो लिये कि वे ख्रीप्र॒के क्रूशके कारण १३ सताये न जावें। क्योंकि वे भी जिनका खतना किया जाता है आप ब्यवस्थाका पालन नहीं करते हैं परन्तु तुम्हारे खतना किये जानेकी इच्छा इसल्निये करते हैं १४ कि तुम्हारे शरोरके विषयमें बड़ाई करें। पर मुकसे रेसा न हावे कि किसी और बातके विषयमें बड़ाई करूं-केवल हमारे प्रभु यीशु ख्रीपृके क्रूशके विषयमें जिसके द्वारासे जगत मेरे लेखे ऋशपर चढ़ाया गया १४ है और में जगतके लेखे। क्योंकि खीघ्र यीणशुमें न खतना न खतनाहीन होना कुछ है परन्तु नई रूपि। १६ और जितने लोग इस विधिसे चल्नेंगे उन्होंपर और इंश्वरके इस्रायेली ल्ागपर कल्याण और दया होवे। १७ अब तो कोई मुरे दुःख न देवे क्योंकि में प्रभु यीशके १८ चिन्ह अपने देहमें लिये फिरता हूं । हे भाइये हमारे प्रभु यीशु खीपुका अनुग्रह तुम्हारे आत्माके संग होवे | आझामीन ॥ इफिसियांके। पावल प्रेरितकी पत्नी । १ पहिला पब्बे। 4 पत्रोका आभाष । ३ देश्वरके अनग्रटका ओर योशके बिश्वासियोंके अ्रधिका रका खणेन । १५ इफिसियोंके लिये प्रावलको प्राथेना । पावल जे इंश्वरको इच्छासे योशु ख्रीष्र॒का प्रेरित है उन पविच और ख्रीप्र यीशमें बिश्वासी लोगोंकोा ज्ञा इफिसमें हैं . तुम्हें हमारे पिता इश्वर और प्रभु यीश खीपघूसे अनुगरह ओर शांति मिलने । हमारे प्रभु योश खोष्ृके पिता इंश्वरका धन्यबाद हाय जिसने ख्रीप्॒र्मे हमेंका स्वर्गीय स्थानेंमें सब प्रकार- को ज्ञात्मिक आशीससे आशीस टिई है . जैसा उसने उसमें जगतकोी उत्पत्तिके आगे हमें चुन लिया कि हम प्रेमसे उसके सन्‍्मख पविच ओ निदाष होवे और अपनी इच्छाको सुमतिके अनुसार हमें आगेसे ठहराया कि यीशु ख्रीपृके ट्रारासे हम उसके लेपालक हावें . इसलिये कि उसके अनुग्रहकी महिमाको स्तृति किदे जाय जिस करके उसने हमें उस प्यारेमें अनुग्रह पाच किया . जिसमें उसके लोाहके द्वारासे हमें उट्ठार अथात अपराधोंका माोचन इंश्वरके अनुग्रहक्े धनके झअनसार मिलता है । और उसने समस्त ज्ञान ओऔओ बट्ठटि सहित हमपर यह अनुग्रह अधिकाइसे किया . कि उसने अपनी इच्छाका भेद अपनी उस सुमतिके झनुसार हमें बताया जे उसने समयोंकी पूर्णताका १ पब्चे ।] इफिसियोंका । ४५७ १० काय्ये निबाहने निमित्त अपनेमें ठानी थी . अभथात कि जो कुछ स्वगेमें है और जे कुछ पृथिवीपर है सब ११ कुछ वह खीपृुर्मे संग्रह करेगा . हां उसीमें जिसमें हम उसीको मनसासे जे ऋपनी इच्छाके मतके अनुसार सब काय्ये करता है आगेसे ठहराये जाके अधिकार के १२ लिये चने गये भी . इसलिये कि उसको महिमाकोा स्तुति हमारे द्वारासे किई जाय जिन्होंने आगे खरीप्रपर १३ भरोसा रखा था . जिसपर तमने भी सत्यताका बचन अथात अपने चाणका ससमाचार सनके भरोसा रखा आर जिसमे तमने बिश्वास करके प्रतिज्ञाके अआात्मा १४ अथात पविच आत्माकी छाप भी पाई . जा माल लिये हुओंके उट्ारलां हमारे अधिकारका बयाना है इस कारण कि इंश्वरकी महिमाको स्तुति किई जाय । १४ इस कारणसे में भी प्रभु यीशपर जे। बिश्वास और सब पविच लोगोंसे जा प्रेम तम्हेमें हैं इनका समाचार १६ सुनके . तुम्हारे लिये धन्य मानना नहों छोड़ता हूं आर १७ अपनी प्राथेनाओंमें तम्ह स्मरण करता हं . कि हमारे . प्रभु योश ख़रीघ्रका इेश्वर जे। तेजस्वी पिता है तुम्हें अपनी ५८ पहचानमें ज्ञान जे प्रकाशका आत्मा देवे . और तुम्हारे .._ सनके नेच प्रकाशित होवें जिस्त तुम जाना कि उसकी । बुलाहटकी आशा क्या है और पविच लोगोेंमें उसके 4८ अधिकारकी महिमाका धन क्या है. और हमारी ओर जे बिश्वास करते हैं उसके सामथ्यकी अत्यन्त अधिकाईं २० क्या है. साई उसकी शक्तिके प्रभावके उस कारय्येके अनु- सार है जा उसने ख्रोप्रके विषयमें किया कि उसका 78 ४५८ इफिसियेंकेा । [२ पछ&, । मृतकोंमेंसे उठाया . और स्वर्गीय स्पानोंमें समस्त २१ प्रधानता और झधिकार और पराक्रम ओर प्रभुताके ऊपर और हर एक नामके ऊपर जे न केवल इस ल्लाकमें परन्तु परलेकमें भी तल्विया जाता है अपने दहिने हाथ बैठाया . और सब कुछ उसके चरणोंके नीचे अधीन किया और उसे मंडल्लीके सब बस्तुओंपर सिर बना करके दिया . जो मंडली उसका देह है अथेत उसकी जो सभेंमें सब कुछ भरता है भरपूरी है। २ ट्सरा पब्बे । हाफसो लोग जे प्रापम मण् थे परन्‍्त योशक द्वारासे जिलाये गये उनपर डेश्वर्की कृपाका बखान । ११ क्या खतना किये हुए क्या खतनाहडोन सब बिश्वासा लागांका योशम रक होना । तम्हे भी इेश्वरने जिलाया जे अपराधों और पापोंके कारण म॒तक ये . जिन पापोंमें तम आगे इस संसारको रोतिके अनसार हां ञ्राकाशके अधिका रके अ्रथात उस आत्माके अध्यशके अनुसार चल्ने जे आत्मा अब भी आज्ञा लंघन करनेहारोंसे काय्य करवाता है. जिनके बीचमें हम सब भी आगे शरोर जआ और भावनाओंकोी इच्छाएं प्रो करते हुए अपने शरोरके अभिलाषोंकी चाल चले और जैर लेगेंके समान स्वभावहीसे क्रो धके सन्‍तान थे | परन्तु इश्वरने जो दयाके धनका धनी है अपने उस बड़े प्रेमके कारण जिस करके उसने हमसे प्रेम किया . जब हम अपराधोंके कारण मृतक थे तबहोी हमें ख्ोषप्रके संग जिलाया कि अनुग्रहसे तुम्हारा चाण हुआ है . और संगही उठाया ओर ख्ीघ यीशुमें संगही कक बा स्वर्गीय स्थानोंसें बैठाया . इसलिये कि ख्रीष् योजुमें * # श्र २ पब्बे ।] इफिसियोंकरा । ५8 हमपर कृपा करनेमें वह झानेहारे समयोंमें झपने अनु- ८ ग्रहका अत्यन्त धन टिखावे। क्योंकि अनग्रहसे बि०वास- के द्वारा तुम्हारा चाण हुआ है ओर यह तुम्हारी ओरसे € नहीं हुआ इंश्वरका दान है। यह कम्मांसे नहीं हुआ १० न हो कि कोई घमंड करे । क्योंकि हम उसके बनाये हुए हैं जो खीघर यीशमें अच्छे कम्मेंके त्विये रुजे गये जिन्हें इंश्वरने आगेसे ठहराया कि हम उनमें चत्ल । ११ इसलिये स्मरण करे कि पूृब्बे समयमें तुम जो शरोरमे अन्यदेशी हा और जो लेाग शरोरमें हायके किये हुए खतनेसे खतनावात्ने कहावते हैं उनसे खत- १३२ नाहोन कहे जाते हो . तुम लोग उस समयमें खोप्से अलग थे और इस्रायेलकी प्रजाके पदसे नियारे किये हुए थे और प्रतिज्ञाके नियमोंके भागों न थे और १३ जगतमें आशाहोन जौर इंश्वर रहित थे । पर अब ते ख्रीपर यीशुर्मं तुम जो आगे टूर थे खीपुके लाहके द्वारा १४ निकट किये गये हो । क्यांकि वही हमारा मिलाप है जिसने दोनांकेा एक किया और रुकावको बिचली १४ भीत्ति गिराई ., झौर विधि संबन्धी आज्ञाओंको ब्यव- स्पाका ताप करके अपने शरोरमें शचुता मिटा दि ..._ जिस्तें वह अपनेमें देसे एक नया पुरुष उत्पन्न करके. १६ मित्लाप करे . ओर शचुताका क्रूशपर नाश करके उस १७ क्रूशके द्वारा दानोंका एक देहमें इंश्वरसे मिलावे। और उसने झआके तम्ह जा टर थे ओर उन्हें जा निकट ये ९८ मिलापका सुसमाचार सुनाया। व्यांकि उसके द्वारा हम देानांका एक आत्मामें पिताके पास पहुंचनेका अधि- | लकी, >%-क- 25४. (प-० धृ८० इफिसियोंका । [३ पब्ले । कार मिलता है। इसलिये तुम कब ऊपरी और बिदेशी १८ नहीं हा परन्तु पवित्र लागोंके संगी पुरबासो और इंश्वरके घरानेके हा . और प्रेरितों जे भविष्यदुक्ता ओं- २० की नेवपर निर्माण किये गये हा जिसके कोनेका पत्थर यीशु खत्रीप्‌ु आपही है . जिसमें सारो रचना २९ एक संग जुटके प्रभुमें पविच मन्दिर बनती जाती है. जिसमें तुम भी आत्माके द्वारा इेश्वरका बासा हेनेकेा २२ एक संग निर्माण किये जाते हो । ३ तीसरा पब्बे । १ स्त्रोष्ठ समतके बड़े भेदका पावलपर प्रकाश किया जाना कि वह उसे सब्खेत्र प्रचार करे । १४ इृफिसियेंके लिये पावलको प्रार्थना । २० परमेश्ववरका घन्यबाद करना । इसीके कारण में पावल जे तुम अन्यदेशियेंके लिये १ खीपघ योशुके कारण बंधुआ हूं . जे। कि इंश्वरका जो अनुग्रह तुम्हारे लिये मुके दिया गया उसके भंडा रो पनका समाचार तुमने सुना . अथात कि प्रकाशसे उसने मुझे ३ भेद बताया जैसा में आगे संश्षेप करके ल्विख चुका हूं . जिससे तुम जब पढ़ो तब खोपषुके भेदमें मेरा ज्ञान बुक ४ सकते हे। . जो भेद और और समयोंमें मनुष्योंके ४ सन्‍्तानेंका ऐसा नहीं बताया गया था जैसा अब बह आत्मासे इंश्वरके पवित्र प्रेरितां ओऔ भविष्यदुक्ताओं पर प्रगट किया गया है . अथात कि खीघुर्मे सुसमाचारके ६ द्वारासे अन्यदेशी लग संगी अधिकारी और ण्कहो देहके और इंश्वरकी प्रतिज्ञाके सम्भागो हैं| और में ७ इंश्वरके अनुगहके दानके अनुसार जो मुर्छे उसके सा मथ्ये- के काय्येके अनुसार दिया गया उस सुसमाचा रका सेवक ३ पब्ज ।] इफिसियेंका । ४८१ ८ हुआ । मु्के जे सब पवित्र लागोंमेंसे अति छोटेसे भी छेटा हूं यह अनुस्रह दिया गया कि में अन्यदेशियोंमे € ख्रोपरके अगम्य धनका ससमाचार प्रचार करूं . और सभोंपर प्रकाशित करू कि उस भेटका निबाहना क्या हैं जा इंश्वरम आदिसे गुप्त था जिसने यीश खोप्र॒के ३० द्वारा सब कुछ रुजा . इसलिये कि अब स्वर्गीय स्पानोंमेंके प्रधानों आर अधिका रियोंपर मंडल्लीके द्वारासे इेश्वरकी ११ नाना प्रकारको बुट्ठि प्रगट किईं जाय . उस सनातन इच्छाके अनुसार जा उसने ख्रीध्र यीश हमारे प्रभुमें १२ परी किई . जिसमें हमांके साहस और निश्चयसे निकट आनेका अधिकार उसके बिश्वासके ट्रारासे मिलते हैं। १३ इसलिये में बिन्ती करता हं कि जो अनेक क्लेश तम्हारे लिये मुर्े होते हैं इनमें कातर न हाओ कि यह तुम्हारा आदर है १४ में इसीके कारण हमारे प्रभु यीश खीपृके पिताके १४ आगे अपने घुटने टेकता हूं . जिससे क्या स्वगंमें क्या १६ पृथिवीपर सारे घरानेका नाम रखा जाता है. कि वह तुम्हें अपनो महिसाके धनके अनुसार यह देवे कि तुम उसके आत्माके द्वारासे अपने भोतरी मनुष्यत्वमें सा- १७ मथ्ये पाके बलवन्त हा ओ . कि खीपू बिश्वासके ट्वारासे .._तम्हारे हृदयमे बसे ओर प्रेममें तम्हारो जड़ बन्धी हई ९८ ओर नेव डालो हुईं हाय . जिस्त यह चोड़ाई जा .._ लंबाई जऔ गहिराई ज्र ऊंचाई क्या है इसका तम १८ सब पविच लोागोांके साथ बकनेको शक्ति पावा . और खोषुके प्रेमके जाना जा ज्ञानसे ऊटँ है इसलिये कि ५८२ इफिसियोंका । [४ पब्ले । तम इईंश्वरकी सारो परणेतालों परे किये जावा। उसका जे उस सामथ्यके अनसार जा हमोंम काय्य करता है सब बातोंसे अधिक हां हम जो कुछ मांगते अथवा बूकते हैं उससे अत्यन्त अधिक कर सकता है . डसीका गुणानुबाद ख्रीघ्र योशुके द्वारा मंडलीमें पीढ़ी पीढ़ी नित्य सब्लेदा हावे . आमीन ॥ ४ चेाथा पब्बे । १ दोनताई ओर मेलका उपदेश । ४ संडलोका ण्क छ्लोना । ७ उसमे अनेक पद डानेसे उसके रुक देह स्वरूप बढ़ जानेका अ्रभिप्राय । १७ अन्यदेशियांको अशद्ध चालके त्यागनेंका उपदेश । २५ कऋठ आओ क्राध ओः चारो आओ दुर्बेचनका निषेध। सा में जो प्रभुके लिये बंधुआ हूं तुमसे बिन्‍्ती करता हूं कि जिस बुलाहटसे तुम बुलाये गये उसके योग्य चात्न चलना . अथात सारी दीनता जी नमय्रता सहित और धी- रज सहित प्रेमसे एक टूसरेकी सह लेओ . और मिलापके बंधर्मं आत्माकी एकताको रश्या करनेका यत्न करो। जैसे तुम अपनी बुलाहटकी एकही आशामें बुलाये गये तैसेही एक देह है और एक आत्मा . एक प्रभु एक बिश्वास एक बपतिसमा . एक इेश्वर और सभेंका पिता जा समभोंपर और सभेंके मध्यमें और तुम सभोंमें है। परन्तु अनुग्रह हममेंसे हर एकके ख्रीप्॒के दानके परिमाणसे दिया गया । इसलिये वह कहता है कि वह ऊंचेपर चढ़ा और बंधुओंकोा बांध ते गया और मनुष्येकेा दान दिये। इस बातका कि चढ़ा क्या अभिप्राय है. यही कि वह पहि ले प्रथिवीके निचले स्यानोंमें उतरा भी था। २0 श्र जईड जे उतर गया साई है जे। सब स्वगेांसे ऊपर चढ़ भी गया १९० कि सब कुछ पूणे करे । और उसने ये दान दिये अथात ११ ४ पब्ज ।] इफिसियोंका । ४८३ जबत्लों हम सब लेग बिश्वासकी और इश्वरके पुचके ज्ञानकी एकतालों न पहुंच और एक पूरा मनुष्य न है। जावें और ख्रीषरकी पूणेताकी डीलके परिमाणलों न १२ बढ़े . तबल्नां उसने पवित्र लागोंकी पूणेताके कारण सेवकाईके कम्मेके लिये ओऔ खीघुके देहके सुधा रने के त्निये. १३ कितनोंको प्रेरित करके ओ कितने के भविष्यद्गक्ता कर- के ओ कितनेंकेा सूसमाचा र प्रचारक करके ओऔ कित- १४ नोंकेा रखवाले जैर उपदेशक करके टिया . इसलिये कि हम अब बालक न रहें जे मनुष्यांकी ठगबित्याके और भ्रमको जुगतें बांधनेकोी चतुराईके द्वारा उपदेशकी हर एक बयारसे लहराते और इधर उधर फिराये जाते हों . १४ परन्तु प्रेममें सत्यतासे चलते हुए सब बातोंमें उसके ऐसे १६ बनते जावें जे सिर है अथोात ख्रीष्र . जिससे सारा देह एक संग जुटके और एक संग गठके हर एक परस्पर उपकारी गांठके ट्वारासे उस काय्येके अनुसार जे हर एक अंशके परिमाणसे उसमें किया जाता है देहके बढ़ाता है कि वह प्रेममें अपनेकेा सुधारे । १० सो में यह कहता हूं और प्रभुके साश्ात उपदेश करता हूं कि तुम लोग अब फिर ऐसे न चले जैसे और .. और अन्यदेशी लाग अपने मनकी अनथे रीतिपर चलते _ (८ हैं . कि उस अज्ञानताके का रण जो उनमें है झैर उनके ..._ मनकी कठोरताके कारण उनको बुट्ठि अंधियारी हुई है ९€ और बे इंश्वरके जीवनसे नियारे किये हुएहें . और .. उन्होंने खेद रहित हा के अपघने तदं जुचपनकेा सेंप दिया है कि सब प्रकारका अशुट्ु कम्मे लालसासे किया करें। ५८४ इफिसियोंका । [४ पब्खे | परन्तु तुमने खोघृके इस रीतिसे नहीं सीख ल्विया है . २० जा ऐसा हैं कि तुमने उसीकी सुनो और उसीमें सिखाये २१ गये जैसा यीशुमें सच्चाई है . कि अगत्नी चाल चलनके २२. विषयमे पुराने मनुष्यत्वका जे भरमानेहारी कामना- ओंके अनुसार श्रप्र होता जाता है उतार रखे . और २३ अपने मनके आत्मिक स्वभावसे नये होते जावा . और २४ नये मनुष्यत्वका पहिन लेओ जो देश्वरके समान सत्यानुसारी धम्में आर पविचतामें रुजा गया । इस कारण मूठके टूर करके हर एक अपने पड़े सी- २४ के साथ सत्य बाला करो व्येंकि हम लोग एक ट्सरेके ऋग है । क्राध करो पर पाप मत करा . सय्यं तम्हारे २६ कापपर अस्त न होवे . और न शैतानके ठांव देझे। २७ चारो करनेहारा अब चोरो न करे बरन हाथोंसे २८ भला काय्ये करनेमें परिश्रम करे इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो। उसे बांट देनेका कुछ उस पास होवे। काई अशुद्र॒ बचन तुम्हारे मुंहसे न निकले परन्तु रू जहां जैसा आवश्यक है तहां जे बचन सुधारनेके लिये अच्छा हे साई मुंहसे निकत्ने कि उससे सुनने- हारोंके अनुग्रह मित्मे । ओर इश्वरके पविच आत्मा- ३० का जिससे तुमपर उट्ठारके दिनके लिये छाप दि गई उदास मत करो । सब प्रकारकों कड़॒वाहट जऔ ३९ काप जला क्राध जे कलह ज निन्‍दा समस्त बैरभाव समेत तमसे टर किद जाय । और आपसमें कृपाल ३२ जे करूणामय होओ जऔर जेसे इश्वरने खीपुर्में तुम्हे धामा किया तैसे तुम भी एक टूसरेका छामा करो । न ल- 5 ०० ४ पब्जे ।] इफसयोकोा । ५८४ + + ले ॥ पाचवा पब्लन । १ इंश्वरके अनुगासी छहानेका उपदेश । ३ अशद्ध कम्मे ओर अनणे बचनका निषेध। ८ बिश्वासो लाग जो ज्यातिके सनन्‍्तान हैं हस लिये अधका रके कार्य्याके त्यागनेकी आवश्यकता । १४ बिचारस चलने ओर घनन्‍्यबाद करनेका उपदेश । २३ स्त्ियों आर एरुष्ताक्ता [लय उप्रदश आर प्रभ योश ओर उसका मडलांक दष्टटान्तस उनक सम्बन्धक्रा बणन ॥। १ सी प्यारे बालकोंकी नाईं इंश्वरके अनगामी होओ . २ ओर प्रेममें चत्मा जेसे स्लीपुने भी हमसे प्रेम किया और हमारे लिये अपनेका इश्वरके आगे चढ़ावा और बलिदान करके सुगन्धको बासके लिये सांप दिया। ३ जार जैसा कि पविच लोगोंके योग्य है तैसा ब्यभि- चारका और सब प्रकारके अशटु कम्मेका अथवा त्लोभ- ४ का नाम भी तुम्हेंमें न त्विया जाय . और न निले- ज्जताका न सूढ़ताकी बातचीतका अथवा टट्ठेंका नाम कि यह बातें साहती नहों परन्तु धन्यबादही सुना ४ जाय । व्यांकि तम यह जानते हो कि किसी ब्यभि- चारीके अथवा अशहु जनके अथवा लेभी मनष्यका जो मत्तिपजक है स्रीप्र ओर इश्वरके राज्यमें अधिकार ६ नहों है। काई तम्ह अनेक बातोंसे घाखा न देवे क्योंकि इन कम्मांके कारण इृश्वरका क्राघ आझाज्ञा लंघन करने- ७ हारोंपर पड़ता है। से तम उनके संग भागी मत हा ओ। ८ क्यांकि तम आगे अन्धकार थे पर अब प्रभमें € उजियाले हो . ज्येतिके सन्‍्तानोंकी नाई चलने | क्येंकि सब प्रकारको भलाई ओ धम्मे आओ सत्यतामें ज्ात्माका १० फल होता है। और परखे कि प्रभका क्या भावता है। ९९ खेर अंधकारके निषण्फल काय्यांमें भागी मत हाओा 74: पर इफिसियोंकीा । [५ पब्ले। . परन्तु और भी उनपर दोष देओ । क्यांकि जा कम्मे १२ गुप्तमें उनसे किये जाते हैं उन्हें कहना भी लाजकी बात है । परन्तु सब कम्मे जब उनपर दोष दिया जाता १३ है तब ज्यातिसे प्रगट किये जाते हैं क्योंकि जो कुछ प्रगट किया जाता है सो उजियाला होता है। इस १४ कारण वह कद्दता है हे सेोनेहारे जाग और मृतकोंमेंसे उठ और खोीघृ तुरे ज्योति देगा। से चेकस रहे कि तुम व्यांकर यत्षसे चलते हा. १४ निबुद्ठियांकी नाई नहीं परन्तु बुट्टिमानांकी नाई चल्ने। और अपने त्निये समयका लाभ करो ब्यांकि ये दिन १६ बरे हैं। इस का रणसे अज्ञान मत हा ओ परनन्‍्त समकते १७ कि प्रभकी इच्छा क्या है। और दाख रससे मतवाल्ने १८ मत होओ जिसमें ज्चपन होता हे परन्त आत्मासे परिपणे होओ । और गीतों छोर भजने और आत्मिक ९ _ गानोंमें एक ट्सरेसे बातें करो ओर अपने अपने मनमे प्रभके आगे गान ओर कोीत्तन करो । ओर सदा सब २० बातोंके लिये हमारे प्रभु योश खोषृके नामसे इंश्वर पिताका धन्य माना । और इश्वरके भयसे एक टूसरेके २९ अधीन होओा । हे स्तिया जैसे प्रभुके तेसे अपने अपने स्वामीके २२ अधोन रहे । क्यांकि जैसा स्रीप्र संडलीका सिर है २३ तैसा परुष भी स्त्रीका सिर हे। वह तो देहका चाण- २४ कत्तो है ताभी जैसे संडल्नी ख्रीप्रके अधीन रहतो है वेसे स्त्रियां भी हर बातमें अपने अपने स्वामीके अधोन रहें । हे पुरुष अपनी अपनी स्तीकेा णेसा प्यार २४ कीय््य्य्ब्पफ्ड़र | #व्स बकय द पब्जे ।] इफ़िसियोंका । ५८७ करो जेसा खीपुे भी संडत्ली का प्यार किया और अपने- २६ के उसके लिये सेंप दिया . कि उसके बचनके द्वारा २० जलके खानसे श्र कर पविच करे . जिस्तें वह उसे अपने ज्ागे मस्याटिक मंइत्ती खड़ा करे जिसमें कलंक अयवा करो अथवा णएेसी कोई बस्त भी न श्८ हावे परन्त जिस्ते पवित्र ओ निदाष होवे। यंही उचित हें कि परुष अपनों अपनी स्वीकेा अपने अपने टेहके समान प्यार करें . जे अपनो स्तोके प्यार २८ करता है से अपनेके प्यार करता है। क्योंकि किसी ने कभो अपने शरोरसे बेर नहों किया परन्‍त उसको ऐसा पालता झोर पोसता हे जसा प्रभ भी मंडलीके ३० पालता पोसता है | क्याैंकि हम उसके देहके अंग हे अथात उसके मांसमेंके आर उसकी हड़ियोंमेंके हैं । ३१ इस हेतुसे मनुष्य अपने माता पिताको छेाइके अपनी स्‍त्रीसे मिला रहेगा और वे दोनों एक तन होंगे। ३२ यह भेद बड़ा है परन्तु में ता खीपृके ओर मंडल्लीके ३३ विषयमें कहता हूं । पर तुम भी एक ण्क करके हर एक अपनी अपनो स्वीकेा अपने समान प्यार करो जैौर स्त्रीकेा उचित है कि स्वामीका भय माने । ६ छठवां पब्बे । 4 प्रत्र ओर पिसाके लिये उपदंश । ४ दासां ओर स्वामियांके लिये उपदेश | १७० न -- ज- । घम्मेकी लड़ाई घम्मेके हथ्ियारांसे लड़नेका ओर प्राथेना करनेका उपदेश । २१ -भाई तखिककेोा भेजनेका कारण । २३ पत्रोकी समाप्ति । 3 १ हे लड़को प्रभुमें अपने अपने माता पिताकोी आज्ञा २ मानो क्योंकि यह उचित है । अपनी माता जोर पिताका आदर कर कि यह प्रतिज्ञा सहित पहिली 4 ३१ की अल की प्प८ इफिसियोंका । . [६ पब्ले। आज्ञा है . जिस्ते तेरा भला हो और तू भूमिपर बहुत दिन जीवे । और हे पिताओ अपने अपने लड़कोंसे क्रोध मत करवाओ परन्तु प्रभुकी शिक्षा और चि- तावनी सहित उनका प्रतिपालन करो । हे दासा जे। लोग शरी रके अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं डरते और कांपते हुए अपने मनकी सोधाईसे जैसे खीघृकी तैसे उनकी आज्ञा माने । और मनुष्येको प्रसन्न करनेहारोंकी नाई मुंह देखी सेवा मत करे परन्तु खी पृ- के दासांकी नाईें अन्त:कर ण से इंश्वरकी इच्छापर चत्मा . और सुमतिसे सेवा करे माने तुम मनुष्योंकी नहीं परन्तु प्रभुकी सेवा करते हो . क्यांकि जानते हो कि जा कुछ हर एक मनुष्य भल्ला करेगा इसीका फल वह चाहे दास हो चाहे निबेन्ध हो प्रभुसे पावेगा । ओर हे स्वाभिये तुम उन्होंसे वेसाही करो और धमकी मत दिया करो बव्यांकि जानते है| कि स्वगमें तुम्हारा भी स्वामी है झैर उसके यहां पश्चणात नहों है । अन्तमें हे मेरे भाइये यह कहता हूं कि प्रभु और उसकी शक्तिके प्रभावमें बलवन्त हा रहे । इंश्वरके सम्पूणे हथियार बांध लेओ जिस्त तुम जैतानकी ज्ुगतों- के साम्हने खड़े रह सके । क्योंकि हमारा यह युद्ु 8 आल 5 मो लाह औ मांससे नहीं है परन्तु प्रधानोंसे खार अधिका- रियोंसे और इस संसारके अधकारके महाराजाओंसे झआर आकाशमेंकी टुष्रताकी आत्मिक सेनासे । इस. कारणसे इंश्वरके सम्पूण हथियार ले लेओ कि तुम बुरे दिनमें साम्हता कर सके और सब कुछ पूरा करके खड़े इ 8 ११ १२ | ६ पब्ख |] इफिसियोंका । ४८६ १४ रह सके। से अपनी कमर सच्चा ईसे कसके और धम्मेकी १५ मिलम पहिनके . और पएांवोंमें मिला पके ससमाचा रकी १६ तेयारोके जते पहिनके खड़े रहा । और सभोंके ऊपर . बिश्वासकी ढाल लेओ जिससे तुम उस टदुपृके सब १७ अग्रिवालोंका बुझा सकेागे | और चाणका टोप लेओ _ ९८ और आत्माका खड्ढ जे इंश्वरका जचन है। और सब प्रकारकी प्राथेना और बिन्तोसे हर समय आत्मासें प्राथेना किया करो और इसी के निमित्त ममस्त स्थिर ता सहित ओर सब पविच ल्ागोंके लिये बिन्‍ती करते हए १८ जागते रहे | ओर मेरे ल्लिये भी बिन्‍्तो करो कि म्े अपना मुंह खेोलनेके समय बेलनेका सामथ्ये दिया जाय कि में साहससे ससमाचारका भेट्‌ बताऊं जिसके लिये २० में जंजोरसे बंधा हुआ टलत हूं . ओर कि मैं उसके विषयमें साहससे बात कहूं जैसा मसमभ्पे बालना उचित है। हि ब्र्१ परन्तु इसाल्यय कक तुम भा मरा दशा जाना क में केसा रहता हूं तुखिक जो प्यारा भाई और प्रभुमें बिश्वासयोग्य सेवक है तम्हें सब बातें बतावेगा . २२ कि मेंने उसे इसीके निमित्त तहारे पास भेजा है कि तुम हमारे विषयमेंकी बातें जाना ओर बह तुम्हारे मनके शांति देवे । २३ भाइयोंका इंश्वर पितासे और प्रभु यीशु खरीघूसे २४ शांति ओर प्रेम बश्वास साहत मिलने । जे हमारे प्रभु यीशु खीपूसे अश्यय प्रेम रखते हें उन सभोंपर अनुग्रह हावे । आमीन ॥ फिलिपीयांकेा। पावल प्रस्तिकी पत्री । [आ दे ९ प्राहृतह्ला पब्ब । १ प्रत्रेका आभाष । 3 फिलिपोयांके विषयम पावलका धन्यवाद आओ प्रार्थना । १२ पावलके क्लेशके कारण सुसमाचारका अधिक करके प्रचार किया जाना । १७ अपने विष्ययम क्या जोते क्या मरते पावलकाो दुढ आशा । २७ सुचाल तर दुद्ताका उपदेश । पावल जऔर तिमेथिय जे यीश ख्रीप्रके दास हैं फिलिपीमें जितने ल्लोग ख्रीप्र यीशमें पिच लोग हैं उन सभेोंका मंडलीके रखवाल्नां ओर सेवकों समेत . तुम्हें हमारे पिता इश्वर और प्रभु योश ख्रीप्से अनु- ग्रह जार शांति मिल्ने । द मैं जब जब तुम्हें स्मरण करता हूं तब अपने इंश्वरका धन्य मानता हूं . और तुमने पहिल्ले दिन- से लेके अबल्नां सुसमाचारके लिये जे सहायता किई है . उससे आनन्द करता हुआ नित्य अपनो हर एक प्राथेनामें तुम सभोंके लिये बिनन्‍्ती करता हूं । और इसी बातका मुर्के भरोसा है कि जिसने तुम्हेंमें अच्छा काम आरंभ किया है सो यीश ख्रोप्रके दिनलों उसे पूरा करेगा । जैसे तुम सभोंके लिये यह सोचना मुझ्के उचित है इस कारण कि मेरे बंधनेंमें ओर सु- समाचारके त्िये उत्तर औ प्रमाण देनेमें मैं तुम्हें मनमें रखता हूं कि तुम सब मेरे संग अनुयहके भागी है । क्यांकि इंश्वर मेरा साश्ली हे कि योशु ख्रोष्षकोसी ॥॥ करुणासे में क्योंकर तुम सभेंकी लालसा करता हूं । और में यही प्राथेना करता हूं कि तुम्हारा प्रेम ज्ञान ३7: कम्न १5 किक १ पब्बे ।] फिलिपीयोंका । ५४६१ जौर सब प्रकारके बिबेक सहित अब भी अधिक अधिक १० बढ़ता जाय . यहांलीं कि तुम विशेष्य बातोंका परखा जिस्त तम ख्रीप्रके टिनलों निष्कपट रहे औैर ठाकर न १९ खावोा . और धम्मेके फल्नांसे परिपणे हेाओ। जिनसे यीजश खीपृके द्वारा इंश्ववकी महिमा ओर स्तृतिहाती है। १२ पर हे भाइये में चाहता हूं कि तुम यह जाना कि मेरी जे दशा हुईं है उससे सुसमाचारको बढ़तोही १३ निकली है . यहांलों कि सारे राजभवनमें ओर ओर सब ल्लागोंपर मेरे बंधन प्रगट हुए हैं कि ख्रीप्र॒के लिये १४ हैं . और जो प्रभुमें भाई लोग हैं उनमेंसे बहुतेरे मेरे बंधनोंसे भरोसा पाके बहुत अधिक करके बचनके १४ निर्भय बालनेका साहस करते हैं । कितने तल्लाग डाह और बैरके कारण भी ओर कितने सुमतिके कारण ९६ भी ख्रीप्रका प्रचार करते हैं । वे तो सरलतासे नहीं पर बिराधसे ख्रीपुकी कथा सनाते हैं और सममते हैं १७ कि हम पावल्नके बंधनोंम उसे कलश भो दगे। परन्त ये ता यह जानके कि पावल ससमाचारके लिये उत्तर ९८ देनेके ठहराया गया हे प्रेमसे सनाते हैं । ते क्या हुआ . ताभी हर एक रीतिसे चाहे बहानासे चाहे सच्चाइईंसे खीपुकी कया सुनाई जाती हे आर मे इससे आनन्द करता हूं आर आनन्द करूंगा भी। १८ क्यांकि में जानता हं कि इसोसे तम्हारों प्राथेनाके द्वारा और योशु ख्रीपरके आत्माके दानके द्वारा मेरी प्रत्याशा और भरोसेके अनुसार मेरा निसस्‍्तार हो [4० ४० जञायगा , अथात यह भरोसा कि में किसी बातमें ६०२०० ६०. ५६२ फिलिपीयोंका । [१ पब्जे। लज्जित न होंगा परन्तु खीपृको महिमा सब प्रकारके साहसके साथ जैसा हर समयमें तेसा अब भी मेरे देहमें चाहे जीवनके द्वारा चाहे मृत्युके द्वारा प्रगट किई जायगी । क्योंकि मेरे लिये जीना ख्रीष्र है और २० मरना लाभ है। परन्‍्त यदि शरीरमें जीना है यह मेरे २२ लिये काय्येका फल है झऔर में नहीं जानता हूं में क्या चुन लेऊंगा । क्यांकि में इन दे बातोंके सकेतेमें हूं २३ कि मुर्के उठ जाने ओर ख्रीप्रके संग रहनेका अभिल्लाष है क्योंकि यह औरही बहुत अच्छा है। परन्तु शरीरमें २४ रहना तुम्हारे कारण अधिक आवश्यक है। और मुके २४ इस बातका निश्चय होनेसे में जानता हूं कि मैं रहूंगा कर बिश्वासमें तम्हारी बढती खेर आननन्‍्दके लिये तम सभोंके संग ठहर जाऊंगा . इसलिये कि मेरे फिर २६ तुम्हारे पास आजेके द्वारासे मेरे विषय खरीपर योशुमे बड़ाई करनेका हेतु तुम्हें अधिक होवे। केवल तुम्हारा आचरण खीपृके सुसमाचा रके योग्य २७ हावे कि में चाहे आक्े तुम्ह देखूं चाहे तुमसे टूर रहं तम्हारे विषयमें यह बात सर कि तम एकही आत्मामे टूढ़ रहते हे और एक मनसे सुसमाचा रके विश्वासके लिये मिलके साहस करते हे . और बिरोधियेंसे तम्ह श्८ किसी बातमें डर नहीं लगता है जो उनके लिये ते बि- नाशका प्रमाण परन्तु तुम्हारे लिये निस्तारका प्रमाण है और यह इेश्वरकी ओरसे है। क्येंकि ख्रीप्रके लिये यह २८ बरदान तुम्हें दिया गया कि न केवल उसपर बिश्वास करे पर उसके लिये दुःख भी उठावे .. कि तुम्हारों ३० २ पब्ले।] फिलिपीयोंका । ५६३ बैसीही लड़ाई है जैसी तुमने मुझमें देखी और अब सुनते हो कि मुकमें है। २ दूसरा पब्बे। ९ प्रेम और नम्नलाका उपदेश | ४ प्रभु योशक्ो नम्नता आर मंदिसाक्रा बखान । १३ पावलका भाइ्योांक्ता त्राण प्राप्त करने आर जगतमे ज्यात्ति रूपो हेनेके विषयसे समभकाना । १९ तिमेथ्ियके भेजनेका बिचार। २५ इपाफ्रदो तके भेजने का बणेन । १ सा यदि खीपृमे कुछ शांति यदि प्रेमसे कुछ समाधान यदि कुछ आत्माकी संगति यदि कुछ कहूणा ओ दया २ हाय . तो मेरे आनन्दकोा पूरा करो कि तुम एकसां सन्त रखे। और तुम्हारा एकही प्रेम एकही चित्त एकही मत ३ हाय । तुम्हारा कुछ बिराधका अथवा घमंडका मत न हाय परन्तु दोनतासे एक टूसरेके अपनेसे बड़ा सम- ४ को । हर एक अपने अपने विपष्योंक्ता न देखा करे परन्‍्त हर एक ट्सरोंके भी देख लेवे। तम्होंमें यही मन हाय जो खीघ यीशर्मे भी था . जिसने इंश्वरके रझूपमें होके इंश्वरके तुल्य होना उकैती न समका . परन्तु अपने तईं हीन करके दासका रूप (थम *> ला ० धारण किया और मनुष्पेंके समान बना . ओर मनुष्य- केसे डी ल्लपर पाया जाके अपनेके दीन किया और मृत्य- € लो हां ऋशकोी मृत्यलां आाज्ञाकारी रहा। इस कारण .. इश्वरने उसके बहुत ऊंचा भी किया आर उसके वह १० नाम दिया जे। सब नामेंसे ऊट्टूं है . इसलिये किजा स्वगंमें खैर जे। पृथिवीपर और जे प्रथिवीके नीचे हैं # 2 9 ५७ उन सभेंका हर एक घुटना यीशुके नामसे फुकाया जाय . ११ और हर एक जीभसे मान लिया जाय कि यीशु खीपृही प्रभु है जिस्ते इंश्वर पिताका गुणानुबाद हाय । 79 १६४ फिलिपीयेंका । [२ पढ्ले। से है मेरे प्यारा जैसे तुम सदा आज्ञाकारी हुए तेसे जब में तम्हारे संग रहं केवल उस समयमें नहों परन्‍्त में जे अभो तमसे टर हं बहुत अधिक करके इस समयमे डरते ओर कांपते हए अपने चाणका काय्य निबाहे . क्येंकि इृंश्वरही है जे क्पनी सइच्छा निमित्त तम्हांसे इच्छा ओर काय्य भी करवाता है । सब काम बिना कड़कड़ाने ओर बिना विबादसे किया करो . जिस्त तुम निर्दोष ओर सूधे बने ओर टेढ़े ओर हठीले लेगके बीचमें इश्वरके निष्कलंक पुत्र होओ . जिन्हेंके बीचमें तुम जीवनका बचन लिये हुए जगतमें ज्योतिधा रियोंकी नाई चमकते हो कि मुर्के खीपुके दिनमें बड़ा करनेका हेतु हाय कि में न वृथा दाड़ा न वृथा परित्रम किया। बरन जो में तम्हारे बिश्वासके बल्लिदान और सेवकाई- पर ढाला जाता हूं ताभी में आनन्दित हूं ओर तुम सभेंके संग आनन्द करता हं। वेसेही तम भी अआनान्दत होओ आओऔर मेरे संग आनन्द करो । परन्तु मुझे प्रभु यीशु्मे भरोसा हे कि में तिमाथियके शीघ्र तुम्हारे पास भेजूंगा जिस्त में भी तुम्हारी दशा हे 6 आज 20७४० >टाा कर जानके ढाढ़स पाऊं । व्यांकि मेरे पास काई नहीं है जिसका मेरे ऐसा मन है जो सच्चाईसे तुम्हारे विषय चिन्ता करेगा । क्येंकि सब अपनेही अपनेही लिये यत् करते हैं ख्रीघ्र यीशुके लिये नहीं । परन्तु उसके लम परखके जान चके हो कि जैसा.पच पिताके संग लैसे 6 १२ १३ १४ १४ १६ १9७ १८८ श्ट्‌ उसने मर संग ससमाचारके लिये सेवा कई। से मे २३ भरोसा है कि ज्यांहीं सके देख पड़ेगा कि मेरी क्या दशा अदिाककका> नर ३ पव्ल ।] फिलिपीयोंका । ४६४ 8 २५ ०3 द््द ब्र्र ३0 र्‌ ड् हागी त्योंहों में डहसीके तरन्‍्त भेजंगा । पर में प्रभमें भरोसा रखता हं कि में भी आझापही शीघ्र आऊंगा। परन्तु मने इपाफ्रदीतकोा ज्ञोे मेरा भाई कार सह- कर्म्मी और संगी योट्ठा पर तुम्हारा टूत और आवश्यक बातोंमें मेरी सेवा करनेहारा है तुम्हारे पास भेजना अवश्य समका । क्योंकि वह तुम सभांकी लालसा करता था और बहुत उदास हुआ इसलिये कि तुमने सुना था कि वह रोगी हुआ था | और वह रोगी ते हुआ यहांली कि मरनेके निकट था परन्तु इंश्वरने उस- 355 2% आए पर दया किईं और केवल उसपर नहीं परन्तु मुकपर भी कि मुर्के शाकपर शेाक न होवे । से मैंने उसके और भो यत्से भेजा कि तुम उसे फिर देखके झानन्दित हाओ और मेरा शेक घटे । से उसे प्रभुमें सब प्रकार के आनन्दसे ग्रहण करो ओर शेसे जनोंके आदर योग्य समा । क्योंकि खीघुके काय्ये निमित्त वह अपने प्राण- पर जेखिस उठाके मरनेके निकट पहुंचा इसलिये कि मेरो सेवा करनेमे तुम्हारी घटीकेा पूरो करे । ३ तीसरा पब्बे । शारोरिक कम्मांपर आशा रखनेका निषेघ और पावलका ऐसी आशाके त्यागना ओर योशुके घम्मक्रा बड़ा अभिलापो दछ्वाना । ९३ धम्मेम बढ जानेको चेष्टाक्का उपदेश । १७ पारसारथिक्र आर लाकिक दोनों प्रकारके मनुष्येंको भिन्नु भिन्न दशा । अन्तर हे मेरे भाइया यह कहता हैं कि प्रभमें झ्ा- नन्दित रहे . वही बाते तम्हारे पास फिर लिखनेसे सम्दे कुछ दुःख नहीं है ओर तुम्हें बचाव है। कुत्तांसे चाकस रहे। दुष्र कम्मेकारियोंसे चेकस रहे। काटे हुओंसे चाौकस रहे। । क्योंकि खतना किये हुए हम हैं जो आत्मासे | प्ध्द्व फिलिपीयोंका । [३ पब्चे। इंश्वरकी सेवा करते हैं और ख्रीप यीशके विषयमें बड़ाईं करते हैं और भरोसा शरीरपर नहीं रखते हैं । पर मुम्रे ते शरीरपर भी भरोसा है. यदि और केाई शरीरपर भरोसा रखना उचित जानता है मैं और भी . कि आठवें दिनका खतना किया हुआ इस्रायेलके बंशका बिन्यामी न- के कुलका इब्रियोर्मेसे इब्ी हूं ब्यवस्थाको कहा ता फरीशी . उद्वोगको कहे ते मंडलीका सतानेहारा व्यवस्थामेंके धम्मेंकी कहे ते निर्दाष हुआ परन्तु जा जो बातें मेरे लेखे लाभ थीं उन्हें मेने ख्रीपुके कारण हानि समको है | हां सचमुच अपने प्रभु ख्रीपर यीशुके ज्ञानकी श्रेषधुताके कारण में सब बातें हानि समझता भी हूं ओर उसके कारण मेने सब बस्तुओंको हाि उठाई और उन्हें कूड़ासा जानता हूं कि में ख्रीषुकेा प्राप्त करू . और उसमें पाया जाऊं णेसा कि मेरा झपना धस्मे जा व्यवस्थासे हे से नहीं परन्‍्त वह धम्मे जा ख्रीपरके बिश्वासके द्वारासे है वही धम्में जा बिश्वासके कारण इेश्वरसे है मुग्छे हाय . जिस्ते में खीपृका और उसके जी उठनेकी शक्तिका ओर उसके टुःखोंको संगतिका जानूं और उसको मृत्युके सदृूश किया जाऊं . जो में किसी रीतिसे मृतकोंके जी उठनेका भागी होऊं। यह नहीं कि में पा चुका हंं अथवा सिटु हो चुका हूं परन्तु मैं पीछा करता हूं कि कहीं उसके पकड़ लेऊं जिसके निमित्त में भी सत्रीप्र यीशसे पकड़ा गया । है भाइये में नहीं समकता हूं कि मेंने पकड़ लिया है परन्तु एक काम में करता हूं कि पीडेकी बातें ते भू- १० ११ १२ १३ ३” 2२ ६ ३ मं के ४ पब्ले ।] फिलिपीयोंका । ५६७ लता जाता पर आगेकी बातोंकी ओर कपटता जाता १४ हूं . आर ऊपरको बुलाहट जो ख्रीप्र यौशुमें इंश्वरकी ओरसे है कंडा देखता हुआ उस बुलाहटके जयफलका १४ पीछा करता हूं । सो हमसमेंसे जितने सिद्ठ हैं यही मन रखें और यदि किसी बातमें तुम्हें जैरही मन १६ हाय ते इेश्वर यह भी तुमपर प्रगट करेगा । तैाभी जहांतलों हम पहुंचे हैं एकही विधिसे चलना और एकही सन रखना चाहिये । द १७. हे भाइया तुम मिलके मेरीसी चाल चल्ना और उन्हें देखते रहा जे ऐसे चलते हैं जैसे हम तुम्हारे लिये १८ टूप्ान्त हैं । क्येंकि बहुत लाग चलते हैं जिनके विषयमें मैंने बार बार तुमसे कहा है और ञझब रोता हुआ भी १६ कहता हूं कि वे खीपृके ऋणके बैरी हैं, जिनका अन्त बिनाश है जिनका इंश्वर पेट हे जे अपनी लज्जापर बढ़ाई करते हैं आर पृथिवी परकी बस्तुओेंपर मन लगाते २० हैं। क्येंकि हम तो स्वगेकी प्रजा हैं जहांसे हम चाणकत्तो- २९ की अथोत प्रभु यीश खीघृकी बाट भी जाहते हैं . जे उस काय्येके अनुसार जिस करके वह सब बसस्‍्तओंका अपने ०-३ बस शत ले जम बशमें कर सकता है हमारी दोनताईके देहका रूप बदल डालेगा कि वह उसके णेश्वस्थेके देहके सटृश हा जावे। ४ चौथा पब्बे । १ हकृपरके उपदेशक्ी समाप्ति । २ कितनो विशेष बहडिनांका चचो। ४ सारो संडलोक लिये उपदेश । १० परावलक्रों सहायता करनेके विषयम उनका बस्ान। २१ पत्रोक्तों समाप्ति । १ से हे मेरे प्यारे झैर अभिलपित भाइये मेरे आनन्द और मुकुट यूंही हे प्यारों प्रभुमें टूढ़ रहे । ३-- 6 कलआा 4 4९७2३ पध्द फिलिपीयोंकेा । [४ पब्ले । मैं इवेदियासे बिन्‍्ती करता हूं और सुन्तुखीसे बिन्ती करता हूं कि वे प्रभुमें एकसां मन रखें । ओर हे सच्चे संघाती में तुकसे भी बिन्‍्ती करता हूं इन स्तियेंकी सहायता कर जिन्होंने क्लीमीके साथ भी और मेरे और जौर सहकम्मियोंके साथ जिनके नाम जी बनके पुस्तकमें हैं मेरे संग सुसमाचारके विषयमें मिलके साहस किया। हे 50 कल: 022 प्रभुमें सदा आनन्द करे . मैं फिर कहूंगा आनन्द करे । तुम्हारी मूटुता सब मनुष्येंपर प्रगट होवे . प्रभु निकट है। किसी बातमें चिन्ता मत करो परन्तु हर एक बातमें धन्‍्यबादके साथ प्रार्थेनासे और बिनन्‍्तीसे तुम्हारे निवेदन इश्वरकेा जनाये जावें। और इंश्वरकी शांति जे समस्त ज्ञानसे ऊँ है खीपृ यीशु तुम ला- गांके हृदय और तम लोागांके मनकी रश्या करेगो। चआन्तम हे भाइया यह कहता हं कि जो जो बाते सत्य जे जा आदरयेग्य है जे जो यथाथ है जो जा शहु हैं जा जा स॒हावनी हैं जे जे सुख्यात हैं कोई गुण जे हाय ओर काई यश जो होय उनन्‍्हों बातोंकी चिन्ता करे । जो तुमने सोखीं भी और ग्रहण कि और सनों और मुकमें देखों वही बातें किया करे और शांतिका इंश्वर तुम्हारे संग होगा । मेने प्रभु बड़ा आनन्द किया कि मेरे लिये सोच क- रनेमें तुम अब भी फिर पनपे और इस बातका तुम से च कण करते भी थे पर तम्हें अवसर ना था। यह नहों कि में ९7 ) 40 (4! ॥॥ 6 9९ प इ मं १० ११ दरिट्रताके विषयमे कहता हं क्येंकि मे सीख चका हूंकि जस दशाम हूं उसमे सनन्‍्ताष करू । में दीन होने जानता १२ ४ पब्ले ।] फिलिपीयोंका । ४६६ हूं मं उभरने भी जानता हूं में सब्बेच ओर सब बातेंमें तृप्त होनेके और भूखा रहनेकेा भी उभरनेकेा और १३ दरिद््‌ हानेके भी सिखाया गया हूं । में खीघृ्मे जे मुक्े १४ सामथ्य देता है सब कुछ कर सकता हूं । ताभी तुमने १४ भला किया जो मेरे क्शम मेरो सहायता किदं। ओर हे फिलिपोये। तुम यह भो जाने कि सुसमाचा रके आरंभमे न 8 3 जब मे माकिदानियासे निकला तब देने लेनेके विषयमे किसी मंडल्लीने मेरी सहायता न किई पर केवल तुमही ने। १६ क्येंकि थिसलेनिकामें भी तुमने एक बेर और दे बेर १७ भी जे सके आवश्यक था से भेजा। यह नहीं कि में टान चाहता हूं पर में वह फत्न चाहता हूं जिससे तुम्हारे नि- १८ मित्त अधिक लाभ होवे | पर भे सव कछ पा चका हूं आर मुकके बहुत हे . जा तुम्हारो ओरसे आया माना सुगनन्‍्ध सानेा ग्राह्य बलिदान जे इंश्वरके भावता है ९८ साई इपाफ्रदी तके हाथ पाकेमे भरपर हूं। और मेरा इेश्वर अपने धनके अनुसार महिमा सहित ख्रीप्र यीशमें सब कुछ २० जो तम्हे आवश्यक हा भरपर करके देगा । हमारे पिता इंश्वरका गुणानुबाद सदा सब्बंटा हाय . आमीन । २९ ख्रीघ्र योशर्में हर एक परविच जनके नमस्कार . मेरे २२ संगके भाई लोगोांका तुमसे नमस्कार। सब पविच .._ ल्लागांका निज करके उन्हेंका जे केसरके घरानेके हैं २३ तुमसे नमस्कार । हमारे प्रभु यीशु ख्रीप्रका अनुग्रह तुम समेंके संग हावे । आमीन॥ कलस्सीयांका पावल प्ररितकी पत्नी । १ पहिला पब्बे । ३ पत्रोक्ता आभाष । ३ ऋलस्सोयांक विषयम प्रावलका घन्यवाद । 6 उनके लिये उसको प्राथेना । १४ योशका माहात्म्य । २९ कलस्सीयेंपर इश्वरको कृपाका बखान । २४ स्वोष्ट मतके बड़े भेदका पावलपर प्रकाश किया जाना कि समेप्त प्रचार क्रिया जाय । पावल जो इंश्वरको इच्छासे यीशु ख्रीप्ृका प्रेरित है और भाई तिमेथिय कल्नस्सीमेंके पविच लेगें और खीपुर्मे बिश्वासी भाइयोंको . तुम्हें हमारे पिता इेश्वर और प्रभु यीशु खीपृसे अनुग्रह आर शांति मिलने । हम नित्य तुम्हारे लिये प्राथेना करते हुए अपने प्रभु यीश खीघृके पिता देश्वरका धन्य मानते हैं . कि हमने ख्रीप्र यीशुपर तुम्हारे बिश्वासका ओर उस प्रेमका समाचार पाया है जे। सब पविच लोागेंसे उस आशाके कारण रखते है। . जे आशा तुम्हारे लिये स्वगेमें घरी है जिसको कथा तुमने आगे सुसमाचारकी सत्यताके बचनमें सुनी . वह सुसमाचार जो तुम्हारे पास भी जैसा सारे जगतमें पहुंचा है ज्लैर फल लाता और बढ़ता है जैसा तुममें भी उस दिनसे फलता है जिस देनसे तुमने सुना ओर सत्यतासे इंश्वरका अनुग्रह जाना . जैसे तुमने हमारे प्यारे संगी दास इपाफ्रासे सीखा जो तुम्हारे लिये ख्रीप्रका बिश्वासयोग्य सेवक है . और जिसने तुम्हारा प्रेम जे आत्मासे है हमें बताया। इस कारणसे हम भी जिस दिनसे हमने सुना उस १ पश्ले ।] कलस्सीयोंकेा । ६०१ दिनसे तुम्हारे लिये प्राथेना करना और यह मांगना नहीं छोड़ते हैं कि तुम सारे ज्ञान जार आत्मिक बुट्ठि सहित इंश्वरकी इच्छाको पहचानसे परिपूणे ९०0 हाओ . जिस्तें तुम प्रभुके योग्य चाल चले श्ेसा कि है सब्र प्रकारसे प्रसन्नता हाय जआर हर ण्क अच्छे .._ काममें फलवान होओ जार इंश्वरकी पहचानमें ११ बढ़ते जावा . और समस्त बलसे उसकी महिमाके ..प्रभावके अनुसार बलवन्त किये जावोा यहांलां कि १२ आनन्दसे सकत्म स्थिरता और धीरज दिखावो . और कि तुम पिताका धन्य माने जिसने हमें पवित्र ल्ने- गांका अधिकार जो ज्यातिरमें है उस अधिकारके १३ अशके योग्य किया . ओर हमें अंधकारके बशसे छु- १४ ड़ाके अपने प्रियतम पुचके राज्यमें लाया . जिसमें उसके लाहके द्वारा हमें उठ्लार अथेत पापमेाचन मिलता है। ९४५ वह तो अटूश्य इश्वरकी प्रतिमा और सारी रुष्ि- ९६ पर पहिलेटा है . क्योंकि उससे सब कुछ रूजा गया . बह जो स्वगेमें है और वह जे पृथिवोपर है दूश्य .. और अटूश्य क्या सिंहासन क्या प्रभुताएं क्या प्रधान- ताएं क्या अधिकार सब कुछ उसके ट्वारासे और उसके ७ लिये सजा गया है। और वही सबके आगे है और ८ सब कुछ उसोसे बना रहता है। और वही देहका अथात मंडलीका सिर है कि वह आदि है और मृ- तकोंमेंसे पहितलाठा जिस्ते सब बातोंमें वही प्रधान € हाय । क्योंकि इश्वरको इच्छा थी कि उसमें समस्त २० पूणेता बास करे . और कि उसके क्रशके लाहके द्वारासे 76 ६0३ कलस्सीयोंकेा । [१ पब्ब । मिलाप करके उसीके द्वारा सब कुछ चाहे वह जो पृथिवीपर है चाहे बह जो स्वगेमें हे अपनेसे मिलावे। और तुम्हें जा आगे नियारे किये हुए थे और अपनी २१ बुट्टिसे बुरे कम्मांमें रहके बेरी थे उसने अभी उसके मांसके देहमें मृत्यके ट्रारासे मिला लिया है . कि तुम्हें २२ अपने सन्‍मख पविच ज्लेो निष्कलंक जला निर्दाष खड़ा करे . जा णेसाही हे कि तुम बिश्वासमें नेव दिये २३ हुए टूढ़ रहते हा और सुसमाचार जो तुमने सुना उसकी आशासे हटाये नहीं जाते . वह सुंसमाचार जा आकाशके नीचेको सारो रुप्िमें प्रचार किया गया जिसका में पावल सेवक बना । और में अब उन टुःखोंमें जा में तुम्हारे लिये उठाता २४ हूं आनन्द करता हूं और ख्रीप्॒के क्केशांकी जा घटी है से उसके देहके लिये अथात मंडलीके लिये अपने शरीरमें पूरी करता हूं । उस मंडलीका मैं इश्वरके २४ भंडारोपनके अनुसार जो तुम्हारे लिये मुर्के दिया गया सेवक बना कि इंश्वरके बचनके सम्पू्े प्रचार करूं . अथात उस भेदका जे आदिसे और पीढ़ी पीढ़ी २६ गुप्त रहा परन्तु अब उसके पविच लोागोंपर प्रगट किया गया है . जिन्हें इंश्वरने बताने चाहा कि अन्य- २७ देशियांम इस भेदकी महिमाका धन क्या है अथोत तम्हांस खीघ्चर जो महिमाको आशा है . जिसे हम २८ प्रचार करते है ओर हर ण्क मनष्यका चिताते है जऔ_्ञर समस्त ज्ञानसे हर एक मनुष्यका सिखाते हैं जिस्ते हर एक मनुष्यका ख्रीपघ्र यीशुमं सिद्दु करके २ पब्बे ।] कलस्सीयोंका । ६०३ २८ क्ञागे खड़ा करें। जोर इसके लिये में उसके उस काय्यके अनसार जे मरूम सामथ्य सहित गण करता हैं उट्याग करके परिभत्रम भी करता हूं । २ टूसरा पब्बे। १ कलस्खसोयेंके विषयम पावलको अमभिलापषा । ४ स्तोष्टम बने रहनेका उपदेश।८ उससे उनका बड़ा अधिकार । १६ मिश्पा भॉक्त ओर सांसारिक ज्ञानस परे रहनेक्रा उपदेश । १. क्योंकि में चाहता हूं कि तुम जाना कि तुम्हारे खैर उनके जे लाओदिकेयाम हे आर जितनोंने शरोरम मेरा मुंह नहों देखा हे सभोंके विषय मेरा २ कितना बड़ा उद्पाग होता है . इसलिये कि उनके मन शांत होावें और वे प्रेम गठ जावें जिस्त वे ज्ञानके निश्चयका सारा धन प्राप्त करें ओर इंश्वर पिताका ३ और ख्रीपका भेद पहचानें . जिसमें बुद्ठि जे ज्ञानकी .._ गुप्त सम्पत्ति सबको सब घरो है । ४ में यह कहता हूं न हा कि काई तम्हं फसलाऊ ४ बातोंसे धोखा देवे । क्योंकि जो में शरीरमें तुमसे टूर रहता हूं ताभी आत्मामें तुम्हारे संग हूं और आनन्दसे तुम्हारी रीति विधि और ख्रीघ्मपर तुम्हारे बिश्वासकी ६ स्थिरता देखता हूं । से तुमने ख़्रीष्ठ योशुका प्रभु करके क्‍ जैसे ग्रहण किया बेसे उसीमें चत्ना । और उसमें तुम्हारी जड़ बंधो हुईं हाय ओर तुम बनते जाओ अआऔर बिश्वासमें जेसे तुम सिखाये गये वैसे टूढ़ होते जाओ और धन्यवाद करते हुए उसमें बढ़ते जाओ । ८ चेोकस रहे कि कोई णेसा न हो जो तुम्हें उस ६०४ कलस्सीयोंकेा । (२ पद्छे । तत्त्वहज्ञान और ब्यथे घाखेके द्वारासे धर ले जाय जो मनुष्येंके परम्परादे मतके अनुसार और संसारकी आदिशिशक्लाके अनुसार है पर ख्रीपके अनुसार नहीं है । क्योंकि उसमें इेश्वरत्वकी सारो पूणेता सदेह बास करती है। और उसमें तुम परिपूर्ण हुए हो जा समस्त प्रधानता ञलैर अधिकारका सिर है . जिसमें तुमने बिन हाथका किया हुआ खतना भी अथोत शारीरिक पाषोंके देहके उतारनेमे खरीघ्रका खतना पाया . और बपतिसमा लेनेमें उसके संग गाड़े गये झलौर उसीमें इश्वरके काय्येके बिश्वासके द्वारा जिसने उसके मृतकेंमेंसे उठाया संगही उठाये भी गये। और तुम्हें जो अपराधेंमें और अपने शरोरकी खतनाहीन- तामें मृतक थे उसने उसके संग जिलाया कि उसने तुम्हा- रे सब अपराधोंका श्मा किया . और विधियोंका लेख जे हमारे बिस्टु लर हमसे बिपरीत था मिटा डाला झैौर उसके कोलेंसे क्र्शपर ठोंकके मध्यमेंसे उठा दिया है. और प्रधानताओं जर अधिकारोंकी सज्जा उतारके क्रूशपर डनपर जयजयकार करके उन्हें प्रगरमें दिखाया । इसलिये खानेमें अथवा पोीनेमे अथवा पब्बे वा नये चान्दके दिन वा बिआमके दिनोंके विषयर्म कोई तम्हाया बिचार न करे . कि यह वातें आनेहारों बातांकी छाया हैं परन्त देह खीघप्का हे। काई जो अपनी इच्छासे दीनताई जखैौर टतोंकी पञजा करनेहारा हाय तम्हारा प्रतिफल हरण न करे जा उन बाताम ३ पब्ल।] कलस्सीयोंका । ६०५४ जिन्हें नहीं देखा है घुस जाता है और अपने शारीरिक १८ ज्ञानसे वृथा फुलाया जाता है . और सिरकेा धारण नहीं करता है जिससे सारा देह गांठों ज्लार बंधोंसे उपकार पाके झेौर एक संग गठके इंश्वरके बढ़ावसे २० बढ़ जाता है। जो तुम ख्ीप्रके संग संसारकोी आदि- शिक्षलाकी ओर मर गये तो क्यों जैसे संसारमें जीते हुए उन विधियोंके बशमें हा जो मनुष्योंकी आज्ञाओं २९ ओर शिक्षाओंके अनुसार हैं . कि मत छू और न श२ चीख ओर न हाथ लगा . बस्तुआं जो काममें लानेसे ४३ सब नाश होनेहारी हैं। ऐसी विधियां निज इच्छाके अनुसारकी भक्तिसे और दोनतासे और देहका कष्ु देनेसे ज्ञानका नाम तो पाती हैं पर वे कुछ भी आदरके योग्य नहीं केवल शारोरिक स्वभावको तुप्त करनेके लिये हैं। ३ तीसरा पन्ने । ३ स्थोष्टके संग जिलाये इओंके येग्य चाल चलनेका उपदेश । ४ अशद्धसा आर क्राध ओे। कठका निश्देघ | १२ दया क्षमा प्रेम श्रा घनन्‍्यबादके विषय उपदेश | १८ स्त्रियां और पुरुधेंके लिये उपदेश । २० पत्र ओर पिताके लिये उप्रदेश | ३२ दासखाक लय उपदणश ॥ १९ सा जो तुम खोषृके संग जो उठे ता ऊपरको बस्त- ओंका खेज करो जहां खीघ्र इंश्वरके दहिने हाथ बैठा २ हुआ है। पृथिवीपरको बस्तुओंपर नहीं परन्तु ऊपरको ३ बस्तुओंपर मन लगाओ। | क्यांकि तुम ता मूण० और तुम्हारा जीवन खीघुके संग इेश्वरमें छिपाया गया है। ४ जब ख्रीप्र जा हमारा जीवन है प्रगट होगा तब तुम भी उसके संग महिमा सहित प्रगट किये जाओगे । द्वण्द्व कलस्सीयोंका । [३ पब्ले। इसलिये अपने अंगेंके जे। पृथिवीपर हैं ब्यभिचार जे अशहुता जे कामना औओ कुदच्छाकेा ओर त्लेभकेा ज्ञा मत्तिपजा हे मार डात्ना . कि इनके कारण इंश्वरका क्राध झाज्ञा लंघन करनेहारांपर पड़ता है . जिन्‍्हेंके बीचमें झागे जब तुम इनमें जीते थे तब तुम भी चलते थे। पर अब तुम भी इन सब बातोंको क्राध जे का प जऔ बेरभावका औ निन्‍दा जे गालीकेा अपने मुंहसे टूर करो । णक टूसरेसे फूट मत बोला कि तुमने पुराने मनुष्यत्वके उसको क्रियाओं समेत उतार डालना है . और नयेकेा पहिन लिया है जा अपने स्जनहा र के ५ रूपके अनसार ज्ञान प्राप्त करनेके नया होता जाता है। उसमे यूनानी आर यिहृदी खतना किया हुआ जलैौर खतनाहान अन्यभाषिया स्कथी दास झओऔ निबेन्ध नहीं है परन्त खीपू सब कुछ और सभोंम है । से इेश्वरके चुने हुए पवित्र ओर प्यारे लोगोंको नाईं बड़ी करुणा ओ कृपालुता ओ दीनता ओ नम्रता औ धोरज पहिन लेओ . और णक टूसरेको सह लेओ जऔैर यदि किसीकेा किसोपर दाष देनेका हेतु हाय ता रक टसरेका धामा करो . जैसे ख्रोष्च॒ने तुम्हें श्मा किया तेसे तम भी करो। पर इन सभेंके ऊपर प्रेमका पहिन लेओ जे सिटुताका बंध हे । ओर इश्वरको शांति जिसके लिये तम एक देहम ब॒लाये भी गये तुम्हारे हृद्यम प्रबल हाय और धन्य माना करो। ख्रीपका बचन तुम्होंमे अधिकाईसे बसे ओर गातों जोर भजनों ओर झात्मिक गानोंम समस्त ज्ञान सहित ४ ७0 ४ पब्ले। ] कलस्सीयेका । ६०७ एक टूसरेकेा सिखाओ और चिताओ ज्ञार अनुग्रह सहित अपने अपने मनमे प्रभुके आगे गान करे। १७ ओर बचनसे अथवा कम्मेसे जे कुछ तुम करो सब काम प्रभु यीशुके नामसे करे और उसके ट्वारासे इेश्वर पिताका धन्य मानो | १८. हे स्तियो जैसा प्रभुमें सेहता है तैसा अपने अपने १८ स्वामोके अधीन रहे।। हे पुरुषे अपनी अपनी सती केा प्यार करो और उनकी ओर कड़वे मत होओ । २० हे लड़का सब बातोंमें अपने अपने माता पिताकी २९ आज्ञा माना बक्यांकि यह प्रभुका भावता है। हे पिताओ अपने अपने लड़कांकेा मत खिजाओ न हो कि वे उदास हेवें। २२ हे दासा जो लाग शरोरके अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं मनुष्योंका प्रसन्न करनेहारोंको नाईें मुंह देखी सेवासे नहीं परन्तु मनकी सीधाईसे इश्वरसे डरते हुए २३ सब बातोंमें उनकी आज्ञा माना । और जे। कुछ तुम करे सब कुछ जेसे मनुष्योंके लिये से नहीं परन्तु २४ जैसे प्रभुके लिये अन्तःकरणसे करे . क्योंकि जानते हो कि प्रभुसे तुम अधिकारका प्रतिफल पाओगे २४ क्योंकि तुम प्रभु ख्रीपके दास हा । परन्तु अनीति करनेहारा जे। अनीति उसने किई है तिसका फलल बे पावेगा और परशथ्चमपात नहों है । ४ चेाया पब्ब। १ स्वागमियांके लिये उपदेश । २ प्राेना आर शभ चलनका उपदेश।०७ तुश्विक ओर - उनोसिम भाडयेंके भेजनेका कारण । १० नमस्कार साहत पत्रोको समा | ६०८ कलस्सीयोंकेा । [४ पब्खे । हे स्वामिया अपने अपने दासेोंसे न्‍्याययुक्त जार यथाये ब्यवहार करो क्योंकि जानते हा कि तुम्हारा भी स्वगेमें स्वामी हे । प्राथेनामें लगे रहा जैौर धनन्‍्यबादके साथ उसमें जागते रहा । और इसके संग हमारे लिये भी प्राथना करे कि इंश्वर हमारे लिये बात करनेका श्ेसा द्वार खाल दे कि हम ख्रीप्रका भेद जिसके कारण में बांधा भी गया हूं बाल देवें . जिस्ते में जेसा मरे बालना उचित हे बेसाहों उसे प्रगट करू । बाहरवाल्नांकी खेर बटिसे चत्ना जेौर अपने त्निये समयका ल्लाभ करो | तम्हारा बचन सदा अनग्रह सहित झओर लोाणसे स्वादित हाय जिसते तम जाना कि हर णककेा किस रीतिसे उत्तर देना तम्ह उचित हे । तखिक जो प्यारा भाई जोर बिश्वासयाग्य सेवक और प्रभम मेरा संगी दास हे मेरा सब समाचार तम्हे सनावेगा . कि मेने उसे इसोके निमित्त तम्हारे पास भेजा है कि वह तम्हारे विषयमेंकी बातें जाने और तम्हारे मनकेा शांति देबे । उसे मैंने उनीसिमके संग जा बिश्वासयाग्य झोर प्यारा भाई और तम्होंमेका भेजा है . वे यहांका सब समाचार तुम्ह सुनावेंगे। अरिस्ताखे जे मेरा संगी बंधुआ है और माकक जे बणेबाका भाई लगता है जिसके विषयमें तमने आज्ञा पाई . जा बह तम्हारे पास आवे ते उसे ग्रहण करो . जैर यीश जा यस्‍त कहावता है इन तोनांका तमसे नमस्कार . खतना किये हुए लोगोंमेंसे केवत्न येहो १ १९ ४ पब्बे ।] कलस्सीयोंका । ६0०8 इेश्वरके राज्यके लिये मेरे सहकम्मीं हैं जिनसे मुम्रे १२ शांति हुई है । इपाफ्रा जो तुम्होंमेंसे एक ख्रीप्रका टास है तुमसे नमस्कार कहता है और सदा तुम्हारे लिये प्राथेनाओंमें उदयाग करता है कि तुम इेश्वरकी सारी १३ इच्छामें सिट्ु और परिपण बने रहा। क्योंकि में उसका साश्षो हं कि तम्हारे लिये ओआर उनके लिये जा लाओदिकेयाम है क्रेर उनके लिये जे हियरा- १४ पत्निम है उसका बड़ा अनुराग हैं । लककाजो प्यारा १४ वेदय है और दीमाका तमसे नमस्कार । लाओददिके- यामेंके भाइयेंका और नुम्फाकेा ओर उसके घरमेंको १६ मंडल्लीका नमस्कार । ओर जब यह पच्नी तुम्हारे यहां पढ़ लिई जाय तब ऐसा करो कि लाओददिकियोंको मंडलोीमें भी पढ़ी जाय ओर कि तुम भी लाओदिकेयाकी १७ पत्नी पढ़ा । आर अखिपसे कहे जो सेवकाई तूने प्रभुमें पाई है उसे देखता रह कि तू उसे पूरी करे। १८ मर पावलका अपने हाथका लिखा हुआ नमस्कार . मेरे बंधनाोंकोी सध लेओ . अनग्रह तम्हारे संग होावे। अमीन ॥ थिसलानिकियांका पावल प्रेरितकी पहिली पत्री । /ख् द् ९ प्राहतह्लना पब्बज ।॥ १ प्रशोका आ्राभाष | ३ पिसलेानिकियों के विषयमे प्रावलक्का धन्यवाद ओर उनके सुससाचार ग्रहण करनेका बखान । प्रावल और सीला और तिमेथिय थिसत्लेनिकि- शलेंकी संडलीकेा जे। इंश्वर पिता और प्रभु यौश खीघपर्में है . तुम्हें हमारे पिता इंश्वर और प्रभु यीश स्नीपूसे अनुग्रह ओर शांति मिले । हम अपनो प्राथनाओंम तुम्ह स्मरण करते हुए नित्य तुम सभोंके विषयमें इश्वरका धन्य मानते हैं . क्येंकि हम अपने पिता इश्बरके आगे तुम्हारे बिश्वास- के काय्ये और प्रेमके परिश्रमका और हमारे प्रभ यीशु खीपुर्मे झ्राशाको धीरताके निरन्तर स्मरण करते हैं। और हे भाइये इश्वरके प्यारा हम तुम्हारा चुन लिया जाना जानते हैं। ब्यबांकि हमारा सुसमाचार केवल बचनसे नहीं परन्तु सामंथ्येसे भी और पवित्र झात्मासे और बड़े निश्चयसे तुम्हारे पास पहुंचा जैसा तुम जानते है। कि तुम्हारे कारण हम तुम्होंमें केसे बने । ओर तुम लग बढ़े क्केशके बीचमें पविच आत्मा- के आनन्दसे बचनकेा ग्रहण करके हमेोंके और प्रभके अनुगामी बने . यहांलों कि माकिदानिया ओर आ- खायामेंके सब बिश्वासियोंके लिये तुम टूप्वान्त हुए । ब्येंकि न केवल माकिदानिया और आखायामें तुम्हारी २ पब्बे ।] १ थिसखलोनिकियेंके। ६१९ आओरसे प्रभके बचनका ध्वनि फेल गया परन्त हर एक स्थानमें भी तम्हारे बिश्वासका जा इंश्वरपर है चचो हो। गया है यहांलों कि हमें कुछ बालनेका प्रयेजन € नहीं है। क्योंकि वे आपही हमारे विषयमें बताते हैं कि तम्हारे पास हमारा आना किस प्रकारका था जऔ और तम व्यांकर मरतोंसे इंश्वरकी ओर फिरे जिस्ते जीवते ९० जार सच्चे इेंश्वरको सेवा करो . औ और स्वगेसे उसके पच- को जिसे उसने मृतकोंमेंसे उठाया बाट देखे अथात योशुको जो हमें आनेवाले क्राधसे बचानेहारा है । २ टूसरा पब्बे। १ थिसलेनिकियोंके खोचरम प्रावलके उप्रदेशक्ों रोति । १३ जिसलेनिकियांकाः उस उपदेशकीा यथायाग्य ग्रहण करना । १७ उनसे पावलको बडो प्रीति । १ हे भाइयो तम्हारे पास हमारे आनेके विषयमें तम जअपहा जानते हो के वह ब्यथ नहों था। परन्‍्त जा गे फिलिपीमे जेसा तम जानते हो दृःख पाके और टर्दशा भेागके हमने इंश्वरका ससमाचार बहत रगडे कगडेमें ३ तुम्ह सुनानेके अपने इंश्वरसे साहस पाया। बक्यांकि हमारा उपदेश न भ्रससे ओर न अशदुतासे और न ४ छलके साथ है . परन्तु जैसा इेश्वरकेा अच्छा देख पड़ा है कि ससमाचार हमें सेंपा जाय तैसा हम बोलते हैं अथात जसे मनष्यांका प्रसन्न करते हुए से। नहीं परन्‍्त ५ इंश्वरकेा जो हमोंके मनके जांचता हे। क्येंकि हम न तो कभी लल्लापत्ताको बात किया करते थे जसा तुम जानते हे ओर न लेाभके लिये बहाना करते थे इेश्वर ६ साथी है । और यदपपि हम ख्रीप्॒के प्रेरित हा के मय्यादा ६१२ १९ थिसलानिकियोंका । [२ पब्ले । त्ते सकते ताभी हम मनुष्योंसे चाहे तुम्हे|से चाहे टूसरों- से आदर नहीं चाहते थे। परन्तु तुम्हारे बीचमें हम ऐसे केामत्न बने जेसी माता अपने बालकेंका टूघ पिला पोसती है। वैसेही हम तुम्होंसे खेह करते हुए तुम्हें केवल इेंश्बरका सुसमाचार नहीं परन्तु अपना अपना प्राण भी बांट देनेका प्रसन्न थे इसलिये कि हमारे तुम प्यारे बन गये । क्योंकि हे भाइये तुम हमारे परिञ्रम ओर क्लेश- के स्मरण करते है। कि तुममेंसे किसीपर भार न देनेके लिये हमने रात ओ दिन कमाते हुए तुम्होंमें इेश्वरका ससमाचार प्रचार किया । तुम लाग साथी हा ओर इंश्वर भी कि तम्होंके आगे जे। बिश्वासी हे! हम केसी पविच्ता ओ धम्म क्रो निदाषतासे चले | जसे तम जानते हो कि जसा पिता अपने लड़केांकेा तेसे हम तुम्होंमिसे एक एककोा वक्यांकर उपदेश ओझ शांति ओ साथ्वी देते थे . जिस्तें तुम इेश्वरके याग्य चला जो तुम्हें अपने राज्य और शेश्वस्येंमं बुलाता है । इस कारणसे हम निरन्तर इंश्वरका धन्य भी मानते हैं कि तुमने जब इेश्वरके समाचारका बचन हमसे पाया तब मनुष्योंका बचन नहीं पर जैसा सचमुच है इेश्वरका बचन ग्रहण किया जो तुम्होंमें जे बिश्वास करते हो गुण भी करता है। क्यांकि हे भाइयेो खीधघ्ु यीश्में इेश्वरकी मंडल्नियां जो यिहृदियामें हैं उनके तुम अनगामी बने कि तमने अपने स्वदेशियोंसे वैसाही दुःख पाया जैसा उन्होंने भी यिहृदियोंसे . जिन्होंने प्रभु यीशका और भविष्यद्गक्ताओंका मार डाला और १० ११ १२ रै३ १४ ३ पब्बे ।] १९ थ्रिसलानिकियोंका । 8१३ हमेोंकेा सताया और इेश्वरकोा प्रसन्न नहीं करते हैं १६ और सब मनुष्योंके बिरुटु हैं . कि वे अन्यदेशियोंसे उनके चाणके लिये बात करनेसे हमें बजंते हैं जिस्त नित्य अपने पापोंका परा करें , परन्‍त उनपर ऋोघध अत्यन्तलों पहुंचा ह्ै। १७ पर हे भाइयो हमोंने हृटयमें नहीं पर देहमें थोड़ी बेरत्नों तुमसे अल्वग किये जाके बहुत अधिक करके तुम्हारा मुंह देखनेका बड़ी अभिल्यापासे यज्ञ किया । १८ इसलिये हमने अथात मृझ पावलने एक बेर और दो बेर भी तुम्हारे पास आनेकी इच्छा किई और शैतानने १८ हमें रोका । क्योंकि हमारी आशा अथवा आनन्द अथवा बड़ाईंका म॒कट क्या है . क्या तम भी हमारे प्रभु याश ख्रोप्रके आगे उसके आनेपर नहीं हो । २० तुम ता हमारो बड़ाई और आनन्द हे । ३ तोसरा पब्ब। १ ततमाशथयक्र भंजनका बणन । ६ उससे ग्रसलानाकयोंका समाचार सनक प्रावलक्रा आनान्दत ह्ाना । ११ ग्रसलानाकयोांक लिये पावलकी प्राय्रेना ॥ १ इस कारण जब हम जऔर सह न सके तब हमने ३२ आयोनीमें अकेले छोड़े जानेके अच्छा जाना . और तिमेाथियकोा जे हमारा भाई और इंश्वरका सेवक और ख्रीपरके सुसमाचारमें हमारा सहकर्म्मी है तम्हें स्थिर करनेके और तम्हारे बिश्वासके विषयमें तम्हें ३ समक्ानेकेा भेजा . जिस्तें काई इन क्लेशोंमे डगमगा . न जाय क्योंकि तुम आप जानते हा कि हम इसके ४ लिये ठहराये हुए हैं । क्योंकि जब हम तुम्हारे यहां थे का का-े ६१४ १ थिसलोानिकियोंका । [३ पब्ले । तब भी तमके आगेसे कहते थे कि हम तो क्लश पावगे जैसा हआ भी है और तम जानते हो । इस कारणसे जब में जार सह न सका तब तम्हारा बिश्वास बकने- के भेजा ऐसा न हो कि किसो रोतिसे परोश्षया कर ने- हारेने तुम्हारी परीक्षा किईं और हमारा परिश्रम ब्यथे हो। गया है । पर अभी तिमाथिय जो तुम्हारे पाससे हमारे यहां आया है और तुम्हारे बिश्वास और प्रेमका सुसमाचार हमारे पास लाया है ओर यह कि तुम नित्य भली रोतिसे हमें स्मरण करते हो और हमें देखनेकी लालसा करते हो जैसे हम भी तुम्हें देखनेकी लालसा करते हैं, ता इस हेतुसे हे भाइया तुम्हारे बिश्वासके द्वारासे हमने अपने सारे क्लेश ओ दरिद्तामें तुम्हारे विषयमें शांति पाई है | क्योंकि अब जा तुम प्रभुमें टूढ़ रहे ते हम जीवते हैं । क्योंकि हम धन्‍्यबादका कानसा फत्न तुम्हारे विषयमें इश्वरकेा इस सारे आनन्दके लिये दे सकते हैं जिस करके हम तुम्हारे कारण अपने ््जु बे ० >> अब / रु रत इंशवरके आगे आनन्द करते हैं. कि रात ओ दिन हम अत्यन्त बिन्ती करते हैं कि तम्हारा मुंह देख और तम्हारे बिश्वासकी जे। घटो हे उसे परी करे । हमारा पिता इंश्वर आपही ओर हमारा प्रभु योौश खीघष तम्हारी ओर हमारा माग सोधा करे | पर तुम्ह प्रभ एक ट्सरेको ओर खेर सभेोंको ओर प्रेममें क्धि- काई देवे और उभारे जैसे हम भी तम्हारो ओर उभरते हैं. जिस्त वह तुम्हारे मनके स्थिर करे ओर हमारे १३ ४ पब्ले ।] . ९ थिसलोनिकियोंका । ६१४ पिता इंश्वरके आगे हमारे प्रभु योश खीप्रके अपने सब पावच्रोंके संग आनेपर पविचताईमें निर्दोष भी करे। ४ चोया पब्बे। १९ पावन्रता ओर श्रात्रोय प्रम ओर अच्छा घन्धा करनेका उपदेश | १३ मृतकोांके जो उठनेका बणन । १ सो हे भाइये अन्तमें हम प्रभ यीशमें तम्हें बिन्‍्ती और उपदेश करते हैं कि जैसा तमने हमसे पाया कि किस रोतिसे चत्लनना और इश्वरकोा प्रसन्न करना तम्हें २ डाचत हे तम आंधक बढ़ते जाओर। क्यांकि तम जानते हा कि हमने प्रभु योशकी ओरसे कान कान आज्ञा तम्ह ३ दिई । क्यांकि इेश्वरकी इच्छा यह है अथात तम्हारी ४ पावचता कि तम ब्यभिचारसे परे रहो . कि तममेसे हर एक अपने अपने पाचके उन अन्‍न्यदेशियेोंकी नाईें जो इंश्वरका नहों जानते है कामाभिलाषासे रखे से नहीं . | & परन्तु पविचता और आदरसे रखने जाने . कि इस बातमें काई अपने भाईके न ठगे और न उसपर दांव चलावे क्यांकि जेसा हमने आगे तमसे कहा और साथी भी दिई तेसा प्रभइन सब बातोंके विषयमें पलटा ७ लेनेहारा है। क्योंकि इश्वरने हमेंके अशहुताकओे लिये ८ लहों परन्‍त पविचतामे बतल्लाया । इस कारण जो तच्छ जानता है सा मनष्यका नहों परन्‍्त इंश्वरकेा जिसने अपना पविच आत्मा भी हमें दिया तुच्छ जानता है। ष् भ्राचीय प्रेमके विषयमें तम्हे प्रयाजन नहीं है किसमें तुम्हारे पास लिखूं क्योंकि एक टूसरेका प्यार करनेकेा १९७ तम आपहो इंश्वरके सिखाये हुए हे।। ब्येंकि तम सारे (पारी धसा्कीव-> ८ द्द्प्द्व १ थिसलोानिकियोंका | [४ पब्ले ॥ माकिदानियाके सब भाइयोंकी ओर सोई करते भी हो परन्‍्त हे भाइया हम तमसे बिन्तोी करते हें कि अधिक बढते जाओ । और जेसे हमने तम्हें आज्ञा टिई लेसे चैनसे रहनेका ओर अपना अपना काम करनेका शोर अपने अपने हाथोंसे कमानेका यत्ञ करो . जिस्तें तुम बाहरवालोॉंकी ओर शुभ रीतिसे चला और तुम्हे किसी बस्तकी घटतो न होय । हे भाइया में नहीं चाहता हं कि तम उनके विषयम जे साये हए है अनजान रहा न हो कि तम आओरोंके समान जिन्हे आशा नहों हे शोक करो। क्योंकि जे हम बिश्वास करते हैं कि यीशु मरा और जी उठा तो बैसेही इंश्बर उन्हें भी जो यीशर्में साये हैं उसके संग ल्लावेगा | क्योंकि हम प्रभके बचनके अनुसार तंमसे यह कहते हैं कि हम जो जोीवते ओर प्रभके चआनेलोां बच जाते है उनके आगे जो साये हें नहों बढ चलगे । क्यांकि प्रभ आपहो ऊंचे शब्द सहित प्रधान टतके शब्द सहित ओर इंश्वरकी तरही सहित स्वगेसे उतरेगा और जो ख्रोपषरम मणए है साई पहिल्ले उठगे। तब हम जा जावते ओर बच जाते हैं एक संग उनके साथ प्रभसे मिलनेके मेघोंम ज्ञाकाशपर उठा लिये जायेंगे झ्लार इस रोतिसे हम सदा प्रभुके संग रहेंगे। सा इन बातेंसे एक टूसरेकेा शांति देखे । ५ पांचवां पब्बे । १ समयोंके विषय शिज्ञा आर डपदेश ॥ १२ उपदेशकेका आदर करनेका उपदेश । १४ परस्यर उप्रक्रार आर नाना घम्माक्रषमाआका उप्दश | २० पन्राका समाम्र । पर हे भाइये कालों और समयेंके विषययमें तुम्हे ११९ ९२ १३ १४ १५ १६ १७ श्द ४८० क, ल्‍्यका ८८-याी 5० से, &03.4 ५ प्रच्चे।] १ थिसलानिकियोंकीा । ६१५ ब्र प्रयोजन नहीं है कि तुम्हारे पास कुछ लिखा जाय । क्योंकि तुम आप ठीक करके जानते हा कि जैसा रातको ३ चार तैसाही प्रभुका दिन आता है । क्येंकि जब लाग 6 3 दर है कहेंगे कुशल है ओर कुछ भय नहीं तब जैसी गर्भवती- प्र प्रसवकी पीड़ तेसा उनपर बिनाश अचांचक ञआा पड़ेगा और वे किसो रोतिसे नहीं बचगे । पर हे भाइयो तुम ता अंधकारमें नहीं हो कि तुमपर वह दिन चे रकी नाई आ पड़े । तुम सब ज्यातिके सन्‍्तान और दिनके सन्‍तान हो . हम न रातके न अंधका रके हैं। इसलिये हम ओरोंके समान सोवें से नहीं परन्तु जागें और सचेत रहें । क्येंकि सेनेहारे रातको सेते हैं खैर मत- ८ वाल्ते लाग रातकेा मतवाले हेते हैं। पर हम जे दिनके र्‌ १० ११ १२ | १ १३ १४ हैं ता बिश्वास और प्रेमकी म्िलम झऔर टोप अथात चाणकी आशा पहिनके सचेत रहें। क्येंकि देश्वर ने हमें क्राधके लिये नहों पर इसलिये ठहराया कि हम अपने प्रभु यीशु खीघृके ट्रारासे चाण प्राप्त करें . जे हमारे लिये मरा कि हम चाहे जागे चाहे से वें एक संग उसके साथ जोवें । इस कारण एक टूसरेका शांति देझे और एक टूसरेका सुधारो जैसे तुम करते भी हो । हे भाइयेो हम तुमसे बिन्ती करते हैं कि जो तुम्हेंमें परिप्रम करते हैं और प्रभु तुमपर अध्यक्ष ता करते हैं और तुम्हें चिताते हैं उन्हें पहचान रखे . और उनके कामके कारण उन्हें अत्यन्त प्रेमके याग्य समा . आपसमभे मिल्ने रहो । और हे भाइये हम तुमसे बिन्ती करते हैं अनरोतिसे ६१८ १ थिसलेनिकियोंका । [५ पब्चे। चलनेहारोंके चिताओ कायरोंकेा शांति देओ टुब्वें- त्लोंके संभाला सभेंको ओर धोरजवन्त हा ओ । देखे १५ कि काई किसीसे बुराईके बदले बुराई न करे परन्तु सदा एक टूसरेकी ओर और सभेंकी ओर भी भलाई- की चेप्ठा करो । सदा आनन्दित रहे। निरन्तर प्राथेना ३६ करे । हर बातमें धन्य मानो क्योंकि तुम्हारे विषयमें १८ यही ख्रीप्र यीशममें इश्वरको इच्छा है। आत्माकोा १८ निवृत्त मत करे । भविष्यद्राणियां तुछ मत जानेा। २० सब बातें जांचे अच्छीका धर लेओ । सब प्रकारको ३३ बुराईसे परे रहा। शांतिका इश्वर आपही तुम्हें २३ सम्पूणे पवित्र करे और तुम्हारा सम्पूणं आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु ख्रीप्रके आनेपर निर्दाष रखा जाय । तुम्हारा बुलानेहारा बिश्वास- २४ योग्य है और वही यह करेगा । हे भाइये हमारे लिये प्राथेना करो । सब भाइयोंका 38 5 कस कफ. 5 पवित्र चूमा लेके नमस्कार करो | में तुम्हे प्रभुकी २७ किरिया देता हूं कि यह पत्री सब पविच भादयोंका पढ़के सुनाई जाय । हमारे प्रभु योशु खीपुका अनुमरह र८ तम्हारे संग हावे । आमीन ॥ थिसले।निकियांका पावल प्ररितकी दूसरी पत्री । ९ पहिला पब्बे । १ प्रञ्राक्ता आभाष | ३ 'थिसलानाक्याक्र बश्वास आरा प्रम गओ द ठता 8 के ।वष्यमे प्राावलादका घनन्‍न्यतब्राद । ५४ घम्म अधम्मक्र फल आर प्रभ याशक्क प्रकाश डोानेका बणेन । ११ थिसलानिकियोंक लिये पावलादिक्ा प्राथेना । १ पावल जऔर सीला औ_ और तिमेथिय थिसत्ने निकि- योंकी मंडलोकेा जो हमारे पिता इंश्वर और प्रभ यीश २ ख्रीप्॒में हे . तुम्हे हमारे पिता इेश्वर और प्रभु यीश ख्रोप््से अनुम्रह ओर शांति मित्ने । ३ हे भाइयो तम्हारे विषयमें नित्य इेश्वरका धन्य मानना हमें उचित हे जैसा योग्य है क्येंकि तम्हारा बिश्वास बहुत बढ़ता है ओर णक टूसरेकी ओर तम ४ सभोंमेंसे हर एकका प्रेम अधिक होता जाता है . यहां- त्वों कि सब उपट्रवांमें जे तुमपर पढ़ते हैं और क्लेशोमें जा तम सहते हो तम्हारा जे धीरज ज्लोर बिश्वास है उसके लिये हम आपहो इंश्वरको मंडलियोंमें तम्हारे विषयमे बढ़ाई करते हैं । ५ यह तो इंश्वरके यथाथे बिचारका प्रमाण है जिस्ते तम इंश्वरके राज्यओ याग्य गिने जावा जिसके लिये ६ तम टःख भी उठाते हो । क्यांकि यह ता इश्वरके न्‍्यायके अनसार है कि जो तम्ह क्लश देते हैं उन्हें | ७ प्रतिफलमें क्लेश देवे. ओर तुम्ह जा क्लेश पाते हो .._ हमारे संग उस संमयमें चैन देवे जिस समय प्रभु यीश | ६२० २ थिसलानिकियोंका । (२ पब्ले । स्‍्वगेसे अपने सामथ्यके टूतोंके संग धधकती आगमें प्रगट होगा . और जो लेग इंश्वरका नहों जानते है और जो लेाग हमारे प्रभु यीश ख्रीप्रके सुसमाचार के नहीं मानते हैं उन्हें दंड देगा . कि वे तो प्रभुके सन्‍्मुखसे ज्ैौ।र उसकी शक्तिके तेजकी ओरसे उस दिन अनन्त बिनाशका दंड पावेंगे . जिस दिन वह अपने पविच ल्ागांमें तेजेमय झैौर सब बिश्वास करनेहारोंमें १० आश्चय्ये दिखाई देनेके आवेगा . कि हमने तुमको « जा साशथी दिई उसपर बिश्वास ता किया गया । इस निमित्त हम नित्य तुम्हारे विषयमें प्राथेना भी करते हैं कि हमारा डेश्वर तुम्हें इस बुलाहटके योग्य समझे और भतललाईकी सारो सुइच्छाके और बिश्वास- के कारय्येका सामथ्य सहित पूरा करे . जिस्त तुम्होंमें हमारे प्रभु यीशु खीघृके नामकी महिमा ओर उसमें तुम्हारी महिमा हमारे इंश्वरके और प्रभु यीश ख्री प्रके अनुग्रहके समान प्रगट किदे जाय । २ टूसरा पब्बे। १ स्त्रीष्टके दिनके आनेका ब्येरा ओर परापपुरुषके प्रगट डेानेकी भविष्यद्बाणो ओर जे लोग उस पुरुपसे छाोखा खाये उनको दुर्गेत । १३ थिसलेनिकियोंके विषयमे धन्यवाद ओर उपदेश ओर प्रा्ेना । पर हे भाइये हमारे प्रभु यीश खीपृके आनेके और हमेंके उस पास एकट्रे हेनेके विषयमें हम तुमसे बिन्‍्ती करतेहें . कि अपना अपना मन शीघ्र डिगने न देझआे झऔैर आत्माके द्वारा अथवा बचनके द्वारा अथवा पचीके द्वारा जैसे हमारी ओरसे हेोते घबरा न जाओ कि माना ४०.७] (9.98 | 2-०4 ख्रीपका दिन आ पहुंचा है। काई तम्हें किसी रीतिसे न १९ ५ १२ | 462. «यामी २ पब्जे ।] २ थिसलानिकियोंकेा । ६२१ छत्मे व्येंकि जबत्नां धम्मेत्याग न हो लेवे और वह ४ पापपुरुष अथात बिनाशका पुच . जे बिराध करनेहारा और सबपर जे इेश्वर अथवा पूज्य कहावता है अपनेका ऊंचा करनेहारा है यहांतलां कि वह इश्वरके मन्दटिरसें इंश्बरकी नाईें बेठके अपनेकेा इंश्वर करके दिखाबे प्रगट ५ न हाय तबत्नों वह दिन नहीं पहुंचेगा । क्या तुम्हें सुरत नहीं कि जब में तुम्हारे यहां था तब भी मैंने यह बातें तुम- ६ से कहीं। और अब तुम उस बस्तुका जानते हा जो इस- लिये रोकती है कि वह अपनेही समयमें प्रगट हे।वे। ७ व्यांकि अधम्मेका भेट अब भी काय्ये करता है पर केवत्ल ८ जबलों वह जे अभी रोकता है टल न जावे । और तब वह अधर्म्मी प्रगट होगा जिसे प्रभु अपने मुंहके पवनसे नाश करेगा और अपने जआानेके प्रकाशसे ल्लाप करेगा . € कथात वह अधर्म्मी जिसका आना शैतानके काय्यके अनुसार फूठके सव प्रकारके सामथ्य और चिन्हों और १० अद्वत कार्माोंके साथ . और उन्हेंमें जे नप्ठ होते हैं अधम्मेके सब प्रकारके छल्नके साथ है इस कारण कि उन्होंने सच्चा इके प्रेमके नहीं ग्रहण किया कि उनका १९ चाण होता। और इस कारणसे इंश्वर उनपर शभ्रांतिकी १३ प्रबलता भेजेगा कि वे कूंठका बिश्वास करें. जिस्ते . सब लोग जिन्‍्हेंने सच्चाईंका बिश्वास न किया परनन्‍्त॒ अधम्मेसे प्रसन्न हुए दंडके योग्य ठहरें। . १३ पर हे भाइयो प्रभुके प्यारा तुम्हारे विषयमें नित्य इेश्वरका धन्य मानना हमें उचित है कि इंश्वरने आ दि- से तुम्हे आत्माकी पवित्रता और सच्चाईके बिश्वासके ६२३ २ थिसलोानिकियोंका। [३ पब्ले। द्वारा चाण पानेकेा चुन॒लिया . और इसके लिये तुम्हें १४ हमारे सुसमाचा रके ट्वारासे बुलाया जिस्त तुम हमारे प्रभ योश ख्रीप्रकी महिमाको प्राप्त करो। इसलिये है भाइये। ९४ टूढ़ रहे और जे बातें तमने हमारे चाहे बचनके द्वारा... चाहे पत्नीके द्वारा सीखोीं उन्हें धारण करे । हमारा १६ प्रभु यौशु खीघर आपही और हमारा पिता इंश्वर जिसने हमें प्यार किया और अनुम्रहसे अनन्त शांति और अच्छी आशा दिई है . तुम्हारे मनके शांति देवे और ९७ तम्हें हर एक अच्छे बचन और कम्मेमें स्थिर करे। | जे ३ तासरा पब्व । १ कई णक उपदेश ओर शांतिको बाते | ६ अनरोतिस चलनेहारोंके विषय उप्रदेश । १६ प्रत्रीिको समाप्ति । अन्‍्तम हे भाइयेा यह कहता हं कि हमारे लिये १ प्राथेना करो कि प्रभका बचन जैसा तम्हारे यहां फैलता है तैसाही शीघ्र फेल चेर तेजेमय ठहरे . कार कि हम २ अबिचारी ओर दुप्र मनुष्येंसे बच जायें क्योंकि बिश्वास समभोंका नहीं है | परन्तु प्रभु बिश्वासयाग्य है जो तुम्हें ३ स्थिर करेगा और ट॒प्ृसे बचाये रहेगा। और हम प्रभमें ४ तम्हारे विषयमें भरोसा रखते हैं कि जे कुछ हम तम्ह देते हैं उसे तम करते हा ओर करोगे भी। प्रभ ता इंश्वरके प्रेमको ओर ओर ख्रीप्रके धीरजकी ४५ आर तम्हारे मनको अगवाई करे। भाइये हम तुम्हें अपने प्रभु योशु खीप्ृके नामसे ६ई आज्ञा देते हें कि हर एक भाईसे जे अन री तिसे चत्नता बु है और जो शिक्षा उसने हमसे पाई उसके अनुसार नहीं ३ पब्चे ।] २ थिसलोानिकियोंका । ६२३ ७ चलता हे अलग हो जाओ । क्योंकि तम आप जानते हो कि किस रोतिसे हमारे अनगामी होना उचित हे ८ ब्यांकि हम तम्हेंमें कननरो तिसे नहों चल्ने . कार से तकी राोटो किसीके यहांसे न खाई परन्‍्त परित्रम ओर क्लेशसे रात औ दिन कमाते थे कि तममेंसे किसीपर भार न € देव । यह नहीं कि हमें अधिकार नहों है परन्‍्त इस- लिये कि अपनेके तम्हारे कारण ट्रष्ठान्त कर देवे जिस्तें १० तम हमारे अनगामी होओ। । क्येंकि जब हम तम्हारे यहां थे तब भी यह आज्ञा तम्ह देते थे कि यदि काई १९ कमाने नहों चाहता हे तो खाना भो न खाय। क्यों- कि हम सुनते हैं कि कितने लोग तुम्हांम अनरोतिसे चलते हैं ओर कुछ कमाते नहीं परन्तु ओरोंके काममें १२ हाथ डालते हैं | एसांका हम आज्ञा देते हैं और अपने ..प्रभ याश खोपषको ओरसे उपदेश करते ह कि वे चेनसे १३ कमाकओे अपनोहो रोटो खाया करे | ओर तम हे भा- १४ इये सुकम्मे करनेमें कातर मत होओ । यदि कोई इस पत्चीमेंका हमारा बचन नहों मानता है उसे चीनन्‍्ह रखे। तौर उसकी संगति मत करो जिस्तें वह १४ लज्जित हाय । ताभी उसे बेरीसा मत समझे परन्तु भाई जानके चिताओ । १६ शांतिका प्रभ आपही नित्य तम्हें सब्बेथा शांति देवे १७ प्रभ तम सभोंके संग होवे। मकू पावलका अपने हाथका लिखा हुआ नमस्कार जो हर एक पच्ोमें | 4८ चिन्ह है . में यूंही लिखता हूं | हमारे प्रभु यीशु ख्रीपूका अनुग्रह तम सभोंके संग हाोवे । आमीन ॥ तिमाथियका पावल प्रेरितकी पहिली पत्नी । १ पहिला पब्बे। 4 पत्रोक्तका आभाष | ३ बिब्रादियांका बणेन ओर ब्यवस्थाका अभिप्राय | १२ परमेश्वरका बड़ा अनुग्रह जे पावलंपर हुआ लतिसका बेन । १८ तिमेाथियके दुकुतादेका उपदेश देना । पावल जे हमारे चाणकत्ताो इेश्वरको और हमारी आशा प्रभु योश ख्ीपकी आज्ञाके अनुसार यीशु खोपृका प्रेरित है बिश्वासमें अपने सच्चे पच्र तिमेथियकोा तम्रे हमारे पिता इश्वर और हमारे प्रभु ख्रीप्र यीश- से अनग्रह झार दया और शांति मित्मे । जैसे मेंने माकिदानियाका जाते हुए तकसे बिन्‍्तो किई [तैसे फिर कहता हं] कि इफिसमें रहिये जिस्ते त कितनोंका आज्ञा देवे कि आन आन उपदेश मत किया करो . झेोर कहानियोंपर ओर अनन्त बंशाव- लियांपर मन मत लगाओ जिनसे इश्वबरके भंडारो- पनका जे बिश्वासके विषयमें है निबाह नहीं होता है परन्‍त कर भी बिबाद उत्पन्न होते हैं। घम्मा- ज्ञाका अन्त वह प्रेम है जो शटु मनसे ओर अच्छे बिबेकसे कोर निश्कपट बिश्वाससे होता है . जिनसे कितने त्लाग भटकके बकवादकी ओर फ़िर गये हें . जा ब्यवस्थापक हुआ चाहते हैं परन्‍त न वह बातें बमकते जो वे कहते हैं झैर न यह जानते हैं कि कानसी बातोंके विषयमे टढतासे बालते है । पर हम हि १ पब्बे ।] १ तिमाथियके । द२५ जानते हैं कि व्यवस्था यदि काई उसके विधिके अनुसार € यह जानके काममे लावे ता अच्छी है . कि ब्यवस्था धम्मी जनके लिये नहीं ठहराई गई है परन्‍्त अधर्म्मी जे निरंकश लोगोंके लिये भक्तिहीनों औौ पापियोंके लिये अपविच और अशहु लागोंके लिये पितृघातकों १० जे मातृघातकोंके लिये . मनृष्यघातकों ब्यभिचारियों परुषगामियों मनृष्यविक्रइयों कठों खेार कटी किरिया खानेहारोंके लिये हे झैौर यदि टसरा कोई कम्मे हे जा खरे उपदेशके बिरुटु हे तो उसके लिये भी है १९ परमधन्य इेश्वरकी महिमाके ससमाचारके अनसार जा मरे सांपा गया | १२ और में ख्रीष्र योश हमारे प्रभका जिसने म्॒के , सामथ्य दिया धन्य मानता हूं कि उसने मुकके बिश्वास- याग्य समझा ओर सेवकाइके लिये टहराया . जो आगे निन्‍दक और सतानेहारा ओर उपद्रवी था परन्त मुझपर दया किईदे गई क्योंकि मैंने अबविश्वासतामे १४ अज्ञानतासे ऐसा किया । और हमारे प्रभुका अनुगह बिश्वासके साथ और प्रेमके साथ जे खीष् यीश्मे है १५ बहुत अधिकाईसे हुआ । यह बचन बिश्वासयेग्य ओर सब्बेथा ग्रहणयोग्य है कि ख्रीष्र यीश पापियोंका बचानेके लिये जगत आया जिन्हेंमे मे सबसे बड़ा हूं। परन्तु ममरूपर इसी कारणसे दया किदू गई कि मरूमे सबसे अधिक करके योश खीघ्र समस्त धीरज दिखावे कि यह उन ल्ागोंके लिये जो उसपर अनन्त जोवनके लिग्रे बिश्वास करनेवाले थे एक नमूना हावे। सनातन हर 79 द््ण्द्व १ तिमाथियके । [२ पब्खे । कालके अबिनाशी और अटूश्य राजाका अथात अद्वेत बह्ठिमान इश्वरकेा सदा सब्लेदा प्रतिष्रा और गुणानुबाद होवे . आझ्रामान । यह जआआज्ञा हे पुत्र तिमाथिय में उन भविष्यद्राणि- शंके अनसार जो तेरे विषयमें आगेसे किई गईं तम्रे सांप देता हूं कितू उन्होंकी सहायतासे अच्छी लड़ाइंका याट्टा हाय . और बिश्वासका और अच्छे बिबेककोा रखे जिसे त्यागनेसे कितनेके बिश्वासका जहाज मारा गया । इन्होंमेंसे हमिनई झआैर सिकनन्‍्टर हैं जिन्हें मेने जशैतानका सांप दिया कि वे ताहना पाके सोख कि निन्‍दा न करें । २ टूसरा पब्बे। 4 प्रार्थना करनेका उपदेश और योशक मध्यस्थ छवानेका बणेन | ८ पुरुषों ओर सत्रयोंके अचरणको विधि । से में सबसे पहित्ले यह उपदेश करता हूं कि बिन्‍्तो जऔ प्राथेना कला निवेदन क्आ धन्‍्यबाद सब मनष्योंके लिये किये जावें . राजाओंके लिये भी और समभोंके लिये जिनका ऊंच पद है इसलिये कि हम बिग्राम ज्लैौर चैनसे सारो भक्ति आऔर गंभीरतामें अपना अपना जन्म बितावें । बक्यांकि यह हमारे चाणकत्ता इेश्वरका अच्छा लगता जऔऔर भावता है . जिसकी इच्छा यह है कि सब मनुष्य चाण पावें और सत्यके ज्ञानलनां पहुंचे । क्योंकि एकही ईश्वर है और इेश्वर और मनुष्यांका एकही मध्यस्थ है अथात ख्रीघ्च यौशु जा मनुष्य है . जिसने सभेंके उद्वारके दाममें अपनेकेा १€ २0. ३ पब्लें। ] १ लिमोथियके । ६२० ७ दिया । यही उपयक्त समयमेंकी साथी है जिसके लिये मैं प्रचारक जा प्रेरित और बिश्वास औओ सच्चाईमे अन्यदेशियांका उपदेशक ठहराया गया . में खोषुम सत्य कहता हूं में मूठ नहीं बोलता हूं । ८. सा में चाहता हूं कि हर स्पानमें पुरुष लोग बिना क्राध जे बिना बिबाद पविच हाथोंको उठाके प्रारथेन्ा € करे । इसो रोति चाहता हूं कि स्त्रियां भो संकोच आऔ और संयमके साथ अपने तदें उस पहिरावनसे जो उनके योग्य है संवबारें गन्ये हए बाल वा सोने वा मे- तयेंसे वा बहुमूल्य बस्तसे नहों परन्तु अच्छे कम्मांसे १० कि यही उन स्तवियोंका जे इंश्वरकी उपासनाकोी १९ प्रतिज्ञा करती हैं सोहता है। स्‍त्री चुप चाप सकल १२ अधीनतासे सीख लेवे । परन्तु में सत्रीका उपदेश करने अथवा पुरुषपर अधिकार रखनेकों नहीं परन्तु चुप १३ चाप रहनेकी आज्ञा देता हूं । ब्योंकि आदम पहिल्ले १४ बनाया गया तब हव्वा | ओर आदम नहीं छत्ला गया १४ परन्तु स्त्री छली गई और अपराधिनी हुईं। तेभी जा वे संयम सहित बिश्वास और प्रेम और पविच- तामें रहें तो लड़के जननेमें चाण पावेंगीं । ३ तीसरा पब्बे। ह १ मंडलोके रखवालेका कैसा स्वभाव ओर चरेत्र चाहिये इसका बणेन | ८ मंडलोके सेवक्केा कैसा चाहिये इसका बणेन । १४ तिमेथिधरकक पास लिखने- का अभिप्राय और योशके अवलारका बणेन । १ यह बचन बिश्वासयोग्य है कि यदि कोई मंडलीके .. रखयालेका काम लेने चाहता है ते अच्छे कामकी ला ल- २ सा करता है। से उचित है कि रखवाला निरदाष झोर द्व्र्८ १ लिसाथियकोा ॥ [३ पब्खे । एकही स्वीका स्वामी सचेत ओ संयमी ओ सुशोल और अतिथिसेवक जऔ सिखानेमें निपुण हाय . मदपपानमें आसक्त नहीं छऔर न मरकहा न नीच कमाई कर रने- हारा परन्तु मूटुभाव मिलनसार औ नित्नाभी . जो अपनेही घरको अच्छो रोतिसे अध्यक्षता करता हे। जौर लड़कांकेा सारी गंभीरतासे अधीन रखता हो। पर यदि काई अपनेहो घरको अध्यक्षता करने न जानता हे तो क्यांकर इश्वरकी मंडलजीको रखवाली करेगा । फिर नवशिष्य न होय ण्ेसा न हो कि झभि- मानसे फूलके शैतानके दूंडमें पड़े । और भी डसकेा उचित है कि बाहरवालोंके यहां सुख्यात होवे णेसा न हे कि निन्दित हा जाय और शैतानके फंदेम पड़े । बैसेही मंडलीके सेवकेंकेा उचित है कि गंभोर होवें दारंगी नहीं न बहुत मदयकी रुचि करनेहारे न नीच कमाई करनेहारे . परन्तु बिश्वासका भेद शुद्ध बिबेकसे रखनेहारे हों । पर ये त्लाग पहित्ले परखे भी जावें तब जे निर्दाष निकल ते सेवकका काम करें। इसी रोतिसे स्त्रियांकेो उचित है कि गंभीर होवें और दोष लगानेवालियां नहों परन्तु सचेत और सब बातोंमे बिश्वासयाग्य । सेवक ल्लाग एक ण्क स्त्रीके स्वामी और लड़कांकी और अपने अपने घरकी अच्छी रीतिसे अध्यक्षता करनेहारे हों । क्येंकि जिन्हेांने सेवकका काम अच्छी रीतिसे किया है वे अपने लिये अच्छा पद प्राप्त करते हैं और उस बिश्वासमें जे स्नीप्र यी शपर है बड़ा साहस पाते ४ पब्मे।] १ तिमेथियकोा:। दर १४ में तेरे पास बहुत शीघ्र आनेकी आशा रखके भी १५ यह बाते तेरे पास लिखता हूं । पर इसलिये लिखता कि जो में बिलम्ब करू ताभी त जाने कि इंश्बरके घरमे जा जीवते इंश्वरकी मंडली झैेर सत्यका खंभा ९६ जऔ नेव हे केसी चात्वन चलना उचित है। जऔऔर यह बात सब मानते हैं कि भक्तिका भेद बड़ा है कि इश्वर शरीरमें प्रगट हुआ आत्मामें निदेष ठहराया गया स्‍्वगेटूतांका दिखाई दिया आन आन देशियोंमें प्रचार किया गया जगतमें उसपर बिश्वास क्रिया गया वह महिमामें उठा ल्लिया गया । ४ चाया पब्जे। १ कुपन्थियेंके प्रगठ द्वानेको भविष्यद्वा्णी। ६ पाघलका तिमाश्रियका उनके विषय उपदेश देना । १२ सचाल ओर यत्र आर चैाकसाईके विषय चिताना । १ पविच आत्मा स्पष्ठतासे कहता है कि इसके पोछे कितने लेाग बिश्वाससे बहक जायेंगे और भरमाने- हारे आत्माओंपर और भूतांकी शिक्षाओंपर मन ४२ लगावेंगे . उन कठ बालनेहारोंके कपटके अनसार ३ जिनका निज मन दागा हुआ होगा . जो बिवाह करनेसे बजेंंगे झेोर खानेकी बस्तओंसे परे रहनेकी आज्ञा दंगे जिन्हें इंश्वरने इसल्निये सजा कि विश्वासी त्लाग ज्ैर सत्यके माननेहारे उन्हें धन्‍्यबादके संग भेग ४ करें । क्योंकि इश्वरको सजी हुईं हर णक बस्तु अच्छी है और कोाई बस्तु जे धन्यवादके संग ग्रहण किई ४५ जाय फेंकनेके योग्य नहों है | क्यांकि वह इंश्वरके बचनके और प्रा्थेनाके द्वारा पविच किई जाती है। ६३० १ लिमेथियके | [४ पब्खे । भाइयेंका इन बातोंका स्मरण करवानेसे तू यौशु खीघप्रका अच्छा सेवक ठहरेगा जिसका बिश्वासका और उस अच्छी शिक्षाकी बातोंमें जे तूने प्राप्त किई हैं अभ्यास होता है । परनन्‍त अश॒टु और बुढ़ियाकोसी कहानियेंसे अत्वग रह पर भक्तिके लिये अपनी साधना कर । क्योंकि देहकी साधना कुछ थोड़ेके त्विये फलदाई है परन्तु भक्ति सब बातोंके लिये फलदाई है कि उसका अबके जीवनकी झ्ैर आनेवाल्लेकी भी प्रतिज्ञा है। यह बचन बिश्वासयोाग्य और सब्बेथा ग्रहणयोग्य है। क्योंकि हम इसके निमित्त परिश्रम करते हैं ओर निन्दित भी होते हैं कि हमने जीवते इंश्वरपर भरोसा रखा है जो सब मनुष्योंका निज करके बिश्वासियोंका बचानेहारा है। इन बातोंकोी आज्ञा जोर शिक्षा किया कर । काई तेरी जवानीको तुच्छ न जाने परन्तु बचनमें 5७० अजरक और ०-3 [०] 2054 चलनमें प्रेममें ऋ्ात्मामें बिश्वासमें और पविचतामें तू बिश्वासियोंके लिये ट्रप्नान्त बन जा । जबलों में न आऊं तबत्नां पढ़नेमें उपदेश खैर शिक्षा्में मन लगा । उस बरदानसे जो तुकमें है जे भविष्यद्वाणोके द्वारा प्राच्ीन लागोंके हाथ रखनेके साथ तुके दिया गया निश्चिन्त न रहना । इन बातोंको चिन्ता कर इनमें लगा रह कि तेरी बढ़ती सभेोंमें प्रगट हाोवे । अपने विषयमें और शिक्षाके विषयमें सचेत रह कितू उनमें बना रहे व्यांकि यह करनेमें तू अपनेके और अपने सुननेहारोंके भी बचावेगा । द्‌ १० ११९ १२ १३ १४ १४ १६ + _"्अकल्चल नाना | (78-3८, ८-7 ५ पब्ले ।] १ लिमेथियको । ६३१ ५ पांचवां पब्बे । ६ मेंडलोमेको स्त्रियां ओर बिघवाओंस कैसा व्यवाह्यार किया चाहिये इसका बनणेय । १७ प्राचोनांसे कैसा ब्यवद्यार किया चाहिये इसका बन ओर कितनो और बालेांका उपदेश । १ बूढ़ेका मत दपट परन्तु उसको जैसे पिता जानके २ उपदेश दे और जवानोंका जैसे भाइयेंका . बुढ़िया- आओंका जेसे माताओंका और युवतियोंका जैसे बहिनें- ३ का सारो परविचतासे उपदेश दे । बिघधवाओंका जो ४ सचमुच बिधवा हैं आदर कर । परन्तु जा किसी बिधवाके लड़के अथवा नाती पोते हां तो वे लाग पहिले अपनेही घरका सनन्‍्मान करने जझौरर अपने पितरोंका प्रतिफल देनेकेा सोखे क्योंकि यह इश्वरका ४५ अच्छा लगता और भावता है। जे सचमच बिधवा ओर अकेत्नी छोड़ी हुई हे से इंश्वरपर भरोसा रखती है और रात दिन बिन्ती ओ प्राथेनामें लगी रहती है। ६ परन्त जो भेग बिलासमें रहती है से जीतेजी मर गई है | और इन बातांकी आज्ञा दिया कर इसलिये ८ कि वे निटाष होव। परन्‍्त यदि का ई जन अपने कर बके झआ और निज करके अपने घरानेके लिये चिन्ता न करे ते वह बिश्वाससे मुकर गया हे ओर अबिश्वासासे €ं भी बुरा है। बिधवा वही गिनी जाय जिसकी वयस साठ बरसके नोचे न हा जे णएकही स्वामीकी स्त्री १० हुई हो . जो सुकम्मांके विषयमें सुख्यात हो। यदि उसने ल्ड़केंके पाला हो यदि अतिथिसेवा किई हो यदि पविच लोागोंके पाओंका घधेया हो यदि दुःखियोंका उपकार किया हो यदि हर एक अच्छे कामकी चेप्रा ०9 ६३२ १ लिमेथियके | [९ फ्ब्बे।._ किई है ते गिन्‍्तीमें आवे। परन्त जवान बिधवाओंकोा १९ अलग कर क्योंकि जब वे ख्रोप्रके बिरुटु सुख बिलास-. की इच्छा करती हैं तब बिवाह करने चाहती हैं . और १९३२ दंडके योग्य होती हैं क्योंकि उन्होंने अपने पहिले विश्वासको तुच्छ जाना है। जौर इसके संग वे बेकार १३ रहने जौर घर घर फिरनेकेा सीखती हैं ज्लौर केवल बेकार रहने नहीं परन्तु बकवाही होने और पराये काममें हाथ डालने जोर अनचित बातें बालनेका सीखती हैं । इसलिये में चाहता हं कि जवान बिधवाएं १४ बिवाह करें जला लड़के जने औओ घरबारी करें ओऔओ किसी बिरोधीकोा निन्‍दाके कारण कुछ अवसर न देव। क्येांकि अब भी कितनी तो बहकके शेतानके पीछे हे। ९४ लि हैं । जे किसी बिश्वासी अथवा बिश्वासिनोके ९६ यहां बिधवाएं हों तो वही उनका उपकार करे जोर मंडलीपर भार न दिया जाय जिस्तें वह उन्हेंका जा सचमुच बिधवा हैं उपकार करे । जिन प्राचीनोंने अच्छो रोतिसे अध्यक्षता किई है १७ से टूने आदरके योग्य समझे जावें निज करके वेजो उपदेश और शिक्षाममें परिश्रम करते हैं । क्योंकि धम्में- १८ पसतक कहता है कि दावनेहारे बेलका मंह मतबांध और कि बनिहार अपनी बनिके योग्य है ॥ प्राचोनके ९८ बिरुठू दो अथवा तोन साश्चियांको साथी बिना अप- बादका ग्रहण न करना । पाप करनेहारोंका समोंके २० आगे समझा दे इसलिये कि और ल्लेोग भी डर जावें। में इंश्वरवके और प्रभु योशु खीघृके और चुने हुए २१ #: ६ शा ६ पब्बे ।] १ तिमेोथियकोा । ६३वें टूतांके आगे ट्ढ़ आज्ञा देता हूं कि तू मनको गांठ न बाँधके इन बातोंका पालन करे ज्ैर कोाई काम पशथ- २२ पातकी रीतिसे न करे । किसीपर हाथ शीघ्र न रखना और न टूसरोंके पापोंमें भागी होना . अपनेके पवित्र २३ रख । अब जत्न मत पिया कर परन्तु अपने उदरके आर अपने बारम्बारके रोगांके कारण थाड़ासा दाख २४ रस त्तिया कर । कितने मनष्योंके पाप प्रत्यथ्य हैं क्लैर बिचारित होनेका ज्ञागेही चलते है परन्‍त कितनोंके २५ थे पोीछे भी हो लेते हैं। वेसेहो कितनांके सकम्म भो प्रत्यक्ष हैं ख्ार जो और प्रकारके हैं सो छिप नहों सकते है थे हु] (बटर ६ छठवां पब्बे | १ दासांके लिये उपदेश । ३ विब्ादियोंसे परे रहनेकों आंज्ञा। ६ लेमेका निषेध। ११ िसेाथियके निज धम्मेकम्मेम दुठ रंहनेका उपदेश । १७ घनवानोंके लिये उपदेश । २७ उपदेश सहित पत्रोको समाप्ति । ३ ७ ७-5 १ जितने दास जूण्के नीचे हैं वे अपने अपने स्वामीकेा सारे आटरके योग्य समर जिस्ते इेश्वरके नामकी और २ धम्मापदेशको निन्‍दा न किई जाय । और जिन्हें के स्वामी बिश्वासी जन हों से उन्हें इसलिये कि भाई हैं तुच्छ न जानें परन्तु और भी उनको सेवा करें ब्येंकि वे जे। इस भलाईके भागी होते हैं बिश्वासी और प्यारे हैं . इन बातोांको शिक्षा और उपदेश किया कर । , ३. यदि काई जन आन उपदेश करता है और खरी ,.._ बातोंका अथोात हमारे प्रभु यीशु खीधृकी बातोंके और उस शिक्षाका जा भक्तिके अनुसार है नहीं मानता है . ४ ता वह अभिमानसे फूल गया है ओर कुछ नहीं जानता 80 | ६३४ १ लिमाथियकेा । [६ पब्जे। है परन्‍्त उसे बिबादोंका और शब्दें के कगड़ोंका रोग है जिनसे डाह बैर निन्‍दाकी बातें जैर टसरोंकी ओर बरे सन्‍टह . झार उन मनुष्योंके ब्यरथं रगड़े कमगड़े उत्पन्न होते हैं जिनके मन बिगड़े है ओर जिनसे सच्चाई हरी गई है जे समकते है कि कमाइंहो भक्ति है . ऐसे लेागांसे अलग रहना । पर सन्‍्ताषयक्त भक्ति बड़ी कमाई है। व्यांकिहम जगतमें कछ नहों ल्लाये आर प्रगट है कि हम कछ ल्ने जाने भी नहीं सकते हैं । और भेजन जौ बस्त्र जा हमें मितल्ला करें तो इन्हींसे सन्‍्तप्त रहना चाहिये। परन्‍त जे। लोग धनी होने चाहते है सा परोश्षा झोर फंदेमं जैर बहुतेरे बुद्टिहीन ओर हानिकारों अभि- त्वाषोंमें फंसते हैं जे मनुष्योंके बिनाश और बविध्वंसमे डबा देते हैं । ब्यांकि धनका लाभ सब बराइयोंका मत्म है उसे प्राप्त करनेकी चेष्ठा करते हुए कितने लाग बिश्वाससे भरमाये गये हैं आर अपनेके बहुत खेदाँंसे वारपार डेटा है । परन्‍्त हे इश्वरके जन त्‌ इन बातोंसे बचा रह और धम्मे क्रो भक्ति कला बिश्वास ओ प्रेम ले धीरज जे नम्रताकी चेष्रा कर । बिश्वासकी अच्छी लड़ाई लड़ और अनन्त जीवनकोा धर ले जिसके लिये तू बुल्वाया भी गया ओर बहुत साश्ियोंके आगे अच्छा ' आअगीकार किया । में तुर्के इंश्वरके आगे जो समभेोंकोा जिल्लाता है और ख्रीप यीशके आगे जिसने पन्तिय पिल्लातके साम्हने अच्छे अंगोकारको साश्ी दिई आज्ञा 949 १९ १२ १३ ६ पब्ले ।] १ लिप्रोाथियका । /ै३५ (5 १४ देता हं . कि त इस जअाज्ञाका निष्खोट जऔ निर्दोष 6 १२ १६ १७ १७. १८ हमारे प्रभु योश खोषुके प्रकाशत्नां पालन कर . जिसे वह अपनेही समयेंमें दिखावेगा जे परमधन्य और अद्ैत पराक्रमी और राज्य करनेहारोंका राजा जौ प्रभुता करनेहारोंका प्रभु है . जैौर अमरता केवत्न उसीकोी है आर वह अगम्य ज्यातिर्में बास करता है और उसके मनुष्येमेंसे किसीने नहीं देखा है और न कोई देख सकता है . उसके प्रतिष्रा और अनन्त प्रराक्रम हाय , झ्ामीन । द जा लोग इस संसारमें धनी हैं उन्हें आज्ञा दे कि बे क्रभिमानो न होवें कौर धनकी चंचलतापर भरोसा न रखे परन्तु जीतते डेश्वरपर ज्ञो सुखप्राप्तिके लिये हमें सब कुछ धनीकी रीतिसे देता है . और कि बे 3४8 के कपल 2० 8 भलाई करें ओर अच्छे कामोंके धनवान होवें आऔर उदार जला परापकारी हों. जार भविष्यत्कालके लिये अच्छी नेव अपने लिये जुगा रखें जिस्त अनन्त जीवनके धर लेबे । | है तिमेोथिय इस थाथीकोी रश्ला कर और अशदु बकवादोंसे और जे। कुठाईसे ज्ञान कहावता है उस- को बिरुट्टु बातेंसे परे रह . कि इस ज्ञानको प्रतिज्ञा करते हुए कितने लोग बिश्वासके विषयमें भटक गये हैं, तेरे संग अनग्रह हाय | आमीन ॥ तिमाथियका पावल प्ररितकी दुसरी पत्नी । १ पहिला पब्ब । १ प्रश्रेका आभाष | 8 पावलका तिसाथियके विएयम घन्यबाद करना । ई सिमेा ग्रयक्षा उप्दरश द्धत्ता खार अपना दटठझ गशख्राशाक्रा छबस्कान करन। | १५ ऋतन चंचल शिष्पांका ओर एक दठचित्त बिश्वासोका खणन । पावत्न जे उस जीवनको प्रतिज्ञाके अनुसार जे खीषु यीशमे है इश्वरकी इच्छासे योशु खीपृका प्रेरित है . मेरे प्यारे पच तिमाथियकोा इश्वर पितासे झोर हमारे प्रभ ख्रीप्र यीशसे अनुग्रह ओर दया ओर शांति मिलने । में इंश्वरका धन्य मानता हूं जिसको सेवा मे अपने पितरोंकी रीतिपर श॒द् मनसे करता हूं कि रात दिन मरे मेरी प्राथेनाओंमें तेरे विषयमे ऐसे निरन्तर चेत रहता है। जोर तेरे आंसओंका स्मरण करके मे ते देखनेकी लालसा करता हूं जिस्त ज्ञानन्दसे परिपण ' हाऊं | ब्यांकि उस निष्कपट बिश्वासको मु्े सुरत पड़ती हे जा तकमें हे जे पहिले तेरो नानो लाइंसम ज्लैा|र तेरी माता उनोकीमें बसता था और मे निश्चय हुआ है कि तुकमे भो बसता है। इस कारणसे में तुर्के चेत दिल्लाता हूं कि इश्वरके बरटानकेा जो मेरे हाथों के रखनेके द्ारासे तुकम हैं जगा दे । क्यांकि इंश्वरने हमे काट्राइका नहों परन्‍्त सामथ्ये जे प्रेम क्रो प्रबवेघका आत्मा दिया है । इसलिये त न हमारे प्रभको साथश्ीसे क्रार न मकसे जे। उसका बंधआा हूं लज्जित हे। परन्‍त ससभाचा रके लिये मेरे संग इंश्वर- १ पब्ले ।] २ लिमाथियके । ६३० € को शर्तिकी सहायतासे टुःख उठा . जिसने हमें बचाया कौर उस पविच बुलाहटसे बुलाया जा हमारे कम्मांके अनुसार नहीं परन्तु उसीको इच्छा और उस अनुग्रहके अनुसार थो जो स्रीप्र यीशर्मे सनातनसे हमें दिया गया १० परन्तु अभो हमारे चाणकत्ता योशु खोपृके प्रकाशके ट्रारा प्रगट किया गया हे जिसने मृत्यका छाय किया परन्त जीवन ओर अमरताकेा उस सुसमाचा र के ट्वारासे प्रका- १९ शित किया . जिसके लिये में प्रचारक ओ प्रेरित और १५ अन्यदेशियोंका उपदेशक ठहराया गया । इस कारणसे में इन टःखांका भी भेगता हूं परन्त में नहीं लजाता हूं क्योंकि में उसे जानता हूं जिसका मेने बिश्वास किया हे ओर मु्के निश्चय हुआ हे कि वह उस दिनके लिये मेरी थाथोकी रक्षा करनेका सामथ्य रखता है। १३ जो बातें तूने मुझसे सुनीं साई बिश्वास और प्रेमसे जो ख्रीप्र योशुसे होते हैं तेरे लिये खरी बातांका नमूना १४ होवें । पविच आत्माके द्वारा जे हममें बसता है इस अच्छो थाथोको रक्या कर । १५ त यहां जानता है क वे सब जा आआआशयाम है जिनमें फगील ओर हमागिनिस है मरसे फिर गये । | १६ उनीसिफरके घरानेपर प्रभु दया करे क्यांकि उसने बहुत बार मेरे जीवके ठंढा किया और मेरी जंजीरसे १७ नहीं लजाया . परन्‍्त जब रोममें था तब बड़े यत्से मे १८ ढंढा और पाया | प्रभ उसके यह टेवे कि उस दिनमें उसपर प्रभसे दया किद जाय . इफिसमे भी उसने कित- नी सेवकाई किई से तू बहुत अच्छी रोतिसे जानता है । ही 4०! | २ टूसरा पब्बे । १ तिमेशियके दुःख ओर घम्मेयुद्धमें घोरता करनेका उपदेश । ८ योशके जी उठनका आऔर सच्चा डेका ओआर विश्लासियांके अधिकारका बेन । १४ ब्यथे बिब्राद ओर बकऋवादका निषेध ओर प्रभुके दासके याग्यकोी चाल और स्वभावका बखान | से हे मेरे पुच तू डस अनुग्हसे जा खीघू यीशुमे है बलवन्त है| । ओर जो बातें तूने बहुत साश्चियोंके आगे मुकूसे सुन्तीं उन्हें बिश्वासयोग्य मनुष्येकेा सोंप दे जा टूसरांकेा भी सिखानेके योग्य हेोवें। से तू यीशु ख्रीषुके अच्छे येाट्राकी नाईें दुःख सह ल्े। जा काई युदु करता है से अपनेकेा जीविकाके ब्येपपारोंमं नहों उलकाता है इसल्लिये कि अपने भरती करनेहारेको प्रसन्न करे। आऔ_ और यदि कोई मल्ल॒युद्र भी करे जे वह विधिके अनुसार मल़ुयुहु न करे ता उसे मुकुट नहों दिया जाता है । उचित है कि पहित्ने वह गृहस्थ जे परित्रम करता है फलांका अंश पावे। जो में कहता हं उसे बर ले क्येंकि प्रथभ तके सब बातोंमे ज्ञान देगा । स्मरण कर कि योश खीपू जे दाऊदके बंशसे था मेरे ससमाचा रके अनुसार मृतकोंमेसे जी उठा है । उस ससमाचारके लिये में ककम्मीको नाई यहांतला टःख उठाता हूं कि बांधा भी गया हूं परन्तु इंश्वरका बचन बंधा नहों है | में इसलिये चुने हुए लेागोंके कारण सब बातोंमें धीरज घरे रहता हूं कि अनन्त महिमा सहित वह चाणजो खीघू यीशुमें है उन्हें भी मिलने । यह बचन बिश्वासयोग्य हे कि जे हम उसके संग मणए तो उसके संग जोयेंगे भी । जे हम धोरज धरे रहे ते उसके संग राज्य भो करेंगे . जे हम उससे मकर २ तिमाधथियकोा । (२ पब्जे । २ पब्च |] २ तिमाथियके । ६३६ १३ १8 १५ १६ 03] १८ जाये ता वह भी हमसे म॒कर जायगा | जे हम कअ- बिश्वासी हेोवें वह बिश्वासयोग्य रहता है वह अपने- के जाप नहीं नकार सकता है। इन बातोंका उन्हें स्मरण करवा और प्रभुके आगे टूढ आज्ञा द॑ क वे शब्दांके कगड़े न किया करें जिनसे कछ तल्वाभ नहा हाता पर सुननेहारे बहकाये जाते हैं। अपने तईं इंश्वरके आगे यहणयोग्य और णसा काय्येका री जा ल्ज्जित न हाय और सत्यके बचनका ययाथे बिभाग कर वेया ठहरानेका यत् कर । परन्त अशटु बकवादोसे बचा रह क्याक णएसे बकवादों अधिक अभक्तिमें बढते जायेगे । आर उनका बचन सड़े घावकी नाईें फैलता जायगा । उन्होंम हमिनई और फिलीोत हैं ज्ञा सत्यके विषयमें भटक गये हैं और कहते हैं कि पनरुत्यान हे। १८ चुका है और कितनोंके बिश्वासके उत्मट देते हैं। ताौभी ब्र्0 2 इंश्वरको ट्ढ़ नेव बनी रहती है जिसपर यह छाप है कि प्रभु उन्हें जे उसके हैं जानता है और यह कि हर एक जन जो ख्रोप्रका नाम लेता है ककम्मेसे अत्नग रहे । बड़े घरमें केवल सेने और चांदीके बत्तेन नहीं परन्तु काठ ओर मिट्टीके बत्तन भी हैं और काई कोई आदरके काई काई अनादर के हैं। सा। यदि का ई अपने का इनसे शूटर करे तो वह आदरका बत्तेन होगा जा पवित्र किया गया है और स्वामीके बड़े काम आता है और हर एक अच्छे कम्मेंके लिये तैयार किया गया है। पर जवानीको अभिलाषाओंसे बचा रह परन्‍्त धम्म जे बिश्वास ओ प्रेम ओर जे। लोग शहु मनसे प्रभकी नर नाप... थियका ६४० २ तिमो । [३ पब्लें। प्राथेना करते हैं उन्हेांके संग मिल्रापकी चेष्रा कर । पर मूढ़ता और अबिदयाके बिबादांकाो अतल्वग कर २३ क्योंकि तू जानता है कि उनसे कगड़े उत्पन्न होते हैं। और प्रभुके दासका उचित नहीं है कि कगड़ा करे परन्तु २४ सभेोंकी ओर केामतल जऔर सिखानेमें निपुण और सहनशील हेोय . और बिरोधियोंका नम्नतासे समकाबे २४ क्या जाने इंश्वर उन्हें पश्चात्ताप दान करे कि वे सत्यकोा पहचाने . और जिन्हें शैतानने अपनी इच्छा निमित्त २६ बकाया था उसके फंदेमेंसे सचेत हाके निकल । ३ तीसरा पब्बे । १ कुपन्थियोंके प्रगट देनेकी भविष्यद्वा णी । १० पावलका अपने नमनेसे सिमे- ग्रियका साहस देना । १४ धम्मेपुस्तकको शिक्षापर दुढु रहनेका उपदेश । पर यह जान ले कि पिछले दिनांमे कठिन समय ञझ्ञा १ पड़ेंगे । क्योंकि मनुष्य आपस्वार्थी ल्लाभी दंभी अभिमानी २ निनन्‍्ट्क माता पिताकी आज्ञा लंघन करनेहारे कृतप्नी अपविच . मयारहित शमारहित दोष लगानेहारे असं- ३ यमी कठोर भलेके बेरी . बिश्वासघातक उतावले घमंड- ४ से फूले हुए ओर इंश्वरसे अधिक सुख बिलासहीकोा प्रिय जाननेहारे होंगे . जे भक्तिका रूप धारण करेंगे ५ परन्तु डसको शक्तिसे मुकरेंगे . इन्हांसे परे रह | क्योंकि ६ई इन्होंमेंसे वे हैं जो घर घर घसके उन ओएछी स्तियोंका बश कर लेते हैं जा पापोंसे लटी हैं झ्लैर नाना प्रकारकी अमभिलाषाओंके चत्लाये चलती हैं. जे सदा सीखतोी हैं ७ परन्तु कभी सत्यके ज्ञानलों नहीं पहुंच सकती हैं। जिस रोतिसे याज्नी और यांबीने मूसाका साम्रा किया उसी री- ४ पब्जे ।] २ लिमाथियकोा । ६४१ तिसे ये मनुष्य भी जिनके मन बिगड़े हैं और जे। बिश्वास- € के विषयमें निकृप्र हैं सत्यका साम्रा करते हैं। परन्तु बे अधिक नहीं बढ़ेंगे क्योंकि जैसे उन दोनांकी अज्ञानता सभोंपर प्रगट हो गई वैसे इन त्लेगांकी भी हे। जायगी। १०. परन्तु तूने मेरा उपदेश ओऔ आचरण जै मनसा औे ११ बिश्वास औ धीरज जऔ प्रेम जले स्थिरता . और मेरा अनेक बार सताया जाना औ दुःख उठाना अच्छी री ति- से जाना है कि मुझकपर अन्‍्तेखियामें और इके नियामें और लुस्त्रामें कैसी बातें बीतों मैंने कैसे बढ़े उपद्रव सहे १२ पर प्रभुने मुझे सभेंसे उबारा। और सब लोग जे खीघ् यीशु भक्ताईसे जन्म बिताने चाहते हैं सताये जायेंगे। १३ परन्तु टुष्न मनुष्य और बहकानेहारे धे।खा देते हुए और घाखा खाते हुए अधिक बुरो दशालों बढ़ते जायेंगे । १४. पर तूने जिन बातोंका सीखा ओर निश्चय जाना है उनमें बना रह क्योंकि तू जानता है कि किससे सीखा . १४ और कि बालकपनसे धम्मेपुस्तक तेरा जाना हुआ है जा बिश्वासके ट्ारा जो ख्रीप्र यी शर्मे है तुके चाण निमित्त ९६ बुट्टिमान कर सकता है। सारा धम्मेपुस्तक इंश्बरकी प्रेर- णासे रचा गया और उपदेशके लिये जे समभानेके लिये औ और सुधारनेके लिये ओ धम्मेकी शिक्षाके लिये १७ फलदाई है . जिस्तें इेंश्वरका जन सिटु अथात हर एक उत्तम कम्मेंके लिये सिट्टु किया हुआ होवे। ४ चाया पब्बे । १ पावलका तिमेथियक्रा चिताना और अपनो झाशाका बरणन करना । 6 उसका उसे अपने पास बघुलाना ओर कई रक भाइयेंका ओर एक बिरेधोका श्र अपने उत्तर देनेका खा करना । १९ नमस्काराद सहित पत्रोको समाप्ति । 8] ः | ६४२ २ तिमाथियको । [४ पब्ले । से में इंश्वरके आगे और प्रभु यीशु खीपके आगे ५ जा अपने प्रगट होने जैर अपने राज्य करनेपर जीवतों जैर मृतकांका बिचार करेगा टूढ़ आज्ञा देता हूँ . बचनकेा प्रचार कर समय और असमय तत्पर २ रह सब प्रकारके धी रज और शिक्षा सहित समझा और डांट तर उपदेश कर । क्योंकि समय आवेगा जिसमें ३ लोग खरे उपदेशका न सहेंगे परन्तु अपनोही अभि- लाषाओंके अनुसार अपने लिये उपदेशकोांका ढेर ल्वगावेंगे क्योंकि उनके कान सुरसरावेंगे . जार वे ४ सच्चाइईसे कान फेरेंगे पर कहानियोंकी ओर फिर जा- बेंगे । परन्तु तू सब बातेंमें सचेत रह दुःख सह ले ५४ सुसमाचार प्रचारकका काय्ये कर अपनी सेवकाईकोा सम्पूणे कर । क्यांकि में अब भी ढाल्ना जाता हूं और ६ मेरे बिदा होनेका समय आ पहुंचा है। में अच्छी लड़ाई ७ लड़ चुका हूं मैंने अपनी दौड़ पूरी किई्दे है मैंने बिश्वासकेा पालन किया है । अब तो मेरे लिये वह धम्मेका मुकुट ८ धरा है जिसे प्रभु जे धर्म्मी बिचारकत्तो है उस दिन मुक्रे देगा और केवल मु्के नहीं पर उन सभेोंका भी जिन्होंने उसका प्रगट होना प्रिय जाना है । मेरे पास शीघ्र आनेका यत्न कर । क्यांकि दीमाने (9 इस संसारको प्रिय जानके मुभ्के छोड़ा है और थिसत्ना- निकाके गया है क्रीस्की गलातियाकेा और तीतस दतल्ल- मातियाका गया है | केवल लूक मेरे साथ है . मार्ककेा १९ लेके अपने संग ला क्योंकि वह सेवका के लिये मेरे बहुत काम आता है । परन्तु तुखिकको मैंने इफिसकेा भेजा। १२ ४ पच्चे ।] २ तिमाथियकोा । ६४३ १३ उस लबादेकोा जो में च्राझ्ामें कापके यहां छोड़ आया और पस्तकोंका निज करके चम्मेपचोंकेा जब त आवबे १४ तब ले आ । सिकन्दर उठेरेने मुझसे बहुत बुराइयां कि , प्रभु उसके कम्मांके अनसार उसके फल देवे। १४ जार त भी उससे बचा रह क्योंकि उसने हमारी १६ बातांका बहतही बिशेध किया है। मेरे पहिली बेर उत्तर देनेमें कोई मेरे संग नहीं रहा परन्तु सभोंने मुझे छोड़ा . इसका उनपर दोष न लगाया जाय । १७ परन्तु प्रभु मेरे निकट खड़ा हुआ और मुर्के सामथ्ये दिया जिस्तें मेरे ट्वारासे उपदेश सम्पूणे सुनाया जाय कौर सब अन्यदेशी त्लाग सुनें और में सिंहके मुखसे १८ बचाया गया । और प्रभु मुझे हर एक बुरे कम्मेसे बचावेगा और अपने स्वर्गीय राज्यक्ेे लिये मेरी रक्या करेगा . उसका गुणानुबाद सदा सब्बेदा हाय . आमीन। १९. प्रिस्कीला और अकूलाका और उडनीसिफरके २० घरानेकेा नमस्कार । इरास्त करिन्यमें रह गया चर २९ चाफिम रोगी था उसे मेने मिल्लोतर्म छोड़ा । जाड़ेके पहिल्ले आनेका यत्न कर . उबूल और पूदी और लीनस और क्लोदिया और सब भाई लोगोंका तुम्हे २२ नमस्कार । प्रभु योश खीप तेरे आत्माके संग हाय -. ,. झनुग्रह तुम्हेंके संग हावे । आमीन ॥ जब स्काकायारर तीतसका पावल प्रोरितकी पत्नी । २ पट १ पाहला पब्थव॥। 4 प्रश्योका खाभाष | ५७ मंडलोक़े रखतालेका क्रेसा स्वभाव ओर चारन्र चाहिये रूसका बेन । १० बिब्वादियांको कुचाल और उन्हें रेकनंका उपदेश । पावल्त जो इेश्वरका दास और ईश्वरके चुने हुए लेागोंके बिध्वासके विषयमें ओर जे। सत्य बचन भक्तिके समान है उस सत्य बचनके ज्ञानके विषय अनन्त जीवनकी आशासे यीश ख्रीप्र॒का प्रेरित है . कि उस जीवनकी प्रतिज्ञा इेश्वरने जे भूठ बाल नहीं सकता है सनातनसे किई . परन्तु उपयुक्त समयमें अपने बचन- का उपदेशके द्वारा जो हमारे चाणकत्ताो इश्वरकी आज्ञाके अनुसार मुर्के सांपा गया प्रगट किया . तीतस- का जे साधारण बिश्वासके अनुसार मेरा सच्चा पुत्र है इंश्वर पिता और हमारे चाणकत्ता प्रभु यीश ख्ी पसे हि 55648 कक अनुय्रह जार दया और शांति मित्मे । मैंने इसी कारण तुरे क्रीतीमें छोड़ा कि जे बातें रह गद तू उन्हें सुधारता जाय और नगर नगर प्राचीनोंका नियुक्त करे जैसे मैंने तुके आज्ञा दिईं . कि यदि काई निरदाष और ण्कही स्वीका स्वामी हाय और उसके बिश्वासी लड़के हों जिन्हें लुचपनका दोष नहों है और ज्ञा निरंकुश नहीं हैं तो वही नियुक्त किया जाय। क्योंकि उचित है कि मंडलीका रखवाला जो इेश्वरका भंडारीसा है निदाष हाय जैर न हठी न क्राधी न मदपपानमें अआसक्त न मरकहा न नीच कमाई करनेहारा है . परन्तु २ पब्बे ।] लीतसके । ६४४ अतिथिसेवक ओ भलेका प्रेमी जे स॒ब॒द्ठि औ धर्म्मी « जी पवित्र ओ संयमी होय . खैर बिश्वासयोग्य बचनके जे धम्मापदेशके अनुसार है धरे रहे जिस्ते वह खरी शिक्षासे उपदेश करनेका जैर बिबादियोंकेा समम्रानेका भी सामथ्ये रखे । १०. क्योंकि बहुतेरे निरंकुश बकवादी और धोखा देने- ११ हारे हैं निज करके खतना किये हुए लीग . जिनका मह बन्द करना अवश्य हे जे नीच कमाइईके कारण अनुचित बातोंका उपदेश करते हुए घरानेका घराना १२ बिगाड़ते है । उनमेसे एक जन उनके निजका एक भविष्यदुक्ता बाला क्रोतीय लाग सदा झूठे औ टुष्र पश १३ के निकम्मे पेटपास हैं। यह साथ्यी सत्यहै इस हेतसे उन्हें कड़ाइसे समझा दे जिस्त वे बिश्वासमें निष्खाट १४ रहें . और गिहदीय कहानियोंमें और उन मनुष्योंको १४ आज्ञाओंमें जे सत्यसे फिर जाते हैं मन न लगावें। शरद लागोंके लिये सब कुछ शुद्ध है परन्तु अशु और अबि- श्वासी लागेंके लिये कुछ नहीं श॒द्द है परन्तु उन्हेंका १६ मन और बिवेक भी अशुटु हुआ है। वे इंश्वरका जाननेका अंगोकार करते है परन्‍्त अपने कम्मांसे उससे मकर जाते हैं कि वे घिनाने और आज्ञा लंघन करनेहारे € ० / जैौर हर एक अच्छे कम्मेके लिये निकृष् हैं। २ टूसरा पब्बे । ३ ब्रके और जवान पुरुषों ओ स्त्रियांके लिये उप्रदेश । ७ दासांके लिये उपदेश ओर इश्वारके अनुग्रहका अभिप्राय । १ परन्तु तू वह बातें कहा कर जो खरे उपदेशके योग्य ६४६ तीतसके । [२ पब्जे । । बढ़ेंसे कह कि सचेत जल गंभीर ज्लैा संयमी हे।वें आर बिश्वास श्र प्रेम श्र धीरजमें निष्खे।ट रहें। बैसेही बढ़ियाओंसे कह कि उनका आचरण पविच लोगोंके ऐसा हाय झऔ और न दोष लगानेवालियां न बहुत मदप- पानके बशमें हाोवें पर अच्छी बातांकोी शिक्षा देनेवा- लियां . इसलिये कि वे जवान स्तियोंका सचेत करें कि वे अपने अपने स्वामी ओ लड़कोंसे प्रेम करनेवा- लियां . जल संयमी ओर पतिब्रता ओऔ घरमें रहनेवा ली जे भल्ती होवें खैर अपने झपने स्वामीके अधीन रहे जिस्त इंश्वरके बचनकी निन्‍दा न किई जावे। वेसेही जवानोंका संयमी रहनेका उपदेश दे । ज्जौर सब बातोंमे अपने तह अच्छे कम्मांका टूप्रान्त दिखा और उपदेशमें निबिकारता औ गंभीरता औओ शु॒ट्रता सहित . खरा जऔै निर्दोष बचन प्रचार कर कि बिरोधी हमोंपर काई बुराई लगानेका गां न पाके लज्जित हाय । टासोंकेा उपदेश दे कि अपने अपने स्वामीके अधीन रहें ज्लार सब बातोंमें प्रसन्नता योग्य हावें लार फिरके उत्तर न देव . और न चोरी करें परन्तु सब प्रकारकी अच्छी सचैाटो टिखावे जिस्तें वे सब बातोंमें हमारे चा ण- कत्तो इश्वरके उपदेशकोा शोभा देव॑। ब्बांकि इश्वरका चाणकारी अनुग्रह सब मनुष्यांपर प्रगट हुआ है . आर हमें शिक्षा देता है इसलिये कि हम अभक्तिसे और सांसारिक अभिलाषाओंसे मन फेरके इस जगतमे संयम जे न्याय ओ भक्तिसे जन्म बितावें . ओर अपनी सख- दाई आझाशाकी और महा इंश्वर जैर अपने चाणकत्ता ३ प्ले ।] तीतसके। ६8७ यीशु खीपृके ऐश्वस्थेके प्रकाशकी बाट जाहते रहें . १४ जिसने अपने तदें हमारे लिये दिया कि सब अधम्मेसे हमारा उट्वार करे और अपने लिये एक निज लागकोा १४ शर्टु करे जो अच्छे कम्मांके उदयेगी होवें । यह बातें कहा कर और उपदेश कर और टूढ़ आज्ञा करके सममता दे . कोई तुमे तुच्छ न जाने । ३ तीसरा पब्बे । १ देशाधिकारियेंक बशमे रहने और शभ चाल चलनेका उपदेश और ईश्वरके अनुग्रहका फल। ९ अनेक बातेंका उपदेश और नमस्कार सहित पत्रीकी समाप्ति १ लोगोंका स्मरण करवा कि वे अध्यक्षें और अधि- कारियोंके क्रधीन और आज्ञाकारी होवें और हर एक २ अच्छे कम्मेके लिये तेयार रहें . लैर किसीकी निन्‍दा न करें परन्तु मिलनसार जे मृदुभाव हों और सब मनुष्योंकी ओर समस्त प्रकारकी नम्रता दिखावें। -३ क्यांकि हम लेाग भी आगे निबुदि और आज्ञा लंघन करनेहारे थे और भरमाये जाते थे ओर नाना प्रकार- के अभिलाष जऔर सुख बिलासके दास बने रहते थे और बैरभाव और डाहमें समय बिताते थे और घिनेने ४ और आपसके बैरो थे। परन्तु जब हमारे चाणकत्ता इंश्वरकी कृपा और मनुष्योंपर उसकी प्रीति प्रगट ४ हुईं . तब धम्मेके कार्य्यांसे जो हमने किये से नहीं परन्तु अपनो दयाके अनुसार नये जन्मके स्ानके द्वारा जौर पविच आत्मासे नये किये जानेके द्वारा उसने ६ हमें बचाया . जिस आत्माका उसने हमारे चाणकत्तो ७ यीश खरीपुके द्वारा हमांपर अधिकाईसे उंडेला . इस- ६8४८ तीतसके | [३ पब्ले । लिये कि हम उसके अनुग्रहसे धर्म्मी ठउहराये जाके अनन्त जीवनकी आशाके अनुसार अधिकारो बन जावे । यह बचन बिश्वासयोग्य है और में चाहता हूं कि इन बातोंके विषयमे तू ट्रढतासे बाले इसलिये कि जिन लोगोंने इंश्वरका बिश्वास किया है से अच्छे अच्छे कम्मे किया करनेके सोचमें रहें . यहो बातें उत्तम और मनुष्यांके लिये फलदाई हैं । परन्तु मूढ़ ताके बिबादोंसे और बंशावलियेंसे और बैर बिराधसे और ब्यवस्थाके विषयमेंके ऋगड़ेंसे बचा रह क्योंकि वे निष्फल और ब्यथे हैं । पाषंडी मनुष्य- का णक बेर बरन दे बेर चितानेके पीछे अलग कर। क्योंकि त जानता हे कि णऐेसा मनृष्य भटकाया गया है झौर पाप करता है ओर अपनेकेा आप दोषी ठह- राता है । जब मे अत्तिमा अथवा तखिकके तेरे पास भेज तब निकेापलिम मेरे पास आनेका यत्र कर क्योंकि मैने जाडेका समय वहों काटनेकेा ठहराया है । जोनस ब्यवस्थापकका और अपल्लाके बड़े यत्रसे आगे पहुंचा कि उन्हें किसी बसतकी घटी न होय । और हमारे त्लाग भी जिन जिन बस्तओंका अवश्य प्रयोजन हो उनके लिये अच्छे अच्छे काय्य किया करनेका साख कि वे निष्फल न होवे । सब लोगोंका जो मेरे संग हैं तुकसे नमस्कार . जे लेग बिश्वासके कारण हमें प्यार करते हैं उनके नमस्कार . अनुग्रह तुम समोंके संग हावे । आमीन ॥ १९२ १३ फिलीमानकेा पावल प्रर्तिकी पत्नी । १ पत्रोका आभाष । ४ फिलोमानके विष्यर्म पावलका धघन्यबाद ओ प्राशेना। ८ उनोसिमके विषयम फिलोमेनस पावलको बिन्‍तों । ३३ नमस्कार सहित परत्रेको समाप्ति । १ पावल जो ख्रीष्र यीशुके कारण बंधुआ है और भाई तिमेथिय प्यारे फिलीमेनके जे। हमारा सहकर्म्मी भी २ है. और प्यारी अप्फियाका और हमारे संगी योह्ा ३ अखिपका और आपके घरमेंकी मंडलीकेा . आप ल्ागेंके हमारे पिता इेश्वर और प्रभु यीश खोपसे अनुग्रह ओर शांति मिलते । ४ में आपके प्रेम और बिश्वासका जे आप प्रभु यीशु- पर और सब पविच लोागोंसे रखते हैं समाचार सुनके . ५ अपने इेश्वरका धन्य मानता हूं और नित्य अपनी प्राथे- ६ नाओंमें आपके स्मरण करता हूं . कि हम लेागेंमेंकी समस्त भत्नाई ख्रीप्र यीशुके लिये होती है इस बातके ज्ञानसे वह सहायता जे! ्राप बिश्वाससे किया करते हैं ७ सुफ़ल हा जाय । क्योंकि आपके प्रेमसे हमें बहुत आ- नन्‍ट झऔर शांति मिलता है इसलिये कि हे भाई आपके द्वारा पवित्र लागोांके अन्तःकर णका सुख दिया गया है। ८ इस कारण जा बात साहती है उसकी यद्यपि आझाप- € का आज्ञा देनेका मुर्के खोपषृसे बहुत साहस है . ताभी में प्रेमके कारण बरन बिनन्‍्तीहीं करता हूं क्योंकि में 82 ६५४० फिलीमानकोा । ऐसा हूं माना बूढ़ा पावल और अब यीशु खीपृके कारण बंधुआ भी हूं । मैं अपने पुचके लिये जिसे मेंने ९० बंधनमें रहते हुए जन्माया है आपसे बिन्‍्ती करता हूं साई उनीसिम है . जा पहित्ने आपके कुछ कामका न २१ था परन्तु अब आपके और मेरे बड़े कामका है। उसके ९२ मैने लाटा दिया है कर आझ्रप उसके मेरा अन्तःकरणसा जानके ग्रहण कीजिये । उसे में अपने पास रखा चाहता १३ था इसलिये कि सुसमाचारके बंधनोंमें वह आपके बदले मेरी सेवा करे । परन्तु मैंने आपकी सम्मति ९४ बिना कुछ करनेकी इच्छा न किई जिस्ते आपकी कृपा जैसे दबावसे न हो पर आपकी इच्छाके अनुसार हाय । क्योंकि क्या जानें वह इसीके कारण कुछ दिन १४ अतल्वग हुआ कि सदा आपका हो जावे . पर अब ते ९१९६ दासको नाईं नहों परन्तु दाससे बढ़के अथात प्यारा भाई हाय निज कर मेरा पर कितना अधिक करके क्या शरोरमें क्या प्रभु आपहीका प्यारा । इसलिये १७ जे आप मुम्के सम्भागी समझते हैं तो जैसे मुझका तैसे उसके ग्रहण कीजिये । और जे उससे आपकी १८ कुछ हानि हुईं अथवा वह आपका कुछ धारता हो ते इसके मेरे नामपर लिखिये। मुझ पावलने अपने १८ हाथसे लिखा है में भर देऊंगा जिस्तें मुक्के आपसे यह कहना न पड़े कि अपने तईं भी मु्के देना आपके उचित है । हां हे भाई आपसे प्रभुमें मुके आनन्द २० पहुंचे प्रभुमं मेरे अन्तःकरणकेा सुख दीजिये। आपके २१ आज्ञाकारी हेानेका भरोसा रखके मेंने आपके पास फिलाीमोानक्रा । ६५४१ लिखा हे क्योंकि जानता हं कि जो में कहता हूं उससे २२ भी ताप अधिक करेंगे । झेर भी मेरे लिये बासा तैयार कीजिये क्यांकि मके आशा है कि आप तल्ोागोंकी प्राथनाओंके ट्रारा में आप लेगेंकोा दे दिया जाऊंगा। २३ दपाफ्रा जो ख्रीष्र योशके कारण मेरा संगी बंधआ २४ है. का मार्क ओझा अरिस्ताख जे दीमा झे लक जा २४ मेरे सहकम्मीं हैं इन्हांका आपके नमस्कार । हमारे प्रभु यीश ख्रीपुका अनुग्रह आप लोगेंके आत्माके संग हाोवे। लामीन ॥ ड॒बियांकिा (पावल प्रेरितकी) पत्नी । १ पहिला पब्बे । १ इेश्वस्के पुत्र योश स्लोष्टक माहात्म्य । ४ उसका स्वगंदतोंसे श्रष्ट छोना । इेश्वरने पूब्बेकालमें समय समय ओऔ नाना प्रकारसे भविष्यद्ुक्ताओंके द्वारा पितरोंसे बातें कर . इन पिछल्ने दिनोंमें हमेंसे पुच्रके ट्रारा बातें किईे जिसे उसने सब बस्तुओंका अधिकारी ठहराया जिसके ट्वारा उसने सारे जगतकेा रूजा भी . जे उसकी महिमाका तेज ओर उसके तत््वकी मुद्रा और अपनी शक्तिके बचनसे सब बस्तुओंका संभालनेहारा होके अपनेही ट्वारासे हमारे पापोंका परिशाधन कर ऊंचे स्थानोंमेंकी महिमाके दहिने हाथ जा बेठा . और जितने भर उसने स्वगें- टूतांसे अ्रष्ु नाम पाया है उतने भर उनसे बड़ा हुआ। क्योंकि टूतांमेंसे इंश्वरने किससे कभी कहा तू मेरा पुत्र है मेंने आजही तुके जन्माया है ओर फिर कि मैं उसका पिता होंगा और वह मेरा पुत्र होगा | ओर जब वह फिर पहिलोटेका संसारमें त्वावे बह कहता है इंश्वरके सब टूतगण उसके प्रणाम करें। टूतोंके विषयमें वह कहता है जो अपने टूतांका पवन जार अपने सेवकांके आगकी ज्वाला बनाता है। परन्तु पुचसे कि हे इश्वर तेरा सिंहासन खब्बेदालों है तेरे राज्यका राजदंड सीधाईका राजदंड है। तूने धम्मेका प्रिय जाना और कुकम्मेसे घिन्न किईं इस कारण इंश्वर २ पब्जे ।] इबन्रियोंका । ६४३ तेरे इेश्वरने तुरे तेरे संगियांसे अधिक करके आनन्दके १० तेलसे अभिषेक किया । और यह कि हे प्रभु आदिमें तूने प्रथिवीकी नेव डाली और स्वगे तेरे हाथोंके कार्य ११ हैं । वे नाश होंगे परन्तु तू बना रहता है और बस्तकी १४ नाईें वे सब पराने हो जायेंगे । और त उन्हें चटुरकी नाईें लपेटेगा ओर वे बट्ल जायेगे परन्‍्त त ण्कसां १३ रहता है जार तेरे बरस नहीं घटेगे । ओर टतोंमेंसे उसने किससे कभी कहा है जबल्ों में तेरे शचझओंका तेरे चरणेंकी पीढ़ी न बनाऊं तबलों तू मेरी दहिनी १४ ओर बेठ । क्या वे सब सेवा करनेहारे आत्मा नहों हैं जे चाण पानेवाले लेगोंके निमित्त सेवकाईके लिये भेजे जाते हैं । २ टूसरा यब्बे । १ योशुक्रे स्वगंद्तोंसे श्रेष्ठ डोनेके कारण सुसमाचारके माननेक्रा उपदेश । ५ योशुका दोन बननके उपरान्त महिमा प्राप्त करना । १० उसको दोीनताका ओर अवतार लेनेका प्रयाजन । १ इस कारण अवश्य हे कि हम लोग उन बातोंपर जो हमने सुनी हैं बहुत अधिक करके मन लगावें ऐसा न २ हो कि भूल जावें । क्योंकि यदि वह बचन जो टूतोंके द्वारासे कहा गया टूढ़ हुआ और हर एक अपराध ३ खझोर आज्ञालंघनका यथायथे प्रतिफल मितला . ता हम त्लाग ऐसे बड़े चाणसे निश्चिन्त रहके क्यांकर बचंगे अथात इस चाणसे जो प्रभुके द्वारा प्रचारित होने लगा और हमेोंके पास सननेहारोंसे टढ किया गया. ४ जिनके संग इेश्वर भी चिन्हां ओर अट्रत कामोंसे भी ओर नाना प्रकारके आाश्चय्य कम्मांसे कौर अपनो ६५४ इब्रिय्ोंका । [२ पब्के । इच्छाके अनसार पविच आत्माके दानोंके बांटनेसे साथी देता था । ब्येंकि उसने इस हा नेहार जगतके जिसके विषयम्र हम बालते हैं टूतांके अधीन नहीं किया। परन्तु किसी ने कहीं साथ्शी दिई कि मलुष्य क्या है कि तू उसको सुध ल्लेता है अथवा मनुष्यका पुत्र क्या है कि तू उसपर ट्रष्नि करता है। तने उसके कछ थाडासा टतांसे छोटा किया तने उसे महिमा और आझदरका मकट पहिनाया ओर उसके अपने हाथोंके काय्यांपर प्रधान किया तने सब कुछ उसके चरणेंके नोचे अधोन किया। सब कुछ उसके अधोन करनेसे उसने कुछ भी रख न छोड़ा जा उसके अधीन नहीं हुआ . ताभी हम अबलों नहीं देखते हैं कि सब कछ उसके अधोन किया गया है। परन्त हम यह देखते है कि उसके जो कछ थोड़ासा टतेंसे छोटा किया गया था अथात योशको सम॒त्य भेगनेके कारण महिमा जऔलर आदरका म॒कट पहिनाया गया है इस- लिये कि वह इंश्वरके अनुग्रहसे सबके लिये मृत्यका स्वाद चोखे । क्योंकि जिसके कारण सब कुछ है जार जिसके द्वारा सब कआछ है उसके यह योग्य था कि बहुत पुत्चोंके सहि- सालों पहुंचानेमें उनके चाणके कत्ताका दुःख भेगनेके द्वारा सिट्ठ करे । क्योंकि पविच करनेहारा ओर वे भो जा पवित्र किये जाते हे सब एकहोसे है झर इस का रण- १० ११ से वह उन्हें भाई कहनेमें नहों लज्ञाता है। बह कहता ९२ है में तेरा नाम अपने भाइयेंका सुनाऊंगा सभाके ३ पब्ले ।] इब्रियोंका । ६४५ १३ बीचमें में तेरा भजन गाऊंगा। और फिर कि में उसपर भरोसा रखंगा और फ़िर कि देख में और लड़के जो १४ इंश्वरने मरे दिये । इसलिये जब कि लड़के मांस जे लाहके भागी हुए हैं वह आप भी वेसेही इनका भागी हुआ इसलिये कि मृत्यके द्वारा उसका जिसे मृत्यका १४ सामथ्य था अथात शेतानको शझ्षय करे . ज्लार जितने गग॒ मृत्यके भयसे जीवन भर दासत्वमें फंसे हुए थे १६ उन्हे छुड़ावे । क्योंकि वह तो टूतोंका नहों यांभता है १७ परन्तु इबाहोमके बंशकेा थांभता है। इस कारण उसके अवश्य था कि सब बातोंमे भाइयेंके समान हो जावे जिस्त वह उन बातोंमे जो इंश्वरसे सम्बन्ध रखती हैं दयातल्न ओर बिश्वासयोग्य महायाजक बने कि लोागोांके ९८ पापोंके लिये प्रायश्चित्त करे । क्योंकि जिस जिस बातमें उसने परोश्षामें पढ़के टःख पाया है उस उस बातमें बह उनकी जिनकी परोश्षा किईं जाती है सहायता कर सकता है । ३ तीसरा पब्बे। १ योशका मसासे अरष्ट ह्ैना । ७ इस बातके कारण पतरोंका दष्ट्रान्त देके कठोरता ओर अजिश्वाससे निष्रेध करना । १ इस कारण हे पविच भाइयो जो स्वर्गीय बुलाहटमें सम्भागी हो हमारे अंगोकार किये हुए मतके प्रेरित २ औ_ महायाजक ख्री प्र यीशका देख लेओ . जे अपने ठह- रानेहारेके बिश्वासयाग्य हे जेसा मसा भी उसके सारे ३ घरमे बिश्वासयोग्य था। क्योंकि यह ता उतने भर मसासे अधिक बड़ाइके योग्य समका गया हे जितने भर घरके ६५६ इन्रियोंका । [३ पब्ले। आदरसे घरके बनानेहारेका आदर अधिक होता है। क्यांकि हर एक घर किसीका ते बनाया हुआ है परन्तु जिसने सब कुछ बनाया से इंश्वर है। और मूसा ते जो बातें कही जानेपर थीं उनकी साश्षीके लिये सेवककी नाईं उसके सारे घरमें विश्वासयेग्य था । परन्तु खीपघ्ु पुत्रकी नाईें उसके घरका अध्यक्ष होकर बिश्वासयेग्य है ललार हम लोग यदि साहसका और आशाकी बड़ाइईंका अन्तलों टूढ़ थांभे रहें ता उसके घर हैं । इसलिये जैसे पविच आत्मा कहता है कि आज जो तुम उसका शब्द सुना . तो अपने मन कठार मत 50 2250 00% टिक 5 बी ९ 33 | ० करे जेसे चिढ़ावर्में ओर परीक्षाके दिन जंगलमें हुआ . जहां तुम्हारे पितरोंने मेरी परीक्षा लिई और मुझे जांचा जआौर चालीस बरस मेरे कामोंका देखा . इस कारण में उस समयके ल्लागांसे उदास हुआ और बाला उनके मन सदा भटकते है आर उन्हेंने मेरे मागांकेा नहीं जाना है. सा मेने क्राध कर किरिया खाई कि वे मेरे बिश्राममें प्रवेश न करेंगे . तेसे हे भाइये चैाकस रहे कि जी वते इंश्वरका त्यागनेमें अविश्वासका बुरा मन तुम्हेंमेंसे किसीमें न ठहरे । परन्तु जबलोां आज कहावता है प्रतिदिन एक टूसरेके समकाओ णरेसा न है| कि तुममेंसे काई जन पापके छलसे कठोर हो जाय। क्योंकि हम जे। भरोसेके आरंभकेा अन्‍्तलों टूढ़ थांभे रहें तब तो खी पृर्मे सम्भागी हुए हैं . जैसे उस बाक्यमें हे कि आज जे। तुम उसका शब्द सुना तो अपने मन कठोर मत करो जेसे चिढ़ावम हुआ । क्येंकि किन लोागोंने सुनके चिढ़ाया . १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ श्ट्2 ४ पब्बे ।] इन्रियांका । ६४७ क्या उन सब लोगोंने नहीं जो मूसाके ट्रारा मिसरसे ९७ निकले । ज्लौर वह किन लोागोंसे चालीस बरस उदास हुआ . क्या उन लोगेंसे नहीं जिन्‍्हें।ने पाप किया ९८ जिनकी लोथ जंगलमें गिरीं। जैर किन लेगेंसे उसने किरिया खाई कि तुम मेरे बिशममे प्रवेश न करोगे १८ केवल आज्ञा लंघन करनेहारोंसे । सो हम देखते हैं १ कि वे अवबिश्वासके कारण प्रवेश नहों कर सके । ४ चौथा पब्लणे। १ डेश्वरके लिग्रामका बणेन ओर उसमे प्रवेश करनेका उपदेश ओर चैश्वरके बचन- का गुण । १४ योशुका महायाजक देना ओर इसके लिये दुकुता ओऔ प्रा्थनाको आअलाश्यकता । इसलिये हमेंकेा उरना चाहिये न हो कि यदयपि इंणरके बिआममे प्रवेश करनेकी प्रतिज्ञा रह गई है तभी तम्होंमेंसे कोई जन ऐसा देख पड़े कि उसमें नहीं २ पहंंचा है। व्यांकि जैसे उन्हेंका तेसे हमोंके। वह सस- माचार सनाया गया हे परन्‍्त उन्हें समाचा रके बचनसे जा सननेहारों से बिश्वाससे नहों मिलाया गया कछ लाभ ३ न हुआ। क्योंकि हम लोग जिन्होंने बिश्वास किया हट बिआममे प्रवेश करते हैं . इसके विषयम यद्यपि उसके काय्य जगतको उत्पत्तिसे बन चुके थे ताभो उसने कहा है सामेंने क्राध कर किरिया खाई कि वे मेरे बिाममे ७-3 कक (खत कर (8. /ख्प6 के आओ 3... ४ प्रवेश न करेगे। क्योंकि सातवे टिनके विषयमे उसने कहाँ य॑ कहा है जार इंश्वरने सातवें दिन अपने सब काय्योंसे | ४ बिश्वाम किया । ताभो इस ठार फिर कहा हे वे मेरे ६ बिआमर्म प्रवेश न करेगे। से जब कि कितनोंका उसमे | प्रवेश करना रह गया ह झार जन्हाका उसका ससमा- ६४५८ इब्नियांका । [४ पब्के । चार पहित्ने सुनाया गया उन्हेंने आज्ञालंघनके कारण प्रवेश न किया . आर फिर वह आज कह करके किसी दिनका ठिकाना दे इतने दिनोंके पीछे दाऊदके द्वारा बालता है जैसे कहा गया है आज जे। तुम उसका शब्द सुने! तो अपने मन कठार मत करो . परन्तु जे यिहे- शआने उन्हें विच्राम दिया होता तो इंश्वर पीछे टूसरे दिनकीो बात न करता . तो जानो कि इंश्वर के लागोंके लिये बिआ्रमवारसा णक बिश्राम रह गया है। क्योंकि जिसने उसके बिज्ञाममें प्रवेश किया है जैसे इश्वरने अपनेही काय्यांसे तेसे उसने भी अपने कासय्यांसे बित्राम किया है। से हम ल्लाग उस बिप्ाममम प्रवेश करनेका यत्र करें ऐसा न हो कि काई जन आज्ञालंघनके उसी टुप्वान्तके समान पतित हाय । क्यॉंकि इेश्वरका बचन जीवता औओ प्रबत्न और हर एक देधारे खड़से भी चोाखा है ज्लैर वारपार छेटनेहारा है यहांतलेां कि जोव और आत्माकेा और गांठ गांठ औ गदे गदेकेा अतल्लवग अलग करे और हुट्यकी चिन्ताओं और भावनाओंका बिचार करनेहारा है । और काई रुजी हुई बस्तु उसके आगे गुप्त नहीं है परन्त जिससे हमें काम है उसके नेचेंके आगे सब कुछ नंगा और खुला हुआ है । बे / ३ ० हे से जब कि हमारा एक बड़ा महायाजक है जो स्वगे होके गया है अथात इेश्वरका पुत्र यीश आओ हम अपने अगीकार किये हुए मतकोा धरे रहें । क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं है जो हमारो दुब्बेल- ताओंके दुःखकेा बूक न सके परन्तु बिना पाप वह १७० ११ श्र १३ १४ ह ५ पब्बे ।] इब्रियोंका । ६४६ १६ हमारे समान सब बातोंमें परीक्षित हुआ है । इसलिये हम लोग अनुग्रहके सिंहासनके पास साहससे आवें कि दया हमपर किदे जाय और हम समय योग्य सहायताके लिये अनुग्रह पावें। ४ पांचवां पब्बे । १ मढायाजकके इन दे बातेंका अवश्य छेाना कि अज्ञानांका दुःख ब़क सके ओर कि इेश्वरसे नियुक्त किया जाय और दोनों बातांका योशुर्में प्र॒रा ह्वाना । ११ डक्नियेंको मन्‍्द बुद्धिका उलहना । १ क्योंकि हर एक महायाजक मनुष्यामेंसे लिया जाके मनुष्यांके लिये उन बातेंके विषयमें जे। इंश्वरसे सम्बन्ध रखती हैं ठहराया जाता है कि चढ़ावोंका और पापोंके २ निमित्त बलिदानोंका चढ़ावे । ओर वह अज्लानां और भलनेहारोंकी ओर दयाशोील हे। सकता है क्योंकि वह ३ आप भी टुब्बेलतासे घेरा हुआ है । आर इसके कारण उसे अवश्य है कि जैसे लोागोंके लिये बैसे अपने ल्विये भी पापोंके निमित्त चढ़ाया करे । और यह आदर काई अपने लिये नहीं ल्लेता है परन्तु जा हारोनको ४ नादें इंश्वरसे बुलाया जाता है से। लेता है। वैसेही खीघृने भी महायाजक बननेकेा अपनी बड़ाई न किई परन्‍्त जे उससे बाला त मेरा पच है मेने आजहो ६ तुे जन्माया है उसीने उसकी बड़ाई किई । जेसे वह टूसरे ठारमें भी कहता है तू मललकोीसिदककी पदवी- | ७ पर सदाल्लां याजक है। उसने अपने शरोरके दिनोंमें ऊंचे शब्दसे पकार पकारके लो रो रोके उससे जो उसे मृत्यले बचा सकता था बिन्‍ती ओर निवेदन ८ किये और उस भयके निमित्त सना गया . ओर यदयपि ह््् 4000 ६६० इब्रियोंका।. [६ पब्के । पुत्र था ताभी जिन दुःखांकेा भेगा उनसे आज्ञा मानना सीखा . और सिट्ट बनके उन समभेोंके लिये जा उसके आज्ञाकारी होते हैं अनन्त चाणका कत्ता हुआ . ओर इंश्वरसे मलकीसिदककी पद्वीपरका महायाजक कहा गया । इस पुरुषके विषयमें हमें बहुत बचन कहना है जिसका अथे बताना भी कठिन है क्यांकि तुम सुननेमें अलसी हुए हो। व्येंकि यद्यपि इतने समयके बोतनेसे तुम्हे उचित था कि शिक्षक होते तीाभी तुम्हींके फिर आवश्यक है कि कोई तुम्हें सिखावे कि देश्वरकी बाणि- योंकी आदिशिश्ला क्या है और शेसे हुए है| कि तुम्हे अन्नका नहीं परन्तु टूधका प्रयाजन है। क्योंकि जा काई १० ११ १२ श्र इ टूघही पीता है उसके धम्मेके बचनका परिचय नहीं है क्योंकि बालक है। परन्त अन्न उनके लिये है जा सयाने हुए हैं जिनके ज्ञानेन्द्रिय अभ्यासके कारण भले औ बुरेके बिचारके लिये साधे हुए हैं । ६ छठवां पब्बे । १ घम्मेंम बढ जानेका उपदेश । १३ इश्वरको प्रतिज्ञाओंको दुकुता । इस कारण ख्रीपरके आदि बचनको छेड़के हम सिटु- ताकी ओर बढ़ते जावे . और यह नहीं कि मृतबत कम्मांसे पश्चात्ताप करनेकी औ और इश्वरपर विश्वास कर- नेकी शेर बपतिसमोंके उपदेशकी और हाथ रखनेकी और मृतकोांके जी उठनेकी और अनन्त दंडको नेव फिरके डाले । हां जो इंश्वर यूं करने देवे तो हम यही करेंगे । क्योंकि जिन्होंने एक बेर ज्याति पाई चर १8 हा 5 ३० ६ प्रब्ब ।] इब्रियोंके । ६६१ स्वर्गीय टानका स्वाद चीखा और पविच अआात्माके ४ भागी हुए . और इश्वरके भत्ते बचनका औओ होनेहार ६ जगतकोी शक्तिका स्वाद चीखा . और पतित हु हैं उन लोगेंकेा पश्चात्तापके निमित्त फिरके नये करना अन्हेना है क्योंकि वे देश्वरके पुचका अपने लिये फिर क्र्शपर चढ़ाते और प्रगटमें उसपर कलंक लगाते हैं। ७ व्यांकि जिस भूमिने वह बषा जो उसपर बारंबार पड़ती है पिई हे और जिन लेगेंके कारण वह जे ती बाई जाती है उन लोागोंके योग्य साग पात उपजाती ८ है से इेश्वरसे आशीस पाती है। परनन्‍्त जा वह कांटे जऔर ऊंटकटारे जन्माती है तो निकृष्न है आर स्रापित होनेके निकट है जिसका अन्त यह है कि जल्लाई जाय। € परन्तु हे प्यारा यद्यपि हम यूं बालते हैं तैभी तुम्हारे विषयमें हमें अच्छोही बातों और चाण संयुक्त बातोांका १० भरोसा है। क्योंकि देश्वर अन्याई नहीं है कि तुम्हारे . काय्येके और उसके नामपर जो प्रेम तुमने दिखाया उस प्रेमके परिश्रमका भूल जावे कि तुमने पवित्र १९ लोागेंकी सेवा किई और करते हा। । परन्तु हम चाहते हैं कि तुम्हांमेंसे हर एक जन अन्‍न्तलों आशाके १२३ निश्चयके लिये वही यत्न दिखाया करे . कि तुम आलसोी नहों परन्तु जे लग बिश्वास और धीरजके द्वारा प्रतिज्ञाओंके अधिकारो हेते हैं उन्हें के अनुगामी बना । १३ क्योंकि इंश्वरने इब्राहीमके प्रतिज्ञा देके जब कि अपनेसे किसी बढ़ेकी किरिया नहों खा सकता था १४ अपनोही किरिया खाके कहा . निश्चय में तुके बहुत द््द्द्र इब्रियोंका । [७ पब्बे । आशीस देऊंगा और तुक्े बहुत बढ़ाऊंगा । और इस रीतिसे इबाहीमने धीरज धरके प्रतिज्ञा प्राप्त किदे । क्योंकि मनुष्य तो अपनेसे बड़ेकी किरिया खाते हैं झौर किरिया टूढ़ताके लिये उनके समस्त बिबादका अन्त है । इसलिये इंश्वर प्रतिज्ञाके अधिकारियोंपर अपने मतको अचलताके बहुतही प्रगट करनेकी इच्छा कर किरियाके द्वारा मध्यस्थ हुआ . कि दो अचल विषयोंके द्वारा जिनमें इेश्वरका कूठ बालना अन्हाना है दृढ़ शांति हम लेागोंकेा मिलने जो साम्हने रखी हुईं आशा धर लेनेके भाग आये हैं। वह आशा हमारे लिये प्राणका लंगरसा होती है जे अटल जे दृढ़ है और परदेके भीतरलों प्रवेश करता है . जहां हमारे लिये अगुवा होके यीशने प्रवेश किया है जो मलकीसिदककी पद्वीपर सदाल्लां महायाजक बना है। ७ सातवां पब्बे। १४ १६ १७ फट श्ट २0 १ मलकोसिदकको कथा । ४ उसका महत्त्व । ११ प्रभ॒ योशुके उसोक्रो पदलोपर नियुक्त डानेसे याजकता ओ ब्यवस्थाके बदल जानेका प्रमाण । २० योशको डइस पदवोको श्रेष्ठतलाके कई रुक प्रमाण । यह मल्लकी सिटक शल्मीमका राजा और सल्लेप्रधान इंश्वरका याजक जो इब्ाहोीमसे जब वह राजाओंकोा मारनेसे लाटता था आा मिला औऔर उसके आशीस दिईं . जिसके इब्राहीमने सब बस्तुओंमेंसे दसवां अश भी दिया जो पहिल्े अपने नामके अयथेसे धम्मेका राजा है और फिर शलीमका राजा भी अथात शांतिका राजा है . जिसका न पिता न माता न बंशावलि है जिसके ठ ७ प्रब्ब ।] इब्रियोंकेा । द्द्दद्३ न दिनांका आदि न जीवनका अन्त है परन्तु इेश्वरके पुत्रके समान किया गया है नित्य याजक बना रहता है। ४ पर देखा यह कैसा बड़ा पुरूष था जिसके इबाहीम ५ कुलपतिने लूटमेंसे दसवां अंश भी दिया | लेबीके सन्‍्ता- मोंमेंसे जे ल्लाग याजकीय पद पाते हैं उन्हें ता ब्यव- स्थाके अनुसार लेागोंसे अथात अपने भाइयोंसे यदपपि वे इबाहो मके देहसे जन्मे हैं दसवां अंश ल्ेनेकी आज्ञा ६ होती है। परन्तु इसने जे उनकी बंशावलिमेंका नहीं है इब्बनाहीमसे टसवां अंश ल्लया है आर उसके जिसे ७ प्रतिज्ञाएं मिलीं आशीस दिईं है। पर अखंडनीय बात ८ है कि छोटेका बड़ेसे झआशोीस दिईद जाती है। और यहां मनुष्य जे मरते हैं दसवां अंश लेते हैं परन्तु वहां बह त्वेता है जिसके विषयमें साथ्यी टिईं जाती है कि वह € जीता है। और यह भी कह सकते कि इब्ाहीमके ट्रारा ल्ेबीसे भी जे दसवां अंश लेनेहारा है टसवां अश लिया . १0 गया है। व्यांकि जिस समय मलकी सिदक उसके पितासे ज्ञा मित्ला उस समय वह अपने पिताके देहमें था। ११ सा यदि लेबीय याजकताके द्वारा जिसके संयोगमे लेगेंकेा व्यवस्था दिई गईं थी सिट्दुता हुईं होती ते और क्या प्रयाजन था कि टूसरा याजक मलकी सिदककी पदवीपर खड़ा हाय और हाराोनकी पदवीका न कहावे। १२ क्योंकि याजकता जे। बदली जाती है तो अवश्य करके १३ ब्यवस्थाकी भी बदली होती है । जिसके विषयमें यह बातें कही जातीं से टूसरे कुलमेंका है जिसमेंसे किसी १४ मनुष्यने बेदीकी सेवा नहीं किई है। क्योंकि प्रत्यक्ष है ६६४ इब्रियांका । (9 पब्बे । कि हमारा प्रभु यिहदाके कुलसे उदय हुआ है जिससे मूसाने याजकताके विषयमें कुछ नहीं कहा। और वह १९४ बात और भी बहुत प्रगठ इससे होती है कि मलकोी- सिदकके समान टूसरा याजक खड़ा है . जे शारीरिक ९६ आज्ञाकों व्यवस्यथाके अनुसार नहीं परन्तु अबिनाशी जीवनको शक्तिके अनुसार बन गया है। क्योंकि इेश्वर ९७ साश्ली देता है कितू मलकीसिदकको पट्वीपर सदालों याजक है। से अगली जआाज्ञाकी दुब्बेलता औ १८ निःष्फलताके कारण उसका तो लाप होता है इसलिये कि ब्यवस्थाने किसी बातके सिटु नहीं किया । परन्तु १८ एक उत्तम आशाका स्यापन होता है जिसके द्वारा हम इंश्वरके निकट पहुंचते हैं । और वेल्लाग बिना किरिया याजक बन गये हैं परन्तु २० यह तो किरियाके अनुसार उससे बना है जो उससे कहता है परमेश्वरने किरिया खाई है और नहीं पछ- ताबवेगा तू मलकीसिदककी पट्वीपर सदालों याजक है। से। जब कि योश्‌ किरिया बिना याजक नहों हुआ है . २९ वह उतने भर उत्तम नियमका जामिन हुआ है। २२ और वे तो बहुतसे याजक बन गये हैं इस कारण कि २३ मृत्यु उन्हें रहने नहीं देती है . परन्तु यह सदाल्नों २४ रहता है इस कारण उसकी याजकता अटल है । इस- २४ लिये जो लोग उसके द्वारा इेश्वरके पास आते हैं वह उनका चाण अत्यन्तत्नां कर सकता है व्यांकि वह उनके लिये बिन्‍ती करनेके सदा जीता है। व्यांकि ऐसा २६ महायाजक हमारे येग्य था जे पवित्र आओ सूधा ओ ८ प्रब्ब ।] इब्रियांका । द६४ ब्र्छ पर बल ( च क +$ के ब्फ 5 पर ० /खिरि निमल ओर पापियोंसे अलग ओर स्वगेंसे भी ऊंचा किया हुआ है . जिसे प्रतिदिन प्रयोजन नहीं है कि प्रधान याजकोंको नाई पहिले अपनेही पापोंके लिये तब ल्लो- गोंके पाषोंके लिये बल्नि चढ़ावे क्योंकि इसके वह एकही ब्र् ५ ढ़ बेर कर चुका कि अपने तईं चढ़ाया । क्योंकि ब्यवस्पा मनृष्यांका जिन्हें ट्लेलता है प्रधान याजक ठहराती है परन्‍त जे किरिया ब्यवस्थाके पीछे खाई गई उसकी बात पचकेा जो सल्वेदा सिटरु किया गया है ठहराती है ८ चज्ाठवा पब्ब । १ योशक्रो याजकताका स्वगेसे सम्बन्ध रखना । ७ नये रा श्रेष्ठ नियमका बर्णन ओर भविष्यद्वाणोस उसका प्रमाण । “ ज्ञा बातें कही जाती हैं उनमें सार बात यह है कि हमारा णेसा महायाजक है कि स्वगेमें महिमाके सिंहा- सनके द्हिने हाथ जा बेठा . और पविच स्थानका और उस सच्चे तंबुका सेवक हुआ जिसे किसी मनुष्यने नहीं परन्तु परमेश्वर ने खड़ा किया । क्यांकि हर एक प्रधान याजक चढ़ावे ओर बलिदान चढ़ानेके लिये ठहराया जाता है इस कारण अवश्य है कि इसोीके पास भी चढ़ानेके लिये कुछ हाय | फिर याजक तो हें जो ब्यवस्थाके अनुसार चढ़ाबे चढ़ाते हैं और स्वगेमेंकी बस्तुओंके प्रतिरूप ओ परछाईकी सेवा करते हैं जैसे मूसाकेा जब वह तंबू बनानेपर था आज्ञा दिईं गई अथोात इश्वरने कहा देख जे आकार तुमे पहाड़पर दिखाया गया उसके अनुसार सब कुछ बना । इसलिये जे। यह पृथिवीपर होता ता याजक नहीं हाता। परन्त 84; दर ह इब्रियोंका । [८ पब्ब । 580." आब जेंसे वह आर उत्तम नियमका मध्यस्य हे जा ज्लौर उत्तम प्रतिज्ञाओंपर स्थापन किया गया है तेसी ब्ेप्ु सेवकाई भी उसे मिली है। क्यांकि जे वह पहित्ला नियम निदाष होता ते ७ टसरेके लिये जगह न हढंढी जाती । परन्‍्त वह उनपर दाष देके बालता है कि परमेश्वर कहता हे देखा वे दिन जाते है कि मे इस्रायंलके घरानेके संग ओर यिहदाके घरानेके संग नया नियम स्थापन करूंगा। ज्ञा नियम मेंने उनके पितरोंके संग उस दिन बांधा € जिस दिन उन्हें मिसर देशमेंसे निकाल लानेके उनका हाथ थांभा उस नियमके अनुसार नहों क्योंकि वे मेरे नियमपर नहीं ठहरे और मैंने उनकी सुध न लि परमेश्वर कहता है । परन्तु यही नियम है जो में उन्त ९० दिनोंके पीछे इस्रायेलके घरानेके संग बांधंगा परमेश्वर कहता हे में अपनी ब्यवस्थाओा उनके मनमे डालंगा कौर उसे उनके हृटयमें ल्विखूंगा और में उनका इेश्वर होंगा और वे मेरे लाग होंगे । और वे हर एक अपने १९९ पड़ासीके! और हर एक अपने भाईकेा यह कहके न सिखावेगे कि परमेश्वरके पहचान बक्यांकि उनमेंके छाटेसे बढ़ेल्ां सब मुर्के जानेंगे। ब्यांकि में उनके १२ अधम्मेके विषयमें दया करूंगा और उनके पापोंकेा और उनके कुकम्मांकेा फिर कभी स्मरण न करूंगा । नया नियम कहनेसे उसने पहिला नियम पराना ९३ ठहराया हे पर जो पराना ओर जीणे हाता जाता है से लाप होनेके निकट हे । 453 ७०9 ६ पब्ले । ] इब्रियांका । दर € नवां पब्ब । १ मसाके बनाये हर तंब्रका बर्णेन । ६ उसमेकी सेबकराईसे स्व्री्ठके प्रायश्चित्तका दुष्टान्त । १४ स्रोष्ट जे नये नियमका मध्यस्थ है इस कारण उसके मरनेको आवश्यकता । २३ स्वगम स्वीप्क्रो सेबकाई और उसके फिर आनेको कथा । १ सो उस पहिले नियमके संयाोगमे भी सेवकाईकी २ विधियां और लोकिक पविच्न स्थान था । क्योंकि तंब बनाया गया अगला तंब जिसमें दी बट ओर मेज खेर ३ रोटोकी भेट थी जो पवित्र स्थान कहावता है। खेर टूसरे परदेके पोछे बह तंब्‌ जे पविचोंमेसे पवित्र स्थान ४ कहावता है . जिसमें सोनेकी धपटानी थी ज्ैर नियमका सन्‍्ट्क जो चारों झेर सेनेसे मढा हआ था ओर उसमें सानेकी कलसी जिसमें मन्ता था ओर हाराोनको छड़ी जिसका कोंपत्न निकलों और नियमकी दोनों पटियाएं। ४ कोर उसके ऊपर दोनों तेजस्वी किरूब थे जो दयाके आसनके छाये थे . इन्होंके विषयमें पृथक पृथक बात करनेका अभो समय नहों है । ६ यह सब बस्त जो इस रीतिसे बनाई गई हैं ता अगल्ने तंबम याजक लोग नित्य प्रवेश कर सेवा किया कर ते ७ है। परन्त टसरेमे केवल महायाजक बरस भरमें एक बेर जाता है ओर लाहू बिना नहों जाता है जिसे अपने लिये और लागेंको अज्ञानताओंके लिये चढ़ाता है । ८ इससे पविच आत्मा यही बताता हे कि जबल्नां अगल्ना तंब स्थापित रहता तबल्नों पवित्र स्थानका मागे प्रगट € नहीं हुआ। और यह ते बत्तमान समयके त्रिये ट्रृष्ठान्त है जिसमे चढ़ावे ओर बलिदान चढ़ाये जाते है जो -- अमयआक 2 रद्द इन्रियोंका । [६ पब्ने । सेवा करनेहारेके मनकेा सिट्ठु नहीं कर सकते हैं । केवल खाने ओर पीनेकी बस्तओं और नाना बपतिस- मां आर शरोरको विधियोंके सम्बन्धर्मं यह बातें सुधर जानेके समयल्नों ठहराई हुईं हैं। परन्त॒ खीदपृ जब होनेहार उत्तम विषयोंका महायाजक होके जाया तब उसने ओर भी बड़े और सिद्दु तंबमेंसे जे। हाथका बनाया हुआ नहां अथात इस रुष्िका नहीं है . और बकरों ओर बछड़ओंके लाहूके द्वारा नहीं परन्तु अपनेही लोाहके ट्वारासे एकही बेर पवित्र स्पानमे प्रवेश किया ओआर अनन्त उद्दार प्राप्त किया । क्यांकि यदि बैल्नों और बकरोंका लेाह और बछियाकी राख जा अपविच्र लागांपर छिड़को जाती शरोरको शहुताके लिये पावच्र करतो है . तो कितना अधिक करके ख्रोप्रका लाहू जिसने सनातन आत्माके द्वारा अपने तइईं इंश्वरके आगे निष्कलंक चढ़ाया तम्हारे मनकेा मृतवत कम्मांसे शुद्दर करेगा कि तम जोवते इंश्वरकी सेवा करो । और इसीके कारण वह नये नियमका मध्यस्थ है जस्त पाहले न्यमके सम्बन्धी अपराधोंके उद्ठारके . लिये मृत्यु भाग किये जानेसे बुत्लाये हुए ल्लाग अनन्त आधकारका प्रातज्ञाका प्राप्त करें । क्यांकि जहां मर- णापरान्त दानका नियम हे तहां नियमके बांधने हारे- को मृत्युका अनुमान अवश्य है । क्योंकि ऐसा नियम लागांके मरनेपर टूढ़ होता है नहीं ता जबत्नां उसका बांधनेहारा जीता है तबल्नां नियम कभी काम नहीं १० ११ १२ १३ १४ ६ पब्बे ।] इब्नियेंका । ६६६ १८ आता है । इसलिये वह पहिला नियम भी लोाह ९८ बिना नहों स्थापन किया गया है । क्यांकि जब मसा ब्यवस्याके अनुसार हर एक आज्ञा सब लोगोंसे कह चका तब उसने जल जार लाल ऊन जार ण्सेाबके संग बछड़ओं ओर बकरोंका लोाह लेके पुस्तकहीपर २० झोर सब लोागोंपर भो छिड़का . और कहा यह उस नियमका लेोह हे जिसे इृश्वरने तम्हारे विषयमें आन्ना २९ करके ठहराया हे। ओर उसने तंबपर भी जार सेवाकी सब सामग्रीपर उसी राोतिसे ल्लाह छिडका । २२ जोर ब्यवस्थाके अनसार प्राय सब बस्त ल्ाहके द्वारा शरद किई जातो हैं आर बिना लोाह बहाये पापमेाचन नहों होता है। २३ सा अवश्य था कि स्वगेमेंकी बस्तुओंके प्रतिरूप इन्होंसे शूट्रु किये जायें परन्तु स्वगेमेंकी बसतु आपही २४ इन्होंसे उत्तम बलिदानोंसे शुद्ध किईं जायें। क्ये|कि खो पृने हाथके बनाये हुए पविच स्पानमें जो सच्चेका टष्वान्त है प्रवेश नहीं किया परन्तु स्वगेहीमें प्रवेश किया कि हमारे २५ लिये अब इंश्वरके सन्‍मख दिखाई देवे . पर इसलिये नहों कि जैसा समहायाजक बरस बरस ट्सरेका ल्ोाह लिये हुए पवित्र स्थानमे प्रवेश करता हे तेसा वह २६ अपनेके बारबार चढ़ावे . नहों तो जगतकी उत्पत्तिसे लेके उसके बहुत बेर दुःख भेगना पड़ता . परन्‍्त अब जगतके अन्तमें वह एक बेर अपनेही बलिदानके द्वारा २७० पापको टूर करनेके लिये प्रगट हुआ है। और जैसे मनुष्योंके लिये एक बेर मरना और उसके पीछे बिचार ६५७० इब्रियेंकेा । (१० पब्खे । ठहराया हुआ है . वेसेही खीपृ बहुतांके पापेंके उठा २८ लनेके लगे एक बर चढ़ाया गया आर जा ल्ाग उसकी बाट जाहते हैं उनके चाणके लिये टूसरो बेर बिना पापसे दिखाई देगा । १० ट्सवां पब्बे । १ योशहीका प्रायश्चित्त सुफल है घम्मेपुस्तकसे इस बातके श्नेक प्रमाण | १९ इन बालेंके कारण स्थिरताक्ा उप्र्देश । २६ प्रांतत छोनेका भयंकर फल । ३२ दइक्नियेंकेा झाठस देना । ब्यवस्थामें ता होनेहार उत्तम विषयांकी परछाई माच है पर उन विषयोंका स्वरूप नहीं इसलिये वह बरस बरस णकहों प्रकारके बल्लिटानांके सदा चढ़ाये जानेसे कभी उन्हें जे निकट आते हैं सिट्रु नहीं कर सकती है। नहीं ते क्या उन्हेंका चढ़ाया जाना बन्द न हो जाता इस कारण कि सेवा करनेहारोंका जे। एक बेर श॒ट्ु किये गये थे फिर पापी हानेका कुछ बाध न रहता । पर इन्हेंमें बरस बरस पापोंका स्मरण हुआ करता है। क्योंकि अन्हाना है कि बैल्नों ख्लार बकरोंका लाह पाषोंकेा टूर करे । इस कारण ख्रोष जगतमे आते हुए कहता हैं तने बलिदान ओर चढावेका न चाहा परन्त मेरे लिये देह सिट्ठु किया। तू हामेंसे ओर पाप निमित्तके बलियोंसे प्रसन्न न हुआ । तब मेने कहा देख में आता हं धम्मेपस्तकर्में मेरे विषयमें ल्लिखा भी है जिस्त हे इंश्वर तेरों इच्छा प्रो करू । ऊपर उसने कहा है बल्लिदान और चढावेकेा ओर होमी और पाप निमित्तके बलियेंका तूने न चाहा ओर न उनसे प्रसन्न हुआ अथात उनसे जो व्यवस्थाके अनुसार चढ़ाये जाते ७ १० प्रब्ब।] इक्रियांका । ६9०१ € हें।तब कहा है देख में ञझाता हूं जिस्त हे इंश्वर तेरी इच्छा पूरो करू . वह पहिलेकेा उठा देता है इसलिये १० कि टूसरेकेा स्थापन करे । उसो इच्छाके अनुसार हम ल्लाग योश ख्रीपृके देहके एकही बेर चढ़ाये जानेके द्वारा पवित्र किये गये हैं । ११ और हर एक याजक खड़ा होके प्रतिदिन सेवकाई करता है और एकही प्रकारके बलिदानोंकीा जे। पापोंका १९२ कभी मिटा नहीं सकते हैं बारंबार चढ़ाता है। परन्तु वह तो पापेंके लिये एकही बलिदान चढ़ाके इंश्वरके १३ दहिने हाथ सदा बेठ गया . और अबसे जबत्नों उसके शचु उसके चरणोंकी पोढी न बनाये जायें तबलों १४ बाट जाहता रहता है । क्योंकि एकहों चढावेसे उसने उन्हें जे पविच किये जाते हैं सदा सिट्दु किया है। १५ और पविच आत्मा भी हमें साथी देता है क्योंकि १६ उसने पहितल्ले कहा था . यही नियम है जो में उन दिनेंके पीछे उनके संग बांधूंगा परमेश्वर कहता है में अपनी ब्यवस्थाका उनके हटयमें डालंगा ओर उसे १७ उनके मनमें लिखंगा . [तब पीछे कहा] में उनके पापषोंके और उनके ऋकम्मांके फ़िर कभी स्मरण ९८ करूंगा । पर जहां इनका मसेाचन हुआ तहां फिर प्राषपोंके लिये चढ़ावा न रहा । १६९ सी हे भाइये जब कि यीशुके लाहके द्वारासे हमें २० परविच स्थानमें प्रवेश करनेके साहस मिलता है . और ० बा बा हमारे लिये परदेमेंसे क्षषात उसके शरी रमेंसे नया खेर ६०२ इन्नियोंका । (१ 0 प्व्खे |। जीवता मागे हे जा उसने हमारे लिये स्थापन किया . आर हमारा महायाजक है जो इश्वरके घरका अध्यक्ष २१ है. तो आओ बुरे मनसे शुट्द हानेके हृद्यपर छिड़- २२ काव किये हुए और देह श्र जलसे नहतल्वाये हुए हम त्लाग बिश्वासके निश्चयके साथ सच्चे मनसे निकट आवें . और आशाके अंगीकारके टूढ़ कर थांभ रखें २३ क्येंकि जिसने प्रतिज्ञा किईं है वह बिश्वासयोग्य है. और प्रेम ओ सुकम्मांमें उस्कानेके लिये एक टूसरेकी २४ चिन्ता किया करें . और जेसे कितनोंकी रीति हे तेसे २४ आपसमें एकट्रे होना न छोड़ें परन्तु एक टूसरेका सममावे . झेर जितने भर उस दिनकेा निकट जाते देखा उतने अधिक करके यह किया करो। क्यांकि जे हम सत्यका ज्ञान प्राप्त करनेके पीछे २६ जान बूकके पाप किया करें तो पापोंके लिये फिर कोई बलिदान नहीं . परन्तु दंडका भयंकर बाट जाहना २७ आर बिरेोधियेंकेा भधश्षण करनेवाली जझागका ज्वलन रह गया । जिसने मूसाकी ब्यवस्थाका तुच्छ जाना है २८ काई हो वह दा अथवा तीन साशष्चथियोंकी साशथ्वीपर दयासे बज्नित होके मर जाता है | तो क्या समभते २८ हो कितने और भी भारी दंडके योग्य वह गिना जायगा जिसने इंश्वरके पुच्रका पांवों तले रोंदा है और नियम- के लाहका जिससे वह पविच किया गया था अपविच जाना है और अनुग्रहके आत्माका अपमान किया है। ब्यांकि हम उसे जानते हैं जिसने कहा कि पत्नटा ३० लेना मेरा काम है परमेश्वर कहता है में प्रतिफल देऊंगा | मर: 6 ००. ११ पब्ले ।] इब्रियेंका । ६9०३ लौर फिर कि परमेश्वर अपने ल्लागोंका बिचार ३१ करेगा । जीवते इेश्वरके हाथोंमें पड़ना भयंकर बात है। ३२ परन्तु अगले दिनोंका स्मरण करो जिनमें तुम ३३ ज्याति पाके दुःखेंके बड़े युटुर्में स्थिर रहे . कुछ यह कि निन्‍्दाओं ओर क्लेशेंस तुम ल्लीलाके ऐेसे बनाये जाते थे कुछ यह कि जिनके इस रोतिसे दिन कटते थे ३४ उनके संग तुम भागी हुए । क्योंकि तुम मेरे बंधनोंके टुःखमें भी दुःखी हुए आ_औऔर यह जानके कि स्वगेमें हमारे लिये अधु आर अध्यय सम्पत्ति हे तुमने अपनी ३५ सम्पत्तिका लूटा जाना आनन्दसे ग्रहण किया। सो अपने साहसकेा जिसका बड़ा प्रतिफल होता है मत ३६ त्याग देओ । क्यांकि तुम्हें स्थिरताका प्रयोजन है इस- लिये कि इंश्वरको इच्छा पूरी करके तुम प्रतिज्ञाका ३० फल्न पावा । व्यांकि थाड़ी ऐसी बेरमें वह जे आने- इं८ वाला है आवेगा झ्र बिलम्ब न करेगा। बिश्वाससे धर्म्मी जन जीयेगा परन्तु जे वह हट जाय तो मेरा ३८ मन उससे प्रसन्न नहीं । पर हम ल्लाग हट जानेवाल्े नहीं हैं जिससे बिनाश होता परन्तु बिश्वास करने- हारे हैं जिससे आझात्माकी रश्या होगी । ११९ ण्ग्यारहवां पब्बे । १ बरष्वासका लक्षण ओर हाबल इनाकऋ नह इतल्राहीम आदि बिश्वासियोक वृत्तान्तससे उसके अनेक उदाहरण । | १५ बिश्वास जिन बातोंकी आशा रखी जाती उन .. बातोंका निश्चय और अनदेखी बातोंका प्रमाण है। इसी के विषययमें प्राचीन ल्लाग सुख्यात हुए। बिश्वास- 68 रे _ झ्"डे ६७४ इब्नियेंका | [११ प्रब्चे । से हम बूकते हैं कि सारा जगत इेश्वरके बचनसे रचा गया यहांलोां कि जो देखा जाता है से उससे जो दिखाई देता है नहीं बनाया गया है । विश्वाससे हाबिलने इंश्वरके आगे काइनसे बड़ा बलिदान चढ़ाया ओर उसके ट्वारा उसपर साश्यी दिईं गई कि धर्म्मी जन है क्योंकि इेश्वरने आपहो उसके चढ़ाबांपर साश्शी दिईदे और उसीके द्वारा वह मूएपर भी अबलों बालता है। बिश्वाससे हनेक उठा लिया गया कि मृत्युका न देखे जआौर नहीं मिला क्योंकि इंश्वरने उसके उठा लिया था क्योंकि उसपर साश्शी दिई गई है कि उठा लिये जानेके पहिल्ले उसने इंश्वरको प्रसन्न किया था। परन्तु बिश्वास बिना उसे प्रसन्न करना असाध्य हे क्योंकि अवश्य है कि जो इश्वरके पास आवे से! बिश्वास करे कि वह है ओर कि वह उन्हें जा उसे ढूंढ लेते हैं प्रतिफल देनेहारा है । बिश्वाससे नह जे बातें उस समयमें देख नहों पड़ती थीं उनके विषयमें इेश्वरसे चिताया जाके डर गया जोर अपने घरानेकी रक्षाके लिये जहाज बनाया और डसके द्वारासे उसने संसार- के दोषी ठहराया और उस धम्मेंका अधिकारी हुआ जो बिश्वाससे होता है । बिश्वाससे इब्राहोीम जब बुलाया गया तब आज्ञा- कारो होके निकला कि उस स्थानका जाय जिसे वह अधिकारके लिये पानेपर था और में किधर जाता हूं यह न जानके निकल चतल्ला। बिश्वाससे वह प्रतिज्ञाके देशम जेसे पराये देशमें बिदेशी रहा और इसहाक ११९ पब्बे।] इंब्रियोंका । ६७४ और याकूबके साथ जो उसो प्रतिज्ञाके संगी अधिकारी १० थे तम्बुओंमें बास किया । क्यांकि वह उस नगरकी बाट जाहता था जिसको नेवें हैं जिसका रचनेहारा ११ और बनानेहारा इेश्वर है। बिश्वाससे सारःने भी गर्भ धारण करनेकी शक्ति पाई जौर बयसके ब्यतीत हानेपर भी बालक जनो क्योंकि उसने उसके जिसने १२ प्रतिज्ञा किए थी बिश्वासयाोग्य समझा । इस कारण एकही जनसे जो मृतकसा भी हो गया था लोाग इतने जन्मे जितने आकाशशके तारे हैं और जैसे समुद्रके तीर- १३ परका बाल जो अगणित है। ये सब विश्वासहीमें मरे कि उन्होंने प्रांतज्ञाओंका फल नहीं पाया परन्त उसे टूरसे देखा ओर निश्चय कर ल्निया और प्रणाम किया और मान ल्निया कि हम पृथिवीपर ऊपरी और पर- १४ देशी हैं । क्यांकि जो लोग णेसी बातें कहते हैं से। प्रगट १४ करते हैं कि देश ढूंढ़ते हैं। आर जो वे उस देशकोा जिससे निकल आये थे स्मरण करते तो उन्हें लोाट १६ जानेका अवसर मिलता । पर अब वे और उत्तम अथोात स्वर्गीय देश पहुंचनेकी चेष्रा करते हैं इसलिये इंशबर उनका इंश्वर कहलानेमे उनसे लजाता नहीं क्योंकि उसने उनके लिये नगर तैयार किया है। १७ विश्वाससे इब्बाहोमने जब उसको परीक्षा लिईदे गई तब १८ इसहाकके चढ़ाया । जिसने प्रतिज्ञाओंकेा पाया था जौर जिसके कहा गया था कि इसहाकसे जे है सा तेरा बंश कहावेगा साई अपने एकल्ता तेकेा चढाता था। १८ क्योंकि उसने बिचार किया कि इंश्वर मृतकोंमेसे भी ६ृष्द् इब्रियेंका । [११ पब्ले। उठा सकता है जिनमेंसे उसने टूप्नान्तर्मं उसे पाया भी। बिश्वाससे इसहाकने याकूब और ण्साके आनेवाल्नो २० बातोंके विषयमें आशीस दिई | बिश्वाससे याकूबने २१ जब वह मरनेपर था यूसफके दोनों पुचोंमिंसे एक एककेा आशीस दिई और अपनी लाटीके सिरेपर उठंगके प्रणाम किया । बिश्वाससे यूसफ़ने जब वह मरनेपर २२ था इस्रायेलके सन्‍्तानांकी याच्राका चचो किया और अपनी हड़ियोंके विषयमें आज्ञा किई । बिश्वाससे मूसा जब उत्पन्न हुआ तब उसके माता २३ पिताने उसे तीन मास छिपा रखा क्योंकि उन्हेंने देखा कि बालक सुन्दर है और वे राजाकी आज्ञासे न डरे । बिश्वाससे मूसा जब सयाना हुआ तब फिर- २४ ऊनकी बेटीका पुच्च कहलानेसे मुकर गया। क्येंकि उसने २४ पापका अनित्य सुखभेग भेगना नहीं परन्तु देश्वरके ल्लागांके संग टुःखित होना चुन लिया । और उसने २६ ख्रीपके कारण निन्दित होना मिसरमेंकी सम्पत्तिसे बड़ा धन समकका क्योंकि उसकी टूप्नि प्रतिफलकी ओर ल्वगी रही । बिश्वाससे वह मिसरके छोड़ गया और २७ राजाके क्राधसे नहों डरा क्योंकि वह जैसा अट्श्यपर टूष्चि करता हुआ टूढ़ रहा। बिश्वाससे उसने निस्तार २८ पब्बेका और लाहू छिड़कनेकी विधिका माना श्सा न हा कि पहिलोठोंका नाश करनेहारा इस्रायेली त्तागांका छूवे । बिश्वाससे वे लाल समुद्रके पार जैसे २८ सूखा भूमिपर होके उतरे जिसके पार उतरनेका यत्र करनेमें मिसरो ल्लाग डूब गये । बिश्वाससे यिरीहेाकी ३० ११ पव्ले ।] इब्रियांकेा । ६५७ भीतें जब सात दिन घेरी गईं थीं तब गिर पड़ीं। ३१ बिश्वाससे राहब बेश्या अबविश्वासियोंके संग नप्त न हुईं इसलिये कि भेदियोंके कुशलसे यहण किया। ३२ आर में आगे क्या कहूं . क्योंकि गिदियोनका और बाराक औ शमशोनका और यिप्ताहका और दाऊद कल शमुए्लका और भविष्यट्रक्ताओंका बणेन करनेकेा ३३ मुझे समय न मिलेगा। इन्होंने बिश्वासके द्वारा -: ४55 बुजजिको पि अप 540८ (4 राज्योंकेा जीत लिया धम्मेका काय्य किया प्रतिज्ञाओंकेा ३४ प्राप्त किया सिंहोंके मुंह बन्द किये . अग्रिकी शक्ति निवृत्त किईं खड़को धारसे बच निकले टुब्लेलतासे बलवन्त किये गये युहुमें प्रबल हा गये और परायेंकी ३४ सेनाओंकेा हटाया। स्त्ियांने पुनरुत्यानके ट्वारासे अपने मृतकांकेा फिर पाया पर और ल्लाोग मार खाते खाते मर गये जऔ_र उट्ठार ग्रहण न किया इसलिये ३६ कि ओर उत्तम पुनरुत्यानका पहुंचे । टूसरोंकोा उट्ठों और कोड़ोंकी हां और भी बन्धनोंकी और बन्दीगृहकी ३७ परीक्षा हुईं | वे पत्थरवाह किये गये वे आरेसे चीरे गये उनकी परीक्षा किई गई वे खड़से मारे गये वे कंगाल ._ जो क्कशित औ टुःखी हा भेड़ोंकी और बकरियोंको खाल इं८ ओढ़े हुए इधर उधर फिरते रहे . और जंगलों जे .य॒ब्ेतों जो गुफाओंसें ओ पृथिवीके ट्रारोंमें भरमते फिरे . | ३८ संसार उनके योग्य न था। और इन सभोंने बिश्वासके (४० द्वारा सुख्यात होके प्रतिज्ञाका फल नहीं पाया। क्योंकि .._ इे्रने हमारे लिये किसी उत्तम बातकी तैयारी किई । इसलिये कि वे हमारे बिना सिट्दठु न होवें। 43 ५0 | + छः १९२ बारहवा पब्ब ॥ १ वक्त विश्ञासिपेंके कारण और खिश्वासके कत्ता योशके कारण घम्मेको दौड़ दै।डनेका उपदेश । ४ ताड़नाऋक विषयम उपदेश ओर शांत्रि । १९ दछता ओर ० की पवित्रताक्ता उपदेश । १८ सोनई ओर सियेान पब्लेतेंके दष्टान्‍्सस नये नियमको ऑप्यताक्ा बणेन । २४७ इश्वारके बचनसे अचेत हेानेके विषयमसे चितावनो । इस कारण हम ल्लाग भी जब कि साश्षियोंके णेसे बड़े मेघसे घेरे हुए हैं हर णक बाकका और पापकोा जा हमें सहजही उतल्नकाता है टर करके वह दौड़ जा हमारे आगे धरी है धीरजसे दोड़ें . जऔैर बिश्वासके कत्ता और सिटु करनेहारेकी अथेात यीशकी ओर ताके जिसने उस आनन्दके लिये जो उसके आगे धरा था क्रशके सह लिया जआर लज्जाका तच्छ जाना और इंश्वरके सिंहासनके टहिने हाथ जा बेठा है । उसके सेचे जिसने अपने बिरुटु पापियांका इतना बिबाद सह त्िया जिस्त तुम थक न जावा ओर अपने अपने मनका साहस न छोड़ो। अबत्नां तम्हांने पापसे लड़ते हुए लाह बहानेतक साम्हना नहीं किया है। जआऔ_ और तम उस उपदेशको भव गये हो जो तुमसे जसे पुत्रोंसे बातें करता हे कि है मेरे पुत्र परमेश्वरकी ताइनाका हलकी बात मत जान जर जब वह तुरे डांटे तब साहस मत छोड़ । क्योंकि परमेश्वर जिसे प्यार करता है उसको ताइना करता है ज्लार हर एक पच्रकेा जिसे ग्रहण करता है कोड़े मारता है । जे तम ताहना सह लेकओ तो इंश्वर तमसे जेसे प््चोंसे व्यवहार करता है क्यांकि कानसा पच है जिसकी ताड़ना पिता नहीं करता है। परन्त इब्रियांका । [१२ पब्जे । १२ पब्बे ।] इब्रियोंके । ६०६ यदि ताड़ना जिसके भागी सब कोई हुए हैं तुमपर नहों होती ते तुम पुच् नहों परन्तु व्यभिचारके सन्‍्तान € हा । फिर हमारे देहके पिता भी हमारी ताइना किया करते थे ञलर हम उनका झाटर करते थे क्या हम बहुत अधिक करके आत्माओंके पिताके अधोन न १० होंगे और जोयेंगे। क्येंकि वे तो थोड़े दिनके लिये जैसे अच्छा जानते ये तैसे ताड़ना करते थे परन्‍्त यह ता हमारे लाभके निमित्त करता हे इसलिये कि हम उसंकी पविचताके भागी होवें। काई ताड़ना बत्तमान समयमें आनन्‍दकी बात नहों देख पड़ती है परन्तु शेाककी बात तैभी पीछे वह उन्हें जे उसके द्वारा साथधे गये हैं धम्मेका शांतिदाई फल देती है । १२. इसलिये अबतल हाथोंका और निश्वेल घुटनोंका १३ दृढ़ करे । और अपने पांवोंके लिये सीधे मागे बना- ओर कि जो लंगड़ा है से बहकाया न जाय परन्तु और १४ भो चंगा किया जाय । सभेंके संग मिलापको चेप्रा करे और पविचताकी जिस बिना कोई प्रभुका न १५ देखेगा । और देख लेओ णसा न हा कि कोई इंश्वरके अनुम्रहसे रहित हाय अथवा काई कड़वाहटकों जड़ 8 ब- ००० न रे ० . उगे और क्लेश देवे आर उसके द्वारासे बहुत लोग १६ अश॒टु हावें । ऐसा न हो कि काई जन ब्यभिचारी वा ण्साकी नाई अपविच होय जिसने एक बेरके भे जन पर १७ अपने पहिल्नाठेपनका बेच डाला। क्योंकि तुम जानते हा कि जब वह पीछे आशीस पानेकी इच्छा करता भी था तब अयोग्य गिना गया ब्यांकि यद्यपि उसने १ श्य्ो का द्‌च0 इब्नियांका । [१४ पब्बे । रो रोके उसे ढूंढा ताभी पश्चात्तापकी जगह न पाई। तुम तो उस पश्लेतके पास नहीं आये हो जो छूआ १८ जाता जैौर आगसे जतल्न उठा ओर न घार मेघ जार अंधकार और आंधीके पास . और न तुरहीके ध्वनि ९८ आर बातेांके शब्दके पास जिसके सुननेहारोंने बिन्ती किदे कि और कुछ भो बात हमसे न किई जाय । क्योंकि वे उस आज्ञाका नहीं सह सकते थे कि यदि २० पश भी पत्लेतका छवे तो पत्यरवाह किया जायगा अथवा बरछींसे बेधा जायगा | और वह दर्शन ऐसा २१९ भयंकर था कि मसा बाला में बहत भयमान जे कम्पित हं। परन्‍त तम सियान पब्बंतके पास ओर जोवते इंश्वरके २२ नगर स्वर्गीय यिरुशलीमके पास जाये हो . और २३ सस्‍्वगेट्तांकी सभाके पास जो सहसेीं हैं आर पहिलोठों- को मंडलीके पास जिनके नाम स्वगेमें लिखे हुए हैं ओर इंश्वरके पास जे सभोंका बिचारकत्ता हे ओर सिट्ु किये हुए धम्मियोंके आत्माओंके पास . और २४ नये नियमके मध्यस्थ योशुके पास और छिड़कावके ल्ाहके पास जे हाबिलसे अच्छी बातें बालता ह्लै। देखे बालनेहारेसे मुंह मत फेरा क्यांकि यदि वे २४ त्लाग जब पृथिवीपर आज्ञा देनेहारेसे मुंह फेरा तब नहीं बचे तो बहत अधिक करके हम ल्लाग जो स्वगंसे बालने- हारेसे फिर जावें ता नहों बचंगे । उसके शब्दने तब २६ पथिवीका डुलाया परन्तु अब उसने प्रतिज्ञा किईं है कि फिर एक बेर में केवल पृथिवीके नहीं परन्तु आकाश- के भी डुल्लाऊंगा । यह बात कि फ़िर एक बेर यही २७ १३ पब्बे ।] इब्रियोंका । द्वप्प (2. ५20 प्रगट करतोी है कि जो बस्त इडुलाई जाती हैं से रुजी हुई बस्तुओंकी नाईं बदली जायेंगीं इसलिये कि #*८ जो बस्त॒ डुलाई नहीं जातों से बनो रहें। इस कारण हम लाग जो न डेोलनेवातला राज्य पाते हैं अनुग्रह धारण करें जिसके ट्रारा हम सनन्‍्मान और भक्ति सहित ४< इंश्वरकी सेवा उसको प्रसन्नताके याग्य करें। क्योंकि हमारा इंश्वर भस्म करनेहारी अग्यमि है। १३ लेरहवां पब्बे । १ ग्रनंक् लालताक्ना उपदश ओर प्रभ याशकर दष्टान्तस उसका दटठ करना । ३० प्रा्थना आ नमस्कार साहत पतन्नाक्ता सम्राप्तम | २. आचीय प्रेम बना रहे । अतिथिसेवाका मत भूत्व जाओ क्यांकि इसके द्वारा कितनोंने बिन जाने स्वगे- ३ टूतांको पहुनई किई है। बन्धुओंका जेसे कि उनके संग बंधे हुए होते ओर दुःखित लोागोंकोा जैसे कि ४ जाप भी शरोरमे रहते हा स्मरण करो । बिवाह सभोंसें आटरयोग्य और बिछेना शच्ि रहे परन्त इंश्वर ब्यभिचारियों ओर परस्वोगामियोंका विचार ४ करेगा । तुम्हारो रोति व्यवहार लाभ रहित हावे ओर जा तुम्हारे पास है उससे सन्‍्तुष्ठ रहा क्योंकि उसीने कहा है में तके कभी नहीं छोाइंगा और न कभी तर ६ त्यागगा . यहाला ॥क हम ढाढ़्स बाधके कहते ह कक परमेश्वर मेरा सहायक हे और में नहीं डरूंगा . सनष्य ७ मेरा क्या करेगा । अपने प्रधानोंके जिन्‍्हेंने इंश्वरका 'बचन तुमसे कहा है स्मरण करे ओर ध्यानसे उनकी चाल चलनका अन्त टेखकओ_ उनके विश्वा सके अनुगा- 66 & ८२ इब्रिय्ांकेा । [१३ पब्ले । सी होओ । यीश खोीघ कल और जझ्ञाज और सब्बेंदा एकसां है। नाना प्रकारकी झैर ऊपरी शिक्षाओंसे मत भरमाये जाओ क्योंकि अच्छा है कि मन अनुग्रहसे टूढ़ किया जाय खानेकी बस्त॒ुओंसे नहीं जिनसे उन तागांकेा जे उनको विधिपर चत्ने कछ ल्लाभ नहॉं हुआ । हमारो एक बेदी हे जिससे खानेका अधिकार उन लोागोंका नहों हे जे तम्बमंको सेवा करते है । क्योंकि जिन पशुओंका लेाह महायाजक पापके निमित्त पविच स्थानमे ले जाता है उनके देह छावनोके बाहर जलाये जाते हैं । इस कारण योशुने भी इसलिये कि ल्लागांके अपनेही लाहके द्वारा पविच करे फाटकके बाहर टःख भागा । से हम लेग उसकी निन्‍दा सहते हुए छावनीके बाहर उस पास निकल जावें। क्यांकि यहां हमारा काई उठहरनेहारा नगर नहीं है परन्त हम उस हेनेहार नगरकोा ढुंढ़ते हैं । इसलिये योशुके द्वारा हम सदा इंश्वरके आगे स्तुतिका बलिदान चअथात उसके नासमका धन्य माननेहारे होंठोंका फल चढ़ाया करें । परन्तु भलाई और सहायता करनेकोा मत भूल जाओ क्योंकि इेश्वर ऐसे बलिदानेंसे प्रसन्न होता है। अपने प्रधानोांकेा माना झऔ ओर उनके अधीन हाओ क्यांकि वे जैसे कि लेखा देंगे तैसे तुम्हारे प्रा- णोंके लिये चाकी देते हैं इसलिये कि वे इसके ज्ा- ननन्‍्दसे करें ओर कहर कहरके नहीं क्येंकि यह तुम्हारे लिये निष्फल है। हमारे लिये प्रार्थेना करो क्योंकि हम भरोसा रखते है के हमारा अच्छा बिबेक है झर हम १७ १९ १९२ १३ १४ १५ १६ १७ १३ प्ले ।] इब्रियोंका । दर्जे १८ लोग समभोंमें अच्छी चात्त चला चाहते हैं। और में बहुत अधिक बिन्‍्ती करता हूं कि यहों करो इसलिये कि में ओर भी शीघ्र तुम्हें फेर दिया जाऊं । २० शांतिका इंश्वर जिसने हमारे प्रभु योशुका जा सनातन नियमका लेह लिये हुए भेड़ोंका बड़ा गड़ेरिया २९ है मृतकोंमेंसे उठाया . तुम्हें हर ण्क अच्छे कम्ममें सिट्ठ करे कि उसकी इच्छापर चत्ना और जे। उसके भावता है उसे तुम्हेंमें यीशु ख्रीप्रके द्वारा उत्पन्न करे जिसका २२ गुणानुबाद सदा स्लेदा होवे . आमोन । ओर हे “230 जा कक: ५ भाइया मे तृमस बनता करता हू उपदंशका बचन सह लेओ क्येंकि मैंने संझ्षेपले तुम्हारे पास लिखा है। २३ यह जाना कि भाई तिमेथिय छूट गया है . जो वह में तुम्हें देखूंगा । अपने सब प्रधानाोंके झैर सब पविच लोगोंकेा नमस्कार करो . इतलियाके जे। लोग हैं उनका तुमसे नमस्कार । ७... २४ शोपघ्र आवे ते उसके संग में तु २४५ अनुगह तम सभोंके संग हावे । आमीन ॥ याकूब प्ररितकी पत्नी । १ पहिला पब्बे । १ पत्रोका आभाष । ३ परोक्षाक मल ओर फलका नणय ओर प्राथेनाकी विधि ओर चंचल धनका बर्णेन | १६ इंश्वारका दातुत्व ओर उसके बचनपर स्थिरतासे चलनेका उपदंश । याकब जे इंश्वरका ओर प्रभु योश खरीप्रका दास है बारहा कल्ाआ जा [ततर बतर रहते ह . झाननन्‍्द हे मेरे भाइयो जब तम नाना प्रकारको परोश्ञा- में पड़ो उसे सल्ले आनन्द समझी . क्योंकि जानते कि तम्हारे बिश्वासके परखे जानेसे धीरज उत्तपन्न 7 है । परन्‍त धीरजका काम सिट्ठु हावे जिस्त तम हाय ते इंश्वरसे मांगे जा समभोंका उदारतासे देता है जार उल्लहना नहों देता ओर उसके दिई जायगी। परन्‍त बिश्वाससे मांगे ओर कछ सन्‍्ट्ह न रखे क्याोक जा सनन्‍्देह रखता है सो समद॒रको लहरके समान हे जे) बयारसे चलाई जाती ओर इलाई जातो हे । वह मनृष्य न सम कि में प्रभुसे कुछ पाऊंगा। दुचित्ता मनष्य अपने सब मागोंमें चंचल हे। दोन भाई अपने ऊंचे पट्पर बड़ाई करे | परन्तु धनवान अपने नीचे पटपर बड़ाई करता है क्यांकि बह घासके फूलकी नाई जाता रहेगा ! क्योंकि सूय्ये ज्येंहो घाम सहित ११ १ पब्ले ।] याकूब । द्वुष्पु उदय होता त्यां घासकेा सुखाता है और उसका फूल झड़ जाता है जर उसके रूपकी शेभा नप् होती है. १२ वैसेही धनवान भी अपने पयहीमें मुरझायगा । जो मनुष्य परीक्षामें स्थिर रहता है से धन्य है क्योंकि वह खरा निकलके जीवनका म॒क॒ट पावेगा जिसको प्रतिज्ञा प्रभुने उन्हें जे उसके प्यार करते हैं दिईँ है। १३ काई जन परोछ्षित होनेपर यह नल कहे कि इंश्वरसे मेरो परोश्या किई जाती हे क्येंकि इश्वर बरो बातोंसे परोश्चित होता नहीं जर वह किसीको वेसी षरोश्ा १४ नहीं करता हैं। परनन्‍त हर काई जब अपनीहोी जअभिलाषासे खोंचा ओर फसलाया जाता हे तब १४ परोक्षारमं पड़ता हैे। फिर अभिलज्ञाषाकेा जब गर्भ रहता है तब वह कुक्रिया जनती है और कुक्रिया जब समाप्त हाती तब मृत्यका उत्पन्न करती है । है मेरे प्यारे भाइये घेखा मत खाओ । हर एक अच्छा दानकम्मे और हर एक सिटु दान ऊपरसे उतर- ता है अथात ज्यातियोंके पितासे जिसमें न अदल १८ बटल्ल न फ्रेर फारकी छाया है। अपनी ही इच्छासे उसने हमें सत्यताओे बचनके ट्वारा उत्पन्न किया इसलिये कि हम उसको झजोी हुई बस्तओंके पहिले फलके ऐसे होवें। १6 से हे मेरे प्यारे भाइये हर एक मनुष्य सुननेके लिये शीघ्रता करे पर बालनेमें बिल्लम्ब करे ओऔ क्रोाधमें २० बिल्म्ब करे । व्यांकि मनुष्यका क्रोध इश्वरके धम्मेका | २९ नहीं निबाहता है । इस कारण सब अजशुट्रताके ओर बैरभावकी अधिकाईकेो टूर करके नम्नतासे उस रोपे हुए ८ दवष्द्ध याकूब । [२ पब्ले । बचनके ग्रहण करे जो तुम्हारे प्राणेंके बचा सकता है | परन्तु बचनपर चलनेहारे हाओ और केवल २२ सुननेहारे नहीं जे अपनेके घेखा देओ | क्योंकि यदि २३ काई बचनका सुननेहारा है ओर उसपर चलनेहारा नहीं ते वह एक मनुष्यके समान है जे अपना स्वा- भाविक सुंह दर्षणमें देखता है । क्योंकि वह अपनेका ५७५४ २७४ ६ दे ज्यांही देखता त्यों चलना जाता और तुरन्त भूल जाता है कि में कैसा था । परन्तु जो जन सिदट्दु ब्यवस्पाका जे निबेन्धताकी हैं कुक कुकके देखता है और ठहर जाता है वह जो ऐेसा सुननेहारा नहीं कि भूल जाय परन्तु काय्ये करनेहारा है तो वही अपनो करणोमें धन्य होगा । यदि तुम्होंमें कोई जे अपनी जीभपर १५ ब्ग कु रस खत 2 बाग नहीं लगाता है परन्तु अपने मनके धेखा देता है अपनेकेा धम्माचारो समरता है ता इसका धम्मा- चार ब्यथे है । इेश्वर पिताके यहां श॒द् और निर्मल घम्माचार यह है अथात माता पिताहीन लड़कोंके और बिधवाओंके क्लेशमें उनकी सृध त्लेना और अपने तह संसारसे निष्कलंक रखना । २ टूसरा पब्बे । ० >> 8 2. का, अष्डू १ पक्तपातका निषेध और ठ्यवस्याके पालन ओर लंघनका भेद । १४ सकम्माँसे बिश्वासको सच्चा इका प्रमाण हाना ओर इत़्ाहीम ओर राहबरक बिश्वासका दुष्ट्रान्त। है मेरे भाइया हमारे तेजेसय प्रभु यीश खीपृके बि- श्वासमें पश्चषणात मत किया करो | क्यांकि यदि एक पुरुष सानेके छल्ले और भड़कीला बस्त पहिने हुए तुम्हारी सभामें आवे और एक कंगाल मनुष्य भी मैल्ला बस्तर रद ब्श्छ छ्ट . 2२ प्रब्बे ।॥] याक्रब । द्वए७ ३ पाहन हुए आवबे . ओर तुम उस भड़की ला बस्तर पहिने हुएपर ट्रांप्र करके उससे कहे आप यहां अच्छी रीतिसे बेठिये और उस कंगालसे कहे त वहां खड़ा रह अथवा यहां मरे पांवोंको पीढ़ीके नीचे बैठ . ता क्या तमने अपने मनमे भेद न माना और कबिचारसे न्याय करने- हार न हुए हे मेरे प्यारे भाइये। सने क्या इश्वरने इस जगतके कंगालोांका नहीं चना है कि बिश्वासमें घना झार उस राज्यके अधिकारी होवें जिसकी प्रांतज्ञा ६ उसने उन्हें जे उसको प्यार करते हैं दिई है। परन्त तुमने उस कंगाल्का अपमान किया . क्या धनी त्ताग तुम्ह नहां पेरते हैं ओर क्या वेही तम्हें बिचार झा- ७ सनाके आगे नहों खींचते हैं । जिस नामसे तम पकारे जाते हो क्या वे उस उत्तम नामकी नन्‍्दा नहां करते ८ ह। जा तुम धम्मंपस्तकके इस बचनके अनसार क तू अपने पड़ासीकेा अपने समान प्रेम कर सचमच € राजब्यवस्था परो करते हो तो अच्छा करते हा। परन्त जे तुम पश्चपात करते हा ता पापकम्म करते हो और १० व्यवस्थास अपराधों ठहराये जाते हो। क्योंकि जो काईं सारी ब्यवस्थाके। पात्मन करे पर एक बातम चके ११ वह सब बाताके दडके योग्य हा चका । क्याक जसने कहा परस्त्रॉगमन मत कर उसने यह भी कहा कि नराहसा मत कर . सा जो त्‌ परस्त्रीगसन न करे परन्तु नरहिसा करे ता व्यवस्थाका अपराधी हा चका। १२ तुम ऐसे बाला ओर ऐसा काम करो जैसा तमकेा चाहय जनका बचार [नबेनन्‍्धताकी ब्यवस्थाक द्वारा द्वद८ याकूब । [२ पब्खे । किया जायगा । क्यांकि जिसने दया न किदँ उसका १३ बिचार बिना दयाके किया जायगा और दया न्‍्यायपर जयजयकार करती है । हे मेरे भाइये यदि कोई कहे मुकछे बिश्वास है पर ९४ कम्मे उससे नहीं हावें तो क्या लाभ है . क्या उस बिश्वाससे उसका चाण हे सकता है | यदि कोई भाई ९४ बहिन नंगे हें और उन्हें प्रतिदिनके भेजनकी घटी हाय . और तममेंसे कोई उनसे कहे कुशलसे जाओ ९६ तम्हें जाहा न लगे तुम तृप्त रहा परन्तु तुम जो बस्तु देहके लिये अवश्य हैं सा उनके न देशा ता क्या त्वाभ है। वैसेही बिश्वास भी जे। कम्मे सहित न हा वे १७ ते आपही मृतक है । बरन कोई कहेगा तुके श्वास श्८ है जलर मझरसे कम्मे होते हैं तू अपने कम्म बिना अपना बिश्वास ममक्के दिखा ओर मे अपना बश्वास आअपने कम्मांसे तके दिखाऊंगा । त बश्वास करता हूं १६ कि णक ईश्वर है. त अच्छा करता है . भूत भी बिश्वास करते जौर थरथराते हैं। पर हैं नड्डीदडु २० मनष्य क्या त जानने चाहता हे कि कम्मे बिना ।बश्चास मृतक है । क्या हमारा पिता इब्राहोम जब उसने २१ अपने पच इसहाककेा बेदीपर चढ़ाया कम्मोसे घर्म्मी उहरा । त देखता है कि बिश्वास उसके कम्मांक २२ साथ कार्य्य करता था जार कम्मांसे विश्वास सिद्ध किया गया । और धम्मपसतकका यह बचन्ताक इबा- २३ हीमने इेश्वरका बिश्वास किया ओर यह उसके लय धम्समे गिना गया परा हआ ओर वह इंश्वरका मत ३ पब्ल ।] याकूब । ६ ८& २४ कहलाया | सा तम देखते हा कि मनष्य केवल बिश्वास- से नहीं परन्‍्त कम्मांसे भी धर्म्मी ठहराया जाता है । २४ वेसेही राहब बेश्या भी जब उसने टूतांकी पहुनई ई और उन्हें टसरे मार्गसे बिदा किया क्या कम्मीसे ठहरो । क्योंकि जेसा देह आत्मा बिना वैसा बिश्वास भी कम्मे बिना मृतक है । ३ तीसरा पब्बे । १ जीभके दोष और स्वतन्त्रताक्ा बर्णन। १३ सच्चे ज्ञानका बखान। १ है मेरे भाइये बहुतेरे उपदेशक मत बने क्योंकि २ जानते हो कि हम अधिक दंड पावेंगे। क्येंकि हम सब बहत बार चकते है . यदि काई बचनमें नहीं चकता है ता वही सिट्दु मनृष्य हे जा सारे देहपर भी बाग लगा- ३ नेका सामथ्य रखता है। देखे घोटोंके मंहमें हम लगाम देते है इसलिये कि वे हमें माने लैौर हम उनका सारा ४ देह फेरते हैं । देखा जहाज भी जा इतने बड़े हैं जार प्रचंड बयारोंसे उड़ाये जाते ह बहत छोटो पतवारसे जजघधर कहाँ मांकोका मन चाहता हो उधर फेरे जाते ५ ह। वेसेहो जोभ भी छोटा अंग है खार बडी गल्लफटाकी करता है . देखा थाड़ो झ्राग कितने बड़े बनके फंकती ६ है। आर यह अधम्मेका लाक अथात जीभ एक आग है हमार कझ्षगाम जाभ हे जो सारे टेहकेा कलंकी कर ने- हारा ओर भवचक्रम आग लगानेहारी उहरती है और ७ उसमें झाग लगानेहारा नरक है। क्येंकि बन पशशञओों क्षा पाछयों आर रेगनेहारे जन्तओं ओ जलचरोंकी भा हर एक जाति मनुष्य जातिके बशमें किई जाती है ७/ | २६ धर्म्म म्ृ दा पाई ६६० याक्ब । [३ पब्ले । जार किई गई है। परन्त जीमके मनुष्यामसे काई बशम नहीं कर सकता है . वह निरंकुश टुप्र है वह मारू बिषसे भरी है । उससे हम इंश्वर [प्रताका धनन्‍्यबाद करते हैं और उसीसे मनष्यांका जे। इंश्वरके समान बने हैं स्नाप देते हैं । णकही मुखसे धन्‍्यबाद ओ स्राप दाना निकलते हैं . हे मेरे भाइयेा इन बातोंका ण्ंसा हाना उचित नहीं है । क्या सेतिके एकही मुंहसे मीठा और तीता दोनों बहते हैं । क्या गूलरके वृश्षमें मेरे भाइयेा जलपाईके फल अथवा दाखकी लतामें गूलरके फल लग सकते हैं . वेसेही किसी सेतेसे खारा और मीठा दोनों प्रकारका जल नहीं निकल सकता है । तम्हेँमें ज्ञानवान ओआर बकनेहार कान है . सा अपनी अच्छी चाल चलनसे ज्ञानकों नम्गरता साहत अपने काय्ये दिखावे। परन्‍्त जे। तम अपने अपने मनम कडवी डाह और बेर रखते है। ते सच्चा ईके ।बरूहु घमड मत करो खैर कट मत बाला | यह ज्ञान ऊपर से उतर ता नहीं परन्‍्त सांसारिक आर शारोरिक और शंताना है । ब्यांकि जहां डाह ओर बेर हे तहां बखेड़ा आर हर एक बरा कम्मे होता है। परनन्‍्त जो ज्ञान ऊपरसे है सा पहिले ते पविच है फिर मिलनसार सृदुभाव झार कामल जखेार दयासे ओर अच्छे फलोास पारपूण पछ- पात रहित जार निष्कपट हैे। ओर घधम्मंका फल मेल करवैयेंसे मिल्लापमें बेया जाता है। 28-23 जन दिन ता 2 ११९ श्र १३ १४ १४ १६ १७ श्छ ४ पब्चे ।] याकूब । ६६१ १ र्‌ पर ४ चेाया पब्बे। १ ब्रेर बिरोाघध और लोभ और घमंडपर उलहना | ११ भाइयोंकीा बरे कहनेका निष्रेध । १३ अनित्य जोवनके भरोसका निषेध । तुम्हींमे लड़ाई कगड़े कहांसे होते . क्या यहांसे नहीं अथात तुम्हारे सुखाभिलाषोंसे जो तुम्हारे अंगेंमें ल्वड़ते हैं। तुम लालसा रखते हा ओर तुम्हें मिलता नहीं तम नरहिंसा और डाह करते हो और प्राप्त नहीं कर सकते तम कगड़ा ओर लड़ाई करते हो परनन्‍्त तम्ह मिलता नहों इसलिये कि तम नहों मांगते है । तुम मांगते हा और पाते नहीं इसलिये कि बुरी रीतिसे ४ मांगते हा जिस्ते अपने सुख बिलासमें उड़ा देओ। हे ६ छ > <्‌ ब्यभिचा रिया और ब्यभिचारिणिया क्या तुम नहीं जानते हा कि संसारको मिचता इंश्वरकी शचुता है . से जा काई संसा रका मित्र हुआ चाहता है वह इेश्वरका शचु ठउहरता है । अथवा क्या तुम समभते हो कि धम्मेंपुस्तक वृथा कहता है . क्या वह आत्मा जे हमेंमें बसा है यहांलां खेह करता है कि डाह भी करे। बरन वह अधिक अनुग्रह देता है इस कारण कहता है इंश्वर अभिमानियोंसे विरोध करता है परन्तु दीनें- पर अनुग्रह करता है। इसलिये इंश्वरके अधीन हाओ . शैतानका साम्हता करे ते वह तुमसे भागेगा। इंश्वरके निकट आओ तो वह तुम्हारे निकट आवेगा . है पापियो अपने हाथ श॒टहु करो ओर हे त्लागा अपने मन पविच्र करो। दुःखी होाओ और शेक करे और रोओ . तुम्हारो हंसी शेक हा जाय द्६२ याक्रब । [४ पब्ले । ज्ैौर तम्हारा आानन्द उदासी बने । प्रभके सन्‍्मख दीन बने ते वह तम्ह ऊंचे करेगा । है भाइया एक टसरेपर अपबाद मत लगाओ . १० ११ जा भाईपर अपबाद लगाता झा र अपन भाइका बचार_ करता है से ब्यवस्थापर अपबाद लगाता आर ब्यवस्पा- का बिचार करता है . परन्त जे त्‌ ब्यवस्थाका बिचार करता है ता त ब्यवस्थापर चलनेहारा नहों परन्त बिचारकत्तो हे । णक ब्यवस्यथाकारक ओर बिचारकरत्तोा है ञ्थात वही जिसे बचाने खेर नाश करनेका सामथ्य हैं, त कान है जा हसरंका बचार करता ह । ज्ब आओ तम जो कहते हो कि आज वा कल हम उस नगरमें जायेंगे त्लार वहां एक बरस बितावगे ज्लौर लेन देन कर कमावेंगे । पर तम ता कलका बात नहीं जानते हो ब्यांकि तम्हारा जीवन केसा है . वह भाफ है जा थाड़ो बेर दिखाई देती है फिर लाप हा। जाती है। इसके बदले तम्हे यह कहना था कि प्रभ चाहे ता हम जोयेंगे आर यह अथवा वह करेगे। पर अब तम अपनी गलफ़टाकियोंपर बड़ाई करते हो . ऐसी ऐसी बड़ाई सब बरो हैे। से जा भला करने जानता हे झार करता नहा उसका पाप हाता ह ॥ ४ पाचवा पब्न।॥। छनवानांके उपद्रवपर उलदना । ७ घोरज घरनेका उपदेश ओर किरिया खानका निषेध । १३ प्र/थना करनेका उपदेश आर उसका फल। १९ भाईके भ्रमसे फिराने- का फल । अब जाओ हे धनवान लेगे। अपनेपर जाने वा ले क्ले- ल्न शेंके लिये चिल्ला चिल्ला रोओ। तुम्हारा धन सड़ गया १९२ ५ पत्चे ।] याक्रब । 5६३ ३ है और तुम्हारे बस्लरेंके कीड़े खा गये हैं। तम्हारे साने ओर रूपेमे काई लग गई है कौर उनकी काई तुम्हेांपर साथी होगी और आगकी नाई तुम्हारा मांस खायगी . तुमने पिछले दिलनेंमें धन बटोरा है। ४ देखा जिन बनिहारोंने तुम्हारे खेतांकी लवबनी किदे उनको बनि जो तुमने ठग लिई है पुकारती है और लवनेहारोंका दाहाई सेनाओंके परमेश्वरके कानोंमें ५ पहुंची है । तुम पृथिवीपर सुखमें और बिलासमें रहे तुमने जेसे बधके द्॒निहामे अपने मनके सन्‍्तप्र किया ६ है। तुमने धम्मीका देाषो ठहराके मार डालना है . वह तुम्हारा साम्हना नहीं करता है। ७ सा हे भादयो प्रभुके आनेलां धीरज धरो . देखे गृहस्थ पूृथिवीके बहुमूल्य फलको बाट जाहता है और जबल्नों वह पहिली और पिछली बणो न पावे तबतल्नों ८ उसके लिये धीरज धरता है। तुम भी धीरज घरो अपने मनके स्थिर करो क्योंकि प्रभुका आना निकट € है। हे भाइये। एक टूसरेके बिरूुदु मत कुड़कुड़ाओ की आज 5 228. (न ० 5. आज 3 2 के 2 इसलिये कि दोषी न ठहरेो . देखे बिचारकत्ता द्वारके के 5 ० कक 022 १०0 आगे खड़ा है। हे मेरे भाइया भविष्यदुक्ताओंकेा जिन्होंने प्रभुके नामसे बातें किईे टःखभेाग और धोरज- ११ का नसमना समर लेओ। । देखे जो स्थिर रहते हैं उन्हें हम धन्य कहते हैं . तमने णसेयबकी स्थिरताकी सुना हैं और प्रभुका अन्त दुंखा हैं कक प्रभु बहुत १२ करुणामय ओर दयावन्त हे । परन्‍्त सबसे पहिले हे मेरे भाइये किरिया मत खाओ न स्वगेकी न धरती- द्व६ ४ याक्रब । [५ पच्छे । की न और कोई किरिया परन्त॒ तुम्हारा हां हां हावे और नहीं नहीं हावे जिस्तें तुम दंडके योग्य न ठहरो। क्या तुम्हेंमें काई दुःख पाता है. तो प्रार्थेना करे . क्या काई हथित है . तो भजन गाबे। क्या तुम्हेंमें कोई रोगी है . ता मंडल्नीके प्राचीनांके अपने पास बुलावे ओर वे प्रभुके नामसे उसपर तेल मलके उसके लिये प्राथेना करें। जौर बिश्वासको प्राथेना रोगीकोा बचावेगी और प्रभु उसके उठावेगा और जो उसने पाप भी किये हों तो उसकी शछ्मा किईं जायगी। णक टूसरेके आगे अपने अपने अपराधों का मान लेओ और णक टूसरेके लिये प्राथेना करो जिस्ते चंगे हो जावोा . धर्म्मी जनको प्राथेना काय्येकारी हाके बहुत सफल होती है | एलियाह हमारे समान दुःख सुख भेगी मनुष्य था और प्राथनामें उसने प्राथेना किई कि मेंह न बरसे ओर भूमिपर साढ़े तीन बरस मेंह न बरसा । ओर उसने फिर प्राथैना किई ते आकाशने बषा दिई और भूमिने अपना फल उपजाया । है भाइये जो तुम्होंमें काई सच्चा इसे भरमाया जाय जैर केाई उसके फेर लेवे . ता जान जाय कि जा जन पापीकोा उसके मागेके भ्रमणसे फेर लेबे से ण्क प्राणके मृत्युसे बचावेगा और बहुत पापोंका ढांपेगा॥ १४ १५ १६ १७ प्‌ष् श्द्‌ २० पितर प्रेरितकी पहिली पत्री । १ पहिला पब्बे । १ प्नोका आभाष । ७ नये जन्म ओर परित्राणके लिये इेस्थरका घन्यबाद | ६ बिश्लासियें का उससे क्केशर्म भी आर्नान्दत्त द्वाना | १० उस त्राणपर भविष्यद्ध- क्ताओंको साक्षों । १३ पश्त्र आचरणका ओर प्रमका उपदेश ओर ईष्वरके अगखिनाशों खबचनका बखान। १ पितर जो यीशु ख्रीप्र॒का प्रेरित है पन्‍त और गत्ला- तिया और कपदेकिया और आशिया और बिथुनिया २ देशोंमं छितरे हुए परदेशियोंका . जो इेश्वर पिताके भविष्यत ज्ञानके अनुसार आत्माकी पवितच्वताके द्वारा आज्ञापालन ओर योशु खीपुके लाहके छिड़का बके लिये चुने हुए हैं . तुम्हें बहुत बहुत अनुयह और शांति मिल्े। ३ हमारे प्रभु यीश खोपृके पिता इश्वरका धन्यवाद हाय जिसने अपनी बड़ी दयाके अनुसार हमेंके नया जन्म दिया कि हमें यीशु ख्रोपृके मृतकेांमेंसे जो उठनेके द्वारा ४ जीवती आशा मिलते . झर वह अधिकार मिले जे। अबि- नाशोी और निर्मल और अजर है और स्वगेमें तुम्हारे ४ लिये रखा हुआ है . जिनकी रश्या इश्वरकी शक्तिसे बिश्वासके द्वारा किईं जाती है जिस्तें तुम वह चाण जा पिछल्मले समयमें प्रगट किये जानेके तैयार है प्राप्त करो। ६ इससे तुम आहादित होते हा पर अब थोड़ी बेर- त्वां यदि आवश्यक है तो नाना प्रकारकी परीक्षाओंसे ७ उदास हुए है। . इसलिये कि तुम्हारे बिश्वासकी परीक्षा बे सानेसे जे नाशमान हे पर कागसे परखा जाता है 43% /2? 3 अति बहुमूल्य होके यीशु खोपुके प्रगट हानेपर प्रशंसा जैौर आदर और महिमाका हेत पाई जाय | उस यीशकेो तम बिन देखे प्यार कर ते हो झौर उसपर यदयपि उसे ह्ब नहों देखते हा ताभों विश्वास करके अकथ्य आर महिमा संयुक्त आनन्दसे आहादित होते हे -. खैर अपने विश्वासका अन्त अथात अपने अपने आत्माका चाण पाते हो । उस चाणके विषयमें भविष्पद्ृक्ताओंने जिन्हेंने इस ही 3 के (१ बे शि नग्रहके विषयमें जे तमपर किया जाता हे भविष्य- द्राणी कही बहुत ढूंढ़ा आर खोज बिचार किया बे ढंढ़ते थे कि ख्रीप्रका आत्मा जे हममे रहता है जब वह स्रीप्रके टुःखेंपर ओर उनके पीछेको महिमापर आगेसे साथी देता हे तब कओन और केसा समय बताता है। जलऔैर उनपर प्रगट किया गया कि वे अपने लिये नहीं परन्तु हमारे लिये उन बातोंकी सेवकाई करते थे जिन्हें जिन लोागोंने स्वगेसे भेजे हुए पवित्र आत्माके द्वारा तुम्हें सुसमाचार सुनाया उन्हेंने अभी तुमसे कह दिया है और इन बातोंकोा स्वगेट्ूत कुक ऋकके देखनेकी इच्छा रखते हैं । इस कारण अपने अपने सनको माने कमर बांधके सचेत रहा और जे अनुग्रह यीश खी पके प्रगट हे। नेपर तुम्हें मिलनेवाला है उसको पूरी आशा रखे। आज्ञा- कारोी लेागोंकी नाई अपनी अज्ञानतामेंकी कग ली अभि- लापाओंको रीतिपर मत चला करो . परन्तु उस परम- प्रविचके समान जिसने तुमकेा बुल्लाया तुम भी आप च्च्स ३ ९ पितर । [५ पञ्चे। ११ १२ १३ १४ १५ ३ पब्बे ।] १ पितर । ६६७ १६ १७9 कद १८ २२0 २१ ब्र्र र्३ २४ ३ सारी चाल चलनमें पवित्र बने । क्योंकि लिखा है पवित्र हाओ क्योंकि में पवित्र हूं । और जे तुम उसे जा बिना पश्चपात हर ण्कके कम्मेके अनुसार बिचार करनेहारा है पिता करके पुकारते हो ता अपने परदेशोी हानेका समय भयसे बिताओ।+ | क्यांकि जानते हैा। कि तुमने पितरोंकी ठहराई हुईं अपनी ब्यथे चात्न चलनसे जे उटद्ठार पाया सा नाशमान ब्स्‍्तुओंके अथात रूपे अथवा सोनेके द्वारा नहीं . परन्त निष्क- लंक और निष्णेट मेस्ने सरोखे ख्रीषर॒ुके बहुमूल्य ल्ेह- के द्वारासे पाया . जो जगतको उत्पत्तिके आगेसे ठहराया गया था परन्तु पिछले समयपर तुम्हारे कारण प्रगटः किया गया . जो उसके द्वारासे इंश्वरपर बिश्वास करते हो जिसने उसे मृतकोंमेंसे उठाया और उसके महिमा दिई यहांलों कि तुम्हारा बिश्वास ज्लौर भरोसा इंश्वरपर है । तुमने निष्कपर भ्राचीय प्रेमके निमित्त जो अपने अपने हुट्यके सत्यके आज्ञाकारो हेनेमें आत्माके द्वारा पविच किया है ता शुद्ध मनसे एक टूसरेसे अतिशय प्रेम करे । क्योंकि तुमने नाशमान नहीं परन्तु अविनाशी बीजसे इेश्वरके जीवते लौर सदालों ठहरनेहारे बचनके द्वारा नया जन्म पाया है। क्यांकि हर एक प्राणी घासकी नाई और मनुष्यका सारा बिभव घासके फूलकी नाई है। घास सूख जाती है और उसका फूल कड़ जाता हैं परन्तु प्रभुका बचन सदाल्नों हहरता है और यही ्ु बचन है जा सुसमाचा रमें तुम्हें सुनाया गया । 68 ॥ २ टूसरा पब्बे । १ पाप त्यागनेका और आत्मिक वृद्धिका उपदेश । ४ केानेका पत्थर ओर मन्दिर व, याजकपद शादि दुष्ट्रान्नांस योशका और उसके शिष्येंका जणन।११ सुकस्से करने ओर अध्यक्तांके अधोन छोनेका उपदेश । १८ संबर्कांके लिये उप्रदेश और स्तोषठ को दोनताका नमना । इसलिये सब बेरभाव झौर सब छल झेर समस्त प्रकारका कपट और डाह और टुबेचन टूर करके नये जन्मे बालंकांको नाई बचनके निराले टदूधको लालसा करे कि उसके द्वारा तुम बढ़ जाबा . कि तुमने तो चीख लिया है कि प्रभु कृपाल है । उसके पास अथात उस जीवते पत्यरके पास जे। मनु- प्योंसे तो निकम्मा जाना गया है परन्तु इश्वरके आगे चुना हुआ और बहुमूल्य है आके . तुम भी आप जीवते पत्यरोंकी नाई आत्मिक घर और याजकोांका पविच समाज बनते जाते हो जिस्ते आत्मिक बलिदानोंका जा यीशु ख्रीपके ट्रारा इश्वरका भावते हैं चढ़ावा । इस कारण धम्मेपुस्तकर्में भी मिलता है कि देखो में सियेानमें केानेके सिरेका चुना हुआ जऔ और बहुमूल्य पत्थर रखता हूं ओर जे उसपर बिश्वास करे से किसी रोतिसे लज्जित न हागा। से यह बहुमूल्यता तुम्हारे- हो लेखे हें जा बिश्वास करते हा परन्त जा नहों मानते हैं उन्हें वही पत्थर जिसे थवइयोंने निकम्मा जाना कानेका सिरा और ठटेसका पत्थर और ठेकरकी चटान हुआ है . कि वे ता बचनकेा न मानके ठोकर खाते हैं ओर इसके लिये वे ठहराये भी गये। परन्तु तुम लग चुना हुआ बंश ओर राजपदधारी याजकोांका १ पितर । [२ पब्ले । २ पब्बे ।] १ पितर । ६६8 समाज जैर पविच लोग जझेर निज प्रजा हो इसलिये कि जिसने तुम्ह अन्धकारमेंसे अपनी अट्त ज्यातिमे १० बल्लाया उसके गण तम प्रचार करो . जो आगे प्रजा न थे परन्तु अभी इंश्वरको प्रजा हा जिनपर दया नहीं किईदे गई थी परन्‍्त अभी दया किई गई है। ११ है प्यारो मैं बिन्‍ती करता हूं बिदेशियां और ऊपरि- योंकी नाईें शारीरिक अभिलाषोंसे जे। आत्माके बिरूटु १२ लड़ते हैं परे रहा । अन्यदेशियोंमें तुम्हारी चात्त चलन भली होवे इसलिये कि जिस बातमें वे तमपर जेसे ककम्मियांपर अपबाद लगाते हैं उसीमें वे तम्हारे भत्मे कम्मांका देखके जिस द्न इंश्वर टृप्मि करे उस दिन उन १३ कम्मांके कारण उसका गुणानुबाद करे। प्रभुके कारण मनुष्यांके टहराये हुए हर एक पदके अधीन हाओ । १४ चाहे राजा हो ते उसे प्रधान जानके चाहे अध्यक्ष त्लाग हों ता यह जानके कि वे उसके द्वारा कुकम्मियोंके टंडके लिये परन्त सकम्मियोंको प्रशंसाके लिये भेजे जाते हैं १४ दोनोांके अधीन होओ ए । क्योंकि इंश्वरको इच्छा यंहोी है कि तुम सकसम्मे करनेसे निबदि मन॒ष्योंकी अज्ञानताका १६ निरुत्तर करो । निबेन्धांकोी नाईें चलना पर जैसे अपनी निबेन्धतासे बुराइईकी आड़ करते हुए वैसे नहीं परन्तु १७ इंश्वरके दासांकी नाई चत्ना। सभेंका आटर करो भाइ- योंकेा प्यार करो इेश्वरसे डशे राजाका आदर करो । १८. हे सेवका समस्त भय सहित स्वामियोंके अधीन रहे। केवल भत्ता ओर मृट्भावोंके नहीं परन्तु कुटि- १९ लोंके भो । क्येंकि यदि काई अन्यायसे दुःख उठाता ७०० १ पितर। [३ पब्जे। हुआ इंश्वरकी इच्छाके बिबेकके कारण शाक सह लेता है ता यह प्रशंसाके योग्य हे । क्योंकि यदि अपराध २० करनेसे तुम घूसे खावा और धीरज घरोा ता कानसा यश है परन्त यदि सुकम्मे करनेसे तुम टुःख उठावा और धीरज धरो ते यह इेश्वरके आगे प्रशंसाके योग्य है। तुम इसीके लिये बुलाये भी गये क्योंकि खोपुने भी २१ हमारे लिये दुःख भेगा और हमारे लिये नमूना छोड़ गया कि तुम उसकी ल्ीकपर हो लेओ। उसने पाप नहीं ३२ किया और न उसके सुंहमें छल पाया गया । वह निन्दित २३ होके उसके बदले निन्‍दा न करता था और टुःख उठाके धमकी न देता था परन्तु जा धम्मेसे बिचार करनेहारा है उसीके हाथ अपनेकोा सांपता था। उसने क्राप हमारे २४ पाषोंका अपने देहमें काठपर उठा ल्निया जिस्त हम लाग पाषोंके लिये मर करके धम्मके लिये जोवे औ और उसीके मार खानेसे तुम चंगे किये गये। क्येंकि तुम भटकी हुईं २४ भेडोंकी नाई थे पर अब अपने प्राणोंके गड़ेरिये जो रखवालेके पास फ़िर आये हो। ३ तीसरा पब्बे। १ स्ट्रियों ओर पुरुषेंके लिये उपदेश । ८ आपससमे प्रेम ओर नम्रला करनेका उपदेश ।॥। १३ उपद्रबर्स साहसी हेनेका उपदेश । १८ स्तरोष्टके दुःखभेग ओर जयजयकारका मम़ना और जलप्रलय और बपतिसमाको चचा । बेसेही हे स्तियो अपने अपने स्वामीके अधीन रहे ९ इसलिये कि यदि कोई कोई बचनके न मानें ताभी बचन बिना अपनी अपनी स्त्रीकी चाल चलनके द्वारा . तुम्हारी भय सहित पविच्र चाल चलन देखके प्राप्त २ किये जावें। तुम्हारा सिंगार बाल गून्थनेका और सेना ३ ३ पब्खे ।] १ पितर । ४०१) 3 ५ १० ११ श्र पहरनेका अथवा बस्त पहिननेका बाहरी सिंगार न हाोवे। परन्तु हृदयका गुप्त मनुष्यत्व उस नम्र और शान्‍्त आत्माके अबिनाशी आभूषण सहित जे। इंश्वर के आगे बहुमूल्य है तुम्हारा सिंगार होवे। क्योंकि सेसेही पविच स्तियां भी जो इेश्वरपर भरोसा रखती थीं आगे अपना सिंगार करती थीं कि वे अपने अपने स्वामीके अधीन रहती थीं । जैसे सारःने इब्राहीमकी आज्ञा मानी ओर उसे प्रभु कहती थी जिसकी तुम ल्लाग जे। सुकम्मे करो ओर किसो प्रका रकी घबराहटसे न डरे तो बेटियां हुई हे । वैसेही हे पुरुषा ज्ञानको रीतिसे स्त्रीके संग जेसे अपनेसे निर्बेल पाचके संग बास करो झोर जब कि वे भी जीवनके अनग्रहको संगी अधिकारिणियां हैं तो उनका आदर करो जिस्त तुम्हारी प्राथेनाओंकी रोक न होय । अन्तर्में यह कि तुम सब एक मन और परदुःखके बुकनेहारे और भाइयोंके प्रेमी आर करुणामय और हितकारी होओ । और बुराइईके बदले बराई अथवा निन्‍्दाके बदलने निन्‍दा मत करो परन्तु इसके बिपरोत आशीस देओ क्यांकि जानते हो कि तुम इसीके ज्षिये बुलाये गये जिस्तें आशीसके अधिकारी हाओ।। व्यांकि जा जीवनको प्रीति रखने आर अच्छे दिन देखने चाहे से अपनी जीभको बुराईसे और अपने होंठोंके। छलकी बातें करनेसे रोके । वह बुराईसे फिर जावे ओर भलाई करे वह मित्वापका चाहे और उसको चेप्ठा करे। क्योंकि परमेश्वरके नेच धम्मियांकी ओर जऔर उसके ७90२ १ पिलर । [३ पब्ले | कान उनकी प्राथेनाकी ओर लगे हैं परन्तु परमेश्वर कुकम्मे करनेहारोंसे बिमुख है । और जा तुम भलेके अनुगामी हाओ ते तुम्हारी बुराई करनेहारा कान होगा । परन्तु जा तुम धम्मेके कारण दुःख उठावा भो ते धन्य हो पर उनके भयसे कक कि ह भयमान मत हाओ और न घबराओ । परन्तु परमेश्वर इंश्वरकेा अपने अपने मनमें पविच माना . और जो काई तुमसे उस आशाके विषयमें जा तुममें हे कुछ बात पूछे उसका नम्रता और भय सहित उत्तर देनेका सदा तैयार रहा । और श्र मन रखे इसलिये कि जा लोाग तुम्हारी ख्रीप्रानुलारी अच्छी चाल चलनको निन्‍्दा करें सो जिस बातमें तुमपर जैसे कुकम्मियोंपर जअपबाद लगावें उसीमें लज्जित होवें। क्यांकि यदि इंश्वरकी इच्छा यूं हाय ता सुकम्मे करते हुए दुःख उठाना कुकम्मे करते हुए टुःख उठानेसे अच्छा है। क्यांकि खीपृने भी अथात अधम्सियोंके लिये धर्म्मीने एक बेर पापोंके कारण टुःख उठाया जिस्ते हमें इेश्वरके पास पहुंचावे कि वह शरोरमें तो घात किया गया परन्तु आत्मामें जिलाया गया । उसीमे उसने बन्दी- गृहमके आत्माओंके भी जाके उपदेश दिया . जिन्‍्हेंने अगल्ले समयमें न माना जिस संमय इईंश्वरका धीरज नहके दिनोंमें जबत्नां जहाज बनता था जिसमें थोड़े आअथात आठ प्राणी जलके द्वारा बच गये तबल्नां बाट ज्ञाहता रहा । इस ट्रष्पठान्तका आशय बपतिसमा जो शरोरके मेलका टूर करना नहीं परन्तु इश्वरके पास १३ १४ १५ १६ १७ ॥ 0 १€ ३२0 २१ ४ पब्ले ।] १ पितर । 5०३ शूहु मनका अंगीकार है अभी हमेोंकेा भी यीश खी पके २२ जी उठनेके द्वारा बचाता है . जो स्वगेपर जाके इेश्वर के द्हिने हाथ रहता है और टूतगण और अधिकारी आर पराक्रमो उसके कअधोन किये गये हैं । ४ चाया पब्बे। १ प्रापस अलग रहनेका उपदेश । ७ प्राथ्थना ओर प्रेम आर दातुत्वका उपदेश । १३ घम्मेक हेतु दुःख उठानेस झाठस बांघधनेका उपदेश । १ सा जब कि खोघुने हमारे लिये शरीरमें दुःख उठाया और जब कि जिसने शरीरमें टुःख उठाया है वह पापसे रोका गया है तुम भी उसो मनसाका २ हथियार बांधा . जिस्तें शरीरमेंका जे। समय रह गया है उसे तुम अब मनुष्योंके अभिलाषोंके नहीं परन्तु ३ इेश्वरकी इच्छाके अनुसार बितावा। क्योंकि हमारे जोवनका जे। समय बोत गया है से नाना भांतिके लुचपन ओऔ कामाभिलाष जला मतवालपन औ लीला क्रोड़ा ओआ मदयपान औओ धम्मेबिरुट्ट सूत्तिपूजामें चलते चलते देवपूजकांको इच्छा पूरी करनेकेा बहुत हुआ है। ४ इससे वे ल्लाग जब तुम उनके संग लुचपनके उसी अत्याचारमें नहीं दोड़ते हा तब अचंभा मानते और ४ निन्‍दा करते हैं। पर वे उसके जो जीवतों और मृतकों- ६ का बिचार करनेका तैयार है लेखा देंगे। क्यांकि इसीके लिये मृतकांकेा भी सुसमाचार सुनाया गया कि शरीरमें ते मनुष्योंके अनुसार उनका बिचार किया जाय परन्तु आत्मामें वे इेश्वर के अनुसार जोवें। ७ परन्तु सब बातोंका अन्त निकट आया है इसलिये ७0४8 १ पितर । [४ पब्बे । सुबुद्दि हाके प्राथेनाके लिये सचेत रहा । और सबसे ८ आअधिक करके एक टसरेसे अतिशय प्रेम रखे क्योंकि प्रेम बहुत पापोंकेा ढांपेगा । बिना कुड़कुड़ाये एक € टसरेकी अतिथिसेवा किया करो । जैसे जैसे हर एकने ९० बरदान पाया है वैसे इेश्वरके नाना प्रकारके अनुग्रह के भल्ने भंडारियोंकी नाईं एक टूसरेके लिये उसो बरदानको सेवकाई करो । यदि कोई बात करे तो इंश्वरको ११ बाणियेंकी नादें बात करे यदि काई सेवकाई करे ते जैसे उस शक्तिसे जे इंश्वर देता है करे जिस्ते सब बातोंमें इंश्वरकी सहिमा योश खीघृुके द्वारा प्रगट किईदे जावे जिसकी महिमा जऔ पराक्रम सदा सब्बेदा रहता है . आमीन । हे प्यारा जे ज्वलन तुम्हारे बीचमें तुम्हारी परोश्याके १२ लिये होता है उससे अचंभा मत करो जेसे कि कोई अचंभेकी बात तुमपर बीतती हो । परन्तु जितने तुम १३ खोप्के दुःखेंके सम्भागी होते हा उतने आनन्द करो जिस्तें उसकी महिमाके प्रगट हेानिपर भी तुम आनन्दित और आहांदित हाओ । जे तुम खीपृके नामके लिये १४ निन्दित होते हो ते धन्य हो क्योंकि महिमाका और इंपवरका आत्मा तमपर टठहरता है . उनको ओर रसे ते उसको निन्‍दा होती हे परन्‍्त तम्हारो ओरसे उसकी महिमा प्रगट होती है । तममेंसे कोई जन हत्यारा १४ अथवा चार अथवा कुकम्मी हानेसे अयथवा पराये कामम हाथ डालनेसे दुःख न पावे । परन्तु यदि ख़ीपियान १९६ हानेसे काईं टुःख पावे तो लज्जित न होवे परन्तु इस ५ पव्ले । ] १ पितर । ७09 १७ बातमें इंश्वरका गुणानुबाद करे। क्योंकि यही समय है ' कि दंडईइंश्वरके घरसे आरंभ हो वे पर यदि पहिले हमे से आरंभ होता है ता जा लोग इंश्वरके सुसमाचारकोा १८ नहों मानते हैं उनका अन्त क्या होगा | और यदि धर्म्मी कठिनतासे चाण पाता है ता भक्तिहीन और १८ पापी कहां दिखाई देगा । इस कारण जो लोग इंश्वरकी इच्छाके अनुसार टुःख उठाते हैं से सुकम्मे करते हुए अपने अपने प्राणका उसके हाथ जैसे बिश्वासयाग्य रुजनहारके हाथ सौंप देवें। ४५ पांचवां पब्बे । ३ प्राचोनां ओर जयवानांके लिये उपदेश | ६ दीनता ओर दझताका उपदेश | १० प्राथेना ओर नमस्कार सहित पत्रोको समाप्ति । १ में जो संगी प्राचीन ओर ख़ोपषु॒के दुःखांका साथ्वी और जो महिमा प्रगट हाोनेपर है उसका सम्भागी भी हूं प्राचोनोंसे जे तुम्हारे बीचमें हें बिन्ती करता हूं २ इंध्वरके कंडकों जा तमम हे चरवाहों करो जअऋोार . टबावसे नहों पर अपनो सम्मतिसे ओर न नीच ३ कमाईके लिये पर मनकोी इच्छासे . जार न जेसे अपने अपने अधिकारपर प्रभुता करते हुए परन्तु भुंडके ४8 लिये टरप्वान्त होते हुए रखवाली करे । और प्रधान रखवालेके प्रगट होनेपर तुम महिमाका अश्यय मुकुट ५ पाओरगे । बैसेही हे जवानो प्राचीनेके अधीन हा ओ . हां तुम सब एक टूसरेके अधोन होके दोनताकोा पहिन लेओ। क्योंकि इंश्वर अभिमानियोंसे बिरोध करता है परन्तु दीनांपर अनुग्रह करता है । 89 ७०६ । .._ १ पितर । [9 पख्ले । इसलिये इंश्वरके पराक्रमी हाथके नीचे दीन हाओ जिस्तें वह समयपर तुम्हें ऊंचा करे | अपनी सारो चिन्ता उसपर डालना क्योंकि वह तम्हारे लिये सेाच करता है। सचेत रहे जागते रहो क्येंकि तम्हारा बैरो शैतान गजते हुए सिंहको नाई ढंंढ़ता फिरता है कि किसका निगल जाय । बिश्वासमें टढ़ हाके उसका साम्हना करो क्यांकि जानते हा कि तुम्हारे भाई लागों- पर जा संसारमे ह दुःखांकी बेसीही दशा पूरी होती जाती है । सारे अनुग्रहका इंश्वर जिसने हमें ख्रीप्र यीशमें बुलाया कि हम थोड़ासा दुःख उठाके उसकी झनन्‍त महिमामें प्रवेश करें आपहो तुम्हे सुधारे ओआ स्थिर करे ओ बल देवे जल नेवपर ट्रढ़ करे। उसीकी महिमा आओ पराक्रम सदा खब्बेटा रहे . आमीन । सीलाके हाथ जिसे में समझता हूं कि तुम्हारा बिश्वासयोग्य भाई है मैंने थोड़ी बातोंमें लिखा है और उपदेश ओर साश्यो देता हूं कि इश्वरका सच्चा अनुग्रह जिसमें तुम स्थिर हो यही है । तुम्हारे संगकी चुनो हुईं जो बाबुलमें है और मेरा पुत्र माके इन दानांका तुमसे नमस्कार । प्रेमका चूमा लेके एक टूसरेके नमस्कार करे . तुम सभेकेा जे खीपृ यीशुमें हा शांति होवे । झआमीन ॥ १0 १९ १२ ९३ १४ पितर प्रेरितकी दूसरी पत्नी । १ पहिला पब्बे। - १ पत्रोका ग्राभाष | 5 धर्म्मम बढ़ते जानेका उपदेश । १३ लिश्यासियेंका चितानेमे परितरका यत्र। ५६ सत्य उपदेशपर प्रेरितों ओर भविष्यद्वक्ताओंको साक्षी । १ शिमान पितर जे। यीश ख्रौषुका दास और प्रेरित है उन लोागोंका जिन्हेंने हमारे इश्वर श्लेत चाणकत्ता यीश ख्रीप्के धम्मेंमें हमारे तुत्य बहमल्‍्य बिश्वास २ प्राप्त किया हैं. तम्ह इंश्वरके ओर हमारे प्रभ यीशके ज्ञानके द्वारा बहुत बहुत अनुयह और शांति मिल्मे । ३ जैसे कि उसके इंश्वरीय सामथ्येने सब कछ जे। जी वन और भक्तिसे सम्बन्ध रखता है हमें उसीके ज्ञानके द्वारा दिया हे जिसने हमे अपने एरेश्वय्थ खेर शभगणके ४ अनुसार बुलाया . जिनके अनुसार उसने हमें अत्यन्त बड़ी और बहमल्य प्रतिज्ञाएं टिद हें ह्सलिये कि इनके द्वारा तुम लाग जे नप्मता कामामिलाषके ट्रारा जगतमें है उससे बचके इंश्वरोय स्वभावके भागो हो जाबो । ५ आझार इसा कारण भो तुम सब प्रकारका यत्ष करके ६ अपने बिश्वासमें शभगुण ओर शभगुणमें ज्ञान . और जझ्ञानमें संयम और संयममे धोरज और धीरजमे भक्ति . ७ झओर भक्तिमें श्राचीय प्रेम झेर भ्राचीय प्रेममें प्यार ८ संयक्त करो । क्योंकि यह बातें जब तममें होतीं और बढती ज्ञातीं तब तम्हें ऐसे बनाता हैं कि हमारे प्रभ योश ख्रीघ्रके ज्ञानके लिये तुम न निकम्मे न निष्फत् € हो क्योंकि जिस पास यह बातें नहीं हैं वह अंधा है ७0८ २ पितर । [१ पब्खे । और धुंधला देखता है और अपने अगल्ने पापोंसे अपना शुट्रु किया जाना भूल गया है। इस कारण हे भाइयोा और भी अपने बुलाये जाने और चुन लिये जानेको दटूढ़ करनेका यल करो क्योंकि जे। तुम ये कम्मे करे। तो कभी किसी रोीतिसे ठोकर न खाओगे । क्यांकि इस प्रकारसे तुम्हें हमारे प्रभु आ चाणकत्ता यीशु खोषुके अनन्त राज्य- में प्रवेश करनेका अधिकार अधिकाईसे दिया जायगा । इसल्निये यद्यपि तुम यह बातें जानते हो और जो सत्य बचन तुम्हारे पास है उसमें स्थिर किये गये हा ताभी में इन बातेंके विषयमे तम्हें नित्य चेत दिल्लानेसें नि- श्चिन्त न रहूंगा। पर में समझता हूं कि जबलों में इस डेरेम हूं तबल्नों स्मरण करवानेसे तुम्हें सचेत कैरना मु चित है। क्योंकि जानता हूं कि जेसा हमारे प्रभु यीशु खीपूने मुझे बताया तैसा मेरे डेरेके गिराये जानेका समय निकट हे। पर में यत्ञ करूंगा कि मेरो मृत्यके पीछे भी तम्दे इन बातोंका स्मरण करनेका उपाय नित्य रहे । क्येंकि हमने तुम्हे हमारे प्रभु योश खीपृके सामथ्य- का ओर आनेका समाचार बिदयासे रची हुईं कहानियों- के अनुसार जे सुनाया से नहीं परन्तु हम उसको महि- माके प्रत्यक्ष साध्ली हुए थे। क्योंकि उसने इंश्वर पितासे आदर जार महिमा पाई कि प्रतापमय तेजसे उसके ऐेसा शब्द सुनाया गया कि यह मेरा प्रिय पुत्र हे जिससे में अति प्रसन्न हूं। और यह शब्द स्वगेसे सुनाया हुआ हमने पविच पब्लेतमे उसके संग होते हुए सन ल्निया । ओर भविष्यद्राणीका बचन हमारे निकट और भी टूढ़ १० १९ १२ १३ १४ १४ १७ १७ १€ २ पब्ले ।] २ पितर । ७0& है. तुम जे उसपर जैसे दीपकपर जो अंधियारे स्थानमें चमकता है जबलों पह न फटे और भे। रका तारा तुम्हारे हृदयमें न उगे तबत्नों मन लगाते हा ते अच्छा करते २० हो । पर यही पहिल्ले जाना कि धम्मंपुस्तकको कोई भविष्यद्राणी किसीके अपनेही व्याख्यानसे नहीं हे।ती २९ है। क्योंकि भविष्यद्राणी मनुष्यकी इच्छासे कभी नहीं आई परन्तु इश्वरके पविच जन पविच आत्माके बुल- वाये हुए बोले । २ टूसरा पब्बे । १ भठे उपदेशकोांक प्रशठ डहोनेक्ा ओर उनके दंडका भविष्यद्राक्य । है उनका दडक तान दष्टान्त आर उनका अशट् चालका उलहना । १9७ उनसे लागोॉंका छखारता खाना । २० उनक अन्तका बहत बरा हाना । १ परन्तु कूठे भविष्यदुक्ता भी लोगेंमें हुए जैसे कि तुममें भी कूठे उपदेशक होंगे जे बिनाशके कुपनन्‍्यों का छिपके चलावेंगे और प्रभुसे जिसने उन्हें माल लिया २ मुकरेंगे आर अपने ऊपर शीघ्र बिनाश लावेंगे। और बहुतेरे उनके लुचपनका पीछा करेंगे जिनके कारण ३ सत्यके सागेकी निन्‍दा किदँ जायगी | जोर लोाभसे वे तुम्ह बनाई हुईं बातोंसे बेच खायेंगे पर पूब्बेकालसे उनका दंड आलस नहीं करता और उनका बिनाश ऊंघता नहों । ४ क्योंकि यदि इंश्वरने टूतांका जिन्होंने पाप किया न छोड़ा परन्तु पातालमें" डालके अंधकारकी जंजीरोंमें ५ सांप दिया जहां वे बिचारके लिये रखे जाते हैं. जार प्राचीन जगतकोा न छोड़ा बरन भक्तिहीनोंके जगतपर जल्पप्रलय लाया परन्तु धम्मेके प्रचारक नूहके लगाके )6 ७१० २ पितर । [४ पव्खे । आठ जनोंकी रश्चा किदे. कौर सदेाम और अमेराके नगरोंकेा भस्म करके बिध्वंसका दंड दिया और उन्हें पीछे आनेवाले भक्तिहीनोंके त्नये ट्रप्नान्त ठहराया हैं ज्ै।र धर्म्मी लतकेा जे। अधम्मियाोंके लचपनके चलनसे अति टःखी हे।ता था बचा या. क्यों कि वह धर्म्मी जन उनके बीचम बास करता हज टेखने ओर सननेसे प्रातदिन अपने धर्म्मी प्राणका उनके टुष्र कम्मांसे पीड़ित करता था. ता परमेश्वर भक्तोंके परीक्षामेंसे बचाने ओर अधम्मियोंका टंडको ट्शामे बिचारके दिनलों रखने जानता है. निज करके उन लोगोंका जा शरोरके अनुसार अशटुताके अभिलाषसे चलते हैं ओर प्रभुताकेा तच्छ जानते हैं . वे ढीठ ओ हटी है ओर महत पदोंकोी नि- न्‍टा करनेसे नहीं डरते हैं। ताभी टतगण जो शक्ति ओऔा पराक्रममें बढ़े हैं उनके बिरुदु परमेश्वरके आगे निन्‍्दा- संयक्त बिचार नहों सना ते हैं। परन्‍्त ये लोग स्वभावबश अचेतन्य पशख््रेंको नाईें जे पकडे जाने कार नाश होने- का उत्पन्न हुए है जिन बातोंम अज्ञान है उन्होंम नन्‍्दा करते हैं और अपनी भ्रप्तामें सत्यानाश होंगे और अ- धम्मंका फल पावेंगे। वे दिन भरके विषयभेागकोा सुख समझते हैं वे कलंक और खेाट रूपी हैं वे तम्हारे संग भोाजमें जेवते हुए अपने छतल्मेंसे सुख भोग करते हैं। उनके लेच ब्यभिचारिणीसे भरे रहते है ओर पापसे रोके नहों जा सकते हैं वे अस्थिर प्राणेंके फुसलाते हैं उनका मन्त लाभ त्वालचमें साधा हुआ है वे स्ापके सन्‍्तान हैं। वे सीधे मागेका छेड़के भटक गये हैं आर बियेारके पुत्र ६ १० ११ श्र रै३ १४ १४ दे ब्द्य हे पब्बं।]) २ पतर | ७५१ बल्लामके मागपर हे लिये हैं जिसने अधम्मेकी मजूरोकेा १६ प्रिय जाना । परन्तु उसके अपराधके लिये उसे उललहना दिया गया . अबोल गधेने मनुष्यकी बालोसे बालके भविष्यद्ृक्ताकी मूर्खेताका रोका । १७. ये लाग निजल कूंए ओर आंधीके उड़ाये हुए मेघ हैं, उनके लिये सदाका घार अन्धकार रखा गया है। ९८ क्योंकि वे व्यर्थ गलफटाकीकी बातें करते हुए शरीरके अभिलाषोंसे लुचपनेंके द्वारा उन लेागोंका फुसलाते हैं जे भ्रांतिकी चाल चलनेहारोंसे सचमुच बच निकलने १८ थे। वे उन्हें निबेन्ध हानेकी प्रतिज्ञा देते हैं पर आपही नपृताके दास हैं क्यांकि जिससे काई हार गया है उसका वह दास भी बन गया है। २० यदि वे प्रभु जा चाणकत्ता यीश खीपृके ज्ञानके द्वारा संसारकी नाना प्रकारकों अशुट्रतासे बच निकले परन्तु फिर उसमें फंसके हार गये हैं ता उनको पिछ- २९ ली दशा पहिलीसे बुरी हुईं है। क्येंकि धम्मेके मागेकेा जानके भी उस पविच जआाज्ञासे ज्ञा उन्हें सांपी गई फिर जानेसे उस मार्गंकेा न जाननाही उनके किये २२ भला होता । पर उस सच्चे टूरप्वान्तकों बात उनमें पूरी हुई है कि कुत्ता अपनीही छांटका और धोई हुई सूअरो कीचढमें लेटनेकेा फिर गईं । ३ तीसरा पब्बे। १ परच्नोक्ता प्रयाजन ओर कितने निन्दक लेागेंका बणेन ।८ प्रभुके दिनके आनेको भविष्यद्व एणी । १४ उपदेश सांइिस पत्नोको समामि । १ यह दूसरी पत्नी हे प्यारो में अब तुम्हारे पास लिख- ड्र् २ पितर । (३ पब्बे । ता हूं आर दोनोंमें में स्मरण करवानेसे तुम्हारे नि- ष्कपट मनके सचेत करता हूं. जिस्ते तुम उन बातोंका जे पवित्र भविष्यद्ुक्ताओंने आगेसे कही थीं और हम प्रेरितांकी आज्ञाकेा जा प्रभु ओआ चाणकत्ताकी आज्ञा है स्मरण करोा। पर यही पहिले जाने कि पिछ ले टिनोमें निन्‍दक लाग आवेंगे जे अपनेही अभिलाषोंके अनुसार चलेंगे . और कहेंगे उसके आनेकी प्रतिज्ञा कहां है ब्येंकि जबसे पितर लोग से गये सब कुछ रुष्िके आरंभसे यूंही बना रहता है । क्यांकि यह बात उनसे उनको इच्छाहीसे छिपी रहती है कि इंश्वरके बचनसे आकाश पृब्बेकालसे था ओर पृथिवी भी जो जलमेंसे जौर जलके ट्रारासे बनी . जिनके ट्रारा जगत जो तब या जलमें डूबके नप्र हुआ । परन्तु आकाश औ पृथिवी जा अब हैं उसी बचनसे धरे हुए हैं ओर भक्तिहीन मनुष्योंके बिचार और बिनाशके दिनत्नीं झ्ागके लिये रखे जाते हैं। परन्तु हे प्यारा यह एक बात तुमसे छिपो न रहे कि ० ] / आर ०्-ु प्रभुके यहां एक दिन सहस्र बरसके तुल्य ओर सहसख बरस एक दिनके तुल्य हैं। प्रभु प्रतिज्ञाके विषयमें बिलम्ब नहों करता है जैसा कितने त्लाग बिलम्ब समकते हैं परन्तु हमारे कारण धीरज धघरता है और नहीं चाहता है कि काई नपृ होवें परन्तु सब लाग पश्चात्तापका पहुंचे । पर जैसा रातकेा चार आता है तैसा प्रभुका दिन आवेगा जिसमें आकाश हड़हड़ाहटसे जाता रहेगा और तत्त अति तप्त हा गल जायेंगे और पृथिवी और उस- मेंके काय्य जल्न जायेंगे । से जब कि यह सब बस्तु गल १९ ३ पब्खें ।] २ पितर । ०१३ जानेवाली हैं तुम्हे पविच चाल चलन और भक्तिमे कैसे मनुष्य होना और किस रीतिसे इंश्वरके दिनकी बाट जाहना और उसके शीघ्र आनेको चेप्ठा करना डचित १२ है .जिस दिनके कारण आकाश ज्वत्नित हा गल जायगा १३ और तत्व अति तप्न हा पिघल जायेंगे। परन्तु डसकी प्रतिज्ञाके अनुसार हम नये आकाश और नई पृथिवी की आस देखते हैं जिनमें धम्मे बास करेगा । १४ इसलिये हे प्यारा तुम जे इन बातोंकी आस देखते हा। तो यत्न करो कि तुम कुशलसे उसके आगे १४ निष्कलंक औओ निर्दोष ठहरो। और हमारे प्रभुके धीरजका चाण समस्ता जैसे हमारे प्रिय भाई पावलने भी उस ज्ञानके अनुसार जो उसे दिया गया तुम्हारे १६ पास ल्लिखा । वेसेही उसने सब पत्रियोंमें भी लिखा हैं कौर उनमें इन बातेंके विषयमें कहा है जिनमेंसे कितनी बातें गूढ़ हैं जिनका अनसिख और अत्यिर लग जैसे धम्मेपुस्तककी और जऔर बातेंका भी बिप- रीत अथे लगाक्े उन्हें अपनेही बिनाशका कारण १७ बनाते हैं। से हे प्यारा तुम लाग इसका आगेसे जानके अपने तह बचाये रहे णेसा न हो कि अधम्मियोंके भ्रमसे बहकाये जाके अपनी स्पिरतासे ९८ पतित होओ। । परन्तु हमारे प्रभु औ चाणकत्तो यीश खीपघके अनुमह और ज्ञानमें बढ़ते जाओ . उसका गुणा- नुबाद अभी और सदाकाललेों भी हावे । आमीन ॥ 90 याहन प्ररितकी पहिलो पत्री । /ख् दा ९ प्राहत्ला पब्ब । ३ पत्रोका श्राभाष | ५ इंश्वर ज्योात्ति है उससे मेल रखू्ंके लिये ज्यातिम चलन ओर अपने अपने प्राप मान लेनेक्ो आवश्यकता । जे आदिसे था जो हमने जीवनके बचनके विषयमें सुना है जे अपने नेचेंसे देखा है जिसपर हमने ट्ूष्ि किई जार हमारे हायोंने छूझा . कि वह जीवन प्रगट हुआ ओर हमने देखा हे ओर साश्षी देते हैं ओर तुम्हे उस सनातन जोवनका समाचार सुनाते ह जा पिताके संग था और हमेंपर प्रगट हुआ . जे हमने देखा जऔऔर सुना है उसका समाचार तुम्हें सुनाते हैं इसलिये कि हमारे साथ तुम्हारी संगति हाय और हमारी यह संगति पिताके साथ ओर उसके पुत्र यीशु ख्रीप्रके साथ है। और यह बातें हम तुम्हारे पास इसलिये लिखते ५8 हे हैं कि तुम्हारा आनन्द पूरा हाय । जे समाचार हमने उससे सुना है और तुम्हें सुनाते हैं सा यह है कि इंश्बर ज्योति है आर उसमें कुछ भी अन्धकार नहों है । जे हम कहें कि उसके साय हमारी संगति है ओर हम अंधियारेमें चले ते कूठ बालते हैं और सच्चाइपर नहीं चलते हैं | परन्‍्त जैसा वह ज्या- तिम है बेसेहो जे हम ज्यातिसम चल्न ता रक टूसरेसे संगति रखते हैं और उसके पुत्र योश खीपृका लाह हमें सब पापसे शट्टठु करता है। जो हम कहें कि हममें कुछ ७१५ ८६०५ पाप नहों है तो अपनेकोा धाणखा देते हैं जर सच्चाई 6 २ पञ्चे ।] १ याहन । ७१५७ ८ हममे नहीं है । जे हम अपने पापोंका मान लेवें ते वह हमारे पाषोंका छ्मा करनेकेा और हमें सब अधम्मे- १० से शहु करनेकेा बिश्वासयोग्य और धर्म्मी है। जे हम कहें कि हमने पाप नहों किया है तो उसके कठा बनाते हैं और उसका बचन हममें नहीं है । २ ट्सरा पब्चे । १ प्रापक्री क्षमाका योशसे होना । ३ आज्ञाओंपर चलना इंश्वरका ज्ञान रखनेका प्रमाण है इसका बरणन। ५७ भाडयोांसे प्रेम रखनेक्री आदश्यक्रता। १४ जगतमसे प्रीति रखनेका निषेध । १८ सखोष्टांबरेधियेंक्रा बणेन | २४ स्वोीष्टम बने रहनेक्का उपदेश। १ हे मेरे बालकोा में यह बातें तम्दहारे पास लिखता हूं जिस्ते तम पाप न करो झऔर यदि काई पाप करे तो पिताके पास हमारा एक सहायक हे क्थातधाम्मिकयीश २ ख्रीप्र। ओर वहा हमारे पापोंके लिये प्रायश्चित्त है और केवल हमारे नहीं परन्तु सारे जगतके पापोंके लिये भी । ३ और हम लोग जो उसकी आज्ञाओंका पालन ४ करें ता इसीसे जानते कि उसके पहचानते हैं। जा कहता है में डसे पहचानता हूं आर उसकी आज्ञा- आंका नहीं पालन करता है सा झूठा है और उसमें ५ सच्चार नहों हे । परन्‍त जा काई उसके बचनकोा पातल्वनन करे उसमें सचमुच इंश्वरका प्रेम सिटु किया ६ गया हे . इससे हम जानते हैं कि हम उसमें हैं। ज्ञा कहता है मे उसमे रहता हं उसे उचित हे कि आप भी बेसाही चल्ने जेसा वह चला । छ भाइयो में तम्हारे पास नई आज्ञा नहीं लिखता हूं परन्तु पुरानी आज्ञा जो आरंभसे तुम्हारे पास थी परानोी आझाज्ञा वह बचन हे जिसे तमने आरंभसे सना । ५१८ १ याहन । [२ पब्ज। फिर में तुम्हारे पास नई आज्ञा लिखता हूं और यह ते उसमें ज्ौर तममे सत्य है ब्येंकि अंधकार बीता जाता है ज्लार सच्चा उजियाला अभी चमकता है। जो कहता है मैं उजियालेमें हूं और अपने भाईसे बैर रखता है से अबलों झअंधकारमें है । जे अपने भाईकेा प्यार करता है सा उजियालेमें रहता है ल्लौर ठोकर खानेका ऋरण उसमें नहीं है । पर जा अपने भाईसे बैर रखता है से अंधकारमें हे ख्लार अंधका रमें चलता है जर नहीं जानता में कहां जाता हूं क्योंकि अधका र ने उसकी आंखे अंधी किई हैं । है बालकीा में तम्हारे पास लिखता हं इसलिये कि तम्हारे प्राप उसके नामके कारण थामा किये गये है। हे पितरोी में तम्हारे पास लिखता हूं इसत्निये कि तुम उसे जे आदिसे है जानते हा . हे जवानो में तम्हारे पास लिखता हूं इसलिये कि तुमने उस टुप्रपर जय किया है. हे लड़का में तम्हारे पास लिखता हं इसलिये कि तम पिताके जानते हो । हे पितरो मेने तम्हारे पास लिखा है इसलिये कि तम उसे जो आदिसे है जानते है| . हे जवानो मेने तम्हारे पास लिखा है इसलिये कि तम बलबन्‍्त हो और इंश्वरका बचन तमसें रहता है ज्ौर तमने उस टदुष्रपर जय किया है । न ते संसारसे न संसारमेंकी बस्तओंसे प्रीति रखे . यदि कोई संसारसे प्रीति रखता है ता पिताका प्रेम उसमें नहीं है । क्येंकि जे कुछ संसारमें है अथात शरोीरका अभिलाष और नेचोंका झभिलाष जोर छ् १६ २ पब्चे।] १ याहन । ७१७ जीविकाका घमंड से पिताकी ओरसे नहीं है परन्त १५७ संसारकी ओरसे है । और संसार आर उसका अभि- लाष बीता जाता है परन्तु जे इंश्वरकी इच्छापर चलता है सा सदाल्नों ठहरता है । १८. हे लड़का यह पिछला समय है और जैसा तमने सना कि ख्रीप्रबिरोधी आता है तैसे कब भी बहतसे ख्ीपबिरोधी हुए हैं जिससे हम जानते हैं कि पिछला १८ समय है। वे हममेंसे निकत्न गये परन्तु हममेंके नहीं थे क्येंकि जो वे हममेके होते ता हमारे संग रहते परन्तु वे निकल गये जिस्त प्रगट हावें कि सब हममेंके २० नहीं हैं । पर तुम्हारा तो उस परमपविचसे अभिषेक २९ हुआ है और तुम सब कुछ जानते हो। मैंने तुम्हारे पास इसलिये नहीं ल्विखा हे कि तम सत्यका नहीं जानते है परन्‍्त इसलिये कि उसे जानते हो और कि कोई कठ ४२ सत्यमेंसे नहीं है। झूठा औन है केवल वह जो मकरके कहता है कि यीशु जो है से ख्रीघ्र नहीं है . यहो के लि... ४३ खोपघृबिरोधी हे जे पितासे और पुचसे मुकरता है। जे पुत्रका मान लेता है पिता भी उसका है। २४ सा जो कुछ तमने आरंभसे सना वह तममें रहे ज्ञा तमने आरंभसे सना से यदि तममे रहे तो तम २५ भोी परचम झआ ओर पितामे रहोगे। और प्रतिज्ञा जे उसने ४६4६ हमसे कि है यह हे अथात अनन्त जोवन। यह बातें 7रे पास तम्हारे भरमानेहारोंके विषयमे ज्लिखी र तमने जे जझ्मिषेक उससे पाया हे से तममें 47 हा ७१८ १ गहन । [३ प्ले । रहता है और तुम्हे प्रयोजन नहीं कि काई तुम्हें सिखाबे परन्‍्त जैसा वही अभिषेक तम्हें सब बातांके विषय शिक्षा देता है झैर सत्य है कार ऋझूट नहों हैं ओआर जैसा उसने तुम्हें सिखाया है तेसे तुम उसमें रहे।। ज्ैर अब हे बालकेा उसमें रहे कि जब वह प्रगट हाय तब हमें साहस हो जार हम उसके आनेपर उसके गेसे लज्ञजित हाकेन जावें। जे तम जाना कि वह धर्म्मी है ता जानते हा कि जो काई धम्मेका काय्य करता है सा उससे उत्पन्न हुआ हे बे ३ तीसरा पब्ब । १ बिश्लवासियाोंका अपनो पदली ओर आशा कारण पापस बच्चे रहना । 9 झेशलर. के सन्‍्तानां और शेत्ानक सन्‍्तानांके लक्चनण | १४ भादइयांका प्यार करनसे जिश्वासियोंका भरोसा दुढ़ दाता इसका बिबरण । देखा पिताने हमांपर कैसा प्रेम किया है कि हम॑ इंश्वरके सन्‍तान कहावें . इस कारण संसार हमें नहों पहचानता है क्येंकि उसके नहीं पहचाना । हे प्यारो जभी हम दरेश्वरके सन्‍्तान हैं खैर अबल्नें यह नहीं प्रगट हुआ कि हम क्या होंगे परन्तु जानते हैं किजे प्रगट होय ता हम उसके समान होंगे ब्यांकि उसके जैसा वह है तेसा देखगे | ज्ैर जा काई उसपर यह आशा रखता है सा जैसा वह पविच है तैसाही अपनेके पविच करता है। जे का ई पाप करता है से ब्यवस्थालंघन भी करता है और पाप तो ब्यवस्थालंघन है। और तुम जानते हा कि वह ता इसलिये प्रगट हुआ कि हमारे पापोंका उठा लेबे और उसमें पाप नहीं है। जो कोई ब्श्ष् श्द्‌ ३ प्ले |] १ ग्राहन । ढु( /मि १० ११ श्र १३ १७ न्‍न्ःः 74 उसमे रहता है से पाप नहीं करता है . जे का ई पाप करता है उसने न उसके देखा है न उसके जाना है। हे बालकोा काई तुम्हें न भरमावे . जैसा वह धर्म्मी श्र ०.0 ] के ्ठै [0 आज के है तैसा वह जो धम्मेका काय्ये करता है धम्मीं है | जो प्राप करता है से शैतानसे है क्यांकि शैतान आरंभसे पाप करता है. इंश्वरका पुच्र इसी लिये प्रगट हुआ कि शेतानके कार्मांके लेप करे / जे काई इंश्वरसे उत्पन्न हुआ है से पाप नहीं करता है क्योंकि उम्तका बीज । ] ४ बे उसमें रहता है और वह पाप नहीं कर सकता है क्येकि इंश्वरसे उत्पन्न. हुआ है। इसीमें इंश्वरके सन्‍्तान और बम कप 95 के अप सदन रू ढ्ः शैतानके सन्‍्तान प्रगट होते हैं . जे काई धम्मेका काय्पे नहीं करता है से इश्वरसे नहीं है झऔर न बह जे अपने भाईको प्यार नहीं करता है। क्येंकि यही समाचार है जे तुमने आरंभसे सुना कि हम एक दूसरेका प्यार करें। ऐसा नहीं जैसा काइन उस टुप्रसे था आर अपने भाईकेा बध किया . झौर उसके किस कारण बध किया . इस कारण कि उसके अपने काय्य बुरे थे परन्तु उसके भाईके काय्य धम्मेके थे। हे मेरे भाइया यदि संसार तुमसे बेर करता है ते अचंभा मत करो । हम लोग जानते हैं कि हम मृत्युसे पार हा के जी बन- में पहुंचे हैं क्योंकि भाइयोंका प्यार करते हैं . जे भाई- १४ के प्यार नहीं करता है से मृत्युमें रहता है। जो १६ काई अपने भाईसे बैर रखता है से मनुष्यघाती है और तुम जानते हा। कि किसी मनुष्यघातीमें अनन्त ब्लू जीवन नहों रहता है। हम इसीमें प्रेमके। समकते हैं ७२० १ योहन । [४ प्ले । कि उसने हमारे लिये अपना प्राण दिया ओर हमें उचित है कि भाइयोंके लिये प्राण देवें। परन्तु जिस १७ किसोके पास संसारकी जीविका हो जे वह अपने भाईका देखे कि उसे प्रयाजन है और उससे अपना अन्तः:झरण कठोर करे ते उसमें क्यांकर इंश्वरका प्रेम रहता है। हे मेरे बालकेा हम बातसे अथवा ९८ जीभसे नहीं परन्तु करणीसे और सच्चाईसे प्रेम करें । जर इसीमें हम जानते हैं कि हम सच्चाईके हैं और १९८ उसके आगे अपने अपने मनके समम्तावेंगे | क्येंकि २० ज्ञा हमारा मन हमें दोष देवे तो जानते हैं कि इेश्वर हमारे मनसे बड़ा है और सब कुछ जानता है। हे २१ प्यायो जे हमारा सन हमें दोष न देवे तो हमें इंश्वरके सन्‍मुख साहस है । और हम जो कुछ मांगते २२ हैं उससे पाते हैं क्यांकि उसकी आज्ञाओंकेा पालन करते हैं जर वेही काम करते हैं जिनसे बह प्रसन्न होता है। ज्लैौर उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके २३ पुत्र यीशु स्नीपके नामपर विश्वास करें और जैसा उसने हमें आज्ञा दिई बैसा एक ट्सरेका प्यार करें। जैर जे उसकी ज्ञाज्षाओंके पालन करता है से ३४ उसमें रहता है ज्लार वह उसमें श्र इसीसे हम जानते हैं कि वह हमेंमें रहता है क्थात उस आत्मासे जो उसने हमें दिया है । च्चे € ४ चाया पब्ब॥। १ ग्रात्माओके पहचाननको खिधि | ०७ आपसभे प्रेम करनेका उपदेश । १३२ प्रेमसे इंश्लर्म रहनेका प्रमाण मिलता है इसका छणन | ४ पब्बे ।] ९ याहन । ७२१ १ हे प्यारो हर एक आत्माका बिश्वास मत करों परन्तु आत्माओंका परखे कि वे इेश्वरकी ओरसे हैं कि नहा क्योंकि बहुत भूठे भविष्यटुक्ता जगतमें निकल २ आये हैं। इसीसे तम इेश्वरका ज्ात्मा पहचानते हा . हर एक आत्मा जो मान लेता है कि यौशु खरीपघु ३ शरोरमें आया है इश्वरकी ओरसे है। और जे आत्मा नहों मान लेता हे कि यीशु खीघ्र शरीरमें आया हे इंश्वरकोी ओरसे नहीं है और यही तो ख्रोप्नाबरोाधोका आत्मा है जिसे तमने सना है कि ४ आता है और अब भी वह जगतमें है। हे बालका तुम ता इंश्वरके हो और तमने उनपर जय किया ह्ढे क्योंकि जो तुममें हे सो उससे जो संसारमें है बढ़ा ह्लै। ४ वेता संसारके हैं इस का रण वे संसारकी बातें बालते हैं ६ ओर संसार उनकी सनता है। हम तो इंश्वरके हैं . जा इंश्वरका जानता है से हमारी सनता है . जो इश्व र- का नहों हें सा हमारो नहीं सनता . इससे हम सच्चाइंका आत्मा और भ्रांतिका आत्मा पहचानते हैं। ७ है प्यारो हम एक टसरेकोा प्यार करें क्यांकि प्रेम इंश्वरसे हे आर जो कोई प्रेम करता है से। इंश्वरसे ८ उत्पन्न हुआ हैं ओर इंश्वरका जानता है | जो प्रेम नहीं करता है उसने इंश्वरका नहीं जाना क्योंकि इश्वर प्रेम € है। इसीमें इेश्वरका प्रेम हमारी ओर प्रगर हुआ कि इंश्वरने अपने एकल्नोते प्रके जगतमें भेजा है जिस्ते १० हम लाग उसके द्वारासे जीवें। इसीमें प्रेम है यह नहा ।क हमने इंश्वरका प्यार किया परन्त यह कि #ह शः 5७२२ १ याहन । [४ पब्ने । उसने हमें प्यार किया ओर अपने पुत्रके हमारे पा- पोंके लिये प्रायश्चित्त हानेकेा भेज टदिया। हे प्यारा यदि इंश्वरने इस रोतिसे हमें प्यार किया ता उचित है कि हम भी एक टूसरेका प्यार करें । किसीने इंश्वरका कभी नहों देखा है . जो हम एक टूसरेको प्यार करें तो देश्वर हममें रहता है और उसका प्रेम हममें सिटु किया हुआ है। इसोसे हम जानते हैं कि हम उसमें रहते हैं त्लार वह हमसमें कि उसने अपने आत्मामेंसे हमें दिया है। ओर हमने देखा है लर साथी देते हैं कि पिताने पुत्रका भेजा है कि जगतका चाणकत्तो हावे | जो काई मान लेता है कि यीशु इश्वरका पुत्र है इश्वर उसमें रहता है ओर 2 “४470 82<% 5६ ३ कसी 20 77208: #< वह इंश्वरमें । झैार हमारी ओर जो इंश्वरका प्रेम है उसके हमने जान लिया है लआ्लर उसकी प्रतीति किई है . इंश्वर प्रेम हे कलर जो प्रेममें रहता हे से इंश्वरमें रहता हे ओर इदेश्वर उसमें। इसीमें प्रेम हमेंमें सिटु किया गया है जिस्तें हमें बिचारके दिनमें साहस होवे कि जेसा वह है हम भी इस संसारमें बैसेही हैं । प्रेममें भय नहीं है परन्तु पूरा प्रेम भयका बाहर निकालता है क्यांकि जहां भय तहां दंड हे. जे। भय करता है सो प्रेममें सिट्ठ नहीं हुआ है। हम उसके प्यार करते हैं क्योंकि पहिल्ले उसने हमें प्यार किया । यदि कोई कहे में इंश्वरके प्यार करता हूं अर अपने भाईसे बेर रखे ता भ्ूठा है क्योंकि जे से ब्य अपने भाईके जिसे देखा हे प्यार नहीं करता हे सा ११ १२ १३ १९४ १५ १६ १७ ५ पब्ले ।] १ याहन । ७२३ इंश्वरका जिसे नहीं देखा हे क्येंकर प्यार कर सकता है। जआौर उससे यह आज्ञा हमें मिली है कि जे इश्वरका प्यार करता है से अपने भाईके भी प्यार करे । श्र ब््क्े ५ पांचवां पब्बे । १ डेश्वरकों आज्ञा माननेसे प्रमका प्रगट होना । ६ बिश्ञासोक हुदयमें पांवत्र आत्माको साक्षी । १४ प्राथेनाक विधप्रयम । ५८ हेश्वरक और संसारक लेगांकी प्रह्चान । (के १९ जो काई बिश्वास करता है कियोशजो है सो ख्रीप है वह इंश्वरसे उत्पन्न हुआ है और जो कोई उत्पन् करनेहारेका प्यार करता है से उसे भी प्यार करता है २ जा उससे उत्पन्त हुआ है। इससे हम जानते हैं कि जब हम इेश्वरकोा प्यार करते हैं जैर उसकी ज्ञाज्ञाओं- का पालन करतेहें तब इंश्वरके सन्‍्तानोंकीा प्यार करते ३ हैं। क्योंकि इेश्वरका प्रेम यह है कि हम उसकी आज्ञा- आओंका पालन करें झऔर उसकी आज्ञाएं भारी नहीं हैं। ४ क्योंकि जे कुछ इंश्वरसे उत्पन्न हुआ है से संसारपर जय करता है ओर वह जय जिसने संसारपर जय पाया ५ है यह है अथात हमारा बिश्वास | संसारपर जय करनेहारा कान है केवल वह जे। बिश्वास करता है कि यीशु इंश्वरका पुत्र है । ६ जो जल और लोहके ट्रारासे आया से यह है अ- थात यीशु ख्रीपर . वह केवल जलसे नहीं परन्‍्त जलसे और लेहसे आया . और आत्मा है जे। साथी देता है ७ व्यांकि आत्मा सत्य है | क्योंकि तीन हैं जा [स्वगेमें साथी देते हैं पिता आर बचन और पवित्र आत्मा ७२४ १ ग्राहन । [५ पब्ले । ज्जर ये तीनों णक हैं । और तोन हैं जे पूृथिवीपर] साश्ही देते हैं आत्मा और जल और लाह और तीनों एकमें मिलते हैं । जे हम मनुष्योंकी साश्ीके ग्रहण करते हैं ता इंश्वरकी साधथ्नी उससे बड़ी है क्योंकि यह इश्वरकी साथी है जे उसने अपने पुच्रके विषयमें दिई है | जो इश्वरके पुच्रपर बिश्वास करता हे से अपनेहीमें साध्मी रखता हे . जे इेश्वरका बिश्वास नहीं करता हे उसका भकूठा बनाया हे बक्यांकि उस साश्लीपर बिश्वास नहीं किया हे जो इंश्वरने अपने पतच्रके विषयमे दिईद हे । ओर साथी यह हे कि इंश्वरने हमें अनन्त जोवन दिया है तर यह जीवन उसके पचमें हे । प्र जिसका है उसके जीवन हे इंश्वरका पुच जिसका नहीं है उसका जीवन नहीं है। यह बातें मैंने तुम्हारे पास जो इश्वरके पुच्रके नामपर बिश्वास करते हो इसलिये लिखी हैं कि तुम जाना कि तमके अनन्त जीवन हे और जिस्तें तुम इश्वरके पतच्रके नामपर बिश्वास रखे । ज्ौर जे साहस हमके उसके यहां होता है सो यह है कि जे हम लेग उसकी इच्छाके अनुसार कुछ मांगें ता वह हमारी सनता हे। और जो हम जानते हैं कि ज्ञा कछ हम मांगें वह हमारो सनता हे ता जानते हैं कि मांगी हुईं बस्तु जे हमने उससे मांगी हैं हमें मित्ली हैं।यदि काइ अपने भाइकीा ऐसा पाप कर ते देखे जे मृत्यु जनक पाप नहीं है ता वह बिल्‍्ती करेगा और जे पाप ब््े सृत्युजनक नहीं हे ऐसा पाप करनेहारोंके लिये वह उसे 2 ५ पब्बे ।] १ याहन । ७२५ जीवन देगा . मृत्युजनक पाप भी होता है उसके १७ विषयमें में नहीं कहता हूं कि वह मांगे । सब अधम्मे पाप है और ऐसा पाप भी है जो मृत्युजनक नहीं है। १८. हम जानते हैं कि जो कोई इंश्वरसे उत्पन्न हुआ है सा पाप नहीं करता है परन्तु जा इश्वरसे उत्पन्त हुआ से अपने तईं बचा रखता है और बह टुप्र उसे ९९ नहीं छूता है। हम जानते हैं कि हम देश्वरसे हैं ओर २० सारा संसार उस टुष्ृके बशमें पड़ा है। और हम जानते हैं कि इश्वरका पुत्र आया है और हमें बद्ठि दिई है कि हम सच्चेका पहचानें और हम उस सज्चेमें उसके युच्च यीश ख़रीपुर्मे रहते हैं . यह ते सच्चा इेश्वर २९ और अनन्त जीवन है। है बालकेा अपने तहें मूरतेंसे बचाओ । आमीन ॥ याहन प्रेरितकी दसरी पत्नी । 4 पत्रीका आभाष । ४ प्रमको आवश्यकता ओर भरमानहारे उपदेशकाको सहायता करनेका निष्षेघ । १२ प्रत्नोकों समाप्ति । प्राचीन पुरुष चुनी हुईं कुरियाका और उसके लड़केांके जिन्हें में सच्चाईमें प्यार करता हूं . और केवल में नहीं परन्तु सब लाग भी जो सच्चाईका जानते हैं उस सच्चाईंके कारण प्यार करते हैं जा हमेंमें रहती है और हमारे साथ सदालों रहेगी। अनुमह जे दया ओ शांति इश्वर पिताकी ओरसे और पिताके पुत्र प्रभु यीश ख्रीपृुकी ओरसे सच्चाई और प्रेमके द्वारा आप लोगेंके संग हाय । मैंने बहुत आनन्द किया कि आपके लड़कॉंमेसे मैंने कितनेंका जेसे हमने पितासे आज्ञा पाई तैसेही सच्चाईपर चलते हुए पाया है। और अब हे कुरिया में जेसा नई आज्ञा लिखता हुआ तैसा नहीं परन्तु जा जआाज्ञा हमें झआरंभसे मिली उसोकेा ज्ापके पास लिखता हुआ आपसे _बिन्ती करता हूं कि हम एक टूसरेका प्यार करें। ओर प्यार यही है कि हम उसको आज्ञाओंके अनुसार चलने . यही आज्ञा है जैसी तुमने आरंभसे सुनी जिस्तें तुम उसपर चलना । क्यांकि बहुत भरमानेहारे जगतमें आये हैं जे नहीं मान लेते हैं कि यीश ख्रीप शरीरमें आया . यह भरमानेहारा और ख्रीप्रबिरोाधी है । अपने विषयरमं चेकस रहिये २ याहन । ७२७ कि जो कम्मे हमने किये उन्हें न खाें परन्तु पूरा € फ़ल पावें । जे काई अपराधी होता है और खीप॒को शिक्षामें नहीं रहता है इेश्वर उसका नहीं है . जा खरीध्रकी शिक्षामें रहता है पिता और पुच दोनों उसीके ९० हैं । यदि काई आप ल्ागोंके पास आके यह शिक्षा नहीं लाता है ता उसे घरमें ग्रहण न कीजिये ओर १९ उससे कल्याण होय न कहिये । क्यांकि जे उससे कल्याण हाय कहता है से। उसके बुरे कम्मांमें भागी होता है । १२ मुझे बहुत कुछ आप लोगेंके पास लिखना है पर मुझे कागज ओ सियाहीके द्वारा लिखनेकी इच्छा न थी परनन्‍त आशा है कि में आप लोागोंके पास आऊं जौर सन्‍मख होके बात करूं जिस्ते हमारा आनन्द १३ पूरा हाय । आपको चुनी हुईं बहिनके लड़केंका आपसे नमस्कार । क्मीन ॥ याहन प्ररितकी तीसरी पन्नी । क सब. सु. १ परत्रोका अभाष । ० गायसको भक्ति ओर अतिथिसेबाकों प्रशंसा । ७ दियालिफो और दीमीजियको कुछ चर्चा । १३ पत्रोकी समाप्मि । प्राचीन पुरुष प्यारे गायसको जिसे में सच्चाईमें प्यार करता हूं । हे प्यारे मेरी प्राथेना है कि जैसे आपका प्राण कुशल श्षेमसे रहता है तेसे सब बातोंमें आप कुशत्न॑ छोमसे रहे शऔ भलत्ने चंगे हों । क्येंकि भाई लाग जो आये और आपकी सच्चाईेकी जैसे आप सच्चाईपर चलते हैं साथ्ठी दिद्दे ता मेंने बहुत आनन्द किया । मुर्के इससे बड़ा कोई आनन्द नहीं है कि में सुनूं कि मेरे लड़के सच्चादेपर चलते हैं। हे प्यारे आप भाइ- योंके लिये और अतिथियोंके लिये जे। कुछ करते हैं से बिश्वासोकी रोतिसे करते हैं । इन्होंने मंडत्लीके आगे आपके प्रेमको साथी दिईदं, जा क्लाप इश्वरके योग्य ब्यवहार करके उन्हें आगे पहुंचावें तो भला करेंगे । क्यांकि वे उसके नामपर निकले हैं जोर देवपूजकोांसे कुछ नहीं लेते हैं । इसलिये हमें डचित है कि एसांके ग्रहण करें जिस्त हम सच्चाईके लिये सहकर्म्मी हा जावें। मेंने मंडलीके पास ल्लिखा परन्तु दियेत्रिफी जे उन- मे प्रधान हानेकी इच्छा रखता हे हमें ग्रहण नहीं है करता है । इस कारण में जो आऊं ते उसके कम्मा के २० ३ याहन । 9ए5 जा वह करता हैं स्मरण कराऊंगा कि बुरी बातेंसे हमारे बिरुदु बकता है और इनपर सन्‍्तेष न करके वह आपहो भादयोंका ग्रहण नहीं करता है जार उन्हें जे ग्रहण किया चाहते हैं बजता है और मंड- १९ लीमेंसे निकालता है। हे प्यारे बुराइके नहीं परन्त भलाईके अनुगामी हजिये . जो भला करता है सो इंश्वरसे है परन्तु जा बुरा करता है उसने इेश्वरकोा १२ नहीं देखा है| दीमीचियके लिये सब लोागोंने जोर सच्चाईने आपहोी साथी दिईं है बरन हम भी साश्यी देते हैं और क्षाप लाग जानते हैं कि हमाराी साश्ती सत्य है। १३. मुझे बहुत कुछ लिखना था पर में आपके पास सियाही और कलमके द्वारा लिखने नहीं चाहता हूं। १४ परन्तु मुके आशा है कि शीघ्र आपके देखूं तब हम १४ सन्‍्मुख होके बात करेंगे । आपका कल्याण होय . मिच लोगोंका आपसे नमस्कार . नाम ले ले मिच्रोंसे नमस्कार कहिये । 92 ल्_ यिहृत को ८5 दाका पत्मनमा । पत्नीका आभाष | ३ पत्नोका प्रयोजन और भकूठे उपदेशकांके प्रगठ छोनेका भविष्यद्वाक्य । ४ उनके दंडके तीन दुष्ट्रान्ल । ८ उनको शअणशद्ध चालका उलहना ओर इनाकक्नों भविष्यद्वाणो । १७ निन्‍्दकाके प्रगट होनेके भाविष्यद्वाक्यका स्मरया करवाना । २० दक रहनेक्रा उपदेश । २४ घन्यबाद सहिस पत्रीेकी समाप्मि । यिहृदा जे यीश ख्रीप्रका दास और याकूबका भाई है ब॒लाये हुए लोागोंका जे इंश्वर पितामें पविच किये हुए और यीशु खरीपृके लिये रश्षा किये हुए हैं . तुम्हे बहुत बहुत दया औ शांति औ प्रेम पहुंचे । हे प्यारो में साधारण चाणके विषयमे तम्दारे पास लिखनेका सब प्रकारका यत्र जो करने लगा तो मुम्े अवश्य हुआ कि तुम्हारे पास त्लिखके उस बिश्वासके लिये ज्ञा पविच लेागेंका एकही बेर सोंपा गया साहस कर ने - का उपदेश करूं। व्यांकि कितने मनुष्य जा पूब्बेकालसे इस दंडके योग्य लिखे गये थे छिपके घुस आये हैं जा भक्तिहीन हैं और हमारे देश्वरके अनुमरहका लुचपन- की ओर फेर देते हैं और अद्वैत स्वामी इश्वर और हमारे प्रभु योश ख्रीप्रसे मुकर जाते हैं । पर यद्यपि तमने इसके णक बेर जाना था तेभी में तम्हें स्मरण करवाने चाहता हूं कि प्रभुने त्ला गांके मिसर देशसे बचाके फिर जिन्होंने बिश्वास न किया उन्हें नाश किया । उन टतोंकोा भो जिन्हेंने अपने प्रथम पदका न रखा परन्‍त अपने निज निवासके छोड़ दिया उसने उस बंडे दिनके बिचारके लिये अंधकारमें सदाके बन्धनोंम रखा है। जैसे सदोसम और अमेरा और उनके आस- पासके नगर इन्हेांकीसी रीतिपर ब्यभिचार करके और बी ११ यिहृदा । ७३१ पराये शरोरके पीछे जाके टूष्रान्त ठहराये गये हैं कि अनन्त आगका दंड भागते हैं । तैाभी उसी री तिसे ये ल्ाग भी स्वप्रदर्शी हो। शरी र का अशटटु करते हैं ओर प्रभुताका तुच्छ जानते हैं और महत पदोंकी निन्‍दा करते हैं। परन्तु प्रधान टूत मीखा- येल जब शैतानसे मूसाके देहके विषयमें बाद बिबाद करता था तब उसपर निन्‍्दासंयुक्त बिचार करनेका साहस न किया परन्तु कहा परमेश्वर तुके डांटे । पर ये लोग जिन जिन बातोंका नहीं जानते हैं उनकी निन्‍दा करते हैं परन्तु जिन जिन बातोंका अचैतन्य पशुओंकोी नाईं स्वभावहीसे बूरते हैं उनमें श्रप्त होते हैं। उनपर सन्‍ताप कि वे काइनके मागेपर चले हैं और मजूरीके लिये बलामकोी भूलमें ढतल गये हैं और कोर हके १२ बिबादमें नाश हु हैं। तुम्हारे प्रेमके भाजेंमें ये ल्लाग समुद्रमें छिपे हुए पब्बेत सरोखे हैं कि वे तुम्हारे संग निर्भेय जेवते हुए अपने तह पालते हैं वे निजल मेघ हैं जे बया- शोंसे इधर उधर उड़ाये जाते हैं पतकड़के निष्फल पेड़ जा १३ दो दो बेर मरे हैं जैौर उखाड़े गये हैं . समुद्रकी प्रचंड लहरें जे अपनी लज्जाका फेन निकालती हैं भरमते हुए तारे जिनके त्निये सदाका घेर अन्धकार रखा गया १४ है। और हनेाकने भी जे! झ्राटससे सातवां था इन्हेंका भविष्यद्राक्य कहा कि देखे परमेश्वर अपने सहसेएं १५ पविचेंके बीचमें आया . कि सभोंका बिचार करे और उनमेके सब भक्तिहोन लोागांकेा उनके सब अभक्तिके कम्मांके विषयमें जे। उन्हे ने भक्तिही न हे।के किये हैं और ना ७च्वर यहुदा । 55 उन सब कठोर बातोंके विषयमें जे भक्तिहीन पापियेंने उसके बिरुटु कही हैं दोषी ठहरावे। ये ता कुड़कुड़ा ने हारे १६ अपने भाग्यके टूसनेहारे और अपने अभिलापषेोंके अनु- सार चलनेहारे हैं और उनका मुंह गललफटाकीकी बातें बालता है और वे लाभके निमित्त मुंह देखी बड़ाई किया करते हैं । पर हे प्यारा तुम उन बातों का स्मरण करे जो हमारे १७ प्रभु यीशु ख्री पके प्रेरितांने आगेसे कही हैं . कि वे तुमसे ९८ बाले कि पिछले समयमें निन्‍्टक ल्लाग होंगे जे अपने अभक्तिके अभिलाषोंके अनुसार चलेंगे। ये तो बे हैं १८ जे अपने तदें अलग करते हैं शारीरिक त्लोग जिन्हें आत्मा नहीं है। परन्तु हे प्यारा तुम लोग अपने अति पवित्र २० बिश्वासके द्वारा अपने तईं सुधारते हुए पविच आत्मा- की सहायतासे प्राथेना करते हुए . अपनेकोा इंश्वरके २९ प्रेममें रखे खैर अनन्त जोवनके लिये हमारो प्रभु यीश ख्रीप्रकी दयाकी आस देखा । और भेद करते २२ हुए कितनोांपर ते दया करो । पर कितनोंका आगमेंसे २३ छोनके उस बस्तसे भो जो शरोरसे कलंकी किया गया है घिन्न करके डरते हए बचाओ । जो तुम्हें ठाकरसे बचाये हुए रख सकता है और झप- २४ नी महिमाके सन्‍्मख आहाद सहित निरदाष खड़ा कर सकता है. उसका अथात अदत बुट्ठिमान इंश्वर हमारे २४ चाणकत्ताका ऐेश्वय्ये और महिमा ओ पराक्रम और अधिकार अभो और सल्लेदालां भी होवे। आामीन ॥ याहनका प्रकाशित बाक्य । ९ पहिला पब्बे । थू पुस्तकका श्राभाष । ४ अशियाक्रो सात मंडलियांके पास याहनको साल पत्रियोंका आभाष । € प्रभु योशका याहनके पत्नी लिखनेको आज्ञा देना । १२ प्रभने योहनका जे दर्शन दिया तिसका बणेन । १ यीशु खीघषुका प्रकाशित बाक्य जे। इश्वरने उसे दिया कि वह अपने दासेोंका वह बातें जिनका शीघ्र पूरा होना अवश्य है दिखावे और उसने अपने टूतके हाथ भेजके २ उसे अपने दास यो हनके बताया. जिसने इेश्वरके बचन और यीशु ख्रीपकी साथीपर अथात जे। कुछ उसने देखा ३ उसपर साश्गी दिईं। जे। इस भविष्यद्राक्यकी बातें पढ़ता है और जे सुनते और इसमेंकी लिखी हुईं बातेंकेा पालन करते हैं से धन्य व्येंकि समय निकट है। 8 योहन आशियामेंकी सात मंडल्लियोंका . अनुग्रह और शांति उससे जो है जैर जे था और जे। झञानेवाला है ज्लर सात आत्माओंसे जे उसके सिंहासनके आ गे हें . ५ ओर यीश खीपृसे तुम्हें मिले . बिश्वासयोग्य साथी जैर मृतकोंमेंसे पहिलाठा और पृथिवीके राजाओंका अध्यक्ष ६ वही है। जिसने हमें प्यार कर अपने लोहमें हमारे पापोंकेा थे डाला और हमें अपने पिता इंश्वरके यहां राजा और याजक बनाया उसीकी महिमा औ पराक्रम ७ सदा खब्बेदा रहे . आमीन । देखे वह मेघेंपर आता है जैर हर एक आंख उसे देखेगी हां जिन्हेंने उसे बेघा वे भी उसे देखेंगे और पृथिवाके सब कुल उसके लिये ७३४ प्रकाशित बाक्य । [१ पब्ले । छाती पीटेंगे . ऐसा हाय आमीन । परमेश्वर इंश्वर ८ वह जो है जोर जो था और जो जअानेवाला है जो सब्बेशक्तिमान है कहता है मेंही अलफा और आओ ओमिगा आदि और अन्त हूं । में याहन जो तुम्हारा भाई जर यीशु खीघपृके क्नेश < और राज्य और धीरजमें सम्भागी हूं इश्वरके बचनके कारण और यीश ख्रीप्रकी साथश्वीके कारण पत्मो नाम टापूर्मे था। मैं प्रभुके दिन आत्मामें था और अपने पीछे १० तुरहीकासा बड़ा शब्द यह कहते सुना . किमेंही अतल्फा ९१ और ओमिगा पहिला और पिछला हूं और जो तू देखता है उसे पचमें त्विख झैर आशियामेंकी सात मंड- लियेंके पास भेज अथात इफिसके ओर स्मुणाका और पगामका और थुआतोराकेा और सार्दीके और फि- लादिलफ़ियाका ज्और लाओरदिकेयाकेा । ज्ैौर जिस शब्दने मेरे संग बातें किद्दें उसे देखनेके ९२ में पीछे फिरा और पोछे फिरके मेने सात सो नेकी दीवट देखीं । और उन सात दीवटोंके बीचर्म मनुष्यके पुचके १३ समान णक पुरुषकोा देखा जो पांवाोंतकका बस्त पहिने और छातीपर सुनहत्ला पटुका बांधे हुए था। उसके सिर १४ और बाल श्वेत ऊनके एसे और पालेके से उजले हैं जैौर उसके नेच अग्रिकी ज्वालाको नाइंहें। और उसके १४ पांव उत्तम पीतलके समान भट्टीमें दहकाये हुश्से हैं और उसका शब्द बहुत जलके शब्दको नाईं है। और १६ वह अपने दहिने हाथमें सात तारे लिये हुए है जार उसके मुखसे चेाखा देधारा खड़्‌ निकलता है और उस- र पब्ले ।] प्रकाशित बाक्य । ७३४ का मुंह ऐसा है जैसा सूय्य अपने पराक्रममें चमकता १७ है। और जब मेंने उसे देखा तब मृतककी नाई उसके पांवों पास गिर पड़ा और उसने अपना दहिना हाथ मरूपर रखके मरूसे कहा मत इर मेंही पहिला जोर १८ पिछला और जीवता हूं। और मैं मूआ था और देख मैं सदा सब्बेदा जीवता हूं. आमीन . और मृत्य और १८ परलाककी कंजियां मेरे पास हैं। इसलिये जा कछ तने देखा है झोर जा कछ होता है और जे कुछ इसके २० पीछे हानेवाला है सा लिख. अथोात सात तारोंका भेद जो तूने मेरे दहिने हाथमें देखे और वे सात से।नेकी दीवंटें . सात तारे सातों मंडलियोंके टूत हैं जैौर सात दोवट, जा तने देखीं सातों मंडली हैं । २ टूसरा पब्बे। १ इफिसमेको संडलोक पास पत्रों ।८ स्मुणामंकी संडलोक पास प्रश्नों । १३२ प्रगासमेको संडलोके पास पत्रो | १८ घुआतोरामेकी मंडलोके पास पत्नी । १ इफिसमेंकी मंडलीके टूतके पास लिख . जो सातों तारे अपने टहिने हाथमे धरे रहता है जो सातों सो- नेकी दीवरटोंके बीचम फिरता है सो यही कहता है। २ में तेरे काय्यांके और तेरे परिश्रमका और तेरे धीर ज- के जानता हूं जौर यह कि त बरे लागोंकी नहीं सह सकता है झेर जो लोग अपने तरें प्रेरित कहते हैं पर ३ नहों हैं उन्हें तने परखा ओर उन्हें कठे पाया । और तने सह लिया और धीरज रखता है और मेरे नामके ४ कारण परिजञ्मम किया है और नहीं थक गया है। पर- न्तु मेरे मनमें तेरी ओर यह है कि तूने अपना पहिला ] ७३ प्रेम छोड़ दिया है । से चेत कर कि तू कहांसे गिरा है ज्ौर पश्चात्ताप कर और पहिले काय्यांके कर नहीं ते मैं शीघ्र तेरे पास आता हूं और जे। तू पश्चात्ताप न करे ता में तेरी दीवटका उसके स्थानसे हटा देऊंगा। पर तुके इतना ते है कितू निकालावियोंके कम्मांसे घिन्न करता है जिनसे में भी घिन्न करता हूं। जिसका कान हा सो सुने कि आत्मा मंडलियोंसे क्या कहता है . जे। जय करे उसके में जोवनके वृश्चमेंसे जे इेश्वरके स्‍्वगेल्लाकर्म है खानेका देऊंगा । ओर स्मणोामेंकी मंडलीके टूतके पास लिख . जो बे पहिला और पिछला है जे मूआ था और जी गया से यही कहता है । में तेरे काय्यांका जार छक्लेशकेा और दरिट्रताका जानता हूं ताभी तू धनी है और जे लाग अपने तह यिहदी कहते हैं और नहीं हैं परन्तु प्रकाशित बाक्य । [२ पब्ले । ४ जैतानकी सभा हैं उनकी निन्‍दाका जानता हूं । जा ९० टुःख तू भागेगा उससे कुछ मत डर देख शैतान तुम- मेंसे कितनेंकेा बन्दीगृहमें डालेगा कि तुम्हारी परीक्षा किई जाय और तुम्हें दस दिनका क्लेश होगा. तू मृत्युत्लां बिश्वासयोग्य रह और में तु्के जीवनका मुकुट देऊंगा । जिसका कान है| सो सुने कि आत्मा ९१ मंडल्लियोंसे क्या कहता है . जे जय करे टूसरो मृत्यसे उसकी कुछ हानि नहीं होगी । और पगाममेंकी मंडलीके टूतके पास लिख . जिस ९२ पास खड़ है जे दोाधारा और चेखणा है से यही कहता है। में तेरे कार्य्याॉके जानता हूं जैर तू कहां बास करता १३ २ पब्चे ।] प्रकाशित बाक्य । ७३७ १४ १४ १६ १७३ १७ १८ ब्0 है अथात जहां शैतानका सिंहासन है और तू मेरे नामके धरे रहता हे और मेरे बिश्वाससे उन दिनोंमे भी नहीं मुकर गया जिनमें अन्तिपा मेरा बिश्वासयेग्य साथी था जो तुम्हेंमें जहां शैतान बास करता है तहां घात किया गया । परन्तु मेरे मनमें तेरी ओर कुछ घाोड़ीसी बातें हैं कि वहां तेरे पास कितने हैं जे। बला- मकी शिक्षाका धारण करते हैं जिसने बालाकके शिक्षा दिई कि इस्रायेलके सन्‍तानोंके आगे ठोकरका कारण डाले जिस्ते वे सूत्तिके आगेके बल्लिदाँन खायें और ब्यभि- चार करें। बेसेही तेरे पास भी कितने हैं जे निकेाला- वियोंकी शिक्षाक्रा धारण करते हैं जिस बातसे में घिन्न करता हूं । पश्चात्ताप कर नहीं ते में शीघ्र तेरे पास आता हूं ओर अपने मुखके खड़से उनके साथ लडंगा। जिसका कान हो से सने कि आत्मा संडलियोंसे क्या कहता है . जो जय करे उसको मे गुप्त मन्नामसे खानेकेा देऊंगा और उसके ण्क श्वेत पत्थर देऊंगा ल्लौर उस पत्थरपर एक नया नाम लिखा हुआ है जिसे कोई नहों जानता है केवल वह जो उसे पाता है । आर घुतआातो रामेंकी मंडल्लीके टू्तके पास लिख. इंश्वरका पुत्र जिसके नेच अपग्निकी ज्वालाकी नाईें और उसके पांव उत्तम पी तलके समान हैं यही कहता है। में तेरे काय्यांके जर प्रेमकेा कौर सेवकाईके खैर बि- हवासकओे आओर तेरे धीरजकेा जानता हं ओर यह कि तेरे पिछले काय्ये पहिलेंसे अधिक है । परन्‍्त मेरे मनमें तेरी ओर यह है कि तू उस स्त्री इंजिबलकेा जे अपने 98 | ७३८ प्रकाशित बाक्य । [३ पब्ले। [अत 3 का. ते भविष्यद्र॒क्तो कहती हे मेरे दासांका सिखाने ओर भरमाने देता हे जिस्ते वे ब्यभिचार करें जोर मत्तिके 6. ८5. आगेके बत्तिदान खाये । ओआर मेने उसके समय दिया कि वह पश्चात्ताप करे पर वह अपने ब्यभिचा रसे पश्चा- त्ताप करने नहीं चाहती है। देख में उसे खाटपर डाल्ल- ता हूं आर जो डसके संग व्यभिचार करते हैं जे वे अपने कम्मांसे पश्चात्ताप न करे तो बड़े क्लेशगम डाल्लंगा। ज्लैौर में उसके लड़केांका मार डालंगा झेर सब मंडल्लि- यां जानेंगों कि मेंहीं हूं जे लंकका ओर इदयोंका जांचता हें त्लार मे तममसे हर एकके तम्हारे कम्मांके ब्पनसा र देऊंगा। पर में तम्हांसे अथात थञआतीरामेंके कौर कोर त्लोगाोंसे जितने इस शिक्षाका नहीं रखते हैं आर जिन्होंने शेतानकी गंभीर बातोंकेा जेसा वे कहते हैं नहीं जाना है कहता हूं कि में तुमपर और कुछ भार नडालंगा। परन्‍त जा तम्हारे पास हे उसे जबल्लों में न चज्याऊं तबत्नीों धरे रहो | औझोर जा जय करे ओर मेरे काय्पांका अन्तत्नों पालन करे उसके में अन्यदेशियों पर अधिकार देऊंगा। और जेसा मेंने अपने पितासे पाया है तेसा बह भी लोाहेका दंड लेके उनकी चरवाही करेगा जैसे मिट्टीके बत्तेन चूर किये जाते हैं। और में उसे भारका तारा देऊंगा । जिसका कान हो सो सुनते कि आत्मा मंडलियेंसे कया कहता है । ३ तीसरा पब्ब । १ सादोमेको मंडलोक पास पतन्नो । ० फिलादलफियामको मंडलोके प्रास प्रत्ञों । १४ लाओआदिकेयामको मंडलोके पास पत्रो । २१ ब्श्र र३ घ्डे २५ रद रछ ब्् श्र ३ प्ले ।] प्रकाशित बाक्य । । जे १९ और सार्दोर्मेंकी मंडलीके टूतके पास लिख . जिस पास इंश्वरके सातो आत्मा हैं औोर सातों तारे से यही कहता है . में तेरे काय्योंका जानता हूं कि तू जीनेका २ नाम रखता है और मृतक है । जाग उठ और जा रह गया है जोर मरा चाहता है उसे स्थिर कर क्योंकि ३ मैंने तेरे कारय्येंका इेश्वरके आगे पूर्ण नहीं पाया है। से चेत कर कि तूने कैसा ग्रहण किया और सुना है ओर उसे पालन करके पश्चात्ताप कर . सा जो त न जागे ता में चारकी नाईें तकपर ञआा पडंगा ओर त कछ नहों 8 जानेगा कि में कानसो घड़ी तकपर आ पडुंगा। परन्तु तेरे पास सार्दोर्मिं भी थाड़ेसे नाम हैं जिन्होंने अपना अपना बस्तर अशरटु नहों किया और वे उजला पहिने ५ हुए मेरे संग फिरेंगे क्येंकि वे याग्य हैं । जो जय करे उसे उजला बस्त पहिनाया जायगा और में उसका नाम जीवनके पुस्तकमेंसे किसो रोतिसे न मिटाऊंगा पर उसका नाम अपने पिताके आगे और उसके टूतोंके ६ आगे मान लेऊंगा । जिसका कान है से सुने कि आत्मा मंडलियोंसे क्या कहता हे । ७ और फिलादिलफियामेंकी मंडत्नी के टूतके पास त्लिख. जे। पविच है जो सत्य है जिस पास दाऊदकी कुंजी है जा खालता है जोर काई बन्द नहीं करता और बन्द करता है जार काई नहीं खालता से यही कहता है । ८ मे तेरे काय्यांका जानता हूं. देख मेने तेरे आगे खुला हुआ द्वार रख दिया है जिसे काई नहीं बन्द कर सकता है क्योंकि तेरा सामथ्ये याेड़ासा हे ओर तने मेरे बचनके ७४० प्रकाशित बाक्य ॥ [३ पब्छे । पालन किया है और मेरे नामसे नहीं मुकर गया है। देख में शेतानकी संभामेंसे अथेात जो लाग अपने तहें यिह॒टोी कहते ह कोर नहों है परनन्‍त कूठ बोलते हे उनमेसे कितनोंका सोंप देता हूं देख में उनसे णेसा करूंगा कि वे आके तेरे पांवांके आगे प्रणाम करेंगे खेर _ जान लेंगे कि मैंने तुमे प्यार किया है। तूने मेरे धीरजके बचनके पालन किया इसलिये में भी तुके उस परीक्षाके समयसे बचा रखूंगा जो सारे संसारपर आनेवाला है कि पृथिवोके निवासियोंको परीक्षा करे । देख में शोप्र आता हूं . जा तेरे पास है उसे धरे रह कि काई तेरा मकट न ले तले । जा जय करे उसे में अपने इेश्वरके मन्ट्रिम खभा बनाऊंगा कोर वह फ़िर कभी बाहर न निकलेगा और में अपने इेश्वरका नाम और र अपने ई श्व- रके नगरका नाम अथोांत नई गयिरूशल्लीमका जो स्वगे- मेंसे मेरे इंश्वरके पाससे उतरती है और अपना नया नाम उसपर लिखंगा । जिसका कान हो से सने कि अात्मा मंडालयोंसे क्या कहता है । ओआरल्लाओटिकेयामेको मंदलोके टतके पास लिख . जा आमोन हे जा बिश्वासयाग्य और सच्चा साथी ह जा इंश्वरको रुप्रिका आदि हे से यही कहता ह। में तेरे कार्य्यांका जानता हूं कि तू न ठंढा हे न तप् है . मैं चाहता हं कि ते ठंढा अथवा तप्न होता । से इसलिये कि त गनगना है और न ठंढा न तप्त हे में तके अपने मंहमेंसे उगल डालंगा । त जा कहता है कि में घनी हूं ओर धनवान हुआ हं और म्॒के किसी बस्तका हे १० ११ ९२ १३ १४ १४ १६ ४2 ४ पब्जे ।] प्रकाशित बाक्य । ७४१ प्रयोजन नहों हे झआर नहीं जानता है कि तहों टोनहीन और अभागा है और कंगाल और अन्धा और नंगा है १८ इसोलिये मे तुझे परामश देता हूं कि आगसे ताया हुआ साना मुझसे मेल ले जिस्ते तू धनवान हाय और उजला 4 ब्र0 २१ बस्तर जिस्त तू पहिन लेबे और तेरी नंगाईकी त्नज्जा न प्रगट किए जाय और अपनी आंखेोंपर लगानेके लिये अंजन ले जिस्ते त देखे। में जिन जिन लोगोंको प्यार करता हूं उनका उलहना और ताइ़ना करता हूं इस- लिये उत्येगी हा और पश्चात्ताप कर । देख में ट्रारपर खड़ा हुआ खटखटाता हूं . यदि काई मेरा शब्द सनके द्वार खाल्ने तो में उस पास भीतर आऊंगा और उसके संग बियारो खाऊंगा जोर वह मेरे संग खायगा। जे जय करे उसे में अपने संग अपने सिंहासनपर बेठने देऊंगा जेसा मैंने भी जय किया और अपने पिताके २२ संग उसके सिंहासनपर बैठा । जिसका कान हो से १ सुने कि आत्मा मंडलियोंसे क्या कहता है। 8४ चाया पब्बे । इश्वरके सिंहासनका ओर स्त॒ति करनेहारे प्राचोनां ओर प्राणियेंका दशन ॥ इसके पीछे मेने ट्रप्ति कई और देखे स्वगेमें एक द्वार खुला हुआ है ओर वह पहिला शब्द जो मैंने सुना अथोातल मेरे संग बात करनेहारो तुरहीकासा शब्द यह कहता है कि इधर ऊपर आ ओर में वह बातें जिनका «५ कप |] अमस ०. ब् २ इस पाछे पूरा हाना अवश्य हे तुके दिखाऊंगा। ओर तुरन्त में आत्मामें हुआ और देखे एक सिंहासन स्वगेमें 98२ प्रकाशित बाक्य । [8 पब्छे । धरा था और सिंहासनपर ण्क बेठा हैं। और जो बैठा है से देखनेमें सूय्येकान्त मणि और माणिक्यकी नादईें है और सिंहासनको चहं ओर मेघधनुष है जो देखनेमें कक किकल रत २ का: 5 किक स2क मरकतकी नाईं हैे। ओर उस सिंहासनकी चहुं ओआर चैबीस सिहासन हैं आर इन सिंहासनेंपर मेने चेबीस प्राचीनांका बेठे देखा जो उजल्ला बस्त पहिने हुए ओर अपने अपने सिरपर सानेके मुकुट दिये हुए थे। ओआर सिंहासनमें से बिजलियां ओर गजेन और शब्द निकलते हैं ज्र सात अग्रिदीपक सिंहासनके आगे जलते है जा इंश्वरके सातों आत्मा हैं। और सिंहासनके आगे कांचका समुद्र है जा स्फटिकको नाइें है और सिंहासनके बीचमें खैर सिंहासनके क्रासपास चार प्राणी है जा आगे जर पीछे नेचोंसे भरे हे । और पहिला प्राणी सिंहके समान और टूसरा प्राणी बछड॒के समान है ओआर तीसरे प्राणीके मनुष्यकासा मुंह है आर चौथा प्राणी उड़ते हुए गिटके समान है । और चारों प्राणियों मेंसे एक ए्कके छः: छः पंख ह और चहुँ ओर और भीतर वे नेचोंसे भरे है और वे रात दिन बिआ्रम न लेके कहते ह पविच पवित्र पविच परमेश्वर इश्वर सन्नेशक्तिमान जा था और जो है और जो आनेवाला है। झऔर जब जब वे प्राणी उसकी जे सिंहासनपर बैठा है जो सदा सब्बेदा जोबता है महिमा ओ जझादर जा धन्यवाद करते है . तब तब चोबीसों प्राचीन सिंहासनपर बेठने- हारेके आगे गिर पड़ते हे और उसके जे सदा सब्बेदा जीवता है प्रणाम करते है और अपने अपने मुकुट इे १० ५ पब्ले ।] प्रकाशित बाक्य । ७४३ ११ ६ सिंहासनके आगे डालके कहते हे . हे परमेश्वर हमारे इंश्वर तू महिमा ओ आदर जऔ सामथ्य लेनेके योग्य है क्योंकि तूने सब बस्त रूजीं और तेरी इच्छाके कारण वे हुईं और रूजी गदें। ५ पांचवां पब्बे । १ सात छाप दिये हुए रुक पुस्तकका दर्शन ओर उसके खेलनेका विचार | ६ मेस्नेका दर्शन आर उसका वह पुस्तक लेना ओर सारो सृष्टिका उसको स्वत॒त्ति ्छ च्छ करना । और मेंने सिंहासनपर बैठनेहारेके दहिने हाथमें एक पुस्तक देखा जा भीतर और पीठपर लिखा हुआ था और सात छापोंसे उसपर छाप दिई हुई थी । और मेंने एक पराक्रमी टूतका देखा कि बड़े शब्दसे प्रचार करता है यह पुस्तक खेलने और उसकी छाप तोड़नेके योग्य कान है। और न स्वगेमें न पृथिवीपर न पृथिवीके नीचे काई वह पुस्तक खेलने अथवा उसे देखने सकता था। और में बहुत रोने लगा इसलिये कि पुस्तक खेलने झौर पढ़ने अथवा उसे देखनेके याग्य कोई नहीं मिला । और प्राचीनेंमेंसे एकने मुझसे कहा मत रो देख वह सिंह जा यिहृदाके कुलमेंसे है जा टाऊदका मूल है पुस्तक खोलने ओर उसकी सात छापें ताड़नेके लिये जयवन्त हुआ है। और मेंने टरष्वि किई ओर देखे सिंहासनके ओर चारों प्राणियोंके बीचमें और प्राचोनेंके बीचमें एक मेस्ना जैसा बध किया हुआ खड़ा है जिसके सात सींग और सात नेच हैं जा सारी पृथिवीमें भेजे हुए इश्वरके ७४४ प्रकाशित बाक्य ॥। [५ पल्ले । सातां आत्मा है। ज्र उसने आके वह पुस्तक सिं- हासनपर बेठनेहारेके दहिने हाथसे त्ने त्लिया | चार जब उसने पुस्तक लिया तब चारों प्राणी और चे।बीसें प्राचीन मेस्तेके झागे गिर पढ़े आर हर णकके पास बीण थी ओर धूपसे भरे हुए सेनेके पियाले जो पविच लोागेंको प्राथेनाएं है । और वे नया गीत गाते हैं कि तू पुस्तक लेने ओआर उसकी छापे खोालनेके योग्य है ब्येंकि तू बध किया गया और तूने अपने लेाहसे हमें हर एक कुल और भाषा और लोग चर देशमंसे इंश्वरके लिये मोल ल्लिया . ओर हमे हमारे इंश्वरके यहां राजा कौर याजक बनाया और हम पृथिवीपर राज्य करेंगे । और मेंने टूृष्षचि किईथ और सिंहासनकी और प्राणियोंकी और प्राचीनेंकी चहुं ओर बहुत टूतांका शब्द सुना ओर बे गिन्‍्तोमें लाखों तल्लाख और सहसे सहस॒ थे | ओर वे बड़े शब्द्से कहते थे मेस्ना जो बध किया गया सामथ्य औ घन औओ बढ्ठि ओ शक्ति ओ आदर ओ महिमा ओझ धन्यबाद लेनेके योग्य है। और हर ण्क रुजी हुई बस्तुका जो स्वगेमें ओर पृथिवीपर ओर पृथिवीके नीचे ओर समुद्रपर है और सब कुछ जो उनमें हे मेंने कहते सुना कि उसका जो सिंहासनपर बेठा हे और मेमस्नेका धन्‍्यबाद जे आदर जौ महिमा जल पराक्रम सदा सब्लेटदा रहे । और चारों प्राणी झआमीन बाले और चेबीसें प्राचीनेंने गिरके बल उसके जो सदा सछह्लेदा जीवता हे प्रणाम क्रिया । ५५ १० ११ ॥ १३ १४ ६ पब्ले ।] प्रकाशित बाक्य । ७४५४ ६ छठवां पब्बे । छः छाप स्तरेलनेका वृत्तान्त। १ और जब मेस्नेने छापोंमेंसे एकके खेत्ला तब मेंने टृष्मि किईं और चारों प्राणियांमेंसे एकका जेसे मेघ गजनेके शब्दका यह कहते सना कि झा और देख । २ और मैंने टूप्चि किई और देखा एक श्वेत घोड़ा है और जे। उसपर बेठा है उस पास धनुष है और उसे मुकुट दिया गया और वह जय करता हुआ और जय करनेके निकला । ३ और जब उसने टूसरी छाप खेली तब मैंने टूसरे ४ प्राणीकेा यह कहते सना कि आ और देख । ओर टूसरा घोड़ा जे लाल था निकला और जो उसपर बैठा था उसके यह दिया गया कि पृथिवीपरसे मेल्ल उठा देवे और कि लोग ण्क टूसरेके बध करें और एक बड़ा खड़ उसके दिया गया। ४ और जब उसने तीसरी छाप खेली तब मैंने तीसरे प्राणीके यह कहते सुना कि आ आऔर देख . ओर मेंने टृष्ठि किई और देखे एक काला घोड़ा है और जो उस- ६ पर बैठा है सा अपने हापमें तुल्ता लिये हुए है। और जैने चारों प्राणियांके बीचमेंसे एक शब्द यह कहते सुना कि सूकीका सेर भर गेहूं और सूकोका तीन सेर जब और तेल ओऔ दाख रसको हानि न करना । ७ और जब उसने चायो छाप खोली तब मैंने चोथे ८ प्राणीका शब्द यह कहते सुना कि आ और देख । और मैंने टृषप्ठि किई और देखे एक पीलासा घोड़ा है और 94 ण्छ८ प्रकाशित बाक्य । [६ पब्खे । जे उसपर बेठा है उसका नाम मृत्य है और परत्लाक उसके संग हो लेता है और उन्हें प्थिवीकी एक चेयाइई- पर अधिकार दिया गया कि खड़से और अकालसे और मरीसे और पृथिवीके बन पशुओंके ट्वारासे मार डालने । और जब उसने पांचवों छाप खोली तब जो ल्लेग इंश्वरके बचनके कारण जऔर उस साशथ्ीके कारण जे उनके पास थी बध किये गये थे उनके प्राणेंका मेने बेदीके नीचे देखा। और वे बड़े शब्दसे पुकारते थे कि है स्वामी पविच और सत्य कबलों तू न्याय नहीं करता है खैर पृथिवीके निवासियेंसे हमारे लाहका पलटा नहीं लेता है | और हर एकके उजलना बस्त दिया गया और उनसे कहा गया कि जबलों तुम्हारे संगी दास भी और तम्हारे भाई जा तम्हारी नाईें बध किये जानेपर हैं परे न हां तबलेों ओर थोड़ी बेर बिग्राम करो । जौर जब उसने छठवीं छाप खात्नी तब मैंने टूप्मि किई ओर देखे। बड़ा भुदवंडाल हुआ ओर सूय्य कम्मलको नाई ता हुआ और चांद लेाहकी नाई हुआ । और जैसे बड़ी बयारसे हिलाये जानेपर गलरके वृश्षसे उसके कच्चे गलर भकड़ते हें तेसे खाकाशके तारे पृथिवी पर गिर पढ़े । और आकाश पचकी नाईें जे लपेटा जाता है अत्लग हे गया ओर सब पब्बत ओर टापू अपने अपने स्थानसे हट गये । और पृथिवीके राजाओं ओऔ प्रधानों जौ धघनवानों जै सहखपतियों जे सामर्थी ल्लागांने आर हर एक दासने जे हर ण्क निबेन्धने अपने अपनेकेा खेाहेंमे और पब्बेतांके पत्थरोंके बीचमें छिपाया . और १० १९ १९२ १३ १४ १६ 9 पब्बे] प्रकाशित बाक्य । ७४७ पब्बेतां और पत्यरेंसे बाले हमपर गिरो और हमें सिं- हासनपर बैेठनेहारेके सन्‍्म॒खसे झऔर मेस्रेके क्राधसे १७ छिपाओ । क्यांकि उसके क्राधका बड़ा दिन आ पहुंचा है और कान ठहर सकता है। ७ सातवां पब्ब । १ इछेश्वरके दासांके मा्येपर काप दिये जानेका दर्शन। € त्राण पाये हुश्ेंको मंडलोका दशन । १३ उनव्यी परमरगातका बखान । १ और इसके पाछे मैंने चार टूतोंके देखा कि पृथिवीके चारों कानांपर खड़े हे परथिवोको चारों बयारोंके यांभे हैं जिस्ते बयार पृथिवीपर अथवा समुट्रपर अथवा किसी २ पेड़पर न बहे । और मैंने टूसरे दूतका सूस्यादयके स्थानसे चढ़ते देखा जिस पास जीवते इंश्वरकी छाप थी कर उसने बड़े शब्दसे उन चार टूतोंसे जिन्हें पृथिवी और समुट्रकी हानि करनेका अधिकार दिया गया पुका- ३ रके कहा . जबल्नों हम अपने इंश्वरके दासेंके मायेपर छाप न देवें तबत्नां पृथिवीकी अथवा समुदट्रकी अथवा 8 पेंडोंकी हानि मत करो । और जिनपर छाप दिई गई मैंने उनको संख्या सुन्ती . इस्रायेलके सन्‍्तानेंके समस्त कुलमेंसे एक लाख चवालीस सहसख्रपर छाप दिईू गई। ४ यिहृदाके कुलमेंसे बारह सहस्रपर छाप दिईं गई . रूबेनके कुलमेंसे बारह सहख्रपर . गादके कुलमेंसे बारह ६ सहस्रपर । आशेरके कुलमेंसे बारह सहस्रपर . नप्तालीके कुलमेंसे बारह सहखपर. मनस्सीके कुलमेंसे बारह सहख- ७ पर । शिमियेानके कुलमेंसे बारह सहस्रपर . लेबोके कुलमेंसे बारह सहस्रपर . इस्साखरके कुलमेंसे बारह 9७४८ प्रकाशित बाक्य । [७ पब्छे । सहस्रपर । जिबुलूनके कुलमेंसे बारह सहस्रपर . यूसफके कुलमेंसे बारह सहस्रपर . बिन्यामीनके कुलमेंसे बारह सहस्रपर छाप दिई गई । इसके पोछे मेंने टूप्नि किईं और देखे सब देशों और कुलां और लोगों और भाषाओंमेंसे बहुत त्लाग जिन्हें केाई नहों गिन सकता था सिंहासनके आगे आर मेस्ेके आगे खड़े हैं जे उजल्ने बस्त पहिने हुए आर अपने अपने हाथमें खज्रके पत्ते लिये हुए हैं। और बे बड़े शब्दसे पुकारके कहते हैं चाणके लिये हमारे इेश्वरकी जा सिंहासनपर बैठा है और मेस्नेकी जय जय हाय । ज्लौर सब टू्तगण सिंहासनकी और प्राचीनांकी और चारों प्राणियोंकी चहूं ओर खड़े हुए ओर सिंहासनके आगे अपने अपने मुंहके बत्न गिरे और इंश्वर का प्रणाम किया . और बाले आमीन . हमारे इेश्वरका धन्यवाद औ महिमा औ बुट्ठि औ प्रशंसा औ कादर औ सामथ्ये जे पराक्रम सदा सब्बेदा रहे . आमीन । इसपर प्राचीनेंमेंसे एकने मुझसे कहा ये जे उजले बस्त पहिने हुए हैं कान हैं झऔैर कहांसे आये। मैंने उस- से कहा हे प्रभु आपही जानते हैं. वह मुझसे बाला ये बे हें जा बड़े क्केशमेंसे आते हैं झैर अपने अपने बस्त॒केा मेसेके ला हमें घेके उजला किया । इस कारण वे इंश्वरके सिंहासनके आगे हें और उसके मन्दिर में रात झआर दिन उसकी सेवा कर ते हैं और सिंहासनपर बैठनेहारा उनके ऊपर डेरा देगा । वे फिर भूखे न होंगे और न फिर प्यासे होंगे और न उनपर धूप न काई तपन पड़ेगी । | १० ११९ १२ १३ १४ १४ १६ ८ पब्खें ।] प्रकाशित बाक्य । ०४६ ९७ क्योंकि मेस्ता जे सिंहासनके बीचमें है उन्नकी चर वा ही करेगा और उन्हें जलके जी व॒ते से तोंपर ल्लिवा ले जायगा और इंश्वर उन्तकी आंखेंसे सब आंसू पोंछ डालेगा । ८ आठवां पब्ब । १ सासलों छापका खेला जाना ओर साल दतेंका सात तरहीका दिया झाना ऋर एक दूतका इंश्वरके आगे क्षप देना। ७ चार दर्तांको सरहोके शब्दका खयगान। ९ ज्ैर जब उसने सातवीं छाप खाली तब स्वगैमें झआाधघ २ घड़ीके अटकल्न निःशब्दता है| गई। और मेंने उन सात टूतांका जा इंश्वरके आगे खड़े रहते हैं देखा और उन्हें ३ सात तुरही दिई गईं । और टूसरा टूत आके बेदीके निकट खड़ा हुआ जिस पास सेनेकी धूपदानी थी और उसके बहुत धूप दिया गया जिस्तें वह उसके सेनेकी बेदीपर जा सिंहासनकओे आगे है सब पवित्र लागोांकी 8 प्राथेनाओंके संग मिलावे । और धूपका धूआं पविच लेागोांकी प्राथेनाओंके संग टूतके हाथमेंसे इश्वरके ४ आगे चढ़ गया। और टूतने वह धूपदानी लेके उसमें बेदीकी आग भरके उसे पृथिवीपर डाला और शब्द ६ ओर गजन और बिजलियां और भुद्दंडाल हुए । और उन सात दूतोांने जिन पास सातों तुरहियां थीं फूंक- नेके। अपने तडें तैयार किया । ५ पहिले टूतने तुरही फूंकी और लाहसे मिले हुए ओले और आग हुए और बे पृथिवीपर डाले गये और पृथिवीकी एक तिहाई जलन गई जार पेंड्ोंकी एक तिहाई जलन गई ज्जौर सब हरी घास जलन गई । ७४० प्रकाशित बाक्य । [६ पब्ज । और टूसरे टूतने तुरही फूंकी और आगसे जलता हुआ एक बड़ा पहाइसा कुछ समुट्रमें डाला गया और समुद्रकी एक तिहाई लेाह हो गई। और समुद्रमेंकी रुजी हुईं बस्तुओंकी एक तिहाई जिन्हें जीव था मर गईं और जहाजेंकी एक तिहाई नाश हुईं । और तीसरे टूतने तुरही फूंकी और एक बड़ा तारा जे मशालको नाईें जत्नता था स्वगेसे गिरा और नदि- यॉंकी एक तिहाईपर और जलके सेोतांपर पड़ा। और उस तारेका नाम नगंदाना कहावता है और एक ति- हाई जल नगंदानासा हा गया और बहतेरे मनुष्य उस जलके कारण मर गये क्यांकि वह कड़वा किया गया । और चैथे टूतने तुरही फूंकी और सूय्येकी एक तिहाई और चांदकी एक तिहाई जैर तारोंकी एक तिहाई मारी गई कि उनकी एक तिहाई अंधियारो हा जाय और दिनकी एक तिहाईलों दिन प्रकाश न हाय झखेार वेसेही रात । और मैंने टूप्ठि किई और एक टूतको सुनी जो अकाशके बीचमेसे उड़ता हुआ बड़े शब्दसे कहता था कि जे। तीन टूत फूंकनेपर हैं उनकी तुरहीके शब्दोंके कारण जो रह गये हैं पृथिवीके निवासियांपर सन्‍्ताप सन्‍ताप सन्‍्ताप होगा । ८ नवां पब्ब । ३ पांचवं दूतको तुरहोके शब्दका बरणन। १३ छठके दुतकी लुर छाणन । क्रेशब्दका बे ० ७ अ 8] * ९ जेने ०. आर पाचव टूतने तुरहा फंको और मेने एक तारे- छः 6:. ट् १० १२ १२ १३ ६ प्रब्जे।] प्रकाशित बाक्य । ७४१ के देखा जो स्वगेमेंसे प्रथिवोपर गिरा हुआ था और २ अयाह कंडके कपकी कंजी उसके टिईू गई । जोर उसने अथाह कंडका कप खोला झखझेर कपमेंसे बड़ी भट्टौके घृंण्की नाई घंझा उठा और सय्ये आर झाकाश ३ कूपके धूृंए्से अधियारे हुए। ओर उस धुंण्मेंसे टिडियां पृथिवोपर निकल गईं और जेसा पृथिवीके बिच्छओ के अधिकार होता हे तेसा उन्हें अधिकार दिया गया । ४8 आर उनसे कहा गया कि न पृथिवीकी घासकी न किसी हरियालीकी न किसी पेड़की हानि करो परन्तु केवत्न उन मनष्यांकी जिनके मायेपर इेश्वरकी छाप नहों है। ५ जार उन्हें यह दिया गया कि वे उन्हें मार न डालने परन्‍्त पांच मास उन्हें पोड़ा दिदई जाय और बिच्छ जब मनष्यका मारता हैं तब उसको पोड़ा जेसी होती है तैसीही उनकी पीड़ा थी। और . उन दिनोंमें वे मनष्य सत्यका ढंढगे कार उसे न पावेगे झोर मरनेकी ७ अभितल्वाषा करेगे ओर मृत्य उनसे भागेगोी । ओर उन डिड्डियांके आकार युटुके लिये तेयार किये हुए घोड़ेंके समान थे कोर उनके सिरोपर जेसे मकट थे जो सानेका नाईं थे ओर उनके मंह मनष्यांके मंहके णेसे ८ थे। शेर उन्हें स्तियोंके बालकी नादईदें बाल था पैर € उनके टांत संहांकेसे थे । आर उन्हे लेाहेकी मिलजम- की नाईें ऋिलम थी और उनके पंखेंका शब्द बहुत घोड़ोंके रथोंके शब्दके ऐसा था जा यट॒ुका दोड़ते हों। १९० ओर उन्हें पंछ थों जे बिच्छओंके समान थीं झआऔओर ३ छा उनको पूंछेम इंक थे आर पांच मास मनुष्योंकता दुःख ७४२ प्रकाशित बाक्य । [६ पब्ले। देनेका उन्हें अधिकार था। जलर उनपर एक राजा है अथात अथाह कुंडका टूत जिसका नाम इब्ीय भाषामें अबट्रान है कौर यनानीयमें उसका नाम अपलुझेन हैं। पहिला सन्‍्ताप बीत गया है देखो इस पीछे दा सन्‍्ताप झऔर जआाते हैं। और छठवें टूतने तुरही फूंकी और जे। से नेकी बेदी इंशवरके जञागे है उसके चारों सींगांमेंसे मेने एक शब्द सुना . जा छठवें टूतसे जिस पास तुरहो थी बेला उन चार टूताोंका जे बड़ी नदी फुरातपर बन्ध हैं खाल दे। और वे चार टूत खातलत दिये गये जो उस घड़ी और दिन औ_ और मास और बरसके लिये तैयार किये गये ये कि वे मन॒ष्योंको एक तिहाईके मार डाल। और घड़च- ढेंकी सेनाओंकी संख्या बीस करोड़ थी और मेने उनको संख्या सुनी । ओर मैंने दशनमें उन घोड़ोंके यूं देखा और उन्हें जे उनपर चढ़े हुए थे कि उन्हें आगकोसी और धूम्रकान्तकीसी और गन्धककीसी मिलम है और घोड़ोंके सिर सिंहोंके सिरोंको नाहें हैं ओर उनके मुंहमें- से आग और धूंझा और गन्धक निकलते हैं। इन ती- नांसे अथात आगसे और धंण्से खैर गन्धकसे जे। उनके मंहसे निकलते ह मनष्येंको एक तिहाई मार डाल्नो गई । क्योंकि घोड़ोंका सामथ्य उनके संहमें कार उनकी पंछेंमें है क्येंकि उनकी पंछे सांपोंके समान हैं कि उनके सिर होते ह ओर इनसे वे दुःख देते है । आर जो मनुष्य रह गये जो इन बिपतोंम नहों मार डाले गये उन्होंने अपने हाथेंके काय्येंसे पश्चात्ताप भी नहीं किया जिस्ते ११ श्र १४ १४ १६ १७ १८७ १८ ब्र्0 १० पब्च ।] प्रकाशित बाक्य । ७४३ भूतांकी और सोने औै चान्‍दी औ पीतल और पत्यर औ काठकी मूरतोंकी पूजा न करें जे न देखने न २९ सुनने न फिरने सकती हैं । और न उन्होंने अपनी नरहिंसाओंसे न अपने टोनोंसे न अपने ब्यभिचारसे न अपनी चोरियोंसे पश्चात्ताप किया । १० द्सवां पब्बे। १ ण्क पराक्रमी दस और काटी पोथी और सात मेघगजनका ब्र्णन | ८ याइन- का उस प्रोथोका लेक खा जाना । १ और मेने टसरे पराक्रमी टतको स्वगैसे उतरते देखा ज्ञा मेघका ओढ़े था ओर उसके सिरपर मेघधनष था और उसका मंह सय्येकी नाईें झऔर उसके पांव आगके २ खंभोांके ऐसे थे । ओर वह एक छोटो पोयथो खत्नी हुईं अपने हाथमें लिये था और उसने अपना ट्हिना पांव ३ समट्रपर ओर बायां पृथिवीपर रखा . और जैसा सिंह गजेता है तैसा बढ़े शब्द्से पकारा और जब उसने पका- रा तब सात मेघगजनेोंने अपने अपने शब्द उच्चारण ४ किये । और जब उन सात गजेनोंने अपने अपने शब्द उच्चारण किये तब में लिखनेपर था झऔर मैंने स्वगंसे एक शब्द सुना जा मुझसे बाला जो बातें उन सात गजे- ४ नोंने कहीं उनपर छाप दे और उन्हें मत त्लिख | झैर उस टूतने जिसे मेंने समुद्रपर और पृथिवीपर खड़े देखा ६ अपना हाथ स्वगेकी ओर उठाया . और जो सदा सब्लै- दा जीवता है जिसने स्वगे जल जो कछ उसमें है अर पूृथिवी औओ जो कुछ उसमें हे ओर सम॒द औै जे कछ ३] उसमें है रुजा उसीकी किरिया खाई कि अब ते बिलम्ब 20 € न होगा . परन्‍्त सातवें टतके शब्दके दिनांमें जब वह तरही फंकनेपर हाय तब इंश्वरका भेट्‌ परा हो जायगा जैसा उसने अपने दासांकेा अथात भविष्यद्रक्ताओंकेा इसका सुसमाचार सुनाया । और जे शब्द मैंने स्वगेसे सुना था वह फिर मेरे संग बात करने लगा और बाला जा जो टूत समुद्रपर और पृथिवीपर खड़ा है उसके हाथमेंकी खुली हुईं छेटी पेयी ले ले । और मेंने टूतके पास जाके उससे कहा वह छोटी पायी मुक्के दीजिये . और उसने मुझसे कहा उसे लेके खा जा जार वह तेरे पेटके कड़वा करेगी परनन्‍्त तेरे मंहमें मधसी मीठी लगेगी । और मेने छोटो पोणी टूतके हाथसे तने ल्िईं आर उसे खा गया आर वह मेरे महमे मधसी सीठी लगी और जब मेन्ते उसे खाया था तब मेरा पेट कड़वा हुआ | और वह मुकसे बेला तुम्के फिर लागों और देशें और भाषाओं और बहुत राजाओंके विषयमें भविष्यद्राक्य कहना होगा। १९ ण्ग्यारहवां पब्बे । कक न 3 र₹ः तु >> छा उमा क ० १ मन्दिरके नापनेका दशन ओर दो साक्षियांक् प्रगठः छेोने और मारे जाने और जो उठनेको भविष्यद्वाणो । १४ साठ दतकी तुरहोके शब्दका बणेन । और लग्गीके समान एक नरकट मुके दिया गया और कहा गया कि उठ इेश्वर के मन्दिर का और बेदीका और उसमेके भजन करनेहारोंके नाप । और मन्दिरके बाहरके आंगनकेा बाहर रख झऔ और उसे मत नाप क्योंकि वह अन्यदेशियोंका दिया गया है और वे बया- ल्ीस मासतल्लां पवित्र नगरको रोंदेंगे। और में अपने दो ७४४ प्रकाशित बाक़य । [११ पब्छे । छ १७ ११ १ ११ पब्ले ।] प्रकाशित गाक्य ! ७४४ 8 भें १० ११ साथियोंका यह देऊंगा कि टाट पहिने हुए एक सहस्र दे सी साठ दिन भविष्यट्राक्य कहा करें। येही वे दे जलपाइके वृक्ष ओर दे दोवट हैं जा पृथिवीके प्रभके सन्‍्मुख खड़े रहते हैं । और यदि काई उनके दुःख दिया चाहे ते झाग उनके मसंहसे निकलती हे ओर उनके शचुओंका भस्म करती है ओर यदि काई उनके दुःख दिया चाहे तो अवश्य हे कि वह इस री तिसे मार डाला जाय । इन्हें अधिकार है कि आकाशके बन्द करें जिस्ते उनकी भविष्यद्राणीके दिनेंमें मेंह न बरसे और उन्हें सब जलपर अधिकार है कि उसे लाह बनावें और जब जब चाहें तब तब पृथिवोका हर प्रकारकी बिपत्तिसे मारें । आर जब वे अपनी साश्यी दे चुकेंगे तब वह पशु जा अथाह कुंडमेंसे उठता है उनसे युद्ध करेगा ओर उन्हें जीतेगा ओर उन्हें मार डालेगा। ओर उनकी लेथे उस बढ़े नगरकी सड़ुकपर पड़ी रहेंगीं जो आत्मिक रीतिसे सदोम ओर मिसर कहावता हैं जहां उनका प्रभु भी क्रूअपर चढ़ाया गया । ओर सब लोगों ओर कुलां ओर भाषाओं आर देशेंमेंसे लोग उनकी लाथ साढ़े तीन दिनलों देखेंगे ओर उनकी लाथ कबरोंमें रखी जाने न देंगे । ओर पृथिवीके निवासी उनपर आनन्द करेंगे जोर मगन होंगे और एक टूसरेके पास भेंट भेजेंगे क्योंकि इन दे भविष्यदुक्ता- औंने पृथिवीके निवासियोंका पीड़ा दिई थी | ओर साढ़े तीन दिनके पीछे इंश्वरकी ओरसे जीवनके आत्माने उनमें प्रवेश किया ओर वे अपने पांवोंपर 8 प्रकाशित बाक्य । (११९ प्रब्ब। खड़े हुए ओर उनके देखनेहारोंके बड़ा डर लगा । और उन्हेंने स्वगेसे बढ़ा शब्द सुना जो उनसे बाला १२ इधर ऊपर आओ आओऔर वे मेघमें स्वगेपरए चढ़ गये जऔौर उनके शचुओंने उन्हें देखा । और उसी घड़ी १३ बड़ा भुरेंडाल हुआ और नगरका दसवां अंश गिर पड़ा ओर उस भइईंडोलम सात सहख मनष्य मारे गये और जे। रह गये से भयमान हुए और स्वगके इंश्वरका गुणानुबाद किया । टूसरा सन्‍्ताप बीत गया १४ है देखा तीसरा सन्‍्ताप शीघ्र आता है । और सातवें टूतने तुरही फूंकोी और स्वगमें बड़े बड़े ९४ शब्द हुए कि जगतका राज्य हमारे प्रभुका और उसके अभिषिक्त जनका हुआ है और वह सदा सल्लेदा राज्य करेगा। और चेबीसों प्राचीन जे। इंश्वरके सनम ख अपने ९६ अपने सिंहासनपर बैठते हैं अपने अपने मंहके बत्ल॒ गिरे खैर इंश्वरका प्रणाम करके बेल्ले . हे परमेश्वर इंश्वर १७ सब्नेशक्तिमान जा हे और जे। यथा और जे। आनेवाला है हम तेरा धन्य मानते हैं कि तूने अपना बड़ा सामथ्य लेके राज्य किया है। और अन्यदेशी लोग क्रूठु हुए और तेरा ९८ क्राध आ पड़ा और मृतकांका समय पहुंचा कि उनका बिचार किया जाय और कि तू अपने दासां अथात भविष्यदुक्ताओंका और पवित्र लोागोंकेा और छोटों और बड़ींके जे। तेरे नामसे डरते हैं प्रतिफल देवे लार पृथिवोके नाश करनेहारोंके नाश करे । और स्वगेमें १८ इंश्बरका मन्दिर खोला गया और उसके नियमका सन्‍्दूक उसके मन्दिरमें दिखाई दिया और बिजलियां १२ प्रब्बे ।] प्रकाशित बाक्य । ७४७ के दर इ ५] धे हू 3 और शब्द और गजन और भुद्दंडाल हुए और बड़े ओत्ने पढ़े । १२ बारहवां पब्बे । १ रक स्त्री ओर उसके बेटे आर एक बड़े अजगरका दर्शन । ७ अजगरका स्वगेसे निकाला जाना । १३ अजगरका स्त्रोका सत्ताना । और एक बड़ा आश्चय्य स्वगेसें दिखाई दिया अथोात णक स्त्री जे सय्य पहिने हे और चांद उसके पांवां तत्ने है आर उसके सिरपर बारह तारोंका मकट है। और वह गर्भवती होके चिज्लाती है क्योंकि प्रसवकी पीड़ उसे लगी है और वह जननेके पीड़ित है। और टूसरा आश्चर्य्य स्वगेमें दिखाई दिया और देखे एक बड़ा लाल अजगर है जिसके सात सिर और दस सींग हैं शेर उसके सिरोंपर सात राजमकट हैं। आर उसको पूंछने आकाशके तारोंकी एक ति- हाईकेा खींचके उन्हें पृथिवीपर डाला जार वह अजगर उस स्तीके साम्हने जे जना चाहती थी खड़ा हुआ इसलिये कि जब वह जने तब उसके बालकके खा जाय । ज्लौर वह एक बेटा जनी जो लोहेका दंड लेके सब देशोंके लागांकी चरवाही करनेपर है और उसका बालक ईंश्वरके पास ओर उसके सिंहासनके पास उठा ल्विया गया । और वह स्त्री जंगलके भाग गई जहां उसका णक स्थान है जा इेश्वरसे तेयार किया गया है जिस्तें वे उसे वहां एक सहस्र दो से साठ दिनलों पाल । और स्वगेमें युटर हुआ मीखायेल और उसके दूत ण्चुष प्रकाशित बाक्य | [१६ पत्ब । अजगरसे लडे खैर अजगर जैर उसके दत लड़े . ओआर प्रबत्त न हुए और स्वगेमें उन्हें जगह कौर न मिली। ज्लार वह बड़ा अजगर गिराया गया हां बह प्राचीन सांप जे दियाबल झर शैतान कहावता है जा सारे संसारका भरमानेहारा है पृथिवीपर गिराया गया आर उसके टत उसके संग गिराये गये। ओर मेने एक बड़ा शब्द सना जो स्वगंमस बाला अभी हमारे इंश्वरका चाण औओ पराक्रम ओ राज्य ओर उसके अभिषिक्त जनका अधिकार हुआ है क्यांकि हमारे भाइयोंका देषदायक जे। रात दिन हमारे इंश्वरके आगे उनपर दोष लगाता था गिराया गया है। और उन्होंने मेस्नेके लाहके कारण ओर अपनी साशोौीके बचनके कारण उसपर जय किया और उन्होंने मृत्युत्नां अपने प्राणाेंका प्रिय न जाना । इस कारणसे हे स्वगे आर उसमें बास करनेहारो आनन्द करे . हाय पृथिवी जैौर समद्रके निवासियो क्येंकि शेतान तम पास उतरा है ज्लार यह जानके कि मेरा समय थोड़ा है बड़ा क्रोध किये है । और जब अजगर ने देखा कि में पृथिवीपर गिराया गया हूं तब उसने उस स्वोकेा जो वह पुरुष जनों भी सताया । आर बड़े गिहुके दा पंख स्त्रीके दिये गये इसल्नये कि वह जंगलके अपने स्थान के उड़ जाय जहां बह एक समय और दा समय आओर आधे समयत्नों सांपकी टूप्रिसे छिपी हुईं पाली जाती है । ओर सांपने अपने मुंहमेंसे सत्रीके पीछे नदोकी नाईं जल बहाया कि छः १9 ११ श्र १३ १४ १४ १३ पब्ले ।] प्रकाशित वाक्य । ५५६ १६ १७ उसे नदीमें बहा देवे । और पृथिवीने सत्रीका उपकार किया ओर पृथिवीने अपना मुंह खेलके उस नदीकेा जे अजगरने अपने मंहमेंसे बहाई थी पी लिया । ओर . अजगर स्वीसे क्रहु हुआ आर उसके बंशके जे। लाग रह 400 गये जो इंश्वरकी आज्ञाओंका पालन करते आझार यीश स्रीप्रकी साथ्यी रखते हैं उनसे यूटु करनेके चत्ना गया। १३ तेरहवां पब्बे । १ दस सांगवाले नन्‍दक पशक्रा दशन | ११ दा सांगबाल भरमानहारे परशका दशन ॥ और में समुट्रके बालूपर खड़ा हुआ और एक शका समट्मेंसे उठते देखा जिसके सात सिर जोर ट्स सांग थे ओर उसके सॉंगांपर ट्स राजमकट खेर उसके सिरोंपर इंश्वरको निन्‍दाका नाम । और जो पश मेने देखा से चीतेकी नाईें था ज्लौर उसके पांव भालकेसे थे ओर उसका मुंह सिंहके मुंहके ऐसा था और अजगरने अपना सामथ्ये हर अपना सिंहासन झऔऔर बड़ा अधिकार उसके दिया । और मैंने उसके सिरे मेंसे एकके देखा माना ऐसा घायल किया गया है कि मरनेपर है फिर उसका प्राणहारक घाव चंगा किया गया और सारी पृथिवाके लेाग उस पशके पीछे अचंभा करते गये । और उन्हेंने अजगरकाी पजा किई जिसने पशके अधिकार दिया जलर पशकी पजा किई जार कहा इस पशके समान कन है . कान उससे लड़ सकता है । जौर उसके बड़ी बड़ी बातें और निन्‍्दाकी बातें बालनेहारा मुंह दिया गया और बयालीस मासलों ७६० प्रकाशित बाक़्य । [१३ पब्ल । युद्रु करनेका अधिकार उसे दिया गया। और उसने इंश्वरके बिरूटु निन्‍दा करनेके अपना मुंह खोला कि उसके नामकी और उसके तम्बकी और स्वगेमें बास करनेहारोंकोी निन्‍दा करे | ओर उसके यह दिया गया कि पत्रित्र लागेंसे युटु करे और उनपर जय करे और हर एक कुल और भाषा और देशपर उसके अधिकार दिया गया । और पृथिवीके सब निवासी लाग जिनके नाम जगतकी उत्पत्तिसे बध किये हुए मेम्नेके जीवनके पुस्तकमें नहीं लिखे गये हैं उसकी पूजा करेंगे । यदि किसीका कान होय तो सुने । यदि काई बन्‍्धुओंकोा घेर लेता है ता वही बन्धुआइईमें जाता है यदि कोई खड़से मार डाले ते अवश्य है कि वही खड़॒से मार डालना जाय . यहीं पविच लेगोंका धीरज जैर बिश्वास है। और मैंने ट्सरे पशका प्रथिवीमेंसे उठते देखा और उसे मेस्नेकी नाई दा सींग ये और वह अजगरकोी नाई बालता था । और वह उस पहिले पशुके सन्‍्मुख उसका सारा अधिकार रखता है और प्रथिवीसे ज्लौर उसके निवासियोंसे उस पहिल्ले पशकी जिसका प्राणहारक घाव चंगा किया गया पजा करवाता है। और वह बड़े बड़े झा- हचय्ये कम्मे करता है यहांतलों कि मनष्योंके साम्हने स्वगे- द १३ मेंसे प्रथिवी पर आग भी उतारता है। और उन आश्चय्ये ९४ कम्मांके कारण जिन्हें पशके सन्‍मख करनेका अधिकार उसे दिया गया वह प॒थिवीके निवा सियोंका भरमाता है जौर पथिवीके निवासियेंसे कहता है कि जिस पशकेोा खड़का घाव लगा और वह जी गया उसके लिये मूत्ति १४ पब्लें।] प्रकाशित बाक्य । ६६१ १४ १६ १७ १८ बनाओ और उसके यह दिया गया कि पशकी मत्तिका प्राण देवे जिसते पशको मत्ति बात भो करे झार जितने लेाग पशुको मूत्तिको पूजा न करे उन्हें मार डल- वावे | जलर छोटे जल बड़े तर धनी जऔ कंगाल और निबेन्ध कै दास सब लोागांसे वह ऐसा करता है कि उनके टहिने हाथपर अथवा उनके माथेपर एक छापा दिया जाय . झेोर कि कोई मोल लेने ज्यथयवा बेचने न सके केवल वह जे यह छापा अथवा पशुका नाम अथवा उसके नामको संख्या रखता है। | यहीं ज्ञान है , जिसे बुद्धि हाय से पशुकोी संख्याकी ज्ञाड़ती करे ब्यांकि वह मनुष्यकीसी संख्या हैं और उसकी संख्या छः से छियासठ है । १४ चाटहवां पब्बे। १ सयान प्रब्बतपर ममस्ुका आर पावन्र लागादक्का दशन ॥ ६ तान दताक सोन शब्द ।क्रा आर स्थगास एक्कत शब्दज्ञा बणेन । १४ प्रायथव्ाक्र अनाजक्रो कदना आर पृथवाका दाख लताक्र फलका छरा ज्ञाना। और मैंने टृप्चि किईं और देखे मेस्ना सियान पश्चेत- पर खड़ा हे लझैौर उसके संग एक तल्लाख चवालीस सहस्र जन जिनके माथेपर उसका नाम जार उसके पिताका नाम लिखा हे कार मेने सस्‍्वगंसे एक शब्ट सना जा बहत जलके शब्दके ऐसा ओर बड़े गजनके शब्दके ऐसा था और वह शब्द जे मेंने सुना बीण बजाने हारोंकासा था जे! क्पनी अपनो बीण बजाते हैं। और वे सिंहा- सनके जआञागे ज्ैौर चारों प्राणियोंके थे प्राचीने के आगे जेसा एक नया गीत गाते हैं चर वह गोत काई नहीं सीख सकता यथा केवल वे एक लाख चवालीस सहस्र 96 5६३ प्रकाशित बाक्य । [१४ पतले । जन जो पृथिवीसे मेलल लिये गये थे। ये वे हैं जे स्त्रि- थोंके संग अश॒ट्ु न हुए क्योंकि वे कुमार हैं . ये वे हैं कि जहां कहों मेस्ना जाता है वे उसके पीछे हो लेते हैं . ये ता इंश्वरके और मेसेके लिये एक पहिला फल मनु- ष्योमेंसे माल लिये गये । और उनके मुंहमें कूठ नहीं पाया गया क्योंकि वे इदेश्वरके सिंहासनके झा गे निदाष हैं। और मैंने ट्सरे टूतकेा आकाशके बीचमेंसे उड़ते देखा जिस पास सनातन सुसमाचार था कि वह पृथिवी- के निवासियोंका और हर एक देश और कुल और भाषा और लेगकेा सुसमाचार सुनावे । और वह बड़े शब्दसे बालता था कि इंश्वरसे डरे ओर उसका गुणानुबाद करे क्यांकि उसके बिचार करनेका समय पहुंचा है और जिसने स्वग और पृथिवी और समुद्र और जलके सेते बनाये उसके प्रणाम करो । और टूसरा टूत यह कहता हुआ पीछे हो त्निया कि गिर गईं बाबुल वह बड़ी नगरी गिर गई है क्यांकि उसने सब देशोंके लागोंका अपने व्यभिचारके कारण जा काप होता है तिसकी मदिरा पिलाई है। आर तीसरा टूत बड़े शब्दसे यह कहता हुआ उनके पीछे हा लिया कि यदि काई उस पशुकी और उसको मूत्तिकी पूजा करे और अपने मायेपर अथवा अपने हाथपर छापा लेवे . ता वह भी इश्वरके कापकी मदिरा जे उसके क्राधके कटोरेमें निरात्नी ढाल्नी गईं है पीयेगा और पवित्र टू्तांके साम्हने और मेस्तेके साम्हने आग और गनन्‍्धकमे पीड़ित किया जायगा। झआ ैर उनकी पी- ५] ११ १४ पब्बे ।] प्रकाशित बाक्य । 9६३ डाका धज्मां सदा सब्लेदा उठता हे जलौर न दिन न रात बिआरम उनको है जे पशको और उसको मत्तिकी पजा करते हैं ओर जो काई उसके नामका छापा लेता है। १२ यहीं पविच लोागोंका धीरज है जो इश्वरकी आज्ञा- ओंका और योशुके बिश्वासका पालन करते हैं । १३ और मैंने स्वगेसे एक शब्द सुना जा मुझसे बाला यह लिख कि अबसे जो प्रभुमें मरते हैं से मृतक धन्य हैं . आत्मा कहता है हां कि वे अपने परिप्रमसे बिआम करेंगे परन्‍्त उनके काय्ये उनके संग हो लेते हैं । १४ और मेंने टूप्नि किईं और देखे एक उजला मेघ हे और उस मेघपर मनुष्यके पुचके समान ण्क बैठा है ज्ञा अपने सिरपर सेनेका मुकुट ओर अपने हाथमें १४ चाखा हंसुआ लिये हुए है। और टूसरा टूत मन्दिरमेंसे निकला ओर बड़े शब्दसे पुकारके उससे जो मेघपर बैठा था बाला अपना हंसुआ लगाके लवनी कर : क्योंकि तेरे लिये लवनेका समय पहुंचा है इसलिये १६ कि पृथिवीकी खेती पक चुकी है। और जे मेघपर बैठा था उसने पृथिवीपर अपना हंसुआ लगाया . और पथिवीकी लवनोी किई गई । १० और दूसरा दूत स्वगेमेंके मन्दिरमेंसे निकला और १८ उस पास भो चोखा हंसुआ था । आर टूसरा टूत जिसे आागपर अधिकार था बेदीमेंसे निकला और जिस पास चेोखा हंसआ था उससे बहुत पुकारकर बाला अपना 'चाखा हंसआ लगा जोर प्थिवीकी दाख लताके गच्छे १८ काट ले ब्यबांकि उसके दाख पक गये है । ओर दूतने ५६४ प्रकाशित बाक्य । [१४ पब्खे । नी पथिवीपर अपना हंसआ लगाया और पथिवीकी टाख ल्ताका फल काट लिया और उसे इश्वर के कापके बड़े रसके कुंडमें डाला । और रसके कुंडका रैंट्न नगरके २० बाहर किया गया और रसके कुंडमेंस घेड़ेंकी लगाम- तक लाह एक से काशतक बह निकला । १४ पन्द्रहवां पब्बे । सातों पिछली बिपले लिये हुए सात दूतांका दर्शन ग्रार जयदन्स पशिशत्र लागेंका गाल | और मैंने स्वगेमें टूसरा एक चिन्ह बड़ा और अद्ःत देखा अथात सात टत जिनके पास सात बिपत्ति थीं जा पिछले थीं क्यों कि उनमें इंश्वरका का प पूरा किया गयौ। और मेने जैसा एक आगसे मिले हुए कांचके समुद्रका जौर पशुपर और उसको मूत्तिपर और उसके छापेपर जैौर उसके नामकी संख्यापर जय करनेहारोंका उस कांचके समुट्के निकट इंश्वरकी बीणें लिये हुए खड़े देखा। ज्ैौर वे इश्वरके दास मसाका गीत और मसेस्नेंका गीत गाते हैं कि हे सब्बेशक्तिमान इंश्वर परमेश्वर तेरे कार्य बड़े लार अद्वत हैं, हे पविच लोगेंक राजा तेरे सारे यथाथे और सच्च हैं। हे परमेश्वर औन तुकसे नहीं डरेगा और तेरे नामकी स्तुति नहीं करेगा . क्या कि केवल तूही पाविच है जार सब देशोंके लाग आके तेरे आगे प्रणाम करेंगे क्येंकि तेरे बिचार प्रगट किये गये हैं । आर इसके पीछे मैने ट्रप्चि किई और देखे स्वगेमें साश्यी के तम्बका मन्दिर खेला गया। जार सातो टत जिन पास सातों बिपतें थीं शूहु आर चमकता हुआ ् १६ पब्ले । ] प्रकाशित बाक्य । ७६५ बस्त पहिने हुए ओर छातीपर सुनहत्ने पटुके बांधे हुए ७ मन्दिरमेंसे निकत्ने । और चारों प्राणियोंमेंसे एकने उन सात टूतांका इश्वरके जा सदा सब्बेदा जीवता है केापसे ८ भरे हुए सात सानेके पियाले दिये। जऔैर इश्वरकी महिमासे ओर उसके सामथ्यसे मन्दिर धंण्से भर गया कौर जबत्नां उन सात ट्तांकी सातों बिपतें समाप्त न हुईं तबत्नां काई मन्दिरमें प्रवेश न कर सका । १६ सेलहवां पब्बे । डेशलरके केपके सातेां पियालांका उंडेला जाना । १ और मैंने मन्दिरमेंसे एक बड़ा शब्द सुना जो उन्त सात टूतांसे बाला जाओ और इंश्वरके कापके सात पियाल्ले पृथिवीपर उंडेत्ला । २ ओर पहिलेने जाके अपना पियाला प्रथिवीपर उंडेल्ला आर उन मनुष्योंके जिनपर पशुका छापा था जजौर जे। उसको मूत्तिकी पूजा करते थे बुरा और हे दुःखदाई घाव हुआ । ३ और टूसरे टूतने अपना पियाला समुद्रपर उंडेला और वह मृतककासा लेाह हैा। गया और समुद्र्में हर एक जीवता प्राणी मर गया। ४8 और तीसरे टूतने अपना पियात्वा नदियोंपर और ४ जलके सातोंपर उंडेला ओर वे लाह है| गये। और मैंने जलके टूतका यह कहते सुना कि है परमेश्वर जा है और जे था और जे पवित्र है तू धर्म्मी है कि ६ तूने यह न्याय किया है। क्यांकि उन्हेंने पवित्र लागों खआऔर भविष्यद्क्ताओंका लेह बहाया और तूने उन्हें द्द्व्द्व प्रकाशित बाक्य + (१६ पब्जे । लेाह पीनेकेा दिया है क्यांकि वे इस योग्य हैं । जोर बेदीमेंसे यह शब्द सना कि हां हे सबल्बेशक्तिमान इंश्वर परमेश्वर तेरे बिचार सच्चे और यथाथे हैं । आर चैौथे टूतने अपना पियाला सूस्येपर उंडेला और मनुष्योंके आगसे कुलसानेका अधिकार डसे दिया गया । और मनुष्य बड़ी तपनसे कुलसाये गये और इश्वरके नामको निन्‍दा किईं जिसे इन बिपतांपर अधिकार है और उसका गुणानुबाद करनेके लिये पश्चात्ताप न किया । और पांचवें टूतने अपना पियाला पशुके सिंहा- सनपर उंडेला और उसका राज्य अंधियारा हो गया ज्ौर त्लागांने क्केशके मारे अपनी झपनो जीभ चबाई। ज्लौर उन्होंने अपने क्लेशांके कारण कौर अपने घावोंके कारण स्वगेके इश्वरकी निन्‍दा किई और अपने अपने कम्मांसे पश्चात्ताप न किया । और छठवें टूतने अपना पियाला बड़ी नदी फुरात- हि- छ १९० १९ ९२. पर उंडेला और उसका जल सूख गया जिस्तें सूय्याद्य- की दिशाके राजाओंका मागे तेयार किया जाय। जार मैंने अजगरके मुंहमेंसे ओर पशुके मुंहमेंसे ओर कूडे १३ भविष्यटुक्ताके मुंहमेंसे निकले हुए तीन अशुट् आत्मा- आओंकोा देखा जो मेंडकांकी नाईें थे । क्योंकि वे भूतोंके आत्मा हैं जे आश्चय्य कम्मे करते हैं और जो सारे संसारके राजाओंके पास जाते हैं कि उन्हें सब्नेशक्तिमान इंश्वरके उस बड़े दिनके युट्रके लिये ्कट्टे करें। देखे में चारको नाई आता हूं . धन्य वह जे। जागता रहे १४ १४ १७ पब्बे।] प्रकाशित बाक्य । ७६७ १६ १9 १७ १८ 0 १ ज्ैर अपने बस्तकी रश्या करे जिस्ते वह नंगा न फिरे और तल्लेग उसकी लज्जा न देखें। और उन्हेंने उन्हें उस स्थानपर एकट्रे किया जो इब्ीय भाषामें हमेगिट्टे। कहावता है । और सातवें टूतने अपना पियाला आकाशर्मे उंडेला और स्वगंके मन्दिरमेंसे अथेत सिंहासनसे एक बड़ा शब्द निकला कि हे चुका । ओर शब्द और गजन और बिजलियां हुईं और बड़ा भुदेंडाल हुआ ऐसा कि. जबसे मनुष्य पृथिवीपर हुए तबसे बेसा और इतना बड़ा भुद्देंडाल न हुआ । और वह बड़ा नगर तीन खंड हा गया और देश देशके नगर गिर पड़े और दंश्बरने बड़ी बाबुलका स्मरण किया कि अपने क्राधकी जल- जलाहटकी मदिराका कटोरा उसे देवे । आर हर एक टाप भाग गया ओर कोई पल्नेत न मित्ते । ओर बड़े ओतल्े जैसे मन मन भरके स्वगसे मनुष्येपर पड़े ओर ओलोंकी बिपत्तिके कारण मनुष्येने इंश्वरकी निन्‍दा किईं क्येंकि उससे निपट बड़ी बिपत्ति हुई । १७ सचहवां पब्बे । १ बड़ो बेश्याका दर्शन और उस पशुका जा उसका बाहन था | 9७ दतका उस दर्शनका अथ्ये ब्रताना । जआ_और जिन सात टूतांके पास बे सात पियाले थे उनमेंसे एक्ने आके मेरे संग बात कर मुकसे कहा आ में तुझे उस बड़ी बेश्याका दंड दिखाऊंगा जो बहुत जलपर बेठी है . जिसके संग पृथिवोके राजाओंने ब्यभिचार किया है और पृथिवीके निवासी त्लाग उसके ७्द्व८ प्रकाशित बाक्य । [१७ पछ्ले । ब्यभिचारकी मदिरासे मतवाले हुए हैं। जैौर वह ३ आत्मामें मुर्के जंगलमें ते गया और मैंने एक स्तीका देखा कि लाल पशुपर बैठी थी जे देश्वरकी निन्‍दाके नामेोंसे भरा था ओर जिसके सात सिर और दस सींग थे। जैर वह सती बेैजनी ओर लाल बस्तर पहिनेथी 8 और सेने और बहुमूल्य पत्थर और मेतियेंसे बि- भूषित थी ओर उसके हाथमें एक सेनेका कटोरा था जे। घिनित बस्तुओंसे ओर उसके ब्यभिचारकोी अश॒ट बस्तुओंसे भरा था । और उसके माथेपर एक ५ नाम ल्लिखा था अथात भेद . बड़ी बाबुल . पृथिवीको बेश्याओं और घिनित बस्तुओंकी माता । और मैंने ६ उस स्त्रीका पविच लोागेंके ल्लाहसे और यीशके सा- छियेंके लाहसे मतवाली देखी और उसे देखके मैंने - बड़ा आश्चय्ये करके अचंभा किया। आर टतने मकसे कहा तने क्यों अचंभा किया . में ७ स्‍त्रीका और उस पशका भेद जे। उसका बाहन है जिसके सात सिर और दस सींग हैं तुकसे कहूंगा । जे पशु ८ तने देखा से था ओर नहों हे ओर अथाह कंडमेसे उठने ओर बिनाशको पहुंचनेपर हे ओर पृथिवीके नि- वासी लोग जिनके नाम जगतको उत्पत्तिसि जीवनके पुस्तकमें नहों लिखे गये हैं पश॒का देखके कि वह था और नहीं हे और आवेगा अचंभा करेंगे | यहीं वह € मन है जिसे बुद्ठि है . वे सात सिर सात पश्चेत हैं जिन- पर स्त्री बेठी है । और सात राजा हैं पांच गिर गये १० 3 हैं और एक है और टूसरा अबलेों नहीं आया है १८ पञ्चे ॥] प्रकाशित बाक्य । ७८8 १९ ज्जैर जब आवेगा तब उसे थेड़ी बेर रहने हाोगा। खैर ह पश जो था जऔ और नहीं है आप भी आठवां है और १२ सातोंमेंसे हे जार बिनाशका पहुंचता है । खैर जो ट्स सींग तने देखे से दट्स राजा है जिन्हेंने अबलों राज्य नहों पाया हे परन्‍त पशके संग एक घड़ा राजाओं- १३ की नाडें अधिकार पाते हैं । इन्हांका एकही परामश है ज्लौर वे अपना अपना सामथ्य ओर अधिकआर पशकेा १४ देंगे | ये तो मेस्नेसे यूटु करेगे आर मेस्ला उनपर जय करेगा क्योंकि वह प्रभओंका प्रभ ओर राजाओंका राजा है झौर जे। उसके संग हैं से बुतल्लाये हुए ओर चुने हुए १४ और बिश्वासयोग्यहें। फिर मुझसे बेला जे। जलन तूने देखा जहां बेश्या बैठी है सा बहुत बहुत लाग और देश १६ और भाषा हैं । जैर वे दस सींग जो तूने देखे और पश येही बेश्यासे बैर करेंगे झर उसे उजाड़ेगे और नंगी करेंगे ल्लेर उसका मांस खायेगे ओर उसे आगे १७ जलायेंगे। क्योंकि इेश्वरने उनके मनमे यह दिया है कि वे उसका परामश परा करे ओर एक परामश रख अर जबल्नां इेश्वरके बचन परे न हा वे तबलां अपना अपना १८ राज्य पशको देवें । ओर जो स्त्री तूने देखा सा वह बड़ी नगरी है जे। पृथिवीके राजाओंपर राज्य करतो है । ९८ ऋटठारहवां पब्न । बडी बाबलके नाश दोनेको भव्िष्यद्वाणी । १ जार इसके पीछे मने एक दूतका स्वगंसे उतरते देखा जिसका बड़ा अधिकार था ओर पृथिवा उसके तेजसे २ प्रकाशमान हुईं । ओर उसने पराक्रमसे बड़े शब्दसे पुका- ७७० प्रकाशित बाक्य | (१८ प्रब्ब । रा कि गिर गई बड़ी बाबुल गिर गई है चर भूतांका निवास और हर एक अश॒टु आत्माका बन्दीगृह और हर एक अशठु और घिनित पंछीका पिंजरा हुई है। क्यों- कि सब देशोंके लोागेंने उसके व्यभिचारके कारण जो काप होता है तिसकी मदिरा पिई है और पृथिवीके रा- जाओने उसके संग ब्यभिचार किया है और पृथिवीके ब्योपारी लाग उसके सुख बिलासकी बहुताईसे धनवान हुए हैं । और मैंने स्वगैसे टूसरा शब्द सुना कि हे मेरे लगे उसमेंसे निकल आओ र कि तुम उसके पापोंमें भागी न होओ चर कि उसकी बिपतोंमेंसे कुछ तुमपर न पड़े। वब्येंकि उसके पाप स्वगेलों पहुंचे हैं और इश्वरने उसके ककम्मांके। स्मरण किया है । जैसा उसने तुम्हे दिया है तैसा उसके भर देझे ओर उसके कम्मांके अनुसार टूना उसे दे देओ . जिस कटोरेम उसने भर दिया उसीमें उसके लिये टूना भर देझे। जितनी उसने अप- नी बड़ाई किई और सुख बित्लास किया उतनी उसके पीड़ा और शेक देओ क्येंकि वह अपने मनमें कहती है में राणी हे! बैठी हूं और बिधवा नहीं हूं और शेक किसी रोतिसे न देखूंगी । इस कारण एकही दि- 52 28232 270 कई हल सके किन, नमें उसकी बिपतें आ पड़ेंगीं अथेतत मृत्य और शेक और अकाल और वह आगमें जलाई जायगी क्योंकि परमेश्वर इेश्वर जे उसका बिचा रकत्तो है शक्तिमान है। आर पथिवोके राजा लोग जिन्हेने उसके संग ब्यभिचार जैौर सख बिल्वास किया जब उसके जलनेका धण्या देखगे गर>व्ु ९८ प्रब्ज |] प्रकाशित बाक्य । 3] १० १९ १२ १३ १४ १५ १६ १७ तब उसके त्ये रोयेंगे और छाती पीटे गे . ख्लैौर उसको पीड़ाके डरके मारे टर खड़े हो कहेंगे हाय हाय हे बड़ी न्गरों बाबुल हे ट्रढ़ नगरो कि एकही घड़ीमें तेरा बिचार आ पड़ा है। और पृथिवीके ब्यापारी त्लाग उस- पर रयोयेंगे ओे कलपगे ब्यांकि अब ता काई उनके जहा- जांकी बाकाई नहों मेल लेगा . अथात सोने थे रूपे और बहुसूल्य पत्थर ओ मोती औ मलमतल जऔ बैजनी बस्त झओ पाटम्बर जले लाल बस्तकी बाफाई जर हर प्रकारका सुगन्‍्ध काठ और हर प्रकारका हाथीदांतका पाच और बहुमूल्य काठके ओआ पीतल औ लोहे औ मर- मरके सब भांतिके पाच . और दारचीनी औ_ औ इत्लायची जला धपलजझेीा सगनन्‍ध तेल का ले बान झे मदिरा जे तेल जे चेा खा पिसान जौ गेहूं ले ढेर औ भेड़ और घोड़ों जले रथें जले टासेंकी बेकाई और मनष्येंके प्राण | लोर तेरे प्राणके बांछित फल तेरे पाससे जाते रहे जार सब चिकनी और भड़कीली बस्त॒ तेरे पाससे नप्ृ हुई हैं और तू उन्हें फिर कभी न पावेगा। इन बस्तुओंके ब्यो- पारी लाग जा उससे धनवान हो गये उसकी पीड़ाके डरके मारे दूर खड़े हांगे आर रोते ओ कलपते हुए कहेंगे . हाय हाय यह बड़ी नगरो जे मलमल झआऔर बे- जनी जे लाल बस्त पहिने थी और सेने ओर बहमल्य पत्थर जोर मेातियेंसे बिभषित थी कि एकहाो घडोमें इतना बढ़ा धन बिल्ला गया है | ओर हर एक मांफी आर जहाजापरक सब लाग झ्ार मछाह जाग झार ज- /||) ? ) ७! १८ तने लेाग समुद्पर कमाते है सब टूर खड़े हुए . आर ७५४ प्रकाशित बाक्य । (१६ प्रब्बे। उसके जलनेका धूञआं देखते हुए पुका रके बाले कान नगर इस बड़ी नगरीके समान है। और उन्हेंने अपने अपने सिरपर धूल डाली और रोते ओ कलपते हुए पुकारके बोले हाय हाय यह बड़ी नगरो जिसके द्वारा सब लाग जिनके समुद्रम जहाज थे उसके बहुमूल्य ट्ब्यसे धनवान हाो-गये कि एकही घडीमें वह उजड़ गई है। हे स्वग खैर हे पविच प्रेरिते! ओर भविष्यद्क्ता लेगे। उसपर झाननन्‍्द करो व्यांकि ईश्वरने तम्हारे त्लिये उससे पत्नटा लिया है। कौर एक पराक्रमी टूतने बड़े चक्कीके पाटकी नाई एक पच्यरकी लेके समट्रमें डाला कौर कहा ये बरियाई- . से बड़ी नगरी बाबल गिराई जायगी और फिर कभी न मिल्लेगी । ओर बीण बजानेहारों ओर बजनियों ओर बंशी बजानेहारों ओर तुरही फूंकनेहारोंका शब्द फिर कभी तुरूमें सुना न जायगा और किसी उदयमका कोई कारीगर फ़िर कभी तभूमें न मिल्नेगा और चक्की के चलने- का शब्द फिर कभो तरमें सना न जायगा। और दी पक- की ज्याति फिर कभी तमकमे न चमकेगी ओर टल्हे ओा ट्ल्हिनका शब्द फिर कभी तकमें सना न जायगा क्योंकि तरे ब्याोपारी लोग पथिवीके प्रधान थे इसलिये कि तेरे दोनेसे सब देशोंके ल्लाग भरमाये गये | ओर भविष्यद्ृक्ता- ओ झऔ और पवित्र लेगोंका लाोह और जो जे ल्लाग पृथि- बीपर बध किये गये पे सभेांका लेोह उसोमें पाया गया । १८ उनीसवां पब्बे । १ बड़ो बेश्याके दंडके लिये प्रश्नत्र लागेांका स्वरोम घन्यब्ाद करना ओर मेग्रेके बिवाहका ब्र्णन । ११ इंश्वर्के बचनका ओर उसकी सेनाका दर्शन । १५ पशु इत्पयादिका उससे लड़ना ओर दंड प्राना। १९८ २0 २१ श्र र३ 4०] १६ पब्बे ।] प्रकाशित बाक्य । ७७३ १ और इसके पीछे मैंने स्वगेमें बहुत लेागेंका बड़ा शब्द सना कि हलिलयाह परमेश्वर हमारे इंश्वरका ५ हर भाणक लय जय जय जञ्ञा साहमा ञ्ञा आदर जरा सा- २ सथ्य हाय। इसालय क उसका बचार सच्च झार यथाथ रे १० हैं क्योंकि उसने बड़ी बेश्याका जा अपने ब्यभिचारसे पृथिवीके श्रपष्त॒ करती थी बिचार किया है और अपने दासोंके लाहका पलटा उससे लिया है। झ्ैर वे ट्सरो बार हलिलिलयाह बाले झैर उसका धजञआं सदा सछ्बेदाल्नों उठता है। और चोबीसेों प्राचीन और चारों प्राणी गिर पड़े और इेश्वरका जो सिंहासनपर बेठा है प्रणाम करके बाले आमीन हलिलूयाह। और एक शब्द सिंहा- सनसे निकला कि हे हमारे इंश्वरके सब दासा झऔर उससे डरनेहारो क्या छोटे क्या बड़े सब उसकी स्तुति करो । और मेंने जैसे बहुत लेागेंका शब्द और जेसे बहुत जलका शब्द और जैसे प्रचंड गजनेोंका शब्द बैसा शब्द सुना कि हलिलूयाह परमेश्वर इश्वर सब्बेशक्ति- मानने राज्य लिया है । आओ हम अआानन्दित और आहादित होवें ओर उसका गुणानुबाद करें क्यांकि मेस्नेका बिवाह आ पहुंचा है लऔर उसकी स्तीने अपनेका तैयार किया है। और उसके यह दिया गया कि शहु आर उजली सलमल पहिने क्येंकि वह मलमत्न पविच ० +| ०. *.. जे (0 ल्ागोंका धम्म हे। आर वह मुकसे बाला यह लिख कि धन्य वे जो मेस्रेके बिवाहके भेजमें बुल्लाये गये हैं . फिर मुकसे बेला ये बचन ईश्वर के सत्य बचन हैं। और में उसके प्रणाम करनेके लिये उसके चरणोंके आगे ९ ९ गर पड़ा जार उसने मुकसे कहा देख ऐसा मत कर तेरा और तेरे भाइयेंका जिन पास यौशको साश्यी है संगी दास हूं. इश्वरका प्रणाम कर क्योंकि यीशुको साथी भविष्यद्राणीका आत्मा है । और मेंने स्वगेके खुले देखा और देखे एक श्वेत घोड़ा है और जे उसपर बैठा है से विश्वासयाग्य और सच्चा कहावता है और वह धम्मेसे बिचार और युद्र करता है। उसके नेच आगकी ज्वालाको नाई हैं और 9! “+ 5४ प्रकाशित बाक्य । [१६ पब्बे । १९ श्र उसके सिरपर बहतसे राजमकट हैं ग्राेर उसका एक 5 नाम लिखा है जिसे और कोई नहों केवल वही आप जानता है। जऔर वह लाहमें दुबेया हुआ बस्त पहिने है झ्लार उसका नाम यूं कदहावता है कि इश्वरका बचन। और स्वगमकी सेना श्वेत घेड़ेंपर चढ़े हुए उजली और शूट मल्मल पहिने हुए उसके पीछे हे। लेती थी। और उसके मुंहसे चोखा खड़ निकलता है कि उससे वह देशों के ल्लागांका मारे और वही लेहेका दंड लेके उनकी चरवाही करेगा झ_ और वही सल्बेशक्तिमान इंश्व रके क्राध- ५ ८४ ०० ७ ०३ ७३० ह्टै की जलजल्लाहटको मदिराके कुंडम रोंदन करता है। और उसके बस्त्रपर ओर जांघपर उसका यह नाम लिखा है कि राजाओंका राजा और प्रभुओंका प्रमु। और मेंने एक टूतके सृय्येमें खड़े हुए देखा ओर उसने बढ़े शब्दसे पुकारके सब पंडियेंसे जे झाकाशके बीचमेंसे उड़ते हैं कहा आओ ईंश्वरकी बड़ी बियारोके लिये णकट्टे हाओए . जिस्तें तुम राजाओंका मांस और सहस्रपतियेंका मांस और पराक्रमी पुरुषोंका मांस और १४ १५ २० पब्बे ।] प्रकाशित बांक्य । ७०४ श्र घाड़ोंका लर उनपर चढ़नेहारोंका मांस जार क्या निबेन्ध क्या दास क्या छोटे क्या बड़े सब लेागेंका मांस खाबा । और मेंने पशका और पृथिवीके राजाओंकेा जऔ्और उनकी सेनाओंकेा घेड़िपर चढ़नेहारेसे खैर उसकी ब्र0 २१९ र डर सेनासे युट्र करनेका एकट्रे किये हुए देखा। और पशु पकड़ा गया और उसके संग वह भूठा भविष्यदुक्ता जिसने उसके सन्‍्मुख आश्चय्ये कम्मे किये जिनके द्वारा उसने उन लोगेंका भरमाया जिन्हेंने पशुका छापा लिया और जो उसको मूत्तिकी पूजा करते थे . ये दोनों जीतेजी उस आगकी कोलमें जे गन्धकसे जलतो है डात्ने गये । और जो ल्लोग रह गये सो घोड़ेपर चढ़नेहारेके खड़से जे। उसके मुंहसे निकलता है मार डाले गये जौर सब पंछी उनके मांससे तृप्त हुए । २० बीसवां पब्बे । ९ शेतानका सहसख खरसलोां बेधा रहना | ४ पहले पुनरूत्यानका बणेन । ७ शेतानका फिर लागोॉंका भरमाना ओर दंड पाना । ११ महाबिचारका छगणेन। और मैंने एक टूतका स्वगेसे उतरते देखा जिस पास अथाह कुंडकी कुंजी थी ओर उसके हाथमें बड़ी जंजीर थी । आर उसने अजगरकेा अथोात प्राचीन सांपका जे दियाबल और शैतान है पकड़के उसे सहख बरसल्नां बांध रखा. और उसके अथाह कुंडमें डाला और बन्द करके उसके ऊपर छाप दिई जिस्ते वह जबलों सहस्र बरस पूरे न हां तबलों फिर देशेंके लागोंका न भरमावे और इस पोछे उसको थोड़ी बेरलों छूट जाने होगा । ज्ं - प्रकाशित बाक्य। [२० पब्छे। और मेंने सिंहासनेको देखा झैर उनपर लोग बैठे थे जैर उन लेागोंके बिचार करनेका अधिकार दिया गया और जिन लेोगोंके सिर यीशकी साथ्लीके कारण आर इंश्वरके बचनके कारण काटे गये थे और जिन्‍्हेंने न पशकी न उसकी मत्तिकी पजा किई और अपने अपने मायेपर जोर अपने अपने हाथपर छापा न लिया मैंने उनके प्राणेंकेा देखा और वे जी गये और ख्रीप्र॒के संग सहस्र॒ बरस राज्य किया । परन्तु और सब मृतक लाग जबलेों सहस्र बरस पूरे न हुए तबलों नहीं जो गये . यह ता पहिला पुंनरुत्यान है। जा पहिल्ने पुनरुत्यथानका भा- गी है से धन्य और पविच है . इन्हेांपर टूसरी मृत्युका कुछ अधिकार नहीं है परन्तु वे इेश्वरके ओर खीपुके याजक होंगे झौर सहख बरस उसके संग राज्य करेंगे। और जब सहस्र बरस पूरे होंगे तब शैतान अपने बन्दीगृहसे छुट जायगा . और चहुं खूंट पृथिवीके देशोंके लागोंकेा अथात जज और माजजकेा जिनकी संख्या समद्रके बालको नाई होगी भरमानेकेा निकलेगा कि उन्हें यूटुके लिये एकट्टें करे | और बे प्रथिवीकी चो- डाईइंपर चढ़ आये और पविच लेगोंकोी छावनी खेर प्रिय नगरकोा घेर ल्लिया ओर इंश्वरको ओरसे आग स्वगेंसे उतरी जऔ और उन्हें भस्म किया । और उनका भरमानेहारा शैतान आग जर गन्धककी फोलमें जिसमें पशु और भूठा भविष्यदुक्ता हैं डाला गया और वे रात दिन सदा सल्बवेदा पीड़ित किये जायगे। और मेंने एक बड़े श्वेत सिंहासनका जैर उसपर बैठ- ४ १०0 १९ २१ पब्ले |] प्रकाशिल बाक्य । ७७७ नेहारेके देखा जिसके सन्‍्मखसे पृथिवी जैर आकाश १२ भाग गये और उनके लिये जगह न मिली । और मैंने क्या छोटे क्या बड़े सब मृतकोंकेा इश्वरके आगे खड़े देखा और पुस्तक खोले गये और टूसरा पुस्तक अथात जी- वनका पुस्तक खेोल्ला गया ओर पुस्तकोंमें त्लिखी हुई बातोंसे मृतकांका बिचार उनके कम्मांके अनुसार किया १३ गया । और सम॒दने उन मृतकोंकोा जे। उसमें थे दे दिया और मृत्य ओर परत्लाकने उन मृतकोंका जो उनमे थे दे दिया ओर उनमेसे हर एकका बिचार उसके कम्मांके १४ अनुसार किया गया । और मृत्यु और परलेक आग- १५ को फीलमें डाले गये . यह तो दूसरी मृत्यु है। और जिस किसोका नाम जीवनके पुस्तकें लिखा हुआ न मिला वह आगकोी कौलमें डाला गया । |. + ् २१९ इकट्सवा पब्न।॥। १ नये स्वगे ओर नहे पृथितों ओर नह थिरूशलोमका दर्शन और उनके विषय कहे एक बचन । ७ नद्े यिरेशलोमका बरणेन । और मैंने नये आकाश और नई पृथिवीको देखा ब्यांकि पहिला आकाश और पहिली पृथिवी जाते रहे २ और समुद्र और न था। और मुझ योहनने पवित्र नगर नई यिरूशत्नी मकेा जैसी टूल्हिन जे अपने स्वामी- के लिये सिंगार किद्दे हुईं है वैसी तैयार किई हुई स्वगेसे ३ इंश्वरके पाससे उतरते देखा। और मैने स्वगंसे एक बड़ा शब्द सुना कि देखे इश्वरका डेरा मनुष्योंके साथ है और वह उनके संग बास करेगा और वे उसके ल्लाग होंगे और इंश्बर आप उनके साथ उनका ईश्वर होगा। 98 थक छ्जद प्रकाशित बाक्य । [२१ पब्ले। ज्लैौर देश्वर उनको आंखेंसे सब आंस पोंछ डालेगा आर मृत्य ओर न होगो ओर न शोक न बिल्लाप न क्लेशग ओर होगा क्योंकि अगली बातें जाती रहो हैं । ज्लैौर सिंहासनपर बेठनेहारेने कहा देखे में सब कुछ नया करता हूं . फिर मुझसे बाला ल्लिख ले क्योकि ये बचन सत्य ओर [बश्वासयोग्य है । झोर उसने मरूसे कहा हो चका . में अलफा और ओमिगा आदि जआऔर अन्त हूं . जो प्यासा है उसके में जोवनके जलके सातेमसे संतमेत देऊंगा । जो जय करे सा सब बस्तुओंका अधिकारी होगा और में उसका इश्वर होंगा जार वह मेरा पुत्र होगा। परन्तु भयमानों ज्ैौर अविश्वासियों ओर घिनानों और हत्यारों खोर व्यभिचारियों और टोन्हों और मृत्तिपूजकां और सब झूठे लागोंका भाग उन्हें उस फोलमे मिलेगा जे आग जैर गन्धकसे जलती है . यही टसरों मृत्य है ॥ जौर जिन सात टूतांके पास सात पिछली बिपतेंसे भरे हुए सातों पियाले थे उनमेसे एक मेरे पास आया और मेरे संग बात करके बाला कि जा मे टल्हिनकोा अथात मेस्नेको स्त्रीका तुके दिखाऊंगा । और वह मु्फे आत्मामें एक बड़े और ऊंचे पब्नेतपर त्ने गया और बड़े नगर पवित्र यिरुेशलीमके म्के दिखाया कि स्वगसे इंष्वरके पाससे उतरता है। और इेश्वरका तेज उसमे हे और उसको ज्याति अत्यन्त मोलके पत्यथरको नाई ञअथात स्फटिक सरीखे सय्येकान्त मणिको नाई हे । ज्ैौर उसको बड़ो जलौर ऊंची भीत हे और उसके ९ ११ १२ २१ पब्खे ।] प्रकाशित बाक्य । ७७६ बारह फाटक हैं और उन फाटकांपर बारह दूत हैं आर नाम उनपर लिखे हैं अथात इस्रायेलके सनन्‍ता- १३ नोंके बारह कुल्लोंके नाम । पूब्बेकी ओर तीन फाटक उत्तरकोी ओर तीन फाटक दक्षिणको ओर तीन फाटक १४ कौर पश्चिमकी ओर तीन फाटक हैं । गैर नगरकी भीतकी बारह नेव हैं और उनपर मेमस्नेके बारह प्रे- १४ रितोंके नाम | और जो मेरे संग बात करता था उस पास णक सोानेका नत्न या जिस्त वह नगरकेा आऔर उसके फाटकेांकेा झैर उसकी भीतकोा नापे। १६ और नगर चेोौखुंटा बसा है आर जितनी उसको चेड़ाई उतनी उसकी ल्लंबाई भी है और उसने उस नलसे नगरके नापा कि साढ़े सात से केाशका है. उसकी लंबाई जार चेड़ाई और ऊंचाई एक समान हैं । १७ और उसने उसकी भीतको मनुष्यके अथात टूतके नापसे १८ नापा कि एक सो चवालीस हाथकी है | गैर उसकी भीतकी जोड़ाई सूर्येकान्तकी थी और नगर निम्मेत्न १८ सानेका था जे निर्मल कां चके समान था। और नगरकी _भीतको नेवें हर एक बहुमूल्य पत्थरसे संवारी हुईं थीं पहिली नेव सय्यका न्‍्तकी थी टसरी नी लमणिकोी तोसरोी २० लालड़ीको चौथी मरकतकी . पांचवीं गे। मेदककी छठवों माणिक्यकी सातवीं पीतमणिकी जआञाठवों पेराजकी नवीं पखराजकी ट्सवीं लह सनियेको ण्ग्यारहवीं धम्नका न्‍्तकी २१ बारहवों मर्टोषको । ओर बारह फाटक बारह मोती थे एक एक मोतोसे एक एक फाटक बना था ओर नगरकी सड़क स्वच्छ कांचके ऐसे निर्मल सेनेकी थी। | ७८० प्रकाशित बाक्य । [2२ पब्ले॥ ज्ैौर मेने उसमें मन्दिर न देखा क्योंकि परमेश्वर २२ इंश्वर सब्बेशक्तिमान ओर मेस्ना उसका मन्दिर हैं । आर नगरके सूय्य अथवा चन्द्रमाका प्रयोजन नहीं २३ कि वे उसमें चमके क्योंकि इंश्वरके तेजने उसे ज्योति टिई और मेमस्ला उसका दीपक है। और देशोंके त्लाग २४ जा चाण पानेहारे हें उसकी ज्यातिमें फिरेंगे और प्रथिवीके राजा लग अपना अपना बिभव जोर मय्यादा उसमें लावेंगे । और उसके फाटक दिनकोा २४ कभी बन्द न किये जायेगे क्यांकि वहां रात न हागी। आर वे देशोंके लागांका बिभव ओर मय्यादा उसमे २६ लावेंगे । ओर कोई अझ्पविच बस्तु अथवा घिनित २७ कम्मे करनेहारा अथवा कूठपर चलनेहारा उसमें किसो रोतिसे प्रवेश न करेगा परन्तु केवल वे त्लाग जिनके नाम मेस्रेके जीवनके पुस्तकर्मे लिखे हुए हैं । र२२ बाईसवां पब्बे। १ जीबनके जलकों नदोक/ ओर नडे यिरूशलोमके निवासियांके सुखका बरणन । ६ उपदेश ओर भविष्यद्वाणी साहित पस्तककों समाप्ति । जोर उसने मर्के जोवनके जलकी निमंल नदी १-८ स्फटिककी नादें स्वच्छ दिखाई कि इंश्वरके झ और मेसेके सिंहासनसे निकलती है । नगरकी सड़क और उस २ नदीके बीचमें इस पार और उस पार जीवनका वृश्ष है जे एक एक मासके अनुसार अपना फल देके बारह फत्न फलता है और वृश्चके पत्ते देशोंके ल्लागेंकेा चंगा करनेके लिये हैं। जझलर अब कोई स्राप न होगा ओर ३ इंपबरका खेर मेस्े का सिंहासन उसमें हेशगा ओर उसके २२ पब्जे ।] प्रकाशित बाक्य । छ८क्‌ ४ दास उसको सेवा करेंगे . और उसका मुंह देखेंगे और ५ उसका नाम उनके मार्थेपर होगा । और वहां रात न होगी और उन्हें दीपकका अथवा सूय्येकी ज्येगतिका प्रयाजन नहीं क्येंकि परमेश्वर इेश्वर उन्हें ज्याति देगा और वे सदा सल्लेदा राज्य करेंगे । ६ जओऔर उसने मुझसे कहा ये बचन बिश्वासयोग्य और सत्य हैं और पवित्र भविष्यदुक्ताओंके इंश्वर परमेश्बरने अपने टूतका भेजा है जिस्ते यह बातें जिनका शीघ्र परा होना अवश्य हे अपने दासोंकोा ७ दिखावे | देख में शीघ्र कराता हं. धन्य वह जा इस पुस्तकके भविष्यद्राक्यकी बातें पालन करता है। ८. आऔर में याहन जो हं साई यह बातें देखता और सनता था गौर जब मेंने सना आर देखा तब जा टत मरे यह बातें टिखाता था मे उसके चरणोंके आगे € प्रणाम करनेकेा गिर पड़ा । झार उसने मकसे कहा देख ऐसा मत कर क्यांकि में तेरा और भविष्यद्रक्ता- आओंका जो तेरे भाई हैं ओर इस पुस्तकको बातें पालन करनेहारोंका संगो दास हूं . इेश्वरका प्रणाम कर । १० और उसने मुझसे कहा इस पुस्तकके भविष्यट्राक्य- १९ की बातांपर छाप मत दे क्यांकि समय निकट है। जो अन्याय करता है से अब भी अन्याय करता रहे और जा अश॒टु है सो अब भी अश॒ट्ध रहे आर धर्म्मी जन ऋअब भी धर्म्मी रहे कर पविच जन अब भो पविच रहे। १२ देख में शीघ्र आता हूं और मेरा प्रतिफल मेरे साथ है जिसते हर एककोा जेसा उसका काय्य ठहरेगा बेसा ह ५ ७८२ प्रकाशित बाक्य | [२२ पब्ज। बट फल देऊं | में अलफा और ओमिगा आदि और अन्त पहिला ओर पिछला हूं । धन्य वे जे उसको आज्ञा- १४ ओंपर चलते हैं कि उन्हें जीवनके वृक्षका अधिकार मिले और वे फाटकॉंसे होके नगरमें प्रवेश करें। परन्तु बाहर कत्ते ओर टोन्हे और व्यभिचारी और हत्यारे जैर मत्तिपजक हैं ग्लार हर एक जन जे। कूठको प्रिय ' ज्ञानता और उसपर चलता है। मकर याौशने अपने टूतका भेजा हे कि तुम्ह मंडलियोंमे इन बातोंकी साथी देवे . में दाऊदका मल और बंश और भेारका उज्जत्ल तारा हूं। औरुआत्मा और टूल्हिन कहते हैं आ और जा सने से कहे जला झाौर जो प्यासा हो सा जावे और जा चाहे सो जोवनका जल सतमेत लेवे। में हर एकका जे इस पुस्तकके भविष्यद्राक्यको बातें सुनता है साथी देता हूं कि यदि काई इन बातोंपर कुछ बढ़ावे ते इेश्वर उन बिपतोंका जे। इस पुस्तकमें लिखो हैं उसपर बढ़ावेगा । और यदि कोई इस भविष्यद्वाक्यके पुस्तककी बातेंमेंसे कुछ उठा लेबे ते इंश्बर जोवनके पसतकमेंसे खैर पविच नगरमेंसे ओर उन बातोंमेंसे जे इस पसतकर्म ल्थिखी हैं उसका भाग उठा लेगा । जा इन बातोंकी साथ्यी देता है सा कहता है हां में «५ शीघ्र आता हूं . आमीन है प्रभु यीशु आ। हमारो प्रभु ग्रीश ख्नीपरका अनुग्रह तुम समभेंके संग हाोवे । झआमीन 0७ १३ १ १६ १9 १९८ १८ २0 २१ (७७ >>, ऑि आशिक 3-5७ सं 5 6&४५४.०४० हमरा ६00७:००१० 874 ॥#९ ४९७ ॥९5६8000॥6, ॥ |॥0, 2/0९00॥ ॥॥९0/04०३॥| 5श07॥#॥979/-596९/ ॥॥॥ |] 8073/५ | | । ॥॥॥ । 4042 00005 9640 श न #' हक हु ध ५०035 $90६ रु $ 22668 । स् -